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उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दी चेतावनी: कुछ खतरनाक ताकतें भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहीं

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर लोगों को आगाह किया। उन्होंने कहा कि कुछ खतरनाक ताकतें भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। वे भारत का खराब रंग सबको दिखाना चाहती हैं। ऐसे प्रयासों को बेअसर करने के लिए जवाबी हमला जरूरी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि इन खतरनाक ताकतों को मानवाधिकार पर उपदेश और व्याख्यान देना तक पसंद नहीं है। उन्होंने कहा कि देश का बंटवारा, आपात काल और 1984 के सिख दंगे कुछ ऐसी घटनाएं हैं जो स्वतंत्रता की नाजुकता की याद दिलाती हैं।    धनखड़ ने कहा कि कुछ खतरनाक ताकतें हैं, जो गलत तरीके से हमें कलंकित करना चाहती हैं। इन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों के जरिये हमारे मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल उठाने के लिए भी योजना बनाकर रखी है। ऐसी ताकतों को बेअसर करने की जरूरत है। यह भारत में फिट होने के लिए जवाबी हमले और प्रतिघात करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी ताकतों ने सूचकांकों और रैंक के जरिये दुनिया को भारत का खराब रंग दिखाने की कोशिश की है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि भारत सरकार ने कोविड महामारी के दौरान  80 करोड़ लोगों को जाति और पंथ की परवाह किए बिना राशन मुहैया कराया, लेकिन फिर भी भूख सूचकांक में भारत की रैंकिंग खराब दिखाई गई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 19, 2024

पीएम मोदी अगले हफ्ते करेंगे रूस का दौरा

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-23 अक्तूबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस का दौरा करेंगे। बता दें कि इस बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन रूस के कजान में किया जा रहा है।   इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ब्रिक्स सदस्यीय देशों के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं। पीएम मोदी इससे पहले जुलाई में भी रूस का दौरा कर चुके हैं। आठ जुलाई को पीएम मोदी ने रूस का दौरा किया था। वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन को आयोजित करने के लिए रूस पहुंचे थे।    इस दौरान पीएम मोदी ने पुतिन के साथ वार्ता की, जिसके दौरान व्यापार और रक्षा सौदों सहित द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई। अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से भी सम्मानित किया गया था।   इसके अलावा पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी चर्चा हुई। बता दें कि फरवरी 2022 में मास्को की तरफ से यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली रूस यात्रा थी। इसके एक महीने बाद ही उन्होंने यूक्रेन का दौरा किया था। पोलैंड की यात्रा खत्म कर वे ट्रेन से 10 घंटे का सफर करके यूक्रेन पहुंचे थे। अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की।   *क्या है ब्रिक्स शिखर सम्मेलन*  ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अमेरिका शामिल हैं। हाल ही में मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ब्रिक्स के सदस्य बने हैं। बढ़ी हुई सदस्यता के साथ ब्रिक्स दुनिया की 45 % आबादी और 28 फीसदी अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने वाला संगठन बन गया है।     *चीनी राष्ट्रपति भी लेंगे हिस्सा*  रूस के कजान में आयोजित इस सम्मेलन में पीएम मोदी के अलावा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे। लगभग एक साल बाद पहली बार ऐसा होगा कि पीएम मोदी और जिनपिंग एक साथ एक मंच पर होंगे। इससे पहले दोनों नेताओं की मुलाकात अगस्त 2023 में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ही हुई थी।   ब्रिक्स की इस बैठक में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजेश्कियान और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी होंगे। रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराने के लिए भारत की तरफ से दिए गए शांति सहयोग प्रस्ताव पर रूसी कूटनीतिक सूत्रों ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि रूस ऐसे सभी प्रयासों का सम्मान करता है। लेकिन यूक्रेन अपनी शांति समझौता शर्तों पर ही बात करना चाहता है। ऐसे में फिलहाल न तो रूस साथ बैठने की स्थिति में है और न यूक्रेन इसके लिए राजी है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 18, 2024

भारतीय रियल एस्टेट बाजार में लचीलापन और बदलती प्राथमिकताएं दिख रही हैं: फिक्की-एनारोक रिपोर्ट

