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इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ाने से लागत प्रभावशीलता हासिल करने में मदद मिलेगी: पीयुष गोयल

नई दिल्ली, 08 नवंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री  पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में भारत मोबिलिटी एक्सपो के कर्टेन रेज़र कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत के विजन की कहानी को दर्शाता है और संपूर्ण मोबिलिटी वैल्यू चेन को एक छतरी के नीचे एकीकृत करता है। उन्होंने एक्सपो के लिए इवेंट फिल्म और ब्रोशर का भी अनावरण किया। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। गोयल ने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबिलिटी शो भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 के आयोजन में उनकी पहल के लिए ऑटोमोटिव और मोबिलिटी क्षेत्र के मंत्रालयों और उद्योग संगठनों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस एक्सपो का थीम, ‘बियॉन्ड बाउंड्रीज़: को-क्रिएटिंग द फ्यूचर ऑफ द ऑटोमोटिव वैल्यू चेन, एक जुड़ी हुई और एकीकृत दुनिया के लिए राष्ट्र के दृष्टिकोण के साथ सहजता से मेल खाता है।   उन्होंने दुनिया भर में मोबिलिटी तकनीक के शीर्ष पर पहुँचाने के लक्ष्य में सहयोग करने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और इलेक्ट्रिक वाहनों में तेजी से बदलाव को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ाने से लागत प्रभावशीलता हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत की कहानी एक प्रेरणादायक निवेश गाथा है, जिसमें कौशल, दृष्टिकोण और महत्वाकांक्षा का समन्वय है। भारत मोबिलिटी एक्सपो निवेश आकर्षित करने और व्यापार और निर्यात का विस्तार करने में भारत की कहानी को प्रदर्शित करने में मदद करता है। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को आमंत्रित करें ताकि वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें और भारत की विकास गाथा का लाभ उठा सकें। यह कार्यक्रम 17-22 जनवरी, 2025 के बीच तीन अलग-अलग स्थलों पर आयोजित किया जाएगा: भारत मंडपम (आईटीपीओ), दिल्ली; यशोभूमि (इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर), द्वारका, दिल्ली; और इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा। यह 2,00,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में फैला होगा, जिसमें 9 से अधिक शो और 5,00,000 से अधिक आगंतुकों की मेजबानी की जाएगी।   भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 एक ऐतिहासिक आयोजन होने का वादा करता है, जिसका लक्ष्य संपूर्ण मोबिलिटी वैल्यू चेन को एक छतरी के नीचे लाना है। इस बार, एक्सपो के वैश्विक महत्व पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जिसमें दुनिया भर से प्रदर्शकों और आगंतुकों के रूप में बड़ी भागीदारी देखी जा रही है। जैसे-जैसे उद्योग भविष्य को आकार देने के लिए एकजुट हो रहा है, यह एक्सपो भारत की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और सतत मोबिलिटी समाधानों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस प्रदर्शनी में मोबिलिटी इकोसिस्टम में नवीनतम प्रगति और सफलताओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें ऑटो एक्सपो मोटर शो (इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों सहित), ऑटो एक्सपो कंपोनेंट्स शो, मोबिलिटी टेक पैवेलियन (कनेक्टेड और ऑटोनॉमस टेक्नोलॉजीज, इन्फोटेनमेंट इत्यादि), अर्बन मोबिलिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर शो (टिकाऊ शहरी परिवहन प्रणाली - ड्रोन, सार्वजनिक परिवहन और इंफ्रा, इत्यादि), बैटरी शो (बैटरी टेक्नोलॉजीज और स्टोरेज समाधान), कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट एक्सपो, स्टील पैवेलियन, टायर शो और समर्पित साइकिल शो (नए मॉडल, एक्सेसरीज, इनोवेशन) जैसे विशेष प्रदर्शन शामिल होंगे।   साथ ही ऑटोमोटिव और मोबिलिटी टेक्नोलॉजीज के पूरे स्पेक्ट्रम में अन्य विशेष कार्यक्रम और एक्सपो भी होंगे। इस कार्यक्रम में 15 से अधिक सम्मेलन भी होंगे, जिनमें से प्रत्येक मोबिलिटी वैल्यू चेन के विभिन्न पहलुओं को समर्पित होगा, जिसमें दुनिया भर के विशेषज्ञ भाग लेंगे। भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 एक उद्योग-प्रेरित और सरकार समर्थित पहल है, और इसका समन्वय इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल इंडिया (ईईपीसी इंडिया) द्वारा विभिन्न उद्योग संगठनों और साझेदार संगठनों - एसआईएएम, एसीएमए, आईईएसए, एटीएमए, आईएसए, नैसकॉम, आईसीईएमए, एआईसीएमए, एमआरएआई, आईटीपीओ, इन्वेस्ट इंडिया, आईबीईएफ, सीआईआई, यशोभूमि और आईईएमएल के संयुक्त सहयोग से किया जा रहा है। कर्टेन रेज़र कार्यक्रम में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, सहयोगी मंत्रालयों एवं उद्योग संघों के अधिकारियों, ऑटोमोटिव क्षेत्र के उद्योग जगत के नेताओं, विदेशी दूतावासों एवं मिशनों के प्रतिनिधियों, ज्ञान साझेदारों एवं हितधारकों।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Nov 8, 2024

