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सरलीकृत प्रक्रियाएं, निवेश-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया: भजन लाल शर्मा, राजस्थान के मुख्यमंत्री

नई दिल्ली, 30 सितंबर 2024 (यूटीएन)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि राइजिंग राजस्थान समिट से पूर्व देश और दुनिया के निवेशक राजस्थान में निवेश के लिए काफी उत्साह दिखा रहे हैं. दिल्ली में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में निवेशकों के साथ रोडशो के दौरान मुंबई में हुए पहले रोडशो से भी ज्यादा राशि के निवेश हुए हैं. मुंबई में 30 अगस्त को हुए पहले रोडशो में 4.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश के लिए एमओयू या सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर हुए थे.   मुख्यमंत्री ने बताया कि एक महीने पहले जो एमओयू हुए थे, कैबिनेट ने उन्हें पारित कर दिया है और निवेशकों को जमीन आवंटित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि मुंबई में 4.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए जो समझौते हुए उनसे अक्षय ऊर्जा, सीमेंट, ऑटो, बैटरी उत्पादन जैसे क्षेत्रों में 7 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने अनुकूल कारोबारी माहौल बनाने के लिए प्रक्रियाओं को सरलीकृत किया है   और निवेश-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया है। राजस्थान सरकार के निवेश संवर्धन ब्यूरो द्वारा उद्योग भागीदार के रूप में सीआईआई के सहयोग से राइजिंग राजस्थान का दिल्ली रोड शो आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश के लिए पर्याप्त अवसर हैं और निवेशकों को समर्थन का आश्वासन दिया, इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जिसने निवेश को संभालने और उनके जमीनी क्रियान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए वरिष्ठ नौकरशाहों को नियुक्त किया है।    शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने साहसिक निर्णय लेकर नए अवसर पैदा किए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान का हर जिला खाद्य और संस्कृति से लेकर कृषि उत्पादन तक हर पहलू में अद्वितीय है, उन्होंने घोषणा की कि राज्य ‘एक जिला एक उत्पाद’ को लागू करेगा। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कि युवा दूसरे देशों में रोजगार और व्यापार के अवसरों का पता लगा सकें, विदेशी भाषाएँ सिखाने के लिए एक नया कॉलेज स्थापित करने की भी घोषणा की।   *इस साल 1 लाख सरकारी नौकरियां देने का लक्ष्य* मुख्यमंत्री भजनलाल ने कहा कि उनकी सरकार लगातार रोजगार सृजन पर ध्यान दे रही है. सरकार का 5 साल के कार्यकाल के दौरान 6 लाख निजी और 4 लाख सरकारी नौकरियां देने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 33 हजार लोगों को नियुक्ति पत्र बांटे हैं और इस साल 1 लाख युवाओं को नौकरियां दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि राइजिंग राजस्थान समिट के सिलसिले में दक्षिण कोरिया और जापान में हुए दौरों में भी उन्हें काफी उत्साहजनक सफलता मिली।   *25 देशों, सभी राज्यों में एक-एक अधिकारी तैनात* मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में निवेश की अपार संभावनाएं हैं और इनका समुचित लाभ उठाने के उद्देश्य से राजस्थान देश के अंदर पहला प्रदेश है जहां अधिकारियों को निवेशकों के साथ समन्वय के लिए देश और विदेश में तैनात किया गया है. उन्होंने कहा,"25 देशों में एक-एक अधिकारी को लगाया गया है. जिसको जो देश दिया है, वह पूर्ण रूप से देखेगा. इसी तरह से देस के सभी राज्यों के लिए भी एक अधिकारी लगाया गया है. साथ ही हर विभाग के लिए भी एक अधिकारी को नियुक्त किया गया है. इनके ट्रांसफर नहीं होंगे, वह पूरी तरह से वही काम करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि ऐसे प्रयासों से अगले 5 साल में राजस्थान की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने में सफलता मिलेगी।   उन्होंने कहा, "राजस्थान सरकार ने 53,000 किलोमीटर नई सड़कें और 2650 किलोमीटर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने का संकल्प लिया है। ऊर्जा के मामले में राज्य सरकार की योजना 2031-32 तक उत्पादन क्षमता को 33600 मेगावाट तक बढ़ाने की है।" मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में पिछले महीने मुंबई में हुए राइजिंग राजस्थान रोड शो के दौरान हस्ताक्षरित 4.5 लाख करोड़ रुपये के एमओयू को पारित किया गया और सीमेंट, ऑटो कंपोनेंट, बैटरी स्टोरेज आदि क्षेत्रों की कंपनियों को जमीन आवंटित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा, "हाल ही में कैबिनेट ने राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2024 को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत एमएसएमई और उभरते क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के प्रावधान किए गए हैं।"    उन्होंने कहा कि सरकार ने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से एक सुधारात्मक यात्रा शुरू की है जो हमें विकास के एक नए चरण में ले जाएगी। उन्होंने घरेलू और दुनिया भर के निवेशकों को राजस्थान में निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि इच्छुक निवेशक राजनिवेश पोर्टल के माध्यम से राजस्थान में निवेश की मंशा प्रस्तुत कर सकते हैं। राज्य में निवेश के अवसरों को प्रदर्शित करने और सुधार एजेंडे पर विचार-विमर्श करने के लिए 9 से 11 दिसंबर को जयपुर में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया जा रहा है। दिल्ली रोड शो के दौरान, राजस्थान सरकार और विभिन्न कंपनियों के बीच कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया, जिससे राज्य में महत्वपूर्ण निवेश को चिह्नित किया गया।   *राइजिंग राजस्थान समिट की तैयारी* मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिल्ली में 'राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर्स मीट' में हिस्सा लेते हुए निवेशकों को राजस्थान आने के लिए निमंत्रित किया. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में होने वाले दो दिन के इस सम्मेलन में राजस्थान के उद्योग और वाणिज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, मुख्य सचिव सुधांश पंत, प्रिंसिपल सेक्रेटरी (इंडस्ट्रीज) अजिताभ शर्मा और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. दो दिन का यह सम्मेलन राजस्थान सरकार का निवेशकों को आकर्षित करने के प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए कि राजस्थान में निवेश करने का यह सही समय है। राजस्थान सरकार के उद्योग और वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार, युवा मामले और खेल, कौशल विकास और उद्यमिता।    और सैन्य कल्याण विभाग के मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने पर्यटन, आईटी, आईटीईएस, कृषि, कृषि प्रसंस्करण, रसद, बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा, इंजीनियरिंग सिस्टम डिजाइनिंग, ग्रीन हाइड्रोजन, रियल एस्टेट सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश के अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राजस्थान हरित ऊर्जा में शीर्ष दो राज्यों में से एक है। कर्नल राठौर ने कहा कि राजस्थान रसद, खनिज, तैयार उत्पाद आदि के मामले में आदर्श है और भौगोलिक रूप से अच्छी तरह से स्थित है और देश भर के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि आज राजस्थान को अवसरों की भूमि माना जाता है। उन्होंने कहा कि काम तय समय से पहले हो रहा है और निर्णय लेने की प्रक्रिया 10 गुना तेज हो गई है। राजस्थान सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने राज्य में उपलब्ध अवसरों पर एक प्रस्तुति दी।    उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राजस्थान राष्ट्रीय औसत से अधिक तेजी से बढ़ रहा है और अगले पांच वर्षों में अपनी अर्थव्यवस्था को मौजूदा 15 लाख करोड़ रुपये से दोगुना करके 30 लाख करोड़ रुपये करने के राज्य के दृष्टिकोण को साझा किया। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि सीआईआई ने देश और दुनिया भर के प्रमुख विनिर्माण खिलाड़ियों को उभरते राजस्थान में भाग लेने के लिए सुनिश्चित करना अपनी प्राथमिकता बना ली है। उन्होंने कहा कि भारत में 12 बिलियन वर्ग फुट से अधिक हरित प्रमाणित स्थान है, उन्होंने कहा कि सीआईआई राजस्थान में एक आईजीबीसी केंद्र स्थापित करेगा, जो हरित उत्पादों, हरित सीमेंट और हरित इस्पात आदि पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने राजस्थान में स्थिरता, जल, खाद्य एवं कृषि, हरित भवन तथा कौशल एवं आजीविका पर सीआईआई उत्कृष्टता केंद्र लाने की भी घोषणा की।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 30, 2024

