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○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
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रोजगार से आयकर तक बजट के दस बड़े एलान
नई दिल्ली, 24 जुलाई 2024 (यूटीएन)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवर को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बार के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने एंजल टैक्स समाप्त करने और नई कर प्रणाली के तहत कर दरों में बदलाव करने का भी एलान किया है। वित्त मंत्री ने पहली बार नौकरी करने वालों को भी राहत देने से जुड़ी घोषणाएं की हैं। आइए 10 बिंदुओं में समझते हैं बजट से जुड़ी खास बातें। *1. पहली बार नौकरी पाने वालों को तोहफा* सरकार की नौ प्राथमिकताओं में से एक है रोजगार और कौशल विकास। इसके तहत पहली बार नौकरी करने वालों को बड़ी मदद मिलने जा रही है। फॉर्मल सेक्टर में पहली बार नौकरी की शुरुआत करने वालों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। यह वेतन डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए तीन किस्तों में जारी होगा। इसकी अधिकतम राशि 15 हजार रुपये होगी। ईपीएफओ में पंजीकृत लोगों को यह मदद मिलेगी। योग्यता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह होगी। इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होगा। *2. पीएफ में एक महीने का योगदान सरकार देगी* सरकार रोजगार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को भी फायदा देने जा रही है। यह फायदा भविष्य निधि यानी पीएफ में एक महीने के योगदान के रूप में होगा। *3. एक करोड़ युवाओं को टॉप-500 कंपनियों में 12 महीने इंटर्नशिप और हर महीने भत्ता* वित्त मंत्री निर्मण सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार एक करोड़ युवाओं को अगले पांच साल में टॉप-500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका देगी। यह इंटर्नशिप 12 महीने की होगी। इसमें युवाओं को कारोबार के वास्तविक माहौल को जानने और अलग-अलग पेशे की चुनौतियों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। इसके तहत युवाओं को हर महीने पांच हजार रुपये का भत्ता भी दिया जाएगा। यही नहीं, उन्हें एकमुश्त मदद के रूप में छह हजार रुपये दिए जाएंगे। कंपनियों को अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत प्रशिक्षण का खर्च और इंटर्नशिप की 10 फीसदी लागत को वहन करना होगा। *4. नई कर प्रणाली के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव* नई कर प्रणाली में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। पारिवारिक पेंशन पर छूट की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि इन दोनों बदलावों से चार करोड़ नौकरीपेशा और पेंशनरों को फायदा मिलेगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि टैक्स स्लैब में बदलाव से 10 लाख से ज्यादा वेतन पाने वालों को 17,500 रुपये की बचत होगी। नई कर प्रणाली में टैक्स स्लैब इस तरह से तैयार किया गया है। शून्य - 3 लाख रुपये - 0 3 से 7 लाख रुपये - 5% 7 से 10 लाख रुपये - 10% 10 से 12 लाख रुपये - 15% 12 से 15 लाख रुपये - 20% 15 लाख से ज्यादा - 30% *5. म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई के री-पर्चेस पर अब नहीं लगेगा टीडीएस* चैरिटी के मामलों में दो अलग-अलग व्यवस्थाओं की जगह एक कर छूट व्यवस्था होगी। विभिन्न भुगतान के लिए पांच फीसदी टीडीएस की जगह दो फीसदी टीडीएस की व्यवस्था होगा। म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई के री-पर्चेस पर 20 फीसदी टीडीएस को वापस ले लिया गया है। ईकॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए टीडीएस को एक फीसदी से घटाकर 0.1 फीसदी कर दिया गया है। *6. पीएम गरीब कल्याण योजना 5 साल के लिए बढ़ी* हमने पीएम गरीब कल्याण योजना को 5 