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○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
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National
नीड ऑफ बैलेंसड जेंडर अप्रोच इन अवर सोसायटी बारे व्याख्यान
पंचकूला, 21 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में लिंग संवेदीकरण क्लब दी इक्विटी वॉरियर द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका विषय नीड ऑफ बैलेंसड जेंडर अप्रोच इन अवर सोसायटी रहा। मुख्य वक्ता डॉ शालिनी शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर मारकंडा नेशनल कॉलेज शाहाबाद ने समाज में संतुलित लिंग दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भाषण देते हुए कहा की समाज में स्त्री और पुरुष की समान भागीदारी और समान अधिकारों की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि स्त्रियों को अपने कानूनी अधिकारों का सही और नैतिकता से प्रयोग करना चाहिए। विद्यार्थियों ने भाषण को बड़ी उत्सुकता से सुना और चर्चा परिचर्चा भी की। प्राचार्या प्रोमिला मलिक ने इस कार्यक्रम को सराहा और कहा कि इस तरह के सामंजस्य से समाज में बदलाव लाया जा सकता है। प्रस्तुत कार्यक्रम लिंग संवेदीकरण क्लब की प्रभारी प्रोफेसर पूजा सिंगल और सदस्य प्रोफेसर सुनीता चौहान, डॉ शीतल मंगला, डॉ गीता, डॉक्टर नीरू के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
admin
Oct 21, 2024
इकाई द्वारा संघ स्थापना के उत्सव के उपलक्ष में पथ संचालन का आयोजन किया
कालका, 21 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कालका नगर इकाई द्वारा संघ स्थापना के उत्सव के उपलक्ष में पथ संचालन का आयोजन किया गया। वार्षिक उत्सव के निमित्त रविंद्र सोनी ने अपने उद्बोधन में संघ यात्रा और उसकी कार्य प्रणाली और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने राष्ट्र निर्माण और उसकी प्रगति में संघ के योगदान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना का निमित्त परम पूज्य डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार की दूरदृष्टि और राष्ट्र के प्रति उनके दृष्टिकोण का परिणाम है। रविंद्र ने अपने उद्बोधन में बताया कि संघ इस वर्ष अपने 99 वर्ष पूरे कर 100वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। संघ अपने 99 वर्षों की सतत यात्रा और स्वयं सेवकों के अथक प्रयासों के परिणाम स्वरूप नागपुर के एक कमरे से प्रारंभ हुआ और अब विश्व भर में इसकी इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं। संघ विश्व का एकमात्र विशालतम संगठन है जो वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा और सभी पथों को साथ लेकर चलने का आह्वान करता है। संघ की स्थापना का हेतु समाज के सभी वर्गों में सामंजस्य स्थापित करना है। वार्षिक पथ संचलन कालका के टैगोर पार्क (गऊ बाड़ा) से प्रारंभ होकर मुख्य बाजार, रेलवे कॉलोनी और रेलवे रोड से होते हुए टैगोर पार्क पर संपन्न हुआ। संचलन का नेतृत्व कालका के माननीय नगर संघ चालक राम रतन एवं विभाग कार्यकारिणी सदस्य पृथ्वीराज द्वारा किया गया। पथ संचलन की व्यवस्था माननीय नगर कार्यवाह अंकुश गुप्ता , नगर प्रचार प्रमुख डॉ संजय पवार, नगर बोधिक प्रमुख विजय शर्मा एवं अन्य नगर कार्यकारिणी सदस्यों अनिल शर्मा, शरद शर्मा, विजय चौबे, मनीष, दिवम, हेमराज द्वारा की गई। पथ संचलन में शताब्दी विस्तारक खुशी राम का योगदान सराहनीय रहा। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
admin
Oct 21, 2024
वैश्विक अवसरों को प्रदर्शित करने वाला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आरोहा सम्पन्न
