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इस्पात में आत्मनिर्भरता हासिल करना एक आर्थिक अनिवार्यता है: केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग राज्य मंत्री

नई दिल्ली, 27 सितंबर 2024 (यूटीएन)। इस्पात में आत्मनिर्भरता हासिल करना न केवल आर्थिक अनिवार्यता है, बल्कि एक रणनीतिक आवश्यकता भी है, खासकर वैश्विक अनिश्चितताओं के सामने” यह बात केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि अनुसंधान एवं विकास पर मजबूत फोकस न केवल दक्षता को बढ़ाएगा बल्कि नवाचार को भी बढ़ावा देगा, जिससे भारत अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाले उच्च गुणवत्ता वाले इस्पात का उत्पादन कर सकेगा। नई सामग्रियों और टिकाऊ प्रथाओं की खोज करके, इस्पात उद्योग वैश्विक नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करते हुए विकसित बाजार की मांगों के अनुकूल हो सकता है। अनुसंधान एवं विकास पहल पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धात्मक रूप से स्थान बना सकेगा। वह नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) स्टील समिट 2024 को संबोधित कर रहे थे।   इस क्षेत्र के लिए स्थिरता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इस्पात मंत्रालय ने स्थिरता पर केंद्रित 14 टास्क फोर्स की स्थापना करके सक्रिय कदम उठाए हैं, जिसमें हाल की सिफारिशें शामिल हैं जो सीबीएएम जैसे अंतर्राष्ट्रीय नियमों के मद्देनजर इस क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया अधिक कड़े पर्यावरण मानकों की ओर बढ़ रही है, ऐसे में इस तरह के नियम अधिक प्रासंगिक होते जा रहे हैं और भारत को भी इसके अनुसार खुद को ढालना चाहिए। इस्पात मंत्रालय के सचिव संदीप पौंड्रिक ने कहा कि जैसे-जैसे इस्पात उद्योग विकसित हो रहा है, तीन प्रमुख चुनौतियाँ सामने आ रही हैं: कच्चे माल की बढ़ती माँग को संबोधित करना, विविधीकरण के माध्यम से कच्चे माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना और हरित इस्पात उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करके स्थिरता को बढ़ाना। इन चुनौतियों से निपटना उद्योग के विकास और दीर्घकालिक व्यवहार्यता के लिए आवश्यक है।   उन्होंने कहा कि देश समग्र इस्पात क्षमता में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन विशेष इस्पात एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ हमें और अधिक करने की आवश्यकता है। योजना के पहले दौर में रुचि की कमी के कारण विशेष इस्पात व्यवसाय में अधिक रुचि प्राप्त करने के लिए सरकार पीएलआई का एक और दौर ला रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस्पात उद्योग को लौह अयस्क के लाभकारीकरण को प्राथमिकता देनी चाहिए और भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए उच्च-गुणवत्ता और निम्न-गुणवत्ता दोनों प्रकार के लौह अयस्क का उपयोग करना चाहिए। ऐसा न करने पर भविष्य में लागत में भारी वृद्धि होगी। लाभकारीकरण संसाधन उपयोग को अधिकतम करने, लागत कम करने और आपूर्ति सुरक्षा को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। सीआईआई नेशनल कमेटी ऑन स्टील के चेयरमैन कौशिक चटर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत विकसित भारत का विजन एक परिवर्तनकारी पहल है जिसका उद्देश्य न केवल आर्थिक विकास बल्कि सामाजिक और ढांचागत विकास भी है।  इस विजन के मूल में स्टील सेक्टर है, जो एक आधारभूत उद्योग है।   जो बुनियादी ढांचे, विनिर्माण और औद्योगिक प्रगति का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सीआईआई नेशनल कमेटी ऑन स्टील के सह-अध्यक्ष जयंत आचार्य ने कहा, "भारत असाधारण रूप से तेज गति से बढ़ रहा है और हम इस आर्थिक यात्रा का हिस्सा बनने के लिए भाग्यशाली हैं। जैसा कि हम देख रहे हैं, कम से कम दो दशकों तक निरंतर विकास होना बाकी है, ठीक वैसे ही जैसे जापान, कोरिया, चीन, यूरोप और अमेरिका में विकास चक्र देखा गया है। यह एक निर्णायक क्षण है, जहां भारत का विकास संरचनात्मक सक्षमताओं जैसे कि बुनियादी ढांचे के निर्माण - भौतिक और डिजिटल दोनों - द्वारा संचालित है, जो मजबूत सरकारी पहलों द्वारा समर्थित है। भारत के लिए, भारत में विनिर्माण अब एक आवश्यकता है क्योंकि हमारा लक्ष्य सच्ची आत्मनिर्भरता हासिल करना है।" विश्व इस्पात संघ के महानिदेशक डॉ एडविन बैसन ने शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "इस्पात उद्योग में बनाए गए प्रत्येक $1 मूल्य के लिए, कच्चे माल से लेकर सेवाओं तक के सहायक क्षेत्रों में $4 और उत्पन्न होते हैं और इसी तरह इस क्षेत्र में प्रत्येक 1 नौकरी के लिए, आपूर्ति श्रृंखला में 13 नौकरियां पैदा होती हैं।   यह इस्पात उद्योग की सक्षम प्रकृति को उजागर करता है। न केवल भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की रीढ़ के रूप में, बल्कि व्यापक अर्थव्यवस्था में विकास और मूल्य सृजन के चालक के रूप में।" शिखर सम्मेलन में भारतीय हरित इस्पात गठबंधन के शुभारंभ पर बोलते हुए, भारत हरित इस्पात गठबंधन के अध्यक्ष आर के गोयल ने कहा कि भारतीय हरित इस्पात गठबंधन इस्पात उद्योग में उत्सर्जन को काफी कम करने के लिए अक्षय ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने में विश्वास करता है। चाहे वह कार्बन कैप्चर के माध्यम से हो या हरित हाइड्रोजन का उपयोग करके, भारत-विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को नया रूप देने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है जो इस्पात उद्योग के डीकार्बोनाइजेशन को आगे बढ़ाएंगे और 2070 तक भारत की शुद्ध-शून्य महत्वाकांक्षाओं में योगदान देंगे। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के महासचिव और सीईओ रवि सिंह ने शिखर सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि सीआईआई के साथ हमारी संयुक्त पहल के माध्यम से, हमारा लक्ष्य 2023 के स्तर की तुलना में 2030 तक इसकी कार्बन तीव्रता को कम से कम 30% कम करके भारत के इस्पात उत्पादन को डीकार्बोनाइज करना है। हमारा ध्यान हरित प्रौद्योगिकी को अपनाने को बढ़ावा देने तथा लगभग शून्य उत्सर्जन मार्ग की ओर बढ़ने के लिए विज्ञान आधारित वकालत पर है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 27, 2024