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और एनारोक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स ने आज फिक्की रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट समिट के दूसरे संस्करण में अपनी बहुप्रतीक्षित "होमबॉयर सेंटीमेंट सर्वे - एच1 2024" रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में घर खरीदने वालों की प्राथमिकताओं और बाजार की गतिशीलता में महत्वपूर्ण बदलावों का खुलासा किया गया है।   रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्षों में शामिल हैं:   1. रियल एस्टेट निवेश के लिए सबसे पसंदीदा एसेट क्लास बना हुआ है, जिसमें 59% उत्तरदाताओं ने इसका समर्थन किया है।   2. 67% खरीदार अंतिम उपयोग के लिए संपत्ति चाहते हैं, जबकि 33% निवेश करते हैं।   3. तैयार घरों की मांग में काफी गिरावट आई है। तैयार घरों और नए लॉन्च का अनुपात अब 20:25 है, जबकि H1 2020 में यह 46:18 था।   4. 51% उत्तरदाताओं ने 3BHK इकाइयों को प्राथमिकता दी, जो बड़े घरों की बढ़ती मांग को दर्शाता है।   5. 45 से 90 लाख रुपये का बजट सबसे लोकप्रिय बना हुआ है (35% प्राथमिकता), लेकिन प्रीमियम संपत्तियों की ओर रुझान है। 28% अब 90 लाख और 1.5 करोड़ रुपये के बीच की कीमत वाले घरों को पसंद करते हैं।   6. अपार्टमेंट अभी भी सबसे पसंदीदा संपत्ति प्रकार (58%) हैं, लेकिन आवासीय भूखंड लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं, खासकर दक्षिणी शहरों में।   7. शीर्ष होमबॉयर मांगें समय पर परियोजना पूरी करना (98%), बेहतर निर्माण गुणवत्ता (93%), और अच्छी तरह से हवादार घर (72%) हैं।   8. 57% निवेशक शहरों में बढ़ती किराये की दरों से प्रेरित होकर किराये की आय अर्जित करने के लिए संपत्ति खरीद रहे हैं।   9. 53% से अधिक घर खरीदार मौजूदा किफायती आवास विकल्पों से असंतुष्ट हैं, उन्होंने स्थान, निर्माण गुणवत्ता और इकाई आकार से जुड़ी समस्याओं का हवाला दिया है।   10. 8.5% से कम होम लोन ब्याज दरों का 71% उत्तरदाताओं के लिए खरीद निर्णयों पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, 9% से अधिक की दरें 87% खरीदारों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेंगी।   व्यापक सर्वेक्षण में 14 शहरों के 7,615 प्रतिभागियों से प्रतिक्रियाएँ एकत्र की गईं, जिसमें घर खरीदारों की प्राथमिकताओं में महत्वपूर्ण बदलाव और भारतीय आवासीय रियल एस्टेट बाजार में उभरते रुझान का पता चला। मुख्य भाषण देते हुए, सेबी के कार्यकारी निदेशक प्रमोद राव ने रियल एस्टेट क्षेत्र में सतत विकास को आगे बढ़ाने में नियामक ढांचे के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "उद्योग की दीर्घकालिक सफलता के लिए निवेशकों का विश्वास महत्वपूर्ण है, और सेबी का पारदर्शिता और शासन पर ध्यान इस विश्वास को बनाने में महत्वपूर्ण रहा है।" राव ने जोर दिया कि संस्थागत निवेश को आकर्षित करने में मजबूत अनुपालन और बेहतर प्रकटीकरण महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने प्रक्रियाओं को सरल बनाने और रियल एस्टेट निवेशों को व्यापार योग्य वित्तीय साधनों में बदलने के प्रयासों के लिए एकल डैशबोर्ड डेटा बैंक सहित सेबी की पहलों पर भी प्रकाश डाला, जिससे तरलता और पहुंच को बढ़ावा मिला।   इस अवसर पर, फिक्की के पूर्व अध्यक्ष और शहरी विकास और रियल एस्टेट पर फिक्की समिति के मेंटर  संदीप सोमानी ने कहा, "भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र ने उल्लेखनीय विकास दिखाया है। उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं में तैयार घरों से हटकर निर्माणाधीन संपत्तियों की ओर महत्वपूर्ण बदलाव डेवलपर्स और नियामक वातावरण में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। यह प्रवृत्ति एक परिपक्व बाजार और रेरा जैसे नियामक उपायों के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाती है।" शहरी विकास और रियल एस्टेट पर फिक्की समिति के अध्यक्ष और आरएमजेड कॉरपोरेशन के पर्यवेक्षी बोर्ड के अध्यक्ष श्री राज मेंडा ने कहा, "भारत की आर्थिक वृद्धि रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी से विस्तार कर रही है, आवासीय बाजार के 2029 तक 1.04 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 25.6% सीएजीआर से बढ़ रहा है। यह वृद्धि अल्ट्रा-लक्जरी संपत्तियों और महत्वपूर्ण निवेशों की बढ़ती मांग से प्रेरित है।   वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र भी 1,600 वैश्विक क्षमता केंद्रों और उभरते द्वितीयक बाजारों द्वारा समर्थित है। जैसे-जैसे यह क्षेत्र विकसित होता है, तकनीकी प्रगति और आरईआईटी और संकटग्रस्त संपत्तियों जैसी वैकल्पिक संपत्तियों में रुचि विविधीकरण और वैश्विक रुझानों के साथ संरेखण की आवश्यकता को उजागर करती है, जिससे उद्योग को नए अवसरों के लिए तैयार किया जाता है। एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के अध्यक्ष और संस्थापक अनुज पुरी कहते हैं, "फिक्की-एनारोक उपभोक्ता भावना सर्वेक्षण समय पर और महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वर्तमान बाजार परिवेश में समकालीन घर खरीदारों की प्राथमिकताओं का आकलन करता है और भारतीय आवासीय रियल एस्टेट में वर्तमान में महत्वपूर्ण रुझानों को उजागर करता है। सर्वेक्षण उद्योग के सभी हितधारकों को उपभोक्ता के दृष्टिकोण से भारतीय संपत्ति बाजार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।    जनवरी और जून 2024 के बीच आयोजित, यह सर्वेक्षण उद्योग के सभी हितधारकों को उपभोक्ता के दृष्टिकोण से भारतीय संपत्ति बाजार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। इसमें भौगोलिक वितरण, लिंग और आयु के संदर्भ में समग्र जनसंख्या जनसांख्यिकी का उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए सावधानीपूर्वक चुने गए 7,615 प्रतिभागी शामिल थे। टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक और सीईओ संजय दत्त ने रियल एस्टेट क्षेत्र के महत्वपूर्ण विकास पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से पारंपरिक आरईआईटी से छोटे पैमाने के आरईआईटी (एसएम आरईआईटी) में बदलाव के साथ। उन्होंने आंशिक स्वामित्व के लाभों पर जोर दिया, यह देखते हुए कि यह निवेशकों को कम पूंजी प्रतिबद्धताओं के साथ उच्च गुणवत्ता वाली परिसंपत्तियों तक पहुंचने की अनुमति देता है, जिससे रियल एस्टेट निवेश का लोकतंत्रीकरण होता है। दत्त ने सरकार के प्रगतिशील और दूरदर्शी दृष्टिकोण की भी सराहना की।   और इस क्षेत्र में नवाचार और विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के उसके प्रयासों की सराहना की। शहरी विकास और रियल एस्टेट पर फिक्की समिति के सह-अध्यक्ष गौरव पांडे ने कहा, "संस्थागत निवेशक रियल एस्टेट क्षेत्र में बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पादों के विकास के माध्यम से धन सृजन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने विभिन्न शहरों की विशिष्ट विकास कहानियों पर प्रकाश डाला, और कहा कि इस संबंध में पुणे अग्रणी है। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थिरता सभी बड़े डेवलपर्स के लिए एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बन गई है, जो जिम्मेदार और पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है जो उद्योग के भविष्य को आकार देगी।" अपने संबोधन में, शहरी विकास और रियल एस्टेट पर फिक्की समिति के सह-अध्यक्ष विपुल रूंगटा ने प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए कुशल श्रम और कार्यबल विकास में निवेश के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने उद्योग में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रभावशाली, स्केलेबल समाधान बनाने में निजी क्षेत्र की आवश्यक भूमिका को रेखांकित किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 18, 2024

