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○ बाजार से सामान लेने जाएं, तो कपड़े का थैला साथ लाएं
○ Rose Sardana All Set to Dazzle in Bhool Bhulaiyaa 3: A Laughter Riot Awaits
○ Ekta Tiwari Pays Tribute to Ratan Tata: A Legacy of Humanity, Vision, and Humility
○ Aalekh Foundation as His YISFF Award-Winning Hit 'Thi Thi Thara' Captivates Global Audiences
○ She's still taking revenge for that: Vivian Dsena on wife Nouran Aly
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भारत की मेजर राधिका सेन को किया जाएगा यूएन सैन्य पुरस्कार से सम्मानित
नई दिल्ली, 29 मई 2024 (यूटीएन)। कांगो में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मिशन में सेवा दे चुकी भारतीय महिला शांति रक्षक मेजर राधिका सेन को सैन्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उनकी तारीफ करते हुए उन्हें एक सच्चा और आदर्श नेता बताया। 30 मई को अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस के मौके पर मेजर राधिका सेन को 2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड’ दिया जाएगा। यूएन के महासचिव गुटेरेस उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। बता दें कि मेजर सेन भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन की कमांडर के तौर पर मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक कांगो गणराज्य के पूर्व में तैनात थीं। वह मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हैं। उनका जन्म 1993 में हुआ था और वह आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुई थीं। मेजर राधिका सेन ने बायोटेक इंजीनियर में स्नातक किया, इसके बाद ही उन्होंने भारतीय सेना में शामिल होने का फैसला किया था। मेजर सुमन गवानी के बाद 2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड पाने वाली वह दूसरी भारतीय शांति रक्षक हैं। मेजर गवानी ने संयुक्त राष्ट्र के मिशन में सेवा दी थी और उन्हें 2019 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गुटेरेस ने मेजर सेन को उनकी सेवा के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, "वह मेजर राधिका सेन एक सच्ची और आदर्श नेता हैं। उनकी सेवा समग्र रूप से संयुक्त राष्ट्र के लिए एक योगदान है।" इस पुरस्कार की घोषणा के बाद मेजर सेन ने कहा, "यह पुरस्कार मेरे लिए खास है क्योंकि यह कांगो गणराज्य के चुनौतीपूर्ण माहौल में काम कर रहे और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपना उत्कृष्ट योगदान दे रहे सभी शांतिरक्षकों की कड़ी मेहनत को पहचान देता है।"बता दें कि वर्तमान समय में भारत यूएन में महिला सैन्य शांति सैनिकों 11वां सबसे बड़ा योगदान देने वाले देशों में से एक है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
May 29, 2024
भारत की जेलों में मासिक धर्म स्वास्थ्य प्रबंधन में सुधार के लिए व्यापक रणनीति प्रस्तावित की गई है: किरण बेदी
नई दिल्ली, 29 मई 2024 (यूटीएन)। अंतर्राष्ट्रीय मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर, मुख्य अतिथि डॉ. किरण बेदी, पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल और इंडिया विजन फाउंडेशन की संस्थापक ने एसोचैम के तीसरे मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन सम्मेलन-सह-पुरस्कार में भारत में मासिक धर्म प्रबंधन के बारे में बात की, जिसमें महिलाओं और लड़कियों की भलाई को प्रभावित करने वाली कई चुनौतियों और स्थितियों का सामना