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान नई दिल्ली ने अपने पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 'एडवांसमेंट ऑफ़ रिसर्च एंड ग्लोबल ऑपरट्यूनिटी फॉर होलिस्टिक आयुर्वेदा" आरोहा-2024' का सफलता पूर्वक समापन किया। यह तीन दिवसीय सम्मेलन 17 अक्टूबर को आरंभ हुआ था, जिसमें विश्वभर के विशेषज्ञों और प्रतिभागियों ने प्रत्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। सम्मेलन का मुख्य विषय था "आयुर्वेद में अनुसंधान की प्रगति और वैश्विक अवसर", जिसमें वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान हेतु आयुर्वेद की भूमिका पर गहन चर्चा की गई। आरोहा-2024 का उद्देश्य आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने और आधुनिक स्वास्थ्य प्रणालियों के साथ एकीकरण करने की दिशा में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करना था। इस महत्वपूर्ण अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक, प्रो. (डॉ.) तनुजा नेसरी ने कहा, “आरोहा-2024, आयुर्वेद की वैश्विक मान्यता के लिए एक मील का पत्थर है। यह सम्मेलन विश्वभर के विशेषज्ञों को एक साथ लाकर आयुर्वेद के क्षेत्र में नए अवसरों और नवाचारों को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर गर्व है कि हम आयुर्वेद के वैश्विक विस्तार का नेतृत्व कर रहे हैं।” इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 15 वैज्ञानिक सत्र और कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिनमें 400 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इन सत्रों में पारंपरिक औषधियाँ, गुणवत्ता नियंत्रण, रोग का निदान और आयुर्वेद के वैश्वीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। सम्मेलन में 30 अंतर्राष्ट्रीय वक्ता, 100 राष्ट्रीय वक्ता और 700 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके साथ ही, एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रमुख ब्रांड और संस्थानों ने हर्बल उत्पादों का प्रदर्शन, उपचार, समाधान और शोध नवाचारों का प्रदर्शन किया। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव के दूरदर्शी नेतृत्व में पूरा कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस दौरान नतालिया सोफिया अल्दाना (कोलंबिया); डॉ. जोहान पेर्डोमो (क्यूबा); बर्लिन से प्रो. (डॉ.) जॉर्ज जोहान्स सीफर्ट और अन्य ने वक्ताओं ने सम्मेलन की शोभा बढ़ाई। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रकाशनों का विमोचन भी किया, जिनमें शामिल हैं: आरोहा सोविनियर, एजेआईओ (आयुष जर्नल ऑफ इंटीग्रेटिव ऑन्कोलॉजी), ट्रांसडिसिप्लिनरी हॉलिस्टिक आयुर्वेद रिसर्च प्रोटोकॉल,एल्गोरिथ्म फॉर इंटिग्रेटिव मैनेजमेंट ऑफ ब्रेस्ट कैंसर, कम्पैरटिव ऑर्गेनोलेप्टिक प्रोफाइलिंग ऑफ सलेक्टेड जेन्युइन एंड मार्केटेड क्रूड हर्ब्स, स्टैंडर्ड गाइडलाइंस इन मैनेजमेंट ऑफ लेबर एंड पोस्ट–नटल केयर थ्रू आयुर्वेदा, हॉलिस्टिक एंड इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट फ्यूचर ऑफ द हेल्थ केयर सिस्टम और एआईआईए के पीजी थीसिस का सारांश शामिल है। इस सम्मेलन का उद्घाटन भारत के मुख्य न्यायाधीश, डॉ. न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने 17 अक्टूबर को किया। इस अवसर पर माननीय आयुष एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, डब्ल्यूएचओ ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर की निदेशक डॉ. श्यामा कुरुविला, लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कनिटकर (कुलपति, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय) और पद्म भूषण प्रो. शिव कुमार सरीन (निदेशक, आईएलबीएस) उपस्थित रहे। माननीय मंत्री प्रतापराव जाधव ने अपने संबोधन में कहा कि, “आयुर्वेद की वैश्विक मान्यता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अत्यधिक बढ़ी है। यह सम्मेलन हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा और आधुनिक विज्ञान को एकीकृत कर आयुर्वेद को मुख्यधारा के स्वास्थ्य देखभाल का हिस्सा बनाया जाए।” समापन सत्र में पद्म भूषण और पद्म वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा के साथ आयुष मंत्रालय के डीडीजी सत्यजीत पॉल ने भाग लिया। