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कांग्रेस ने कहा था पैसे मिलेंगे खटाखट-खटाखट, अब जनता पहुंच रही ऑफिस तो भाग रहे सटासट-सटासट', बीजेपी का तंज

नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक सदस्य ने कांग्रेस पर चुनावों में मतदाताओं को झूठे प्रलोभन देने का आरोप लगाया और निर्वाचन आयोग से मांग की है कि उसे इस पर रोक लगाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने चाहिए. साथ ही कहा कि इस प्रकार से जीत दर्ज करने वाले सांसदों की सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए.   *बीजेपी नेता ने कांग्रेस पर निशाना साधा* बीजेपी के अनिल बोंडे ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए आरोप लगाया कि उसकी आदत भ्रष्टाचार करने की है और पकड़े जाने पर वह एजेंसियों पर ही सवाल उठाने लगती है और न्यायिक व्यवस्था की आलोचना करने से भी परहेज नहीं करती है. अनिल बोंडे उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले रहे थे.   लोकसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब उसे झूठे प्रलोभन की आदत पड़ गई है. जहां कांग्रेस के उम्मीदवार थे, वहां लोगों से यह कहते हुए फॉर्म भरवा लिए गए कि पार्टी के उम्मीदवारों की जीत पर उनके खातों में 8,500 रुपये खटाखट, खटाखट आएंगे.   *'कांग्रेस नेता भाग रहे सटासट'* उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में महिलाएं, खासकर मुस्लिम महिलाएं- सांसदों और कांग्रेस कार्यालयों में पहुंच रही हैं और उनसे कह रही है कि पैसे निकालो फटाफट, फटाफट, लेकिन कांग्रेस वाले भाग रहे हैं सटासट, सटासट, सटासट. बीजेपी नेता बोंडे ने कहा, ‘‘मेरा कहना है कि इनका निर्वाचन रद्द करो फटाफट, फटाफट. प्रलोभन देने के बाद जो वोट लेता है तो यह आचार संहिता का उल्लंघन है. इसलिए कार्रवाई होनी चाहिए. मैं मांग करता हूं कि जहां-जहां प्रलोभन दिया गया है.   उनके नेता ही बोल रहे थे कि खातों में रुपये आएंगे खटाखट. मैं चुनाव आयोग से इस संबंध में अपील करता हूं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी जनसभाओं में कहा था कि अगर चुनाव में उनकी पार्टी की जीत हुई तो एक जुलाई, 2024 की सुबह गरीब परिवार की महिलाओं के बैंक खातों में 8500 रुपये दिए जाएंगे.   *'चुनाव के वक्त फैलाई गईं अफवाहें'* राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजेपी के रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ ही आज दुनिया भर में भारत के नेतृत्व की सराहना हो रही है. उन्होंने कहा कि यह अनुकूल समय है कि सभी मिलकर विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए खुद को झोंक दें. बीजेपी नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान बदलने और आरक्षण खत्म कर देने जैसी अफवाहें फैलाई गईं, लेकिन अफसोस की बात यह है कि ऐसा करने वाले वही लोग थे, जिन्होंने संविधान की मूल भावना को कुचलने का काम किया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मिलिंद देवड़ा ने कहा कि वह एक दशक के बाद संसद पहुंचे हैं और इस दौरान बहुत कुछ बदल गया है.   बीजेपी नेता ने कहा कि देश का संसद भवन नया है, जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखने वाली महिला आज देश की राष्ट्रपति हैं और एक चाय बेचने वाला और साधारण पृष्ठभूमि से आने वाला व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री है. उन्होंने कहा, ‘‘इसका अर्थ है कि हमारा लोकतंत्र बहुत मजबूत है. आज ऑटो चलाने वाला एक व्यक्ति महाराष्ट्र जैसे राज्य का मुख्यमंत्री बना है. इसका अर्थ है कि हमारा लोकतंत्र पहले के मुकाबले कहीं और मजबूत हुआ है.   *मिलिंद देवड़ा ने पीएम मोदी की तारीफ की* शिवसेना नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि उन लोगों को सोचना चाहिए जो आरोप लगाते हैं कि लोकतंत्र खतरे में हैं और यह कमजोर हो रहा है. लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में वैश्विक परिस्थितियों और विभिन्न कारणों से सत्ता विरोधी लहरों के कारण पाकिस्तान में छह प्रधानमंत्री हुए, ब्रिटेन में पांच, श्रीलंका में चार राष्ट्रपति, अमेरिका में तीन और फ्रांस में दो पीएम हुए.   उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में यह भी हुआ है कि लोकसभा को एक नेता प्रतिपक्ष भी मिला है. मिलिंद देवड़ा ने कहा कि यूं तो मोदी सरकार की कई उपलब्धियां हैं, लेकिन वह एक उपलब्धि का जिक्र जरूर करना चाहेंगे और वह है देश के बड़े शहरों को आतंकवादी घटनाओं से मुक्त बनाना. उन्होंने 26/11 सहित मुंबई और महाराष्ट्र में हुए विभिन्न आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि इस सरकार ने बड़े शहरों को आतंकवादी घटनाओं से मुक्त कर दिया है.   उन्होंने कहा कि जब सुरक्षा होती है तो आर्थिक विकास भी तेजी से होता है और निवेशक भी आकर्षित होते हैं. मिलिंद देवड़ा ने याद किया कि कैसे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने 47 साल पहले उनके पिता मुरली देवड़ा को मुंबई का मेयर बनने में मदद की थी और अब उसी पार्टी ने उन्हें 47 साल की उम्र में उच्च सदन का सदस्य बनाया है. उन्होंने कहा कि कई मायनों में, जीवन का एक चक्र पूरा कर चुका है. मिलिंद देवड़ा इस साल में जनवरी में कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हो गए थे.    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 29, 2024

