National

जड़ी, बूटी वितरण दिवस पर योग शिविर में महिलाओं ने एक-दूसरे को बांटे औषधीय पौधें

पिंजौर, 06 अगस्त 2024 (यूटीएन)। आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन रविवार जड़ी, बूटी वितरण दिवस के रूप में मनाया गया इस मौके पर पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के तत्वावधान में वाइट हाउस पिंजौर में लगाई जा रही निशुल्क कक्षा में महिलाओं ने एक दूसरे को औषधीय वाले पौधे भेंट किए। इस मौके पर मुख्य्यातिथि की तौर पर पहुंचे सन्तराम शर्मा भाजपा नेता वाइट हाउस पिंजौर को पम्मी कोहली महिला पतंजलि योग समिति जिला प्रभारी द्वारा गले में पटका पहनाकर स्वागत किया और औषधि का पौधा भेंट किया। मौके पर औषधीयो जैसे, तुलसी, एलोवीरा, अजवायन, पत्थर् चट, नीम, मीठा नीम, सहजन, गिलोय, पारिजात इत्यादि एवं फूल,फलदार पौधे लगाकर एवं वितरण करके इस दिवस को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य्यातिथि ने औषधियों के पौधे भी लगाए।    उन्होंने कक्षा में आई महिलाओं को जड़ी, बूटी वितरण दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि यह दिवस हमारे स्वास्थ्य के साथ जुड़ा हुआ हैं। स्वामी रामदेव जी एवं आचार्य द्वारा किए जा रहे देश हित कार्य की सराहना की, पहले समय में हमारे ऋषि मुनि जंगलों में अपनी तपस्या के साथ बीमारियों को खत्म करने के लिए इनकी भी खोज करते थे। अब लोग आयुर्वेद की ओर जाने लगे हैं, जिसके उन्हें अच्छे परिणाम भी दिखाई देते हैं। इस दौरान समिति की बहने , वीना, नेहा, के साथ भारी संख्या में योग साधक बहने जैसे बबीता सस्मिता, रजनी, गुरप्रीत सुनीता, उर्वशी, सपना,पूनम, सुनीला, राबिया, शशि, इत्यादि मोजूद रही। इसके अलावा भारत स्वाभिमान के जिला प्रभारी भाई रामपाल जांगड़ा, प्रितपाल ठाकुर आदि भाई मौजूद रहे। पौधा वितरण के उपरांत योग अभ्यास करवाया गया और प्रसाद वितरण एवं शांति पाठ के साथ कार्यक्रम का अंत किया गया।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

admin

Aug 6, 2024

सड़कों, गलियों और मार्केट में लावारिश पशुओं का जमावड़ा लोगों की गंभीर समस्या - प्रदीप चौधरी

पिंजौर, 06 अगस्त 2024 (यूटीएन)। जनसंपर्क अभियान के तहत कालका विधायक प्रदीप चौधरी ने पिंजौर के गांव मानकपुर नामक चंद, ठाकुरदास में नुक्कड सभा के दौरान ग्रामीणों से बातचीत की। इससे पूर्व इस मौके पर हरजिन्द्र सिंह बबलु के आवास पर उनसे मुलाकात की। विधायक प्रदीप चौधरी ने कहा कि कालका विधानसभा के कई इलाकों में हर समय पशुओं का जमावड़ा रहता है। लोगों का यहां की गलियों में पैदल निकलना भी मुश्किल हो चुका है। यही नहीं लावारिस पशुओं के कारण क्षेत्र के किसान भी बेहद परेशान हैं। हालात इतने दयनीय हो चुके हैं कि लोग सैर के लिए घरों से बाहर नहीं आ सकते हैं और छोटे-छोटे बच्चे गलियों में भी नहीं खेल पाते हैं। हैरानी की बात है कि जिम्मेदार लोग इन्हे हटाने के लिए कोई कदम नही उठाते हैं। हालांकि पशु के नाम पर बेजेपी सरकार में खूब पैसा बिना काम के अपनी जेबों में भरा जा रहा है।   विधायक प्रदीप चौधरी ने कहा कि विकास के आज सत्ताधारी पार्टी खूब दावे कर रही है। परंतु उनके पास इस बात का कोई जवाब नही है कि कालका में लोगों को 15 मिनट भी पानी नसीब नही हो रहा हैं। तीन नलकूप लगने थे, जो आज तक नही लगे हैं। भाजपा इतने सालों में पीने के पानी की खासकर कालका शहर के लिए व्यवस्था नही कर पाई है। यदि बिजली की बात की जाए तो बहुत बुरा हाल है। लोग बिजली व्यवस्था बाधित होने पर कई-कई दिन बिजली से मोहताज है। हर क्षेत्र में बिजली के फॉल्ट बढ़ रहे है। रिपेयर के लिए उचित व्यवस्था नही है। किसानों को पुरी बिजली नही मिल रही हैं। बेरोजगारी इतनी फैल गई है कि युवा हताश है। रोजगार कौशल में नौकरी बिना सिफारिश के नही मिलती है। कागजी माहौल ऐसा बना रखा है कि पुरी ईमानदारी से काम हो रहा हैं। इस मौके पर पवन कुमारी, नरेश मान, गुरभाग धमाला, जरनैल मानकपुर, रणदीप राजू, सुरजमान दहिया, पूर्व सरपंच चनण सिंह, रामपाल खेड़ावाली, अमन जैलदार, सुरेन्द्र सिंह, पूर्व सरपंच केहर सिंह, पूर्व सरपंच रामदयाल, हरजिन्द्र सिंह बबलु, मनजीत पटवारी, सरदार लाभ सिंह, प्रलाद, गुरमेल सिंह इत्यादि मौजुद रहे।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

admin

Aug 6, 2024

कृषि में प्राकृतिक खेती और पुनर्चक्रित जल के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता