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की पहुंच 17 से अधिक देशों में है। इसका शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग कई प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों जैसे लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (यूके), एफ.आई.जी.जेड जर्मनी, ए.आई.एस.टी जापान, वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया, यू.एच.एन कनाडा और भारत के प्रमुख संस्थानों जैसे आई.जी.आई.बी, एम्स, सी.एस.आई.आर और आई.आई.टी के साथ है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 21, 2024
भारतीय कला के संवाहक पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर की याद में संपूर्ण रामलीला का मंचन
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। एक ऐसे भारतीय प्रेस फोटो जर्नलिस्ट जिन्हें लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स ने सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रेस फोटो जर्नलिस्ट के रूप में दर्ज किया है। इतना ही नहीं फोटोग्राफी और भारतीय कला एवं संस्कृति के प्रति उनके जज्बे को देखकर हर किसी ने सलाम किया। भारत सरकार सहित अनेक संस्थाओं ने उन्हें सम्मानित किया। फोटोग्राफी के प्रति उनके विशिष्ट योगदान को सम्मानित करते हुए भारत सरकार ने उन्हें १९८२ में पद्म के नागरिक सम्मान से सम्मानित किया । इसके बाद दिल्ली राज्य पुरस्कार मिला। अखिल भारतीय ललित कला और शिल्प सोसायटी ने उन्हें २००० में मिलेनियम २००० कला विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया । उसी वर्ष उन्हें रोटरी इंटरनेशनल से मैन ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिला २००६ में उन्हें आचार्य महाप्रज्ञ अहिंसा प्रशिक्षण सम्मान मिला। भारतीय कला और संस्कृति को समर्पित पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर की याद में उनके परिजनों ने 18 अक्टूबर को श्रीराम भारतीय कला केन्द्र, मंडी हाउस में "युग युग की सत्य कथा" नामक रामलीला का आयोजन किया गया। आमंत्रित दर्शकों से खचाखच भरे श्री राम कला केंद्र में इस कार्यक्रम में श्रीराम भारतीय कला केन्द्र के कलाकारों दिल को छू लेने वाली अत्यंत कलात्मक प्रस्तुति दी। भगवान श्री राम को समर्पित श्रीराम भारतीय कला केंद्र की वो मशहूर नृत्य नाटिका है, जो हमेशा से दिल्लीवालों की पसंद रही है। 3 घंटे की इस प्रस्तुति में केंद्र के कलाकार पूरी रामलीला को दर्शकों को बांधे रखते हैं। केंद्र की निदेशक शोभा दीपक सिंह ने इसका निर्देशन किया है। नृत्य नाटिका में युद्ध के दृश्यों में मयूरभंज छऊ, कलरिपयट्टु नृत्य शैली का इस्तेमाल किया है। इस प्रस्तुति में रामायण के कई दृष्यों को उनके भावों के साथ पेश किया गया है। संस्था के उपाध्यक्ष वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व पार्षद अशोक जैन एवं रवि जैन ने बताया कि पद्म वीरेन्द्र प्रभाकर का जन्म 15 अगस्त, 1928 को उत्तर प्रदेश के एक प्रतिष्ठित जैन और साहित्यिक परिवार में हुआ था। उन्होंने दून स्कूल में प्रख्यात कलाविद् सुधीर खास्तगीर से मूर्तिकला और फोटोग्राफी की शिक्षा प्राप्त की। वर्ष 1947 में उन्होंने पहली बार फोटो पत्रकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उनकी खींची हुई 14,958 न्यूज़ फोटोज़ विभिन्न राष्ट्रीय समाचार पत्रों के