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महिलाओं के हार्ट फेलियर प्रबंधन में अग्रणी प्रगति हेडलाइन ऐतिहासिक कार्डियो मेटाबोलिक सम्मेलन

नई दिल्ली, 30 मई 2024  (यूटीएन)। कोविड के बाद के युग में महिलाओं में हार्ट फेलियर के बढ़ते खतरे और अनियंत्रित उच्च रक्तचाप, मोटापे और मधुमेह के उच्च प्रसार से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवा में “कार्डियो रेनो मेटाबोलिक नेविगेशन द्वारा महिलाओं में हार्ट फेलियर के नैदानिक ​​प्रबंधन की संभावनाओं को बढ़ाने” पर प्रकाश डालने वाला ऐतिहासिक कार्डियो मेटाबोलिक सम्मेलन हाल ही में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, दिल्ली में आयोजित किया गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हेल्दी हार्ट सोसाइटी और मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत के सहयोग से सम्मेलन की मेजबानी की।   सम्मेलन में विचार-विमर्श करते हुए, डॉ. एच.के. चोपड़ा, मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार, आईएमए, एनडीबी ने हृदयाघात के प्रभाव को कम करने के लिए संरचित तरीके से शीघ्र निदान और उपचार की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "महिलाओं में चयापचय संबंधी कारणों से संरक्षित इजेक्शन अंश (एचएफपीईएफ) के साथ हृदयाघात होने की अधिक संभावना होती है, जिसके लिए एक विशेष दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। महिलाओं में हृदयाघात को जागरूकता बढ़ाने और समय पर उपचार के माध्यम से काफी हद तक रोका जा सकता है, प्रतिवर्ती किया जा सकता है और प्रबंधित किया जा सकता है।" इस सम्मेलन का उद्देश्य वजन और रक्तचाप प्रबंधन, नमक का सेवन कम करना, नींद को प्राथमिकता देना, धूम्रपान से बचना और तनाव प्रबंधन, व्यायाम, ध्यान, योग और मन लगाकर खाने को शामिल करने सहित हृदय स्वास्थ्य के लिए निवारक रणनीतियों के साथ व्यक्तियों को सशक्त बनाना है।   यह महिलाओं में हृदयाघात के प्रबंधन के लिए नवीन नैदानिक ​​दृष्टिकोणों का भी पता लगाएगा, विशेष रूप से उच्च रक्तचाप, मोटापा और मधुमेह जैसी चयापचय स्थितियों के कारण, और परिणामों को बेहतर बनाने और हृदय से संबंधित मौतों को कम करने के लिए हाल ही में हुई सफलताओं पर चर्चा करेगा। डॉ. चोपड़ा ने हार्ट फेलियर के निदान में इको, एमआरआई और एनटी प्रो बीएनपी जैसी उन्नत तकनीकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया, "डेपाग्लिफ्लोज़िन, एआरएनआई, बीटा ब्लॉकर्स, एमआरए, वेरिसिग्वेट जैसी क्रांतिकारी दवाओं और इंक्लिसिरन और स्टैटिन के साथ पीसीएसके 9 अवरोधकों जैसे नए लिपिड-कम करने वाले एजेंटों के प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता है।    इन दवाओं को हार्ट फेलियर थेरेपी के लिए स्वर्ण मानक माना जाता है। इसलिए, हर अस्पताल में 'हार्ट फेलियर क्लीनिक' की स्थापना और टेलीविजन और समाचार पत्रों के माध्यम से जनता को शिक्षित करने, जागरूकता बढ़ाने और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए 'मिशन हार्ट फेलियर केयर' पहल का प्रस्ताव करना इस गंभीर समस्या को दूर करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।" आईएमए एनडीबी के अध्यक्ष और मैक्स हार्ट एंड वैस्कुलर इंस्टीट्यूट में कैथ लैब्स के प्रमुख डॉ. विवेका कुमार ने ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (टीएवीआई) के प्रभाव पर प्रकाश डाला, जो एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है,   उन्होंने कहा, "टीएवीआई पारंपरिक सर्जरी के लिए अयोग्य गंभीर महाधमनी स्टेनोसिस वाले रोगियों के लिए जीवन रक्षक विकल्प प्रदान करता है, हृदय संबंधी देखभाल को बदलता है और उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है, जो चिकित्सा नवाचार की वैश्विक क्षमता को प्रदर्शित करता है। "आईएमए एनडीबी के सचिव डॉ. राजीव गर्ग कहते हैं, 'गैर-संचारी रोगों को रोकने में जीवनशैली में बदलाव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अतिरिक्त, व्यापक पर्यावरणीय और व्यावसायिक स्वास्थ्य पहल आवश्यक हैं, क्योंकि वे समग्र स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।   सम्मेलन का समापन "महिलाओं के लिए वार्षिक सम्मान समारोह" के साथ हुआ, जिसमें उन्नत चिकित्सा देखभाल में उनके योगदान के लिए 150 से अधिक महिला डॉक्टरों को सम्मानित किया गया। इस सशक्तिकरण इशारे ने महिला चिकित्सा पेशेवरों के महत्वपूर्ण प्रभाव को उजागर किया। वैज्ञानिक विचार-विमर्श में 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Ujjwal Times News

