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बृज भूषण सिंह के बेटे को टिकट मिलने पर बजरंग पुनिया ने भाजपा को घेरा

उत्तर प्रदेश के कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा ने बृज भूषण सिंह के छोटे बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया है। जिसके बाद ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। बजरंग पुनिया ने कहा, ये देश की बेटियों, बहनों, महिलाओं और खिलाड़ियों के लिए बड़े दुख की बात है। पहले सरकार ने खिलाड़ियों से वादा करके फेडरेशन में उसका डमी आदमी बैठा दिया। अब भाजपा उनके बेटे को टिकट देकर यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि हमने तो उनको टिकट नहीं दिया, लेकिन, सब जानते हैं कि कुश्ती फेडरेशन से लेकर राजनीति में उसका ही दबदबा है। सरकार ने खिलाड़ियों के साथ विश्वासघात किया। बजरंग पुनिया ने महिलाओं के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि मोदी सरकार महिला सशक्तीकरण और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देती है। अब, सरकार से पूछा जाना चाहिए कि बेटी भाजपा से बचानी है या किसी और से बचानी है? बजरंग पुनिया ने आगे कहा कि बृज भूषण सिंह ने सरकार के ऊपर हाथ रखकर दिखा दिया कि उसका दबदबा है। भाजपा के कई लोगों के वीडियो वायरल हो रहे हैं, लेकिन, पार्टी उन्हें सपोर्ट कर रही है। सरकार ने बृज भूषण सिंह को हर तरीके से बचाने की कोशिश की है। सरकार का काम होता है, न्याय दिलाना। लेकिन, इस सरकार ने सजा दिलाने की बजाय उसे बड़ा बनाने का काम किया। खिलाड़ी बहनों और बेटियों के लिए ये बुरा दौर है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के लोग दूसरे दलों में परिवारवाद की बात करते हैं। बहन-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने वाले के बेटे को टिकट दिया जाना, कौन सा वाद है?

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May 3, 2024

पहल: फेफड़ों के कैंसर का सटीक इलाज ढूंढ़ेंगे देश के 100 चिकित्सक

नई दिल्ली, 04 मई 2024  (यूटीएन)। वायु प्रदूषण और कैंसर का बोझ झेल रहे फेफड़ों के इलाज को लेकर डॉक्टर एक मत नहीं है। इसका उपचार भी समान नही है। इसकी वजह से यह भयावह रूप ले रहा है। सरकार ने अब सख्त रुख अपनाते हुए वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित गाइडलाइन तैयार करने का निर्णय लिया है। सरकार ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है, जिसने देश के 100 विशेषज्ञ चिकित्सकों का चयन कर 15 टीमें गठित की है।    ये टीमें धूम्रपान-तंबाकू, वायु प्रदूषण, कम खुराक वाली कंप्यूटेड टोमोग्राफी, चेस्ट रेडियोग्राफ, कीमो, इम्यूनो और रेडियोथेरेपी के अलावा सर्जरी को लेकर वैज्ञानिक साक्ष्यों को एकत्रित करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में सभी तरह के कैंसर में 5.9% योगदान फेफड़े के कैंसर का है।   इसके अलावा हर साल कैंसर से मरने वालों में 8.1% हिस्सेदारी भी है। द लांसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित वैश्विक रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत में फेफड़ों के कैंसर की आयु-मानकीकृत घटना दर (एएसआईआर) 1990 में 6.62 प्रति एक लाख से बढ़कर 2019 में 7.7 तक पहुंची है।   *इसलिए जरूरी राष्ट्रीय गाइडलाइन*   आईसीएमआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फेफड़ों के कैंसर के इलाज को लेकर मौजूदा समय में देश में राष्ट्रीय स्तर पर गाइडलाइन लागू नहीं है। अगर एक मरीज दिल्ली में किसी डॉक्टर से इलाज करा रहा है तो उसके तौर तरीके कर्नाटक या फिर तमिलनाडु में इलाज करने वाले डॉक्टर से भिन्न हो सकते हैं। इसके फायदे और नुकसान दोनों है। इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर गाइडलाइन की आवश्यकता है।   *15 में से चार टीमें यूपी की*   गाइडलाइन बनाने वाली 15 में से चार टीमें उत्तर प्रदेश से हैं। इनमें गोरखपुर एम्स, नोएडा स्थित आईसीएमआर का एनआईसीपीआर और लखनऊ के केजीएमयू व कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ शामिल हैं। वहीं हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से एक एक संस्थान के डॉक्टरों को लिया है। पंजाब और चंडीगढ़ से दो-दो टीमें तैनात की हैं।   *इसी साल पूरा होगा काम*   टीम में शामिल डॉ. आयुष लोहिया ने बताया कि गाइडलाइन में सर्जरी को लेकर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनकी टीम इस पर काफी समय से काम कर रही है और अगले कुछ समय में वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर जानकारी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि इसी साल में गाइडलाइन तैयार होने के बाद लागू हो जानी चाहिए। डॉ. लोहिया का मानना है कि विविधता युक्त इस देश में उपचार के तौर तरीके एक जैसा होना बहुत जरूरी है। इससे न सिर्फ मरीज का जीवन बचाया जा सकता है बल्कि समय रहते निदान के लक्ष्य को भी पूरा कर सकते हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 4, 2024