एमसी कार्यालयों में आई 6 शिकायतों में से चार का मौके पर हुआ निपटान

पंचकूला,08 नवंबर 2024 (यूटीएन)। उपायुक्त मोनिका गुप्ता के मार्गदर्शन में आज सेक्टर-4 स्थित नगर निगम पंचकूला के कार्यालय व नगर परिषद कालका में समाधान शिविर का आयोजन किया गया। समाधान शिविर में शहरवासियों द्वारा छह समस्याएं अधिकारियों के सामने रखी गई, इनमें से मौके पर ही चार समस्याओं का समाधान किया गया। अतिरिक्त उपायुक्त एवं नगर निगम कमीश्नर अपराजिता ने बताया कि शिविर में 5 शिकायतें प्राप्त हुई। प्रॉपर्टी आईडी से सम्बन्धित तीन शिकायों का मौके पर ही निपटान कर दिया गया।   नाडा साहित निवासी शिव कुमार ने प्रॉपर्टी आईडी की लॉकेशन ठीक करने की अपील की। सेक्टर-25 निवासी सुधीर ने प्रॉपर्टी आईडी में मोबाइल नंबर जोड़ने की गुहार लगाई। बिल्ला गांव निवासी गुलजार ने प्रॉपर्टी आईडी का खसरा नंबर ठीक करवाने की शिकायत दी। सेक्टर-16 निवासी कुलवंत सिंह ने नई प्रॉपर्टी आईडी को तैयार करवाने की आवेदन किया है। इसके अलावा कालका नगर परिषद में भी एक व्यक्ति ने प्रॉपर्टी आईडी को ठीक करवाने की गुहार लगाई है।   उन्होंने बताया कि सेक्टर-4 स्थित नगर निगम के कार्यालय व नगर परिषद कालका परिसर में प्रत्येक कार्यदिवस पर सुबह 9 बजे से 11 बजे तक समाधान शिविर का आयोजन कर शहर के लोगों की समस्याओं व शिकायतों को सुना जाएगा। शिविर में आने वाली शिकायतों के समाधान को जल्द से जल्द निपटान किया जाएगा। उन्होंने शहरवासियों से अपील की कि वो सुबह 9 से 11 बजे के बीच नगर निगम से सम्बन्धित शिकायतों और समस्याओं को रख सकते हैं।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Nov 8, 2024

आपदा प्रबंधन को लेकर एनडीआरएफ और सेना ने पंचकूला पुलिस की मदद से किया मॉक ड्रिल

पंचकूला,08 नवंबर 2024 (यूटीएन)। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य के मार्गदर्शन में पुलिस उपायुक्त हिमाद्रि कौशिक व पुलिस उपयुक्त अपराध एवं यातायात विरेन्द्र सांगवान के नेतृत्व में पंचकूला पुलिस द्वारा एसीपी कालका जोगेन्द्र शर्मा व पिंजौर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सोमबीर ढ़ाका की उपस्थिति में प्राकृतिक व मानव निर्मित आपदाओं से निपटने के लिए एनडीआरएफ व भारतीय सेना की मदद से मॉक ड्रिल की जा रही है। यह मॉक ड्रिल पंचकूला जिला के पिंजौर क्षेत्र में कौशल्या नदी के किनारे अमरावती बांध पर की जा रही है।  जानकारी के मुताबिक इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य प्रमुख रूप से तीन तरह की प्राकृतिक व मानव निर्मित आपदाओं से निपटना है जिनमें फैक्टरी परिसर में गैस रिसाव व अन्य कारणों से आगजनी से होने वाले नुकसान, भूकंप व बाढ़ आदि की स्थिति फँसे लोगों को रेस्क्यू कर उन तक रिलीफ पहुँचाना, चिकित्सीय सुविधा पहुँचाना तथा सभी विभागों को आपस में समन्वय बनाकर राहत एवं बचाव कार्य करना है।    इस मौके एसीपी कालका जोगेन्द्र शर्मा व असिस्टेंट कमांडेंट एनडीआरएफ डी.एल. जाखड़ ने मॉक ड्रिल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और उनकी तैयारियों को लेकर चर्चा की। राहत और बचाव कार्यों के लिए उपकरणों की उपलब्धता, रिसोर्स मैनेजमेंट, स्वास्थ्य, सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पैरामेडिकल टीमों की तैनाती तथा आपदा प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही बैकअप प्लान पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हास्पिटलों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं होनी चाहिए। इसके अलावा भारतीय सेना का नेतृत्व कर रहे मेजर विनय प्रताप सिंह व मेजर गिरधर सिंह की अगुवाई में सेना ने जवानो नें मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया। मॉक ड्रिल के दौरान सभी सुरक्षा उपकरणों व जरूरी दिशा निर्देशों की पालना की गई है।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Nov 8, 2024