करना पड़ता है। कई जेलों में पर्याप्त स्वच्छता सुविधाओं का अभाव है, जैसे कि साफ और निजी शौचालय, बहता पानी और मासिक धर्म अपशिष्ट के लिए उचित निपटान प्रणाली। मासिक धर्म अपशिष्ट से बचने के लिए अधिक भस्मक जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. और सैनिटरी पैड के लिए अधिक मशीनों का उपयोग किया जाना चाहिए। जेलों में मासिक धर्म की आपूर्ति की उपलब्धता के बारे में, उन्होंने अपनी चिंताएँ व्यक्त कीं और त्वरित कार्रवाई की माँग की। भारत सरकार की मुद्रा योजना और भारत की मासिक धर्म स्वच्छता योजना के बारे में बात करते हुए चुनौतियों का मुकाबला करने और महिलाओं के लिए सुरक्षित पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए राज्य-उन्मुख दृष्टिकोण अपनाने का एक प्रवेश द्वार है। उन्होंने कहा कि विभिन्न हितधारकों और गैर सरकारी संगठनों को मासिक धर्म के बारे में चुप्पी तोड़ने, समुदायों को शिक्षित करने और किफायती मासिक धर्म उत्पादों तक पहुँच प्रदान करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। स्पार्क मिंडा फाउंडेशन, इंडिया विजन फाउंडेशन, भारत केयर्स और एसोचैम ने उत्तर प्रदेश की जेलों में मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन परियोजना शक्ति शुरू की। यूनेस्को इंडिया की वरिष्ठ लिंग विशेषज्ञ डॉ. हुमा मसूद ने युवा और स्कूल जाने वाली लड़कियों तक पहुँचने पर ध्यान केंद्रित किया ताकि मासिक धर्म से जुड़ी शर्म, भारी कलंक और गलत धारणा को मिटाया जा सके। उन्होंने आगे बताया कि भारत में 5 में से 1 लड़की मासिक धर्म शिक्षा और सैनिटरी उत्पादों तक पहुँच की कमी के कारण स्कूल छोड़ देती है। स्कूलों, परिवारों और समुदायों से मासिक धर्म शिक्षा पर अध्याय गायब है, जिसके परिणामस्वरूप 71% लड़कियों को पहली बार मासिक धर्म के बारे में पता ही नहीं चलता। नीति आयोग के उपाध्यक्ष कार्यालय की निदेशक सुश्री उर्वशी प्रसाद के अनुसार, ग्रामीण और दूरदराज के स्थानों में मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों की अक्सर कम आपूर्ति होती है और वितरण नेटवर्क अपर्याप्त हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पुरुषों को मासिक धर्म से जुड़ी शर्म के बारे में जागरूक होना चाहिए। अनौपचारिक कार्यस्थलों में महिलाओं को सुरक्षित महसूस करना चाहिए और अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करने में सक्षम होना चाहिए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण में जागरूकता में 20% की वृद्धि की रिपोर्ट की गई है। श्रीमती नेहा जैन, आईएएस, विशेष सचिव, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने विशेष संबोधन में बताया कि सुलभता और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने के लिए कम लागत वाले सैनिटरी पैड, मासिक धर्म कप और बायोडिग्रेडेबल विकल्पों के विकास और वितरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। मासिक धर्म स्वास्थ्य प्रबंधन का समर्थन करने वाली और लैंगिक असमानताओं को दूर करने वाली नीतियों की निरंतर वकालत आवश्यक है। एसोचैम नेशनल सीएसआर काउंसिल के अध्यक्ष अनिल राजपूत ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भारत के कई हिस्सों में मासिक धर्म को अक्सर वर्जित विषय माना जाता है। सांस्कृतिक मान्यताएँ और मिथक इस विषय पर चुप्पी और शर्म को बनाए रखते हैं, जिससे खुली चर्चा और शिक्षा को रोका जाता है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म वाली महिलाओं और लड़कियों को कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे अलगाव और भेदभाव की भावना पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि 22.7% महिलाएँ और लड़कियाँ उच्च लागत के कारण सैनिटरी उत्पादों का खर्च नहीं उठा सकती हैं, जिससे उन्हें पुराने कपड़ों जैसे अस्वास्थ्यकर विकल्पों का उपयोग करना पड़ता है। रियल रिलीफ इंडिया की निदेशक सुश्री ट्राइन सिग ने कहा कि हर 4 में से 1 महिला सैनिटरी नैपकिन खरीदने से चूक जाती है। मासिक धर्म संबंधी स्वास्थ्य शिक्षा में एक महत्वपूर्ण अंतर है। कई लड़कियाँ मासिक धर्म के लिए तैयार नहीं होती हैं और उन्हें मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में बुनियादी जानकारी नहीं होती है। अपर्याप्त सुविधाओं और सामाजिक कलंक के कारण लड़कियाँ अपने मासिक धर्म के दौरान स्कूल नहीं जा पाती हैं, जिससे उनकी शिक्षा और भविष्य के अवसर प्रभावित होते हैं। एसोचैम नेशनल एम्पावरमेंट काउंसिल की सह-अध्यक्ष सुश्री ज्ञान शाह ने कहा कि आर्थिक असमानताओं के कारण, निम्न आय वाले परिवारों की महिलाओं को सुरक्षित मासिक धर्म उत्पादों तक पहुँचने में अधिक संघर्ष करना पड़ता है। एसोचैम नेशनल वेलनेस काउंसिल की सह-अध्यक्ष डॉ. ब्लॉसम कोचर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और मासिक धर्म उत्पादों की सामर्थ्य और पहुँच के बारे में जागरूकता फैलाई। कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि किरण बेदी द्वारा मासिक धर्म स्वच्छता में सर्वाधिक नवीन उत्पाद, मासिक धर्म स्वच्छता में सीएसआर पहल द्वारा अधिकतम प्रभाव-कॉर्पोरेट और सार्वजनिक उपक्रम; मासिक धर्म स्वच्छता में सीएसआर पहल द्वारा अधिकतम प्रभाव-एनजीओ; मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन चैंपियन ऑफ द ईयर (संगठन से) श्रेणियों में पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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May 29, 2024
अनियंत्रित ट्रेक्टर की टक्कर से घायल की हालत गम्भीर , परिजनों द्वारा तहरीर देकर कार्रवाई की मांग
खेकड़ा,29 मई 2024 (यूटीएन)। कस्बे के काठा मार्ग पर एक अनियंत्रित ट्रेक्टर चालक ने एक बाइक सवार ग्रामीण को टक्कर मार दी थी।अब उक्त ग्रामीण अस्पताल में गम्भीर हालत में जिंदगी मौत से जूझ रहा है। मंगलवार को परिजनों ने कोतवाली पहुंचकर आरोपी ट्रेक्टर चालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ऋग्वेद बसी निवासी शमशाद ने कोतवाली पहुंचकर बताया कि, गत 15 मई को उसका भाई दिलशाद बाइक से नौकरी करने दिल्ली जा रहा था। खेकड़ा में ईदगाह के पास एक मिटटी भरे ट्रेक्टर चालक ने तेज अनियंत्रित गति में आते हुए उसकी बाइक को टक्कर मार दी और फरार हो गया। उनका भाई तभी से बडौत अस्पताल में जिंदगी और मौत से जुझ रहा है। शमशाद ने पुलिस को ट्रेक्टर चालक का नाम बताते हुए कोतवाली प्रभारी से कडी कार्रवाई की मांग की है। अवैध मिटटी खनन करता है आरोपी ट्रेक्टर चालक शमशाद का आरोप है कि उक्त आरोपी ट्रेक्टर चालक मिटटी के अवैध खनन में संलिप्त है और अपना हाथ उच्च अधिकारियों तक बताता है। यही कारण है कि उसके खिलाफ कार्रवाई में देरी हो रही है। उस दिन भी अवैध खनन की मिटटी लेकर ही तेज गति से अनियंत्रित ट्रेक्टर को चलाते हुए उसके भाई को टक्कर मारी है। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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May 29, 2024
एसपी ने ईवीएम के लिए बने स्ट्रांग रूम पर सुरक्षा व्यवस्था परखी,4 जून को होगी मतगणना
