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○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
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National
मेडटेक मित्र ने डायग्नोस्टिक्स उद्योग में मेक इन इंडिया उत्पादों के लिए मार्ग प्रशस्त किया
नई दिल्ली, 02 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। विनिर्माण में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने से भारत डायग्नोस्टिक्स का केंद्र बन सकता है। मुख्य अतिथि डॉ. (प्रो.) वी के पॉल, सदस्य, नीति आयोग ने डायग्नोस्टिक्स पर एसोचैम सम्मेलन में कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य सेवा के हृदय के रूप में डायग्नोस्टिक्स के महत्व पर प्रकाश डाला। विजन विकसित भारत 2047 को साकार करने के लिए मेक इन इंडिया फोकस के माध्यम से आत्मनिर्भरता की आवश्यकता है। भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा में मेक इन इंडिया पर जोर देने को राष्ट्रीय मेड टेक नीति; फार्मा और बायोटिक क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास; पीएलआई योजनाओं जैसी पहलों द्वारा अच्छी तरह से उत्प्रेरित किया गया है। मेडटेक मित्र आईसीएमआर द्वारा शुरू की गई एक व्यापक और समावेशी पहल है जो राष्ट्रीय और वैश्विक बाजारों के लिए डायग्नोस्टिक्स में अधिक विनियामक संरेखित और टिकाऊ नवाचार को प्रोत्साहित करेगी। यह स्टार्टअप्स के साथ-साथ डायग्नोस्टिक्स में विस्तार करने वाले संगठनों के लिए विचार से लेकर डिलीवरी तक का एंड-टू-एंड मार्गदर्शन है। उन्होंने कहा कि किसी स्थिति या बीमारी के शुरुआती लक्षणों का निदान करने के लिए उन्नत डायग्नोस्टिक उपकरणों की आवश्यकता है। एकीकृत प्रणालियों के साथ फ्रंटलाइन तकनीक और व्यक्तिगत देखभाल में सुधार की आवश्यकता है। अपने मुख्य भाषण में डॉ. जितेंद्र शर्मा ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि कैसे हेल्थकेयर उद्योग के भीतर निजी परामर्श तेजी से डायग्नोस्टिक्स में क्रांति लाने के लिए एआई चर का लाभ उठा रहा है। प्रौद्योगिकी के माध्यम से निदान का लोकतंत्रीकरण यह सुनिश्चित करता है कि उन्नत स्वास्थ्य सेवा सभी के लिए सुलभ हो, चाहे वे किसी भी स्थान पर हों। सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल को अपनाकर, हम इस परिवर्तन को गति दे सकते हैं, स्केलेबल, टिकाऊ डायग्नोस्टिक समाधान बनाने के लिए निजी विशेषज्ञता और सार्वजनिक संसाधनों को एकीकृत कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, "ये नवाचार एक साथ मिलकर हेल्थकेयर के भविष्य को आकार दे रहे हैं, दक्षता बढ़ा रहे हैं, लागत कम कर रहे हैं और पूरे देश में रोगी परिणामों में सुधार कर रहे हैं।" अपने विशेष संबोधन में डॉ. हर्ष महाजन ने एकीकृत निदान के बारे में बात की, जिसमें पैथोलॉजी, लैब मेडिसिन, माइक्रोबायोलॉजी और रेडियोलॉजी का संयोजन है, जो स्वास्थ्य सेवा के लिए आदर्श दृष्टिकोण के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसका उद्देश्य एकीकृत निदान मॉडल की ओर बढ़ना है, जहां एक ही निदान रोगी की देखभाल को सुव्यवस्थित करता है। डीप लर्निंग और मशीन लर्निंग में प्रगति के साथ, यह भविष्य पहुंच के भीतर है, जो तेज और अधिक सटीक स्वास्थ्य सेवा समाधानों को सशक्त बनाता है। 'मेक इन इंडिया' पहल द्वारा समर्थित, हमारे पास न केवल स्वास्थ्य सेवा वितरण में क्रांति लाने की क्षमता है, बल्कि भारत को एकीकृत निदान और अत्याधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने की भी क्षमता है। अपने स्वागत भाषण में सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. रवि गौर ने कहा कि ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य सेवा के बीच की खाई को पाटने के लिए ऐसे अभिनव समाधानों की आवश्यकता है जो अत्याधुनिक डिजिटल तकनीक को स्मार्ट डायग्नोस्टिक्स के साथ जोड़ते हैं। विकसित होते परिदृश्य में, सेवा उपकरण और विनिर्माण प्रगति महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उनकी क्षमता को वास्तव में अनलॉक करने के लिए उन्हें बुद्धिमान निदान के साथ जोड़ा जाना चाहिए। टियर 1 और टियर 2 शहरों पर ध्यान केंद्रित करने से ऐसे स्केलेबल, सुलभ स्वास्थ्य सेवा समाधानों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है जो विविध आबादी की जरूरतों को पूरा करते हैं। विनीत गुप्ता, राष्ट्रीय - अध्यक्ष, राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण और निदान परिषद ने साझा किया कि कैसे निदान भारत की स्वास्थ्य सेवा रणनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जिसमें निदान अस्पताल के खर्च का 16% हिस्सा है। संक्रामक और गैर-संक्रामक दोनों तरह की बीमारियों का बढ़ता प्रचलन, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि और चिकित्सा बीमा कवरेज का विस्तार, इस क्षेत्र के विकास को गति दे रहे हैं। भविष्य में आईटी अवसंरचना, एआई और तेज़, अधिक सटीक निदान का उपयोग करके पहुँच में सुधार और मानवीय त्रुटि को कम करना है। दिनेश अरोड़ा, सह-अध्यक्ष, राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण परिषद ने सम्मानित दर्शकों और सम्मानित वक्ताओं को विनम्रतापूर्वक धन्यवाद दिया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 2, 2024
