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○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
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यदि शुचिता नष्ट हो जाए तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना पड़ता है', नीट मामले में 'सुप्रीम' टिप्पणी
नई दिल्ली, 09 जुलाई 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। याचिका में पांच मई को हुई परीक्षा रद्द करने, एनटीए को दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने और अनियमितताओं के संबंध में कोर्ट की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की गई। कुछ याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट से दोबारा परीक्षा कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि कसूरवार और बेकसूरों की पहचान करना संभव नहीं है। इस दौरान प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एनटीए को परीक्षा रद्द करने से रोकने की मांग वाली गुजरात के 50 से अधिक सफल परीक्षार्थियों की याचिका पर भी सुनवाई की। शीर्ष कोर्ट ने कहा, 'एक बात तो साफ है कि प्रश्न-पत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है। लीक की प्रकृति कुछ ऐसी है, जिसका हम पता लगा रहे हैं। आप केवल इसलिए पूरी परीक्षा रद्द नहीं कर सकते, क्योंकि दो छात्र धांधली में शामिल थे। इसलिए हमें लीक की प्रकृति के बारे में सावधान रहना चाहिए। दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले हमें लीक की सीमा के बारे में जानना होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि हम 23 लाख छात्रों के मामले को सुन रहे हैं।' सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि केंद्र और एनटीए ने इस गड़बड़ी से किन-किन छात्रों को फायदा पहुंचा? यह जानने के लिए क्या कार्रवाई की?' *'लीक होने के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए?'* सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि लीक होने के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए। कोर्ट ने पूछा कि ये छात्र कहां हैं? भौगोलिक तौर पर ये छात्र कहां कहां हैं? क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों का पता लगा रहे हैं और क्या हम लाभार्थियों की पहचान कर भी पाएं हैं? सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा को दोबारा से कराना सबसे आखिरी विकल्प होना चाहिए। मामले में जो कुछ भी हुआ, उसकी जांच देश भर के विशेषज्ञों की एक बहु-अनुशासनात्मक समिति से कराई जानी चाहिए। *'क्या हम काउंसलिंग होने देंगे?'* सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पढ़ाई-लिखाई की सबसे प्रतिष्ठित शाखा से निपट रहे हैं। हर मध्यम वर्ग का व्यक्ति चाहता है कि उनके बच्चे या तो चिकित्सा या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें। यह मानते हुए कि हम परीक्षा रद्द नहीं करने जा रहे हैं। हम ऐसे लोगों की पहचान कैसे करेंगे, जिन्हें इस धांधली का फायदा हुआ है। क्या हम काउंसलिंग होने देंगे और अब तक क्या हुआ है? *कोर्ट ने दिए कई अहम निर्देश* सुप्रीम कोर्ट ने साइबर फोरेंसिक यूनिट को शामिल करने, एआई का उपयोग करके गलत काम करने वालों की संख्या का पता लगाने और उनके लिए फिर से परीक्षा की संभावना तलाशने के बारे में पूछा। कोर्ट ने सीबीआई को जांच की स्थिति बताते हुए रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने एनटीए को निर्देश दिया कि वह बताए कि प्रश्नपत्र पहली बार कब लीक हुआ। वह प्रश्नपत्र लीक होने की घटना और 5 मई को परीक्षा आयोजित होने के बीच की समय अवधि के बारे में भी बताए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख तय की। देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा नीट-यूजी आयोजित की जाती है। पेपर लीक सहित अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। इस पर जमकर राजनीति भी हुई। केंद्र और एनटीए ने 13 जून को अदालत को बताया था कि उन्होंने 1,563 अभ्यर्थियों को दिए गए कृपांक ग्रेस मार्क रद्द कर दिए हैं। उन्हें दोबारा परीक्षा या प्रतिपूरक अंकों को छोड़ने का विकल्प दिया गया था। एनटीए ने 23 जून को आयोजित पुन: परीक्षा के परिणाम जारी करने के बाद एक जुलाई को संशोधित रैंक सूची जारी की। *कैसे संदेह पैदा हुआ?* पांच मई को हुई परीक्षा में कुल 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक प्राप्त किए। यह एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व था। इसमें सूची में हरियाणा केंद्र के छह छात्र शामिल हैं। इसके बाद परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह शुरू हुआ। आरोप लगाया गया कि कृपांक के चलते 67 छात्रों को शीर्ष रैंक मिली। इसके बाद एनटीए ने एक जुलाई को संशोधित परिणाम घोषित किया। इसके बाद नीट-यूजी में शीर्ष रैंक वाले अभ्यर्थियों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई। *सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणियां* 1- यदि परीक्षा की शुचिता नष्ट हो जाए तो पुनः परीक्षा का आदेश देना पड़ता है। 2- अगर हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ हैं तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा। 3- यदि प्रश्न पत्र लीक सोशल मीडिया के जरिए हुआ, तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना होगा। 4- कुछ ध्यान देने वाली बातें हैं, 67 उम्मीदवार 720 में से 720 अंक प्राप्त कर रहे हैं, जबकि पिछले वर्षों में यह अनुपात बहुत कम था। 5-यदि प्रश्नपत्र टेलीग्राम, व्हाट्सएप और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से लीक होता है, तो यह जंगल की आग की तरह फैलता है। 6-यह साफ है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है। 7-इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है, हम लीक की सीमा का पता लगा रहे हैं। 8-हम प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की संख्या जानना चाहते हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। कितने गलत कृत्य करने वालों के परिणाम रोके गए हैं, ऐसे लाभार्थियों का भौगोलिक वितरण जानना चाहते हैं। 9-यह मानते हुए कि सरकार परीक्षा रद्द नहीं करेगी, वह प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए क्या करेगी? 10-जो हुआ उसे हमें नकारना नहीं चाहिए। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 9, 2024