नीट पेपर लीक, इमरजेंसी, लोकसभा नतीजे... प्रधानमंत्री मोदी पर खूब बरसीं सोनिया गांधी

नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. द हिंदू में लिखे अपने लेख में सोनिया गांधी ने नीट परीक्षा में धांधली को लेकर कहा, परीक्षा पर चर्चा करने वाले पीएम पेपर लीक पर चुप्पी साधे हुए हैं. इस परीक्षा ने देश भर के तमाम परिवारों को तबाह कर रखा है. सोनिया गांधी ने लोकसभा में इमरजेंसी पर मोदी सरकार के प्रस्ताव को लेकर भी जवाब दिया. सोनिया ने कहा, 1977 के चुनाव में लोगों ने इमरजेंसी पर अपना फैसला सुना दिया, जिसे बेझिझक स्वीकार किया गया. लेकिन तीन सालों के भीतर कांग्रेस को इतना बड़ा बहुमत मिला, जिसे पीएम मोदी की पार्टी (बीजेपी) अब तक हासिल नहीं कर पाई.   *पीएम मोदी ने जनादेश नहीं समझा* सोनिया गांधी ने कहा, चुनाव नतीजे पीएम मोदी के लिए निजी, राजनीतिक और नैतिक हार का संकेत है. जनादेश ने नफरत और विभाजनकारी राजनीति को खारिज किया है. लेकिन पीएम का व्यवहार ऐसा है जैसे कुछ बदला ही ना हो! वो आम सहमति का उपदेश देते हैं लेकिन टकराव को बढ़ावा देते हैं. लगता ही नहीं कि उन्होंने जनादेश को समझा है. सोनिया ने कहा, "डिप्टी स्पीकर पद को लेकर विपक्ष की मांग को मंजूर नहीं किया गया. पीएम, उनकी पपार्टी  द्वारा इमरजेंसी को खोद कर निकाला गया. इसमें स्पीकर भी शामिल थे, जिस पद को तटस्थता के लिए जाना जाता है. इन सब से आपसी सम्मान और एकसाथ की एक नई शुरुआत की उम्मीदें धुल गई हैं.   *चुनाव प्रचार में पीएम ने मर्यादा को नजरंदाज किया* सोनिया गांधी ने कहा, चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी मर्यादा और जिम्मेदारी को नजरंदाज कर सांप्रदायिक झूठी बातें फैलाई. उनके शब्दों ने सामाजिक तानेबाने को काफी नुकसान पहुंचाया है.    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Ujjwal Times News

Jun 29, 2024

नीतियों का विरोध करना और संसद में बाधा डालना अलग-अलग बातें', संयुक्त बैठक में बोलीं राष्ट्रपति

