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दिल्ली सरकार की कोचिंग इंस्टीट्यूट रेगुलेशन एक्ट लाने की घोषणा महज एक छलावा

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने एक पत्रकार वार्ता में कहा है दिल्ली सरकार की कोचिंग इंस्टीट्यूट रेगुलेशन एक्ट लाने की घोषणा महज एक छलावा। दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने प्रेस वार्ता का संचालन करते हुए कहा की यह खेदपूर्ण है की केजरीवाल सरकार आवश्यक गाइडलाइंस ला कर कोचिंग इंस्टीट्यूट समस्या का फौरी समाधान करने के बजाए सुझाव मांगने के खेल में और समाधान प्रक्रिया को ईवेंट बनाने में लग गई है दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा की दस साल पूर्व भी यह एक्ट उतना ही आवश्यक था जितना आज है और इसी के साथ दिल्ली को पी.जी. रेगुलेशन एक्ट की भी उतनी ही जरूरत है क्योंकि यह दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए मामले हैं। अन्य राज्यों से पढ़ने के लिए दिल्ली आने वाले छात्र उतने ही असुरक्षित वातावरण में रहने को भी बाध्य हैं जैसे में पढ़ने को।    दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की यह खेदपूर्ण है की दस साल तक सोते रहने वाली सरकार आज जब जागी है तो ओचक घोषणाएं करके शनिवार को दिल्ली में सरकारी विभागों की लापरवाही से हुई तीन छात्रों की मौत की जिम्मेदारी जवाबदेही से बचना चाह रही है। जलबोर्ड द्वारा की सीवर सफाई ना होना हो, फायर सर्विस द्वारा बिना बेसमेंट का वास्तविक उपयोग जांचे राव इंस्टीट्यूट भवन को एन.ओ.सी. देना हो, नगर निगम की नालियों पर अतिक्रमण रोकने की विफलता हो, नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेसिक स्वास्थ्य निरिक्षण न करना हो सबके लिए आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार एवं नगर निगम हैं।  दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की दिल्ली के मास्टर प्लान 2041 में यह प्रस्तावित है की सभी कोचिंग इंस्टीट्यूट को दिल्ली के वाणिज्यिक क्षेत्रों मे स्थान्तरित किया जाये। काश दिल्ली सरकार समय पर जाग कर इनके स्थानांतरण की प्रक्रिया पर कुछ काम करती तो अब तक कोई स्थाई समाधान निकल सकता था। सुश्री आतिशी जलबोर्ड, फायर सर्विस एवं अर्बन डेवलपमेंट तीनों विभागों की मंत्री हैं और नैतिक रूप से उनकी जिम्मेदारी हैं।   बेहतर होता वह इधर उधर अधिकारियों पर दोषारोपण करने के जिम्मेदारी स्वीकार कर इस्तीफा देतीं। सचदेवा ने कहा है की अरविंद केजरीवाल सरकार बिना सुरक्षा मानकों के चल रहे इन कोचिंग सेंटरों एवं पी.जी. मामले और छात्रों के प्रति कितनी संवेदनहीन है उसका प्रमाण है की अन्य राज्यों में दुर्घटना होने पर वहाँ भागे जाने वाले मंत्री सुश्री आतिशी एवं सौरभ भारद्वाज दुर्घटना के 5 दिन बाद भी आज तक ओल्ड राजेन्द्र नगर जाने की हिम्मत नही जुटा पा रहे हैं। सौरभ भारद्वाज के एक पुराने विडिओ को पत्रकार वार्ता में चला कर सचदेवा ने कहा की नगर निगम चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के नेता भारद्वाज कहते थे की हमे नगर निगम सौंपें हम दिल्ली का काया कल्प कर देंगे, आज नगर निगम में "आप" की सत्ता के 20 माह बाद साफ दिखाई रहा है की कैसा काया कल्प हुआ है। इस मानसून में बरसाती पानी 12 जीवन लील चुका है। दिल्ली भाजपा मांग करती है की सबसे पहले दिल्ली सरकार कोचिंग सेंटरस के लिए अस्थाई सुरक्षा गाइडलाइंस लाये और साथ ही मास्टर प्लान 2041 के प्रस्तावों को समझते हुए कोचिंग सेंटर एवं पी.जी. स्थाई रेगुलेशन एक्ट लाने पर काम करे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

अब बिना खौफ सरकारी कर्मचारी आरएसएस के प्रोग्राम में जाएं, मोदी सरकार ने बदल दिया 58 साल पुराना कानून

