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भारत के हथियारों की दुनिया में धूम मची

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। हथियारों को निर्यात करने में भारत तेजी से आगे बढ़ा है. पहले भारत सबसे ज्यादा हथियार आयात करता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. इकोनॉमिक सर्वे 2024 में पता चला कि भारत ने 85 देशों को ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर पिनाका रॉकेट और तोपें बेची हैं. हथियार खरीदने वालों में आर्मेनिया और फिलीपीन्‍स, इटली, मालदीव, रूस, श्रीलंका, यूएई, सऊदी अरब, पोलैंड, मिस्र, इजरायल और स्‍पेन चिली शामिल हैं. इन देशों में तोप के गोले भी भेज रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 के वित्तीय वर्ष में भारत का डिफेंस प्रॉडक्शन 74,054 करोड़ रुपये का था, जो 2023 में बढ़कर 1,08,684 करोड़ पहुंच गया है. 2015 से 2019 के बीच में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार खरीदने वाला देश था, लेकिन वह अब टॉप 25 हथियार निर्यातक देशों में शामिल हो गया है.    *सरकार ने इन योजनाओं का मिल रहा फायदा* दरअसल, भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कई स्कीम लॉन्च कीं, जिनमें पीएलआई समेत कई सारे इंसेंटिव दिए जा रहे हैं. हाल ही में सरकार ने कई हथियार निर्यात करने को भी मंजूरी दी. आंकड़ों की मानें तो अभी 100 से अधिक कंपनियां हथियार और उपकरण निर्यात कर रही हैं. इनमें डोर्नियर 228 विमान, तोपें, ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल, पिनाका रॉकेट सिस्‍टम, बॉडी आर्मर, हेलमेट, गोला बारूद, रडार, तोप के गोले समेत कई तरह के उपकरण हैं. सबसे ज्यादा HAL कंपनी विमानों की सप्लाई कर रही है, जिसका फायदा भी मिल रहा है.   *चीन को भी दिया संदेश* वहीं, भारत में निर्मित फाइटर जेट तेजस भी विदेशों में सप्लाई होने वाला है, जिसको लेकर कई देशों ने रुचि दिखाई है. इसके अलावा भारत की कंपनी एचएएल कई हेलीकॉप्टर भी निर्यात कर चुकी है. भारत आर्मेनिया और फिलीपीन्‍स जैसे देशों को हथियार दे रहा है. फिलीपीन्‍स को भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल देकर चीन को भी एक संदेश दे दिया है.          

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Jul 24, 2024

जन-केंद्रित बजट:संजीव पुरी, अध्यक्ष, सीआईआई

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। नई सरकार के पहले बजट ने नौकरियों के सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए सतत और न्यायसंगत विकास के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है। बजट 2025-26 समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रदान करता है ताकि प्रत्येक भारतीय नए और प्रगतिशील भारत की विकास आकांक्षाओं में एक इक्विटी धारक बन सके। विकसित भारत के लिए बजट में अनावरण की गई नौ प्रमुख प्राथमिकताएँ एक समावेशी लचीले, समृद्ध, पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और तकनीकी रूप से उन्नत भारत के लिए एक व्यापक खाका प्रदान करती हैं, जो 2047 में विकसित भारत की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।   बजट में रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया है, साथ ही कृषि, शहरी विकास, राज्यों को अगली पीढ़ी के सुधारों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करने, उपभोग, निवेश और मांग के चक्र को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने, स्टार्ट-अप और महिलाओं को समर्थन देने आदि पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह समय के साथ लिया गया कदम है और लोगों को सशक्त बनाने और उपभोग और विकास को गति प्रदान करते हुए विकास को समावेशी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। ऐसा करने में, वित्त मंत्री को चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को उम्मीद से बेहतर जीडीपी के 4.9 प्रतिशत पर लाकर चतुर वित्तीय प्रबंधन का प्रदर्शन करने के लिए श्रेय दिया जाना चाहिए, जबकि पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखा, जो कि चुनौतीपूर्ण बाहरी परिवेश और भारत पर इसके प्रभाव को देखते हुए कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।   वहीं सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी का कहना है कि केंद्रीय बजट समावेशन के साथ विकास को आगे बढ़ाने के लिए भारत की सफल समग्र आर्थिक रणनीति को निरंतरता प्रदान करता है केंद्रीय बजट 2024-25 निवेश और सुधारों के नेतृत्व में सरकार की पिछली दो कार्यकालों की सफल आर्थिक रणनीति को आगे बढ़ाता है और समावेशन और सशक्तिकरण पर केंद्रित है। रोजगार सृजन और विकास के दोहरे उद्देश्यों के साथ अगली पीढ़ी के सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों के साथ सहयोग की घोषणा एक स्वागत योग्य कदम है। 5 वर्षों की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान, भारत के युवाओं को भारत की विकास कहानी में भाग लेने के लिए सशक्त बनाने में मदद करेगा।   महिलाओं और लड़कियों के लिए योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के आवंटन के साथ, महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास एक उच्च प्राथमिकता बनी हुई है। रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) के तहत घोषित तीन योजनाएं वास्तव में स्वागत योग्य हैं और सीआईआई की सिफारिशों के अनुरूप हैं।   सब्जी क्लस्टर स्थापित करना, कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को बढ़ावा देना और सहकारी समितियों को बढ़ावा देना जैसी पहल भारतीय किसानों को सशक्त बनाएगी और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगी। बजट में सभी के लिए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से घोषित नौ प्राथमिकताओं ने भारत को निरंतर उच्च विकास पथ पर अग्रसर होने के लिए मंच तैयार किया है, जो कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

