Health

अत्याधुनिक तकनीक ने गंभीर हृदय विफलता से पीड़ित लड़की वायरल हृदय संक्रमण में दूसरा जीवन दिया

नई दिल्ली, 03 अगस्त 2024 (यूटीएन)। 11 वर्षीय लड़की सीने में गंभीर दर्द के साथ दो आपात स्थितियों का दौरा करने के बाद हमारे अस्पताल पहुंची। दोनों बा डॉक्टरों ने सोचा कि यह पेट की समस्या है और उसके लिए उसे दवा दी। जब वह हमारे पास आई, तो हमने एक ईसीजी किया और कुछ बहुत चिंताजनक पाया, इसलिए हमने उसे तुरंत भर्ती कराया। शुरू में, वह ठीक लग रही थी, लेकिन एक इकोकार्डियोग्राम से पता चला कि उसका दिल अपनी सामान्य क्षमता के केवल 25% पर काम कर रहा था। इसके तुरंत बाद, उसे गंभीर हृदय ताल असामान्यताएं होने लगीं, इसलिए हमने उसे इसे नियंत्रित करने की कोशिश करने के लिए दवा दी। हमारे प्रयासों के बावजूद, उसकी हालत तेजी से खराब हो रही थी। दोपहर तक, उसका रक्तचाप गिर रहा था, और ऐसा लग रहा था कि उसका दिल धड़कना बंद कर देगा।   एक महत्वपूर्ण निर्णय में, हमने ईसीएमओ की तैयारी करने का फैसला किया, एक ऐसी मशीन जो हृदय और फेफड़ों के काम को संभाल सकती है। इसीएमओ, या एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन, उन रोगियों को सहायता प्रदान करता है जिनके दिल और फेफड़ों को आराम करने और ठीक होने की आवश्यकता होती है। उसे ठीक समय पर ईसीएमओ पर रखा गया था, क्योंकि वह दिल की गिरफ्तारी के करीब थी। आश्चर्यजनक रूप से, ईसीएमओ पर सात दिनों के बाद, उसका दिल ठीक हो गया, और वह कुछ दिनों में अपने दिल के सामान्य रूप से काम करने के साथ अस्पताल छोड़ने में सक्षम थी। परीक्षणों से पता चला कि उसे एक वायरल संक्रमण था जिसके कारण उसे दिल की समस्या हुई, जिसे वायरल मायोकार्डिटिस के रूप में जाना जाता है। यह कहानी ई-सीपीआर नामक एक विशेष जीवन रक्षक प्रक्रिया के महत्व पर प्रकाश डालती है। ई- सीपीआर, या एक्स्ट्राकोर्पोरियल कार्डियोपल्मोनरी पुनर्जीवन, एक उन्नत तकनीक है जिसका उपयोग चरम मामलों में किया जाता है जब दिल धड़कना बंद कर देता है।   हम रोमांचित हैं कि हम इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक कर सकते हैं और उसकी जान बचा सकते हैं। लड़की ने हमें धन्यवाद देने के लिए एक सुंदर पेंटिंग भी बनाई, जो उसके ठीक होने और उसे मिली देखभाल का प्रतीक है। सर गंगा राम अस्पताल में बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मृदुल अग्रवाल ने बताया कि ई-सीपीआर, या एक्स्ट्राकोर्पोरियल कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन, एक ऐसी तकनीक है जो गंभीर कार्डियक अरेस्ट के मामलों में जीवन रक्षक सहायता प्रदान करती है। यह अस्थायी रूप से हृदय और फेफड़ों के कार्यों को संभालता है, रक्तचाप और अंग आपूर्ति को बनाए रखने के लिए ऑक्सीजनेशन और रक्त पंप करने में मदद करता है। इससे शरीर को ठीक होने के लिए महत्वपूर्ण समय मिलता है। अत्यधिक आपात स्थिति में जीवन बचाने के लिए यह उन्नत हस्तक्षेप आवश्यक है। यह युवा लड़की शायद ईसीएमओ के समय पर सहयोग के बिना जीवित नहीं रह पाती। गंभीर हृदय विफलता से पीड़ित लड़की को ई-सीपीआर (एक्स्ट्राकोर्पोरियल कार्डियोपल्मोनॉजी रिससिटेशन) द्वारा बचाया गया: हृदय को बचाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Aug 3, 2024

