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मीडिया एवं सूचना साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए युवाओं ने की चर्चा

बड़ौत,31 मई 2024  (यूटीएन)। यूनेस्को एमआईएल द्वारा मीडिया और सूचना साक्षरता आधारित यूथ डिबेट सीरीज का वर्चुअल आयोजन किया गया, जिसमें ट्यौढी के युवा सामाजिक कार्यकर्ता अमन कुमार ने साउथ एशियन सार्क देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने विचार साझा किए।    कार्यक्रम हेतु 200 से अधिक आवेदनों में साउथ एशिया के प्रतिनिधित्व हेतु अमन कुमार का चयन किया गया। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण यूनेस्को के सोशल मीडिया पर किया गया। अमन सहित अन्य युवाओं की चर्चा से सामने आए सुझावों को यूनेस्को एमआईएल पॉलिसी में समाहित कर सभी राष्ट्रों के समक्ष प्रस्ताव भेजा जाएगा। कार्यक्रम में यूनेस्को पेरिस मुख्यालय से वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य ने युवाओं के विचारों को सुना।   युवा अमन कुमार ने कहा कि डिजिटल युग में जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जीपीटी मॉडल जैसी विभिन्न नई तकनीक तेजी से विकसित हो रही है ,जिनकी असीम संभावनाओं के साथ ही इनके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। इन टेक्नोलॉजी के माध्यम से इंटरनेट मीडिया पर फेक न्यूज, डीप फेक मीडिया जैसे विभिन्न संकट सामने आ रहे हैं, जिसके माध्यम से बड़ी संख्या में इंटरनेट यूजर्स को भ्रमित किया जा रहा है।   अगले दो वर्षों में दुनियाभर के कई राष्ट्र अपनी सरकार चुनने जा रहे है और इस समय में गलत जानकारियों और तथ्यों के प्रचार प्रसार को रोकने के लिए पॉलिसी बनाया जाना बेहद जरूरी है। बताया गया कि,अमन सहित विभिन्न देशों से जुड़े कुल आठ युवाओं ने यूनेस्को एमआईएल यूथ डिबेट सीरीज के प्रथम सत्र में अपने विचार और चिंताएं व्यक्त की और यूनेस्को को नीति निर्माण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। युवाओं के योगदान से बने अंतिम प्रस्ताव को सभी राष्ट्रों के बीच साझा कर यूनेस्को द्वारा मीडिया और सूचना साक्षरता को बढ़ावा दिया जाएगा।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |  

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May 31, 2024

ईवीएम,के 228 व पोस्टल बैलेट ईटीपीबीएस के 98 मतगणना कार्मिकों को दिया गया प्रशिक्षण

बागपत,31 मई 2024  (यूटीएन)। लोक सभा चुनाव के अंतिम कार्यक्रम 4 जून को होने वाली मतगणना को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराए जाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। बागपत संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में समाविष्ट छपरौली, बडौत व बागपत विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतगणना 4 जून को प्रातः 8 बजे से खेकड़ा के लखमीचन्द पटवारी कालिज ऑफ एजुकेशन में प्रारम्भ कराई जाएगी ,जिसके क्रम में आज जिला मजिस्ट्रेट व जिला निर्वाचन अधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट लोकमंच पर 228 मतगणना कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान मतगणना ऑब्जर्वर ,मतगणना सहायक , मतगणना सुपरवाइजर ने प्रशिक्षण लिया।   जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतगणना कार्मिकों को मतगणना स्थल लख्मीचंद पटवारी डिग्री कॉलेज खेकड़ा में प्रातः 6:00 बजे पहुंचने के साथ ही अपने पहचान पत्र अवश्य बनवा लेने के निर्देश दिए, जिससे किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो। उन्होंने कहा, मतगणना करने के लिए एक हॉल में 14 टेबल लगाए जाएंगे इसके अतिरिक्त एक एआरओ की टेबल होगी । मतगणना से संबंधित किसी भी मतगणना कार्मिक को किसी तरह का कोई प्रश्न मन में हो, तो निसंकोच अवश्य पूछ ले, जिससे कि मतगणना वाले दिन आपको किसी भी तरह की समस्या से जूझना ना पड़े। बताया कि, मतगणना कार्मिकों के लिए संपूर्ण व्यवस्थाएं की गई हैं । मतगणना स्थल पर एक मीडिया सेंटर कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जहाँ मीडिया को प्रत्येक चक्र की सूचना से अपडेट किया जाएगा।   सुपर मास्टर ट्रेनर डॉ सत्यवीर सिंह प्रधानाचार्य नेहरू इंटर कॉलेज पिलाना ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मतगणना कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया, जिसमें उन्हें ईवीएम, पोस्टल बैलेट के साथ ही ईटीपीबीएस की मतगणना के बारे में विस्तार पूर्वक प्रशिक्षण प्रदान किया।इस दौरान ईवीएम के 228 मतगणना कार्मिक व पोस्टल बैलेट के 98 मतगणना कार्मिक ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। एडीएम ने बताया डाक मत पत्रों की मतगणना सबसे पहले शुरू की जाएगी एवं 30 मिनट के पश्चात ईवीएम में प्राप्त मतों की गणना प्रारंभ की जाएगी। ईवीएम में पड़े वोटो का मिलान 17 ग के भाग 1से किया जाएगा।    जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि  ईवीएम एवं पोस्टल बैलेट आदि का प्रशिक्षण पूर्ण मनोयोग से प्राप्त कर लें  ताकि मतगणना के दिन किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि, मतगणना संबंधी उपलब्ध कराए गए प्रारूप के समस्त कॉलम स्पष्ट शब्दों में साफ-साफ भरे जाएं, मतगणना सामग्री को चेक कर लें ,यदि कोई कमी हो तो पूर्ण कर लेंं। प्रदर्शित होने वाले रिजल्ट को इस प्रकार से खड़े होकर दिखाएंगे कि, उपस्थिति मतगणना एजेंट अच्छी तरह से देख व नोट कर सकें, मतगणना पर्यवेक्षक द्वारा बोलकर भी टेबल का रिजल्ट बताया जाएगा। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व पंकज वर्मा ,अपर जिलाधिकारी सुभाष सिंह ,मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव समस्त एसडीएम आदि उपस्थित रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |    

