Health

ललियाना में स्वास्थ्य विभाग ने लगाया जांच शिविर, करीब 80 ग्रामीणों की जांच कर दी गई दवा

खेकड़ा, 16 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। ललियाना गांव में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शिविर लगाकर 80 ग्रामीणों की जांच की। उनको दवा वितरित कर स्वच्छता के प्रति जागरूकता बनाए रखने की सलाह दी। ललियाना गांव में सलमान की पांच वर्षीय पुत्री सानिया की बुखार के चलते मौत हो गयी थी।   सानिया का उपचार पांची के एक कथित चिकित्सक के यहां चल रहा था। इसके अलावा गांव में काफी लोगो के बुखार से पीडित होने का समाचार मीडिया में प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तत्परता दिखाई। बुधवार को गांव में मेडिकल टीम भेज कर करीब 80 ग्रामीणों की जांच की गई।    सीएचसी अधीक्षक डा ताहिर ने बताया कि, अधिकांश ग्रामीण खांसी जुकाम से पीडित मिले। इनमें 16 लोगों में बुखार की शिकायत मिलने पर उनकी खून जांच के साथ दवा दी गई। शिविर में डा गौरव वर्मा, नर्सिंग आफिसर संदीप संधु, शिवशरण, ज्योति, राखी आदि शामिल रहे।   *जिला मलेरिया अधिकारी व डीएसओ ने किया गांव का भ्रमण*   ललियाना गांव में जिला मलेरिया अधिकारी सावित्री और डीएसओ डा सुरुचि ने भी भ्रमण किया। उन्होंने गांव में भ्रमण करते हुए साफ सफाई पर बल दिया। ग्रामीणों को पानी एकत्र ना होने देने, पूरे बाजू की कमीज पहनने, मच्छरदानी का प्रयोग करने आदि जरूरी सलाह भी दी।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 16, 2024

ललियाना में बुखार से 5 वर्षीया बच्ची की मौत, पचास से ज्यादा बीमार, चिकित्सा शिविर की दरकार

चांदीनगर, 16 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। थाना क्षेत्र के ललियाना गांव में एक 5 वर्षीय बच्ची की बुखार से मौत हो गई, जिससे उसके परिजनों में कोहराम मचा है तो दूसरी ओर गांव में 50 से ज्यादा लोग बुखार से पीड़ित हैं, जिनमें बच्चे व बुजुर्ग ज्यादा हैं। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से गांव में स्वास्थ्य शिविर लगवाने की मांग की है।  ललियाना निवासी सलमान की 5 वर्षीया पुत्री सानिया को पिछले एक सप्ताह से बुखार आ रहा था।   जिसका इलाज निजी चिकित्सक के यहां गांव में चल रहा था। सलमान के भाई असलम और शहजाद ने बताया कि, सोमवार दोपहर बच्ची की ज़यादा हालत खराब होने पर उसे अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया । मौत की खबर सुन परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। ग्रामीण फिरोज जावेद इंतिजार ने बताया कि, गांव में जगह-जगह गंदगी फैली है।   जिसके कारण मच्छर पैदा हो गए हैं इससे गांव में बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है ।बताया कि बस्ती में हर घर में कोई ना कोई सदस्य जुखाम खांसी बुखार से पीड़ित है तथा 50 से ज्यादा बच्चे और बड़े पीडित हैं। बताया कि, गांव में एकमात्र छोटा सा स्वास्थ्य केंद्र है, जो देर सवेर खुलता है लेकिन उसमें पर्याप्त मात्रा में दवाई प्राप्त नहीं रहती मजबूरी में बीमार लोग दूसरे दूरदराज गांव में जाकर अपना इलाज कराने को मजबूर हैं।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 16, 2024

संजीदा की मौत में डाक्टरों की लापरवाही के आरोप निराधार, पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड

बागपत, 16 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। संजीदा की मौत, बीमारी के प्रति डाक्टरों की लापरवाही से नहीं, बल्कि अस्पताल लाने में देरी के कारण हुई। पर्ची बनवाने के मात्र 15 मिनट में चक्कर आने, बैंच से गिरने तथा तुरंत ही डाक्टरों द्वारा जीवनरक्षा के लिए किए गए सभी जरूरी उपचार के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसके चौधरी ने दावा किया कि, सारी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है तथा लापरवाही के आरोप निराधार हैं।    प्रातः 07:57 बजे संजीदा पत्नी अली मोहम्मद आयु लगभग 36 वर्ष निवासी कयामपुर जनपद बागपत नामक महिला चिकित्सालय में उपचार हेतु चिकित्सालय में आई थी। मरीज का पर्चा बनाए जाने के बाद इनके पति द्वारा इन्हे एमसीएच विंग ओपीडी में स्थित बैंच पर बैठा दिया गया। इसके कुछ समय बाद ही मरीज अचानक बेहोश होकर गिर गई। वहां पर उपस्थित फार्मासिस्ट द्वारा तत्काल इसकी सूचना लेबर रूम में स्टाफ को दी गई।   उपस्थित समस्त स्टाफ द्वारा मरीज को सीपीआर एवं आक्सीजन दी गई ,परन्तु समस्त प्रक्रिया के उपरांत भी मरीज को नहीं बचाया जा सका तथा सवा आठ बजे चिकित्सको द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया। यह सम्पूर्ण घटनाक्रम लगभग 15-20 मिनट का है तथा उक्त सभी गतिविधि सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग में उपलब्ध है। मृतका के पति द्वारा गाइनेकोलोजिस्ट को अवगत कराया गया कि उसकी पत्नी का कुछ दिनों पूर्व किसी निजी चिकित्सक द्वारा गर्भपात कराया गया तथा उसका उपचार भी किसी लोकल चिकित्सक के यहां चल रहा था।   तभी से उसको ब्लीडिंग हो रही थी तथा बुखार भी आ रहा था। घर पर भी वह कई बार बेहोश हो चुकी थी। इसके बाद उसे उपचार हेतु सरकारी अस्पताल में लाया गया था। इसके विपरीत मृतका के पति द्वारा उपचार में लापरवाही के कारण उसकी मौत होने का आरोप लगाया जा रहा है। संजीदा की मृत्यु का कारण जानने हेतु पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा गया, परन्तु मृतका के पति ने लिखित में पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया है। यद्यपि इस संबंध में कोई लिखित शिकायत प्राप्त नही हुई है, तथापि प्रकरण की जांच हेतु तीन सदस्सीय जांच समिति का गठन कर जांच कराने के निर्देश दिए गए है।   ज्ञात हुआ है कि मीडिया में इस संबंध में कुछ निराधार एवं भ्रामक खबरो प्रसारित की जा रही है, जिसमें बताया जा रहा है कि, मरीज जिला चिकित्सालय में रात से भर्ती था तथा उपचार न मिलने के कारण उसकी मृत्यु हुई है, जबकि सत्य यह है कि मरीज सुबह आठ बजे से तीन मिनट पहले ही चिकित्सालय में आया तथा कुछ ही समय में उसकी मृत्यु हो गई। मरीज का कुछ दिन पूर्व गर्भपात हुआ था तथा बुखार के साथ साथ उसे लगातर ब्लीडिंग भी हो रही थी एवं इसका उपचार किसी स्थानीय चिकित्सक के माध्यम से कराया जा रहा था।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 16, 2024

अप्रमाणित चिकित्सक गांवों में नागरिकों के लिए संजीवनी, इन्हें जीवन रक्षक मित्र कहा जाए

