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पति ने की पड़ोसन से दुष्कर्म की कोशिश

मथुरा,, 17 मई 2024  (यूटीएन)। गोविंद नगर थाना क्षेत्र के एक क्षेत्र में किराए के मकान में रहने वाली हाथरस की महिला संग पड़ोसी ने दुष्कर्म की कोशिश की। महिला ने मौके से भागकर आबरू बचाई। आरोपी की पत्नी को यह बात पता लगी तो उसने पति के लिए पीड़िता के पैर छूकर माफी मांगी। पीड़िता ने माफी से साफ मना कर थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करा दिया। पीड़िता ने बताया कि वह हाथरस के सादाबाद गेट इलाके की रहने वाली है। हाल में गोविंद नगर थाना क्षेत्र के सेक्टर जी-1 इलाके के मकान में किराए पर पति के साथ रहती है। पति घर पर नहीं थे। वह अकेली थी। तभी पड़ोसी मोनू, जो कि उसी घर में किराए के मकान में रहता है।   वह कमरे में घुस आया। खुद को निर्वस्त्र करते हुए बदनीयती से दबोच लिया। वह किसी प्रकार से शोर मचाते हुए मौके से भागने में सफल रही। जब मोहल्ले के लोग जुटे तो आरोपी भाग गया। आरोपी की पत्नी उस वक्त कहीं बाहर गई थी। उसे जानकारी दी गई। वह लौटी तो पति के लिए माफी मांगने लगी। इंस्पेक्टर देवपाल सिंह पुंढीर ने बताया कि मामले में पीड़िता की ओर से मिली तहरीर के आधार पर मोनू के खिलाफ छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी की तलाश की जा रही है।

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May 17, 2024

मुझे सात-आठ थप्पड़ मारे, शरीर के निचले हिस्से पर लात मारी':स्वाति मालीवाल के आरोप

नई दिल्ली, 17 मई 2024  (यूटीएन)। आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल ने कुछ दिनों पहले आरोप लगाए थे कि उनके साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर सीएम के सहयोगी बिभव कुमार ने मारपीट और बदसलूकी की थी। इस मामले पर आज शुक्रवार को पुलिस ने स्वाति मालीवाल के मजिस्ट्रेट के समाने कलमबंद बयान दर्ज कराए। स्वाति मालीवाल ने एफआईआर में बिभव कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।    स्वाति मालीवाल की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार ने स्वाति मालीवाल को कई बार लात और करीब सात-आठ थप्पड़ मारे। स्वाति जब मदद के लिए चिल्लाने लगीं तब भी बिभव नहीं रुके।   स्वाति ने बताया कि वह लगातार मदद के लिए चिल्ला रही थीं लेकिन बिभव नहीं रुका। आरोप लगाया कि बिभव ने उनकी छाती, पेट और शरीर के निचले हिस्सों पर लात से हमला किया। स्वाति की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने बिभव कुमार को आरोपी बनाया था।    *एफआईआर में स्वाति मालीवाल ने बताई घटना की सच्चाई* दिल्ली पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, मालीवाल ने 13 मई की घटनाओं का जिक्र किया है। जब वह मुख्यमंत्री केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर गई थीं। उन्होंने कहा कि मैं कैंप कार्यालय के अंदर गई। सीएम के पीए बिभव कुमार को फोन किया। लेकिन मैं अंदर नहीं जा सकी। फिर मैंने उनके मोबाइल नंबर पर एक मैसेज भेजा था। हालांकि, कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद मैं उनके आवास के परिसर में गई। जहां मैं अक्सर जाती थी।   वहीं बिभव कुमार मौजूद नहीं थे। इसलिए मैंने आवास परिसर में एंट्री की और वहां मौजूद कर्मचारियों को जानकारी दी कि वे यहां सीएम से मिलने के लिए आई हैं। यह सब बातें एफआईआर में लिखी गई हैं। उन्होंने आगे बताया कि मुझे बताया गया कि वह घर में मौजूद हैं और मुझे ड्राइंग रूम में इंतजार करने के लिए कहा है। मैं ड्राइंग रूम में गई और सोफे पर बैठ गई और उनके मिलने का इंतजार किया। मुझे पता चला की सीएम मिलने के लिए आ रहे हैं। लेकिन अचानक पीए बिभव कुमार कमरे में घुस आए।   उन्होंने बिना किसी उकसावे के चिल्लाना शुरू कर दिया। मुझे गालियां भी दीं। मैं स्तब्ध रह गई। इतना ही नहीं मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया।   जब मैं लगातार चिल्लाती रही तो मुझे कम से कम सात से आठ बार थप्पड़ मारा। मैं वहां मदद के लिए भी चिल्लाई थी। जानबूझकर मेरी शर्ट ऊपर खींची। उन्होंने बताया कि मैंने उनसे बार-बार कहा कि मैं मासिक धर्म के दौर से गुजर रही हूं। कृपया मुझे जाने दें। लेकिन जाने नहीं दिया। फिर मैं वहीं बैठ गई। मैं ड्राइंग रूम के सोफे पर गई और हमले के दौरान जमीन पर गिरे अपने चश्मे को उठाया। इसके बाद 112 नंबर पर फोन किया और पुलिस को सूचना दी।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 17, 2024

