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○ बागपत के प्रसिद्ध तीर्थ बाबा बैद्यनाथ धाम पावला बेगमाबाद के जीर्णोद्धार के लिए हुआ भूमि पूजन
○ एड़वोकेट शौकीन मलिक बने भारतीय किसान यूनियन श्रमिक जनशक्ति के जिलाध्यक्ष
○ पीएम मोदी ने किया इस्कॉन के श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का उद्घाटन
○ वित्तपोषित स्टार्ट-अप में 21% का नेतृत्व महिलाएं करती हैं - सत्य प्रकाश सिंह, सीजीएम, सिडबी
○ मल्लावां बीडीओ को डीएम ने लगाई फटकार ग्राम्य विकास विभाग की बैठक में डीएम ने की समीक्षा
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पीएम मोदी ने आईएमडी के 150वें स्थापना दिवस पर ‘मिशन मौसम’ किया लॉन्च
नई दिल्ली, 15 जनवरी 2025 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर देश को प्रत्‍येक मौसम और जलवायु का सामना करने के लिए 'स्मार्ट राष्ट्र' बनाने के मकसद से 'मिशन मौसम' की शुरुआत की।राष्ट्रीय राजधानी स्थित भारत मंडपम में आयोजित समारोह में शिरकत करते हुए प्रधानमंत्री ने आईएमडी के 150वें स्थापना दिवस पर एक स्मारक सिक्का और मौसम संबंधी अनुकूलता और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए आईएमडी विज़न-2047 दस्तावेज भी जारी किया. इसमें मौसम पूर्वानुमान, मौसम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन शमन की योजनाएं शामिल हैं. इससे पहले, प्रधानमंत्री ने भारत मंडपम में आईएमडी की उपलब्धियों पर आधारित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 150वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "किसी भी देश के वैज्ञानिक संस्थानों की प्रगति विज्ञान के प्रति उसकी जागरूकता को दिखाती है. वैज्ञानिक संस्थाओं में अनुसंधान और नवाचार नए भारत के स्वभाव का एक हिस्सा है. इसलिए पिछले 10 वर्षों में आईएमडी की आधारभूत संरचना और तकनीक का भी अभूतपूर्व विकास हुआ है. भविष्य में भारत मौसम की हर परिस्थिति के लिए तैयार रहे, भारत एक क्लाइमेट स्मार्ट राष्ट्र बने इसके लिए हमने 'मिशन मौसम' भी लॉन्च किया है. उन्होंने आगे कहा, "मौसम विज्ञान किसी भी देश की आपदा प्रबंधन क्षमता का सबसे जरूरी सामर्थ्य होता है. प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम से कम करने के लिए हमें मौसम विज्ञान की कार्यकुशलता को अधिकतम करने की आवश्यकता होती है. भारत ने लगातार इसकी अहमियत को समझा है. आज हम उन आपदाओं की दिशा को मोड़ने में कामयाब हो रहे हैं जिन्हें पहले नियति कहकर छोड़ दिया जाता था. दो वर्षों में 2,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाले इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का क्रियान्वयन मुख्य रूप से भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र द्वारा किया जाएगा. मिशन मौसम से कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, पर्यावरण, विमानन, जल संसाधन, बिजली, पर्यटन, शिपिंग, परिवहन, ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों को सीधे लाभ होगा. साथ ही, इससे शहरी नियोजन, सड़क और रेल परिवहन और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में डेटा आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी वृद्धि होगी. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 15, 2025
माता-पिता से पढ़ाई के लिए पैसे लेना बेटी का कानूनी अधिकार: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली, 10 जनवरी 2025 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि बेटी को अपने माता-पिता से शिक्षा के लिए खर्च मांगने का वैध अधिकार है और उन्हें (माता-पिता) अपने साधनों के भीतर आवश्यक रकम देने के लिए बाध्य किया जा सकता है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने यह टिप्पणी वैवाहिक विवाद के एक मामले में की, जिसमें अलग रह रहे दंपति की बेटी ने अपनी मां को दिए जा रहे कुल गुजारा भत्ते के एक हिस्से के रूप में अपने पिता की ओर से उसकी पढ़ाई के लिए दिए गए 43 लाख रुपये लेने से इनकार कर दिया. दंपति की बेटी आयरलैंड में पढ़ाई कर रही है. पीठ ने दो जनवरी के अपने आदेश में कहा, "बेटी होने के नाते उसे अपने माता-पिता से शिक्षा का खर्च मांगना वैध अधिकार है. हमारा मानना है कि बेटी को अपनी शिक्षा जारी रखने का मौलिक अधिकार है और इसके लिए माता-पिता को अपने वित्तीय संसाधनों की सीमा के भीतर आवश्यक रकम के लिए बाध्य किया जा सकता है. *कोर्ट ने बेटी के पैसे लेने को बताया कानूनी* आदेश में कहा गया है कि दंपति की बेटी ने अपनी गरिमा बनाए रखने के लिए राशि लेने से इनकार कर दिया था और उनसे (पिता) पैसे वापस लेने को कहा था, लेकिन उन्होंने (पिता ने) इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा कि बेटी कानूनी तौर पर इस राशि की हकदार है. पीठ ने अलग रह रहे दंपति की ओर से 28 नवंबर 2024 को किए गए समझौते का जिक्र किया, जिस पर बेटी ने भी हस्ताक्षर किए थे. अदालत ने कहा कि पति अपनी अलग रह रही पत्नी और बेटी को कुल 73 लाख रुपये देने पर सहमत हो गया था. जिसमें से 43 लाख रुपये उनकी बेटी की शैक्षणिक जरूरतों के लिए और बाकी पत्नी के लिए थे. पीठ ने कहा कि चूंकि पत्नी को उसका 30 लाख रुपए का हिस्सा मिल चुका है और दोनों पक्ष पिछले 26 वर्षों से अलग-अलग रह रहे हैं, इसलिए पीठ को आपसी सहमति से तलाक का आदेश न देने का कोई कारण नजर नहीं आता. न्यायालय ने कहा, "नतीजतन, हम संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए आपसी सहमति से तलाक का आदेश देकर दोनों पक्षों का विवाह विच्छेद करते हैं. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 10, 2025