छपरौली, 16 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। कस्बे में स्थित सुराजमल गार्डन में ग्रामीण अंचलीय जीवन रक्षक मित्र संघ की बैठक में बागपत जनपद ग्राम प्रधान व अप्रमाणिक चिकित्सा केन्दों के संचालको सहित हरियाणा प्रदेश के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। बैठक में मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी और जिला चिकित्सा अधिकारी के आदेश का अनुपालन करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी चिकित्सा सेवा दे रहे जीवन रक्षक मित्र ने अपनी सेवायें बन्द करने व अपने अधिकारों व जीविका उपार्जन के लिए कानून के दायरे में रहकर आन्दोलन चलाने की घोषणा की।   दूसरी ओर अनेक ग्राम प्रधानों ने ग्रामीणो की समस्या को देखते हुए चिकित्सा केन्दो को खोलने का अनुरोध किया।बैठक को सम्बोधित करते हुए ग्रामीण अंचलीय जीवन रक्षक मित्र संघ के अध्यक्ष डॉ जगत सिंह ने कहा कि, हम कानून के दायरे में रह कर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे। कई दशक से ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे वृद्ध चिकित्सक कहाँ जायेंगे। संगठन के मार्ग दर्शक समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी चिकित्सा सेवाएं दे रहे अप्रमाणिक चिकित्सको को झोला छाप कह कर अपमानित न करें। उन्होंने अधिकारियों व पत्रकारों से अपील करते हुए कहा कि।   इन चिकित्सको को जीवन रक्षक मित्र कह कर संबोधित किया जाये। ये अप्रमाणित चिकित्सक ग्रामीण नागरिकों के लिए संजीवनी हैं। बैठक को पवन प्रधान सिनौली, विशाल प्रधान बाछौड, जगपाल प्रधान नांगल, विजय सिंह प्रधान किशनपुर, अमित प्रधान बुरपुर, अनिल खोखर, रमेश ढांडा हरियाणा ने सम्बोधित किया। बैठक की अध्यक्षता हरियाणा प्रदेश चिकित्सा संघ अध्यक्ष सुरेश शर्मा और संचालन डॉ मंजूर ने किया। बैठक में मुख रूप से डॉ यशवीर सिंह, डॉ रविन्द्र कुमार, डॉ अरुण, डॉ आन्नद कुमार, डॉ विकास आर्य, डॉ रामकुमार, डॉ मुकेश, डॉ विक्की, डॉ कैलाश, डॉ सुनील आदि उपस्थित रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 16, 2024

आईआईटी दिल्ली, एम्स सहित देश के चार संस्थानों में खुलेंगे एआई के विशिष्ट केंद्र

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। स्वास्थ्य, कृषि व शहरी ढांचे के विकास में एआई (आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस) के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आइआइटी दिल्ली, एम्स दिल्ली, आइआइटी रोपड व आइआइटी कानपुर में एआई के विश्वस्तरीय विशिष्ट केंद्र स्थापित करने का फैसला लिया है। अगले पांच सालों में इन केंद्रों पर करीब 990 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इन केंद्रों को खोलने की घोषणा 2023-24 के बजट में की गई थी।   *देश में युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे* शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इन विश्वस्तरीय एआई केंद्रों को खोलने का घोषणा की। इन सभी संस्थानों का चयन उनके अनुभव के आधार पर किया गया है। प्रधान ने कहा कि इन केंद्रों की स्थापना से आने वाले वर्षों में देश में युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होंगे।   *कंपनियों में एआई के इस्तेमाल को भी बढ़ावा दिया जाएगा* साथ ही कंपनियों में एआई के इस्तेमाल को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य के क्षेत्र में एआई के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए आइआइटी दिल्ली व एम्स दिल्ली में एक विशिष्ट एआई केंद्र स्थापित होगा। जबकि कृषि के क्षेत्र में इसे बढ़ावा देने के लिए आइआइटी रोपड काम करेगा। जहां इसके लिए एक विशिष्ट एआई केंद्र खुलेगा।   *कानपुर में भी एआई की एक विशिष्ट केंद्र खुलेगा* वहीं तेजी से बढ़ते शहरी ढांचे के विकास के लिए आइआइटी कानपुर में भी एआई की एक विशिष्ट केंद्र खुलेगा। यह सभी केंद्र अगले 20 सालों के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम करेंगे। साथ ही युवाओं की प्रशिक्षण देंगे।   *आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), मशीन लर्निंग पर दिया जाएगा ध्यान* संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अब देश को टेलीकॉम सर्विस की जगह टेलीकॉम प्रोडक्ट व उपकरणों के निर्माता के रूप में पहचान दिलाने की तैयारी है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), मशीन लर्निंग (एमएल) जैसे सेक्टर में भारत की ताकत व ज्ञान का मौद्रिकीकरण किया जाएगा।   उन्होंने कहा कि 6जी सेवा के विकास भी भारत दुनिया का नेतृत्व करना चाहता है। इसलिए हम चाहते हैं कि भारत 6जी सेवा से जुड़े अधिक से अधिक पेटेंट फाइलिंग करे और इस दिशा में कंपनी से लेकर स्टार्टअप और शैक्षणिक संस्थाएं काम कर रहे हैं। सिंधिया ने साफ किया कि सेटेलाइट स्पेक्ट्रम किसी को मुफ्त में नहीं दिया जाएगा। सिंधिया ने बताया कि पिछले 10 सालों में टेलीकॉम नेटवर्क में 1400 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वॉयस कॉल और इंटरनेट सेवा की दरों में 95 प्रतिशत की गिरावट आई है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |  

