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○ ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर टेंपो में लगी आग, चालक ने कूदकर बचाई जान
○ आप भ्रष्ट और कांग्रेस परजीवी पार्टी: पीएम मोदी
○ कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, ये मेरी गारंटी: पीएम मोदी
○ धरा रह गया एजुकेशन मॉडल, फेल हो गया मोहल्ला क्लीनिक मतदाताओं ने नकार दी आप की रेवड़ी
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चुनाव की घोषणा से पहले रेलमंत्री अश्विणी वैष्णव की गुडन्यूज से टैक्सी-ऑटो वालों की बल्ले-बल्ले
नई दिल्ली, 07 जनवरी 2025 (यूटीएन)। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे जहां उनका स्वागत फूल मालाओं और ढोल नगाड़ों के साथ किया गया. इस दौरान उन्होंने स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों और ऑटो ड्राइवरों से मुलाकात की. रेल मंत्री और दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष को पगड़ी पहनाई गई. साथ ही बीजेपी और नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्टेशन पर मौजूद ऑटो ड्राइवरों से बातचीत करते हुए एक अहम घोषणा की. उन्होंने कहा कि यदि ऑटो ड्राइवरों को किसी तर की समस्या का सामना करना पड़े तो वे 9717633061 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं जहां उनका समाधान किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पार्किंग शुल्क में भी बड़ी राहत देने की घोषणा की. टैक्सी वालों के लिए पहले 1200 रुपये शुल्क था, लेकिन अब 400 रुपये देना होगा, वहीं ऑटो ड्राइवरों को पहले 700 रुपये देने पड़ते थे, लेकिन अब सिर्फ 200 रुपये देना होगा. *कुलियों के लिए 50 से ज्यादा रेस्ट रूम की व्यवस्था* रेल मंत्री ने यात्रियों और कर्मचारियों की सुविधा के लिए कुछ और महत्वपूर्ण घोषणाएं की. उन्होंने बताया कि सर्दी और बारिश से बचने के लिए आराम घर बनाए जाएंगे. साथ ही रेलवे के कुलियों के लिए 50 से ज्यादा रेस्ट रूम भी बनाए जाएंगे. इसके अलावा मेडिकल फैसिलिटी को बेहतर किया जाएगा और आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी. रेलवे स्कूलों में कर्मचारियों के बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा भी दी जाएगी. *कुलियों और यात्रियों का ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता* रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों और यात्रियों दोनों का ध्यान समान रूप से रखा जाएगा. उनका कहना था कि ये बदलाव और सुविधाएं उनके काम को और बेहतर बनाने के लिए किए गए हैं ताकि सभी को ज्यादा सुविधाएं मिलें और वे बिना किसी परेशानी के अपनी सेवा दे सकें. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 7, 2025

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान, 8 को आएंगे नतीजे
नई दिल्ली, 07 जनवरी 2025 (यूटीएन)। चुनाव आयोग ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी 2025 को मतदान होगा। 8 फरवरी 2025 को मतगणना होगी और इसी के साथ यह तय हो जाएगा कि दिल्ली में अगली सरकार किसकी बनने जा रही है? *दिल्ली में इस तरह है चुनाव कार्यक्रम* चुनाव की अधिसूचना- 10 जनवरी नामांकन की आखिरी तारीख- 17 जनवरी नामांकन पत्रों की जांच- 18 जनवरी नाम वापसी का अंतिम दिन- 20 जनवरी मतदान की तारीख- 5 फरवरी मतगणना की तारीख- 8 फरवरी *चुनावों में धांधली नहीं हो सकती... मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिए जवाब* लंबे समय से ईवीएम पर विपक्षी पार्टियों की ओर से सवाल खड़े किए जा रहे हैं. चुनावों की घोषणा के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावों में ईवीएम मशीनों के साथ छेड़छाड़ और धांधली जैसे आरोपों पर जवाब दिया. दिल्ली विधानसभा चुनाव के तारीखों के ऐलान के दौरान राजीव कुमार ने इन आरोपों का बारी- बारी से जवाब देते हुए कहा, ''पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के दौरान कहीं वोटर लिस्ट से लोगों के नाम काटने के तो कहीं किसी विधानसभा में 50 हजार वोटर बढ़ा देने के आरोप लगे. इसके साथ ही ईवीएम को लेकर भी सवाल उठाए गए कि वोटिंग टर्नआउट 5 बजे के बाद कैसे बढ़ गया. *'ईवीएम किसी भी तरीके से हैक नहीं हो सकता'* इन आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मैं इन तमाम आरोपों का जवाब देना चाहता हूं. राजीव कुमार ने कहा कि ईवीएम किसी भी तरीके से हैक नहीं हो सकती है. ईवीएम चुनाव का सबसे सुरक्षित तरीका है. साथ ही उन्होंने कहा कि गिनती से पहले ईवीएम की सील चेक होती है. वहीं वोटिंग टर्नआउट के बढ़ने के आरोपों पर कहा कि चुनाव के अगले दिन ही पूरा वोटिंग प्रतिशत जारी होती है. वहीं वोटरों के नाम कटने के आरोपों पर कहा कि लिस्ट से वोटर हटाने में पूरी प्रक्रिया का पालन होता है. इसके बारे में सभी को जानकारी मिल सकती है. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों के लगाए गए तमाम आरोपों को खारिज कर दिया. *'शायरना अंदाज में जबाव'* राजीव कुमार ने तमाम आरोपों पर शायरना अंदाज में कहा,'' सब सवाल अहमियत रखते हैं जवाब तो बनता है, आदतन कलमबंद जवाब देते रहे, आज तो रू-ब-रू भी बनता है क्या पता हम कल हो न हो, आज जवाब तो बनता है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Pradeep Jain
