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23 करोड़ 75 लाख की निर्माणाधीन परियोजना क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल के निरीक्षण में मिली खामियां

बागपत,10 जुलाई, 2024 (यूटीएन)। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत जनपद में 50 शैय्या के क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक निर्माण परियोजना का औचक निरीक्षण किया। यह परियोजना 23 करोड़ 75 लाख की लागत से तैयार की जा रही है , जो इस वर्ष 15 मार्च को प्रारंभ की गई थी तथा कार्य पूर्ण करने की अवधि 30 जून 2025 है ।    इस दौरान पता चला कि,अभी 18 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है। वहीं कार्य की गुणवत्ता खराब मिलने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई व इसमें सुधार के निर्देश दिए। कहा कि, कार्य को जितना साफ सफाई और फिनिशिंग के साथ किया जाएगा, कार्य उतना ही मजबूत और गुणवत्तापूर्ण होगा।कार्य की गुणवत्ता निर्माण के समय ही बहुत घटिया दर्जे की दिखाई दे रही है ।जिसे देख जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की व कहा कि, जो रैम्प तोड़कर बनाया जा रहा है ,वह बिल्डिंग को कमजोर कर रहा है ।   ••घटिया निर्माण कार्य को देख जिलाधिकारी ने कार्य में सुधार करने की दी चेतावनी ••सेफ्टी मानक के नियमों का नहीं किया जा रहा पालन ••पिलर व रैंप में भी फिनिशिंग न मिलने पर जताई नाराजगी, सुधार के दिए निर्देश •• पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता को चैक प्वाइंट रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश   उन्होंने कहा, कार्य में साफ सफाई हो व कार्य की गुणवत्ता अच्छी हो, जिससे इस परियोजना का आम जनमानस लाभ उठा सके । यह जनपद की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक परियोजना है। जिलाधिकारी ने संबंधित को सही से कार्य करने की हिदायत दी। परियोजना के अधिशासी अभियंता मौके पर नहीं मिले ,जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई, इसके साथ ही न ही मौके पर साइड इंजीनियर मिले। सहायक अभियंता आदित्य  स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए ।   जिलाधिकारी ने कहा, यह परियोजना जी प्लस 4 की है ,इसके कार्य को साफ सफाई से किया जाए ,इसमें कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।उन्होंने अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी को चेक प्वाइंट रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ महावीर कुमार मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसके चौधरी अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी अतुल कुमार सहित कार्यदायी संस्था के अधिकारी भी उपस्थित रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

Ujjwal Times News

Jul 10, 2024

तैयारी: स्कूलों से होगी सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ टीकाकरण की शुरुआत, पीएम मोदी लॉन्च कर सकते हैं अभियान

नई दिल्ली, 10 जुलाई  2024 (यूटीएन)। देश में जल्द ही सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू होगा। इसके तहत सबसे पहले स्कूलों में जाकर जिला स्वास्थ्य टीमें नौ से 14 साल की छात्राओं को टीका देंगी। स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय ने संयुक्त रूप से इसकी रूपरेखा तैयार की है। सूत्रों का कहना है कि एक से दो सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पहले 100 दिन के कार्यकाल को लेकर समीक्षा बैठक होगी, जिसमें अभियान लॉन्च करने का दिन तय होगा।   संभावना है कि दिल्ली में एक स्कूल से पीएम मोदी इस अभियान को लॉन्च कर सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में सर्वाइकल कैंसर का टीका शामिल करने की तैयारी लगभग पूरी है। अंतिम घोषणा का इंतजार है। इसके टीके की एक खुराक असरदार है। देश के कुछ क्षेत्रों में स्वतंत्र तौर पर इसका टीकाकरण किया जा रहा है। यह स्वदेशी रूप से विकसित क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन सेरवावैक नाम से बाजार में उपलब्ध है।   *सिक्किम के मॉडल पर अभियान* स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि सिक्किम सरकार ने हाल ही में सर्वाइकल कैंसर को लेकर टीकाकरण अभियान चलाया है, जिसमें नौ से 13 साल की छात्राओं का टीकाकरण किया गया। कुल 25 हजार छात्राओं का लक्ष्य रखा गया, जिसमें लगभग 95 फीसदी सफलता हासिल हुई है। सिक्किम सरकार के मॉडल को बेहतर उदाहरण मानते हुए देशभर में सबसे पहले स्कूलों को लक्षित करने का फैसला लिया गया।   *हर सात मिनट में एक मौत* सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला विश्व में चौथा और भारत में दूसरा सबसे आम कैंसर है। जिसकी वजह से देश में हर सात मिनट में एक महिला रोगी दम तोड़ रही है। हर साल करीब एक लाख से भी ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं।   *सीरम ने तैयार किया है टीका*  इस जानलेवा बीमारी से महिलाओं को बचाने के लिए पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने नया टीका विकसित किया है, जिसे साल भर पहले लॉन्च किया गया। यह टीका भारतीय बाजार में करीब दो हजार रुपये प्रति खुराक की कीमत में उपलब्ध है, लेकिन सरकार इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करते हुए सभी राज्यों के सहयोग से देशभर में निशुल्क उपलब्ध कराना चाहती है।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 10, 2024

किडनी कांड: 500 लोगों की बदली गई, सबसे एक बात कहकर बांग्लादेश से लाते; नोएडा के दो अस्पताल में हुए अधिक 'पाप'