भाजपा सरकार ने पंचकुला जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की है उपेक्षा
पंचकुला, 02 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। पंचकुला से कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रमोहन ने पंचकूला विधानसभा में आयोजित विभिन्न जनसभा के दौरान लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे स्टार प्रचारक तो आप लोग ही हो। अगर ज्ञानचंद गुप्ता पिछले 10 सालो में पंचकूला का कुछ विकास करवाते तो उन्हें स्टार प्रचारकों की जरूरत ही नहीं थी। गुप्ता अब पंचकूला में भाजपा के बड़े-बड़े स्टार प्रचारको के माध्यम से अपनी नाकामियों को छुपाना चाहते हैं। चंद्र मोहन ने कहा कि हरियाणा तीन चीजों से जाना जाता है जवान, किसान, पहलवान। मगर भाजपा ने तीनों के ऊपर ज्यादती करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा हमेशा से ही लोगो का भाईचारा खराब करने का काम करती आ रही है। उन्होंने कहा कि लोगो ने कांग्रेस को भारी मतों से जीताने का मन बना लिया है। इसलिए लोगो से अनुरोध है कि अपनी वोट को खराब ना करे और कांग्रेस को आने वाले विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत दिलाए। बीती शाम पंचकूला की भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर महासभा एवंगुरु रविदास सभा ने कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रमोहन को अपना समर्थन दिया। बार्बर एसोसिएशन पंचकूला ने भी कार्यक्रम का आयोजक कर चंद्रमोहन को समर्थन दिया। पंचकुला निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार चंद्र मोहन लगातार अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भाजपा के मौजूदा विधायक ज्ञान चंद गुप्ता से आगे चल रहे हैं। उन्होंने दिन में दर्जन भर से अधिक बैठकों को संबोधित किया और हजारों की संख्या में पंचकुला निवासियों से मुलाकात की। अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार ज्ञान चंद गुप्ता पर तीखा हमला बोलते हुए, चंद्र मोहन ने कहा, “गुप्ता जी, एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं, लेकिन मुझे यह कहते हुए वास्तव में खेद है कि वह पंचकूला विधानसभा में सबसे बुनियादी जरूरतों को भी पूरा करने में बुरी तरह विफल रहे हैं। शहर के निवासी पक्की सड़कों और स्ट्रीट लाइट,‌ पीने का पानी, नशा, आवारा पशुओं जैसी बुनियादी चीजों के लिए संघर्ष कर रहे हैं"। चंद्र मोहन ने बरवाला में 100 बिस्तरों वाला अस्पताल लाने और सेक्टर 32 में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परियोजना को निर्वाचित होने के बाद रिकॉर्ड समय में पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। चन्द्र मोहन ने भाजपा सरकार पर बड़ी घोषणाएँ करने और फिर उन्हें भुला देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बड़े जोर-शोर से मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ नहीं हुआ। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार सत्ता में आने पर कुछ ही महीनों में ही मेडिकल कॉलेज एक हकीकत बन कर नज़र आएगा। चंद्र मोहन ने कहा कि पंचकुला जिले के दूरदराज के हिस्सों में सस्ती और आधुनिक चिकित्सा का लाभ पहुंचाना हमेशा उनकी प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पंचकुला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की उपेक्षा की है और इस सरकार की उदासीनता हर जगह देखी जा सकती है। चंद्र मोहन ने कहा कि पंचकुला के गांवों में कोई स्ट्रीट लाइट नहीं है, सड़कें जर्जर हैं, पानी की आपूर्ति अनियमित है। और सीवरेज, जल निकासी जैसी सुविधाएं तो पूरी तरह से नदारद हैं। उन्होंने कहा, ''हरियाणा विधानसभा में आपका प्रतिनिधि बनने के बाद ये सभी समस्याएं अतीत के बुरे सपने जैसी बन जाएंगी।'' जनसभा के दौरान जीतो सिंह लोट दिलराज सौदा, लेखराज सहोता, अरुण, बंसी सेक्टर 10 से इंदु, कंचन, dr स्नेह लता, लतिका, सुमित्रा, रानो और ऋतु गांव मानक्या से सोकी, हरदेव, हरजिंदर, अंकुश, बिट्टू, पम्मा, साहू राम, धरमपाल, हरनेक सिंह, लाभ सिंह, सुरेंद्र सिंह, कुलवंत सिंह, जगतार सिंह, जगदेव सिंह, बंट सिंह, सूबेदार देव सिंह, पम्मा सिंह, जीत राम, अमित, समर सिंह, रंजीत सिंह, लवली और बब्बू गांव बिल्ला से मनीष, काला मिस्त्री, राजेश, मंजीत, अनिल, दीपक, गुरप्रीत, जसवंत तथा जफर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। 1 अक्टूबर मंगलवार को चन्द्रमोहन ने गीता मंदिर सेक्टर 11, अभयपुर, एम ई एस, सेक्टर 10 सेक्टर 19, खड़ग मंगोली, एमडीसी, रामगढ़, सेक्टर 25, सेक्टर 26, सेक्टर 9, सेक्टर 20, सेक्टर 21 में जनसभाएं कर लोगों से उन्हें समर्थन करने की अपील करते हुए चुनाव में जीत का आशीर्वाद मांगा। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