खेकड़ा,29 मई 2024 (यूटीएन)। कस्बे के लख्मीचंद पटवारी कालेज में बनाए स्ट्रांग रूम पर सुरक्षा व्यवस्था को जानने के लिए मंगलवार को एसपी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मुस्तैद सीआरपीएफ जवानों से वार्ता कर सीसीटीवी कैमरे आदि भी देखे तथा पुलिस व सीआरपीएफ जवानों को दिशा निर्देश भी दिए। दिल्ली सहारनपुर नेशनल हाइवे स्थित लख्मीचंद पटवारी कालेज को प्रशासन ने लोकसभा चुनाव का भी संचालन केंद्र बनाया है। 26 अप्रैल को मतदान होने के बाद बागपत, बड़ौत व छपरौली विधानसभा क्षेत्र के बूथों की ईवीएम को स्ट्रांग रूम में कैद कर दिया था। स्ट्रांग रूम के बाहर सीआरपीएफ की टीम पहरेदारी कर रही है, तो पुलिस को भी सुरक्षा में लगाया है। मंगलवार को एसपी अर्पित विजयवर्गीय स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पहुंचे। परिसर का जायजा लेने के बाद सीआरपीएफ जवानों से वार्ता की साथ ही सीसीटीवी कैमरों को भी चेक किया। ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की हौंसला अफजाई कर कोई भी कोताही न बरतने को कहा। मौजूद अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। आगामी 4 जून को इसी कालेज मेन मतगणना भी होगी। ईवीएम संकलन के बाद से तब तक स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था सीआरपीएफ जवान व पुलिस के जिम्मे बनी हुई हे। मेन गेट पर पीएसी व पुलिस संयुक्त रूप से पहरेदारी कर रही है। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |p23
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May 29, 2024
कम दरों पर ईंट पथाई के भुगतान के आरोप के चलते जिलाधिकारी व उप श्रमायुक्त को पत्र
बागपत, 29 मई 2024 (यूटीएन)। ईंट भट्ठा मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित ईंट पथाई के रेट न मिलने से श्रमिकों में रोष बढने लगा है तथा आचार संहिता हटने के बाद भट्ठा मालिकों के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक सकते हैं। जिलाधिकारी तथा उप श्रमायुक्त को लिखे पत्र में आरोप लगाया गया है कि, निरपुडा, बिजरौल सहित अनेक भट्ठों पर सरकार द्वारा निर्धारित ईंट पथाई नहीं दी जा रही है। इतना ही नहीं बताया तो यह भी जा रहा है कि इन भट्ठों पर श्रमिकों के बच्चे भी पथाई करते रहते हैं, लेकिन बाल श्रम रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई न होने से बचपन को स्कूल के बदले मजदूरी में धकेला जा रहा है। निरपुडा निवासी एक भट्ठा मजदूर ने बताया कि, टीकरी मार्ग के एक भट्ठे पर ईट पथाई करता है। इस कार्य में उसकी मम्मी व बच्चे भी शामिल हैं। भूख, मंहगाई और मजबूरी का आलम यह है कि , सरकार द्वारा निर्धारित ईंट पथाई मालूम होने के बावजूद मालिकों की दबंगई, गाली गलौज के चलते भयवश, मनमर्जी की दरों से भुगतान लेना पडता है। मजदूरों के अनुसार वर्तमान में ईट पथाई का रेट 676 रू प्रति हजार है, लेकिन भट्टा मालिक उन्हें 500 रू प्रति हजार ही भुगतान करते हैं। बताया कि अगर हम सरकार द्वारा निर्धारित दरों से भुगतान मागते हैं, तो उन्हें गाली गलोच के साथ ही जातिसूचक शब्दों से शर्मसार किया जाता है। कहा कि, उप श्रमायुक्त अथवा श्रम विभाग के अधिकारी यदि इन भट्ठों पर आकर हकीकत जानें, तो मजदूरों का शोषण रोका जा सकता है तथा बालश्रम जैसे कलंक को भी धोया जा सकता है। वहीं एक भट्ठा मजदूर ने तो अपने पत्र में कहा कि, 676 रुपये प्रति हजार की दरों से उन्हें भुगतान हो 29 मई 2024 (यूटीएन)। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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May 29, 2024