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में अब सरकारी कर्मचारी भी भाग ले सकेंगे. केंद्र सरकार ने 58 साल पुराने प्रतिबंध को हटा लिया है. गृह मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के शाखा में शामिल होने पर प्रतिबंध हटाने का आदेश अपलोड किया है.  गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी पर प्रतिबंध हटाने के आदेश की कॉपी अपनी आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर अपलोड कर दी है. गृह मंत्रालय ने 26 जुलाई को यह आदेश जारी किया था, जिसकी कॉपी अब अपलोड की गई है.   *कब लगा था बैन* साल 1966 में तब की सरकार ने सरकारी कर्मचारियों पर आरएसएस से जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाया था. उस दौरान कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी गई थी, अगर वह कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें. मोदी सरकार ने 58 साल पुराने इस प्रतिबंध को हटा दिया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में लिखा कि सरदार पटेल ने गांधीजी की हत्या के बाद फरवरी 1948 में आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद, अच्छे व्यवहार के आश्वासन पर प्रतिबंध हटा लिया गया. इसके बाद भी आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया. 1966 में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही भी था. 9 जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया है.   *9 जुलाई को आया आदेश* कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा 9 जुलाई को जारी एक आदेश साझा किया, जो आर एस एस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी से संबंधित है. इस आदेश में कहा गया है, ‘उपर्युक्त निर्देशों की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए.’    *संघ ने किया स्वागत* राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने एक बयान में कहा था कि अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते तत्कालीन सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को संघ जैसे रचनात्मक संगठन की गतिविधियों में भाग लेने के लिए निराधार ही प्रतिबंधित किया गया था. शासन का वर्तमान निर्णय समुचित है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुष्ट करने वाला है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

दिल्ली एम्स में मरीजों की सुविधा के लिए मिलेंगी अनेक सुविधाएं

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। दिल्ली एम्स में आने वाले मरीज और उनके तीमारदारों के लिए जल्दी ही एम्स के आसपास के मेट्रो स्टेशन और बस स्टॉप से एम्स तक पहुंचाने के लिए जल्दी ही इलेक्ट्रिक बस की सुविधा मिलेगी. एम्स के द्वारा जल्दी ही 20 सीटर एसी बस की सुविधा मरीज और उनके तीमारदानों के लिए शुरू की जाएगी, जिससे कि उन्हें एम्स तक पहुंचने के लिए महंगे ऑटो, ई रिक्शा और रिक्शा से निजात दिलाई जा सके. एम्स मीडिया सेल की इंचार्ज प्रोफेसर रीमा दादा ने बताया कि.   यह पहल हमारे निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर एम श्रीनिवास द्वारा एम्स में इलाज के लिए देश के अलग-अलग कोने से आने वाले मरीज और उनके तीमारदारों को मेट्रो स्टेशन और बस स्टॉप से एम्स आने में होने वाली परेशानियों को देखते हुए की गई है. ऐसी बस की सुविधा शुरू होने के बाद मरीज और उनके तीमारदारों को कम किराए में मेट्रो स्टेशन और बस स्टॉप से ही एम्स के अंदर तक इलेक्ट्रिक एसी बस की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे कि यहां तक पहुंचने में उनके समय और पैसे की भी बचत होगी.   इन मेट्रो स्टेशन और बस स्टॉप से मिलेगी बस   उन्होंने बताया कि ऐसी बस की सुविधा एम्स के नजदीकी मेट्रो स्टेशन लाजपत नगर, साउथ एक्स, ग्रीन पार्क आदि मेट्रो स्टेशनों से शुरू की जाएगी. इसके अलावा नजदीकी बस स्टॉप किदवई नगर, गौतम नगर और भीकाजी कामा प्लेस सहित अन्य कई बस स्टॉप से यह सुविधा मिलेगी. उन्होंने बताया कि एम्स के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास के नेतृत्व में तैयार की गई यह एक समग्र योजना सार्वजनिक परिवहन द्वारा संस्थान के भीतर आंतरिक स्थलों तक कनेक्टिविटी को सुलभ बनाएगी. ये 20 सीटर ई बसें आधुनिक सुविधाओं जैसे एयर-कंडीशनिंग, लो फ्लोर और व्हीलचेयर एक्सेस के साथ उपलब्ध होंगी.   अभी आस-पास के मेट्रो स्टेशनों और बस स्टॉप से एम्स के विशाल परिसर के भीतर विभिन्न सुविधाओं तक आने-जाने में मरीजों और उनके तीमारदारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस सुविधा को लेकर एम्स के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास ने कहा कि हम एम्स नई दिल्ली में रोगी अनुभव को हर दिन बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह पहल न केवल हमारे रोगियों की परिवहन संबंधी समस्याओं को हल करेगी बल्कि परिसर के भीतर एक विश्वसनीय और सुविधाजनक सवारी भी प्रदान करेगी.   *ई-बस सेवा की मुख्य विशेषताएं*   बेहतर कनेक्टिविटी और सेवाओं से मरीजों को निजी परिवहन का उपयोग करने की आवश्यकता समाप्त होगी. इससे लोग निजी वाहनों का उपयोग कम करेंगे तो वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कुछ कमी आएगी. नियमित सेवा पीक ऑवर्स (सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक) के दौरान हर 10 और 15 मिनट में उपलब्ध होगी. मरीजों की सुविधा के लिए शेल्टर की जानकारी देने के लिए कॉल बटन की सुविधा भी होगी. बेहतर सुरक्षा और लाइव मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस ट्रैकिंग. रियल-टाइम बस ट्रैकिंग और सेवा फीडबैक के लिए मरीज ऐप. लेनदेन की आसानी और पारदर्शिता के लिए यूपीआई/एम्स स्मार्ट कार्ड के माध्यम से किराया संग्रह है. सभी वैधानिक अनुपालनों की एक पूरी सूची बस में उपलब्ध कराई जाएगी, जिनका उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाने का भी प्रावधान यातायात की भीड़भाड़ को कम करना, ध्वनि प्रदूषण को कम करना.   *अस्पताल में बनेगा एयरपोर्ट जैसा वेटिंग लाउंज*   एम्स प्रशासन आने वाले मरीजों के लिए 24 घंटे सैंपल कलेक्शन और एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स रे की सुविधा देने की तैयारी कर रहा है. अगले महीने से ये सुविधाएं शुरू होने की संभावना है. एम्स मीडिया सेल की प्रभारी प्रोफेसर रीमा दादा के अनुसार एम्स में जल्दी ही 24 घंटे सैंपल कलेक्शन और रेडियोलॉजी सेवाओं में एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स रे सहित अन्य सुविधाएं भी शुरू करने की तैयारी है. इससे दूर से आने वाले मरीजों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्हें सैंपल देने के लिए और एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स रे के लिए बार-बार अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

