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गृह मंत्रालय में हुई बड़ी बैठक, वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा से मुक्त हुई एनएसजी तो सीआरपीएफ को मिली बड़ी जिम्मेदारी

नई दिल्ली, 31 मई 2024  (यूटीएन)। देश में अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नया खाका खींचा जा रहा है। इस बाबत बुधवार को नॉर्थ ब्लॉक में एक अहम बैठक हुई। कई घंटे तक चली इस बैठक में सीआरपीएफ डीजी अनीश दयाल सिंह, एनएसजी के डीजी नलिन प्रभात और आईबी से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, संसद की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप 'पीडीजी' को हटाए जाने के बाद अब वीवीआईपी सुरक्षा घेरे में बड़ा बदलाव किया जाएगा।   जो नई व्यवस्था तैयार हो रही है, उसमें एनएसजी को वीआईपी सुरक्षा से पूरी तरह हटा लिया जाएगा। एनएसजी की वीआईपी सिक्योरिटी यूनिट, स्पेशल रेंजर ग्रुप (एसआरजी) की ड्यूटी, पूरी तरह से सीआरपीएफ की वीआईपी सिक्योरिटी इकाई को सौंप दी जाएगी। सूत्रों ने बताया, गृह मंत्रालय में हुई बैठक में कई बातों पर विचार हुआ है। सीआरपीएफ के अलावा दूसरे ऐसे केंद्रीय बल, जो वीआईपी सुरक्षा में तैनात हैं, उन्हें लेकर भी एक संयुक्त पॉलिसी तैयार करने पर चर्चा हुई है। अभी तक वीआईपी सुरक्षा में ज्यादातर एनएसजी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ व आईटीबीपी के जवान तैनात रहते हैं। प्रधानमंत्री की सुरक्षा का दायित्व 'एसपीजी' के कंधों पर है। एसपीजी में अधिकांश जवान, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों से आते हैं।   पांच वर्ष पहले कई अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप 'एसपीजी' के पास थी, उनकी सुरक्षा भी सीआरपीएफ को सौंपी गई थी। अब राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) से वीआईपी सुरक्षा की जिम्मेदारी वापस ली जा रही है। अब सीआरपीएफ के पीडीजी दस्ते का दायरा बढ़ाया जा सकता है। वजह, संसद की ड्यूटी से अब पीडीजी को मुक्त कर दिया गया है। एनएसजी की वीआईपी सिक्योरिटी यूनिट, स्पेशल रेंजर ग्रुप (एसआरजी) की ड्यूटी, पूरी तरह से सीआरपीएफ की वीआईपी सिक्योरिटी इकाई को सौंप दी जाएगी।   एनएसजी को उसके मूल काम यानी आतंकवाद विरोधी और अपहरण रोधी अभियानों का विशिष्ट दायित्व सौंपा जाएगा। एनएसजी अपने मूल चार्टर और उच्च जोखिम वाले वीआईपी की सुरक्षा के कार्य पर ध्यान केंद्रित करेगी। अमित शाह द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद इस प्रपोजल पर विचार शुरू हुआ था कि एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो को वीवीआईपी सुरक्षा से मुक्त कर दिया जाए। जिन वीवीआईपी की सुरक्षा, एनएसजी को सौंपी गई थी, उसे केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के हवाले कर दिया जाए।   पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप की ट्रेनिंग एवं उपकरणों पर बहुत पैसा खर्च हुआ है। पीडीजी एक स्पेशल फोर्स रही है। ऐसे में अब इस फोर्स को क्या जिम्मेदारी दी जाए। यह तय हुआ कि पीडीजी को वीआईपी सुरक्षा में तैनात किया जाए। सीआरपीएफ के पास, तो पहले से ही अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा के लिए एक खास विंग है। इस प्रस्ताव के साथ ही कई वर्षों से फाइलों में चल रहा 'एनएसजी' का मसला भी आगे बढ़ गया। इस बाबत कई माह पहले एक अहम बैठक हो चुकी है। उसमें आईबी चीफ, सीआरपीएफ डीजी और एनएसजी डीजी मौजूद रहे थे।   सूत्रों के अनुसार, नॉर्थ ब्लॉक में हुई बैठक में इस बात पर चर्चा हुई है कि एनएसजी सुरक्षा प्राप्त लोगों की हिफाजत का काम अब सीआरपीएफ को सौंप दिया जाए। पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद, बसपा प्रमुख मायावती, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू व छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के पास एनएसजी सुरक्षा है।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 31, 2024

ईवीएम,के 228 व पोस्टल बैलेट ईटीपीबीएस के 98 मतगणना कार्मिकों को दिया गया प्रशिक्षण

