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○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
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National
घर सपना है, कभी ना टूटे... बुल्डोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने खींच दी लक्ष्मण रेखा
नई दिल्ली, 14 नवंबर 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर अपना फैसला सुना दिया है. राज्यों के मनमाने बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर पर छत हर आदमी का सपना और मौलिक अधिकार है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइंस भी जारी की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि बिना नोटिस दिए किसी का भी घर नहीं तोड़ सकते हैं। अदालत ने कहा है कि किसी व्यक्ति का घर केवल इसलिए नहीं गिराया जा सकता है कि उस पर कोई आरोप लगा है। अदालत ने कहा कि आरोपों पर फैसला न्यायपालिका का काम है कार्यपालिका का नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर से लोगों के घर गिराए जाने को असंवैधानिक बताया है। अदालत ने कहा कि यदि कार्यपालिका किसी व्यक्ति का मकान केवल इस आधार पर गिरा देती है कि वह अभियुक्त है, तो यह कानून के शासन का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा की यहां तक कि गंभीर अपराधों के आरोपी और दोषी के खिलाफ भी बुलडोजर की कार्रवाई बिना नियम का पालन किए नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा कानून का शासन,नागरिकों के अधिकार और प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत आवश्यक शर्त है। अगर किसी संपत्ति को केवल इसलिए ध्वस्त कर दिया जाता है क्योंकि व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है तो यह पूरी तरह से असंवैधानिक है। * बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट सख्त टिप्पणी * किसी एक की गलती की सजा पूरे परिवार को नहीं दे सकते आरोपी एक तो पूरे परिवार को सजा क्यों?गलत तरीके से घर तोड़ने पर मुआवजा मिलेसत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जा सकताबुलडोजर ऐक्शन पक्षपातपूर्ण नहीं हो सकता हैबुलडोजर की मनमानी पर अधिकारियों को नहीं बख्शेंगेघर तोड़ने की हालत में संबंधित पक्ष को समय मिलेकिसी अपराध की सजा देने अदालत का काम है बिना फैसले के किसी को भी दोषी न माना जाए। रजिस्टर्ड पोस्ट से नोटिस भेजें, 15 दिन का वक्त मिले। * सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा * सुप्रीम कोर्ट के बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन के पीठ ने सुनाया फैसला.अपने फैसले में जस्टिस गवई ने कहा कि किसी का घर उसकी उम्मीद होती है। हर किसी का सपना होता है कि उसका आश्रय कभी न छिने. हर आदमी की उम्मीद होती है कि उसके पास आश्रय हो. हमारे सामने सवाल यह है कि क्या कार्यपालिका किसी ऐसे व्यक्ति का आश्रय छीन सकती है जिस पर अपराध का आरोप है. अदालत ने कहा कि किसी आरोपी का घर सिर्फ इसलिए नहीं गिराया जा सकता क्योंकि उस पर किसी अपराध का आरोप है।उन्होंने कहा कि आरोपों पर सच्चाई का फैसला सिर्फ न्यायपालिका ही करेगी। अदालत ने कहा कि कानून का शासन लोकतांत्रिक शासन का मूल आधार है। यह मुद्दा आपराधिक न्याय प्रणाली में निष्पक्षता से संबंधित है। यह यह अनिवार्य करता है कि कानूनी प्रक्रिया को अभियुक्त के अपराध के बारे में पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं होना चाहिए.कोर्ट ने कहा कि ये राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो राज्य में कानून व्यस्था बनाए रखे। * राज्य की मनमानी पर लगाई रोक * अदालत ने कहा कि सभी पक्षों सुनने के बाद ही हम आदेश जारी कर रहे है। अदालत ने कहा कि हमने संविधान के तहत गारंटीकृत अधिकारों पर विचार किया है। यह व्यक्तियों को राज्य की मनमानी कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करते हैं। अदालत ने कहा कि सत्ता के मनमाने प्रयोग की इजाजत नहीं दी जा सकती है। * इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर से हो रही कार्रवाई को लेकर अपनी गाइडलाइन जारी की * यदि ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया जाता है, तो इस आदेश के विरुद्ध अपील करने के लिए समय दिया जाना चाहिए। बिना कारण बताओ नोटिस के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी। मालिक को पंजीकृत डाक द्वारा नोटिस भेजा जाएगा और नोटिस को संरचना के बाहर चिपकाया भी जाएगा। नोटिस तामील होने के बाद अपना पक्ष रखने के लिए संरचना के मालिक को 15 दिन का समय दिया जाएगा। तामील होने के बाद कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सूचना