साल के लिए बढ़ाया। इससे 80 करोड़ से अधिक गरीबों को लाभ हो रहा। रोजगार, कौशल प्रशिक्षण के लिए पीएम की पांच योजनाओं के पैकेज की घोषणा। इससे पांच साल में 4 करोड़ 10 लाख युवाओं को लाभ होगा। इन योजनाओं पर दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अंतरिम बजट में हमने विकसित भारत को रोडमैप को देने का वादा किया था। *7. मोबाइल फोन और उपकरण सस्ते होंगे* वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन और उपकरणों के सस्ते होने से जुड़े एलान किए हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू उत्पादन में इजाफा हुआ है। इस कारण मोबाइल फोन, मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क घटाया जाएगा। घरेलू उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने की कोशिश की जाएगी। इसकी समग्र समीक्षा की जाएगी ताकि इसे और आसान किया जा सके। *8. कैंसर की तीन और दवाओं को पूरी तरह से सीमा शुल्क से मुक्त किया गया* वित्त मंत्री ने कैंसर के मरीजों के लिए तीन और दवाओं को पूरी तरह सीमा शुल्क से मुक्त करने का एलान किया है। इसके साथ ही एक्सरे ट्यूब, फ्लैट पैनल डिटेक्टर में भी सीमा शुल्क घटाने का एलान किया गया है। सोने और चांदी पर सीमा शुल्क छह फीसदी और प्लेटिनम पर 6.4 फीसदी घटाया गया। *9. बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये* बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान। इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का विकास होगा। बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा। बक्सर में गंगा नदी पर दो लेना वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने में भी मदद होगी। बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इसमें पिरपैंती में 2400 मेगावॉट के एक नए संयंत्र की स्थापना भी शामिल है। बिहार में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद की अवसंरचना का भी निर्माण होगा। पूंजीगत निवेशों में सहायता के लिए अतिरिक्त आवंटन उपलब्ध कराया जाएगा। बिहार सरकार के बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के अनुरोध पर तेजी से कार्यवाही होगी। *10. वित्त मंत्री ने पर्यटन क्षेत्र से जुड़े जरूरी एलान किए* वित्त मंत्री ने पर्यटन के विकास पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान रहने ही बात अपने बजट भाषण में कही है। उन्होंने महाबोधि मंदिर के लिए कॉरिडोर निर्माण के एलान की बात कही है। गया के विष्णुपद मंदिर में भी कॉरिडौर बनाया जाएगा। यह काशी विश्वनाथ मंदिर के कॉरिडोर जैसे ही होंगे राजगीर भी बौद्ध और जैन श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है। राजगीर के तीर्थ क्षेत्रों का भी विकास होगा। नालंदा को भी पर्यटन केंद्र के रूप में मजबूत करने के लिए वहां विकास जाएगा। इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास करेगी। बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। चालू वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ और आगामी वर्षों में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। पोलावरम सिंचाई परियोजना को जल्दी पूरा कराने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इससे हमारे देश को खाद्य सुरक्षा में भी सहायता मिलेगी। *आम बजट में सरकार ने नौ प्राथमिकताएं गिनाईं, ये हैं* 1. खेती में उत्पादकता 2. रोजगार और क्षमता विकास 3. समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय 4. विनिर्माण और सेवाएं 5. शहरी विकास 6. ऊर्जा सुरक्षा 7. अधोसरंचना 8. नवाचार, शोध और विकास 9. अगली पीढ़ी के सुधार. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 24, 2024
स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा छापेमारी,दो कथित चिकित्सकों के क्लीनिक किए सील
