Breaking News

पापा विधायक हैं लाइसेंस की जरूरत नहीं':ने अमानतुल्लाह खान के बेटे की पुलिस को धमकी

नई दिल्ली, 25 जनवरी 2025 (यूटीएन)। दिल्ली पुलिस ने गश्त के दौरान बुलेट के मॉडिफाई साइलेंसर से तेज आवाज कर रहे दो लड़कों को पकड़ा। इस दौरान वह गलत दिशा से भी आ रहे थे। दिल्ली पुलिस के मुताबिक पकड़े गए लड़कों में एक लड़के ने बताया कि वह आप विधायक अमानतुल्लाह खान का बेटा है। दिल्ली पुलिस ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करने और मोटरसाइकिल पर मॉडिफाई साइलेंसर का उपयोग करने के लिए आप विधायक अमानतुल्लाह खान के बेटे पर मोटरसाइकिल जब्त कर ली है। साथ ही 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं इस मामले में भाजपा लगातार आम आदमी पार्टी पर हमलावर है। पुलिस के अनुसार, जब उनसे ड्राइविंग लाइसेंस और आईडी मांगी तो उन्होंने राजनीतिक धौंस जताते हुए कहा कि उन्हें इसकी जरूरत नहीं है। उनमें से एक लड़के ने अमानतुल्लाह खान को फोन किया और उनकी बात एसएचओ से कराई। बाद में लड़के अपना नाम-पता बताए बगैर चले गए।    *आप का मतलब अहंकारी, अराजक, अपराधी पार्टी': शहजाद पूनावाला* भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, 'आज आप का मतलब अहंकारी, अराजक, अपराधी पार्टी हो गया है। आज भी वीवीआईपी मानसिकता है कि हम कानून से ऊपर हैं, जो अमानतुल्लाह खान के बेटे ने दिखाई है। गलत साइड में बाइक चलाना, मॉडिफाइड साइलेंसर लगाना, पकड़े जाने पर पुलिस से बदतमीजी करना और जब पुलिस आरसी मांगती है तो कहना कि मेरे पिता एमएलए हैं। इससे पता चलता है कि राजनीतिक रूपांतरण कैसे हुआ, स्वराज से शराब तक, झाड़ू से दारू तक, छोटे घर से शीशमहल तक। अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि हम कानून का पालन करेंगे, अमानतुल्लाह खान का यह परिवार सीरियल ऑफेंडर है, आप क्या कार्रवाई करेंगे?'   *पुलिस का बयान विधायक का बातचीत करने का ढंग सही नहीं था* चालान करने वाले पुलिसकर्मी ने कहा कि विधायक का बातचीत करने का ढंग सही नहीं था। उन्हें बेटे को समझाना चाहिए था। वह उल्टा हमको कह रहे थे कि आप क्या करेंगे। पुलिसकर्मी ने कहा कि मॉडिफाई साइलेंसर वाली बुलेट की आवाज से तो वैसे ही किसी हृदय रोगी को हार्ट अटैक आ जाए। लड़के पटाखे जैसी आवाज निकालने वाली बाइक चला रहे थे। पकड़ने पर लड़कों ने अमानतुल्लाह खान से बात कराई। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि क्या करेंगे आप, बंद करेंगे बंद कर दीजिए। उनके कहने का ढंग ठीक नहीं था। एक विधायक को जिस तरह से बात करनी चाहिए उस तरह का उनका लहजा सही नहीं था। वह उल्टा हमको कह रहे थे कि आप क्या करेंगे।   इस साल हम 70 बुलेट जमा कर चुके हैं। हम रोज अभियान चलाते रहते हैं। दिल्ली पुलिस ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करने और मोटरसाइकिल पर मॉडिफाई साइलेंसर का उपयोग करने के लिए आप विधायक अमानतुल्लाह खान के बेटे पर मोटरसाइकिल जब्त कर ली है। साथ ही 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं इस मामले में भाजपा लगातार आम आदमी पार्टी पर हमलावर है। पुलिस के अनुसार, जब उनसे ड्राइविंग लाइसेंस और आईडी मांगी तो उन्होंने राजनीतिक धौंस जताते हुए कहा कि उन्हें इसकी जरूरत नहीं है। उनमें से एक लड़के ने अमानतुल्लाह खान को फोन किया और उनकी बात एसएचओ से कराई। बाद में लड़के अपना नाम-पता बताए बगैर चले गए।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Ujjwal Times News