नीट पीजी के एग्जाम में अब नहीं होगी कोई गड़बड़ी, 11 अगस्त के लिए हुए कड़े इंतजाम
नई दिल्ली, 06 जुलाई 2024 (यूटीएन)। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार नीट पीजी परीक्षा की तारीख जारी हो गई है. नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशंस इन मेडिकल साइंसेंस ने जानकारी दी है कि इस बार नीट पीजी परीक्षा का आयोजन 11 अगस्त 2024 के दिन किया जाएगा. एक ही दिन में, दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित होगी. पिछली बार एग्जाम में गड़बड़ी की आशंका से परीक्षा से करीब 12 घंटे पहले ही इसे कैंसिल कर दिया गया था. इस बार कोई समस्या न आए इसलिए होम मिनिस्ट्री साइबर सेल के साथ मिलकर तगड़े इंतजाम करेगी. *शिफ्ट के बारे में बाद में दी जाएगी जानकारी* नीट पीजी परीक्षा शिफ्ट के बारे में बाद में जानकारी दी जाएगी. वे कैंडिडे्स जो इस साल की परीक्षा में शामिल हो रहे हों, वे ताजा अपडेट्स के लिए विजिट करते रहें. कट-ऑफ डेट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है और ये 15 अगस्त 2024 ही है. *होम मिनिस्ट्री की निगरानी में होगा एग्जाम* इस बार का नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट फॉर पीजी एग्जाम अब होम मिनिस्ट्री की निगरानी में आयोजित होगा. पेपर लीक जैसी समस्याओं से बचने के लिए परीक्षा से दो घंटे पहले क्वैश्चन पेपर बनाया जाएगा. इसके अलावा बहुत सी गवर्नमेंट एजेंसी इस काम में लगेंगी कि कहीं कोई गलती की गुंजाइश न हो. साइबर सेल और टाटा कंसल्टेंसी के साथ होम मिनिस्ट्री की मीटिंग इस बाबत हो चुकी है और परीक्षा की सुरक्षा के लिए तगड़े इंतजाम किए गए हैं. *इस बार बदला पेपर पैटर्न भी* इस बार नीट पीजी परीक्षा का पेपर पैटर्न भी बदल दिया गया था. एग्जाम से कुछ दिन पहले ही ये फैसला आया था. परीक्षा को समय-सीमा में भी बांधा गया है और ये भी सुरक्षा के लिहाज से ही किया गया है. सेक्शन में बंटा होगा. जैसे पांच सेक्शन हैं तो हर सेक्शन के लिए 42 मिनट दिए जाएंगे जिसमें 40 सवाल आएंगे. नये नियम के तहत जब तक एक सेक्शन पूरा नहीं हो जाता यानी उसको दिया टाइम पूरा नहीं हो जाता आप दूसरे सेक्शन में नहीं जा सकते. एक बार दिया गया समय पूरा हो जाता है तो कैंडिडेट अपने पुराने उत्तरों को न तो फिर से देख सकते हैं और न ही बदल सकते हैं. एक बारे में और दिए गए समय में वो जिस सेक्शन में जिस भी एमसीक्यू का जो उत्तर देना चाहते हैं, वे दे सकते हैं. *एग्जाम डे गाइडलाइन* परीक्षा शुरू होने से कम से कम डेढ़ घंटे पहले केंद्र पहुंच जाएं. पहले परीक्षा की टाइमिंग सुबह 9 से दोपहर 12.30 बजे तक थी. ऐसे में आपको 8 बजे सेंटर पहुंचना था. इस बार की शिफ्ट की टाइमिंग कुछ दिन में जारी होगी. किसी भी तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज अपने साथ न ले जाएं. साथ ही किसी भी तरह की कॉपी-किताब भी कैरी न करें. अपने साथ एमडिट कार्ड और वैलिड फोटो आईडी जरूर ले जाएं. नये एडमिट कार्ड फिर से जारी हो सकते हैं. अपडेट्स जानने के लिए वेबसाइट देखते रहें. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 6, 2024
चकाचौंध में खोना नहीं, दबाव लिये बिना खेलना', पीएम मोदी का ओलंपिक खिलाड़ियों के लिए मैसेज
नई दिल्ली, 06 जुलाई 2024 (यूटीएन)। पेरिस ओलंपिक जा रहे भारतीय खिलाड़ियों को जीत हार का दबाव नहीं लेते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की सलाह देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें ओलंपिक की चकाचौंध में खोये बगैर अपना फोकस बनाये रखना है. प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस ओलंपिक जा रहे खिलाड़ियों से शुक्रवार को व्यक्तिगत और ऑनलाइन बातचीत में कहा ,‘‘ मेरी कोशिश रहती है कि खेल जगत से जुड़े देश के सितारों से मिलता रहूं, नयी चीजें जानता रहूं और उनके प्रयासों को समझता रहूं. सरकार के नाते व्यवस्था में कुछ बदलाव लाने हैं तो काम करता रहूं. मेरी कोशिश सभी से सीधे बात करने की होती है .’’ उन्होंने कहा कि ओलंपिक की चकाचौंध में खोना नहीं है, क्योंकि इससे फोकस हटता है और ना ही विरोधी को देखकर विचलित होना है. उन्होंने कहा ,‘‘यह कद काठी का खेल नहीं है बल्कि कौशल का खेल है. विरोधी खिलाड़ी की कद काठी से विचलित हुए बिना अपनी प्रतिभा पर फोकस रखें और वही परिणाम दिलायेगा . *दबाव लिए बिना शत प्रतिशत देना है* उन्होंने कहा, बहुत से लोग सब कुछ जानते हुए भी परीक्षा में गड़बड़ कर देते हैं और उसका मूल कारण है कि परीक्षा पर ध्यान कम होता है और वह अच्छे अंक लाने के दबाव में रहते है . आप जीत हार की चिंता मत कीजिये, पदक आते हैं और नहीं भी आते. इसका दबाव मत लीजिये, लेकिन अपना शत प्रतिशत दीजिये. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि भारतीय खिलाड़ी पेरिस में पुराने तमाम रिकॉर्ड तोड़कर देश के लिये गौरव लेकर आयेंगे. *लौटने के बाद खिलाड़ियों के स्वागत का इंतजार करेंगे* उन्होंने कहा, आप अपनी तपस्या से इस स्थान तक पहुंचे हैं. अब देश को खेल के मैदान पर कुछ देने का मौका है. खेल के मैदान में अपना सर्वश्रेष्ठ देने वाला देश के लिये गौरव लेकर आता है. मुझे विश्वास है कि इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोडकर हमारे खिलाड़ी आयेंगे. उन्होंने कहा कि वह ओलंपिक से लौटने के बाद खिलाड़ियों के स्वागत का इंतजार करेंगे. *15 अगस्त के कार्यक्रम की कही बात* मोदी ने कहा, मैं आपका फिर से इंतजार करूंगा जब आप 11 अगस्त को ओलंपिक खत्म होने के बाद लौटेंगे. मैं कोशिश करूंगा कि 15 अगस्त को लालकिले पर होने वाले स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में आप मौजूद रहें ताकि देश आपको देख सके, क्योंकि जीत हार तो अलग, लेकिन ओलंपिक खेलने जाना ही बहुत बड़ी बात है .’’ उन्होंने खिलाड़ियों से अपनी नींद का पूरा ध्यान रखने के लिये भी कहा. *पीएम ने कहा- अच्छी नींद बहुत जरूरी है* उन्होंने कहा, खेल जगत में अभ्यास और निरंतरता का जितना महत्व है उतना ही नींद का है. आप सोचोगे कि प्रधानमंत्री आपको सोने के लिये कह रहे हैं. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि अच्छी नींद बहुत जरूरी है. शरीर की मेहनत वाली नींद एक बात है और सभी चिंताओं से मुक्त होकर सोना अलग है. प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों से ओलंपिक के दौरान सीखने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा, खिलाड़ी नाकाम होने पर भी कभी परिस्थिति को दोष नहीं देता. *ओलंपिक सीखने का भी बहुत बड़ा मैदान* हम अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये जा रहे हैं, लेकिन ओलंपिक सीखने का भी बहुत बड़ा मैदान होता है. अपने खेल के अलावा बाकी खेलों को भी देखने का मौका होता है ताकि नया सीख सकें. सीखने की आदत से काम करने वाले के लिये सीखने के बहुत अवसर होते हैं. यूं तो दुनिया के समृद्ध और उत्तम सुविधाओं के साथ आये हुए देश के लोग भी शिकायत करते नजर आयेंगे, लेकिन हमारे खिलाड़ी कठिनाइयों को असुविधाओं को हाशिये पर रखकर मिशन के लिये लग जाता है, क्योंकि उसके मन में तिरंगा, अपना देश होता है. उन्होंने कहा, हम खिलाड़ियों को पहले इसलिये भेजते हैं कि वहां के अनुकूल ढल सकें. *90 खिलाड़ी थे शामिल* खिलाड़ियों की सुविधा के लिये इस बार भी कुछ नया करने का प्रयास किया है. वहां के भारतीय समुदाय को भी हम सक्रिय करते हैं जो वह रखते हैं. प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह, गोलकीपर पी आर श्रीजेश , तीरंदाज दीपिका कुमारी, पहलवान अंतिम पंघाल, निशानेबाज मनु भाकर, रमिता जिंदल, चौदह वर्ष की तैराक धिनिधि देसिंघु के अलावा आनलाइन जुड़ने वालों में ओलंपिक और विश्व चैम्पियन भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, दो बार की ओलंपिक पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु और मुक्केबाज निकहत जरीन समेत लगभग 90 खिलाड़ी शामिल थे. *इन तारीखों में होने वाला है ओलंपिक* पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से 11 अगस्त के बीच खेले जायेंगे . भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तोक्यो ओलंपिक में रहा है जिसमें भालाफेंक में नीरज चोपड़ा के ऐतिहासिक स्वर्ण समेत सात पदक जीते . भारत के 100 से अधिक खिलाड़ियों ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 6, 2024
कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने डिस्लिपिडेमिया प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए
नई दिल्ली, 05 जुलाई 2024 (यूटीएन)। एक ऐतिहासिक पहल करते हुए कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया सीएसआई ने डिस्लिपिडेमिया प्रबंधन के लिए भारत में पहली बार दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह महत्वपूर्ण पहल देश भर में डिस्लिपिडेमिया के प्रसार में अद्वितीय चुनौतियों और विविधताओं को संबोधित करने में एक मील का पत्थर साबित होगा। कुल कोलेस्ट्रॉल का अधिक स्तर, एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल खराब कोलेस्ट्रॉल का बढा होना, उच्च ट्राइग्लिसराइड्स और कम एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल अच्छा कोलेस्ट्रॉल की विशेषता वाला डिस्लिपिडेमिया, दिल के दौरे, स्ट्रोक और परिधीय धमनी रोग जैसे हृदय रोगों के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। भारत में डिस्लिपिडेमिया की व्यापकता चिंताजनक रूप से अधिक है, जिसमें महत्वपूर्ण अंतरराज्यीय विविधताएं और विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में उच्च दर है। डिस्लिपिडेमिया की गंभीरता के बारे में बोलते हुए, कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया सीएसआई के अध्यक्ष डॉ. प्रताप चंद्र रथ ने कहा, “उच्च रक्तचाप और मधुमेह के विपरीत, डिस्लिपिडेमिया एक साइलेंट किलर है, जिसमें अक्सर लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। उन्होंने सक्रिय प्रबंधन और शीघ्र पता लगाने के महत्व पर जोर दिया। नए दिशानिर्देश पारंपरिक खाली पेट से हटकर, जोखिम के आकलन और उपचार के लिए बिना खाली पेट लिपिड को मापने की सलाह देते हैं। बढ़ा हुआ एलडीएल-सी प्राथमिक लक्ष्य बना हुआ है, लेकिन उच्च ट्राइग्लिसराइड्स 150 मिलीग्राम डीएल वाले मरीजों के लिए, गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल केंद्रबिंदु है। डॉ. दुर्जति प्रसाद सिन्हा, मा. सीएसआई के महासचिव ने प्रकाश डालते हुए कहा, "बिना उपवास या खाली पेट लिपिड माप परीक्षण को अधिक सुविधाजनक और सुलभ बनाता है, जिससे अधिक लोगों को परीक्षण और उपचार के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। अगर हृदय रोग या हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का पारिवारिक इतिहास है तो दिशानिर्देश 18 साल की उम्र में या उससे पहले ही लिपिड प्रोफ़ाइल की सलाह देते हैं। सामान्य आबादी और कम जोखिम वाले व्यक्तियों को एलडीएल-सी का स्तर 100 मिलीग्राम डीएल से नीचे और गैर-एचडीएल-सी का स्तर 130 मिलीग्राम डीएल से नीचे बनाए रखना चाहिए। उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों, जिन्हें मधुमेह या उच्च रक्तचाप है, उन्हें एलडीएल-सी को 70 मिलीग्राम डीएल से नीचे और गैर-एचडीएल को 100 मिलीग्राम डीएल से नीचे रखने का लक्ष्य रखना चाहिए। सर गंगाराम अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष और लिपिड दिशानिर्देशों के अध्यक्ष, डॉ. जे. पी. एस. साहने ने बताया, "बहुत अधिक जोखिम वाले मरीजों के लिए, जिनमें दिल का दौरा, एनजाइना, स्ट्रोक या क्रोनिक किडनी रोग का इतिहास शामिल है, कड़े लक्ष्य सुझाए गए हैं। इन मरीजों को एलडीएल-सी स्तर 55 मिलीग्राम डीएल से नीचे या गैर-एचडीएल स्तर 85 मिलीग्राम डीएल से नीचे रखने का लक्ष्य रखना चाहिए। डिस्लिपिडेमिया प्रबंधन की आधारशिला के रूप में जीवनशैली में बदलाव पर जोर दिया जाता है। भारत में आहार संबंधी