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अब आसानी से जाना जाएगा आपका पता, पिनकोड नहीं दस अंकों के डिजिपिन का होगा इस्तेमाल

नई दिल्ली, 30 सितंबर 2024 (यूटीएन)। आपके पते की पहचान केवल साल 1972 में शुरू पोस्टल इंडेक्स नंबर (पिन) कोड से ही नहीं बल्कि डिजिटल पिन या डिजिपिन से भी होगी। डिजिपिन तैयार करने एवं उसके अमल के लिए डाक विभाग जोर-शोर से तैयारी कर रहा है। अगले तीन साल में देश भर में डिजिपिन को अमल में लाया जा सकता है।   हालांकि विभाग ने गांव या उस शहर के नाम को सार्वजनिक नहीं किया है। हाल ही में विभाग ने 10 गांव और एक शहर में डिजिपिन के इस्तेमाल को लेकर पायलट प्रोजेक्ट पूरा किया है। हालांकि विभाग ने गांव या उस शहर के नाम को सार्वजनिक नहीं किया है। डिजिपिन तैयार करने में डाक विभाग आईआईटी हैदराबाद, इसरो और शहरी विकास मंत्रालय की मदद ले रहा है।   *छह अंकों वाले पिन कोड का इस्तेमाल करता है डाक विभाग* अभी डाक विभाग किसी बड़े इलाके या स्थान के लिए छह अंकों वाले पिन कोड का इस्तेमाल करता है। बड़े शहरों में इलाके के मुताबिक अलग-अलग पिनकोड होते हैं। लेकिन डिजिपिन बिल्कुल छोटे सी जगह की सटीक जानकारी देगा।    गांव से लेकर जंगल या समुद्री इलाके में भी डिजिपिन की मदद से सटीक जगह तक पहुंचा जा सकेगा। क्योंकि डिजिपिन पूरे देश के क्षेत्र को चार मीटर गुने चार मीटर के आकार में बांटता है जिनमें इलाके का अक्षांश व देशांतर शामिल होगा। हर चार गुने चार मीटर के एरिया को 10 डिजिट का एक अल्फान्यूमेरिक (एबीसी123 जैसा) कोड दिया जाएगा और उसे ही डिजिपिन कहा जाएगा।   *बचाव कार्यक्रम में भी डिजिपिन से मिलेगी मदद*  अभी किसी पते में मकान नंबर, गली, ब्लॉक, आदि इस्तेमाल किया जाता है और छोटे शहर या गांव के पते में मकान नंबर या गली का भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसलिए डिलिवरी में परेशानी होती है। लेकिन जियो लोकेटेड एड्रेस कोड होने से डिजिपिन किसी खास स्थान की सटीक जानकारी देगा चाहे वह इलाका गांव में हो, जंगल में या फिर समुद्र में। सिर्फ डाक पहुंचाने में ही नहीं, आपात स्थिति में बचाव कार्यक्रम में भी डिजिपिन से मदद मिलेगी।   डिजिपिन राष्ट्रीय स्तर पर पते का ग्रिड होगा और यह सार्वजनिक होगा। किसी व्यक्ति की निजी जानकारी डिजिपिन में नहीं होगी। यह सिर्फ भौगोलिक जानकारी देगा। डाक विभाग के मुताबिक ऐसा नहीं है कि डिजिपिन के इस्तेमाल से किसी का पता बदल जाएगा। वहीं डिजिपिन को ऐसे तैयार किया जा रहा है कि किसी नए भवन, किसी नए शहर या गांव के बनने या किसी सड़के नाम बदल जाने पर कोई फर्क नहीं पड़े।   *नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम का होगा इस्तेमाल* अपने डिजिपिन की जानकारी के लिए ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) सुविधा वाले डेवाइस की जरूरत होगी। डाक विभाग जीएनएसएस सुविधा वाला वेब एप तैयार किया है जिसका बीटा वर्जन अभी जारी किया गया है। इस एप के पूरी तरह से विकसित होने और सार्वजनिक होने पर अपने डिजिपिन को आसानी से जाना जा सकेगा। इसके लिए एप में कोई लागइन करने की जरूरत नहीं होगी। सरकारी सेवाओं की डिलिवरी में भी डिजिपिन की मदद ली जाएगी।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Sep 30, 2024