मधुमेह, दिल, लिवर व एलर्जी की दवाएं सस्ती

नई दिल्ली, 17 मई 2024  (यूटीएन)। मधुमेह, दर्द, दिल, लिवर, इन्फेक्शन व एलर्जी की दवाएं सस्ती हो गई हैं। केंद्र सरकार ने इनकी नई कीमतें तय कर दी हैं। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 123वीं बैठक में 41 दवाओं तथा सात फॉर्मूलेशन की कीमतें घटाने का फैसला किया। इसके तहत अलग-अलग कंपनियों की दवाओं के खुदरा मूल्य तय किए गए। इनमें मल्टीविटामिन व एंटीबायोटिक दवाएं भी शामिल हैं। एनपीपीए ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी।   आमतौर पर इन्फेक्शन, एलर्जी के अलावा मल्टीविटामिन व एंटीबायोटिक दवाओं की कीमतें अधिक होती हैं। इससे सामान्य इलाज का खर्च भी अधिक हो जाता है। इसलिए दवाएं सस्ती होने से लोगों को राहत मिलेगी। फरवरी में एनपीपीए ने शुगर और बीपी सहित 69 दवाओं के दामों में संशोधन करते हुए नई कीमतें लागू की थीं, जिसमें 31 फॉर्मूलेशन वाली दवाएं भी हैं। आदेश में विटामिन डी3, पेंटाप्राजोल, टेल्मिसर्टन, आइसोनियाजिड के अलावा मेटफॉर्मिन, सीटाग्लिप्टिन, बिसोप्रोलोल जैसी दवाएं और फॉर्मूलेशन शामिल हैं।    *30 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलेगी राहत*    देश में 10 करोड़ से ज्यादा शुगर और आठ करोड़ से ज्यादा लोग बीपी से ग्रस्त हैं। इनके अलावा गैस, विटामिन डी या फिर अन्य विटामिन की कमी से इनकी दवाओं का कारोबार भी हर साल तेजी से बढ़ रहा है। अनुमान के मुताबिक, एनपीपीए के इस फैसले से 30 करोड़ से ज्यादा लोगों को सीधे तौर पर राहत मिलेगी।    *थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर किया संशोधन*   एनपीपीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दवाओं को लेकर सीमा मूल्य और खुदरा मूल्य में यह संशोधन थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर तय हुआ है। इसके तहत हाल ही में कोरोनरी स्टेंट की कीमत में बदलाव किया गया था। वर्ष 2013 में थोक मूल्य सूचकांक में 0.00551 फीसदी की वृद्धि हुई। उन्होंने यह भी बताया कि दवा और चिकित्सा उपकरणों की मूल्य निर्धारण सुधारों की देखरेख के लिए जिम्मेदार समिति के विस्तार का फैसला भी लिया है। सरकार पहली बार इस समिति में उद्योग क्षेत्र के प्रतिनिधियों को भी शामिल करेगी।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 17, 2024

बार काउंसिल ऑफ इंडिया को न्यायालयों में जनरल काउंसल की उपस्थिति की अनुमति देनी चाहिए

