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○ ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर टेंपो में लगी आग, चालक ने कूदकर बचाई जान
○ आप भ्रष्ट और कांग्रेस परजीवी पार्टी: पीएम मोदी
○ कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, ये मेरी गारंटी: पीएम मोदी
○ धरा रह गया एजुकेशन मॉडल, फेल हो गया मोहल्ला क्लीनिक मतदाताओं ने नकार दी आप की रेवड़ी
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शहरी नियोजन को एकीकृत करके हम वैश्विक गतिशीलता नवाचार का नेतृत्व कर सकते हैं: राजेश अग्रवाल
नई दिल्ली, 21 जनवरी 2025 (यूटीएन)। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने आज तेजी से हो रहे शहरीकरण के मद्देनजर शहरी नियोजन में गतिशीलता समाधानों को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्थिरता लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के महत्व पर भी जोर दिया। आज भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में बोल रहे थे, जिसका विषय था "भारत में गतिशीलता के भविष्य का सह-निर्माण"। यह सम्मेलन ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो मार्ट में भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 का हिस्सा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा समर्थित, इस कार्यक्रम ने भारत के तेजी से विकसित हो रहे गतिशीलता परिदृश्य के लिए एक साझा दृष्टिकोण को सहयोगात्मक रूप से परिभाषित करने के लिए अग्रणी सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के हितधारकों को एक साथ लाया। पूरे दिन के इस सम्मेलन का ध्यान एक स्थायी, कनेक्टेड और अत्याधुनिक गतिशीलता पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आधार तैयार करने पर था, जो भारत के आर्थिक विकास को गति दे सके, 2030 तक 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर के निर्यात लक्ष्य का समर्थन कर सके और तेजी से गतिशीलता के प्रति जागरूक उपभोक्ता की जरूरतों को पूरा कर सके। सम्मेलन में स्केलेबल इंफ्रास्ट्रक्चर, उपभोक्ता-केंद्रित गतिशीलता उत्पादों के विकास, सहायक उद्योगों की भूमिका और निर्यात वृद्धि को बढ़ावा देने की रणनीतियों सहित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। अग्रवाल ने भारत के गतिशीलता भविष्य को नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों और इथेनॉल, एलएनजी और सीएनजी जैसे वैकल्पिक ईंधन के संतुलित मिश्रण के रूप में रेखांकित किया, जबकि अनुसंधान और विकास में निरंतर निवेश की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने यह भी आग्रह किया कि भारत अपने घरेलू बाजार का उपयोग वैश्विक गतिशीलता समाधानों के लिए एक कदम के रूप में करे, अपने जनसांख्यिकीय लाभ और बढ़ते सेवा क्षेत्र का लाभ उठाए। उन्होंने क्षेत्र की स्थिरता और विकास सुनिश्चित करने के लिए लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के तेजी से बढ़ते शहरीकरण के लिए स्केलेबल, टिकाऊ गतिशीलता समाधानों की आवश्यकता है। शहरी नियोजन को एकीकृत करके और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण करके, हम वैश्विक गतिशीलता नवाचार का नेतृत्व कर सकते हैं। अपने संबोधन में, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव विमल आनंद ने कहा कि सरकार गतिशीलता उद्योग का समर्थन करने के लिए नीतिगत समर्थन देने के लिए तैयार है, लेकिन सब्सिडी नहीं। नैसकॉम के अध्यक्ष राजेश नांबियार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भारत की यात्रा प्रौद्योगिकी पर बहुत अधिक निर्भर करती है। उन्होंने बताया कि कैसे प्रौद्योगिकी डिजिटलीकरण से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक, गतिशीलता सहित हर क्षेत्र को बदल रही है। उन्होंने बताया कि भविष्य को केवल हार्डवेयर से नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर से परिभाषित किया जाता है, जो सतत विकास को आगे बढ़ा रहा है। सियाम के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विनियमन की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने परिवर्तन की गति को तेज करने के लिए सरकार की ओर से स्पष्ट रोडमैप की आवश्यकता पर जोर दिया। इस कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण "भविष्य की स्मार्ट, कनेक्टेड और संधारणीय गतिशीलता की ओर बढ़ना" शीर्षक वाले विचार पत्र का विमोचन था। इस पत्र में भारत के गतिशीलता विकास पर एक दूरदर्शी परिप्रेक्ष्य प्रदान किया गया, जिसमें तकनीकी, नीति और बाजार के रुझानों के बारे में जानकारी दी गई जो इस क्षेत्र के भविष्य को आकार देंगे। पैट्रिक ज़ीचमैन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में निवेश करने से महत्वपूर्ण लाभ मिलते हैं, उन्होंने प्रौद्योगिकी की परिपक्वता, अच्छी तरह से स्थापित पारिस्थितिकी तंत्र, बाजार के विशाल आकार और विकास की संभावना और देश की मजबूत निर्यात क्षमता का हवाला दिया। इसके अलावा, चर्चा इस बात पर केंद्रित थी कि भारत के ऑटोमोटिव घटक और टायर उद्योग किस तरह से संधारणीय गतिशीलता के लिए नवाचार को बढ़ावा दे सकते हैं, जिसमें हरित सामग्री और परिपत्र विनिर्माण प्रथाओं के उपयोग पर जोर दिया गया। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्थानीयकरण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों को अपनाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया। सरकार, उद्योग जगत के नेताओं और हितधारकों के बीच सहयोग को एक टिकाऊ, भविष्य के लिए तैयार गतिशीलता पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण माना गया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Ujjwal Times News