इच्छा मृत्यु पर नरम रुख! स्वास्थ्य मंत्रालय ने निष्क्रिय इच्छामृत्यु पर ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पैसिव यूथनेसिया यानी निष्क्रिय इच्छामृत्यु पर ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की हैं। यह ऐसी स्थिति है जब मरीज गंभीर और न ठीक होने वाली बीमारी से जूझ रहा हो। उसके ठीक होने की कोई उम्मीद न बची हो। भारत सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए लाइलाज बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए लाइफ सपोर्ट हटाने संबंधी दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि एक लाइलाज बीमारी से पीड़ित मरीज के लिए लाइफ सपोर्ट जारी रखना बेमानी हो और मरीज के परिवार या प्रतिनिधि भी इस बात से सहमत हों, तो अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की अनुमति से लाइफ सपोर्ट हटाया जा सकता है।   *लाइफ सपोर्ट हटाने से पहले क्या जरूरी* स्वास्थ्य मंत्रालय ने 20 अक्टूबर तक इस ड्राफ्ट पर राय मांगी है। हालांकि, इस निर्णय को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। कुछ लोग इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं क्योंकि इससे मरीजों को अनावश्यक पीड़ा से बचाया जा सकता है। वहीं, कुछ लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इस निर्णय का गलत इस्तेमाल हो सकता है। इसके लिए 4 शर्तें तय की गई हैं।   *परिवार पर भी पड़ता है बोझ* जब लाइफ सपोर्ट से मरीज को कोई लाभ न मिल रहा हो। उसे पीड़ा हो रही है। जब मरीज को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया हो। मरीज या उसके परिजन लिखित में लाइफ सपोर्ट जारी रखने से मना कर दें। यह निर्णय उन मरीजों पर लागू होगा जिनके लिए वेंटिलेटर, सर्जरी या कोई और मेडिकल ट्रीटमेंट भी फायदेमंद नहीं हैं। सरकार का मानना है कि ऐसे मामलों में लाइफ सपोर्ट जारी रखना न केवल मरीज के लिए बल्कि उसके परिवार के लिए भी एक भावनात्मक और आर्थिक बोझ होता है।   *मरीज की ओर से कौन करेगा फैसला* इस फैसले पर पहुंचने से पहले एक प्राइमरी मेडिकल बोर्ड और फिर एक अन्य मेडिकल बोर्ड द्वारा मरीज की स्थिति जांची जाएगी। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस प्रक्रिया में मरीज और उसके परिवार की स्वायत्तता का सम्मान किया जाए। यह निर्णय निश्चित रूप से एक जटिल मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं मरीज की ओर से इस पर फैसला कौन करेगा जब मरीज खुद ऐसा नहीं कर पा रहा। ऐसी स्थिति में सरोगेट पर निर्भर करेगा। यह निर्णय लाइफ सपोर्ट हटाने के बारे में हो सकता है। सरोगेट कौन होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि मरीज ने पहले से कोई निर्देश दिया है या नहीं।   *कैसे इसे और बनाया जा सकता है आसान* दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार करने वाले डॉक्टरों में से एक, डॉ आर के मणि ने बताया कि टिप्पणी प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है। उन्होंने कहा, उठाए गए किसी भी मुद्दे को स्वास्थ्य मंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी के सामने रखा जाएगा। वहीं होली फैमिली अस्पताल में क्रिटिकल केयर विभाग के प्रमुख डॉ सुमित रे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्ति की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, लेकिन दुर्भाग्य से इसने प्रक्रिया को बहुत जटिल और लागू करने में कठिन बना दिया है। लेकिन, यह निश्चित रूप से एक कदम आगे है और उम्मीद है कि इस प्रक्रिया के साथ कुछ अनुभव के बाद निकट भविष्य में इसकी समीक्षा की जाएगी, ताकि इसे आसान और कम जटिल बनाया जा सके।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 29, 2024

वसुंधरा राजे बनेंगी भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष?