Jan 7, 2025

केंद्रीय बजट में रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए: सीआईआई
नई दिल्ली, 07 जनवरी 2025 (यूटीएन)। भारत अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसके 1.45 बिलियन नागरिक हैं। मात्र 29 वर्ष की औसत आयु के साथ, भारत एक युवा देश भी है, और 2050 तक इसकी कार्यशील आयु वाली आबादी में 133 मिलियन लोग जुड़ने वाले हैं। इस युवा आबादी को उत्पादक रूप से जोड़ने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन महत्वपूर्ण है। वित्त वर्ष 2025 के केंद्रीय बजट में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कई पहलों की रूपरेखा तैयार की गई थी, जिसमें रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना भी शामिल है, जिसकी वकालत सीआईआई भी कर रहा है। आगामी बजट में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए और उपायों की घोषणा की जा सकती है। भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाने के लिए सिफारिशों का एक व्यापक सेट साझा करते हुए, सीआईआई के महानिदेशक, चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “भारत एक ऐसे अनूठे मोड़ पर खड़ा है, जहाँ इसका जनसांख्यिकीय लाभांश आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने का एक जबरदस्त अवसर प्रस्तुत करता है। इस यात्रा में रोजगार सृजन एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। उच्च रोजगार के साथ-साथ, भारत को यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उत्पादकता बढ़े। भारत के वृद्धिशील पूंजी उत्पादन अनुपात (आईसीओआर) को इसके वर्तमान स्तर 4.1 से नीचे की ओर ले जाने की आवश्यकता है। हमें इसे मापने के लिए मापदंड स्थापित करने की आवश्यकता है। वास्तव में, केंद्रीय बजट इस पर अधिक विस्तार से अध्ययन करने और आगे के उपायों की सिफारिश करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित कर सकता है।”सबसे पहले, सीआईआई ने एक एकीकृत राष्ट्रीय रोजगार नीति का प्रस्ताव दिया है, जो विभिन्न मंत्रालयों/राज्यों द्वारा वर्तमान में कार्यान्वित की जा रही रोजगार सृजन योजनाओं को अपने दायरे में ले सकती है। इसके अलावा, एकीकृत नीति एकल एकीकृत रोजगार पोर्टल - राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) पर भी आधारित हो सकती है - जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और राज्य पोर्टलों से सभी डेटा इसमें प्रवाहित हो सकते हैं। इस संदर्भ में एनसीएस के तहत यूनिवर्सल लेबर इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (यूएलआईएमएस) के विकास पर गौर करना महत्वपूर्ण है। इससे रोजगार के अवसरों और अनुमानों, नौकरी के वर्गीकरण, कौशल की मांग और अनुमानों के अनुरूप प्रशिक्षण के अवसरों के बारे में जानकारी मिलेगी। दूसरा, सीआईआई ने नए रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए धारा 80जेजेएए के स्थान पर एक नया खंड प्रस्तावित किया है। नया प्रावधान सकल कुल आय से अध्याय कटौती के रूप में जारी रहना चाहिए जो करदाता द्वारा रियायती कर व्यवस्था का विकल्प चुनने पर भी उपलब्ध है। यह किसी भी करदाता को उपलब्ध कराया जा सकता है जो व्यवसाय या पेशा करता है और कर लेखा परीक्षा के लिए उत्तरदायी है। यह प्रावधान किया जा सकता है कि जिन कर्मचारियों को करदाता द्वारा विभाजन/पुनर्निर्माण या व्यवसाय पुनर्गठन के हिस्से के रूप में भर्ती किया जाता है, वे कटौती के लिए पात्र नहीं होंगे। संबंधित कर वर्ष में भुगतान किए गए वेतन के संदर्भ में नए रोजगार के पहले तीन वर्षों के लिए कटौती दी जा सकती है, लेकिन प्रति माह 1 लाख रुपये की सीमा के अधीन। तीसरा, रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए, निर्माण, पर्यटन, कपड़ा और कम-कुशल विनिर्माण जैसे रोजगार-गहन क्षेत्रों को लक्षित समर्थन महत्वपूर्ण है। श्रम प्रधान विनिर्माण क्षेत्रों से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, जिससे रोजगार सृजन होगा, टैरिफ संरचना, उत्पादन/रोजगार से जुड़ी योजनाओं जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से समर्थन, तथा भारत द्वारा किए जा रहे मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) को समन्वित करने की आवश्यकता है। चार, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए, सरकार कॉलेज-शिक्षित युवाओं के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी कार्यालयों में इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू करने पर विचार कर सकती है। यह पहल शिक्षा और व्यावसायिक कौशल के बीच की खाई को पाटते हुए सरकारी कार्यालयों में अल्पकालिक रोजगार के अवसर पैदा करेगी। यह कार्यक्रम सरकार के विभिन्न ग्रामीण कार्यक्रमों और पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उपलब्ध जनशक्ति संसाधनों को बढ़ाने में भी मदद करेगा। पांच, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना, जो वर्तमान में कम है, भारतीय अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा दे सकता है। सीएसआर फंड का उपयोग करके छात्रावासों का