भेजी जाएगी। कलेक्टर और डीएम नगरपालिका भवनों के ध्वस्तीकरण आदि के प्रभारी नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे। नोटिस में उल्लंघन की प्रकृति, निजी सुनवाई की तिथि और किसके समक्ष सुनवाई तय की गई है, निर्दिष्ट डिजिटल पोर्टल उपलब्ध कराया जाएगा, जहां नोटिस और उसमें पारित आदेश का विवरण उपलब्ध कराया जाएगा। प्राधिकरण व्यक्तिगत सुनवाई सुनेगा और मिनटों को रिकॉर्ड किया जाएगा। उसके बाद अंतिम आदेश पारित किया जाएगा. इसमें यह उत्तर दिया जाना चाहिए कि क्या अनधिकृत संरचना समझौता योग्य है और यदि केवल एक भाग समझौता योग्य नहीं पाया जाता है और यह पता लगाना है कि विध्वंस का चरम कदम ही एकमात्र जवाब क्यों है। आदेश डिजिटल पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा। आदेश के 15 दिनों के भीतर मालिक को अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने या हटाने का अवसर दिया जाएगा और केवल तभी जब अपीलीय निकाय ने आदेश पर रोक नहीं लगाई है, तो विध्वंस के चरण होंगे। विध्वंस की कार्रवाई की वीडियोग्राफी की जाएगी। वीडियो को संरक्षित किया जाना चाहिए। उक्त विध्वंस रिपोर्ट नगर आयुक्त को भेजी जानी चाहिए। सभी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए.इन निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना और अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को मुआवजे के साथ ध्वस्त संपत्ति को अपनी लागत पर वापस करने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा. सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिए जाने चाहिए। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Ujjwal Times News
Nov 14, 2024
नोकिया भारत में वीआई के 4जी विस्तार और आधुनिकीकरण का नेतृत्व करेगा
नई दिल्ली, 14 नवंबर 2024 (यूटीएन)। वीआईएल के साथ अपने हालिया उपकरण सौदे के हिस्से के रूप में, नोकिया नवीनतम बेसबैंड और रेडियो मॉड्यूल के साथ अपने सर्किलों में वीआईएल के नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रहा है। अकेले मार्च 2025 तक, नोकिया लगभग 3300 नई साइटें वितरित करेगा। इसके अतिरिक्त, नोकिया द्वारा 42,000 से अधिक प्रौद्योगिकी साइटों में अपग्रेड और वीआईएल के नेटवर्क में 25,000 से अधिक स्पेक्ट्रम विस्तार से बैंडविड्थ और डेटा क्षमता में वृद्धि होगी। अब तक, स्पेक्ट्रम बैंडविड्थ विस्तार का 100%, प्रौद्योगिकी जोड़ का लगभग 40% और नई साइटों का 15% पहले ही पूरा हो चुका है। इसके अलावा, बाजार की मांग के अनुसार विशिष्ट स्थानों में हॉट स्पॉट कवरेज आवश्यकताओं और बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव को संबोधित करने के लिए अल्ट्रा लीन साइटों को तेजी से तैनात किया जा रहा है। नोकिया का मानना है कि वीआईएल 2025 में कवरेज और क्षमता विस्तार पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा, डेटा क्षमताओं को बढ़ाएगा और सेवाओं को ग्रामीण और असंबद्ध क्षेत्रों में गहराई तक ले जाएगा। इस बड़े पैमाने पर चल रहे रोल-आउट से वीआई के सभी ग्राहकों को बहुत लाभ होगा। वोडाफोन आइडिया के सीटीओ जगबीर सिंह ने कहा, “नोकिया हमारे प्रमुख दीर्घकालिक भागीदारों में से एक है, और नोकिया का समर्थन शानदार रहा है। हम मार्च 2025 तक 20 मिलियन अतिरिक्त आबादी तक अपने 4G नेटवर्क कवरेज का विस्तार करने के लिए नोकिया के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इससे 4G नेटवर्क क्षमता में 25% की वृद्धि होगी, जिससे हम अपने 17 प्राथमिकता वाले सर्किलों में से नौ सर्किलों में बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करने में सक्षम होंगे। नोकिया (भारत) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और कंट्री हेड तरुण छाबड़ा ने कहा, “वीआई के एक दीर्घकालिक रणनीतिक भागीदार के रूप में, हमें नोकिया द्वारा आपूर्ति किए गए सर्किलों में उनके एलटीई नेटवर्क विस्तार और आधुनिकीकरण का समर्थन करने पर गर्व है। यह अपग्रेड लाखों वोडाफोन आइडिया ग्राहकों के लिए मोबाइल अनुभव को बेहतर बनाएगा और साथ ही 5जी तकनीक में सहज बदलाव की नींव रखेगा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Nov 14, 2024
जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थ अब नहीं भेज सकेंगीं ई-कॉमर्स कंपनियां
