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विरोध के बीच गुरु रंधावा की बहुचर्चित फिल्म शाहकोट रिलीज के लिए तैयार

नई दिल्ली, 02 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। मशहूर पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा की नई फिल्म शाहकोट रिलीज के लिए तैयार है. यह फिल्म शुक्रवार 4 अक्टूबर को रिलीज होगी. इस फिल्म की रिलीज से पहले गुरु रंधावा जोर-शोर से इसका प्रमोशन कर रहे हैं. इस फिल्म का प्रमोशन करते हुए उन्होंने बॉलीवुड और पंजाबी इंडस्ट्री के बारे में भी बात की. जब गुरु रंधावा से पूछा गया कि बॉलीवुड और पंजाबी इंडस्ट्री में क्या अंतर है तो उन्होंने जवाब दिया कि पंजाबी मेरी मातृभाषा है जिसमें मैं काफी सहज महसूस करता हूं. दरअसल, मैं हिंदी भाषा से भी परिचित हूं क्योंकि मैं कई सालों से राष्ट्रीय स्तर पर गाती आ रही हूं. गुरु रंधावा ने आगे कहा कि मेरी राय में ज्यादा फर्क नहीं है क्योंकि हमने भी बॉलीवुड लेवल की फिल्म बनाई है. ये फिल्म कई बॉलीवुड फिल्मों से भी बड़ी थी. इसके अलावा गुरु रंधावा ने आगे कहा कि हमने निर्माता से एक भी पैसा नहीं लिया बल्कि सारा पैसा फिल्म में लगा दिया। सबसे लोकप्रिय पाकिस्तानी अभिनेत्री के बारे में पूछे जाने पर गुरु रंधावा ने कहा कि पाकिस्तानी अभिनेत्रियों में मेरी पसंदीदा सबा कमर हैं.   मैंने उनके साथ काम भी किया. उन्होंने कहा कि सबा कमर बेहद प्रतिभाशाली पाकिस्तानी अभिनेत्री हैं। फिल्म को लेकर हो रहे विवाद पर गुरु रंधावा ने लोगों से उन्हें सपोर्ट करने की अपील की है. उन्होंने  कहा कि लोगों ने सिर्फ ट्रेलर देखकर ही राय बना ली है. उनका कहना है किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले फिल्म की वास्तविक कहानी को समझना महत्वपूर्ण है. सिंगर ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि उन्होंने ट्रेलर में क्या देखा कि विरोध को बढ़ावा दे रहे हैं, लेकिन फिल्म में विरोध करने जैसा कुछ नहीं है, ये बहुत प्यार-मोहब्बत वाली फिल्म है. पहले भी ऐसी फिल्में बनती रही हैं और आगे भी बनती रहेंगी. जो लोग विरोध कर रहे हैं, फिल्म देखने के बाद उनका वहम दूर हो जाएगा.' फिल्म में गुरु रंधावा के साथ ईशा तलवार को रोमांस करते हुए देखा जा रहा है. इन दोनों के अलावा फिल्म में राज बब्बर, गुरशब्द हरदीप गिल, सीमा कौशल, नेहा दयाल और मनप्रीत सिंह जैसे सितारे भी अहम किरदारों में नजर आ रहे हैं. इस फिल्म को लेकर चाहे कितना भी विवाद क्यों न हो लेकिन गुरु रंधावा के चाहने वाले तो उन्हें इस फिल्म में देखने के लिए बेताब हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 2, 2024