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May 31, 2024

जिलाधिकारी ने स्टेरिंग कमेटी की बैठक संपन्न, अतिवृष्टि ,वर्षा व बाढ़ से बचाव के लिए, क्या करें की कार्य योजना बनी

बागपत,31 मई 2024  (यूटीएन)। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़ क्षेत्रों में अनुश्रवण हेतु स्टेरिंग कमेटी के साथ बैठक की तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार को निर्देशित किया कि, वर्षा ऋतु के दृष्टिगत सिंचाई विभाग अपनी तैयारी समस्त पूर्ण कर ले, इसमें किसी भी तरह की गलती बर्दाश्त नहीं की जाएगी।    उन्होंने बैठक में संबंधितों को यह भी निर्देश दिए कि, जिन तटबंधों पर अभी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है उन पर तत्काल काम प्रारंभ कर दिया जाए। उन्होंने तटबंधों के तरफ आने वाली झाड़ियां की साफ सफाई कराए जाने के भी निर्देश दिए व कहा, तटबंध की मरम्मत अच्छे से होनी चाहिए। कहा कि,पूर्व में जिन गांवों में बाढ़ आई थी उनकी कुछ कृषि भूमि भी प्रभावित हुई थी ,उनके संबंध में भी अच्छी कार्य योजना बनाई जाए तथा बाढ से निबटने के लिए स्टोन बॉलर्डर बलिया जेसीबी पोकलेन मशीन आपात व्यवस्था के दृष्टिगत तैयार रहनी चाहिए। उन्होंने बदरखा, जागोस, शबगा के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए ।    उन्होंने कहा, जो कार्य अभी अपूर्ण दिखाई दे रहे हैं ,उन्हें तत्काल पूर्ण कर लिया जाए व 15 जून तक सभी कार्य पूर्ण हो जाएं। साथ ही जिन स्थानों पर कार्य करने हैं ,उन स्थानों पर कार्य प्रारंभ किया जाएं। उन्होंने अधिशासी अभियंता जल निगम, अधिशासी अभियंता विद्युत व अधिशासी अभियंता सिंचाई अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी सहित 4 सदस्यीय टीम गठित की है जो पूर्व में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिन गांवों में समस्या आई थी, क्यों आई थी क्या कारण था, इसके संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा बाढ़ ना आए ,उसके लिए क्या तैयारी की गई है ,उसके संबंध में भी संबंधित अधिकारियों ने वार्ता की ।    जिलाधिकारी निर्देश दिए कि, टीम वर्क के रूप में सभी अच्छा कार्य करें। प्रत्येक तटबंध के होने वाले कार्य से प्रतिदिन अपडेट करें। जिलाधिकारी ने कहा कि ,सड़क बांध, बंधे सभी जनपद में सुरक्षित रहने चाहिए छोटी मोटी समस्याओं को भी नजर अंदाज ना करें ,आपदा के समय छोटी समस्या ही बड़ी बन जाती है इसलिए गंभीरता के साथ सभी कमेटी के सदस्य इसमें कार्य करें ।जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के एई वीरपाल व एसडीओ अमित को तत्परता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए और कहा कि,जहां जहां समस्या है उसका तत्काल समाधान हो जाए और उन समस्याओं को दुरुस्त कर लिया जाए। बैठक में पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ,अपर जिलाधिकारी पंकज वर्मा, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी अतुल कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी केवी सिंह, अधिशासी अभियंता नलकूप आदि भी उपस्थित रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 31, 2024

लोकसभा चुनाव,मतगणना की तैयारी के संबंध में की बैठक संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारियों से कराया रूबरू