नई दिल्ली, 14 नवंबर 2024 (यूटीएन)। अब खाद्य पदार्थों की डिलीवरी करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियां जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थ नहीं भेज सकेंगीं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य पदार्थों की सीमा तय की है। प्राधिकरण ने ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा है कि वह ऐसे खाद्य पदार्थों की आपूर्ति न करें जिनकी एक्सपायरी डेट नजदीक हो। ग्राहकों को दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों की एक्सपायरी डेट कम से कम 45 दिन होनी चाहिए। साथ ही लंबे समय तक न चलने वाले खाद्य पदार्थों की भी शेल्फ लाइफ कम से कम 30 फीसदी होनी चाहिए। ऑनलाइन खाद्य पदार्थों की डिलीवरी कर रहीं ई-कॉमर्स कंपनियों को लेकर लगातार एफएसएसएआई को शिकायतें मिल रही थीं। इसे लेकर खाद्य नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सभी ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) की बैठक बुलाई। इसमें सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को सख्त निर्देश दिए गए। बैठक में एफएसएसएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी गंजी कमला वी राव ने ई-कॉमर्स एफबीओ ऐसे व्यवहार अपनाने को कहा जिसके तहत उपभोक्ताओं को डिलीवरी के समय खाद्य उत्पाद की न्यूनतम शेल्क लाइफ का ध्यान रखने के लिए कहा गया। बैठक में राव ने स्पष्ट किया कि ई-कॉमर्स से बेचे किसी भी उत्पाद के दावे उत्पाद लेबल पर दी गई जानकारी के अनुरूप होने चाहिए और एफएसएसएआई के लेबलिंग और प्रदर्शन विनियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने एफबीओ को ऑनलाइन बिना समर्थन वाले दावे करने के खिलाफ भी आगाह किया। नियामक ने कहा, इससे भ्रामक जानकारी को रोका जा सकेगा और उपभोक्ताओं के सटीक उत्पाद विवरण प्राप्त करने के अधिकार की रक्षा होगी। उन्होंने उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में ऑनलाइन प्लेटफार्म की भूमिका भी बताई। उन्होंने कहा कि कोई भी एफबीओ वैध एफएसएसएआई लाइसेंस या पंजीकरण के बिना किसी भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर काम नहीं कर सकता है। उन्होंने एफबीओ को खाद्य उत्पादों की समय पर डिलीवरी देने के लिए कर्मियों को उचित प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Nov 14, 2024
पहले से जो करते आए हैं अब नहीं चलेगा', सीजेआई बनते ही जस्टिस संजीव खन्ना ने वकीलों को दे दी खास हिदायत
नई दिल्ली, 14 नवंबर 2024 (यूटीएन)। मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालते ही जस्टिस संजीव खन्ना ने वकीलों को खास हिदायत दे दी है. उन्होंने कहा कि मामलों को तत्काल सूचीबद्ध करने और उन पर सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वकीलों से इसके लिए ईमेल या लिखित पत्र भेजने का आग्रह किया है. आमतौर पर वकील दिन की कार्यवाही की शुरुआत में मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली बेंच के सामने अपने मामलों पर तत्काल सुनवाई के लिए उनका उल्लेख करते हैं. सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, 'अब कोई मौखिक उल्लेख नहीं होगा. केवल ईमेल या लिखित पर्ची/पत्र में ही होगा. बस, तत्काल सुनवाई की आवश्यकता के कारण बताएं.' सीजेआई संजीव खन्ना ने न्यायिक सुधारों के लिए नागरिक-केंद्रित एजेंडे की रूपरेखा तैयार की है और कहा है कि न्याय तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना और नागरिकों के साथ उनकी स्थिति की परवाह किए बिना समान व्यवहार करना न्यायपालिका का संवैधानिक कर्तव्य है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में 51वें सीजेआई के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना को शपथ दिलाई थी. जस्टिस खन्ना ने लोकतंत्र के तीसरे स्तंभ न्यायपालिका का नेतृत्व करने पर अत्यधिक सम्मान महसूस होने की बात कही. मुख्य न्यायाधीश ने सोमवार को अपने पहले बयान में कहा, 'न्यायपालिका शासन प्रणाली का अभिन्न, फिर भी अलग और स्वतंत्र हिस्सा है. संविधान हमें संवैधानिक संरक्षक, मौलिक अधिकारों के रक्षक और न्याय के सेवा प्रदाता होने के महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपता है.उन्होंने कहा, 'समान व्यवहार के मामले में न्याय वितरण ढांचे में सभी को सफल होने का उचित अवसर प्रदान करना आवश्यक है, चाहे उनकी स्थिति, धन या शक्ति कुछ भी हो, और ये न्यायपूर्ण और निष्पक्ष निर्णय हो. ये हमारे मूल सिद्धांतों को चिह्नित करते हैं.' मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'हमें सौंपी गई जिम्मेदारी नागरिकों के अधिकारों के रक्षक और विवाद समाधानकर्ता के रूप में हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है. हमारे महान राष्ट्र के सभी नागरिकों के लिए न्याय तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना हमारा संवैधानिक कर्तव्य है. जस्टिस संजीव खन्ना ने न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों का उल्लेख