May 30, 2024

मनमोहन सिंह का पत्र: 'लो लेवल भाषा और हेट स्‍पीच मोदी जी आपने पीएम ऑफिस की मर्यादा गिराई

नई दिल्ली, 30 मई 2024  (यूटीएन)। पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण के मतदान से पहले एक तरफ वोटरों से खास अपील की तो दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी पर उनकी भाषा और नीतियों को लेकर जोरदार हमला भी किया. गुरुवार को एक लेटर जारी करते हुए मनमोहन सिंह ने पंजाब की जनता से कई और बातें भी कहीं.   डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा, मेरे प्यारे साथी नागरिकों, भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है. अंतिम चरण के मतदान में, हमारे पास लोकतंत्र और हमारे संविधान को सुरक्षित रखने का एक निरकुंश शासन को खत्म करने का एक अंतिम मौका है. पंजाब और पंजाबी योद्धा हैं. हम अपने बलिदान की भावना के लिए जाने जाते हैं. हमारा सद्भाव, सौहार्द और लोकतांत्रिक व्यवस्था में सहज विश्वास हमारे महान राष्ट्र की रक्षा कर सकता है.   *'पीएम ने काफी असंसदीय भाषा का किया है इस्तेमाल'* अपने लेटर में मनमोहन सिंह ने कहा, "मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चा को बहुत ध्यान से देख रहा हूं. मोदी जी ने काफी घृणास्पद भाषण दिए हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी हैं. मोदी जी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पद की गरिमा और उसके साथ ही प्रधानमंत्री पद की गंभीरता को कम किया है.    इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए इतनी घृणित, असंसदीय और निम्नस्तरीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने मुझे लेकर भी कुछ गलत बयान दिए हैं. मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया. यह भाजपा का विशेष अधिकार और आदत है.   *'10 साल में बीजेपी ने पंजाब को बदनाम किया'* मनमोहन सिंह ने आगे लिखा, पिछले दस साल में भाजपा सरकार ने पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. पंजाब के 750 किसान शहीद हुए हैं. किसान लगातार महीनों तक दिल्ली की सीमाओं पर इंतजार करते रहे. इन पर सरकार ने हमले कराए. किसानों को संसद में आंदोलनजीवी और परजीवी कहा गया.   *किसानों का मुद्दा भी उठाया* मोदी जी ने 2022 तक हमारे किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन उल्टा 10 साल में किसानों की आय कम हो गई है. हमारे खेत परिवारों की बचत को नष्ट कर दिया और उन्हें हाशिये पर छोड़ दिया. इस बार कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में "किसान न्याय" के तहत 5 गारंटी हैं. कांग्रेस ने एमएसपी की कानूनी गारंटी, कृषि के लिए एक स्थिर निर्यात-आयात नीति, ऋण माफी और अन्य कई घोषणाएं की हैं.   *नोटबंदी जैसे फैसलों को बताया गलत* मनमोहन सिंह ने अपने लेटर में मोदी सरकार की नीतियों पर की भी आलोचना की है. उन्होंने लिखा है कि पिछले 10 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था में अकल्पनीय उथल-पुथल देखी गई है. नोटबंदी, गलत तरह से जीएसटी लागू, कोरोना में लॉकडाउन के फैसले ने दयनीय स्थिति उत्पन्न की है. भाजपा सरकार के कार्यकाल में औसत जीडीपी विकास दर 6 फीसदी से कम रही है, जबकि कांग्रेस-यूपीए के कार्यकाल में यह लगभग 8 प्रतिशत थी.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 30, 2024