दिल्‍ली क्राइम रिपोटर्स एसोसिएशन की कार्यकारिणी गठित

नई दिल्ली, 30 सितंबर 2024 (यूटीएन)। दिल्‍ली क्राइम रिपोटर्स एसोसिएशन की एक बैठक वरिष्‍ठ पत्रकार ललित वत्‍स के संरक्षण में आयोजित की गई। जिसमें क्राइम रिपोटिंग के दौरान अपराध संवाददताओं को आने वाली विभिन्‍न तरह की समस्‍याओं को लेकर विस्‍तृत चर्चा की गई। बैठक में विभ्न्नि टीवी चैनलों, समाचार पत्रों और  मीडिया संस्‍थानों से जुड़े क्राइम रिपोर्टस के साथ क्राइम बीट पर काम करने वाले कुछ सीनियर पत्रकार भी शामिल हुए। जिसमें समाचार संकलन के दौरान क्राइम रिपोटर्स को होंने वाली परेशानियों और विभिन्‍न मुद्दो पर चर्चा और निवारण के लिए सर्वसम्‍मति से एक कार्यकारिणी गठित की गई। कार्यकारिणी को क्राइम  रिपोटर्स की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के साथ समाचार संकल्‍न से जुड़ी समस्‍याओ के लिए दिल्‍ली पुलिस के साथ सीबीआई, ईडी और सभी अद्धर्सैनिक बलों के आधिकारिेक प्रतिनिधियों से बातचीत के लिए अधिकृत किया गया।   पुलिस और क्राइम रिपोटर्स के बीच बेहतर रिश्‍तों के लिए कार्यकारिणी को विचार करने व फैंसले लेने के लिए भी अधिकृत किया गया। दिल्‍ली क्राइम रिपोटर्स की नवगठित कार्यकारिणी में निम्‍न पदाधिकारियों को नामित किया गया ललित वत्‍स को संरक्षक एवं सलाहकार तथा अध्‍यक्ष जोगेन्‍द्र सोलंकी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्येंद्र त्रिपाठी, उपाध्यक्ष अतुल भाटिया, आनंद तिवारी, जितेन्‍द्र शर्मा, विजय शर्मा, तथा महासचिव राजीव निशाना, कोषाध्यक्ष दिनेश वत्‍स, सचिव अनुज मिश्रा, अरविन्द ओझा, शंकर आन्नद, संजीव यादव, संगठन सचिव सुनील वर्मा, संयुक्त सचिव  पुरूषोत्‍तम वर्मा, राकेश रावत, सह सचिव पुनित शर्मा के अलावा 11 कार्यकारिणी सदस्‍य बनाए गए हैं, अमलेश राजू, कृष्ण कुनाल सिंह, शिवेन्‍द्र, मनोज टंडन,  गाजियाबाद से जितेन्‍द्र बच्‍चन, शक्ति सिंह, नोएडा से दिनेश शर्मा, ग्रेटर नोएडा से रविन्द्र जयंत, गुरुग्राम से दीपक शर्मा के अलावा प्रेस सचिव रविन्द्र कुमार को बनाया गया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |    