बागपत,31 मई 2024  (यूटीएन)। लोकसभा चुनाव की होने वाली मतगणना को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराए जाने के सन्दर्भ में बैठक संपन्न। बागपत जनपद के अंतर्गत आने वाले संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के छपरौली, बडौत व बागपत विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतगणना 4 जून को प्रातः 8 बजे से खेकड़ा के लखमीचन्द पटवारी कालिज में प्रारम्भ कराई जाएगी। इसके लिए अपर जिलधिकारी वित्त एवं राजस्व व उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने सम्बंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिये। वहीं स्ट्रांग रूम की सुरक्षा एवं शान्ति व्यवस्था बनाए रखने हेतु  मजिस्ट्रेट व प्रभारी अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी से रूबरू कराया।    ककलेक्ट्र सभागार में  हुई बैठक में उन्होंने कहा ,नियुक्त किए गए प्रत्येक अधिकारी मतगणना के दिन 4 जून को प्रातः 6 बजे मतगणना स्थल पर पहुँचाना सुनिश्चित करेंगे एवं सौंपे गए कार्य के प्रति पूर्णरूपेण उत्तरदायी होगे तथा अपने दायित्वों का गंभीरता के साथ निर्वहन करेंगे। किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी ।    उन्होंने कहा प्रत्येक विधानसभावार 14 टेबल लगाई जाएंगी ,जिसमें एक  एआरओ टेबल अलग से लगी होगी  । जिसके चारों तरफ से मजबूत बैरिकेडिंग कराई गई है और मतगणना हाल के अंदर  फोन कैमरा कैलकुलेटर कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं जाएगी।   इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव , डिप्टी कलेक्टर मनीष यादव, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी भास्कर पांडेय सहित आदि अधिकारी उपस्थित रहे।        

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May 31, 2024

पुण्यतिथि पर याद किए गए पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह , खेकड़ा और सांकरौद में किए पुष्प अर्पित

खेकडा, 31 मई 2024  (यूटीएन)। भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 37 वीं पुण्य तिथि पर बुधवार को कस्बे में अनुयायियो ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए। गोष्ठी में वक्ताओं ने चौधरी चरण सिंह को किसानों का मसीहा बताया। दूसरी ओर सांकरौद गांव में भी पूर्व प्रधानमंत्री को याद किया गया।   किसानों के मसीहा, भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री चौ‌ चरण सिंह की पुण्यतिथि पर रविवार को कार्यक्रम हुए। कस्बे में तांगा स्टैंड पर आयोजित कार्यक्रम में रालोद किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष ब्रह्मपाल सिंह सभासद के आवास पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में चौधरी चरण सिंह को याद किया गया। उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए तथा वक्ताओं ने उनको किसानों का सच्चा हमदर्द बताया। इनमें विकास धामा, संजीव धामा, ओमसिंह, शिवकुमार, नीरज धामा, महक सिंह, नरेन्द्र आदि शामिल रहे।   उधर सांकरौद गांव में नवोदय लोक चेतना कल्याण समिति के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में चौधरी चरण सिंह को याद किया गया। उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करने वालों में ग्राम प्रधान इंद्रजीत सिंह, संस्था के महासचिव देवेंद्र धामा, मा ओमवीर, रामदेव डायरेक्टर, अंकित, गजेंद्र आदि शामिल रहे।   संवाददाता शशि धामा |

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May 31, 2024

राइजिंग दिवा वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा कांगूवाल के जोहड़ तालाब को बचाने की मुहिम

पिंजौर, 31 मई 2024  (यूटीएन)। राइजिंग दिवा वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा कांगूवाल के जोहड़ तालाब को बचाने की मुहिम, में आज पहल करते हुए तालाब में पानी के टैंकरों के द्वारा पानी गिरवाया गया अध्यक्ष प्रियंका राठौर, ने बताया कि हमारी संस्था लगातार जनहित में समाज की सेवा के लिए कार्य करती रहती है आज भी हमने कांगूवाल के जोहड़ तालाब को बचाने की मुहिम की पहल अपनी पूरी टीम के साथियों के साथ की है पीने के पानी के टैंकर के द्वारा तालाब में पानी छोड़ा गया. और मछलियों व आसपास के जानवरों को पीने के लिए साफ पानी उपलब्ध करवाया गया और आने वाले दिनों में तालाब की सफाई के लिए भी कार्य किया जाएगा इस अवसर पर उपाध्यक्ष सोनिया शर्मा ,सलाहकार अमिता शर्मा वहां पर मौजूद लोगों से भी अपील की कि वह तालाब को साफ और स्वच्छ बनाने में सहयोग करें व लोगों को भी समझाया कि वह जब मछलियों को आटा डालने आते हैं तो कृपया वहां पर लिफाफा फेंक कर मत जाएं व पूजा करने के बाद जो सामग्री वहां पर फेंकी जाती है. वह भी मत फेक जिससे कि तालाब में गंदगी फैल रही है और मछलियों का जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है इस अवसर पर अध्यक्ष प्रियंका राठौर,अध्यक्ष सोनिया शर्मा,सलाहकार अमिता शर्मा आदि सदस्य मौजूद रहे. हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।  

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May 31, 2024

अगर मोदी सरकार की हुई वापसी तो कौन होगा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार?