Jan 21, 2025

राहुल के वीडियो में दिखे मरीज एम्स के हैं भी या नहीं: डॉ रीमा दादा
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर दिल्ली के एम्स अस्पताल के बाहर का वीडियो शेयर किया था और वहां की स्थिति को नरक जैसा बताते हुए दिल्ली और केंद्र सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था, एम्स के बाहर मरीज और उनके परिजन नरक जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं और इस स्थिति के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों जिम्मेदार हैं। अब इस मामले में एम्स की ओर से सफाई दी गई है। अस्पताल की प्रवक्ता डॉ रीमा दादा ने कहा कि एम्स मरीजों को बेस्ट क्वालिटी ट्रीटमेंट देता है और 18,000 - 20,000 मरीज इलाज के लिए आते हैं। इसके अलावा एम्स का कहना है कि वीडियो से यह बात साबित नहीं होती कि इसमें दिखाए गए सभी मरीज दिल्ली एम्स के हैं या नहीं। एएनआई से बात करते हुए, डॉ रीमा दादा ने कहा, हर दिन कुल 35-40 हजार लोग एम्स आते हैं। हम बहुत सस्ती कीमत पर स्वास्थ्य सेवा देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मरीजों के इंतजार का समय कम हो गया है। नए वार्ड भी शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा, एम्स का काफी विस्तार होने से मरीजों का इंतजार का समय कम हो गया है। मरीजों एक ही इमारत के नीचे कई सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। हैं। डायग्नोस्टिक फैसिलिटी 24/7 और 365 दिन चल रही हैं, जिससे मरीजो को वेटिंग टाइम भी कम हो गया है। मरीज़ विश्राम सदन में भी रह सकते हैं। राहुल गांधी ने पिछले दिनों एम्स के बाहर मौजूद कई मरीजों के परिजन से मुलाकात की थी और उनकी मुश्किलों के बारे में जाना था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने शनिवार को इसका वीडियो अपने सोशल मीडिया खाते से पोस्ट किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर यह वीडियो पोस्ट कर दावा किया कि एम्स के बाहर नरक जैसे हालात हैं। राहुल गांधी ने सवाल किया कि बड़े-बड़े दावे करने वाली केंद्र और दिल्ली सरकार ने इस मानवीय संकट पर आंखें क्यों मूंद ली हैं? उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “राष्ट्रीय स्वास्थ्यसेवा व्यवस्था पूरी तरह से तबाह हो चुकी है, और एम्स दिल्ली में सस्ते और सटीक इलाज की उम्मीद में मरीज भारी कीमत चुका रहे हैं। कुछ दिनों पहले एम्स, दिल्ली के बाहर पहुंच कर मरीजों और सुविधाओं का हाल जानने पहुंचा - नज़ारा दिल दहला देने वाला था।” उन्होंने कहा, “देश के अलग-अलग कोनों से आए मरीज और उनके परिवार, जो इलाज की आस में यहां पहुंचे हैं, सड़कों और सबवे में ठंड और गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं। सर पर छत, पेट में अन्न और तो और पीने के पानी के लिए भी तरस रहे हैं। उनके मुताबिक, कैंसर से लेकर हृदय की परेशानी हर परिवार के पास ऐसी एक दर्दनाक कहानी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “उत्तर प्रदेश, बिहार, असम जैसे सुदूर राज्यों से इलाज के लिए आने वाले इन लोगों के लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है। बस एक उम्मीद ले कर दिल्ली आए हैं, शायद वो या उनके परिजन स्वस्थ हो जाएं, बस किसी तरह जान बच जाए - एक दफे डॉक्टर से बात हो जाए, कोई सलाह-सांत्वना मिल जाए।” उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों की नाकामी साफ दिखाई देती है। राहुल गांधी ने सवाल किया, “क्या यही हमारे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था है?”राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बीमारों की देखभाल, सुविधा और इलाज ये किसी भी सरकार की सबसे बुनियादी जिम्मेदारी है जिसमें राज्य और केंद्र सरकारें पूरी तरह असफल रही हैं। उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Pradeep Jain
Jan 20, 2025

सफाई कर्मचारियों को सस्ते मकान के लिए केजरीवाल ने लिखा प्रधानमंत्री मोदी को खत