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Sep 30, 2024

नितिन गडकरी ने किया दिल्ली की रामलीला कमेटियों को भोजन पर आमंत्रित

नई दिल्ली, 30 सितंबर 2024 (यूटीएन)। लव कुश रामलीला कमेटी का एक शिष्ट मंडल आज कमेटी के प्रेसीडेंट अर्जुन कुमार के नेतृत्व में  भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से उनके निवास स्थान पर मिला, इस अवसर पर अर्जुन कुमार ने मंत्री महोदय को अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन लीला मंचन के लिए आमंत्रित किया और उन्हे रामनामी पटका, लीला कमेटी का स्मृति चिन्ह और शाल भेंट कर उनका अभिनंदन किया।   इस अवसर पर नितिन गडकरी ने निमंत्रण स्वीकार किया और  कहा आप प्रभु श्री राम का सदकाज कर रहे है हमारी युवा पीढ़ी को भगवान श्री राम की शिक्षाओं से अवगत करवा रहे  है मैं आपका अभिनंदन करते हुए दिल्ली की सभी रामलीला क्मेटियो के प्रतिनिधियो को अपने निवास स्थान पर प्रीतिभोज के लिए आमंत्रित करता हूं जिससे मैं भी श्री राम के काज के साथ जुड़ सकू। इस शिष्टमंडल में लीला कमेटी के चैयरमैन पवन गुप्ता, जनरल सेक्रेट्री सुभाष गोयल, वाइस प्रेसिडेंट प्रेजिडेंट संदीप भूटानी, संजय जैन मौजूद रहे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 30, 2024

दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों का स्पेशल ऑडिट कराए जाने कीकड़े शब्दों में निंदा

नई दिल्ली, 30 सितंबर 2024 (यूटीएन)। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ( शिक्षक संगठन ) ने दिल्ली सरकार से पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों का  स्पेशल ऑडिट कराए जाने के आदेश की कड़े शब्दों में निंदा की है और कहा है कि स्पेशल ऑडिट तो सरकार का बहाना है वह इस ऑडिट के बहाने एससी /एसटी व ओबीसी कोटे के शिक्षकों व कर्मचारियों के पदों को समाप्त करना है । वह आरक्षित श्रेणी के शिक्षकों व कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति न करने व उनका बैकलॉग, शॉटफॉल पदों को नहीं भरने से भाग रही है। सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी में स्पेशल ऑडिट करने के लिए सरकार के 12 कॉलेजों से संबंधित मुद्दों की जाँच पर विशेष लेखा परीक्षा आयोजित करने के लिए सक्षम अधिकारी की मंजूरी से अवगत कराने का निर्देश दिया गया है ।    साथ ही स्पेशल ऑडिट के संचालन के लिए एक टीम नियुक्त की गई है जिसमें आठ सदस्यों को रखा गया है । फोरम के चेयरमैन डॉ.हंसराज सुमन का कहना है कि सरकार जब भी किसी कमेटी का गठन करती है उसमें सरकार के सदस्यों के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के सीनियर प्रोफेसर, प्रिंसिपल व आरक्षित श्रेणी के सीनियर प्रोफेसर को ऑब्जर्वर के रूप में रखा जाता है जबकि सरकार की इस कमेटी में किसी को नहीं रखने से कमेटी अपने आपमें अपूर्ण है ? फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन का कहना है कि स्पेशल ऑडिट के नाम पर दिल्ली सरकार की शर्मनाक हरकत बताया है । उन्होंने बताया है कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित 12 कॉलेजों के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों का उत्पीड़न जारी है। सरकार के इन कॉलेजों में नियुक्त एडहॉक टीचर्स, अतिथि शिक्षकों व कर्मचारियों को डरा धमकाकर इन पदों को भरना नहीं चाहती ।    नई मुख्यमंत्री सुश्री आतिशी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों को अनुदान देने के बजाय इन कॉलेजों में विशेष ऑडिट का आदेश दिया है। इन कॉलेजों में सरकार के स्व-वित्तपोषित मॉडल को लागू करने के बहाने खोजने का प्रयास कर रही है। डॉ.सुमन का कहना है कि स्पेशल ऑडिट के माध्यम से, यह संदेह है कि  एक बार फिर छात्रों के फंड पर सवाल उठेंगे और आप सरकार छात्रों के वेतन का भुगतान करने के लिए फीस खर्च करने पर जोर देगी। उन्होंने बताया है कि आप सरकार दूसरी बार स्पेशल  ऑडिट का आदेश दे रही है । सरकार ने इससे पहले भी एक निजी कंपनी द्वारा कराए गए स्पेशल ऑडिट में वित्तीय अनियमितताएं नहीं पाई गई थीं । डॉ. सुमन का कहना है कि असली एजेंडा शिक्षा का निजीकरण, इन कॉलेजों की मान्यता रद्द करना और वित्तपोषित करने की जिम्मेदारी से भागना है । बार-बार ऑडिट कराना उच्च शिक्षा का निजीकरण करना है डॉ. हंसराज सुमन का कहना है कि।   दिल्ली सरकार 12 कॉलेजों का बार -बार ऑडिट कराने के पीछे इनकी मंशा उच्च शिक्षा का निजीकरण करना है । इन कॉलेजों में  शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सभी नियुक्तियाँ यूजीसी और विश्वविद्यालय के मानदंडों के अनुसार शासी निकायों और दिल्ली सरकार की मंजूरी के माध्यम से की जाती हैं।  हर साल सरकारी एजेंसियों द्वारा तीन स्तरों पर वित्तीय ऑडिट किए जाते हैं । सरकार के 12 कॉलेज अपनी स्थापना के समय से ही दिल्ली विश्वविद्यालय का हिस्सा हैं और आगे भी डीयू का हिस्सा रहेंगे, लेकिन जब से दिल्ली में आप सरकार सत्ता में आई है, तब से इन संस्थानों के वित्त पोषण और प्रशासन की समस्या शुरू हो गई है। आप सरकार द्वारा फंड में कटौती, वेतन के भुगतान में देरी और कर्मचारियों को बकाया सहित अन्य देय राशि का भुगतान न करना। निजी कंपनियों द्वारा विशेष ऑडिट का आदेश दिया जाना यह दर्शाता है कि सरकार इन कॉलेजों की ग्रांट देने में असमर्थ है । पिछले 10 वर्षों से सरकार के कॉलेजों में नहीं हुई।    शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति डॉ. सुमन ने यह भी बताया है कि पिछले 10 वर्षों से दिल्ली सरकार से पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है । यहाँ सबसे ज्यादा एससी/एसटी व ओबीसी कोटे के शिक्षकों व कर्मचारियों के पद खाली है । सरकार के 4 कॉलेजों ने अपने यहाँ शिक्षकों के पदों को भरने का विज्ञापन दिया , 8 कॉलेजों ने अभी तक रोस्टर पास नहीं कराया । इन कॉलेजों में 500 से अधिक शिक्षकों के पद खाली है , गेस्ट टीचर्स व एडहॉक टीचर्स के सहारे ये कॉलेज चल रहे हैं । उन्होंने बताया है कि पिछले दो साल में 53 से अधिक कॉलेजों में शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति हुई लेकिन दिल्ली सरकार इन पदों को भरने के निर्देश नहीं दे रही । उन्होंने पुनः सरकार के 12 कॉलेजों की स्पेशल ऑडिट कराए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि स्पेशल ऑडिट से ज्यादा महत्वपूर्ण है शिक्षकों व कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति करना है , शिक्षकों व कर्मचारियों के साथ तभी सही न्याय होगा ।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 30, 2024