बागपत,31 मई 2024  (यूटीएन)। लोक सभा चुनाव के अंतिम कार्यक्रम 4 जून को होने वाली मतगणना को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराए जाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। बागपत संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में समाविष्ट छपरौली, बडौत व बागपत विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतगणना 4 जून को प्रातः 8 बजे से खेकड़ा के लखमीचन्द पटवारी कालिज ऑफ एजुकेशन में प्रारम्भ कराई जाएगी ,जिसके क्रम में आज जिला मजिस्ट्रेट व जिला निर्वाचन अधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट लोकमंच पर 228 मतगणना कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान मतगणना ऑब्जर्वर ,मतगणना सहायक , मतगणना सुपरवाइजर ने प्रशिक्षण लिया।   जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतगणना कार्मिकों को मतगणना स्थल लख्मीचंद पटवारी डिग्री कॉलेज खेकड़ा में प्रातः 6:00 बजे पहुंचने के साथ ही अपने पहचान पत्र अवश्य बनवा लेने के निर्देश दिए, जिससे किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो। उन्होंने कहा, मतगणना करने के लिए एक हॉल में 14 टेबल लगाए जाएंगे इसके अतिरिक्त एक एआरओ की टेबल होगी । मतगणना से संबंधित किसी भी मतगणना कार्मिक को किसी तरह का कोई प्रश्न मन में हो, तो निसंकोच अवश्य पूछ ले, जिससे कि मतगणना वाले दिन आपको किसी भी तरह की समस्या से जूझना ना पड़े। बताया कि, मतगणना कार्मिकों के लिए संपूर्ण व्यवस्थाएं की गई हैं । मतगणना स्थल पर एक मीडिया सेंटर कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जहाँ मीडिया को प्रत्येक चक्र की सूचना से अपडेट किया जाएगा।   सुपर मास्टर ट्रेनर डॉ सत्यवीर सिंह प्रधानाचार्य नेहरू इंटर कॉलेज पिलाना ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मतगणना कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया, जिसमें उन्हें ईवीएम, पोस्टल बैलेट के साथ ही ईटीपीबीएस की मतगणना के बारे में विस्तार पूर्वक प्रशिक्षण प्रदान किया।इस दौरान ईवीएम के 228 मतगणना कार्मिक व पोस्टल बैलेट के 98 मतगणना कार्मिक ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। एडीएम ने बताया डाक मत पत्रों की मतगणना सबसे पहले शुरू की जाएगी एवं 30 मिनट के पश्चात ईवीएम में प्राप्त मतों की गणना प्रारंभ की जाएगी। ईवीएम में पड़े वोटो का मिलान 17 ग के भाग 1से किया जाएगा।    जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि  ईवीएम एवं पोस्टल बैलेट आदि का प्रशिक्षण पूर्ण मनोयोग से प्राप्त कर लें  ताकि मतगणना के दिन किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि, मतगणना संबंधी उपलब्ध कराए गए प्रारूप के समस्त कॉलम स्पष्ट शब्दों में साफ-साफ भरे जाएं, मतगणना सामग्री को चेक कर लें ,यदि कोई कमी हो तो पूर्ण कर लेंं। प्रदर्शित होने वाले रिजल्ट को इस प्रकार से खड़े होकर दिखाएंगे कि, उपस्थिति मतगणना एजेंट अच्छी तरह से देख व नोट कर सकें, मतगणना पर्यवेक्षक द्वारा बोलकर भी टेबल का रिजल्ट बताया जाएगा। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व पंकज वर्मा ,अपर जिलाधिकारी सुभाष सिंह ,मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव समस्त एसडीएम आदि उपस्थित रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |    

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May 31, 2024

भीषण गर्मी में हुई बड़ी घटनाओं के बावजूद रोड पर खुलेआम रख बिक रहा पेट्रोल और डीजल

छपरौली, 31 मई 2024  (यूटीएन)। हर ग्रामीण क्षेत्र के लिंक मार्ग पर बाइक अथवा चार पहिया वाहन से जा रहे हैं और रास्ते में कहीं भी किसी भी समय वाहन का ईंधन खत्म हो जाता है ,तो चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है‌ ,चंद कदम चलने के बाद ही आपको डीजल व पेट्रोल मिल जाएगा। वह भी जितना आप चाहो । आपकी इच्छा अनुसार उतना ही मिल जाएगा। जी हां कस्बे व  ग्रामीण क्षेत्रों में जगह जगह घर व दुकानो पर अवैध पेट्रोल पंप संचालित हैं।   चाय और किराने की छोटी-छोटी गुमटियों के बाहर प्लास्टिक की बोतल लटकी व रखखी हुई यह लाल, नीला दिखाई दे रहा यह पेट्रोल और डीजल ही है। जो कि आपको वैध पेट्रोल पंप से चार-पांच रुपए महंगे दाम पर आसानी से मिले जाएगा। किराना दुकान संचालकों द्वारा गली कूचों में स्थित दुकानों में पेट्रोल और डीजल जैसे ज्वलनशील पदार्थ का स्टॉक रखा हुआ है। दुकानदार महंगे दामों में वाहन चालकों को आसानी से पेट्रोल डीजल उपलब्ध करा रहे हैं इन्हें किसी भी घटना का कोई डर भह नहीं है। न प्रशासनिक कार्रवाई का डर है और न ही किसी हादसे का। प्रशासन भी जब तक कोई बड़ा हादसा नहीं होता तब तक किसी भी तरह की कार्रवाई करना उचित ही नहीं समझता  । हैरानी है कि प्रशासन जानकर भी अंजान बना हुआ है।   *अपराध है फिर भी खुलेआम बेच रहे हैं*   जानकारी के अनुसार वैध पेट्रोल पंप के अलावा कहीं भी बिना लाइसेंस के खुले में अथवा घर पर तय सीमा से अधिक स्टाॅक रखना गैर कानूनी है। पकड़े जाने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की कार्रवाई का प्रावधान है। इसके बाद भी छोटे छोटे दुकानदार यह गैर कानूनी कार्य खुलेआम कर रहे हैं। यह भी नहीं सोचते कि जरा सी चूक बड़ी जनहानि का कारण बन सकती है। फिर भी बेरोक टोक यह कार्य चल रहा है।     चंद पैसों की खातिर लोगों के जन जीवन को डाल रहे हैं खतरे में  ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे रूटों पर आसानी से गुमटियों के बाहर पेट्रोल और डीजल उपलब्ध मिल जाता है। कभी-कभी छोटे छोटे बच्चे भी डीजल पेट्रोल वाहनों में डालते देखे गए हैं। पेट्रोल पंप संचालकों ने अवैध रूप से बेच रहे डीजल व पेट्रोल बेचने वालों कि शिकायत भी की है लेकिन आज तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है ऐसा लग रहा है की प्रशासन किसी बड़ेहादसे के इंतजार में बैठा हुआ है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 31, 2024