नई दिल्ली, 10 जुलाई  2024 (यूटीएन)। किडनी का गैरकानूनी धंधा बांग्लादेश व भारत में बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। गिरोह चार साल में करीब 500 लोगों की किडनी गैरकानूनी तरीके से प्रत्यारोपित कर चुके हैं। इसका खुलासा किडनी रैकेट के पर्दाफाश के बाद हुआ। किडनी बदलने के दौरान चार लोगों की जान भी जा चुकी है। किडनी प्रत्यारोपण अधिकतर नोएडा के यथार्थ व अपोलो में अस्पताल हुए हैं। दिल्ली के एक बड़े प्रतिष्ठित अस्पताल में केवल टेस्ट व जांच होती थीं।   अपराध शाखा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरोह बांग्लादेश में ज्यादा सक्रिय था। गिरोह के सदस्य गरीब लोगों को भारत में नौकरी दिलाने के बहाने दिल्ली ले आते थे। भारत में उन्हें जसोला में किराए पर मकान लेकर या फिर गेस्ट हाउस में रखते थे। इसके बाद ये उन लोगों का पासपोर्ट जब्त कर लेते थे। इसके बाद गरीब बांग्लादेशियों पर किडनी डोनेट करने का दबाव बनाते थे। उनसे कहा जाता था कि नौकरी तभी मिलेगी जब आप किडनी बेचोगे।   इसकी एवज में उन्हें पैसे का भी लालच दिया जाता था। मजबूरन पीड़ित किडनी देने को तैयार हो जाता था। दूसरी तरफ ये बांग्लादेशियों के डायलिसिस अस्पतालों पर नजर रखते थे। वहां जरूरतमंदों से संपर्क साधते थे। ये किडनी प्राप्तकर्ता को भारत ले आते थे।   *मकान में ही नकली कागजात तैयार किए जाते थे* गिरोह के सदस्य किडनी डोनर व प्राप्तकर्ता के नकली कागजात किराये के मकान में तैयार करते थे। ये किडनी डोनर व प्राप्तकर्ता के बीच आपस में रिश्तेदार होने के कागजात बनाते थे। कागजात तैयार होने के बाद किडनी डोनर व प्राप्तकर्ता के दिल्ली के प्रतिष्ठित प्राइवेट अस्पताल में टेस्ट होते थे। टेस्ट होने के बाद ये नोएडा के अस्पतालों में प्रत्यारोपण कराते थे। किडनी प्रत्यारोपण के करीब-करीब सभी ऑपरेशन इन्हीं दोनों अस्पतालों में हुए हैं।   * डॉ. डी विजय कुमारी ने किए हैं सभी ऑपरेशन * अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार नोएडा के इन दोनों की अस्पतालों में किडनी प्रत्यारोपण डॉ. डी विजया कुमारी ने किए हैं। वह अपने सहायक विक्रम के जरिए ही इस गिरोह के संपर्क में आई थीं। वह पिछले चार सालों से इस गिरोह के लिए काम कर रहे हैं।   *बांग्लादेश उच्चायोग की सहायता ली जा रही* दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार इस गिरोह ने तीन से चार लोगों की जान ली है। किडनी लेने व प्राप्तकर्ता की ऑपरेशन के तीन से चार दिन बाद मौत हो गई। ऐसे में पुलिस ने मृत लोगों की पहचान करने के लिए बांग्लादेश उच्चायोग की सहायता ली है। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार बांग्लादेशियों के बारे में बांग्लादेश उच्चायोग को सूचना दे दी है।   *पैसे का खेल ऐसे चलता था* 4.5 लाख टका गिरोह के सदस्य किडनी देने वाले को देते थे। 20 से 22 लाख प्राप्तकर्ता से लेते थे। 4 लाख डॉ. डी विजया कुमारी की पूरी टीम को मिलते थे। 1 लाख डॉ. डी विजया कुमारी अपने हिस्से के रूप में लेती थी। 4 लाख उस अस्पताल को दिए जाते थे जिनमें किडनी बदली जाती थी। 10 लाख गिरोह के लोग अपने पास रख लेते थे।   *मरीज से खुद पैसे लेती थी डॉ. विजया* दिल्ली के एक नामचीन निजी अस्पताल में कंस्लटेंट रही डॉ. डी विजया कुमारी का पैसे लेने का तरीका भी अलग था। पुलिस ने उसके दो बैंक खातों का पता लगा है। पीएनबी के खाते में 10 लाख रुपये से ज्यादा और दूसरे खाते में दो लाख रुपये से ज्यादा मिले हैं। दिल्ली पुलिस डॉ. डी विजया कुमारी के दोनों बैंक खातों की पिछले कई सालों की डिटेल खंगाल रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार नोएडा के एक अस्पताल से उसके सहायक विक्रम के बैंक खाते में पैसे आते थे। डॉक्टर के बैंक खाते में 90 हजार से एक लाख रुपये आते थे, जबकि नोएडा के ही दूसरे अस्पताल में वह मरीज से खुद पैसे लेती थी। इसके बाद वह सभी को पैसे बांटती थी। वह अपनी पूरी टीम के साढ़े तीन लाख से चार लाख रुपये रख लेती थी। अस्पताल को एक किडनी प्रत्यारोपण का चार लाख रुपये दिया जाता था।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 10, 2024

सुप्रीम कोर्ट:एक शख्स को बचाने में क्यों जुटा शासन', संदेशखाली केस में सीबीआई जांच के खिलाफ बंगाल सरकार की याचिका खारिज