नई दिल्ली, 06 अगस्त 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि कृषि ने भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसने समावेशी विकास, ग्रामीण आय और खाद्य सुरक्षा में योगदान दिया है। उन्होंने कहा, "सरकार अपनी नीतियों और योजनाओं के माध्यम से कृषि क्षेत्र को व्यवहार्य, नवीन और टिकाऊ बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।" फिक्की एग्री स्टार्टअप समिट एंड अवार्ड्स के छठे संस्करण को संबोधित करते हुए चौधरी ने इस बात पर जोर दिया कि कृषि में पुनर्चक्रित जल के उपयोग के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर ध्यान देने की आवश्यकता है। "यह जरूरी है कि हम जल संरक्षण के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर ध्यान दें। हमें न केवल जल संरक्षण करने की जरूरत है, बल्कि खेती में पुनर्चक्रित जल के उपयोग को बढ़ावा देने की भी जरूरत है। सरकार भारत में नदियों को आपस में जोड़ने पर काम कर रही है, खेती में जल का पुनर्चक्रण जरूरी है," उन्होंने इस बात पर जोर दिया।    स्वस्थ मिट्टी टिकाऊ कृषि की नींव है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें ऐसी प्रथाओं को बढ़ावा देना चाहिए जो मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं, जिससे हमारे किसानों और हमारे राष्ट्र के लिए एक लचीला भविष्य सुनिश्चित हो। कृषि स्टार्टअप पुरस्कारों के आयोजन के लिए फिक्की की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा कि यह मंच न केवल कृषि स्टार्टअप की उल्लेखनीय उपलब्धियों का जश्न मनाता है बल्कि नवाचार और विकास को प्रोत्साहित करते हुए महत्वपूर्ण समर्थन और प्रोत्साहन भी प्रदान करता है। चौधरी ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई ‘राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) – कृषि और संबद्ध क्षेत्र कायाकल्प (आरएटीएएआर) जैसे कार्यक्रमों का उद्देश्य किसानों के प्रयासों, जोखिम शमन और कृषि व्यवसाय उद्यमिता को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि हमने 2018 में योजना शुरू होने के बाद से कुछ हज़ार स्टार्टअप का समर्थन किया है। कृषि स्टार्टअप पर बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम और नाबार्ड द्वारा हाल ही में घोषित एग्री-श्योर फंड जैसी सरकार की पहल, एग्रीटेक स्टार्टअप को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। उन्होंने कहा, “एग्री-श्योर अभिनव और टिकाऊ समाधानों का समर्थन करने के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण छलांग है।”   कृषि स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी पर फिक्की टास्क फोर्स के अध्यक्ष हेमेंद्र माथुर ने कहा कि इन पुरस्कारों के माध्यम से हमने कृषि क्षेत्र में लगभग 150 स्टार्टअप का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, "अब हमारे पास कृषि क्षेत्र में एक स्वस्थ स्टार्टअप इको-सिस्टम है। इस क्षेत्र में लगभग 6,000 सक्रिय स्टार्टअप सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, जो उत्पादकता, वित्तपोषण, बीमा, विपणन में मदद और खेती के लिए गुणवत्तापूर्ण इनपुट खरीदने सहित विभिन्न क्षेत्रों में किसानों की मदद कर रहे हैं।" फिक्की की महानिदेशक सुश्री ज्योति विज ने कहा कि एग्रीटेक स्टार्टअप भारतीय कृषि में क्रांति ला रहे हैं, जो नवाचार और आशा की किरण के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एग्रीटेक क्षेत्र में ग्रामीण भारत में 10 मिलियन रोजगार पैदा करने की क्षमता है। पीडब्ल्यूसी इंडिया के एग्री-फूड-एग्रीबिजनेस प्रैक्टिस के एसोसिएट डायरेक्टर अरविंद झा ने भारत में कृषि स्टार्टअप के उभरते रुझानों और उन्मुक्त संभावनाओं पर दृष्टिकोण साझा किया। कार्यक्रम के दौरान, फिक्की एग्री स्टार्टअप पुरस्कारों की घोषणा की गई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Aug 6, 2024