Jan 25, 2025

दिल्ली, मुंबई नहीं, 17 राज्यों में बिखरे हैं करोड़ों बांग्लादेशी

नई दिल्ली, 24 जनवरी 2025 (यूटीएन)। फिल्म अभिनेता सैफ अली खान पर हमला करने वाला आरोपी शरीफुल इस्लाम शहजाद बांग्लादेशी घुसपैठिया निकला, जो बिजॉय दास नाम से मुंबई में काम करता रहा। मुंबई में एक बांग्लादेशी महिला कुलसुम शेख को भी मुंबई पुलिस ने पकड़ा है। वह 2016 से मोहिनी के नाम से शहर में रह रही थी। ऐसे ही कई बांग्लादेशी बेंगलुरु, दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक और देश के कई राज्यों से पकड़े जा चुके हैं, जिन्होंने भारत में हिंदू नामों के लिबास में खुद को छिपा लिया। दिल्ली में आए दिन बांग्लादेशियों के पकड़े जाते हैं। देश के कई हिस्से ऐसे हैं, जहां अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण इलाके की डेमोग्राफी बदल गई है। आपराधिक वारदात में भी बांग्लादेशी और रोहिंग्या की शामिल होने की खबरें आती रही हैं। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी बीएसएफ पर घुसपैठ कराने के सनसनीखेज आरोप लगाए थे।   *भारत में कितने अवैध बांग्लादेशी* रिपोर्टस के मुताबिक, कश्मीर से कन्याकुमारी के बीच देश के करीब 17 राज्यों में करीब दो करोड़ बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं। इस बारे में पहला आधिकारिक आंकड़ा संसद में 2007 में आया था। तब तत्कालीन गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने बताया था कि भारत में 12 मिलियन यानी 1.2 करोड़ अवैध बांग्लादेशी हैं। हालांकि बाद में उन्होंने इस आंकड़े के स्रोतों को गलत बताते हुए अपना बयान वापस ले लिया था। फिर दूसरी बार इस पर सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर जोगिंदर सिंह ने 2014 में एक आंकड़ा रखा। तब उन्होंने अनुमान लगाया था कि देश में करीब पांच करोड़ अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। हालांकि इस आंकड़े की कभी पुष्टि नहीं हुई। मगर हर शहर में बनाए गए अधिकतर अवैध झुग्गियों का कनेक्शन इन बांग्लादेशियों से रहा है।   *बांग्लादेशियों ने बदल दी डेमोग्राफी* बांग्लादेशी घुसपैठियों ने 140 करोड़ के देश की डेमोग्राफी बदल दी। रिपोर्टस के अनुसार, पश्चिम बंगाल में 57 लाख और असम में 50 लाख से अधिक बांग्लादेशी हैं। असम के 33 जिलों में से 9 बारपेटा, धुबरी, दरांग, नौगांव, करीमगंज, दारंग, मोरीगांव, बोंगाईगांव, धुबरी,गोलपारा और लाकांडी में मुस्लिम आबादी 50 से 80 प्रतिशत तक आंकी गई है। बीजेपी समेत कई संगठनों का दावा है कि राज्य में 45 विधानसभा सीट पूरी तरह से मुस्लिम वोटरों के कब्जे में है, जिनमें अधिकतर बांग्लादेश से पलायन कर असम पहुंचे हैं। राज्य के नलबाड़ी, कछार और कामरूप में भी धार्मिक जनसंख्या में बदलाव हुआ है। पिछले चार दशकों में बिहार के सीमांचल के चार जिले किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया में मुस्लिम आबादी अप्रत्याशित तौर से बढ़ी है। किशनगंज में मुस्लिम आबादी 67.58 प्रतिशत और हिंदू आबादी 31.43 प्रतिशत है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ हो रही है और इस कारण से क्षेत्र की जनसांख्यिकी में काफी बदलाव आया है। विधानसभा चुनावों में इस पर खूब होहल्ला मचा था।   *कहां से होती सबसे ज्यादा घुसपैठ* पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में कई ऐसे बांग्लादेशियों की पहचान की गई, जो मेडिकल और टूरिस्ट वीजा पर भारत आए, फिर यहीं रह गए। सूत्रों के अनुसार, त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल में बिचौलियों की भरमार है, जो बांग्लादेशियों को भारत में अवैध तरीके से बसाने और उनके लिए फर्जी डॉक्युमेंट बनाते हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश से लगने वाले 2272 किलोमीटर लंबे बॉर्डर में कई लूप होल हैं।   *भारत में कैसे खप जाते हैं बांग्लादेशी* बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ कराने वाले एजेंट बॉर्डर से लेकर देश के सभी शहरों में फैले हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, बॉर्डर क्रॉस कराने वाले एजेंट हर घुसपैठिए से चार से 15 हजार रुपये वसूलता है। फिर उन्हें नकली दस्तावेज और नौकरी के लिए अलग-अलग पैसे देने पड़ते हैं। मुंबई पुलिस ने एक रैकेट का खुलासा किया था, जिसमें पता चला कि एजेंटों ने घुसपैठ से लेकर नौकरी दिलाने तक के रेट तय कर रखे हैं। साउथ दिल्ली के संगम विहार में हुए एक मर्डर केस की जांच में पता चला कि मरने वाला सैंटो शेख पैसे लेकर बांग्लादेशियों का फर्जी आधार कार्ड बनवाता था। दिल्ली पुलिस ने इस सिंडिकेट की सरगना मुन्नी देवी को पकड़ा था। आधार कार्ड बनने के बाद घुसपैठियों के लिए नौकरी, फोन सिम लेना आसान हो जाता है। ज्यादातर बांग्लादेशी मजदूरी, फल-सब्जी कारोबार और फेरी लगाने का व्यवसाय में खप जाते हैं। भीख मांगने वाले रैकेट में बांग्लादेशी महिलाएं शामिल होती हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Ujjwal Times News

Jan 24, 2025

डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए अमूर्त संपत्तियों की व्यापक समीक्षा की आवश्यकता: सीआईआई