तस्करी, जालसाजी से भारी आर्थिक और सामाजिक नुकसान हो रहा है: न्यायमूर्ति संजय करोल

नई दिल्ली, 27 सितंबर 2024 (यूटीएन)। न्यायमूर्ति संजय करोल, न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय ने तस्करी और जालसाजी के कारण देश के आर्थिक और सामाजिक पहलुओं पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला। फिक्की-कैस्केड द्वारा आयोजित ‘.मास्क्रेड’ के 10वें संस्करण के दूसरे दिन समापन भाषण देते हुए न्यायमूर्ति करोल ने कहा, “तस्करी और जालसाजी देश की आर्थिक स्थिरता, सामाजिक सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डाल रही है। तस्करी और जालसाजी अक्सर कई अन्य आर्थिक और सामाजिक समस्याओं के बीच छिपी रहती है, लेकिन वैध व्यवसायों के बड़े हिस्से को नष्ट करती रहती है, जिसके परिणामस्वरूप काफी आर्थिक और सामाजिक नुकसान होता है।” न्यायमूर्ति करोल ने इस बात पर जोर दिया कि इस खतरे से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग आवश्यक है और उन्होंने मजबूत अंतर-राज्यीय सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "क्यूआर कोड का उपयोग उपभोक्ताओं की सुरक्षा करने और तस्करी और जालसाजी के मुद्दों को हल करने में मदद करेगा। इस लड़ाई में सोशल मीडिया मध्यस्थ भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।   हमें अपने अंतर-राज्यीय सहयोग को मजबूत करना चाहिए और मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि पिछले दस वर्षों में, ये सहयोग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हुए हैं।" दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा, "तस्करी और जालसाजी नागरिकों के दैनिक जीवन को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करते हैं। ये गतिविधियाँ $2 ट्रिलियन की छाया अर्थव्यवस्था का निर्माण करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्र को महत्वपूर्ण आर्थिक नुकसान होता है। इस खतरे को विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका द्वारा समान रूप से संबोधित करने की आवश्यकता है। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि तीनों शाखाएँ इस मुद्दे से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।" न्यायमूर्ति चावला ने कहा कि उपभोक्ताओं को यह पता होना चाहिए कि अवैध उत्पाद खरीदने से उन्हें अल्पकालिक लाभ हो सकता है, लेकिन यह उनके साथ-साथ राष्ट्र के लिए दीर्घकालिक नुकसान है।  विधि एवं न्याय मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव डॉ. अंजू राठी राणा ने कहा, "अवैध व्यापार में नशीली दवाओं की तस्करी, तस्करी, जालसाजी और मानव तस्करी जैसी कई तरह की गतिविधियाँ शामिल हैं।   संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ये गतिविधियाँ वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 5 प्रतिशत हिस्सा हैं, जो एक चिंताजनक आंकड़ा है और इस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। अवैध व्यापार से निपटने के लिए भारत को व्यापक रणनीति अपनानी होगी। इन रणनीतियों में मुख्य रूप से जन जागरूकता को बढ़ावा देने और अवैध व्यापार करने वालों के खिलाफ समन्वित कार्रवाई के लिए संयुक्त कार्य बलों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।" मास्क्रेड के 10वें संस्करण में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन , संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स एवं अपराध कार्यालय , यूरोपीय संघ बौद्धिक संपदा कार्यालय , अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध के विरुद्ध वैश्विक पहल , अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग और डेनिश पेटेंट एवं ट्रेडमार्क कार्यालय जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया। दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान, भारत और विदेश के विशेषज्ञों ने अत्यधिक जानकारीपूर्ण प्रस्तुतियाँ दीं और कई व्यावहारिक पूर्ण सत्रों में बात की, जिसमें तस्करी और नकली सामानों का बहिष्कार करके अवैध व्यापार के खिलाफ़ लड़ाई में उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला गया। मास्क्रेड के 10वें संस्करण के समापन से पहले, जालसाजी विरोधी और तस्करी विरोधी पुरस्कार समारोह में प्रवर्तन अधिकारियों, स्कूली बच्चों और पत्रकारों को सम्मानित किया गया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 27, 2024

पीएचडीसीसीआई और स्त्री शक्ति - द पैरेलल फोर्स जम्मू कश्मीर में आयोजित करेंगे महिला लीडर्स कॉन्क्लेव