admin
Oct 2, 2024
कालका मार्किट डोर टू डोर प्रचार में उमड़ी हजारों की भीड
कालका, 02 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप चौधरी के चुनाव प्रचार को लेकर आज कालका बाजार में डोर टू डोर अभियान में हजारों की भीड़ उमड़ आई। बड़ी संख्या में कांग्रेस पार्टी के झंडों, बैनरों और नारों के साथ कार्यकर्ताओं ने कालका बाजार में डोर-डोर चुनाव प्रचार किया। विधायक प्रदीप चौधरी ने दुकानदारों से मिलकर वोट की अपील की। डोर टू डोर कालका मंडी से रेलवे रोड और फिर काली माता मंदिर से फिर वापिस मंडी पहुंचे। चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि 2 अक्तुबर को पिंजौर में डोर टू डोर मार्केट की जाएगी और इसके लिए पिंजौर गार्डन पर 3:30 बजे इकट्ठे होंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कालका में बहुत बड़ा माहौल बना हुआ है। बीजेपी अपनी हार मान चुकी है। हमें हर बूथ पर बढ़त मिल रही है। बाहरी लोगों पर कालका की जनता को कोई विश्वास नही रहा है। ये लोग चुनाव के बाद अंबाला चले जाएंगे। चौधरी ने कहा कि इस बार कांग्रेस की सरकार बन रही है और हम कालका के विकास में कोई कमी नही छोड़ी गई। असली मुद्दों से भाग रही भाजपा, जनता को गुमराह कर रही प्रदीप चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कालका में लोगों को गुमराह कर रही है और जो जनता के असली मुद्दे हैं उनसे भाग रही है। बीते 10 साल बीजेपी ने कुछ नही किया और आज विकास के दावे किए जा रहे है। हमने कालका का हर मुद्दा उठाया लेकिन कालका के विकास को लटकाया गया। सड़कों, पीने के पानी, रोजगार, विकास को लेकर बीजेपी ने कुछ नही किया। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
admin
Oct 2, 2024
लवकुश रामलीला: सांसद एवं लोकप्रिय भोजपुरी गायक मनोज तिवारी बनेंगे
नई दिल्ली, 02 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। देश-विदेश में ख्याति प्राप्त लव कुश रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने लीला स्थल लालकिला मैदान दिल्ली में आयोजित फुल ड्रेस रिहर्सल में बताया कि रामलीला मंचन इस वर्ष 3 से 13 अक्तूबर को होगा एवं दशहरा पर्व 12 अक्तूबर को पूरे धूम धाम से मनाया जायेगा । उन्होंने बताया कि भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार, सिंगर, भाजपा सांसद मनोज तिवारी भगवान परशु राम का किरदार निभायेंगे, वहीं दूरदर्शन के ख्याति प्राप्त सीरियल हम लोग में नन्हें का किरदार निभाकर स्टार बने अभिनय चतुर्वेदी लीला मंच पर भरत जी की भूमिका निभायेंगे। दिल्ली विधान सभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता, राजा जनक और पूर्व विधायक विजय जौली भाजप गुरू वशिष्ठ, पूर्व मेयर जत्थेदार अवतार सिंह कुंभकरण, अपोलों हास्पीटल के डा. अशोक शर्मा सुसेन वैघ, सेवानिवृत आर्मी मेजर शालू वर्मा केकई आदि की भूमिका कर रही है। अर्जुन कुमार ने कहा जाने माने फिल्म स्टार हिमांशु सोनी प्रभु श्रीराम, कनन मल्होत्रा श्री राम के अनुज लक्ष्मण, समीक्षा भटनागर जगत जननी माता सीता मैया एक्टर केतन करांडे रामभक्त हनुमान, फिल्म अभिनेता निमाई बाली महाबली रावण, लेजेन्ट अभिनेता असरानी राजा जनक के प्रमुख मंत्री, सिगर शंकर साहनी केवट, मनीष चर्तुवदी शिव, हेमन्त पांडे हरिभक्त नारद, मोहित त्यागी विभीषण, विघा शुक्ला कौशल्या आदि अभिनय करेंगे। अर्जुन कुमार के अनुसार इस बार रामलीला पूर्णतया डिजिटल तकनीक के साथ की जायेगी इसी कम में कमेटी कम्प्यूटर ग्राफिक्स, डिजाईनर के साथ-साथ मुंबई के अनुभवी टैक्नीशियनों की टीम मंच पर प्रस्तुत लीला के दृश्यों को और भव्य स्तर पर पेश करेंगी। लीला के सभी भक्ति गीतों को कमेटी ने मुंबई से मशहूर म्यूनिजक डायरेक्टर और सिगर्स के साथ का नये स्वरूप में रिकार्डिंग करवाई है। लव कुश रामलीला कमेटी के महामंत्री सुभाष गोयल ने कहा कि लीला मंच पर 1 अक्तूबर को सायं विख्यात भजन गायक कन्हैया मित्तल द्वारा खाटू श्याम संकीर्तन महोत्सव के साथ भजन संध्या होगी और अनिरूद्धाचार्य जी महाराज का प्रवचन एवं भजन कार्यकम होगा। 