मुखपृष्ठ पर प्रकाशित हुईं, जिनमें हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के समाचार पत्र शामिल हैं। पद्म वीरेन्द्र प्रभाकर की कला और फोटोजर्नलिज्म में योगदान को सम्मानित करते हुए चित्र कला संगम प्रतिवर्ष इस रामलीला का आयोजन करता है, जिससे उनकी समृद्ध धरोहर और यादों को जीवित रखा जा सके। संपूर्ण रामलीला का मंचन कराया। चित्र कला संगम की पहल पर आयोजित इस रामलीला का काफी संख्या में लोगों ने आनंद लिया। चित्र कला संगम और यशपाल जैन स्मृति के मंत्री रवि जैन और पूर्व पार्षद अशोक जैन ने बताया कि संपूर्ण रामलीला दिल्लीवालों को काफी पसंद है। यह एक दिन में संपन्न हो जाती है। इसी के मद्देनजर वह हर साल पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर की याद में इसका आयोजन करते हैं। गणमान्य व्यक्तियों के लिए खास व्यवस्था की जाती है। इस मौके पर धार्मिक लीला कमेटी के महासचिव धीरज धर गुप्श्री राम कला केंद्र की निदेशक शोभा दीपक सिंह सहित अनेक विशिष्ट लोगों का अभिनंदन किया गया। *आजादी की पहले रोशनी के गवाह थे वीरेंद्र प्रभाकर* वीरेंद्र प्रभाकर का जन्म उत्तर प्रदेश में 15 अगस्त 1928 को एक जैन परिवार में हुआ था और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दून स्कूल से की, जहाँ उन्हें प्रसिद्ध मूर्तिकार सुधीर ख़स्तगीर से मूर्तिकला और फोटोग्राफी का प्रशिक्षण लेने का अवसर मिला, जो कला संकाय के सदस्य थे। बाद में, उन्होंने चित्रशाला, मसूरी में चित्रकला का प्रशिक्षण लिया । उनके करियर की शुरुआत 1947 में जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली अनंतिम सरकार द्वारा आयोजित एशियाई संबंध सम्मेलन की कवरेज से हुई, जब भारत स्वतंत्रता के संक्रमणकालीन चरण में था।प्रभाकर ने दिल्ली के पुराने किले में आयोजित सम्मेलन को कवर किया, जिसमें महात्मा गांधी और इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो ने भाग लिया था । प्रभाकर का करियर जिसमें कथित तौर पर 14,458 प्रकाशित समाचार तस्वीरें थीं और जो 1947 से लेकर 2015 में उनकी मृत्यु तक अनवरत जारी रही, उनकी तस्वीरें कई हिंदी और अंग्रेजी भाषा के दैनिक समाचार पत्रों द्वारा प्रकाशित की गई हैं और विभिन्न विषयों पर उनकी फोटो प्रदर्शनियां कई स्थानों पर आयोजित की गई हैं। वे कला और संस्कृति को बढ़ावा देने वाले दिल्ली स्थित संगठन चित्र कला संगम के संस्थापक सचिव थे। दिल्ली निगम द्वारा पद्म वीरेंद्र प्रभाकर के नाम पर पुरानी दिल्ली में एक सड़क का नामकरण किया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. कर्ण सिंह ने पद्म वीरेंद्र प्रभाकर को याद करते हुए एक बार कहा था कि चित्र कला संगम के संस्थापक वीरेंद्र प्रभाकर बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। किसी भी सामाजिक-सांस्कृतिक-साहित्यिक आयोजन में उनकी उपस्थिति रहती थी। वहीं प्रियंका गांधी ने भी उन्हें याद करते हुए कहा कि पद्म वीरेंद्र प्रभाकर ऐसे सौभाग्यशाली लोगों में से थे, जो हमारी आजादी की पहली रोशनी के गवाह थे। उन्होंने अपनी कलात्मक दृष्टि से दुनिया देखी, उसे दर्ज किया और कई पुरस्कारों से सम्मानित हुए। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 21, 2024
विजया किशोर रहाटकर राष्ट्रीय महिला आयोग की नई अध्यक्ष बनीं