नई दिल्ली, 09 जुलाई  2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका खारिज कर दिया, जिसमें संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने और जमीन हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच कराने का निर्देश देने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि पहले ही राज्य ने इस मामले में महीनों तक कुछ नहीं कर रहा। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर शासन एक शख्स को बचाने में क्यों जुटा है।    जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा, ‘‘किसी को बचाने में राज्य की रूचि क्यों होनी चाहिए?’’ बेंच ने कहा कि पिछली सुनवाई में जब शीर्ष अदालत ने यह विशेष प्रश्न पूछा था तो राज्य सरकार के वकील ने कहा था कि मामले को स्थगित किया जाए। जजों ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘धन्यवाद।   याचिका खारिज की जाती है। इससे पहले 29 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई करते हुए भी सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा था कि निजी क्षेत्र के कुछ लोगों के हितों को बचाने के लिए राज्य को एक याचिकाकर्ता के रूप में क्यों आना चाहिए?   *बंगाल सरकार ने याचिका में क्या कहा था?* पश्चिम बंगाल सरकार ने शीर्ष अदालत में अपनी याचिका में कहा था कि उच्च न्यायालय के आदेश ने पुलिस बल समेत राज्य के संपूर्ण तंत्र का मनोबल कमजोर कर दिया। संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के मामले की जांच पहले से ही सीबीआई कर रही है और उसने पांच जनवरी की घटनाओं से संबंधित तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 9, 2024

यदि शुचिता नष्ट हो जाए तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना पड़ता है', नीट मामले में 'सुप्रीम' टिप्पणी

नई दिल्ली, 09 जुलाई  2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। याचिका में पांच मई को हुई परीक्षा रद्द करने, एनटीए को दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने और अनियमितताओं के संबंध में कोर्ट की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की गई। कुछ याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट से दोबारा परीक्षा कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि कसूरवार और बेकसूरों की पहचान करना संभव नहीं है। इस दौरान प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एनटीए को परीक्षा रद्द करने से रोकने की मांग वाली गुजरात के 50 से अधिक सफल परीक्षार्थियों की याचिका पर भी सुनवाई की।   शीर्ष कोर्ट ने कहा, 'एक बात तो साफ है कि प्रश्न-पत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है। लीक की प्रकृति कुछ ऐसी है, जिसका हम पता लगा रहे हैं। आप केवल इसलिए पूरी परीक्षा रद्द नहीं कर सकते, क्योंकि दो छात्र धांधली में शामिल थे। इसलिए हमें लीक की प्रकृति के बारे में सावधान रहना चाहिए। दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले हमें लीक की सीमा के बारे में जानना होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि हम 23 लाख छात्रों के मामले को सुन रहे हैं।' सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि केंद्र और एनटीए ने इस गड़बड़ी से किन-किन छात्रों को फायदा पहुंचा? यह जानने के लिए क्या कार्रवाई की?'   *'लीक होने के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए?'* सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि लीक होने के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए। कोर्ट ने पूछा कि ये छात्र कहां हैं? भौगोलिक तौर पर ये छात्र कहां कहां हैं? क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों का पता लगा रहे हैं और क्या हम लाभार्थियों की पहचान कर भी पाएं हैं? सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा को दोबारा से कराना सबसे आखिरी विकल्प होना चाहिए। मामले में जो कुछ भी हुआ, उसकी जांच देश भर के विशेषज्ञों की एक बहु-अनुशासनात्मक समिति से कराई जानी चाहिए।   *'क्या हम काउंसलिंग होने देंगे?'* सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पढ़ाई-लिखाई की सबसे प्रतिष्ठित शाखा से निपट रहे हैं। हर मध्यम वर्ग का व्यक्ति चाहता है कि उनके बच्चे या तो चिकित्सा या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें। यह मानते हुए कि हम परीक्षा रद्द नहीं करने जा रहे हैं। हम ऐसे लोगों की पहचान कैसे करेंगे, जिन्हें इस धांधली का फायदा हुआ है। क्या हम काउंसलिंग होने देंगे और अब तक क्या हुआ है?   *कोर्ट ने दिए कई अहम निर्देश* सुप्रीम कोर्ट ने साइबर फोरेंसिक यूनिट को शामिल करने, एआई का उपयोग करके गलत काम करने वालों की संख्या का पता लगाने और उनके लिए फिर से परीक्षा की संभावना तलाशने के बारे में पूछा। कोर्ट ने सीबीआई को जांच की स्थिति बताते हुए रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने एनटीए को निर्देश दिया कि वह बताए कि प्रश्नपत्र पहली बार कब लीक हुआ। वह प्रश्नपत्र लीक होने की घटना और 5 मई को परीक्षा आयोजित होने के बीच की समय अवधि के बारे में भी बताए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख तय की।   देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा नीट-यूजी आयोजित की जाती है। पेपर लीक सहित अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। इस पर जमकर राजनीति भी हुई। केंद्र और एनटीए ने 13 जून को अदालत को बताया था कि उन्होंने 1,563 अभ्यर्थियों को दिए गए कृपांक ग्रेस मार्क रद्द कर दिए हैं। उन्हें दोबारा परीक्षा या प्रतिपूरक अंकों को छोड़ने का विकल्प दिया गया था। एनटीए ने 23 जून को आयोजित पुन: परीक्षा के परिणाम जारी करने के बाद एक जुलाई को संशोधित रैंक सूची जारी की।   *कैसे संदेह पैदा हुआ?* पांच मई को हुई परीक्षा में कुल 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक प्राप्त किए। यह एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व था। इसमें सूची में हरियाणा केंद्र के छह छात्र शामिल हैं। इसके बाद परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह शुरू हुआ। आरोप लगाया गया कि कृपांक के चलते 67 छात्रों को शीर्ष रैंक मिली। इसके बाद एनटीए ने एक जुलाई को संशोधित परिणाम घोषित किया। इसके बाद नीट-यूजी में शीर्ष रैंक वाले अभ्यर्थियों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई।   *सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणियां* 1- यदि परीक्षा की शुचिता नष्ट हो जाए तो पुनः परीक्षा का आदेश देना पड़ता है। 2- अगर हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ हैं तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा। 3- यदि प्रश्न पत्र लीक सोशल मीडिया के जरिए हुआ, तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना होगा। 4- कुछ ध्यान देने वाली बातें हैं, 67 उम्मीदवार 720 में से 720 अंक प्राप्त कर रहे हैं, जबकि पिछले वर्षों में यह अनुपात बहुत कम था। 5-यदि प्रश्नपत्र टेलीग्राम, व्हाट्सएप और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से लीक होता है, तो यह जंगल की आग की तरह फैलता है। 6-यह साफ है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है। 7-इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है, हम लीक की सीमा का पता लगा रहे हैं। 8-हम प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की संख्या जानना चाहते हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। कितने गलत कृत्य करने वालों के परिणाम रोके गए हैं, ऐसे लाभार्थियों का भौगोलिक वितरण जानना चाहते हैं। 9-यह मानते हुए कि सरकार परीक्षा रद्द नहीं करेगी, वह प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए क्या करेगी? 10-जो हुआ उसे हमें नकारना नहीं चाहिए।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 9, 2024