वोटिंग से पहले दिल्ली में कांग्रेस को झटका, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली भाजपा में शामिल

नई दिल्ली, 04 मई 2024  (यूटीएन)। लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली सहित शीला सरकार में पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान, पूर्व एमएलए नसीब सिंह, पूर्व एमएलए नीरज बसोया ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. तीनों ही कांग्रेस के बड़े नेताओं में शामिल थे। अरविंदर सिंह लवली ने हाल में ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.   लवली कांग्रेस द्वारा आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने के खिलाफ थे. वह पहले भी बीजेपी में रह चुके हैं. इससे पहले 2017 में दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले लवली बीजेपी में शामिल हुए थे लेकिन कुछ महीने में ही कांग्रेस में वापसी कर ली थी.    2023 - अगस्त में कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया. 2024 - लवली को 2024 के लोकसभा चुनाव से  पहले फिर पार्टी की दिल्ली इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. हालांकि चुनाव से ठीक पहले दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. बताया गया कि वह आप के साथ गठबंधन से नाराज हैं.  1998 -  दिल्ली के गांधी नगर निर्वाचन क्षेत्र से लवली ने कांग्रेस के टिकट पर पहला चुनाव लड़ा था और दिल्ली विधानसभा के सबसे कम उम्र के सदस्य बने. 2003 - वह दिल्ली के गांधी नगर निर्वाचन क्षेत्र से फिर से जीते और दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा उन्हें शिक्षा मंत्री नियुक्त किया गया. 2008 - वह कांग्रेस के बैनर तले गांधी नगर निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुने गए और 2008 से 2013 तक शीला दीक्षित सरकार में शहरी विकास और राजस्व मंत्री और परिवहन मंत्री के रूप में कार्य किया.  2013 - वह लगातार चौथी बार गांधी नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे (कांग्रेस के टिकट पर) और 2013 से 2015 तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे. 2020 - गांधी नगर निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा. 2019 - उन्होंने पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा. 2018- उन्होंने बीजेपी छोड़ दी और फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए. 2017- वह बीजेपी में शामिल हो गए.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 4, 2024

पीएम मोदी के नामांकन दाखिल करने की तारीख हुई तय

नई दिल्ली, 04 मई 2024  (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से 14 मई को नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे। इससे पहले 13 मई को वाराणसी में रोड शो भी करेंगे। बता दें कि वाराणसी लोकसभा सीट पर एक जून को वोटिंग होगी।  *10 मई से वाराणसी में डेरा डालेंगे शीर्ष नेता* पार्टी प्रधानमंत्री मोदी की जीत को ऐतिहासिक बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। भाजपा के राष्ट्रीय और प्रदेशों के नेता मई के दूसरे सप्ताह से वाराणसी पहुंचना शुरु हो जाएंगे। यहां छोटी-छोटी जनसभाएं करेंगे, पन्ना प्रमुखों के साथ बैठकें करेंगे और मतदाताओं से संपर्क भी करेंगे। इसके अलावा समाज के अलग-अलग लोगों के साथ बैठकें की जाएगी। *नेता-कार्यकर्ता की सूची हो रही तैयार* बनारस पहुंचने वाले नेताओं की सूची भी तैयार की जा रही है और कार्यकर्ताओं से भी सूची मांगी जा रही है। प्रधानमंत्री के रोड शो को भव्य बनाने के लिए भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल और गुजरात से आए जगदीश पटेल ने बैठकें शुरू कर दी हैं। इसमें महिला मोर्चा की भी प्रमुख भूमिका रहने वाली है।  *एक दिन पहले सभी शीर्ष नेता पहुंचेंगे वाराणसी* महिलाओं के ग्रुप के अलावा, युवा बाइकों से भी रहेंगे और नामाकंन के एक दिन पहले सभी शीर्ष नेता भी वाराणसी पहुंच जाएंगे। इसके बाद कुछ नेता मतदान तक बनारस में ही प्रवास करेंगे और यहां चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभालेंगे। *महिला नेताओं को विशेष जिम्मेदारी* वहीं कुछ महिला नेताओं की एक सूची भी तैयार की जा रही है, अंतिम सप्ताह में कुछ छोटी-छोटी जनसभाएं अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल से भी कराई जाएंगी और ग्रामीण क्षेत्र में सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर जनसभाएं करेंगे। इसी बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। *वाराणसी में पीएम को मिलेगी इनसे टक्कर* इंडिया गठबंधन की ओर से पीएम मोदी को इस बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से टक्कर मिलेगी। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने सैयद नियाज अली मंजू को उम्मीदवार घोषित किया है। बसपा ने इससे पहले अतहर जमाल लारी को टिकट दिया था लेकिन, उनका टिकट काटकर अब सैयद नियाज अली को मौका दिया है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 4, 2024