आदतों को देखते हुए, चीनी और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करने की सिफारिश की जाती है, क्योंकि ये कम मात्रा में वसा का सेवन करने की तुलना में ब्लॉकेज में अधिक योगदान देते हैं। नियमित व्यायाम और योग, जो हृदय को सुरक्षा प्रदान करते हैं और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक भी है, की सिफारिश की जाती है। डॉ. एस. रामाकृष्णन, एम्स में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर ने कहा, "उच्च एलडीएल-सी और गैर-एचडीएल-सी को स्टैटिन और मुंह से खाई जाने वाली गैर-स्टेटिन दवाओं के संयोजन से नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्ष्य प्राप्त नहीं होते हैं, तो पीसीएसके9 अवरोधक या इनक्लिसिरन जैसी इंजेक्टेबल लिपिड-कम करने वाली दवाओं की सिफारिश की जाती है। उच्च ट्राइग्लिसराइड्स 150 मिलीग्राम डीएल वाले मरीजों के लिए, गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल लक्ष्य है। जीवनशैली में बदलाव, जैसे नियमित व्यायाम, शराब और तंबाकू छोड़ना और चीनी व कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करना महत्वपूर्ण हैं। हृदय रोग, स्ट्रोक या मधुमेह के मरीजों में स्टैटिन, गैर-स्टेटिन दवाएं और मछली के तेल ईपीए की सिफारिश की जाती है। 500 मिलीग्राम डीएल से ऊपर ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर के लिए फेनोफाइब्रेट, साराग्लिटाज़ोर और मछली के तेल के इस्तेमाल की आवश्यकता होती है। सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ और लिपिड दिशानिर्देशों में सहायक की भूमिका निभाने वाले डॉ. अश्वनी मेहता ने जोर देकर कहा, "डिस्लिपिडेमिया के आनुवंशिक कारण, जैसे पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, विश्व के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में अधिक सामान्य हैं। परिवार के सदस्यों की कैस्केड स्क्रीनिंग के माध्यम से इन मामलों की जल्द पहचान करना और उनका इलाज करना आवश्यक है। इसके अलावा, दिशानिर्देश कम से कम एक बार लिपोप्रोटीन (ए) के स्तर का मूल्यांकन करने की सलाह देते हैं, क्योंकि ऊंचा स्तर 50 मिलीग्राम डीएल हृदय रोग से जुड़ा होता है। उन्नत लिपोप्रोटीन (ए) का प्रचलन पश्चिमी दुनिया (15-20 प्रतिशत) की तुलना में भारत में अधिक 25 प्रतिशत है। सीएसआई के नए दिशानिर्देश स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को भारत में कोलेस्ट्रॉल को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और हृदय रोग से लड़ने के लिए सशक्त बनाते हैं, जिससे अंततः सभी के लिए स्वस्थ जीवन को बढ़ावा मिलता है। लिपिड के वांछनीय स्तर निम्नलिखित हैं जिनका देश की सभी जैव रसायन प्रयोगशालाओं द्वारा समान रूप से पालन किया जाना चाहिए। किसी को जोखिम श्रेणी के आधार पर लिपिड लक्ष्यों की तलाश करनी चाहिए। ऐसा मरीजों के बीच भ्रम की स्थिति से बचने के लिए किया गया है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 5, 2024
शख्स ने की पीएम मोदी का चुनाव रद्द करने की अपील, हाई कोर्ट बोला- 'आपको इलाज की जरूरत
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2024 (यूटीएन)। दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लोकसभा से बर्खास्त करने संबंधी याचिका बुधवार को खारिज करते हुए कहा कि इसमें लगाए गए आरोप मनगढ़ंत कल्पना पर आधारित हैं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि वह इस मामले में एकल न्यायाधीश के फैसले से सहमत है. सिंगल न्यायाधीश ने पहले ही याचिका खारिज कर दी थी. पीठ ने अपीलकर्ता से कहा कि आप ठीक तो हैं. उसने कहा कि अपीलकर्ता को चिकित्सा सहायता की जरूरत है. पीठ ने संबंधित पुलिस थाने के प्रभारी, उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट को चिकित्सा स्वास्थ्य अधिनियम के प्रावधानों के मद्देनजर उसपर याचिकाकर्ता पर नजर रखने का निर्देश दिया. *कैप्टन दीपक कुमार ने दायर की थी याचिका* कैप्टन दीपक कुमार की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि मोदी और उनके सहयोगियों ने 2018 में एअर इंडिया की उस उड़ान की दुर्घटना का षड्यंत्र रचकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का प्रयास किया, जिसके पायलट याचिकाकर्ता खुद थे. कुमार ने यह आरोप भी लगाया कि मोदी ने झूठी शपथ ली है जो निर्वाचन अधिकारी को नामांकन पत्र सौंपे जाने के बाद होनी चाहिए थी. *गृह मंत्री शाह और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लगाया आरोप* याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष दलील देते हुए आरोप लगाया कि मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और उन्हें लोकसभा से बर्खास्त किया जाना चाहिए. याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘इस अपील में सभी आरोप अपीलकर्ता की मनगढ़ंत कल्पना पर आधारित हैं और इसमें कोई प्रमाण नहीं हैं. *पीठ ने याचिका को लेकर लगाई फटकार* पीठ ने कहा, ‘‘आप ठीक तो हैं? आपकी अर्जी अधूरी है. यह एक विषय से दूसरे विषय की ओर जा रहा है. यह झूठी शपथ लेने के आरोप से इस दिशा में जा रहा है कि आप तीन लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने उस विमान की दुर्घटना कराई जो आप उड़ा रहे थे. आप अपनी बेटी के लापता होने से लेकर इस बात के आरोप लगा रहे हैं कि कोई पूर्व प्रधान न्यायाधीश आपकी हत्या की कोशिश कर रहे थे. आप ठीक तो हैं? कोई इंसान इस याचिका को नहीं समझ सकता. *याचिकाकर्ता ने क्या कहा?* इस पर याचिकाकर्ता ने कहा, ‘‘हां, मैं ठीक हूं श्रीमान, याचिका बहुत स्पष्ट है. हां मेरी बेटी का अपहरण हुआ और इसकी पुलिस रिपोर्ट है. मेरा भी अपहरण किया गया था और थाने ले जाया गया, जहां उन्होंने मुझसे सौदेबाजी की कि अगर मैं मुंह बंद रखूंगा तो वे मेरी बेटी को मुझे वापस कर देंगे. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 4, 2024
सीआईआई ने पूर्वोत्तर में सामाजिक विकास में कॉर्पोरेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए सीएसआर कनेक्ट लॉन्च किया