अवैध हथियार रखने के मामले में 2 आरोपी गिरफ्तार, .32 बोर पिस्टल बरामद

पंचकूला, 08 नवंबर 2024 (यूटीएन)। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य के मार्गदर्शन में पुलिस उपायुक्त हिमाद्रि कौशिक व पुलिस उपायुक्त अपराध एवं यातायात विरेन्द्र सांगवान के नेतृत्व में जिला में अवैध हथियार रखने वाले अपराधियों पर कडी नजर व सख्त कार्रवाई की जा रही है जिस कार्रवाई में एसीपी क्राइम अरविंद कंबोज के नेतृत्व में इन्चार्ज एंटी नारकोटिक्स सेल उप निरीक्षक भीम सिंह व उसकी टीम नें अवैध हथियार की तस्करी के मामले में 2 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किये गये आरोपियो की पहचान अनमोल पुत्र जगदीप सिंह वासी विश्वकर्मा कालोनी पिंजौर उम्र 19 वर्ष व अंकुश कुमार उर्फ अंकुश सोलंकी पुत्र सुनीत कुमार वासी चावला कॉलोनी मानकपुर ठाकुर दास पंचकूला के रुप में हुई है।     एंटी नारकोटिक्स सेल टीम गश्त पर थी तभी टीम को गुप्त सूचना मिली की एक गाडी में सवार युवक सैक्टर 30 हुड्डा मोड नालागढ रोड पिंजौर के पास किसी के इंतजार में खड़ा है और उसके पास अवैध हथियार होने की सूचना है जिसके आधार पर एंटी नारकोटिक्स सेल इन्चार्ज की टीम ने बताए गए स्थान पर पहुंचकर युवक को घेरा ड़ालते हुए 1 युवक को काबू किया। तलाशी लेने पर युवक की जेब से 32 बोर पिस्टल बरामद की गई थी जिस बारे पूछने पर आरोपी को लाइसैंस आदि पेश नहीं कर पाया। जिसके बाद आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा के तहत थाना पिंजौर में मामला दर्ज किया गया। जहां आरोपी को माननीय अदालत में पेश कर 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया था। रिमांड के दौरान आरोपी अनमोल की निशानदेही पर अन्य आरोपी अंकुश कुमार उर्फ अंकुश सोलंकी पुत्र सुनीत कुमार वासी चावला कॉलोनी मानकपुर ठाकुर दास पंचकूला को आज गिरफ्तार किया गया।    हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Nov 8, 2024

प्रदेश की नायब सैनी सरकार ने दिया धौली की जमीन का मालिकाना हक

पंचकूला,08 नवंबर 2024 (यूटीएन)। राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा की मुहिम आखिरकार रंग लाई.. सरकार ने धौली की जमीन का मालिकाना हक ब्राह्मण समाज को दे दिया है... इसके बाद अब ब्राह्मण धौली में मिली जमीन भी बेच सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 11 दिसंबर 2022 को करनाल में आयोजित भगवान परशुराम महाकुंभ में धौली की करीब 1700 एकड़ जमीन के मालिकाना हक की घोषणा की थी। जिसे प्रदेश के मोजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सिरे चढ़ा दिया है , वर्षों पहले दान में दी गई धौली की जमीन का मालिकाना हक और उसे बेचने का अधिकार ब्राह्मण समाज को मिल गया है। इस संदर्भ में वित्तायुक्त राजस्व एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा ने सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि सांसद कार्तिकेय शर्मा द्वारा यह मांग करनाल में उनके द्वारा आयोजित ब्राह्मण महाकुम्भ में पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने रखी गयी थी जिस पर पूर्व सीएम ने 11 दिसंबर 2022 को करनाल में आयोजित भगवान परशुराम महाकुंभ में धौली की करीब 1700 एकड़ जमीन का मालिकाना हक देने की घोषणा की थी।   इससे पहले हरियाणा सरकार के वित्तीय आयुक्त, राजस्व एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को आदेश दिया था कि हरियाणा धौलीदार, बूटीमार, भोंडेदार और मुकररिदार (मालिकाना अधिकार निहित करना) अधिनियम में संशोधन किया गया है। इसके तहत किसी निजी व्यक्ति/संस्था की जमीन को धौलीदारों आदि में निहित कर दिया गया था. दान में दी गयी जमीन को बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. सांसद कार्तिकेय शर्मा ने इस मांग को पूरा करने के लिए सीएम नायब सैनी का भी आभार व्यक्त किया है, सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि पूर्व सीएम ने करनाल में आयोजित महाकुंभ में इसकी घोषणा की थी अब प्रदेश के सीएम नायब सैनी ने इसे अमलीजामा पहनाने का काम किया है . सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि सांसद बनने के बाद ब्राह्मण समाज के लोग लगातार यह मांग उनके सामने रख रहे थे, जिसके बाद उन्होंने इस मांग को सरकार तक पहुंचाने का काम किया और आखिरकार करनाल में आयोजित ब्राह्मण महाकुंभ में पूर्व सीएम ने इस मांग पर अपनी मुहर लगा दी थी और अब मौजूदा नायब सैनी सरकार ने इसे लागू करने का जो अधिसूचना जारी की है उसके लिए में समस्त ब्राह्मण समाज की और से आभार और धन्यावाद प्रकट करता हूँ ।   उन्होंने कहा कि उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने इस बात के लिए संघर्ष किया था कि धौलीधारवासियों को उनकी जमीन का हक मिले, उन्हीं के नक्शेकदम पर आगे बढ़ते हुए एक सांसद के तौर पर मैंने इस मुद्दे को प्राथमिकता के साथ सरकार के समक्ष रखने का काम किया. मुझे खुशी है कि आज हमारी मेहनत रंग लाई, मैं सभी लाभार्थियों को भी बधाई देना चाहता हूं कि आज उन्हें उनका अधिकार मिल गया, और मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी का भी आभारी हूं जिन्होंने इस बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा किया है।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Nov 8, 2024