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। विजया किशोर रहाटकर को राष्ट्रीय महिला आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वहीं, डॉ अर्चना मजूमदार को भी राष्ट्रीय महिला आयोग का नया सदस्य बनाया गया है। शनिवार को जारी एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि। राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 की धारा तीन के तहत की गई नियुक्ति तीन साल की अवधि या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, के लिए होगी। इसके तुरंत बाद राहटकर का कार्यकाल शुरू होगा। घोषणा भारत के राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। रहाटकर की नियुक्ति के अलावा, सरकार ने एनसीडब्ल्यू में नए सदस्यों को भी नामित किया है। महिला और बाल विकास मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, डॉ अर्चना मजूमदार को आधिकारिक तौर पर तीन साल के कार्यकाल के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 21, 2024
6 दिनों में 70 विमानों को मिली बम से उड़ाने की धमकी
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। एयरलाइंस को बम थ्रेट के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. इस बीच शनिवार (19 अक्टूबर 2024) को इंडिगो के 5 विमानों को बम से उड़ने की धमकी मिली है. अकासा एयरलाइंस की पांच फ्लाइट्स को भी बम की धमकी दी गई है. इंडिगो की तरफ से कहा गया कि वह मुंबई से इस्तांबुल तक जाने वाली फ्लाइट नंबर 6ई 17 से जुड़ी स्थिति से अवगत हैं. *यात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता* कंपनी ने कहा, "यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. हम दिशानिर्देशों के अनुसार सभी आवश्यक सावधानियां बरत रहे हैं." इंडिगो ने दूसरे बयान में कहा, हम दिल्ली से इस्तांबुल तक संचालित होने वाली उड़ान 6ई 11 से जुड़ी स्थिति से अवगत हैं. यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. सोमवार (14 अक्टूबर 2024) से अब तक 70 से अधिक फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है. *इंटरनेशनल फ्लाइट्स को बम थ्रेट* इससे पहले शुक्रवार देर रात इंटरनेशनल फ्लाइट्स को बम की धमकी दी गई थी. एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट I 196 में ईमेल के जरीए बम होने की धमकी दी गई, इसमें 189 यात्री सवार थे. इस फ्लाइट की रात 1:20 बजे जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंडिंग कराई गई. हालांकि जांच के दौरान विमान की गहनता से तलाशी करने पर कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया. इससे पहले के तीन अंतरराष्ट्रीय विमानों में बम होने की धमकी मिली थी, जो बाद में यह झूठी निकली. एहतियात के तौर पर एक विमान का मार्ग परिवर्तित कर उसे फ्रैंकफर्ट ले जाया गया था. विस्तारा के एक प्रवक्ता के अनुसार दिल्ली से उड़ान भरने वाले तीन विमानों को सोशल मीडिया पर शुक्रवार (18 अक्टूबर 2024) को सुरक्षा संबंधी धमकियां मिली थीं, जिसके बाद प्रोटोकॉल के तहत सभी संबंधित अधिकारियों को तुरंत सतर्क कर दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी से लंदन, पेरिस और हांगकांग जाने वाले विस्तारा के विमानों में बम की धमकी मिली थी, जो बाद में झूठी निकलीं. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 21, 2024
प्रवीण हिंगोनिया की फ़िल्म 'नवरस कथा कोलाज' अब 25 अक्टूबर 2024 को होगी रिलीज़
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। कश्मीर से कन्याकुमारी तक सड़क के रास्ते से प्रचार करके फ़िल्म 'नवरस कथा कोलाज' की टीम ने बॉलीवुड के इतिहास में नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। इस फ़िल्म की रिलीज़ को लेकर नया अपडेट सामने आया है, जी हां अब यह फ़िल्म सिनेमाघरों में 25 अक्टूबर 2024 को रिलीज़ होगी, पहले इसका रिलीज़ डेट 18 अक्टूबर था। एसकेएच पटेल और प्रवीण हिंगोनिया द्वारा निर्मित, अभिषेक मिश्रा द्वारा सह-निर्मित, नवरस कथा कोलाज समाज के कई महत्वपूर्ण मुद्दों को छूती है। निर्माता, अभिनेता और निर्देशक प्रवीण हिंगोनिया इस फ़िल्म को लेकर काफी उत्साहित हैं। उनका मानना है कि लोगों ने हमारी फ़िल्म के ट्रेलर को जितना प्यार दिया है उम्मीद है कि वही प्यार रिलीज़ पर थेटर्स में दर्शक देंगे। उत्तर से लेकर दक्षिण तक अपने शहरों में ग्रुप बनाकर हमारी फिल्म के सामाजिक संदेश के बारे में लोगों ने जागरूकता फैलाई है। 