आईसीसी की टीम रैंकिंग जारी, भारत वनडे और टी20 में शीर्ष पर, ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट में मारी बाजी

नई दिल्ली, 04 मई 2024  (यूटीएन)। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शुक्रवार को सालाना टीम रैंकिंग अपडेट जारी की। इसमें ऑस्ट्रेलिया टेस्ट क्रिकेट में शीर्ष स्थान पर है, जबकि भारत ने सफेद गेंद के दोनों प्रारूपों, यानी वनडे और टी20 में अपना दबदबा बरकरार रखा है। मौजूदा टेस्ट चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल द ओवल में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के खिताबी मैच में भारत पर 209 रन की शानदार जीत दर्ज की थी। उन्होंने सालाना अपडेट में भारत को पीछे छोड़कर शीर्ष स्थान हासिल किया है। टीम इंडिया टेस्ट रैंकिंग में दूसरे स्थान पर लुढ़क गई है।   ऑस्ट्रेलिया के 124 अंक हो गए हैं और वह अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी और पिछले साल विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के उप विजेता भारत (120) से चार अंक आगे है। वहीं, इंग्लैंड (105) तीसरे स्थान पर है। टेस्ट रैंकिंग में दक्षिण अफ्रीका (103), न्यूजीलैंड (96), पाकिस्तान (89), श्रीलंका (83), वेस्टइंडीज (82) और बांग्लादेश (53) अपने-अपने स्थान पर काबिज हैं।   *सालाना अपडेट कैसे होता है?* सालाना अपडेट में 2020-21 सत्र के नतीजे हटा दिये गये हैं और इसमें मई 2021 के बाद पूरी हुई सभी सीरीज शामिल हैं। भारत मुख्यत: 2020-21 में आस्ट्रेलिया में मिली 2-1 की जीत के रैंकिंग के हटाए जाने से दूसरे स्थान पर खिसका। एक टीम को रैंकिंग तालिका में शामिल होने के लिए तीन साल में न्यूनतम आठ टेस्ट खेलने होते हैं। हालांकि, सालना अपडेट के बाद भारत वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में शीर्ष पर कायम है। इसमें मई 2023 से पहले पूरे हुए मैच के 50 प्रतिशत और इसके बाद के मैच के शत प्रतिशत अंक शामिल हैं। *वनडे रैंकिंग* भारत (122 अंक) ने टेस्ट टीम रैंकिंग में शीर्ष स्थान खो दिया है, लेकिन वनडे और टी20 में सबसे आगे बने हुए हैं। भारत भले ही ऑस्ट्रेलिया (116) से वनडे विश्व कप फाइनल हार गया हो, लेकिन उसने उस पर बढ़त तीन से बढ़ाकर छह अंक की कर ली है। शीर्ष 10 में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वनडे विश्व कप 2023 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारने के बावजूद उस टूर्नामेंट में 10 मैचों की लगातार जीत ने टीम इंडिया को फायदा पहुंचाया।    तीसरे स्थान पर दक्षिण अफ्रीका (112) है, जो ऑस्ट्रेलिया से सिर्फ चार रेटिंग अंक पीछे है, जबकि पाकिस्तान (106) और न्यूजीलैंड (101) शीर्ष पांच में शामिल हैं। सातवें स्थान पर काबिज श्रीलंका (93), छठे स्थान पर काबिज इंग्लैंड (95) से सिर्फ दो रेटिंग अंक पीछे है। वहीं, बांग्लादेश (86), अफगानिस्तान (80) और वेस्टइंडीज (69) की टीमें शीर्ष 10 में शामिल हैं। *टी20 रैंकिंग* टी20 अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में ऑस्ट्रेलियाई टीम इंग्लैंड को हटाकर दूसरे स्थान पर पहुंच गई है, लेकिन 264 रेटिंग अंक हासिल करने वाली भारतीय टीम से सात अंक पीछे है। दक्षिण अफ्रीका की टीम इंग्लैंड से दो अंक पीछे चौथे स्थान पर है। न्यूजीलैंड के भी दक्षिण अफ्रीका की तरह 250 अंक हैं, लेकिन दशमलव की गणना में उससे पीछे है। वेस्टइंडीज के 249 अंक हैं। इससे तीसरे स्थान पर काबिज इंग्लैंड और छठे स्थान की वेस्टइंडीज के बीच केवल तीन अंक का अंतर है। पाकिस्तान की टीम दो पायदान के नुकसान से सातवें स्थान पर खिसक गई। स्कॉटलैंड (192) एक लंबी छलांग के साथ 12वें स्थान पर पहुंच गया है। स्कॉटलैंड ने जिम्बाब्वे (191) को पीछे छोड़ दिया और शीर्ष-12 में जगह बनाई है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 4, 2024