नई दिल्ली, 31 मई 2024  (यूटीएन)। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल का कार्यकाल इस महीने के आखिर में 31 मई, 2024 को समाप्त हो रहा है। इस साल जनवरी में 79 वर्ष के हो चुके अजील डोभाल पिछले दस सालों से देश के एनएसए हैं। चार जून को  चुनाव परिणाम घोषित होने हैं, जिसके बाद नई सरकार के गठन का रास्ता साफ होगा। अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है, तो ऐसे में जाहिर है कि एनएसए के पद के लिए वह अपनी पसंद को प्राथमिकता देगी। नौकरशाही के हलकों में इस बात को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं कि अगर फिर से भाजपा सरकार की वापसी होती है, तो मोदी सरकार 3.0 में देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कौन होगा?    *2019 में पांच साल के लिए एनएसए बने थे अजीत डोभाल* 1968 बैच के केरल कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल को साल 2019 में कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 31-05-2019 को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी थी। उनका दूसरा कार्यकाल पांच साल के लिए बढ़ाया गया था। साथ ही उन्हें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मामलों के मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समान कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया था। उस समय उनकी नियुक्ति के आदेश को लेकर कहा गया था कि उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ-साथ या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, समाप्त होगी। वहीं उनका कार्यकाल इस साल 31 मई को समाप्त हो रहा है। हालांकि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वे केवल राज्य मंत्री के रैंक के साथ केवल एनएसए ही नियुक्त किए गए थे। तब उन्होंने पांचवे एनएसए के तौर पर 30 मई, 2014 को पदभार संभाला था।    *नए उत्तराधिकारी के नाम पर कयास जारी* सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अजीत डोभाल ने अब रिटायर होने की इच्छा जताई है। चार जून के बाद नई सरकार के गठन के बाद उन्होंने पद छोड़ने के संकेत दिए हैं। उनके नजदीकी सूत्रों का कहना है कि अगर भाजपा सरकार लौट कर भी आती है, तो भी वे अपने तीसरे कार्यकाल को लेकर अनिच्छुक हैं। वहीं अब उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इसे लेकर कयासों के दौर जारी हैं। सूत्रों का कहना है कि डोभाल के उत्तराधिकारी के तौर पर कुछ नाम कैबिनेट की नियुक्ति समिति को भेजे गए हैं। लगभग 10 साल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में सबसे सीनियर 'मंत्री-नौकरशाह' का खिताब हासिल अजील डोभाल के उत्तराधिकारी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर तीसरी बार फिर भाजपा सत्ता में आती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताजपोशी होती है, तो वे पहले से तय कर चुके होंगे कि वह अजीत डोभाल के स्थान पर किसे नया एनएसए नियुक्त करेंगे।    *रॉ में लगातार चार साल रह चुके हैं चीफ* वहीं नए एनएसए के नाम को लेकर फिलहाल कयास ही लगाए जा रहे हैं। नया एनएनए बनने की रेस में जो नाम सबसे आगे हैं, उनमें पूर्व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) चीफ सामंत गोयल का नाम भी है। अजीत डोभाल के करीबी सामंत गोयल को पहले 2021 में बतौर रॉ चीफ एक वर्ष का एक्सटेंशन दिया गया। उसके बाद 2022 में भी कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनका कार्यकाल एक साल यानी 30 जून 2023 तक बढ़ा दिया था। गोयल को खुफिया मामलों का खास जानकार बताया जाता है। लंबे समय बाद रॉ में किसी चीफ को चार साल तक सेवा करने का अवसर मिला है। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में हत्या की साजिश मामले में तत्कालीन रॉ प्रमुख सामंत गोयल का सामने आया था, और कहा गया था कि उन्होंने ही इसे मंजूरी दी थी। हालांकि भारत-अमेरिकी संबंधों को देखते हुए उनके नाम पर कम ही सहमति बन सकती है। सामंत गोयल के बाद जो नाम चर्चा में है वह राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में डिप्टी एनएसए आईपीएस पंकज सिंह है। पंकज सिंह पहले बीएसएफ के प्रमुख की निभा चुके हैं। वे अजीत डोभाल के करीबी भी हैं और उनके पास इंटरनल सिक्योरिटी का खासा अनुभव भी है। हालांकि उनके पास विदेश मामलों को लेकर ज्यादा अनुभव नहीं है, जो संभवतया उनके लिए वीक पॉइंट साबित हो सकता है।     *गलवां घाटी में हिंसक संघर्ष के दौरान रहे चीन में राजदूत* इसके अलावा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिसरी का नाम भी रेस में है। विक्रम मिसरी 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे हैं। उनकी गिनती चीन मामलों के जानकार के तौर पर होती है। मिसरी को 2019 में बीजिंग में राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था। जून 2020 में गलवां घाटी में भारत-चीनी सैनिकों के हिंसक संघर्ष के बाद मिसरी चीन के साथ हुईं कई वार्ताओं का हिस्सा रहे थे। उन्होंने विदेश मंत्रालय में, प्रधानमंत्री कार्यालय में, और यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका में कई भारतीय मिशनों में काम किया है। सूत्रों का कहना है कि उनके पास इंटरनल सिक्योरिटी को लेकर ज्यादा अनुभव नहीं है। इसलिए उनके नाम पर सहमति बनने के चांस कम ही हैं।    *रूस में भारत के राजदूत रह चुके हैं पंकज सरन* 1982 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रह चुके पंकज सरन पूर्व डिप्टी एनएसए भी रह चुके हैं और चार साल पहले ही इस पद से रिटायर हुए हैं। सरन को नवंबर 2015 में रूस में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया था। वह भारत और विदेश में कई महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं। पहले 1995 से 1997 तक उपसचिव, निदेशक के रूप में और फिर 2007 से 2012 तक संयुक्त सचिव के रूप में कार्यभार संभाल चुके हैं। उन्हें भी डोभाल का करीबी माना जाता है।   लेकिन आंतरिक मामलों को लेकर उनके पास भी ज्यादा अनुभव नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि उनके नाम पर कोई विवाद नहीं है। स्वच्छ छवि वाले अधिकारी रहे हैं। लेकिन वे कुछ साल पहले ही रिटायर हुए हैं। अगर वे एनएसए बन भी जाते हैं तो ब्यूरोक्रेसी पर कितनी लगाम लगा पाएंगे ये बड़ा सवाल है।   *उरी और बालाकोट जैसी सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका* रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख अनिल धस्माना 1981 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। धस्माना को सितंबर 2020 में ही दो साल के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) प्रमुख नियुक्त किया गया था। एनटीआरओ देश की तकनीकी संस्था है जो भू-स्थानिक खुफिया और उपग्रह इमेजरी की देखभाल करती है। धस्माना की काबिलियत यह है कि उरी और बालाकोट जैसी सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभा चुके हैं।   उन्हें बलूचिस्तान, आतंकवाद और इस्लामी मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। उनके पास पाकिस्तान और अफगानिस्तान में काम करने का खासा अनुभव भी है। वे दुनिया भर के तमाम देशों की राजधानियों में सेवा भी दे चुके हैं, जिसमें लंदन और फ्रैंकफर्ट भी शामिल हैं और उन्होंने सार्क और यूरोप डेस्क भी संभाला है। माना जा रहा है कि मोदी 3.0 में धस्माना बतौर एनएसए पद के लिए पहली पसंद हो सकते हैं। खास बात यह है कि उन्हें अजीत डोभाल भी पसंद करते हैं, साथ ही वे उत्तराखंड से भी ताल्लुक रखते हैं।    *खुद इनके सफल ऑपरेशनों की प्रधानमंत्री कर चुके हैं निगरानी* हिमाचल प्रदेश 1998 बैच काडर के आईपीएस अफसर तपन डेका को जून 2022 में इंटेलिजेंस ब्यूरो का नया डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल इस साल जून के आखिर तक है। तेजतर्रार अधिकारी तपन डेका ने अपना ज्यादातर करियर इंटेलिजेंस ब्यूरो में ही गुजारा है। वे केंद्र सरकार के सबसे भरोसेमंद अफसरों में से एक रहे हैं। उन्होंने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, खासकर टारगेटेड किलिंग के मामलों को संभाला है। वे कई एंटी टेररिस्ट अभियानों में भी शामिल रहे हैं।   जम्मू कश्मीर में इंटेलिजेंस से जुटा महत्वपूर्ण डाटा जुटाने में उनकी अहम भूमिका रही है। उनके कई सफल ऑपरेशनों की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बारीकी से निगरानी की है। वे भी नए एनएसए के पद के लिए कैबिनेट की नियुक्ति समिति की पसंद बन सकते हैं।    *क्या कोई कैबिनेट मंत्री बनेगा एनएसए?* सूत्रों ने बताया कि नए एनएसए को लेकर एक अप्रत्याशित फेरबदल भी देखने को मिल सकता है। मोदी सरकार के सबसे खास मौजूदा कैबिनेट मंत्री और पूर्व ब्यूरोक्रेट को भी यह पद सौंपा जा सकता है। अगर चार जून को भाजपा सरकार की वापसी होती है और नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभालते हैं, तो वे उनकी योग्य पसंद बन सकते हैं।   इसकी वजह है कि न केवल उनके बाहरी राष्ट्रों से भी अच्छे संबंध हैं, बल्कि अमेरिका और रूस से भी उनके अच्छे रिश्ते हैं। पूर्व नौकरशाह रह चुके हैं। उनके दो जूनियर अफसर इस बार भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ रहे हैं। संभव है कि नई सरकार में उनमें से एक को विदेश मंत्री का कार्यभार भी सौंपा जा सकता है। वहीं अगर वह पूर्व ब्यूरोक्रेट एनएसए बनते हैं, तो राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ विदेश मामलों पर भी उनकी गहरी नजर रहेगी और मार्गदर्शक की भूमिका भी बखूबी निभा सकेंगे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 31, 2024