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Oct 16, 2024

रक्तदान शिविर में आए महादानी तथा लोगों को किया जागरुक

बडौत, 13 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)।  सारथी वेलफेयर फाउंडेशन के तत्वाधान में 12 वां रक्तदान शिविर का आयोजन बड़ौत चेरिटेबल ब्लड बैंक में किया गया, जिसमें प्रवीण तोमर ने बताया कि, रक्तदान महादान है तथा रक्तदान करने से शरीर स्वस्थ रहता है, कोई भी कमी शरीर में नहीं आती । डॉ बबीता खोखर ने बताया कि, रक्त को किस तरह से सुरक्षित रखा जा सकता है तथा किस तरह से हम यह रक्त किसी जरूरतमंद को दे सकते हैं। सारथी चेयरपर्सन वंदना गुप्ता ने बताया कि।   समय समय पर रक्तदान हमारी संस्था सारथी वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा लगाया जाता हैं, जिससे वह किसी जरूरतमंद के काम आए। इस मौके पर रक्तदान करने वाले महादानियो का हौसला सम्मान व अन्यों को रक्तदान के लिए जागरूक करने में अध्यक्षा वन्दना गुप्ता, डॉ बबीता खोखर, मोनिका, विकास  गुप्ता, अनिल अरोरा, विनीत तोमर, प्रवीण तोमर ,सचिन खोखर, भूपेंद्र दांगी, अँकुज खोखर ,आदित्या भारद्वाज आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 13, 2024