मैं जेल जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं : अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली, 30 मई 2024  (यूटीएन)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट से अपनी जमानत अवधि एक सप्ताह बढ़ाने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की यह याचिका मंजूर नहीं हुई है। इसके बाद अब गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह 2 जून को जेल जाने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि मैं जेल जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं। देश को बचाने के लिए भगत सिंह फांसी पर चढ़े थे, अगर देश को बचाने के लिए मुझे बार-बार जेल जाना पड़े तो मैं इसके लिए तैयार हूं। केजरीवाल का कहना है कि उन्हें गर्व है कि वह अपने देश को बचाने के लिए जेल जा रहे हैं।   गौरतलब है कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए जमानत दी थी। 1 जून को लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान है। इसके उपरांत अरविंद केजरीवाल को जेल में सरेंडर करना है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निचली अदालत में अपनी नियमित जमानत की अर्जी भी लगाई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि इनके पास मेरे खिलाफ एक भी सबूत नहीं है।   यह कह रहे हैं कि केजरीवाल भ्रष्ट है। लोगों का कहना है कि अगर केजरीवाल भ्रष्ट है तो फिर दुनिया में कोई भी ईमानदार व्यक्ति नहीं है। इन लोगों के पास मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि ये कहते हैं कि 100 करोड़ रुपए की चोरी हुई है। इन्होंने 500 जगह रेड मारी, एक रुपया तक नहीं मिला तो फिर 100 करोड़ रूपया कहां है। खुद प्रधानमंत्री ने कहा है कि कोई रिकवरी नहीं हुई है और वह इसलिए क्योंकि केजरीवाल एक अनुभवी चोर है। जब मेरे खिलाफ कोई सबूत ही नहीं है तो फिर मुझे गिरफ्तार क्यों किया गया है।   केजरीवाल का कहना है कि उन्हें गिरफ्तार इसलिए किया गया है क्योंकि वे जो काम कर रहे हैं, वह काम मोदी जी नहीं कर सकते। मैंने शानदार स्कूल बनवा दिए, दिल्ली और पंजाब में बिजली फ्री करवा दी, मोहल्ला क्लीनिक बनवाए। इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा कि आज इनकी तानाशाही के खिलाफ सबसे बुलंद आवाज हम ही उठा रहे हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 30, 2024