मेरे जीवन के संजीवनी की तरह है आयुर्वेद: भारत के मुख्य न्यायाधीश

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने आयुर्वेद को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि संस्कृत शब्द अयुर (जीवन) और वेद (ज्ञान) से आयुर्वेद का निर्माण हुआ है। यह चिकित्सा की एक पारंपरिक प्रणाली है।   मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह और उनका परिवार काफी सालों से आयुर्वेद का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह आयुर्वेद के प्रबल समर्थक रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने अपने से जुड़ा हुआ एक किस्सा भी सुनाया। इसमें उन्होंने कहा कि आयुष के साथ में मेरा जुड़ाव कोराना काल के दौरान शुरू हुआ था। जब मैं दूसरी और तीसरी बार कोरोना से संक्रमित हुआ था तो मैंने किसी भी एलोपैथिक दवा का इस्तेमाल नहीं किया।   *सीजेआई ने शेयर किया अनुभव* सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि करीब दो साल उनकी बेटी की तबीयत बिगड़ने पर पीजीआई चंडीगढ़ में एडमिट करना पड़ा था। काफी लंबे टाइम तक एलोपैथी की दवाओं का कोई भी असर नजर नहीं आया था। इसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय संस्थान की निदेशक डॉ तनुजा नेसारी से बातचीत की। इतना ही नहीं फिर बेटी के आहार में भी बदलाव किया गया था। सीजेआई ने कहा कि आहार में जब बदलाव किया तो 24 घंटे के अंदर ही काफी असर दिखाई दिया।   *सीजेआई ने किया एनएसएसओ की रिपोर्ट का जिक्र* मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय की कुछ दिन पहले आई रिपोर्ट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 95 फीसदी ग्रामीण और 96 फीसदी शहरी भारतीय अब हमारी पारंपरिक चिकित्सा एक करोड़ लोग कर रहे योग प्रणालियों से अच्छी तरह से परिचित हैं। यह बढ़ती हुई जागरूकता आयुष प्रणालियों की मांग को दिखाती है। यह भारत के स्वास्थ्य परिवेश में आयुर्वेंद की बढ़ती भूमिका को दिखाती है। सीजेआई ने आगे कहा कि इसकी एक तस्वीर यह है कि शहरी और गांव के इलाकों में एक करोड़ से ज्यादा घरों में योग किया जाता है।   *सभी जजों पर काम का काफी दबाव* सीजेआई ने फरवरी के महीने में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में हमारे 2000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। सभी जजों पर भारी रोजाना के काम का काफी प्रेशर होता है। फाइलों को पढ़ रहे हैं और मुझे लगा कि यह जरूरी है कि हम गौर करें। इतना ही नहीं सीजेआई ने यह भी कहा था कि कर्मचारियों के जरिये हम आयुर्वेद की परंपरा के फायदे के बारे में देश के बाकी हिस्सों में प्रचार कर सकते हैं।   *चंद्रचूड़ ने पीएम मोदी के विजन की तारीफ की*  चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री मोदी के विजन की भी तारीफ की। उन्होंने आयुष मंत्रालय की सराहना करते हुए कहा मंत्रालय आयुर्वेद की वैश्विक मान्यता को मजबूत कर रहा है। हमने जी 20, ब्रिक्स और बाकी सम्मेलनों में भी मंत्रालय की लीडरशिप देखी। यह प्राकृतिक इलाज और लोगों के स्वास्थ्य और विकास में योगदान दे रहा है। कार्यक्रम में बोलते हुए, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, प्रतापराव जाधव ने आयोजकों, प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों को अपनी हार्दिक बधाई और समर्थन दिया।   "जैसा कि हम आयुर्वेद की विशाल क्षमता का पता लगाने के लिए एकत्र हुए हैं, मैं पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ एकीकृत करने के लिए आपके समर्पण की सराहना करता हूं, जो समय की मांग है। यह सम्मेलन समग्र स्वास्थ्य सेवा समाधानों की हमारी खोज में एक महत्वपूर्ण कदम है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हम आयुर्वेद की वैश्विक मान्यता को मजबूत कर रहे हैं। उनके प्रोत्साहन के कारण आयुर्वेद को किसी भी अन्य चिकित्सा पद्धति से अधिक अपनाया जा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री के प्रयासों के बाद, आयुर्वेद की विश्वसनीयता भी बढ़ी है, और मैं लाखों लोगों की सेवा करने के लिए आयुर्वेद मंत्रालय को मुझे सौंपने के लिए उनका बहुत आभारी हूं।   मैं प्रधानमंत्री मोदी के विजन के तहत आयुर्वेद मंत्रालय से जुड़ी सभी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं। आयुष मंत्रालय अनुसंधान, नवाचार और आयुर्वेद को मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवा में एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध है।" सम्मेलन के एजेंडे में आयुर्वेद, एथनोमेडिसिन, गुणवत्ता नियंत्रण, मानकीकरण, निदान, दवा वितरण, साक्ष्य-आधारित समझ और वैश्वीकरण सहित कई विषयों को शामिल किया गया। अनुभवी विशेषज्ञों ने आयुर्वेदिक प्रथाओं के व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान को साझा किया। इसमें प्रमुख ब्रांडों और संस्थानों के स्टॉल प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी शामिल थी, जो हर्बल उत्पादों, कल्याण समाधानों, आयुर्वेदिक उपचारों, अनुसंधान नवाचारों और शैक्षिक अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान करती थी।   हम वास्तव में भारत सरकार, आयुष मंत्रालय को अत्यधिक उदारता, नेतृत्व और पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक अच्छा बनाने की दृष्टि के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं जो दुनिया के सभी लोगों को लाभान्वित कर सकती है। पहले से ही, इस नेतृत्व का वैश्विक प्रभाव हो रहा है। हमने जी20, ब्रिक्स और अन्य क्षेत्रीय सम्मेलनों में नेतृत्व देखा है। पारंपरिक चिकित्सा और सभी लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए इसके योगदान पर ध्यान दें। यह अनुसंधान सहयोग, विधियों और दिशानिर्देशों की प्रगति के साथ तकनीकी प्रभाव भी डाल रहा है। “आयुष मंत्रालय अगले पांच वर्षों में आयुर्वेद की 5 प्रमुख वनस्पति विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम इन वनस्पतियों के लिए विश्व स्तर पर स्वीकृत पारंपरिक चिकित्सा के बराबर एक बेंचमार्क विकसित कर रहे हैं।   इसलिए हमने पहले ही इस पर काम करना शुरू कर दिया है, और यह कुछ बहुत ही नया है और यह है, हम प्रयास के लिए प्रतिबद्ध हैं,” आयुष मंत्रालय के सचिव वीडी राजेश कोटेचा ने कहा जो अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के बाद से हमने एक साथ की गई अविश्वसनीय यात्रा का उत्सव है,” संस्थान की निदेशक प्रो। (डॉ) तनुजा नेसारी ने कहा। सम्मेलन में तीन दिवसीय कार्यशालाएं और 15 वैज्ञानिक सत्र शामिल हैं, जिसमें 400 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए हैं। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन, एफआईजीजेड जर्मनी, एआईएसटी जापान, वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया, यूएचएन कनाडा, और आईजीआईबी, एम्स, सीएसआईआर, आईआईटी और अन्य जैसे राष्ट्रीय संस्थानों जैसे प्रमुख संगठनों के साथ शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग के माध्यम से 74 से अधिक देशों में वैश्विक उपस्थिति है   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 18, 2024

राज लूंबा द्वारा लिखित “विधवा योद्धा: वह कारण जिसने मेरे जीवन को आकार दिया

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। ब्रिटिश काउंसिल ऑडिटोरियम में लॉर्ड राज लूंबा द्वारा लिखित “विधवा योद्धा: वह कारण जिसने मेरे जीवन को आकार दिया "किताब का अनावरण  ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरून और पूर्व राजनयिक यश सिन्हा ने किया जहां इनके अलावा सुज़ैन टोबेल, ग्राहम टोबेल, डॉ. ज्ञानेश्वर मुले, एलिसन बैरेट, लेडी वीना लूम्बा, लॉर्ड राज लूम्बा, लक्ष्मी पुरी, डॉ अरुणा अभय ओसवाल, राजीव बेरी, हरजीव सिंह एवं अमित चौधरी  भी उपस्थित थे कल्पना कीजिए: एक छोटे से शहर पंजाब में रहने वाला एक युवा लड़का, सात भाई-बहनों के एक खुशहाल परिवार का हिस्सा, प्यार करने वाले माता-पिता की गर्मजोशी का आनंद ले रहा है। लेकिन त्रासदी आती है और जीवन एक नाटकीय मोड़ लेता है। अपने पिता के निधन के साथ, राज लूंबा अपनी माँ, जो 37 वर्ष की कम उम्र में विधवा हो गई थी के गहरे दुःख और सामाजिक अलगाव को प्रत्यक्ष रूप से देखता है। इस व्यक्तिगत दिल टूटने की घटना से उनके जीवन में मिशन का बीज बोया - एक ऐसा मिशन जो एक दिन दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन को बदल देगा। लॉर्ड राज लूंबा की नई लॉन्च की गई किताब, "विधवा योद्धा: द कॉज दैट शेप्ड माई लाइफ़," एक भावपूर्ण संस्मरण है जो इस उल्लेखनीय यात्रा का वर्णन करती है ।   करुणा, संघर्ष और विश्वास की शक्ति की कहानी। यह पाठकों को न केवल एक छोटे शहर के लड़के की मनोरंजक कहानी प्रदान करती है, जो यूनाइटेड किंगडम में धन और शक्ति के उच्च पदों पर पहुँच गया, बल्कि विधवापन से जुड़े कलंक को मिटाने के उसके अभियान का भी एक गहरा मार्मिक विवरण है। अन्याय का सामना करने के लिए लॉर्ड लूंबा की यात्रा उनकी माँ के प्रति एक व्यक्तिगत श्रद्धांजलि और बदलाव के लिए एक वैश्विक आह्वान दोनों है। उनकी चैरिटी, द लूंबा फाउंडेशन ने सैकड़ों हज़ारों लोगों के जीवन को छुआ है, लेकिन उनकी सफलता का असली शिखर 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस के रूप में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित किया जाना था - विधवा भेदभाव के खिलाफ़ लड़ाई में एक ऐतिहासिक क्षण। लॉर्ड राज लूंबा कहते हैं, "यह सिर्फ़ मेरी कहानी नहीं है" यह उन लाखों महिलाओं की कहानी है जो बहुत लंबे समय से अदृश्य रही हैं। विधवा योद्धा आशा की किरण है - यह याद दिलाता है कि बदलाव संभव है, चाहे समस्या कितनी भी गहरी क्यों न हो” संस्मरण का विमोचन ऐसे समय में हुआ है जब न्याय, समानता और सशक्तिकरण के विषय पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। दुनिया भर के राजनीतिक हस्तियों, व्यापारिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के समर्थन के साथ, "विधवा योद्धा" साहित्य का एक महत्वपूर्ण टुकड़ा बनने के लिए नियत है - जो पाठकों को व्यक्तिगत सफलता से परे देखने और उच्च उद्देश्य की सेवा करने के आह्वान को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 18, 2024