अगर मोदी सरकार की हुई वापसी तो कौन होगा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार?

नई दिल्ली, 31 मई 2024  (यूटीएन)। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल का कार्यकाल इस महीने के आखिर में 31 मई, 2024 को समाप्त हो रहा है। इस साल जनवरी में 79 वर्ष के हो चुके अजील डोभाल पिछले दस सालों से देश के एनएसए हैं। चार जून को  चुनाव परिणाम घोषित होने हैं, जिसके बाद नई सरकार के गठन का रास्ता साफ होगा। अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है, तो ऐसे में जाहिर है कि एनएसए के पद के लिए वह अपनी पसंद को प्राथमिकता देगी। नौकरशाही के हलकों में इस बात को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं कि अगर फिर से भाजपा सरकार की वापसी होती है, तो मोदी सरकार 3.0 में देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कौन होगा?    *2019 में पांच साल के लिए एनएसए बने थे अजीत डोभाल* 1968 बैच के केरल कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल को साल 2019 में कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 31-05-2019 को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी थी। उनका दूसरा कार्यकाल पांच साल के लिए बढ़ाया गया था। साथ ही उन्हें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मामलों के मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समान कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया था। उस समय उनकी नियुक्ति के आदेश को लेकर कहा गया था कि उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ-साथ या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, समाप्त होगी। वहीं उनका कार्यकाल इस साल 31 मई को समाप्त हो रहा है। हालांकि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वे केवल राज्य मंत्री के रैंक के साथ केवल एनएसए ही नियुक्त किए गए थे। तब उन्होंने पांचवे एनएसए के तौर पर 30 मई, 2014 को पदभार संभाला था।    *नए उत्तराधिकारी के नाम पर कयास जारी* सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अजीत डोभाल ने अब रिटायर होने की इच्छा जताई है। चार जून के बाद नई सरकार के गठन के बाद उन्होंने पद छोड़ने के संकेत दिए हैं। उनके नजदीकी सूत्रों का कहना है कि अगर भाजपा सरकार लौट कर भी आती है, तो भी वे अपने तीसरे कार्यकाल को लेकर अनिच्छुक हैं। वहीं अब उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इसे लेकर कयासों के दौर जारी हैं। सूत्रों का कहना है कि डोभाल के उत्तराधिकारी के तौर पर कुछ नाम कैबिनेट की नियुक्ति समिति को भेजे गए हैं। लगभग 10 साल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में सबसे सीनियर 'मंत्री-नौकरशाह' का खिताब हासिल अजील डोभाल के उत्तराधिकारी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर तीसरी बार फिर भाजपा सत्ता में आती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताजपोशी होती है, तो वे पहले से तय कर चुके होंगे कि वह अजीत डोभाल के स्थान पर किसे नया एनएसए नियुक्त करेंगे।    *रॉ में लगातार चार साल रह चुके हैं चीफ* वहीं नए एनएसए के नाम को लेकर फिलहाल कयास ही लगाए जा रहे हैं। नया एनएनए बनने की रेस में जो नाम सबसे आगे हैं, उनमें पूर्व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) चीफ सामंत गोयल का नाम भी है। अजीत डोभाल के करीबी सामंत गोयल को पहले 2021 में बतौर रॉ चीफ एक वर्ष का एक्सटेंशन दिया गया। उसके बाद 2022 में भी कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनका कार्यकाल एक साल यानी 30 जून 2023 तक बढ़ा दिया था। गोयल को खुफिया मामलों का खास जानकार बताया जाता है। लंबे समय बाद रॉ में किसी चीफ को चार साल तक सेवा करने का अवसर मिला है। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में हत्या की साजिश मामले में तत्कालीन रॉ प्रमुख सामंत गोयल का सामने आया था, और कहा गया था कि उन्होंने ही इसे मंजूरी दी थी। हालांकि भारत-अमेरिकी संबंधों को देखते हुए उनके नाम पर कम ही सहमति बन सकती है। सामंत गोयल के बाद जो नाम चर्चा में है वह राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में डिप्टी एनएसए आईपीएस पंकज सिंह है। पंकज सिंह पहले बीएसएफ के प्रमुख की निभा चुके हैं। वे अजीत डोभाल के करीबी भी हैं और उनके पास इंटरनल सिक्योरिटी का खासा अनुभव भी है। हालांकि उनके पास विदेश मामलों को लेकर ज्यादा अनुभव नहीं है, जो संभवतया उनके लिए वीक पॉइंट साबित हो सकता है।     *गलवां घाटी में हिंसक संघर्ष के दौरान रहे चीन में राजदूत* इसके अलावा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिसरी का नाम भी रेस में है। विक्रम मिसरी 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे हैं। उनकी गिनती चीन मामलों के जानकार के तौर पर होती है। मिसरी को 2019 में बीजिंग में राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था। जून 2020 में गलवां घाटी में भारत-चीनी सैनिकों के हिंसक संघर्ष के बाद मिसरी चीन के साथ हुईं कई वार्ताओं का हिस्सा रहे थे। उन्होंने विदेश मंत्रालय में, प्रधानमंत्री कार्यालय में, और यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका में कई भारतीय मिशनों में काम किया है। सूत्रों का कहना है कि उनके पास इंटरनल सिक्योरिटी को लेकर ज्यादा अनुभव नहीं है। इसलिए उनके नाम पर सहमति बनने के चांस कम ही हैं।    *रूस में भारत के राजदूत रह चुके हैं पंकज सरन* 1982 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रह चुके पंकज सरन पूर्व डिप्टी एनएसए भी रह चुके हैं और चार साल पहले ही इस पद से रिटायर हुए हैं। सरन को नवंबर 2015 में रूस में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया था। वह भारत और विदेश में कई महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं। पहले 1995 से 1997 तक उपसचिव, निदेशक के रूप में और फिर 2007 से 2012 तक संयुक्त सचिव के रूप में कार्यभार संभाल चुके हैं। उन्हें भी डोभाल का करीबी माना जाता है।   लेकिन आंतरिक मामलों को लेकर उनके पास भी ज्यादा अनुभव नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि उनके नाम पर कोई विवाद नहीं है। स्वच्छ छवि वाले अधिकारी रहे हैं। लेकिन वे कुछ साल पहले ही रिटायर हुए हैं। अगर वे एनएसए बन भी जाते हैं तो ब्यूरोक्रेसी पर कितनी लगाम लगा पाएंगे ये बड़ा सवाल है।   *उरी और बालाकोट जैसी सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका* रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख अनिल धस्माना 1981 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। धस्माना को सितंबर 2020 में ही दो साल के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) प्रमुख नियुक्त किया गया था। एनटीआरओ देश की तकनीकी संस्था है जो भू-स्थानिक खुफिया और उपग्रह इमेजरी की देखभाल करती है। धस्माना की काबिलियत यह है कि उरी और बालाकोट जैसी सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभा चुके हैं।   उन्हें बलूचिस्तान, आतंकवाद और इस्लामी मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। उनके पास पाकिस्तान और अफगानिस्तान में काम करने का खासा अनुभव भी है। वे दुनिया भर के तमाम देशों की राजधानियों में सेवा भी दे चुके हैं, जिसमें लंदन और फ्रैंकफर्ट भी शामिल हैं और उन्होंने सार्क और यूरोप डेस्क भी संभाला है। माना जा रहा है कि मोदी 3.0 में धस्माना बतौर एनएसए पद के लिए पहली पसंद हो सकते हैं। खास बात यह है कि उन्हें अजीत डोभाल भी पसंद करते हैं, साथ ही वे उत्तराखंड से भी ताल्लुक रखते हैं।    *खुद इनके सफल ऑपरेशनों की प्रधानमंत्री कर चुके हैं निगरानी* हिमाचल प्रदेश 1998 बैच काडर के आईपीएस अफसर तपन डेका को जून 2022 में इंटेलिजेंस ब्यूरो का नया डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल इस साल जून के आखिर तक है। तेजतर्रार अधिकारी तपन डेका ने अपना ज्यादातर करियर इंटेलिजेंस ब्यूरो में ही गुजारा है। वे केंद्र सरकार के सबसे भरोसेमंद अफसरों में से एक रहे हैं। उन्होंने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, खासकर टारगेटेड किलिंग के मामलों को संभाला है। वे कई एंटी टेररिस्ट अभियानों में भी शामिल रहे हैं।   जम्मू कश्मीर में इंटेलिजेंस से जुटा महत्वपूर्ण डाटा जुटाने में उनकी अहम भूमिका रही है। उनके कई सफल ऑपरेशनों की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बारीकी से निगरानी की है। वे भी नए एनएसए के पद के लिए कैबिनेट की नियुक्ति समिति की पसंद बन सकते हैं।    *क्या कोई कैबिनेट मंत्री बनेगा एनएसए?* सूत्रों ने बताया कि नए एनएसए को लेकर एक अप्रत्याशित फेरबदल भी देखने को मिल सकता है। मोदी सरकार के सबसे खास मौजूदा कैबिनेट मंत्री और पूर्व ब्यूरोक्रेट को भी यह पद सौंपा जा सकता है। अगर चार जून को भाजपा सरकार की वापसी होती है और नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभालते हैं, तो वे उनकी योग्य पसंद बन सकते हैं।   इसकी वजह है कि न केवल उनके बाहरी राष्ट्रों से भी अच्छे संबंध हैं, बल्कि अमेरिका और रूस से भी उनके अच्छे रिश्ते हैं। पूर्व नौकरशाह रह चुके हैं। उनके दो जूनियर अफसर इस बार भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ रहे हैं। संभव है कि नई सरकार में उनमें से एक को विदेश मंत्री का कार्यभार भी सौंपा जा सकता है। वहीं अगर वह पूर्व ब्यूरोक्रेट एनएसए बनते हैं, तो राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ विदेश मामलों पर भी उनकी गहरी नजर रहेगी और मार्गदर्शक की भूमिका भी बखूबी निभा सकेंगे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 31, 2024