निर्माण, देखभाल अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों का औपचारिकीकरण, औद्योगिक समूहों में सरकार द्वारा समर्थित क्रेच की स्थापना जैसी नई पहल की जा सकती है, जिससे महिला श्रम शक्ति की भागीदारी बढ़ाई जा सकती है। कौशल विकास और रोजगार नीतियों में लिंग-संवेदनशील रूपरेखा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद कर सकती है। छह, श्रम संहिताओं को लागू करना और गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज सुनिश्चित करना रोजगार परिदृश्य को और मजबूत करेगा। सात, दुनिया के कई हिस्सों में, बढ़ती उम्र की आबादी के कारण कार्यबल की कमी का सामना करना पड़ रहा है, और भारत को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। सरकार विदेश मंत्रालय के तहत एक अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता प्राधिकरण स्थापित करने पर विचार कर सकती है। यह प्राधिकरण भारतीय युवाओं को विदेशी रोजगार के अवसरों का लाभ उठाने में मदद करने के लिए जी2जी सहयोग की सुविधा प्रदान कर सकता है। यह प्राधिकरण वैश्विक अवसरों के साथ जुड़े कौशल विकास कार्यक्रमों को विकसित करने में मदद करने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के साथ भी काम कर सकता है। तकनीकी सहायता के अलावा कार्यक्रमों में सांस्कृतिक प्रशिक्षण और विदेशी भाषा कौशल भी शामिल होना चाहिए। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 7, 2025

संपत्ति पाकर माता-पिता की सेवा न करने वाले बच्चों से वापस ली जा सकती है संपत्ति : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली, 05 जनवरी 2025 (यूटीएन)। माता-पिता से उनकी संपत्ति उपहार में पाने के बाद उनकी देखभाल नहीं करने वाले बच्चों से संपत्ति वापस ली जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने बुजुर्गों के हितों के संरक्षण के लिए 2007 में बने कानून की व्याख्या करते हुए यह फैसला दिया है. मध्य प्रदेश के छतरपुर के इस मामले में कोर्ट ने मां की तरफ से बेटे को की गई गिफ्ट डीड को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने बेटे को आदेश दिया है कि वह 28 फरवरी तक मां को संपत्ति पर कब्जा दे दे. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सी टी रविकुमार और संजय करोल की बेंच ने कहा है कि अदालतों को मेंटनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन्स एक्ट, 2007 से जुड़े मामलों में इस बात को लेकर सजग रहना चाहिए कि यह कानून बुजुर्गों की सहायता के लिए बनाया गया है. अगर गिफ्ट डीड में यह न भी लिखा हो कि संतान भविष्य में माता- पिता का ख्याल रखेगी, तब भी इसे आधार बना कर लापरवाह संतान को संपत्ति पर काबिज नहीं रहने दिया जा सकता. 2007 में बने कानून की धारा 23 कहती है कि इस कानून के लागू होने के बाद उपहार (गिफ्ट) या किसी और तरीके से अगर कोई वरिष्ठ नागरिक इस शर्त पर अपनी संपत्ति किसी को देता है कि संपत्ति पाने वाला उस वरिष्ठ नागरिक की देखभाल करेगा, तो ऐसा न होने की सूरत में यह माना जाएगा कि संपत्ति का ट्रांसफर धोखाधड़ी या धमकी से हुआ है. ट्रिब्यूनल इस ट्रांसफर को रद्द घोषित कर देगा. *'बेटे ने देखभाल का दिया था वचन'* छतरपुर की रहने वाली उर्मिला दीक्षित ने 1968 में एक संपत्ति खरीदी थी. इसे उन्होंने 7 सितंबर 2019 को एक गिफ्ट डीड के जरिए अपने बेटे सुनील शरण दीक्षित को दे दिया. 4 दिसंबर 2020 को उन्होंने छतरपुर के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट को आवेदन देकर बताया कि उनके बेटे ने और अधिक संपत्ति पाने के लिए उन पर और उनके पति पर हमला किया. उर्मिला दीक्षित ने बताया कि बेटे ने संपत्ति ट्रांसफर करने से पहले वचन पत्र दिया था कि वह उनकी देखभाल करेगा. इस आवेदन के बाद एसडीएम ने गिफ्ट डीड निरस्त करने का आदेश दिया. *'मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का बेटे के पक्ष में फैसला'* सुनील शरण दीक्षित ने एक के बाद कई फोरम में अपील की. उसने दावा किया कि उसकी मां की तरफ से पेश वचन पत्र फर्जी है. लेकिन हर फोरम पर एसडीएम का आदेश बरकरार रहा. आखिरकार 31 अक्टूबर 2022 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच से उसके पक्ष में फैसला आया. डिवीजन बेंच ने कहा कि अगर माता की सेवा गिफ्ट डीड की शर्त थी, तो यह उस डीड में लिखा होना चाहिए था. गिफ्ट डीड में इस शर्त का उल्लेख नहीं है, इसलिए संपत्ति बेटे के पास ही बनी रहेगी. *'हाईकोर्ट ने फैसला पलट कर सही नहीं किया'* अब सुप्रीम कोर्ट ने मां के पक्ष में फैसला देते हुए हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के फैसले को पलट दिया है. 2 जनवरी को दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट 2007 में बुजुर्गों के हितों की रक्षा के लिए बने कानून के महत्व का जिक्र किया है. कोर्ट ने 'एस वनिता बनाम बेंगलुरु डिप्टी कमिश्नर' और 'सुदेश छिकारा बनाम रमती देवी' जैसे मामलों में अपने पुराने फैसलों का हवाला दिया है. इन मामलों में बुजुर्गों के हित मे मेंटनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन्स एक्ट, 2007 की उदारतापूर्ण व्याख्या की बात कही गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह कानून वरिष्ठ नागरिकों को उपेक्षा से बचाने और उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा में सक्षम बनाने के लिए लागू किया गया था. जब बुजुर्ग अपनी उचित देखभाल न होने की शिकायत दे तो ट्रिब्यूनल के पास यह अधिकार है कि वह मामले की जांच के बाद संपत्ति पाने वाले को उससे हटने का आदेश दे. इस मामले में भी एसडीएम ने सही आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने उसे पलट कर सही नहीं किया. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Pradeep Jain