खेकड़ा, 18 जुलाई 2024 (यूटीएन)। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को कस्बे में छापेमारी कर दो कथित चिकित्सकों को पकड़ा। कोई प्रमाणपत्र ना दिखा पाने पर उनके क्लीनिक पर सील भी लगा दी गई, इनमें एक महिला चिकित्सक की क्लिनिक भी शामिल है। क्षेत्र में बिना किसी वैध प्रमाणपत्र के चिकित्सा करने वाले कथित चिकित्सकों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग का अभियान चल रहा है। एक बिना डिग्री के चिकित्सक के क्लीनिक की तो वीडियो भी पिछले तीन दिन से वायरल होकर सोशल मीडिया पर चल रही थी। इसमें सीएम योगी से लेकर डीएम बागपत तक को शिकायत की गई थी। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम सीएचसी अधीक्षक डा मसूद अनवर के नेतृत्व में भट्टा बस्ती पहुंची, वहां एक कथित चिकित्सक क्लीनिक खोले मरीज देखता मिला। अधीक्षक ने उससे चिकित्सा प्रमाण पत्र दिखाने को कहा, तो वह कोई भी वैध प्रमाण पत्र नहीं दिखा सका। उसके क्लीनिक को तत्काल सील कर दिया गया। इसके बाद टीम निर्भय एंक्लेव पहुंची। वहां एक महिला चिकित्सक उपचार देती मिली। उसके पास भी कोई वैध डिग्री या कागजात नहीं मिले। उसके क्लीनिक को भी सील किया गया। दूसरी ओर टीम आने की सूचना से कई कथित चिकित्सकों में हडकंप मच गया और वे अपने क्लीनिक के शटर डालकर फरार हो गए। डा मसूद अनवर ने बताया कि, दोनो के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दे दी गई है। अभियान अभी जारी रहेगा। आमजन की सेहत से खिलवाड़ नहींं होने दिया जाएगा। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
Ujjwal Times News
Jul 18, 2024
सीएम राइज स्कूल भवन निर्माण में मजदूरी न मिलने पर मजदूर पहुंचे पुलिस चौकी
डिंडोरी/अमरपुर,18 जुलाई 2024 (यूटीएन)। सी एम राइज स्कूल भवन निर्माण देवरी अमरपुर में कार्यरत मजदूरों को विगत 2 माह से मजदूरी भुगतान नहीं किया गया हैं। जिससे परेशान मजदूरों ने पुलिस चौकी अमरपुर में आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई गई हैं। आवेदन में उल्लेख किया गया हैं कि ठेकेदार द्वारा 2 माह से मजदूरी भुगतान नहीं किया जा रहा हैं। जबकि मजदूरों के बच्चे स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। जिनके लिए शैक्षणिक सामग्री कपड़े, जूते आदि नहीं खरीद पा रहे हैं। जिससे बच्चे स्कूल जाना भी बंद कर दिए हैं। ठेकेदार कहीं चला गया हैं, फोन लगाने पर उठा ही नहीं रहा हैं। जिसमें कुछ मजदूर पुलिस चौकी में उपस्थित हुए। चौकी प्रभारी अतुल हरदहा द्वारा भी फोन लगाया गया। परंतु कार्यस्थल पर काम करवाने वाला चिराग नामक व्यक्ति कोई जवाब ही नहीं दिया। आवेदन लेते हुए चौकी प्रभारी द्वारा अगले दिन बुलाया जाकर भुगतान की व्यवस्था करने के आश्वासन दिया गया। इसी प्रकार ग्राम चौरा निवासी बलराम राजपूत की मिक्सर मशीन का भी एक वर्ष से भुगतान नहीं किया गया हैं। जिसकी शिकायत भी पुलिस चौकी अमरपुर में दिनांक 26 जून को आवेदन देकर भुगतान कराने का निवेदन किया गया हैं। परंतु वह भी इतने दिनों से भुगतान के लिए आश्वासनों पर चक्कर काट रहा हैं। यह स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब मजदूरी एवं अन्य भुगतान के लिए मजदूर धरना प्रदर्शन एवं चक्काजाम के लिए भी उतर सकते हैं। डिंडोरी संवाददाता:- धरम सिंह ठाकुर की रिपोर्ट।
admin
Jul 18, 2024
तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़ोसी युवक की हत्या
