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दिल्ली सरकार का 'युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध' अभियान शुरू

नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सरकार ने विंटर एक्शन प्लान तैयार किया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'एनसीआर के राज्यों में बढ़ने वाले प्रदूषण स्तर का प्रभाव दिल्ली पर पड़ता है। प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए केंद्र सरकार की भी जरूरत हमें पड़ती है। उन्होंने आगे कहा कि जब सभी एजेंसियां और सरकारें मिलकर काम करेंगी, तभी प्रभावी तरीके से प्रदूषण से लड़ा जा सकता है।   इसीलिए हमारी सरकार 'मिलकर चलें, प्रदूषण से लड़ें' थीम पर चलकर हमारी सरकार विंटर एक्शन प्लान पर काम करेगी। हमारे सामूहिक प्रयासों का परिणाम है कि दिल्ली में लगातार प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है। गोपाल राय ने बताया कि सर्दियों में प्रदूषण स्तर नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार आज से 'युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध' अभियान शुरू कर रही है। इस साल अभियान का थीम होगा, “मिलकर चलें, प्रदूषण से लड़ें”।    *दिल्ली में 7 अक्तूबर से धूल विरोधी अभियान शुरू* गोपाल राय ने बताया, 'इस बार हमने 21 सूत्री विंटर एक्शन प्लान बनाया है जिसके आधार पर हम काम करना शुरू करेंगे। दिल्ली में पहली बार हॉट स्पॉट की ड्रोन से निगरानी कराने का फैसला लिया गया है। इससे प्रदूषण के कारण का वास्तविक समय में पता लगाया जा सकेगा। धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में 7 अक्तूबर से धूल विरोधी अभियान शुरू होगा।    *85 रोड स्वीपिंग मशीनें लगाई जा रही* गोपाल राय ने कहा कि प्राइवेट और सरकारी सभी एजेंसियों के पास 7 अक्टूबर तक का समय है। अगर वे तब तक मापदंडों पर खरे नहीं उतरे तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 500 मीटर से अधिक के सभी निर्माण स्थलों को पोर्टल पर पंजीकृत कराना होगा। 85 रोड स्वीपिंग मशीनें लगाई जा रही हैं, 500 पानी छिड़कने वाली मशीनें भी इस्तेमाल की जा रही हैं। इस बार 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन लॉन्च की जाएंगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 25, 2024