शाह, राजनाथ, शिवराज से गडकरी तक... बजट में किस मंत्री को मिला सबसे ज्यादा पैसा

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश कर दिया. सीतारमण के मुताबिक, बजट में गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं पर फोकस रखा गया है. हर बार की तरह इस बार भी आम बजट में मंत्रालय के लिए भी पैसा आवंटित किया गया है. आइए जानते हैं कि मोदी सरकार ने मंत्रालयों के लिए कितने पैसों का प्रावधान किया गया है. बजट 2024-25 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को सबसे ज्यादा पैसा मिला है. यह मंत्रालय नितिन गडकरी के पास है. बजट में नितिन गडकरी के परिवहन मंत्रालय के लिए 544128 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.    *रक्षा मंत्रालय को 454773 करोड़ रु* इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर रक्षा मंत्रालय है, जो राजनाथ सिंह के पास है. बजट में रक्षा मंत्रालय के लिए 454773 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा अमित शाह के गृह मंत्रालय के लिए 150983 करोड़ का प्रावधान किया गया है.    *कृषि के लिए 151851 करोड़ का प्रावधान* वहीं, शिवराज सिंह चौहान के कृषि मंत्रालय के लिए बजट में 151851 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा हेल्थ मिनिस्ट्री के लिए 89287 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह मंत्रालय जेपी नड्डा के पास है.इसके अलावा धर्मेंद्र प्रधान के शिक्षा मंत्रालय के लिए 125638 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं, विदेश मंत्रालय के लिए 22155 करोड़ का प्रावधान किया गया है. शहरी विकास के लिए बजट में 82577 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसके अलावा ऊर्जा मंत्रालय को 68769 करोड़ रुपये, आईटी और दूरसंचार मंत्रालय के लिए 116342 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं, ग्रामीण विकास के लिए 265808 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 के लिए बजट पेश करते हुए कहा, इस साल मैंने ग्रामीण अवसंरचना सहित ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.    *4 साल में सबसे कम हुआ साइज, वित्त मंत्री ने रक्षा बजट में की 1.67 लाख करोड़ की कटौती* बजट में उन्होंने कृषि से लेकर युवाओं के कौशल विकास तक कई सेक्टरों के लिए ऐलान किए. वहीं दूसरी ओर इस बजट में रेलवे और डिफेंस जैसे सेक्टरों को निराशा हाथ लगी. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में जहां रेलवे का एक ही बार जिक्र किया, वहीं रक्षा क्षेत्र के बजट में भारी-भरकम कटौती कर दी गई.   *अंतरिम बजट की तुलना में इतनी बड़ी कटौती* वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.54 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे पहले फरवरी में आए अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र को 6.21 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया था. यानी चार महीने पहले आए अंतरिम बजट की तुलना में अब पूर्ण बजट में रक्षा क्षेत्र का आवंटन 1.67 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब डिफेंस सेक्टर के बजट में इस तरह की कटौती हुई है.   इस तरह बढ़ रहा था रक्षा क्षेत्र पर खर्च इससे पहले मोदी सरकार के कार्यकाल में रक्षा क्षेत्र का बजट लगातार बढ़ता गया था. इस बार के बजट से पहले पिछले चार साल में रक्षा बजट का आकार लगभग 30 फीसदी बढ़ा था. साल 2020 के बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए सरकार ने 4.71 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. उसके बाद 2021 के बजट में रक्षा क्षेत्र के खर्च को बढ़ाकर 4.78 लाख करोड़ रुपये किया गया था. *4 साल में सबसे कम हुआ रक्षा बजट* साल 2022 के बजट में पहली बार रक्षा बजट का आकर 5 लाख करोड़ रुपये के पार निकला था और 5.25 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था. वहीं पिछले साल यानी 2023 के बजट में रक्षा क्षेत्र को मोदी सरकार ने 5.94 लाख करोड़ रुपये दिया था. चार महीने पहले आए अंतरिम बजट में तो रक्षा बजट का साइज बढ़कर 6 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया था. हालांकि इस बार रक्षा क्षेत्र को 4.54 लाख करोड़ रुपये मिले हैं, जो 4 साल में सबसे कम हैं. साल 2019 में रक्षा क्षेत्र को इससे भी कम 3.19 लाख करोड़ रुपये मिले थे.   *6 लाख करोड़ से ज्यादा की थी उम्मीद* पिछले साल आए बजट तक देखें तो बीते 4 साल के दौरान रक्षा क्षेत्र के बजट में 6.5 फीसदी की सालाना दर (सीएजीआर) से बढ़ोतरी हो रही थी. मोदी सरकार रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की महात्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है. सरकार चाहती है कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों का ज्यादा से ज्यादा सामान खुद तैयार करे और आयात पर निर्भरता कम हो. इसके साथ ही सरकार का जोर सेनाओं के आधुनिकीकरण पर है. ऐसे में लोग रक्षा क्षेत्र का बजट 6 लाख करोड़ रुपये से तो ऊपर ही रहने की उम्मीद कर रहे थे.   *रेलवे सेक्टर हो गया इग्नोर, वित्त मंत्री के भाषण में सिर्फ एक बार आया जिक्र* वित्त वर्ष 2024-25 के बजट से उम्मीद लगाए बैठे रेल यात्रियों के हाथ एक बार फिर निराशा आई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मंगलवार को संसद में नया बजट पेश किया. उनके बजट भाषण में रेलवे सेक्टर पूरी तरह से हााशिए पर खिसक गया और करीब डेढ़ घंटे के भाषण में सिर्फ एक बार रेलवे का जिक्र आया.   *साल 2016 में आया था आखिरी रेल बजट* कुछ साल पहले तक बजट के सीजन में रेल बड़ा आकर्षण हुआ करता था. अभी बहुत समय नहीं बीता है, जब अलग से रेल बजट आया करता था और उसे खूब सुर्खियां मिली करती थीं. हालांकि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सितंबर 2016 में रेल बजट को आम बजट में शामिल करने की मंजूरी दे दी गई. उसके बाद 2017 में जब बजट पेश हुआ तो रेल बजट उसका एक हिस्सा बन चुका था.   *आंध्र प्रदेश के बहाने हुआ एक बार जिक्र* हालांकि अलग से रेल बजट समाप्त होने के बाद संयुक्त बजट में भी रेलवे की अच्छी-खासी हिस्सेदारी होती थी. बजट में रेलवे को लेकर कई बड़ी योजनाओं का ऐलान किया जाता था. ऐसा पहली बार हुआ है, जब बजट में रेलवे इस तरह से हाशिए पर खिसका हो और पूरे बजट भाषण में उसके हिस्से में सिर्फ एक बार का जिक्र आया हो. दिलचस्प है कि वह एक जिक्र भी सीधे-सीधे रेलवे के कारण नहीं हुआ. वित्त मंत्री ने वह एकमात्र जिक्र आंध्र प्रदेश में इंफ्रा प्रोजेक्ट के बारे में बोलने के दौरान किया.   *इन उम्मीदों पर बजट में फिरा पानी* बजट से पहले लोग रेलवे को लेकर काफी उम्मीद लगाए हुए थे. मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में रेलवे पर काफी काम भी किया है. हाल-फिलहाल में एक के बाद एक कई रेल दुर्घटनाएं सामने आई हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि बजट में रेल यात्रा को सुरक्षित बनाने संबंधी उपायों का ऐलान किया जा सकता है. वहीं रेल यात्रा से जुड़ी सालों पुरानी टिकट नहीं मिलने की समस्या के समाधान की भी उम्मीद की जा रही थी. ऐसा माना जा रहा था को मोदी सरकार बजट में नई व आधुनिक ट्रेनों की सौगात रेल यात्रियों को दे सकती है.   *वरिष्ठ नागरिकों-महिलाओं को रियायत नहीं* रेल यात्रियों में वरिष्ठ नागरिकों को महिलाओं को कोविड के बाद से समाप्त रियायत बहाल होने की भी उम्मीद थी. कोविड से पहले तक वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को रेल टिकट पर विशेष रियायत मिलती थी. लॉकडाउन के बाद जब दोबारा ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ तो इस रियायत को समाप्त कर दिया गया. ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस बजट में रियायतें दोबारा चालू हो सकती हैं. हालांकि सरकार ने इस मुद्दे पर अपना रुख हमेशा साफ रखा था कि उसका इरादा इन रियायतों को फिर से शुरू करने का नहीं है.   *जानिए किसे-कितनी राशि आवंटित की गई?* मंत्रालय। ** राशि (करोड़ रुपए में) वित्त मंत्रालय 1858158.52 रक्षा मंत्रालय 621940.85 सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 278000.00 रेल मंत्रालय 255393.00 उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय 223323.36 गृह मंत्रालय 219643.31 ग्रामीण विकास मंत्रालय 180233.43 रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय 168499.87 संचार मंत्रालय 137293.90 कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय 132469.86 शिक्षा मंत्रालय 120627.87 जल शक्ति मंत्रालय 98713.78 स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 90958.63 आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय 82576.57 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 26092.19 परमाणु ऊर्जा विभाग 24968.98 श्रम और रोजगार मंत्रालय 22531.47 विदेश मंत्रालय 22154.67 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय 22137.95 इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय 21936.90 ऊर्जा मंत्रालय 20502.00 नवीन और नवीकरणीय मंत्रालय ऊर्जा 19100.00 विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय 16628.12 पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय 15930.26 सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता 14225.47 अंतरिक्ष विभाग 13042.75 आदिवासी मामलों का मंत्रालय 13000.00 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय 11469.14 भारी उद्योग मंत्रालय 7242.00 मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय 7137.68 कानून और न्याय मंत्रालय 6788.33 पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय 5900.00 सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय 5453.83 कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय 4520.00 वस्त्र मंत्रालय 4417.03 सूचना और प्रसारण मंत्रालय 4342.55 आयुष मंत्रालय 3712.49 युवा मामले एवं खेल मंत्रालय 3442.32 पर्यावरण, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय जलवायु परिवर्तन 3330.37 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय 3290.00 संस्कृति मंत्रालय 3260.93 अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय 3183.24 पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय 3064.80 कॉर्पोरेट मामले मंत्रालय 2667.06 पर्यटन मंत्रालय 2479.62 कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय 2379.87 बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय 2377.49 नागरिक उड्डयन मंत्रालय 2357.14 खान मंत्रालय 1941.06 राष्ट्रपति, संसद, संघ लोक सेवा आयोग और उपराष्ट्रपति का सचिवालय 1884.92 पंचायती राज मंत्रालय 1183.64 सहकारिता मंत्रालय 1183.39 योजना मंत्रालय 837.26 इस्पात मंत्रालय 325.66 कोयला मंत्रालय 192.55 संसदीय मामलों का मंत्रालय 64.00 कुल योग 4820512.08.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