दिल्ली एम्स में मरीजों की सुविधा के लिए मिलेंगी अनेक सुविधाएं

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। दिल्ली एम्स में आने वाले मरीज और उनके तीमारदारों के लिए जल्दी ही एम्स के आसपास के मेट्रो स्टेशन और बस स्टॉप से एम्स तक पहुंचाने के लिए जल्दी ही इलेक्ट्रिक बस की सुविधा मिलेगी. एम्स के द्वारा जल्दी ही 20 सीटर एसी बस की सुविधा मरीज और उनके तीमारदानों के लिए शुरू की जाएगी, जिससे कि उन्हें एम्स तक पहुंचने के लिए महंगे ऑटो, ई रिक्शा और रिक्शा से निजात दिलाई जा सके. एम्स मीडिया सेल की इंचार्ज प्रोफेसर रीमा दादा ने बताया कि.   यह पहल हमारे निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर एम श्रीनिवास द्वारा एम्स में इलाज के लिए देश के अलग-अलग कोने से आने वाले मरीज और उनके तीमारदारों को मेट्रो स्टेशन और बस स्टॉप से एम्स आने में होने वाली परेशानियों को देखते हुए की गई है. ऐसी बस की सुविधा शुरू होने के बाद मरीज और उनके तीमारदारों को कम किराए में मेट्रो स्टेशन और बस स्टॉप से ही एम्स के अंदर तक इलेक्ट्रिक एसी बस की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे कि यहां तक पहुंचने में उनके समय और पैसे की भी बचत होगी.   इन मेट्रो स्टेशन और बस स्टॉप से मिलेगी बस   उन्होंने बताया कि ऐसी बस की सुविधा एम्स के नजदीकी मेट्रो स्टेशन लाजपत नगर, साउथ एक्स, ग्रीन पार्क आदि मेट्रो स्टेशनों से शुरू की जाएगी. इसके अलावा नजदीकी बस स्टॉप किदवई नगर, गौतम नगर और भीकाजी कामा प्लेस सहित अन्य कई बस स्टॉप से यह सुविधा मिलेगी. उन्होंने बताया कि एम्स के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास के नेतृत्व में तैयार की गई यह एक समग्र योजना सार्वजनिक परिवहन द्वारा संस्थान के भीतर आंतरिक स्थलों तक कनेक्टिविटी को सुलभ बनाएगी. ये 20 सीटर ई बसें आधुनिक सुविधाओं जैसे एयर-कंडीशनिंग, लो फ्लोर और व्हीलचेयर एक्सेस के साथ उपलब्ध होंगी.   अभी आस-पास के मेट्रो स्टेशनों और बस स्टॉप से एम्स के विशाल परिसर के भीतर विभिन्न सुविधाओं तक आने-जाने में मरीजों और उनके तीमारदारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस सुविधा को लेकर एम्स के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास ने कहा कि हम एम्स नई दिल्ली में रोगी अनुभव को हर दिन बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह पहल न केवल हमारे रोगियों की परिवहन संबंधी समस्याओं को हल करेगी बल्कि परिसर के भीतर एक विश्वसनीय और सुविधाजनक सवारी भी प्रदान करेगी.   *ई-बस सेवा की मुख्य विशेषताएं*   बेहतर कनेक्टिविटी और सेवाओं से मरीजों को निजी परिवहन का उपयोग करने की आवश्यकता समाप्त होगी. इससे लोग निजी वाहनों का उपयोग कम करेंगे तो वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कुछ कमी आएगी. नियमित सेवा पीक ऑवर्स (सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक) के दौरान हर 10 और 15 मिनट में उपलब्ध होगी. मरीजों की सुविधा के लिए शेल्टर की जानकारी देने के लिए कॉल बटन की सुविधा भी होगी. बेहतर सुरक्षा और लाइव मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस ट्रैकिंग. रियल-टाइम बस ट्रैकिंग और सेवा फीडबैक के लिए मरीज ऐप. लेनदेन की आसानी और पारदर्शिता के लिए यूपीआई/एम्स स्मार्ट कार्ड के माध्यम से किराया संग्रह है. सभी वैधानिक अनुपालनों की एक पूरी सूची बस में उपलब्ध कराई जाएगी, जिनका उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाने का भी प्रावधान यातायात की भीड़भाड़ को कम करना, ध्वनि प्रदूषण को कम करना.   *अस्पताल में बनेगा एयरपोर्ट जैसा वेटिंग लाउंज*   एम्स प्रशासन आने वाले मरीजों के लिए 24 घंटे सैंपल कलेक्शन और एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स रे की सुविधा देने की तैयारी कर रहा है. अगले महीने से ये सुविधाएं शुरू होने की संभावना है. एम्स मीडिया सेल की प्रभारी प्रोफेसर रीमा दादा के अनुसार एम्स में जल्दी ही 24 घंटे सैंपल कलेक्शन और रेडियोलॉजी सेवाओं में एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स रे सहित अन्य सुविधाएं भी शुरू करने की तैयारी है. इससे दूर से आने वाले मरीजों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्हें सैंपल देने के लिए और एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स रे के लिए बार-बार अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