लवकुश रामलीला: सांसद एवं लोकप्रिय भोजपुरी गायक मनोज तिवारी बनेंगे

नई दिल्ली, 02 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। देश-विदेश में ख्याति प्राप्त लव कुश रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने लीला स्थल लालकिला मैदान दिल्ली में आयोजित फुल ड्रेस रिहर्सल में बताया कि रामलीला मंचन इस वर्ष 3 से 13 अक्तूबर को होगा एवं दशहरा पर्व 12 अक्तूबर को पूरे धूम धाम से मनाया जायेगा । उन्होंने बताया कि भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार, सिंगर, भाजपा सांसद मनोज तिवारी भगवान परशु राम का किरदार निभायेंगे, वहीं दूरदर्शन के ख्याति प्राप्त सीरियल हम लोग में नन्हें का किरदार निभाकर स्टार बने अभिनय चतुर्वेदी लीला मंच पर भरत जी की भूमिका निभायेंगे। दिल्ली विधान सभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता, राजा जनक और पूर्व विधायक विजय जौली भाजप गुरू वशिष्ठ, पूर्व मेयर जत्थेदार अवतार सिंह कुंभकरण, अपोलों हास्पीटल के डा. अशोक शर्मा सुसेन वैघ, सेवानिवृत आर्मी मेजर शालू वर्मा केकई आदि की भूमिका कर रही है।   अर्जुन कुमार ने कहा जाने माने फिल्म स्टार हिमांशु सोनी प्रभु श्रीराम, कनन मल्होत्रा श्री राम के अनुज लक्ष्मण, समीक्षा भटनागर जगत जननी माता सीता मैया एक्टर केतन करांडे रामभक्त हनुमान, फिल्म अभिनेता निमाई बाली महाबली रावण, लेजेन्ट अभिनेता असरानी राजा जनक के प्रमुख मंत्री, सिगर शंकर साहनी केवट, मनीष चर्तुवदी शिव, हेमन्त पांडे हरिभक्त नारद, मोहित त्यागी विभीषण, विघा शुक्ला कौशल्या आदि अभिनय करेंगे। अर्जुन कुमार के अनुसार इस बार रामलीला पूर्णतया डिजिटल तकनीक के साथ की जायेगी इसी कम में कमेटी कम्प्यूटर ग्राफिक्स, डिजाईनर के साथ-साथ मुंबई के अनुभवी टैक्नीशियनों की टीम मंच पर प्रस्तुत लीला के दृश्यों को और भव्य स्तर पर पेश करेंगी। लीला के सभी भक्ति गीतों को कमेटी ने मुंबई से मशहूर म्यूनिजक डायरेक्टर और सिगर्स के साथ का नये स्वरूप में रिकार्डिंग करवाई है।    लव कुश रामलीला कमेटी के महामंत्री सुभाष गोयल ने कहा कि लीला मंच पर 1 अक्तूबर को सायं विख्यात भजन गायक कन्हैया मित्तल द्वारा खाटू श्याम संकीर्तन महोत्सव के साथ भजन संध्या होगी और अनिरूद्धाचार्य जी महाराज का प्रवचन एवं भजन कार्यकम होगा। 2 अक्तूबर अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव एसोसिएशन के तत्वावधान में दिल्ली एनसीआर के स्कूली छात्र-छात्रों द्वारा सम्पूर्ण रामायाण का मंचन होगा। अभिनेता एवं सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि मैं बचपन से ही अपने गांव की रामलीला के पात्र निभाता रहा हूँ। मुझे खुशी है कि लव कुश रामलीला के मंच पर पूर्व में केवट, अंगद आदि का किरदार कर चुका हूँ। इस बार भगवान परशु राम का रोल करूंगा। यह भगवान परशु राम का किरदार निभाना निश्चित रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण है इसलिए मैं अभी से इस किरदार की तैयारी कर रहा हूँ। दिल्ली विधान सभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि मैं प्रभु श्रीराम के काज में जुडा हूँ और मुझे लव कुश रामलीला कमेटी के मंचन पर राजा जनक का रोल करने का अवसर मिला इसके लिए में कमेटी का धन्यवाद करता हूँ, यह मेरे लिए गर्व की बात है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 2, 2024

भारत में पहली बार डब्ल्यूएचओ ने एम्स में सामूहिक दुर्घटना प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण शुरू किया