वगैर बड़े स्टार कास्ट के दमदार कहानी के साथ रिलीज हुई फिल्म "मै लडेगा

नई दिल्ली, 04 मई 2024  (यूटीएन)। इस हफ्ते कई फिल्म रिलीज हुई है उसमें एक फिल्म है "मैं लड़ेगा" हालांकि इसमें कोई बड़ा स्टार कास्ट नहीं है लेकिन इस फिल्म की कहानी आपके अंदर से झझकोर देगी इस फिल्म का हीरो घर और समाज दोनों से एक साथ लड़ रहा है इस तरह की फिल्में बहुत दिनों के बाद आई है जिसमें एक युवक की संघर्ष की कहानी दिखाई गई है। 'मैं लड़ेगा' मालूम है ये सुनकर आपको भी ऐसा ही लगा होगा कि अरे ये कौन-सी फिल्म आ गई। दरअसल, बेहद कम ही लोग इस फिल्म के बारे में जानते होंगे क्योंकि न तो इसके ट्रेलर की ज्यादा चर्चा हुई और न ही रिलीज की किसी को जानकारी मिली। इसका कारण ये है कि इस फिल्म में न तो कोई स्टार किड मौजूद है और न ही ये किसी बड़े प्रोड्यूसर या किसी बड़े प्रोडक्शन हाउस ने बनाई है। लेकिन जब आप ये फिल्म देखेंगे तो आपको पता चलेगा नामी स्टार्स या प्रोड्यूसर्स के बिना भी अच्छी फिल्म बनाई जा सकती है। *क्या है 'मैं लड़ेगा' की कहानी?* 'मैं लड़ेगा' ये फिल्म एक छोटे शहर के लड़के की कहानी है जिसका नाम आकाश है। वो अपने बाप के आतंक से परेशान है और उसके गुस्से, शराब की लत और मां की बेरहमी से पिटाई होते देख सहम गया है। ऐसे में ये डरा हुआ बच्चा अपनी मां और छोटे भाई को इस नर्क भरी जिंदगी से निकालने की जिद्द पर अड़ जाता है। मां भी अपने बच्चे को बाप से बचाने के लिए उसका आर्मी स्कूल और हॉस्टल में एडमिशन करवा देती है। *बाकी फिल्मों से क्यों है अलग?* यहीं से कहानी आगे बढ़ती है और ये लड़का बॉक्सिंग कॉम्पिटशन में गोल्ड जीतकर अपनी मां और भाई को अच्छी जिंदगी देने का सपना देखता है। इसके बाद वो ये इस मुश्किल राह को पकड़ अपने सपनों को सच करने निकल पड़ता है। आपको ये फिल्म देखकर ऐसा नहीं लगेगा कि ये कोई नई कहानी है। आपने अक्सर ऐसी इंस्पायरिंग स्टोरीज देखी या सुनी होंगी। लेकिन ये फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' से बिल्कुल अलग और हटके है। ये एक बिखरी जिंदगी को सवारने के लिए लड़ाई लड़ने और जीतने की कहानी है। *फिल्म में क्या है खास* इस फिल्म को इस मुकाम पर लेकर आने वाले शख्स आकाश प्रताप सिंह हैं जिन्होंने फिल्म की कहानी से लेकर स्क्रीनप्ले और डायलॉग तक सब कुछ खुद ही लिखा है। वो 12 साल से इस इंडस्ट्री में बिना किसी गॉडफादर के सर्वाइव कर रहे हैं। ऐसे में उनकी कहानी और फिल्म की कहानी भी एक दूसरे से मेल खाती है। गौरव राणा ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया। इस फिल्म की कहानी आपके अंदर से झझकोर देगी इस फिल्म का हीरो घर और समाज दोनों से एक साथ लड़ रहा है इस तरह की फिल्में बहुत दिनों के बाद आई है जिसमें एक युवक की संघर्ष की कहानी दिखाई गई है। कुछ दिन पहले आई थी फिल्म हनुमान जो बहुत ही कम बजट और संसाधनों में बनी थी "मैं लड़ेगा" भी कम संसाधनों और बजट में बनी हुई फिल्म है लेकिन फिल्म का निर्देशन और फिल्म में यह कमी नहीं दिखती है कम बजट में भी फिल्म अपने आप में पूरा है कुछ सीन तो इतने अच्छे हैं कि आपको चौंकाते हैं निर्देशक ने फिल्म में बहुत मेहनत की है जो कई सीन्स में दिखाई देता है। फिल्म में मुख्य भूमिका आकाश प्रताप सिंह ने किया है, जो इस फ़िल्म के राइटर भी हैं. हालांकि वह नए हैं पहली बड़ी फिल्म है इसके बावजूद वे खुद को अच्छा एक्टर साबित कर जाते हैं. चाहे पिता के आतंक में जीता एक टीनएजर हो, चारों तरफ दमन का सामना करता युवक हो हर जगह उनकी इमोशन आपको झझकोर देगी आकाश की मां का रोल करने वाली ज्योति गौबा, पिता का रोल करने वाले अश्वथ भट्ट और गंधर्व दीवान जैसे कलाकारों ने बढ़िया एक्टिंग की है.   पंजाबी सिनेमा के बैकग्राउंड से आने वाले गौरव राणा ने पहली हिंदी फीचर डायरेक्ट की है. फिल्म पर उनकी पकड़ दिखाती हैं. फिल्म की ओपनिंग अच्छी है, सेकेंड हाफ में बॉक्सिंग ट्रेनिंग वगैरह पर ज्यादा फोकस करती है.  बहुत दिनों के बाद कोई अच्छी कैंपस मूवी आई है. हालांकि फिल्म के डायलॉग्स कुछ जगह हल्के पड़ते हैं. लेकिन फिल्म में मिलिट्री स्कूल वाले सीन्स बहुत अच्छे बन पड़े हैं, फिल्म में बॉक्सिंग वाले सीन भी दर्शकों को रोमांचित करते हैं बहुत दिनों के बाद ऐसी फिल्म आई है जो 'कयामत से कयामत' जैसी मूवी की याद दिलाती है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 4, 2024

भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में चार्टेड अकाउंटेंट की अहम भूमिका :ओ.पी धनखड़

नई दिल्ली, 04 मई 2024  (यूटीएन)। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव औम प्रकाश धनखड़ ने शनिवार को द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया के नॉर्दन इंडिया रीजनल काउंसिल को  संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षो में भारत की इकोनॉमी में ऐतिहासिक सुधार हुआ है । भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। हमारी सरकार ने एक देश एक टैक्स की नीति को आगे बढ़ाया है। नए टैक्स स्लैब की नीति बनाई है जिसके तहत माध्यम एव नौकरीपेशा वर्ग को सात लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर कर से राहत मिली है। उधमियों को इंस्पेक्टर राज से छुटकारा मिला है।    पारदर्शी टैक्स नीति से टैक्स कलेक्शन में भारी बड़ोतरी हुई है। टैक्स से प्राप्त धन से  गरीब कल्याण के कार्य हुए हैं।धनखड़ ने कहा कि देश की आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और गति देने में ढांचागत विकास की अहम भूमिका होती है। पिछले दस वर्षों में भाजपा की मोदी सरकार ने इस क्षेत्र को प्राथमिकता दी है। भाजपा के मैनिफेस्टो में भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थ व्यवस्था बनाने और वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र  बनाने का मोदी जी ने संकल्प लिया है।   इसमें आप जैसे अर्थव्यवस्था के  विशेषज्ञों का अनुभव  देश को विकसित  बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। भाजपा मैनिफेस्टो समिति सदस्य एव दिल्ली प्रभारी धनखड़ ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान डायरेक्ट टैक्स  कलेक्शन  में लगभग 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी देश की बेहतर इकोनॉमी की ओर इंगित करती है। उन्होंने कहा कि कृषि, उत्पाद, आईटी के अतिरिक्त सेवा क्षेत्र में बड़ी प्रगति हुई है।   कोरोना काल में सेवा का क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ, खुशी की बात है कि भाजपा की केंद्र में  मोदी सरकार की अच्छी नीतियों की वजह से सेवा के क्षेत्र ने भी गति पकड़ ली है।  धनखड़ ने चार्टेड एकाउंटेंट को आहवान करते हुए कहा कि भारत की प्रगति में आपका अग्रणी योगदान रहा है और रहेगा। इसलिए आपने जिस ईमानदारी से देश की प्रगति में योगदान दिया है , भविष्य में भी  देश इसी तरह आपसे उम्मीद करता है कि आप पूरी ईमानदारी से देश के आर्थिक विकास में अपनी निर्णायक भूमिका निभाएं और मोदी जी के संकल्प और हर भारतवासी के सपनों को साकार करते हुए भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 4, 2024