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2024 (यूटीएन)। दो दिवसीय नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कनेक्ट - अनलॉकिंग नॉर्थ ईस्ट की क्षमता, 3-4 जुलाई 2024 को नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा लॉन्च किया गया है। मुख्य अतिथि, डॉ सुकांत मजूमदार, राज्य मंत्री, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उद्घाटन किया गया, इस पहल का उद्देश्य सरकार के साथ साझेदारी में प्रभावशाली पहलों के माध्यम से कॉर्पोरेट क्षेत्र और पूर्वोत्तर के सामाजिक-आर्थिक विकास के बीच की खाई को पाटना है। अपने संबोधन में डॉ सुकांत मजूमदार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पूर्वोत्तर के लिए शुरू की गई 10,000 करोड़ रुपये की उन्नति योजना इस क्षेत्र में निवेश लाएगी। उन्होंने माननीय प्रधान मंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के आश्चर्यजनक कायापलट की सराहना की। केंद्रीय मंत्रालय न केवल अपनी चल रही योजनाओं के माध्यम से, बल्कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए समर्पित योजनाओं के माध्यम से भी अपने सकल बजटीय समर्थन का 10% उत्तर पूर्वी क्षेत्र में खर्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र के प्रति फोकस को दर्शाता है। बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर भारत सरकार के फोकस ने चटगांव बंदरगाह का उपयोग करके इस क्षेत्र में उद्योग के लिए व्यापार करने के कई रास्ते खोल दिए हैं। उद्योग को इस व्यापार गलियारे का लाभ उठाना चाहिए जो दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने क्षेत्र के रणनीतिक लाभ पर प्रकाश डाला और कहा कि बांग्लादेश के साथ बेहतर द्विपक्षीय सहयोग और चटगांव बंदरगाह के खुलने से उद्योग के लिए व्यापार के लिए प्रवेश द्वार का उपयोग करने के कई रास्ते खुल गए हैं। इससे क्षेत्र में अधिक निवेश आएगा और सामाजिक-विकास पर अधिक गतिविधियाँ होंगी। 8 साल की अवधि (2014-15 से 2022-23) में, क्षेत्र 6.77% की CAGR से बढ़ रहा है जो राष्ट्रीय औसत 5.43% से अधिक है। इस क्षेत्र ने राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (स्थिर मूल्यों पर 2022-23) में 2.95% का योगदान दिया। चंचल कुमार, आईएएस, सचिव, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि एनईआर के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने की आवश्यकता है और निजी वित्त पोषण के प्रवाह से क्षेत्र के विकास में तेजी आने की संभावना है। एनईआर में सीएसआर योगदान सीमित है और इसे नीति स्तर पर संबोधित करने की आवश्यकता है और इसलिए इस तरह के मंचों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सीएसआर निवेश आकर्षित करने के लिए प्रत्येक राज्य के लिए निवेश योग्य परियोजनाओं का भंडार विकसित करना चाहिए। इससे पहले, अपने स्वागत भाषण में, सीआईआई के उपाध्यक्ष और आर मुकुंदन ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, सीएसआर की यात्रा 2 प्रतिशत अनुपालन उन्मुख दृष्टिकोण से पारदर्शिता और प्रभाव उन्मुखीकरण पर बढ़ते ध्यान की ओर बढ़ी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2 दिवसीय सीएसआर कॉन्क्लेव सीएसआर यात्रा पर प्रकाश डालेगा और कुछ नए विचार और दृष्टिकोण जुटाएगा जो उत्तर पूर्व में एक प्रभावशाली सीएसआर विजन को परिभाषित करने में हम सभी को प्रेरित करेगा। इस पहल में भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव, आईएएस इंद्र दीप सिंह धारीवाल और सीआईआई नॉर्थ ईस्ट काउंसिल के अध्यक्ष प्रदीप बागला भी शामिल हुए। दो दिवसीय पहल में उत्तर पूर्व के सामाजिक-आर्थिक विकास में प्रभावशाली परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया, जो व्यवसायों, सरकार, नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठनों के लिए एक सहयोगी मंच प्रदान करता है। यह सर्वोत्तम प्रथाओं, नवीन विचारों और उभरते सीएसआर रुझानों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा। उत्तर पूर्व राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों की भागीदारी के साथ, 100 से अधिक गैर सरकारी संगठनों को सहयोग और साझेदारी के लिए 80 से अधिक कॉर्पोरेट्स से जोड़ा गया। उद्घाटन सत्र के दौरान राज्य मंत्री द्वारा एक संग्रह जारी किया गया। सामाजिक विकास परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 4, 2024
3 डिप्टी और 1 एडिशनल एनएसए मिलिए अजित डोभाल की नई टीम से
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपनी टीम में बड़े बदलाव किए हैं. टीवी रविचंद्रन और पवन कपूर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) टीम में नए डिप्टी एनएसए नियुक्त किए गए है. इसके साथ ही डिप्टी एनएसए के पद पर कार्यरत राजेंद्र खन्ना को अतिरिक्त एनएसए नियुक्त किया गया है. वहीं,पहले से डिप्टी एनएसए के पद पर तैनात पंकज सिंह की जिम्मेदारी में कोई बदलाव नहीं किया गया हैं. इसके बाद अजित डोभाल की टीम में 3 डिप्टी एनएसए और एक एडिशनल एनएसए हो गए हैं. *कौन हैं डोभाल की टीम में शामिल रविचंद्रन और पवन कपूर?* अजीत डोभाल की टीम में शामिल टीवी रविचंद्रन1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में इंटेलिजेंस ब्यूरो के डिप्टी चीफ और स्पेशल डायरेक्टर हैं. उन्हें कई वर्षों के बेहतरीन काम और योग्यता के आधार पर एनएसए बनाया गया है. वहीं, पवन कपूर 1990 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं और उन्होंने भारत के लिए विदेश में कई मिशनों में काम किया है. उनके पास विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में काम करने का अनुभव है. उन्होंने लंदन में राष्ट्रमंडल सचिवालय के साथ एक अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवक के रूप में भी काम किया है. *कौन हैं एडिशनल एनएसए बने राजिंदर खन्ना?* जनवरी 2018 में डिप्टी एनएसए के रूप में नियुक्त हुए राजिंदर खन्ना को प्रमोट कर एडिशनल एनएसए बनाया गया है. 