नई दिल्ली, 17 मई 2024  (यूटीएन)। एसोचैम भारत जीसी समागम में, मुख्य अतिथि पी के मल्होत्रा, पूर्व सचिव, विधि एवं न्याय मंत्रालय, "जनरल काउंसल: उचित परिश्रम से परे शासन को बढ़ाना" विषय पर चर्चा की, जिसमें भारत के विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुँचने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए नए विनियमों की निगरानी और समायोजन, अनुपालन सुनिश्चित करने और जोखिम को कम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा, ''डिजिटल प्रौद्योगिकी के विकास के कारण अब जनरल काउंसल को डेटा गोपनीयता, साइबर सुरक्षा और बौद्धिक संपदा से संबंधित कानूनी मामलों से निपटना पड़ता है। व्यवसायों पर नैतिक और टिकाऊ प्रथाओं को लागू करने का दबाव बढ़ रहा है''।  उन्होंने मुकदमेबाजी और विवाद समाधान के परिदृश्य पर जोर दिया जो मध्यस्थता और मध्यस्थता जैसे वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) तरीकों पर अधिक ध्यान देने के साथ विकसित हो रहा है। सामान्य परामर्शदाताओं को इन प्रक्रियाओं के प्रबंधन में निपुण होना चाहिए।   डॉ. रीता वशिष्ठ सदस्य सचिव विधि आयोग ने अपने अतिथि संबोधन में कहा कि वाणिज्यिक कानूनों में सुधार करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे देश के आर्थिक विकास में सहायक हों। विधि आयोग का उद्योग के साथ सहयोग परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 पर अपनी 11वीं रिपोर्ट में अच्छी तरह से परिलक्षित होता है, जिसमें आयोग द्वारा अपनी सिफारिशें करने से पहले विभिन्न वाणिज्यिक निकायों, वाणिज्य मंडलों और उद्योग संघों की राय मांगी गई और उन पर विचार किया गया।   उद्योग और आयोग के बीच ऐसा सहयोग वर्षों से जारी है। अपने विशेष संबोधन में भारत के पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि जैसे-जैसे कंपनियाँ वैश्विक स्तर पर फैलती हैं, सामान्य परामर्शदाताओं को जटिल अंतर्राष्ट्रीय कानूनों, व्यापार विनियमों और सीमा पार लेनदेन को समझना चाहिए। इसके लिए विभिन्न कानूनी प्रणालियों और संस्कृतियों की गहरी समझ की आवश्यकता होती है। एआई और अन्य कानूनी तकनीकों को अपनाने से कानूनी पेशे में बदलाव आ रहा है। सामान्य परामर्शदाताओं को अनुबंध प्रबंधन, अनुपालन, कानूनी शोध और अधिक कुशल सेवा वितरण के लिए इन उपकरणों का लाभ उठाना चाहिए। सेंट्रम लीगल के मैनेजिंग पार्टनर हितेंद्र मेहता ने उद्घाटन भाषण देते हुए बताया कि कॉरपोरेट्स और स्टेकहोल्डर्स ट्रस्ट में अनुपालन प्रबंधन व्यवसायिक संस्थाओं की मदद करने में कुशल है।   उन्होंने कहा कि एआई और अन्य कानूनी तकनीकों को अपनाने से कानूनी पेशे में बदलाव आ रहा है। जनरल काउंसल की भूमिका बहुआयामी है क्योंकि संबंधित व्यक्ति यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी सभी प्रासंगिक कानूनों और विनियमों का अनुपालन करती है। इसमें कानूनी परिवर्तनों पर अपडेट रहना और अनुपालन आवश्यकताओं पर बोर्ड और प्रबंधन को सलाह देना शामिल है। संकट प्रबंधन के बारे में बताते हुए, वेंकेट राव सदस्य, एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑन लीगल अफेयर्स एंड रेगुलेटरी रिफॉर्म्स और संस्थापक और प्रबंध भागीदार, इंटिग्रेट लॉ ऑफिस ने कहा कि जी.सी. को मुकदमेबाजी, नियामक जांच और अन्य महत्वपूर्ण कानूनी चुनौतियों जैसे संकटों के दौरान कानूनी प्रतिक्रिया का नेतृत्व करना चाहिए।   जनरल काउंसल इन स्थितियों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए बाहरी कानूनी परामर्शदाताओं और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करता है। राजिंदर कुमार सह-अध्यक्ष, एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑन लीगल अफेयर्स एंड रेगुलेटरी रिफॉर्म्स ने जोर देकर कहा कि जी.सी. कॉरपोरेट गवर्नेंस में बदलाव और स्थिरता के लिए उत्प्रेरक है। उन्होंने शासन ढांचे को मजबूत, कानूनी रूप से अनुपालनीय तथा इसके रणनीतिक उद्देश्यों के अनुरूप बनाने पर जोर दिया।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 17, 2024