80 वर्षीय बिटावदा के महान संत शीतलदास महाराज को दी गयी भू समाधि
सोनीपत, 29 मई 2024 (यूटीएन)। नेशनल हाइवे 334 बी, सोनीपत उत्तर प्रदेश बॉर्डर के यमुना पुल के निकट स्थित शिव मंदिर के महंत व मुख्य पुजारी शीतलदास महाराज जी का शरीर पूरा होने के बाद उनको शिव मंदिर के प्रांगण में साधु-संतो की उपस्थिति में भू समाधि दी गयी। लगभग 80 वर्षीय महान संत शीतलदास महाराज जी मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना तहसील के बिटावदा गांव के निवासी थे। महाराज के परम भक्त व वर्ष 2008 से उनकी पुत्र की भांति सेवा करने वाले रवि वर्मा ने बताया कि महाराज कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे। सोमवार को महाराज की तबीयत अधिक खराब होने पर जनपद बागपत उत्तर प्रदेश के जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन सभी प्रयास करने के बावजूद भी उनको बचाया नही जा सका। रवि वर्मा ने बताया कि वे महाराज की वर्ष 2008 से सेवा कर रहे थे और उनका ईलाज करवा रहे थे। रवि वर्मा ने कहा कि महाराज जैसी महान शख्सियतें सदियों मे कभी कभार ही जन्म लेती है। महाराज के परम शुभचिंतकों में शुमार वरिष्ठ पत्रकार व प्रमुख समाजसेवी सुरेन्द्र मलनिया ने बताया कि महाराज का जाना उनके लिए बहुत दुखदायी है। महाराज श्री एक महान सन्यासी, एक अच्छे मार्गदर्शक और बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। कहा कि महाराज का सम्पूर्ण जीवन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और धर्म के प्रचार व प्रसार में बीता। महाराज 4 भाई और 3 बहन है महाराज भाईयों में दूसरे नम्बर के थे। महाराज के तीन सुपुत्र और 1 सुपुत्री है। महाराज जब लगभग 50 वर्ष के थे, तब इन्होंने गृह त्याग किया और अपना सम्पूर्ण जीवन भगवान शिव को समर्पित कर दिया। वह जब तक इस जमीन पर रहे, लोगों के उद्धार और शिव भक्ति में लीन रहे। इस अवसर पर महाराज के भक्तों ने महाराज के साथ बिताये यादगार पलों की तस्वीरें साझा की। महाराज की भू समाधि के अवसर पर अनेकों साधु-संतो के अलावा महाराज की पुत्री पूनम उर्फ डॉली, महाराज के भाई भोपाल सिंह, सोहनवीर सिंह व कृष्णपाल सिंह, महाराज की बहन विद्या प्रधान, कमला आगरा व शिक्षा, भतीजे बिट्टू, संजीव व नवीन, भांजा अनिल, बहनाई सतपाल सिंह आगरा, पोता अभि, बब्लू व अन्य परिवारगण, गौरीपुर जवाहरनगर के पूर्व प्रधान सत्यपाल उर्फ सत्तो चौहान, अर्जुन कश्यप, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन सहित अनेकों शुभचिंतक और भक्तगण उपस्थित थे। बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।
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May 29, 2024
खान कंपाउंड मे जनता परेशान हैं गंदा पानी भरने से
मुंबई, 28 मई 2024 (यूटीएन)। मुंब्रा कल्याण रोड खान कंपाउंड मे रोड पर बिल्डिंग का चेंबर टु टने से गंदा पानी रोड पर भरा हुआ है जिसे स्थानीय लोगों को बीमारी का डर सत्ता रहा है जेसे डेंगू टाइफाइड फूड प्वाइजन जेसी बीमारी फैलने का डर है रोड पर गंदगी से आने जाने वाले लोगो भी परेशान हैं. इसका जिम्मेदार कौन है नेता को वोट लेना होगा तो वादे बड़े बड़े करेंगे उसके बाद जब जीत है तो कोई भी फीर खान कंपाउंड की जनता का हल लेने नहीं जाते है आज वहां पीने का पानी भी नहीं है. और नला गटर भी नही है और सीवर की लाईन भी नही है बिल्डिंग तो है मगर अमीर लोग के लिए बस सुविधा है वही पर दोस्ती बिल्डिंग बनी है उनको ठाणे महानगर पालिका ने सब चीज़ की सुविधा दिया है मगर उसी के पीछे जो लोग रहते है उनके लिए कोई सुविधा नहीं