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। दिल्‍ली चुनाव के बीच आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में सफाई कर्मचारियों को घर बनाने के लिए सस्ती दर पर जमीन उपलब्ध कराई जानी चाहिए. उन्होंने केंद्र सरकार से सस्ती जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है. केजरीवाल का कहना है कि यदि जमीन उपलब्ध कराई जाती है, तो दिल्ली सरकार इस पर घर बनाकर सफाई कर्मचारियों को देगी और सफाई कर्मचारी मासिक किस्त के जरिए मकान और जमीन की रकम का पैसा लौटाएंगे. केजरीवाल के अनुसार, यह योजना कामयाब होने पर सभी सरकारी कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जा सकता है. अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है. इस पत्र में उन्होंने लिखा, "मैं एनडीएमसी और एमसीडी क्षेत्रों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के एक अति महत्वपूर्ण मुद्दे पर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं. ये कर्मचारी हमारे शहर की स्वच्छता व्यवस्था की रीढ़ हैं. वे नौकरी के दौरान सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आवासों में रहते हैं, लेकिन रिटायरमेंट के बाद उन्हें ये घर खाली करने पड़ते हैं. वे अपना खुद का घर खरीदने या दिल्ली में महंगे किराए पर घर लेने में असमर्थ होते हैं, जिससे वे और उनके परिवार असुरक्षित स्थिति में आ जाते हैं. अरविंद केजरीवाल का कहना है, "चूंकि दिल्ली में जमीन से जुड़े मामले केंद्र सरकार के अधीन आते हैं, इसलिए आपसे अनुरोध है कि केंद्र सरकार सफाई कर्मचारियों के लिए रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराए. दिल्ली सरकार इन जमीनों पर इनके लिए घर बनाकर देगी और कर्मचारी इन घरों की लागत को आसान किस्तों में सरकार को वापस चुका देंगे. यह समस्या सभी सरकारी कर्मचारियों की है, खासकर निचले तबके के कर्मचारियों की. केजरीवाल ने पत्र में लिखा, "इसलिए मेरी आपसे अपील है कि यह योजना सफाई कर्मचारियों से शुरू की जाए और उसके बाद सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू की जाए. मुझे विश्वास है कि आप इस प्रस्ताव से सहमत होंगे और इस पर शीघ्र कार्य योजना बनाकर काम करेंगे." अपने ऊपर हुए हमले पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिस तरह का कैंपेन हम देख रहे हैं इस तरह का कैंपेन दिल्ली के लोगों ने देखा नहीं है, इस तरह की हिंसा नहीं देखी है. एक पूर्व मुख्यमंत्री के ऊपर हमला करने की कोशिश की जाए. देश और समाज के लिए मेरा जीवन समर्पित है. उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वे बुरी तरह से चुनाव हार रहे हैं. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 20, 2025

इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म तो फिर कैसे राजनीतिक चंदे में आया उछाल?
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड बंद किए जाने के बावजूद राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में उछाल आया है। इलेक्टोरल बॉन्ड बंद होने के बाद अब ‘इलेक्टोरल ट्रस्ट’ के माध्यम से राजनीतिक दलों को डोनेशन मिल रही है। 15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड योजना रद्द होने के बाद प्रमुख योगदानकर्ता प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को मिलने वाले कॉर्पोरेट डोनेशन की बाढ़ आ गई। साल 2023-24 में ट्रस्ट को मिले 1075.7 करोड़ रुपये के डोनेशन का तीन-चौथाई हिस्सा 16 फरवरी से 31 मार्च, 2024 के बीच आया। *कितनी बढ़ गई डोनेशन की रकम* पिछले वित्त वर्ष के लिए प्रूडेंट की डोनेशन रिपोर्ट के अनुसार राजनीतिक दलों को वितरण के लिए इसे प्राप्त दान 2022-23 में 363 करोड़ रुपये से लगभग तीन गुना बढ़कर 1075.7 करोड़ रुपये हो गया। यह रिपोर्ट अब चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की गई है। हालांकि आम चुनावों से पहले राजनीतिक दान में वृद्धि होना असामान्य नहीं है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि 1 अप्रैल, 2023 से 15 फरवरी, 2024 के बीच 278.6 करोड़ रुपये का योगदान आया। जबकि 16 फरवरी, 2024 से 31 मार्च, 2024 के बीच यह बढ़कर 797.1 करोड़ रुपये हो गया। *सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बदला रूट* यह पूरी संभावना है कि कॉरपोरेट दान को सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद बंद हुए बॉन्ड रूट से इलेक्टोरल ट्रस्ट रूट की ओर मोड़ दिया गया है। प्रूडेंट के कॉरपोरेट दानदाताओं की संख्या भी पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 22 से बढ़कर 2023-24 में 83 हो गई। 2023-24 में प्रूडेंट को योगदान देने वाले प्रमुख कॉरपोरेट्स में आर्सेलर समूह और डीएलएफ लिमिटेड (प्रत्येक ने 100 करोड़ रुपये); माथा प्रोजेक्ट्स एलएलपी (75 करोड़ रुपये); मारुति सुजुकी और सीईएससी लिमिटेड (प्रत्येक ने 60 करोड़ रुपये) ने डोनेशन दिया। इसके अलावा हेटेरो ग्रुप (55 करोड़ रुपये); टीवीएस ग्रुप और अपोलो टायर्स (प्रत्येक ने 50 करोड़ रुपये); सिप्ला (35.2 करोड़ रुपये); और जीएमआर ग्रुप (26 करोड़ रुपये) भी डोनेशन देने वालों में शामिल रहे। दूसरी सबसे बड़ी बॉन्ड खरीदार मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर ने भी प्रूडेंट को 25 करोड़ रुपये का योगदान दिया। हालांकि यह बॉन्ड के खत्म होने से काफी पहले की बात है। *किस इलेक्टोरल ट्रस्ट को कितना डोनेशन* इलेक्टरोल बॉन्ड के उलट चुनावी ट्रस्टों को डोनर के नाम के साथ प्राप्त प्रत्येक व्यक्तिगत योगदान की घोषणा करनी होती है। साथ ही, उन्हें राजनीतिक दलों में बांटे गए प्रत्येक योगदान की घोषणा करनी होती है। साथ ही पार्टी का नाम भी बताना होता है। हालांकि, यहां यह नहीं बताया गया है कि किस कॉरपोरेट ने किसी व्यक्तिगत पार्टी को कितना योगदान दिया है। 