भारत सभी आवश्यक राष्ट्रीय शक्तियों का विकास करेगा :डॉ. एस. जयशंकर

नई दिल्ली, 17 मई 2024  (यूटीएन)। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, “हमारा दृढ़ विश्वास है कि भारत सभी आवश्यक राष्ट्रीय शक्तियों का विकास करेगा जो आने वाले समय में इसे एक अग्रणी शक्ति बनाएगी”। मंत्री ने कहा कि यह दृष्टिकोण भारत के लोगों की रचनात्मकता और महत्वाकांक्षा की सराहना करता है और इसे आगे बढ़ाने के अवसरों का वादा करता है। डॉ. जयशंकर ने कहा, “वैश्विक स्तर पर भारत के विकास का एक प्रमुख स्रोत होने, आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक मूल्यवान अतिरिक्त और प्रतिभा का एक महत्वपूर्ण पूल होने के बारे में व्यापक सहमति है”। वे आज नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन 2024 के विशेष पूर्ण सत्र में बोल रहे थे, जिसका विषय था ‘भविष्य का जिम्मेदारी से सह-निर्माण: व्यवसाय की भूमिका’। कोविड-19 महामारी के बाद से भारत और दुनिया के सामने आने वाली कई वैश्विक चुनौतियों पर बोलते हुए, डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत ने व्यापक सुधारों और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान देने के साथ पूंजीगत खर्च पर तीव्र ध्यान देने की मदद से मजबूत विकास देखा है। उन्होंने कहा कि इसमें भारत को आत्मनिर्भर बनाना, व्यापार करने में आसानी के सुधार, बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रम, व्यापार वृद्धि के लिए अनुकूल माहौल और स्टार्ट-अप संस्कृति आदि शामिल हैं। दुनिया के सामने आज की कुछ भू-राजनीतिक वास्तविकताओं पर प्रकाश डालते हुए - जिसमें रूस-यूक्रेन संघर्ष, ईरान-इज़राइल संघर्ष का बढ़ना जो संभावित रूप से मध्य पूर्व तक फैल सकता है, ईंधन, खाद्य और उर्वरक के तीन एफ संकट आदि शामिल हैं, डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत का प्रयास इन संकटों के प्रभावों को कम करना होगा, जबकि दुनिया को स्थिर करना जारी रखना होगा। उन्होंने कहा कि यह 'भारत पहले' और 'वसुधैव कुटुम्बकम' का विवेकपूर्ण संयोजन है जो भारत की छवि को "विश्व बंधु" के रूप में परिभाषित करता है। डॉ. जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल में भारत के सामने तीन महत्वपूर्ण चुनौतियाँ हैं - रोज़गार, खास तौर पर एमएसएमई, तकनीक और राष्ट्रीय सुरक्षा। उन्होंने कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएँ, एमएसएमई के लिए वित्तीय सहायता, विनियामक बाधाओं को दूर करना, व्यवसायों के लिए अनुकूल माहौल बनाना और विनिर्माण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जैसी नीतियाँ और पहल भारत सरकार द्वारा लगातार की जा रही हैं, जिससे भारत को 2047 तक 'विकसित भारत' या विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल करने में मदद मिलेगी। डॉ. जयशंकर ने जोर देकर कहा कि सुधारों पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने के लिए उद्योग के समर्थन की आवश्यकता है।  भारत के बाहरी जुड़ाव प्रयासों के बारे में विस्तार से बताते हुए, डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत के निर्यात संवर्धन प्रयास मजबूत साझेदारी निर्माण के साथ जारी रहेंगे, लेकिन वर्तमान समय में व्यापार-सामान्य से कहीं अधिक की आवश्यकता है जहाँ 'विश्वास' और 'विश्वसनीयता' महत्वपूर्ण कारक बन जाएँगे। ये आपूर्ति स्रोतों को जोखिम मुक्त करने और संवेदनशील, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने के क्षेत्रों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण होंगे। मंत्री ने कहा कि भारत की आर्थिक प्राथमिकताओं को रणनीतिक हितों के साथ जोड़ना महत्वपूर्ण है, चाहे वह नए बाजारों, प्रौद्योगिकी, निवेश शिक्षा और पर्यटन तक पहुंच के मामले में हो। उन्होंने भारत के लिए लॉजिस्टिक कॉरिडोर बनाने के महत्व पर भी जोर दिया क्योंकि दुनिया भर में नए उत्पादन और उपभोग केंद्र उभर रहे हैं, साथ ही घर पर कौशल के पैमाने और गुणवत्ता का विस्तार करने की आवश्यकता है, क्योंकि एक नया वैश्विक कार्यबल उभर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इसका लक्ष्य भारत को नवाचार, अनुसंधान और डिजाइन का केंद्र बनाना है। सीआईआई के अध्यक्ष श्री आर दिनेश ने कहा कि "विश्वास आधारित साझेदारी को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीयकरण और वैश्वीकरण उद्योग के लिए शीर्ष प्राथमिकताएं बनी रहेंगी"। सत्र में बोलते हुए, सीआईआई के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि विश्वास का निर्माण सीआईआई के लिए इस वर्ष से अगले वर्ष तक शीर्ष प्राथमिकता बनी रहेगी, साथ ही रणनीतिक साझेदारी बनाने और विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।  विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 17, 2024