भारत का लीजिंग क्षेत्र तेजी से विकास के लिए तैयार: फिक्की-पीडब्ल्यूसी रिपोर्ट

नई दिल्ली, 29 मई 2024  (यूटीएन)। फिक्की-पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट, जिसका शीर्षक है, 'अवसरों का अनावरण: भारत के लीजिंग परिदृश्य की खोज', इस बात पर प्रकाश डालती है कि लीजिंग निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के लिए विकास को सक्षम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसके अलावा, यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम स्तरों पर महत्वपूर्ण वित्तीय समावेशन को भी सक्षम करेगा। अच्छी गुणवत्ता वाली मशीनरी का लाभ उठाने से उच्च प्राप्तियों में मदद मिलती है, जो उद्योगों को सरकार द्वारा परिकल्पित 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहल के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाने में सक्षम बनाएगी।   एनबीएफसी पर फिक्की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष राजीव सभरवाल ने कहा, "भारत में लीजिंग उद्योग परिवर्तन के मुहाने पर है, जिसे कई कारकों द्वारा आकार दिया जा रहा है जो एक साथ आ रहे हैं। इन कारकों में मूल उपकरण निर्माताओं सहित बाजार में नए खिलाड़ियों का प्रवेश, परिसंपत्ति वर्गों का विविधीकरण और व्यवसायों के लिए वित्तपोषण उपकरण के रूप में पट्टे के लाभों को समझना शामिल है। जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूके और यूएस जैसे कुछ अधिक विकसित बाजारों में देखी गई प्रगति की तुलना में यह उद्योग अभी भी एक नवजात अवस्था में है। इसके विपरीत, यह भी संकेत देता है कि उद्योग में भारतीय बाजार में भी विकास की जबरदस्त संभावना है।   पीडब्ल्यूसी इंडिया के डिजिटल और रणनीति भागीदार सिद्धार्थ दीवान ने कहा, "जैसे-जैसे भारत सतत विकास और आर्थिक लचीलेपन की ओर अपनी यात्रा शुरू कर रहा है, लीजिंग बाजार का महत्व बढ़ गया है। नवाचार को बढ़ावा देने, पूंजी तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने और दक्षता को बढ़ावा देने के द्वारा, लीजिंग देश में आर्थिक विकास और समावेशी विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में उभरती है।   *रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं:* *गिफ्ट सिटी:* गिफ्ट सिटी में शीर्ष-स्तरीय बुनियादी ढाँचा और व्यवसाय-अनुकूल वातावरण ने लीजिंग उद्योग को आगे बढ़ाया है, जिससे वैश्विक और घरेलू दोनों कंपनियाँ लीजिंग परिचालन स्थापित करने के लिए आकर्षित हुई हैं।   *रुझान और अवसर:*   लचीले और लागत प्रभावी समाधानों की मांग में वृद्धि ने लीजिंग सेवाओं में रुचि को बढ़ावा दिया है। कंपनियाँ न्यूनतम अग्रिम लागतों के साथ परिसंपत्तियों तक पहुँच सकती हैं, जिससे उन्हें आवश्यकतानुसार अनुकूलन और उन्नयन करने की अनुमति मिलती है। यह ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण सर्कुलर अर्थव्यवस्था सिद्धांतों के साथ संरेखित है, जो परिसंपत्ति के पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देता है। लीजिंग अब प्रौद्योगिकी, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विविध क्षेत्रों में फैल रही है, जो क्रॉस-इंडस्ट्री सहयोग को बढ़ावा दे रही है। *प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना:*   लीजिंग उद्योग भी डिजिटल परिवर्तन से गुजर रहा है, जो रोबोटिक प्रक्रिया स्वचालन , डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन और एसेट टेलीमैटिक्स जैसी उभरती हुई तकनीकों का लाभ उठा रहा है। ये नवाचार प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करते हैं, जोखिम मूल्यांकन को बढ़ाते हैं, और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाते हैं। ड्रोन और संवर्धित वास्तविकता द्वारा संचालित दूरस्थ संपत्ति निरीक्षणों के साथ, उद्योग दक्षता और बेहतर उपयोगकर्ता संतुष्टि के एक नए युग के लिए तैयार है।   पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण टिकाऊ और हरित लीजिंग में बढ़ती रुचि को बढ़ावा मिल रहा है। पट्टाकर्ता और पट्टाधारक दोनों ही पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को अपना रहे हैं और पट्टा अनुबंधों में पर्यावरणीय प्रावधानों, प्रदर्शन मानकों को शामिल कर रहे हैं, तथा पट्टा उद्योग में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा दे रहे हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 29, 2024

शाहपुर गांव के समीप कबाड़ और एक लकड़ी के गोदाम में भीषण आग लग गई

पिंजौर, 29 मई 2024  (यूटीएन)। आज पिंजौर नालागढ़ नेशनल हाईवे पर पर स्थित दून क्षेत्र के शाहपुर गांव के समीप कबाड़ और एक लकड़ी के गोदाम में भीषण आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी की आसमान पर धुंआ ही धुंआ और आग की लपटें दूर दूर तक दिखाई दे रहे थी। पहली घटना में जानकारी देते हुए मढ़ावाला पुलिस चौकी इंचार्ज मान सिंह ने बताया की सुबह करीब साढ़े 11 बजे पुलिस को सूचना मिली के गांव शाहपुर के पास एक प्लास्टिक और कबाड़ के समान के गोदाम में जो की अच्छर सिंह का था में अज्ञात कारणों से भीषण आग लग गई। जिसमे कबाड़ का पूरा गोदाम उसकी चपेट में आ गया हे। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम तुरान मौके पर पोहोच गई।   इसी के साथ फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बद्दी और कालका से भी मौके पर पोहोच गई। अच्छर ने पुलिस को बताया की आज सुबह जब गोदाम खोला तो सब ठीक था। लेकिन सुबह करीब सवा 11 बजे अचानक गोदाम के अंदर से तेज धुआं और लपटे निकलती नजर आई जैसे ही वो कुछ समझ पाते अचानक ही भीषण आग अचानक पूरे गोदाम में फैल गई। उन्होंने बताया की शुरुवात में अपने वर्करों के साथ सामान निकालने की कोशिश करी परंतु बाद में अंदर घुस पाना भी मुश्किल हो गया। फिलहाल 5 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों द्वारा दोपहर 3 बजे तक भी आग पर पूरी तरह काबू नही पाया गया है। वही आग से लाखो का समान जल कर राख हो गया। वही आग लगने का कारण फिलहाल शॉट सर्किट बताया जा रहा है।      --------- लकड़ी के गोदाम में भी लगी आग -----------    वही दुसरी घटना में गांव मढ़ावाला के पास स्थित एक लकड़ी के गोदाम में दोपहर करीब ढाई बजे भीषण आग लग गई। पुलिस ने बताया की यह लकड़ी का गोदाम के मालिक वेजनाथ गुप्ता है। लकड़ी के गोदाम में लगी आज के कर्म का फिलहाल पता नहीं लग पाया पुलिस ने बताया कि फाइबर गेट को फोन कर दिया गया है उनके अनुसार जहां आग लगी है उसे गोदाम के साथ है एक पेट्रोल पंप है और दूसरी तरफ घर बने हुए हैं पुलिस को आग बुझाने में मिशन कब का सामना करना पड़ रहा है कहीं आज ज्यादा फैल गई तो पेट्रोल पंप और साथ के घरों को भी नुकसान हो सकता है फिलहाल आप पर काबू पाया जा रहा है इस लकड़ी के गोदाममें भी बड़ी मात्रा में नुकसान हो गया है।    हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।    