2023-24 के लिए विभिन्न चुनावी ट्रस्टों की योगदान रिपोर्ट के अनुसार, जो अब चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है, केवल पांच ट्रस्टों ने योगदान की घोषणा की है। इनमें प्रूडेंट (1,075.7 करोड़ रुपये), ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट (132.5 करोड़ रुपये), जयभारत इलेक्टोरल ट्रस्ट (9 करोड़ रुपये), परिवर्तन इलेक्टोरल ट्रस्ट (1 करोड़ रुपये) और आइन्जीगर्टिग इलेक्टोरल ट्रस्ट (17.2 लाख रुपये) का नाम है। *किस दल को कितना चंदा* प्रूडेंट को मिले 1075.7 करोड़ रुपये के चंदे को छह पार्टियों में बांटा गया। इसमें सबसे ज्यादा 723.8 करोड़ रुपये बीजेपी को, 156.4 करोड़ रुपये कांग्रेस को, 85 करोड़ रुपये बीआरएस को, 72.5 करोड़ रुपये वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को, 33 करोड़ रुपये टीडीपी को और 5 करोड़ रुपये जनसेना पार्टी को मिले। ट्रायम्फ ने बीजेपी को 127.5 करोड़ रुपये और डीएमके को 5 करोड़ रुपये दिए। जयभारत ट्रस्ट ने बीजेपी को 5 करोड़ रुपये, डीएमके को 3 करोड़ रुपये और एआईएडीएमके को 1 करोड़ रुपये का चंदा दिया। दिलचस्प बात यह है कि परिवर्तन ने अपने दानकर्ताओं की पहचान नहीं बताई। उसने कहा कि 2023-24 में उसका 1 करोड़ रुपये का दान इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए दिया गया। 2023-24 में ट्रायम्फ को डोनेशन देने वाले प्रमुख लोगों में चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट्स (50 करोड़ रुपये), सीजी पावर (30 करोड़ रुपये), कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड (25.5 करोड़ रुपये), ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स (25 करोड़ रुपये) और ईआईडी पैरी (2 करोड़ रुपये) शामिल हैं। जयभारत को लक्ष्मी मशीन वर्क्स (8 करोड़ रुपये) और सुपर सेल्स इंडिया (1 करोड़ रुपये) से डोनेशन मिला। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Ujjwal Times News
Jan 20, 2025

विश्व आर्थिक मंच की बैठक में दिखेगी भारत की विविधता की एकता
नई दिल्ली, 20 जनवरी 2025 (यूटीएन)। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की पांच दिवसीय बैठकें सोमवार से दावोस में शुरू हो रही हैं। इन बैठकों में भारत की विविधता की एकता की झलक देखने को मिलेगी। डब्ल्यूईएफ में सोमवार से दुनिया के अमीर और ताकतवर लोग जुटेंगे। भारत इस बार अपना अब तक का सबसे बड़ा दल दावोस भेज रहा है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में पांच केंद्रीय मंत्री, तीन मुख्यमंत्री और कई राज्यों के मंत्रियों के साथ ही करीब 100 मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), सरकार, नागरिक समाज और कला और संस्कृति के क्षेत्रों से जुड़े दिग्गज शामिल हैं। *केंद्रीय मंत्री वैष्णव करेंगे भारतीय दल की अगुवाई* केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे। उन्होंने दावोस रवाना होने से पहले कहा 'विश्व आर्थिक मंच में हमारी विचार प्रक्रिया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आर्थिक नीतियों, डिजिटल परिवर्तन और जिस तरह से भारत ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत एक नया डिजिटल ढांचा बनाया है, उसे समझने में बहुत रुचि है।' भारतीय प्रतिनिधिमंडल में चार अन्य केंद्रीय मंत्री सी आर पाटिल, चिराग पासवान, जयंत चौधरी और के राम मोहन नायडू भी बैठक में शामिल होंगे। *तीन राज्यों के मुख्यमंत्री भी जाएंगे* इनके अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री क्रमशः देवेंद्र फडणवीस, एन चंद्रबाबू नायडू और ए रेवंत रेड्डी भी बैठक में शामिल होंगे। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और तमिलनाडु के टीआर बी राजा, केरल के पी राजीव सहित कई अन्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री भी दावोस की बैठक में मौजूद रहेंगे। महाराष्ट्र सरकार ने डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक में सात लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य रखा है। वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेड्डी अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी डी श्रीधर बाबू और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निवेश के अपने हिस्से की तलाश कर रहे हैं। *इस साल वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा* बैठक से पहले, दुनियाभर के मुख्य अर्थशास्त्रियों के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि उन्हें 2025 में वैश्विक आर्थिक स्थितियों के कमजोर होने की आशंका है। हालांकि, भारत की विकास दर कमजोर पड़ने के बावजूद सबसे तेज बनी रहेगी। विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2025 में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सर्वेक्षण में शामिल 56 प्रतिशत मुख्य अर्थशास्त्रियों ने स्थितियों के कमजोर होने की आशंका जताई। केवल 17 प्रतिशत अर्थशास्त्रियों का मानना था कि स्थिति में सुधार होगा। सर्वेक्षण के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के 2025 में मजबूत वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। दक्षिण एशिया, विशेष रूप से भारत भी मजबूत वृद्धि की रफ्तार बनाए रखेगा। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सहित दुनिया के शीर्ष 60 राजनीतिक नेता डब्ल्यूईएफ की बैठक को संबोधित करेंगे। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 20, 2025