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को 18वीं लोकसभा की पहली संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि नीतियों का विरोध करना और संसद में बाधा डालना दो अलग-अलग बातें हैं। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति ने संसद में होने वाले हंगामे और कम कामकाज पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाना देश के प्रत्येक नागरिक की आकांक्षा और संकल्प है और इन आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए।   *संसद का सुचारू रूप से चलना अहम*   राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'नीतियों का विरोध करना और संसदीय कामकाज में बाधा डालना दो अलग-अलग बातें हैं। जब संसद का कामकाज सुचारू रूप से चलता है, तो वहां स्वस्थ विचार-विमर्श होता है और दूरगामी फैसले लिए जाते हैं, जो लोगों का न सिर्फ सरकार में बल्कि पूरी व्यवस्था में विश्वास बढ़ता है। इसलिए मुझे विश्वास है कि संसद के प्रत्येक क्षण का पूरा उपयोग किया जाएगा और जनहित को प्राथमिकता दी जाएगी।'   वर्तमान समय भारत के लिए हर तरह से अनुकूल'   राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'हम सभी की जिम्मेदारी है कि विकसित राष्ट्र के संकल्प को प्राप्त करने में कोई बाधा न आए।' उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा में कई नए सदस्य पहली बार संसदीय प्रणाली का हिस्सा बने हैं और पुराने सदस्य भी नए उत्साह के साथ वापस आए हैं। राष्ट्रपति ने कहा, 'आप सभी जानते हैं कि वर्तमान समय भारत के लिए हर तरह से अनुकूल है। आने वाले वर्षों में सरकार और भारत की संसद द्वारा लिए गए निर्णयों और बनाई गई नीतियों पर पूरी दुनिया की नजरें रहेंगी। यह सुनिश्चित करना सरकार के साथ-साथ प्रत्येक सांसद की जिम्मेदारी है कि इस अनुकूल समय का देश को अधिकतम लाभ मिले। पिछले 10 वर्षों में हुए सुधारों और देश में आए नए आत्मविश्वास के साथ, हमने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक नई गति प्राप्त की है।'   *आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था*   अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आपातकाल पर भी करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 'देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर कई हमले हुए हैं। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था। जब इसे लगाया गया तो पूरे देश में हाहाकार मचा, लेकिन देश ने ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त की। मेरी सरकार भी भारतीय संविधान को सिर्फ शासन का माध्यम नहीं बना सकती। हम अपने संविधान को जनचेतना का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी वजह से मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। हमारे जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह लागू किया गया, जहां अनुच्छेद 370 के कारण पहले स्थिति अलग थी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

पहली बार संसद पहुंचे चंद्रशेखर जब माइक भी न चालू कर पाए

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। ओम बिरला के लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई. इस दौरान उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा सीट से आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर ने नवनिर्वाचित स्पीकर को बधाई दी.    भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद जब खड़े होकर बोलना शुरू किया तब माइक से ठीक से आवाज नहीं आ रही थी, जिसके बाद उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा, "सर माइक स्टार्ट नहीं हो रहा है." इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने उन्हें बताया कि कैसे माइक का इस्तेमाल करना है.   *लोकसभा अध्यक्ष ने बताया माइक का इस्तेमाल करना*   भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की आवाज जब ठीक से नहीं आ रही थी तब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें कहा कि माइक ऑन करने के बाद एक सेकेंड रुका करें, फिर ये चालू हो जाएगा. ऐसा करने के बाद माइक फिर से चालू हो गया.     हमारे लोग बहुत बुरी हालात में हैं   सांसद चंद्रशेखर ने ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा, "आप लोकसभा के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए हैं. बहुत सारे सदस्यों ने आपकी तारीफ की है. आपने खुद कई बार मेरी मदद की है. हम नई पार्टी हैं और मैं अपने लोगों की आजाद आवाज हूं. मैं आपसे संरक्षण की उम्मीद करता हूं. हमारे लोग बहुत बुरी हालात में हैं और अगर हमें मौका नहीं मिलेगा तो हम अपनी बात नहीं रख पाएंगे."   लोकसभा में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के तीखे तेवर नजर आये थे. उन्होंने संसद में "नमो बुद्धाय, जय भीम, जय भारत, जय संविधान, जय जवान-जय किसान, लोकतंत्र जिंदाबाद, भारत की महान जनता जिंदाबाद के नारे लगाए थे. इसके बाद सांसदों की ओर से आवाज आई कि पूरा भाषण देंगे क्या, जिसके बाद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यहां कहने की आए हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