नीट पीजी के एग्जाम में अब नहीं होगी कोई गड़बड़ी, 11 अगस्त के लिए हुए कड़े इंतजाम

नई दिल्ली, 06 जुलाई  2024 (यूटीएन)। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार नीट पीजी परीक्षा की तारीख जारी हो गई है. नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशंस इन मेडिकल साइंसेंस ने जानकारी दी है कि इस बार नीट पीजी परीक्षा का आयोजन 11 अगस्त 2024 के दिन किया जाएगा. एक ही दिन में, दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित होगी. पिछली बार एग्जाम में गड़बड़ी की आशंका से परीक्षा से करीब 12 घंटे पहले ही इसे कैंसिल कर दिया गया था. इस बार कोई समस्या न आए इसलिए होम मिनिस्ट्री साइबर सेल के साथ मिलकर तगड़े इंतजाम करेगी.   *शिफ्ट के बारे में बाद में दी जाएगी जानकारी* नीट पीजी परीक्षा शिफ्ट के बारे में बाद में जानकारी दी जाएगी. वे कैंडिडे्स जो इस साल की परीक्षा में शामिल हो रहे हों, वे ताजा अपडेट्स के लिए विजिट करते रहें. कट-ऑफ डेट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है और ये 15 अगस्त 2024 ही है.   *होम मिनिस्ट्री की निगरानी में होगा एग्जाम* इस बार का नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट फॉर पीजी एग्जाम अब होम मिनिस्ट्री की निगरानी में आयोजित होगा. पेपर लीक जैसी समस्याओं से बचने के लिए परीक्षा से दो घंटे पहले क्वैश्चन पेपर बनाया जाएगा. इसके अलावा बहुत सी गवर्नमेंट एजेंसी इस काम में लगेंगी कि कहीं कोई गलती की गुंजाइश न हो. साइबर सेल और टाटा कंसल्टेंसी के साथ होम मिनिस्ट्री की मीटिंग इस बाबत हो चुकी है और परीक्षा की सुरक्षा के लिए तगड़े इंतजाम किए गए हैं.   *इस बार बदला पेपर पैटर्न भी* इस बार नीट पीजी परीक्षा का पेपर पैटर्न भी बदल दिया गया था. एग्जाम से कुछ दिन पहले ही ये फैसला आया था. परीक्षा को समय-सीमा में भी बांधा गया है और ये भी सुरक्षा के लिहाज से ही किया गया है. सेक्शन में बंटा होगा. जैसे पांच सेक्शन हैं तो हर सेक्शन के लिए 42 मिनट दिए जाएंगे जिसमें 40 सवाल आएंगे. नये नियम के तहत जब तक एक सेक्शन पूरा नहीं हो जाता यानी उसको दिया टाइम पूरा नहीं हो जाता आप दूसरे सेक्शन में नहीं जा सकते.   एक बार दिया गया समय पूरा हो जाता है तो कैंडिडेट अपने पुराने उत्तरों को न तो फिर से देख सकते हैं और न ही बदल सकते हैं. एक बारे में और दिए गए समय में वो जिस सेक्शन में जिस भी एमसीक्यू का जो उत्तर देना चाहते हैं, वे दे सकते हैं.   *एग्जाम डे गाइडलाइन* परीक्षा शुरू होने से कम से कम डेढ़ घंटे पहले केंद्र पहुंच जाएं. पहले परीक्षा की टाइमिंग सुबह 9 से दोपहर 12.30 बजे तक थी. ऐसे में आपको 8 बजे सेंटर पहुंचना था. इस बार की शिफ्ट की टाइमिंग कुछ दिन में जारी होगी. किसी भी तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज अपने साथ न ले जाएं. साथ ही किसी भी तरह की कॉपी-किताब भी कैरी न करें. अपने साथ एमडिट कार्ड और वैलिड फोटो आईडी जरूर ले जाएं. नये एडमिट कार्ड फिर से जारी हो सकते हैं. अपडेट्स जानने के लिए वेबसाइट देखते रहें.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 6, 2024