देश में जन्मे 17 शावकों में से 12 सुरक्षित, भारत ने दुनिया को चौंकाया

नई दिल्ली, 22 सितंबर 2024 (यूटीएन)। भारत में नए सिरे से चीतों की मौजूदगी को भले ही अभी सिर्फ दो साल हुए हैं लेकिन इस अवधि में देश ने चीतों के संरक्षण में ऐसी सफलता हासिल की है, जिससे न सिर्फ चीते देने वाले नामीबिया व दक्षिण अफ्रीका जैसे देश अचंभित हैं बल्कि दुनिया भर के वन्य विशेषज्ञ भी भौंचक्के हैं। यह सफलता देश में जन्मे 70 प्रतिशत से अधिक चीता शावकों को बचाने की है। *चीता प्रोजेक्ट को शुरुआत में कई बड़े झटके लगे*यह स्थिति तब है जब पूरी दुनिया में चीता शावकों की मृत्यु दर सबसे अधिक है। यानी जन्म लेने वाले सौ शावकों में से सिर्फ दस ही जीवित बचते हैं। इन दो सालों में देश में कुल 17 शावकों ने जन्म लिया जिनमें से 12 सुरक्षित हैं।चीता प्रोजेक्ट को शुरुआत में कई बड़े झटके लगे। एक-एक कर कई चीतों और शावकों की अलग-अलग कारणों से मौत हो गई। इसके पीछे बड़ी वजह चीतों के रखरखाव को लेकर देश के पास अनुभव और शोध दोनों की कमी थी। भारतीय वन्यजीव संस्थानों व विशेषज्ञों ने इसे चुनौती के रूप में लिया। *चीतों के संरक्षण को लेकर रुचि दिखाई*चीता प्रोजेक्ट के दो साल पूरे होने पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की ओर जारी रिपोर्ट के मुताबिक जिस तरह से चीतों के संरक्षण को लेकर रुचि दिखाई गई उससे साफ है कि चीतों के संरक्षण में भी भारत महारत हासिल कर लेगा। *चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत सितंबर 2022 में हुई*रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेक्ट के दो साल के अनुभव के आधार पर अब चीतों के रखने वाले दूसरे ठिकानों को तैयार किया जा रहा है। दूसरे ठिकाने के रूप में तैयार हो रहे मध्य प्रदेश के गांधी सागर अभयारण्य में उन सभी बातों को ध्यान में रखा जा रहा है जिन पर कूनो में नहीं रखा गया था। देश में चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीते लाकर की गई थी। बाद में 12 चीतों की एक खेप फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से लाई गई थी। *भारत की सरजमीं पर जन्मे कई शावक हुए वयस्क*नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 चीतों में से अब तक आठ चीतों की मौत भले चीता प्रोजेक्ट के लिए बड़ा झटका रहा है लेकिन दूसरी तरफ भारतीय जमीं पर जन्मे शावकों की अठखेलियां पूरे प्रोजेक्ट में एक नई रोशनी भी भर रही है। जिनकी संख्या मौजूदा समय में 12 है। इनमें से कई शावक तो अब वयस्क होने के करीब है। *मादा शावक डेढ़ साल में व्यस्क हो जाते है*वैसे भी चीता का नर शावक करीब एक साल में और मादा शावक डेढ़ साल में वयस्क हो जाते है। इन चीता शावकों को प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की उम्मीद के तौर पर भी देखा जा रहा है क्योंकि इन सभी के सामने नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों की तरह जलवायु अनुकूलता नहीं होने जैसी चुनौती का कोई खतरा नहीं है। वह यहां की जलवायु में पूरी तरह से रचे-बसे होने के साथ-साथ तेजी से बढ़ भी रहे है।केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और चीता प्रोजेक्ट से जुडे अधिकारियों की मानें तो चीता शावकों की इस प्रगति से न सिर्फ देश में इन्हें बसाने के प्रोजेक्ट को रोशनी मिल रही है, बल्कि दुनिया भर में इन वन्यजीवों को एक जगह से दूसरी जगह पर बसाने की उम्मीदें भी रोशन हो रही है। *पांच शावक अकेले मादा चीता ज्वाला के*मध्य प्रदेश के कूनो अभयारण्य में बसाए गए इन चीतों में मौजूदा समय में जो 12 शावक है, उनमें से आठ शावक नामीबिया से लाए गए दो मादा चीतों के है। इनमें पांच शावक अकेले मादा चीता ज्वाला के है, जबकि तीन मादा चीता आशा के हैं। वहीं दक्षिण अफ्रीका से लाए 12 चीतों में से मादा चीता गामिनी ने चार बच्चों को जन्म देकर इस प्रोजेक्ट में एक और नई खुशहाली लायी है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 22, 2024

8 हाई कोर्ट को मिले नए चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के एक दिन बाद केंद्र सरकार ने की नियुक्ति

नई दिल्ली, 22 सितंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों को मानते हुए आठ हाई कोर्ट के लिए चीफ जस्टिस के नामों पर मुहर लगा दी है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्तियों में देरी पर सफाई मांगने के एक दिन बाद ही आया है। खास बात यह है कि झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति भी कर दी गई है, जिसके लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना का केस दायर किया था। राष्ट्रपति ने दिल्ली, मध्य प्रदेश, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, केरल, मद्रास, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख और झारखंड के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। *केंद्र सरकार ने किया त्वरित फैसला*सरकार के इस त्वरित फैसले से न्यायपालिका में नियुक्तियों के मुद्दे पर कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच मतभेद बढ़ने की आशंका कम हो गई है। पिछले साल इसी मुद्दे पर न्यायिक कार्यवाही के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा कानून का पालन न करने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम व्यवस्था देश का कानून है और केंद्र सरकार को इसका पालन करना ही होगा। अगर कॉलेजियम किसी नाम को दोबारा भेजता है तो सरकार के पास उसे स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। *किसे कहां बनाया गया चीफ जस्टिस?*सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस राजीव शकधर को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट के एक और जज जस्टिस सुरेश कैत मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस का पदभार संभालेंगे। कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस इंद्र प्रसन्न मुखर्जी को मेघालय हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट के जज जस्टिस नितिन मधुकर जमदार केरल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार संभालेंगे। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ताशी रबस्तान को उसी हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट के जज जस्टिस श्रीराम कल्पाथी राजेंद्रन को मद्रास हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस और हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस एम एस रामचंद्रन राव को झारखंड हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया है। *सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछी थी देरी की वजह*शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह बताने को कहा था कि जजों के पदों के लिए सिफारिश किए गए कुछ नाम लंबित क्यों हैं और किस स्तर पर अटके हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल भी कुछ मुद्दे उठाए थे जिनका अभी तक समाधान नहीं हुआ है। इनमें कुछ हाई कोर्ट जजों का तबादला और हाई कोर्ट जजों के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा दोबारा भेजे गए नामों को मंजूरी देना शामिल है। नियुक्तियों में देरी और कॉलेजियम की सिफारिशों में से चुनिंदा नामों को मंजूरी देने की केंद्र की नीति भी दोनों संस्थाओं के बीच विवाद का एक बड़ा कारण है। कोर्ट ने अपनी न्यायिक कार्यवाही में बार-बार इस मुद्दे को उठाया है। *जजों की नियुक्ति के लिए क्या है गाइडलाइन*सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में जजों की समयबद्ध नियुक्ति के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे और इस प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों के लिए फैसला लेने की समय सीमा तय की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को हाई कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश केंद्र को भेजे जाने की तारीख से 4-6 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट/राय सौंप देनी चाहिए। केंद्र को राज्य सरकार और IB रिपोर्ट मिलने के 8-12 सप्ताह के भीतर फाइल सुप्रीम कोर्ट को भेज देनी चाहिए। इसके बाद सीजेआई को चार सप्ताह के भीतर कानून मंत्री को सिफारिशें/सलाह भेजनी होगी। केंद्र सरकार को तुरंत नियुक्ति करनी होगी या फिर पुनर्विचार के लिए सिफारिश वापस भेजनी होगी। अगर नामों को दोबारा भेजा जाता है तो 3-4 सप्ताह के भीतर नियुक्ति कर देनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया था कि सरकार कानून पारित करके एक नई प्रणाली ला सकती है लेकिन साथ ही कहा था कि कोई भी प्रणाली परफेक्ट नहीं हो सकती। कोर्ट ने कहा था कि नियुक्ति में देरी की मौजूदा स्थिति ठीक नहीं है और इससे मेधावी वकील जज बनने से हिचकिचाते हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 22, 2024