किया जिनमें लंबित मामलों की संख्या कम करना, मुकदमेबाजी को किफायती बनाना और जटिल कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाने की आवश्यकता शामिल है. उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली को सभी नागरिकों की जरूरतों को पूरा करना चाहिए. उन्होंने अदालतों को अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए एक दृष्टिकोण की रूपरेखा भी प्रस्तुत की. सुप्रीम कोर्ट ने एक बयान में कहा कि मुख्य न्यायाधीश का उद्देश्य एक आत्म-मूल्यांकन दृष्टिकोण अपनाना है जो अपने कामकाज में फीडबैक के प्रति ग्रहणशील और उत्तरदायी हो. इसमें कहा गया है, 'नागरिकों के लिए फैसलों को समझने योग्य बनाना और मध्यस्थता को बढ़ावा देना भी प्राथमिकता में होगा.' आपराधिक मामलों के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सीजेआई संजीव खन्ना ने मुकदमे की अवधि को कम करने, एक व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाने और यह सुनिश्चित करने को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया कि नागरिकों के लिए कानूनी प्रक्रियाएं कठिन न हों. उन्होंने विवादों का प्रभावी तरीके से समाधान निकालने और समय पर न्याय प्रदान करने के लिए मध्यस्थता को बढ़ावा देने के महत्व पर भी प्रकाश डाला. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Nov 14, 2024
मुस्लिम नेताओं की हेट स्पीच पर राहुल गांधी और अखिलेश यादव चुप’ : विश्व हिंदू परिषद
नई दिल्ली, 14 नवंबर 2024 (यूटीएन)। हिंदुओं के संरक्षण की बात करने वाले विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन का कहना है कि मुस्लिम नेताओं (तौकीर राजा और ओवैसी भाइयों) की ओर से दिए गए बयान जिहादी मानसिकता की सोच को दर्शाते हैं. वोट जिहाद कुछ नया नहीं है. 1946 से वोट जिहाद चला रहा है, जब मुसलमान ने पाकिस्तान बनाने के पक्ष में भी वोट दिया था. वोट जिहाद को लेकर सुरेंद्र जैन ने कहा, “वैसे तो यह पहले से हो रहा था, लेकिन अब यह लोग ज्यादा संगठित होकर सामने आ रहे हैं. आज देश में इस तरह की बातें की जा रहीं की- हमारे नौजवान जाग गए तो देश के अंदर माहौल बिगड़ जाएगा और कोई कह रहा है कि मैंने छोटे को चुप करा हुआ है नहीं तो हालात बिगड़ जायेंगे. इस तरह की धमकियां उनकी जिहादी मानसिकता को दर्शाती है. *चुप बैठे हैं राहुल गांधी और अखिलेश यादव* वीएचपी महामंत्री ने कहा कि देश के अंदर इस तरह की हेट स्पीच दी जा रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे बयानों पर राहुल गांधी ,अखिलेश यादव जैसे नेता चुप बैठे हैं. यह दिखाता है कि वह देश को 1946 में हुए डायरेक्ट एक्शन डे की तरफ ले जाना चाहते हैं, लेकिन देश का हिंदू अब जाग चुका है. ऐसे लोगों को सही से जवाब देगा. *बंगाल की स्थिति खराब* सुरेंद्र जैन ने कहा कि ऐसे बयान आ रहें हैं… इनके पीछे यह मौलाना भी हैं, जो इनको बल दे रहे हैं. विश्व हिन्दू परिषद इनको सही से जवाब देना जानता है. आज देश का हिंदू संगठित हो गया है. बंगाल की स्थिति आज बहुत खराब हो गई है. वहां हिंदुओं के ऊपर हमले होते हैं. *अब नहीं होती पत्थर चलाने की घटनाएं* वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे के नारे पर सुरेंद्र जैन ने यह कहा कि ये नारा आज देश की आवश्यकता है. अब हिंदू संगठित है. राजस्थान में कन्हैया लाल की गर्दन काट दी जाती है. पहले हिंदुओं की यात्रा पर पत्थर चलाए जाते थे, लेकिन कोई अब ऐसी घटना करके दिखाए. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Nov 14, 2024
सीआईएसएफ को मिलेगी पहली महिला बटालियन, गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी
नई दिल्ली, 14 नवंबर 2024 (यूटीएन)। महिलाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनकी भूमिका बढ़ाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक निर्णय में गृह मंत्रालय ने सीआईएसएफ की पहली पूर्ण महिला बटालियन की स्थापना को मंजूरी दे दी है. सीआईएसएफ उन महिलाओं के लिए एक पसंदीदा विकल्प रहा है, जो केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में देश की सेवा करना चाहती हैं, जो वर्तमान में बल का 7 फीसदी से अधिक है. महिला बटालियन के जुड़ने से देश भर में अधिक महत्वाकांक्षी युवा महिलाओं को सीआईएसएफ में शामिल होने और देश की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. सीआईएसएफ मुख्यालय ने नई बटालियन के मुख्यालय के लिए शीघ्र भर्ती, प्रशिक्षण और स्थान के चयन की तैयारी शुरू कर दी है. *शुरू हुई प्रशिक्षण और चयन प्रक्रिया* प्रशिक्षण को विशेष रूप से वीआईपी सुरक्षा में कमांडो के रूप में विविध भूमिका निभाने में सक्षम एक विशिष्ट बटालियन बनाने और हवाई अड्डों, दिल्ली मेट्रो रेल कर्तव्यों की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया जा रहा है. 