नई दिल्ली, 02 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। डब्ल्यूएचओ अकादमी मास कैजुअल्टी मैनेजमेंट (एमसीएम) ने राष्ट्रीय राजधानी में अखिल भारतीय प्रबंधन विज्ञान संस्थान (एम्स) ट्रॉमा सेंटर में भारत में पहली बार आपातकालीन इकाइयों की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टीओटी) कार्यक्रम शुरू किया है। डब्ल्यूएचओ अकादमी ने आपातकालीन इकाइयों में काम करने वाले फ्रंटलाइन हेल्थकेयर स्टाफ जैसे डॉक्टर, नर्स, लॉजिस्टिक्स सपोर्ट, स्टाफ, प्रबंधन और तकनीशियनों के लिए मास कैजुअल्टी मैनेजमेंट प्रोग्राम विकसित किया है। जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रोमा सेंटर एम्स ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख प्रोफेसर कामरान फारूक के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मास कैजुअल्टी केस का पेटेंट कराया, "यह पेटेंटेड मास कैजुअल्टी कोर्स है जो मास कैजुअल्टी जैसी स्थिति के दौरान उपयोगी होगा, जिसमें अस्पताल को मास कैजुअल्टी को संभालना पड़ता है। ताकि अधिकतम जान बचाई जा सके। इस टीम के पास सोमालिया, इराक आदि और कई अन्य देशों का अनुभव है। हमारा विजन है कि एम्स ट्रॉमा सेंटर में प्रशिक्षित होने वाले संकाय पूरे देश के अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।" उन्होंने कहा, "यह कोर्स पांच दिनों का होगा, जिसमें तीन दिन कोर्स के लिए और दो दिन प्रशिक्षण के लिए होंगे, अन्य एम्स के संकाय भी इसमें भाग ले रहे हैं।"  डॉ. हेराल्ड वीन, कोर्स लीड, मास कैजुअल्टी मैनेजमेंट कोर्स, डब्ल्यूएचओ ईएमआरओ ने कहा, "हर उस मरीज को उपचार देना संभव नहीं है, जिसकी जान जाने का खतरा है, यह सामूहिक हताहतों की असाधारण स्थितियों के लिए है। सामूहिक हताहतों जैसी स्थितियों के दौरान यह विकल्प चुनना पड़ता है कि उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कैसे किया जाए, उन संसाधनों का उपयोग कैसे किया जाए, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। यह असाधारण स्थितियों के लिए है, जहां अस्पताल को वास्तव में अपने सामान्य रोगी प्रबंधन नीति को बदलना पड़ता है। रोगियों के लाभ के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा विशेषज्ञों के अंतरराष्ट्रीय समूह के साथ सामूहिक हताहत प्रबंधन मॉडल विकसित किया गया है। हम भारत में ऐसी प्रणाली शुरू करने और इस सामूहिक हताहत प्रबंधन को आगे बढ़ाने के लिए बहुत खुश हैं।" उन्होंने आगे कहा, " प्रशिक्षण का उद्देश्य अस्पताल को सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण देने में सक्षम बनाना है, जब गंभीर स्थिति के दौरान एक ही समय में बहुत से लोगों का इलाज किया जाना हो।" डॉ. अली मेहदी कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन और मेडिकल डायरेक्टर, केंट और कैंटरबरी अस्पताल, यूके ने बताया, "अगर एक भी व्यक्ति की जान बचा पाना बड़ी उपलब्धि है, तो हमारा मानना ​​है कि न केवल एम्स बल्कि भारत में भी यह एक बड़ी घटना है।" भाग लेने वाली टीम में एम्स नई दिल्ली, एम्स जोधपुर, एम्स पटना और एम्स जम्मू शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा, "इस प्रकाशन में पहचाने गए सिद्धांतों के आधार पर एमसीएम कोर्स पूरा करने के बाद, शिक्षार्थियों को स्थानीय स्थिति का मूल्यांकन करने में सक्षम होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि "सभी खतरों" के दृष्टिकोण का पालन किया जाता है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 2, 2024