2 अक्तूबर अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव एसोसिएशन के तत्वावधान में दिल्ली एनसीआर के स्कूली छात्र-छात्रों द्वारा सम्पूर्ण रामायाण का मंचन होगा। अभिनेता एवं सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि मैं बचपन से ही अपने गांव की रामलीला के पात्र निभाता रहा हूँ। मुझे खुशी है कि लव कुश रामलीला के मंच पर पूर्व में केवट, अंगद आदि का किरदार कर चुका हूँ। इस बार भगवान परशु राम का रोल करूंगा। यह भगवान परशु राम का किरदार निभाना निश्चित रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण है इसलिए मैं अभी से इस किरदार की तैयारी कर रहा हूँ। दिल्ली विधान सभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि मैं प्रभु श्रीराम के काज में जुडा हूँ और मुझे लव कुश रामलीला कमेटी के मंचन पर राजा जनक का रोल करने का अवसर मिला इसके लिए में कमेटी का धन्यवाद करता हूँ, यह मेरे लिए गर्व की बात है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 2, 2024
फसल सुरक्षा और कृषि क्षेत्र में स्थिरता समय की मांग है: कृषि आयुक्त
नई दिल्ली, 02 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। कृषि आयुक्त, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय डॉ. पी.के. सिंह ने कृषि क्षेत्र में स्थिरता की आवश्यकता पर जोर दिया, खासकर फसल सुरक्षा के क्षेत्र में। उन्होंने कहा, "स्थिरता समय की मांग है और हमारी भारतीय कृषि प्रणाली स्थिरता पर आधारित है।" 'स्थिरता और फसल सुरक्षा में विविधता और समावेश' विषय पर 'फिक्की फसल सुरक्षा शिखर सम्मेलन' के 12वें संस्करण को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि हरित क्रांति की शुरुआत में उर्वरकों और कृषि-रसायनों के उपयोग का आगमन हुआ। उन्होंने कहा, "अब नई बीज किस्में ही होंगी जो रसायनों और उर्वरकों के उपयोग को कम करने में मदद करेंगी। किस्में भविष्य में स्थिरता की सफलता की कुंजी हैं।" उन्होंने कहा कि सरकार एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) प्रणाली लागू करने पर जोर दे रही है, जो प्राकृतिक कीट नियंत्रण उपायों का ख्याल रखती है। डॉ. सिंह ने आगे कहा कि सरकार ने पहले ही उपयोग के लिए 70,000 से अधिक ‘अमृत सरोवर’ विकसित किए हैं, साथ ही कई तालाबों का जीर्णोद्धार भी चल रहा है। उन्होंने कहा, “दिसंबर के अंत तक, 1 लाख से अधिक जल निकाय उपयोग के लिए तैयार हो जाएंगे। हम ड्रोन के अन्य अनुप्रयोग तरीके भी ला रहे हैं।” नई तकनीक के उपयोग पर बोलते हुए, डॉ. सिंह ने किसानों द्वारा तकनीकों को आसानी से अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “नई तकनीकों, विशेष रूप से उभरती हुई रसायनों को अपनाने की आसानी सभी किसानों के लिए अपनाने के लिए पर्याप्त सरल होनी चाहिए।” फिक्की फसल सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और बेयर क्रॉप साइंस लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक और भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका के फसल विज्ञान प्रभाग के कंट्री डिवीजन हेड साइमन टी वीबुश ने कहा, “फसल सुरक्षा उद्योग में स्थिरता विनिर्माण इकाई से शुरू होती है और पूरी आपूर्ति श्रृंखला तक फैलती है, जिसमें किसानों के साथ काम करना और उन्हें सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने में मदद करना शामिल है। मैं भारतीय फसल संरक्षण क्षेत्र की सराहना करता हूँ कि उसने संधारणीय पद्धतियों को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसमें अधिक विविधतापूर्ण कार्यबल, जल संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा को शामिल करने पर जोर दिया गया है। यह जिम्मेदारीपूर्ण पैकेजिंग और वैश्विक अनुपालन सुनिश्चित करने और उपज प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम फसल संरक्षण पद्धतियों पर किसानों के साथ काम करने तक फैला हुआ है, जो 2047 तक विकसित भारत बनने के हमारे राष्ट्र के मिशन में योगदान देता है। पीडब्ल्यूसी इंडिया के भागीदार शशि के सिंह ने कहा कि खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा के बीच संतुलन लाने के लिए संधारणीयता महत्वपूर्ण है। फिक्की फसल संरक्षण समिति के सह-अध्यक्ष एन के राजावेलु ने कहा कि फसल संरक्षण क्षेत्र संधारणीय कृषि पद्धतियों के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फसल संरक्षण रसायन उद्योग में संधारणीय पद्धतियों को लागू करने और पर्यावरण के अनुकूल समाधान विकसित करने की क्षमता है। सत्र के दौरान फिक्की-पीडब्ल्यूसी ज्ञान रिपोर्ट - 'कृषि क्षेत्र में संधारणीयता को आगे बढ़ाने में फसल संरक्षण उद्योग की भूमिका' जारी की गई। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 2, 2024
एआई का इस्तेमाल कर चिकित्सा सुविधा में लाएं बदलाव: राष्ट्रपति