नई दिल्ली, 23 जनवरी 2025 (यूटीएन)। अमूर्त संपत्तियां लंबे समय से दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मूल्य सृजन का इंजन रही हैं। जैसे-जैसे भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, आज के व्यापार मॉडल (जैसे कि सॉफ्टवेयर एज़ ए सर्विस , प्लेटफॉर्म एज़ ए सर्विस , इंफ्रास्ट्रक्चर एज़ ए सर्विस , ब्लॉक चेन-आधारित प्लेटफॉर्म, उन्नत विनिर्माण, उत्सर्जन अधिकार) में अमूर्त संपत्तियों का महत्व कई गुना बढ़ रहा है। आंतरिक रूप से उत्पन्न और अधिग्रहण के माध्यम से अमूर्त संपत्तियों में निवेश, उद्यमों की पूंजी आवंटन प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है। पूंजी बाजारों के लिए अमूर्त संपत्तियों के महत्व के बावजूद, आंतरिक रूप से उत्पन्न अमूर्त संपत्तियों से भी आर्थिक लाभ प्राप्त होने के बावजूद, केवल अधिग्रहण के माध्यम से प्राप्त की गई संपत्तियों को ही बैलेंस शीट पर मान्यता दी जाती है। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की क्षमता का दोहन करने के लिए सिफारिशों के एक व्यापक सेट को साझा करने पर जोर देते हुए, सीआईआई के महानिदेशक, श्री चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “जबकि अमूर्त संपत्तियों की प्रासंगिकता दशकों में विकसित हुई है, इन पर रिपोर्ट करने के मानक नहीं बदले हैं।   आंतरिक रूप से उत्पन्न अमूर्त संपत्तियों को पहचानने में असमर्थता का मतलब है कि ऐसे निवेशों को बड़े पैमाने पर शासन, वित्तीय रिपोर्टिंग और लेखा परीक्षा पारिस्थितिकी तंत्र से बाहर रखा गया है। इसलिए, ऐसे निवेशों के संगत प्रकटीकरण होने या प्रबंधन चर्चा और विश्लेषण (एमडी एंड ए) में शामिल होने की संभावना कम है, और लेखा परीक्षकों से जांच, निवेशकों के लिए दृश्यता और वित्तीय विवरण की तुलना की संभावना कम है। इसके अलावा, श्री बनर्जी ने कहा कि चिंताएं हैं कि बाजार पूंजीकरण और बुक वैल्यू के बीच कम से कम कुछ अंतर आंतरिक रूप से उत्पन्न संपत्तियों की गैर-मान्यता के कारण हैं। मौजूदा भारतीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानक इंड एएस 38, जो ‘आईएएस 38-अमूर्त संपत्ति’ पर आधारित है, आंतरिक रूप से उत्पन्न अमूर्त संपत्तियों के पूंजीकरण को प्रतिबंधित करता है। इस संदर्भ में, चिंता के छह क्षेत्र हैं जिन पर ध्यान देने और विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है:   सबसे पहले, नए युग की कंपनियाँ, विशेष रूप से प्रौद्योगिकी, ई-कॉमर्स, उपभोक्ता तकनीक, वेब-3, सोशल मीडिया आदि में लगी कंपनियाँ, ब्रांड निर्माण में महत्वपूर्ण संसाधन खर्च कर रही हैं। कंपनियाँ ब्रांड से संबंधित अमूर्त वस्तुओं के नए और अनूठे रूपों जैसे कि मालिकाना एल्गोरिदम, उपयोगकर्ता जुड़ाव, डेटाबेस स्वामित्व और डेवलपर और भागीदार नेटवर्क से पर्याप्त मूल्य प्राप्त कर रही हैं जो कंपनियों के बाजार मूल्य और प्रतिस्पर्धी लाभ को प्रभावित करते हैं। यह अनुशंसा की जाती है कि ब्रांड निर्माण व्यय के मामले में, ब्रांड के विकास के लिए व्यय बनाम उत्पाद को बेचने के लिए व्यय के संदर्भ में अंतर किया जाना चाहिए। ब्रांड निर्माण व्यय जो स्थायी प्रकृति के हैं और कंपनी की भविष्य की राजस्व अर्जन क्षमताओं को बढ़ाते हैं, उन्हें पूंजीकृत करने की अनुमति दी जा सकती है। दूसरा, एक डिजिटल अर्थव्यवस्था में, SaaS क्लाउड व्यवस्थाओं के लिए लेखांकन की समीक्षा की आवश्यकता है, खासकर जहां सेवा अनुबंध के तहत, इकाई के पास अन्य क्लाउड व्यवस्थाओं जैसे कि PaaS और IaaS और हाइब्रिड क्लाउड मॉडल पर मार्गदर्शन सहित भविष्य के आर्थिक लाभ प्राप्त करने की शक्ति है।   वर्तमान में क्लाउड सक्षम व्यावसायिक पहलों के लिए विकास लागत, जिनमें से कुछ स्थायी प्रकृति की हैं, को अधिग्रहण के वर्ष में पूरी तरह से चार्ज किया जाना आवश्यक है। ये परिसंपत्तियाँ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी में मूल्य जोड़ती हैं और दूरगामी आर्थिक और गैर-आर्थिक लाभ उत्पन्न करती हैं। यह अनुशंसा की जाती है कि SaaS समाधानों के बीच ब्रिजिंग मॉड्यूल के अनन्य कॉन्फ़िगरेशन अधिकारों और विकास की पहचान की जा सकती है और उन्हें अलग-अलग परिसंपत्तियों के रूप में माना जा सकता है, यदि वे परिसंपत्ति मानदंडों को पूरा करते हैं। तीसरा, भारत दुनिया की फार्मेसी बनने के लिए तैयार है। भारत का फार्मा सेक्टर ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक ग्रोथ के जरिए स्केल हासिल कर रहा है। निवेशक भारतीय सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री , अनुबंध विकास और विनिर्माण संगठन आदि में रणनीतिक रुचि दिखा रहे हैं। फार्मा उद्योग के मामले में, अमूर्त संपत्तियों को अन्य परिसंपत्तियों के साथ परिसंपत्तियों की एक टोकरी के रूप में अधिग्रहित किया जाता है और अधिग्रहण लागत में भविष्य की तारीख पर देय आकस्मिक विचार का हिस्सा शामिल होता है। बास्केट अधिग्रहण के मामले में, आर्थिक मूल्य के आधार पर अमूर्त संपत्तियों को परिसंपत्तियों के रूप में मान्यता देने की सिफारिश की जाती है, खासकर जहां एक विश्वसनीय मूल्यांकन पद्धति मौजूद है।   भारत ऑटोमोटिव स्पेस में एक विनिर्माण केंद्र बन रहा है। कंपनियां नए उत्पाद प्लेटफॉर्म लॉन्च करने में महत्वपूर्ण व्यय कर रही हैं। विकास परियोजनाओं के लिए, दृश्यता केवल पहले लीड मॉडल पर उपयोग के लिए है और इस प्रकार कई बार आर्थिक व्यवहार्यता परीक्षण पास नहीं हो सकता है। ऑटोमोटिव उद्योग के नए उत्पाद प्लेटफॉर्म के विकास लागत को प्रबंधन निर्णय के आधार पर पूंजीकृत करने की सिफारिश की जाती है, न कि इसे आर्थिक व्यवहार्यता परीक्षणों के अधीन करने की। यह उद्योग के दृष्टिकोण पर आधारित है कि नए उत्पाद प्लेटफॉर्म की अल्पकालिक दृश्यता आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं हो सकती है, लेकिन लंबे समय में आर्थिक व्यवहार्यता प्राप्त होगी, क्योंकि उत्पाद लोकप्रिय हो जाएगा। पांचवां, कार्बन क्रेडिट/प्रमाणित उत्सर्जन में कमी (सीईआर) वैश्विक दक्षिण में ऐसे ऋणों के सृजन की क्षमता तथा विकसित अर्थव्यवस्थाओं, विशेष रूप से यूरोप में ऐसे ऋणों के लिए तैयार बाजार को देखते हुए व्यापक रूप से प्रासंगिकता पा रहे हैं।    इन परिसंपत्तियों की पहचान के लिए बेहतर मार्गदर्शन की आवश्यकता है। किसी विशिष्ट परियोजना के संबंध में इकाई द्वारा व्यय और बौद्धिक पूंजी की महत्वपूर्ण राशि खर्च की जाती है, जो संभावित रूप से लंबी अवधि में सीईआर के सृजन को सक्षम बनाती है। यह अनुशंसा की जाती है कि सरकार और रिपोर्टिंग मानक निर्धारण निकायों को सीईआर के लिए मान्यता मानदंडों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है तथा यह देखते हुए कि भारतीय अर्थव्यवस्था नेट जीरो की ओर बढ़ रही है, सीईआर को परिसंपत्ति के रूप में विचार करने की अनुमति दी जा सकती है। छठी बात, आईएएस 38 मान्यता प्राप्त अमूर्त परिसंपत्तियों के बाद के मापन के लिए पुनर्मूल्यांकन मॉडल के उपयोग के बारे में प्रतिबंधात्मक है।   यह विशेष रूप से इस बात पर विचार करते हुए महत्वपूर्ण है कि बाजार और बही मूल्य के बीच का अंतर काफी बढ़ रहा है। मान्यता प्राप्त अमूर्त परिसंपत्तियों के पुनर्मूल्यांकन और बाद के मापन के लिए विनियामक वास्तुकला में आसानी के लिए इसकी अनुशंसा की जाती है, विशेष रूप से जहां उद्यम के बाजार और बही मूल्य के बीच का अंतर महत्वपूर्ण है और समय के साथ बढ़ रहा है। संक्षेप में, सीआईआई अमूर्त संपत्तियों के लेखांकन और मान्यता की व्यापक समीक्षा के लिए अनुरोध करता है, क्योंकि भारत एक डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, और बौद्धिक पूंजी संस्थाओं की मूल्य निर्माण प्रक्रिया का एक प्रमुख निर्धारक बन रही है। इन चुनौतियों का समाधान करने से भारतीय उद्योग को अमूर्त संपत्तियों के वास्तविक आर्थिक मूल्य के प्रकटीकरण और रिपोर्टिंग में मदद मिलेगी, जिससे देश में वैश्विक पूंजी और निवेशकों को आकर्षित करने में सुविधा होगी। यह डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र की क्षमता का दोहन करके भारतीय उद्योग के विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा, जिससे भारत वैश्विक परिदृश्य में प्रतिस्पर्धी बन जाएगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Pradeep Jain