कांग्रेस का वार: 'खुशी है कि वित्त मंत्री ने हमारा घोषणापत्र पढ़ा

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। बजट पेश होते ही कांग्रेस ने चुटकी ली। कहा कि खुशी है कि वित्त मंत्री ने लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस का 2024 का घोषणापत्र पढ़ा है। वहीं, सबसे पुरानी पार्टी ने यह भी कहा कि बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है। दरअसल, वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट-2024-25 में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है, जिसके तहत युवाओं को इंटर्नशिप के साथ पांच हजार रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।   *पहली नौकरी पक्की...* पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने जिस इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है वह इस लोकसभा चुनाव के कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए प्रशिक्षुता के अधिकार के वादे पर आधारित है, जिसके तहत उसने डिप्लोमा एवं डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ एक साल तक हर महीने 8500 रुपये देने का वादा किया था। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को ‘पहली नौकरी पक्की’ नाम भी दिया था।   *सरकार ने कांग्रेस का घोषणापत्र पढ़ा* पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि वित्त मंत्री ने चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस का लोकसभा 2024 का घोषणापत्र पढ़ा है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 30 पर उल्लिखित रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) को अपना लिया है।’ उन्होंने आगे कहा, 'मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 11 पर उल्लिखित प्रत्येक प्रशिक्षु के लिए भत्ते के साथ-साथ प्रशिक्षुता योजना भी शुरू की है। काश, वित्त मंत्री ने कांग्रेस घोषणापत्र में कुछ अन्य विचारों की नकल की होती। मैं शीघ्र ही छूटे हुए बिंदुओं की सूची बनाऊंगा।   *सरकार ने माना कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट* कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है तथा केंद्र सरकार ने 10 साल के इनकार के बाद स्वीकार किया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार नौकरी बाजार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को एक महीने का पीएफ (भविष्य निधि) योगदान देकर प्रोत्साहन देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत 5,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।   *वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली* रमेश ने सोशल मीडिया मंच पर कहा, ‘वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली है, जिसमें इसका इंटर्नशिप कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे पहली नौकरी पक्की कहा गया था। हालाकि, अपनी चिरपरिचित शैली में योजना को सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए गारंटी के बजाय मनमाने लक्ष्य (एक करोड़ इंटर्नशिप) के साथ, सुर्खियां बटोरने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने दावा किया, ‘10 साल के इनकार के बाद ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार अंततः चुपचाप स्वीकार करने के लिए आगे आई है कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। रमेश ने कहा कि अब तक बहुत देर हो चुकी है और लगता है कि बजट भाषण कदम उठाने की तुलना में दिखावे पर अधिक केंद्रित है।    *राहुल ने इसे कुर्सी बचाओ बजट बताया* मोदी 3.0 के पहले बजट को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता जमकर तारीफ कर रहे हैं. वहीं इस बजट को लेकर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के कद्दावर नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने इसे कुर्सी बचाओ बजट बताया. राहुल गांधी ने इस बजट को सहयोगियों को खुश करने वाला बताया है. उन्होंने कहा, बजट में अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे (सहयोगियों) खोखले वादे किए गए. राहुल ने कहा, ये बजट अपने मित्रों को खुश करने के लिए लाया गया है. इससे अडानी अंबानी को लाभ होगा और आम भारतीय को कोई राहत नहीं मिलेगी. इतना ही नहीं राहुल गांधी ने इस बजट को कॉपी पेस्ट करार दिया. राहुल ने दावा किया कि बजट कांग्रेस के घोषणा पत्र और पिछले बजट से कॉपी किया गया है.    *बजट पर क्या बोले खरगे?* उधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इसे कॉपी पेस्ट बजट करार दिया. खरगे ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का नकलची बजट. मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी रेवड़ियां बांट रहा है, ताकि एनडीए बची रहे. ये देश की तरक्की का नहीं मोदी सरकार बचाओ बजट है.    *बजट पर क्या बोलीं मायावती?* बसपा अध्यक्ष मायावती ने संसद में पेश केन्द्रीय बजट को अच्छे दिन की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा बताया है. मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्ना सेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु अच्छे दिन की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है.   मायावती ने कहा, देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहां के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव है.    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) | 