वोट देने से पहले पिछली सरकार से 10 वर्षों के कार्य का हिसाब जरूर मांगे-चन्द्रमोहन

पंचकूला,22 सितंबर 2024 (यूटीएन)। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चन्द्रमोहन लोगों ने जनसभा के दौरान लोगों को कहा कि वोट देने से पहले वह सरकार के पिछले 10 वषों के काम को जरूर देखें। भाजपा सरकार से उन्हें द्वारा किए कार्यों का हिसाब किताब जरूर मांगे। भाजपा ने झूठे वादे कर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ किया है। भाजपा विधायक के साथ सरोकार कितने पूरे हुए यह पंचकूला की जनता के सामने है।   चंद्रमोहन ने कहा कि उनसे पंचकूला में विकास कार्यों पर किए गए करोड़ों का हिसाब जरूर मांगे , कि यदि इतने रूपए खर्च हुए हैं तो विकास में नाम पर पंचकूला में कुछ भी दिखाई नहीं देता। भाजपा के पास इसका कोई जवाब नहीं है। भाजपा लगातार जनता में अपना विश्वास खो रही है। जनता बेसर्बी से 5 अक्टूबर मतदान के दिन का इंतजार कर रही है ताकि भाजपा को सबक सिखा सके।   इसके साथ सेक्टर 19 के पूर्व पार्षद रमेश सिंह बर्तवाल, बरवाला से 40 साल से भाजपा के साथ जुड़े वरिष्ठ नेता विनोद कुमार बंसल तथा उनके पुत्र भूपेश बंसल पूर्व मंत्री किसान मोर्चा बरवाला, भरोली के सरपंच अमन राणा ने भाजपा से अपना सालों पुराना नाता तोड़ कांग्रेस से जुड़े।   सेक्टर 10 से गुरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह बाजवा, साहिल सिंह, प्रिंस, सनीष गुर्जर, आयुष गुर्जर, सूरज हर्ष शर्मा, मनीष गुर्जर, सुखविन्द्र सिंह, भजन सिंह, प्रथम सिंह, निषू कुमार, बिट्टू, करन शाह, विकास यादव, राहुल, प्रदीप, परमिन्द्र, संजू तथा धर्मपाल मलिक तथा विनोद कुमार, महिनद्र शास्त्री, ऋषि अरोड़ा, दिपांषु, बलविन्द्र, रवि प्रकाष, सार्थक गिल, विक्रम, बरूण सरोता, शुभम, धून सिंह, वरिन्द्र हुड्डा, उर्मिला देवी, नीतू, सिमरन कौ, कुसुम अग्रवाल, तृप्ति खट्टर, रेखा खट्टर, सुष्मा देवी, सुनीता हुड्डा नैन भी कांग्रेस में शामिल हुए।   चन्द्रमोहन की जनसभा व चुनाव प्रचार के दौरान पंचकूला ब्राह्यण समाज के प्रतिनिधियों राजेन्द्र शर्मा, जितेंद्र शर्मा, सीता राम शर्मा, वीरेश शाण्डिल, नवीन शर्मा मिंकू, विजय शर्मा, सतीश शर्मा व शशी शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याषी चन्द्रमोंहन का समर्थन करते हुए कांग्रेस को भारी बहुमत से विजयी दिलाने का भरोसा दिलाया।   पंचकूला विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र मोहन को पंचकूला व आस पास के क्षेत्रों से भारी समर्थन मिल रहा है। इसे देखते हुए लगता है कि इन विधान सभा चुनावों में भाजपा को बहुत करारी हार का सामना करना पड़ेगा।    22 सितम्बर को चन्द्रमोहन ने पंचकूला सेक्टर 17, बरवाला, सेक्टर 27, सेक्टर 10, सेक्टर 9, सेक्टर 21, सेक्टर 15, सेक्टर 25, चंडीकोटला, खड़ग मंगेली, सेक्टर 14, में एक के बाद एक कई जनसभाएं की। वहीं उनकी पत्नी सीमा ने सेक्टर 18, सेक्टर 21, राजीव कालोनी, सेक्टर 8 तथा सेक्टर 10 में तथा पुत्र सिद्धार्थ ने बरवाला, माणकया, सेक्टर 26, सेक्टर 28 में जनसभा तथा चुनाव प्रचार किया।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Sep 22, 2024