अब आसानी से जाना जाएगा आपका पता, पिनकोड नहीं दस अंकों के डिजिपिन का होगा इस्तेमाल

नई दिल्ली, 30 सितंबर 2024 (यूटीएन)। आपके पते की पहचान केवल साल 1972 में शुरू पोस्टल इंडेक्स नंबर (पिन) कोड से ही नहीं बल्कि डिजिटल पिन या डिजिपिन से भी होगी। डिजिपिन तैयार करने एवं उसके अमल के लिए डाक विभाग जोर-शोर से तैयारी कर रहा है। अगले तीन साल में देश भर में डिजिपिन को अमल में लाया जा सकता है।   हालांकि विभाग ने गांव या उस शहर के नाम को सार्वजनिक नहीं किया है। हाल ही में विभाग ने 10 गांव और एक शहर में डिजिपिन के इस्तेमाल को लेकर पायलट प्रोजेक्ट पूरा किया है। हालांकि विभाग ने गांव या उस शहर के नाम को सार्वजनिक नहीं किया है। डिजिपिन तैयार करने में डाक विभाग आईआईटी हैदराबाद, इसरो और शहरी विकास मंत्रालय की मदद ले रहा है।   *छह अंकों वाले पिन कोड का इस्तेमाल करता है डाक विभाग* अभी डाक विभाग किसी बड़े इलाके या स्थान के लिए छह अंकों वाले पिन कोड का इस्तेमाल करता है। बड़े शहरों में इलाके के मुताबिक अलग-अलग पिनकोड होते हैं। लेकिन डिजिपिन बिल्कुल छोटे सी जगह की सटीक जानकारी देगा।    गांव से लेकर जंगल या समुद्री इलाके में भी डिजिपिन की मदद से सटीक जगह तक पहुंचा जा सकेगा। क्योंकि डिजिपिन पूरे देश के क्षेत्र को चार मीटर गुने चार मीटर के आकार में बांटता है जिनमें इलाके का अक्षांश व देशांतर शामिल होगा। हर चार गुने चार मीटर के एरिया को 10 डिजिट का एक अल्फान्यूमेरिक (एबीसी123 जैसा) कोड दिया जाएगा और उसे ही डिजिपिन कहा जाएगा।   *बचाव कार्यक्रम में भी डिजिपिन से मिलेगी मदद*  अभी किसी पते में मकान नंबर, गली, ब्लॉक, आदि इस्तेमाल किया जाता है और छोटे शहर या गांव के पते में मकान नंबर या गली का भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसलिए डिलिवरी में परेशानी होती है। लेकिन जियो लोकेटेड एड्रेस कोड होने से डिजिपिन किसी खास स्थान की सटीक जानकारी देगा चाहे वह इलाका गांव में हो, जंगल में या फिर समुद्र में। सिर्फ डाक पहुंचाने में ही नहीं, आपात स्थिति में बचाव कार्यक्रम में भी डिजिपिन से मदद मिलेगी।   डिजिपिन राष्ट्रीय स्तर पर पते का ग्रिड होगा और यह सार्वजनिक होगा। किसी व्यक्ति की निजी जानकारी डिजिपिन में नहीं होगी। यह सिर्फ भौगोलिक जानकारी देगा। डाक विभाग के मुताबिक ऐसा नहीं है कि डिजिपिन के इस्तेमाल से किसी का पता बदल जाएगा। वहीं डिजिपिन को ऐसे तैयार किया जा रहा है कि किसी नए भवन, किसी नए शहर या गांव के बनने या किसी सड़के नाम बदल जाने पर कोई फर्क नहीं पड़े।   *नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम का होगा इस्तेमाल* अपने डिजिपिन की जानकारी के लिए ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) सुविधा वाले डेवाइस की जरूरत होगी। डाक विभाग जीएनएसएस सुविधा वाला वेब एप तैयार किया है जिसका बीटा वर्जन अभी जारी किया गया है। इस एप के पूरी तरह से विकसित होने और सार्वजनिक होने पर अपने डिजिपिन को आसानी से जाना जा सकेगा। इसके लिए एप में कोई लागइन करने की जरूरत नहीं होगी। सरकारी सेवाओं की डिलिवरी में भी डिजिपिन की मदद ली जाएगी।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Sep 30, 2024