स्थायी स्वास्थ्य सेवा समाधानों के लिए राज्यों और निजी क्षेत्र के बीच अधिक सहयोग आवश्यक: राजीब कुमार सेन

नई दिल्ली, 08 नवंबर 2024 (यूटीएन)। दो दिवसीय ‘फिक्की हील 2024’ भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा, महिला स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और अंतःविषय शिक्षा को मजबूत करने के लिए रणनीतिक रोडमैप के साथ संपन्न हुआ फिक्की हील 2024’ का समापन कल भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को बदलने के उद्देश्य से विचार-विमर्श के साथ हुआ। ‘स्वस्थ भारत, विकसित भारत’ थीम पर केंद्रित इस सम्मेलन में स्वास्थ्य सेवा के नेता, नीति निर्माता और नवोन्मेषक शामिल हुए, जो एक स्वस्थ, अधिक लचीला भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दूसरे दिन के सत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने, महिलाओं के कैंसर की देखभाल में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और स्वास्थ्य सेवा शिक्षा में अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।   फिक्की स्वस्थ भारत टास्क फोर्स के अध्यक्ष मानद ब्रिगेडियर डॉ. अरविंद लाल की अगुवाई में पूर्ण सत्र में एक मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा आबादी को सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। हब-एंड-स्पोक मॉडल के माध्यम से आवश्यक निदान को बढ़ाकर और लैब सूचना प्रबंधन प्रणाली एलआईएमएस के माध्यम से डिजिटल संचालन का लाभ उठाकर, हमने उल्लेखनीय प्रगति देखी है जैसे कि सीएचसी सरोजिनी नगर हब लैब में परीक्षण की मात्रा में 300% की वृद्धि और रोगी पहुंच में 220% की वृद्धि,” डॉ. लाल ने कहा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2021 से 70,000 से अधिक परीक्षण पूरे हो चुके हैं और स्पोक के आगे के कनेक्शन की योजना बनाई गई है, यह पहल टिकाऊ, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।   सम्मेलन के केंद्र बिंदु के रूप में, राजेश भूषण, सेवानिवृत्त, पूर्व सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय सहित वक्ताओं ने देश भर के समुदायों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच में सुधार के लिए बुनियादी ढाँचे की चुनौतियों और नवीन रणनीतियों की जाँच की। स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर विश्वास का निर्माण एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में उभरा, क्योंकि वक्ताओं ने पारदर्शी और नैतिक प्रथाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। स्वास्थ्य सेवा प्रशासन पर सत्र में धोखाधड़ी से निपटने, विनियामक ढांचे को बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवा वितरण में अखंडता बनाए रखने में मौजूदा चुनौतियों का पता लगाया गया। भारत में रोगी अधिकारों को मजबूत करने और स्वास्थ्य सेवा परिणामों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण, विश्वास की खाई को पाटने के लिए जवाबदेही और नैतिक व्यवहार की संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।   उत्तर प्रदेश ने 21,000 से अधिक आयुष्मान आरआरटी ​​​​सदस्यों को चालू किया है, जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में बदलाव आया है। हालांकि काफी प्रगति हुई है, लेकिन क्षमता निर्माण, सामुदायिक जुटाव और ग्रामीण मॉडल को शहरी सेटिंग्स में अनुकूलित करने जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। उद्योग सहयोग, विशेष रूप से सीएसआर और स्व-नियमन के माध्यम से, टेली-डायग्नोस्टिक्स जैसी नवीन तकनीकों के साथ, भविष्य की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण होगा,” उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी शर्मा ने कहा। नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार राजीब कुमार सेन ने स्वास्थ्य सेवा में केवल पहुँच से गुणवत्ता सुधार पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बताई। “जबकि पहुँच और सामर्थ्य में प्रगति सराहनीय है, अब ध्यान स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार पर केंद्रित होना चाहिए। निजी क्षेत्र में भविष्यसूचक प्रौद्योगिकियों और एआई में नवाचार को बढ़ावा देने की क्षमता है, ताकि उभरते स्वास्थ्य मुद्दों का समाधान किया जा सके। शहरी क्षेत्रों में चुनौतियों पर काबू पाने के लिए टेलीमेडिसिन और डायग्नोस्टिक्स जैसे स्केलेबल समाधान महत्वपूर्ण हैं।   प्रभावी और टिकाऊ स्वास्थ्य सेवा समाधानों के लिए राज्यों और निजी क्षेत्र के बीच प्रभावी सहयोग आवश्यक है। गुणवत्ता सुधार पर यह जोर चिकित्सा शिक्षा के दृष्टिकोण में प्रतिध्वनित होता है, जो भविष्य के स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को देखभाल के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए प्रशिक्षण देने की नींव के रूप में कार्य करता है। चिकित्सा शिक्षा सत्र में, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ विजय ओझा ने नियामक परिवर्तनों पर चर्चा की, जो इस नींव को मजबूत कर रहे हैं। "एनएमसी ने भविष्य के लिए चिकित्सा पेशेवरों को बेहतर ढंग से तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण सुधार पेश किए हैं। योग्यता को अधिक स्पष्ट रूप से परिभाषित करके, विशेष पोस्टडॉक्टरल फेलोशिप शुरू करके और उच्च शैक्षिक मानकों को सुनिश्चित करके, हम स्नातकों और स्नातकोत्तरों को भविष्य की स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक कौशल से लैस कर रहे हैं।   आईसीएमआर में वैज्ञानिक और मिशन प्रभारी डॉ सुचिता मार्कन ने कहा, "डिजिटल स्वास्थ्य में अभिनव समाधान रोगी देखभाल और स्वास्थ्य सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।" "हमारा लक्ष्य इनोवेटर्स को विकास के अवसरों और रणनीतिक साझेदारियों से जोड़ना है ताकि सुलभ, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाया जा सके।" भारत के प्रमुख स्वास्थ्य सेवा मंच, फिक्की हील 2024 ने 'स्वस्थ भारत, विकसित भारत' के दृष्टिकोण के साथ स्थायी सुधार और नवाचार के लिए स्वास्थ्य सेवा हितधारकों को एकजुट करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। यह सम्मेलन कैटल के लिए एक परिवर्तनकारी मंच साबित हुआ। भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सार्थक बदलाव लाना, सभी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करना।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Nov 8, 2024