नई दिल्ली, 27 सितंबर 2024 (यूटीएन)। महिलाओं को सशक्त बनाने के अपने प्रयासों में एक और कदम बढ़ाते हुए पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने यहां गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) स्त्री शक्ति - द पैरेलल फोर्स (एसएसपीएफ) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। एमओयू का उद्देश्य महिला लीडर्स कॉन्क्लेव 2025 के बारे में जागरूकता फैलाना है जो 7-9 अप्रैल, 2025 को जम्मू और कश्मीर में आयोजित होने जा रहा है। कॉन्क्लेव महिलाओं के बीच नेतृत्व और क्षमता विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा, साथ ही आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में उनकी भागीदारी पर जोर देगा। इस समझौता ज्ञापन पर पीएचडीसीसीआई के सीईओ और महासचिव डॉ. रंजीत मेहता और एसएसपीएफ की संस्थापक और अध्यक्ष सुश्री रेखा मोदी ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर पीएचडीसीसीआई की प्रबंध समिति के सदस्य और उद्योग एवं नीति मामलों की समिति के अध्यक्ष  विवेक अग्रवाल, एसएसपीएफ की सह-प्रमुख डॉ. निरजा मट्टू और दोनों संगठनों के नेटवर्क भागीदार उपस्थित थे।   इस साझेदारी का उद्देश्य महिला नेताओं के लिए एक मजबूत समर्थन प्रणाली का निर्माण करना है, जिससे उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए कौशल और संसाधन प्रदान किए जा सकें। इस पहल के महत्व पर जोर देते हुए डॉ. मेहता ने कहा, "पीएचडीसीसीआई महिला उद्यमियों और नेताओं के लिए अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है। स्त्री शक्ति के साथ यह साझेदारी सार्थक संवाद और सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी, जो बहुत जरूरी नीतिगत बदलाव ला सकती है।" साझेदारी के माध्यम से अपना समर्थन देने के लिए पीएचडीसीसीआई को धन्यवाद देते हुए सुश्री मोदी ने कहा, "पीएचडीसीसीआई के साथ हमारा सहयोग सभी क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। महिला नेताओं का सम्मेलन आशा और प्रगति की किरण के रूप में काम करेगा, खासकर जम्मू और कश्मीर के संदर्भ में, जहाँ महिला नेतृत्व सामाजिक विकास में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाएगा।" सम्मेलन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मंचों से महिला नेताओं, हितधारकों और संगठनों के साथ संवादात्मक सत्र होंगे। यह महिलाओं की नेतृत्व भूमिकाओं, संसाधनों और कौशल तक पहुँच को बेहतर बनाने पर चर्चा के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा, जो उनके समग्र सशक्तिकरण में योगदान देगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 27, 2024

कालका से विधायक भी होंगे और सरकार भी कांग्रेस की, विकास में कसर नही छोड़ेंगे

पिंजौर, 27 सितंबर 2024 (यूटीएन)। शुक्रवार को कालका से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी प्रदीप चौधरी ने रायतन क्षेत्र के एक दर्जन गांवों में चुनावी प्रचार करते हुए अपने लिए वोट मांगे। इस दौरान कई गांवों में काफी संख्या में लोगों ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और बड़ी संख्या में लोग विधायक प्रदीप चौधरी को सुनने के लिए पहुंच रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप चौधरी ने कहा कि रायतन क्षेत्र में इतनी ज्यादा समस्याएं हैं। लेकिन सरकार ने कभी कोई ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने कहा बिजली की बहुत गंभीर समस्या हर समय रहती है। खासकर थोड़ा सा मौसम खराब होता है। कई घंटों के लिए लोग बिजली से परेशान होते हैं।   इसके अलावा सड़कों की बुरी हालत है। पीने का पानी और लावारिस और जंगली जानवरों से लोग बेतहाशा परेशान हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। ऐसे में इन तमाम समस्याओं का समाधान किया जाएगा। बीजेपी ने बेरोजगारी बढ़ाई हैं। नशे की रोकथाम के लिए कोई इंतजाम नही किए और यहां तक गांवों का विकास भी ठप्प पड़ा है। चौधरी ने कहा कि हमने क्षेत्र की समस्याएं उठाने में कोई कोर कसर नही छोड़ी। 5 करोड़ के काम सरकार ने मांगें थे वो काम करवाए और विधायक ग्राम आदर्श योजना की 2-2 करोड़ की ग्रांट से काम करवाया और 25 करोड़ सड़कों के लिए लगवाए और अन्य कई स्कीमें जो मिली हमने अपनी तरफ से कोई कमी नही छोड़ी। बीजेपी किस नाम पर वोट मांग रही है।    उसके दो साल से कुशासन में तो कुछ हुआ नही और जब उनकी सरकार ही नही बन रही तो वो कैसे विकास के दावे कर रहे है। चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों से आम जनता को फायदा मिलेगा। हम जनता से जो वादे कर रहे हैं। वो सब पुरे होंगे। इस बार हम विधायक भी होंगे और सरकार भी होगी। बीजेपी की विधायक के साथ सांसद की योजना सिर्फ भ्रम, कांग्रेस के पास जनता का चुना सांसद है  प्रदीप चौधरी ने बीजेपी के विधायक के साथ सांसद मिलने के उसे सवाल को लेकर कहा कि यह सिर्फ एक भ्रम है। क्योंकि बीजेपी कह रही है कि विधायक के सांसद सांसद मिलेगा। लेकिन कांग्रेस के पास वह सांसद है जो जनता ने चुना था और बीजेपी को बुरी तरह से हराया था। इन्होंने अपना सांसद कैसे बनाया था। सबको पता है। वो खरीद फरोख्त की राजनीति कालका में कर रहे है।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Sep 27, 2024