इच्छा मृत्यु पर नरम रुख! स्वास्थ्य मंत्रालय ने निष्क्रिय इच्छामृत्यु पर ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पैसिव यूथनेसिया यानी निष्क्रिय इच्छामृत्यु पर ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की हैं। यह ऐसी स्थिति है जब मरीज गंभीर और न ठीक होने वाली बीमारी से जूझ रहा हो। उसके ठीक होने की कोई उम्मीद न बची हो। भारत सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए लाइलाज बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए लाइफ सपोर्ट हटाने संबंधी दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि एक लाइलाज बीमारी से पीड़ित मरीज के लिए लाइफ सपोर्ट जारी रखना बेमानी हो और मरीज के परिवार या प्रतिनिधि भी इस बात से सहमत हों, तो अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की अनुमति से लाइफ सपोर्ट हटाया जा सकता है।   *लाइफ सपोर्ट हटाने से पहले क्या जरूरी* स्वास्थ्य मंत्रालय ने 20 अक्टूबर तक इस ड्राफ्ट पर राय मांगी है। हालांकि, इस निर्णय को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। कुछ लोग इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं क्योंकि इससे मरीजों को अनावश्यक पीड़ा से बचाया जा सकता है। वहीं, कुछ लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इस निर्णय का गलत इस्तेमाल हो सकता है। इसके लिए 4 शर्तें तय की गई हैं।   *परिवार पर भी पड़ता है बोझ* जब लाइफ सपोर्ट से मरीज को कोई लाभ न मिल रहा हो। उसे पीड़ा हो रही है। जब मरीज को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया हो। मरीज या उसके परिजन लिखित में लाइफ सपोर्ट जारी रखने से मना कर दें। यह निर्णय उन मरीजों पर लागू होगा जिनके लिए वेंटिलेटर, सर्जरी या कोई और मेडिकल ट्रीटमेंट भी फायदेमंद नहीं हैं। सरकार का मानना है कि ऐसे मामलों में लाइफ सपोर्ट जारी रखना न केवल मरीज के लिए बल्कि उसके परिवार के लिए भी एक भावनात्मक और आर्थिक बोझ होता है।   *मरीज की ओर से कौन करेगा फैसला* इस फैसले पर पहुंचने से पहले एक प्राइमरी मेडिकल बोर्ड और फिर एक अन्य मेडिकल बोर्ड द्वारा मरीज की स्थिति जांची जाएगी। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस प्रक्रिया में मरीज और उसके परिवार की स्वायत्तता का सम्मान किया जाए। यह निर्णय निश्चित रूप से एक जटिल मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं मरीज की ओर से इस पर फैसला कौन करेगा जब मरीज खुद ऐसा नहीं कर पा रहा। ऐसी स्थिति में सरोगेट पर निर्भर करेगा। यह निर्णय लाइफ सपोर्ट हटाने के बारे में हो सकता है। सरोगेट कौन होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि मरीज ने पहले से कोई निर्देश दिया है या नहीं।   *कैसे इसे और बनाया जा सकता है आसान* दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार करने वाले डॉक्टरों में से एक, डॉ आर के मणि ने बताया कि टिप्पणी प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है। उन्होंने कहा, उठाए गए किसी भी मुद्दे को स्वास्थ्य मंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी के सामने रखा जाएगा। वहीं होली फैमिली अस्पताल में क्रिटिकल केयर विभाग के प्रमुख डॉ सुमित रे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्ति की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, लेकिन दुर्भाग्य से इसने प्रक्रिया को बहुत जटिल और लागू करने में कठिन बना दिया है। लेकिन, यह निश्चित रूप से एक कदम आगे है और उम्मीद है कि इस प्रक्रिया के साथ कुछ अनुभव के बाद निकट भविष्य में इसकी समीक्षा की जाएगी, ताकि इसे आसान और कम जटिल बनाया जा सके।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 29, 2024

वसुंधरा राजे बनेंगी भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष?