अमेरिका ने लौटाई भारत की 297 प्राचीन धरोहर

नई दिल्ली, 22 सितंबर 2024 (यूटीएन)। अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान 297 प्राचीन वस्तुएं (कलाकृतियां) भारत को सौंपी है। देश की संस्कृति के बारे में जानकारी देने वाली इन प्राचीन वस्तुओं को तस्करी कर देश से बाहर ले जाया गया था। एक बयान में बताया गया है कि 2014 से अब तक पिछले दस वर्षों में भारत को कुल 640 प्राचीन वस्तुएं वापस मिली हैं, जिसमें से अकेले अमेरिका ने 578 वस्तुएं लौटाई हैं। यह किसी देश द्वारा भारत को लौटायी गई सबसे अधिक सांस्कृतिक कलाकृतियां हैं। *पीएम ने ट्वीट कर दी जानकारी*प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए इन 297 अमूल्य कलाकृतियों को लौटाने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का धन्यवाद किया है। पीएम ने कुछ तस्वीरें भी पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘सांस्कृतिक जुड़ाव को गहराते और सांस्कृतिक संपत्तियों की अवैध तस्करी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करते हुए। मैं भारत को 297 अमूल्य कलाकृतियां लौटाने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन और अमेरिकी सरकार का अत्यधिक आभारी हूं। *राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद*अधिकारियों का कहना है कि पीएम ने इन प्राचीन वस्तुओं को लौटाने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ये वस्तुएं न केवल भारत की ऐतिहासिक संस्कृति का हिस्सा हैं बल्कि इसकी सभ्यता और चेतना का आंतरिक आधार भी हैं। इस उपलब्धि को भारत द्वारा अपनी सांस्कृतिक विरासत को कायम रखने के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिका के अलावा दूसरे कई देशों ने भी भारत को प्राचीन वस्तुएं वापस की है, जिसमें 16 कलाकृतियां ब्रिटेन से, 40 ऑस्ट्रेलिया और अन्य जगहों से वापस की गई हैं। वहीं 2004-2013 के बीच भारत को केवल एक कलाकृति वापस की गई थी। *10-11वीं शताब्दी ईसा पूर्व की कलाकृतियां*भारत को लौटाई गई कुछ विशेष कलाकृतियों में 10-11वीं शताब्दी ईसा पूर्व की मध्य भारत की बलुआ पत्थर से निर्मित एक ‘अप्सरा’, तीसरी-चौथी शताब्दी ईसा पूर्व का पूर्वी भारत का टेराकोटा का एक फूलदान तथा पहली शताब्दी ईसा पूर्व की दक्षिण भारत की पत्थर की एक मूर्ति शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि पीएम मोदी की 2021 में अमेरिकी यात्रा के दौरान अमेरिकी सरकार ने 157 कलाकृतियां लौटाई थी, जिसमें 12वीं शताब्दी ईसा पूर्व की नटराज की कांसे की प्रतिमा शामिल थी। 2023 में पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के कुछ दिन बाद भारत को 105 कलाकृतियां लौटाई गई थी। *प्राचीन वस्तुएं तस्करी के जरिये गई थीं बाहर*सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी एक पुराना मुद्दा है जिसने पूरे इतिहास में कई संस्कृतियों और देशों को प्रभावित किया है। भारत इस मुद्दे से विशेष रूप से प्रभावित हुआ है और बड़ी संख्या में प्राचीन वस्तुएं तस्करी कर देश से बाहर ले जाई गई हैं। जुलाई 2024 में दिल्ली में 46वीं विश्व धरोहर समिति के अवसर पर भारत और अमेरिका ने भारत से अमेरिका में कलाकृतियों की तस्करी को रोकने और उस पर अंकुश लगाने के लिए पहले 'सांस्कृतिक संपत्ति समझौते' पर हस्ताक्षर किए थे।*महत्वपूर्ण कलाकृतियों की वापसी*अधिकारियों का कहना है कि ऐसे में यह शानदार उपलब्धि भारत के चुराए गए खजाने को प्राप्त करने और भावी पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के संकल्प को दर्शाती है। वैश्विक नेताओं के साथ पीएम मोदी के व्यक्तिगत संबंधों की वजह से ये काफी हद तक मुमकिन हुआ है। ये भारत के लिए हर्ष का विषय है कि उसकी सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी प्रतिष्ठित मूर्तियों और महत्वपूर्ण कलाकृतियों की वापसी हो रही है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 22, 2024