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Jul 24, 2024

रोजगार से आयकर तक बजट के दस बड़े एलान

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवर को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बार के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने एंजल टैक्स समाप्त करने और नई कर प्रणाली के तहत कर दरों में बदलाव करने का भी एलान किया है। वित्त मंत्री ने पहली बार नौकरी करने वालों को भी राहत देने से जुड़ी घोषणाएं की हैं। आइए 10 बिंदुओं में समझते हैं बजट से जुड़ी खास बातें।   *1. पहली बार नौकरी पाने वालों को तोहफा* सरकार की नौ प्राथमिकताओं में से एक है रोजगार और कौशल विकास। इसके तहत पहली बार नौकरी करने वालों को बड़ी मदद मिलने जा रही है। फॉर्मल सेक्टर में पहली बार नौकरी की शुरुआत करने वालों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। यह वेतन डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए तीन किस्तों में जारी होगा। इसकी अधिकतम राशि 15 हजार रुपये होगी। ईपीएफओ में पंजीकृत लोगों को यह मदद मिलेगी। योग्यता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह होगी। इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होगा।   *2. पीएफ में एक महीने का योगदान सरकार देगी* सरकार रोजगार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को भी फायदा देने जा रही है। यह फायदा भविष्य निधि यानी पीएफ में एक महीने के योगदान के रूप में होगा।   *3. एक करोड़ युवाओं को टॉप-500 कंपनियों में 12 महीने इंटर्नशिप और हर महीने भत्ता* वित्त मंत्री निर्मण सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार एक करोड़ युवाओं को अगले पांच साल में टॉप-500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका देगी। यह इंटर्नशिप 12 महीने की होगी। इसमें युवाओं को कारोबार के वास्तविक माहौल को जानने और अलग-अलग पेशे की चुनौतियों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। इसके तहत युवाओं को हर महीने पांच हजार रुपये का भत्ता भी दिया जाएगा। यही नहीं, उन्हें एकमुश्त मदद के रूप में छह हजार रुपये दिए जाएंगे। कंपनियों को अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत प्रशिक्षण का खर्च और इंटर्नशिप की 10 फीसदी लागत को वहन करना होगा।   *4. नई कर प्रणाली के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव* नई कर प्रणाली में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। पारिवारिक पेंशन पर छूट की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि इन दोनों बदलावों से चार करोड़ नौकरीपेशा और पेंशनरों को फायदा मिलेगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि टैक्स स्लैब में बदलाव से 10 लाख से ज्यादा वेतन पाने वालों को 17,500 रुपये की बचत होगी। नई कर प्रणाली में टैक्स स्लैब इस तरह से तैयार किया गया है। शून्य - 3 लाख रुपये - 0 3 से 7 लाख रुपये - 5% 7 से 10 लाख रुपये - 10% 10 से 12 लाख रुपये - 15% 12 से 15 लाख रुपये - 20% 15 लाख से ज्यादा - 30%  *5. म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई के री-पर्चेस पर अब नहीं लगेगा टीडीएस* चैरिटी के मामलों में दो अलग-अलग व्यवस्थाओं की जगह एक कर छूट व्यवस्था होगी।  विभिन्न भुगतान के लिए पांच फीसदी टीडीएस की जगह दो फीसदी टीडीएस की व्यवस्था होगा। म्यूच्युअल फंड्स या यूटीआई के री-पर्चेस पर 20 फीसदी टीडीएस को वापस ले लिया गया है। ईकॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए टीडीएस को एक फीसदी से घटाकर 0.1 फीसदी कर दिया गया है। *6. पीएम गरीब कल्याण योजना 5 साल के लिए बढ़ी* हमने पीएम गरीब कल्याण योजना को 5 साल के लिए बढ़ाया। इससे 80 करोड़ से अधिक गरीबों को लाभ हो रहा। रोजगार, कौशल प्रशिक्षण के लिए पीएम की पांच योजनाओं के पैकेज की घोषणा। इससे पांच साल में 4 करोड़ 10 लाख युवाओं को लाभ होगा। इन योजनाओं पर दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अंतरिम बजट में हमने विकसित भारत को रोडमैप को देने का वादा किया था। *7. मोबाइल फोन और उपकरण सस्ते होंगे* वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन और उपकरणों के सस्ते होने से जुड़े एलान किए हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू उत्पादन में इजाफा हुआ है। इस कारण मोबाइल फोन, मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क घटाया जाएगा। घरेलू उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने की कोशिश की जाएगी। इसकी समग्र समीक्षा की जाएगी ताकि इसे और आसान किया जा सके।    *8. कैंसर की तीन और दवाओं को पूरी तरह से सीमा शुल्क से मुक्त किया गया* वित्त मंत्री ने कैंसर के मरीजों के लिए तीन और दवाओं को पूरी तरह सीमा शुल्क से मुक्त करने का एलान किया है। इसके साथ ही एक्सरे ट्यूब, फ्लैट पैनल डिटेक्टर में भी सीमा शुल्क घटाने का एलान किया गया है। सोने और चांदी पर सीमा शुल्क छह फीसदी और प्लेटिनम पर 6.4 फीसदी घटाया गया।   *9. बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये* बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान। इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का विकास होगा। बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा। बक्सर में गंगा नदी पर दो लेना वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने में भी मदद होगी। बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इसमें पिरपैंती में 2400 मेगावॉट के एक नए संयंत्र की स्थापना भी शामिल है। बिहार में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद की अवसंरचना का भी निर्माण होगा। पूंजीगत निवेशों में सहायता के लिए अतिरिक्त आवंटन उपलब्ध कराया जाएगा। बिहार सरकार के बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के अनुरोध पर तेजी से कार्यवाही होगी।   *10. वित्त मंत्री ने पर्यटन क्षेत्र से जुड़े जरूरी एलान किए* वित्त मंत्री ने पर्यटन के विकास पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान रहने ही बात अपने बजट भाषण में कही है। उन्होंने महाबोधि मंदिर के लिए कॉरिडोर निर्माण के एलान की बात कही है। गया के विष्णुपद मंदिर में भी कॉरिडौर बनाया जाएगा। यह काशी विश्वनाथ मंदिर के कॉरिडोर जैसे ही होंगे राजगीर भी बौद्ध और जैन श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है। राजगीर के तीर्थ क्षेत्रों का भी विकास होगा। नालंदा को भी पर्यटन केंद्र के रूप में मजबूत करने के लिए वहां विकास जाएगा। इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास करेगी। बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। चालू वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ और आगामी वर्षों में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। पोलावरम सिंचाई परियोजना को जल्दी पूरा कराने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इससे हमारे देश को खाद्य सुरक्षा में भी सहायता मिलेगी।   *आम बजट में सरकार ने नौ प्राथमिकताएं गिनाईं, ये हैं* 1. खेती में उत्पादकता  2. रोजगार और क्षमता विकास 3. समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय  4. विनिर्माण और सेवाएं  5. शहरी विकास 6. ऊर्जा सुरक्षा 7. अधोसरंचना 8. नवाचार, शोध और विकास 9. अगली पीढ़ी के सुधार.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा छापेमारी,दो कथित चिकित्सकों के क्लीनिक किए सील