है. आखिर ऐसा दोहरा रवैया क्यों वाह की जनता के साथ इसका जिम्मेदार कौन ठाणे महानगरपालिका यह खासदार आमदार नगरसेवक वहा की जनता पीने का पानी भी खरीद कर पीति है दीजिए तो गरीब लोग हैं उसके पर से महंगाई की मार है. उस पर सोने पर सुहागा पीने का पानी भी खरीद कर पीना पड़ता है रोड तो एसी है की अगर कोई मरीज को इमरजेंसी में ले जाना पड़े तो रास्ते में वह दम तोड़ देगा . इतने गड्ढे हैं की और तो और बारिश में तो इतना रास्ता खराब हो जाता है की सड़क पर पानी भर जाता है 1 साल पहले भी एम एच कंपाउंड मे रहने वाला एक 14 साल के बच्चे की जन चली गाई थी बारिश में प्रशासन कब नींद से जागेगा जब वहां पर कोई बड़ी दुर्घटना होगी तब क्या उसी दुर्घटना का इंतजार है. महाराष्ट्र सरकार को और ठाणे महानगर पालिका हम सरकार को सुचित करना चाहते है की खान कंपाउंड की जनता बहुत परेशान हैं ठाणे महानगर पालिका जब घर का टैक्स लेती है तो वहां की जनता को सुविधा क्यों नहीं देती खाली दोस्ती बिल्डिंग मे रहने वाले लोगों के लिए सुविधा है. उनका हर सुविधा दे दिया जाता है मगर यह गरीब जनता को कोई सुविधा नहीं दिया जाता क्या खाली अमीर लोग को पीने का पानी का अधिकार है रोड साफ सफाई का सीवर लाइन का क्या सारी सुविधाएं उन्हीं लोग के लिए बनी है जो दोस्ती बिल्डिंग में रहेंते है गरीब जनता के लिए कुछ सुविधा नहीं है यही हल इन जगहा पर है अचार गली शिलफाटा अंडा गली शिलफाटा खराड़ी रोड एम एच कंपाउंड खान कंपाउंड इन सब जगा पर जनता परेशान हैं. मुंबई - संवाददाता, (नेहाल हसन) |
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May 28, 2024
अलीगढ़ में अग्निशमन कर्मी की हादसे में मौत, साथी घायल, बालैनी का मूल निवासी था मोहित यादव
बालैनी,28 मई 2024 (यूटीएन)। सड़क हादसे में अग्निशमन कर्मी बाखरपुर गांव निवासी युवक की मौत। साथी गंभीर रूप से घायल। दोनों अलीगढ़ से से डाक लेकर गभाना लोट रहे थे। रविवार की देर रात करीब 10 बजे हाईवे पर बिधानगर के पास एक अज्ञात गाड़ी टक्कर मार कर चली गई, जिससे जवान की गाड़ी खाई में पलट गई , जिस कारण अग्निशमन विभाग में तैनात मोहित यादव पुत्र बिरेंद्र यादव निवासी बाखरपुर बालैनी की मौत हो गई और साथी निशांत चौधरी निवासी रोहतक हरियाणा गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया कि, देर रात मोहित यादव व साथी निशांत चौधरी हरियाणा, अलीगढ़ मुख्यालय से डाक लेकर गभाना लौट रहे थे । हादसे के बाद राहगीरों ने पुलिस को दी सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों साथियों को गाड़ी से बाहर निकाला और जिला हॉस्पिटल अलीगढ़ लेकर पहुंची ,जहा डॉक्टरों ने मोहित यादव को मृत घोषित कर दिया और साथी निशांत चौधरी हरियाणा को हायर सेंटर भेजा गया, जहां निशांत जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। परिजनों को सूचना मिलते हीकोहराम मचा हुवा है। मोहित यादव 2021 में अग्निशमन पुलिस में भर्ती हुआ था वह दो भाइयों में छोटा था । पिता बिरेंद्र यादव बालैनी अड्डे पर पेंट की दुकान करते है ,जो मोहित हार्ड़ वेयर के नाम से दुकान है। मोहित के बाबा मंगलू यादव भी यूपी पुलिस में एसआई के पद पर थे ,जो सेवा निवृत्त हो चुके हैं। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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May 28, 2024
15 साल तक के बच्चों को एएफपी का खतरा ,डब्ल्यूएचओ के तत्वाधान में स्वास्थ्य विभाग की कार्यशाला