मेंटल हेल्‍थ पर एम्‍स ला रहा ऐसा ऐप, सुनेगा आपका हर सवाल

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। देश ही नहीं दुनियाभर में शारीरिक बीमारियों की तरह ही मानसिक परेशानियां काफी बड़ी समस्‍या बन चुकी हैं. लेकिन सबसे बड़ी दिक्‍कत है कि बहुत से लोगों को पता ही नहीं है कि वे मेंटल हेल्‍थ इश्‍यूज से जूझ रहे हैं. वहीं अगर किसी को इसका अंदाजा हो भी जाता है कि वह मेंटल हेल्‍थ संबंधी परेशानियों से जूझ रहा है, तब भी ऐसे लोगों की संख्‍या बहुत ज्‍यादा है जो इलाज के लिए ही नहीं पहुंचते. हालांकि ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नई दिल्‍ली अब एक ऐसा एप्लिकेशन लेकर आ रहा है, जो घर बैठे ही आपकी मेंटल हेल्‍थ की परेशानियां बताने के साथ ही इलाज भी बताएगा. एम्‍स नई दिल्‍ली में एआई डिजिटल दीपक एप आने वाला है.    जिस पर आपकी सभी समस्‍याओं के जवाब जाने माने मोट‍िवेशनल स्‍पीकर और वेलनेस एक्‍सपर्ट व डिपार्टमेंट ऑफ साइकेट्री एम्‍स के डॉ. दीपक चोपड़ा देंगे. इस बारे में साइकेट्री विभाग के प्रोफेसर डॉ. नंद कुमार ने बताया कि मेंटल हेल्‍थ की समस्‍याएं बढ़ रही हैं, आत्‍महत्‍याएं बढ़ रही हैं. मरीज बढ़ रहे हैं, डॉक्‍टर और साइकोलॉजिस्‍ट भी बढ़ रहे हैं लेकिन कहीं न कहीं कुछ परेशानी है, जिसे हम लोग ठीक नहीं कर पा रहे हैं. एक्‍सपर्ट का ऐसा नजरिया है कि हमें कुछ अलग करने की जरूरत है. डॉक्‍टर की जरूरत है लेकिन समझ के अनुसार इसे बदलना पड़ेगा. हमें लगता है कि आध्‍यात्मिकता की भूमिका मेंटल हेल्‍थ को ठीक करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है लेकिन अभी तक इस बात को इग्‍नोर किया जाता रहा है. अक्‍सर हम लोग डिजिटल वर्ल्‍ड, जिसमें सोशल साइट्स, व्‍हाट्सएप आदि की नकारात्‍मक आलोचला करते हैं कि.   ये सब खराब हैं लेकिन डॉ. दीपक चोपड़ा की किताब डिजिटल धर्म में पाएंगे कि यह एक पॉज‍िट‍िव चीज है. इसमें बताया है कि कैसे डिज‍िटल कंटेट को पर्सनल ग्रोथ के लिए इस्‍तेमाल किया जा सकता है. हमें ड‍िज‍िटल में से क्‍या लेना है, यह महत्‍वपूर्ण है. जो एआई डिजिटल दीपक ऐप है, यह जल्‍दी ही हमारे पास उपलब्‍ध होगा. एम्‍स की वेबसाइट पर होगा. उससे बहुत सारी वे छोटी-छोटी समस्‍याएं जो हम समझ नहीं पाते हैं, उनको समझने में आसानी होगी. वहीं डॉ. दीपक ने कहा कि अक्‍सर हम लोग अपनी बीमारियों का इलाज ऑनलाइन सर्च इंजनों पर खोजते हैं, लेकिन वहां सही जानकारी नहीं मिलती, बल्कि वहां कन्फ्यूज कर देते हैं. लेकिन जो यह ऐप होगा, यहां एक्‍सपर्ट एडवाइज मिलेगी. यहां ऑडियो या टैक्‍स्‍ट किसी भी रूप में कन्‍वर्जेशन की जा सकेगी. यह हिंदी, अंग्रेजी, स्‍पेनिश और अरबी भाषाओं में जवाब दे सकेगा.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 13, 2024