पवन कुमारी शर्मा द्वारा तीज के पर्व को लेकर भव्य कार्यक्रम का किया गया आयोजन

कालका, 05 अगस्त 2024 (यूटीएन)। हरियाली तीज के पर्व के उपलक्ष्य में हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस महासचिव पवन कुमारी शर्मा ने पिंजौर के एक निजी फार्म में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान क्षेत्र से सैकड़ों महिलाएं सुंदर-सुंदर वेशभूषा में तैयार होकर तीज का त्यौहार मनाने के लिए पहुंची। तीज पर्व की थीम पर बहुत ही सुंदर डेकोरेशन की गई थी जिसकी शोभा देखते ही बन रही थी। वहीं पवन कुमारी ने बताया कि इस मौके पर महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार की गेम्स के साथ-साथ अन्य कई मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन किया गया । सभी महिलाओं व उनके बच्चों ने भी कार्यक्रम का खूब आनंद उठाया । पवन कुमारी शर्मा ने सभी महिलाओं को हरियाली तीज के पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी। कहा कि कार्यक्रम में पहुंचकर पिंजौर कालका क्षेत्र की महिलाओं ने कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए और उन्होंने कार्यक्रम में पहुँची सभी महिलाओं का दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त किया। महिलाओं ने ढोल की ताल और डीजे पर झूमते हुए एक दूसरे को इस पर्व की बधाई दी । कार्यक्रम में पहुंची सभी महिलाओं को उपहार भेंट कर उनका सम्मान किया गया । इस दौरान केक सेरेमनी का आयोजन भी किया गया और कार्यक्रम में पहुंची सभी महिलाओं के लिए खाने-पीने की विशेष व्यवस्था की गई थी। इस मौके पर संगीता शोरी, अरुणा कांडा, जीवन ज्योति, रजनी, कृष्ण शर्मा, उजाला बक्शी, पंजाबी सभा महिला विंग से पूनम कक्कड़, किरण पसरीचा अन्य महिला सदस्य सहित सैकड़ो महिलाओं ने कार्यक्रम में भाग लिया। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

admin

Aug 5, 2024

बढ़ रहा है मनवीर कौर गिल का कुनबा

पिंजौर, 05 अगस्त 2024 (यूटीएन)। राइजिंग दिवस वेलफेयर फाउंडेशन प्रधान प्रियंका राठौर द्वारा व्हाइट कैसल पिंजौर में हरियाली तीज महोत्सव पर विशेष रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव रही और 2014 में कालका विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी रही मनवीर कौर गिल मुख्य अतिथि थी। कार्यक्रम में राइजिंग दिवस वेलफेयर फाउंडेशन प्रधान प्रियंका राठौड़, उप प्रधान सोनिया शर्मा, महासचिव अमिता शर्मा, सदस्य ज्योति लांबा, सोनिया ठाकुर, हेमंत कौशल, साक्षी लांबा, पूनम कोहली, नीलम डोड, सुरुचि चावला, नमिता, अंजू पुंडीर, पूजा शर्मा, सविता, जीवन ज्योति शाहिद सैकड़ो महिलाओं ने भाग लिया।   हरियाणा कांग्रेस की वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनवीर कौर गिल कांग्रेस प्रदेश महासचिव सहित पार्टी के विभिन्न पदों पर रह चुकी है। पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सांसद रहे सरदार लक्ष्मण सिंह की भतीजी होने के कारण मनवीर कौर गिल कालका क्षेत्र में काफी लोकप्रिय नेता है वह पंचकूला नगर परिषद की मेयर भी रह चुकी है वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी नेताओं में गिनी जाती हैं। मनवीर कौर गिल की जिस प्रकार से कालका वासियों विशेष कर महिलाओं में अच्छी पकड़ है यही कारण है कि कालका में कांग्रेस का और मनवीर कौर गिल का कुनबा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इस अवसर पर अपने संबोधन में मनवीर कौर गिल ने कहा कि।   भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाने वाला हरियाली तीज हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि इसमें वे अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करती हैं। मनवीर गिल ने कहा कि हरियाली तीज के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।कांग्रेस वरिष्ठ नेता मनवीर गिल ने कहा कि हरियाली तीज का विशेष महत्व यह भी है कि इसमें महिलाएं अपने पति के प्रति अपना प्यार और समर्पण दिखाती हैं यह त्योहार पति-पत्नी के बीच प्यार और स्नेह को बढ़ावा देता है। इस त्योहार के माध्यम से हमें यह संदेश मिलता है कि पति-पत्नी का रिश्ता एक दूसरे के प्रति समर्पण और प्यार का रिश्ता होना चाहिए। इस अवसर पर महिलाओं ने झूला झूला और रंगारंग कार्यक्रम के दौरान नृत्य भी किया।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