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May 29, 2024

भारत की मेजर राधिका सेन को किया जाएगा यूएन सैन्य पुरस्कार से सम्मानित

नई दिल्ली, 29 मई 2024  (यूटीएन)। कांगो में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मिशन में सेवा दे चुकी भारतीय महिला शांति रक्षक मेजर राधिका सेन को सैन्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उनकी तारीफ करते हुए उन्हें एक सच्चा और आदर्श नेता बताया। 30 मई को अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस के मौके पर मेजर राधिका सेन को 2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड’ दिया जाएगा। यूएन के महासचिव गुटेरेस उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।    बता दें कि मेजर सेन भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन की कमांडर के तौर पर मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक कांगो गणराज्य के पूर्व में तैनात थीं। वह मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हैं। उनका जन्म 1993 में हुआ था और वह आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुई थीं। मेजर राधिका सेन ने बायोटेक इंजीनियर में स्नातक किया, इसके बाद ही उन्होंने भारतीय सेना में शामिल होने का फैसला किया था।   मेजर सुमन गवानी के बाद 2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड पाने वाली वह दूसरी भारतीय शांति रक्षक हैं। मेजर गवानी ने संयुक्त राष्ट्र के मिशन में सेवा दी थी और उन्हें 2019 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।    गुटेरेस ने मेजर सेन को उनकी सेवा के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, "वह मेजर राधिका सेन एक सच्ची और आदर्श नेता हैं। उनकी सेवा समग्र रूप से संयुक्त राष्ट्र के लिए एक योगदान है।" इस पुरस्कार की घोषणा के बाद मेजर सेन ने कहा, "यह पुरस्कार मेरे लिए खास है क्योंकि यह कांगो गणराज्य के चुनौतीपूर्ण माहौल में काम कर रहे और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपना उत्कृष्ट योगदान दे रहे सभी शांतिरक्षकों की कड़ी मेहनत को पहचान देता है।"बता दें कि वर्तमान समय में भारत यूएन में महिला सैन्य शांति सैनिकों 11वां सबसे बड़ा योगदान देने वाले देशों में से एक है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 29, 2024

स्था मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल की ऊपरी मंजिल में भीषण आग , मरीज, प्रबंधन और स्टाफ की सूझबूझ से मरीज सुरक्षित