खेकड़ा, 18 जुलाई 2024 (यूटीएन)। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को कस्बे में छापेमारी कर दो कथित चिकित्सकों को पकड़ा। कोई प्रमाणपत्र ना दिखा पाने पर उनके क्लीनिक पर सील भी लगा दी गई, इनमें एक महिला चिकित्सक की क्लिनिक भी शामिल है। क्षेत्र में बिना किसी वैध प्रमाणपत्र के चिकित्सा करने वाले कथित चिकित्सकों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग का अभियान चल रहा है। एक बिना डिग्री के चिकित्सक के क्लीनिक की तो वीडियो भी पिछले तीन दिन से वायरल होकर सोशल मीडिया पर चल रही थी।   इसमें सीएम योगी से लेकर डीएम बागपत तक को शिकायत की गई थी। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम सीएचसी अधीक्षक डा मसूद अनवर के नेतृत्व में भट्टा बस्ती पहुंची, वहां एक कथित चिकित्सक क्लीनिक खोले मरीज देखता मिला। अधीक्षक ने उससे चिकित्सा प्रमाण पत्र दिखाने को कहा, तो वह कोई भी वैध प्रमाण पत्र नहीं दिखा सका। उसके क्लीनिक को तत्काल सील कर दिया गया। इसके बाद टीम निर्भय एंक्लेव पहुंची। वहां एक महिला चिकित्सक उपचार देती मिली। उसके पास भी कोई वैध डिग्री या कागजात नहीं मिले। उसके क्लीनिक को भी सील किया गया।    दूसरी ओर टीम आने की सूचना से कई कथित चिकित्सकों में हडकंप मच गया और वे अपने क्लीनिक के शटर डालकर फरार हो गए। डा मसूद अनवर ने बताया कि, दोनो के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दे दी गई है। अभियान अभी जारी रहेगा। आमजन की सेहत से खिलवाड़ नहींं होने दिया जाएगा।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jul 18, 2024