58 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल कर चुकी फ़िल्म की टीम ने कश्मीर से यात्रा शुरू की, फिर पंजाब गए, फिर हिमाचल प्रदेश, उसके बाद हरियाणा, पंजाब फिर दिल्ली गए, दिल्ली से उत्तरप्रदेश, यूपी से मध्यप्रदेश गए, फिर राजस्थान गए। वहां से गुजरात गए, वहां से महाराष्ट्र आए, फिर तमिलनाडु गए और कन्याकुमारी में कम्पैन खत्म किया। इस दौरान टीम वाघा बॉर्डर, गोल्डन टेंपल, जलियांवाला बाग, खटकर कलां, शहीद भगत सिंह के गांव, ताजमहल सहित कई महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा किया। प्रवीण हिंगोनिया ने लोगों से बात की और दर्शकों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। लेखक, निर्देशक और अभिनेता प्रवीण हिंगोनिया ने इस फिल्म में नौ चुनौतीपूर्ण किरदार निभाए हैं। इस फिल्म के अन्य कलाकार हैं शाजी चौधरी, दयानंद शेट्टी, रेवती पिल्लई, सुनीता जी, महेश शर्मा, प्राची सिन्हा, अमरदीप झा, श्रेया झा, जय शंकर त्रिपाठी, ईशान शंकर और स्वर हिंगोनिया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 19, 2024
वन्य जीवन सप्ताह के अंतर्गत गिद्धों के संरक्षण पर व्याख्यान
पंचकूला, 19 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में वन्य जीवन सप्ताह के अंतर्गत गिद्धों के संरक्षण के लिए एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कालका महाविद्यालय के एसडीजी क्लब, प्राणी शास्त्र विभाग और जटायु कंजर्वेशन एंड ब्रीडिंग सेंटर के सौजन्य से विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए व्याख्यान का आयोजन किया गया। जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक प्रकाश मेहता ने विद्यार्थियों को गिद्धों के महत्व और उनकी घटती संख्या के बारे में बताया। प्रकाश मेहता ने बताया कि गिद्धों की पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका और उनकी आबादी में अत्यधिक गिरावट के कारण संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता अनिवार्य हो गई है।त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए बी एन एच एस और हरियाणा वन और वन्य जीव विभाग में पहला संरक्षण अभियान शुरू किया था। इस पहल ने इन-सिट् और एकस-सिट् संरक्षण कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया और गिद्ध संरक्षण के एक प्रमुख घटक के रूप में जटायु संरक्षण प्रजनन केंद्र की स्थापना की। उन्होंने कहा कि गिद्धों का उल्लेख भारतीय इतिहास में प्राचीन काल से मिलता है जो रामायण के युग तक जाता है। 1980 के दशक तक सफेद पीठ वाले गिद्ध को दुनिया का सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला शिकार पक्षी माना जाता था। 1980 के दशक के अंत तक भारत में लगभग चार करोड़ गिद्धों की आबादी थी। 1990 के दशक की शुरुआत से ही गिद्धों की आबादी में बाहरी गिरावट देखी गई खासकर सफेद पीठ वाले गिद्ध और अन्य प्रजातियों में भी कमी आई। इस गिरावट का मुख्य कारण मवेशियों में डाइक्लोफिनेक सोडियम और अन्य एन एस ए आई डी एस दवाओं का व्यापक उपयोग था। प्रस्तुत कार्यक्रम एसडीजी क्लब की प्रभारी प्रोफेसर डॉक्टर नीरू सदस्या डॉ बिंदु रानी, विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर डॉ रामचंद के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया। प्रस्तुत कार्यक्रम में डॉ अजीत, डॉक्टर गुरप्रीत, प्रोफेसर डॉक्टर बिंदु, डॉ सरिता और प्रोफेसर डॉ प्रदीप कुमार वैदिक रिसर्चर भी उपस्थित रहे। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
admin
Oct 19, 2024