Jan 5, 2025

युवा पीढ़ी 2047 तक भारत के गौरव का निर्माण करेगी: उपराष्ट्रपति
नई दिल्ली, 05 जनवरी 2025 (यूटीएन)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर-2025 का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने युवाओं से कहा कि दुनिया का कोई भी देश तब तक तरक्की नहीं कर सकता, जब तक उसके नागरिक राष्ट्रवाद के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध न हों। राष्ट्रवाद को हमारे सभी हितों चाहे व्यक्तिगत हो या संगठनात्मक से ऊपर होना चाहिए। अपनी मातृभूमि के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में इन गुणों को बनाए रखें। आपकी पीढ़ी 2047 तक भारत के गौरव का निर्माण करेगी। उन्होंने कहा कि आप देश के बेहतरीन युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। एनसीसी में आपकी सदस्यता एक अत्यधिक अनुशासित बल के तौर पर आपको उन गुणों को आत्मसात करने में सक्षम बनाती है जो मानव विकास के लिए आवश्यक हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय परिवर्तन की नींव पांच प्रमुख स्तंभों पर टिकी है। इसमें सामाजिक सद्भाव, पारिवारिक प्रबोधन, पर्यावरण चेतना, आत्मनिर्भरता और नागरिक कर्तव्य शामिल है। सामाजिक सद्भाव विविधता को राष्ट्रीय एकता में बदलता है इसकी आज के समय में आवश्यकता है। जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों को पोषित करना हमारे पारिवारिक प्रबोधन का हिस्सा होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए। उसका संरक्षण और सृजन करना चाहिए। स्वदेशी और आत्मनिर्भरता आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक हैं और हमें इन्हें बढ़ावा देना चाहिए। नागरिक कर्तव्य प्रत्येक नागरिक को प्रगति का पथ प्रदर्शक बनाते हैं। ये पंच प्राण हमारी संस्कृति में रच-बसकर, व्यक्तिगत जिम्मेदारी, पारंपरिक मूल्यों और एकता की ओर यात्रा को प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि ये पांच मूल्य जिम्मेदारी और चेतना के माध्यम से एक मजबूत राष्ट्रवादी भावना का निर्माण करेंगे। इनका प्रतिदिन अभ्यास करें और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ सतर्क रहें। मातृभूमि के प्रति हमारा समर्पण दृढ़ और अडिग होना चाहिए, क्योंकि यह हमारे अस्तित्व का आधार है। चुनौतियां इसलिए पैदा होती हैं क्योंकि राष्ट्र पिछले एक दशक में वैश्विक स्तर पर प्रशंसित वृद्धि देख रहा है। जिससे दुनिया ईर्ष्या करती है और हर नागरिक पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि हम राष्ट्रीय आशावाद के दौर में जी रहे हैं, क्योंकि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। वैश्विक संस्थाओं द्वारा भारत को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्वीकार किए जाने के कारण युवाओं के लिए अवसर बढ़ रहे हैं। यह बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी और एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के माध्यम से हासिल किया गया है। जो हर युवा को अपनी क्षमता और प्रतिभा का एहसास कराने में सक्षम बनाता है। शासन ने सभी क्षेत्रों में भेदभावपूर्ण प्रथाओं को योग्यता आधारित तंत्र में बदलते हुए बहुत जरूरी पहल की है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Pradeep Jain
Jan 5, 2025

राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में घना कोहरा छाया हुआ है, कोहरे की वजह से यातायात पूरी तरह से प्रभावित
नई दिल्ली,04 जनवरी 2025 (यूटीएन)। राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में शनिवार सुबह घना कोहरा छाया हुआ है। कोहरे की वजह से यातायात पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। विमान और ट्रेन के मुसाफिरों पर कोहरे का कहर पड़ रही है। बीते शुक्रवार को सड़कों पर वाहन रेंगते हुए नजर आए। कोहरे के कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं । शुक्रवार को अभी तक का सबसे ज्यादा कोहरा देखने को मिला। इस वजह से विमान और रेल सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई। इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से संचालित होने वाली 100 से ज्यादा विमान देरी का शिकार हुई। रनवे पर दृश्यता घटने की वजह से लो विजिबिलिटी प्रोसीजर लागू कर विमानों की आवाजाही कराई गई। इससे अन्य विमानों के संचालन में देरी हुई और यात्रियों को एयरपोर्ट के टर्मिनल पर विमानों के इंतजार में परेशान होना पड़ा। उधर रेलवे ट्रैक पर चलने वाली उत्तर भारत की 150 से अधिक ट्रेन देरी का शिकार हुई। इसमें दिल्ली पहुंचने वाली 41 से अधिक ट्रेन परिवर्तित