Jan 23, 2025

दावोस में सीआईआई के विशेष सत्र में स्वर्ण आंध्र@2047 और भारत के हरित औद्योगिक भविष्य के लिए विजन का अनावरण किया गया

नई दिल्ली, 22 जनवरी 2025 (यूटीएन)। भारतीय उद्योग परिसंघ ने दावोस में स्वर्ण आंध्र@2047 पर एक विशेष सत्र आयोजित किया, जिसमें आंध्र प्रदेश के परिवर्तनकारी विकास विजन पर चर्चा करने के लिए विचारकों को एक साथ लाया गया। सत्र में बोलते हुए, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में भारत के विकास पर प्रकाश डाला। सभा को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा, “90 के दशक की शुरुआत में, जब इंटरनेट का आविष्कार हुआ था, भारत ने 1991 में आर्थिक सुधार शुरू किए थे। तब से, हमने दूसरी पीढ़ी के सुधारों पर काम करना शुरू कर दिया। आज, भारतीय उद्यमी, विशेष रूप से आंध्र प्रदेश के उद्यमी, वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। हमारे पास प्रौद्योगिकी, जनसांख्यिकीय लाभांश और उद्यमशीलता कौशल में पहले कदम रखने का लाभ है। हम वैश्विक स्तर पर सबसे स्वीकार्य समुदायों में से एक हैं।” उन्होंने कहा, "2047 तक, भारत वैश्विक स्तर पर नंबर एक या नंबर दो अर्थव्यवस्था होगी, और भारतीय धन सृजन और वैश्विक समुदाय की सेवा करने में अग्रणी होंगे।   हाल के आकलन यह भी अनुमान लगाते हैं कि 2027 तक, भारत वृद्धिशील वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में सबसे अधिक योगदान देगा।" एन चंद्रशेखरन सह-अध्यक्ष, स्वर्ण आंध्र प्रदेश @ 2047 के लिए आर्थिक विकास पर टास्क फोर्स ने स्वर्ण आंध्र प्रदेश योजना के बारे में विस्तार से बताया, "यह 2047 योजना सरकार के 4P मॉडल - सार्वजनिक, निजी, लोग, भागीदारी के माध्यम से आंध्र प्रदेश के विकास पर केंद्रित है। इस योजना में कई घटक शामिल होंगे, जिसमें आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कुछ क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।" सत्र के दौरान सीआईआई सेंटर फॉर ग्लोबल लीडरशिप ऑन कॉम्पिटिटिवनेस की घोषणा की गई, और माननीय मुख्यमंत्री द्वारा उसी पर एक ब्रोशर लॉन्च किया गया। इस पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में सीआईआई और आंध्र प्रदेश सरकार के बीच स्थायी साझेदारी हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। आगे बढ़ते हुए, हमें अमरावती में ग्लोबल लीडरशिप सेंटर (जीएलसी) स्थापित करने के लिए राज्य सरकार के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है।   इस परिवर्तनकारी पहल का उद्देश्य मूल्य-आधारित नेतृत्व को बढ़ावा देना, कॉर्पोरेट प्रशासन को बढ़ाना और वैश्विक नेतृत्व क्षमताओं का पोषण करना है।” सीआईआई सेंटर फॉर ग्लोबल लीडरशिप ऑन कॉम्पिटिटिवनेस, जो पूरी तरह से उद्योग द्वारा संचालित और उद्योग द्वारा प्रबंधित होगा, का राष्ट्रीय स्तर पर और आंध्र प्रदेश के भीतर उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने पर स्पष्ट ध्यान होगा। इस सत्र में सीआईआई और आईएमडी बिजनेस स्कूल, स्विट्जरलैंड के बीच आशय पत्र का आदान-प्रदान भी हुआ - सेंटर फॉर ग्लोबल लीडरशिप ऑन कॉम्पिटिटिवनेस के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय संस्थान के साथ ऐसा पहला समझौता। चर्चाएं अर्न्स्ट एंड यंग के सहयोग से सीआईआई द्वारा आयोजित "भारत के हरित औद्योगिकीकरण का मार्ग: हरित हाइड्रोजन से हरित विनिर्माण तक" विषय पर सत्र में परिवर्तित हो गईं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने हरित ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन का केंद्र बनने के लिए आंध्र प्रदेश की प्रतिबद्धता को दोहराया, और राज्य के सतत ऊर्जा और हरित विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।   सीआईआई के नामित अध्यक्ष और ईवाई ग्रोथ मार्केट्स काउंसिल के अध्यक्ष राजीव मेमानी ने भारत की विकास आकांक्षाओं के लिए हरित ऊर्जा की महत्वपूर्णता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "यदि भारत को 2047 तक अपनी विकास आकांक्षाओं को प्राप्त करना है और प्रति व्यक्ति आय में 5 या 6 गुना वृद्धि करनी है, तो देश की कुल ऊर्जा खपत 370 बिलियन गीगाजूल तक पहुंचनी होगी। आज, भारत अपनी ऊर्जा का 40% आयात करता है। भारत के लिए, हरित ऊर्जा न केवल एक आवश्यकता है, बल्कि हमारी विकास महत्वाकांक्षाओं का एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक भी है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Ujjwal Times News

Jan 22, 2025

सीआईआई का सर्वे: अगले वित्तीय वर्ष में रोजगार में वृद्धि के साथ साथ कर्मचारियों की सैलरी में भी इजाफा होगा