सीएम राइज स्कूल भवन निर्माण में मजदूरी न मिलने पर मजदूर पहुंचे पुलिस चौकी

डिंडोरी/अमरपुर,18 जुलाई 2024 (यूटीएन)।  सी एम राइज स्कूल भवन निर्माण देवरी अमरपुर में कार्यरत मजदूरों को विगत 2 माह से मजदूरी भुगतान नहीं किया गया हैं। जिससे परेशान मजदूरों ने पुलिस चौकी अमरपुर में आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई गई हैं। आवेदन में उल्लेख किया गया हैं कि ठेकेदार द्वारा 2 माह से मजदूरी भुगतान नहीं किया जा रहा हैं। जबकि मजदूरों के बच्चे स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। जिनके लिए शैक्षणिक सामग्री कपड़े, जूते आदि नहीं खरीद पा रहे हैं। जिससे बच्चे स्कूल जाना भी बंद कर दिए हैं। ठेकेदार कहीं चला गया हैं, फोन लगाने पर उठा ही नहीं रहा हैं। जिसमें कुछ मजदूर पुलिस चौकी में उपस्थित हुए। चौकी प्रभारी अतुल हरदहा द्वारा भी फोन लगाया गया। परंतु कार्यस्थल पर काम करवाने वाला चिराग नामक व्यक्ति कोई जवाब ही नहीं दिया। आवेदन लेते हुए चौकी प्रभारी द्वारा अगले दिन बुलाया जाकर भुगतान की व्यवस्था करने के आश्वासन दिया गया। इसी प्रकार ग्राम चौरा निवासी बलराम राजपूत की मिक्सर मशीन का भी एक वर्ष से भुगतान नहीं किया गया हैं।  जिसकी शिकायत भी पुलिस चौकी अमरपुर में दिनांक 26 जून को आवेदन देकर भुगतान कराने का निवेदन किया गया हैं। परंतु वह भी इतने दिनों से भुगतान के लिए आश्वासनों पर चक्कर काट रहा हैं। यह स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब मजदूरी एवं अन्य भुगतान के लिए मजदूर धरना प्रदर्शन एवं चक्काजाम के लिए भी उतर सकते हैं। डिंडोरी संवाददाता:- धरम सिंह ठाकुर की रिपोर्ट।

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Jul 18, 2024

तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़ोसी युवक की हत्या

डिंडोरी/अमरपुर,14 जुलाई 2024 (यूटीएन)। डिंडोरी जिले के  अमरपुर चौकी अंतर्गत ग्राम पंचायत मनोरी में सामने आया है, कुछ दिनों पहले उल्टी दस्त से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी। म्रतक गुलाब सिंह, पत्नी झमल्ल बाई एवं गुलाब की माँ का निधन कुछ दिनों पहले ही हुआ था,जिसको लेकर गुलाब सिंह के परिवार के लोग हरे सिंह परस्ते पर टोना टोटका करने का शक करते थे।   गांव के ही हरे सिंह पिता कड़की उम्र 40 वर्ष को कल शाम गांव के कुछ लोगो द्वारा रस्सी में बांध कर घर से निकाला गया था, हरे सिंह की आज सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने पर म्रतक के भाई महासिंह ने एफआईआर दर्ज कराई है। म्रतक के परिजन गाँव के कुछ लोगो के विरूद्ध हत्या का आरोप लगा रहे हैं।    घटना की जानकारी लगते ही अमरपुर चौकी प्रभारी अतुल हरदहा मौके पर पहुंच कर पंचनामा व आवश्यक कार्रवाई करते हुए शव का पीएम कराने समनापुर भेजा गया है, पुलिस ने लगभग 6,8 संदेहियों से पूँछ ताछ करते हुए जांच में जुटी हैं।   डिंडोरी संवाददाता:  धरम सिंह ठाकुर। 