स्वामित्व योजना: पीएम मोदी ने बांटे 65 लाख संपत्ति कार्ड्स
नई दिल्ली, 19 जनवरी 2025 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में देश के 230 से अधिक जिलों के करीब 50,000 गांवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए। इस स्वामित्व योजना से 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के लाखों लोगों को फायदा होगा। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल, मप्र, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, यूपी और जम्मू- कश्मीर एवं लद्दाख के संपत्ति मालिकों को संपत्ति कार्ड जारी किए गए। 21वीं सदी में लोगों को संपत्ति का अधिकार देना एक बड़ी चुनौती कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि 'आज का दिन देश के गांवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ऐतिहासिक है। यह एक बड़ी समस्या थी, लेकिन राज्य सरकारों, अधिकारियों और ग्राम पंचायत के हजारों सहयोगियों की कोशिशों से लाखों लाभार्थियों को स्वामित्व योजना का लाभ मिला। पीएम मोदी ने कहा कि '21वीं सदी में दुनिया के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन, पानी की कमी, स्वास्थ्य समस्याएं और आपदाएं प्रमुख हैं, लेकिन दुनिया एक और बड़ी चुनौती से जूझ रही है और वो है संपत्ति का अधिकार। कई वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्र ने एक अध्ययन किया था, जिसमें कई देशों में संपत्ति के अधिकारों का अध्ययन किया गया था। इस अध्ययन में पता चला कि दुनिया के कई देशों में लोगों के पास उनकी संपत्ति के कानूनी दस्तावेज ही नहीं हैं।' पीएम मोदी ने कहा कि 'संयुक्त राष्ट्र ने साफ कहा था कि अगर गरीबी को कम करना है तो लोगों को संपत्ति का अधिकार देना बेहद जरूरी है। भारत भी इस चुनौती से अछूता नहीं है और हमारी स्थिति भी अन्य देशों जैसी ही है। गांवों में लोगों के पास लाखों-करोड़ों रुपये की संपत्ति है, लेकिन उनके पास इसके कानूनी दस्तावेज नहीं हैं। ऐसे में मालिकाना हक को लेकर विवाद होते हैं। कई जगहों पर ताकतवर लोग गरीबों की जमीनों पर कब्जा कर लेते हैं।' प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामित्व कार्ड्स बांटने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाभार्थियों से बात भी की। *क्या है स्वामित्व योजना?* स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ाने की दृष्टि से 24 अप्रैल, 2020 को (राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर) प्रधानमंत्री की ओर से शुरू की गई थी। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटल तरीके से तैयार किया जाता है, जिससे भूमि विवादों को कम किया जा सके। गौरतलब है कि योजना के तहत 3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जो लक्ष्य का 92 फीसदी है। वहीं, 1.53 लाख गांवों के लिए करीब 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं। दिल्ली-विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 19, 2025

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिए खेल पुरस्कार
नई दिल्ली, 18 जनवरी 2025 (यूटीएन)। खेल मंत्रालय द्वारा जनवरी के शुरुआती सप्ताह में खेल पुरस्कार 2024 की घोषणा की गई थी और राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुर्मू ने पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। मनु और गुकेश के अलावा भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरालंपियन प्रवीण कुमार को भी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया। पेरिस ओलंपिक में दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की महिला निशानेबाज मनु भाकर और विश्व शतरंज चैंपियनशिप के विजेता भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश सहित चार खिलाड़ियों को खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में खेल पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। इस दौरान खेल मंत्री मनसुख मांडविया और अन्य केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे। *मनु-हरमनप्रीत ने ओलंपिक, गुकेश ने विश्व चैंपियनशिप में किया प्रभावित* 22 वर्ष की मनु एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली खिलाड़ी बनी थीं जिन्होंने अगस्त में पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। पेरिस ओलंपिक में ही हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारत ने लगातार दूसरे ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। 