सरकार-उद्योग भागीदारी के माध्यम से राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर अवसरों का लाभ उठाएँ :निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली, 17 मई 2024  (यूटीएन)। सरकार 2047 तक विकसित देश के रूप में उभरने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक विजयी छलांग लगाने के लिए निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करने की ओर देख रही है। केंद्रीय वित्त और मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसे साकार करने में निजी क्षेत्र की बड़ी भूमिका है और सरकार इस प्रक्रिया में एक सुविधाकर्ता और सक्षमकर्ता की भूमिका निभाएगी। वह आज नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन 2024 में बोल रही थीं, जिसका विषय था ‘भविष्य का जिम्मेदारी से सह-निर्माण: व्यवसाय की भूमिका’। नए भारत के लिए दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि देश विकास के लिए अपार अवसर प्रस्तुत करता है जो अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों तक फैला हुआ है। एक बात यह है कि भारत की विकास कहानी सम्मोहक है और देश वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा, एक ऐसी विशेषता जिसे आईएमएफ और एसएंडपी जैसी वैश्विक एजेंसियों ने भी मान्यता दी है और पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि बड़े उपभोक्ता बाजार, जिसके 2031 तक दोगुना होने की उम्मीद है, उपभोग व्यय में वृद्धि और वित्तीय सेवाओं पर व्यय में लगातार वृद्धि यह सुनिश्चित करेगी कि देश भविष्य में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।   इस विषय पर आगे विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि आरबीआई और आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत अतीत की दोहरी बैलेंस शीट की समस्या से निकलकर दोहरी बैलेंस शीट के लाभ की ओर बढ़ गया है, जिससे बाजार में जीवंतता आई है, जिससे एक तरफ कॉरपोरेट द्वारा निवेश विस्तार को बढ़ावा मिला है और दूसरी तरफ बैंकों की ऋण देने की इच्छा और क्षमता बढ़ी है। दूसरे, जनसांख्यिकीय लाभांश अगले 30 वर्षों तक देश के पास रहेगा और निर्भरता का स्तर ऐतिहासिक रूप से निम्न स्तर पर है। जब इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से कौशल विकास के साथ पूरक बनाया जाता है, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बड़ा डेटा आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं, तो यह समृद्धि लाने और उपभोक्ता मांग बढ़ाने का एक निश्चित उपाय है। तीसरा, हरित ऊर्जा और संधारणीय भविष्य की ओर भारत का संक्रमण निश्चित रूप से नए बाजार और नई मांग पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ-साथ हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया को बढ़ावा देने से युवाओं को रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर मिलेंगे।   वित्त मंत्री ने विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता का भी उल्लेख किया और अधिक परिष्कार और बेहतर उत्पादकता का आह्वान किया। सरकार भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनने के लिए सहायक नीतियां प्रदान करेगी। भारत शीर्ष निवेश स्थलों में से एक है और वैश्विक निवेशकों का लाभ उठाने के लिए एक लाभप्रद स्थिति में है जो चीन प्लस वन नीति के परिणामस्वरूप अपने परिचालन को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। इससे देश को आत्मनिर्भर बनने में भी मदद मिलेगी। पीएलआई योजना ने इस प्रयास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उदाहरण के लिए, पीएलआई योजना ने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्रों को बदल दिया है और स्मार्ट फोन में मूल्यवर्धन में जबरदस्त वृद्धि हुई है, उन्होंने कहा। और सेवाओं के बीच, भारत एक पसंदीदा गंतव्य बना हुआ है, जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्र देश में अपना परिचालन आधारित करते हैं।   वित्त मंत्री के अनुसार, नीतिगत स्थिरता, भ्रष्टाचार मुक्त निर्णय लेना, सुविधाजनक सरकारी नीतियां और मजबूत कानूनी ढांचा भारत को व्यापार के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए मिलकर काम करते हैं। सीआईआई के अध्यक्ष आर. दिनेश ने कई मुद्दों पर बात की, जिन पर सीआईआई ने सरकार के साथ काम किया है, जैसे कि कॉर्पोरेट टैक्स दरों में कमी, कोविड अवधि के दौरान जीएसटी अनुपालन तिथि को आगे बढ़ाना, पूंजीगत व्यय आधारित विकास रणनीति अपनाना, अन्य बातों के अलावा और सीआईआई के सुझावों को ग्रहण करने के लिए वित्त मंत्री की सराहना की, जबकि राजकोषीय घाटे पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा रही है।   उन्होंने कहा कि सीआईआई सरकार के साथ विश्वास आधारित संबंध बनाने की दिशा में काम कर रहा है। सीआईआई के अगले अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा कि उद्योग अपनी सामूहिक जिम्मेदारी के प्रति उत्तरदायी रहा है और भारत की विकास प्राथमिकताओं को पूरा करने और विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए सरकार के साथ अपनी भागीदारी जारी रखने के लिए तत्पर है। आईसीआईसीआई के पूर्व अध्यक्ष और नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट के अध्यक्ष के.वी. कामथ को उद्योग और समाज में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए 2024 के लिए सीआईआई अध्यक्ष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वित्त मंत्री ने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान जमीनी स्तर पर समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली योग्य महिलाओं को महिला अनुकरणीय पुरस्कार प्रदान किया।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 17, 2024