बडौत, 27 मई 2024  (यूटीएन)। नगर के आस्था मल्टीस्पेशलिटीढ हॉस्पिटल में लगी भीषण आग  जररूर। आग लगने से अस्पताल में अफरातफरी का बना माहौल।प्रबंधन और स्टाफ की सूझबूझ से आनन फानन में मरीजों को दूसरे अस्पताल में किया गया शिफ्ट। दूसरी ओर आग बुझाने में कम पड़ रही है फायर बिग्रेड की गाड़ियां। फिलहाल मरीजों को सुरक्षित निकाल कर अन्य अस्पताल में भेजा गया है‌   जनपद के सबसे बड़ा अस्पताल आस्था मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में मध्यरात्रि के बाद करीब 4.25 पर अचानक आग लग गई और एकाएक विकराल रूप धारण कर लिया। शुक्र है कि, उठते धुंए और आग का यह मंजर अस्पताल की ऊपरी मंजिल में होने के चलते प्रबंधन और स्टाफ को मरीजों को सुरक्षित निकालकर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई। एहतराम के तौर पर सावधानी बरतते हुए अपने संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए तत्काल फायर स्टेशन को भी सूचना दे दी गई तथा जब तक आग नीचे की मंजिल को अपनी चपेट में लेती, तब तक उसे पूरी तरह खाली भी कर दिया गया था, वरना अस्पताल में बच्चों की नर्सरी केयर की भी व्यवस्था है।    फिलहाल फायर ब्रिगेड की कई गाडियां आग बुझाने के लिए लगी हैं तथा कोई जनहानि की सूचना भी नहीं है। आग लगने के कारणों सहित आग से हुए नुकसान का आकलन भी अभी तक नही हो सका है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 27, 2024

बेबी केयर हॉस्पिटल में कल देर रात लगी भीषण आग, 7 बच्चों की मौत

नई दिल्ली, 26 मई 2024  (यूटीएन)। दिल्ली के विवेक विहार इलाके से बीती रात दिल दहला देने वाली खबर आई. जहां एक बेबी केयर सेंटर में आग लगने से 7 बच्चों की मौत हो गई और कुछ बच्चों को किसी तरह बचा लिया गया. बताया जा रहा है कि ये आग वहां पर रखे ऑक्सीजन सिलेंडर में हुए ब्लास्ट की वजह से बढ़ी. चश्मदीदों और अस्पताल के आस-पास रहने वाले लोगों के मुताबिक घटनास्थल पर एक के बाद एक करीब 6 धमाके हुए. जिसके कारण आस-पास के घर में भी आग फैल गई. दिल्ली फायर विभाग के मुताबिक 120 गज की बिल्डिंग में था केयर सेंटर. इसके 1st फ्लोर से 12 बच्चों को रेस्कयू कराया गया था. अस्पताल में 7 बच्चों ने दम तोड़ दिया 5 भर्ती हैं, उनका इलाज चल रहा है.    *अस्पताल बना बच्चों का काल* दिल्ली पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के मुबाबिक बीती रात करीब 11.30 बजे विवेक विहार थाने में आग लगने के संबंध में पीसीआर कॉल मिली. मौके पर पुलिस पहुंची तो सी-54, विवेक विहार स्थित बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल और उसके आसपास की इमारत में भीषण आग लगी थी. थोड़ी देर में थाना प्रभारी और एटीओ विवेक विहार और एसीपी विवेक विहार भी मौके पर पहुंचे. अस्पताल मालिक नवीन चींचीं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है. वो अभी फरार है. चींची की लोकेशन जयपुर में मिली है.   पुलिस की एक टीम वहां जा रही है. दिल्ली पुलिस ने बेबी केअर न्यू बॉर्न हॉस्पिटल के मालिक नवीन चींचीं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, आईपीसी की धारा 336, 304A और 34 में एफआईआर दर्ज की गई है. फायर की एनओसी हॉस्पिटल के पास थी या नहीं उसकी जांच की जा रही है.   *चश्मदीदों और पड़ोसियों ने खोली पोल पट्टी* बच्चों का रेस्क्यू करने में हाथ बटाने वाले लोगों में से एक जितेंद्र शंटी ने पत्रकारों को बताया कि ये हादसा क्यों और कैसे हुआ. चश्मदीदों ने बताया कि 125 गज पर बने इस अस्पताल में कई खामियां थीं. इसे बनाने में भी नियमों का उल्लंघन हुआ. मौके पर मौजूद लोगों ने यह भी कहा कि भला 125 गज में कौन सा अस्पताल बनता है? स्थानीय लोगों का कहना है कि ये कोई बेबी केयर सेंटर नहीं बल्कि ऑक्सीजन सिलेंडर का गोदाम था. यहां पर बड़ी संख्या में सिलेंडर आते थे और रिफिल भी किए जाते थे.   ऐसे में इस लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा? यानी अस्पताल परिसर में ही बड़े सिलेंडरों से छोटे-छोटे सिलेंडरों में गैस भरी जाती थी. रोजाना एक गाड़ी आती थी और उससे सिलेंडर उतरते थे. कहीं कोई रोक-टोक नहीं थी. इसी तरह कई लोगों ने छोटे से अस्पताल में इतने बड़े पैमाने पर सिलेंडर स्टोर करने पर भी सवाल उठाए.   उन्होंने रविवार सुबह अस्पताल के बाहर से पूरा इलाका दिखाते हुए, मौके पर पड़े ऑक्सीजन सिलेंडर दिखाते हुए अस्पताल परिसर में चल रही गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने ये भी बताया कि हादसे के बाद अस्पताल के पिछली साइड से बच्चों को रेस्क्यू किया गया. क्योंकि आग वहां तक नहीं फैली थी. उसी दौरान अस्पताल में कई अन्य लापरवाही देखने को मिली.   *भर्ती थे कई नवजात* बच्चों के इस अस्पताल में कई नवजात शिशु भर्ती थे. इस जानलेवा लापरवाही से हुई दुर्घटना में कुछ नवजात शिशुओं को अन्य लोगों की मदद से बेबी केयर यानी अस्पताल परिसर से बचाया गया. फौरन सभी को बेहतर इलाज के लिए विवेक विहार स्थित एडवांस  अस्पताल ले जाया गया.    इसी बीच दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची जिसके कुछ समय बाद आग पर काबू पा लिया गया. बताया जा रहा है कि एक बच्चे की मौत आग लगने से पहले हो गई थी. इस तरह कुल 7 बच्चों को मृत घोषित किया गया. सभी 7 शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेजा गया.   *राष्ट्रपति ने जताया शोक* राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए अफसोस जताया है. उन्होंने अपने एक्स अकाउटं पर लिखा- 'विवेक विहार, दिल्ली के एक अस्पताल में आग लगने से अनेक बच्चों की मृत्यु का समाचार हृदय विदारक है. ईश्वर शोक संतप्त माता-पिता एवं परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें. मैं इस घटना में घायल हुए अन्य बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मंत्री सौरभ भारद्वाज समेत कई नेताओं ने इस दुर्घटना में मारे गए बच्चों के परिजनों से संवेदना जताई है. सभी ने दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का भरोसा दिलाया है. अस्पताल से सटी एक बिल्डिंग तक भी आग की लपटें गई थीं पर वहां कोई अनहोनी नहीं हुई. कुल 16 दमकल गाड़ी मौके पर पहुंची थीं. रात 23.32 में आग लगी थी करीब 50 मिनट में आग पर काबू पा लिया था    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 26, 2024