भारत का लीजिंग क्षेत्र तेजी से विकास के लिए तैयार: फिक्की-पीडब्ल्यूसी रिपोर्ट

नई दिल्ली, 29 मई 2024  (यूटीएन)। फिक्की-पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट, जिसका शीर्षक है, 'अवसरों का अनावरण: भारत के लीजिंग परिदृश्य की खोज', इस बात पर प्रकाश डालती है कि लीजिंग निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के लिए विकास को सक्षम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसके अलावा, यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम स्तरों पर महत्वपूर्ण वित्तीय समावेशन को भी सक्षम करेगा। अच्छी गुणवत्ता वाली मशीनरी का लाभ उठाने से उच्च प्राप्तियों में मदद मिलती है, जो उद्योगों को सरकार द्वारा परिकल्पित 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहल के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाने में सक्षम बनाएगी।   एनबीएफसी पर फिक्की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष राजीव सभरवाल ने कहा, "भारत में लीजिंग उद्योग परिवर्तन के मुहाने पर है, जिसे कई कारकों द्वारा आकार दिया जा रहा है जो एक साथ आ रहे हैं। इन कारकों में मूल उपकरण निर्माताओं सहित बाजार में नए खिलाड़ियों का प्रवेश, परिसंपत्ति वर्गों का विविधीकरण और व्यवसायों के लिए वित्तपोषण उपकरण के रूप में पट्टे के लाभों को समझना शामिल है। जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूके और यूएस जैसे कुछ अधिक विकसित बाजारों में देखी गई प्रगति की तुलना में यह उद्योग अभी भी एक नवजात अवस्था में है। इसके विपरीत, यह भी संकेत देता है कि उद्योग में भारतीय बाजार में भी विकास की जबरदस्त संभावना है।   पीडब्ल्यूसी इंडिया के डिजिटल और रणनीति भागीदार सिद्धार्थ दीवान ने कहा, "जैसे-जैसे भारत सतत विकास और आर्थिक लचीलेपन की ओर अपनी यात्रा शुरू कर रहा है, लीजिंग बाजार का महत्व बढ़ गया है। नवाचार को बढ़ावा देने, पूंजी तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने और दक्षता को बढ़ावा देने के द्वारा, लीजिंग देश में आर्थिक विकास और समावेशी विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में उभरती है।   *रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं:* *गिफ्ट सिटी:* गिफ्ट सिटी में शीर्ष-स्तरीय बुनियादी ढाँचा और व्यवसाय-अनुकूल वातावरण ने लीजिंग उद्योग को आगे बढ़ाया है, जिससे वैश्विक और घरेलू दोनों कंपनियाँ लीजिंग परिचालन स्थापित करने के लिए आकर्षित हुई हैं।   *रुझान और अवसर:*   लचीले और लागत प्रभावी समाधानों की मांग में वृद्धि ने लीजिंग सेवाओं में रुचि को बढ़ावा दिया है। कंपनियाँ न्यूनतम अग्रिम लागतों के साथ परिसंपत्तियों तक पहुँच सकती हैं, जिससे उन्हें आवश्यकतानुसार अनुकूलन और उन्नयन करने की अनुमति मिलती है। यह ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण सर्कुलर अर्थव्यवस्था सिद्धांतों के साथ संरेखित है, जो परिसंपत्ति के पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देता है। लीजिंग अब प्रौद्योगिकी, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विविध क्षेत्रों में फैल रही है, जो क्रॉस-इंडस्ट्री सहयोग को बढ़ावा दे रही है। *प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना:*   लीजिंग उद्योग भी डिजिटल परिवर्तन से गुजर रहा है, जो रोबोटिक प्रक्रिया स्वचालन , डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन और एसेट टेलीमैटिक्स जैसी उभरती हुई तकनीकों का लाभ उठा रहा है। ये नवाचार प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करते हैं, जोखिम मूल्यांकन को बढ़ाते हैं, और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाते हैं। ड्रोन और संवर्धित वास्तविकता द्वारा संचालित दूरस्थ संपत्ति निरीक्षणों के साथ, उद्योग दक्षता और बेहतर उपयोगकर्ता संतुष्टि के एक नए युग के लिए तैयार है।   पर्यावरण संबंधी चिंताओं के कारण टिकाऊ और हरित लीजिंग में बढ़ती रुचि को बढ़ावा मिल रहा है। पट्टाकर्ता और पट्टाधारक दोनों ही पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को अपना रहे हैं और पट्टा अनुबंधों में पर्यावरणीय प्रावधानों, प्रदर्शन मानकों को शामिल कर रहे हैं, तथा पट्टा उद्योग में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा दे रहे हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 29, 2024