बच्ची के सिर में धंसा पत्थर, एम्स के डॉक्टर्स की टीम ने सर्जरी कर निकाला

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। नोएडा की लगभग डेढ़ साल की बच्ची छत से गिर गई थी. उसके सिर के अंदर 5 मिमी का नुकीला पत्थर धंस गया था. एम्स के डॉ. अमरिंदर सिंह की मदद से बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया. बच्ची के सिर से पत्थर को 7 घंटे चली मैराथन सर्जरी के बाद सफलतापूर्वक निकाल लिया गया. बच्ची को सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.   *पहले नहीं हो पाई भर्ती*   बच्ची के माता-पिता दो दिन पहले एम्स और सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए भटक रहे थे, लेकिन दोनों ही अस्पताल ने बेड और डॉक्टर नहीं होने की बात कहकर बच्ची को अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया था. बाद में एम्स के डॉ अमरिंदर सिंह की मदद से अस्पताल में भर्ती किया गया था.   *सिर में लगी ट्यूब को हटाया*   एम्स के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट में 7 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद बच्ची के सिर में धंसा 5 मिलीमीटर के एक नुकीले पत्थर को सफलतापूर्वक बाहर निकाल दिया गया. साथ ही उसके घाव को भरने के लिए ड्यूराप्लास्टी भी कर दी गई है. रविवार सुबह जो सर्जरी शुरू हुई, सात घंटे तक सर्जरी की प्रक्रिया चलती रही. सर्जरी की सफलता के बाद बच्ची के सिर में लगी ट्यूब को हटा दिया गया है और जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. अभी भी बच्ची के सिर में थोड़ा- सा मवाद भरा हुआ है.   *आंखों के डॉक्टर को दिखाया जाएगा*   एम्स के कार्डियो रेडियो डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमरिंदर सिंह ने बताया कि बच्ची की आंख में भी चोट आई है. सिर का घाव जैसे ही भरना शुरू होगा वैसे ही बच्ची के आंख को आप्थाल्मालॉजी डिपार्टमेंट में दिखाया जाएगा. बच्ची के पिता अवनीश सफल ऑपरेशन के बाद काफी खुश हैं. डॉक्टर ने उन्हें बताया कि बच्ची अब खतरे से बाहर आ गई है.   80 फीसदी काम हो चुका है. सिर्फ 20 फीसदी काम ही बाकी रह गया है. उन्होंने एम्स के डॉक्टर का धन्यवाद करते हुए कहा कि अगर बच्ची को समय पर इलाज नहीं मिलता तो हम अपनी बच्ची को खो देते. उल्लेखनीय है कि डेढ़ साल की बच्ची छत से नीचे गिर गई थी और उसके सिर में 5 मिलीमीटर का पत्थर का एक टुकड़ा अंदर धंस गया था. यही सबसे बड़ी चिंता का कारण था. इसके अलावा बच्ची की आंख में भी चोट आई है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