महिलाओं के हार्ट फेलियर प्रबंधन में अग्रणी प्रगति हेडलाइन ऐतिहासिक कार्डियो मेटाबोलिक सम्मेलन

नई दिल्ली, 30 मई 2024  (यूटीएन)। कोविड के बाद के युग में महिलाओं में हार्ट फेलियर के बढ़ते खतरे और अनियंत्रित उच्च रक्तचाप, मोटापे और मधुमेह के उच्च प्रसार से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवा में “कार्डियो रेनो मेटाबोलिक नेविगेशन द्वारा महिलाओं में हार्ट फेलियर के नैदानिक ​​प्रबंधन की संभावनाओं को बढ़ाने” पर प्रकाश डालने वाला ऐतिहासिक कार्डियो मेटाबोलिक सम्मेलन हाल ही में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, दिल्ली में आयोजित किया गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हेल्दी हार्ट सोसाइटी और मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत के सहयोग से सम्मेलन की मेजबानी की।   सम्मेलन में विचार-विमर्श करते हुए, डॉ. एच.के. चोपड़ा, मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार, आईएमए, एनडीबी ने हृदयाघात के प्रभाव को कम करने के लिए संरचित तरीके से शीघ्र निदान और उपचार की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "महिलाओं में चयापचय संबंधी कारणों से संरक्षित इजेक्शन अंश (एचएफपीईएफ) के साथ हृदयाघात होने की अधिक संभावना होती है, जिसके लिए एक विशेष दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। महिलाओं में हृदयाघात को जागरूकता बढ़ाने और समय पर उपचार के माध्यम से काफी हद तक रोका जा सकता है, प्रतिवर्ती किया जा सकता है और प्रबंधित किया जा सकता है।" इस सम्मेलन का उद्देश्य वजन और रक्तचाप प्रबंधन, नमक का सेवन कम करना, नींद को प्राथमिकता देना, धूम्रपान से बचना और तनाव प्रबंधन, व्यायाम, ध्यान, योग और मन लगाकर खाने को शामिल करने सहित हृदय स्वास्थ्य के लिए निवारक रणनीतियों के साथ व्यक्तियों को सशक्त बनाना है।   यह महिलाओं में हृदयाघात के प्रबंधन के लिए नवीन नैदानिक ​​दृष्टिकोणों का भी पता लगाएगा, विशेष रूप से उच्च रक्तचाप, मोटापा और मधुमेह जैसी चयापचय स्थितियों के कारण, और परिणामों को बेहतर बनाने और हृदय से संबंधित मौतों को कम करने के लिए हाल ही में हुई सफलताओं पर चर्चा करेगा। डॉ. चोपड़ा ने हार्ट फेलियर के निदान में इको, एमआरआई और एनटी प्रो बीएनपी जैसी उन्नत तकनीकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया, "डेपाग्लिफ्लोज़िन, एआरएनआई, बीटा ब्लॉकर्स, एमआरए, वेरिसिग्वेट जैसी क्रांतिकारी दवाओं और इंक्लिसिरन और स्टैटिन के साथ पीसीएसके 9 अवरोधकों जैसे नए लिपिड-कम करने वाले एजेंटों के प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता है।    इन दवाओं को हार्ट फेलियर थेरेपी के लिए स्वर्ण मानक माना जाता है। इसलिए, हर अस्पताल में 'हार्ट फेलियर क्लीनिक' की स्थापना और टेलीविजन और समाचार पत्रों के माध्यम से जनता को शिक्षित करने, जागरूकता बढ़ाने और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए 'मिशन हार्ट फेलियर केयर' पहल का प्रस्ताव करना इस गंभीर समस्या को दूर करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।" आईएमए एनडीबी के अध्यक्ष और मैक्स हार्ट एंड वैस्कुलर इंस्टीट्यूट में कैथ लैब्स के प्रमुख डॉ. विवेका कुमार ने ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (टीएवीआई) के प्रभाव पर प्रकाश डाला, जो एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है,   उन्होंने कहा, "टीएवीआई पारंपरिक सर्जरी के लिए अयोग्य गंभीर महाधमनी स्टेनोसिस वाले रोगियों के लिए जीवन रक्षक विकल्प प्रदान करता है, हृदय संबंधी देखभाल को बदलता है और उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है, जो चिकित्सा नवाचार की वैश्विक क्षमता को प्रदर्शित करता है। "आईएमए एनडीबी के सचिव डॉ. राजीव गर्ग कहते हैं, 'गैर-संचारी रोगों को रोकने में जीवनशैली में बदलाव महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अतिरिक्त, व्यापक पर्यावरणीय और व्यावसायिक स्वास्थ्य पहल आवश्यक हैं, क्योंकि वे समग्र स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।   सम्मेलन का समापन "महिलाओं के लिए वार्षिक सम्मान समारोह" के साथ हुआ, जिसमें उन्नत चिकित्सा देखभाल में उनके योगदान के लिए 150 से अधिक महिला डॉक्टरों को सम्मानित किया गया। इस सशक्तिकरण इशारे ने महिला चिकित्सा पेशेवरों के महत्वपूर्ण प्रभाव को उजागर किया। वैज्ञानिक विचार-विमर्श में 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 30, 2024