समय से रवाना की गई। देरी से चलने वाली ट्रेन में मुख्य रूप से महाबोधी एक्सप्रेस दो घंटे से अधिक, नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ सात घंटे से अधिक, पूरबिया एक्सप्रेस 4 घंटे से अधिक, विक्रमशिला 3 घंटे से अधिक देरी से संचालित हुई। इसी तरह महाकौशल, गोमती, अमृतभारत, हावड़ा राजधानी, सियालदाह राजधानी, वंदे भारत, कैफियात, मगध, कानपुर शताब्दी, भी देरी से चली। उत्तर भारत में चलने वाली ट्रेन के साथ ही दक्षिण भारत की तरफ आवाजाही करने वाली लंबी दूरी की ट्रेन भी कोहरे की गिरफ्त में आ रही है। इनमें कर्नाटक एक्सप्रेस, केरल एक्सप्रेस समेत कई ट्रेन शामिल है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री 21.2 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान सात डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार तीन चार दिन में ठंड का प्रकोप और देखने को मिलेगा। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के कारण ठंडी हवाएं चलने से शीत लहर जैसी स्थिति रहेगी। वहीं शनिवार को भी घना कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। आज सुबह सात बजे से आईजीआई एयरपोर्ट पर बहुत घने कोहरे में सामान्य दृश्यता शून्य मीटर बनी हुई है। आईजीआई एयरपोर्ट पर कैट III स्थितियों के साथ शून्य दृश्यता में ऐसा बहुत घना कोहरा बीती रात 11:30 बजे से ही बना हुआ है ।
admin
Jan 4, 2025

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी रैली के साथ ही अपनी चुनावी तैयारियों का शंखनाद कर दिया पीएम मोदी
नई दिल्ली,04 जनवरी 2025 (यूटीएन)। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने पीएम मोदी की रैली के साथ ही अपनी चुनावी तैयारियों का शंखनाद कर दिया है. दिल्ली के अशोक विहार की रैली में पीएम मोदी ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी इशारों-इशारों में तंज कसा है. पीएम मोदी ने कहा कि देश भलीभांति जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया. लेकिन बीते 10 वर्षों में चार करोड़ से अधिक गरीबों के घर का सपना पूरा किया है. मैं भी कोई शीश महल बना सकता था। मेरे लिए तो मेरे देशवासियों को पक्का घर यही एक सपना था. मैं आपसे कहता हूं कि आप जब भी लोगों के बीच जाएं तो उनसे मेरी तरफ वादा करके आएं कि आज नहीं तो कल उनके लिए पक्का घर बनेगा, उनको पक्का घर मिलेगा । स्वाभिमान अपार्टमेंट गरीबों के स्वाभिमान को बढ़ाने वाले हैं. थोड़ी देर पहले जब कुछ लाभार्थियों से मेरी बात हुई तो मैं यही अहसास उनके भीतर देख रहा था. मुझे कुछ बालक बालिकाओं से मिलने का मौका मिला, स्वाभिमान अपार्टमेंट से भी ऊंचे उनके सपने मैं देख रहा था. इन घरों के लोग मेरे परिवार के ही सदस्य हैं. मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया, लेकिन बीते 10 सालों में चार करोड़ से अधिक गरीबों के घर और उनका सपना पूरा किया है.मैं भी कोई शीशमहल बना सकता था । पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत में देश के हर नागरिक के पास पक्की छत, अच्छे घर हों, ये संकल्प लेकर हम काम कर रहे हैं. इस संकल्प की सिद्धी में दिल्ली का बहुत बड़ा रोल है. इसलिए भाजपा की केंद्र सरकार ने झुग्गियों की जगह पक्का घर बनाने का अभियान शुरू किया है. दो साल पहले भी मुझे कालकाजी एक्सटेंशन में झुग्गियों में रहने वाले भाई बहनों के लिए तीन हजार से ज्यादा घरों के शुभारंभ का अवसर मिला था. वो परिवार जिनकी कई पीढ़ियां सिर्फ झुग्गियों में ही रही. जिनके सामने कोई उम्मीद नहीं थी. वे पहली बार पक्के घरों में पहुंच रहे है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि तब मैंने कहा था ये तो अभी शुरुआत है. आज यहां 1500 घरों के चाबी दी गई है. ये स्वाभिमान अपार्टमेंट्स गरीबों के स्वाभिमान और गरिमा को बढाने वाले हैं. थोड़ी देर पहले जब मैं कुछ लाभार्थियों से बात की तो मैंने यही एहसास उनके भीतर देख रहा था. मैं नया उत्साह नया ऊर्जा अनुभव कर रहा था. ऐसा लग रहा था कि स्वाभिमान अपार्टमेंट की ऊंचाई से ऊंचे उनके सपने हैं. इन घरों के मालिक भले ही दिल्ली के अलग-अलग लोग हों लेकिन ये सबके सब मेरे परिवार के ही सदस्य हैं। उन्होंने आगे कहा कि गरीबों के इन घरों में हर वो सुविधा है जो बेहतर जीवन जीने के लिए जरूरी है. यही तो गरीब का स्वाभिमान जगाता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है. जो विकसित भारत की असली ऊर्जा है. हम यहीं रुकने वाले नहीं है. अभी दिल्ली में करीब तीन हजार ऐसे ही और घरों के निर्माण का काम कुछ ही समय में पूरा होने वाले हैं। आने वाले समय में हजारों नए घर दिल्लीवासियों को मिलने वाले हैं. इस क्षेत्र में बहुत बड़ी संख्या में कर्मचारी लोग रहते हैं. वे भी काफी पुराने हो चुके थे. उनके लिए भी नए आवास बनाए जा रहे हैं. दिल्ली के अभूतपूर्व विकास को देखते हुए केंद्र सरकार नारायणा सब सिटी के निर्माण को गति दे रही है।
admin
Jan 4, 2025

भारत में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को एक उभरते क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है: श्रीमती अनुप्रिया पटेल