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। भारतीय जनता पार्टी अक्सर चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जानी जाती है. चाहे किसी राज्य में सीएम का चयन हो या फिर पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी हो, इन सबमें पार्टी आलाकमान ने कई बार मास्टरस्ट्रोक खेलकर विपक्ष को पटखनी दी है. एक बार फिर बीजेपी बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो पार्टी आलाकमान इस बार राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकती है. चर्चा है कि जल्द ही इसकी घोषणा हो सकती है.   कुछ सूत्रों का ये भी कहना है कि वसुंधरा राजे के अलावा संघ की तरफ से संजय जोशी का नाम भी अध्यक्ष पद के लिए रखा गया था. इन सबके अलावा ये भी चर्चा है कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे करके मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. हालांकि, संघ भी वसुंधरा राजे के नाम को सबसे बेहतर मान रहा है. अभी अंतिम फैसला लेना बाकी है, लेकिन वसुंधरा राजे को सोशल मीडिया पर अभी से ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की अग्रिम बधाइयां मिलने लगी हैं.   *वसुंधरा राजे क्यों हैं रेस में सबसे आगे* बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए वसुंधरा राजे का नाम यूं ही सबसे आगे नहीं है. दरअसल, वसुंधरा आरएसएस की कीरीबी बताई जाती हैं. सूत्रों के अनुसार, वसुंधरा राजे का नाम आरएसएस ने ही आगे किया है. इसके अलावा आरएसएस ने जो दूसरा नाम आगे किया है, वो संजय जोशी का है.   लेकिन इस नाम पर पीएम मोदी, अमित शाह और पार्टी के कुछ दूसरे सीनियर नेता सहमत नहीं दिख रहे हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और संजय जोशी के बीच 36 का आंकड़ा रहा है. इनके बीच रिश्तों में खटास कितनी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वर्ष 2012 में यूपी के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी सिर्फ इसलिए प्रचार करने नहीं गए थे, क्योंकि वहां के संयोजक संजय जोशी थे. ऐसे में वसुंधरा ही फ्रंट रनर दिख रही हैं.   *कहां आ सकती है अड़चन* एक्सपर्ट कहते हैं कि बेशक वसुंधरा राजे का नाम आरएसएस ने आगे किया है और वह उन्हें अध्यक्ष पद के लिए सबसे उपयुक्त मान रही है, लेकिन वसुंधरा की सबसे बड़ी अड़चन उनका पीएम मोदी और अमित शाह से अनबन है और इस वजह से खेल बिगड़ भी सकता है. वसुंधरा राजे के इन दोनों से कभी अच्छे रिश्ते नहीं रहे. राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद वसुंधरा का नाम सीएम रेस में सबसे आगे था.   लेकिन पार्टी ने उनकी जगह पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को सीएम बना दिया. यही नहीं पार्टी की जीत का क्रेडिट जब पीएम मोदी को दिया जाने लगा तो वसुंधरा राजे ने कहा कि जीत में केवल एक व्यक्ति का हाथ नहीं है. साल 2018 में भी अमित शाह और वसुंधरा राजे के बीच टकराहट की बात सामने आई थी. तब चर्चा थी कि भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान में भाजपा का मुखिया बनाना चाहते थे, लेकिन वसुंधरा ने मोर्चा खोल दिया था, जिस वजह से अमित शाह कुछ नहीं कर पाए.   *इस बयान से भी मिल रहा संकेत* हाल ही में जयपुर स्थित भाजपा मुख्यालय में मदन राठौड़ ने भाजपा राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया. इस अवसर पर वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं. वसुंधरा राजे ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति का दूसरा नाम उतार चढ़ाव है. हर व्यक्ति इसी दौर से गुजरता है. ऐसे हर व्यक्ति को तीन चीजें ध्यान में रखनी चाहिए- पद, मद और कद. इन पर सबको ध्यान देने की जरूरत है.   पद और मद स्थाई नहीं हैं. तीनों में सिर्फ एक चीज स्थाई है, और वह है कद. जो अच्छा काम करते हैं, लोग आपको याद करते हैं और कद हमेशा बना रहता है. उन्होंने कहा कि पद का मद होने से कद भी कम हो जाता है. आज के दौर में ऐसा होता रहता है. हालांकि, ये बातें उन्होंने राजस्थान के नए बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ के लिए कहीं, लेकिन इससे इशारा दूर तक का मिल रहा है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |  

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Sep 29, 2024

राहुल गांधी को पागलखाने भेजना चाहिए', राम मंदिर पर बयान के बाद महंत राजू दास का तीखा हमला

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान पर हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने कहा, "राहुल गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. हम इसका विरोध और निंदा करते हैं. मुझे लगता है कि राहुल गांधी पागल हो गए हैं. उन्हें पागलखाने में भर्ती कराना चाहिए.    लाखों राम भक्तों ने 500 साल की लंबी लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी. महंत राजू दास कहते हैं, "हर दिन इस मुद्दे पर सुनवाई होती रही. राम मंदिर को डांस पार्टी कहना सबसे मूर्खतापूर्ण बात है. कांग्रेस हमेशा से राम और सनातन के खिलाफ रही है. वे राम मंदिर के निर्माण को पचा नहीं पा रहे हैं. राहुल गांधी पूरी तरह पागल हैं और वे जो भी मन में आता है, वह बोलते रहते हैं."   *जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी'* राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा, "कांग्रेस सरकार शुरू से यह मानने से इंकार कर रही है कि राम का अस्तित्व है. इसलिए उनके नेता ऐसा बोलेंगे ही. 'जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी'. यदि राहुल जी प्राण प्रतिष्ठा को नौटंकी मानते हैं, तो उनकी सोच इसी तरह की होगी. उनकी दृष्टि में यह नौटंकी है.   लेकिन भक्तों के लिए यह प्राण प्रतिष्ठा का महत्वपूर्ण अवसर है. इसमें भगवान श्रीराम की बालक रूप में स्थापना की गई है." विश्व हिंदू प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मीडिया इंचार्ज शरद शर्मा ने राहुल गांधी की मानसिकता को विक्षिप्त बताया और कहा कि उनकी पार्टी तो राम के अस्तित्व को ही नकारती है. ऐसी भाषा का प्रयोग करना दुखद है. वह विदेशी मानसिकता से प्रभावित हैं और उनका इलाज आगरा में होना चाहिए. समाज को ऐसे लोगों को दंड देने का कार्य करना चाहिए.   *क्या है पूरा मामला?* दरअसल रायबरेली से सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अयोध्या में आयोजित राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को "नाच-गाना" बताया. राहुल गांधी ने कहा, "राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जहां नाच-गाना हो रहा था. वहां अमिताभ बच्चन को बुला लिया. उद्योगपति अंबानी और अडानी को आमंत्रित किया गया था. वहां क्या आपने किसी बढ़ई को देखा? क्या किसी किसान को देखा? कोई मजदूर दिखा? नाच गाना चल रहा है. डांस हो रहा है। प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे हैं."   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 29, 2024