admin

Aug 5, 2024

कम होंगी वक्फ बोर्ड की शक्तियां, संसद में जल्द संशोधन बिल पेश करेगी मोदी सरकार

नई दिल्ली, 05 अगस्त 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार इस हफ्ते संसद में वक्फ बोर्ड की शक्तियों और उसकी कार्यप्रणाली में संशोधन से संबधित बिल ला सकती है. सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को 'वक्फ संपत्ति' बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है. सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार शाम कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है. प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, वक्फ बोर्ड की ओर से किए गए संपत्तियों पर दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन का प्रस्ताव दिया जाएगा. इसी तरह, वक्फ बोर्ड की विवादित संपत्तियों के लिए अनिवार्य सत्यापन का प्रस्ताव किया गया है. सूत्रों ने बताया कि वक्फ अधिनियम में संशोधन करने वाला विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश किए जाने की संभावना है.   *क्या होगा संशोधन का असर* जानकारों का मानना है कि इस संशोधन का सीधा असर उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में होगा, जहां वक्फ बोर्ड काफी सक्रिय है और उसके पास जमीन भी बहुत है. 2013 में यूपीए सरकार ने मूल अधिनियम में संशोधन लाकर वक्फ बोर्ड को और अधिक शक्तियां दी थीं. वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.4 लाख एकड़ है. वक्फ अधिनियम, 1995 को वक्फ की ओर से 'औकाफ' (वक्फ के रूप में दान की गई और अधिसूचित संपत्ति) को विनियमित करने के लिए अधिनियमित किया गया था. वह व्यक्ति जो मुस्लिम कानून के जरिये पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए संपत्ति समर्पित करता है.   *अपील प्रक्रिया में खामियां भी जांच के दायरे में* इससे पहले सरकार ने राज्य वक्फ बोर्डों को किसी भी संपत्ति पर दावा करने के लिए व्यापक अधिकार दिए जाने और अधिकांश राज्यों में ऐसी संपत्ति के सर्वेक्षण में देरी का संज्ञान लिया था. सरकार ने वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए जिला मजिस्ट्रेटों को निगरानी में शामिल करने की संभावना पर भी विचार किया था. सूत्रों ने कहा कि अपील प्रक्रिया में खामियां भी जांच के दायरे में हैं. उदाहरण के लिए, बोर्ड के किसी निर्णय के खिलाफ अपील न्यायाधिकरण के पास होती है, लेकिन ऐसी अपीलों के निपटान के लिए कोई समयसीमा नहीं होती. न्यायाधिकरणों का निर्णय अंतिम होता है और उच्च न्यायालयों में रिट क्षेत्राधिकार के अलावा अपील का कोई प्रावधान नहीं है.   *इन संशोधन का प्रस्ताव ला सकती है सरकार* बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार संसद में संशोधन से जुड़ा जो बिल पेश करने की तैयारी में है उसमें करीब 40 बदलावों का प्रस्ताव है. इन 40 बदलावों में कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं. विधेयक में वक्फ अधिनियम की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन का प्रस्ताव. वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करना, बोर्ड की संरचना में परिवर्तन का प्रस्ताव, निकायों में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने का प्रस्ताव, बोर्ड की ओर से भूमि को वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले उसका सत्यापन सुनिश्चित किया जाना चाहिए. राज्य वक्फ बोर्डों की ओर से दावा किए गए विवादित भूमि का नए सिरे से सत्यापन करने का प्रस्ताव.   *क्या है वक्फ बोर्ड?* वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है वक्फ को दान का एक रूप माना जाता है वक्फ मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए दी गई संपत्ति है संपत्ति और संपत्ति से हुए मुनाफे का हर राज्य के वक्फ बोर्ड प्रबंधन करते हैं 1954 में जवाहरलाल नेहरू सरकार ने वक्फ अधिनियम पारित किया सरकार ने 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना की 1995 में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ बोर्ड के गठन की अनुमति देने के लिए कानून में संशोधन किया गया वक्फ बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि वक्फ संपत्ति से उत्पन्न आय का उपयोग मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए किया जाए बिहार जैसे राज्यों में अलग-अलग शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड हैं वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.4 लाख एकड़ है, देश भर में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Aug 5, 2024

श्रेया राय के जन्मदिन पर दो नए गीतों का विमोचन किया गया

नई दिल्ली, 04 अगस्त 2024 (यूटीएन)। एक भव्य समारोह में, श्रेया एंटरटेनमेंट और प्रोडक्शंस ने श्रेया राय के जन्मदिन को दो नए गीतों के विमोचन के साथ मनाया। यह कार्यक्रम एक शानदार अवसर था जिसमें श्रेया राय के जन्मदिन की खुशी और नए संगीत रिलीज की उत्सुकता शामिल थी। यह जीवंत भोजपुरी गीत क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने वाला है और दर्शकों के दिलों को छूने वाला है। इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों और प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति रही।   इस समारोह में गायक अभिजीत सावंत, कॉमेडियन राजीव ठाकुर और अभिनेत्री क्लाउडिया सिसला के लाइव प्रदर्शन हुए, जिन्होंने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। श्रेया एंटरटेनमेंट और प्रोडक्शंस से जुड़े श्रेया फाउंडेशन ने सामुदायिक कल्याण के लिए कई पहलें घोषित कीं। बीएमआईपी (बिल्डिंग और मेंटेनेंस इनिशिएटिव प्रोग्राम): फाउंडेशन निर्माण संबंधी आवश्यकताओं में लोगों की मदद करेगा। सीईपी (चाइल्ड एजुकेशन पॉलिसी): इस नीति के तहत, फाउंडेशन एलकेजी से 12वीं कक्षा तक के बच्चों की शिक्षा फीस प्रदान करेगा।   एचईपी (हायर एजुकेशन पॉलिसी): फाउंडेशन उच्च शिक्षा के लिए भी समर्थन प्रदान करेगा। जीएमआईपी (गर्ल्स एंड मैरिज इनिशिएटिव प्रोग्राम): फाउंडेशन लड़कों और लड़कियों की शादी के लिए भी समर्थन करेगा। गीतों के विमोचन और जन्मदिन के उत्सव ने श्रेया एंटरटेनमेंट और प्रोडक्शंस की संगीत के माध्यम से खुशी लाने और सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। इस कार्यक्रम की भव्य सफलता कंपनी की शानदार यात्रा में एक और मील का पत्थर है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Aug 4, 2024