नई दिल्ली, 20 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के 21वें स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद एशिया में चौथा सबसे बड़ा चिकित्सा उपकरण बाजार है और दुनिया के शीर्ष 20 वैश्विक चिकित्सा उपकरण बाजारों में से एक है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव भी मौजूद थीं। विकसित भारत 2047 के लिए स्वास्थ्य सेवा में बदलाव"। "भारत की मेडटेक क्रांति की रूपरेखा: 2047 तक मेडटेक विस्तार का रोडमैप" विषय पर पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "भारत में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को एक उभरते क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है, क्योंकि देश की बढ़ती स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं, तकनीकी नवाचारों, सरकारी सहायता और उभरते बाजार के अवसरों द्वारा संचालित इसकी अपार विकास क्षमता है। उन्होंने बताया कि भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र का आकार लगभग 14 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है और 2030 तक इसके 30 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी बताया कि जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत एशिया में चौथा सबसे बड़ा चिकित्सा उपकरण बाजार है और दुनिया के शीर्ष 20 वैश्विक चिकित्सा उपकरण बाजारों में से एक है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेडटेक उद्योग न केवल स्वास्थ्य सेवा का एक घटक है, बल्कि एक उत्प्रेरक है जो रोगियों, भुगतानकर्ताओं, प्रदाताओं और नियामकों को एक मजबूत और अधिक न्यायसंगत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए जोड़ता है। उन्होंने कहा, "मेडटेक की यह अनूठी स्थिति ही भारत और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा वितरण और परिणामों में क्रांतिकारी बदलाव लाने का वादा करती है। स्वास्थ्य सेवा में एआई के वादे पर प्रकाश डालते हुए श्रीमती पटेल ने कहा कि "स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों को सुविधाजनक बनाने और उनसे निपटने तथा नए अवसरों की खोज के लिए नए तरीके बनाने के लिए स्वास्थ्य सेवा के भीतर एआई नवाचार महत्वपूर्ण है। श्रीमती पटेल ने चिकित्सा उपकरण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने, अनुसंधान को बढ़ावा देने, कौशल विकास को बढ़ाने और वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि "प्रमुख नीतिगत निर्णयों में स्वचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई की अनुमति देना और राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 को मंजूरी देना शामिल है, जो विनियामक सुव्यवस्थितता, बुनियादी ढांचे के विकास, अनुसंधान एवं विकास, निवेश आकर्षण और मानव संसाधन विकास को संबोधित करता है। इसमें उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना, एनआईपीईआर में पाठ्यक्रम और मेडटेक शिक्षा को मजबूत करने की पहल शामिल हैं।" केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने निर्यात और उद्योग सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं, जिसमें चिकित्सा उपकरणों के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएमडी) का गठन और राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्धन परिषद (एनएमडीपीसी) का पुनर्गठन शामिल है। उन्होंने कहा, "इन निकायों का उद्देश्य चिकित्सा उपकरण निर्यात को सुविधाजनक बनाना, विनियामक चुनौतियों का समाधान करना और व्यापार करने में आसानी को बढ़ाना है, जिससे वैश्विक चिकित्सा उपकरण बाजार में भारत की स्थिति को और बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने 400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ चिकित्सा उपकरण पार्कों को बढ़ावा देने की योजना के शुभारंभ के बारे में भी बताया, जिसमें बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को 100-100 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देना (पीआरआईपी) और 500 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के साथ "चिकित्सा उपकरण उद्योग को मजबूत करने की योजना" का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना, कौशल विकास का समर्थन करना और उद्योग के विकास को बढ़ावा देना है।" उन्होंने कहा कि ये प्रयास आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो मेडटेक उद्योग में आत्मनिर्भरता, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर केंद्रित है। इस बात को रेखांकित करते हुए कि स्वस्थ जनसंख्या उत्पादकता को बढ़ावा देती है, आर्थिक विकास को गति देती है और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करती है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि “स्वास्थ्य सेवा न केवल एक सामाजिक अनिवार्यता है, बल्कि एक आर्थिक आवश्यकता भी है।” उन्होंने कहा कि भारत का स्वास्थ्य सेवा एजेंडा प्रत्येक नागरिक के लिए स्वास्थ्य सेवा को वहनीय, सुलभ और समावेशी बनाने पर केंद्रित है और इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र 2047 तक विकसित देश बनने के भारत के दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण घटक