तेज रफ्तार का कहर, बस कार की भिडंत में दर्जनों घायल, सवारियों से भरी बस पलटी

अमीनगर सराय, 26 जून 2024 (यूटीएन)। मेरठ -बागपत मार्ग पर मेरठ की ओर से आ रही तेज रफ्तार बस ने प्राइवेट बस को ओवरटेक करने के लिए सामने से आ रही एट ऑल्टो कार में टक्कर मार दी । जबरदस्त भिडंत में बस पलट गई और सवारियों में चीख पुकार मच गई। बस पलटने से बस में मौजूद करीब दो दर्जन सवारियां घायल हो गई। वहीं ऑल्टो में सवार लोग भी घायल हो गए। गपगनीमत रही कि, इसी दौरान पीछे से जा रही एम्बुलेंस ने बिना कोई देरी किए,घायलों को पिलाना सीएचसी पहुंचाया और तत्काल इलाज भी होने लगा ,जबकि गंभीर हालत वाले घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया। पिलाना  में घायलों का हाल जानने पहुंचे पुलिस अधीक्षक ने जरूरी दिशा निर्देश दिए।   तेज रफ्तार का कहर बागपत मेरठ मार्ग पर देखने को मिला। मेरठ की ओर से आ रही अनुबंधित रोडवेज बस ने ऑल्टो कार में टक्कर मार दी और बस पलट भी गई ,जिससे वहां चीख पुकार मच गई। कार में सवार लोग भी टक्कर लगने से लहूलुहान हो गए। बस में सफर कर रही सवारियों में हाहाकार मच गया तथा चारों ओर चीख पुकार मच गई। इसी दौरान डोला सीएचसी में मरीज छोड़कर आ रहे एम्बुलेंस चालक अनिल ने हादसा हुआ देखा, तो अन्य एम्बुलेंस को भी फोन किया और खुद यात्रियों की जान बचाने में जुट गया, साथ ही पुलिस को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस की मदद से घायलों को पिलाना सीएचसी भिजवाया गया तथा जो गंभीर रूप से घायल थे उन्हें जिला अस्पताल भेजा गया।    हादसा देख आसपास के लोग भी इकट्ठा हो गए। बस में सवार अभिनव अग्रवाल ने बताया कि, अनुबंधित बस  चालक ने प्राइवेट बस को ओवरटेक करने के लिए बस की स्पीड बढ़ा रखी थी।ओवरटेक करते समय बस चालक ने नियंत्रण खो दिया और बागपत की ओर से आ रही ऑल्टो कार से टकरा गई । ऑल्टो सवार यात्रियों को भी गंभीर चोटें आई हैं। घायलों में अभिनव अग्रवाल 42, नोशिदा 50,बच्ची एलिना 2, पंकज त्यागी 35,आरव त्यागी 12, मीनू 30, कपिल त्यागी 32 लक्ष्य 10 इंसाना 55 व बस कंडक्टर अनिरुद्ध  40 वर्ष घायल हो गए। गंभीर रूप से  घायल मीनू, नोशिदा, पंकज को हायर सेंटर मेरठ के लिए रेफर किया गया। पिलाना सीएचसी में करीब 15 घायलों को लाया गया,जिनमे करीब 8 की हालत गंभीर देखते हुए जिला अस्पताल व हायर सेंटर मेरठ भेज दिया गया। घायलों का हाल जानने पहुंचे बागपत पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने घायलों को सुरक्षित व त्वरित उपचार हेतु भेजने के निर्देश दिए।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 26, 2024