ऑर्गन ट्रांसपोर्ट के लिए सरकार के नए दिशानिर्देश, ट्रांसप्लांट के लिए मरीज को नहीं करना होगा इंतजार

नई दिल्ली, 04 अगस्त 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंसानी अंगों को अलग-अलग तरह के यातायात के जरिए आसानी से पहुंचाने के लिए पहली बार मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है। इसके तहत, मानव अंग ले जाने वाली एयरलाइंस को प्राथमिकता से उड़ान भरने और उतरने के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल से अनुरोध करने और साथ आगे की सीटें व्यवस्थित करने की भी अनुमति होगी। ऑर्गेन ट्रांसप्लांट के लिए एसओपी पूरे देश में अंग प्रत्यारोपण से जुड़े लोगों के लिए एक मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में काम करेगी और इसका मकसद अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि अंग परिवहन की प्रक्रिया को बेहतर कर हमारा लक्ष्य है कि कीमती अंगों का अधिकतम उपयोग हो सके और जीवन रक्षक प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे अनगिनत मरीजों को उम्मीद मिले। ये एसओपी पूरे देश में अंग प्राप्ति और प्रत्यारोपण संस्थानों के लिए एक रोडमैप हैं, जो सर्वोत्तम प्रथाओं और गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करते हैं।   *एसओपी में क्या-क्या है?* जब डोनर और रेसिपेंट( अंग प्राप्तकर्ता) अलग-अलग अस्पतालों में हों, चाहे एक ही शहर में हों या अलग-अलग शहरों में, तब एक जीवित अंग को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ता है। हवाई मार्ग से परिवहन के लिए एसओपी के अनुसार, मानव शव से लिए गए अंगों को ले जाने वाली एयरलाइंस एयर ट्रैफिक कंट्रोल से विमान के लिए प्राथमिकता से उड़ान भरने और उतरने का अनुरोध कर सकती हैं और आगे की सीटें भी बुक करा सकती हैं। ये अंग ले जाने वाले मेडिकल स्टाफ के लिए प्राथमिकता से सीट बुकिंग और लेट चेक-इन की सुविधा का भी अनुरोध कर सकते हैं। एसओपी के अनुसार, सोर्स एयरपोर्ट गंतव्य एयरपोर्ट को सूचित करेगा और पहुंच प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए संवाद करेगा। दिशानिर्देशों के अनुसार, विमान के कप्तान घोषणा कर सकते हैं कि विमान में मानव अंग ले जाये जा रहे हैं। एसओपी के अनुसार, हवाईअड्डे और एयरलाइन स्टाफ द्वारा विमान से एंबुलेंस तक अंग वाले बॉक्स को ले जाने के लिए ट्रॉली की व्यवस्था की जा सकती है। अगर एंबुलेंस को रनवे तक आने की अनुमति मिलती है, तो एयरलाइन क्रू अंग वाले बॉक्स को लेकर मेडिकल स्टाफ की मदद कर सकता है ताकि वे सीढ़ियों से सीधे रनवे पर उतरकर इंतजार कर रही एंबुलेंस में जा सकें।    हवाईअड्डे के अधिकारियों को शुरुआती हवाईअड्डे पर और गंतव्य हवाईअड्डे पर एंबुलेंस से विमान तक अंग वाले बॉक्स के लिए एक ग्रीन कॉरिडोरऔर एक ट्रॉली की व्यवस्था करनी चाहिए। एसओपी के अनुसार, एंबुलेंस और अन्य वाहनों द्वारा अंगों के परिवहन की सुविधा के लिए, विशिष्ट अधिकारियों या एजेंसियों के अनुरोध पर "ग्रीन कॉरिडोर" प्रदान किया जा सकता है। एसओपी में आगे कहा गया है कि वन ट्रिगर सिस्टम यानी अंग आवंटन प्राधिकरण (एनओटीटीओ/आरओटीटीओ/एसओटीटीओ) द्वारा "ग्रीन कॉरिडोर" बनाने के माध्यम से ऑर्गेन ट्रांसपोर्ट की प्रक्रिया शुरू करने के अनुरोध को इस उद्देश्य के लिए माना जा सकता है। इससे आंतरिक सुरक्षा संबंधी चिंताओं को कम करने में मदद मिल सकती है क्योंकि अनुरोध एक विश्वसनीय स्रोत से प्राप्त होगा। प्रत्येक राज्य/शहर में "ग्रीन कॉरिडोर" बनाने से संबंधित मुद्दों को संभालने के लिए पुलिस विभाग से एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जा सकता है, जो "ग्रीन कॉरिडोर" बनाने के दौरान अधिकार क्षेत्र, अनुमोदन, सुरक्षा चिंताओं आदि से संबंधित मुद्दों को सुलझाने में मदद कर सकता है।   *और सुविधाएं जानिए* एसओपी में अंगदान और प्रत्यारोपण के बारे में विभिन्न राज्यों के यातायात पुलिस को जागरूक करने का भी आह्वान किया गया है, साथ ही ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंग परिवहन में तेजी लाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है। मेट्रो के माध्यम से अंगों के परिवहन को सुविधाजनक बनाने के लिए, मेट्रो ट्रैफिक कंट्रोल को प्रत्यारोपण के लिए जीवित मानव अंग ले जाने वाले मेट्रो को प्राथमिकता से जाने देना चाहिए। एसओपी के अनुसार, मेट्रो सुरक्षा कर्मचारियों को मेट्रो स्टेशन पर चढ़ने तक अंग का बॉक्स ले जाने वाली मेडिकल टीम का साथ देना चाहिए।एसओपी में कहा गया है कि मेट्रो का एक अधिकारी मेट्रो में मेडिकल टीम के साथ जा सकता है और अंग के बॉक्स के लिए कम से कम आवश्यक क्षेत्र को घेर सकता है।   सुरक्षा जांच में देरी से बचने के लिए मेट्रो सुरक्षा को ऐसे जीवित मानव अंगों के परिवहन के बारे में सुरक्षा जांच क्षेत्र (एसएचए) को सूचित करना चाहिए।  साथ ही संबंधित मेट्रो कर्मचारियों को भी सूचित किया जाना चाहिए ताकि गंतव्य स्थान पर ऐसे अंगों को ले जाने की उचित व्यवस्था की जा सके। अंग बॉक्स को परिवहन के दौरान सही स्थिति और दिशा में रखा जाना चाहिए, यानी सतह के लंबवत सीधे खड़े 90 डिग्री पर। बॉक्स पर "सावधानी से संभालें" का लेबल लगाया जा सकता है। दिशानिर्देशों के अनुसार, अधिक सुरक्षा के लिए अंग बॉक्स को सीट बेल्ट से सुरक्षित किया जाना चाहिए। इसी तरह, सड़क, रेल और जहाज के माध्यम से बंदरगाहों के जरिए अंगों के परिवहन की सुविधा के लिए एसओपी जारी की गई हैं, जिनमें आवश्यक दिशानिर्देश और प्रोटोकॉल दिए गए हैं। अंग परिवहन एसओपी को नीति आयोग, संबंधित मंत्रालयों और प्रत्यारोपण विशेषज्ञों के परामर्श से विकसित किया गया है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Aug 4, 2024