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। भारतीय जनता पार्टी अक्सर चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जानी जाती है. चाहे किसी राज्य में सीएम का चयन हो या फिर पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी हो, इन सबमें पार्टी आलाकमान ने कई बार मास्टरस्ट्रोक खेलकर विपक्ष को पटखनी दी है. एक बार फिर बीजेपी बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो पार्टी आलाकमान इस बार राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकती है. चर्चा है कि जल्द ही इसकी घोषणा हो सकती है.   कुछ सूत्रों का ये भी कहना है कि वसुंधरा राजे के अलावा संघ की तरफ से संजय जोशी का नाम भी अध्यक्ष पद के लिए रखा गया था. इन सबके अलावा ये भी चर्चा है कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे करके मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. हालांकि, संघ भी वसुंधरा राजे के नाम को सबसे बेहतर मान रहा है. अभी अंतिम फैसला लेना बाकी है, लेकिन वसुंधरा राजे को सोशल मीडिया पर अभी से ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की अग्रिम बधाइयां मिलने लगी हैं.   *वसुंधरा राजे क्यों हैं रेस में सबसे आगे* बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए वसुंधरा राजे का नाम यूं ही सबसे आगे नहीं है. दरअसल, वसुंधरा आरएसएस की कीरीबी बताई जाती हैं. सूत्रों के अनुसार, वसुंधरा राजे का नाम आरएसएस ने ही आगे किया है. इसके अलावा आरएसएस ने जो दूसरा नाम आगे किया है, वो संजय जोशी का है.   लेकिन इस नाम पर पीएम मोदी, अमित शाह और पार्टी के कुछ दूसरे सीनियर नेता सहमत नहीं दिख रहे हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और संजय जोशी के बीच 36 का आंकड़ा रहा है. इनके बीच रिश्तों में खटास कितनी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वर्ष 2012 में यूपी के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी सिर्फ इसलिए प्रचार करने नहीं गए थे, क्योंकि वहां के संयोजक संजय जोशी थे. ऐसे में वसुंधरा ही फ्रंट रनर दिख रही हैं.   *कहां आ सकती है अड़चन* एक्सपर्ट कहते हैं कि बेशक वसुंधरा राजे का नाम आरएसएस ने आगे किया है और वह उन्हें अध्यक्ष पद के लिए सबसे उपयुक्त मान रही है, लेकिन वसुंधरा की सबसे बड़ी अड़चन उनका पीएम मोदी और अमित शाह से अनबन है और इस वजह से खेल बिगड़ भी सकता है. वसुंधरा राजे के इन दोनों से कभी अच्छे रिश्ते नहीं रहे. राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद वसुंधरा का नाम सीएम रेस में सबसे आगे था.   लेकिन पार्टी ने उनकी जगह पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को सीएम बना दिया. यही नहीं पार्टी की जीत का क्रेडिट जब पीएम मोदी को दिया जाने लगा तो वसुंधरा राजे ने कहा कि जीत में केवल एक व्यक्ति का हाथ नहीं है. साल 2018 में भी अमित शाह और वसुंधरा राजे के बीच टकराहट की बात सामने आई थी. तब चर्चा थी कि भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान में भाजपा का मुखिया बनाना चाहते थे, लेकिन वसुंधरा ने मोर्चा खोल दिया था, जिस वजह से अमित शाह कुछ नहीं कर पाए.   *इस बयान से भी मिल रहा संकेत* हाल ही में जयपुर स्थित भाजपा मुख्यालय में मदन राठौड़ ने भाजपा राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया. इस अवसर पर वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं. वसुंधरा राजे ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति का दूसरा नाम उतार चढ़ाव है. हर व्यक्ति इसी दौर से गुजरता है. ऐसे हर व्यक्ति को तीन चीजें ध्यान में रखनी चाहिए- पद, मद और कद. इन पर सबको ध्यान देने की जरूरत है.   पद और मद स्थाई नहीं हैं. तीनों में सिर्फ एक चीज स्थाई है, और वह है कद. जो अच्छा काम करते हैं, लोग आपको याद करते हैं और कद हमेशा बना रहता है. उन्होंने कहा कि पद का मद होने से कद भी कम हो जाता है. आज के दौर में ऐसा होता रहता है. हालांकि, ये बातें उन्होंने राजस्थान के नए बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ के लिए कहीं, लेकिन इससे इशारा दूर तक का मिल रहा है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |  

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Sep 29, 2024

राहुल गांधी को पागलखाने भेजना चाहिए', राम मंदिर पर बयान के बाद महंत राजू दास का तीखा हमला

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान पर हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने कहा, "राहुल गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. हम इसका विरोध और निंदा करते हैं. मुझे लगता है कि राहुल गांधी पागल हो गए हैं. उन्हें पागलखाने में भर्ती कराना चाहिए.    लाखों राम भक्तों ने 500 साल की लंबी लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी. महंत राजू दास कहते हैं, "हर दिन इस मुद्दे पर सुनवाई होती रही. राम मंदिर को डांस पार्टी कहना सबसे मूर्खतापूर्ण बात है. कांग्रेस हमेशा से राम और सनातन के खिलाफ रही है. वे राम मंदिर के निर्माण को पचा नहीं पा रहे हैं. राहुल गांधी पूरी तरह पागल हैं और वे जो भी मन में आता है, वह बोलते रहते हैं."   *जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी'* राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा, "कांग्रेस सरकार शुरू से यह मानने से इंकार कर रही है कि राम का अस्तित्व है. इसलिए उनके नेता ऐसा बोलेंगे ही. 'जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी'. यदि राहुल जी प्राण प्रतिष्ठा को नौटंकी मानते हैं, तो उनकी सोच इसी तरह की होगी. उनकी दृष्टि में यह नौटंकी है.   लेकिन भक्तों के लिए यह प्राण प्रतिष्ठा का महत्वपूर्ण अवसर है. इसमें भगवान श्रीराम की बालक रूप में स्थापना की गई है." विश्व हिंदू प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मीडिया इंचार्ज शरद शर्मा ने राहुल गांधी की मानसिकता को विक्षिप्त बताया और कहा कि उनकी पार्टी तो राम के अस्तित्व को ही नकारती है. ऐसी भाषा का प्रयोग करना दुखद है. वह विदेशी मानसिकता से प्रभावित हैं और उनका इलाज आगरा में होना चाहिए. समाज को ऐसे लोगों को दंड देने का कार्य करना चाहिए.   *क्या है पूरा मामला?* दरअसल रायबरेली से सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अयोध्या में आयोजित राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को "नाच-गाना" बताया. राहुल गांधी ने कहा, "राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जहां नाच-गाना हो रहा था. वहां अमिताभ बच्चन को बुला लिया. उद्योगपति अंबानी और अडानी को आमंत्रित किया गया था. वहां क्या आपने किसी बढ़ई को देखा? क्या किसी किसान को देखा? कोई मजदूर दिखा? नाच गाना चल रहा है. डांस हो रहा है। प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे हैं."   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 29, 2024