डिंडोरी/अमरपुर,14 जुलाई 2024 (यूटीएन)। डिंडोरी जिले के अमरपुर चौकी अंतर्गत ग्राम पंचायत मनोरी में सामने आया है, कुछ दिनों पहले उल्टी दस्त से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी। म्रतक गुलाब सिंह, पत्नी झमल्ल बाई एवं गुलाब की माँ का निधन कुछ दिनों पहले ही हुआ था,जिसको लेकर गुलाब सिंह के परिवार के लोग हरे सिंह परस्ते पर टोना टोटका करने का शक करते थे। गांव के ही हरे सिंह पिता कड़की उम्र 40 वर्ष को कल शाम गांव के कुछ लोगो द्वारा रस्सी में बांध कर घर से निकाला गया था, हरे सिंह की आज सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने पर म्रतक के भाई महासिंह ने एफआईआर दर्ज कराई है। म्रतक के परिजन गाँव के कुछ लोगो के विरूद्ध हत्या का आरोप लगा रहे हैं। घटना की जानकारी लगते ही अमरपुर चौकी प्रभारी अतुल हरदहा मौके पर पहुंच कर पंचनामा व आवश्यक कार्रवाई करते हुए शव का पीएम कराने समनापुर भेजा गया है, पुलिस ने लगभग 6,8 संदेहियों से पूँछ ताछ करते हुए जांच में जुटी हैं। डिंडोरी संवाददाता: धरम सिंह ठाकुर।
Ujjwal Times News
Jul 14, 2024
जेएनयू में हिन्दू, बौद्ध, जैन अध्ययन के लिए केंद्र स्थापित होंगे
नई दिल्ली, 12 जुलाई 2024 (यूटीएन)। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय हिंदू अध्ययन केंद्र के साथ-साथ बौद्ध और जैन अध्ययन केंद्र भी खोलेगा। इसमें कहा गया है कि तीन नए केंद्र स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज के तहत स्थापित किए जाएंगे। नए केंद्र स्थापित करने के निर्णय को जेएनयू की कार्यकारी परिषद ने 29 मई को एक बैठक में मंजूरी दी थी। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली को लागू करने का पता लगाने और सिफारिश करने के लिए जेएनयू द्वारा एक समिति का गठन किया गया था। बता दें कि कांग्रेस का आरोप कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को आरएसएस के एजेंडे के तहत तैयार किया गया है। नई शिक्षा नीति का ही हवाला देकर दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी में मनुस्मृति पढ़ाने का प्रस्ताव लाया जा रहा था लेकिन सरकार के संकेत पर अब इसे रोक दिया गया है। जेएनयू में तीन केंद्र स्थापित करने से संबंधित अधिसूचना में कहा गया है कि "कार्यकारी परिषद ने 29.05.2024 को आयोजित अपनी बैठक में नई शिक्षा नीति एनईपी-2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली और इंडिक स्टडीज का पता लगाने और विश्वविद्यालय में इसके आगे कार्यान्वयन और संस्कृत स्कूल के भीतर निम्नलिखित केंद्रों की स्थापना के लिए गठित समिति की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।'' दरअसल, ये अधिसूचना 9 जुलाई को ही जारी हो गई थी लेकिन मीडिया के सामने यह 12 जुलाई शुक्रवार को सामने आई। हालांकि तमाम केंद्रीय विश्वविद्यालय इन्फ्रास्ट्रक्चर, टीचरों और अन्य स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने कभी उनका बजट बढ़ाने या अतिरिक्त सहायता इन मदों में नहीं की। लेकिन जैसे ही संस्कृत अध्ययन की बात आती है, सरकार खुश होकर ग्रांट जारी कर देती है। हालांकि देश में संस्कृति हिन्दी या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की तरह नही बोली जाती। *नये एकेडमिक सेशन से हो सकते हैं शुरू* अकादमिक परिषद् की हुई बैठक में ये तय हुआ था कि नई सेंटर एकेडमिक सेशन 2025-26 से इन तीनों सेंटर्स की शुरुआत होगी. इनके नाम हैं - फॉर हिंदू स्टडीज, सेंटर फॉर बुद्धिस्ट स्टडीज और सेंटर फॉर जैन स्टडीज. *कैसे मिलेगा एडमिशन* इन तीनों सेंटर्स द्वारा कराए जाने वाले कोर्सेस में एडमिशन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होगा. इसके लिए कैंडिडेट्स को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूईटी पास करना होगा. सीयूईटी स्कोरी को जेएनयू एडमिशन के लिए आधार बनाएगा. *इसके अंतर्गत होंगे स्थापित* ये तीनों ही सेंटर स्कूल और संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज के अंतर्गत स्थापित किए जाएंगे. इस बाबत जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग 29 मई के दिन हुई थी इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई थी. जेएनयू ने एक कमेटी स्थापित की थी जिसका काम नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 और इंडियन नॉलेज सिस्टम को यूनिवर्सिटी में कैसे लागू करें, इस पर काम करना था. *‘विकसित भारत’ की तरफ एक