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Jul 14, 2024

जेएनयू में हिन्दू, बौद्ध, जैन अध्ययन के लिए केंद्र स्थापित होंगे

नई दिल्ली, 12 जुलाई  2024 (यूटीएन)। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय हिंदू अध्ययन केंद्र के साथ-साथ बौद्ध और जैन अध्ययन केंद्र भी खोलेगा। इसमें कहा गया है कि तीन नए केंद्र स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज के तहत स्थापित किए जाएंगे। नए केंद्र स्थापित करने के निर्णय को जेएनयू की कार्यकारी परिषद ने 29 मई को एक बैठक में मंजूरी दी थी। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली को लागू करने का पता लगाने और सिफारिश करने के लिए जेएनयू द्वारा एक समिति का गठन किया गया था। बता दें कि कांग्रेस का आरोप कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को आरएसएस के एजेंडे के तहत तैयार किया गया है। नई शिक्षा नीति का ही हवाला देकर दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी में मनुस्मृति पढ़ाने का प्रस्ताव लाया जा रहा था लेकिन सरकार के संकेत पर अब इसे रोक दिया गया है।   जेएनयू में तीन केंद्र स्थापित करने से संबंधित अधिसूचना में कहा गया है कि "कार्यकारी परिषद ने 29.05.2024 को आयोजित अपनी बैठक में नई शिक्षा नीति एनईपी-2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली और इंडिक स्टडीज का पता लगाने और विश्वविद्यालय में इसके आगे कार्यान्वयन और संस्कृत स्कूल के भीतर निम्नलिखित केंद्रों की स्थापना के लिए गठित समिति की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।'' दरअसल, ये अधिसूचना 9 जुलाई को ही जारी हो गई थी लेकिन मीडिया के सामने यह 12 जुलाई शुक्रवार को सामने आई। हालांकि तमाम केंद्रीय विश्वविद्यालय इन्फ्रास्ट्रक्चर, टीचरों और अन्य स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने कभी उनका बजट बढ़ाने या अतिरिक्त सहायता इन मदों में नहीं की। लेकिन जैसे ही संस्कृत अध्ययन की बात आती है, सरकार खुश होकर ग्रांट जारी कर देती है। हालांकि देश में संस्कृति हिन्दी या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की तरह नही बोली जाती।   *नये एकेडमिक सेशन से हो सकते हैं शुरू* अकादमिक परिषद् की हुई बैठक में ये तय हुआ था कि नई सेंटर एकेडमिक सेशन 2025-26 से इन तीनों सेंटर्स की शुरुआत होगी. इनके नाम हैं - फॉर हिंदू स्टडीज, सेंटर फॉर बुद्धिस्ट स्टडीज और सेंटर फॉर जैन स्टडीज.   *कैसे मिलेगा एडमिशन* इन तीनों सेंटर्स द्वारा कराए जाने वाले कोर्सेस में एडमिशन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होगा. इसके लिए कैंडिडेट्स को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूईटी पास करना होगा. सीयूईटी स्कोरी को जेएनयू एडमिशन के लिए आधार बनाएगा.   *इसके अंतर्गत होंगे स्थापित* ये तीनों ही सेंटर स्कूल और संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज के अंतर्गत स्थापित किए जाएंगे. इस बाबत जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग 29 मई के दिन हुई थी इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई थी. जेएनयू ने एक कमेटी स्थापित की थी जिसका काम नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 और इंडियन नॉलेज सिस्टम को यूनिवर्सिटी में कैसे लागू करें, इस पर काम करना था.   *‘विकसित भारत’ की तरफ एक कदम* इस बारे में जेएनयू वीसी का कहना है कि ये कदम हमें परंपरा के साथ आधुनिकता की और ले जाएगा. मिथ और रिएलिटी के बीच के अंतर को बताएगा और विकसित भारत के मसौदे की ओर एक नया कदम बढ़ाएगा. यूनिवर्सिटी ने इस बारे में ये भी जानकारी दी कि इस बारे में सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को सूचना दे दी गई है. ये एनईपी 2020 के विजन को पूरा करने की ओर यूनिवर्सिटी का एक प्रयास है जहां पारंपरिक भारतीय ज्ञान को मॉडर्न एकेडमिक्स के साथ जोड़ा जाएगा.   *शुरुआत में होंगी इतनी सीटें* इस बाबत अभी बहुत से काम प्लानिंग लेवल पर हैं जिनका इम्प्लिमेंटेशन होना बाकी है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शुरुआत में इन तीनों सेंटरों में 20-20 सीटें होंगी. बाद में इनकी संख्या बढ़ायी जा सकती है. इन सेंटरों में एडवांस्ड स्टडी करायी जाएगी. सिलेबस से लेकर कार्यक्रम की बाकी रूपरेखा जल्द ही तैयार होगी. बेहतर होगा इस बारे में डिटेल में जानकारी पाने और अपडेट से रूबरू रहने के लिए समय-सयम पर आधिकारिक वेबसाइट विजिट करते रहें.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 12, 2024

छोटे परिवारों से पूरा होगा विकसित भारत का लक्ष्य: जेपी नड्डा

नई दिल्ली, 12 जुलाई  2024 (यूटीएन)। विकसित भारत का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब भारत का हर परिवार स्वस्थ होगा। यह केवल छोटे परिवारों से ही संभव है। इसके लिए सबको मिलकर काम करने की जरूरत है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग के दौरान कहीं। नड्डा ने कहा कि महिलाओं को परिवार नियोजन के अधिकारों और अनचाहे गर्भधारण के मामलों को रोकने के प्रति जागरूक करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।    मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए गर्भधारण का सही समय और अंतराल विषय पर आयोजित बैठक में नड्डा ने कहा कि केंद्र और राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अधिक बोझ वाले राज्यों, जिलों और ब्लॉक तक गर्भनिरोधकों की पहुंच हो। उन्होंने कहा कि वैश्विक आबादी में भारत का पांचवां स्थान है। जनसंख्या दिवस पर हमें जनसंख्या को स्थिर करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम करने का संकल्प लेना होगा।   उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को इच्छा और सूचना के बाद जन्म के उद्देश्य के साथ चलाया जाए। सरकार का फोकस युवा, किशोर, महिला, बुजु्र्ग समेत सभी के सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य पर है। इसके लिए सहयोगी रवैये के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। सही समय, जन्म के बीच अंतराल, परिवार का सही आकार और गर्भनिरोधकों को स्वैच्छिक रूप से अपनाने को सशक्त बनाना स्वस्थ और खुशहाल परिवारों के पोषण के लिए महत्वपूर्ण है।    *मिशन परिवार विकास पर की बात* बैठक के दौरान नड्डा ने मिशन परिवार विकास पर भी बात की। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम की सबसे सफल योजना है। इसे शुरुआत में सात राज्यों के 14 बड़े जिलों में लागू किया गया है। बाद में इसे अन्य सभी जिलों और छह पूर्वोत्तर राज्यों में लागू किया जाएगा। उन्होनें योजना के प्रभाव के बारे में बताते हुए राज्यों में गर्भनिरोधकों की पहुंच और मातृ-शिशु दर में आई कमी को लेकर भी चर्चा की। इस योजना से राज्यों में कुल प्रजनन दर टीएफआर में कमी आई।    नड्डा ने कहा कि टीएफआर को स्थिर रखने के लिए लगातार काम करने की जरूरत है। नड्डा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीएफआर स्तर को कम करने के प्रयासों में लापरवाही न बरतने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि राज्यों के इनपुट और एनएफएचएस डाटा के आधार पर उन इलाकों के लिए योजनाएं बनाई जाएं, जहां टीएफआर अच्छा नहीं है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 12, 2024