शाहपुर गांव के समीप कबाड़ और एक लकड़ी के गोदाम में भीषण आग लग गई

पिंजौर, 29 मई 2024  (यूटीएन)। आज पिंजौर नालागढ़ नेशनल हाईवे पर पर स्थित दून क्षेत्र के शाहपुर गांव के समीप कबाड़ और एक लकड़ी के गोदाम में भीषण आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी की आसमान पर धुंआ ही धुंआ और आग की लपटें दूर दूर तक दिखाई दे रहे थी। पहली घटना में जानकारी देते हुए मढ़ावाला पुलिस चौकी इंचार्ज मान सिंह ने बताया की सुबह करीब साढ़े 11 बजे पुलिस को सूचना मिली के गांव शाहपुर के पास एक प्लास्टिक और कबाड़ के समान के गोदाम में जो की अच्छर सिंह का था में अज्ञात कारणों से भीषण आग लग गई। जिसमे कबाड़ का पूरा गोदाम उसकी चपेट में आ गया हे। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम तुरान मौके पर पोहोच गई।   इसी के साथ फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बद्दी और कालका से भी मौके पर पोहोच गई। अच्छर ने पुलिस को बताया की आज सुबह जब गोदाम खोला तो सब ठीक था। लेकिन सुबह करीब सवा 11 बजे अचानक गोदाम के अंदर से तेज धुआं और लपटे निकलती नजर आई जैसे ही वो कुछ समझ पाते अचानक ही भीषण आग अचानक पूरे गोदाम में फैल गई। उन्होंने बताया की शुरुवात में अपने वर्करों के साथ सामान निकालने की कोशिश करी परंतु बाद में अंदर घुस पाना भी मुश्किल हो गया। फिलहाल 5 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों द्वारा दोपहर 3 बजे तक भी आग पर पूरी तरह काबू नही पाया गया है। वही आग से लाखो का समान जल कर राख हो गया। वही आग लगने का कारण फिलहाल शॉट सर्किट बताया जा रहा है।      --------- लकड़ी के गोदाम में भी लगी आग -----------    वही दुसरी घटना में गांव मढ़ावाला के पास स्थित एक लकड़ी के गोदाम में दोपहर करीब ढाई बजे भीषण आग लग गई। पुलिस ने बताया की यह लकड़ी का गोदाम के मालिक वेजनाथ गुप्ता है। लकड़ी के गोदाम में लगी आज के कर्म का फिलहाल पता नहीं लग पाया पुलिस ने बताया कि फाइबर गेट को फोन कर दिया गया है उनके अनुसार जहां आग लगी है उसे गोदाम के साथ है एक पेट्रोल पंप है और दूसरी तरफ घर बने हुए हैं पुलिस को आग बुझाने में मिशन कब का सामना करना पड़ रहा है कहीं आज ज्यादा फैल गई तो पेट्रोल पंप और साथ के घरों को भी नुकसान हो सकता है फिलहाल आप पर काबू पाया जा रहा है इस लकड़ी के गोदाममें भी बड़ी मात्रा में नुकसान हो गया है।    हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।    