भारत ने ऐतिहासिक कदम उठाया', जिनोम इंडिया प्रोजेक्ट की शुरूआत
नई दिल्ली, 10 जनवरी 2025 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिनोम इंडिया प्रोजेक्ट पर देश को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "आज भारत ने रिसर्च की दुनिया में बहुत ही ऐतिहासिक कदम उठाया है. 5 साल पहले जिनोम इंडिया प्रोजेक्ट को स्वीकृत किया गया था. इस बीच कोविड की चुनौतियों के बावजूद हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत मेहनत से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया है. "पीएम ने कहा, "मुझे खुशी है कि देश के 20 से ज्यादा रिसर्च संस्थानों ने इस रिसर्च में अहम भूमिका निभाई है. इस प्रोजेक्ट का डाटा, 10 हजार भारतीयों का जिनोम सिक्वेंस अब इंडियन बायलॉजिकल डाटा सेंटर में उपलब्ध है. मुझे विश्वास है कि बायो टेक्नॉलॉजी रिसर्च के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा. आज शोध की दुनिया में भारत ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. *देश में एक डायवर्स जेनेटिक रिसोर्स बनाने में हुए सफल* पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "पांच साल पहले जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी. कोविड की चुनौतियों के बावजूद हमारे वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया है. आईआईटी, सीएसआईआर और ब्रिक जैसे 20 से अधिक प्रसिद्ध शोध संस्थानों ने इस शोध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है." पीएम ने कहा, "जिनोम इंडिया प्रोजेक्ट भारत की बायो टेक्नॉलॉजी क्रांति का एक अहम पड़ाव है. मुझे बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट की मदद से हम देश में एक डायवर्स जेनेटिक रिसोर्स बनाने में सफल हुए हैं. *एक दशक में भारत ने पब्लिक हेल्थकेयर को लेकर उठाए क्रांतिकारी कदम* प्रधानमंत्री ने कहा, "विश्व के एक बड़े फार्मा हब के रूप में भारत ने जो पहचान बनाई है, उसे आज देश नए आयाम दे रहा है. बीते दशक में भारत ने पब्लिक हेल्थकेयर को लेकर अनेक क्रांतिकारी कदम उठाए हैं. करोड़ों देशवासियों को मुफ्त इलाज की सुविधा हो, जन औषधि केंद्रों से 80% डिस्काउंट पर दवाएं उपलब्ध कराना हो, आधुनिक मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो, ये पिछले 10 साल की बहुत बड़ी उपलब्धियां हैं. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jan 10, 2025
भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में है: पीएम मोदी
नई दिल्ली, 10 जनवरी 2025 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी इस अवसर पर मौजूद रहे। यहां पीएम मोदी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। 8वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा पीएम मोदी ने कहा कि यह जीवंत त्योहारों का समय है। कुछ ही दिनों में प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो रहा है। मकर संक्रांति, बिहू, पोंगल, लोहड़ी जैसे त्योहार आने वाले हैं। हर जगह आनंदमय वातावरण है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज आप ओडिशा की जिस महान धरती पर जुटे हैं वो भी भारत की समृद्ध विरासत का प्रतिबिंब है। ओडिशा में कदम कदम पर हमारी विरासत के दर्शन होते हैं। सैकड़ों वर्ष पहले भी ओडिशा से हमारी व्यापारी कारोबारी लंबा सफर करके बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानों तक जाते थे...ओडिशा में आज भी बाली यात्रा का आयोजन होता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में जब तलवार के जोर पर साम्राज्य बढ़ाने का दौर था, तब हमारे सम्राट अशोक ने यहां शांति का रास्ता चुना था। हमारी इस विरासत का ये वही बल है जिसकी प्रेरणा से आज भारत दुनिया को कह पाता है कि भविष्य युद्ध में नहीं है, बुद्ध में है। पीएम मोदी ने कहा कि मैंने हमेशा भारतीय डायस्पोरा को भारत का राष्ट्रदूत माना है। मुझे बहुत खुशी होती है, जब पूरी दुनिया में आप सभी साथियों से मिलता हूं, आपसे बातचीत करता हूं। जो प्यार मुझे मिलता है, वो भूल नहीं सकता हूं। आपका प्यार, आपका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहता है। हम सिर्फ लोकतंत्र की जननी नहीं हैं, बल्कि लोकतंत्र हमारे जीवन का हिस्सा है। हमें विविधता सिखानी नहीं, हमारा जीवन ही विविधता प्रदान करता है। भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के समाज के साथ जुड़ जाते हैं। भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के नियम और परंपरा का