रैगिंग रोकने के लिए यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस को लागू कर रहे हैं कॉलेज

नई दिल्ली, 04 मई 2024  (यूटीएन)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) व दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए कॉलेजों/संस्थानों ने यूजी, पीजी पाठ्यक्रमों में शैक्षिक सत्र-2024-25 में एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व विद्यार्थियों के लिए कॉलेजों ने अपने-अपने स्तर पर कमेटियाँ बनानी शुरू कर दी हैं। कमेटी में शिक्षकों , छात्रों व कर्मचारियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है । इसी कड़ी में अरबिंदो कॉलेज ने यूजीसी द्वारा जारी की गई।    गाइडलाइंस का पालन करते हुए कॉलेज को रैगिंग मुक्त बनाने के लिए उचित कदम उठाए हैं। अरबिंदो कॉलेज एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि किसी भी छात्र द्वारा कॉलेज में किसी अन्य छात्र को बोले गए शब्दों या लिखित अथवा किसी अन्य प्रकार से अपने से जूनियर छात्र को परेशान करने के उद्देश्य से उसके साथ अशिष्टता या दुर्व्यवहार करता है तो वह रैगिंग की श्रेणी में आएगा। कॉलेज में रैगिंग रोकने के लिए कमेटी गठित की गई और छात्र हित में कई निर्णय लिए गए । इसके अलावा स्टूडेंट्स ग्रीवेंस कमेटी , इंटरनल कम्पलेंड कमेटी तथा स्कॉलरशिप सेल आदि की कमेटियों का बोर्ड सूचनापट्ट पर लगाया गया है।    कमेटी के सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि रैगिंग रोकने के लिए विद्यार्थियों को कॉलेज खुलने के पहले ही दिन ओरिएंटेशन प्रोग्राम के माध्यम से जानकारी दी जाती है, साथ ही एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा यूजीसी की गाइडलाइंस को छात्रों में वितरित भी किया जाता है। फिर भी कोई छात्र रैगिंग करता हुआ पकड़ा जाता है तो कॉलेज उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करता है। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि यूजीसी ने डीयू समेत सभी शिक्षण संस्थानों / कॉलेजों को सख्त निर्देश जारी किए हैं जिसमें रैगिंग रोकने के उपायों को आवश्यक रूप से लागू करने पर जोर दिया गया है। इसके लिए कॉलेज में एंटी रैगिंग सेल बनाने, वर्कशाप करने, कैम्प लगाकर कानूनी पहलुओं के विषय में बताने का निर्देश दिया गया है।   उनका कहना है कि यूजीसी की गाइडलाइंस में स्पष्ट है कि शिक्षण संस्थानों / कॉलेजों में रैगिंग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। इसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।डॉ.हंसराज सुमन ने यह भी बताया है कि रैगिंग को रोकने के लिए एंटी रैगिंग कमेटी दस्तों की स्थापना, एंटी रैगिंग सेल का गठन करने के अलावा कमेटी कॉलेज की महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, समय-समय पर विद्यार्थियों के साथ बातचीत करने आदि कार्य करेगी।    उन्होंने यह भी बताया है कि यूजीसी व डीयू ने रैगिंग की घटनाओं से प्रभावित विद्यार्थियों के लिए हेल्पलाइन नंबर, विद्यार्थी टोल फ्री नंबर व एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा दी है इसमें छात्र अपनी पहचान छिपाकर भी शिकायत कर सकते हैं । उनका कहना है कि हमें अपने कॉलेज में अनुशासन की एक स्वस्थ परम्परा का निर्वाह करते हुए रैगिंग मुक्त बनाना है । डॉ.सुमन ने बताया है कि रैगिंग को लेकर इस साल यूजीसी ने सख्त कदम उठाए है , यूजीसी ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव और कॉलेज प्रिंसिपल की भी जवाबदेही तय की है। यदि कार्यवाही में देरी होती है और नियमों के मुताबिक एक्शन नहीं लेते है तो अधिकारियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए ।   उनका कहना है कि लोगों के बीच सख्त संदेश जाए तभी रैगिंग के मामलों को कम किया जा सकता है और कुछ हद तक इसे रोका जा सकता है । यह तभी संभव है जब हर व्यक्ति अपनी ड्यूटी समझकर रैगिंग जैसी बीमारी की रोकथाम करें । डॉ.सुमन ने बताया है कि हाल ही में यूजीसी ने पिछले साल रैगिंग संबंधी छात्रों की 1240 शिकायतें मिली थीं जिसमें से 1113 का निपटारा किया गया है । यूजीसी का कहना है कि अभी रैगिंग के 127 केस पेंडिंग है जिनकी जांच चल रही है। कॉलेजों में रैगिंग के केस न आएं इसके लिए छात्रों को वर्कशाप व सेमिनार के माध्यम से जागरूक करने की आवश्यकता है ।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 4, 2024