नगर परिषद की एफ एंड सीसी कमेटी की बैठक हुई

कालका, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। नगर परिषद की एफ एंड सीसी कमेटी की बैठक हुई जिसमें नगर परिषद द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के रिव्यू लिया गया। इसके साथ साथ नए विकास कार्यों के बारे में भी चर्चा कर उसे मंजूर किया गया। यह बैठक कालका के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हुई जिसकी अध्यक्षता नगर परिषद के अध्यक्ष कृष्णा लाल लांबा की। इस बैठक में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी जरनैल सिंह, एक्स ईएन मनदेव, एमई दर्शन, पार्षद गुलशन ठाकुर समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कृष्ण लाल लांबा ने बताया कि बैठक में पहले से चल रहे। विकास कार्यों को लेकर रिव्यू किया गया। वहीं कुछ नए विकास कार्यों के लिए भी निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि खुराना कॉलोनी, रत्तपुर कॉलोनी के पार्कों में कार्य करवाने के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। वहीं पिंजौर के बस स्टैंड पर बने अग्रसेन चौंक के सौंदर्य करण के लिए 62 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि इस विभिन्न कॉलोनियों में लगने वाले बोर्ड्स का भी प्रस्ताव इस बैठक mr पास किया गया है। इस तरह से इस बैठक में कुल 3 करोड़ 12 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 31, 2024

विकास शर्मा बने वॉयस ऑफ मीडिया के प्रदेश अध्यक्ष

कालका, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। सोमवार को करनाल में वॉयस ऑफ मीडिया के एक दिवसीय अधिवेशन समारोह में कई राज्यों से आए पत्रकारों ने भाग लिया । जिसमें हरियाणा प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। बता दें वॉयस ऑफ मीडिया की शाखाएं विशव के 42 देशों में चल रही हैं जिसमें पूरी दुनिया से लाखों पत्रकार जुड़ चुके हैं। अधिवेशन में वॉयस ऑफ मीडिया के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप काले ने परवाणू के विकास शर्मा को हिमाचल प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त करने की घोषणा की। विकास शर्मा ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेवारी सौंपी है।    उसका वह पूरी ईमानदारी व निष्ठा से निर्वहन करेंगें और प्रदेश सरकार तक पत्रकारों की आवाज़ उठाते रहेंगे। उन्होंने ये भी बताया की जल्द प्रदेश व जिला स्तर पर पत्रकारों को जोड़ उनकी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपेंगे। बता दें की विकास शर्मा वर्षों से कई सामाजिक संस्थाओ के साथ जुड़कर जिला व प्रदेश स्तर पर जुड़कर अपनी सेवाएं दें रहे हैं। इस मौके पर पूर्व सांसद राम कुमार सैनी, पूर्व न्यायधीश श्याम लाल जांगडा, विधायक इंद्री रामकुमार कश्यप, वॉइस ऑफ मीडिया के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष बंशी लाल व अन्य लोग मौजूद रहे।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 31, 2024