नीतिगत निरंतरता और सुधारों से शानदार वृद्धि हुई है: सीईओ, नीति आयोग

नई दिल्ली, 08 नवंबर 2024 (यूटीएन)। भारत वैश्विक क्षितिज पर चमकते सितारों में से एक है, नीतिगत निरंतरता और सुधारों से शानदार वृद्धि हुई है। हमने पिछले वित्तीय वर्ष को लगभग 8.2% की वृद्धि दर के साथ समाप्त किया और 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं। आज, वृद्धिशील वैश्विक वृद्धि में हमारा योगदान लगभग 20% है और यह और बढ़ेगा। बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम, सीईओ, नीति आयोग ने एसोचैम द्वारा आयोजित एक विशेष उद्योग संवाद में कहा। 90 के दशक में उदारीकरण के पहले प्रयास ने हमारे लोगों के भीतर छिपी हुई बहुत सी प्रतिभाओं को सामने ला दिया, जिसके परिणामस्वरूप विकास की पहली बड़ी लहर आई।    पहले सुधार चुपके से किए जाते थे, लेकिन पिछले 10 वर्षों में सुधारों और सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता के मामले में नाटकीय बदलाव आया है। दिवाला बोर्ड की स्थापना, जीएसटी और डिजिटल बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने जैसे सुधारों ने, व्यापारिक दृष्टिकोण से, जीवन को बहुत आसान बना दिया है। हम दुनिया की सबसे बड़ी आबादी हैं। यह एक बड़ी संपत्ति है क्योंकि अगले 100 वर्षों में, वैश्विक जनसंख्या में कमी आने वाली है। हम दुनिया के कारखाने और सेवा केंद्र बन जाएंगे क्योंकि हमारे पास ऐसे लोग हैं जो काम करेंगे”, उन्होंने कहा।   हम अपनी क्षमता के 10% पर हैं और हमें बहुत काम करना है। 2047 तक विकसित भारत को प्राप्त करने के लिए, भारत को एक निर्माण स्थल बनना होगा और वह भारत जिसे हम बनाते हैं, वैश्विक और घरेलू वित्त के लिए हरा और टिकाऊ होना चाहिए। मेरा मानना ​​​​है कि हम निश्चित रूप से उस क्षमता पर खरा उतर सकते हैं। सरकार ने पारंपरिक 1.4 से पूंजीगत व्यय को जीडीपी अनुपात में 3.2 तक ले जाकर बहुत अच्छा काम किया है एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना को लंबे समय तक जारी रखा जाना चाहिए क्योंकि यह वास्तव में एक जीवन रेखा रही है, और इसने कोविड के बाद उद्योग को बहुत तेजी से उबरने में मदद की है। उन्होंने कहा कि सत्र में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, एसोचैम के अध्यक्ष श्री संजय नायर ने कहा कि नीतिगत स्थिरता और कई प्रभावशाली सुधारों ने आर्थिक प्रगति को बढ़ावा दिया है। उन्होंने व्यापक आर्थिक गति के संकेतक रियल एस्टेट सेक्टर में उल्लेखनीय वृद्धि की ओर इशारा किया।    उन्होंने डिजिटलीकरण के लिए सरकार के सफल प्रयास पर भी जोर दिया, जिसने पूरे सिस्टम में सब्सिडी और सुधारों की गहरी पैठ को सक्षम किया है। उन्होंने वित्तीय संस्थानों, विशेष रूप से मजबूत बैंकों की बेहतर ताकत को रेखांकित किया और शेयर बाजार के मजबूत प्रदर्शन पर प्रकाश डाला, जिसमें विदेशी निवेशकों की भागीदारी में वृद्धि हुई है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Nov 8, 2024