संसद सिर्फ दीवारें नहीं बल्कि 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा का केंद्र है": प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री ने बिरला के लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष पद संभालने का स्वागत किया। उन्होंने अध्यक्ष को सदन की ओर से शुभकामनाएं दीं। अमृत ​​काल के दौरान बिरला के दूसरी बार कार्यभार संभालने के महत्व को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि  बिरला को उनके पिछले पांच साल के अनुभव और उनके साथ संसद सदस्यों के अनुभव से इस महत्वपूर्ण समय में सदन का मार्गदर्शन करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अध्यक्ष के विनम्र तथा नम्र व्यक्तित्व और उनकी विजयी मुस्कान से उन्हें सदन का संचालन करने में मदद मिलती है। प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि लोकसभा के दोबारा चुने गए अध्यक्ष नई सफलता हासिल करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहले बलराम जाखड़ लगातार पांच वर्षों के बाद फिर से इस पद पर आसीन होने वाले पहले अध्यक्ष थे, और ओम बिरला हैं।   जिन्हें 17वीं लोकसभा के सफल समापन के बाद 18वीं लोकसभा का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने बीच में 20 साल की अवधि की प्रवृत्ति की ओर भी इशारा किया जिस दौरान लोकसभा का अध्यक्ष चुने गए लोग या तो चुनाव नहीं लड़े या अध्यक्षीय कार्यकाल के बाद चुनाव जीत नहीं सके, लेकिन यह ओम बिरला हैं जिन्होंने चुनाव में फिर से विजयी होने के बाद अध्यक्ष के रूप में वापसी करके इतिहास रचा है। प्रधानमंत्री ने एक सांसद के रूप में अध्यक्ष के कामकाज पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने ओम बिरला के संसदीय क्षेत्र में स्वस्थ मां और स्वस्थ बच्चे के उल्लेखनीय अभियान का उल्लेख किया। उन्होंने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र कोटा के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में बिरला के किए गए अच्छे कार्यों पर भी टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने बिरला की इस बात के लिए भी प्रशंसा की कि उन्होंने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में खेलों को भरपूर बढ़ावा दिया।    पिछली लोकसभा के दौरान बिरला के नेतृत्व को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने उस अवधि को हमारे संसदीय इतिहास का स्वर्णिम काल बताया। प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा के दौरान लिए गए परिवर्तनकारी फैसलों को याद करते हुए अध्यक्ष के नेतृत्व की सराहना की। प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकार संरक्षण विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, प्रत्यक्ष कर - विवाद से विश्वास विधेयक जैसे सभी ऐतिहासिक अधिनियमों का उल्लेख किया जिन्हें ओम बिरला की अध्यक्षता में पारित किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की लंबी यात्रा विभिन्न पड़ावों का गवाह बनती है जो नए रिकॉर्ड बनाने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत के लोग भविष्य में भी 17वीं लोकसभा को उसकी उपलब्धियों के लिए सराहते रहेंगे।    उन्होंने भारत को एक आधुनिक राष्ट्र बनाने की दिशा में 17वीं लोकसभा में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने सदन को आश्वास्त किया कि नया संसद भवन माननीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में अमृत काल के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। मोदी ने वर्तमान अध्यक्ष की अध्यक्षता में नए संसद भवन के उद्घाटन को याद किया और लोकतांत्रिक पद्धतियों की नींव को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए कदमों की भी सराहना की। उन्होंने सदन में चर्चा को बढ़ावा देने के लिए अध्यक्ष बिरला द्वारा शुरू की गई पेपरलेस वर्कफ़्लो और व्यवस्थित ब्रीफिंग प्रक्रिया की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने जी-20 देशों के विधायी निकायों के अध्यक्षों के बेहद सफल पी-20 सम्मेलन के लिए भी अध्यक्ष की सराहना की, जिसमें बड़ी संख्या में देशों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद भवन सिर्फ दीवारों का जमावड़ा नहीं बल्कि 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षा का केंद्र है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सदन की कार्यप्रणाली, आचरण और जवाबदेही हमारे देश में लोकतंत्र की नींव को मजबूत करती है।    प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा की रिकॉर्ड उत्पादकता का उल्लेख किया जो 97 प्रतिशत रही। मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान सदन के सदस्यों के प्रति अध्यक्ष के व्यक्तिगत संबंध और चिंता का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बिरला की इस बात के लिए भी सराहना की कि उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान भी सदन की कार्यवाही को बाधित नहीं होने दिया। उस दौरान संसद की उत्पादकता 170 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। प्रधानमंत्री ने सदन की गरिमा को बनाए रखने में अध्यक्ष द्वारा दिखाए गए संतुलन की सराहना की जिस दौरान कई कठोर निर्णय लेना भी शामिल था। उन्होंने परंपराओं को बनाए रखते हुए सदन के मूल्यों को बनाए रखने का विकल्प चुनने के लिए अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने लोगों की सेवा करके और उनके सपनों तथा आकांक्षाओं को साकार करके 18वीं लोकसभा के सफल होने पर अत्यधिक विश्वास व्यक्त किया। अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने ओम बिरला को दी गई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और देश को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

मुझे चुप रहने का भी अधिकार', कोर्ट में सीबीआई के दावे पर केजरीवाल का जवाब

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। दिल्ली की शराब नीति मामले में जांच कर रही सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. सीबीआई ने केजरीवाल की 5 दिन की कस्टडी मांगी है. इतना ही नहीं सीबीआई ने कोर्ट में दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति मामले में सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल दिया. सीबीआई के मुताबिक, केजरीवाल ने कहा है कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.    दिल्ली शराब नीति मामले में जांच कर रही ईडी ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. अब इस मामले में जांच कर रही सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने कोर्ट में कहा, हमें केजरीवाल से हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है. वह यह भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे. सीबीआई के मुताबिक, केजरीवाल का कहना है कि विजय नायर अतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे.    *केजरीवाल के वकील ने गिरफ्तारी पर उठाए सवाल*   इस पर केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा,  सबसे पहले अदालत को ये देखना होगा कि क्या गिरफ्तारी की जरूरत थी? इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि क्या रिमांड की जरूरत है? विक्रम चौधरी ने कहा, सीबीआई चाहती है कि केजरीवाल हिरासत में ही रहें. क्या ये स्वतंत्र एजेंसियां ​​हैं या फिर ये लोगों को खुश करने के लिए खेल रही हैं? मैं यह कह रहा हूं कि अगर यह आदमी वाकई दोषी था और उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए था, तो उन्होंने उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया?   *मुझे चुप रहने का अधिकार- केजरीवाल के वकील*   विक्रम चौधरी ने कहा, जांच अधिकारी को ठोस सबूत के जरिए यह साबित करना होगा कि केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. सहयोग न करना भी गिरफ्तारी का आधार नहीं है. सीबीआई का कहना है कि वो टालमटोल कर रहे थे. मुझे (केजरीवाल) चुप रहने का भी अधिकार है. सीबीआई ने कहा, इससे पहले केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम जमानत पर थे सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी. अगर इस बीच उन्हे गिरफ्तार किया जाता तो गलत संदेश जाता. हम सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम नहीं करना चाहते.    *कोर्ट में बिगड़ी केजरीवाल की तबीयत*   राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गई. उनका अचानक सुगर लेवल डाउन हो गया. इसके बाद उन्हें दूसरे रूम में बैठाया गया. उन्हें चाय और बिस्किट दिया गया. कोर्ट रूम में उस वक्त सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी मौजूद थीं.    *गिरफ्तारी पर बिफरीं पत्नी सुनीता केजरीवाल*   केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अब उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल का बयान सामने आया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "20 जून अरविंद केजरीवाल को बेल मिली. तुरंत ईडी ने स्टे लगवा लिया. अगले ही दिन सीबीआई ने आरोपी बना दिया और आज गिरफ़्तार कर लिया. पूरा तंत्र इस कोशिश में है कि बंदा जेल से बाहर ना आ जाये. ये कानून नहीं है, ये तानाशाही है, इमरजेंसी है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