बच्ची के सिर में धंसा पत्थर, एम्स के डॉक्टर्स की टीम ने सर्जरी कर निकाला

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। नोएडा की लगभग डेढ़ साल की बच्ची छत से गिर गई थी. उसके सिर के अंदर 5 मिमी का नुकीला पत्थर धंस गया था. एम्स के डॉ. अमरिंदर सिंह की मदद से बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया. बच्ची के सिर से पत्थर को 7 घंटे चली मैराथन सर्जरी के बाद सफलतापूर्वक निकाल लिया गया. बच्ची को सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.   *पहले नहीं हो पाई भर्ती*   बच्ची के माता-पिता दो दिन पहले एम्स और सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए भटक रहे थे, लेकिन दोनों ही अस्पताल ने बेड और डॉक्टर नहीं होने की बात कहकर बच्ची को अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया था. बाद में एम्स के डॉ अमरिंदर सिंह की मदद से अस्पताल में भर्ती किया गया था.   *सिर में लगी ट्यूब को हटाया*   एम्स के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट में 7 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद बच्ची के सिर में धंसा 5 मिलीमीटर के एक नुकीले पत्थर को सफलतापूर्वक बाहर निकाल दिया गया. साथ ही उसके घाव को भरने के लिए ड्यूराप्लास्टी भी कर दी गई है. रविवार सुबह जो सर्जरी शुरू हुई, सात घंटे तक सर्जरी की प्रक्रिया चलती रही. सर्जरी की सफलता के बाद बच्ची के सिर में लगी ट्यूब को हटा दिया गया है और जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. अभी भी बच्ची के सिर में थोड़ा- सा मवाद भरा हुआ है.   *आंखों के डॉक्टर को दिखाया जाएगा*   एम्स के कार्डियो रेडियो डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमरिंदर सिंह ने बताया कि बच्ची की आंख में भी चोट आई है. सिर का घाव जैसे ही भरना शुरू होगा वैसे ही बच्ची के आंख को आप्थाल्मालॉजी डिपार्टमेंट में दिखाया जाएगा. बच्ची के पिता अवनीश सफल ऑपरेशन के बाद काफी खुश हैं. डॉक्टर ने उन्हें बताया कि बच्ची अब खतरे से बाहर आ गई है.   80 फीसदी काम हो चुका है. सिर्फ 20 फीसदी काम ही बाकी रह गया है. उन्होंने एम्स के डॉक्टर का धन्यवाद करते हुए कहा कि अगर बच्ची को समय पर इलाज नहीं मिलता तो हम अपनी बच्ची को खो देते. उल्लेखनीय है कि डेढ़ साल की बच्ची छत से नीचे गिर गई थी और उसके सिर में 5 मिलीमीटर का पत्थर का एक टुकड़ा अंदर धंस गया था. यही सबसे बड़ी चिंता का कारण था. इसके अलावा बच्ची की आंख में भी चोट आई है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