पंचकूला विधानसभा सीट पर ब्राह्मण समाज ने दिया चन्द्रमोहन को समर्थन

पंचकुला, 27 सितंबर 2024 (यूटीएन)। कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रमोहन के समर्थन में ब्राह्मण समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी ने पंचकूला सेक्टर 5 पल्लवी होटल में संयुक्त बैठक का आयोजन कर पंचकूला विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र मोहन को समर्थन देने की घोषणा की है। ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने चंद्र मोहन के समक्ष ब्राह्मण आयोग का गठन, पंचकूला में भगवान परशुराम चौक का सौंदर्य करण तथा विभिन्न राजनीतिक पदों पर उचित भागीदारी देने समेत कई मुख्य मुद्दे रखे। ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी को संबोधित करते हुए चंद्रमोहन ने कहा कि ब्राह्मण समाज का उनके परिवार के साथ अटूट रिश्ता है, ब्राह्मण समाज ने हमेशा ही उनके परिवार को पूरे प्रदेश में पूरा मान सम्मान दिया है।   इस बार भी ब्राह्मण समाज विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। सरकार बनते ही में ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों की जो भी मांगे हैं उन्हें प्राथमिकता पर पूरा करवाऊंगा। चन्द्रमोहन ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनते ही भगवान परशुराम चौक का सौंदर्यकरण किया जाएगा तथा पार्कों और मार्गों के नाम भगवान परशुराम के नाम पर रखे जाएंगे। इसके लिए ब्राह्मण आयोग का गठन किया जाएगा तथा राजनीतिक पदों पर ब्राह्मण समाज को उचित भागीदारी दी जाएगी । ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने एक विशाल कार्यक्रम का आयोजन कर कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र मोहन को समर्थन देने की घोषणा की। हजारों की संख्या में एकत्रित हो सेक्टर 5 पंचकूला के पल्लवी होटल में ब्राह्मण समाज द्वारा चन्द्रमोहन का भव्य स्वागत किया गया। सभी संस्थाओं के पदाधिकारी ने प्रस्ताव पास कर चन्द्रमोहन को पूर्ण समर्थन और सहयोग देने की घोषणा की।   इस कार्यक्रम का आयोजन दयानन्द कौशिक हरियाणा ब्राह्मण कल्याण संघ, जगदीप अत्री, प्रधान ब्राह्मण सभा पंचकूला, जितेन्द्र शर्मा ब्राह्मण सभा पंचकूला, परशुराम कल्याण संघ, संजय शर्मा, जागृत ब्राह्मण सभा पंचकूला से पूर्व उपप्रधान धर्मवीर शर्मा, पंचकूला ब्राह्मण सभा व शमशेर शर्मा प्रधान कालका-पिंजौर ब्राह्मण सभा, विजय भारद्वाज पूर्व महासचिव ब्राह्मण सभा द्वारा किया गया।इनके अलावा सुरेश शर्मा, संतोष शर्मा, सामर्थ भारद्वाज, शशी शर्मा, नितिन शर्मा गोगू, वी.एम.कौशिक, राजेश बतो़ड़, बाल किशन शर्मा, रजनीश शर्मा, प्रदीप शर्मा, महावीर शर्मा, अजय स्वामी, ओम शुक्ला, सुनील भारद्वाज, विजय शर्मा, ईश्वर, उषा शर्मा, टेकचंद शर्मा, नीरज पराशर, बालमुकन्द शर्मा, विरेश शांडिल्य, विकास भारद्वाज, रामकरण शर्मा, विकास शर्मा, प्रदीप शर्मा, अजय शर्मा, अतुल गौड, सुनीता शर्मा, आशुतोष, अनिल अत्री, बीरभान शर्मा, राजबीर शर्मा, मुदीता शर्मा, नरेन्द्र शर्मा, आशुतोष शर्मा व अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी ने पंचकूला विधानसभा सीट पर स्पष्ट करते हुए कहा कि उनके द्वारा कोई भी प्रत्याशी समाज से खड़ा नहीं किया गया है।    और ना ही किसी अन्य प्रत्याशी को समर्थन किया है। ब्राह्मण समाज से जो भी पदाधिकारी चुनाव में खड़े हैं वह उनका खुद का निर्णय है। इन प्रत्याशियों द्वारा समाज के लोगों से कोई भी बैठक या सलाह मशविरा नहीं किया गया है। समाज ने पंचकूला में चंद्रमोहन को समर्थन देने का प्रस्ताव पास किया है। विधानसभा प्रत्याशी चंद्र मोहन ने 26 सितम्बर कोे रत्तेवाली, बूंगा, अलीपुर, बरवाला, सेक्टर 9, इंड ऐरिया-1, सेक्टर 9, के सी क्रास रोड, सेक्टर 8, सेक्टर 5, फतेहपुर में जनसभाओं को संबोधित किया। उनके पुत्र सिद्धार्थ ने चुनाव प्रचार जारी रखते हुए गांव कामी, रैली, सेक्टर 12, सेक्टर 20 व सेक्टर 6 में चुनाव अभियान जारी रखा। कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र मोहन के प्रचार को उस समय बल मिला जब सकेतड़ी से रविन्द्र सिंह, नौवत राम, रामकरण सिंह मल्ही, भारत भूषण बंसल, कृष्ण भारद्वाज, राम रूप राणा, दीपिका, अशोक राणा राजीव कालोनी चन्द्र, गौतम, साहिल, विवेक, मयंक, सोहीत, अमन, सुमित, रोहित, विजय, अमित, सूरज, दूम्मी, अल्कश, विशाल, रोहन, अमित, रोहित ललित, आनन्द, ओम, रवि, सुभाष, गांव रत्तेवाली से डॉ जगदीश, नवनीत कुमार, नवीन, जतिन, राजा राम, मदन लाल, संजीव कुमार, जगिन्द्र सिंह, संदीप कुमार, जसविन्द्र, जीत समेत सैकड़ों पदाधिकारी कांग्रेस में शामिल हुए।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Sep 27, 2024