18 वर्ष के गुकेश सबसे युवा विश्व चैंपियन बने जो पिछले साल शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीम के ऐतिहासिक स्वर्ण पदक में भी सूत्रधार रहे थे। पैरा हाई जंपर प्रवीण ने पेरिस पैरालंपिक में टी64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। यह उन खिलाड़ियों की श्रेणी है जिनका घुटने से नीचे एक या दोनों पैर नहीं होता है और वे दौड़ने के लिए कृत्रिम पैर पर निर्भर होते हैं। **राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिए खेल पुरस्कार* खेल मंत्रालय द्वारा जनवरी के शुरुआती सप्ताह में खेल पुरस्कार 2024 की घोषणा की गई थी और राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुर्मू ने पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। मनु और गुकेश के अलावा भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरालंपियन प्रवीण कुमार को भी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया। पेरिस ओलंपिक में दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की महिला निशानेबाज मनु भाकर और विश्व शतरंज चैंपियनशिप के विजेता भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश सहित चार खिलाड़ियों को खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में खेल पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। इस दौरान खेल मंत्री मनसुख मांडविया और अन्य केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे। *मनु-हरमनप्रीत ने ओलंपिक, गुकेश ने विश्व चैंपियनशिप में किया प्रभावित* 22 वर्ष की मनु एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली खिलाड़ी बनी थीं जिन्होंने अगस्त में पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। पेरिस ओलंपिक में ही हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारत ने लगातार दूसरे ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। 18 वर्ष के गुकेश सबसे युवा विश्व चैंपियन बने जो पिछले साल शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीम के ऐतिहासिक स्वर्ण पदक में भी सूत्रधार रहे थे। पैरा हाई जंपर प्रवीण ने पेरिस पैरालंपिक में टी64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। यह उन खिलाड़ियों की श्रेणी है जिनका घुटने से नीचे एक या दोनों पैर नहीं होता है और वे दौड़ने के लिए कृत्रिम पैर पर निर्भर होते हैं। *34 खिलाड़ियों को मिला अर्जुन पुरस्कार* खेल रत्न के अलावा 34 खिलाड़ियों को 2024 में खेलों में उत्कृट प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया जिसमें से एथलीट सुचा सिंह और पैरा तैराक मुरलीकांत राजाराम पेटकर को अर्जुन अवॉर्ड लाइफटाइम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बेहतर कोचिंग देने के लिए पांच लोगों को द्रोणाचार्य पुरस्कार मिला, जिसमें बैडमिंटन कोच एस मुरलीधरन और फुटबॉल कोच अरमांडो एगनेलो कोलाको को लाइफटाइम वर्ग में शामिल हैं। खेल रत्न के अलावा 34 खिलाड़ियों को 2024 में खेलों में उत्कृट प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया जिसमें से एथलीट सुचा सिंह और पैरा तैराक मुरलीकांत राजाराम पेटकर को अर्जुन अवॉर्ड लाइफटाइम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बेहतर कोचिंग देने के लिए पांच लोगों को द्रोणाचार्य पुरस्कार मिला, जिसमें बैडमिंटन कोच एस मुरलीधरन और फुटबॉल कोच अरमांडो एगनेलो कोलाको को लाइफटाइम वर्ग में शामिल हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 18, 2025

उत्तर प्रदेश में हुआ बड़ा प्रशासनिक बदलाव, 31 आईएएस अफसरों के हुए तबादले
मथुरा,17 जनवरी 2025 (यूटीएन)। उत्तर प्रदेश में 31 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। रितु माहेश्वरी कमिश्नर आगरा मंडल को सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। मंडलायुक्त सहारनपुर ऋषिकेश भास्कर को मेरठ का कमिश्नर बनाया गया है। जिलाधिकारी मथुरा शैलेंद्र कुमार सिंह को मंडलायुक्त आगरा, जिलाधिकारी बुलंदशहर चंद्र प्रकाश सिंह को जिलाधिकारी मथुरा, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण श्रुति को जिलाधिकारी बुलंदशहर बनाया गया है। कानपुर डीएम को मुख्यमंत्री का सचिव बनाया गया है। जबकि बागपत डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह को कानपुर नगर का भेजा गया है। अस्मिता लाल अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण कानपुर को बागपत का जिलाधिकारी बनाया गया है। जिनमें गाजियाबाद, मेरठ, फर्रुखाबाद, बाराबंकी, सुल्तानपुर, बिजनौर, मथुरा, बुलंदशहर, लखनऊ, अलीगढ़, प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी शामिल है। विशाखा जी को लखनऊ का जिलाधिकारी बनाया गया है। कानपुर में काफी दिनों से कानपुर के जिलाधिकारी के स्थानांतरण की चर्चा हो रही थी। शासन से जारी की गई सूची में कानपुर नगर के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह को मुख्यमंत्री का सचिव बनाया गया है। जबकि बागपत