अंतरराष्ट्रीय सितार वादक ने किया रक्तदान शिविर का उद्घाटन

कालका, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। अरुणा आसिफ अली राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के नेतृत्व और एलुमनाई एसोसिएशन अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट की अध्यक्षता में महान स्वतंत्रता सेनानी एवं पहली महिला भारत रत्न से सम्मानित अरुणा आसिफ अली की पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर का सफल आयोजन किया गया। प्रस्तुत कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय सितार वादक डॉक्टर हरविंद शर्मा सेवानिवृत्त प्राचार्य उचचतर शिक्षा विभाग थे। रक्तदान शिविर का आयोजन एलुमनाई एसोसिएशन राजकीय कॉलेज कालका, कॉलेज के छात्र, प्राध्यापक और कॉलेज प्रशासन के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की एल्यूमनाई सोसाइटी की प्रभारी डॉ मीनू ख्यालिया, डॉ गीतांजलि, डॉक्टर नीरू शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर गीता, रेड कास सोसाइटी की प्रभारी प्रोफेसर नीतु और सदस्या डॉक्टर कविता, प्रोफेसर स्वाति, डॉ नवनीत नैंसी, एनसीसी विंग के प्रभारी लेफ्टिनेंट यशवीर, लेफ्टिनेंट गुरप्रीत, राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी डॉक्टर सरिता, प्रोफेसर सोनू के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया।   इस अवसर पर कार्यक्रम में कॉलेज प्रिंसिपल प्रोमिला मलिक, एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट, संजय बंसल, शशि गुप्ता, मुकेश सोढ़ी, जितेंद्र, अरुण कोड़ा, एसके थामा, एमएल कश्यप, विनोद गुप्ता, प्रवीण पुंज सहित भारी संख्या में छात्र और अन्य लोग मौजूद थे। कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और अंतरराष्ट्रीय सितार वादक हरविंदर शर्मा, प्रिंसिपल प्रोमिला मालिक, विजय बंसल एडवोकेट ने स्वतंत्रता सेनानी अरुणा आसिफ अली की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सभी लोगों ने महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी। रक्तदान शिविर में रक्त दान करने के लिए 70 लोगों ने पंजीकरण करवाया लेकिन 55 लोगों को रक्तदान के लिए सिलेक्ट किया गया कुल 55 लोगों ने रक्तदान किया। शिविर में पीजीआई ब्लड बैंक की टीम ने रक्त एकत्र किया। अपने संबोधन में एलुमनाई एसोसिएशन अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि अरुणा आसिफ अली 16 जुलाई 1909 में कालका में पैदा हुई थी। स्वतंत्रता सेनानी और देश की पहली भारत रत्न से सम्मानित महिला कालका में पैदा हुई थी अरुणा आसिफ अली के पति आसिफ अली शहीद भगत सिंह के वकील भी रहे।   अरुणा आसिफ अली भारत देश को गुलामी से आजाद करवाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थी। निडर अरुणा आसिफ अली ने अकेले ही अंग्रेजों के खिलाफ आरंभ हुए असहयोग आंदोलन के दौरान मुंबई में उस समय भारत का तिरंगा फहराया था जब ब्रिटिश हुकूमत में आंदोलन को कुचलने के लिए मुख्य स्वतंत्रता सेनानी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था तब अरुणा आसिफ अली ने तिरंगा लहराकर ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी थी। विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि हमें गर्व है कि अरुणा आसिफ अली जैसी महान शख्सियत हमारे कालका शहर में पैदा हुई थी जिसने हमारे कालका शहर का नाम रोशन किया। भारत संगीत नाट्य अकादमी का राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हरविंदर शर्मा ने एलुमनाई एसोसिएशन और कॉलेज प्रशासन द्वारा स्वतंत्रता सेनानी की पुण्यतिथि को रक्तदान कर मनाने के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि रक्तदान कर ही महान स्वतंत्रता सेनानियों को असली श्रद्धांजलि है। हरविंदर शर्मा 27 वर्ष तक प्रोफेसर रहे और कई वर्षों तक कालका राजकीय महाविद्यालय के प्रिंसिपल भी रहे।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 31, 2024