अंतरराष्ट्रीय सितार वादक ने किया रक्तदान शिविर का उद्घाटन

कालका, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। अरुणा आसिफ अली राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के नेतृत्व और एलुमनाई एसोसिएशन अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट की अध्यक्षता में महान स्वतंत्रता सेनानी एवं पहली महिला भारत रत्न से सम्मानित अरुणा आसिफ अली की पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर का सफल आयोजन किया गया। प्रस्तुत कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय सितार वादक डॉक्टर हरविंद शर्मा सेवानिवृत्त प्राचार्य उचचतर शिक्षा विभाग थे। रक्तदान शिविर का आयोजन एलुमनाई एसोसिएशन राजकीय कॉलेज कालका, कॉलेज के छात्र, प्राध्यापक और कॉलेज प्रशासन के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की एल्यूमनाई सोसाइटी की प्रभारी डॉ मीनू ख्यालिया, डॉ गीतांजलि, डॉक्टर नीरू शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर गीता, रेड कास सोसाइटी की प्रभारी प्रोफेसर नीतु और सदस्या डॉक्टर कविता, प्रोफेसर स्वाति, डॉ नवनीत नैंसी, एनसीसी विंग के प्रभारी लेफ्टिनेंट यशवीर, लेफ्टिनेंट गुरप्रीत, राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी डॉक्टर सरिता, प्रोफेसर सोनू के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया।   इस अवसर पर कार्यक्रम में कॉलेज प्रिंसिपल प्रोमिला मलिक, एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट, संजय बंसल, शशि गुप्ता, मुकेश सोढ़ी, जितेंद्र, अरुण कोड़ा, एसके थामा, एमएल कश्यप, विनोद गुप्ता, प्रवीण पुंज सहित भारी संख्या में छात्र और अन्य लोग मौजूद थे। कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और अंतरराष्ट्रीय सितार वादक हरविंदर शर्मा, प्रिंसिपल प्रोमिला मालिक, विजय बंसल एडवोकेट ने स्वतंत्रता सेनानी अरुणा आसिफ अली की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सभी लोगों ने महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी। रक्तदान शिविर में रक्त दान करने के लिए 70 लोगों ने पंजीकरण करवाया लेकिन 55 लोगों को रक्तदान के लिए सिलेक्ट किया गया कुल 55 लोगों ने रक्तदान किया। शिविर में पीजीआई ब्लड बैंक की टीम ने रक्त एकत्र किया। अपने संबोधन में एलुमनाई एसोसिएशन अध्यक्ष विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि अरुणा आसिफ अली 16 जुलाई 1909 में कालका में पैदा हुई थी। स्वतंत्रता सेनानी और देश की पहली भारत रत्न से सम्मानित महिला कालका में पैदा हुई थी अरुणा आसिफ अली के पति आसिफ अली शहीद भगत सिंह के वकील भी रहे।   अरुणा आसिफ अली भारत देश को गुलामी से आजाद करवाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थी। निडर अरुणा आसिफ अली ने अकेले ही अंग्रेजों के खिलाफ आरंभ हुए असहयोग आंदोलन के दौरान मुंबई में उस समय भारत का तिरंगा फहराया था जब ब्रिटिश हुकूमत में आंदोलन को कुचलने के लिए मुख्य स्वतंत्रता सेनानी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था तब अरुणा आसिफ अली ने तिरंगा लहराकर ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी थी। विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि हमें गर्व है कि अरुणा आसिफ अली जैसी महान शख्सियत हमारे कालका शहर में पैदा हुई थी जिसने हमारे कालका शहर का नाम रोशन किया। भारत संगीत नाट्य अकादमी का राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हरविंदर शर्मा ने एलुमनाई एसोसिएशन और कॉलेज प्रशासन द्वारा स्वतंत्रता सेनानी की पुण्यतिथि को रक्तदान कर मनाने के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि रक्तदान कर ही महान स्वतंत्रता सेनानियों को असली श्रद्धांजलि है। हरविंदर शर्मा 27 वर्ष तक प्रोफेसर रहे और कई वर्षों तक कालका राजकीय महाविद्यालय के प्रिंसिपल भी रहे।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 31, 2024

भारतीय उत्पाद गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हैं और दुनिया भर में स्वीकार्य हैं: जितिन प्रसाद

