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○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
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National
आपूर्ति श्रृंखला में प्रत्येक हितधारक की जिम्मेदारी है कि नागरिकों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिले
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था है, और हमें देश के विशाल कृषि संसाधनों और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी महत्वपूर्ण स्थिति को स्वीकार करके इस दिन को मनाना चाहिए। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात संवर्धन प्राधिकरण (एपीडा) के सचिव डॉ. सुधांशु ने पीएचडीसीसीआई के विश्व खाद्य दिवस सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि भारत वैश्विक व्यापार में 8वें स्थान पर है, और यह उपलब्धि कृषि आपूर्ति श्रृंखला में प्रत्येक हितधारक के प्रयासों के कारण है। सम्मेलन का विषय था "सभी के लिए भोजन: अमृत पीढ़ी के लिए सतत खाद्य प्रणाली प्राप्त करना", विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर पीएचडी हाउस, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। उन्होंने खाद्य सुरक्षा और ट्रेसिबिलिटी में भारत की वृद्धि पर प्रकाश डाला और यूरोपीय संघ को अंगूर के निर्यात के उदाहरण पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एक समय में भारतीय अंगूरों के लगभग 2,500 कंटेनरों को संदूषण की चिंताओं के कारण रोक लिया गया था, लेकिन भारत की आईटी ताकत का लाभ उठाकर, हमने ग्रेपनेट नामक पहली ट्रेसेबिलिटी प्रणाली विकसित की, जिसने इन चिंताओं को दूर किया। उन्होंने कहा कि हमने बाद में डॉटनट के साथ मूंगफली के लिए इस प्रणाली को दोहराया, जिससे भारत जमीनी स्तर पर इस तरह की प्रणाली को लागू करने वाला पहला देश बन गया। उन्होंने एक और महत्वपूर्ण सफलता का उल्लेख किया, वह थी भारत का बाजरा की वैश्विक स्थिति, जिसे कभी मोटे अनाज के रूप में जाना जाता था। 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में देखते हुए, किसी ने नहीं सोचा था कि बाजरा पास्ता या नूडल्स वैश्विक व्यंजनों का हिस्सा बन जाएंगे, लेकिन भारतीय बाजरा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंच गया है, जिसने देश की क्षमताओं को प्रदर्शित किया है। हमारे विविध जलवायु क्षेत्र हमें विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ उगाने की अनुमति देते हैं, और उद्योग वैश्विक स्तर पर विस्तार करने के लिए इसका लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आपूर्ति श्रृंखला में प्रत्येक हितधारक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नागरिकों को उत्पादन को तदनुसार व्यवस्थित करके सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिले। जैसा कि सरकार किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में काम करती है, भारत में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों मांग को पूरा करने की क्षमता है, डॉ. सुधांशु ने निष्कर्ष निकाला। पीएचडीसीसीआई के खाद्य प्रसंस्करण समिति के सह-अध्यक्ष सुमित अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य के लिए स्थिरता और पोषण हमारा संकल्प होना चाहिए। खाद्य उत्पादन के हर चरण में स्थिरता पर विचार करना और अनुसंधान को आगे बढ़ाने में शिक्षाविदों की भूमिका को पहचानना आवश्यक है। उन्होंने कहा, सभी के लिए खाद्य सुरक्षित और पौष्टिक दुनिया के लिए बड़े पैमाने पर निवेश, नवाचार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और सरकारों, निजी क्षेत्र, शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों और नागरिक समाज सहित कई अभिनेताओं के बीच व्यापक सहयोग की आवश्यकता है। जब तक सभी को पर्याप्त भोजन का मानव अधिकार नहीं मिल जाता, तब तक हम अन्य मानवाधिकारों और सतत विकास लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाएंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेज प्रो. बलराम पाणि ने भारतीय संस्कृति में भोजन के महत्व पर चर्चा की और कहा कि यह हमारी परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है- किसी को भी भूखा नहीं रहना चाहिए। पौष्टिक और स्वस्थ भोजन देश के समग्र स्वास्थ्य में योगदान देने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा, कृषि चुनौतियों का समाधान खोजने में अनुसंधान और विकास महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। युवाओं को भूख और कुपोषण को मिटाने में योगदान देने के लिए शिक्षित किया जाना चाहिए, और हमें पौष्टिक खाद्य उत्पादन बढ़ाने के लिए नए तंत्र विकसित करने चाहिए। टिकाऊ कृषि के लिए अत्यधिक कीटनाशकों के उपयोग से हटकर जैविक उर्वरकों की ओर रुख करना आवश्यक है। दिल्ली विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी-भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर अवनीश मित्तल ने कार्यक्रम की थीम के बारे में बात की और उद्योग जगत के नेताओं को शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि आज हम जिन चुनौतियों पर चर्चा कर रहे हैं, उनका समाधान करने के लिए कई शोध पत्र और बुनियादी ढाँचा उपलब्ध है, अब समय आ गया है कि हम एक साथ आएं और टिकाऊ समाधान खोजें। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 16, 2024