नई दिल्ली, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। रोगों की पहचान के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल बढ़ रहा है। मेडिकल छात्रों में इसे सीखने की ललक होनी चाहिए। यह कहना है भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का। सोमवार को नई दिल्ली में डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल से संबंधित अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान के 10वें दीक्षांत समारोह में मेडल पाने वाले सभी छात्रों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि छात्रों को रिसर्च पढ़ते रहना चाहिए। इसके बारे में सीखना चाहिए। इसकी मदद से स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा। वहीं टेलीमेडिसिन की मदद से देश के दूर-दराज क्षेत्रों में गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सुविधा पहुंची है। इस दिशा में प्रयास किया जाना चाहिए ताकि महिलाओं की सार्वजनिक जीवन को बेहतर किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल के साथ दो महापुरुषों का नाम जुड़ा हुआ है। डॉ. राम मनोहर लोहिया और अटल बिहारी वाजपेयी। छात्रों को इसके आदर्श के अनुरूप काम करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टरों को मरीज के साथ अपनत्व का भाव रखना चाहिए। मरीजों को दवा और परामर्श के साथ हीलिंग टच भी देना चाहिए। देश में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है। *तीमारदार समझें डॉक्टर की परेशानी* राष्ट्रपति ने कहा कि तीमारदारों को डॉक्टर की परेशानी समझनी चाहिए। वह मरीज का हित ही चाहते हैं। लेकिन देखा गया है कि वह स्वास्थ्य कर्मी के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। यह गलत और निंदनीय है। कभी स्वास्थ्य कर्मी के साथ गलत नहीं करना चाहिए। *स्वास्थ्य सेवा में आया बदलाव* राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दस सालों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आया है। देश में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य मेडिकल पॉलिसी की सुविधा चल रही है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ी है। छात्रों के लिए मेडिकल सीटे दोगुनी से ज्यादा बढ़ी हैँ। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 1, 2024
मंदिर हो या दरगाह, कोई भी धार्मिक इमारत लोगों की जिंदगी में बाधा नहीं बन सकती': सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को बुलडोजर एक्शन केस पर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है और सड़क, जल निकायों या रेल पटरियों पर अतिक्रमण करने वाले किसी भी धार्मिक ढांचे को हटाया जाना चाहिए. कोर्ट ने जोर देकर कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और बुलडोजर कार्रवाई और अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए उसके निर्देश सभी नागरिकों के लिए होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म को मानते हों. सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के लिए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता पहुंचे. हालांकि, वह मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरफ भी पेश हुए हैं. उन्होंने कहा, “मेरा सुझाव है कि रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजने की व्यवस्था होनी चाहिए. 10 दिन का समय देना चाहिए. मैं कुछ तथ्य रखना चाहता हूं. यहां ऐसी छवि बनाई जा रही है, जैसे एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है.” *'अवैध निर्माण किसी का हो, कार्रवाई होनी चाहिए'* सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलील पर जस्टिस गवई ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था में हैं. अवैध निर्माण हिंदू का हो या मुस्लिम का... कार्रवाई होनी चाहिए. इस पर मेहता ने कहा कि बिल्कुल, यही होता है. इसके बाद जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि अगर 2 अवैध ढांचे हैं और आप किसी अपराध के आरोप को आधार बना कर उनमें से सिर्फ 1 को गिराते हैं, तो सवाल उठेंगे ही. इस दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि मैं जब मुंबई में जज था तो खुद भी फुटपाथ से अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन हमें यह समझना होगा कि अपराध का आरोपी या दोषी होना मकान गिराने का आधार नहीं हो सकता. इसे 'बुलडोजर जस्टिस' कहा जा रहा है. *10 दिन का समय देने की बात पर सॉलिसीटर ने जताई आपत्ति* सॉलिसीटर मेहता ने कहा कि नोटिस दीवार पर चिपकाया जाता है. ये लोग मांग कर रहे हैं कि ऐसा गवाहों की मौजूदगी में हो. इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि अगर नोटिस बनावटी हो सकता है, तो गवाह भी गढ़े जा सकते हैं. यह कोई समाधान नहीं लगता. जस्टिस गवई ने कहा कि अगर 10 दिन का समय मिलेगा, तो लोग कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकेंगे. इस पर मेहता ने कहा कि मैं विनम्रता से कहना चाहूंगा कि यह स्थानीय म्युनिसिपल नियमों से छेड़छाड़ होगी. इस तरह