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May 29, 2024

ऊर्जा दक्षता भारत के लिए "सबसे आसान लक्ष्य" है: भारत में डेनमार्क के राजदूत

नई दिल्ली, 29 मई 2024  (यूटीएन)। फिक्की के संसाधन संरक्षण और प्रबंधन और ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित भारत में हरित अर्थव्यवस्था को गति देने पर हितधारकों की गोलमेज चर्चा को संबोधित करते हुए, नई दिल्ली में रॉयल डेनिश दूतावास के राजदूत फ्रेडी स्वेन ने ऊर्जा दक्षता को भारत के लिए "सबसे आसान लक्ष्य" बताया। डेनमार्क की यात्रा के समानांतर, राजदूत स्वेन ने बताया कि कैसे उनका देश, अपने छोटे आकार के बावजूद, पूरी तरह से आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भर होने से अक्षय ऊर्जा में वैश्विक नेता बन गया। उन्होंने खुलासा किया, "मेरे देश में खपत होने वाली सभी बिजली का 75% से अधिक हिस्सा हरित, नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों से आता है," उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऊर्जा की मांग से इसे अलग करते हुए आर्थिक विकास हासिल किया जा सकता है।   उन्होंने कहा, "हमने वास्तव में ऊर्जा की खपत का विस्तार किए बिना अपनी अर्थव्यवस्था को दोगुना, लगभग तिगुना कर दिया है। इसलिए, यहां मुख्य बात ऊर्जा दक्षता है।" राजदूत ने जोर देकर कहा कि डेनमार्क का दृष्टिकोण प्रेरणा देना है। "हमारा दृष्टिकोण प्रेरणा का स्रोत बनने का है। हम आपको बताना चाहेंगे कि हमने यही किया है। कृपया इस पर गौर करें।" इस सहयोगात्मक भावना का केंद्र ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके डेनिश समकक्ष मेटे फ्रेडरिकसेन द्वारा शुरू की गई पहल है। यह साझेदारी पांच प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है: पैमाना, कौशल, गति, सामाजिक विकास लक्ष्य और स्थिरता।   ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट में भारत के लिए देश प्रतिनिधि और एशिया क्षेत्रीय प्रमुख एसपी गरनाइक ने भारत की स्वच्छ अर्थव्यवस्था में बदलाव के लिए ऊर्जा दक्षता और हरित वित्तपोषण के महत्व पर जोर दिया। गरनाइक ने भारत की आर्थिक वृद्धि, जो ऊर्जा की बढ़ती खपत पर निर्भर करती है, को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने की तत्काल आवश्यकता के साथ संतुलित करने की चुनौती पर प्रकाश डाला। ऊर्जा दक्षता की दर को दोगुना करने के लिए जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के आह्वान का हवाला देते हुए, गरनाइक ने 2015 से 2020 तक सालाना 0.7-1% तक अपनी ऊर्जा तीव्रता को कम करने में भारत की प्रगति की सराहना की। उन्होंने इस सफलता का श्रेय मानक और लेबलिंग कार्यक्रम, ऊर्जा दक्षता उपकरण कार्यक्रम और प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार (पीएटी) कार्यक्रम जैसे अनिवार्य कार्यक्रमों को दिया।   2030 तक अनुमानित 90 बिलियन डॉलर की ऊर्जा दक्षता के लिए भारत की विशाल बाजार क्षमता पर जोर देते हुए, गरनाइक ने अभिनव वित्तपोषण तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने ग्रीन परियोजनाओं को ग्रीन बॉन्ड जैसे विषयगत बॉन्ड से जोड़ने का सुझाव दिया, जिसमें आरईसी, पीएफसी और इंदौर नगर पालिका द्वारा इस मार्ग से धन जुटाने का उदाहरण दिया गया। गरनाइक ने बताया कि जीजीजीआई ओडिशा सरकार को डीपीआर, पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन और बोली सलाह तैयार करने के लिए 1 मिलियन डॉलर की तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। इस अवसर पर, भारतीय रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति विभाग के सलाहकार डॉ. अनुपम प्रकाश ने 2070 तक नेट जीरो हासिल करने के लिए सभी क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता में सुधार, जीवाश्म ईंधन के प्रत्यक्ष उपयोग को कम करने और नवीकरणीय और ऊर्जा के अन्य स्वच्छ स्रोतों पर स्विच करने को महत्वपूर्ण बताया।   नीति आयोग के सलाहकार राजनाथ राम ने भारत की आर्थिक वृद्धि के साथ ऊर्जा की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "हमारी ऊर्जा मांग अब तक लगभग तीन गुना बढ़ने की संभावना है," उन्होंने देश की ऊर्जा जरूरतों को किफायती और टिकाऊ तरीके से पूरा करने की दोहरी चुनौती पर जोर दिया। विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत के कम ऐतिहासिक कार्बन उत्सर्जन के बावजूद, श्री राम ने डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में सरकार के सक्रिय उपायों की सराहना की, जैसे कि अपडेटेड नेशनली डिटरमाइंड कंट्रीब्यूशन लक्ष्य। हालांकि, उन्होंने संसाधनों को जुटाने और मुख्य रूप से जीवाश्म-आधारित ऊर्जा मिश्रण से हटकर आम जनता को सस्ती ऊर्जा प्रदान करने में चुनौतियों को स्वीकार किया। उन्होंने अर्थव्यवस्था को डीकार्बोनाइज करने के लिए कई प्रमुख लीवरों को रेखांकित किया, जिसमें ऊर्जा दक्षता में अर्थव्यवस्था के 50% तक डीकार्बोनाइज करने की क्षमता है और कम लागत वाला वित्तपोषण प्रमुख गेम चेंजर होगा।   भारत के कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 42% योगदान देने वाले बिजली क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करना एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है। राम ने इस मुद्दे को संबोधित करने में अक्षय ऊर्जा पैठ, ऊर्जा भंडारण प्रणालियों और परमाणु और जलविद्युत जैसे गैर-जीवाश्म विकल्पों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने जैव ईंधन जैसे वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने और पैदावार को अधिकतम करने के लिए संसाधन मानचित्रण की आवश्यकता पर भी चर्चा की। फिक्की के संसाधन संरक्षण एवं प्रबंधन (आरसीएम) ने उद्योग सदस्यों सहित सभी प्रतिभागियों को डीकार्बोनाइजेशन, जल तटस्थता, नेट जीरो और जोखिम लचीलापन के क्षेत्रों में उनके द्वारा दी जा रही सेवाओं के बारे में प्रस्तुत किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 29, 2024