अगले 20 दिन तक बच्‍चों की आंखों पर रहेगा खतरा, हो सकता है अंधापन

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। त्‍यौहार का सीजन चल रहा है. नवरात्र के बाद दशहरा और फिर दिवाली की तैयारियों के दौरान बड़ों से ज्‍यादा बच्‍चे मस्‍ती के मूड में रहते हैं. स्‍कूलों में छुट्टियां पड़ने के साथ ही पटाखे, फुलझड़ी चलाने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है. हालांकि 20 दिनों का यह त्‍योहारी सीजन जितना मजेदार होता है, बच्‍चों की सेहत और खासतौर पर आंखों के लिए उतना ही नुकसानदेह होता है. बच्‍चों की आंखों में चोट लगने के सबसे ज्‍यादा मामले इन्‍हीं दिनों में अस्‍पतालों आते हैं. वहीं कई बार यह चोट इतनी गंभीर होती है कि बच्‍चे की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली जाती है और उस अंधेपन को ठीक भी नहीं किया जा सकता.   आरपी सेंटर, एम्‍स नई दिल्‍ली की प्रोफेसर नम्रता शर्मा का कहना है कि आने वाले 20 दिन फेस्‍टि‍व सीजन रहने वाला है. हर साल ही दशहरा से लेकर दिवाली तक अस्‍पतालों में बहुत सारे बच्‍चे आंखों की इंजरीज लेकर आते हैं. आंखों की ये चोट अक्‍सर कैमिकल या मैकेनिकल होती हैं. वहीं दशहरा और दिवाली पर कैमिकल इंजरीज का खतरा सबसे ज्‍यादा रहता है. डॉ. नम्रता कहती हैं कि आंख में अगर एक बार कैमिकल इंजरी हो जाए तो उसे ठीक करना काफी मुश्किल होता है. वह कई बार कभी न ठीक होने वाले अंधेपन का भी कारण बनती है. ऐसे मरीजों में ट्रांसप्‍लांटेशन तक करना पड़ता है. हालांकि उसका रिजल्‍ट भी बहुत अच्‍छा नहीं होता. लिहाजा इस तरह की ब्‍लाइंडनेस न हो, इसके लिए जरूरी है कि   इसे रोकने के लिए बचाव के तरीकों पर ध्‍यान दिया जाए. इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्‍लाइंडनेश ने भी कहा है कि इस बार सभी पीडियाट्रिक आई केयर पर फोकस करेंगे. डॉ. कहती हैं कि जब भी फायर क्रैकर्स इंजरीज होती हैं तो वे मैकेनिकल डैमेज भी करती हैं और कैमिकल डैमेज भी करती हैं लेकिन अच्‍छी बात ये है कि आंखों में कैमिकल इंजरीज को होने से रोका जा सकता है, जब भी आप पटाखे चलाएं तो बचाव के कुछ तरीकों को जरूर अपनाएं. दशहरा और दिवाली पर फायर पटाखे, फुलझड़ी आदि चलाई जाती ही हैं, इस दौरान पेरेंट्स को बहुत केयरफुल होने की जरूरत है. वे बच्‍चों को अपनी निगरानी में रखकर ही फायर क्रैकर्स या पटाखे चलवाएं. इस सीजन में देखा जाता है कि बच्‍चों की आंखों में सबसे ज्‍यादा इंजरीज होती हैं.    जैसे दशहरा पर लोग तीर-कमान चलाते हैं उससे भी आंखों में चोट लगती है. लिहाजा इन चीजों का भी ध्‍यान रखें. एक बार आंख में अगर कैमिकल इंजरी हो जाए तो उसका इलाज काफी मुश्किल होता है. ये कैमिकल्‍स आंखों में हाथों से भी लग सकते हैं. फायर क्रैकर्स चलाने के बाद बच्‍चों के हाथ साबुन से जरूर धुलवाएं. कई बार आंखों में चुभन होने पर बच्‍चे पटाखों की बारूद या कैमिकल्‍स पटाखों से निकलने वाला धुआं और कैमिकल्‍स आंखों की सेंसिट‍िव लेयर्स को नुकसान पहुंचाते हैं. कई बार पटाखों से निकलने वाली चिंगारी आंखों में लग जाती है और आंख घायल हो जाती है, ऐसे में बच्‍चे अगर पटाखों को जलते हुए भी देख रहे हैं तो पर्याप्‍त दूरी बनाकर रखें. छोटे बच्‍चों के हाथों में पटाखे बिल्‍कुल भी न दें.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 13, 2024