कदम* इस बारे में जेएनयू वीसी का कहना है कि ये कदम हमें परंपरा के साथ आधुनिकता की और ले जाएगा. मिथ और रिएलिटी के बीच के अंतर को बताएगा और विकसित भारत के मसौदे की ओर एक नया कदम बढ़ाएगा. यूनिवर्सिटी ने इस बारे में ये भी जानकारी दी कि इस बारे में सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को सूचना दे दी गई है. ये एनईपी 2020 के विजन को पूरा करने की ओर यूनिवर्सिटी का एक प्रयास है जहां पारंपरिक भारतीय ज्ञान को मॉडर्न एकेडमिक्स के साथ जोड़ा जाएगा. *शुरुआत में होंगी इतनी सीटें* इस बाबत अभी बहुत से काम प्लानिंग लेवल पर हैं जिनका इम्प्लिमेंटेशन होना बाकी है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शुरुआत में इन तीनों सेंटरों में 20-20 सीटें होंगी. बाद में इनकी संख्या बढ़ायी जा सकती है. इन सेंटरों में एडवांस्ड स्टडी करायी जाएगी. सिलेबस से लेकर कार्यक्रम की बाकी रूपरेखा जल्द ही तैयार होगी. बेहतर होगा इस बारे में डिटेल में जानकारी पाने और अपडेट से रूबरू रहने के लिए समय-सयम पर आधिकारिक वेबसाइट विजिट करते रहें. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 12, 2024
छोटे परिवारों से पूरा होगा विकसित भारत का लक्ष्य: जेपी नड्डा
नई दिल्ली, 12 जुलाई 2024 (यूटीएन)। विकसित भारत का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब भारत का हर परिवार स्वस्थ होगा। यह केवल छोटे परिवारों से ही संभव है। इसके लिए सबको मिलकर काम करने की जरूरत है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग के दौरान कहीं। नड्डा ने कहा कि महिलाओं को परिवार नियोजन के अधिकारों और अनचाहे गर्भधारण के मामलों को रोकने के प्रति जागरूक करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए गर्भधारण का सही समय और अंतराल विषय पर आयोजित बैठक में नड्डा ने कहा कि केंद्र और राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अधिक बोझ वाले राज्यों, जिलों और ब्लॉक तक गर्भनिरोधकों की पहुंच हो। उन्होंने कहा कि वैश्विक आबादी में भारत का पांचवां स्थान है। जनसंख्या दिवस पर हमें जनसंख्या को स्थिर करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम करने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को इच्छा और सूचना के बाद जन्म के उद्देश्य के साथ चलाया जाए। सरकार का फोकस युवा, किशोर, महिला, बुजु्र्ग समेत सभी के सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य पर है। इसके लिए सहयोगी रवैये के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। सही समय, जन्म के बीच अंतराल, परिवार का सही आकार और गर्भनिरोधकों को स्वैच्छिक रूप से अपनाने को सशक्त बनाना स्वस्थ और खुशहाल परिवारों के पोषण के लिए महत्वपूर्ण है। *मिशन परिवार विकास पर की बात* बैठक के दौरान नड्डा ने मिशन परिवार विकास पर भी बात की। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम की सबसे सफल योजना है। इसे शुरुआत में सात राज्यों के 14 बड़े जिलों में लागू किया गया है। बाद में इसे अन्य सभी जिलों और छह पूर्वोत्तर राज्यों में लागू किया जाएगा। उन्होनें योजना के प्रभाव के बारे में बताते हुए राज्यों में गर्भनिरोधकों की पहुंच और मातृ-शिशु दर में आई कमी को लेकर भी चर्चा की। इस योजना से राज्यों में कुल प्रजनन दर टीएफआर में कमी आई। नड्डा ने कहा कि टीएफआर को स्थिर रखने के लिए लगातार काम करने की जरूरत है। नड्डा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीएफआर स्तर को कम करने के प्रयासों में लापरवाही न बरतने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि राज्यों के इनपुट और एनएफएचएस डाटा के आधार पर उन इलाकों के लिए योजनाएं बनाई जाएं, जहां टीएफआर अच्छा नहीं है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 12, 2024
कैसी होगी 'मोदी बजट' की पहली चाय? कड़वे घूंट में दिखेगा अमृतकाल का विजन!