मनमोहन सिंह का पत्र: 'लो लेवल भाषा और हेट स्‍पीच मोदी जी आपने पीएम ऑफिस की मर्यादा गिराई

नई दिल्ली, 30 मई 2024  (यूटीएन)। पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण के मतदान से पहले एक तरफ वोटरों से खास अपील की तो दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी पर उनकी भाषा और नीतियों को लेकर जोरदार हमला भी किया. गुरुवार को एक लेटर जारी करते हुए मनमोहन सिंह ने पंजाब की जनता से कई और बातें भी कहीं.   डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा, मेरे प्यारे साथी नागरिकों, भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है. अंतिम चरण के मतदान में, हमारे पास लोकतंत्र और हमारे संविधान को सुरक्षित रखने का एक निरकुंश शासन को खत्म करने का एक अंतिम मौका है. पंजाब और पंजाबी योद्धा हैं. हम अपने बलिदान की भावना के लिए जाने जाते हैं. हमारा सद्भाव, सौहार्द और लोकतांत्रिक व्यवस्था में सहज विश्वास हमारे महान राष्ट्र की रक्षा कर सकता है.   *'पीएम ने काफी असंसदीय भाषा का किया है इस्तेमाल'* अपने लेटर में मनमोहन सिंह ने कहा, "मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चा को बहुत ध्यान से देख रहा हूं. मोदी जी ने काफी घृणास्पद भाषण दिए हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी हैं. मोदी जी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पद की गरिमा और उसके साथ ही प्रधानमंत्री पद की गंभीरता को कम किया है.    इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए इतनी घृणित, असंसदीय और निम्नस्तरीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने मुझे लेकर भी कुछ गलत बयान दिए हैं. मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया. यह भाजपा का विशेष अधिकार और आदत है.   *'10 साल में बीजेपी ने पंजाब को बदनाम किया'* मनमोहन सिंह ने आगे लिखा, पिछले दस साल में भाजपा सरकार ने पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. पंजाब के 750 किसान शहीद हुए हैं. किसान लगातार महीनों तक दिल्ली की सीमाओं पर इंतजार करते रहे. इन पर सरकार ने हमले कराए. किसानों को संसद में आंदोलनजीवी और परजीवी कहा गया.   *किसानों का मुद्दा भी उठाया* मोदी जी ने 2022 तक हमारे किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन उल्टा 10 साल में किसानों की आय कम हो गई है. हमारे खेत परिवारों की बचत को नष्ट कर दिया और उन्हें हाशिये पर छोड़ दिया. इस बार कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में "किसान न्याय" के तहत 5 गारंटी हैं. कांग्रेस ने एमएसपी की कानूनी गारंटी, कृषि के लिए एक स्थिर निर्यात-आयात नीति, ऋण माफी और अन्य कई घोषणाएं की हैं.   *नोटबंदी जैसे फैसलों को बताया गलत* मनमोहन सिंह ने अपने लेटर में मोदी सरकार की नीतियों पर की भी आलोचना की है. उन्होंने लिखा है कि पिछले 10 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था में अकल्पनीय उथल-पुथल देखी गई है. नोटबंदी, गलत तरह से जीएसटी लागू, कोरोना में लॉकडाउन के फैसले ने दयनीय स्थिति उत्पन्न की है. भाजपा सरकार के कार्यकाल में औसत जीडीपी विकास दर 6 फीसदी से कम रही है, जबकि कांग्रेस-यूपीए के कार्यकाल में यह लगभग 8 प्रतिशत थी.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 30, 2024

मैं जेल जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं : अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली, 30 मई 2024  (यूटीएन)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट से अपनी जमानत अवधि एक सप्ताह बढ़ाने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की यह याचिका मंजूर नहीं हुई है। इसके बाद अब गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह 2 जून को जेल जाने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि मैं जेल जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं। देश को बचाने के लिए भगत सिंह फांसी पर चढ़े थे, अगर देश को बचाने के लिए मुझे बार-बार जेल जाना पड़े तो मैं इसके लिए तैयार हूं। केजरीवाल का कहना है कि उन्हें गर्व है कि वह अपने देश को बचाने के लिए जेल जा रहे हैं।   गौरतलब है कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए जमानत दी थी। 1 जून को लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान है। इसके उपरांत अरविंद केजरीवाल को जेल में सरेंडर करना है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निचली अदालत में अपनी नियमित जमानत की अर्जी भी लगाई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि इनके पास मेरे खिलाफ एक भी सबूत नहीं है।   यह कह रहे हैं कि केजरीवाल भ्रष्ट है। लोगों का कहना है कि अगर केजरीवाल भ्रष्ट है तो फिर दुनिया में कोई भी ईमानदार व्यक्ति नहीं है। इन लोगों के पास मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि ये कहते हैं कि 100 करोड़ रुपए की चोरी हुई है। इन्होंने 500 जगह रेड मारी, एक रुपया तक नहीं मिला तो फिर 100 करोड़ रूपया कहां है। खुद प्रधानमंत्री ने कहा है कि कोई रिकवरी नहीं हुई है और वह इसलिए क्योंकि केजरीवाल एक अनुभवी चोर है। जब मेरे खिलाफ कोई सबूत ही नहीं है तो फिर मुझे गिरफ्तार क्यों किया गया है।   केजरीवाल का कहना है कि उन्हें गिरफ्तार इसलिए किया गया है क्योंकि वे जो काम कर रहे हैं, वह काम मोदी जी नहीं कर सकते। मैंने शानदार स्कूल बनवा दिए, दिल्ली और पंजाब में बिजली फ्री करवा दी, मोहल्ला क्लीनिक बनवाए। इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा कि आज इनकी तानाशाही के खिलाफ सबसे बुलंद आवाज हम ही उठा रहे हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 30, 2024