देश के 19 एम्स में एक साथ पढ़ाई करेंगे मेडिकल छात्र

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को अब एक ही समय पर देश के 19 एम्स में एक साथ पढ़ाई का मौका मिलेगा। केंद्र सरकार ने एम्स के साथ-साथ सभी केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों को मिलाकर नेटवर्क स्थापित किया है, जिसके तहत 3डी एनिमेशन से चिकित्सा छात्रों को मरीजों की बीमारियों और मानव शरीर की रचना से रूबरू होने का मौका मिलेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार ने एक आदेश में कहा है कि छह सदस्यीय समिति की सिफारिश के आधार पर स्मार्ट क्लासरूम की तरह चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।   इसके तहत दिल्ली एम्स नोडल केंद्र रहेगा जो ई लर्निंग से जुड़ी पाठ्य सामग्री को एकत्रित करेगा। दिनेश कुमार ने बताया कि सरकार की यह पहल देश के 19 एम्स के साथ साथ चंडीगढ़ पीजीआई, बंगलूरू स्थित निम्हांस, पांडिचेरी स्थित जेआईपीएमईआर, दिल्ली के सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में स्थित केंद्रीय चिकित्सा संस्थान सहित कुल 50 अस्पतालों पर लागू होगी। अभी देश में कुल एम्स की संख्या 22 है जिनमें से छह पूरी तरह से कार्यरत हैं और 12 एम्स में पढ़ाई के साथ ओपीडी चल रही है। वहीं एक मदुरै एम्स में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हुई है। इस तरह 22 में से 19 एम्स पर यह फैसला अभी लागू रहेगा।   *समिति ने सौंपी है 80 पन्नों की सिफारिश* मंत्रालय ने बताया कि विश्व स्तरीय चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए काफी समय से बदलाव की चर्चा चल रही है। हाल ही में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने चिकित्सा के पाठ्यक्रम में बदलाव भी किया है। ऐसे में सरकार ने संयुक्त सचिव पुष्पेंद्र राजपूत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जिन्होंने इस साल अलग अलग बैठक के बाद करीब 80 पन्नों की सिफारिश सौंपी है। इसमें पाठ्य सामग्री को डिजिटल करने व एक साथ सभी केंद्रीय अस्पतालों में उसे पढ़ाया जाना शामिल है, जिसमें 3डी एनिमेशन व एआई का भी उपयोग होगा। अगले दो से तीन वर्ष में देश के सभी 50 केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों में यह तकनीक विकसित होगी और सभी एक दूसरे से जुड़ जाएगें।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 13, 2024

फजलपुर सुंदरनगर ग्राम पंचायत की एक क्लिक पर मिलेगी जानकारी, वेबसाइट हुई लांच

बिनौली, 12 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। जनपद की फजलपुर सुंदरनगर ग्राम पंचायत की सभी जानकारी अब एक क्लिक पर मिलेगी। इसके लिए शुक्रवार को ग्राम पंचायत की वेबसाइट लांच की गई, जिससे ग्रामीणों कों सभी जानकारी मिल सकेगी।    पीएम मोदी की डिजिटल इंडिया मुहिम अब ग्रामीण अंचल में भी साकार हो रही है, जिसके तहत ग्राम प्रधान सुधीर राजपूत के प्रयास से फ़जलपुर गांव को डिजिटल बनाने के लिए तथा ग्रामीणों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण हेतु एक वर्ष पूर्व हेल्पलाइन लांच की गई थी। ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए डिजिटल हेल्पलाइन का नंबर दिया गया था।   इसी क्रम में अब ग्राम पंचायत की एक वेबसाइट लांच की गई है, जिसको क्लिक करने पर ग्रामीणों को सभी जानकारी मिल सकेगी।  ग्राम प्रधान ने बताया कि गांव को डिजिटल बनाने के लिए गांव की वेवसाईट शुरू की गई है। इससे गांव के विकास, कराये गए कार्य, आय व्यय, पेंशन, परिवार रजिस्टर, जन्म मृत्यु, राशन कार्ड आदि सहित सभी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी, जिससे ग्रामीणों को सुविधा होगी।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 12, 2024