पिंजौर के सीताराम मंदिर में निशुल्क मेडिकल कैंप में भारी संख्या में लोगों ने उठाया कैंप का लाभ

पिंजौर, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। पंडित केदारनाथ हॉस्पिटल और चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से पिंजौर में रविवार को निशुल्क मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। यह मेडिकल कैंप सीताराम मंदिर में सुबह 10 बजे शुरू हुआ और इसका शुभारंभ राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा द्वारा किया गया। इस कैंप में विभिन्न प्रकार के टेस्ट नि:शुल्क किए गए और 367 लोगों का स्वास्थ्य जांच किया गया। 78 लोगों ने विभिन्न प्रकार के ब्लड टेस्ट भी कराए। कैंप में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर्स की टीम ने आंखों, हड्डी रोग, और जनरल रोग से संबंधित मरीजों की जांच की और उन्हें संबंधित दवाइयाँ नि:शुल्क दीं।    कालका और पिंजौर के लोगों ने इस कैंप का लाभ उठाया और अपना स्वास्थ्य चेकअप करवाया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने स्वास्थ्य जांच के लिए आए लोगों से बातचीत की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा लंबे समय से लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के मेडिकल कैंप आयोजित किए जाते हैं। शर्मा ने कहा कि हर रविवार को अंबाला कैंट में भी ऐसे मेडिकल कैंप लगाए जाते हैं और अब कालका और पिंजौर में भी नियमित रूप से लगाए जाएंगे। उनका लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का स्वास्थ्य चेकअप किया जाए और जिनका उपचार नहीं हो सकता, उन्हें पीजीआई में उपचार के लिए भेजा जाए।   *शर्मा परिवार के प्रयासों से अंबाला में कोरोना काल से लग रहे कैंप*   पंडित केदारनाथ अस्पताल और चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से पिछले कई वर्षों से समाज सेवा के कार्य किए जा रहे हैं। कोरोना काल के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित विनोद शर्मा, अंबाला नगर निगम मेयर शक्ति रानी शर्मा, और सांसद कार्तिकेय शर्मा के प्रयासों से पूरे अंबाला को सैनिटाइज करवाया गया और इम्यूनिटी बूस्टर किट का वितरण किया गया था। अंबाला में आयोजित इन मेडिकल कैंपों में जरूरतमंदों को निशुल्क दवा वितरित की गई और आंखों के रोगियों के लिए निशुल्क ऑपरेशन की सुविधा भी प्रदान की गई।   *पंडित विनोद शर्मा और मेयर शक्तिरानी शर्मा ने बच्चों को साइकिलें और जूते बांटे*   शर्मा परिवार हमेशा से समाज सेवा में अग्रणी रहा है। अंबाला की मेयर बनने के बाद शक्ति रानी शर्मा ने समाजसेवा के कार्यों को और बढ़ावा दिया। पंडित विनोद शर्मा और मेयर शक्ति रानी शर्मा ने अंबाला के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को जूते और साइकिलें वितरित कीं। पंडित विनोद शर्मा का कहना है कि साइकिल मिलने से बच्चे समय पर स्कूल जाकर अपनी पढ़ाई कर सकेंगे। मेयर शक्ति रानी शर्मा का कहना है कि साइकिल मिलने से बच्चों को दूर स्कूल जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी और वे अच्छे से पढ़ाई में मन लगा सकेंगे। इस प्रकार के आयोजनों से समाज के हर वर्ग को लाभ मिल रहा है और स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो रही हैं।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 24, 2024