त्योहारों के इस मौसम में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट ही खरीदें: मोदी ने की लोगों से अपील

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। हर महीने के आखिरी रविवार को पीएम मोदी मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हैं. यह 114वां एपिसोड है. लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चौथी बार यह रेडियो शो के जरिए अपनी बात रखी.   इस बार एपिसोड इसलिए भी खास है क्योंकि इसके टेलीकास्ट के दस साल पूरे हो रहे हैं. मोदी ने कहा, ''मन की बात' की हमारी इस यात्रा को 10 साल पूरे हो रहे हैं. 10 साल पहले 'मन की बात' का प्रारंभ 3 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन हुआ था और ये कितना पवित्र संयोग है, कि इस साल 3 अक्टूबर को जब 'मन की बात' के 10 वर्ष पूरे होंगे, तब नवरात्रि का पहला दिन होगा.   *'मन की बात के श्रोता ही असली सूत्रधार'* नरेन्द्र मोदी ने कहा, 'मन की बात की इस लंबी यात्रा के कई ऐसे पड़ाव हैं, जिन्हें मैं कभी भूल नहीं सकता. 'मन की बात' के करोड़ों श्रोता हमारी इस यात्रा के ऐसे साथी हैं, जिनका मुझे निरंतर सहयोग मिलता रहा. देश के कोने-कोने से उन्होंने जानकारियां उपलब्ध कराई. 'मन की बात' के श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं. उन्होंने कहा, "मेरा मन भी तभी गर्व से भर जाता है, जब मैं 'मन की बात' के लिए आई चिट्ठियों को पढ़ता हूं.   हमारे देश में कितने प्रतिभावान लोग हैं, उनमें देश और समाज की सेवा करने का कितना जज्बा है. वो लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर देते हैं. उनके बारे में जानकार मैं ऊर्जा से भर जाता हूं. मन की बात की ये पूरी प्रक्रिया मेरे लिए ऐसी है, जैसे मंदिर जा करके ईश्वर के दर्शन करना.'मन की बात' की हर बात को, हर घटना को, हर चिट्ठी को मैं याद करता हूं, तो ऐसे लगता है जैसे मैं ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के दर्शन कर रहा हूं."   *मीडिया हाउसेस को दिया धन्यवाद* प्रधानमंत्री ने मीडिया हाउसेस को धन्यवाद देते हुए कहा, "मन की बात के द्वारा हमने जिन मुद्दों को उठाया, उन्हें लेकर कई मीडिया हाउसेस ने मुहिम भी चलाई. मैं प्रिंट मीडिया को भी धन्यवाद देता हूं, उन्होनें इसे घर-घर तक पहुंचाया. मैं उन यूट्यूबर्स को भी धन्यवाद दूंगा जिन्होनें 'मन की बात' पर अनेक कार्यक्रम किए."   *झांसी की घुरारी नदी का किया जिक्र* झांसी की कुछ महिलाओं ने घुरारी नदी को नया जीवन दिया है. इसको लेकर बात करते हुए PM मोदी ने कहा, " झांसी में कुछ महिलाओं ने घुरारी नदी को नया जीवन दिया है. ये महिलाएं सेल्फ-हेल्प ग्रुप से जुड़ी हैं और उन्होनें 'जल सहेली' बनकर इस अभियान का नेतृत्व किया है. इन महिलाओं ने मृतप्राय हो चुकी घुरारी नदी को जिस तरह से बचाया है, उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी."   *स्वच्छ भारत मिशन को लेकर कही ये बात*   मोदी ने कहा, "स्वच्छता को लेकर पुडुचेरी के समुद्र तट पर भी जबरदस्त मुहिम चलाई जा रही है. यहां रम्या जी नाम की महिला, माहे म्युनिसिपैलिटी इसके आसपास के क्षेत्र के युवाओं की एक टीम का नेतृत्व कर रही है. इस टीम के लोग अपने प्रयासों से माहे एरिया और खासकर वहां के बीच को पूरी तरह साफ-सुथरा बना रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, "2 अक्टूबर को 'स्वच्छ भारत मिशन' के 10 साल पूरे हो रहे हैं. यह अवसर उन लोगों के अभिनंदन का है जिन्होंने इसे भारतीय इतिहास का इतना बड़ा जन आंदोलन बना दिया. ये महात्मा गांधी जी को भी सच्ची श्रद्धांजलि है, जो जीवनपर्यंत, इस उद्देश्य के लिए समर्पित रहे."   *'अमेरिका की यात्रा का किया जिक्र'*  मोदी  ने कहा, "अमेरिका की मेरी यात्रा के दौरान अमेरिकी सरकार ने भारत को करीब 300 प्राचीन कलाकृतियों को वापस लौटाया है.  अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने पूरा अपनापन दिखाते हुए डेलावेयर के अपने निजी आवास में इनमें से कुछ कलाकृतियों को मुझे दिखाया. लौटाई गई कलाकृतियां टेरकोटा, स्टोन, हाथी के दांत, लकड़ी, तांबा और कांसे जैसी चीजों से बनी हुई हैं. इनमें से कई तो चार हजार साल पुरानी है."   *संथाली भाषा को नई पहचान देने की कोशिश* पीएम मोदी ने कहा, "हमारी संथाली भाषा को डिजिटल इनोवेशन की मदद से नई पहचान देने का अभियान शुरू किया गया है. संथाली, हमारे देश के कई राज्यों में रह रहे संथाल जनजातीय समुदाय के लोग बोलते हैं. भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में भी संथाली बोलने वाले आदिवासी समुदाय मौजूद हैं."   *एक पेड़ मां के नाम अभियान को लेकर कही ये बात* एक पेड़ मां के नाम अभियान को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, "जब हमारे दृढ़ संकल्प के साथ सामूहिक भागीदारी का संगम होता है तो पूरे समाज के लिए अदभुत नतीजे सामने आते हैं. इसका सबसे ताजा उदाहरण है 'एक पेड़ मां के नाम'- ये अभियान अदभुत अभियान रहा, जन-भागीदारी का ऐसा उदाहरण वाकई बहुत प्रेरित करने वाला है. पर्यावरण संरक्षण को लेकर शुरू किये गए इस अभियान में देश के कोने-कोने में लोगों ने कमाल कर दिखाया है."   *'उत्तराखंड के गांव का भी किया जिक्र'* मन की बात' के 114वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक सीमावर्ती गांव है 'झाला'. यहां के युवाओं ने अपने गांव को स्वच्छ रखने के लिए एक खास पहल शुरू की है. वे अपने गांव में 'धन्यवाद प्रकृति' अभियान चला रहे हैं. इसके तहत गांव में रोजाना दो घंटे सफाई की जाती है. गांव की गलियों में बिखरे हुए कूड़े को समेटकर गांव के बाहर तय जगह पर डाला जाता है."   *मेक इन इंडिया को लेकर मोदी ने कही ये बात* नरेन्द्र मोदी ने कहा, "इस महीने एक और महत्वपूर्ण अभियान के 10 साल पूरे हुए हैं. इस अभियान की सफलता में देश के बड़े उद्योगों से लेकर छोटे दुकानदारों तक का योगदान शामिल है. मैं बात कर रहा हूं 'मेक इन इंडिया' की. आज मुझे ये देखकर बहुत खुशी मिलती है कि गरीब, मध्यम वर्ग और एमएसएमई को इस अभियान से बहुत फायदा मिल रहा है. उन्होंने आगे कहा, "त्योहारों के इस मौसम में आप फिर से अपना पुराना संकल्प भी जरूर दोहराइए. कुछ भी खरीदेंगे, वो मेड इन इंडिया ही होना चाहिए, कुछ भी गिफ्ट देंगे, वो भी, मेड इन इंडिया ही होना चाहिए."   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 29, 2024