पंचकूला कोर्ट में पार्किंग की समस्या काफी गंभीर शीघ्र होगा इसका समाधान

पंचकुला, 26 सितंबर 2024 (यूटीएन)। पंचकूला जिला बार एसोसिएशन में चन्द्रमोहन ने वकीलों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। जिसमें उन्होंने बार एसोसिएशन की मांगो और समस्याओं को लेकर चर्चा की। चंद्रमोहन ने बार एसोसिएशन के सदस्यों को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस की सरकार आते ही उनकी सभी समस्याओं और मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। पंचकूला बार एसोसिएशन के वकीलों ने चंद्रमोहन को समर्थन और सहयोग देने का वादा किया।बार एसोसिएशन के सदस्यों को संबोधित करते हुए चंद्रमोहन ने कहा कि किसी भी शहर में शांति और सुरक्षा बनाने और जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलवाने में वकीलों का अहम योगदान रहता है।   वकील किसी भी शहर की तरक्की का मुख्य आधार है। बार एसोसिएशन के वकीलों ने चंद्रमोहन द्वारा जिला पंचकुला बनाने और जिला कोर्ट पंचकुला में बनवाने से लेकर बार को समय समय पर आर्थिक मदद देने के साथ साथ वकीलों के हित में कार्य करने को लेकर आभार प्रकट किया तथा उन्हें विजयी बनाने का समर्थन देने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में एडवोकेट अमन दत्त शर्मा के प्रयासों द्वारा जसबीर ठोल ने अपने साथियों के साथ भाजपा छोड़ कर चंद्रमोहन की मोजूदगी मे काँग्रेस पार्टी मे शामिल हुए। चन्द्रमोहन ने बार एसोसिएशन के कुछ प्रमुख मुद्दों जैसे पार्किंग की समस्या को हल करने का आश्वासन दिया। इसके साथ चंद्रमोहन ने कहा कि वह वकीलों की समस्याओं से भली भांति परिचित है।   और विधानसभा चुनाव जीतने के पश्चात वकीलों के मुद्दो को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विजय बंसल पूर्व चेयरमैन, संतोष शर्मा, केसी भाटिया, दिनेश जांगड़ा, सुनीत सिंगला पार्षद, एडवोकेट नवीन बंसल, मुनीष छाछिया आदि कांग्रेस प्रत्याशी के साथ पहुंचे। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान जगपाल सिंह, महासचिव अमन दत्त शर्मा, उदित मेंहदीरत्ता, दीपांशु बंसल, सतीश कादियान, जसवंत सिंह, संदीप बूरा, अंकित मलिक, हिमांशु सिंह, केतन खुराना, गौरव शर्मा, यवनीत ढाकला, मान सिंह चंदेल, अजय चैधरी,राज सिंह चैहान,अमित मोर,पीसी शर्मा, तरण प्रीत कौर, कंचन बाला, शेलेन्द्र कौर, निशा मलिक, कोमल तमक आदि अधिवक्ताओं ने चंद्रमोहन का गर्मजोशी से स्वागत किया।    और चंद्रमोहन को अपना समर्थन दिया। कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र मोहन को पंचकूला विधानसभा के हर गांव शहर में भारी जन समर्थन प्राप्त हो रहा है। लोग हजारों की संख्या में उनकी नुक्कड़ जनसभाओं में उनके विचार सुनने पहुंच रहे हैं। वीरवार को भारी बरसात के बावजूद सेक्टर 5, सेक्टर 16, सेक्टर 6, बुढ़नपुर, राजीव कालोनी, सकेतड़ी, सेक्टर 18, सेक्टर 17 व सेक्टर 25, की जनसभाओं में शिरकत की। वहीं उनके पुत्र सिद्धार्थ ने डोर टू डोर प्रचार करते हुए सेक्टर 9, खटौली व सेक्टर 31 में अभियान जारी रखा। इन नुक्कड़ सभा में विभिन्न पार्टियों से भारी संख्या में लोगों ने चंद्र मोहन के नेतृत्व में कांग्रेस को ज्वाइन किया। इस अवसर पर चंद्र मोहन ने सभी को कांग्रेस में पूरे मान सम्मान का भरोसा दिया।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Sep 26, 2024

ज्ञान फाउंडेशन "अंबेडकर के विचार को पूर्ण करती मोदी सरकार" विषय पर थिएटर फेस्टिवल आयोजित करेगा