निशुल्क नेत्र शिविर में 190 मरीजों की जांच 16 का मोतियाबिंद आपरेशन के लिए चयन

बड़ौत,18 जुलाई 2024 (यूटीएन)। तहसील क्षेत्र के शबगा गांव में वार्ड नंबर 12 से जिला पंचायत सदस्य सुनील कुमार आर्य के प्रतिनिधि वरिष्ठ समाजसेवी मा प्रह्लाद सिंह के नेतृत्व में एडीके जैन हॉस्पिटल खेकड़ा के डॉक्टरों द्वारा चौधरी ओमप्रकाश के आवास पर नेत्र शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें 190 मरीजों की आंखों की जांच की गई। जिला पंचायत सदस्य सुनील कुमार आर्य के प्रतिनिधि मा प्रह्लाद सिंह के नेतृत्व में शबगा गांव में चौ ओमप्रकाश के आवास पर एडीके जैन खेकड़ा के अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा आई कैंप का आयोजन हुआ ,जिसका उद्घाटन पूर्व प्रबंधक शिक्षा प्रेमी समाजसेवी धर्मेंद्र पवार ने फीता काटकर किया।    इस कैंप में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी काफी संख्या में मरीज पहुंचे। डॉक्टरों द्वारा 190 मरीजों की निशुल्क जांच की गई ,जिसमें 90 मरीजों को निशुल्क चश्मे वितरित किए गए तथा 70 मरीजों को निशुल्क दवाई दी गई । 16 मरीजों को ऑपरेशन के लिए अस्पताल में अपने साथ ले जाया गया, जिनकी आंखों का ऑपरेशन एडीके जैन हॉस्पिटल खेकड़ा में किया जायेगा।    इस मौके पर क्षेत्र के जाने-माने समाजसेवी मा प्रह्लाद सिंह आर्य ने कहा कि समाज की सेवा करने से पुण्य  मिलता है ,दुनिया में समाज सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है। इस अवसर पर रालोद बडौत विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष अमित चिकारा बडावद ने कहा कि ,समय-समय पर जनपद बागपत में आंखों के निशुल्क कैंप लगाने का कार्य गांव में किया जा रहा है ,सम्मानित बुजुर्गों के की आंखों की देखभाल करना हमारा कर्तव्य है।इस मौके पर भोपाल सिंह दरोगा ,श्रीपाल शर्मा  भीम प्रधान, मास्टर रामपाल चेयरमैन धर्मपाल चेयरमैन प्रमोद पवार शिव कुमार आर्य अमित चिकारा अंकुर पवार आदि उपस्थित रहे।   संवाददाता, आशीष चंद्रमौलि।