नई दिल्ली, 22 जनवरी 2025 (यूटीएन)। भारत के आर्थिक मोर्चे पर एक खुशखबरी आई है. दरअसल, कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे में यह बात निकल कर आई है कि आने वाले वित्तीय वर्ष 2025-26 में न केवल रोजगार में वृद्धि होगी, बल्कि कर्मचारियों की सैलरी में भी इजाफा होगा. इस सर्वे ने भारतीय इंडस्ट्री के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ाया है और यह संकेत दिया है कि देश की अर्थव्यवस्था एक मजबूत दिशा में आगे बढ़ रही है.   *सर्वे में क्या-क्या बातें सामने आईं* सीआईआई के सर्वे में भाग लेने वाली 97 फीसदी कंपनियों ने कहा है कि वे अगले दो वर्षों में अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही हैं. यह आंकड़ा भारतीय बाजार में रोजगार के अवसरों की बढ़ती मांग को दिखाता है. सर्वे में शामिल कंपनियों ने यह भी बताया कि सैलरी बढ़ाने का औसत अनुमान 9.4 फीसदी तक पहुंच सकता है, जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है.   *इन सेक्टर्स में बढ़ेगी सैलरी* सर्वे के अनुसार, अलग-अलग सेक्टरों में सैलरी बढ़ने की दर अलग-अलग हो सकती है. जैसे- ऑटोमोटिव सेक्टर में 8.8 फीसदी से 10 फीसदी तक सैलरी बढ़ने का अनुमान लगाया गया है. इसके अलावा, मैन्यूफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी 8 फीसदी से 9.7 फीसदी तक बढ़ सकती है. टेक्नोलॉजी और लाइफ साइंस के सेक्टर में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है, जहां कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी होने की संभावना है.   *जीडीपी भी बढ़ेगी* सीआईआई के महासचिव चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, "यह सर्वे इस बात का संकेत है कि भारतीय कंपनियां भविष्य के प्रति आशावान हैं. भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है, और कंपनियां अपने कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी को बनाए रखने के लिए बेहतर सैलरी स्कीम को अपनाने पर जोर दे रही हैं." हालांकि, सर्वे में यह भी बताया गया कि कंपनियों में छंटनी का आंकड़ा 11.9 फीसदी पर स्थिर रहने का अनुमान है. वहीं जीडीपी को लेकर सीआईआई ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर को 7 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान लगाया है, जो निजी निवेश और रोजगार वृद्धि के साथ जुड़ा हुआ है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Ujjwal Times News

Jan 22, 2025

इम्यूनील थेरेप्यूटिक्स ने गैर-हॉजकिन के लिंफोमा के लिए भारत की पहली वैश्विक कार टी-सेल थेरेपी लॉन्च की

नई दिल्ली, 22 जनवरी 2025 (यूटीएन)। बेंगलुरु स्थित सेल और जीन थेरेपी स्टार्टअप इम्यूनील थेरेप्यूटिक्स ने सोमवार को देश की पहली व्यक्तिगत और सटीक सीएआर टी-सेल थैरेपी लॉन्च की है, जिसे क्वार्टेमी नाम दिया गया है। यह थैरेपी वयस्कों में बी-सेल नॉन-हॉजकिन लिंफोमा (बी-एनएचएल) के लिए है। बी-सेल नॉन-हॉजकिन लिंफोमा रक्त कैंसर का एक प्रकार है, जो शरीर की लसीका प्रणाली में बी-सेल्स को प्रभावित करता है। भारत में नॉन-हॉजकिन लिंफोमा के लगभग 80-85 मामले इसी प्रकार के होते हैं। क्वार्टेमी को जिसे भारतीय दवा नियामक सीडीएससीओ से मंजूरी मिली है। यह एक ऐसी व्यक्तिगत थैरेपी है, जो उन वयस्क मरीजों के लिए है, जिनका कैंसर बार-बार लौट आता है, या जिन पर अन्य इलाज जैसे कीमोथेरेपी असर नहीं करते। इसे स्पेन के हॉस्पिटल क्लीनिक डी बार्सिलोना (एचसीबी) से भी लाइसेंस प्राप्त हुआ है, जो सेल थेरेपी इनोवेशन में अग्रणी विश्व स्तर पर प्रसिद्ध संस्थान है।   यह थैरेपी मरीज की प्रतिरक्षा कोशिकाओं को संशोधित कर उन्हें कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए तैयार करती है। बेंगलुरु में विकसित की गई यह तकनीक मरीजों को लंबे समय तक राहत देने की क्षमता रखती है। कंपनी के अनुसार, क्वार्टेमी की कीमत अमेरिका में उपलब्ध समान उत्पाद की तुलना में दस गुना कम है। कंपनी की सह-संस्थापक किरण मजूमदार-शॉ ने कहा, हमारा लक्ष्य कैंसर के इलाज को सस्ता और सुलभ बनाना है। क्वार्टेमी के जरिए हम भारत में उन्नत और व्यक्तिगत इलाज ला रहे हैं, जो वैश्विक स्तर की तकनीक पर आधारित है। 2019 में शुरू हुई इम्यूनील ने 2022 में भारत की पहली सीएआर टी सेल थैरेपी का परीक्षण किया। यह परीक्षण चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर, बेंगलुरु और चेन्नई के कई अस्पतालों में हुआ।   इस तकनीक में मरीज की टी-सेल्स को जेनेटिकली मॉडिफाई कर कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए तैयार किया जाता है। भारत और स्पेन में हुए परीक्षणों के अनुसार, क्वार्टेमी की सुरक्षा और प्रभावशीलता, अमेरिका में स्वीकृत सीएआर टी-सेल थेरेपी के समान ही है। इम्यूनील के सह-संस्थापक और प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ मुखर्जी ने कहा, क्वार्टेमी का लॉन्च भारत में कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक कदम है। विश्व स्तरीय रिसर्च और देश में ही निर्माण के जरिए हम रक्त कैंसर के मरीजों को नई उम्मीद दे रहे हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Jan 22, 2025

दिल्ली चुनावः प्रचार का आखिरी हफ्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का होगा