भारत का लीजिंग क्षेत्र तेजी से विकास के लिए तैयार: फिक्की-पीडब्ल्यूसी रिपोर्ट

नई दिल्ली, 29 मई 2024  (यूटीएन)। फिक्की-पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट, जिसका शीर्षक है, 'अवसरों का अनावरण: भारत के लीजिंग परिदृश्य की खोज', इस बात पर प्रकाश डालती है कि लीजिंग निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के लिए विकास को सक्षम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसके अलावा, यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम स्तरों पर महत्वपूर्ण वित्तीय समावेशन को भी सक्षम करेगा। अच्छी गुणवत्ता वाली मशीनरी का लाभ उठाने से उच्च प्राप्तियों में मदद मिलती है, जो उद्योगों को सरकार द्वारा परिकल्पित 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहल के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाने में सक्षम बनाएगी।   एनबीएफसी पर फिक्की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष राजीव सभरवाल ने कहा, "भारत में लीजिंग उद्योग परिवर्तन के मुहाने पर है, जिसे कई कारकों द्वारा आकार दिया जा रहा है जो एक साथ आ रहे हैं। इन कारकों में मूल उपकरण निर्माताओं सहित बाजार में नए खिलाड़ियों का प्रवेश, परिसंपत्ति वर्गों का विविधीकरण और व्यवसायों के लिए वित्तपोषण उपकरण के रूप में पट्टे के लाभों को समझना शामिल है। जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूके और यूएस जैसे कुछ अधिक विकसित बाजारों में देखी गई प्रगति की तुलना में यह उद्योग अभी भी एक नवजात अवस्था में है। इसके विपरीत, यह भी संकेत देता है कि उद्योग में भारतीय बाजार में भी विकास की जबरदस्त संभावना है।   पीडब्ल्यूसी इंडिया के डिजिटल और रणनीति भागीदार सिद्धार्थ दीवान ने कहा, "जैसे-जैसे भारत सतत विकास और आर्थिक लचीलेपन की ओर अपनी यात्रा शुरू कर रहा है, लीजिंग बाजार का महत्व बढ़ गया है। नवाचार को बढ़ावा देने, पूंजी तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने और दक्षता को बढ़ावा देने के द्वारा, लीजिंग देश में आर्थिक विकास और समावेशी विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में उभरती है।   *रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं:* *गिफ्ट सिटी:* गिफ्ट सिटी में शीर्ष-स्तरीय बुनियादी ढाँचा और व्यवसाय-अनुकूल वातावरण ने लीजिंग उद्योग को आगे बढ़ाया है, जिससे वैश्विक और घरेलू दोनों कंपनियाँ लीजिंग परिचालन स्थापित करने के लिए आकर्षित हुई हैं।   *रुझान और अवसर:*   लचीले और लागत प्रभावी समाधानों की मांग में वृद्धि ने लीजिंग सेवाओं में रुचि को बढ़ावा दिया है। कंपनियाँ न्यूनतम अग्रिम लागतों के साथ परिसंपत्तियों तक पहुँच सकती हैं, जिससे उन्हें आवश्यकतानुसार अनुकूलन और उन्नयन करने की अनुमति मिलती है। यह ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण सर्कुलर अर्थव्यवस्था सिद्धांतों के साथ संरेखित है, जो परिसंपत्ति के पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देता है। लीजिंग अब प्रौद्योगिकी, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विविध क्षेत्रों में फैल रही है, जो क्रॉस-इंडस्ट्री सहयोग को बढ़ावा दे रही है। *प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना:*   लीजिंग उद्योग भी डिजिटल परिवर्तन से गुजर रहा है, जो रोबोटिक प्रक्रिया स्वचालन , डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन और एसेट टेलीमैटिक्स जैसी उभरती हुई तकनीकों का लाभ उठा रहा है। ये नवाचार प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करते हैं, जोखिम मूल्यांकन को बढ़ाते हैं, और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाते हैं। ड्रोन और संवर्धित वास्तविकता द्वारा संचालित दूरस्थ संपत्ति निरीक्षणों के साथ, उद्योग दक्षता और बेहतर उपयोगकर्ता संतुष्टि के एक नए युग के लिए तैयार है।   पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण टिकाऊ और हरित लीजिंग में बढ़ती रुचि को बढ़ावा मिल रहा है। पट्टाकर्ता और पट्टाधारक दोनों ही पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को अपना रहे हैं और पट्टा अनुबंधों में पर्यावरणीय प्रावधानों, प्रदर्शन मानकों को शामिल कर रहे हैं, तथा पट्टा उद्योग में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा दे रहे हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 29, 2024