नई दिल्ली, 31 जुलाई 2024 (यूटीएन)। वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई पीएलआई योजनाओं का उद्देश्य न केवल भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाना है, बल्कि भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करना भी है। उन्होंने कहा, "पीएलआई योजना का पूर्ण संवितरण होने से पहले ही, हम संयंत्र और मशीनरी में अच्छी मात्रा में निवेश होते हुए देख रहे हैं, उत्पादन में वृद्धि के साथ नई नौकरियों का सृजन हो रहा है"। 'गुणवत्ता प्रणालियों में उत्कृष्टता के लिए 10वें फिक्की पुरस्कार और सम्मेलन' को संबोधित करते हुए, प्रसाद ने कहा, "अच्छी बात यह है कि पीएलआई योजना के बावजूद, निर्यात को प्रोत्साहित नहीं करने और निर्यात के लिए कोई संवितरण नहीं होने के बावजूद, हमने 4 लाख करोड़ रुपये का निर्यात सुनिश्चित किया है। यह दर्शाता है कि हमारे उत्पाद गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हैं और दुनिया भर में स्वीकार्य हैं।" उन्होंने आगे कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक जोर और समर्थन देगी कि भारत विनिर्माण केंद्र बने। भारत के 'आत्मनिर्भर' बनने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये (26 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक) के परिव्यय के साथ 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की घोषणा की गई है। मार्च 2024 तक 1.23 लाख करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की गई है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 8 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।    उन्होंने कहा, "हम सुनिश्चित करते हैं कि हमें सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी हस्तांतरण मिले, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे उत्पादों में मूल्यवर्धन हो। अगले पांच वर्षों में, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि एयर कंडीशनर क्षेत्र में, इसका 75 प्रतिशत स्वदेशी होगा, और भारत गुणवत्तापूर्ण मानक एयर कंडीशनर का उत्पादन करेगा।" एमएसएमई क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, श्री प्रसाद ने कहा कि यह सरकार के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने कहा कि हालिया बजट घोषणाओं में भी एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित किया गया है क्योंकि इसमें अधिक रोजगार सृजित करने की क्षमता है। "एमएसएमई, वे हैं जो भारत में रोजगार और नौकरी सृजन बाजार को आगे बढ़ाने जा रहे हैं और इन विनिर्माण केंद्रों के परिणामस्वरूप जो वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी चैंपियन हैं जिन्हें हम इन पीएलआई योजनाओं के माध्यम से बनाने जा रहे हैं, इसका व्यापक प्रभाव यह होगा कि एमएसएमई बढ़ेंगे, और उन्हें आवश्यक पूर्ति मिलेगी, जिसकी आज हमारे देश में बहुत आवश्यकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रौद्योगिकी की भूमिका पर बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि एआई मिशन को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, और हम एआई प्रौद्योगिकी के विभिन्न स्तंभों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा, "हमारे पास अत्याधुनिक जनशक्ति, कौशल, विशेष रूप से आईटी क्षेत्र में हैं, और इसके साथ, हम वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनने के लिए गुणवत्ता के साथ-साथ अपने उत्पादन को सुव्यवस्थित कर सकते हैं।"   इससे पहले दिन के दौरान, डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री सजीव ने कहा कि मानक, परीक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, प्रमाणन भारत के विनिर्माण की गुणवत्ता में विश्वास बनाए रखने और बढ़ाने के लिए रणनीतिक उपकरण हैं, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है और आर्थिक विकास को समर्थन मिलता है। हम सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण को बढ़ावा देने और भ्रामक व्यापार प्रथाओं को हतोत्साहित करने के लिए देश में तकनीकी विनियमन व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "किसी भी विनिर्माण संचालित अर्थव्यवस्था के लिए दो मुख्य स्तंभ गुणवत्ता और उत्पादकता हैं। देश में गुणवत्ता विनिर्माण पर जोर दिया जाना चाहिए। हमें अपनी क्षमता को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारा उद्योग मानकों को एक प्रमुख प्रतिस्पर्धी लाभ के रूप में उपयोग करने में सक्षम हो।" 2023 से अब तक डीपीआईआईटी ने गुणवत्ता को बढ़ावा देने की अपनी पहल के तहत 188 उत्पादों के लिए 45 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किए हैं। फिक्की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस कमेटी के अध्यक्ष श्याम बंग ने कहा कि उद्योग को सहयोग के माध्यम से अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा, "निरीक्षण और अस्वीकृति का दृष्टिकोण अपनाने के बजाय, प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए विश्वास, सहायता और सूचना साझा करने का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।" कार्यक्रम के दौरान गुणवत्ता प्रणालियों में उत्कृष्टता पर पुस्तिका के विमोचन के साथ-साथ 10वें फिक्की पुरस्कारों की घोषणा की गई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

सरकार 12 नए औद्योगिक पार्क स्थापित कर रही है, 5-6 मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाने की तैयारी में है