चकाचौंध में खोना नहीं, दबाव लिये बिना खेलना', पीएम मोदी का ओलंपिक खिलाड़ियों के लिए मैसेज

नई दिल्ली, 06 जुलाई  2024 (यूटीएन)। पेरिस ओलंपिक जा रहे भारतीय खिलाड़ियों को जीत हार का दबाव नहीं लेते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की सलाह देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें ओलंपिक की चकाचौंध में खोये बगैर अपना फोकस बनाये रखना है. प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस ओलंपिक जा रहे खिलाड़ियों से शुक्रवार को व्यक्तिगत और ऑनलाइन बातचीत में कहा ,‘‘ मेरी कोशिश रहती है कि खेल जगत से जुड़े देश के सितारों से मिलता रहूं, नयी चीजें जानता रहूं और उनके प्रयासों को समझता रहूं.   सरकार के नाते व्यवस्था में कुछ बदलाव लाने हैं तो काम करता रहूं. मेरी कोशिश सभी से सीधे बात करने की होती है .’’ उन्होंने कहा कि ओलंपिक की चकाचौंध में खोना नहीं है, क्योंकि इससे फोकस हटता है और ना ही विरोधी को देखकर विचलित होना है. उन्होंने कहा ,‘‘यह कद काठी का खेल नहीं है बल्कि कौशल का खेल है. विरोधी खिलाड़ी की कद काठी से विचलित हुए बिना अपनी प्रतिभा पर फोकस रखें और वही परिणाम दिलायेगा .   *दबाव लिए बिना शत प्रतिशत देना है* उन्होंने कहा, बहुत से लोग सब कुछ जानते हुए भी परीक्षा में गड़बड़ कर देते हैं और उसका मूल कारण है कि परीक्षा पर ध्यान कम होता है और वह अच्छे अंक लाने के दबाव में रहते है . आप जीत हार की चिंता मत कीजिये, पदक आते हैं और नहीं भी आते. इसका दबाव मत लीजिये, लेकिन अपना शत प्रतिशत दीजिये. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि भारतीय खिलाड़ी पेरिस में पुराने तमाम रिकॉर्ड तोड़कर देश के लिये गौरव लेकर आयेंगे.   *लौटने के बाद खिलाड़ियों के स्वागत का इंतजार करेंगे* उन्होंने कहा, आप अपनी तपस्या से इस स्थान तक पहुंचे हैं. अब देश को खेल के मैदान पर कुछ देने का मौका है. खेल के मैदान में अपना सर्वश्रेष्ठ देने वाला देश के लिये गौरव लेकर आता है. मुझे विश्वास है कि इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोडकर हमारे खिलाड़ी आयेंगे. उन्होंने कहा कि वह ओलंपिक से लौटने के बाद खिलाड़ियों के स्वागत का इंतजार करेंगे.     *15 अगस्त के कार्यक्रम की कही बात* मोदी ने कहा,  मैं आपका फिर से इंतजार करूंगा जब आप 11 अगस्त को ओलंपिक खत्म होने के बाद लौटेंगे. मैं कोशिश करूंगा कि 15 अगस्त को लालकिले पर होने वाले स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में आप मौजूद रहें ताकि देश आपको देख सके, क्योंकि जीत हार तो अलग, लेकिन ओलंपिक खेलने जाना ही बहुत बड़ी बात है .’’ उन्होंने खिलाड़ियों से अपनी नींद का पूरा ध्यान रखने के लिये भी कहा.    *पीएम ने कहा- अच्छी नींद बहुत जरूरी है* उन्होंने कहा, खेल जगत में अभ्यास और निरंतरता का जितना महत्व है उतना ही नींद का है. आप सोचोगे कि प्रधानमंत्री आपको सोने के लिये कह रहे हैं. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि अच्छी नींद बहुत जरूरी है. शरीर की मेहनत वाली नींद एक बात है और सभी चिंताओं से मुक्त होकर सोना अलग है. प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों से ओलंपिक के दौरान सीखने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा, खिलाड़ी नाकाम होने पर भी कभी परिस्थिति को दोष नहीं देता.   *ओलंपिक सीखने का भी बहुत बड़ा मैदान* हम अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये जा रहे हैं, लेकिन ओलंपिक सीखने का भी बहुत बड़ा मैदान होता है. अपने खेल के अलावा बाकी खेलों को भी देखने का मौका होता है ताकि नया सीख सकें. सीखने की आदत से काम करने वाले के लिये सीखने के बहुत अवसर होते हैं. यूं तो दुनिया के समृद्ध और उत्तम सुविधाओं के साथ आये हुए देश के लोग भी शिकायत करते नजर आयेंगे, लेकिन हमारे खिलाड़ी कठिनाइयों को असुविधाओं को हाशिये पर रखकर मिशन के लिये लग जाता है, क्योंकि उसके मन में तिरंगा, अपना देश होता है. उन्होंने कहा, हम खिलाड़ियों को पहले इसलिये भेजते हैं कि वहां के अनुकूल ढल सकें.   *90 खिलाड़ी थे शामिल* खिलाड़ियों की सुविधा के लिये इस बार भी कुछ नया करने का प्रयास किया है. वहां के भारतीय समुदाय को भी हम सक्रिय करते हैं जो वह रखते हैं.  प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह, गोलकीपर पी आर श्रीजेश , तीरंदाज दीपिका कुमारी, पहलवान अंतिम पंघाल, निशानेबाज मनु भाकर, रमिता जिंदल, चौदह वर्ष की तैराक धिनिधि देसिंघु के अलावा आनलाइन जुड़ने वालों में ओलंपिक और विश्व चैम्पियन भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, दो बार की ओलंपिक पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु और मुक्केबाज निकहत जरीन समेत लगभग 90 खिलाड़ी शामिल थे.   *इन तारीखों में होने वाला है ओलंपिक* पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से 11 अगस्त के बीच खेले जायेंगे . भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तोक्यो ओलंपिक में रहा है जिसमें भालाफेंक में नीरज चोपड़ा के ऐतिहासिक स्वर्ण समेत सात पदक जीते . भारत के 100 से अधिक खिलाड़ियों ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 6, 2024

कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने डिस्लिपिडेमिया प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए

नई दिल्ली, 05 जुलाई  2024 (यूटीएन)। एक ऐतिहासिक पहल करते हुए कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया सीएसआई ने डिस्लिपिडेमिया प्रबंधन के लिए भारत में पहली बार दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह महत्वपूर्ण पहल देश भर में डिस्लिपिडेमिया के प्रसार में अद्वितीय चुनौतियों और विविधताओं को संबोधित करने में एक मील का पत्थर साबित होगा। कुल कोलेस्ट्रॉल का अधिक स्तर, एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल खराब कोलेस्ट्रॉल का बढा होना, उच्च ट्राइग्लिसराइड्स और कम एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल अच्छा कोलेस्ट्रॉल की विशेषता वाला डिस्लिपिडेमिया, दिल के दौरे, स्ट्रोक और परिधीय धमनी रोग जैसे हृदय रोगों के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है।   भारत में डिस्लिपिडेमिया की व्यापकता चिंताजनक रूप से अधिक है, जिसमें महत्वपूर्ण अंतरराज्यीय विविधताएं और विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में उच्च दर है। डिस्लिपिडेमिया की गंभीरता के बारे में बोलते हुए, कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया सीएसआई के अध्यक्ष डॉ. प्रताप चंद्र रथ ने कहा, “उच्च रक्तचाप और मधुमेह के विपरीत, डिस्लिपिडेमिया एक साइलेंट किलर है, जिसमें अक्सर लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। उन्होंने सक्रिय प्रबंधन और शीघ्र पता लगाने के महत्व पर जोर दिया। नए दिशानिर्देश पारंपरिक खाली पेट से हटकर, जोखिम के आकलन और उपचार के लिए बिना खाली पेट लिपिड को मापने की सलाह देते हैं।   बढ़ा हुआ एलडीएल-सी प्राथमिक लक्ष्य बना हुआ है, लेकिन उच्च ट्राइग्लिसराइड्स 150 मिलीग्राम डीएल वाले मरीजों के लिए, गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल केंद्रबिंदु है। डॉ. दुर्जति प्रसाद सिन्हा, मा. सीएसआई के महासचिव ने प्रकाश डालते हुए कहा, "बिना उपवास या खाली पेट लिपिड माप परीक्षण को अधिक सुविधाजनक और सुलभ बनाता है, जिससे अधिक लोगों को परीक्षण और उपचार के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। अगर हृदय रोग या हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का पारिवारिक इतिहास है तो दिशानिर्देश 18 साल की उम्र में या उससे पहले ही लिपिड प्रोफ़ाइल की सलाह देते हैं। सामान्य आबादी और कम जोखिम वाले व्यक्तियों को एलडीएल-सी का स्तर 100 मिलीग्राम डीएल से नीचे और गैर-एचडीएल-सी का स्तर 130 मिलीग्राम डीएल से नीचे बनाए रखना चाहिए। उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों, जिन्हें मधुमेह या उच्च रक्तचाप है, उन्हें एलडीएल-सी को 70 मिलीग्राम डीएल से नीचे और गैर-एचडीएल को 100 मिलीग्राम डीएल से नीचे रखने का लक्ष्य रखना चाहिए।   सर गंगाराम अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष और लिपिड दिशानिर्देशों के अध्यक्ष, डॉ. जे. पी. एस. साहने ने बताया, "बहुत अधिक जोखिम वाले मरीजों के लिए, जिनमें दिल का दौरा, एनजाइना, स्ट्रोक या क्रोनिक किडनी रोग का इतिहास शामिल है, कड़े लक्ष्य सुझाए गए हैं। इन मरीजों को एलडीएल-सी स्तर 55 मिलीग्राम डीएल से नीचे या गैर-एचडीएल स्तर 85 मिलीग्राम डीएल से नीचे रखने का लक्ष्य रखना चाहिए। डिस्लिपिडेमिया प्रबंधन की आधारशिला के रूप में जीवनशैली में बदलाव पर जोर दिया जाता है। भारत में आहार संबंधी आदतों को देखते हुए, चीनी और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करने की सिफारिश की जाती है, क्योंकि ये कम मात्रा में वसा का  सेवन करने की तुलना में ब्लॉकेज में अधिक योगदान देते हैं। नियमित व्यायाम और योग, जो हृदय को सुरक्षा प्रदान करते हैं और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक भी है, की सिफारिश की जाती है।   डॉ. एस. रामाकृष्णन, एम्स में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर ने कहा, "उच्च एलडीएल-सी और गैर-एचडीएल-सी को स्टैटिन और मुंह से खाई जाने वाली गैर-स्टेटिन दवाओं के संयोजन से नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्ष्य प्राप्त नहीं होते हैं, तो पीसीएसके9 अवरोधक या इनक्लिसिरन जैसी इंजेक्टेबल लिपिड-कम करने वाली दवाओं की सिफारिश की जाती है। उच्च ट्राइग्लिसराइड्स 150 मिलीग्राम डीएल वाले मरीजों के लिए, गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल लक्ष्य है। जीवनशैली में बदलाव, जैसे नियमित व्यायाम, शराब और तंबाकू छोड़ना और चीनी व कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करना महत्वपूर्ण हैं। हृदय रोग, स्ट्रोक या मधुमेह के मरीजों में स्टैटिन, गैर-स्टेटिन दवाएं और मछली के तेल ईपीए की सिफारिश की जाती है। 500 मिलीग्राम डीएल से ऊपर ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर के लिए फेनोफाइब्रेट, साराग्लिटाज़ोर और मछली के तेल के इस्तेमाल की आवश्यकता होती है।   सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ और लिपिड दिशानिर्देशों में सहायक की भूमिका निभाने वाले डॉ. अश्वनी मेहता ने जोर देकर कहा, "डिस्लिपिडेमिया के आनुवंशिक कारण, जैसे पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, विश्व के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में अधिक सामान्य हैं। परिवार के सदस्यों की कैस्केड स्क्रीनिंग के माध्यम से इन मामलों की जल्द पहचान करना और उनका इलाज करना आवश्यक है। इसके अलावा, दिशानिर्देश कम से कम एक बार लिपोप्रोटीन (ए) के स्तर का मूल्यांकन करने की सलाह देते हैं, क्योंकि ऊंचा स्तर 50 मिलीग्राम डीएल हृदय रोग से जुड़ा होता है। उन्नत लिपोप्रोटीन (ए) का प्रचलन पश्चिमी दुनिया (15-20 प्रतिशत) की तुलना में भारत में अधिक 25 प्रतिशत है।   सीएसआई के नए दिशानिर्देश स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को भारत में कोलेस्ट्रॉल को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और हृदय रोग से लड़ने के लिए सशक्त बनाते हैं, जिससे अंततः सभी के लिए स्वस्थ जीवन को बढ़ावा मिलता है। लिपिड के वांछनीय स्तर निम्नलिखित हैं जिनका देश की सभी जैव रसायन प्रयोगशालाओं द्वारा समान रूप से पालन किया जाना चाहिए। किसी को जोखिम श्रेणी के आधार पर लिपिड लक्ष्यों की तलाश करनी चाहिए। ऐसा मरीजों के बीच भ्रम की स्थिति से बचने के लिए किया गया है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 5, 2024