नई दिल्ली, 12 जुलाई 2024 (यूटीएन)। रूस यात्रा से लौटने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहली बैठक अर्थव्यवस्था के शीर्ष जानकार लोगों के साथ की है। 23 जुलाई को बजट पेश करने से पूर्व हुई इस सबसे महत्वपूर्ण बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी के अलावा राव इंद्रजीत सिंह, मुख्य आर्थिक सलाहकार वीए नागेश्वरन और बैंकिंग क्षेत्र के प्रमुख लोग भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के शीर्ष अर्थशास्त्रियों की बैठक में सबके विचार सुने और कुछ बिंदुओं पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की आर्थिक बेहतरी के लिए कड़े कदम उठाने के पक्षधर रहे हैं। वे लोगों को तात्कालिक लाभ वाली 'मीठी गोली' देने की बजाय दूरगामी बेहतरी के लिए 'कड़वे काढ़े' को बेहतर बताते रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद सत्र की शुरुआत में ही इस बात का संकेत दिया था कि आने वाले बजट में देश के शताब्दी वर्ष तक की उपलब्धियों का खाका खींचा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं अपने इस तीसरे कार्यकाल में देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की बात कहते रहे हैं। वे आजादी के शताब्दी वर्ष यानी 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने की बात भी करते रहे थे। ऐसे में माना यही जा रहा है कि केंद्र सरकार आज़ादी के 75वें वर्ष में देश को विकसित देश बनाने के लिए बजट में अहम कदमों की घोषणा की जा सकती है। *क्या होंगे उपाय?* केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए मूलभूत ढांचे में निवेश को अपना मूलमंत्र बना रखा है। रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने और प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र में मांग को बनाए रखने के लिए सरकार एक बार फिर मूलभूत ढांचे में निवेश को अपनी प्राथमिकता बनाए रख सकती है। इसके साथ ही विदेशी निवेश और निजी निवेशकों के द्वारा सौर ऊर्जा, वाहनों के निर्माण, मोबाइल उद्योग सहित प्रमुख क्षेत्रों में निवेश करवा कर वह देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति देने की कोशिश कर सकती है। अहम क्षेत्रों में निवेश करने पर औद्योगिक इकाइयों को विशेष छूट दिए जाने का विकल्प भी आजमाया जा सकता है। *राजनीतिक स्थिति का असर* केंद्र सरकार की राजनीतिक स्थिति पिछली बार की तरह संसद में उतनी मजबूत नहीं रह गई है। अब तक अनुमान यही जताया जा रहा था कि बजट में कठोर कदम उठाने पर उसे सहयोगी दलों का दबाव झेलना पड़ सकता है। अगले डेढ़ साल के बीच भाजपा को छह प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव का सामना भी करना है। लेकिन सरकार से जुड़े सूत्रों का दावा है कि देश की अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए वह कड़े कदम उठाना जारी रखेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट निर्माण की प्रक्रिया में अब तक लगभग हर क्षेत्रों के प्रमुख स्टेक होल्डर्स से मुलाकात कर चुकी हैं। कुछ प्रतिनिधियों ने आज की महंगाई के दौर से उपभोक्ताओं के हाथों में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा छोड़ने के उद्देश्य से आयकर सीमा बढाने की मांग की थी। लेकिन जिस तरह सरकार पर आर्थिक दबाव हैं, माना यही जा रहा है कि आयकर में छूट मिलने के कोई आसार नहीं हैं। हालांकि, बजट में गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष योजनाओं में खर्च बढ़ाया जा सकता है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 12, 2024
आठ हाईकोर्ट्स में नए मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश
नई दिल्ली, 12 जुलाई 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने देश के आठ अलग-अलग हाईकोर्ट में नए चीफ जस्टिसों की नियुक्ति की सिफारिश की है। दिल्ली, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, मध्य प्रदेश, केरल मेघालय और मद्रास हाईकोर्ट में नए चीफ जस्टिसों की नियुक्ति की नियुक्ति की सिफारिश की गई है। केंद्र सरकार की मंजूरी मिलते ही चीफ जस्टिसों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, और जस्टिस बीआर गवई की कॉलेजियम ने इस प्रस्ताव को पारित किया। जस्टिस मनमोहन को दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया। वे अभी दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस हैं। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर जस्टिस एमएस रामचंद्र राव के नाम का प्रस्ताव रखा गया है। उन्हें वर्तमान चीफ जस्टिस बीआर सारंगी के सेवानिवृत्त होने के बाद इस पद पर ट्रांसफर किया जाएगा। वर्तमान समय में दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस राजीव शकधर को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की गई है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज जस्टिस गुरमीत सिंह संधावलिया को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट के जज जस्टिस नितिन जामदार को केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस आर श्रीराम को मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की गई है। बता दें कि जस्टिस श्रीराम भी बॉम्बे हाईकोर्ट के ही जज हैं। जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस ताशी रबस्तान को मेघालय हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की गई है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 12, 2024
आप का भाजपा पर आरोप: देश के हर न्यायालय ने भाजपा के षड्यंत्र का पर्दाफाश किया
नई दिल्ली, 12 जुलाई 2024 (यूटीएन)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले से जुड़े ईडी वाले मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। वहीं इस पर आम आदमी पार्टी की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस देश के एक के बाद एक हर न्यायालय ने आपके भाजपा षड्यंत्र का पर्दाफाश किया है। अरविंद केजरीवाल की ये जमानत आज पूरे देश के सामने ये साफ कर देती है कि अरविंद केजरीवाल सत्य के साथ खड़े थे, खड़े हैं और खड़े रहेंगे। दिल्ली सरकार में मंत्री अतिशी ने कहा, 'भाजपा को पता था कि अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई है। और सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत मिल जाएगी इसलिए उन्होंने एक और षड्यंत्र रचा और सुप्रीम कोर्ट में जिस दिन अरविंद केजरीवाल की जमानत का केस आना था उससे पिछले दिन अपने एक और राजनीतिक हथियार सीबीआई से अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करवा दिया। इस देश के एक के बाद एक हर न्यायालय ने आपके भाजपा षड्यंत्र का पर्दाफाश किया है। अरविंद केजरीवाल की ये जमानत आज पूरे देश के सामने ये साफ कर देती है कि अरविंद केजरीवाल सत्य के साथ खड़े थे, खड़े हैं और खड़े रहेंगे। आतिशी ने कहा कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने भी सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए कहा था कि ईडी के पास कोई सुबूत नहीं है, ईडी पक्षपात से काम कर रही है। आज सुप्रीम कोर्ट ने भी सीएम को जमानत देते हुए, राउज एवेन्यू कोर्ट के जमानत के फ़ैसले पर मोहर लगा दी है। आप नेता संदीप पाठक ने कहा, 'आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला ऐतिहासिक है। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा द्वारा रचित तथाकथित शराब घोटाले को ध्वस्त कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी जमानत देते वक्त कई महत्वपूर्ण बातें कही थी कि कोई भी सुबूत नहीं मिला है और ईडी पक्षपाती है। क्या अरविंद केजरीवाल जी की गिरफ़्तारी गैर कानूनी है, इसे सुप्रीम कोर्ट ने ऊपर की बेंच को भेज दिया है। हर सरकार की कोई ना कोई उपलब्धि होती है। मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि मोदी और अमित शाह अगर किसी को चुनाव में हरा नहीं सकते तो उसे फर्जी केस में जेल में डाल देते हैं। मैं मोदी और अमित शाह से यही कहना चाहता हूँ कि वो इस गंदी राजनीति को बंद कर दिल्ली और देश का समय बर्बाद ना करें। ईडी की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी शुक्रवार को सुनवाई हुई। याचिका में दिल्ली में कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने इस याचिका को बड़ी पीठ के पास भेज दिया है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 12, 2024