आपकी थाली तक पहुंच रहा जानवरों की चर्बी वाला खाना, अब तक भनक भी नहीं लगी

नई दिल्ली, 22 सितंबर 2024 (यूटीएन)। अब आशीर्वाद, आस्था, शुद्धता, भरोसा सबकुछ झूठ है, क्योंकि प्रसाद के नाम पर महापाप किया जा रहा था. तिरुपति के प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था. ये महापाप है, लेकिन ये हो रहा था और शायद आगे भी होता रहता, अगर प्रसाद का लैब टेस्ट नहीं किया जाता. जब लैब टेस्ट हुआ तो चौंकाने वाली बातें सामने आई. रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुपति मंदिर के प्रसाद में सूअर की चर्बी, बीफ और मछली के तेल के मिले होने की पुष्टि हुई. प्रसाद में इतने बड़े मिलावट का जैसे ही खुलासा हुआ. लोगों की आस्था के साथ हो रहे इतने बड़े खिलवाड़ के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन होने लगा है. राजनीति आरोप-प्रत्यारोप लगने लगे और केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार से इसपर रिपोर्ट मांगी.   *आपकी थाली तक पहुंच रहा जानवरों की चर्बी वाला खाना* इसके बाद सवाल उठने लगा है कि क्या हम जो घी घर में पूजा के लिए ला रहे हैं. जिसका इस्तेमाल करके खाना बना रहे हैं क्या वो शुद्ध है? या घर-घर जानवर की चर्बी वाला घी पहुंच चुका है. आपके घर में जो घी आ रहा है वो कितना शुद्ध है और उसकी शुद्धता की कैसे जांच करें. आपकी ताली तक जानवरों की चर्बी वाला खाना पहुंच चुका है और आपको भनक तक नहीं लगी होगी. जानवरों की चर्बी घी के अलावा मार्केट में मिलने वाली मिठाइयों में भी हो सकता है.   *कैसे करें नकली घी की पहचान?* आपका घी मिलावटी है अगर हथेली पर रखने के बाद ना पिघले. पानी में डालने पर नीचे बैठ जाए. हथेली पर रगड़ने पर खुशबू चली जाए. गर्म करने के बाद रंग बदल जाए. नकली घी देर से पिघलेगा और पीला रहेगा. आयोडीन मिलाने पर रंग बैंगनी हो जाए. अगर घी दानेदार ना हो तो नकली है. अगर आप भी मार्केट से घी खरीद रहे हैं तो तुरंत सावधान हो जाएं.   *नकली घी में क्या-क्या मिलावट ?* एनिमल फैट खराब तेल डालडा बिघला बटर हाइड्रोजेनेटेड तेल मसला हुआ आलू शकरकंद नारियल ऑयल *नकली घी से क्या नुकसान?*   1- हार्ट अटैक की समस्या 2- हाई रक्त चाप हो सकती है 3- लिवर खराब हो सकता है 4- गर्भपात की हो सकता है 5- दिमाग में सूजन की समस्या 6- अपच और गैस की समस्या 7- कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है   *कैसे जांचें शुद्ध घी?* *नमक की मदद से:* बर्तन में एक चम्मच घी लें. आधा चम्मच नमक मिलाएं. हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाएं और 20 मिनट के लिए छोड़ दें. अगर घी नकली होगा तो घी का रंग बदल जाएगा.   *पानी की मदद से:* एक ग्लास पानी लें. उसमें एक चम्मच घी डालें. घी ऊपर तैरने लगे तो असली है और अगर पानी में डूब जाए तो घी नकली है.   *हथेली पर रखकर:* थोड़ा सा घी हथेली पर रखें. असली घी पिघलने लगे तो समझ जाएं कि आपका घी असली है. और हथेली पर रखने के बाद घी जस का तस रहे तो फिर ये नकली है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 22, 2024