53वें सीआईएसएफ दिवस समारोह के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद महिला बटालियनों को तैयार करने का काम शुरू किया गया था. अभी सिर्फ मंजूरी मिली है. भारतीय प्रशिक्षण और चयन की प्रक्रिया ही शुरू हुई है. *1969 में स्थापित हुआ था सीआईएसएफ* सीआईएसएफ वर्तमान में 12 रिजर्व बटालियन संचालित करता है, जिन्हें अक्सर अस्थायी और स्थायी दोनों तरह के कामों के लिए सुदृढीकरण के रूप में तैनात किया जाता है, जैसे चुनाव ड्यूटी या हाल ही में कवर किए गए संसद भवन परिसर जैसे प्रमुख स्थानों की रखवाली. 1969 में स्थापित सीआईएसएफ में लंबे समय से महिला कर्मियों की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही है, खासकर 68 नागरिक हवाई अड्डों, दिल्ली मेट्रो और ताजमहल और लाल किला जैसी ऐतिहासिक जगहों पर. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Nov 14, 2024
एक व्यापक राष्ट्रीय कैंसर देखभाल नीति की आवश्यकता: फिक्की-ईवाई पार्थेनन रिपोर्ट
नई दिल्ली, 14 नवंबर 2024 (यूटीएन)। फिक्की-ईवाई पार्थेनन ने हाल ही में ‘भारत में कैंसर की देखभाल को किफायती और सुलभ बनाने के लिए रोड मैप’ शीर्षक से सिफारिशों का एक संग्रह लॉन्च किया है। यह शोधपत्र भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में सितंबर 2024 तक एक वर्ष में आयोजित पांच क्षेत्रीय गोलमेजों से एकत्रित सिफारिशों का सारांश है। इनमें से, भारत सरकार के लिए एक मजबूत सिफारिश है कि वह शीर्ष छह उच्च-बोझ वाले कैंसर के लिए समर्पित वित्त पोषण परिव्यय के साथ एक व्यापक राष्ट्रीय कैंसर देखभाल नीति/कार्यक्रम शुरू करे। संग्रह में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत में कैंसर की घटनाओं का एक बड़ा बोझ है। अनुमान के अनुसार 2022 में भारत में रिपोर्ट की गई कैंसर की घटनाएं 19 से 20 लाख थीं, जबकि वास्तविक घटनाएं रिपोर्ट किए गए मामलों की तुलना में 1.5 से 3 गुना अधिक थीं। अगले पांच से छह वर्षों में कैंसर की घटनाओं की वृद्धि दर और तेज होने की उम्मीद है, जिसमें नए मामलों के 45 लाख से कम होने का अनुमान है। कैंसर देखभाल का बुनियादी ढांचा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से वितरित नहीं है, जिससे तृतीयक देखभाल केंद्रों पर भारी बोझ पड़ता है। इसके अलावा, कैंसर देखभाल के लिए उपचार लागत वित्तीय रूप से निषेधात्मक है, यानी अन्य गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की तुलना में लगभग 3 गुना अधिक है और इसमें वृद्धि जारी है। इसके बावजूद, वैश्विक नैदानिक परीक्षणों में भारत की भागीदारी वर्तमान में 4% है, जो वैश्विक रोग बोझ का 20% है। फिक्की स्वास्थ्य सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. हर्ष महाजन ने कहा, "देश के लिए कैंसर नियंत्रण और देखभाल पर नीति निर्णय लेने के उद्देश्य से, हमने इन गोलमेजों का आयोजन किया और पाया कि जबकि बहुत से राज्यों ने कैंसर देखभाल बढ़ाने की दिशा में छोटे कदम उठाए हैं और कुछ ने तो अनूठी पहल भी की है, फिर भी सक्रिय कैंसर की रोकथाम और उपचार के उद्देश्य से व्यापक उपायों की गुंजाइश है। यह श्वेतपत्र भारत में कैंसर देखभाल प्रतिमान को बदलने के लिए नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और बड़े पैमाने पर समुदाय के लिए कार्रवाई का खाका है। उन्होंने कहा। कैंसर देखभाल पर फिक्की टास्क फोर्स के सह-नेता और एचसीजी के सीईओ डॉ. राज गोरे ने भारत में महिलाओं की कैंसर देखभाल का समर्थन करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। "हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर महिला को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच हो और वह सूचित निर्णय लेने में सक्षम हो। इसके लिए कम जागरूकता, जांच के डर और वित्तीय सीमाओं जैसी प्रमुख बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता है। प्रारंभिक पहचान को मजबूत करना और प्रभावी उपचारों तक पहुंच सुनिश्चित करना परिणामों को बेहतर बनाने और कैंसर के समग्र बोझ को कम करने के लिए आवश्यक कदम हैं। ईवाई पार्थेनॉन इंडिया की हेल्थकेयर सर्विसेज की पार्टनर सुश्री श्रीमयी चक्रवर्ती ने कहा, "भारत में व्यापक कैंसर देखभाल परिदृश्य जागरूकता और रोकथाम से लेकर जांच, पहचान और उपचार तक पहुंच तक के चरणों में चुनौतियों के साथ उप-इष्टतम है। शहरी और ग्रामीण भारत दोनों को उच्च गुणवत्ता वाले उपचार तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कैंसर देखभाल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य