वन रैंक वन पेंशन योजना हमारे सैनिकों एवं पूर्व-सैन्य कर्मियों के साहस और बलिदान के प्रति एक श्रद्धांजलि है: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 08 नवंबर 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना के दस वर्ष पूरे होने पर कहा कि यह हमारे उन सैनिकों एवं पूर्व-सैन्य कर्मियों के साहस और बलिदान के प्रति एक श्रद्धांजलि है, जो हमारे राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि ओआरओपी को लागू करने का निर्णय लंबे समय से चली आ रही इस मांग को पूरा करने और हमारे नायकों के प्रति हमारे देश की कृतज्ञता की पुष्टि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। मोदी ने आश्वस्त किया कि सरकार हमेशा हमारे सशस्त्र बलों को मजबूत करने और हमारी सेवा करने वालों के कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।     मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक थ्रेड पोस्ट में लिखा: आज ही के दिन ओआरओपी लागू किया गया था। यह हमारे उन सैनिकों एवं पूर्व-सैन्य कर्मियों के साहस और बलिदान के प्रति एक श्रद्धांजलि थी, जो हमारे राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करते हैं। ओआरओपी को लागू करने का निर्णय इस लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने और हमारे नायकों के प्रति हमारे देश की कृतज्ञता की पुष्टि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।    आप सभी को यह जानकर खुशी होगी कि पिछले एक दशक में, लाखों पेंशनभोगी और पेंशनभोगी परिवार इस ऐतिहासिक पहल से लाभान्वित हुए हैं। संख्या से परे, ओआरओपी हमारे सशस्त्र बलों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। हम हमेशा अपने सशस्त्र बलों को मजबूत करने और हमारी सेवा करने वालों के कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Nov 8, 2024

पीएचडीसीसीआई प्रतिनिधिमंडल ने बजट-पूर्व ज्ञापन पर राजस्व सचिव से मुलाकात की

नई दिल्ली, 08 नवंबर 2024 (यूटीएन)।  पीएचडीसीसीआई के प्रतिनिधि मंडल ने अध्यक्ष हेमंत जैन के नेतृत्व में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा से मुलाकात कर अगले बजट में व्यक्तियों और सीमित देयता भागीदारी फर्मों के लिए कराधान की दरों में कमी, वैधानिक अवधि शुरू करके फेसलेस अपीलों की तेजी से ट्रैकिंग; पेशेवरों के लिए अनुमानित कर योजना की सीमा में वृद्धि; 14 क्षेत्रों से परे पीएलआई योजना का विस्तार; एनपीए के लिए एमएसएमई के वर्गीकरण मानदंडों में बदलाव और एमएसएमई सेवा निर्यात के लिए शिपमेंट से पहले और बाद के निर्यात ऋण पर ब्याज समानीकरण योजना से संबंधित सुझाव प्रस्तुत किए। पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि पीएचडीसीसीआई को उम्मीद है कि वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट का आकार 48.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2025-26 के लिए 51 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा और पूंजीगत व्यय का विस्तार वर्ष 2024-25 के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2025-26 के लिए 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। उन्होंने आग्रह किया कि सितंबर 2019 में किए गए संशोधन द्वारा कॉर्पोरेट कर की दरों को अधिभार सहित 25% तक घटा दिया गया है। इस प्रकार, भागीदारी व्यक्तियों और सीमित देयता भागीदारी फर्मों के लिए अधिकतम नियमों को भी 25% पर कम किया जाना चाहिए।   अध्यक्ष ने कहा कि हम असाधारण मामलों में भौतिक सीआईटी (ए) के विकल्प की अनुमति देने के लिए वैधानिक अवधि शुरू करके फेसलेस अपीलों को तेजी से ट्रैक करने का सुझाव देते हैं, जिसके भीतर अपील आदेश पारित किया जाना है। सूचीबद्ध शेयरों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ 10% से बढ़कर 12.5% ​​हो गया है और यह अन्य परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के बराबर हो गया है। अब, चूंकि शेयरों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ अन्य परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के बराबर है, इसलिए अनुरोध है कि सुरक्षा लेनदेन कर को समाप्त किया जाए। उन्होंने उद्योग निकाय ने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और भारतीय उत्पादों को प्रतिस्पर्धी बनाने के साथ-साथ मुक्त व्यापार समझौतों की समीक्षा करने और देश में व्यापार करने में आसानी को प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और स्वचालित करने का सुझाव दिया। हेमंत जैन ने कहा कि उद्योग निकाय ने जीडीपी में विनिर्माण हिस्सेदारी को जीडीपी के मौजूदा 16% के स्तर से बढ़ाकर 2030 तक 25% करने के लिए और सुधार करने का सुझाव दिया। इसके अलावा, सुधारों में पूंजी की लागत, बिजली की लागत, रसद की लागत, भूमि की लागत और अनुपालन की लागत सहित व्यवसाय करने की लागत को कम करने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है।   पीएचडीसीसीआई ने औषधीय पौधों, हस्तशिल्प, चमड़ा और जूते, रत्न और आभूषण और अंतरिक्ष क्षेत्र सहित अन्य को शामिल करने के लिए 14 क्षेत्रों से परे पीएलआई योजना का विस्तार करने का सुझाव दिया। जैन ने एमएसएमई के एनपीए के लिए वर्गीकरण मानदंडों में बदलाव और एमएसएमई के लिए पुनर्गठन योजना को आरबीआई द्वारा अनुमोदित करने का सुझाव दिया, एमएसएमई के बकाया को वर्गीकृत करने के लिए 90 दिनों की सीमा को 180 दिन किया जाए। पूर्व और पश्चात शिपमेंट निर्यात ऋण पर ब्याज समतुल्यता योजना केवल एमएसएमई निर्माता और व्यापारी निर्यातकों के लिए ब्याज अनुदान के पात्र लाभार्थियों के रूप में है। एमएसएमई सेवा निर्यातकों को भी ब्याज समतुल्यता योजना के लिए विचार किया जाएगा, श्री हेमंत जैन ने कहा।   उद्योग निकाय का कहना है कि एमएसई सुविधा परिषदों को मध्यम उद्यमों को कवर करना चाहिए क्योंकि केवल सूक्ष्म और लघु उद्यम ही अपने विलंबित भुगतानों को एमएसई सुविधा परिषदों को संदर्भित कर सकते हैं, खरीदारों से विलंबित भुगतानों के निपटान के लिए अधिकतम 45 दिनों के भीतर भुगतान के प्रावधान के साथ, यदि खरीद आदेश में कोई निर्दिष्ट भुगतान तिथि नहीं है। प्रतिनिधिमंडल में हेमंत जैन, अध्यक्ष;मुकुल बागला, अध्यक्ष, प्रत्यक्ष कर समिति; प्रमोद कुमार राय, अध्यक्ष, अप्रत्यक्ष कर समिति; डॉ रंजीत मेहता, सीईओ और महासचिव; डॉ एस पी शर्मा, मुख्य अर्थशास्त्री शामिल थे। उप महासचिव और नंदा मिश्रा, संयुक्त सचिव, पीएचडीसीसीआई ने राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय को बजट पूर्व ज्ञापन भी प्रस्तुत किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Nov 8, 2024