शख्स ने की पीएम मोदी का चुनाव रद्द करने की अपील, हाई कोर्ट बोला- 'आपको इलाज की जरूरत

नई दिल्ली, 04 जुलाई  2024 (यूटीएन)। दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लोकसभा से बर्खास्त करने संबंधी याचिका बुधवार को खारिज करते हुए कहा कि इसमें लगाए गए आरोप मनगढ़ंत कल्पना पर आधारित हैं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि वह इस मामले में एकल न्यायाधीश के फैसले से सहमत है. सिंगल न्यायाधीश ने पहले ही याचिका खारिज कर दी थी.    पीठ ने अपीलकर्ता से कहा कि आप ठीक तो हैं. उसने कहा कि अपीलकर्ता को चिकित्सा सहायता की जरूरत है. पीठ ने संबंधित पुलिस थाने के प्रभारी, उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट को चिकित्सा स्वास्थ्य अधिनियम के प्रावधानों के मद्देनजर उसपर याचिकाकर्ता पर नजर रखने का निर्देश दिया.   *कैप्टन दीपक कुमार ने दायर की थी याचिका* कैप्टन दीपक कुमार की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि मोदी और उनके सहयोगियों ने 2018 में एअर इंडिया की उस उड़ान की दुर्घटना का षड्यंत्र रचकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का प्रयास किया, जिसके पायलट याचिकाकर्ता खुद थे. कुमार ने यह आरोप भी लगाया कि मोदी ने झूठी शपथ ली है जो निर्वाचन अधिकारी को नामांकन पत्र सौंपे जाने के बाद होनी चाहिए थी.   *गृह मंत्री शाह और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लगाया आरोप* याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष दलील देते हुए आरोप लगाया कि मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और उन्हें लोकसभा से बर्खास्त किया जाना चाहिए. याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘इस अपील में सभी आरोप अपीलकर्ता की मनगढ़ंत कल्पना पर आधारित हैं और इसमें कोई प्रमाण नहीं हैं.   *पीठ ने याचिका को लेकर लगाई फटकार* पीठ ने कहा, ‘‘आप ठीक तो हैं? आपकी अर्जी अधूरी है. यह एक विषय से दूसरे विषय की ओर जा रहा है. यह झूठी शपथ लेने के आरोप से इस दिशा में जा रहा है कि आप तीन लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने उस विमान की दुर्घटना कराई जो आप उड़ा रहे थे. आप अपनी बेटी के लापता होने से लेकर इस बात के आरोप लगा रहे हैं कि कोई पूर्व प्रधान न्यायाधीश आपकी हत्या की कोशिश कर रहे थे. आप ठीक तो हैं? कोई इंसान इस याचिका को नहीं समझ सकता.   *याचिकाकर्ता ने क्या कहा?* इस पर याचिकाकर्ता ने कहा, ‘‘हां, मैं ठीक हूं श्रीमान, याचिका बहुत स्पष्ट है. हां मेरी बेटी का अपहरण हुआ और इसकी पुलिस रिपोर्ट है. मेरा भी अपहरण किया गया था और थाने ले जाया गया, जहां उन्होंने मुझसे सौदेबाजी की कि अगर मैं मुंह बंद रखूंगा तो वे मेरी बेटी को मुझे वापस कर देंगे.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 4, 2024