एम्स में अब वैक्सीन और एआई के जरिए होगा दांतों का इलाज

नई दिल्ली, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली के एम्स में एडवांस ओरल हेल्थ इन इंडिया वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें इंडियन डेंटल असोसिएशन के साथ ही डेंटल प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी और देश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शामिल रहे। एक्सपर्ट ने कहा कि आने वाले दिनों में एआई के जरिए ओरल कैंसर से लेकर दांतों की बीमारी का इलाज आसान हो सकेगा। साथ ही दांतों की बीमारी का सटीक डेटा तैयार करने के लिए सर्वे भी शुरू कर दिया गया है।   *अब डोर टु डोर सर्वे होगा* एम्स के सेंटर फॉर डेंटल हेल्थ एंड रिसर्च की चीफ डॉ. रितु दुग्गल ने कहा कि देश में दांतों से जुड़ी बीमारियों का कोई सटीक डेटा नहीं है। पिछला सर्वे 2014 में हुआ था, लेकिन सटीक डेटा न होने की वजह से दिक्कत आ रही हैं। इसलिए अब डोर टु डोर सर्वे होगा। वहीं, उन्होंने कहा कि नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने भी स्कूलों में डेंटल अवेयरनेस प्रोग्राम चलाने का मॉडल तैयार करने की बात कही है।   *बचपन से ही होने लगती है कैविटी* लखनऊ से आए डॉ. एपी टिक्कू ने बताया कि बच्चों को डेंटल प्रॉब्लम से बचाने को लेकर चर्चा की गई। क्योंकि दांतों की बीमारी की शुरुआत बचपन से ही होती है। दूध के दांत में भी कैविटी होती है। आने वाले कुछ सालों में ओरल कैंसर से लेकर कैविटी और मसूड़ों के इलाज के लिए एआई की भूमिका अहम होगी।   *डेंटल वैक्सीन से कैविटी पर वार* डॉ. अनिल कोहली ने बताया कि इस समय सबसे ज्यादा काम डेंटल वैक्सीन पर किया जा रहा है। अमेरिका में इस पर रिसर्च जारी है। ह्यूमन ट्रायल भी शुरू हो गया है। वैक्सीन के आने से दांतों में कैविटी की समस्या खत्म हो जाएगी। वर्कशॉप में दांतों की बीमारी से बचाव पर ज्यादा जोर दिया गया है। साथ ही स्टेम सेल के जरिए दांत को बनाने पर रिसर्च जारी है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 1, 2024