नई दिल्ली, 26 सितंबर 2024 (यूटीएन)। ज्ञान फाउंडेशन ने अंत्योदय थिएटर फेस्टिवल 2024 की घोषणा की है, जो डॉ. बी. आर. अंबेडकर के आदर्शों पर आधारित एक असाधारण उत्सव है, जिसका आयोजन "बाबा साहब अंबेडकर के विचार को पूर्ण करती मोदी सरकार" थीम के तहत किया जाएगा। नई दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान ज्ञान फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य डॉ. सुमीत भसीन ने इस प्रतिष्ठित महोत्सव के पोस्टर का आधिकारिक रूप से अनावरण किया। उनके साथ ज्ञान फाउंडेशन के अध्यक्ष सुबोध कुमार और ज्ञान फाउंडेशन के महासचिव डॉ. रविंदर कुमार भी मौजूद रहे। अंत्योदय थिएटर फेस्टिवल 2024 का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शासित एनडीए सरकार द्वारा डॉ. बी. आर. अंबेडकर के सामाजिक न्याय, समानता और हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान के मूल आदर्शों के अनुरूप की गई विभिन्न पहलों और नीतियों को उजागर करना है।   इस थिएटर फेस्टिवल के माध्यम से, ज्ञान फाउंडेशन यह दर्शाने का प्रयास कर रहा है कि कैसे मोदी सरकार ने समाज के सबसे वंचित समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव डाला है तथा डॉ बी. आर. अंबेडकर के समावेशी भारत के सपने को पूर्ण करने पर जोर दिया है। अंत्योदय थिएटर फेस्टिवल 2024 कलाकारों को अंबेडकर के विचारों और मोदी सरकार के परिवर्तनकारी शासन के बीच तालमेल को तलाशने और व्यक्त करने का एक मंच प्रदान करता है। दर्शक कला और महत्वपूर्ण सामाजिक विषयों को जोड़ने वाले प्रदर्शनों के एक प्रभावशाली मिश्रण की अपेक्षा कर सकते हैं। इस महोत्सव में देश भर के थिएटर समूहों से भागीदारी आमंत्रित की गई है, जिसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2024 निर्धारित की गई है, तथा स्क्रिप्ट प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2024 निर्धारित की गई है। चयनित टीमें दिसंबर 2024 में प्रदर्शन करेंगी, जिसमें शीर्ष प्रदर्शनों को मान्यता देते हुए पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया जाएगा।   पोस्टर लॉन्च के अवसर पर, डॉ. सुमीत भसीन ने अंबेडकर जी के विज़न के बारे में कहा कि "बाबा साहेब अंबेडकर का भारत को संविधान देने का मुख्य उद्देश्य यह था कि देश के वंचित और पीड़ित समाज को इसके माध्यम से सीधा लाभ मिल सके। मोदी सरकार ने उसी वंचित और पीड़ित समाज को सरकारी सुविधाएं बिना किसी सुविधाशुल्क के उपलब्ध कराने का सराहनीय कार्य किया है।" सुबोध कुमार ने कहा कि, "यह उत्सव सिर्फ़ रंगमंच का जश्न मनाने के बारे में नहीं है, बल्कि यह समाज के ज्वलंत मुद्दों को समझने और उन पर संवाद करने का एक प्रभावी माध्यम है। यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को अपने कौशल विकसित करने और सामाजिक बदलाव को बढ़ावा देने वाली बातचीत को बढ़ावा देने के लिए सशक्त बनाता है।" अंत्योदय नाट्य महोत्सव के लिए चयन प्रक्रिया और नियम व शर्तों के बारे में बताते हुए डॉ. रविंदर कुमार ने कहा, "इस प्रतियोगिता के लिए चयन एक उच्चस्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा, जो उपयुक्त पटकथाओं को सूचीबद्ध करेगी।   नाट्य महोत्सव के लिए चयनित विषयों में हाशिए के समुदायों का सशक्तिकरण, शैक्षिक सुधार, ढांचागत विकास, डिजिटल इंडिया, सामाजिक न्याय व आर्थिक उत्थान, और केंद्र सरकार की सामाजिक कल्याण योजनाएं जैसे आयुष्मान भारत, आवास योजना और जन औषधि केंद्र जैसे विषय शामिल हैं। शॉर्टलिस्ट की गई पटकथा वाली टीमें तीन दिनों तक प्रदर्शन करेंगी और उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन निर्णायक मंडल द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार किया जाएगा। अभिनय और निर्देशन के लिए 30-30 अंक होंगे, जिसमें पटकथा के लिए 20 अंक होंगे। जहां सेट डिजाइन और प्रॉप्स का मूल्यांकन रचनात्मकता और उनके दृश्य प्रभाव के आधार पर किया जाएगा, वहीं प्रदर्शन की सुसंगतता का भी आकलन किया जाएगा, जिसमें समय सीमा से अधिक होने और महोत्सव के किसी भी दिशानिर्देश का उल्लंघन करने पर अंक काटे जाएंगे। विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि इस प्रकार है: प्रथम स्थान के लिए ₹1,25,000, दूसरे स्थान के लिए ₹1,00,000, तथा तीसरे स्थान के लिए ₹75,000। इसके अतिरिक्त, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, अभिनेत्री, निर्देशक, पटकथा, तथा सेट और पोशाक डिजाइन की श्रेणियों के लिए भी पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 26, 2024