हमारे समर्थन के बिना हरियाणा में नहीं बनेगी किसी की सरकार', अरविंद केजरीवाल का दावा

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार के तहत रविवार को दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुरुग्राम के बादशाहपुर में आम आदमी पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर दावा किया कि दावा किया कि इस बार आम आदमी पार्टी के सहयोग के बीच किसी की सरकार नहीं बनेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी और पीएम मोदी आम आदमी पार्टी के नेताओं से डरते हैं.   पीएम मोदी ने मुझे जेल भेजकर पार्टी को तोड़ने की कोशिश की. पांच महीने जेल में रहा. इंसुलिन की इंजेक्शन लगाने पर रोक लगा दी. फिर भी ये मेरी हिम्मत को तोड़ नहीं पाए. मैं हरियाणा का हूं. हरियाणा वालों की हिम्मत वो नहीं तोड़ सकते. बीजेपी वालों को लगता है कि अरविंद केजरीवाल हरियाणा में भी सरकार बना लेगा. हकीकत भी यही है. आम आदमी पार्टी के समर्थन के बिना इस बार हरियाणा में किसी भी पार्टी या गठबंधन की सरकार नहीं बनेगी.    *मेरा गुनाह है क्या?* अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने केवल यही गुनाह किया था कि दिल्ली के लोगों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, महिलाओं को फ्री में बस यात्रा, बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा, बिजली-पानी फ्री सहित कई अन्य सेवाएं मुफ्त में मुहैया कराई थी. दिल्ली को एजुकेशन मॉडल के रूप में प्रसिद्धि दिलाई. अब आप ही बताओ ये गुनाह है क्या?   *'पक्की वाली गारंट देता है केजरीवाल' * आप लोग भी इस बात की गांठ बांध लें, अरविंद केजरीवाल पक्की वाली गारंटी देता है. आम आदमी पार्टी को वोट दोगे, तो हरियाणा के लोगों को भी 24 घंटे बिजली फ्री मिलेगा. सारा बकाया बिजली बिल माफ कर देंगे. हरियाणा में शानदार सरकारी अस्पताल बनाएंगे.   उन्होंने कहा कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी को दिल्ली और पंजाब कि बाद हरियाण के लोगों का भी समर्थन और प्यार मिल रहा है.दिल्ली के पूर्व सीएम ने लोगों से कहा आप हमें मौका दीजिए दिल्ली और पंजाब की तरह हम हरियाणा के लोगों को भी वही सुविधाएं मुहैया कराएंगे.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 29, 2024