मंदिर हो या दरगाह, कोई भी धार्मिक इमारत लोगों की जिंदगी में बाधा नहीं बन सकती': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को बुलडोजर एक्शन केस पर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है और सड़क, जल निकायों या रेल पटरियों पर अतिक्रमण करने वाले किसी भी धार्मिक ढांचे को हटाया जाना चाहिए. कोर्ट ने जोर देकर कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और बुलडोजर कार्रवाई और अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए उसके निर्देश सभी नागरिकों के लिए होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म को मानते हों. सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के लिए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता पहुंचे. हालांकि, वह मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरफ  भी पेश हुए हैं. उन्होंने कहा, “मेरा सुझाव है कि रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजने की व्यवस्था होनी चाहिए. 10 दिन का समय देना चाहिए. मैं कुछ तथ्य रखना चाहता हूं. यहां ऐसी छवि बनाई जा रही है, जैसे एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है.”   *'अवैध निर्माण किसी का हो, कार्रवाई होनी चाहिए'* सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलील पर जस्टिस गवई ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था में हैं. अवैध निर्माण हिंदू का हो या मुस्लिम का... कार्रवाई होनी चाहिए. इस पर मेहता ने कहा कि बिल्कुल, यही होता है. इसके बाद जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि अगर 2 अवैध ढांचे हैं और आप किसी अपराध के आरोप को आधार बना कर उनमें से सिर्फ 1 को गिराते हैं, तो सवाल उठेंगे ही. इस दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि मैं जब मुंबई में जज था तो खुद भी फुटपाथ से अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन हमें यह समझना होगा कि अपराध का आरोपी या दोषी होना मकान गिराने का आधार नहीं हो सकता. इसे 'बुलडोजर जस्टिस' कहा जा रहा है.   *10 दिन का समय देने की बात पर सॉलिसीटर ने जताई आपत्ति* सॉलिसीटर मेहता ने कहा कि नोटिस दीवार पर चिपकाया जाता है. ये लोग मांग कर रहे हैं कि ऐसा गवाहों की मौजूदगी में हो. इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि अगर नोटिस बनावटी हो सकता है, तो गवाह भी गढ़े जा सकते हैं. यह कोई समाधान नहीं लगता. जस्टिस गवई ने कहा कि अगर 10 दिन का समय मिलेगा, तो लोग कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकेंगे. इस पर मेहता ने कहा कि मैं विनम्रता से कहना चाहूंगा कि यह स्थानीय म्युनिसिपल नियमों से छेड़छाड़ होगी. इस तरह से अवैध निर्माण को हटाना मुश्किल हो जाएगा.   *'हम वही समाधान देना चाहते हैं जो पहले से कानून में है'* मेहता की दलील सुनने के बाद जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि किसी जगह रहते परिवार को वैकल्पिक इंतज़ाम के लिए भी 15 दिन का समय मिलना चाहिए. घर में बच्चे और बुजुर्ग भी रहते हैं. लोग अचानक कहां जाएंगे. इस पर मेहता ने कहा कि मैं सिर्फ यही कह रहा हूं कि कोर्ट को ऐसा समाधान नहीं देना चाहिए, जो कानून में नहीं है. इसके बाद जस्टिस गवई ने कहा कि हम सिर्फ वही समाधान देना चाहते हैं जो पहले से कानून में है. हम सड़क, फुटपाथ वगैरह पर हुए निर्माण को कोई संरक्षण नहीं देंगे.   *याचिकाकर्ता के वकील ने दी ये दलील* याचिकाकर्ता के वकील सीयू सिंह ने कहा कि मैं ऐसे कई उदाहरण दे सकता हूं, जहां एफआईआर दर्ज होते ही अचानक घर पर बुलडोजर पहुंच गए. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी असम और गुजरात मे अचानक बुलडोजर चलाए गए हैं. इस पर जज ने कहा कि हम ऐसा कोई आदेश नहीं देंगे जो अतिक्रमणकारियों के लिए मददगार हो. इस बीच वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी भी एक याचिकाकर्ता के लिए बोलने को खड़े हुए. इसे देख तुषार मेहता ने मज़किया लहजे में कहा- “मैं हैरान हूं कि गरीब याचिकाकर्ता सिंघवी जी की फीस कैसे दे पा रहा है.” इस पर सिंघवी ने कहा, “आप भूल रहे हैं, हम कभी-कभी निशुल्क भी पेश होते हैं.”   *तुषार मेहता ने की सुप्रीम कोर्ट से ये अपील* जस्टिस गवई ने कहा  कि  हम आगे की बात करते हैं. यह देखते हैं कि हमारे आदेश का क्या परिणाम निकलेगा. इस पर मेहता ने कहा कि आप जो उचित समझें आदेश दें, लेकिन कृपया ध्यान रखें कि उसका लाभ बिल्डर और व्यवस्थित तरीके से अवैध कब्ज़ा करने वाले लोग न उठा पाएं. इस दलील पर जज ने कहा कि हम ऐसा कोई आदेश नहीं देंगे जो अतिक्रमणकारियों के लिए मददगार हो.   *'तोड़ने की कार्रवाई तभी हो जब कोई विकल्प न हो'* वकील सीयू सिंह ने कहा, “हम सिर्फ म्युनिसिपल नियमों के पालन की ही मांग कर रहे हैं. हाल में गणेश पंडाल पर पथराव की घटना हुई. तुरंत इलाके में बुलडोजर पहुंच गए. यह सब बंद होना चाहिए. यूपी में जावेद मोहम्मद का घर उनकी पत्नी के नाम था. जावेद पर भीड़ को लेकर हिंसा का आरोप लगा. पूरा 2 मंजिला मकान गिरा दिया गया. यह इतना आम हो गया है कि इन बातों को बता कर चुनाव भी लड़े जा रहे हैं.” दलील सुनने के बाद जस्टिस विश्वनाथन ने कहा, “हमारा मानना है कि तोड़ने की कार्रवाई तभी होनी चाहिए, जब यह आखिरी विकल्प हो.”    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 1, 2024

लद्दाख से पैदल दिल्ली आ रहे थे सोनम वांगचुक, पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से हिरासत में लिया