भारत को वैश्विक मानकों को अपनाने की आवश्यकता है: एनएफआरए, अध्यक्ष

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है, इसलिए लेखांकन और रिपोर्टिंग में वैश्विक मानकों को अपनाने के महत्व पर जोर दिया जाना चाहिए। यह बात  नई दिल्ली में आयोजित एसोचैम कार्यक्रम में राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) के अध्यक्ष डॉ. अजय भूषण प्रसाद पांडे ने कही। उन्होंने पिछले 10 से 15 वर्षों में वित्तीय समावेशन में भारत द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला, जिसमें बैंक खातों की डिजिटल पहचान और यूपीआई के माध्यम से वित्तीय लेनदेन तक पहुंच में वृद्धि का हवाला दिया गया। इसके अतिरिक्त, डीमैट खातों में वृद्धि और म्यूचुअल फंड भागीदारी में वृद्धि भारत में बढ़ते वित्तीय सशक्तिकरण को रेखांकित करती है। डॉ. पांडे ने यह भी बताया कि स्वचालन और प्रौद्योगिकी ने कर प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया है, ऑनलाइन कर दाखिल करना पूरे देश में आदर्श बन गया है, जिसके परिणामस्वरूप अब अधिकांश आयकर रिटर्न इलेक्ट्रॉनिक रूप से दाखिल किए जा रहे हैं।   उन्होंने आगे कहा, आज हमारे पास सामूहिक जिम्मेदारी और अभ्यास है, और हमें विश्वास पैदा करना, कॉर्पोरेट प्रशासन में सुधार करना और उस दिशा में काम करना जारी रखना चाहिए। हम विभिन्न जनसांख्यिकीय मापदंडों के शिखर पर हैं। चाहे वह आईटी का क्षेत्र हो या प्रबंधन या लेखा और लेखा परीक्षा, हमारे पास प्रतिभाओं की एक बड़ी संख्या है, है न? हमने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। यहाँ सवाल यह है: क्या हम कॉर्पोरेट प्रशासन और दुनिया भर में लेखा और लेखा परीक्षा व्यवसायों में अपनी पहचान बना पाएंगे? जब मैं यह कहता हूँ तो मुझे कोई संदेह नहीं है, क्योंकि मैं पिछले 7-8 वर्षों के दौरान उन अन्य सुधारों का हिस्सा रहा हूँ। भारत ऐसा करेगा, और यह कुछ ऐसा है जिस पर मुझे पूरा भरोसा है। अपने स्वागत भाषण में, एसोचैम नेशनल काउंसिल फॉर कॉर्पोरेट अफेयर्स, कंपनी लॉ और कॉर्पोरेट गवर्नेंस की अध्यक्ष सुश्री प्रीति मल्होत्रा ​​ने कहा कि एआई और रोबोटिक्स में तेजी से वृद्धि वित्तीय परिदृश्य को बदल रही है, जो स्थिरता रिपोर्टिंग और अधिक उन्नत ऑडिटिंग प्रथाओं की ओर विकास को आगे बढ़ा रही है।   प्रौद्योगिकी वास्तविक समय में लेनदेन रिकॉर्डिंग, उन्नत वित्तीय डेटा विश्लेषण और सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाती है जो संगठनों को रुझानों और अवसरों की पहचान करने में सक्षम बनाती है। चूंकि विनियामक वातावरण तेजी से जटिल होता जा रहा है, खासकर कर विनियमन और लेखा अनुपालन में, वित्तीय रिपोर्टिंग और कर संरचनाओं को अनुकूलित करना महत्वपूर्ण है। लेखा मानकों, स्थिरता लेखांकन और एकीकृत वित्तीय रिपोर्टिंग के लिए एसोचैम टास्क फोर्स के अध्यक्ष (डॉ.) अशोक हल्दिया ने कहा कि वित्तीय रिपोर्टिंग मूल्य श्रृंखला के भीतर लेखा परीक्षा और लेखा परीक्षा की गुणवत्ता के बारे में हितधारकों को जागरूक करने और सूचित करने में एनएफआरए की भूमिका महत्वपूर्ण है। सीएफओ, आंतरिक लेखा परीक्षा दल और बोर्ड इन प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जबकि लेखा परीक्षा समितियां वित्तीय रिपोर्टिंग, लेखा परीक्षा गुणवत्ता संकेतक, जोखिम प्रबंधन और साइबर सुरक्षा में आवश्यक विशेषज्ञता लाती हैं। वित्तीय रिपोर्टिंग के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि।    ऑडिट की गुणवत्ता की समीक्षा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। परिचालन समीक्षाओं के लिए नियमित निरीक्षण और जांच आवश्यक हैं, जो प्रदर्शन और पारदर्शिता के उच्च मानकों को बनाए रखने में ऑडिट फर्मों की प्रभावशीलता और जवाबदेही सुनिश्चित करते हैं। अभिषेक रारा चार्टर्ड अकाउंटेंट ने विलय और अधिग्रहण गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जो छोटी कंपनियों को बड़े पैमाने पर आगे बढ़ने और सटीक रिपोर्टिंग शुरू करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। जैसे-जैसे भारत एक वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में उभर रहा है, जोखिम प्रबंधन अब केवल ऑडिट फर्मों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि निवेशकों, सीईओ और अन्य हितधारकों की भी जिम्मेदारी है। इसके अतिरिक्त, भू-राजनीतिक जोखिम, जिन्हें अक्सर कम रिपोर्ट किया जाता है, सीमा पार प्रबंधन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं, जिससे कंपनियों के लिए इन संभावित चुनौतियों के प्रबंधन और प्रकटीकरण में सक्रिय होना आवश्यक हो जाता है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन भी एक सबसे बड़ा कारक है जो वित्तीय रिपोर्टिंग में बदलाव ला रहा है।   जयदीप एस त्रसी, डिप्टी मैनेजिंग पार्टनर, ट्रू एंड फेयर प्रोफेशनल्स नेटवर्क ने साझा किया कि कैसे इस विकसित परिदृश्य में, ऑडिट समितियाँ ईएसजी कारकों को रिपोर्टिंग ढाँचों में एकीकृत करके, सुशासन को बढ़ावा देकर और भविष्य के लिए एक स्थायी जनादेश बनाने के लिए वैश्विक उद्योग मानकों के साथ संरेखित करके महत्वपूर्ण मूल्य जोड़ने के लिए तैयार हैं। राहुल अग्रवाल पार्टनर - ऑडिट और एश्योरेंस, एम एस के ए एंड एसोसिएट्स ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में कॉरपोरेट्स को सटीक रिपोर्टिंग को प्राथमिकता देनी चाहिए, खासकर ऐसे बदलाव जो आज व्यवसायों के लिए सबसे बड़ा जोखिम पैदा करते हैं। इन जोखिमों को संबोधित करने और पारदर्शी रूप से रिपोर्ट करने की आवश्यकता है। नैतिक चिंताएँ और साइबर सुरक्षा जो वित्तीय डेटा की अखंडता को बनाए रखने में प्रमुख विचार हैं। बीडीओ और एसोचैम द्वारा लेखांकन और रिपोर्टिंग के बदलते परिदृश्य "वैश्विक मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना" विषय पर एक संयुक्त ज्ञान रिपोर्ट का अनावरण किया गया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 18, 2024

भारत का सहकारी क्षेत्र ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए तैयार है: डॉ. आशीष कुमार भूटानी