48 लाख कर्मियों और 67 लाख पेंशनरों को मिला 3% महंगाई भत्ता
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार में लगभग एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते 'डीए' एवं महंगाई राहत 'डीआर' में तीन फीसदी वृद्धि की सौगात मिली है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने डीए की दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। पहली जुलाई से देय महंगाई भत्ते की दर अब 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक के बाद हुई प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी है। इससे पहले कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने 30 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डीए की दरों में बिना कोई देरी किए वृद्धि करने की मांग की थी। पत्र में कहा गया कि सामान्य तौर पर महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में बढ़ोतरी का भुगतान, अक्तूबर के पहले सप्ताह में हो जाता था। इस बार केंद्र सरकार ने दशहरे पर भी ऐसी कोई घोषणा नहीं की। *'53'% डीए से होगा इतना फायदा* किसी कर्मचारी का मूल वेतन 18 हजार रुपये है तो 53 प्रतिशत महंगाई भत्ते के हिसाब से उसके वेतन में हर माह लगभग 540 रुपये बढ़ जाएंगे। कर्मचारी का मूल वेतन 25 हजार रुपये है तो उसे प्रतिमाह 750 रुपये का फायदा होगा। जिस कर्मी की बेसिक सेलरी 35 हजार रुपये है तो उसे प्रतिमाह 1050 रुपये ज्यादा मिलेंगे। 45 हजार रुपये की बेसिक सेलरी वाले कर्मी के लगभग 1350 रुपये बढ़ेंगे। ऐसे कर्मी, जिन्हें 52 हजार रुपये बेसिक सेलरी मिलती है तो डीए बढ़ोतरी पर उन्हें हर माह 1560 रुपये का फायदा होगा। 70 हजार रुपये की बेसिक सेलरी वाले कर्मचारी को लगभग 2100 रुपये का फायदा होगा। 85,500 रुपये की बेसिक सेलरी पर लगभग 2565 रुपये का इजाफा होगा। एक लाख रुपये बेसिक सेलरी वाले कर्मियों के खाते में हर माह 3000 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी होगी। आमतौर पर सितंबर महीने में होती है डीए के दरों की घोषणा। बता दें कि डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा, सितंबर माह में कर दी जाती थी। कई बार अक्तूबर के प्रारंभ में भी डीए/डीआर का एलान हुआ है। तीन अक्टूबर को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई थी। उसमें रेल कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस देने की घोषणा की गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि रेल कर्मचारियों के लिए 2029 करोड़ रुपए के बोनस को मंजूरी मिल गई है। इसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों को यह आस बंध गई थी कि 9 अक्तूबर की केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डीए की घोषणा कर दी जाएगी। 'कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स' के महासचिव एसबी यादव ने 30 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डीए की दरों में बिना कोई देरी किए वृद्धि करने की मांग की थी। उन्होंने लिखा, अक्तूबर माह में केंद्र सरकार, भत्तों व बोनस देने की घोषणा करती है तो उनका भुगतान नवंबर में हो सकेगा। *देरी पर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में था असंतोष* इन भत्तों को तय समय पर जारी न कर केंद्र सरकार, खुद लाभ कमा रही है। एसबी यादव के अनुसार, वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि महंगाई भत्ता 'डीए' और महंगाई राहत 'डीआर' एक जुलाई से देय हैं। आमतौर पर सितंबर के आखिरी सप्ताह में इसकी घोषणा कर दी जाती थी। इसके बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में कर्मचारियों को तीन महीने का बकाया भुगतान किया जाता था। इन भत्तों की घोषणा में हो रही देरी को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में गहरा असंतोष था। नवरात्र, दुर्गा पूजा उत्सव व दशहरे का पर्व निकल गया, मगर डीए/डीआर की घोषणा नहीं की गई। *क्यों देर से डीए/डीआर के दरों की घोषणा करती है सरकार?* केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए महंगाई भत्ते 'डीए' की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कई माह देरी से की जाती है। इसके द्वारा सरकार, खुद लाभ कमा लेती है। चूंकि डीए/डीआर की दरों में हुई बढ़ोतरी से सरकार पर हजारों करोड़ रुपये का भार पड़ता है। ऐसे में सरकार, डीए/डीआर की घोषणा, तीन चार माह देरी से करती है। इस अवधि के दौरान सरकार का पैसा निवेश होता है, जिस पर उसे अच्छा खासा ब्याज मिलता है। नियमानुसार, पहली जनवरी और पहली जुलाई से महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में बढ़ोतरी करने का प्रावधान है, लेकिन केंद्र सरकार हर दफा यह घोषणा करने में तीन चार माह की देरी कर देती है। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव और राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड के वरिष्ठ सदस्य सी.श्रीकुमार के अनुसार, सरकार को इस मामले में देरी नहीं करनी चाहिए। जब पहली जनवरी और पहली जुलाई से डीए बढ़ोतरी का नियम है तो इसमें कई माह की देरी क्यों हो रही है। अगर ये भत्ते देने में तीन चार माह की देरी होती है तो सरकार हजारों करोड़ रुपये बचा लेती है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 16, 2024
वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी कमांडोज को हटाने का आदेश जारी, सीआरपीएफ संभालेगी कमान
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार ने वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी कमांडोज को पूरी तरह से हटाने का आदेश जारी कर दिया है। अब देश में अगले महीने से वीआईपी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ संभालेगी। गृह मंत्रालय ने संसद सुरक्षा से हटाई गई सीआरपीएफ की बटालियन को वीआईपी सुरक्षा विंग में शामिल करने का आदेश भी दिया है। *इन वीआईपी को मिली हुई है जेड प्लस सुरक्षा* देश में नौ वीआईपी को अभी जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है, जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स के ब्लैक कैट कमांडोज द्वारा संभाली जाती है। इन नौ वीआईपी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं। अब इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ द्वारा संभाली जाएगी। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 16, 2024
नायब सैनी के हाथों में ही रहेगी प्रदेश की कमान, सरकार बनाने का दावा पेश किया
पंचकूला, 16 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। हरियाणा के नए सीएम नायब सैनी होंगे। पंचकूला स्थित भाजपा दफ्तर में भाजपा विधायक दल की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से चुन लिया गया। भाजपा के पर्यवेक्षक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव बैठक में माैजूद रहे। विधायक दल की बैठक में अनिल विज और कृष्ण बेदी ने सैनी का नाम रखा था। सैनी गुरुवार को पंचकूला में शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। बैठक के बाद सीएम नायब सैनी राज्यपाल से मिलने पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया। शाह ने कहा कि बैठक में एक ही प्रस्ताव मिला जो नायब सिंह सैनी के नाम का था। मैं उनका नाम घोषित करता हूं। नायब सैनी को बहुत बहुत बधाई देता हूं। वहीं मुख्यमंत्री सैनी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही 24 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी। गृहमंत्री अमित शाह रात को चंडीगढ़ के ललित होटल में रुकेंगे। गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह के बाद पीएम नरेंद्र मोदी हरियाणा राजभवन में मीटिंग लेंगे। भाजपा ने अपने सभी 48 विधायकों को अगले दो दिन चंडीगढ़ में ही रहने के निर्देश जारी किए हैं। होटल ललित और हरियाणा राजभवन सेक्टर-6 में काफी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। वहीं होटल हयात में छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। इनमें बिहार, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, नगालैंड और पुड्डूचेरी के सीएम शामिल हैं। *इसलिए आना पड़ा अमित शाह को* बीते मार्च में मनोहर लाल को हटाकर विधायक दल की बैठक में जब नायब सिंह सैनी का नाम रखा गया तो अनिल विज नाराज हो गए थे। वह बैठक से बाहर निकल गए थे। चुनाव से पहले अनिल विज मुख्यमंत्री की दावेदारी जता चुके हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत भी समय-समय पर दावेदारी जताते रहे हैं। लिहाजा इस तरह के विवादों से बचने के लिए शाह को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले 2022 में शाह यूपी में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर भाजपा विधायक दल की बैठक में शामिल हुए थे और योगी के नाम पर मुहर लगाई गई थी। *नेता चुनने के बाद सरकार बनाने का दावा पेश होगा* विधायक दल की बैठक में नेता के नाम पर मुहर लगने के बाद राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। इसके साथ ही राज्यपाल को अगले दिन शपथ ग्रहण करने वाले मंत्रियों की सूची सौंपी जाएगी। उसके बाद राज्यपाल विधायक दल के नेता और मंत्रियों को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित करेंगे। नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 17 अक्तूबर को पंचकूला के दशहरा ग्राउंड में होगा। *समारोह में पीएम समेत 37 लोग विशेष अतिथि होंगे* भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने बताया, समारोह में पीएम मोदी समेत 37 विशेष अतिथि होंगे। इनमें केंद्रीय मंत्री, एनडीए घटक दल के राष्ट्रीय नेता, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री शामिल हैं। हम लोग सभी के संपर्क में हैं और सौ फीसदी हाजिरी पूरी होगी। उन्होंने बताया 17 को करीब 11 बजे कार्यक्रम शुरू होगा और लगभग एक बजे तक समारोह संपन्न हो जाएगा। उधर, शपथ ग्रहण समारोह को सफल बनाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े की अध्यक्षता में चंडीगढ़ के हरियाणा निवास पर बैठक आयोजित की गई। बैठक में सीएम नायब सिंह सैनी समेत प्रदेश के बड़े पदाधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सभी पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। किसी को बाहर से आ रहे मुख्यमंत्रियों के स्वागत की जिम्मेदारी सौंपी गई है तो किसी को केंद्रीय मंत्रियों को स्टेज पर लाने तक की ड्यूटियां लगाई गई हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 16, 2024