नई दिल्ली, 22 जनवरी 2025 (यूटीएन)। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के आखिरी हफ्ते में पीएम मोदी की एंट्री होगी. बीजेपी ने अंतिम हफ्ते में पीएम मोदी की धुआंधार चुनावी रैलियों का प्रोग्राम बनाया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) साल 1993 के चुनाव में विजय के साथ केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की गद्दी पर काबिज हुई थी. 1998 के चुनाव में हार के साथ सत्ता से बाहर हुई बीजेपी इस बार चुनावी बाजी जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है. बीजेपी अब अपने सबसे बड़े चेहरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतारने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने दिल्ली चुनाव में पीएम मोदी की धुआंधार रैलियों का कार्यक्रम तैयार किया है. पीएम मोदी चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में तीन दिन चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल्ली चुनाव में पहली रैली 29 जनवरी को होगी. 31 जनवरी और 2 फरवरी को भी पीएम मोदी की चुनावी रैलियों का कार्यक्रम है.   बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल्ली चुनाव में पहली रैली 29 जनवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में होगी. पीएम मोदी 31 जनवरी को दिल्ली के द्वारका में अपनी दूसरी चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. दिल्ली चुनाव में पीएम की तीसरी रैली 2 फरवरी को कहां होगी, यह अभी तय किया जाना है. गौरतलब है कि बीजेपी ने इस बार दिल्ली चुनाव को लेकर अलग तरीके की रणनीति बनाई है. पार्टी ने एक-एक वोट बैंक को लक्ष्य कर एक-एक नेता को जिम्मेदारी सौंपी है. पूर्वांचली मतदाताओं, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के मतदाताओं को साधने की जिम्मेदारी सांसद मनोज तिवारी को सौंपी गई है. इसी तरह पार्टी ने अनुराग ठाकुर को स्टार प्रचारकों की लिस्ट में जगह देकर पहाड़ी मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश की है.   नितिन गडकरी, मनोहरलाल खट्टर, शिवराज सिंह चौहान जैसे कद्दावर केंद्रीय मंत्री भी बीजेपी उम्मीदवारों के लिए मतदान की अपील करते, दिल्ली में केंद्र सरकार की ओर से कराए गए विकास कार्य गिनाते नजर आएंगे. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत बीजेपी की सरकार वाले कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी पार्टी की ओर से प्रचार के मोर्चे पर नजर आएंगे. बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान होना है. इन सीटों पर चुनाव के लिए प्रचार 3 फरवरी की शाम 5 बजे थम जाएगा. बीजेपी ने प्रचार के अंतिम चरण में चुनावी बयार पूरी तरह से अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश में पीएम मोदी को प्रचार भूमि में उतारने की रणनीति बनाई है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Jan 22, 2025

दिल्ली चुनाव में भी परिवार का बोलबाला, तीनों दलों ने'रिश्तेदारों' को उतारा

नई दिल्ली, 22 जनवरी 2025 (यूटीएन)। दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है। इस बीच पार्टियों ने अलग-अलग सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान जारी रखा है। दिल्ली में मुकाबले की पृष्ठभूमि में तीनों ही मुख्य दलों- आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा ने परिवारवाद के मुद्दे पर एक-दूसरे को घेरा है। हालांकि, इस मुद्दे को उठाने के बावजूद तीनों ही पार्टियों ने अपने नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों को ही टिकट दिए।  अगर आंकड़ों की बात करें तो तीनों पार्टियों ने परिवारवाद के विरोध में बात करने के बावजूद अब तक कुल 22 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जो उनके सांसदों या विधायकों या फिर पार्टी नेताओं के परिवार के सदस्य हैं। खासकर कुछ अहम सीटों पर तो यह मानक खास तौर पर लागू किया गया है।    *किस पार्टी ने कितने नेताओं के संबंधियों को दिए टिकट?* आंकड़ों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने ऐसे 11 उम्मीदवारों को उतारा है। दिल्ली में किसी दल की तरफ से यह नेताओं के सगे संबंधियों को सबसे ज्यादा टिकट देने का मामला है। कांग्रेस ने आठ ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं, जो कि किसी राजनीति से जुड़े परिवार से संबंध रखते हैं। भाजपा ने राजनीतिक परिवारों से जुड़े ऐसे कुल तीन प्रत्याशियों को मौका दिया है।   कांग्रेस की तरफ से बड़े चेहरे कौन?* कांग्रेस की तरफ से किसी राजनीतिक परिवार से जुड़े आठ लोगों को टिकट दिया गया है। इनमें सबसे बड़ा नाम नई दिल्ली सीट से उम्मीदवार संदीप दीक्षित का है, जो कि दिल्ली की सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के बेटे हैं। एक और नाम पूर्व सांसद जय प्रकाश अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल का है, जो कि चांदनी चौक सीट से उम्मीदवार हैं। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री को भी कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है, उन्हें द्वारका विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। पार्टी ने अपने पूर्व विधायक मंगत राम सिंहल के बेटे शिवांक सिंहल को भी चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है। उन्हें आदर्श नगर से प्रत्याशी बनाया गया है। फरीदाबाद से पूर्व सांसद अवतार सिंह भडाना के बेटे अर्जुन भडाना को कांग्रेस ने हरियाणा से लगती बदरपुर सीट से टिकट सौंपा है। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ जंगपुरा सीट पर कांग्रेस की तरफ से फरहाद सूरी को टिकट दिया गया है। वे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रमुख ताजदार बब्बर के बेटे हैं। कांग्रेस की तरफ से ओखला से अरीबा खान को टिकट दिया गया है। वे कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी हैं। इसके अलावा मुस्तफाबाद से कांग्रेस ने अली मोहम्मद को उम्मीदवार बनाया है। वे पूर्व विधायक हसन मेहंदी के बेटे हैं।    *आम आदमी पार्टी ने भी अपनाया परिवारवाद का रास्ता* राजनीतिक पृष्ठभूमि से रिश्ता रखने वालों को टिकट देने में आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं है। पार्टी ने कुल 7 ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं, जो कि नेताओं के सगे-संबंधी हैं। इनमें से चार प्रत्याशी मौजूदा विधायकों के ही बेटे हैं। वहीं, बाकी दो पूर्व विधायक या सांसद से जुड़े हैं। इसके अलावा आप ने अपनी चार पार्षद के पतियों को भी टिकट दिया है। यानी कुल मिलाकर आप के 11 प्रत्याशी किसी न किसी दल से जुड़े हैं। आप ने मटिया महल सीट से आलेय इकबाल को उतारा है, जो कि विधायक शोएब इकबाल के बेटे हैं। इसके अलावा कृष्णा नगर सीट से भी मौजूदा विधायक एसके बग्गा के बेटे विकास बग्गा को टिकट दिया गया है। आम आदमी पार्टी ने चांदनी चौक सीट से विधायक प्रह्लाद सिंह साहनी के बेटे पूरनदीप सिंह साहनी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, सीलमपुर सीट से भी आप ने पूर्व विधायक मतीन अहम के बेटे चौधरी जुबैर अहमद को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है।    वहीं, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक महाबल मिश्रा के बेटे विनय कुमार मिश्रा को आप ने द्वारका सीट से टिकट दिया है। दूसरी तरफ उत्तम नगर के मौजूदा विधायक नरेश बाल्यान की जगह आप ने इस बार उनकी पत्नी पोश बाल्यान को यहां से टिकट दिया है। आप ने त्रिनगर सीट से एक बार फिर प्रीति तोमर को उतारा है। इनके पिता जितेंद्र सिंह तोमर 2020 तक त्रिनगर सीट से ही विधायक रह चुके हैं। इन सभी के अलावा आप ने अपनी चार पार्षद के पतियों को भी टिकट दिया है। इनमें मुंडका से जसबीर कराला को उतारा गया है, जो आप की पार्ष मनीषा कराला के पति हैं। वहीं, सुभाष नगर से आप पार्षद मंजू सेतिया के पति सुरिंदर सेतिया को हरि नगर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। आप ने महरौली दक्षिण से निगम पार्षद रेखा चौधरी के पति महेंद्र चौधरी को महरौली विधानसभा सीट से टिकट दिया है। इसके अलावा पार्टी ने ब्रह्मपुरी उत्तर-पूर्व से पार्षद छाया शर्मा के पति गौरव शर्मा को घौण्डा विधानसभा सीट से उतारा है।   *भाजपा के सबसे कम परिवारवाद से जुड़े उम्मीदवार, पर दो पूर्व सीएम के बेटे* तीनों ही पार्टियों में भाजपा ने सबसे कम ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं, जो किसी राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हों। ऐसे उम्मीदवारों की संख्या फिलहाल 3 है। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली सीट से प्रवेश वर्मा को उतारा है, जो कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। इसके अलावा पार्टी ने हरीश खुराना को मोती नगर सीट से टिकट दिया है। वे राजधानी के पूर्व सीएम मदनलाल खुराना के बेटे हैं। लिस्ट में तीसरा नाम भुवन तंवर का है, जो कि दिल्ली कैंट सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं। वे तीन बार के पूर्व विधायक करण सिंह तंवर के बेटे हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Jan 22, 2025