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत के ‘विकसित भारत’ की ओर बढ़ने की यात्रा में सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने पीएचडी हाउस, नई दिल्ली में आयोजित “संबंधों को मजबूत करना | मिलकर विकसित भारत का निर्माण करना” विषय पर पीएचडीसीसीआई के राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में इस क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया।   भारत में दुनिया की लगभग 25% सहकारी समितियाँ स्थित हैं, भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. भूटानी ने इस क्षेत्र की मजबूत नींव और परिवर्तनकारी क्षमता को रेखांकित किया। “यह पहली बार है जब आम सभा और वैश्विक सहकारी सम्मेलन भारत में हो रहा है, जो एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एनसीओएल, बीबीएसएसएल और एनसीईएल, तीन राष्ट्रीय सहकारी समितियों ने इस क्षेत्र में परिवर्तन का नेतृत्व किया है। डॉ. भूटानी ने सहकारी समितियों के लिए सरकार के स्पष्ट दृष्टिकोण पर विस्तार से बात की और विकसित भारत के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।   तीन साल पहले स्थापित सहकारिता मंत्रालय ने प्रमुख मुद्दों को संबोधित करने, व्यापक एकीकरण सुनिश्चित करने और क्षेत्र को मजबूत करने में पर्याप्त प्रगति की है। प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ हमारी पहलों की नींव हैं। हमने राज्यों के परामर्श से एक मॉडल उप-कानून का मसौदा तैयार किया है, जिससे पीएसीएस को 25 से अधिक गतिविधियों के लिए पात्र बनाया जा सके," उन्होंने कहा। परिचालन चुनौतियों को संबोधित करते हुए, उन्होंने पीएसीएस को ग्रामीण बुनियादी ढांचे के साथ एकीकृत करके और एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देकर पारदर्शिता बढ़ाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला।   *सचिव ने सहकारी विकास के उद्देश्य से तीन प्रमुख पहलों की घोषणा की:* 200,000 नई बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों की स्थापना: अगले पांच वर्षों में वंचित क्षेत्रों को कवर करना। श्वेत क्रांति 2.0: वंचित क्षेत्रों में डेयरी किसानों को बाजार तक पहुंच प्रदान करके और संगठित क्षेत्र में डेयरी सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में डेयरी सहकारी समितियों की दूध खरीद में 50% की वृद्धि करने का लक्ष्य। इससे महिलाओं को सशक्त बनाने और कुपोषण और अन्य बहुआयामी मुद्दों से निपटने में भी मदद मिलेगी। सहकारी समितियों के बीच सहयोग: क्षेत्र के भीतर सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ाना।   पीएचडीसीसीआई के सहकारिता पर टास्क फोर्स के अध्यक्ष विनीत नाहटा ने उद्योग के दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया, जिसमें सहकारी क्षेत्र के साथ उद्योग के एकीकरण पर जोर दिया गया। कोविड-19 महामारी पर विचार करते हुए, उन्होंने सहकारी क्षेत्र के लचीलेपन और प्रभावी प्रबंधन की प्रशंसा की, जिसने भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 24% की वृद्धि में योगदान दिया। नाहटा ने कहा, "चुनौतियों से निपटने और मजबूत होकर उभरने की इस क्षेत्र की क्षमता वैश्विक केस स्टडी के रूप में काम करती है," उन्होंने सहकारिता मंत्रालय को इसके निरंतर प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं। उनाती एग्री एलाइड एंड मार्केट मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के अध्यक्ष विक्रांत डोगरा ने जम्मू और कश्मीर में क्षेत्रीय सफलताओं पर प्रकाश डाला।   जहां सहकारी समूह सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को बेहतर बना रहे हैं। उन्होंने उन्नति तलवारा सहकारी की सफलता की कहानी साझा की, जिसमें 300 महिलाएं कार्यरत हैं और लगभग ₹100 करोड़ का मुनाफा कमाती हैं। उन्होंने कहा, "एक विकसित भारत के लिए सहकारिता आंदोलन को मजबूत करना आवश्यक है। हमारा मॉडल क्षेत्रीय विकास का समर्थन करता है और सबसे दूरदराज के क्षेत्रों में व्यक्तियों तक पहुंचता है।" एनसीयूआई की डिप्टी सीईओ सावित्री सिंह ने शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए पीएचडीसीसीआई की सराहना की और ग्रीन, व्हाइट और अब ब्लू क्रांतियों के माध्यम से सहकारी क्षेत्र के विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस क्षेत्र की बढ़ती सदस्यता और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर विश्वास व्यक्त किया।   उन्होंने कहा, "विश्व स्तर पर, मजबूत सहकारी समितियां विकसित देशों की पहचान हैं, जो अपने स्थायी प्रभाव को प्रदर्शित करती हैं।" भारतीय चावल निर्यातक संघ (आईआरईएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रेम गर्ग ने हरियाणा के जुलाना में शुरू किए गए कीटनाशक मुक्त चावल अभियान जैसी पहलों में सरकारी समर्थन का आह्वान किया। उन्होंने पुष्टि की, "आईआरईएफ 14 राज्यों में किसानों को कीटनाशकों के उपयोग को कम करने के बारे में शिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है और क्षेत्र के विकास के लिए पूरी तरह से सहयोग करने के लिए तैयार है।" शिखर सम्मेलन का समापन करते हुए पीएचडीसीसीआई के उप महासचिव डॉ. जतिंदर सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और 8 नवंबर को गुवाहाटी में होने वाले पीएचडीसीसीआई के अगले शिखर सम्मेलन की घोषणा की, जिसमें सहकारी आंदोलन को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 18, 2024

जस्टिव संजीव खन्ना होंगे देश के नए चीफ जस्टिस

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठ जस्टिस संजीव खन्ना को मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी है. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो रहे हैं. जस्टिस खन्ना 11 नवंबर से चीफ जस्टिस बनेंगे. उनका कार्यकाल लगभग 6 महीने का होगा. जस्टिस संजीव खन्ना अगले साल 13 मई 2025 को रिटायर होंगे.   *केंद्र सरकार ने सिफारिश भेजने के लिए कहा था* इससे पहले केंद्र सरकार ने पिछले शुक्रवार को सीजेआई को पत्र लिखकर मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर के अनुसार अपनी सिफारिश भेजने को कहा था. जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था. उन्होंने साल 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया था. उन्होंने शुरुआत में तीस हजारी परिसर स्थित जिला अदालतों में प्रैक्टिस की और बाद में दिल्ली हाई कोर्ट और न्यायाधिकरणों में चले गए.   *कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?* उन्होंने आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में लंबे समय तक कार्य किया और 2004 में उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) नियुक्त किया गया. वह दिल्ली हाईकोर्ट में अतिरिक्त लोक अभियोजक और एमिकस क्यूरी के रूप में कई आपराधिक मामलों में पेश होकर बहस कर चुके हैं. साल 2005 में वह दिल्ली हाई कोर्ट के एडिशनल जज के रूप में पदोन्नत हुए और 2006 में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए.   दिल्ली हाई कोर्ट के जज के रूप में उन्होंने दिल्ली अकादमी, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला कोर्ट के अध्यक्ष/प्रभारी का पद भी संभाला है. जस्टिस संजीव खन्ना 18 जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बनाया गया. जस्टिस खन्ना उन जजों में से हैं, जिन्हें किसी भी हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनने से पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत कर दिया गया था.उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष का पद संभाला और वर्तमान में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 18, 2024