आचार संहिता के दौरान शुरू होने वाले कार्य होंगे प्राथमिकता पर शुरू, नई विधायिका ने दिया आश्वासन
पिंजौर, 16 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। कालका क्षेत्र में बहुत से ऐसे विकास कार्य थे जो करीब दो माह पूर्व विधानसभा चुनाव के चलते लगी आचार संहिता के दौरान रोक दिए गए थे जिससे लोगों के बहुत से काम प्रभावित हो गए थे, लोगों की मांग पर मंगलवार को स्थानीय भाजपा नेता बलवान सिंह ठाकुर कालका से जनता द्वारा चुनी गई विधायिका शक्तिरानी शर्मा से मिले, ठाकुर की मांग पर शक्तिरानी शर्मा ने आश्वासन देते हुए कहा कि 17 अक्टूबर को शपथ समारोह के बाद जैसे ही हरियाणा में सरकार बन जाएगी उसके बाद कालका में सबसे पहले चुनाव में लगी आचार संहिता के दौरान जो भी क्षेत्र में विकास कार्य रुक गए थे उन्हें प्राथमिकता पर शुरु करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कालका हल्का के विकास कार्यो में कमी नहीं आने देंगे। ठाकुर ने कहा कि क्षेत्र में सबसे ज्यादा विकास कार्य कॉलोनियों को अप्रूवल न मिलने के कारण रूक गए थे। क्योंकि पुराने पिंजौर एरिया में खाली जगह के आभाव के कारण पिछले करीब 15 वर्षों से पुराने पिंजौर के बाहर आसपास एरिया में दर्जनों नई कॉलोनियां विकसित हो गई थी, परन्तु वो रैगुलर न होने के कारण उनमें कोई भी विकास कार्य नहीं हो पाए, अभी भी दर्जनों ऐसी कॉलोनियो ने रहने वाले हजारों लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, इसलिए इन लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए क्षेत्र की सभी नई कॉलोनियों को रैगुलर किया जाना जरूरी हैं। क्षेत्र में अधिकतर लोगों कारोबार धारा 7ए के कारण प्रभावित हो गया हैं धारा 7ए के खत्म होने से भी क्षेत्र के कारोबार में बड़ी राहत मिलेगी। इस मौके ठाकुर के साथ वरिष्ठ नेता तेन सिंह सहरावत और सुरेंद्र राणा, शौकीन, कपिल दत्त व भारतीय युवा मोर्चा के प्रदेश मुखिया कार्यकर्ता सदस्य मुकुल ठाकुर मौजुद रहे। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
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Oct 16, 2024
महाराष्ट्र में सिंगल फेज में 20 नवंबर को तो झारखंड में दो फेज में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग; नतीजे 23 नवंबर को
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब देश के दो राज्यों झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव के तारीखों की घोषणा हो गई है। झारखंड में दो चरणों में मतदान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पहले चरण में 13 नवंबर और दूसरे चरण के तहत 20 नवंबर को मतदान किए जाएंगे। वहीं 23 नवंबर को नतीजे जारी किए जाएंगे। वहीं महाराष्ट्र में एक ही चरण में चुनाव होंगे। 20 नवंबर को मतदान और 23 को रिजल्ट आएगा गौरतलब है कि । महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को खत्म हो रहा है। वहीं झारखंड की बात की जाए तो वहां 5 जनवरी 2025 को सदन का कार्यकाल खत्म होगा। इससे पहले अगले महीने के अंत तक मतदान की प्रक्रिया खत्म होने के आसार हैं। महाराष्ट्र में फिलहाल महायुति गठबंधन की सरकार है जिसमें शिवसेना भाजपा और एनसीपी अजीत पवार गुट शामिल है। वहीं झारखंड में महागठबंधन यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार है जिसमें कांग्रेस राजद और वाम दल भी शामिल हैं। इसका नेतृत्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर रहे हैं। *प्रेस कॉन्फ्रेस की मुख्य बातें* राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में सबसे पहले हरियाणा और जेएंडके की जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों की जनता ने खूब बढ़ चढ़कर वोट किया। महाराष्ट्र में इस बार 1 लाख 186 पोलिंग बूथ होंगे। वहीं कुल मतदाता 9 करोड़ 63 लाख हैं। झारखंड में कुल वोटर्स की संख्या 2 करोड़ 60 लाख वोटर्स हैं जिसमें 1 करोड़ 29 लाख महिला वोटर्स हैं। झारखंड में पुरुष वोटरों की संख्या 1 करोड़ 31 लाख है। 85 वर्ष की उम्र से ज्यादा के मतदाता घर से मतदान कर पाएंगे। *राजस्थान में 13 नवंबर को एक चरण उपचुनाव* राजस्थान राज्य के 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर को राजस्थान के 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के वोटिंग और रिजल्ट की तारीख का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही राजस्थान के 7 विधानसभा जहां उपचुनाव होना है वहां आचार संहिता लागू हो चुका है. इसके साथ ही महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव का भी ऐलान हो चुका है. जबकि उत्तर प्रदेश की 10, पश्चिम बंगाल की 6 असम की 5, बिहार की 4, पंजाब की 4, कर्नाटक की 3, केरल की 3, मध्य प्रदेश की 2, सिक्किम की 2, गुजरात की 1, उत्तराखंड की 1 और छत्तीसगढ़ की 1 विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव का ऐलान कर दिया गया है. राजस्थान में भी काफी समय से उपचुनाव की तारीखों के ऐलान का इंतजार किया जा रहा था. जिसका ऐलान अब कर दिया गया है. वहीं राजस्थान में भी काफी समय से उपचुनाव की तारीखों के ऐलान का इंतजार किया जा रहा था। राजस्थान की जिन 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. उसमें दौसा, झुंझुनूं, चौरासी, खींवसर, सलूंबर, रामगढ़ और देवली उनियारा विधानसभा सीट शामिल हैं. *उप-चुनावों का कार्यक्रम कुछ इस तरह रहेगा* सीईसी राजीव कुमार ने आगे उप-चुनावों के बारे में भी जानकारी दी और कहा, "उत्तर प्रदेश (यूपी) की 10 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा. केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और उत्तराखंड में 20 नवंबर को बाई-इलेक्शन होगा." *कुछ तो लोग कहेंगे ईवीएम पर चुनाव आयोग ने कह दी बड़ी बात* चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनाव आयोग ने इशारों ही इशारों में उन लोगों पर निशाना साधा जो चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। हरियाणा चुनाव के बाद एक बार फिर ईवीएम को लेकर सवाल उठे और इस बार ईवीएम बैट्री की काफी चर्चा रही। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनाव की सफलता का जिक्र किया साथ ही साथ उन्होंने एक फिल्मी गीत के सहारे चुनाव आयोग पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया। राजीव कुमार ने कहा कि कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना। राजीव कुमार ने बड़े ही विस्तार के साथ जवाब दिया और यह बताया कि क्यों ईवीएम पर शक की कोई गुंजाइश नहीं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि आगे ऐसा नहीं होगा ऐसा भी नहीं होने वाला। राजीव कुमार ने कहा कि एग्जिट पोल इस विषय पर जाना तो नहीं चाहता लेकिन इसके कई परिणाम हैं जिसको जानना भी जरूरी हो जाता है। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल के आने के बाद नतीजों को लेकर एक उम्मीद पैदा होती है चाहें जिसके फेवर में हो। लेकिन जब यह असली नतीजों से मैच नहीं करता तो इस दिशा में भी आत्मचिंतन की जरूरत है। उन्होंने पिछले कुछ चुनावों का जिक्र किया और बताया कि एग्जिट पोल गलत साबित हुए। उन्होंने कहा कि सर्वे करने वालों को देखना होगा कि सैंपल साइज क्या था। यदि मैच नहीं हुआ तो कहां चूक हुई। राजीव कुमार ने कहा कि जिस दिन पोलिंग समाप्त होती है उसके तीसरे दिन आमतौर पर काउंटिंग होती है। इस बीच एग्जिट पोल के नतीजे आए रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पहली रीयल काउंटिंग 8.30 बजे शुरू होती है लेकिन उससे पहले ही नतीजे 8 बजे से दिखने लगते हैं। *सेल्फ करेक्शन की जरूरत* उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा लगता है कि एग्जिट पोल नतीजों के हिसाब से शुरुआती नतीजे दिखाए जाते हैं। बाद में कई बार नतीजे बदले हुए दिखते हैं। राजीव कुमार ने कहा कि 9 बजकर 31 मिनट पर हम पहले फेज के नतीजे अपनी वेबसाइट पर डालते हैं। मान लेते हैं कोई रिपोर्टर पहले काउंटिंग सेंटर पर मौजूद है तो भी 9 बजे से पहले नतीजे कैसे आ रहे हैं। उन्होंने एग्जिट पोल को लेकर कहा कि हमारे हाथ बंधे हैं लेकिन सेल्फ करेक्शन की जरूरत है। *यह पेजर नहीं ईवीएम है* ईवीएम पर सवाल पूछा गया। राजीव कुमार ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि जब पेजर से विस्फोट हो सकता है तो ईवीएम हैक क्यों नहीं हो सकता। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पेजर कनेक्टेड होता है लेकिन ईवीएम कनेक्टेड नहीं होता। उन्होंने कहा कि दो मोटी बात बताता हूं। ईवीएम मशीनों की एफएलसी, फर्स्ट लेवल चेकिंग होती है। 5 और 6 महीने पहले होती है। हर उम्मीदवार के सवाल का जवाब देना हमारी जिम्मेदारी होती है। स्टोरेज में रखना बाहर निकालना, बूथ पर ले जाना सील करना, हर समय पर राजनीतिक दल एजेंट मौजूद रहते हैं। *बैट्री पर साइन की व्यवस्था* वोटिंग से 5 या 6 दिन पहले नई बैट्री डाली जाती है। मशीन के साथ ही साथ बैट्री पर भी एजेंट के हस्ताक्षर होते हैं। सिंबल ईवीएम में लगने के बाद तीन लेयर की सिक्युरिटी के बाद ही आगे बढ़ती है। सारी प्रक्रिया की वीडियो फोटोग्राफी होती है। किस नंबर की मशीन किस बूथ पर जाएगी इसको भी बताया जाता है। कहीं 5 कैंडिटेट तो कहीं 15 कैंडिडेट होते हैं और बैट्री उसी हिसाब से चलती है।हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर कांग्रेस की ओर से ईवीएम पर लगाए गए आरोपों का चुनाव आयोग ने खंडन किया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हर बार चुनाव के बाद ईवीएम को लेकर नए-नए आरोप सामने आते हैं। इस बार भी बैटरी को लेकर आरोप लगाया गया। अगली बार कुछ और आएगा। चुनाव आयुक्त बोले कि कभी कहा जाता है ईवीएम हैक हो जाती है, तो कभी कहा जाता है कि यह पेजर की तरह ब्लास्ट हो सकती है। जबकि हम हर बार आरोपों का खंडन करते हैं। इस दौरान उन्होंने ईवीएम और उसकी बैटरी को लेकर पूरी जानकारी साझा की। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमें हरियाणा की 20 विधानसभाओं को लेकर शिकायत मिली है। हर हर शिकायत का जवाब देंगे। इसके जवाब तैयार किए जा रहे हैं। हर बिंदु के साथ पूरा जवाब दिया जाएगा। इसको चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया जाएगा। हमने हर लोकसभा के आरओ को ईवीएम की कमीशनिंग से लेकर मतगणना तक हुए उपयोग की जानकारी उम्मीदवारों को देने के लिए कहा है। यह हमारा कर्तव्य भी है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 चुनावों से परिणाम बदल रहे हैं। मगर जब परिणाम अपने पक्ष में न हो तों यह कहना कि हमें परिणाम पसंद नहीं, यह गलत है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव से पांच से छह महीने पहले ईवीएम का रेंडमाइजेशन और जांच प्रक्रिया शुरू होती है। इसके बाद द्वितीय जांच प्रक्रिया, स्टोरेज में रखना, फिर स्टोरेज से निकालना, कमीशनिंग, मतदान के दिन ईवीएम को निकालना, वोट डलवाना, स्ट्रांग रूम में रखना, मतगणना के दिन स्ट्रांग रूम से निकालना और मतगणना पूरी होने तक ईवीएम की हर प्रक्रिया में राजनीतिक दल के उम्मीदवार और उनके एजेंट शामिल होते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि ईवीएम की मतदान से पांच-छह दिन पहले कमीशनिंग होती है, उस दिन इसमें बैटरी डाली जाती है। इसी दिन सिंबल भी डाले जाते हैं। कमीशनिंग के बाद बैटरी को सील करके उस बैटरी पर भी उम्मीदवार और उनके एजेंट के हस्ताक्षर होते हैं। कमीशनिंग के बाद ईवीएम उम्मीदवार और एजेंट के सामने स्ट्रांग रूम में जाती है। यहां ईवीएम की त्रिस्तरीय सुरक्षा होती है। मतदान के दिन भी यही प्रक्रिया होती है। सब दिखाया जाता है। यहां तक कि ईवीएम के नंबर भी शेयर किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि वोटिंग होने के बाद भी ईवीएम को दिखाकर उम्मीदवार के एजेंट के हस्ताक्षर होते हैं। कहीं ऐसा नहीं होता। मतगणना के वक्त भी यही पूरी प्रक्रिया होती है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ईवीएम में सिंगल यूज बैटरी होती है। बैटरी शुरू होने पर इसमें चार्ज प्रतिशत और वोल्टेज दिखता है। बैटरी को कम से कम 7.42 वोल्टेज चाहिए होते हैं। 5.8वोल्टेज होने पर बैटरी सिग्नल देती है कि बंद होने वाली है। इसलिए चुनाव आयोग ने ईवीएम को लेकर सब कुछ पारदर्शी रखा है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 15, 2024
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव ने पीएचडीसीसीआई से एमएसएमई को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर अपनाने में मदद करने का आग्रह किया
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। यदि भारत एक विकसित देश बनना चाहता है, तो एक महत्वपूर्ण तत्व अर्थव्यवस्था में डिजिटल प्रौद्योगिकी को बढ़ाना और एआई और ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी जैसे उभरते तत्वों का उपयोग करना है एस कृष्णन, सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पीएचडीसीसीआई द्वारा नई दिल्ली में अपने मुख्यालय में आयोजित डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर - रोडमैप फॉर डिजिटल इक्विटी कार्यक्रम में बोलते हुए कहा। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के लिए, एमएसएमई और क्षेत्रीय व्यवसायों तक पहुंच बनाना महत्वपूर्ण है। विषय महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पीपीपी मॉडल का पालन करने वाली पहलों का एक समूह शामिल है, जो उचित कीमतों पर एक मंच प्रदान करता है, जिसे कई व्यवसायों द्वारा अपने संचालन को आसान बनाने के लिए विकसित और उपयोग किया जाएगा। यह संस्थान न केवल भारत के लिए है, बल्कि वैश्विक स्तर पर, कई वैश्विक खिलाड़ी भी काफी रुचि व्यक्त कर रहे हैं। डिजिटल तकनीक विकासशील देशों के लिए अवसर प्रदान करती है, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय विकास के अगले चरण में छलांग लगाने की अनुमति मिलती है। यह एक क्षैतिज खंड है और भारत की अर्थव्यवस्था का लगभग 12% हिस्सा बनाता है। उन्होंने आधार, यूपीआई, डिजीलॉकर, उमंग, जीईएम पोर्टल, ओएनडीसी और ईसंजीवनी जैसे ऐप को भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे का हिस्सा बताते हुए कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास में भारत की भूमिका बहुत बड़ी है और इस बात पर जोर दिया कि कई और प्लेटफॉर्म विकसित किए जाने की जरूरत है। एमएसएमई को समर्थन देने के लिए, सार्वभौमिक ऋण बुनियादी ढांचे में बहुत सारे अवसर हैं। एमएसएमई के लिए एक और अवसर है कि। वे अपने व्यवसाय को और अधिक डिजिटल बनाने के लिए डीपीआई अनुप्रयोगों का उपयोग करें और व्यवसायों को इन मॉडलों को अपनाने में मदद करने में पीएचडीसीसीआई की भूमिका बहुत बड़ी है। समान रूप से, डेटा सुरक्षा एक प्रमुख क्षेत्र है जहां कंपनियां योगदान दे सकती हैं। इस क्षेत्र में व्यवसायों के लिए कई अवसर हैं, एस कृष्णन ने निष्कर्ष निकाला।