है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मजबूत स्वास्थ्य सेवा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली में निवेश देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करने, नवाचार को बढ़ावा देने और सतत प्रगति सुनिश्चित करने के लिए ये आवश्यक हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने पीएम-जेएवाई, पीएम-एबीएचआईएम और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसी पहलों के साथ महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे किफायती देखभाल तक पहुँच का विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा, "मूल्य-आधारित देखभाल मॉडल और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से, विशेष रूप से टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्वास्थ्य सेवा को बदलने में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी, निवारक स्वास्थ्य सेवा और स्वास्थ्य सेवा कार्यबल के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करना सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने और भारत को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण होगा। श्रीमती पुण्य श्रीवास्तव ने पंचकूला में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा शुरू किए गए 100 दिवसीय गहन टीबी अभियान के बारे में भी गणमान्य व्यक्तियों को जानकारी दी। उन्होंने 2025 तक टीबी को खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अभियान का समर्थन करने के महत्व पर जोर दिया और आयोजकों को इस पहल को और बढ़ावा देने के लिए अगले दो दिनों में टीबी पर एक संक्षिप्त सत्र आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने निजी क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवा नेताओं और नागरिक समाज के सहयोग से भारत के स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन देते हुए अपने भाषण का समापन किया। "लक्ष्य 2047 तक भारत को स्वास्थ्य सेवा वितरण में वैश्विक नेता के रूप में बदलना है, जिसका लक्ष्य एक स्वस्थ, मजबूत और समृद्ध भारत बनाना है। भारत के स्वास्थ्य सेवा भविष्य को आकार देने में निजी क्षेत्र की भूमिका एक जिम्मेदारी और अवसर दोनों है। इस दृष्टिकोण को अपनाने से, प्रत्येक भारतीय को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी, जिससे आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। सीआईआई नेशनल हेल्थकेयर काउंसिल के अध्यक्ष और मेदांता - द मेडिसिटी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ नरेश त्रेहान; सीआईआई के सह-अध्यक्ष और मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ दिलीप जोस; अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप की प्रबंध निदेशक सुश्री सुनीता रेड्डी और सीआईआई की उप महानिदेशक सुश्री अमिता सरकार इस अवसर पर उपस्थित थीं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Dec 20, 2024

देश को इलेक्ट्रिक वाहन उपभोक्ता और कार्बन न्यूट्रल बनाना हमारा लक्ष्य : नितिन गडकरी
नई दिल्ली, 20 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत को ग्लोबल ईवी मार्केट का लीडर बनने की संभावनाओं पर दिया जोर देते हुए कहा कि सरकार का प्रमुख लक्ष्य देश में इलैक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना एवं कार्बन न्यूट्रल बनाना है। आज यहां 21वें ईवी एक्सपो के शुभारंभ के अवसर पर विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे। नितिन गडकरी ने प्रदूषण को नियंत्रित करने और ₹22 लाख करोड़ के वार्षिक फॉसिल फ्यूल इंपोर्ट पर निर्भरता घटाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने सरकार की मंशा को दोहराते हुए कहा कि देश को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर ले जाना और 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनाना हमारा लक्ष्य है। इस आयोजन के तहत आयोजित 8वीं कैटलिस्ट कॉन्फ्रेंस में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री की स्थिरता पर चर्चा हुई। यह कॉन्फ्रेंस इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के सहयोग से आयोजित की गई, जिसमें ईवी इंडस्ट्री के प्रतिनिधि, नियामक संस्थाओं के अधिकारी और उद्यमी शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री ने प्रदूषण को नियंत्रित करने और ₹22 लाख करोड़ के वार्षिक फॉसिल फ्यूल इंपोर्ट पर निर्भरता घटाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने सरकार की मंशा को दोहराते हुए कहा कि देश को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर ले जाना हमारा लक्ष्य है। गडकरी ने कहा कि इस वर्ष भारत में में भारत में 30 लाख इलैक्ट्रिक वाहन रजिस्टर हुए, जिससे उनकी बिक्री में 45% की बढ़ोतरी हुई और मार्केट पेनिट्रेशन 6.4% तक पहुंच गया। खास बात यह रही कि कुल दो-पहिया वाहनों की बिक्री में से 56% इलेक्ट्रिक थे, जिसमें 400 से अधिक स्टार्टअप्स का अहम योगदान रहा। उन्होंने भविष्य की संभावनाओं पर जोर देते हुए कहा कि 2030 तक भारतीय ईवी मार्केट ₹20 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे 5 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी। 