सुविधाओं को सही तकनीक और संसाधनों से लैस करना आवश्यक है। निजी-सार्वजनिक भागीदारी कैंसर देखभाल को अधिक कुशल और सुलभ बनाने के लिए आवश्यक निवेश और नवाचार को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।" सीमेंस हेल्थकेयर की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख-वैरियन (भारत और क्षेत्र) सुश्री मालती सचदेव ने कहा, "भारत में 15% से भी कम महिलाएं स्तन कैंसर जैसी स्थितियों के लिए सुरक्षित जांच करवाती हैं, और केवल 1-2% आबादी नियमित जांच में भाग लेती है, जो डर और कम जागरूकता से प्रेरित है। इससे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर वित्तीय बोझ बढ़ता है। कोरिया और जापान जैसे देश कैंसर उपचार लागत का 75-95% वहन करते हैं और मूल्य-आधारित, परिणाम-संचालित स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित करते हैं। भारत को भी परिणामों में सुधार और लागत कम करने के लिए अनिवार्य जांच और बीमा कार्यक्रमों में उन्नत उपचारों को एकीकृत करने सहित इसी तरह के उपाय अपनाने चाहिए। संग्रह में स्वास्थ्य मंत्रालय में कैंसर देखभाल के लिए नीतिगत प्राथमिकता का आह्वान किया गया है। भारत में कैंसर की जांच वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत समूहीकृत है और मुख्य रूप से तीन प्रकारों - स्तन, मौखिक और गर्भाशय ग्रीवा पर ध्यान केंद्रित करती है। मौजूदा ढांचे के तहत, कैंसर देखभाल को उचित नीतिगत फोकस नहीं मिल रहा है और रोगी की यात्रा में महत्वपूर्ण पहलुओं के लिए वित्त पोषण प्राथमिकता नहीं मिल रही है। इसलिए, शीर्ष छह उच्च बोझ वाले कैंसर के लिए वित्त पोषण परिव्यय के साथ एक व्यापक राष्ट्रीय कैंसर देखभाल नीति/कार्यक्रम शुरू करने की सिफारिश की जाती है। इस नीति को निदान, चिकित्सा, शल्य चिकित्सा और विकिरण उपचार सहित रोगी देखभाल के सभी चरणों और तौर-तरीकों के लिए एक छत्र कवर प्रदान करना चाहिए। इसके अलावा, सरकारी योजनाओं को इस तरह से अपडेट किया जाना चाहिए कि प्रदान की गई बुनियादी कवरेज के अलावा, स्क्रीनिंग के बाद कैंसर जैसे विशिष्ट रोग समूह के लिए टॉप-अप किया जा सके। एक टॉप-अप कैंसर कवरेज लाभ राशि को मूल कवरेज के 3x-4x तक बढ़ाता है अभिनव कैंसर उपचारों तक पहुंच में काफी वृद्धि करेगा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Nov 14, 2024
पीएम मोदी ने उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर राज्य के लोगों और पर्यटकों से किए 9 आग्रह
नई दिल्ली, 10 नवंबर 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य के लोगों और पयर्टकों से नौ आग्रह किए. पीएम मोदी ने देहरादून में आयोजित पुलिस रैतिक परेड को एक वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज से उत्तराखंड का रजत जयंती वर्ष शुरू हो रहा है और अब हमें उत्तराखंड के उज्जवल भविष्य के लिए अगले 25 वर्ष की यात्रा शुरू करनी है. *बोलियों का संरक्षण करने का आग्रह* वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ''आज मैं आपसे और उत्तराखंड आने वाले यात्रियों, श्रद्धालुओं से नौ आग्रह करना चाहता हूं. पांच आग्रह उत्तराखंड के लोगों से और चार आग्रह यात्रियों, श्रद्धालुओं से. आपकी बोलियां काफी समृद्ध हैं. गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी..ऐसी बोलियों का संरक्षण बहुत जरूरी है. मेरा पहला आग्रह है कि उत्तराखंड के लोग अपनी आने वाली पीढ़ियों को जरूर यह बोलियां सिखाएं. यह बोलियां उत्तराखंड की पहचान को मजबूत बनाने के लिए भी जरूरी हैं.'' *पर्यावरण की रक्षा करने का आग्रह* पीएम मोदी ने कहा कि, ''देवभूमि के लोग प्रकृति और पर्यावरण के कितने बड़े प्रेमी होते हैं, यह पूरा देश जानता है. उत्तरखंड तो गौरा देवी की भूमि है और यहां हर महिला मां नंदा का रूप है. बहुत आवश्यक है कि हम प्रकृति की रक्षा करें. इसलिए मेरा दूसरा आग्रह है, 'एक पेड़ मां के नाम' , हर किसी को इस आंदोलन को आगे बढ़ाना है. आजकल आप देख रहे हैं, देश भर में यह अभियान तेज गति से चल रहा है. उत्तराखंड भी इस दिशा में जितनी तेजी से काम करेगा उतना ही हम क्लाइमेट चेंज की चुनौती से लड़ पाएंगे.'' *नदी-नालों को संरक्षित करने का आग्रह* उन्होंने कहा कि, ''उत्तराखंड में तो नौलों, धारों की पूजा की परंपरा है. आप सभी नदी, नालों का संरक्षण करें. पानी की स्वच्छता को बढ़ाने वाले अभियानों को गति दें. यह मेरा आपसे तीसरा आग्रह है.'' *गांवों से रिश्ता बनाए रखने का आग्रह* प्रधानमंत्री ने कहा कि, ''मेरा चौथा आग्रह है अपनी जड़ों से जुड़े रहें. अपने गांव लगातार जाएं. रिटायरमेंट के बाद तो जरूर अपने अपने गांवों में जाएं. वहां से संबंध मजबूत