से अवैध निर्माण को हटाना मुश्किल हो जाएगा. *'हम वही समाधान देना चाहते हैं जो पहले से कानून में है'* मेहता की दलील सुनने के बाद जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि किसी जगह रहते परिवार को वैकल्पिक इंतज़ाम के लिए भी 15 दिन का समय मिलना चाहिए. घर में बच्चे और बुजुर्ग भी रहते हैं. लोग अचानक कहां जाएंगे. इस पर मेहता ने कहा कि मैं सिर्फ यही कह रहा हूं कि कोर्ट को ऐसा समाधान नहीं देना चाहिए, जो कानून में नहीं है. इसके बाद जस्टिस गवई ने कहा कि हम सिर्फ वही समाधान देना चाहते हैं जो पहले से कानून में है. हम सड़क, फुटपाथ वगैरह पर हुए निर्माण को कोई संरक्षण नहीं देंगे. *याचिकाकर्ता के वकील ने दी ये दलील* याचिकाकर्ता के वकील सीयू सिंह ने कहा कि मैं ऐसे कई उदाहरण दे सकता हूं, जहां एफआईआर दर्ज होते ही अचानक घर पर बुलडोजर पहुंच गए. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी असम और गुजरात मे अचानक बुलडोजर चलाए गए हैं. इस पर जज ने कहा कि हम ऐसा कोई आदेश नहीं देंगे जो अतिक्रमणकारियों के लिए मददगार हो. इस बीच वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी भी एक याचिकाकर्ता के लिए बोलने को खड़े हुए. इसे देख तुषार मेहता ने मज़किया लहजे में कहा- “मैं हैरान हूं कि गरीब याचिकाकर्ता सिंघवी जी की फीस कैसे दे पा रहा है.” इस पर सिंघवी ने कहा, “आप भूल रहे हैं, हम कभी-कभी निशुल्क भी पेश होते हैं.” *तुषार मेहता ने की सुप्रीम कोर्ट से ये अपील* जस्टिस गवई ने कहा कि हम आगे की बात करते हैं. यह देखते हैं कि हमारे आदेश का क्या परिणाम निकलेगा. इस पर मेहता ने कहा कि आप जो उचित समझें आदेश दें, लेकिन कृपया ध्यान रखें कि उसका लाभ बिल्डर और व्यवस्थित तरीके से अवैध कब्ज़ा करने वाले लोग न उठा पाएं. इस दलील पर जज ने कहा कि हम ऐसा कोई आदेश नहीं देंगे जो अतिक्रमणकारियों के लिए मददगार हो. *'तोड़ने की कार्रवाई तभी हो जब कोई विकल्प न हो'* वकील सीयू सिंह ने कहा, “हम सिर्फ म्युनिसिपल नियमों के पालन की ही मांग कर रहे हैं. हाल में गणेश पंडाल पर पथराव की घटना हुई. तुरंत इलाके में बुलडोजर पहुंच गए. यह सब बंद होना चाहिए. यूपी में जावेद मोहम्मद का घर उनकी पत्नी के नाम था. जावेद पर भीड़ को लेकर हिंसा का आरोप लगा. पूरा 2 मंजिला मकान गिरा दिया गया. यह इतना आम हो गया है कि इन बातों को बता कर चुनाव भी लड़े जा रहे हैं.” दलील सुनने के बाद जस्टिस विश्वनाथन ने कहा, “हमारा मानना है कि तोड़ने की कार्रवाई तभी होनी चाहिए, जब यह आखिरी विकल्प हो.” विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 1, 2024
लद्दाख से पैदल दिल्ली आ रहे थे सोनम वांगचुक, पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से हिरासत में लिया
नई दिल्ली, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। लद्दाख की समस्याओं को लेकर आवाज उठाने वाले क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक पैदल लद्दाख से दिल्ली आ रहे थे. 900 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा के बाद उन्हें दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर रोक दिया गया है और दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है. दिल्ली में गांधी समाधि पर प्रदर्शन के लिए आ रहे सोनम वांगचुक सहित लद्दाख के करीब 120 लोगों को दिल्ली पुलिस ने शहर में प्रवेश से पहले ही हिरासत में ले लिया है। *क्यों पैदल दिल्ली आ रहे थे सोनम वांगचुक?* क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक लगातार लद्दाख की समस्याओं को उठाते रहते हैं. वो लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर लद्दाख से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पैदल मार्च कर पहुंचे हैं. सोनम वांगचुंक लद्दाख के 120 लोगों के साथ दिल्ली में गांधी समाधि पर 2 अक्टूबर को प्रदर्शन करना चाहते थे. उन्होंने 1 सितंबर को लद्दाख से पैदल मार्च की शुरुआत की थी. दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोनम वांगचुक समेत हिरासत में लिए गए लोगों को अलीपुर और शहर की सीमा से लगे अन्य पुलिस थानों में ले जाया गया है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि वांगचुक और अन्य लोग सीमा पर रात बिताना चाहते थे. दिल्ली में निषेधाज्ञा यानी बीएनएस की धारा 163 लागू (आईपीसी की धारा 144) लागू होने के कारण उन्हें पहले वापस जाने के लिए कहा गया, लेकिन जब वे नहीं रुके तो सीमा पर पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने वांगचुक समेत लोगों को हिरासत में ले लिया. *हिरासत में लिए जाने से पहले शेयर किया वीडियो* हिरासत में लिए जाने से पहले सोनम वांगचुक ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया था और बताया था कि पुलिस उनको डिटेन कर रही है. उन्होंने वीडियो में कहा, 'हम पंजाब से दिल्ली की ओर जा रहे हैं. हमें हरियाणा और दिल्ली पुलिस की गाड़ियां एस्कॉर्ट कर रही हैं. लेकिन, जैसे-जैसे हम दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं, हमें लग रहा है कि पुलिस हमें एस्कॉर्ट नहीं, बल्कि एक तरह से डिटेन कर रही है. मुझे और मेरे साथ 150 पदयात्रियों को दिल्ली बॉर्डर पर 1000 पुलिस बल द्वारा हिरासत में लिया जा रहा है. 