वित्त राज्य मंत्री ने एमएसएमई को ऋण देने में सुधार के लिए पीएचडीसीसीआई के सुझावों की सराहना की

नई दिल्ली, 21 जनवरी 2025 (यूटीएन)। सभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने एमएसएमई को 5 करोड़ तक के जमानत मुक्त ऋण, ऋण चाहने वाले लोगों के लिए सहायता डेस्क और पंजीकृत एमएसएमई पर 25% की दर से कर लगाने जैसे पीएचडीसीसीआई के सुझावों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सरकार का ध्यान "सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास" पर है, जो हमारे माननीय प्रधान मंत्री के विकसित भारत @2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में विकास की आवश्यकता पर जोर देता है। माननीय प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी है, खर्च को 5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। यह बात केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने आज पीएचडी हाउस, नई दिल्ली में एमएसएमई फाइनेंसिंग: 2047 के लिए एक प्रमुख चालक सम्मेलन और पीएचडीसीसीआई के पहले एमएसएमई बैंकिंग और एनबीएफसी उत्कृष्टता सम्मान - 2025 में कही।   इसके अलावा, एसएचजी के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। मुद्रा योजना के तहत, 31 लाख से अधिक ऋण वितरित किए गए हैं, जिनमें से 60% से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं। इसके अलावा, 55 करोड़ जन धन खाते खोले गए हैं, जिनमें से 55% महिलाओं के हैं मंत्री ने पीएचडीसीसीआई को 120 साल पूरे करने पर बधाई दी और हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ यानी एमएसएमई को मजबूत करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करने में इसकी भूमिका को स्वीकार किया।    उद्योगों को और अधिक कुशल बनाने के लिए सरकार ने 1,500 अनावश्यक कानूनों को समाप्त कर दिया है और एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं। पिछले 10 वर्षों में उद्योगों के प्रति सरकार के दृष्टिकोण में उल्लेखनीय बदलाव आया है; व्यवसायों के लिए लागत और समय में उल्लेखनीय कमी आई है। अंत में, राज्य मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एमएसएमई क्षेत्र से महत्वपूर्ण योगदान की आवश्यकता होगी। एमएसएमई मंत्रालय की अतिरिक्त विकास आयुक्त डॉ. इशिता गांगुली त्रिपाठी ने बताया कि उद्यम पोर्टल पर अब तक 5.86 करोड़ उद्यम पंजीकृत हो चुके हैं, जिससे 24.8 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि औपचारिक पहचान उद्यम को लाभ उठाने में सक्षम बनाती है, फोकस ऊपर की ओर गतिशीलता पर है, 2022 में हमने अधिसूचना जारी की कि पिछली श्रेणी और लाभ 3 साल बाद भी जारी रह सकते हैं, इसमें 5 लाख से अधिक उद्यम विकसित हुए हैं।    ईओडीबी को भी प्राथमिकता दी गई है, क्योंकि उद्यम पंजीकरण के लिए किसी भी दस्तावेज को अपलोड करने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही, ग्रामीण और पारंपरिक कारीगरों तक पहुँच बनाकर समावेशी विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) का समर्थन करने और आरएएमपी और विश्वकर्मा जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्यों के साथ सहयोग करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, जो इस दृष्टिकोण के प्रमुख उदाहरण हैं। उद्यमों को उनके लिए उपलब्ध अवसरों के बारे में जागरूक करने में मदद करने के लिए कई आउटरीच कार्यक्रम हैं। प्रौद्योगिकी केंद्रों और बाजार तक पहुँच कार्यक्रमों के एक नेटवर्क पर भी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एमएसई के लिए क्रेडिट गारंटी योजना के तहत, महिला स्वामित्व वाले उद्यमों ने क्रेडिट गारंटी में 90% की वृद्धि देखी है। 2000 से 31 दिसंबर, 2024 तक, लगभग 1.01 करोड़ गारंटी स्वीकृत की गई हैं।   उन्होंने आगे बताया कि आत्मनिर्भर भारत कोष के तहत एमएसएमई को इक्विटी फंडिंग सहायता प्रदान की गई है। कुल 59 डॉटर फंड को सूचीबद्ध किया गया है, 533 एमएसएमई को सहायता दी गई है, एमएसएमई में लगभग ₹9,999 करोड़ का निवेश किया गया है और औसत निवेश लगभग ₹19 करोड़ रहा है। पीएचडीसीसीआई में बीएफएसआई समिति के अध्यक्ष शचींद्र नाथ ने चर्चा की कि भारत में एमएसएमई के लिए असुरक्षित ऋण महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनमें से कई व्यवसाय, विशेष रूप से पहली पीढ़ी के उद्यमों के पास पर्याप्त संपार्श्विक तक पहुंच नहीं है। आज लगभग 90 लाख करोड़ एमएसएमई गैप है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि एमएसएमई हमारी अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालक के रूप में फलते-फूलते रहें, उन्होंने निम्नलिखित सिफारिशें प्रस्तावित कीं। सबसे पहले, एमएसएमई वित्तपोषण को विनियामक ढांचे के भीतर विभेदित किया जाना चाहिए- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को एमएसएमई को असुरक्षित ऋण के लिए एक विशेष ढांचा बनाना चाहिए, जो इस क्षेत्र की विकासात्मक आवश्यकताओं के साथ जोखिम शमन को संतुलित करता हो।   दूसरा, बड़े पैमाने पर अनुकूलित ऋण समाधान प्रदान करने के लिए बैंकों, एनबीएफसी और फिनटेक कंपनियों के बीच साझेदारी को प्रोत्साहित करके सह-उधार मॉडल का विस्तार किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उद्यम आधार के उपयोग को डिजिटल टूल बनाकर बढ़ाया जाना चाहिए जो उद्यम आधार डेटा को क्रेडिट प्लेटफ़ॉर्म के साथ एकीकृत करता है, जिससे तेज़ और डेटा-संचालित ऋण मूल्यांकन सक्षम होता है। इसके अलावा, एमएसएमई के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) लक्ष्य को बढ़ाकर 15% किया जाना चाहिए, जिससे इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को किफायती ऋण देने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सके। अंत में, एमएसएमई-केंद्रित एनबीएफसी के लिए समर्थन को बैंक जोखिम सीमाओं और जोखिम भार कसने से बाहर करके मजबूत किया जाना चाहिए, जिससे लगातार तरलता प्रवाह सुनिश्चित हो सके। पीएचडीसीसीआई के सीईओ और महासचिव डॉ. रंजीत मेहता ने विचार-विमर्श किया कि एमएसएमई के लिए तीन महत्वपूर्ण चुनौतियाँ हैं- वित्तपोषण, बाजार पहुँच और प्रौद्योगिकी तक पहुँच। हालांकि, जब वित्तीय चुनौती काफी हद तक हल हो जाती है, तो अन्य चुनौतियों को आसानी से सुलझाया जा सकता है।   एक और महत्वपूर्ण मुद्दा जिस पर मैं बात करना चाहूंगा, वह है एमएसएमई को 5 करोड़ तक के कोलैटरल फ्री लोन की योजना, लेकिन व्यावहारिक रूप से अधिकांश बैंक लोन देने के लिए कोलैटरल सिक्योरिटी मांगते हैं, यहां पीएचडीसीसीआई का सुझाव है कि अगर लोन लेने वाले लोगों के लिए हेल्प डेस्क हो तो इसे सुलझाया जा सकता है। दूसरा, कॉरपोरेट टैक्स की दर लगभग 25% है, लेकिन एमएसएमई, खासकर प्रोपराइटरशिप और एलएलपी फर्मों पर 33% टैक्स लगता है। हम अनुरोध करते हैं कि पंजीकृत एमएसएमई पर एक समान 25% की दर से टैक्स लगाया जाए। अंत में, उन्होंने एनबीएफसी के माध्यम से एमएसएमई को दिए जाने वाले ऋण के लिए प्राथमिकता क्षेत्र वर्गीकरण पर जोर दिया।   पीएचडीसीसीआई ने एमएसएमई क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान और एमएसएमई वित्तपोषण में वित्तीय समावेशन और नवाचार को बढ़ावा देने में उनके समर्पण के लिए बैंकों, एनबीएफसी और फिनटेक को पहला एमएसएमई बैंकिंग और एनबीएफसी उत्कृष्टता सम्मान - 2025 प्रदान किया।   *निम्नलिखित को मान्यता दी गई* 1. एमएसएमई ऋण देने में सर्वश्रेष्ठ बैंक- भारतीय स्टेट बैंक 2. एमएसएमई ऋण देने में सर्वश्रेष्ठ बड़ी एनबीएफसी- टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड 3. एमएसएमई ऋण देने में सर्वश्रेष्ठ मध्यम एनबीएफसी- नॉर्दर्न आर्क कैपिटल लिमिटेड 4. एमएसएमई ऋण देने में सर्वश्रेष्ठ आगामी एनबीएफसी- ऐ फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड 5. एमएसएमई ऋण देने में सर्वश्रेष्ठ फिन-टेक- इनवॉयसमार्ट 6. एमएसएमई सह-ऋण देने में सर्वश्रेष्ठ एनबीएफसी- यू ग्रो कैपिटल लिमिटेड 7. सर्वश्रेष्ठ एसएमई मीडिया कवरेज पीएचडीसीसीआई के बीएफएसआई समिति के सह-अध्यक्ष और रिसर्जेंट इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री ज्योति प्रकाश गाडिया ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Ujjwal Times News