रखें.'' *पुराने घरों को बचाकर उन्हें होमस्टे बनाएं* उन्होंने कहा कि, ''उत्तराखंड के लोगों से मेरा पांचवां आग्रह है, अपने गांव के पुराने घरों, जिन्हें आप तिबरी वाले घर कहते हैं, उन्हें भी बचाएं. इन घरों को भूलें नहीं. इन्हें आप होमस्टे बनाकर अपनी आय बढ़ाने का साधन बना सकते हैं.'' *पर्यटकों और श्रद्धालुओं से चार आग्रह* पीएम मोदी ने उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं से हिमालय में एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से बचने, पहाड़ों में घूमने के दौरान ‘वोकल फॉर लोकल' के तहत अपनी यात्रा का कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने में करने, यातायात के नियम अपनाने और तीर्थस्थलों की मर्यादा का पालन करने का आग्रह किया. पीएम मोदी ने कहा कि, यह सुखद संयोग है कि देश भी 25 वर्षों के लिए अमृत काल में है और वह विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड के संकल्प को इसी कालखंड में पूरा होते देखेगा. पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के समय उत्तराखंड बना और बेहद खुशी की बात है कि अब हम सब उत्तराखंड में अपने सपनों को साकार होते देख पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीते डेढ़-दो वर्षों में उत्तराखंड की विकास दर में सवा गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Nov 10, 2024
भारत के रतन का जाना प्रधानमंत्री ने रतन टाटा को कुछ यूं किया याद
नई दिल्ली, 10 नवंबर 2024 (यूटीएन)। रतन टाटा के निधन को एक महीना हो रहा है, लेकिन उनसे जुड़ी यादें लोगों के जेहन में आज भी ताजा हैं. इन लोगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं. रतन टाटा जी ने हमेशा, नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा. मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला. हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया. आज जब हम उन्हें याद कर रहे हैं, तो हमें उस समाज को भी याद रखना है जिसकी उन्होंने कल्पना की थी. इसके अलावा भी पीएम मोदी ने रतन टाटा से जुड़ी कई यादों को शेयर किया. *प्रधानमंत्री का व्यक्तिगत संबंध:* पीएम ने साझा कीं अपनी यादें, कहा, ‘मुझे दशकों से रतन टाटा जी को करीब से जानने और उनके अतुलनीय योगदानों को देखने का सौभाग्य मिला. आज भी शहरों, कस्बों से लेकर गांवों तक, लोग उनकी कमी को गहराई से महसूस कर रहे हैं. हम सबका ये दुख साझा है. चाहे कोई उद्योगपति हो, उभरता हुआ उद्यमी हो या कोई प्रोफेशनल हो, हर किसी को उनके निधन से दुख हुआ है.' *भावुक श्रद्धांजलि :* पीएम मोदी ने कहा, ‘रतन टाटा जी के निधन ने भारत में एक गहरी कमी छोड़ दी है. भारत ने एक सच्चे सपूत और अमूल्य रत्न को खो दिया है. इस पीड़ा को भुला पाना आसान नहीं है. रतन टाटा जी के तौर पर भारत ने अपने एक महान सपूत को खो दिया है...एक अमूल्य रत्न को खो दिया है.' *युवाओं और नवाचार के प्रेरणास्रोत :* पीएम ने रतन टाटा जी की युवाओं के प्रति प्रेरणा को रेखांकित किया और कहा, ‘रतन टाटा ने एक पूरी पीढ़ी को बड़े सपने देखने और नवाचार की ओर साहसी कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया. भारत के युवाओं के प्रयासों का समर्थन करके, उन्होंने नए सपने देखने वाली नई पीढ़ी को जोखिम लेने और सीमाओं से परे जाने का हौसला दिया. उनके इस कदम ने भारत में इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप की संस्कृति विकसित करने में बड़ी मदद की है. आने वाले दशकों में हम भारत पर इसका सकारात्मक प्रभाव जरूर देखेंगे.' *राष्ट्रीय हितों के प्रति समर्पण :* रतन टाटा को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘स्वच्छ भारत मिशन और कैंसर देखभाल के प्रति रतन टाटा जी का उत्साह उनके जनकल्याण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. स्वच्छ भारत मिशन के प्रति श्री रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था. वह इस जन आंदोलन के मुखर समर्थक थे. वह इस बात को समझते थे कि स्वच्छता और स्वस्थ आदतें भारत की प्रगति की दृष्टि से कितनी महत्वपूर्ण हैं. अक्टूबर की शुरुआत में स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ के लिए उनका वीडियो संदेश मुझे अभी भी याद है. यह वीडियो संदेश एक तरह से उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थितियों में से एक रहा है. *साहस का प्रतीक :* पीएम ने 26/11 के दौरान रतन टाटा के नेतृत्व की सराहना की, उन्‍होंने कहा, ‘ताज होटल को फिर से खोलना भारत के साहस और आतंकवाद के सामने न झुकने का प्रतीक था. रतन टाटा जी ने हमेशा, नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा उनके इस कदम ने बड़ा संदेश दिया कि भारत रुकेगा नहीं...