अजमेर ढाई दिन के झोंपड़े को 'असली मालिकों' को लौटाएं: आचार्य सुनील सागर

नई दिल्ली, 09 मई 2024  (यूटीएन)। प्रमुख दिगम्बर जैनाचार्य  सुनील सागर के नेतृत्व में, जैन समुदाय के सदस्यों ने मंगलवार सुबह 6.30 बजे 12वीं सदी के स्मारक अढ़ाई दिन का झोपड़ा, जो एक सक्रिय मस्जिद है और घनी मुस्लिम आबादी वाले इलाके में स्थित है, तक नंगे पैर मार्च किया और कहा कि यह उनकी परंपरा रही है। वहां प्रार्थनाएं करने में सदियां लगी हैं। इस स्थल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित स्मारक के रूप में नामित किया गया है।   एक संप्रदाय के लोगों ने दिगम्बर जैन संतों के प्रवेश पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वे बिना कपड़ों के मस्जिद में प्रवेश नहीं कर सकते। आचार्य ने तर्क दिया कि जैन धर्म के अनुयायियों के रूप में किसी भी सरकारी भवन में प्रवेश करना उनके अधिकार में है। जैन संतों के साथ विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और स्थानीय जैन समाज के नेताओं के साथ साथ अजमेर के उपमहापौर नीरज जैन भी थे। उन्होंने दावा किया कि 12वीं शताब्दी में मस्जिद में परिवर्तित होने से पहले यह स्थान मूल रूप से एक संस्कृत स्कूल था।   स्मारक के निरीक्षण के दौरान, जैन संतों और उनके अनुयायियों ने मस्जिद के मुख्य केंद्र में प्रवेश करने से परहेज किया। आचार्य सुनील सागर ने स्मारक पर पत्थर के चबूतरे पर बैठकर दस मिनट तक प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि आज, मैंने अढ़ाई दिन का झोपड़ा का दौरा किया और पाया कि यह महज एक झोपड़ी नहीं बल्कि एक महल है। मैंने रामायण और महाभारत के कई प्रतीकों को देखा। यहां तक ​​कि मुझे हिंदू आस्था की टूटी हुई मूर्तियां भी मिलीं, फिर भी विडंबना यह है कि इसे एक मस्जिद कहा जाता है ।   आचार्य  ने कड़े शब्दों में सरकार से मांग करते हुए कहा कि"जिनकी जो वास्तु है, जिनकी जो चीज़ है, वो उनके अधिकार में होनी चाहिए। अगर हमारी सबकी वर्षा से धारणा बनी है कि हम भी पूजा करेंगे।" , इबादत करेंगे, तो करें।   फिर इसमे इस तरह का माहौल नहीं बने, अधिकार की चेष्टा ना बने, अपन इन सब चीजो की सावधानी रखें (संरचना अपने असली मालिकों के नियंत्रण में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर यहां पूजा-अर्चना करना हमारी परंपरा रही है तो ऐसा करना भी चाहिए. इसे सर्वोच्च पद के अधिकार की मंशा की ओर नहीं ले जाना चाहिए। हमें सावधान रहना चाहिए।   आचार्य सुनील सागर ने आगे कहा, "जब हम एक दूसरे की चीज पर अधिकार करने की कोशिश करते हैं, या सही शब्दों को नहीं मानते हैं, तो आपस में मन-मुताओ पैदा होता है। हमें नरम-दिली के साथ-साथ बातों को समझ के आगे बढ़ना है।" है (जब हम तथ्यों को स्वीकार किए बिना दूसरे की संपत्ति पर अपना अधिकार जताते हैं, तो यह शत्रुता को बढ़ावा देता है। हमें सद्भाव के लिए प्रयास करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।   दिगम्बर जैनाचार्य ने जोर देकर कहा, "हमें संपत्ति पर सही स्वामित्व को स्वीकार करना चाहिए। हमें पूजा करने का भी अधिकार है, और किसी का भी ऐसे अधिकारों पर एकाधिकार नहीं है। इतिहास विकसित होता है, और परिस्थितियां भी बदलती हैं।" उन्होंने आगे जोर देकर कहा, "धर्म हमें दया, प्रेम और अहिंसा सिखाता है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Ujjwal Times News