एआरटीओ बागपत ने 37 हजार 648 पुराने वाहनों के पंजीकरण किये निलम्बित

बागपत, 16 मई 2024  (यूटीएन)। पंजीयन एवं सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन बागपत एके सिंह राजपूत ने मोटर गाड़ी अधिनियम 1988 की धारा 53 की उपधारा 1 में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जनपद बागपत में 22 फरवरी 1971 से 30 अप्रैल 2009 तक के पंजीकृत गैर व्यवसायिक वाहनों में 15 वर्ष पुराने पेट्रोल ईधन संचालित 28698 और 10 वर्ष पुराने डीजल इंजन से संचालित 8950 वाहनों का 13 मई 2024 को जारी कार्यालय आदेश-सार्वजनिक सूचना के द्वारा पंजीयन निलम्बित कर दिया।   बताया कि पंजीयन का निलम्बन लगातार छह माह तक रहने की स्थिति में वाहन का पंजीयन, पंजीयन अधिकारी द्वारा निरस्त किया जा सकता है। इच्छुक वाहन स्वामी छह माह के अन्दर पंजीयन अधिकारी के समक्ष प्रत्यावेदन देकर एवं वाहन प्रस्तुत कर पंजीयन निलम्बन को समाप्त करा लें एवं एनजीटी के 20 जुलाई 2016 के आदेश के अनुरूप एनओसी प्राप्त कर अपने वाहन को अन्यत्र ले जा सकते है। अगर वाहन स्वामी ऐसा नही करते है तो समय सीमा के समाप्त होने के पश्चात वाहन का पंजीयन निरस्त कर दिया जायेगा।   बताया कि 18 सितम्बर 2018 और 30 जून 2020 को राष्ट्रीय अखबार में सूचना और कार्यालय सूचना पट के माध्यम से वाहन स्वामियों को सूचित किया गया था कि सूचना प्रकाशन की तिथि से 90 दिनों के अन्दर 15 वर्ष पुराने पेट्रोल और 10 वर्ष पुराने डीजल वाहन को एनसीआर से अन्यत्र ले जाने हेतु पंजीयन नवीनीकरण कराते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र या वाहन का पंजीयन चिन्ह निरस्त कराये जाने के लिए समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर आवेदन पत्र प्रस्तुत करें। 90 दिनों से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बाद 15 वर्ष पुराने 28698 पेट्रोल वाहन और 10 वर्ष पुराने 8950 डीजल वाहन मालिकों की और से कोई आवेदन प्राप्त ना होने की वजह से इन वाहनों का पंजीयन निलम्बित किया गया है।    बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।

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May 16, 2024

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का हुआ निधन

नई दिल्ली, 15 मई 2024 ( यूटीएन )। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली। मिली जानकारी के मुताबिक, उनका पार्थिव शरीर दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया के आवास पर लाया गया है। यहां अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को रखा जाएगा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनका परिवार घर पर ही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका अंतिम संस्कार 16 मई की शाम को किया जा सकता है।  नेपाल के शाही परिवार से था माधवी का नाता........................ माधवी राजे सिंधिया नेपाल के शाही परिवार से नाता रखती थीं। उन्हें किरण राज्य लक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता था। उनके दादा नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं। साल 1966 में ग्वालियर के महाराजा माधवराव सिंधिया से उनकी शादी हुई थी। मिली जानकारी के मुताबिक, माधवी की उम्र 70 साल थी। वह अपने बेटे ज्योतिरादित्य का काफी सपोर्ट करती थीं। ज्योतिरादित्य ने जब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने का फैसला किया था तो माधवी ने उनका सपोर्ट किया था। माधवी के पति और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया का 30 सितंबर 2001 में निधन हो चुका है। इस दौरान माधवी के सक्रिय राजनीति में आने की खबरें उड़ीं लेकिन माधवी ने खुद को राजनीति से दूर ही रखा। ज्योतिरादित्य के बारे में कहा जाता था कि वह अपनी मां माधवी के मार्गदर्शन के बिना कोई फैसला नहीं लेते थे। ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शनी भी माधवी का समय-समय पर मार्गदर्शन लेती थीं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 15, 2024

भारत के स्वास्थ्य देखभाल दृष्टिकोण 2047 को प्राप्त करने के लिए 30 लाख अस्पताल बिस्तरों की जरूरत