एनटीए प्रमुख समेत दस अधिकारी भी संदेह के घेरे में, आउटसोर्स कंपनियों से जुड़ी जानकारी जुटा रही सीबीआई

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। मेडिकल में दाखिले के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) में अनियमितता के मामले में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और उसके प्रमुख प्रदीपकुमार जोशी समेत 10 अधिकारी भी संदेह के दायरे में आ गए हैं। मामले को हाथ में लेने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) परीक्षा प्रक्रिया से जुड़ी विभिन्न आउटसोर्स कंपनियों के अधिकारियों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है।   सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के रडार पर जोशी के अलावा मुख्य तकनीकी अधिकारी अमरनाथ मिश्र और वरिष्ठ परीक्षा निदेशक साधना पराशर भी हैं। इनके साथ ही परीक्षा परिणाम व छात्रों के डाटा सुरक्षित रखने वाले और परीक्षा अधीक्षकों को प्रश्नपत्र के सेट खोलने की जानकारी देने वाले अधिकारी देवव्रत, प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिका की सुरक्षा, प्रश्नपत्र को शहर व जिले के बैंकों के स्ट्रांग रूम से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार अधिकारी भी सीबीआई की निगाह में हैं।   सीबीआई परीक्षा प्रक्रिया से जुड़ी विभिन्न आउटसोर्स कंपनियों के अधिकारियों की भी जानकारी जुटा रही है। एनटीए ने पिछले कुछ समय में बड़ी आउटसोर्स कंपनियां बदलीं। हर बार इस पर सवाल उठता था, पर कामकाज की बात बोलकर मामला रफा-दफा कर दिया जाता था। 2023 में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) से आउटसोर्स का काम लेकर आईटी कंपनी ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लि. (बेसिल) को दे दिया गया था। इस फैसले पर सवाल उठे थे। बताया गया था कि एनटीए ने एक वरिष्ठ अधिकारी की सिफारिश पर बेसिल को काम दिया गया था।   *अगले सप्ताह घोषित होगी नीट-पीजी की परीक्षा तिथि*   नेशनल बोर्ड ऑफ मेडिकल साइंसेज के अध्यक्ष अभिजीत शेठ ने कहा कि पेपर लीक विवाद के कारण स्थगित नीट-पीजी, 2024 की नई परीक्षा तिथि अगले सप्ताह घोषित कर दी जाएगी। उनका यह बयान बोर्ड और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक के बाद आया है।   *गिरफ्तार शिक्षक दो जुलाई तक हिरासत में*   नीट-यूजी में अनियमितता मामले में गिरफ्तार जिला परिषद के स्कूल के शिक्षक संजय जाधव को अदालत ने 2 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। महाराष्ट्र पुलिस के आतंकी रोधी स्क्वायड (एटीएस) ने उसे पूछताछ के लिए सोमवार को हिरासत में लिया था। एटीएस अब तक इस मामले में जिला परिषद स्कूल के हेडमास्टर जलील खान उमर खान पठान को गिरफ्तार किया है। जांच में एटीएस को पता चलता था कि इन दोनों के साथ कम से कम चार लोग का एक रैकेट ऐसे छात्रों की मदद करता था जो पैसे देकर परीक्षा पास करना चाहते थे। सोमवार को अदालत ने पठान को 2 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा था। बाकी के दो आरोपियों इराना मशनाजी कोंगालववर और गंगाधर को पुलिस तलाश रही है।   *डार्कनेट से उपजी चुनौतियों पर भी चर्चा*   बैठक में मौजूद रहे सूत्रों के मुताबिक, समिति ने एनटीए की मौजूदा स्थिति और उसकी चुनौतियों का जायजा लिया। समिति यह भी देखा कि कौन-सी परीक्षाएं पेन-पेपर मोड में होती हैं और कौन-सी कंप्यूटर-आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड में और दोनों की बारीकियों को भी समझा। बताया जा रहा है कि समिति ने साइबर सुरक्षा के मुद्दों और डार्कनेट के कारण उत्पन्न चुनौतियों पर भी चर्चा की, जहां यूजीसी-नेट परीक्षा का प्रश्नपत्र पहली बार लीक हुआ था। इसी वजह से शिक्षा मंत्रालय को परीक्षा अगले दिन ही रद्द करनी पड़ी थी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