शाहपुर गांव के समीप कबाड़ और एक लकड़ी के गोदाम में भीषण आग लग गई

पिंजौर, 29 मई 2024  (यूटीएन)। आज पिंजौर नालागढ़ नेशनल हाईवे पर पर स्थित दून क्षेत्र के शाहपुर गांव के समीप कबाड़ और एक लकड़ी के गोदाम में भीषण आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी की आसमान पर धुंआ ही धुंआ और आग की लपटें दूर दूर तक दिखाई दे रहे थी। पहली घटना में जानकारी देते हुए मढ़ावाला पुलिस चौकी इंचार्ज मान सिंह ने बताया की सुबह करीब साढ़े 11 बजे पुलिस को सूचना मिली के गांव शाहपुर के पास एक प्लास्टिक और कबाड़ के समान के गोदाम में जो की अच्छर सिंह का था में अज्ञात कारणों से भीषण आग लग गई। जिसमे कबाड़ का पूरा गोदाम उसकी चपेट में आ गया हे। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम तुरान मौके पर पोहोच गई।   इसी के साथ फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बद्दी और कालका से भी मौके पर पोहोच गई। अच्छर ने पुलिस को बताया की आज सुबह जब गोदाम खोला तो सब ठीक था। लेकिन सुबह करीब सवा 11 बजे अचानक गोदाम के अंदर से तेज धुआं और लपटे निकलती नजर आई जैसे ही वो कुछ समझ पाते अचानक ही भीषण आग अचानक पूरे गोदाम में फैल गई। उन्होंने बताया की शुरुवात में अपने वर्करों के साथ सामान निकालने की कोशिश करी परंतु बाद में अंदर घुस पाना भी मुश्किल हो गया। फिलहाल 5 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों द्वारा दोपहर 3 बजे तक भी आग पर पूरी तरह काबू नही पाया गया है। वही आग से लाखो का समान जल कर राख हो गया। वही आग लगने का कारण फिलहाल शॉट सर्किट बताया जा रहा है।      --------- लकड़ी के गोदाम में भी लगी आग -----------    वही दुसरी घटना में गांव मढ़ावाला के पास स्थित एक लकड़ी के गोदाम में दोपहर करीब ढाई बजे भीषण आग लग गई। पुलिस ने बताया की यह लकड़ी का गोदाम के मालिक वेजनाथ गुप्ता है। लकड़ी के गोदाम में लगी आज के कर्म का फिलहाल पता नहीं लग पाया पुलिस ने बताया कि फाइबर गेट को फोन कर दिया गया है उनके अनुसार जहां आग लगी है उसे गोदाम के साथ है एक पेट्रोल पंप है और दूसरी तरफ घर बने हुए हैं पुलिस को आग बुझाने में मिशन कब का सामना करना पड़ रहा है कहीं आज ज्यादा फैल गई तो पेट्रोल पंप और साथ के घरों को भी नुकसान हो सकता है फिलहाल आप पर काबू पाया जा रहा है इस लकड़ी के गोदाममें भी बड़ी मात्रा में नुकसान हो गया है।    हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।    

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May 29, 2024

भारत की मेजर राधिका सेन को किया जाएगा यूएन सैन्य पुरस्कार से सम्मानित

नई दिल्ली, 29 मई 2024  (यूटीएन)। कांगो में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मिशन में सेवा दे चुकी भारतीय महिला शांति रक्षक मेजर राधिका सेन को सैन्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उनकी तारीफ करते हुए उन्हें एक सच्चा और आदर्श नेता बताया। 30 मई को अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस के मौके पर मेजर राधिका सेन को 2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड’ दिया जाएगा। यूएन के महासचिव गुटेरेस उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।    बता दें कि मेजर सेन भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन की कमांडर के तौर पर मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक कांगो गणराज्य के पूर्व में तैनात थीं। वह मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हैं। उनका जन्म 1993 में हुआ था और वह आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुई थीं। मेजर राधिका सेन ने बायोटेक इंजीनियर में स्नातक किया, इसके बाद ही उन्होंने भारतीय सेना में शामिल होने का फैसला किया था।   मेजर सुमन गवानी के बाद 2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड पाने वाली वह दूसरी भारतीय शांति रक्षक हैं। मेजर गवानी ने संयुक्त राष्ट्र के मिशन में सेवा दी थी और उन्हें 2019 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।    गुटेरेस ने मेजर सेन को उनकी सेवा के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, "वह मेजर राधिका सेन एक सच्ची और आदर्श नेता हैं। उनकी सेवा समग्र रूप से संयुक्त राष्ट्र के लिए एक योगदान है।" इस पुरस्कार की घोषणा के बाद मेजर सेन ने कहा, "यह पुरस्कार मेरे लिए खास है क्योंकि यह कांगो गणराज्य के चुनौतीपूर्ण माहौल में काम कर रहे और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपना उत्कृष्ट योगदान दे रहे सभी शांतिरक्षकों की कड़ी मेहनत को पहचान देता है।"बता दें कि वर्तमान समय में भारत यूएन में महिला सैन्य शांति सैनिकों 11वां सबसे बड़ा योगदान देने वाले देशों में से एक है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 29, 2024