1978 बैच के अधिकारी राजिंदर खन्ना दिसंबर 2014 से दिसंबर 2016 तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग प्रमुख के रह चुके हैं. इससे पहले राजिंदर खन्ना रॉ में ऑपरेशन डेस्क के इंचार्ज थे और उन्हें पाकिस्तान के अलावा आतंकवाद विरोधी मामलों का विशेषज्ञता माना जाता है. *अब अजित डोभाल की टीम में 3 डिप्टी और 1 एडिशनल एनएसए* इसके अलावा पंकज सिंह तीसरे डिप्टी एनएसए हैं, जिन्हें जनवरी 2023 में 2 साल के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया था. राजस्थान कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी पंकज सिंह 31 दिसंबर 2022 को बीएसएफ प्रमुख के पद से रिटायर हुए थे. इन नई नियुक्तियों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की टीम में 3 डिप्टी एनएसए और 1 एडिशनल एनएसए हो गए हैं. *तीसरी बार एनएसए बने अजित डोभाल* बता दें कि 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजित डोभाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए नियुक्त किया है. उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे अजित डोभाल 1968 में आईपीएस में शामिल हुए और अपनी विशिष्ट सेवाओं के लिए 1988 में कीर्ति चक्र प्राप्त किया. गौरतलब है कि डोभाल भारतीय पुलिस पदक प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के अधिकारी थे. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 4, 2024
कुछ लोग जानबूझकर जनादेश से अपना मुंह फेर कर बैठे रहे: राज्यसभा में प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन में कहा, 'कुछ लोग जानबूझकर जनादेश से अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। 10 साल के बाद किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य है। *हमारे 10 साल हुए अभी 20 साल बाकी* प्रधानमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस के कुछ साथियों को धन्यवाद करना चाहता हूं, क्योंकि जब से नतीजे आए, तब से कांग्रेस के एक साथी को मैं देख रहा था, हालांकि उनकी पार्टी ही उनको समर्थन नहीं कर रही थी, लेकिन वे अकेले ही झंडा लेकर दौड़ रह थे। ऐसा मैं क्यों कह रहा हूं, क्योंकि जिन्होंने ये बार-बार ढोल पीटा था कि ये एक तिहाई सरकार है, उनके मुंह में घी शक्कर। इससे बड़ा सत्य और क्या हो सकता है। हमारे 10 हुए हैं, 20 और बाकी हैं। अभी एक तिहाई हुआ कार्यकाल हुआ है और दो तिहाई बाकी है। इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर। *'संविधान को जन उत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया'* अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'संविधान हमारे लिए सिर्फ संविधान के अनुच्छेद भर नहीं हैं बल्कि इसकी भावना भी हमारे लिए अहम है। किसी भी परिस्थिति में संविधान हमारा मार्गदर्शन करता है। मैंने जब लोकसभा में हमारी सरकार की तरफ से कहा था कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे, तो मैं हैरान हूं कि जो लोग आज संविधान को लेकर घूमते हैं, उन्होंने उसका विरोध किया था। संविधान हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है। अब जब हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो हमने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया है। संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों को संविधान की भावना विकसित हो, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं। *'भ्रम की राजनीति के बजाय भरोसे की राजनीति को जनता ने दी तरजीह'* देश की जनता ने हमें जो तीसरी बार अवसर दिया है, वो अवसर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत की यात्रा को मजबूती देने के लिए, संकल्प को सिद्धि तक ले जाने के लिए देश को करोड़ों लोगों ने हमें आशीर्वाद दिया। ये चुनाव 10 वर्षों की सिद्धि पर तो मुहर है ही, साथ ही भविष्य के संकल्पों पर भी मुहर है। देश की जनता का भरोसा हम पर है और इसी भरोसे पर जनता ने हमें फिर से मौका दिया है। देश ने पिछले 10 वर्षों में हमारे देश की अर्थव्यवस्था को दसवें नंबर से पांचवें नबर पर पहुंचते देखा है। देश की जनता ने प्रोपेगैंडा (भ्रम की राजनीति) को खारिज कर परफॉर्मेंस (भरोसे की राजनीति) को तरजीह दी है। इस बार देश की जनता ने हमें पांचवे नंबर से तीसरे नंबर पर पहुंचाने का जनादेश दिया है और हम इस संकल्प को पूरा करके रहेंगे। *'अगले पांच वर्षों में सार्वजनिक यातायात को बदल देंगे'* प्रधानमंत्री ने कहा 'यह सदी, तकनीक की सदी है। हम नए-नए क्षेत्रों में अपनी पहचान छोड़ रहे हैं। हम अगले पांच वर्षों में सार्वजनिक यातायात को पूरी तरह से बदल देंगे। पिछले 10 वर्षों में हमने जो किया है, उसकी गति भी बढ़ाएंगे, उसका विस्तार भी करेंगे। गहराई भी होगी, ऊंचाई भी होगी और हम इस संकल्प को पूरा करेंगे। जो लोग ऑटो पायलट मोड में रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं, ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं, लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते हैं। *'मैदान छोड़कर भाग जाना ही विपक्ष के नसीब में लिखा है'* प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष के वॉकआउट पर प्रधानमंत्री ने कहा 'पूरा देश देख रहा है कि जिन्होंने झूठ फैलाया, उनमें सच सुनने की भी ताकत नहीं है। उनमें सच का सामना करने की ताकत नहीं है। उन्होंने जो सवाल उठाए थे, विपक्ष में उनका जवाब सुनने की भी ताकत नहीं है। ये उच्च सदन का अपमान कर रहे हैं। देश की जनता ने हर प्रकार से उनको इतना पराजित कर दिया है कि अब उनके पास गली-मोहल्ले में चीखने के सिवाय कुछ बचा नहीं है। नारेबाजी, हो-हल्ला और मैदान छोड़कर भाग जाना... यही उनके नसीब में लिखा हुआ है। *किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी ने ये बातें कही* 'किसान कल्याण हमारी सरकार के केंद्र में हैं। हमारी योजनाओं का लाभ देश के 10 करोड़ किसानों को हुआ है। हम किसानों को तीन लाख करोड़ दे चुके हैं। वैश्विक परिस्थितियों के चलते दुनियाभर में फर्टिलाइजर के दाम बढ़े हैं। हमारी सरकार ने किसानों को 12 लाख करोड़ रुपये की फर्टिलाइजर सब्सिडी दी है। कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में एक बार किसानों की कर्जमाफी हुई और किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया गया। 