बुद्ध से सीखें और खत्म करें युद्ध', पीएम मोदी ने पूरी दुनिया से की अपील

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अभिधम्म दिवस पर दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में बौद्ध भिक्षुओं को संबोधित किया. अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुद्ध बोध भी है और बुद्ध शोध भी है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में हो रहे जंग को शांत करने का भी मंत्र दिया.   *दुनिया से किया युद्ध रोकने की अपील* पीएम मोदी ने कहा, "आज मैं बहुत विश्वास के साथ कहता हूं कि पूरी दुनिया को युद्ध में नहीं, बुद्ध में समाधान मिलेगा. आज अभिधम्म दिवस के अवसर पर मैं पूरी दुनिया से अपील करता हूं कि बुद्ध से सीखें, युद्ध को खत्म करें, शांति का मार्ग प्रशस्त करें क्योंकि बुद्ध कहते हैं शांति से बड़ा कोई सुख नहीं है."   उन्होंने कहा, "यह मेरा सौभाग्य है कि मेरे जन्म के समय से भगवान बुद्ध से जुड़ने की जो यात्रा शुरू हुई, वह निरंतर जारी है. मेरा जन्म गुजरात के वडनगर में हुआ, जो कभी बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र था... पिछले 10 वर्षों में मुझे भारत के ऐतिहासिक बौद्ध स्थलों से लेकर दुनिया के विभिन्न देशों में, नेपाल में भगवान बुद्ध की जन्मस्थली के दर्शन से लेकर मंगोलिया में उनकी प्रतिमा के अनावरण तक, अनेक पवित्र आयोजनों में भाग लेने का अवसर मिला है."   *'पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया'* पीए मोदी ने कहा, "पाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता देना भगवान बुद्ध की महान विरासत का सम्मान है. इस वर्ष अभिधम्म दिवस के आयोजन के साथ एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी जुड़ी है. भगवान बुद्ध के अभिधम्म, उनकी वाणी, उनकी शिक्षाएं जिस पाली भाषा में विरासत के तौर पर विश्व को मिली है, इसी महीने भारत सरकार ने उस पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है."   पीएम मोदी ने कहा, "आजादी से पहले आक्रमणकारियों ने भारत की पहचान मिटाने की कोशिश की और आजादी के बाद लोग गुलाम मानसिकता के शिकार हो गए. भारत में एक ऐसा इकोसिस्टम बन गया था, जो हमें गलत दिशा में धकेलने का काम करता था, लेकिन आज देश आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास और आत्म-गौरव के साथ आगे बढ़ रहा है, खुद को हीन भावना से मुक्त कर रहा है. इस बदलाव के कारण देश साहसिक निर्णय ले रहा है."   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 18, 2024

भारत 6Gजी एलायंस के लिए मानक बनाने की प्रक्रिया में एक रचनात्मक भूमिका निभाएगा: ज्योतिरादित्य सिंधिया