80 साल से ज्यादा उम्र के कई बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं और कुछ दर्जन सेना के दिग्गज. आगे क्या होगा, हमें नहीं पता है. हम बापू की समाधि की ओर शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, लोकतंत्र की जननी...' दिल्ली पुलिस का कहना है कि क्षेत्र में भारतीय न्याय संहिता 168 लागू था और इस वजह से एक साथ 5 से अधिक लोग ग्रुप नहीं बना सकते हैं. इसी वजह से उन्हें हिरासत में लिया गया है. *दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को मिलने से रोका* दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मंगलवार को बवाना थाने में सोनम वांगचुक से मिलने के लिए पहुंची लेकिन उन्हें सोनम वांगचुक से मिलने से रोक दिया गया. आतिशी ने कहा कि वह इसकी निंदा करती हैं. इससे पहले आतिशी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया था. अपनी इस पोस्ट में भी उन्होंने कहा था कि वह सोनम वांगचुक से मिलने पहुंचेगी. आतिशी ने कहा था कि क्या लद्दाख के लोकतांत्रिक हक मांगना गलत है? आतिशी ने कहा, "शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोग, जो कल 2 अक्टूबर को बापु की समाधी पर दर्शन करने जा रहे थे, उनको केंद्रीय सरकार ने गिरफ्तार कर लिया. इतना ही नहीं पुलिस ने मेरी स्टेशन में एंट्री करवाई लेकिन मुझे उनसे मिलने नहीं दिया. यह सरकार की तानाशाही है. लद्दाख में एलजी राज खत्म होना चाहिए और उसी तरह दिल्ली में भी यह एलजी राज खत्म होना चाहिए." विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 1, 2024
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह संभाली वायुसेना प्रमुख की जिम्मेदारी
नई दिल्ली, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भारतीय वायु सेना प्रमुख का पदभार संभाला। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अपनी मां पुष्वंत कौर का पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। पदभार संभालने के बाद उन्होंने मीडिया से बात की। वायुसेना के नए प्रमुख एपी सिंह ने बताया कि उनका मोटो सशक्त सुदृढ और आत्मनिर्भर है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना आत्मनिर्भरता, परिचालन क्षमताओं और बेहतर प्रशिक्षण की दिशा में काम जारी रखेगी। वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने कहा, 'भारतीय वायुसेना आत्मनिर्भरता, परिचालन क्षमताओं और बेहतर प्रशिक्षण की दिशा में काम जारी रखेगी। यही मेरे फोकस क्षेत्र होंगे और जैसे-जैसे समय गुजरेगा, हम स्थिति में बदलाव के साथ तालमेल बिठाएंगे। स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रमों के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर एपी सिंह ने कहा, मैं तेजस कार्यक्रम के उड़ान परीक्षण के दिनों से ही इससे जुड़ा हुआ हूं। यह मेरे दिल के बहुत करीब है। मुझे मालूम है कि इस एयरक्राफ्ट में क्षमता है। मौजूदा स्थिति के हिसाब से यह बहुत विमान है। हालांकि, हमारे पास ऐसे विमानों के लिए स्थान है। हमने इस तरह के 200 से ज्यादा विमानों का ऑर्डर दिया है।" उन्होंने आगे कहा, "हमें मार्क 2 (विमान) और एडवांस्ड मिडियम कॉमबैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) कार्यक्रम की ओर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इसे हासिल करने के लिए हमारे पास क्षमता है। इसे सफल बनाने के लिए सभी को एकसाथ आना होगा।" बता दें कि एपी सिंह ने वीआर चौधरी की जगह ली है। दरअसल, वीआर चौधरी का तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 1, 2024
सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा की पहली महिला महानिदेशक बनीं वाइस एडमिरल आरती सरीन