जंतर मंतर से अरविंद केजरीवाल ने भागवत से पूछे 5 सवाल

नई दिल्ली, 22 सितंबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जंतर मंतर पर 'जनता की अदालत' को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और केंद्र की एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा. अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी 5 सवाल पूछे. उन्होंने पूछा कि जिस तरह से पीएम मोदी सीबीआई का डर दिखाकर सरकारें गिरा रहे हैं क्या आर एस एस उससे सहमत है? ** अरविंद केजरीवाल ने संघ प्रमुख से पूछे ये 5 सवाल- 1- जिस तरह मोदी जी ईडी सीबीआई का डर दिखाकर सरकारें गिरा रहे हैं क्या RSS उससे सहमत है?2- मोदी जी ने सबसे भ्रष्ट नेताओं को भाजपा में शामिल कराया. क्या आर एस एस मोदी जी से सहमत है?3- जेपी नड्डा के बयान से आर एस एस दुखी हुआ या नहीं?4-  75 साल वाला रूल मोदी जी पर लागू होगा या नहीं?5- बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई है. कहा जाता है कि ये देखना आर एस एस की जिम्मेदारी है कि भाजपा पथभ्रष्ट न हो. क्या आप आज की बीजेपी के कदमों से सहमत हैंय़ क्या आपने कभी मोदी जी से ये सब न करने के लिए कहा ? *हमने ईमानदारी से चुनाव लड़कर दिखाया*आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, अन्ना आंदोलन 4 अप्रेल 2011 को जंतर मंतर से शुरू हुआ था. तब सरकार ने हमें चैलेंज किया था चुनाव लड़कर दिखाओ, जीतकर दिखाओ. हम भी चुनाव लड़ लिये. देश के अंदर साबित कर दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और ईमानदारी से चुनाव जीता भी जा सकता है. हमने सरकार चलाई. बिजली पानी फ्री कर दिया. बसों में महिलाओं का सफर फ्री कर दिया. इलाज फ्री कर दिया. शानदार अस्पताल और स्कूल बना दिए. ये देखकर मोदी जी घबरा गए और हमारे ऊपर झूठे आरोप लगा दिये और जेल भेज दिया. केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति घोटाले का जिक्र करते हुए कहा, वकीलों ने कहा कि यह केस दस साल भी चल सकता है. मैं इस दाग के साथ नहीं जी सकता. इसलिए सोचा कि जनता की अदालत में जाऊंगा. अगर मैं बेईमान होता तो बिजली फ्री करने के तीन हजार करोड़ खा जाता, महिलाओं के किराया फ्री नहीं करता, बच्चों के लिए स्कूल नहीं बनवाता. दरअसल, अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से इस केस में जमानत मिली है, इसके बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 22, 2024