नई दिल्ली, 15 मई 2024  (यूटीएन)। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव, अपूर्व चंद्रा ने आज फिक्की-ईवाई रिपोर्ट - 'डिकोडिंग इंडियाज़ हेल्थकेयर लैंडस्केप' जारी की। रिपोर्ट पिछले दशकों में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डालती है, पहुंच, गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ाने के ठोस प्रयासों पर जोर देती है, जिससे सभी के लिए एक स्वस्थ और अधिक समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है। *मुख्य सफलतायें:* *स्वास्थ्य देखभाल व्यय:*  भारत के सकल घरेलू उत्पाद के % के रूप में स्वास्थ्य देखभाल व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो स्वास्थ्य देखभाल निवेश के महत्व की बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है। 2003-04 में 0.9% से शुरू होकर 2014-15 तक बढ़कर 1.2% हो गया, 2022-23 का नवीनतम डेटा सकल घरेलू उत्पाद के 2.1% तक की पर्याप्त वृद्धि दर्शाता है। आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (ओओपीई) में 2013-14 में 64.2% से 2018-19 में 48.2% तक लगातार कमी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और सामर्थ्य में सुधार का संकेत देती है। *स्वास्थ्य संकेतक:* भारत ने शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और नवजात मृत्यु दर जैसे प्रमुख स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। *क्रांतिकारी बदलाव:*  देश में सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे की संख्या में वृद्धि देखी गई है। यह विस्तार आबादी की बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल मांगों को समायोजित करने में महत्वपूर्ण रहा है। नतीजतन, ओपीडी और आईपीडी दोनों में सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों की हिस्सेदारी 2014 से बढ़ी है। पिछले दो दशकों में, मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगभग तीन गुना हो गई है। 2014 के बाद से, मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 5.9% की सीएजीआर से वृद्धि हुई है। पिछले कुछ वर्षों में मेडिकल कॉलेजों और एमबीबीएस सीटों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि भारत में स्वास्थ्य पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एक ठोस प्रयास को दर्शाती है। *हेल्थकेयर कार्यबल का विस्तार:* भारत में हेल्थकेयर पेशेवरों की बढ़ती मांग को देखते हुए मेडिकल कॉलेजों और एमबीबीएस सीटों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इसके अलावा, सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के उपयोग में वृद्धि हुई है, साथ ही पंजीकृत नर्सों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो 2005 में 6,60,801 से बढ़कर 2022 में 13,08,009 हो गई। *फार्मास्युटिकल उद्योग:*  भारत मात्रा के हिसाब से फार्मास्युटिकल उत्पादन में विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है, जो अपनी जेनेरिक दवाओं और कम लागत वाले टीकों के लिए जाना जाता है। देश आवश्यक टीकों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है, जो वैश्विक मांग के एक महत्वपूर्ण हिस्से को पूरा करता है। फिक्की की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग का कुल बाजार आकार 2030 तक 130 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। वैश्विक वैक्सीन उत्पादन और फार्मास्युटिकल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 60% है, जो आयात से 3 गुना अधिक है। बढ़ती चिकित्सा मूल्य यात्रा: भारत चिकित्सा मूल्य यात्रा के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। चिकित्सा और कल्याण पर्यटन के लिए राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप के कार्यान्वयन से भारत आने वाले चिकित्सा पर्यटकों में पर्याप्त वृद्धि हुई है (2012 से 2022 तक चिकित्सा पर्यटकों में 10.8% की वृद्धि)। यह वृद्धि भारत को एक स्वास्थ्य सेवा गंतव्य के रूप में ब्रांड करने और चिकित्सा यात्रियों के लिए पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से की गई पहल की सफलता को रेखांकित करती है.   *डिजिटल स्वास्थ्य क्रांति:* डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, कोविन ऐप, आरोग्य सेतु, ई-संजीवनी और ई-हॉस्पिटल जैसी पहलों ने देश के हर हिस्से में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया है। इन प्रयासों के माध्यम से, डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न हितधारकों के बीच मौजूदा अंतर को प्रभावी ढंग से कम किया गया है। बढ़ती बिस्तर क्षमता: भारत भर के सरकारी अस्पतालों में बिस्तर की क्षमता लगातार 2005 में 4.7 लाख बिस्तरों से बढ़कर 2021 में 8.5 लाख बिस्तरों तक पहुंच गई है।   *भारत के स्वास्थ्य सेवा दृष्टिकोण 2047 को प्राप्त करने के लिए प्रमुख अनिवार्यताएँ:* · प्रति 10,000 जनसंख्या पर 16 डॉक्टरों के मौजूदा वैश्विक औसत को दोगुना करने और विकसित देशों के औसत के करीब पहुंचने के लिए योग्य डॉक्टरों की संख्या 50 लाख से अधिक बढ़ाएं। · विकसित देशों के औसत के करीब पहुंचने के लिए नर्सों की संख्या बढ़ाकर 1.25 से 1.5 करोड़ से अधिक करें · विकसित देशों के औसत के करीब पहुंचने के लिए 30 लाख और अस्पताल बिस्तर जोड़ें · स्वास्थ्य बीमा कवरेज के साथ 100% आबादी का लक्ष्य हासिल करना · भारत के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना · अपनी जेब से होने वाले खर्च में दवा की लागत का हिस्सा कम करना · एबीडीएम हेल्थकेयर पेशेवर की रजिस्ट्री पर स्वास्थ्य पेशेवरों का 100% पंजीकरण प्राप्त करके, डिजिटल रूप से सक्षम स्वास्थ्य सेवा पहुंच में तेजी लाएं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 15, 2024