60 हजार करोड़ की कर्जमाफी पर इतना हल्ला मचाया था, लेकिन उसके लाभार्थी सिर्फ तीन करोड़ किसान थे। उनमें भी गरीब किसान का नाम-ओ-निशान नहीं था। हमने कृषि को व्यापक रूप में देखा और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराया। *'ट्रांसजेंडर्स के लिए बनाया कानून'* प्रधानमंत्री ने कहा 'सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर हमने देश की विकास यात्रा को रफ्तार देने की कोशिश की है। आजादी के बाद अनेक दशकों तक जिनको कभी पूछा नहीं गया, हमारी सरकार उनको पूछती तो है, पूजती भी है। दिव्यांग भाई-बहनों के साथ उनकी कठिनाइयों को समझते हुए गरिमापूर्ण जीवन की दिशा में काम किया है। हमारे समाज में किसी न किसी कारण से एक उपेक्षित ट्रांसजेंडर वर्ग है। हमारी सरकार ने ट्रांसजेंडर साथियों के लिए कानून बनाने का काम किया है। पश्चिम के लोगों को भी आश्चर्य होता है कि भारत इतना तरक्कीपसंद है। पद्म अवॉर्ड में भी ट्रांसजेंडर को अवसर देने में हमारी सरकार आगे आई। *बंगाल की घटनाओं को लेकर विपक्ष को घेरा* प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश का दुर्भाग्य है कि संवेदनशील मामलों में जब राजनीति होती है, तो देशवासियों को और खासकर महिलाओं को अकल्पनीय पीड़ा होती है। महिलाओं के साथ होते अत्याचार में विपक्ष का मनमाना रवैया है, ये चिंताजनक है। कुछ समय पहले, मैंने बंगाल से आई कुछ तस्वीरों को सोशल मीडिया पर देखा। एक महिला को वहां सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा है, वो बहन चीख रही है। वहां खड़े हुए लोग उसकी मदद के लिए नहीं आ रहे है, जो घटना संदेशखाली में हुई, जिसकी तस्वीरें रोंगटे खड़े कर देने वाली हैं, लेकिन बड़े बड़े दिग्गज जिनको मैं कल से सुन रहा हूं, पीड़ा उनके शब्दों में भी नहीं झलक रही है। इससे बड़ा शर्मिंदगी का चित्र क्या हो सकता है? जो लोग खुद को प्रगतिशील नारी नेता मानते हैं, वो भी मुंह पर ताले लगाकर बैठ गए हैं। क्योंकि घटना का संबंध उनके राजनीतिक जीवन से जुड़े दल से या राज्य से है। *'खरगे जी खुद दीवार बनकर खड़े हो गए, परिवार बच निकला'* लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा 'हमारे कांग्रेस के लोग खुशी में मग्न हैं, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इस खुशी का कारण क्या है? क्या ये खुशी हार की हैट्रिक पर है? क्या ये खुशी नर्वस 90 का शिकार होने की है? क्या ये खुशी एक और असफल लॉन्च की है? इन चुनाव नतीजों से कैपिटल मार्केट में तो उछाल नजर ही आ रहा है, लेकिन दुनिया में भी उमंग और आनंद का माहौल है। खड़गे जी ने उनकी पार्टी की बड़ी सेवा की है। पराजय का ठीकरा जिन पर फूटना चाहिए था, उन्हें खड़गे जी ने बचा लिया और खुद दीवार बनकर खड़े हो गए। परिवार बच निकला। *भाषण के दौरान विपक्ष का वॉकआउट* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं ने वॉकआउट किया। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने जवाब के दौरान उच्च सदन को कुछ गलत बातें बताई। *झूठ बोलना प्रधानमंत्री की आदत: मल्लिकार्जुन खरगे* खरगे ने वॉकआउट के तुरंत बाद पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, झूठ बोलना, लोगों को गुमराह करना और सच से परे बातें कहना उनकी आदत है। मैंने उनसे सिर्फ इतना कहा कि आप संविधान के बारे में बात कर रहे हैं तो संविधान आपने नहीं बनाया। आप लोग उसके विरोध में थे। *वॉकआउट करने वालों में सोनिया गांधी- शरद पवार भी शामिल* राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री के जवाब के दौरान खरगे के साथ वॉकआउट करने वालों में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार शामिल थे। खरगे का बचाव करते हुए पवार ने मांग की कि प्रधानमंत्री या राज्यसभा को उनका सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वह संवैधानिक पद पर हैं। *विपक्ष के नेता का सम्मान करना सबकी जिम्मेदारी: शरद पवार* पवार ने कहा, वह (मल्लिकार्जुन खरगे) संवैधानिक पद पर हैं। चाहे वह प्रधानमंत्री हों या सदन के सभापति, उनका सम्मान करना उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन आज इस सबको नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए पूरा विपक्ष उनके साथ है और इसलिए हम बाहर चले गए। *सदन को नहीं, मर्यादा को छोड़कर भाग गए हैं: जगदीप धनखड़* विपक्ष के वॉकआउट के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, मैं अत्यंत दर्दनाक, पीड़ादायक, अमर्यादित आचरण से दुखी हूं। शासन लगातार तीसरे कार्यकाल में है। मैंने चर्चा की और मैंने अनुरोध किया कि नेता प्रतिपक्ष को बिना रोक-टोक बोलने का अवसर दिया। आज वे सदन छोड़कर नहीं गए हैं, मर्यादा छोड़कर गए हैं। धनखड़ ने आगे कहा, आज उन्होंने (विपक्ष) मुझे पीठ नहीं दिखाई है। बल्कि भारत के संविधान को पीठ दिखाई है। आज उन्होंने मेरा अनादर नहीं किया है। बल्कि उस शपथ का अनादर किया है जो संविधान के तहत ली है। भारत के संविधान के लिए इससे बड़ी अपमानित बात नहीं हो सकती है। मैं इस आचरण की निंदा करता हूं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 4, 2024
जब तक राहुल गांधी माफी नहीं मांगते तब तक भाजपा का संघर्ष जारी रहेगा:वीरेन्द्र सचदेवा