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Jul 18, 2024

बिना पैथोलॉजिस्ट के लगाया रक्तदान शिविर, युवक चक्कर खाकर गिरा

अमीनगर सराय,18 जुलाई 2024 (यूटीएन)। कस्बा स्थित एक निजी क्लीनिक पर लगाए गए रक्तदान शिविर में रक्तदान करने आए एक युवक को आया चक्कर। युवक सीढ़ियों से गिरकर हुआ घायल। युवक के परिजनों ने सीएमओ बागपत व  जिलाधिकारी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग।    कस्बे के हिसावदा संपर्क मार्ग पर स्थित मुकुट वर्मा नर्सिंग होम में बुधवार को रक्तदान शिविर का कार्यक्रम था। पूठड़ निवासी युवक मनीष यादव क्लीनिक पर रक्तदान करने आया।  रक्तदान के बाद युवक को चक्कर आने लगे। चिकित्सक ने उन्हें आराम को कहा, युवक जैसे ही सीढ़ियों से उतरा, उसे चक्कर आया और नीचे गिर पड़ा, जिससे उसके सर में चोटें आई।    युवक ने होश में आने पर परिजनों को फोन किया। मौके पर पहुंचे परिजनों ने  हंगामा कर दिया। वहीं युवक मनीष ने बताया कि, ना तो उसके खून की जांच की गई और ना ही यहां फार्मसिस्ट था । रक्तदान शिविर बृहस्पतिवार 18 जुलाई को लगना था ,लेकिन एक दिन पहले लगा दिया।   युवक के परिजनों ने बागपत जिलाधिकारी सहित सीएमओ बागपत से शिविर लगाने की शिकायत की। सीएमओ ने कार्रवाई करते हुए पिलाना सीएचसी से एक टीम जांच  के लिए भेजी। मौके पर पुलिस सहित टीम मौजूद रही। जांच करने आए चिकित्सक रविशंकर ने बताया कि, एक दिन पहले कैंप लगाया गया, मेडिकल स्टूडेंट रक्तदान कर रहे थे, इमरजेंसी ट्रे उपलब्ध नहीं थी और बिना पैथोलॉजिस्ट के रक्तदान शिविर लगाया गया।   संवाददाता, सीआर यादव।

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Jul 18, 2024

नगर के अस्पताल के कमियां होंगी दूर, मंत्री ने दिया भाजपा नेता बिजेंद्र शर्मा को आश्वासन

बड़ौत, 16 जुलाई 2024 (यूटीएन)। नगर के कोताना रोड़ पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों व स्वास्थ्य संसाधनों की कमी को दूर करने समेत विभिन्न समस्याओं को लेकर भाजपा के जिला महामंत्री एड बिजेंद्र शर्मा सोमवार को लखनऊ में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से मिले। इस दौरान उन्होंने बताया कि नगर की आबादी लगभग 150,000 है। साथ ही चारों तरफ बड़ी आबादी के साथ देहात के गांव लगते हैं, जो अपना उपचार कराने के लिए सीएचसी पर आते हैं।    भाजपा नेता ने स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर सच्चाई बयां करते हुए कहा कि, सीएचसी होने के बाद भी यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ-साथ सामान्य डॉक्टरों की भी कमी रहती है। बच्चों के इलाज के लिए भी कोई डॉक्टर नहीं है। हड्डियों के इलाज के लिए ऑर्थोपेडिक डॉक्टर नहीं है। उन्होंने जल्द ही संबंधित डॉक्टरों की नियुक्ति करने का स्वास्थ्य मंत्री से निवेदन किया।   वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि, अस्पताल की सभी समस्याओं को निश्चित रूप से दूर किया जाएगा, जिससे अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को मिल सकें।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

Ujjwal Times News

Jul 16, 2024

संचारी रोग नियंत्रण अभियान के साथ रोको डायरिया भी शुरू, प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सत्यापन टीम तैयार