सम्मान करते हैं। हम पूरी ईमानदारी से उस देश की, उस समाज की सेवा करते हैं। इस सबके साथ ही हमारे दिल में भारत भी धड़कता रहता है। उन्होंने कहा कि भारत की सफलता आज दुनिया देख रही है। आज जब भारत का चंद्रयान शिव शक्ति प्वाइंट पर पहुंचता है, तो हम सब को गर्व होता है। आज जब दुनिया, डिजिटल इंडिया की ताकत देखकर हैरान होती है, तो हम सब को गर्व होता है। आज भारत का हर सेक्टर आसमान की ऊंचाई छूने को आगे बढ़ रहा है। भारत की बात को आज दुनिया ध्यान से सुनती है। आज का भारत, अपना पॉइंट तो मजबूती से कायम है, ग्लोबल साउथ की आवाज को भी पूरी ताकत से उठाता है। *प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई* प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों के लिए विशेष पर्यटक ट्रेन 'प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस' को हरी झंडी दिखाई। दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से ट्रेन ने सफर शुरू किया। यह ट्रेन प्रवासी भारतीयों को तीन सप्ताह तक देशभर के कई पर्यटक और धार्मिक स्थलों की यात्रा कराएगी। *'वैश्विक युग में प्रवासी समुदाय का महत्व प्रत्येक वर्ष के साथ बढ़ता गया'* इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हर 2 साल में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन के माध्यम से विदेशों में रहने वाले भारतीय अपने देश में हो रही प्रगति और विकास को देख पाते हैं, अनुभव कर पाते हैं। आप सभी न केवल अपने जीवन की उपलब्धियों पर गर्व कर करते हैं, बल्कि विदेशों में हमारे लिए बढ़ते सम्मान का भी अनुभव करते हैं। वैश्विक युग में प्रवासी समुदाय का महत्व प्रत्येक वर्ष के साथ बढ़ता गया है। *'विकसित भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों का योगदान'* ओडिशा के मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि इस बार प्रवासी भारतीय दिवस की थीम 'विकसित भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों का योगदान' है। आज मैं ओडिशा की धरती से सभी का अभिवादन करता हूं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 10, 2025
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन सार्वजनिक-निजी क्षेत्र को एक साथ लाएगा और स्टार्टअप को सशक्त बनाएगा: डॉ. जितेंद्र सिंह
नई दिल्ली, 10 जनवरी 2025 (यूटीएन)। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जहां तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का सवाल है, हमने पहले ही कई पहल की हैं। जल्द ही, हम एक राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना करेंगे, जिसके 60 से 70% संसाधन गैर-सरकारी प्रतिष्ठानों से आएंगे, जो सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच घटते अंतर को दर्शाता है। केवल 350 स्टार्टअप से, भारत में अब लगभग 1.75 लाख स्टार्टअप हैं, जो देश की प्रगति को दर्शाता है और यह अनुसंधान फाउंडेशन इन स्टार्टअप की और मदद करेगा। वे यहां पीएचडी हाउस, नई दिल्ली में आयोजित साइबर सुरक्षा, एआई और ब्लॉकचेन पर पीएचडीसीसीआई के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उपरोक्त विषय दुनिया भर में चिंता का विषय है और उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने इस चुनौती से निपटने के लिए एक व्यापक योजना भी बनाई है। जितेन्द्र सिंह ने और अधिक समग्र तरीके से आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया और इस तरह के सम्मेलन के आयोजन के लिए पीएचडीसीसीआई की सराहना की। उन्होंने आगे कहा, हम एक विकासशील समाज हैं, जो दूसरे देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है और उसी गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2014 से भारत द्वारा की गई क्वांटम छलांग पर प्रकाश डाला, भारत अब अन्य देशों के बराबर है और अब नई तकनीकों को अपनाने में उतना समय नहीं लगता। हालाँकि, ये प्रगति ऐसी चुनौतियाँ भी लाती हैं जिन पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता है। जहाँ हम प्रौद्योगिकी के लाभों को अधिकतम करने का प्रयास करते हैं, वहीं हमें इसके कम ज्ञात जोखिमों को भी संबोधित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, गलत कारणों से इसका उपयोग करने वाले अक्सर इसे पहले ही प्राप्त कर लेते हैं। मंत्री ने जोर देकर कहा कि एआई को हमारी प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने के बजाय सहायता करने के साधन के रूप में काम करना चाहिए और एक दिन, हम एआई में मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता को महसूस करेंगे। अंततः, एआई को ईओडीबी को बढ़ाने का एक उपकरण होना चाहिए। 2047 तक ‘विकसित भारत’ के विजन के लिए और 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था हासिल करने के लिए हमें एक साथ आगे बढ़ना होगा। प्रौद्योगिकी अब एक विकल्प नहीं बल्कि उपलब्ध एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा कि चुनौती यह है कि इसका सर्वोत्तम उपयोग हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और हमारे नागरिकों के जीवन को सरल बनाने के लिए किया जाए। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के सचिव राजेश कुमार पाठक ने प्रतिभागियों को ऐसे खतरों से उत्पन्न प्रमुख चुनौतियों के बारे में आम लोगों में अज्ञानता से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आज हम उद्योग 4.0 के युग में हैं, जो पहले की औद्योगिक क्रांतियों से काफी अलग है। उद्योग 1.0 की शुरुआत भाप इंजन से हुई, उद्योग 2.0 बिजली के आविष्कार से प्रेरित था, और अब एआई सबसे विघटनकारी शक्ति साबित हो रही है। जबकि पहले की प्रगति ने हमारे भौतिक जीवन को आसान बना दिया था, और कंप्यूटर की शुरूआत ने नौकरी के नुकसान के बारे में चिंताएँ पैदा की थीं, एआई के साथ वास्तविक चुनौती यह है कि इससे उत्पन्न होने वाले खतरे काफी हद तक अज्ञात हैं। उन्होंने यह भी चर्चा की कि कैसे क्वांटम प्रौद्योगिकी सुरक्षित डेटा सिस्टम और हस्तांतरण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। और लोगों को सही रास्ता अपनाने के लिए शिक्षित और सूचित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, विडंबना यह है कि इनमें से अधिकांश मामलों में शिक्षित व्यक्ति शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मजबूत शिक्षा प्रणाली का लाभ उठाना चाहिए, जैसा कि नवाचार सूचकांक में भारत की छलांग और पीएचडी की संख्या में वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर होना दर्शाता है। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने इस बात पर जोर दिया कि साइबर सुरक्षा और निगरानी समय की जरूरत है, भारत सरकार इस मुद्दे पर दृढ़ता से ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय गृह मंत्री अमित शाह ने साइबर सुरक्षा को सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा है। जैन ने आगे चर्चा की कि भारत सरकार एआई में प्रगति को तेजी से आगे बढ़ा रही है. और इस क्षेत्र में एक मजबूत टास्क फोर्स स्थापित करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग का एआई मिशन, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा जैसे क्षेत्रों को समर्पित है, जो नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और ये पहल तकनीकी विकास के लिए एक सहायक वातावरण बना रही है। उन्होंने आगे कहा कि आज, एआई एक उद्योग तक सीमित नहीं है, बल्कि सभी क्षेत्रों में परिवर्तन ला रहा है। सभी हितधारकों से सही समर्थन और नीतियों के साथ, हम भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत जरूरी गति प्रदान कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक मुथा जैन ने शारीरिक गिरफ्तारी और डिजिटल गिरफ्तारी के बीच स्पष्ट अंतर के बारे में बताया और कहा कि मुख्य अंतर यह है कि नियमित शारीरिक गिरफ्तारी कानून प्रवर्तन द्वारा की जाती है, जबकि डिजिटल गिरफ्तारी साइबर अपराधियों द्वारा की जाती है। उन्होंने पीड़ितों पर पेशेवर, वित्तीय और मनोवैज्ञानिक प्रभावों पर आगे चर्चा की, जिसके परिणामस्वरूप प्रौद्योगिकी और ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करने में विश्वास का महत्वपूर्ण नुकसान होता है। उन्होंने मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डाला और कहा कि मजबूत साइबर सुरक्षा रणनीतियों को समझना और लागू करना बहुत जरूरी है। डॉ. नेहा बर्लिया, अध्यक्ष, डिजिटल सुरक्षा पर टास्क फोर्स, पीएचडीसीसीआई ने चर्चा की कि हम एक ऐसे डिजिटल युग की शुरुआत में हैं, जहां प्रौद्योगिकी उद्योगों को नया आकार दे रही है। उन्होंने आगे चर्चा की कि ये प्रगति अद्वितीय अवसर लेकर आती है, लेकिन ये महत्वपूर्ण खतरे भी पैदा करती है। उन्होंने कहा, साइबर अपराध 2025 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था को $10.5 ट्रिलियन तक प्रभावित करने का अनुमान है। यह अब केवल एक आईटी मुद्दा नहीं है, बल्कि एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक प्राथमिकता है, इसलिए सिस्टम और डेटा की सुरक्षा अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि जबकि एआई उद्योगों में क्रांति ला रहा है, इसका दुरुपयोग एक बढ़ती हुई चिंता है और इसे संबोधित करने के लिए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता है। इसके अलावा, कुशल साइबर सुरक्षा पेशेवरों की वैश्विक कमी तत्काल ध्यान देने की मांग करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि समान विकास को बढ़ावा देने के लिए एआई और ब्लॉकचेन जैसी तकनीक को नैतिक रूप से तैनात किया जाना चाहिए। विनोद करवा, अध्यक्ष, एमएसएमई समिति, पीएचडीसीसीआई ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और चर्चा की कि आज की तेजी से बदलती दुनिया में, हमारे डिजिटल सिस्टम की सुरक्षा के लिए एआई, ब्लॉकचेन और मजबूत साइबर सुरक्षा को अपनाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने साइबर खतरों से निपटने और एक सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल वातावरण बनाने के लिए मिलकर काम करने के महत्व पर भी जोर दिया। डॉ. रंजीत मेहता, सीईओ और महासचिव, पीएचडीसीसीआई ने दुनिया के परस्पर जुड़ाव पर चर्चा की और बताया कि कैसे तकनीक सभी के लिए जीवन को आसान बना रही है। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से, दुनिया एक वेब बन गई है और हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहाँ सब कुछ जुड़ा हुआ है, सब कुछ एक नोड है। एक समय था जब हम अपना पैसा लॉकर में रखते थे, लेकिन आज पैसा डिजिटल है और सोना जैसी संपत्ति भी डिजिटल रूप में है। जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है, साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं और हमारे लिए इस पर गौर करना और अपनी डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, सूचना और व्यक्तिगत पहचान की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया और चर्चा की कि कैसे जनरेटिव एआई इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। एआई और ब्लॉकचेन की परिवर्तनकारी शक्ति का उपयोग करके, हम विश्वास, लचीलेपन की नींव बना सकते हैं और हमें अभी कार्य करना चाहिए, उन्होंने निष्कर्ष निकाला। साइबर अपराध और साइबर कानून पर शोध केंद्र के अध्यक्ष अधिवक्ता अनुज अग्रवाल ने कहा कि जहां पैसा है, वहां अपराधी भी होंगे। इसलिए, साइबर अपराध वास्तविक होता जा रहा है, और साइबर सुरक्षा अब एक बुनियादी आवश्यकता है। अग्रवाल ने आगे चर्चा की कि उद्योगों के लिए यह सवाल कि उन्हें इस पर पैसा क्यों खर्च करना चाहिए, इसका उत्तर सरल है - आपके संगठन में वित्तीय डेटा से लेकर प्रशासनिक डेटा तक सब कुछ डिजिटल रूप से संग्रहीत है, इसलिए आपके लिए जोखिमों का आकलन करना और आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने आगे बताया कि डीपीडीपी अधिनियम के तहत, यह अनिवार्य है कि गोपनीयता को सिस्टम में डिज़ाइन किया जाना चाहिए अन्यथा, संगठनों को ₹250 करोड़ तक का जुर्माना लग सकता है। उन्होंने व्यक्तियों को व्यक्तिगत साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने की सलाह दी, ओटीपी बहुत महत्वपूर्ण है और इसे किसी के साथ साझा न करने और असत्यापित लिंक पर क्लिक करने से बचने की सलाह दी। सम्मेलन में डी पी गोयल, सह-अध्यक्ष पीएचडीसीसीआई, डॉ एच पी कुमार, सलाहकार, पीएचडीसीसीआई, डॉ जतिंदर सिंह, उप महासचिव, पीएचडीसीसीआई, सुश्री कंचन जुत्शी, निदेशक, पीएचडीसीसीआई के साथ-साथ अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें डॉ गुलशन राय, पूर्व साइबर सुरक्षा समन्वयक, पीएमओ, श्री ज्ञानेंद्र नीरज, डीजीएम, सेबी, उत्तरी क्षेत्रीय कार्यालय, एयर वाइस मार्शल (डॉ) देवेश वत्स वीएसएम, सलाहकार साइबर सुरक्षा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां, डेटा सुरक्षा परिषद भारत (डीएससीआई), श्री राजीव नंदवानी, वैश्विक सूचना सुरक्षा निदेशक, बोस्टन कंसल्टिंग समूह, सुश्री दीपा कपिल, निदेशक, टेट्रा सूचना सेवा प्राइवेट लिमिटेड, डॉ श्रीराम बिरुदावोलु, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, साइबर सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र, (डीएससीआई) अन्य शामिल थे। समापन सत्र में लेफ्टिनेंट जनरल एम यू नायर, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (एनसीएससी) - पीएमओ, भारत सरकार ने भाग लिया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jan 10, 2025
जिला पदाधिकारी प्रशांत कुमार तथा उप विकास आयुक्त कुमार निशांत विवेक की उपस्थिति में कुचायकोट प्रखंड का किया गया औचक निरीक्षण
गोपालगंज- बिहार,10 जनवरी 2025 (यूटीएन)। जिला पदाधिकारी गोपालगंज प्रशांत कुमार सी एच द्वारा उप विकास आयुक्त कुमार निशांत विवेक की उपस्थिति में कुचायकोट प्रखंड का औचक निरीक्षण किया गया जिला पदाधिकारी द्वारा विभिन्न पंचायतों में बनाए जा रहे खेल मैदान का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में जिला पदाधिकारी द्वारा अपग्रेडेड हाई स्कूल कुचायकोट बालक और पंचायत राज सोनहुला गोखुल के जगन्नाथपुर में बनाए जा रहे खेल मैदान में वालीबाल, बास्केटबाल कोर्ट आदि के निर्माण कार्यों में मानक अनुसार निर्माण का निरीक्षण किया गया वहां किये जा रहे हैं कार्यों की गुणवत्ता को देखा गया साथ ही जिला पदाधिकारी द्वारा निर्माण कार्य में प्रयोग किए जा रहे बालू ,ईंट और कंक्रीट के सैंपल कलेक्ट करा करके उसके गुणवत्ता जांच हेतु भिजवाया गया। साथ ही जिला पदाधिकारी द्वारा निर्माण कार्यों में निर्धारित मानक अनुसार किसी भी प्रकार की अनियमिता बरतने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई। इस क्रम में जिला पदाधिकारी के साथ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कुचायकोट अशोक कुमार सिंह, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी और सहायक अभियंता आदि उपस्थित थे इसके पश्चात जिला पदाधिकारी द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय का भी निरीक्षण किया गया। कार्यालय निरीक्षण के क्रम में जिला पदाधिकारी द्वारा विभिन्न पंजों का अवलोकन किया गया उपस्थिति पंजी अवलोकन के क्रम में कई कर्मी अनुपस्थित पाए गए जिम कार्यालय अधीक्षक राज किशोर श्रीवास्तव अनुपस्थित थे। वही