प्रत्यारोपण में अग्रणी देशों में से एक बनने के अपने सपने को साकार कर सकता है

नई दिल्ली, 04 अगस्त 2024 (यूटीएन)। देश में अंगदान की बड़ी ज़रूरत को पूरा करने के लिए मृत लोगों और “ब्रेन स्टेम डेड” लोगों से अंगदान को बढ़ावा देने की ज़रूरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंगदान के महत्व को रेखांकित किया है और इस तथ्य पर विशेष जोर दिया है कि एक अंगदाता 8 लोगों को नया जीवन दे सकता है।” यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज यहां राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की ओर से आयोजित 14वें भारतीय अंगदान दिवस समारोह के अवसर पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल की उपस्थिति में कही।   इस अवसर पर अपने संबोधन में पटेल ने मृतक अंगदाताओं के परिवार के सदस्यों की सराहना की और कहा कि उन्होंने "अनेक लोगों की जान बचाकर मानवता की सबसे बड़ी सेवा की है।" उन्हें पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए पटेल ने देशवासियों को आगे आकर मृत्यु के बाद अपने अंगदान का संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, "हर व्यक्ति और संस्थाओं के सम्मिलित प्रयासों से ही भारत अंगदान और प्रत्यारोपण में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक बनने के अपने सपने को साकार कर सकता है।" केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्पेन, अमेरिका और चीन जैसे कई देश अंगदान में काफी आगे हैं, लेकिन भारत ने भी हाल के दिनों में इस क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाने का आग्रह किया कि प्रत्यारोपित होने से पहले कोई अंग बर्बाद नहीं हो।   इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. विनोद कुमार पॉल ने अंगों की मांग और आपूर्ति के बीच भारी अंतर पर प्रकाश डाला और अंग प्रत्यारोपण की चुनौती को स्वीकार करने के लिए सरकारी अस्पतालों में संस्थागत सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर अफसोस व्यक्त किया कि अंग प्रत्यारोपण सेवाएं प्रदान करने वाले केवल 750 संस्थान हैं। उन्होंने अन्य संस्थानों को भी ऐसी सेवाएं प्रदान करने के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. पॉल ने बताया कि किडनी प्रत्यारोपण को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत शामिल किया गया है। उन्होंने बीमा कंपनियों से भी अंग प्रत्यारोपण को कवर करने का आह्वान किया। उन्होंने अंग प्रत्यारोपण को आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों पर भी प्रकाश डाला, जैसे कि “एक राष्ट्र, एक नीति” जिसने अंग प्रत्यारोपण में निवास और आयु संबंधी बाधाओं को दूर किया।   डॉ. पॉल ने अंगदाताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए और लोगों से इस नेक काम के लिए एकजुट होकर आगे आने का आग्रह करने के साथ अपना संबोधन समाप्त किया। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने अंग दान के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग अंग पाने के लिए पंजीकरण करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत अंग प्रत्यारोपण में तीसरे स्थान पर है। चूंकि अधिकांश अंग दान परिवार के सदस्यों द्वारा ही किया जाता है। इसलिए, लोगों को अंग दान के लिए पंजीकरण करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है।अपूर्व चंद्रा ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें अपनी प्रणाली को मजबूत करना होगा ताकि प्रत्यारोपित होने से पहले कोई अंग बर्बाद न हो। उन्होंने बताया कि जब हमें कोई किसी ब्रेन-डेड व्यक्ति मिलता हैं तो समय कम होता है और हमें 12 घंटों में अंग निकालने होते हैं और प्रत्यारोपण भी कम समय में ही करना होता है।   