कोविड के नए वैरिएंट को लेकर रैंडम सैंपल सर्वे का आदेश जारी

नई दिल्ली, 26 मई 2024  (यूटीएन)। कोविड के जिस नए स्वरूप के सिंगापुर समेत दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में मामले सामने आए हैं, उसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई है। इसके आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में देश में मिले ऐसे मामलों के बाद कई महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश और आदेश जारी किए हैं। फिलहाल अब देश के अलग-अलग राज्यों में एक सप्ताह तक रेंडम सैंपल लेकर सर्वे किया जाएगा। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड का यह बदला स्वरूप, न तो खतरनाक है और ना ही चिंता की बात है।   फिलहाल जून के दूसरे हफ्ते में रेंडम सैंपल सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में कोविड के बदले स्वरूप से प्रभावित हुए मरीज और राज्यों की पूरी जानकारी महत्वपूर्ण बैठक में रखी गई। जानकारी के मुताबिक, केपी.1 और केपी.2 के तकरीबन सवा तीन सौ मामलों की जानकारी सामने आई है। इसमें केपी.1 के 34 मामले देश के अलग-अलग राज्यों में पाए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 23 मामले पश्चिम बंगाल में मिले हैं। जबकि महाराष्ट्र में इस वैरिएंट के चार मामले सामने  आए हैं।   इसी तरह गुजरात और राजस्थान में भी दो-दो मरीज मिले हैं। जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक गोवा और हरियाणा समेत उत्तराखंड में भी एक-एक मरीज इसी नए वैरिएंट का मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक़ अब तक देश में केपी.2 के तकरीबन 290 मामलों की जानकारी मिली है। जिसमें महाराष्ट्र से 148 मामले शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में 36,  राजस्थान में 21, गुजरात में 23, उत्तराखंड में 16, गोवा में 12, ओडिशा में 17, उत्तर प्रदेश में 8 और कर्नाटक में 4 समेत हरियाणा में 3, मध्यप्रदेश और दिल्ली में एक एक  मामला मिला है। देश के अलग-अलग राज्यों में नए वैरिएंट और सब वैरिएंट के मामलों पर नजर रखने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रेंडम सैंपल सर्वे के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक जिन राज्यों में ऐसे मामले सामने आए हैं वहां पर सघन निगरानी के साथ-साथ अगले दो सप्ताह तक सैंपलिंग करने को कहा गया है।   केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि हालांकि यह मामले बिल्कुल खतरनाक नहीं है बावजूद इसके केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय प्रत्येक गतिविधि पर करीब से नजर बनाए हुए है। कोविड मामलों पर नजर रखने वाली कमेटी से जुड़े डॉक्टर एनके अरोड़ा कहते हैं कि पहली बात तो यही है कि जो मामले सामने आ रहे हैं वह बिल्कुल सामान्य है। यानी कि कोविड के बदले स्वरूप की न तो कोई भयावहता है और न ही उससे कोई डरने की आवश्यकता है।   डॉ अरोड़ा कहते हैं कि फिर भी देश के अलग-अलग हिस्सों में मिल रहे मामलों को संज्ञान में लेकर रेंडम सैंपल सर्वे के आदेश दिए जा चुके हैं। वह कहते हैं कि जिन इलाकों में यह मामले आए हैं, वहां पर सघनता से मॉनिटरिंग की जा रही है। उनका कहना है क्योंकि इनमें से कई मामले काफी पहले के हैं और सभी लोग स्वस्थ हैं। ऐसे मामलों में देखा यही जा रहा है कि क्या किसी को अस्पताल में दाखिल होने की आवश्यकता पड़ रही है या नहीं। डॉक्टर एनके अरोड़ा कहते हैं कि किसी भी मरीज को किसी तरह से अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। इसलिए इस वैरिएंट से बिल्कुल घबराने की आवश्यकता नहीं है।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 26, 2024