उमेश माझी उपस्थित थे ,लेकिन उपस्थिति पंजी में उनकी उपस्थिति दर्ज नहीं थी वरुण दिक्षित बिना सूचना के तीन दिनों से अनुपस्थित पाए गए। शशि कुमार गिरी पिछले 1 वर्ष से अनुपस्थित पाए गए हैं, इनके खिलाफ कार्रवाई हेतु आरडीडीई को पत्र भेजा गया है। कमलेश पाठक अनुपस्थित पाए गये जिला पदाधिकारी द्वारा बिना सूचना अनुपस्थित पाए जाने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं जिला पदाधिकारी द्वारा जिला शिक्षा विभाग के निर्माणाधीन भवन का भी निरीक्षण किया गया और आवश्यक निर्देश दिए गये वहीं जिला पुस्तकालय का निरीक्षण किया गया , जहां पुस्तकालय में अध्यनरत छात्रों द्वारा बताया गया कि यहां वाई-फाई व्यवस्था काफी दिनों से बंद है, साथ ही पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है ,जिस पर जिला पदाधिकारी द्वारा वाई-फाई और पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए. जिला पुस्तकालय के सभी प्रकार की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया गया जिला पदाधिकारी द्वारा पुस्तकालय के बगल में जननायक कर्पूरी ठाकुर पार्क का भी अवलोकन किया गया और उसकी साफ सफाई के निर्देश दिए. जिला पदाधिकारी द्वारा खनन विभाग के कार्यालय का भी निरीक्षण किया गया जहां उपस्थिति पंजी में बनाई गई उपस्थिती संदिग्ध पाई गई ,जिस पर जिला पदाधिकारी द्वारा उपस्थिति पंजी जांच हेतु भेज दिया गया. गोपालगंज-संवाददाता,(शैलेश कुमार तिवारी)।
Ujjwal Times News
Jan 10, 2025
अमेरिका को भारतीय निर्यात के लिए शुल्क की दर से संबंधित मुद्दे पर पीएचडीसीसीआई ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र
नई दिल्ली, 09 जनवरी 2025 (यूटीएन)। पीएचडीसीसीआई ने वित्त मंत्री को एक पत्र लिखकर अमेरिका को भारतीय निर्यात के लिए शुल्क की दर से संबंधित मुद्दे पर आने वाली अनेक समस्याओं को सुलझाने का अनुरोध किया है। पिछले कई वर्षों के दौरान सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों और सुधारों की बहुत सराहना करते हुए पीएचडी सीसीआई द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि मेक इन इंडिया, उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना और प्रधानमंत्री गति शक्ति (पीएमजीएस) योजना से लेकर नई लॉजिस्टिक्स नीति तक के सुधारों ने देश में व्यापार करने में आसानी को बढ़ाकर और व्यापार करने की लागत को कम करके आर्थिक विकास की गति को तेज किया है। हमें गर्व है कि हमारा देश प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। पत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका में निर्यातकों के सामने आने वाली अनेक चुनौतियों की ओर केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए उनका समाधान करने का अनुरोध किया है। पीएचडी सीसीआई ने कहा कि उच्च प्रतिपूरक शुल्क (सीवीडी) और एंटी-डंपिंग शुल्क (एडीडी): आयातित उत्पादों पर सीवीडी अमेरिका में भारतीय निर्यातकों पर एक महत्वपूर्ण बोझ डालता है, विशेष रूप से एमईआईएस लाभों की वापसी और कम निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट के बाद, जिसके परिणामस्वरूप केवल 2.1% निर्यात लाभ होता है। इसके विपरीत, उन्हें 9.42% सीवीडी और मनमाने एडीडी का सामना करना पड़ता है, जो वियतनाम और ब्राजील जैसे देशों की तुलना में प्रतिस्पर्धात्मक नुकसान पैदा करता है। खेल के मैदान को समतल करने के लिए, यह अनुरोध किया जाता है कि ऐड दरों को व्यक्तिगत इकाई डेटा के आधार पर सुव्यवस्थित किया जाए या कम सामान्य शुल्क दर पर सेट किया जाए। पत्र में भेदभावपूर्ण टैरिफ कोटा की चर्चा करते हुए कहा है कि तम्बाकू के लिए वर्तमान कोटा आवंटन वैश्विक उत्पादन प्रवृत्तियों के साथ गलत है, जिसके परिणामस्वरूप एक महत्वपूर्ण हिस्सा अप्रयुक्त रह जाता है। टैरिफ आवंटन से अधिक मात्रा पर औसत आयात शुल्क 350% है। 1986 में स्थापित, कुल राजस्व कोटा देश द्वारा तम्बाकू उत्पादन को ध्यान में नहीं रखता है, जिसके कारण केवल 46% पूर्ति होती है। भारत, 2024 में 351 मिलियन किलोग्राम के अनुमानित उत्पादन के साथ एफसीबी तम्बाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, इसका कोई अलग कोटा नहीं है और इसे केवल 3,000 मीट्रिक टन के सीमित अन्य देशों के कोटे के तहत प्रतिस्पर्धा करनी होगी। भारत से अमेरिका में फ्रोजन झींगा के आयात पर काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) इक्वाडोर, वियतनाम आदि जैसे प्रतिस्पर्धी मूल की तुलना में अधिक है: भारत वैश्विक झींगा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी है, जो मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोपीय संघ और मध्य पूर्व को निर्यात करता है, जिसका वर्तमान निर्यात 5.7 एलएमटी तक पहुंच गया है। हालांकि, भारतीय झींगा उद्योग को इक्वाडोर और वियतनाम से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जो अनुकूल परिस्थितियों और सरकारी समर्थन के कारण उच्च उत्पादन मात्रा और कम लागत से लाभान्वित होते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय झींगा आयात के लिए काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) में बढ़ोतरी का मूल्यांकन कर रहा है, जबकि इक्वाडोर के लिए कमी का प्रस्ताव कर रहा है। निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए, प्रतिस्पर्धी क्षेत्रों में सीवीडी दरों को समान करना महत्वपूर्ण है। खाद्य उद्योग में अमेरिका का भारत के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं है, जो 2019 में जीएसपी से हटाए जाने के बाद से सामान्य व्यापार संबंधों के तहत है। भारतीय निर्यातकों को कई खाद्य उत्पादों में टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जिसमें टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) लागू है। अमेरिका ने एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा के पिछले मामलों के कारण भारत से पोल्ट्री और मांस उत्पादों के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। भारत से निर्यात किए जाने वाले पेपरबोर्ड उत्पादों के लिए अमेरिका में आयात शुल्क शून्य है। अमेरिकी उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने और प्लास्टिक मुक्त और कम प्लास्टिक पैकेजिंग उत्पादों की ओर पलायन की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करने के लिए भारतीय विनिर्माण को अमेरिका में शुल्क मुक्त पहुंच बनाए रखने का प्रस्ताव है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Pradeep Jain
Jan 9, 2025
विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित करने और राज्य के विकास के लिए दिल्ली आए ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात
नई दिल्ली, 09 जनवरी 2025 (यूटीएन)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश में विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित करने और राज्य के विकास के लिए दिल्ली आए तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी मुलाकात के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस भेंट में राज्य के विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा हुई और प्रधानमंत्री का बहुमूल्य मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड आने का औपचारिक निमंत्रण दिया। उन्होंने राज्य में खेलों के आयोजन के लिए चल रही तैयारियों और इससे युवाओं को मिलने वाले लाभों के बारे में भी चर्चा की। इसके साथ ही, उन्होंने राज्य में पर्यटन, रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं का खाका प्रस्तुत किया और उनके लिए केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को शीतकालीन यात्रा के महत्व और इसे लेकर श्रद्धालुओं के उत्साह के बारे में भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इस बार शीतकालीन यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं, जिससे राज्य के पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल से भेंट कर बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित कार्य अंतिम चरण में हैं। मुख्यमंत्री ने सभी कार्यों को समय से पूरा करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आवंटित अवशेष धनराशि जल्द उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने गंगा और उनकी सहायक नदियों के अतिरिक्त अन्य नदी घाटियों पर स्थित जल विद्युत परियोजनाओं की स्वीकृति दिए जाने का भी अनुरोध किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया से भेंट कर जनपद अल्मोड़ा के डीनापानी में उच्च स्तरीय खेल सुविधाओं हाई एल्टीट्यूट सेन्टर के निर्माण और प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान किए जाने हेतु एक-एक बहुद्देशीय स्पोर्ट्स हॉल की स्थापना के लिए आवश्यक धनराशि स्वीकृत करने का अनुरोध किया। धामी ने देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज परिसर में स्थित आईस स्केटिंग रिंग के संचालन के लिए पूर्व में प्रेषित प्रस्ताव पर स्वीकृति के साथ ही राज्य सरकार द्वारा जनपद नई टिहरी स्थित शिवपुरी में संचालित साहसिक प्रशिक्षण केन्द्र के उच्चीकरण के लिए भी धनराशि की स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से जिला चम्पावत में महिला स्पोर्टस कालेज की भूमि पर इण्डोर आर्टिफिशियल रॉक क्लाइबिंग वाल के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता का आग्रह किया। पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी से शिष्टाचार भेंट कर विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 9, 2025
आंखों में आंसू...जोरदार तालियां... दिल्ली एम्स से कुछ यूं विदा हुआ आंखों का 'भगवान'