पीएचडीसीसीआई के सह-अध्यक्ष प्रणव पोद्दार ने कहा, ऐसे युग में जहां प्रौद्योगिकी हमारे जीवन के हर पहलू को आकार दे रही है, डीपीआई की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। डीपीआई हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है, जो तेजी से डिजिटल हो रही दुनिया में नवाचार, दक्षता और समावेशिता को बढ़ावा देता है। डिजिटल भुगतान से लेकर डेटा-शेयरिंग फ्रेमवर्क, डिजिटल पहचान और आवश्यक सेवाओं तक पहुँच तक, डीपीआई यह सुनिश्चित करने की कुंजी है कि। प्रौद्योगिकी का लाभ हमारे समाज के हर कोने तक पहुँचे। इसी नज़रिए से हम आज के मुख्य विषय- 'डिजिटल इक्विटी' को संबोधित करते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल इक्विटी हासिल करने का रास्ता अपनी चुनौतियों से रहित नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे की कमी से लेकर सामर्थ्य, डिजिटल साक्षरता और यह सुनिश्चित करने तक कि सभी नागरिक, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो, इस डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में भाग लेने के लिए सुसज्जित हैं, पहुँच में महत्वपूर्ण बाधाएँ हैं। हालाँकि, मेरा मानना है कि सरकार, उद्योग और नागरिक समाज के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से, हम यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक स्पष्ट रोडमैप तैयार कर सकते हैं कि इस डिजिटल क्रांति में कोई भी पीछे न छूटे। ए के तिवारी, अध्यक्ष (नियामक और नीति), रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड ने कहा कि। डीपीआई विभिन्न प्रौद्योगिकियों के सहयोगात्मक और सामूहिक कार्य का परिणाम है जो अंतर-संचालन योग्य हैं। DPI के इस मजबूत निर्माण ने भारतीय समाज को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया है। कई विकसित देशों की तुलना में, भारत कहीं बेहतर है, जहाँ UPI और आधार ने महत्वपूर्ण मील के पत्थर स्थापित किए हैं। भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान, एक टास्क फोर्स ने डीपीआई को परिभाषित करते हुए 40-पृष्ठ का दस्तावेज़ जारी किया। परिभाषा के अनुसार, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर डीपीआई का हिस्सा नहीं है, वे दो अलग-अलग संस्थाएँ हैं। हालाँकि, डीपीआई को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर एक बुनियादी आवश्यकता है। उन्होंने दर्शकों को आगे बताया कि आज, भारत में संपूर्ण डेटा खपत प्रति व्यक्ति प्रति माह 30 जीबी है। भारत में लगभग 116 करोड़ मोबाइल उपयोगकर्ता हैं, और उनमें से 93 करोड़ के पास 4 जी या 5 जी कनेक्टिविटी है। डिजिटल साक्षरता और सामर्थ्य में अंतर के कारण बाकी लोग पीछे रह गए हैं, जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है। चुनौतियों पर आगे बोलते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि 4 जी और 5 जी को मिलाकर, 98% आबादी जुड़ी हुई है, और शेष 2% को भी पूर्ण समावेशन प्राप्त करने के लिए कवर करने की आवश्यकता है। शिवकुमार मूर्ति ने डीपीआई की परिभाषा पर चर्चा की, जिसमें कोई भी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है जो तीन चीजों को होने देता है- पहला, आधार और जीपीएस की तरह न्यूनतम नवाचार, दूसरा यह सुनिश्चित करने के लिए समावेशिता कि कोई भी पीछे न छूटे और अंत में, इंटरऑपरेबिलिटी और मानकीकरण, जो डीपीआई के मूल हैं। उन्होंने डीपीआई के प्रभाव के बारे में आगे बात की, उन्होंने कहा कि यह भारत ने डीपीआई भुगतान के माध्यम से 6 वर्षों में जो वित्तीय समावेशन हासिल किया है, उसे हासिल करने में 47 वर्ष लग गए हैं। जी7 से लेकर जी20 और ओईसीडी देशों तक, सभी ने डीपीआई को लागू किया है। डिजिटल पब्लिक गुड्स (डीपीजी) पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं और कई एसडीजी को भी कवर करते हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 15, 2024
कृषि में सतत विकास के लिए भारत को परिशुद्ध खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता है: रामनाथ ठाकुर
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। जलवायु अनुकूल कृषि समाधानों पर एसोचैम राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने जलवायु अनुकूल कृषि समाधानों पर जोर दिया, जो खाद्य सुरक्षा और ईंधन सुरक्षा दोनों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सूखा प्रतिरोधी फसलों की खेती, परिशुद्ध कृषि तकनीकों का उपयोग और संधारणीय जल प्रबंधन जैसी रणनीतियों को लागू करके, ये समाधान अप्रत्याशित जलवायु परिस्थितियों के बावजूद लगातार खाद्य उत्पादन सुनिश्चित करते हैं, जिससे समुदायों को संभावित खाद्य कमी से बचाया जा सकता है। इसके अलावा, जैव ईंधन उत्पादन के लिए जलवायु अनुकूल फसलों का उपयोग, कृषि अपशिष्ट को ऊर्जा में परिवर्तित करने वाली पहलों के साथ मिलकर, अक्षय ऊर्जा स्रोत प्रदान करके ईंधन सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करता है। यह एकीकृत दृष्टिकोण न केवल जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करता है बल्कि एक परिपत्र अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देता है जहां खाद्य और ईंधन उत्पादन एक दूसरे के पूरक होते हैं। अंततः, जलवायु-अनुकूल कृषि पद्धतियाँ खाद्य प्रणालियों की तन्यकता को बढ़ाती हैं, साथ ही साथ स्थायी ऊर्जा समाधानों को आगे बढ़ाती हैं, तथा बदलती जलवायु के सामने खाद्य कमी और ऊर्जा असुरक्षा की परस्पर