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार देश भर में 12 नए औद्योगिक पार्क स्थापित कर रही है और 5-6 मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाने की तैयारी में है, उन्होंने निजी क्षेत्र से इसका लाभ उठाने का आग्रह किया। वे 30 जुलाई को नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित ‘विकसित भारत की ओर यात्रा: केंद्रीय बजट 2024-25 के बाद सम्मेलन’ के एक सत्र के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने उद्योग जगत के नेताओं से सरकार को नीतियों और व्यवसायों द्वारा सामना किए जा रहे अनुपालन मुद्दों की पहचान करने में मदद करने के लिए कहा और अनुपालन बोझ को कम करने तथा व्यवसाय-संबंधी कानूनों को अपराधमुक्त करने की पेशकश की। पिछले 10 वर्षों में सरकार की उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए गोयल ने कहा कि व्यवसाय और लोग भारतीय अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को पहचानते हैं। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद दोगुना हो गया है, विदेशी मुद्रा भंडार दोगुना से भी अधिक हो गया है और चालू खाता घाटा काफी कम हो गया है, जो दर्शाता है कि एक अच्छी सरकार कैसे बड़ा बदलाव ला सकती है। मंत्री ने कहा कि दुनिया भर के देश भारत के साथ एफटीए करना चाहते हैं और संबंधों का विस्तार करना चाहते हैं।   गोयल ने कहा कि देश की युवा, आकांक्षी आबादी की बदौलत 2047 तक भारत 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।  गोयल ने कहा कि राष्ट्र बहुत बड़े और बेहतर भविष्य की आकांक्षा रखता है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन, कौशल विकास, गति और मापनीयता, पारदर्शिता और डिजिटलीकरण सहित विभिन्न सिद्धांतों पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि हम अभिनव वित्तपोषण मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार मुद्दों की निगरानी और प्राथमिकता देने और लागत के भीतर परियोजनाओं के समयबद्ध निष्पादन को सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित करती है। उन्होंने कहा कि यह एक परिणाम-उन्मुख राष्ट्र है, जो भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। सभा को संबोधित करते हुए, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि केंद्रीय बजट बहुत दूरदर्शी है, न कि केवल खातों का विवरण, जिसमें वित्त मंत्री ने उद्यमिता, युवा, शिक्षा और कौशल पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और उसे सुगम बनाने की आवश्यकता है जो हमारे युवाओं के लिए कौशल को आकांक्षापूर्ण बनाए। चौधरी ने कहा कि एक जीवंत मध्यम वर्ग और एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करना जो वास्तव में नवाचार को महत्व देती है।   तभी वास्तविक सामाजिक मंथन दिखाई देगा। “सरकार इन पहलुओं पर काम करने जा रही है। दक्षिण कोरिया को ज्ञान अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने में 15 साल लग गए। भारत की विरासत प्रणाली और परिवर्तन की गति को देखते हुए, हमारे देश को थोड़ा और समय लग सकता है। भारत के ज्ञान सूचकांक पर अभी बहुत कुछ करना है; हालाँकि, हम प्रमुख चालकों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आरके सिंह, सचिव, डीपीआईआईटी भी सत्र में शामिल हुए। सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा कि पीएलआई योजना विकास का एक शक्तिशाली चालक रही है और बेहतर प्रभाव के लिए इसे रोजगार से जुड़ी योजना के साथ जोड़ने का सुझाव दिया। सीआईआई के मनोनीत अध्यक्ष राजीव मेमानी ने कहा कि मजबूत विनियमन व्यवसायों के विकास और नवाचार के लिए एक स्थिर और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करते हैं। सीआईआई के उपाध्यक्ष आर मुकुंदन ने एमएसएमई, कौशल, विकास और व्यापार नीतियों के अंतर्संबंध के बारे में बात की। सीआईआई कौशल विकास समिति के अध्यक्ष आदित्य घोष ने सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित संस्थानों, शिक्षाविदों और निजी क्षेत्र के बीच अनुसंधान एवं विकास साझेदारी के लिए एक मजबूत ढांचा बनाने के लिए कुछ सिफारिशें सुझाईं। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने सत्र का संचालन किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