बौद्ध मूल्य एशियाई राष्ट्रों के लिए बंधन की शक्ति हैं: पहला एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन

नई दिल्ली, 08 नवंबर 2024 (यूटीएन)। एशियाई संस्कृति, परंपरा और मूल्य इतिहास के हमलों को सहते हुए भी अडिग रहें हैं, जो बुद्ध के अंतर्निहित मूल्यों का प्रमाण है।  पहले एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि बुद्ध की शिक्षाएं दर्शन शास्त्र के साथ-साथ व्यवहारिक रूप से भी एशिआई राष्ट्रों और संस्कृतियों को संकट के समय में स्थिर रखने में मदद करती हैं। संस्कृति मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) द्वारा आयोजित पहले एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन का विषय था 'एशिया को मजबूत बनाने में बौद्ध धम्म की भूमिका', जिसमें 32 देशों के 160 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। महासंघ के सदस्य, विभिन्न मठवासी परंपराओं के प्रमुख, भिक्षु, भिक्षुणियां, राजनयिक समुदाय के सदस्य, बौद्ध अध्ययन के शिक्षक, विशेषज्ञ और विद्वान, लगभग 700 प्रतिभागियों ने इस विषय पर उत्साहपूर्वक चर्चा की। इसे ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन और महत्वपूर्ण आयोजन बताते हुए वियतनाम के राष्ट्रीय वियतनाम बौद्ध संघ के उपाध्यक्ष थिच थीएन टैम ने कहा कि इसने बौद्ध विरासत के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की है, जिसकी जड़ें यहां हजारों वर्षों से है और जो पूरे एशिया में सांस्कृतिक कूटनीति और आध्यात्मिक समझ को आकार देती रही है।   उपाध्यक्ष महोदय ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन में वर्तमान समय की वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में बौद्ध धम्म की स्थायी प्रासंगिकता को प्रदर्शित किया है तथा आध्यात्मिक मार्गदर्शक और सांस्कृतिक सेतु के रूप में धम्म की शक्ति को रेखांकित किया है, जो सीमाओं के पार शांति, करुणा और समझ को बढ़ावा देने में सक्षम है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो दिनों में हुई चर्चाओं की विविधता और गहराई ने राष्ट्रों को एकजुट करने में बौद्ध धम्म की महत्वपूर्ण भूमिका को सुदृढ़ किया है तथा अहिंसा, नैतिक अखंडता और सामूहिक कल्याण के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को मजबूत किया है। श्रीलंका से अमरपुरा महानिकाय के महानायके, वासकादुवे महिंदावांसा महानायके थेरो, ने कहा कि यह तथ्य कि विभिन्न परंपराओं के महान गुरु यहां अहिंसा और शांति पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं, जबकि बाहर जो दुनिया है वो बंदूकों और रॉकेटों से अपने और इस ग्रह को नष्ट कर रही है, यह दर्शाता है कि हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। "हमें अपने दिल में उस ऊर्जा को पैदा करना है, उसे फैलाते रहना है; एक दिन निश्चित रूप से हम अपना लक्ष्य प्राप्त करेंगे," उनके उत्साहवर्धक शब्द थे।   