जुड़ी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करती हैं। यह दर्शाता है कि सरकार की पहल, समर्पण और नवीन कृषि पद्धतियों के साथ मिलकर, हमारे किसानों के लिए परिवर्तनकारी सफलता ला सकती है, तथा चुनौतियों को अवसरों में बदल सकती है। अपने स्वागत भाषण में, एसोचैम के एग्री इनपुट्स एंड फार्मिंग प्रैक्टिसेज काउंसिल के अध्यक्ष और यूपीएल लिमिटेड के ग्लोबल सीईओ जयदेव आर श्रॉफ ने कहा कि भारत में खाद्य सुरक्षा किसानों की तन्यकता पर निर्भर करती है, क्योंकि 40% आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। अस्थिर फसल कीमतों, बदलते मौसम पैटर्न और बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति के साथ। फसल बीमा, जैव-सीएनजी और इथेनॉल पर नीतियाँ स्थायी कृषि उत्पादन के प्रमुख चालक होंगी। भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव (एनआरएम/आरएफएस) फ्रैंकलिन एल. खोबंग ने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में भारत की लगातार वृद्धि जनसंख्या की बढ़ती मांगों के बीच खाद्य सुरक्षा के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सर्कुलर इकोनॉमी दृष्टिकोण को एकीकृत करके और डीजल के साथ इथेनॉल को मिलाकर, राष्ट्र स्थायी कृषि विकास का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। चारा और फाइबर सुरक्षा, बाजरा की बढ़ती खपत के साथ, कृषि में भारत की लचीलापन को मजबूत कर रहे हैं, डॉ. प्रवीण कुमार सिंह, कृषि आयुक्त, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने साझा किया। चारा ट्रैक, बायोमास उपयोग और मांग-आधारित इथेनॉल उत्पादन जैसी पहलों के माध्यम से, राष्ट्र पोषण सुरक्षा और 'सभी के लिए एक स्वास्थ्य' दृष्टिकोण की ओर आगे बढ़ रहा है। भारत में जलवायु-लचीली कृषि के लिए कृषि-तकनीक अपनाने पर एक व्यापक रिपोर्ट, जिसे ईवाई के सहयोग से तैयार किया गया था, का इस कार्यक्रम में अनावरण किया गया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 15, 2024
जिला नगर योजनाकार के नेतृत्व में टीम द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में अवैध निर्माणों के विरूद्व तोडफोड कर की गई कारवाई
पंचकूला, 15 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। जिला नगर योजनाकार के नेतृत्व में आज सहायक नगर योजनाकार की टीम द्वारा नियत्रितं क्षेत्र रायुपर-रानी व अर्बन एरिया पंचकूला में एक अनाधिकृत काॅलोनीे के विरूद्ध तोड़-फोड़ की कार्यवाही की गई। इस कार्यवाही के दौरान गांव बड़ोना में अनाधिकृत काॅलानी रोड़ नेटवर्क को जेसीबी के द्वारा ध्वस्त किया गया। यह कार्यवाही ड्यूटी मैजिस्ट्रेट, अजमेर सिंह एवं भारी पुलिस बल की उपस्थिति में संपन्न हुई। इस संबंध में जानकारी देते हुए सहायक नगर योजनाकार ने बताया कि अवैध काॅलानी को हटाने से पहले विभाग द्वारा नोटिस भी दिए गए थे, लेकिन इस निर्माण को नहीं हटाया गया, जिस कारण विभाग को यह कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि कोई भी निर्माण करने या कोई भी काॅलोनी विकसित करने से पहले निदेशक, नगर तथा ग्राम आयोजना विभाग हरियाणा, चंडीगढ़ से अनुमति लिए बिना कोई भी अवैध निर्माण या काॅलोनी विकसित की जाती है। तो विभाग उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने के साथ-साथ अर्बन एरिया एक्ट-1975, पैरिफेरी नियंत्रित क्षेत्र-1952 तथा नियंत्रित क्षेत्र-1963 के तहत विभाग सख्त कानूनी कार्यवाही करता है। उन्होने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि विभाग से सी.एल.यु/लाईसेंस की अनुमति लिए बिना काटी गई काॅलोनियों में मकान या दुकान ना लें ताकि उनकी कड़ी मेहनत का पैसा बर्बाद न हो और अनाधिकृत अवैध निर्माणों पर रोक लग सके। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
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Oct 15, 2024
बाल दिवस के उपलक्ष्य में करवाई विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित
पंचकूला, 15 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। बाल दिवस 2024 के उपलक्ष पर जिला बाल कल्याण परिषद पंचकूला द्वारा उपायुक्त डा. यश गर्ग के मार्गदर्शन में जिला स्तर पर फैंसी ड्रेस, बेस्ट ड्रामेबाज, समूह व एकल नृत्य देशभक्ति गायन, एकल गायन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता कार्यक्रम अधिकारी मंजू चौधरी ने की। उन्होंने बताया कि सभी प्रतियोगिताओं में लगभग 14 स्कूलों के 250 बच्चों ने अलग-अलग प्रतिभा अनुसार अपनी प्रस्तुति दी। इस मौके पर जिला बाल कल्याण अधिकारी भगत सिंह ने बताया कि बाल दिवस की सभी प्रतियोगिताएं जिला स्तर पर 14 से 23 अक्टूबर 2024 तक करवाई जाएगी और इन सभी प्रतियोगिताओं के विजेता डिवीजन लेवल पर अपनी प्रस्तुति देंगे। भगत सिंह ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं से बच्चों के सर्वांगीण विकास व अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिलता है इस मौके पर सभी स्कूलों के अध्यापक /अध्यापिकाएं बच्चों के अभिभावक के साथ-साथ जिला बाल कल्याण परिषद पंचकूला के सभी कर्मचारी मौजूद थे। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 15, 2024