भारत-बांग्लादेश के बीच 10 अहम समझौते

नई दिल्ली, 23 जून 2024 (यूटीएन)। भारत और बांग्लादेश ने शनिवार को समुद्री क्षेत्र और समुद्री अर्थव्यवस्था ब्लू इकॉनोमी में संबंधों को बढ़ावा देने सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना के बीच व्यापक बातचीत के बाद समझौतों को अंतिम रूप दिया गया। दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए गए इन समझौतों में डिजिटल डोमेन में संबंध मजबूत करने और 'हरित साझेदारी' को लेकर एक समझौता भी शामिल है।   *रेल संपर्क बढ़ाने का हुआ समझौता* दोनों देशों के बीच रेलवे संपर्क बढ़ाने के समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। समझौतों के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में कहा कि, 'आज हमने नए क्षेत्रों में सहयोग के लिए भविष्य का विजन तैयार किया है। हरित भागीदारी, डिजिटल भागीदारी, समुद्र आधारित अर्थव्यवस्था और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर बनी सहमति से दोनों देशों के युवाओं को फायदा होगा।   वहीं अपने बयान में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत को बांग्लादेश का प्रमुख पड़ोसी और भरोसेमंद दोस्त बताया। उन्होंने कहा कि 'भारत हमारा प्रमुख पड़ोसी, भरोसेमंद मित्र और क्षेत्रीय साझेदार है। बांग्लादेश भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है, जो 1971 के मुक्ति संग्राम से शुरू हुए थे।   *बांग्लादेश के नागरिकों को मेडिकल ई-वीजा सुविधा देगा भारत* भारत ने बांग्लादेश के नागरिकों को मेडिकल ई-वीजा की सुविधा देने का एलान किया है। इसके लिए भारत सरकार बांग्लादेश के रंगपुर में उप-उच्चायोग खोलेगी। साथ ही दोनों देश तीस्ता नदी के जल-बंटवारे पर चर्चा के लिए तकनीकी टीम भेजने पर भी सहमत हो गए हैं। पीएम मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष के बीच कुल 10 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिनमें डिजिटल साझेदारी, हरित साझेदारी, मेरीटाइम सहयोग, समुद्र आधारित अर्थव्यवस्था, अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग, रेलवे संपर्क, समुद्री रिसर्च, सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में आपसी सहयोग, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन और मतस्य पालन संबंधी समझौते शामिल हैं।     *'बांग्लादेश की आजादी में भारत के योगदान से कृतज्ञ'* बांग्लादेशी पीएम ने कहा, 'मैं बांग्लादेश की स्वतंत्रता में भारत सरकार और भारत के लोगों के योगदान को कृतज्ञता के साथ याद करती हूं।' शेख हसीना ने 1971 के युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारत के वीर शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, 'आज हमारी बहुत ही उपयोगी बैठकें हुईं, जिनमें हमने सुरक्षा, व्यापार, संपर्क, साझा नदियों के पानी के बंटवारे, बिजली और ऊर्जा तथा क्षेत्रीय और बहुपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। हम अपने लोगों और देशों की बेहतरी के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने पर सहमत हुए।   *एक महीने में दूसरी बार भारत आईं शेख हसीना* बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भारत की अपनी दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को भारत पहुंचीं। लोकसभा चुनावों के बाद भारत में नई सरकार के गठन के बाद यह किसी विदेशी नेता की पहली द्विपक्षीय राजकीय यात्रा है। शनिवार सुबह शेख हसीना ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। बैठक से पहले बांग्लादेशी प्रधानमंत्री को एक भव्य समारोह में सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया। शेख हसीना भारत के पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के उन सात शीर्ष नेताओं में शामिल थीं, जिन्होंने 9 जून को प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था।   *भारत-बांग्लादेश के बीच इन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर* विदेश मंत्रालय एमईए ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के भारत के राजकीय दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों  एमओयू की सूची जारी की। एमओयू में भारत-बांग्लादेश डिजिटल और हरित साझेदारी के लिए एक साझा दृष्टिकोण, समुद्री सहयोग और नीली अर्थव्यवस्था पर समझौता, भारत के इन-स्पेस और बांग्लादेश के आईसीटी और दूरसंचार मंत्रालय के बीच समझौता, रेल संपर्क के लिए दोनों देशों के रेल मंत्रालयों के बीच समझौता, सीएसआईआर के तहत बांग्लादेश समुद्र विज्ञान अनुसंधान संस्थान बीओआरआई और भारत के राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान एनआईओ के बीच समझौता, सामरिक और परिचालन अध्ययन के क्षेत्र में सैन्य शिक्षा से संबंधित सहयोग के लिए रक्षा सेवा स्टाफ के लिए समझौता, आपदा प्रबंधन में सहयोग के लिए एनडीएमए और आपदा प्रबंधन व राहत मंत्रालय के बीच समझौता, मत्स्य पालन में सहयोग के लिए समझौता शामिल हैं।    *हसीना के दौरे के दौरान की गईं घोषणाएं* एमईए ने हसीना के भारत दौरे के दौरान की गई घोषणाओं की सूची भी जारी की। इन घोषणाओं में बांग्लादेश के मरीजों के लिए ई-वीजा, बांग्लादेश के रंगपुर में भारत का नया सहायक उच्चायोग, राजशाही और कोलकाता के बीच ट्रेन सेवा,चटगांव और कोलकाता के बीच नई बस सेवा, गेडे-दरसाना और हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी के बीच डलगांव तक मालगाड़ी सेवा शुरू करना, अनुदान सहायता के तहत सिराजगंज में अंतर्देशीय कंटेनर डिपो आईसीडी का निर्माण, भारतीय ग्रिड के जरिए नेपाल से बांग्लादेश को 40 मेगावाट बिजली का निर्यात करना, गंगा जल संधि के नवीकरण पर चर्चा के लिए संयुक्त तकनीकी समिति गठित करना, बांग्लादेश के अंदर तीस्ता नदीं के संरक्षण औऱ प्रबंधन पर परियोजना के लिए तकनीकी प्रतिनिधिमंडल का बांग्लादेश दौरा, बांग्लादेश के पुलिस अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और प्रति रोगी आठ लाख रुपये की अधिकतम सीमा के साथ मरीजों के लिए मुक्तिजोधा योजना शामिल हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 23, 2024