भाजपा सदस्यता अभियान: आधे से अधिक राज्य लक्ष्य से पीछे

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। सदस्यता अभियान के जरिये 10 करोड़ नए सदस्यों को जोड़ कर दमखम दिखाने की भाजपा की योजना पर कई राज्यों की सुस्त रफ्तार बाधा बन रही है। अभियान के चार हफ्ते बाद भी पार्टी अपने लक्ष्य का महज 42 फीसदी ही हासिल कर पाई है। आधे से अधिक राज्य दिए गए लक्ष्य का करीब एक चौथाई सदस्य ही बना पाए हैं। पार्टी नेतृत्व ने ऐसे राज्यों को अभियान की रफ्तार तेज करने का निर्देश दिया है।   सदस्यता अभियान से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश, असम, उत्तर प्रदेश को छोड़ कर लगभग सभी राज्य अपने लक्ष्य से बहुत पीछे हैं। हैरानी की बात है कि भाजपा का अभियान बिहार, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे उन राज्यों में बेहद कमजोर है जहां पार्टी सत्ता में है। इसके अलावा दक्षिण भारत के राज्यों तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल में भी अभियान में तेजी लाने की जरूरत है।   *अब तक बने 4.25 नए सदस्य* अब तक पार्टी ने 4.25 करोड़ सदस्य बनाए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश ने तय दो करोड़ के लक्ष्य का आधा एक करोड़, मध्य प्रदेश ने तय लक्ष्य 1.5 करोड़ की तुलना में 1 करोड़, असम ने तय लक्ष्य 50 लाख के मुकाबले 42 लाख सदस्य बना लिए हैं।   *इन राज्यों में बेहद धीमी रफ्तार* राजस्थान और बिहार को एक-एक करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य मिला है, मगर दोनों ने अब तक क्रमश: 25 और 30 लाख सदस्य ही बनाए हैं। तेलंगाना में सात लाख नए सदस्य बने हैं जो दिए गए 25 लाख के लक्ष्य से बहुत पीछे है। केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड और ओडिशा में भी सदस्यता अभियान अपने लक्ष्य से बहुत पीछे चल रहा है।   *अब महाभियान पर जोर* सुस्त रफ्तार के बाद पार्टी नेतृत्व ने तीन महाभियान शुरू करने का फैसला किया था। इसके तहत पहले महाभियान में 25 सितंबर को पार्टी ने अनुमानत: सवा करोड़ सदस्य बनाए। पार्टी की योजना अब पांच अक्तूबर और 15 अक्तूबर को महाभियान के जरिये चार करोड़ सदस्य बनाने की है। पार्टी ने पहले प्रतिदिन 50 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया था, हालांकि प्रतिदिन 20 से 25 लाख ही नए सदस्य बनाए जा रहे हैं।   *इन विधानसभा में किया कमाल* सदस्यता अभियान में पार्टी ने कर्नाटक की येलाहकां विधानसभा सीट पर 1.45 लाख, इंदौर-1 सीट पर 1.17 लाख और राजकोट शहर की सीट पर 1.25 लाख नए सदस्य बनाने का कमाल दिखाया है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 29, 2024