इसलिए, हमें अपनी प्रणाली में सुधार करना होगा और यह एनओटीटीओ, एसओटीटीओ और आरओटीटीओ के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने मृतक अंगदाताओं के 10 परिवार के सदस्यों को उनके प्रियजनों के अंग दान करने के साहसिक निर्णय के लिए सम्मानित किया। इसमें अंग दान के चार प्राप्तकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया। अंग दान और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में योगदान को मान्यता देने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों, क्षेत्रीय और राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठनों, मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों, पेशेवर सामादिक संगठनों, चिकित्सा पेशेवरों और गैर-सरकारी संगठनों आदि को भी पुरस्कार प्रदान किए गए।  कार्यक्रम में ​​स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल द्वारा भारतीय जैन संगठन दिल्ली को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उत्तम सहयोगी  एनजीओ अवार्ड से सम्मानित किया गया।   भारतीय जैन संगठन दिल्ली राज्य अध्यक्ष विजय जैन ने बताया कि मृत्यु उपरांत अंगदान, देहदान ,नेत्रदान का संकल्प लेने हेतु प्रेरणा देने के लिए बीजेएस दिल्ली टीम द्वारा नोटो के साथ मिलकर मोक्ष पथ के नाम से सफलतापूर्वक प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से जन जन में जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित कर के जनसेवा की जा रही हैं। आरओटीटीओ नॉर्थ-पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ ने सर्वश्रेष्ठ आरओटीटीओ पुरस्कार जीता। तेलंगाना को सर्वश्रेष्ठ एसओटीटीओ/राज्य का पुरस्कार मिला, जबकि तमिलनाडु और कर्नाटक को दूसरे सर्वश्रेष्ठ एसओटीटीओ/राज्य का पुरस्कार मिला। मणिपुर को पूर्वोत्तर में सर्वश्रेष्ठ उभरते राज्य का पुरस्कार दिया गया। अंग दान में उभरते राज्यों का पुरस्कार पाने वाले राज्य 1) आंध्र प्रदेश 2) मध्य प्रदेश, और 3) जम्मू और कश्मीर रहे।   सर्वश्रेष्ठ गैर-प्रत्यारोपण अंग पुनर्प्राप्ति केंद्र (एनटीओआरसी) का पुरस्कार सिविल अस्पताल, अहमदाबाद को मिला जबकि उभरते एनटीओआरसी 1. कमांड अस्पताल, चांदमंदिर, और 2. डॉ. राजेंद्र प्रसाद सरकारी मेडिकल कॉलेज, हिमाचल प्रदेश रहे। राजस्थान को सर्वश्रेष्ठ जागरूकता/आईईसी गतिविधियों वाले राज्य के रूप में सम्मानित किया गया। सर्वाधिक मृतक दान वाले निजी क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ अस्पताल का पुरस्कार यशोदा अस्पताल, सिकंदराबाद को मिला। मृतक अंगदान कार्यक्रम के कुशल पुनरुद्धार के लिए केन्द्र सरकार के अस्पताल का विशेष पुरस्कार सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली को मिला। मृतक अंगदान कार्यक्रम के कुशल पुनरुद्धार के लिए राज्य अस्पताल का विशेष पुरस्कार केईएम अस्पताल, मुंबई को मिला। सर्वश्रेष्ठ ब्रेन स्टेम डेथ सर्टिफिकेशन टीम (क्षेत्रवार) इस प्रकार रहीं 1. पश्चिम - न्यू सिविल अस्पताल, सूरत; 2. उत्तर- एआईआईएमएस, दिल्ली; 3. दक्षिण - केआईएमएस, सिकंदराबाद; 4. पूर्व- आईपीजीएमईआर, कोलकाता।   इस कार्यक्रम में एक ई-न्यूज़लेटर, एनओटीटीओ की वार्षिक रिपोर्ट और अंग परिवहन मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का परिचय प्रदान करने वाली एक पुस्तिका को भी लॉन्च किया गया। आज़ादी का अमृत महोत्सव के एक हिस्से के रूप में, वर्ष 2023 में पूरे देश में “जन आंदोलन” के रूप में एक विशेष अभियान ‘अंगदान महोत्सव’ का आयोजन किया गया। जुलाई का महीना अंगदान माह के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष “अंगदान जन जागरूकता अभियान” नामक अभियान के तहत सभी केंद्रीय सरकारी मंत्रालयों/विभागों, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों/राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राज्य अंग एवं ऊतक नेटवर्किंग संगठनों/अस्पतालों/संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के माध्यम से शहर से लेकर गांव स्तर तक देश भर में विभिन्न जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इस कार्यक्रम में एनओटीटीओ के निदेशक डॉ. अनिल कुमार, दिल्ली पुलिस के जवान, अंग प्राप्तकर्ता, छात्र और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Aug 4, 2024