भारत बांग्लादेश के लिए एक बहुत बड़ा बाजार है: सीआई में शेख हसीना

नई दिल्ली, 23 जून 2024 (यूटीएन)। बांग्लादेश की माननीय प्रधानमंत्री महामहिम शेख हसीना ने कहा कि पूरे भारत में एक बहुत बड़ा बाजार है और भारत तथा बांग्लादेश दोनों को व्यापार करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। वह भारत की अपनी यात्रा के दौरान भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सदस्यों के साथ संवाद को संबोधित कर रही थीं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा, "पूरे भारत में एक बहुत बड़ा बाजार है, इसलिए दोनों देश मिलकर काम कर सकते हैं और अपने अनुभव साझा कर सकते हैं। व्यापार करने का यह एक अच्छा अवसर है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि व्यापार करना द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।   उन्होंने कहा कि लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत के साथ काम करने को बहुत महत्व दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश कृषि से आगे बढ़कर विशेष आर्थिक क्षेत्रों के माध्यम से अपने उद्योग को विकसित करना चाहता है। उन्होंने भारतीय व्यापारियों को इन क्षेत्रों में निवेश करने के लिए भी आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश पड़ोसी पूर्वोत्तर भारत से परे भारत में एक बड़ा बाजार देखता है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि वह बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत तथा अधिक टिकाऊ बनाना चाहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश बड़े बंदरगाहों, जलमार्गों, रेल और सड़क संपर्क पर काम करेगा।   सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा कि बांग्लादेश दक्षिण-पूर्व एशिया के जीवंत क्षेत्रों के लिए भारत का भूमि पुल है, और बांग्लादेश और भारत ऐसे समय में एक साथ बाजार को संबोधित कर सकते हैं जब आपूर्ति श्रृंखलाएं बदल रही हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कृषि में, भारत और बांग्लादेश निजी क्षेत्रों के बीच संयुक्त उद्यम स्थापित कर सकते हैं।   सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि आर्थिक जुड़ाव को बढ़ाने के लिए सीआईआई इस साल के अंत में सीईओ प्रतिनिधिमंडल को बांग्लादेश ले जाने की योजना बना रहा है। उद्योग बातचीत के दौरान, भारत और बांग्लादेश के व्यापार सदस्यों ने संयुक्त सहयोग के कई क्षेत्रों पर प्रकाश डाला, जिसमें जलविद्युत पर विशेष जोर देने के साथ बांग्लादेश को ऊर्जा की आपूर्ति बढ़ाना और बांग्लादेश में अधिक ऊर्जा संचरण लाइनें बनाना शामिल है। उन्होंने दूरसंचार समाधानों के माध्यम से बांग्लादेश में शिक्षा और कौशल विकास के बारे में भी बात की। कृषि, व्यापार और आईटी जैसे सहयोग के अन्य क्षेत्रों पर भी चर्चा की गई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 23, 2024