के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह को कानपुर का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। कानपुर के ही अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण अस्मिता पाल को जिलाधिकारी बागपत बनाया गया है। अशोक कुमार द्विवेदी को फर्रुखाबाद का डीएम बनाया गया है। जबकि शशांक त्रिपाठी को जिलाधिकारी बाराबंकी के पद पर भेजा गया है। सेल्वा कुमारी मेरठ मंडलायुक्त को सचिव नियोजन एवं महानिदेशक अर्थ एवं संख्या के पद पर भेजा गया है। इसी के साथ नरेंद्र प्रसाद पांडे सचिव नियोजन एवं महानिदेशक अर्थ एवं संख्या को सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद प्रयागराज भेजा गया है। सचिव खेलकूद कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल तथा महानिदेशक युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक सुभाष एलवाई को महानिदेशक युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के प्रभार से मुक्त किया गया है। चेत्रा वी. मंडलायुक्त अलीगढ़ को महानिदेशक युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल, संगीता सिंह मुख्य कार्यपालक अधिकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को मंडलायुक्त अलीगढ़, अर्चना वर्मा विशेष सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को मुख्य कार्यपालक अधिकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के पद पर भेजा गया है। जिलाधिकारी लखनऊ सूर्यपाल गंगवार को सचिव मुख्यमंत्री और अलीगढ़ के जिलाधिकारी विशाखा जी को लखनऊ का जिलाधिकारी बनाया गया है। जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संजीव रंजन को जिलाधिकारी अलीगढ़, शिव सहाय अवस्थी विशेष सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को जिलाधिकारी प्रतापगढ़ बनाया गया है। अमित कुमार अग्रवाल जिलाधिकारी बिजनौर को निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण, जसजीत कौर अपर आयुक्त मेरठ को जिलाधिकारी बिजनौर, नागेंद्र प्रताप जिलाधिकारी बांदा को अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, जे रीभा निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण को जिलाधिकारी बांदा, इंद्र विक्रम सिंह गाजियाबाद जिलाधिकारी को सचिव कृषि विपणन कृषि विदेश व्यापार एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग तथा निदेशक राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के पद पर भेजा गया है। दीपक मीणा जिलाधिकारी मेरठ को जिलाधिकारी गाजियाबाद, डॉक्टर विजय कुमार सिंह जिलाधिकारी फर्रुखाबाद को जिलाधिकारी मेरठ, आशुतोष कुमार द्विवेदी अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा को जिलाधिकारी फर्रुखाबाद, सत्येंद्र कुमार जिलाधिकारी बाराबंकी को विशेष सचिव मुख्यमंत्री, शशांक त्रिपाठी विशेष सचिव मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी बाराबंकी, कृतिका ज्योत्सना जिलाधिकारी सुल्तानपुर का विशेष सचिव राज्य कर विभाग, कृष्ण हर्ष विशेष सचिव मुख्यमंत्री विशेष सचिव नागरिक उड्डयन विभाग को सुल्तानपुर का जिलाधिकारी बनाया गया है। ईशान प्रताप सिंह को विशेष सचिव मुख्यमंत्री वर्तमान पद के साथ विशेष सूचना नागरिक उड्डयन विभाग, निदेशक नागरिक उड्डयन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। मथुरा- ब्यूरो चीफ, (समीर सेन)।
Ujjwal Times News
Jan 17, 2025

अरविंद केजरीवाल की आय एक साल में अचानक 40 गुणा कैसे बढ़ गई: वीरेन्द्र सचदेवा
नई दिल्ली, 17 जनवरी 2025 (यूटीएन)। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज एक पत्रकार सम्मेलन में कहा है की दिल्ली की जनता पूर्व मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर चुनाव हलाफनामे को देख कर थोड़ा स्तब्ध हैं। पत्रकार सम्मेलन का संचालन मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने किया और कहा की हम आज कोई आरोप नही लगा रहे हैं, दिल्ली वालों को विश्वास नही हो रहा एक सेवानिवृत्त अधिकारी जो मुख्य मंत्री रहा है, विधायक है उसकी आय सिर्फ औसतन 2.5 लाख रूपए कैसे हो सकती है। प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक नितिन त्यागी भी पत्रकार वार्ता में उपस्थित थे। अरविंद केजरीवाल 2013 में विधायक चुने गये थे, कार्यकाल 4 नवम्बर 2014 तक चला था और फिर फरवरी 2015 से लगातार विधायक हैं। अरविंद केजरीवाल 2013-14 के अपने आयकर रिटर्न मैं विधायक आमदानी को अपना मूल आय स्त्रोत बताते हैं। आश्चर्य की बात यह है की वह 2013-14 वित्त वर्ष में 2 माह का मुख्य मंत्री का वेतन एवं भत्ते और फिर मार्च 2014 से 2014-15 वित्त वर्ष में 4 नवम्बर तक उन्हे विधायक का सामान्य वेतन एवं भत्ते मिले होगें। अरविंद केजरीवाल फरवरी 2015 में पुनः विधायक चुने गये और उन्हे 2014-15 में दो माह और फिर वित्त वर्ष 2015-16 से 17 सितम्बर 2024 को इस्तीफा देने तक मुख्य मंत्री का वेतन एवं भत्ते मिले होंगे। तत्पश्चात हलाफनामा फाइल करने या आज तक उन्हे विधायक का वेतन मिल रहा होगा। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की फरवरी 2023 में वेतन भत्ते वृद्धि से पूर्व में दिल्ली में तत्कालीन मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल को 72,000 रूपए प्रति माह मिलता होगा जो वृद्धि के बाद 1,70,000 रूपए प्रति माह मिला होगा। इसी तरह जब वह पूर्व में 2014-15 में 7 माह सामान्य विधायक रहे तो उन्हे 55,000 रूपए का वेतन एवं भत्ते मिले होंगे। अब 17 सितम्बर 2015 के बाद से फिर उन्हे सामान्य विधायक का 90,000 रूपए वाला वेतन मिल रहा होगा। इस हिसाब से चलते हुए हम देखें तो अरविंद केजरीवाल के 2013-14 से 2024-25 तक की जो बेसिक बिना भत्ता आय भी बनती है वह उनके द्वारा कल 15 जनवरी 2025 को नामांकन पत्र दायर करते हुए जो हालफनामा दायर किया है उसमें दिए विवरण से मेल नही खाती। वर्ष 2014-15 में जब उनकी विधायक आमदानी 3 माह बंद थी उस वर्ष उनकी सामान्य आय से कहीं अधिक है। इस वर्ष उन्होने आय 7,42,884 दिखाई है। 2015-16 वर्ष में जब 30,000 के बेसिक एवं 72,000 रूपए प्रति माह उनका भत्ते सहित वेतन था उस वर्ष उन्होने अपनी वार्षिक आय मात्र 2,46,946 रूपए बताई है। लगभग इतनी ही आय उन्होने 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में भी दिखाई है। फिर वर्ष 2019-20 में अचानक उनकी आय घट कर 1,57,823 रूपए रह गई। आश्चर्य की बात है की इन सभी 2014-15 से 2019-20 के दूसरे मुख्य मंत्री काल के वर्षों में इनके आय कर रिटर्न इनकी मुख्य मंत्री के नाते टैकसेबल बेसिक वेतन 3,60,000 रूपए प्रति वर्ष से भी कम है और इस पर जनता केजरीवाल जी से स्पष्टीकरण चाहती है। अरविंद केजरीवाल द्वारा कल दायर हलाफनामे में सबसे बड़ा प्रश्न बनता है उनकी 2020-21 की आमदानी को लेकर बनता है। अरविंद केजरीवाल ने 2020-21 में अपनी आय पिछले वर्ष 2019-20 की आय 1,57,823 से लगभग 40 गुणा बढ़ा कर 44, 90,040 रूपए दिखाई है। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की थोड़ा आश्चर्य होता है की कोविड़काल के चलते 2020-21 में जब पूरे विश्व में लोगों की आमदानी नगण्य हुई, जमीन जायदाद की रजिस्ट्री तक बंद थीं उस वर्ष अरविंद केजरीवाल की आय 40 गुणा कैसे बढ़ गई ? यहां यह याद रखना आवश्यक है जब अरविंद केजरीवाल सरकार ने 2020-21 कोविड़काल में नई शराब नीति ठेकेदारों से मिल कर बनाई थी और साथ ही बिना हिसाब किताब के शीशमहल का निर्माण का प्रस्ताव भी बना था। अगले वित्त वर्ष 2021-22 में आय फिर 40 गुणा गिर गई और 1,62,976 रूपए रह गई और 2022-23 में मुख्य मंत्री वेतन वृद्धि के बावजूद लगभग उतनी ही 1,67,066 ही बनी रह गई। आश्चर्यजनक रूप से 2023-24 में अरविंद केजरीवाल की आय फिर 6 गुणा बढ़ कर 7,21,530 हो गई। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की 2013-14 से आज तक अरविंद केजरीवाल केवल विधायक वेतन को अपना आय स्त्रोत बताते हैं और 2020-21 में बिना कोई अन्य आय स्त्रोत दिखाये उनकी आय में 40 गुणा और 2023-24 में 6 गुणा की असमान्य वृद्धि पर दिल्ली की जनता उनसे स्पष्टीकरण चाहती है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Pradeep Jain
Jan 17, 2025

राष्ट्रीय स्मृति परिसर में 1.5 एकड़ भूमि में होगा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का मेमोरियल
नई दिल्ली, 17 जनवरी 2025 (यूटीएन)। भारत सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान में राष्ट्रीय स्मृति परिसर में 1.5 एकड़ भूमि आवंटित की है. जानकारी के अनुसार ये स्मारक जो कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के समाधि स्थल के पास बनाया जाएगा ये देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम है. सरकार के इस फैसले से ये सुनिश्चित होगा कि मनमोहन सिंह का योगदान हमेशा याद किया जाएगा. किया है. साथ ही परिवार से एक ट्रस्ट रजिस्टर करने का अनुरोध किया गया है, क्योंकि ये सार्वजनिक भूमि के आवंटन के लिए अनिवार्य प्रक्रिया है. इस कदम से भूमि आवंटन की कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी. *मनमोहन सिंह के परिवार की इस फैसले पर राय* इस महीने की शुरुआत में सरकारी अधिकारियों ने राष्ट्रीय स्मृति स्थल का दौरा किया था और मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए प्रस्तावित स्थान का निरीक्षण किया. हालांकि मनमोहन सिंह के परिवार ने अभी तक इस जगह का दौरा नहीं किया है. परिवार के सदस्य अभी शोकमग्न हैं और उन्होंने सरकार के प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं लिया है. सूत्रों के अनुसार परिवार जल्द ही इस मुद्दे पर फैसला ले सकता है. *मनमोहन सिंह के योगदान को सम्मानित करेगा स्मारक* स्मारक का निर्माण एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि ये देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के योगदान को सम्मानित करने के लिए लिया गया है. ये स्मारक न केवल मनमोहन सिंह के किए कामों की याद दिलाएगा बल्कि भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली में उनके योगदान को भी दर्शाएगा. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Pradeep Jain
Jan 17, 2025
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