पीएलआई योजना के तहत दो साल में 50 नए प्लांट पूरे हो जाएंगे: डॉ. अरुणीश चावला

नई दिल्ली, 26 सितंबर 2024 (यूटीएन)। पीएलआई योजना के तहत आने वाले 50 नए प्लांट अगले दो साल में पूरे हो जाएंगे। फार्मास्यूटिकल्स और मेडिकल डिवाइस के लिए 50 से अधिक नए ग्रीनफील्ड मैन्युफैक्चरिंग प्लांट पहले ही पूरे हो चुके हैं। पीएलआई प्लांट ने भारत से उच्चतम नियामक मानकों वाले देशों को 10 बिलियन डॉलर के निर्यात को उत्प्रेरित किया है, डॉ. अरुणीश चावला, सचिव, फार्मास्यूटिकल्स भारत सरकार ने आज नई दिल्ली में एसोचैम द्वारा आयोजित वार्षिक फार्मा शिखर सम्मेलन 2024 में कहा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, फार्मास्यूटिकल्स विभाग के सचिव डॉ. अरुणीश चावला ने कहा, नियामक ढांचे और योजनाओं दोनों में कई सुधार किए गए हैं। हम सभी फार्मा और दवा इकाइयों के लिए गुणवत्ता ढांचे को उन्नत करने के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं। हम भारत को न केवल दुनिया की फार्मेसी बनाना चाहते हैं, बल्कि दुनिया की एक विश्वसनीय फार्मेसी बनाना चाहते हैं। सभी बड़ी फार्मा कंपनियां, वैश्विक और बहुराष्ट्रीय कंपनियां अब भारत में अपने पदचिह्न और अपने व्यवसाय का विस्तार कर रही हैं और यहां अपनी मूल्य श्रृंखलाएं भी स्थापित कर रही हैं। इसके अलावा, भारत में बड़ी संख्या में अनुबंध अनुसंधान विनिर्माण और विकास संगठन आ रहे हैं। हमारे नवाचार और विनियामक ढांचे में भी क्रमिक रूप से सुधार हो रहा है।   भारत को पहले से ही दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है। हम दुनिया की विश्वसनीय फार्मेसी बनना चाहते हैं, इसलिए हम गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, यही हमारा मिशन है। हमने अपने विनियामक ढांचे को उन्नत किया है। इसके अलावा, हम जेनेरिक से बायोसिमिलर क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं। डॉ. अरुणिश चावला ने आगे बताया कि हम मात्रा के हिसाब से दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक हैं। ड्रग्स और फार्मा और मेडिटेक भारत से चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक निर्यात है। शीर्ष 25 जेनेरिक फर्मों में से नौ भारत में स्थित हैं। और आगे चलकर, मानवता के लिए हमारा योगदान बढ़ेगा। हम अपने नवाचार ढांचे में सुधार कर रहे हैं। हमने पहले ही बड़ी संख्या में सुधार किए हैं। इनमें से कुछ सुधारों को अधिसूचित किया जा चुका है। डॉ. चावला ने कहा कि फार्मा मेडटेक सेक्टर में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक योजना (पीआरआईपी) शुरू की गई है और आगे चलकर यह पारिस्थितिकी तंत्र और अधिक सक्रिय होगा। पिछले वर्ष भारत ने विदेशों से आयात की गई बल्क दवाओं की तुलना में अधिक मात्रा में निर्यात किया। पिछले वर्ष देश में उत्पादित दवा और फार्मा का 50% से अधिक निर्यात किया गया था। पिछले वर्ष सर्जिकल और उपभोग्य सामग्रियों के क्षेत्र में भारतीय मेडिटेक उद्योग ने देश के आयात से अधिक निर्यात किया। इमेजिंग डिवाइस, बॉडी इम्प्लांट, इन विट्रो डायग्नोस्टिक्स (आईवीडी) जैसे अन्य उभरते हुए क्षेत्रों में दोहरे अंकों की वृद्धि हुई और निर्यात में भी दो अंकों से अधिक की वृद्धि हुई।   अप्रैल से अगस्त के बीच फार्मा और मेडिटेक भारत से चौथा सबसे बड़ा विनिर्माण निर्यात बन गया है। इसलिए, ऑटोमोबाइल और ऑटोमोटिव क्षेत्र, पेट्रोकेमिकल्स और पेट्रोलियम उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और मेडिटेक के बाद अब आधिकारिक तौर पर व्यापारिक निर्यात के लिए चौथा सबसे बड़ा क्षेत्र है। एसोचैम फार्मा एंड बायोटेक काउंसिल के अध्यक्ष इश्तेयाक अमजद ने एसोचैम वार्षिक फार्मा शिखर सम्मेलन 2024 को संबोधित करते हुए उद्योग के दृष्टिकोण को सामने रखा। उन्होंने उद्योग की दिशा के बारे में चिंताओं के साथ शुरुआत की, उच्च मानकों को बनाए रखते हुए सस्ती दवाओं की आवश्यकता पर जोर दिया। एसोचैम फार्मा एंड बायोटेक काउंसिल के सह-अध्यक्ष नकुल वर्मा ने फार्मास्यूटिकल्स में भारत की प्रभावशाली क्षमता पर प्रकाश डाला, इस बात पर जोर दिया कि भविष्य न केवल मौजूदा क्षमताओं को मजबूत करने पर निर्भर करता है, बल्कि मूल्य जोड़ने और आगे की चुनौतियों से निपटने पर भी निर्भर करता है। डेलोइट इंडिया की पार्टनर सुश्री नेहा अग्रवाल ने भारत में एक मजबूत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण और फार्मास्युटिकल मूल्य श्रृंखला में देश के योगदान को बढ़ावा देने के बारे में बात की। उन्होंने इसे प्राप्त करने की रणनीति बनाने में प्रौद्योगिकी, कौशल निर्माण, प्रभावी नीतियों, अनुसंधान निधि और अन्य की भूमिका पर चर्चा की। सम्मेलन के दौरान बोलने वाले अन्य लोगों में अज़ादार खान वरिष्ठ उपाध्यक्ष - कॉर्पोरेट संबंध सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड शामिल थे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 26, 2024

सरकार 1000 आईटीआई को अपग्रेड करने के लिए उद्योग भागीदारी चाहती है: अतुल कुमार तिवारी