नेपाल से लुम्बिनी विकास ट्रस्ट के उपाध्यक्ष खेंपो चिमेड ने सुझाव दिया कि इस सभा से पता चलता है कि संघ के कई विद्वान और जानकार सदस्य हैं, यह समय इस महान ज्ञान और ऐतिहासिक ज्ञान को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने का है। उन्होंने कहा, "ज्ञान को हस्तांतरित करने के लिए मठवासी शिक्षा के लिए हिमालय में एक शैक्षणिक संस्थान स्थापित करके ऐसा किया जा सकता है।" अपने विशेष संबोधन में, धर्मशाला, भारत से ड्रेपुंग लोसेलिंग मठ के क्यबजे योंगज़िन लिंग रिनपोछे ने कहा कि यद्यपि तिब्बतियों को अपनी भूमि छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, लेकिन इसका परिणाम यह हुआ कि वे पूरी दुनिया में फैल गए और दुनिया भर में सैकड़ों मठ बन गए। "अब बहुत से लोग बौद्ध धर्म के बारे में जानते हैं, हमें तिब्बती संस्कृति और मूल्यों को संरक्षित करना होगा, और जैसा कि दलाई लामा वकालत करते हैं, प्राचीन भारतीय नालंदा परंपरा को पुनर्जीवित करना होगा। अपने ज्ञान और विशेषज्ञता के साथ मजबूत संबंध बनाएं, आध्यात्मिक रूप से सहयोग करें और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें। आइए हम यहां मौजूद सभी लोगों द्वारा दिखाए गए समर्पण से प्रेरित होकर आगे बढ़ें, "उनके उत्साहवर्धक शब्द थे।   अपने समापन भाषण में, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव शत्से खेंसुर जंगचुप चोएडेन ने सभा को आशीर्वाद देते हुए, बुद्ध धम्म की जन्मस्थली से विश्व से बौद्ध मूल्यों को बढ़ावा देने का आह्वान किया, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सद्भाव के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन के समापन पर दिल्ली घोषणापत्र पढ़ते हुए आईबीसी के महानिदेशक श्री अभिजीत हलदर ने कहा कि गहन विचार-विमर्श और साझा आकांक्षाओं का कुल निचोड़ जो सामने आया, उसका उद्देश्य एक दयालु, सामंजस्यपूर्ण और समावेशी एशिया को बढ़ावा देना था। भविष्य में जिन क्षेत्रों में काम करने की आवश्यकता है, वे हैं:  बौद्ध धम्म के सिद्धांत के आधार पर एशियाई देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना। बौद्ध साहित्य पर काम करना, विशेष रूप से पाली भाषा पर, जिसमें बुद्ध के मूल शब्द, दर्शन और उसको व्यवहारिक रूप देना शामिल है। बौद्ध समुदाय की आध्यात्मिक निरंतरता और आपसी मेलजोल के लिए पवित्र बौद्ध अवशेषों की प्रदर्शनी को और अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। समाज के सभी वर्गों, विशेषकर युवाओं को शामिल करते हुए एक नए मूल्य-आधारित समाज का निर्माण करना, युवाओं को अधिक सक्रिय रूप से शामिल करने की दिशा में कार्य करना। बौद्ध कला और विरासत (वास्तुकला सहित) की ऐतिहासिक यात्रा को बढ़ावा देना और साझा करना।   बौद्ध तीर्थयात्रा और जीवंत विरासत के माध्यम से एशियाई बौद्ध सर्किट को जोड़ना। बुद्ध धम्म के वैज्ञानिक और चिकित्सीय पहलुओं की प्रासंगिकता को पहचानना। बुद्ध की शिक्षाएं हम सभी को एकजुट और एक साथ बांधती हैं, जो इसकी समकालीन प्रासंगिकता को सुदृढ़ करती हैं। इस शिखर सम्मेलन में नैतिक शासन, करुणामयी कार्रवाई और सजगता के साथ सतत विकास के लिए मार्गदर्शक ढांचे के रूप में बौद्ध धम्म की भूमिका की पुनः पुष्टि हुई। आईबीसी के महानिदेशक ने कहा कि बौद्ध राष्ट्रों और आईबीसी की सामूहिक प्रतिबद्धता यह सुनिश्चित करेगी कि बुद्ध धम्म का स्थायी संदेश एक सामंजस्यपूर्ण और समृद्ध भविष्य की ओर एशिया की यात्रा को प्रेरित और समर्थन करना जारी रखे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |    

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Nov 8, 2024