न्याय व्यवस्था को दिव्यांग बच्चों की परेशानियों पर ध्यान देने की जरूरत', सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि पुलिस थानों से लेकर अदालतों तक पूरी न्याय व्यवस्था को दिव्यांग बच्चों की परेशानियों को समझने और उसके समाधान पर ध्यान देना चाहिए। बाल संरक्षण पर नौवें राष्ट्रीय वार्षिक हितधारक चर्चा कार्यक्रम में बोलते हुए सीजेआई ने कहा कि दिव्यांग लोगों की चुनौतियां शारीरिक से भी ज्यादा हैं। उन्हें शारीरिक चुनौतियों के साथ-साथ समाज में व्याप्त पूर्वाग्रहों, रूढ़ियों और गलत धारणाओं से भी जूझना होता है।   'न्याय व्यवस्था दिव्यांग बच्चों की परेशानियों को समझे'   मुख्य न्यायाधीश ने अपने संबोधन में कहा कि 'हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पुलिस थानों से लेकर न्यायालयों तक न्याय प्रणाली इन बच्चों की परेशानियों को समझें और उनका समाधान करें। किशोर न्याय अधिनियम दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और सामुदायिक सेवा जैसे विभिन्न पुनर्वास और पुनः एकीकरण उपायों की रूपरेखा तैयार करता है। दिव्यांग बच्चों के लिए, इन उपायों को अनुकूलित किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें वह विशेष सहायता मिले जिसकी उन्हें सफल होने के लिए जरूरत है।'    राज्यों को सुनिश्चित करना चाहिए कि दिव्यांग बच्चों को अतिरिक्त सुरक्षा मिले'   दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन यूनिसेफ, भारत के सहयोग से सुप्रीम कोर्ट की किशोर न्याय समिति के तत्वावधान में किया गया था। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि 'दिव्यांगता अक्सर लिंग, जाति, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और जातीयता जैसी अन्य हाशिए की पहचानों के साथ जुड़ती है, जिससे बच्चों के साथ होने वाले भेदभाव को बढ़ावा मिलता है।' सीजेआई ने जोर देकर कहा कि राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिव्यांग बच्चों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की जाए।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 29, 2024

नोकिया और वोडाफोन साथ मिलकर भारत के प्रमुख शहरों में 5 जी नेटवर्क स्थापित करेंगे

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। नोकिया ने आज घोषणा की कि उन्हें 4 जी और 5 जी उपकरण लगाने के लिए वोडाफोन आइडिया लिमिटेड द्वारा तीन साल का समझौता किया गया है। समझौते में एलआईएल के 4 जी नेटवर्क का आधुनिकीकरण और विस्तार शामिल है, जिसमें नोकिया पहले से ही एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। तैनाती 200 मिलियन से अधिक एलआईएल ग्राहकों को प्रीमियम कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। नोकिया अपने बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि करेगा और चेन्नई और आंध्र प्रदेश में मौजूदा विक्रेता को प्रतिस्थापित करेगा, जिससे इसे सबसे बड़ा सप्लायर कवर सर्कल शामिल किया गया है जो 50% वीआईएल के लिए राजस्व उत्पन्न करेगा। यह सौदा नोकिया को अपने व्यापक, उद्योग-अग्रणी 5 जी एयरस्केल पोर्टफोलियो से उपकरणों को देखेगा, जो इसकी ऊर्जा कुशल रीफशार्क सिस्टम-ऑन-चिप प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित है। इसमें बेस स्टेशन, बेसबैंड इकाइयां, और इसकी नवीनतम पीढ़ी के हबरोक बड़े पैमाने पर एमआईएमओ रेडियो शामिल हैं। ये आसान तैनाती के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और प्रीमियम 5 जी क्षमता और कवरेज प्रदान करेंगे। नोकिया मल्टीबैंड रेडियो और बेसबैंड उपकरण के साथ एलआईएल के मौजूदा 4 जी नेटवर्क का भी आधुनिकीकरण करेगा, जो 5 जी का भी समर्थन कर सकता है।   विल ने नोकिया के उद्योग-अग्रणी नेटवर्क अनुकूलन और स्वचालन मंच, मंत्र बेटा से भी लाभान्वित किया जाएगा। यह नेटवर्क प्रदर्शन और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए स्व-कॉन्फ़िगरिंग मॉड्यूल का उपयोग करता है और अद्वितीय परिचालन चुनौतियों को हल करने के लिए विशिष्ट सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों को अनुकूलित करने के लिए तैयार और तैनात किया जा सकता है। नोकिया योजना, तैनाती, एकीकरण, और नेटवर्क अनुकूलन सेवाएं भी प्रदान करेगा। नोकिया एलआईएल का दीर्घकालिक साझेदार है और इसे अपने 2 जी, 3 जी, 4 जी, और अब 5 जी नेटवर्क की तैनाती के साथ समर्थन दिया है। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के सीईओ अक्षया मोंड्रा ने कहा: "हम अपने ग्राहकों को सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास 4 जी और 5 जी अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और नोकिया के साथ यह नया सौदा, जो शुरुआत के बाद से हमारा साथी रहा है, हमें इसे वितरित करने में मदद करेगा। 5 जी निर्बाध हाई-स्पीड कनेक्टिविटी और नागरिकों और उद्यमों को समान रूप से सहायक क्षमता में वृद्धि करेगा। यह आज के तेजी से विकसित डिजिटल परिदृश्य में बढ़ने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और दक्षता के अभूतपूर्व स्तर को भी सक्षम करेगा। नोकिया में मोबाइल नेटवर्क के अध्यक्ष टोमी उितो ने कहा: "नोकिया को अपने नेटवर्क विकास के अगले चरण में वोडाफोन विचार के साथी होने पर गर्व है।   यह हमारी दीर्घकालिक साझेदारी की निरंतरता है जो तीन दशकों से अधिक तक चली गई है और हमारे प्रौद्योगिकी पोर्टफोलियो में अपने विश्वास को हाइलाइट करती है। उन्हें हमारे उद्योग-अग्रणी, ऊर्जा कुशल एयरस्केल पोर्टफोलियो से नवीनतम उत्पादों और नवाचारों से लाभ होगा जो अपने ग्राहकों को प्रीमियम गुणवत्ता क्षमता और कनेक्टिविटी लाएगा। हम इस रोमांचक तैनाती पर वोडाफोन विचार के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं। " संसाधन और अतिरिक्त जानकारी वेबपृष्ठ: नोकिया एयरस्केल वेबपेज: नोकिया सस्टेनेबिलिटी वेबपेज: नोकिया में नोकिया के बारे में मंत्र बेटा, हम तकनीक बनाते हैं जो दुनिया को एक साथ काम करने में मदद करता है। बी 2 बी प्रौद्योगिकी नवाचार नेता के रूप में, हम अग्रणी नेटवर्क हैं जो मोबाइल, फिक्स्ड और क्लाउड नेटवर्क पर हमारे काम का लाभ उठाकर समझते हैं, सोचते हैं और कार्य करते हैं। इसके अलावा, हम पुरस्कार विजेता नोकिया बेल लैब्स के नेतृत्व में बौद्धिक संपदा और दीर्घकालिक शोध के साथ मूल्य बनाते हैं। वास्तव में खुले आर्किटेक्चर के साथ जो किसी भी पारिस्थितिक तंत्र में निर्बाध रूप से एकीकृत होते हैं, हमारे उच्च प्रदर्शन नेटवर्क मुद्रीकरण और पैमाने के लिए नए अवसर बनाते हैं। सेवा प्रदाता, उद्यम और साझेदार विश्वव्यापी ट्रस्ट नोकिया सुरक्षित, भरोसेमंद और टिकाऊ नेटवर्क प्रदान करने के लिए - और भविष्य के डिजिटल सेवाओं और अनुप्रयोगों को बनाने के लिए हमारे साथ काम करते हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 29, 2024