बागपत, 15 जुलाई 2024 (यूटीएन)। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के जहां दस्तक अभियान शुरू हो गया है वहीं अब, रोको डायरिया अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसके क्रम में आंगनवाड़ी आशा घर-घर पहुंचकर दस्तक दे रहे हैं, साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर निगरानी भी की जा रही है। पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ सरूचि शर्मा ने मॉनिटरिंग की।   प्रदेश के समस्त जनपदो में दिमागी बुखार, वेक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों के सम्बन्ध में व्यापक जन-जागरूकता हेतु दिनांक 11 से 31 जुलाई के मध्य दस्तक अभियान आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर इन बीमारियों के बचाव तथा उपचार के संम्बन्ध में जानकारी देंगे।   इसके साथ ही जनपदों में संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम की सभी अन्तर्विभागीय गतिविधियाँ यथावत जारी रहेंगी,आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों द्वारा गृह भ्रमण कर दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों से बचाव तथा इसके उपचार के विषय में स्वास्थ्य शिक्षा तथा आवश्यक जानकारी देते हुये जन-जागरूकता का कार्य भी किया जा रहा है ।    इस अभियान के जरिये स्वास्थ्य शिक्षा एवं व्यवहार परिवर्तन के संदेश को गाँव के हरएक घर व परिवार तक पहुंचाने का लक्ष्य है। आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों द्वारा गृह भ्रमण कर यह जानकारी देनी है, कि रोगों से बचाव हेतु क्या करना है, क्या नहीं करना है, ताकि जनमानस समय रहते सही उपाय अपनाने के लिये जागरूक बनें।   अभियान को प्रभावी बनाने मेंं क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं में आशा, आंगनबाड़ी, एएनएम, स्कूल शिक्षक और ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी की अहम भूमिका है। इस अभियान में बुखार के रोगियों का निकटवर्ती सरकारी अस्पताल में त्वरित तथा सही उपचार कराऐ जाने पर विशेष बल दिया जाना है।   आशा कार्यकर्त्रियों की इस अभियान में सहभागिता सुनिश्चितीकरण तथा उनके द्वारा किये गये कार्यों का न्यूनतम 10 प्रतिशत सत्यापन जनपद स्तर पर किया जायेगा।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

Ujjwal Times News

Jul 15, 2024

छोटे परिवारों से पूरा होगा विकसित भारत का लक्ष्य: जेपी नड्डा

नई दिल्ली, 12 जुलाई  2024 (यूटीएन)। विकसित भारत का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब भारत का हर परिवार स्वस्थ होगा। यह केवल छोटे परिवारों से ही संभव है। इसके लिए सबको मिलकर काम करने की जरूरत है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग के दौरान कहीं। नड्डा ने कहा कि महिलाओं को परिवार नियोजन के अधिकारों और अनचाहे गर्भधारण के मामलों को रोकने के प्रति जागरूक करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।    मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए गर्भधारण का सही समय और अंतराल विषय पर आयोजित बैठक में नड्डा ने कहा कि केंद्र और राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अधिक बोझ वाले राज्यों, जिलों और ब्लॉक तक गर्भनिरोधकों की पहुंच हो। उन्होंने कहा कि वैश्विक आबादी में भारत का पांचवां स्थान है। जनसंख्या दिवस पर हमें जनसंख्या को स्थिर करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम करने का संकल्प लेना होगा।   उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को इच्छा और सूचना के बाद जन्म के उद्देश्य के साथ चलाया जाए। सरकार का फोकस युवा, किशोर, महिला, बुजु्र्ग समेत सभी के सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य पर है। इसके लिए सहयोगी रवैये के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। सही समय, जन्म के बीच अंतराल, परिवार का सही आकार और गर्भनिरोधकों को स्वैच्छिक रूप से अपनाने को सशक्त बनाना स्वस्थ और खुशहाल परिवारों के पोषण के लिए महत्वपूर्ण है।    *मिशन परिवार विकास पर की बात* बैठक के दौरान नड्डा ने मिशन परिवार विकास पर भी बात की। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम की सबसे सफल योजना है। इसे शुरुआत में सात राज्यों के 14 बड़े जिलों में लागू किया गया है। बाद में इसे अन्य सभी जिलों और छह पूर्वोत्तर राज्यों में लागू किया जाएगा। उन्होनें योजना के प्रभाव के बारे में बताते हुए राज्यों में गर्भनिरोधकों की पहुंच और मातृ-शिशु दर में आई कमी को लेकर भी चर्चा की। इस योजना से राज्यों में कुल प्रजनन दर टीएफआर में कमी आई।    नड्डा ने कहा कि टीएफआर को स्थिर रखने के लिए लगातार काम करने की जरूरत है। नड्डा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीएफआर स्तर को कम करने के प्रयासों में लापरवाही न बरतने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि राज्यों के इनपुट और एनएफएचएस डाटा के आधार पर उन इलाकों के लिए योजनाएं बनाई जाएं, जहां टीएफआर अच्छा नहीं है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 12, 2024