बिजली विभाग: हटाए गए लाइनमैनों को फिर से ड्यूटी पर लेने के नाम पर अवैध वसूली का आरोप

बड़ौत, 26 मई 2024  (यूटीएन)। एक तरफ जनपद में बिजली संकट गहराया हुआ है और लोग सड़कों पर उतरकर बिजली विभाग के खिलाफ हंगामा-प्रदर्शन करने में लगे हैं, वहीं बिजली विभाग के अधिकारी, बिजली आपूर्ति को दुरस्त करने की बजाए लाइनमैनों को हटाने व लगाने की कार्रवाई में जुटे हैं।    आरोप है कि, शिकायतों के बाद हटाएं गए छह लाइनमैनों मेें से दो लाइनमैनों से मोटी रकम वसूलकर फिर से ड्यूटी पर बुला लिया गया है। बता दें कि, मुख्य शिकायत केंद्र पर तैनात अवर अभियंता गुलशन कन्नौजिया ने कुछ महीने पहले छह संविदा कर्मियों को उपभोक्ताओं से अवैध वसूली करने, ड्यूटी में लापरवाही व अनियमितता बरतने पर हटा दिया था।   अब फिर से उन 6 में से ही 2 लाइनमैनों को ड्यूटी पर रख लिया गया है।इस संबंध में उपभोक्ता बबलू मलिक, सोनू तोमर, हिमांशु, योगेश तोमर, विकास आदि का आरोप है कि, विभागीय अधिकारियों का बिजली आपूर्ति पर कोई ध्यान के बदले संविदा कार्मिको की नियुक्ति और निष्कासन में ध्यान ज्यादा है।    आरोप है कि,पहले लाइनमैनों को हटाया जाता है और फिर मोटी रकम वसूलकर ड्यूटी पर लगा दिया जाता है। पूरे शहर में इस समय बिजली संकट गहराया हुआ है। स्थानीय अधिकारी बिजली आपूर्ति को दुरस्त करने की बजाएं इस कार्रवाई में जुटे हैं। उन्होंने डीएम से मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई की मांग की है।    उधर इस संबंध में अवर अभियंता गुलशन कन्नौजिया ने बताया कि, उपभोक्ताओं से अवैध वसूली करने, ड्यूटी में लापरवाही करने व अन्य कारणों पर 6 लाइनमैनों को मेरे द्वारा हटाया गया था। अब फिर से बिना मेरी सहमति के 2 लाइनमैन ड्यूटी पर बुलाए गए हैं। यह किसका आदेश है, उनकी जानकारी में नहीं है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 26, 2024