नई दिल्ली, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा की महानिदेशक के रूप में पदभार संभाला। वह त्रि-सेवा सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने वाली पहली महिला अधिकारी हैं, जो भारतीय सेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। बता दें, डीजीएएफएमएस रक्षा मंत्रालय को सशस्त्र बलों से संबंधित मेडिकल पॉलिसी के मामलों में सीधे उत्तरदायी है। भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि सरीन भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा देने वाली सर्वोच्च रैंकिंग वाली महिला अधिकारी बन गई हैं। *जानें कौन हैं आरती सरीन* वाइस एडमिरल आरती सरीन ने अपनी स्कूली शिक्षा विशाखापत्तनम से पूरी की। इसके बाद पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज से अपनी शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने 1985 में भारतीय सेना में अपनी सेवाएं शुरू कीं। अपने करियर में उन्होंने भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आपको बता दें आरती सरीन के पास रेडियोडायग्नोसिस और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री है और वे गामा नाइफ सर्जरी में प्रशिक्षित हैं। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। वह भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के लिए चिकित्सा सेवाओं के निदेशक जनरल के रूप में भी काम कर चुकी हैं। इसके साथ ही, उन्होंने कई प्रमुख इकाइयों की कमान भी संभाली है। उनके नेतृत्व में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। वाइस एडमिरल सरीन ने दो प्रमुख इकाइयों- आईएनएचएस अश्विनी और एफएमसी का नेतृत्व किया है और दक्षिणी नौसेना कमान और पश्चिमी नौसेना कमान के कमांड मेडिकल अधिकारी भी रही हैं। महिलाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें हाल ही में डॉक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेशनल टास्क फोर्स का सदस्य नियुक्त किया गया था। उन्हें जुलाई 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए अतिविशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। महिलाओं के लिए अवसरों के द्वार आरती सरीन की नियुक्ति भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोलती है। वे हमेशा से भारतीय सैन्य सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी की समर्थक रही हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता ने कई युवा महिलाओं को प्रेरित किया है। डीजीएएफएमएस के रूप में, वाइस एडमिरल आरती सरीन भारतीय रक्षा मंत्रालय को सशस्त्र बलों से संबंधित चिकित्सा नीतियों पर सलाह देंगी। उनके कर्तव्यों में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के चिकित्सा विभागों की देखरेख करना शामिल है। उनकी विशेषज्ञता से सशस्त्र बलों की चिकित्सा सेवाओं में एक नया दृष्टिकोण आने की उम्मीद है। आरती सरीन की यह उपलब्धि भारतीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों के बढ़ते कद और नेतृत्व की क्षमता को भी दर्शाती है। भारतीय सेना के अधिकारियों का मानना है कि 'वाइस एडमिरल आरती सरीन की नियुक्ति सशस्त्र बलों में महिलाओं की प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके नेतृत्व में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा नई ऊंचाइयों को छूएगी।' *एलएसी पर चीन द्वारा किया जा रहा गांव का निर्माण, क्या बोलें सेना प्रमुख?* चीन और भारत के बीच तनाव लंबे समय से बना हुआ है। बीजिंग अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता है। वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगातार गांव बसा रहा है। क्षेत्र में चीन और भारत के बीच बढ़ते सैन्य गतिरोध पर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हालात स्थिर लेकिन संवेदनशील हैं यानी की हालात सामान्य नहीं हैं। जनरल द्विवेदी ने कहा कि हालांकि दोनों पक्षों के बीच विवाद के समाधान के लिए कूटनीतिक वार्ता के सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं, लेकिन किसी भी योजना को लागू करना जमीनी स्तर पर मौजूद सैन्य कमांडरों पर निर्भर करता है। बता दें, सेना प्रमुख ने चाणक्य रक्षा वार्ता से पहले एक कार्यक्रम में यह बयान दिया। इससे पहले, भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अपने गतिरोध से संबंधित लंबित मुद्दों का जल्द समाधान खोजने के उद्देश्य से जुलाई और अगस्त में दो दौर की राजनयिक वार्ता की थी। एलएसी पर चीन द्वारा गांवों का निर्माण करने पर द्विवेदी ने कहा, 'वे कृत्रिम प्रवासन, बस्तियों का निर्माण कर रहे हैं। कोई समस्या नहीं है यह उनका देश है, वे जो चाहें कर सकते हैं। लेकिन हम दक्षिण चीन सागर में क्या देखते हैं। जब हम ग्रे जोन की बात करते हैं, तो शुरू में हम मछुआरों और उस प्रकार के लोगों को पाते हैं जो सबसे आगे हैं। उन्हें बचाने के लिए, फिर आप सेना को अंदर जाते हुए पाते हैं। जहां तक भारतीय सेना का सवाल है, हमारे यहां पहले से ही इस प्रकार के आदर्श गांव हैं। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि अब राज्य सरकारों को उन संसाधनों को लगाने का अधिकार दिया गया है और यही समय है जब सेना, राज्य सरकारें और केंद्र सरकार द्वारा पर्यवेक्षण सभी एक साथ आ रहे हैं। इसलिए अब जो मॉडल गांव बनाए जा रहे हैं, वे और भी बेहतर होंगे।' विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 1, 2024