योगासनों पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन
पंचकूला, 19 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में योग क्लब द्वारा योगासनों पर पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। प्राचार्या प्रोमिला मलिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा की योग आत्म जागरूकता और आत्म अनुशासन को बढ़ावा देता है और हमें जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है। योग क्लब का उद्देश्य योग मुद्राओं का अभ्यास करते हुए यह सीखना है कि योग का उपयोग तनाव को प्रबंधित करने, मन- शरीर के संबंध में सुधार करने और ताकत और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए कैसे किया जा सकता है। योगासनों पर बनाए गए पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के परिणाम में प्रथम स्थान पर बी.ए. प्रथम वर्ष के छात्र मोनू रहे। द्वितीय स्थान पर बी.ए. प्रथम वर्ष से राघव तथा तृतीय स्थान पर बीएससी की छात्रा शिवानी तथा बीए प्रथम वर्ष की छात्रा हरप्रीत कौर रही। बीए तृतीय वर्ष के छात्र विधान को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रतियोगिता को निष्पक्षता पूर्ण संपन्न कराने का श्रेय निर्णायक मंडल के सदस्य अंग्रेजी विभाग अध्यक्षा प्रोफेसर डॉ मीनू खयालिया और गणित विभाग के डॉक्टर आशीष कुमार को जाता है। प्रतियोगिता को अर्थपूर्ण बनाने और विद्यार्थियों में योग के प्रति जागरूकता लाने में योग क्लब की प्रभारी डॉक्टर गीता कुमारी सदस्य डॉक्टर सुरेश कुमार, डॉक्टर प्रदीप तथा डॉक्टर हरदीप का विशेष योगदान रहा। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
admin
Oct 19, 2024
भारत का पर्यटन और विवाह क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ा सकता है
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पीएचडीसीसीआई के पहले विवाह पर्यटन शिखर सम्मेलन और एक्सपो का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी की पहल की बदौलत भारत में लगभग 25-30 करोड़ लोग गरीबी से मध्यम वर्ग में आ गए हैं। 54% आबादी 30 वर्ष से कम आयु की है, घरेलू आय का एक बड़ा हिस्सा शादियों पर खर्च होता है। अगर हम 25 वर्ष और उससे कम आयु वालों पर विचार करें, तो भारत में अगले कुछ वर्षों में लगभग 68 करोड़ लोग विवाह करेंगे, जिससे विवाह उद्योग के लिए अपार संभावनाएं पैदा होंगी, ऐसा केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पीएचडीसीसीआई के पहले वेडिंग टूरिज्म समिट एंड एक्सपो में बोलते हुए कहा, जो 18-19 अक्टूबर 2024 तक आयोजित होने वाला दो दिवसीय कार्यक्रम है। उन्होंने आगे हेमंत जैन को नया अध्यक्ष बनने के लिए बधाई दी और इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन के लिए पीएचडीसीसीआई की सराहना की। उन्होंने कहा कि हालांकि भारत पर्यटन सूचकांक में 24वें स्थान पर है, लेकिन यह डेटा बड़े पैमाने पर 3-सितारा और उससे ऊपर के होटलों को दर्शाता है। असंगठित क्षेत्र के आंकड़ों को आंकड़ों में नहीं गिना जाता है, इसी तरह हम अक्सर अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को गिनते हैं, लेकिन हर हफ्ते काशी, तिरुपति और उज्जैन आने वाले 10-12 लाख घरेलू तीर्थयात्रियों को नजरअंदाज कर देते हैं माननीय मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत का पर्यटन क्षेत्र, जो सकल घरेलू उत्पाद में 7% और रोजगार में 10-12% का योगदान देता है, में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है। अन्य आयोजनों के लिए विवाह संबंधी बुनियादी ढांचे के उचित उपयोग से, हम विवाह सीजन के 70-75 दिनों से आगे भी इसका उपयोग बढ़ा सकते हैं। यदि हम इस वृद्धि के साथ-साथ अपने देश की भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता का दोहन करते हैं, तो पर्यटन और विवाह उद्योग 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में प्रमुख चालक हो सकते हैं।पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत, अपने परिदृश्यों, संस्कृतियों और ऐतिहासिक स्थलों की समृद्ध विविधता के साथ लंबे समय से एक स्वप्निल विवाह स्थल रहा है। भारतीय शादियों की भव्यता, गंतव्य शादियों के बढ़ते चलन के साथ मिलकर पर्यटन के लिए अपार संभावनाएँ प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि वैश्विक विवाह उद्योग का मूल्य 300 बिलियन डॉलर है, जिसमें अकेले भारत का बाजार 50 बिलियन डॉलर का है, जो सालाना 20-25% की दर से बढ़ रहा है। पर्यटन और समारोहों को मिलाकर गंतव्य शादियाँ अब एक बहु-बिलियन डॉलर का उद्योग बन गया है। जो आतिथ्य और विमानन जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा दे रहा है। पीएचडीसीसीआई का पहला वेडिंग टूरिज्म समिट और एक्सपो अपनी तरह का पहला आयोजन है और इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि सही नीतियों, बुनियादी ढांचे और प्रचार के माध्यम से भारत कैसे एक अग्रणी वैश्विक विवाह स्थल बन सकता है। पीएचडीसीसीआई के पर्यटन और आतिथ्य समिति के वरिष्ठ सदस्य अनिल पाराशर ने चर्चा की कि भारत का पर्यटन उद्योग हमारी अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तंभ है। 2023 में, भारत ने 15 मिलियन से अधिक विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया, जिससे 30 बिलियन डॉलर से अधिक विदेशी मुद्रा आय हुई। साथ ही, घरेलू पर्यटन भी फल-फूल रहा है, जिसमें सालाना 1.8 बिलियन से अधिक घरेलू यात्राएँ की जाती हैं। यह जीवंत उद्योग समावेशी विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लोगों के जीवन को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि इस व्यापक परिदृश्य में, विवाह पर्यटन विकास और विविधीकरण के एक प्रमुख चालक के रूप में उभरा है। इकोनॉमिस्ट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, विवाह उद्योग भारत का चौथा सबसे बड़ा उद्योग है, जिसमें प्रति वर्ष 130 बिलियन अमेरिकी डॉलर का भारी खर्च होता है। उन्होंने कहा कि इसका पर्याप्त पैमाना लाखों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है। पीएचडीसीसीआई के सीईओ और महासचिव डॉ रणजीत मेहता ने कहा, भारत सरकार की पहल, जैसे वीजा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने से पिछले साल पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो देश में बेहतर पहुंच और बुनियादी ढांचे के विकास से प्रेरित है। राजस्थान जैसी जगहें पहले से ही शीर्ष विवाह स्थलों की सूची में हैं। भारत की समृद्ध विरासत, संस्कृति और विविध राज्य इसे पर्यटन के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाते हैं। लोगों की सक्रिय भागीदारी के साथ, हम सुझावों, सरकार के फोकस और देश में विवाह पर्यटन पर बढ़ते महत्व की प्रतीक्षा कर रहे हैं, डॉ मेहता ने कहा। इवेंट एंड एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष समित गर्ग ने बताया कि भारत के विवाह पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए ईईएमए की प्रतिबद्धता अतुल्य भारत अभियान यह इस उद्योग की वास्तविक क्षमता को उजागर करने और भारत को शादियों के लिए एक अग्रणी वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए नीति, उद्योग प्रथाओं और नवाचार को संरेखित करने के लिए एक शक्तिशाली मंच है। धन्यवाद ज्ञापन पीएचडीसीसीआई के पर्यटन और आतिथ्य समिति के वरिष्ठ सदस्य राजन सहगल ने दिया। उद्घाटन सत्र के बाद मुख्य अतिथि द्वारा प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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