सीआईआई ने पूर्वोत्तर में सामाजिक विकास में कॉर्पोरेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए सीएसआर कनेक्ट लॉन्च किया

नई दिल्ली, 04 जुलाई  2024 (यूटीएन)। दो दिवसीय नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कनेक्ट - अनलॉकिंग नॉर्थ ईस्ट की क्षमता, 3-4 जुलाई 2024 को नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा लॉन्च किया गया है। मुख्य अतिथि, डॉ सुकांत मजूमदार, राज्य मंत्री, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उद्घाटन किया गया, इस पहल का उद्देश्य सरकार के साथ साझेदारी में प्रभावशाली पहलों के माध्यम से कॉर्पोरेट क्षेत्र और पूर्वोत्तर के सामाजिक-आर्थिक विकास के बीच की खाई को पाटना है।   अपने संबोधन में डॉ सुकांत मजूमदार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पूर्वोत्तर के लिए शुरू की गई 10,000 करोड़ रुपये की उन्नति योजना इस क्षेत्र में निवेश लाएगी। उन्होंने माननीय प्रधान मंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के आश्चर्यजनक कायापलट की सराहना की। केंद्रीय मंत्रालय न केवल अपनी चल रही योजनाओं के माध्यम से, बल्कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए समर्पित योजनाओं के माध्यम से भी अपने सकल बजटीय समर्थन का 10% उत्तर पूर्वी क्षेत्र में खर्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र के प्रति फोकस को दर्शाता है। बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर भारत सरकार के फोकस ने चटगांव बंदरगाह का उपयोग करके इस क्षेत्र में उद्योग के लिए व्यापार करने के कई रास्ते खोल दिए हैं।   उद्योग को इस व्यापार गलियारे का लाभ उठाना चाहिए जो दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने क्षेत्र के रणनीतिक लाभ पर प्रकाश डाला और कहा कि बांग्लादेश के साथ बेहतर द्विपक्षीय सहयोग और चटगांव बंदरगाह के खुलने से उद्योग के लिए व्यापार के लिए प्रवेश द्वार का उपयोग करने के कई रास्ते खुल गए हैं। इससे क्षेत्र में अधिक निवेश आएगा और सामाजिक-विकास पर अधिक गतिविधियाँ होंगी। 8 साल की अवधि (2014-15 से 2022-23) में, क्षेत्र 6.77% की CAGR से बढ़ रहा है जो राष्ट्रीय औसत 5.43% से अधिक है। इस क्षेत्र ने राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (स्थिर मूल्यों पर 2022-23) में 2.95% का योगदान दिया।   चंचल कुमार, आईएएस, सचिव, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि एनईआर के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने की आवश्यकता है और निजी वित्त पोषण के प्रवाह से क्षेत्र के विकास में तेजी आने की संभावना है। एनईआर में सीएसआर योगदान सीमित है और इसे नीति स्तर पर संबोधित करने की आवश्यकता है और इसलिए इस तरह के मंचों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सीएसआर निवेश आकर्षित करने के लिए प्रत्येक राज्य के लिए निवेश योग्य परियोजनाओं का भंडार विकसित करना चाहिए।   इससे पहले, अपने स्वागत भाषण में, सीआईआई के उपाध्यक्ष और आर मुकुंदन ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, सीएसआर की यात्रा 2 प्रतिशत अनुपालन उन्मुख दृष्टिकोण से पारदर्शिता और प्रभाव उन्मुखीकरण पर बढ़ते ध्यान की ओर बढ़ी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2 दिवसीय सीएसआर कॉन्क्लेव सीएसआर यात्रा पर प्रकाश डालेगा और कुछ नए विचार और दृष्टिकोण जुटाएगा जो उत्तर पूर्व में एक प्रभावशाली सीएसआर विजन को परिभाषित करने में हम सभी को प्रेरित करेगा। इस पहल में भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव, आईएएस इंद्र दीप सिंह धारीवाल और सीआईआई नॉर्थ ईस्ट काउंसिल के अध्यक्ष प्रदीप बागला भी शामिल हुए।   दो दिवसीय पहल में उत्तर पूर्व के सामाजिक-आर्थिक विकास में प्रभावशाली परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया, जो व्यवसायों, सरकार, नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठनों के लिए एक सहयोगी मंच प्रदान करता है। यह सर्वोत्तम प्रथाओं, नवीन विचारों और उभरते सीएसआर रुझानों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा। उत्तर पूर्व राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों की भागीदारी के साथ, 100 से अधिक गैर सरकारी संगठनों को सहयोग और साझेदारी के लिए 80 से अधिक कॉर्पोरेट्स से जोड़ा गया। उद्घाटन सत्र के दौरान राज्य मंत्री द्वारा एक संग्रह जारी किया गया। सामाजिक विकास परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी लगाई गई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 4, 2024