उपराष्ट्रपति की नसीहत:आईएएस-आईपीएस बनने का 'मोह' छोड़ दीजिए

नई दिल्ली, 16 अगस्त 2024 (यूटीएन)। अखबारों के पन्ने कोचिंग सेंटरों के विज्ञापनों से भरे रहते हैं. हर पन्ने पर वही चेहरे नजर आते हैं. अलग-अलग कोचिंग सेंटर एक ही चेहरे को अपने विज्ञापनों में दिखाते हैं. इन विज्ञापनों का खर्च तो उन युवाओं और युवतियों के पास से आया है जो कड़ी मेहनत से तैयारी कर रहे हैं... सिविल सर्विस की नौकरियों के मोह से बाहर आइए. अन्य क्षेत्रों में 'आकर्षक' मौके हैं, वहां प्रयास कीजिए.' युवाओं को यह नसीहत दी है उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने. वह दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पीजी बैच के 'इंडक्शन' में स्टूडेंट्स से मुखातिब थे.   समाचार पत्रों में 'कोचिंग सेंटर के विज्ञापनों की भरमार' की ओर इशारा करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने शुक्रवार को सिविल सेवाओं के प्रति छात्रों के 'मोह' पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, '... अब, मुझे समाचार पत्रों में कुल मिलाकर कोचिंग सेंटर के विज्ञापनों की भरमार मिलती है ... पेज एक, पेज दो, पेज तीन... उन लड़कों और लड़कियों के चेहरों से भरे हुए रहते हैं जिन्होंने सफलता हासिल की होती है. एक ही चेहरे का उपयोग कई संस्थानों द्वारा किया जा रहा है.   *सिविल सेवा के मोह से बाहर निकलें'* धनखड़ ने कहा, 'इन विज्ञापनों की भरमार को देखें लागत और एक-एक पैसा उन युवा लड़कों और लड़कियों के पास से आया है, जो अपने लिए भविष्य सुरक्षित करने की कोशिश में हैं.' उपराष्ट्रपति ने युवाओं से कहा कि वे अन्य क्षेत्रों में भी अवसरों की तलाश करें. उन्होंने कहा, 'समय आ गया है, आइए, हम सिविल सेवा की नौकरियों के मोह से बाहर आएं. हम जानते हैं कि अवसर सीमित हैं, हमें दूसरी आरे भी देखना होगा और यह खोजना होगा कि अवसरों के विशाल परिदृश्य कहीं अधिक आकर्षक हैं जो आपको बड़े पैमाने पर (राष्ट्र के लिए) योगदान करने में सक्षम बनाते हैं.   उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे स्वार्थ को देश के हित से ऊपर रखने वाली ताकतों को किनारे लगाएं और उन्हें निष्प्रभावी करें. वह यूनिवर्सिटी में बौद्धिक संपदा कानून और प्रबंधन में संयुक्त स्नातकोत्तर व एलएलएम डिग्री के पहले बैच के ‘इंडक्शन’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Aug 16, 2024

15 अगस्‍त को लेकर खुफिया एजेंसियों का अलर्ट मानव बम के रूप में हमला कर सकते हैं आतंकी

नई दिल्ली, 13 अगस्त 2024 (यूटीएन)। स्वतंत्रता दिवस के नजदीक आते ही पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी जाती है. जब स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारियां पूरे देश में जोर-शोर से चल रही है. इस बीच सूत्रों से खबर आ रही है कि आतंकी देश में दहशत फैलाने की फिराक में है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 15 अगस्त के मौके पर आतंकी मानव बम के रूप में हमला कर सकते हैं. इसी खतरे को देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है. बताया जा रहा है कि आतंकी वीवीआईपी को अपना निशाना बना सकते हैं. जम्मू कश्मीर में ताजा हमलों के बाद ज्यादा चौकसी बरतने की सलाह दी गई है.1   *आतंकियों का क्या प्लान* पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई लश्कर ए तैयबा ,टीआरएफ और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की हर तरह से मदद कर रही है और इन संगठनों को हमले करने के लिए उकसा रही है. कठुआ, डोडा, उधमपुर, पुंछ और राजौरी में जिस तरह से हाल ही में हमले हुए हैं, उसे देखते हुए चौकन्ना रहने की सलाह दी गई है. इस तरह के इनपुट मिले हैं कि हथियारबंद आतंकी अभी भी भारत में मौजूद है और इनके प्लान के मुताबिक वीआईपी लोगों को निशाना बनाया जा सकता है.   *इन जगहों को किया जा सकता है टारगेट* भीड़भाड़ वाली जगहों और आईकॉनिक जगहों को टारगेट किया जा सकता है. जैश ए मोहम्मद और लश्कर के लिए दिल्ली हमेशा प्राइम टारगेट रही है. पाकिस्तान ड्रोन के जरिए लगातार पुंछ और जम्मू में हथियार भेज रहा है. आतंकी अंडरवर्ल्ड के क्राइम सिंडिकेट का इस्तेमाल पैसे और हथियार पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कई वीवीआईपी और प्रधानमंत्री काफी देर तक खुले में बैठते हैं.   *दिल्ली में खास चौकसी बरतने की सलाह* ऐसे में भारत से नफरत करने वाले गड़बड़ी फैला सकते हैं. इनमे पाकिस्तानी आतंकी संगठन,ग्लोबल जिहादी ग्रुप,घरेलू आतंकी संगठन, सिख आतंकी ग्रुप,उत्तर पूर्व के उग्रवादी संगठन हैं. कुछ ऐसे भी लोग हो सकते हैं जो सरकार के फैसलों ने नाराज हों. दिल्ली एयरपोर्ट पर और दिल्ली की सीमाओं पर खास चौकसी बरतने के लिए कहा गया है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Aug 13, 2024