त्योहारों के इस मौसम में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट ही खरीदें: मोदी ने की लोगों से अपील

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। हर महीने के आखिरी रविवार को पीएम मोदी मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हैं. यह 114वां एपिसोड है. लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चौथी बार यह रेडियो शो के जरिए अपनी बात रखी.   इस बार एपिसोड इसलिए भी खास है क्योंकि इसके टेलीकास्ट के दस साल पूरे हो रहे हैं. मोदी ने कहा, ''मन की बात' की हमारी इस यात्रा को 10 साल पूरे हो रहे हैं. 10 साल पहले 'मन की बात' का प्रारंभ 3 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन हुआ था और ये कितना पवित्र संयोग है, कि इस साल 3 अक्टूबर को जब 'मन की बात' के 10 वर्ष पूरे होंगे, तब नवरात्रि का पहला दिन होगा.   *'मन की बात के श्रोता ही असली सूत्रधार'* नरेन्द्र मोदी ने कहा, 'मन की बात की इस लंबी यात्रा के कई ऐसे पड़ाव हैं, जिन्हें मैं कभी भूल नहीं सकता. 'मन की बात' के करोड़ों श्रोता हमारी इस यात्रा के ऐसे साथी हैं, जिनका मुझे निरंतर सहयोग मिलता रहा. देश के कोने-कोने से उन्होंने जानकारियां उपलब्ध कराई. 'मन की बात' के श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं. उन्होंने कहा, "मेरा मन भी तभी गर्व से भर जाता है, जब मैं 'मन की बात' के लिए आई चिट्ठियों को पढ़ता हूं.   हमारे देश में कितने प्रतिभावान लोग हैं, उनमें देश और समाज की सेवा करने का कितना जज्बा है. वो लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा करने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर देते हैं. उनके बारे में जानकार मैं ऊर्जा से भर जाता हूं. मन की बात की ये पूरी प्रक्रिया मेरे लिए ऐसी है, जैसे मंदिर जा करके ईश्वर के दर्शन करना.'मन की बात' की हर बात को, हर घटना को, हर चिट्ठी को मैं याद करता हूं, तो ऐसे लगता है जैसे मैं ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के दर्शन कर रहा हूं."   *मीडिया हाउसेस को दिया धन्यवाद* प्रधानमंत्री ने मीडिया हाउसेस को धन्यवाद देते हुए कहा, "मन की बात के द्वारा हमने जिन मुद्दों को उठाया, उन्हें लेकर कई मीडिया हाउसेस ने मुहिम भी चलाई. मैं प्रिंट मीडिया को भी धन्यवाद देता हूं, उन्होनें इसे घर-घर तक पहुंचाया. मैं उन यूट्यूबर्स को भी धन्यवाद दूंगा जिन्होनें 'मन की बात' पर अनेक कार्यक्रम किए."   *झांसी की घुरारी नदी का किया जिक्र* झांसी की कुछ महिलाओं ने घुरारी नदी को नया जीवन दिया है. इसको लेकर बात करते हुए PM मोदी ने कहा, " झांसी में कुछ महिलाओं ने घुरारी नदी को नया जीवन दिया है. ये महिलाएं सेल्फ-हेल्प ग्रुप से जुड़ी हैं और उन्होनें 'जल सहेली' बनकर इस अभियान का नेतृत्व किया है. इन महिलाओं ने मृतप्राय हो चुकी घुरारी नदी को जिस तरह से बचाया है, उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी."   *स्वच्छ भारत मिशन को लेकर कही ये बात*   मोदी ने कहा, "स्वच्छता को लेकर पुडुचेरी के समुद्र तट पर भी जबरदस्त मुहिम चलाई जा रही है. यहां रम्या जी नाम की महिला, माहे म्युनिसिपैलिटी इसके आसपास के क्षेत्र के युवाओं की एक टीम का नेतृत्व कर रही है. इस टीम के लोग अपने प्रयासों से माहे एरिया और खासकर वहां के बीच को पूरी तरह साफ-सुथरा बना रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, "2 अक्टूबर को 'स्वच्छ भारत मिशन' के 10 साल पूरे हो रहे हैं. यह अवसर उन लोगों के अभिनंदन का है जिन्होंने इसे भारतीय इतिहास का इतना बड़ा जन आंदोलन बना दिया. ये महात्मा गांधी जी को भी सच्ची श्रद्धांजलि है, जो जीवनपर्यंत, इस उद्देश्य के लिए समर्पित रहे."   *'अमेरिका की यात्रा का किया जिक्र'*  मोदी  ने कहा, "अमेरिका की मेरी यात्रा के दौरान अमेरिकी सरकार ने भारत को करीब 300 प्राचीन कलाकृतियों को वापस लौटाया है.  अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने पूरा अपनापन दिखाते हुए डेलावेयर के अपने निजी आवास में इनमें से कुछ कलाकृतियों को मुझे दिखाया. लौटाई गई कलाकृतियां टेरकोटा, स्टोन, हाथी के दांत, लकड़ी, तांबा और कांसे जैसी चीजों से बनी हुई हैं. इनमें से कई तो चार हजार साल पुरानी है."   *संथाली भाषा को नई पहचान देने की कोशिश* पीएम मोदी ने कहा, "हमारी संथाली भाषा को डिजिटल इनोवेशन की मदद से नई पहचान देने का अभियान शुरू किया गया है. संथाली, हमारे देश के कई राज्यों में रह रहे संथाल जनजातीय समुदाय के लोग बोलते हैं. भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में भी संथाली बोलने वाले आदिवासी समुदाय मौजूद हैं."   *एक पेड़ मां के नाम अभियान को लेकर कही ये बात* एक पेड़ मां के नाम अभियान को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, "जब हमारे दृढ़ संकल्प के साथ सामूहिक भागीदारी का संगम होता है तो पूरे समाज के लिए अदभुत नतीजे सामने आते हैं. इसका सबसे ताजा उदाहरण है 'एक पेड़ मां के नाम'- ये अभियान अदभुत अभियान रहा, जन-भागीदारी का ऐसा उदाहरण वाकई बहुत प्रेरित करने वाला है. पर्यावरण संरक्षण को लेकर शुरू किये गए इस अभियान में देश के कोने-कोने में लोगों ने कमाल कर दिखाया है."   *'उत्तराखंड के गांव का भी किया जिक्र'* मन की बात' के 114वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक सीमावर्ती गांव है 'झाला'. यहां के युवाओं ने अपने गांव को स्वच्छ रखने के लिए एक खास पहल शुरू की है. वे अपने गांव में 'धन्यवाद प्रकृति' अभियान चला रहे हैं. इसके तहत गांव में रोजाना दो घंटे सफाई की जाती है. गांव की गलियों में बिखरे हुए कूड़े को समेटकर गांव के बाहर तय जगह पर डाला जाता है."   *मेक इन इंडिया को लेकर मोदी ने कही ये बात* नरेन्द्र मोदी ने कहा, "इस महीने एक और महत्वपूर्ण अभियान के 10 साल पूरे हुए हैं. इस अभियान की सफलता में देश के बड़े उद्योगों से लेकर छोटे दुकानदारों तक का योगदान शामिल है. मैं बात कर रहा हूं 'मेक इन इंडिया' की. आज मुझे ये देखकर बहुत खुशी मिलती है कि गरीब, मध्यम वर्ग और एमएसएमई को इस अभियान से बहुत फायदा मिल रहा है. उन्होंने आगे कहा, "त्योहारों के इस मौसम में आप फिर से अपना पुराना संकल्प भी जरूर दोहराइए. कुछ भी खरीदेंगे, वो मेड इन इंडिया ही होना चाहिए, कुछ भी गिफ्ट देंगे, वो भी, मेड इन इंडिया ही होना चाहिए."   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 29, 2024