वैश्विक खाद्य संकट के समाधान के लिए काम कर रहा भारत: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 04 अगस्त 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे। इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में मौजूद कृषि अर्थशास्त्रियों को संबोधित भी किया। उन्होंने बताया कि 65 वर्षों बाद भारत में इस तरह का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसे देखकर वह खुश हैं। पीएम मोदी ने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को स्वागत किया।   उन्होंने बताया कि कृषि को लेकर हमारी परंपराएं हमारे देश की तरह ही प्राचीन है। पीएम मोदी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा, 65 साल बाद देश में इस तरह का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, इसे देखकर मैं बहुत खुश हूं। इस दुनिया के विभिन्न देशों से आपलोग यहां आए हैं। मैं 12 करोड़ भारतीय किसानों, तीन करोड़ भारतीय महिला किसानों और तीन करोड़ मछुआरों की तरफ से आपका स्वागत करता हूं। आप उस देश में हैं, जहां 55 करोड़ पशु रहते हैं।   आप सभी का कृषि प्रधान और पशु प्रेमी देश में स्वागत है। उन्होंने आगे कहा, "भोजन और कृषि के बारे में हमारी परंपराएं और अनुभव हमारे देश की तरह ही प्राचीन हैं। भारत में कृषि परंपरा में विज्ञान को प्राथमिकता दी जाती है।"पीएम मोदी ने कहा कि पिछली बार जब भारत ने इस सम्मेलन की मेजबानी की थी, तब उसे आजादी मिले ज्यादा समय नहीं हुआ था। वह दौर देश में कृषि एवं खाद्य सुरक्षा के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण दौर था। उन्होंने कहा, "भारत अब एक खाद्य अधिशेष देश है।    यह दुनिया में दूध, दालों और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके अलावा, भारत खाद्यान्न, फल, सब्जी, कपास, चीनी और चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी बन गया है। एक दौर था, जब भारत की खाद्य सुरक्षा दुनिया के लिए चिंता का सबब थी। अब, भारत वैश्विक खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए समाधान प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है।"पीएम मोदी ने बताया कि भारत पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने पिछले 10 वर्षों में जलवायु परिवर्तन के प्रति कम संवेदनशील फसलों की 1,900 नयी प्रजातियां प्रदान की हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा।   "भारत में कृषि से जुड़ी शिक्षा और अनुसंधान से जुड़ा एक मजबूत इकोसिस्टम बना हुआ है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के ही 100 से ज्यादा रिसर्च संस्थान हैं। भारत में कृषि और उससे संबंधित विषयों की पढ़ाई के लिए 500 से ज्यादा कॉलेज हैं। भारत में 700 से ज्यादा कृषि विज्ञान केंद्र हैं जो किसानों तक नई तकनीक पहुंचाने में मदद करते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "पिछली बार जब आईसीएई सम्मेलन भारत में हुआ था वो भारत की कृषि और खाद्य सुरक्षा को लेकर चुनौतीपूर्ण समय था। भारत को नई-नई आजादी मिली थी।  भारत एक खाद्य अधिशेष वाला देश है। भारत दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। आज भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा और वैश्विक पोषण सुरक्षा के समाधान देने में जुटा है।"   *शिवराज सिंह ने की पीएम मोदी की सराहना* कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की सराहना की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नतृत्व में कृषि के क्षेत्र में भारत का विकास दर दुनिया में शीर्ष पर है। उत्पादन बढ़ाना चाहिए, लेकिन भारत हमेशा सुरक्षित उत्पादन को लेकर चिंतित रहा है। मानव शरीर, पृथ्वी के स्वास्थ्य और मिट्टी के लिए भारत जैविक खेती पर ध्यान दे रहा है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Aug 4, 2024