लंबे समय बाद बिना स्थगन और बाधा के समाप्त हुआ संसद का सत्र

नई दिल्ली, 10 अगस्त 2024 (यूटीएन)। 18वीं लोकसभा का पहला बजट सत्र भले ही तय समय से एक दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया, मगर विधायी कामकाज की दृष्टि से संसद का यह सत्र शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में सफल रहा। सरकार ने बजट और वित्त विधेयक पारित कराने से लेकर अपने घोषित सभी विधायी एजेंडे को सिरे चढ़ाया तो विपक्ष ने भी सत्र में अपने मुद्दों के जरिए सरकार की घेरेबंदी की कोशिश की। इस क्रम में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कुछ मौकों पर तीखी नोक-झोंक हुई, मगर लंबे अर्से बाद यह पहला सत्र रहा जब संसद की कार्यवाही एक दिन भी हंगामे की वजह से बाधित नहीं हुई।   *एक दिन पहले सत्र समाप्त करने का निर्णय* इस दौरान लोकसभा में वित्त विधेयक समेत चार विधेयक पारित हुए, जबकि 12 नए विधेयक पेश हुए, जिसमें राजनीतिक रूप से संवेनदशील वक्फ संशोधन विधेयक भी शामिल है। इस पर संयुक्त संसदीय समिति गठित की गई है। संसद का बजट सत्र 12 अगस्त तक निर्धारित था, मगर सरकार ने कामकाज का एजेंडा पूरा कर लेने के बाद एक दिन पहले ही सत्र समाप्त करने का फैसला किया। विपक्ष ने इसको लेकर सरकार पर तंज भी कसा कि संसद का सामना करने से बचने के लिए सरकार ने एक दिन पहले सत्र खत्म किया है। वैसे सत्र के दौरान विपक्ष ने नीट पेपर लीक से जुड़े मुद्दे प्रश्नकाल में उठाने से लेकर किसानों से लेकर आम आदमी से जुड़े मसले उठाने में आक्रामकता दिखाई, मगर सत्र को बाधित करने की बजाय विपक्षी दलों ने भी बहस-चर्चा के दौरान अपने मुद्दों को मुखरता से उठाने की रणनीति अपनाई।   *कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा* लोकसभा में पारित चार विधेयकों में तो वित्त, विनियोग और जम्मू-कश्मीर का विनियोग विधेयक तो संवैधानिक अनिवार्यता से जुड़े हैं, जिसे राज्यसभा ने भी पारित किया, जबकि लोकसभा में पारित भारतीय वायुयान विधेयक हवाई यात्रा क्षेत्र के संचालन में सुधार से जुड़ा है। सत्र के दौरान बांग्लादेश में तख्तापलट की घटना को लेकर विदेशमंत्री की ओर से बयान दिया गया तो वायनाड में भूस्खलन से हुई तबाही के मसले पर भी संक्षिप्त चर्चा हुई। 22 अगस्त से शुरू हुए सत्र में एक दिन भी ऐसा नहीं हुआ जब शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए ठप हुई हो। संसदीय कार्यमंत्री किरन रिजिजू ने भी सत्र समापन के बाद अपनी पारंपरिक प्रेस वार्ता में इसे सुखद बताते हुए कहा कि काफी अर्से बाद पूरे सत्र में एक दिन भी हंगामे की वजह से बर्बाद नहीं हुआ।   *संसदीय कार्य मंत्री ने जताया विपक्ष का आभार* इसके लिए लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति के साथ ही रिजिजू ने विपक्ष दलों के सांसदों का भी धन्यवाद जताते हुए कहा कि कुछ नोंक-झोंक तथा शोरगुल जरूर हुआ, मगर लोकतंत्र में ऐसा होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि हम एक सुदृढ़ लोकतंत्र हैं, जिसमें शोर-गुल कई बार एक अनिवार्य हिस्सा होता है, मगर इस बार शोरगुल के बावजूद एक दिन भी बाधित नहीं हुआ। संसदीय कार्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि आगामी शीत सत्र के दौरान भी इसी भावना से पक्ष और विपक्ष काम करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सत्र के कामकाज पर संतोष जताते हुए कहा कि 18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र के दौरान कार्य-उत्पादकता 136 प्रतिशत रही। इस दौरान 15 बैठकों में 115 घंटे की चर्चा हुई जिसमें आम बजट पर आम 27 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई और 181 सदस्यों ने भाग लिया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Aug 10, 2024