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। इंडिया मोबाइल कांग्रेस के दूसरे दिन की शुरुआत ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री की नाश्ते की बैठक से हुई, जिसमें प्रमुख वैश्विक कंपनियों के प्रमुख सीईओ ने ‘लीडिंग इन द मोमेंट: द फ्यूचर इज़ नाउ’ विषय पर चर्चा की। इस अवसर पर संबोधित करते हुए, सिंधिया ने 6जी की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला, आर्थिक विकास और तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ाने में इसकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे 6जी मानक विकसित होते हैं, सॉफ्टवेयर-केंद्रित तकनीक की ओर बदलाव भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है, जिसमें हमारे इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर प्रतिभाओं का एक बड़ा समूह है।"    केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि, "भारत 6जी एलायंस 6जी के लिए मानक बनाने की प्रक्रिया में एक रचनात्मक भूमिका निभाएगा और 6जी पेटेंट का 10% भारत से आएगा।" विश्व बंधु बनने की भारत की बढ़ती छवि के बारे में बात करते हुए सिंधिया ने कहा कि, "वैश्विक दक्षिण की आवाज़ के रूप में, भारत ऐसी तकनीक की वकालत करना जारी रखेगा जो सभी के लिए समावेशी और सस्ती हो।" भारत 6जी एलायंस द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम 6जी तकनीक में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत 6जी एलायंस भारतीय उद्योग, शिक्षा, राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों और मानक संगठनों की एक सहयोगी पहल है।  दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने मुख्य भाषण दिया, जिसमें भारत को दूरसंचार में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करने के लिए 6जी अवसंरचना विकसित करने के महत्व पर बल दिया।   उन्होंने भारत के लिए मजबूत 6जी अवसंरचना बनाने और वैश्विक दूरसंचार क्षेत्र में अग्रणी स्थान बनाए रखने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। एक कुशल कार्यबल विकसित करना और वैश्विक शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करना महत्वपूर्ण होगा क्योंकि हम 6जी को लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "अगले 6-8 वर्षों में इस पर काम किया जाएगा।" आईएमसी के दूसरे दिन उद्योग जगत के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने प्रासंगिक विषयों पर विचार-विमर्श किया, जिसमें विकसित भारत के लिए भविष्य का डिजिटल बुनियादी ढांचा, भविष्य के स्वायत्त नेटवर्क को संचालित करने वाला एआई और साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की बढ़ती भूमिका शामिल है। दूसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय 6जी संगोष्ठी का उद्घाटन, ओपन सिग्नल द्वारा टेलीकॉम स्मार्ट सिटीज़ इंडेक्स का शुभारंभ और 5जी परीक्षण प्रयोगशालाओं के शिक्षाविदों के साथ कार्यशाला भी आयोजित की गई।   *अंतर्राष्ट्रीय 6जी संगोष्ठी का उद्घाटन* भारत मोबाइल कांग्रेस के दौरान अंतर्राष्ट्रीय 6जी संगोष्ठी में संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया द्वारा अंतर्राष्ट्रीय 6जी संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया। वैश्विक 6जी नवाचार का नेतृत्व करने की भारत की महत्वाकांक्षा पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत, जिसने सबसे तेज़ 5जी रोलआउट में से एक को सफलतापूर्वक लागू किया है, अब सभी के लिए समावेशी, सुलभ और किफ़ायती मानकों के साथ 6जी के भविष्य को आकार देने के लिए तैयार है। उन्होंने साइबर सुरक्षा के महत्व और 6जी विनियमों के निर्माण में योगदान देने की भारत की क्षमता को रेखांकित किया।   *ओपनसिग्नल द्वारा टेलीकॉम स्मार्ट सिटीज इंडेक्स का शुभारंभ* ओपनसिग्नल की भारतीय शहरों की डिजिटल तत्परता रैंकिंग 50 भारतीय शहरों के मोबाइल बुनियादी ढांचे का आकलन करती है, जो 4जी/5जी उपलब्धता, निरंतर गुणवत्ता और समग्र डाउनलोड गति के माध्यम से स्मार्ट सिटी परिवर्तन के लिए उनकी तत्परता को उजागर करती है। भारत में शीर्ष 5 रैंक वाले शहर हैं: श्रीनगर, आगरा, फरीदाबाद, जयपुर और पटना। 5जी परीक्षण प्रयोगशालाओं के शिक्षाविदों के साथ कार्यशाला - 5जी परीक्षण प्रयोगशालाओं के शिक्षाविदों के साथ कार्यशाला में 5जी+/6जी मानक के लिए स्वदेशी 5जी नेटवर्क को बढ़ाने, एंटरप्राइज़ निजी नेटवर्क की भूमिका, 5जी/5जी+ के साथ नेटवर्क परिवर्तन और एंटरप्राइज़ वर्टिकल के लिए अनुप्रयोग, औद्योगिक 5जी उपयोग के मामले और 5जी एसीआईए द्वारा उनके परीक्षण बेड में किए गए लाइव डेमो पर चर्चा शामिल थी। नेताओं ने उद्योगों, स्वास्थ्य सेवा, स्मार्ट ग्रिड, कृषि, शिक्षा आदि में 5जी उपयोग के मामलों पर विचार-विमर्श किया।   इस दिन महत्वपूर्ण सत्र और पैनल भी आयोजित किए गए, जिनमें शामिल थे: न्यायसंगत एआई के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाना, भविष्य का अनावरण: नई तकनीक के लिए महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि, डिजिटल क्षेत्र को सुरक्षित करना: साइबर रक्षा को बढ़ाना, टेकोस निजी नेटवर्क के भविष्य का नेतृत्व कर रहा है, एआई भविष्य के स्वायत्त नेटवर्क को आगे बढ़ा रहा है (भाग ए), एआई-वर्धित प्रसंस्करण: चिपसेट का भविष्य, जेन एआई को नेविगेट करना: चुनौतियों और अवसरों को आगे बढ़ाना, विकसित भारत के लिए भविष्य का डिजिटल बुनियादी ढांचा, स्मार्ट सिटीज इंडेक्स लॉन्च, साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की बढ़ती भूमिका, सैटेलाइट संचार: डिजिटल राष्ट्र की नब्ज, एक सतत डिजिटल भविष्य के लिए डीकार्बोनाइजिंग। दूसरे दिन 100 से अधिक सत्र आयोजित किए गए जिसमें उभरती प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी क्षमता और दूरसंचार, सैटकॉम, सेमीकंडक्टर, साइबर सुरक्षा, शिक्षा, क्लाउड और एज कंप्यूटिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण जैसे उद्योगों में एआई की भूमिका और दुनिया भर में समाज और अर्थव्यवस्था पर उनके प्रभाव पर प्रकाश डाला गया।   *इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 के दूसरे दिन उद्योग जगत केविचार:* डॉ. नीरज मित्तल, सचिव, दूरसंचार विभाग ने कहा, “भारत प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नवाचार के लिए एक केंद्र बिंदु बन रहा है। आईएमसी और आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए उत्पादों को प्रदर्शित करने, मानक निर्धारित करने और सहयोग को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 6जी गठबंधन में अग्रणी के रूप में, भारत का लक्ष्य अनुसंधान, मानकीकरण और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को आगे बढ़ाने के लिए भागीदारों के साथ सहयोग करना है। संयुक्त अनुसंधान प्रयास, नीति सामंजस्य और कुशल जनशक्ति का विकास प्रमुख प्राथमिकताएं हैं। इन पहलों के माध्यम से, भारत खुद को 6जी प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना चाहता है और नवाचार और विकास को आगे बढ़ाना चाहता है।” डी श्रीधर बाबू, आईटी मंत्री, तेलंगाना ने कहा, “तेलंगाना नवाचार के एक प्रकाश स्तंभ के रूप में खड़ा है, जो हमारे राज्य की तकनीकी और शैक्षणिक क्षमता को उजागर करने वाले प्रभावशाली आंकड़ों का दावा करता है। हमारे पास 1.5 लाख इंजीनियर, 1 लाख एसटीईएम स्नातक और कुल 2.5 लाख स्नातक हैं जो हमारे गतिशील कार्यबल को बढ़ावा देते हैं।   तेलंगाना इस विकास का दोहन करने के लिए अद्वितीय स्थिति में है। एआई पावरहाउस बनने का हमारा दृष्टिकोण न केवल दूरदर्शी है, बल्कि सावधानीपूर्वक क्रियान्वित भी है। हम अत्याधुनिक कंप्यूटिंग क्षमता, एकीकृत एआई सेवाओं और एआई स्टार्टअप के लिए पर्याप्त फंडिंग की विशेषता वाला एआई-तैयार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित कर रहे हैं। इस विजन के मूल में तेलंगाना एआई मिशन है, जो हमारी एआई रणनीति को आगे बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए गए सात आधारभूत स्तंभों पर बना है। इन स्तंभों में यंग इंडिया स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी, एआई क्षमता, एआई में भरोसा, एआई सिटी, प्रमुख उद्योगों के लिए सीओई, जमीनी स्तर के लिए एआई और शासन में एआई शामिल हैं।  सीओएआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. एसपी कोचर ने कहा, "जैसे-जैसे तकनीक अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रही है, नीतियों और विनियमों को तेजी से अनुकूल होना चाहिए। नेटवर्क सीमाओं, डेटा संप्रभुता और 5जी और उससे आगे के क्षेत्रों में मानव-मशीन इंटरफेस के एकीकरण की बढ़ती जटिलता सार्वजनिक-निजी भागीदारी के निर्बाध मिश्रण की मांग करती है। निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर और एआई और ब्लॉकचेन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को एकीकृत करके, हम ऐसी नीतियां बना सकते हैं जो गतिशील, इंटरैक्टिव और भविष्य के लिए तैयार हों।   क्वांटम कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकें इन नीतियों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, लेकिन वे डेटा संप्रभुता और वैश्विक व्यक्तिगत कराधान व्यवस्था (जीपीटीआर) जैसी चुनौतियाँ भी लेकर आती हैं, जो स्वाभाविक रूप से तकनीक द्वारा समर्थित नहीं हैं। ये अवधारणाएँ डिजिटल बुनियादी ढाँचे के लिए अलग हैं, फिर भी कानून ऐसी नीतियों को लागू करना जारी रखते हैं जो मौजूदा प्रणालियों की तकनीकी क्षमताओं के अनुरूप नहीं हैं।” एरिक्सन के सीटीओ एरिक एकुडेन ने कहा, "हम वर्तमान में क्लाउड और नेटवर्क एकीकरण के लिए ओपन एपीआई का उपयोग करते हुए एक कार्यक्रम लागू कर रहे हैं, जिसका लक्ष्य अगले दशक में नेटवर्क को व्यवसाय के लिए समान रूप से खोलना है। ऐतिहासिक रूप से, ध्यान उपभोक्ता की जरूरतों को पूरा करने पर था, लेकिन भविष्य में, जोर सामाजिक जरूरतों का समर्थन करने की ओर जाएगा। हालाँकि भारत 5जी रोलआउट के शुरुआती चरणों में है, लेकिन इसमें काफी संभावनाएँ हैं। भविष्यवाणियाँ मोबाइल प्रौद्योगिकी अपनाने में पर्याप्त वृद्धि का संकेत देती हैं, आने वाले वर्षों में लाखों घरों के जुड़ने की उम्मीद है। 