सुप्रीम कोर्ट: ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत
नई दिल्ली, 12 जुलाई 2024 (यूटीएन)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। अहम बात यह है कि केजरीवाल को यह राहत ईडी से जुड़े मामले में दी गई है और फिलहाल वे सीबीआई की हिरासत में हैं। ऐसे में उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा। इससे पहले पीठ ने 17 मई को केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। दरअसल, ईडी की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी शुक्रवार को सुनवाई हुई। याचिका में दिल्ली में कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने इस याचिका को बड़ी पीठ के पास भेज दिया है। कोर्ट ने ईडी की ओर से दायर आबकारी नीति मामले में अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि हम धारा 19 के प्रश्न पर विचार कर रहे हैं। हमने धारा 19 और 45 के बीच अंतर साफ कर दिया है। धारा 19 जांच अधिकारी की व्यक्तिपरक राय है। धारा 45 न्यायालय की ओर से किया गया प्रयोग है। जस्टिस खन्ना ने कहा कि न्यायालय की शक्ति अधिकारी की शक्ति से अलग होती है। हमने गिरफ्तारी की आवश्यकता, अनिवार्यता को आधार बनाया है। विशेष रूप से आनुपातिकता के सिद्धांत के मद्देनजर, जिसे हमने बड़ी पीठ के पास भेजा है। तो गिरफ्तारी की नीति क्या है, इसका आधार क्या है, हमने संदर्भित किया है। जस्टिस खन्ना ने कहा कि क्या गिरफ्तारी की आवश्यकता, अनिवार्यता गिरफ्तारी के औपचारिक मापदंडों की संतुष्टि को संदर्भित करती है। हमने माना है कि केवल पूछताछ से गिरफ्तारी की अनुमति नहीं मिलती। अरविंद केजरीवाल ने 90 दिनों की कैद झेली है। हम निर्देश देते हैं कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। हमें पता है कि वह एक निर्वाचित नेता हैं। हम स्पष्ट नहीं हैं कि क्या हम एक निर्वाचित नेता को पद छोड़ने और सीएम के रूप में काम न करने का निर्देश दे सकते हैं। हम इसे उन पर छोड़ते हैं। जस्टिस खन्ना ने कहा कि हमने चुनाव फंडिंग के बारे में एक प्रश्न भी उठाया है। हाल ही में संविधान पीठ ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था। एक तरह से यह मामला भी चुनावों में फंडिंग से जुड़ा हुआ है। जिसकी गहराई से जांच की गई। *किस मामले में आया फैसला?* शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को धनशोधन मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था।आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक ने दिल्ली हाईकोर्ट के नौ अप्रैल के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। *हाईकोर्ट ने क्या कहा था?* हाईकोर्ट ने मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कोई अवैधता नहीं है और जांच में उनके शामिल होने से बार-बार इनकार करने के बाद ईडी के पास कोई विकल्प नहीं बचा था। *यहां जानिए पूरा घटनाक्रम* मुख्यमंत्री को ईडी ने धनशोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उन्हें एक निचली अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर मामले में 20 जून को जमानत दी थी। हालांकि, ईडी ने अगले दिन दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। ईडी ने दलील दी थी कि केजरीवाल को जमानत देने का निचली अदालत का आदेश एकतरफा और गलत था। केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में 26 जून को सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया था। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 12, 2024