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2024 (यूटीएन)। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में आज दिल्ली भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदुओं को हिंसक समुदाय बताने के ब्यान के खिलाफ कांग्रेस मुख्यालय के समीप जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और राहुल गांधी को देश के हिंदुओं से माफी मांगने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिगेट्स को तोड़कर कांग्रेस मुख्यालय की ओर बढ़ने की कोशिश की जिसके बाद दूसरे बेरिगेट्स के सामने उन्हें रोका गया और पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, सांसद तेजस्वी सूर्या, प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष सागर त्यागी एवं अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष अनिस अब्बासी सहित अन्य पदाधिकारियों को डिटेन कर तिलक मार्ग थाने ले गई। जहां से कुछ देर बाद चेतावनी देकर छोड़ दिया। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि हिंदू संस्कृति को गाली देना, हिंदुओं को गाली देना, उन्हें आतंकवादी कहना, यह सब चुनावी हिन्दू राहुल गांधी की साजिश है जिसका जवाब देश के करोड़ों हिन्दू जरुर देंगे। एक तरफ आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता कहते हैं और दूसरी तरफ हिन्दू हिंसक होता है यह संसद में चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर हिन्दू हिंसक होता तो अब तक काशी एवं मथुरा से मस्जिद हटकर मंदिर बन गये होते। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि राहुल गांधी ने सदन के अंदर सोची समझी राजनीतिक चाल चली है क्योंकि उन्हें अपनी बहन प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनाव लड़वाना है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी तो खुद पश्चिमी सभ्यता के बीच बड़े हुए हैं, वे हिन्दू संस्कृति को कभी नहीं समझ सकते, लेकिन राहुल गांधी को हिन्दू समाज के ताकत का अंदाजा नहीं है। सचदेवा ने कहा कि राहुल गांधी ने पूरी भारतीय संस्कृतिक को गाली दी है और उन्हें देश के लोगों से माफी मांगनी ही पड़ेगी। इस बात को लेकर हम दिल्ली के हर घर-घर तक लेकर जाएंगे और सभी को राहुल गांधी के इस बयान से अवगत कराएंगे। तेजस्वी सूर्या ने कहा कि जिसके पिता ने अपने आप को हिंदू बाई एक्सिडेंट कहा हो उसके बेटे से हमें ऐसी ही उम्मीद थी। राहुल गांधी ने जिस प्रकार से पूरे हिंदू समाज को आतंकवादी, हिंसक कहा है, यह अक्षम्य अपराध है और राहुल गांधी जब तक माफी नहीं मांगते तब तक भाजपा अपना संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि 26/11 के टेरर अटैक को पूरी कांग्रेस पार्टी ने हिंदू संगठनों के उपर डालने की कोशिश की थी। दिग्विजय सिंह ने तो सैफरन टेरर के ऊपर किताब का विमोचन भी किया था। देश के अंदर 80 फीसदी दंगे कांग्रेस पार्टी की सरकार के रहते हुए हैं। कांग्रेस ने आतंकवाद को पनाह देने का काम किया है और इसलिए संप्रदायिक दंगे होते रहे हैं। जिस धर्म ने 5000 वर्ष से अधिक समय से समाज को सौहार्द और शांति का मंत्र दिया है, ऐसे हिंदू समाज को अपमानित करने की साजिश राहुल गांधी द्वारा कि गई है। मनोज तिवारी ने कहा कि अब चिंतन करने की जरुरत है कि क्या ऐसे ही हिंदू समाज अपना अपमान सहता रहेगा। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने भगवा को आतंकवाद से जोड़ा था, इंडी गठबंधन नेता काफी समय से हिंदू देवी देवताओं का अपमान करते रहे हैं, ऐसी स्थिति में देश के सभी हिंदुओं को सोचने की जरुरत है और हर स्तर पर ऐसे लोगों को जवाब देने की जरुरत है। योगेन्द्र चंदोलिया ने कहा कि लोकसभा के अंदर कांग्रेस नेता जिस प्रकार से व्यवहार कर रहे थे, उससे साफ जाहिर होता है कि राहुल गांधी को लोकसभा सदन की मर्यादा का ख्याल भी नहीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के दौरान भी उनका व्यवहार निंदनीय था। हिंदू देवी देवताओं का अपमान करना एक साजिश है जो एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए राहुल गांधी ने सदन के अंदर करी थी। नई दिल्ली से सांसद सुश्री बांसुरी स्वराज ने कहा कि राहुल गांधी का बयान उनकी हिंदू विरोधी मानसिकता को दिखाता है। हिंदू तो वसुधैव कटूंबकम वाले हैं जो पूरे विश्व को एक मानते हैं लेकिन राहुल गांधी एक चुनावी हिन्दू हैं जो इसे नहीं समझेंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने सदन को गुमराह किया और देश के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं ठेस पहुंचाई है। सरदार अरविन्दर सिंह लवली ने कहा कांग्रेस एक छटपटाहट के दौर से गुजर रही है जहाँ उसके नेता एक वर्ग को राजनीतिक रूप से खुश करने के लिए कांग्रेस नेता शांति सौहार्द के प्रतीक हिन्दू समाज को बदनाम करने में लगे हैं। दिल्ली एवं देश की जनता अब हिन्दुओं के अपमान के लिए राहुल गांधी को कभी माफ नही करेगी। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 4, 2024
चंपई सोरेन देंगे इस्तीफा, ''झारखंड के नए CM होंगे हेमंत सोरेन
झारखंड, 04 जुलाई 2024 (यूटीएन)। बुधवार को रांची में होने वाली सत्तारूढ़ विधायकों की बैठक में हेमंत सोरेन को एक बार फिर विधायक दल का नेता चुना जाना तय है। चतरा के राजद विधायक और कैबिनेट मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने इसका खुलासा किया है। उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि विधायक दल की बैठक में हेमंत सोरेन को नेता चुना जाएगा। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चंपई सोरेन पद से त्यागपत्र देंगे और उसके बाद नए मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन शपथ लेंगे। उनके साथ मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य भी शपथ लेंगे। उन्होंने कहा कि मंत्रियों की सूची में उनका भी नाम है। यदि ऐसा होता है, तो सत्यानंद भोक्ता के नाम एक नया कीर्तिमान स्थापित होगा‌। चतरा के वे पहले विधायक होंगे, जो मंत्री के रूप में पांचवीं बार शपथ लेंगे। *जेल से बाहर आने के बाद पहली बैठक* हेमंत सोरेन के जमानत पर जेल से छूटने के बाद उनके नेतृत्व में यह पहली औपचारिक बैठक है। हेमंत सोरेन के जेल से छूटने के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि हेमंत सोरेन एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। रांची में होने वाली सत्तारूढ़ विधायकों की बैठक में जेएमएम, कांग्रेस और राजद समेत आईएनडीआईए में शामिल सभी दलों के विधायकों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश हैं। *चंपई सोरेन के सभी कार्यक्रम रद्द* चंपई सोरेन ने भी अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। मंगलवार से ही सीएम चंपई सोरेन अपने आवास पर हैं। उनसे मुलाकात के लिए आने वाले लोगों को भी यह कहकर लौटा दिया कि मुख्यमंत्री की तबीयत ठीक नहीं है।
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Jul 4, 2024