हरियाणा में बाढ़ आई तो ट्रैक्टर पर गांव-गांव जाकर की थी मदद – दुष्यंत चौटाला

पंचकुला,15 मई 2024  (यूटीएन)। पूर्व डिप्टी सीएम एवं जेजेपी के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि हमने सदैव किसान, कमेरे वर्ग के हित में काम किया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा में जब बाढ़ आई तो, वे गांव दर गांव ट्रैक्टर पर जाकर बाढ़ पीड़ित किसानों और ग्रामीणों से मिले थे। उन्होंने कहा कि जेजेपी की पूर्व गठबंधन सरकार में हिस्सेदारी थी तो इतिहास में पहली बार हरियाणा में बाढ़ घोषित हुई और जान-माल व पशुओं के नुकसान की भरपाई पीड़ितों को मुआवजा देकर की गई। वे बुधवार को अंबाला लोकसभा के दौरे के दौरान जेजेपी उम्मीदवार डॉ किरण पूनिया के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे।    उमड़ी भारी भीड़ को संबोधित करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जेजेपी ने आम लोगों के हकों की लड़ाई लड़ते हुए पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण, बीसीए वर्ग को आठ प्रतिशत हिस्सेदारी, किसानों की समय पर फसल खरीद व उसका भुगतान, राशन डिपुओं में महिलाओं की 33 प्रतिशत हिस्सेदारी, ऑनलाइन फर्द निकालने की सुविधा, 20 हजार किलोमीटर सड़कों का सुधार जैसे अनेक ऐतिहासिक कार्य किए है। दुष्यंत चौटाला ने जेजेपी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे जेजेपी द्वारा कराए गए विकास कार्यों का प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि आज जनता राष्ट्रीय पार्टियों के सांसदों से छुटकारा पाना चाहती है और अपने क्षेत्र की आवाज बुलंद करने के लिए जेजेपी उम्मीदवारों को सांसद बनाकर संसद भेजना चाहती है। दुष्यंत चौटाला ने यह भी कहा कि आज भाजपा और कांग्रेस की स्थिति बहुत खराब है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा पुत्र मोह में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे है और दोगली राजनीति करने वाले भूपेंद्र हुड्डा को जनता वोट की चोट से करारा जवाब देगी।   इससे पहले अम्बाला लोकसभा के पिंजौर में जनसभा संबोधित करते हुए पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस क्षेत्र से जुड़ा एचएमटी ट्रैक्टर की इंडस्ट्री का मुद्दा हो या उत्तर भारत में नई फिल्म सिटी बनाने का विषय हो, उन्होंने सांसद और प्रदेश सरकार का हिस्सा रहते हुए अनेकों बार केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का काम किया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्थानीय सांसद द्वारा पैरवी की कमी के चलते ज्यादा प्रगति नहीं हो पाई।   दुष्यंत चौटाला ने जेजेपी प्रत्याशी डॉ किरण पूनिया के पक्ष में वोट की अपील करते हुए कहा कि अब अम्बाला वासियों के पास सुनहरा अवसर है कि वे अम्बाला के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए मेहनती, शिक्षित और भरोसेमंद सांसद के रूप में डॉ किरण पूनिया को अपना सांसद बनाकर लोकसभा में भेजें।   इस दौरान देवीलाल सरकार में मंत्री रहे किरपा राम पुनिया, पार्षद मयंक लांबा,जजपा हल्का अध्यक्ष कालका सोनू बागवाला, पंचकुला हल्का अध्यक्ष सुशील गर्ग, जिला परिषद प्रतिनिधि गुरचरण अम्बाक, निर्मल नानकपुर, प्रीतम मढ़ावाला,जतिंदर संधू,बलवंत नालाघाट,बलकार ठरवा माम चंद शर्मा,चेयरमैन वीरेंद्र मामल,पार्षद राजेश निषाद,अरविंद जाखड़,क्षितिज पुनिया, नरेंद्र राणा टाबर अजय गौतम,रमेश चौधरी,ओमी चौधरी, गुरबचन पुंज कोटिया,,गुरदेव जट्ट चरनिया, रेखा बाली, रजनी धीमान महेंद्र सिहाग,गुरदेव राणा चरणीय,'''   राजेंद्र लही जिंदर पापलोहा विजय पंचाल,सतविंदर जट्टनमाजरी सुरेंद्र चड्डा सतबीर धनखड़,सतबीर मालिक,अमित सोनकर,राजेंद्र दमदमा,निर्मल दमदमा, जिंदर पापलोहा,दीपक अमरावती,पिंदर हकीमपुर विनोद सरपंच,गुरदेव सरपंच चिकन,रमन सरपंच खड़कुआ,कृष्ण सरपंच केदारपुर,प्रतीक अहलावत,रमेश नंबरदार, हेमराज चौधरी,शुभम पांडे,विनोद रविदास,क्षितिज पुनिया विशंभर पाठक,कांति राम,कृष्ण मैनेजर,यश पाल नन्हा,श्याम लाल नंदपुर अनूप हिमशिखा,पिंकी इशरनगर ओमपाल सरपंच, कशिश शर्मा,ममता,मोहन मुरादनगर,रघुवीर रामपुर,पवन,गुरचरण कंडरवाला,देव राज मांधना,टोनी माजरा जीतू झंडा,मोहित राणा,रिमी टगरा,विनोद सरपंच तुरो अनिल सरपंच जस्सी मोहलिवाला, सोढ़ी पंच लेही देवेश्वरानंद,उपेंद्र दुबे,सहित भारी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद रहे।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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May 15, 2024