5जी तकनीक तक यह पहुँच उद्यम उन्नयन और सरकारी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी, जो नवाचार की अगली लहर के लिए मंच तैयार करेगी।    चल रहे शोध और मानकीकरण प्रयास वर्तमान तकनीकों से 6जी जैसी भविष्य की तकनीकों में सुचारू रूप से माइग्रेशन पर ध्यान केंद्रित करते हैं।" लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. भट्ट (सेवानिवृत्त), डीजी, आईएसपीए ने कहा, "हमें इस तथ्य को संबोधित करना चाहिए कि भारत की 40% आबादी, जो ऑफ़लाइन रहती है, संयुक्त राज्य अमेरिका की आबादी से लगभग दोगुनी है। डिजिटल डिवाइड हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक स्पष्ट है, जहाँ पारंपरिक बुनियादी ढाँचे को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। फाइबर ऑप्टिक केबल और मोबाइल टावर, जो हमारे मौजूदा इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर की रीढ़ हैं, महंगे हैं और अक्सर दूरदराज और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में लागू करना अव्यावहारिक है। संचार सबसे बड़ा राजस्व स्रोत बना रहेगा, क्योंकि नए नक्षत्र उपग्रह संचार की पहुंच का विस्तार कर रहे हैं, खासकर दूरदराज के इलाकों में गतिशीलता के लिए, और बहुत बड़ी संख्या में उपग्रहों की पारंपरिक मांग को कम कर रहे हैं। यूटेलसैट वनवेब, स्पेसएक्स और अमेज़ॅन के कुइपर सहित कई नक्षत्र पहले से ही मौजूद हैं, और जल्द ही और भी उभरने की उम्मीद है। ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की उपलब्धता के साथ यह बाजार तेजी से बढ़ेगा। भारत में सैटेलाइट बाजार में तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है।   2025 तक सैटेलाइट इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या छह गुना बढ़कर लगभग दो मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।" भारत 6जी एलायंस के अध्यक्ष एन. जी. सुब्रमण्यम ने कहा, "हालांकि भविष्य की भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन अगर हम निरंतर नवाचारों के साथ बिंदुओं को जोड़ते रहेंगे तो हम मनुष्यों और मशीनों और विभिन्न अन्य उपकरणों के बीच सहज कनेक्शन देखेंगे। निस्संदेह, हम उभरती डिजिटल और संचार प्रौद्योगिकियों के साथ अपार संभावनाओं का आकलन कर रहे हैं। हालाँकि, इसके लिए, इन विचारों को परिणाम तक पहुँचाने और पृथ्वी पर जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने के लिए एक विश्वसनीय, सुरक्षित और भरोसेमंद अगली पीढ़ी का नेटवर्क आवश्यक है। हम भारत 6जी एलायंस में शिक्षाविदों, टीएसपी, आरएंडडी संगठनों और ओईएम के साथ मिलकर काम करके इस भविष्य की कल्पना कर रहे हैं। हम मिलकर तकनीकी नवाचारों और विशेषज्ञ नवाचारों से युक्त भविष्य को परिभाषित करेंगे और इससे बड़े पैमाने पर लोगों को सशक्त बनाया जाएगा। यह 6जी संगोष्ठी सहयोगात्मक अनुसंधान और नवाचार संभावनाओं को पोषित करने और खोलने के लिए विशेषज्ञों को एक साथ लाएगी।” क्वालकॉम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और अध्यक्ष सावी सोइन ने कहा, "एआई मॉडल चलाने की लागत बहुत महंगी है।   जेन एआई क्लाउड और एज में समानांतर रूप से विकसित हो रहा है। उपयोग किए गए मामलों को बनाकर, भारत एक नए टेकेड की शुरुआत करने में अग्रणी है। हम नए डिवाइस और चिप्स लॉन्च कर रहे हैं जिनमें प्रीमियम प्रदर्शन की पेशकश करते हुए एआई क्षमता है। हमारे पास सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास इंजीनियर हैं जो स्वायत्त और आईओटी उपकरणों पर काम कर रहे हैं जो भारतीय बाजार के लिए समाधानों को अनुकूलित कर रहे हैं। समुदाय को वापस देने के लिए हमारे पास सेमीकंडक्टर वर्कशॉप हैं जो छात्रों और स्टार्टअप को हमारी तकनीक और इसकी क्षमताओं का अनुभव प्राप्त करने में सक्षम बनाते हैं।" नोकिया इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कंट्री हेड तरुण छाबड़ा ने कहा, "डिवाइस इकोसिस्टम में बहुत बड़ा बदलाव हो रहा है, खासकर स्मार्टफोन वर्टिकल में। भारत ने 5जी में सराहनीय प्रगति की है और आगे बढ़ते हुए, हमें भविष्य के लिए तैयार नेटवर्क बनाने की जरूरत है जो और भी उन्नत डिवाइस और एआई जैसी नई उम्र की तकनीकों का समर्थन कर सकें। हम नेटवर्क की सेंसिंग क्षमता को बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं, जो बेहतर और स्वायत्त उपयोग के मामलों को सुविधाजनक बना सकता है। भविष्य ग्राहक और भागीदार पारिस्थितिकी तंत्र के बीच मजबूत सहयोग, नवाचार और अंतर-संचालन के लिए नेटवर्क के खुलने से संचालित होगा।   अगले टेकएड में डिजिटल और भौतिक दुनिया का संलयन होगा, एआई-संवर्धित नेटवर्क के साथ मानवीय क्षमताओं को बढ़ाया जाएगा जो इस विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। सैमसंग के अध्यक्ष और सीईओ जोंग बम पार्क ने कहा, "जैसे-जैसे हम 5जी और आईओटी के साथ एक हाइपर कनेक्टेड भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, हमारे उपकरणों को सुरक्षित करना अनिवार्य है और सैमसंग, तदनुसार, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता को प्राथमिकता दे रहा है। सैमसंग में, हम अपने सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर ऑफ़रिंग में सुरक्षा के अतिरिक्त स्तर जोड़ने और एक सुरक्षित उपयोगकर्ता अनुभव सुनिश्चित करने के तरीकों की लगातार खोज कर रहे हैं। बढ़ी हुई कनेक्टिविटी के लाभ के साथ, सुरक्षा उल्लंघनों की संभावना बढ़ जाती है और सैमसंग नॉक्स इन मुद्दों का मुकाबला करने के लिए बनाया गया है, जिसमें अनधिकृत पहुँच और व्यक्तिगत डेटा उल्लंघन शामिल हैं।" मीडियाटेक इंडिया के प्रबंध निदेशक अंकु जैन ने कहा, "भारत में कंटेंट जेनरेशन की अर्थव्यवस्था है और 5जी एफडब्ल्यूए दूरदराज के क्षेत्रों में 5जी कनेक्टिविटी की अनुमति दे रहा है। इसके अलावा, एआई चिपसेट बैंडविड्थ को अनुकूलित कर रहे हैं, विश्वसनीयता बढ़ा रहे हैं और एज कंप्यूटिंग को आगे बढ़ा रहे हैं, प्रतिक्रिया समय में तेजी ला रहे हैं।   प्रदाताओं को कुशल, वास्तविक समय डेटा सेवाएं और निगरानी समाधान प्रदान करने में सक्षम बना रहे हैं। मीडियाटेक बड़े पैमाने पर एज एआई पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि स्थानीय रूप से लार्ज लैंग्वेज मॉडल द्वारा आवश्यक बड़ी गणनाओं को सुविधाजनक बनाया जा सके, जिससे दक्षता और उपयोगकर्ता की गोपनीयता बढ़े।" भारती एयरटेल डिजिटल के उपाध्यक्ष और बिजनेस हेड सिद्धार्थ तलवाडेकर ने कहा, "2जी से 5जी तक मोबाइल नेटवर्क का विकास, तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति और 6जी में प्रत्याशित बदलाव को दर्शाता है। यह डिजिटल क्रांति को गति देने में क्वांटम कंप्यूटिंग की भूमिका और उद्योगों को बदलने में एआई, मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों के एकीकरण पर जोर देता है। यह ऐप के माध्यम से प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण, त्वरित वाणिज्य के उदय और आपूर्ति श्रृंखला संचालन पर एआई के प्रभाव को भी छूता है। इसके अतिरिक्त, स्मार्ट कारखानों और निजी नेटवर्क का विकास और ऊर्जा की मांग और ग्रिड प्रबंधन को अनुकूलित करने के लिए स्मार्ट उपयोगिताओं की क्षमता।" इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 के साथ-साथ, भारत 14-24 अक्टूबर 2024 को प्रगति मैदान में ही प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों - विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा नई दिल्ली 2024 और वैश्विक मानक संगोष्ठी की मेजबानी भी कर रहा है।   एशिया का सबसे बड़ा डिजिटल प्रौद्योगिकी मंच, इंडिया मोबाइल कांग्रेस, उद्योग, सरकार, शिक्षाविदों, स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी और दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र में अन्य प्रमुख हितधारकों के लिए अभिनव समाधान, सेवाओं और अत्याधुनिक उपयोग के मामलों को प्रदर्शित करने के लिए दुनिया भर में एक प्रसिद्ध मंच बन गया है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 में 400 से अधिक प्रदर्शक, लगभग 900 स्टार्टअप और 120 से अधिक देशों की भागीदारी होगी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 900 से अधिक प्रौद्योगिकी उपयोग के परिदृश्यों को प्रदर्शित करना, 100 से अधिक सत्रों की मेजबानी करना और 600 से अधिक वैश्विक और भारतीय वक्ताओं के साथ चर्चा करना है। भारत 6जी एलायंस ने वैश्विक सहयोगियों, एनजीएमएन एलायंस (नेक्स्ट जेनरेशन मोबाइल नेटवर्क एलायंस), 5जी एसीआईए (कनेक्टेड इंडस्ट्रीज एंड ऑटोमेशन के लिए 5जी एलायंस), जर्मनी, यूकेआई-फिन (यूके-इंडिया फ्यूचर नेटवर्क्स इनिशिएटिव) और यूके टीआईएन (यूके टेलीकॉम इनोवेशन नेटवर्क्स), 6जी फोरम (दक्षिण कोरिया), 6जी ब्रासिल (ब्राजील) के साथ विभिन्न समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। बी6जीए ने पहले ही एटीआईएस यूएसए के नेक्स्टजी एलायंस, 6जी स्मार्ट नेटवर्क्स एंड सर्विसेज इंडस्ट्री एसोसिएशन (6जी आईए), यूरोपीय परिषद और 6जी फ्लैगशिप-ओलू विश्वविद्यालय के साथ गठबंधन किया है। इससे पहले दिन में सिंधिया ने बीएसएनएल, सी-डॉट, भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, एएमडी, एचएफसीएल, सिस्को क्वालकॉम इंडिया, जीएसएमए और वायसैट सहित प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के सीईओ और नेताओं के साथ बैठक की।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 18, 2024