Jan 21, 2025

ऐसे लोगों को तो चुनाव लड़ने ही नहीं देना चाहिए: ताहिर की जमानत परसुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

नई दिल्ली, 21 जनवरी 2025 (यूटीएन)। दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की याचिका पर सुनवाई मंगलवार के लिए टल गई है. ताहिर को एआईएमआईएम ने दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से टिकट दिया है. वह चुनाव प्रचार के लिए बाहर आना चाहता है. सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर के वकील के अनुरोध पर ही सुनवाई 1 दिन के लिए टाली है. आम आदमी पार्टी से निगम पार्षद रहा ताहिर हुसैन 2020 के दिल्ली दंगे के मुख्य आरोपियों में से एक है. इन दंगों में 50 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी. ताहिर हुसैन पर आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या में शामिल होने का भी आरोप है. दिल्ली हाई कोर्ट ने उसे विधानसभा चुनाव का नामांकन दाखिल करने के लिए कस्टडी पैरोल दी थी. लेकिन चुनाव तक जेल से बाहर रहने के लिए जमानत देने की मांग ठुकरा दी थी.   *'ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर हो पाबंदी'* सोमवार को ताहिर की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मिथल और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच में लगा. ताहिर के गंभीर आरोपों में जेल में बंद होने की तरफ इशारा करते हुए जस्टिस मिथल ने कहा, "इस तरह के सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर पाबंदी होनी चाहिए." इस पर ताहिर के लिए पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि यह केस ज़मानत स्वीकार किए जाने के लिहाज से उचित है. चुनाव आयोग ने नामांकन स्वीकार किया है. प्रचार की अनुमति भी मिलनी चाहिए. वरिष्ठ वकील के अनुरोध पर कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई को बात कही.   एआईएमआईएम ने दिया है टिकट 2020 के दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपियों में से एक और आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है. ताहिर ने कोर्ट में याचिका दायर कर अंतरिम जमानत की मांग की है, ताकि वह चुनाव प्रचार कर सकें.   बता दें कि ताहिर हुसैन पहले आम आदमी पार्टी से जुड़े थे, अब एआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. दिल्ली के मुस्तफाबाद क्षेत्र से उनका नामांकन चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि वह 2020 के दंगों और आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में मुख्य आरोपियों में से एक है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Jan 21, 2025