उन आंखों में आईएएस बनने का सपना था...कहां हैं स्टार गुरु? लोग ढूंढ रहे

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। विश्वगुरु का ख्वाब संजोए देश की राजधानी। विश्वस्तरीय शहर होने का ढिंढोरा। उसी शहर में कोई होनहार स्टूडेंट राह चलते बिजली के करंट से मर जाता है तो कहीं कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भरे पानी में डूबकर मर जाते हैं। ये सबकुछ हो रहा है विश्वस्तरीय शहर में। देश की राजधानी में। उन आंखों में आईएएस बनने का सपना था। उन सपनों को तो छोड़िए, उन आंखों को, उन जिंदगियों को विश्वस्तरीय शहर के सड़े सिस्टम ने लील लिया। ये तो शर्मनाक है ही, उससे तनिक भी शर्मनाक नहीं है, सपनों के सौदागर कथित स्टार गुरुओं की चुप्पी। प्रति स्टूडेंट हजारों-लाखों रुपये वसूलकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर आदि बनाने की 'फैक्ट्री' चलाने वाले विकास दिव्यकीर्ति, अवध ओझा, अलख पांडे जैसे सिलेब्रिटी गुरुओं की चुप्पी। कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबकर 3 जिंदगियां खत्म हो गईं, लेकिन दुनिया-जहान के हर विषय पर ज्ञान देने वाले इन स्टार गुरुओं के मुंह से संवेदना का एक बोल तक नहीं फूटा। सोशल मीडिया के इस दौर में स्टार गुरु खुद को किसी सिलेब्रिटी से कम नहीं समझते। बात-बात पर ज्ञान।    बड़ी-बड़ी बातें। रील का चस्का। रील्स में टीचर कम, मॉटिवेशनल स्पीकर ज्यादा। हर मोबाइल में रील के रूप में देखे जाने की हसरत। यू-ट्यूब शॉर्ट्स में छा जाने की ललक। लेकिन ये सर्वज्ञानी स्टार गुरु छात्रों की मौत पर चुप हैं। उनके लिए जैसे ये कोई मुद्दा ही नहीं। भविष्य बनाने, करियर बनाने, कल संवारने की दुकानें सजाकर बैठने वाले ये सपनों के सौदागर उन स्टूडेंट्स की मौत पर चुप हैं जो हो सकता था कि कल आईएएस बनते, आईपीएस बनते, बड़े अफसर बनते। यूपीएससी की तैयारी कर रहे स्टूडेंट अपने साथियों की मौत से आक्रोशित हैं। विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। सवाल उठा रहे हैं। उनके सवालों में एक सवाल ये भी है कि आखिर कहां हैं विकास दिव्यकीर्ति, अवध ओझा, अलख पांडे और बाकी स्टार गुरु। स्वयंभू सिलेब्रिटी। सपनों के सौदागर। उन्हें उम्मीद थी कि बड़ी-बड़ी बातें करने वाले ये सिलेब्रिटी कलाकार गुरु उनका साथ देने आएंगे। उन्हें समर्थन देने आएंगे। आना तो दूर, उनके मुंह से संवेदना के दो बोल तक नहीं फूट रहे। भारत में कोचिंग सेंटर का बाजार बहुत तेजी से फैल रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, अभी कोचिंग इंडस्ट्री 58,000 करोड़ रुपये की है।   2018 तक अनुमान है कि ये बढ़कर 1.33 लाख करोड़ रुपये का विशाल बाजार हो जाएगा। द एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, देश के ग्रामीण इलाकों में पहली से आठवीं कक्षा के 31 प्रतिशत छात्र प्राइवेट कोचिंग क्लास अटेंड करते हैं। बिहार में तो ये आंकड़ा 71 प्रतिशत और बंगाल में 74 प्रतिशत, झारखंड में 45 प्रतिशत है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पहली क्लास से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी तक, कोचिंग सेंटरों का बाजार कितना विस्तृत है। कई छोटे-छोटे कोचिंग सेंटर और प्राइवेट ट्यूशन सेंटर तो हैं हीं, बड़े कोचिंग सेंटर भी हैं। ये स्टूडेंट से मोटी फीस वसूलते हैं। गरीब मां-बाप के लिए अपने बच्चों को इन कोचिंग सेंटरों में पढ़ाना बहुत मुश्किल है। लेकिन वे अपने बच्चों के मुस्तकबिल के लिए कर्ज के बोझ तक में दब जाते हैं और उन्हें इन कोचिंग सेंटरों में भेजते हैं। इस हसरत के साथ कि मेरा बेटा या बेटी आगे चलकर बड़ा अफसर बनेगा, बड़ी अफसर बनेगी। जरा सोचिए, उन मां-बाप पर क्या गुजर रही होगी जिस क्षण उन्हें पता चला होगा कि उनका बेटा या बेटी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भरे पानी में डूब गए। भविष्य बताने वाले बाबाओं की तर्ज पर बिना किसी जवाबदेही के भविष्य बनाने का धंधा चला रहे इन स्टार गुरुओं को होनहारों की मौत से जैसे तनिक भी फर्क नहीं पड़ रहा। यही वजह है कि वे बेशर्मी चुप्पी की मोटी चादर ओढ़ चुके हैं। विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच कुछ गुरु समर्थन देने जरूर जा रहे हैं लेकिन बड़े नाम नदारद हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024