भारत निडर है और आतंकवाद के सामने झुकने से इनकार करता है.' *वैश्विक स्तर पर टाटा नेतृत्व की पहचान :* पीएम ने कहा, ‘रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह उत्कृष्टता, ईमानदारी और वैश्विक सम्मान का प्रतीक बन गया. व्यक्तिगत तौर पर, मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला. हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया. वहां उनकी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश किया गया. इनमें कई ऐसी परियोजनाएं भी शामिल थीं, जिसे लेकर वे बेहद भावुक थे.' *दया और संवेदनशील समाज की दृष्टि :* पीएम ने कहा, ‘हमें उस समाज को याद रखना चाहिए, जिसकी रतन टाटा जी ने कल्पना की थी, जहां व्यापार अच्छाई की शक्ति हो और प्रगति का आकलन सभी के कल्याण के आधार पर किया जाए. रतन टाटा जी आज भी उन जिंदगियों और सपनों में जीवित हैं, जिन्हें उन्होंने सहारा दिया और जिनके सपनों को साकार किया. भारत को एक बेहतर, सहृदय और उम्मीदों से भरी भूमि बनाने के लिए आने वाली पीढ़ियां उनकी सदैव आभारी रहेंगी.' विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Nov 10, 2024
दिल्ली में बस मार्शल्स को लेकर सियासी घमासान, मुख्यमंत्री आतिशी के आरोपों पर बीजेपी ने किया पलटवार
नई दिल्ली, 10 नवंबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में 10,000 बस मार्शलों और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को तैनात किया जाएगा. दिल्ली सरकार ने इनकी नियुक्ति को मंज़ूरी दे दी है और सोमवार से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री आतिशी ने एक बार फिर से इस मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेरा है. वहीं, बीजेपी ने भी आम आदमी पार्टी पर सवाल खड़े किए हैं. सीएम आतिशी ने कहा, ''बीजेपी ने अपनी गंदी राजनीति से इनका रोजगार छीना लेकिन अरविंद केजरीवाल जी के मार्गदर्शन में दिल्ली सरकार ने मार्शलों को दोबारा रोजगार देने का काम किया है. ये प्रमाण है कि, बीजेपी चाहे जितने षड्यंत्र रचे लेकिन "आप" सरकार हर मुश्किल से लड़ते हुए दिल्लीवालों के काम करवाती रहेगी.'' *11 नवंबर से बस मार्शल्स की नियुक्ति की प्रक्रिया-आतिशी* दिल्ली की मुख्यमंत्री आगे कहा, ''सोमवार से बस मार्शलों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी साथ ही दिल्ली सरकार जल्द बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजेगी. अरविंद केजरीवाल ने मार्शल्स की नियुक्ति की थी ताकि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ न हो, उनके साथ बदतमीजी न हो. किसी बच्चे के अपहरण का प्रयास हो रहा था तो बस मार्शल्स ने रोक दिया. किसी बुजुर्ग को मदद की जरुरत थी तो ये काम भी बस मार्शल्स ने किए. *बीजेपी ने बस मार्शल्स को वेतन नहीं देने दिया- आतिशी* उन्होंने आगे कहा, ''मंत्रियों ने तनख्वाह देने के लिए लगातार अफसरों को आदेश दिए लेकिन बीजेपी ने बस मार्शल्स को वेतन नहीं देने दिया. मुझे खुशी है कि बस मार्शल्स, आम आदमी पार्टी के नेता, विधायकों ने संघर्ष किया. उन्होंने लाठियां खाईं.'' *बीजेपी का आप सरकार पर हमला* उधर, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि अक्टूबर 2023 में अरविंद केजरीवाल द्वारा बर्खास्त किए गए बस मार्शलों के जीवन में रोशनी की किरण आई है. *बीजेपी की क्या है मांग?* वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ''दिल्ली सरकार सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को 11 नवंबर से ड्यूटी पर लगा रही है, लेकिन उन्हें उपराज्यपाल के आदेश के अनुरूप 1 नवंबर से वेतन दे. यह खेदपूर्ण है कि उपराज्यपाल के, वॉलंटियर्स को 1 नवंबर से ड्यूटी पर लगाने के आदेश के बावजूद मुख्यमंत्री ने सिविल डिफेंस वालों को आज तक बेरोजगार रखा. *बीजेपी का आरोप* दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा, ''अरविंद केजरीवाल और सीएम आतिशी सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को काम देना ही नहीं चाहते. दिल्ली बीजेपी के दबाव में आतिशी को सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को 11 नवंबर से वापस ड्यूटी पर लगाने का आदेश करना पड़ा है.'' *दिल्ली सरकार की नीयत पर सवाल* सचदेवा ने कहा है कि यह एक बड़ा सवाल है कि क्या दिल्ली सरकार सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के हित में काम कर रही है या नहीं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के हित में काम करना चाहिए और उन्हें उनका हक दिलाना चाहिए. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Nov 10, 2024