हमारे समर्थन के बिना हरियाणा में नहीं बनेगी किसी की सरकार', अरविंद केजरीवाल का दावा

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024 (यूटीएन)। हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार के तहत रविवार को दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुरुग्राम के बादशाहपुर में आम आदमी पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर दावा किया कि दावा किया कि इस बार आम आदमी पार्टी के सहयोग के बीच किसी की सरकार नहीं बनेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी और पीएम मोदी आम आदमी पार्टी के नेताओं से डरते हैं.   पीएम मोदी ने मुझे जेल भेजकर पार्टी को तोड़ने की कोशिश की. पांच महीने जेल में रहा. इंसुलिन की इंजेक्शन लगाने पर रोक लगा दी. फिर भी ये मेरी हिम्मत को तोड़ नहीं पाए. मैं हरियाणा का हूं. हरियाणा वालों की हिम्मत वो नहीं तोड़ सकते. बीजेपी वालों को लगता है कि अरविंद केजरीवाल हरियाणा में भी सरकार बना लेगा. हकीकत भी यही है. आम आदमी पार्टी के समर्थन के बिना इस बार हरियाणा में किसी भी पार्टी या गठबंधन की सरकार नहीं बनेगी.    *मेरा गुनाह है क्या?* अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने केवल यही गुनाह किया था कि दिल्ली के लोगों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, महिलाओं को फ्री में बस यात्रा, बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा, बिजली-पानी फ्री सहित कई अन्य सेवाएं मुफ्त में मुहैया कराई थी. दिल्ली को एजुकेशन मॉडल के रूप में प्रसिद्धि दिलाई. अब आप ही बताओ ये गुनाह है क्या?   *'पक्की वाली गारंट देता है केजरीवाल' * आप लोग भी इस बात की गांठ बांध लें, अरविंद केजरीवाल पक्की वाली गारंटी देता है. आम आदमी पार्टी को वोट दोगे, तो हरियाणा के लोगों को भी 24 घंटे बिजली फ्री मिलेगा. सारा बकाया बिजली बिल माफ कर देंगे. हरियाणा में शानदार सरकारी अस्पताल बनाएंगे.   उन्होंने कहा कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी को दिल्ली और पंजाब कि बाद हरियाण के लोगों का भी समर्थन और प्यार मिल रहा है.दिल्ली के पूर्व सीएम ने लोगों से कहा आप हमें मौका दीजिए दिल्ली और पंजाब की तरह हम हरियाणा के लोगों को भी वही सुविधाएं मुहैया कराएंगे.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 29, 2024