May 9, 2024

मोदी और राहुल गांधी को खुली बहस का न्योता

नई दिल्ली, 09 मई 2024  (यूटीएन)। देश की जानी-मानी हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ओपन डिबेट का न्योता दिया. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन बी लोकुर, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अजीत पी शाह और द हिंदू के पूर्व एडिटर इन चीफ एन राम की ओर से दोनों नेताओं को खुली बहस के लिए निमंत्रण भेजा गया है. इस चिट्ठी में कहा गया कि हमारा मानना ​​है कि एक सार्वजनिक बहस के माध्यम से हमारे राजनीतिक नेताओं को सीधे सुनने से नागरिकों को अत्यधिक लाभ होगा. हमारा मानना ​​है कि इससे हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को काफी मजबूत करने में मदद मिलेगी.   *क्या लिखा है चिट्ठी में?* पूर्व जज मदन बी लोकुर, पूर्व जज एपी शाह और वरिष्ठ पत्रकार एन राम की ओर से दोनों नेताओं को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया कि आपने विभिन्न क्षमताओं के जरिए देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाया है. हम आपके पास एक ऐसे प्रस्ताव के साथ आ रहे हैं, जिसके बारे में हमारा मानना ​​है कि यह पक्षपातपूर्ण नहीं है और प्रत्येक नागरिक के व्यापक हित में है. 18वीं लोकसभा का आम चुनाव अपने मध्य बिंदु पर पहुंच चुका है. रैलियों और सार्वजनिक संबोधनों के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस दोनों के सदस्यों ने हमारे संवैधानिक लोकतंत्र के मूल से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे हैं.   पूर्व जज मदन बी लोकुर, पूर्व जज एपी शाह और वरिष्ठ पत्रकार एन राम की ओर से दोनों नेताओं को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया कि आपने विभिन्न क्षमताओं के जरिए देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाया है. हम आपके पास एक ऐसे प्रस्ताव के साथ आ रहे हैं, जिसके बारे में हमारा मानना ​​है कि यह पक्षपातपूर्ण नहीं है और प्रत्येक नागरिक के व्यापक हित में है. 18वीं लोकसभा का आम चुनाव अपने मध्य बिंदु पर पहुंच चुका है. रैलियों और सार्वजनिक संबोधनों के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस दोनों के सदस्यों ने हमारे संवैधानिक लोकतंत्र के मूल से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे हैं.   पीएम मोदी और खरगे के बयानों का किया जिक्र पत्र में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने आरक्षण, आर्टिकल 370 और धन पुनर्वितरण पर कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से चुनौती दी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संविधान, चुनावी बॉन्ड योजना और चीन के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया पर प्रधानमंत्री से सवाल किया है और उन्हें सार्वजनिक बहस की चुनौती भी दी है. दोनों पक्षों ने अपने-अपने घोषणापत्रों के साथ-साथ सामाजिक न्याय की संवैधानिक रूप से संरक्षित योजना पर उनके रुख के बारे में एक-दूसरे से सवाल पूछे हैं.   *आरोप-प्रत्यारोप पर जताई चिंता* पत्र में आगे कहा गया कि जनता के सदस्य के रूप में हम चिंतित हैं कि हमने दोनों पक्षों से केवल आरोप और चुनौतियां सुनी हैं और कोई सार्थक प्रतिक्रिया नहीं देखने को मिली. जैसा कि हम जानते हैं कि आज की डिजिटल दुनिया गलत सूचना, गलत बयानबाजी और हेरफेर की प्रवृत्ति रखती है. इन परिस्थितियों में यह सुनिश्चित करना मौलिक रूप से महत्वपूर्ण है कि जनता को बहस के सभी पहलुओं के बारे में अच्छी तरह से शिक्षित किया जाए, ताकि वे मतपत्रों में एक सूचित विकल्प चुन सकें. यह हमारे चुनावी मताधिकार के प्रभावी अभ्यास का केंद्र है.   *मिसाल बनेगी सार्वजनिक बहस* उन्होंने कहा कि हमारा मानना ​​है कि इन मुद्दों पर दोनों नेताओं की ओर से सार्वजनिक बहस की जाए, जिससे जनता को कई फायदे होंगे. वे दोनों नेताओं के विचारों को सीधे सुनकर खुद तय कर सकेंगे कि किसे अपना समर्थन देना है. इससे राजनीतिक जागरूकता भी बढ़ेगी और लोग ज्यादा जानकारी के साथ वोट डाल सकेंगे. हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और पूरी दुनिया हमारे चुनावों पर उत्सुकता से नजर रखती है. इसलिए, इस तरह की सार्वजनिक बहस एक बड़ी मिसाल कायम करेगी.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 9, 2024