खेकड़ा,28 मई 2024 (यूटीएन)। सीएचसी पर सोमवार को 15 साल तक के बच्चों को एएफपी यानि एक्यूट फ्लैसिट पैरालिसिस से बचाने के लिए डब्ल्यूएचओ के तत्वाधान में स्वास्थ्य विभाग की विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बीमारी के कारण और उससे बचाव पर भी मंथन किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम के तत्वाधान में सोमवार को सीएचसी खेकड़ा के सभागार में 15 साल तक के बच्चों को एक्यूट फ्लैसिट पैरालिसिस से बचाने के लिए विशेष कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें बच्चों में अचानक होने वाले लकवा रोग पर चर्चा की गई। एसएमओ डा कुमार गुंजन ने बताया कि , बरसात के मौसम में एक्यूट फ्लैसिट पैरालिसिस से पीड़ित बच्चों की संख्या अधिक देखने को मिलती है ,क्योंकि इसका वायरस बरसात में पानी के जरिए तेजी से फैलता है। समय पर उपचार के जरिए इस रोग से बचा जा सकता है। बताया कि, एएफपी से पीड़ित रोगी की सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी जानी चाहिए। इससे समय रहते रोग का निर्धारण कर उसका समय पर उपचार किया जा सकता है। बीमारी से ग्रसित बच्चे जब खुले में शौच करते हैं, तो बरसात के पानी से इस बीमारी के वायरस स्वस्थ्य बच्चों को प्रभावित कर देते हैं। इसकी वजह से बच्चों के शरीर के किसी भी अंग में निशक्तता आ सकती है। बताया कि, यह एक तरह से पोलियो का ही एक प्रकार है, जबकि देश में बीते कुछ सालों में पोलियो का कोई रोगी नहीं पाया गया है,लेकिन पड़ोसी देशों में पोलियो के केस पाए जा रहे हैं। इन देशों से लोगों का आना जाना लगा रहता है। इस वजह से इसके वायरस के आने की संभावनाएं बनी रहती हैं। कार्यशाला में बताया गया कि,पोलियो की तरह दिखने वाली यह बीमारी एएफपी अभी भी है। कार्यशाला में डबल्यूएचओ के मानिटर मुदस्सर नजर,सीएचसी प्रभारी डा मसूद अनवर, डा ताहिर, डा प्रियंका, डा संतोष, डा मीना, डा माधुरी समेत स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों के अलावा क्षेत्र के प्राइवेट चिकित्सक भी शामिल हुए। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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May 28, 2024
विपक्ष ही नहीं बिजली आपूर्ति की बदहाली पर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री भी चिंतित, ऊर्जा मंत्री को लिखा पत्र
बागपत,28 मई 2024 (यूटीएन)। विद्युत् आपूर्ति की बदहाली पर विपक्ष ही नहीं प्रदेश सरकार के मंत्री भी चिंतित हैं और सुधार के लिए बिजली विभाग के केबिनेट मंत्री को पत्र लिखकर शीघ्र सुधार की मांग की है। अब जबकि आमचुनाव का अंतिम चरण बाकी है, ऐसे में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का मंचों से ढिंढोरा पीटने वाली सरकार के मंत्री ने हकीकत बयान करते हुए बिजली मंत्री को लिखे पत्र में बागपत में बिजली सप्लाई की पोल खोलते हुए बताया कि, जिला मुख्यालय पर 24 , तहसील मुख्यालय पर 21 व ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे की आपूर्ति आदेश को दरकिनार कर यहां 15,12 व 8 घंटे ही सप्लाई हो रही है। राज्यमंत्री केपी मलिक ने प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री को लिखे पत्र में बताया कि, बिजली लाइन अथवा ट्रांसफार्मर में आई खराबी को भी समय से ठीक नहीं कराया जाता है, जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है। बताया कि, बडौत नगर तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में तो बिजली की आपूर्ति की हालत और भी गंभीर बनी हुई है। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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May 28, 2024