नई दिल्ली, 26 सितंबर 2024 (यूटीएन)। सरकार देश के कौशल विकास पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने की एक बड़ी पहल के तहत देश भर में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को अपग्रेड करने के लिए उद्योग भागीदारी की सक्रिय रूप से तलाश कर रही है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी द्वारा अनावरण की गई इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य 200 आईटीआई को हब संस्थानों में बदलना है, जिसमें 800 और स्पोक सुविधाओं के रूप में काम करेंगे। फिक्की के वैश्विक कौशल शिखर सम्मेलन 2024 के दूसरे दिन बोलते हुए, तिवारी ने घोषणा की कि मंत्रालय जल्द ही एक कौशल वाउचर प्रणाली शुरू करेगा। तिवारी ने कहा, "हम एक ऐसी प्रणाली पर काम करना चाहेंगे।   जिसके तहत उद्योग 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई को बेहतर बनाने के लिए हमारे साथ जुड़ सकें और भागीदारी कर सकें।" "हम बहुत जल्द ही कौशल वाउचर प्रणाली भी शुरू करेंगे।" सचिव ने भारत के कौशल विकास दृष्टिकोण को नया रूप देने वाले दो मूलभूत परिवर्तनों पर प्रकाश डाला। सबसे पहले, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय ऋण ढांचे की शुरूआत ने क्रेडिट के संदर्भ में कौशल और शिक्षा को एकीकृत किया है। इसके अलावा, अब विनियमों में अनिवार्य किया गया है कि डिग्री पाठ्यक्रम की 50% तक सामग्री कौशल-आधारित या व्यावसायिक शिक्षा-आधारित होनी चाहिए। दूसरे, कौशल को मुख्यधारा की शिक्षा में शामिल करने के प्रयास चल रहे हैं।   तिवारी ने बताया, "कक्षा 6 से 12 के लिए पाठ्यक्रम को संशोधित किया गया है, और कौशल और अनुप्रयोग-आधारित शिक्षा को अपना स्थान मिल गया है।" उन्होंने प्रशिक्षुता-एम्बेडेड डिग्री कार्यक्रमों पर चल रहे काम का भी उल्लेख किया, जो उद्योग को शिक्षाविदों और छात्रों के साथ एक परिभाषित भूमिका देगा। तिवारी ने कौशल विकास को उद्योग की आवश्यकताओं के साथ जोड़ने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "सरकार का इरादा बहुत स्पष्ट है कि वे विभिन्न तरीकों पर उद्योग के साथ जुड़ना चाहेंगे ताकि हम कौशल भाग को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप ला सकें।" सचिव ने कौशल उन्नयन प्रयासों को बढ़ाने के लिए उद्योग, शिक्षा जगत और सरकार के बीच अधिक सहयोग का आह्वान किया। फिक्की मानव संसाधन एवं कौशल समिति की सह-अध्यक्ष सुश्री मधु श्रीवास्तव ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 26, 2024

दिल्ली एम्स तैयार करेगा एडवांस रोबोटिक सर्जन

नई दिल्ली, 26 सितंबर 2024 (यूटीएन)। देश में सर्जरी की गुणवत्ता सुधारने और संख्या बढ़ाने के लिए एम्स एडवांस रोबोटिक सर्जन तैयार करेगा। इसके लिए एम्स ने अमेरिकी संस्था इंट्यूटिव के साथ समझौता किया है। करार के तहत इंट्यूटिव एम्स में एक माह के अंदर सर्जिकल रोबोटिक्स प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगा। केंद्र में डॉक्टरों को रोबोट से सर्जरी की ट्रेनिंग दी जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार अब तक डॉक्टरों को रोबोट से सर्जरी की ट्रेनिंग लेने के लिए विदेश जाना पड़ता था। सेंटर बनने के बाद इस ट्रेनिंग के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं रहेगी। इस सेंटर में एम्स के अलावा दूसरे अस्पतालों के डॉक्टर भी यहां ट्रेनिंग ले सकेंगे। एम्स की माने तो संस्थान में रोबोट से सर्जरी की ट्रेनिंग देने के लिए यह तीसरा प्लेटफार्म है। इससे पहले दो अन्य प्लेटफार्म बन चुके हैं। इन प्लेटफार्म में करीब 200 डॉक्टरों को रोबोट से सर्जरी की ट्रेनिंग दी गई है।   ट्रेनिंग लेने वालों में करीब 100 डॉक्टर एम्स से हैं। डॉक्टरों का कहना है कि एम्स में पहले से मेडट्रॉनिक्स और स्वदेशी मंत्रा का प्लेटफार्म है। मरीजों की रिकवरी होगी तेज  सामान्य सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. वीके बंसल ने कहा कि रोबोट से सर्जरी होने पर मरीज की रिकवरी तेज होती है। इसमें मरीज को बड़ा चीरा लगाने की जरूरत नहीं होती। जरूरत के आधार पर छोटे छेद या दूसरे तरीकों को उपकरण शरीर में ले जाया जाता है। सर्जरी के बाद मरीज जल्द काम पर लौट सकता है। उन्होंने कहा कि इंट्यूटिव के साथ हुए समझौते के बाद सर्जन व डॉक्टरों को गायनोकॉलोजिस्ट, यूरोलाॅजी, सामान्य सर्जरी, ईएनटी, ऑर्थोपेडिक, कार्डियोथोरेसिक, न्यूरोसर्जरी सहित दूसरे विभाग से जुड़े रोग की रोबोट की मदद से सर्जरी की ट्रेनिंग दी जाएगी।mविभाग को जल्द मिलेगा अपना रोबोट सामान्य सर्जरी विभाग को जल्द अपना रोबोट मिलेगा।   विभाग में रोबोट आने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि अगले माह यह लग जाएगा। डॉ. बंसल का कहना है कि सर्जन निर्णय करेंगे किन मरीजों के लिए रोबोटिक सर्जरी जरूरी है। मौजूदा समय एम्स में रोजाना करीब एक सर्जरी रोबोट से हो रही है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले एक से डेढ़ साल में इनकी संख्या बढ़ेगी। नई तकनीक से सुविधा होगी बेहतर एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने कहा कि जटिल सर्जरी में रोबोटिक-सहायता प्राप्त सर्जरी की मांग बढ़ रही है। इसमें तकनीकों की मदद से सर्जरी की गुणवत्ता बेहतर होगी। इनसे सर्जिकल सटीकता में सुधार, रिकवरी में तेजी, बेहतर रोगी परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि एम्स के पास अनुभवी रोबोटिक सर्जनों का एक समूह है जो देश भर में नए सर्जनों को सलाह देंगे और प्रशिक्षित करेंगे। यह केंद्र पूरे भारत में सर्जिकल कौशल को आगे बढ़ाने और रोगी देखभाल मानकों को बेहतर बनाने में भूमिका निभाएगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 26, 2024