नई दिल्ली, 07 जनवरी 2025 (यूटीएन)। कहते हैं डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं। मरीज जब थक हारकर इनके पास आता है,तब उसे लगता है कि धरती पर एक डॉक्टर ही है जो जान बचा सकता है। दिल्ली एम्स के सीनियर चिकित्सक और पद्म श्री से सम्मानित डॉ जीवन सिंह तीतीयाल के साथ भी कुछ ऐसा ही है। मरीजों के लिए भी वह आंखों के भगवान ही थे। उनके सेवा भाव ने साथी डॉक्टरों के साथ मरीजों के बीच उनकी खास पहचान बना दी थी। दिल्ली एम्स में वर्षों की सेवा के बाद उनके रिटायर होने की घड़ी आई, सबके आंसू छलक गए। सोशल मीडिया पर 1 मिनट 30 सेकेंड का वीडियो देख शायद आप भी इमोशनल हो जाएंगे। अपने साथियों को भावुक देख खुद डॉ जीवन सिंह तीतीयाल भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। एक तरफ रिटायरमेंट की ओर कदम बढ़ रहे थे तो दूसरी ओर डॉ जीवन के लिए हर पल उन्हें भावुक कर रहा था। *रिटायरमेंट का वीडियो इमोशनल करने वाला* दिल्ली एम्स के वरिष्ठ चिकित्सक औक पद्म श्री डॉ. जीवन सिंह तीतीयाल का एक वीडियो खूब वायरल है। वीडियो है तो 1 मिनट 30 सेकेंड का,लेकिन जैसे हर सेकेंड उनके रिटायरमेंट की खबर के बाद लंबा लग रहा है। अपने साथी चिकित्सकों से घिरे डॉ. जीवन के आंसू नहीं रुक रहे तो वहीं लोग उनके सम्मान में तालियां बजा रहे हैं। कई के आंखें नम हैं तो मरीजों को देखकर लग रहा है कि उनके पास कहने को शब्द ही नहीं हैं। जिनसे भी वे गले लग रहे हैं, वह उनके रिटायरमेंट पर दुखी है। *कौन हैं डॉक्टर जीवन?* डॉ. तितियाल का जन्म उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हुआ था और उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एम्स दिल्ली में काम करना शुरू किया था। उन्होंने अपने काम के दौरान न सिर्फ हजारों लोगों की आंखों की रोशनी लौटाई,बल्कि आंखों के बारे में कई नई चीजें भी खोजीं जो आज भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। जब डॉ.तितियाल रिटायर हुए, तो उनके साथ काम करने वाले लोग और मरीज दोनों इमोशनल थे। उन्होंने अपने काम के प्रति जो समर्पण दिखाया,उसने न सिर्फ उन्हें बल्कि पूरे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को भी एक नई दिशा दी। *इन शख्सियतों का भी किया ऑपरेशन* डॉ. तितियाल ने बहुत ही महत्वपूर्ण लोगों का भी इलाज किया था। इनमें दलाई लामा और अटल बिहारी वाजपेयी का नाम भी शामिल है। उनके काम की वजह से न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं। इसीलिए सरकार ने उन्हें 2014 में पद्मश्री पुरस्कार दिया गया था। इतना ही नहीं,उन्होंने एक लाख से ज्यादा लोगों की आंखों का सफल ऑपरेशन किया है। वे अपने काम को लेकर बहुत मेहनती थे और लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे, इसीलिए उनके साथ काम करने वाले लोग और उनके मरीज दोनों ही उनका बहुत सम्मान करते थे। उनकी मेहनत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जब वे रिटायर हुए,तब भी उन्होंने सात लोगों की आंखों का ऑपरेशन किया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jan 7, 2025
आसाराम को अंतरिम जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने अनुयायियों से मिलने की नहीं दी इजाजत
नई दिल्ली, 07 जनवरी 2025 (यूटीएन)। दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा आसाराम बापू जल्द जेल से बाहर आएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में दुष्कर्म मामले में आसाराम बापू को चिकित्सा आधार पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद आसाराम सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेगा। आसाराम को अपने अनुयायियों से मिलने की इजाजत नहीं है। न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने आसाराम को रिहाई के बाद अपने अनुयायियों से नहीं मिलने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि 86 वर्षीय आसाराम हृदय रोग के अलावा उम्र संबंधी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है। वह केवल चिकित्सा आधार पर इस मुद्दे की जांच करेगा। आसाराम को 2013 में अपने जोधपुर आश्रम में 16 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया गया था। 2018 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले उसने कई बार स्वास्थ्य के आधार पर सजा निलंबित करने की याचिका दायर की थी, लेकिन याचिका को पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने 2023 में गांधीनगर अदालत द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की आसाराम की याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा था। आसाराम वर्तमान में बलात्कार के एक अन्य मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है। *अगस्त में सात दिन के लिए आया था जेल से बाहर* इससे पहले अगस्त में आसाराम को दिल संबंधी बीमारी का इलाज कराने के लिए जोधपुर की सेंट्रल जेल से बाहर लाया गया था। हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को आसाराम को पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में सात दिनों तक इलाज कराने की अनुमति दी थी। साथ ही पैरोल देते समय हाईकोर्ट ने कुछ शर्तें रखी थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि उसके साथ चार पुलिसकर्मी यात्रा करेंगे, उन्हें अपने साथ दो परिचारक रखने की भी अनुमति थी। उसे पुणे में एक निजी कॉटेज में रखा जाएगा और इलाज का पूरा खर्च और आने-जाने के साथ-साथ पुलिस व्यवस्था में होने वाला खर्च भी उसे ही वहन करना होगा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Pradeep Jain
Jan 7, 2025