हरियाणा: तीसरी बार कमल खिलाने के लिए मैदान में उतरा संघ

हरियाणा, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। में भाजपा की हैट्रिक लगाने के लिए अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भी मैदान में उतर गया है। अब संघ कार्यकर्ता हरियाणा में अंदर खाते भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेंगे। संघ का उन सीटों पर खास फोकस रहने रहने वाला है जहां भाजपा थोड़ी कमजोर लग रही है। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि यदि इन सीटों पर पार्टी के साथ संघ कार्यकर्ताओं ने भी जोर लगाया तो परिणाम बदल सकता है।   इसलिए आरएसएस ने अपने पारंपरिक तरीके से काम शुरू कर दिया है। आरएसएस कार्यकर्ता घर-घर जा रहे हैं। इसके साथ सार्वजनिक स्थलों पर भी केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों पर चर्चा कर रहे हैं। हरियाणा में मतदान के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं। भाजपा से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अंतिम दिनों में भाजपा ने स्टार प्रचारकों के साथ पन्ना प्रमुखों की बूथ लेवल पर सक्रियता बढ़ा दी है। इसी के साथ आरएसएस भी सक्रिय हो गई है।   उनका एक सिद्धांत है कि जहां कम, वहां हम। इसके आधार पर वह उन सीटों पर जा रहे हैं, जहां भाजपा कमजोर दिख रही है।  राज्य में यमुनानगर, अंबाला, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, हिसार, सोनीपत और सिरसा जिलों में 23 से ज्यादा विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां कड़ा मुकाबला है। यदि भाजपा ने इन सीटों पर बढ़त बना ली तो तीसरी बार सत्ता पाने का रास्ता आसान हो सकता है।    भाजपा ने झोक दी पूरी ताकत   भाजपा की आंतरिक रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी ने पिछले कुछ दिनों में अपना चुनाव उठाया है। इसलिए शीर्ष नेतृत्व ने अब पूरी ताकत झोक दी है। आरएसएस की टीमों का भाजपा से कोई लेना-देना नहीं होगा। उनकी टीमें अलग से क्षेत्रों में जाएंगी। चुनाव से पहले भाजपा व आरएसएस के बीच उम्मीवारों के चयन से लेकर बूथ स्तर के प्रबंधन पर चर्चा हुई थी। भाजपा ने आरएसएस के सुझाव को मानते हुए इस बार 25 से ज्यादा नए चेहरों को मैदान में उतारा है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 29, 2024