2028 तक हाइब्रिड और ईवी का मार्केट शेयर 8% तक पहुंचने का अनुमान है। जिससे ईवी फाइनेंस मार्केट का आकार ₹4 लाख करोड़ तक होने की संभावना है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भारत के पास 60 लाख टन लिथियम का भंडार है, जो वैश्विक स्टॉक का 6% है और 60 करोड़ ईवी के निर्माण के लिए पर्याप्त है। सरकार इन भंडारों के उपयोग में तेजी लाने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लिथियम-आयन बैटरी की जीवनचक्र लागत 115 प्रति किलोवाट-घंटा है, जो अगले छह महीनों में 100 से कम होने की संभावना है। नितिन गडकरी ने कहा कि लिथियम-आयन बैटरी रिसाइक्लिंग मार्केट 2030 तक ₹50,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि इस समय का लाभ उठाकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईवी उत्पादन को दस गुना बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि भारतीय ईवी इंडस्ट्री को विश्व स्तर पर, खासकर चीन जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए बेहतरीन तकनीक और गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा। उन्होंने साबित तकनीक, आर्थिक व्यवहार्यता, कच्चे माल की उपलब्धता और उत्पादों की मार्केटेबिलिटी को सफलता के चार महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रही है और ईवी इंडस्ट्री की संभावनाएं बहुत बड़ी हैं। सही तकनीक, भविष्य की योजना और रिसर्च के साथ भारत वैश्विक बाजार में अग्रणी स्थान प्राप्त कर सकता है। उन्होंने अपने सपने को साझा करते हुए कहा कि भारत को दुनिया का नंबर वन ऑटोमोबाइल हब बनाना और ईवी सेक्टर से बड़ा योगदान लेकर यह उपलब्धि अगले पांच वर्षों में हासिल करना उनका लक्ष्य है। इस सम्मेलन में सौरभ दलैला, डायरेक्टर आईसीएटी,बलराज भनोट, पूर्व चेयरमैन टीईडी कमेटी ,यशपाल सचर,अनुज शर्मा, अध्यक्ष, इलेक्ट्रिक व्हीकल फेडरेशन राजीव अरोड़ा, आयोजक ईवी एक्सपो कॉन्फ्रेंस में ईवी इंडस्ट्री की स्थिरता और भविष्य पर कई पैनल चर्चाएं हुईं। प्रदर्शनी की मुख्य बातें: 21वें ईवी एक्सपो में अत्याधुनिक इनोवेशन, इंडस्ट्री सहयोग, और नई टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें भारत और विदेश के लगभग 200 प्रदर्शकों की भागीदारी है। एक्सपो उद्यमियों, स्टार्टअप्स, इंडस्ट्री लीडर्स भाग ले रहे हैं. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Dec 20, 2024

साइबर क्राइम:अब तक 6 लाख से ज्यादा सिम और एक लाख से ज्यादा मोबाइल किए ब्लॉक
नई दिल्ली, 20 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। डिजिटल युग में पूरा विश्व इस समय साइबर अपराध से जूझ रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है. ऐसे में साइबर अपराधों से निपटने के लिए भारत सरकार कड़े कदम उठा रही है. राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में भारत सरकार ने जानकारी दी कि इस साल नवंबर तक सरकार ने 6 लाख 69 हजार से ज्यादा सिम कार्ड ब्लॉक किए हैं. सिम कार्ड के अलावा सरकार ने नवंबर तक 1 लाख 32 हजार से ज्यादा मोबाइल फोन को भी ब्लॉक किया है, जो साइबर अपराधों में शामिल थे. *टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर सरकार कर रही कर्रवाई* महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सवित्री ठाकुर ने राज्यसभा में बताया कि साइबर अपराधों में शामिल सिम कार्ड और मोबाइल फोन ब्लॉक करने के अलावा फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल्स को रोकने के लिए भी सरकार टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर कार्रवाई कर रही है. उन्होंने बताया कि ऐसी कॉल्स, जो भारत से आती हुई प्रतीत होती हैं, लेकिन असल में अंतरराष्ट्रीय हैं, उन्हें अब ब्लॉक की जा रही हैं. केंद्र सरकार साइबर अपराध से निपटने और कानून प्रवर्तन एजेंसी की क्षमता को मजबूत करने के लिए भी ठोस कदम उठा रही है. केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने सीवाई ट्रेन नामक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जो पुलिस और न्यायिक अधिकारियों को साइबर अपराध की जांच, फॉरेंसिक और अभियोजन से जुड़े आधुनिक कौशल सिखाता है. *पुलिस को दी जा रही स्पेशल ट्रेनिंग* केंद्र सरकार के मुताबिक अब तक 98 हजार 698 से अधिक पुलिस अधिकारी ट्रेनिंग में शामिल हो चुके हैं और 75 हजार 591 को ट्रेनिंग पूरी होने पर प्रमाणपत्र भी दिए गए हैं. केंद्र सरकार के मुताबिक निर्भया फंड के तहत महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध की रोकथाम योजना के जरिए 131.60 करोड़ रुपये की सहायता भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदान की है, जिससे देशभर में 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर फॉरेंसिक और प्रशिक्षण लैब स्थापित की गई हैं। साथ ही अब तक 24 हजार 600 से अधिक पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों और अभियोजकों को साइबर अपराध जागरूकता, जांच और फॉरेंसिक में प्रशिक्षित किया जा चुका है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Dec 20, 2024
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