नई दिल्ली, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। लद्दाख की समस्याओं को लेकर आवाज उठाने वाले क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक पैदल लद्दाख से दिल्ली आ रहे थे. 900 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा के बाद उन्हें दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर रोक दिया गया है और दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है. दिल्ली में गांधी समाधि पर प्रदर्शन के लिए आ रहे सोनम वांगचुक सहित लद्दाख के करीब 120 लोगों को दिल्ली पुलिस ने शहर में प्रवेश से पहले ही हिरासत में ले लिया है।   *क्यों पैदल दिल्ली आ रहे थे सोनम वांगचुक?* क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक  लगातार लद्दाख की समस्याओं को उठाते रहते हैं. वो लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर लद्दाख से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पैदल मार्च कर पहुंचे हैं. सोनम वांगचुंक लद्दाख के 120 लोगों के साथ दिल्ली में गांधी समाधि पर 2 अक्टूबर को प्रदर्शन करना चाहते थे. उन्होंने 1 सितंबर को लद्दाख से पैदल मार्च की शुरुआत की थी.   दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोनम वांगचुक समेत हिरासत में लिए गए लोगों को अलीपुर और शहर की सीमा से लगे अन्य पुलिस थानों में ले जाया गया है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि वांगचुक और अन्य लोग सीमा पर रात बिताना चाहते थे. दिल्ली में निषेधाज्ञा यानी बीएनएस की धारा 163 लागू (आईपीसी की धारा 144) लागू होने के कारण उन्हें पहले वापस जाने के लिए कहा गया, लेकिन जब वे नहीं रुके तो सीमा पर पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने वांगचुक समेत लोगों को हिरासत में ले लिया.   *हिरासत में लिए जाने से पहले शेयर किया वीडियो* हिरासत में लिए जाने से पहले सोनम वांगचुक ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया था और बताया था कि पुलिस उनको डिटेन कर रही है. उन्होंने वीडियो में कहा, 'हम पंजाब से दिल्ली की ओर जा रहे हैं. हमें हरियाणा और दिल्ली पुलिस की गाड़ियां एस्कॉर्ट कर रही हैं. लेकिन, जैसे-जैसे हम दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं, हमें लग रहा है कि पुलिस हमें एस्कॉर्ट नहीं, बल्कि एक तरह से डिटेन कर रही है. मुझे और मेरे साथ 150 पदयात्रियों को दिल्ली बॉर्डर पर 1000 पुलिस बल द्वारा हिरासत में लिया जा रहा है. 80 साल से ज्यादा उम्र के कई बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं और कुछ दर्जन सेना के दिग्गज. आगे क्या होगा, हमें नहीं पता है. हम बापू की समाधि की ओर शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, लोकतंत्र की जननी...' दिल्ली पुलिस का कहना है कि क्षेत्र में भारतीय न्याय संहिता 168 लागू था और इस वजह से एक साथ 5 से अधिक लोग ग्रुप नहीं बना सकते हैं. इसी वजह से उन्हें हिरासत में लिया गया है.      *दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को मिलने से रोका*  दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मंगलवार को बवाना थाने में सोनम वांगचुक से मिलने के लिए पहुंची लेकिन उन्हें सोनम वांगचुक से मिलने से रोक दिया गया. आतिशी ने कहा कि वह इसकी निंदा करती हैं. इससे पहले आतिशी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया था. अपनी इस पोस्ट में भी उन्होंने कहा था कि वह सोनम वांगचुक से मिलने पहुंचेगी. आतिशी ने कहा था कि क्या लद्दाख के लोकतांत्रिक हक मांगना गलत है?  आतिशी ने कहा, "शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोग, जो कल 2 अक्टूबर को बापु की समाधी पर दर्शन करने जा रहे थे, उनको केंद्रीय सरकार ने गिरफ्तार कर लिया. इतना ही नहीं पुलिस ने मेरी स्टेशन में एंट्री करवाई लेकिन मुझे उनसे मिलने नहीं दिया. यह सरकार की तानाशाही है. लद्दाख में एलजी राज खत्म होना चाहिए और उसी तरह दिल्ली में भी यह एलजी राज खत्म होना चाहिए."    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 1, 2024

सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा की पहली महिला महानिदेशक बनीं वाइस एडमिरल आरती सरीन

नई दिल्ली, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा की महानिदेशक के रूप में पदभार संभाला। वह त्रि-सेवा सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने वाली पहली महिला अधिकारी हैं, जो भारतीय सेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। बता दें, डीजीएएफएमएस रक्षा मंत्रालय को सशस्त्र बलों से संबंधित मेडिकल पॉलिसी के मामलों में सीधे उत्तरदायी है। भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया कि सरीन भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा देने वाली सर्वोच्च रैंकिंग वाली महिला अधिकारी बन गई हैं।   *जानें कौन हैं आरती सरीन* वाइस एडमिरल आरती सरीन ने अपनी स्कूली शिक्षा विशाखापत्तनम से पूरी की। इसके बाद पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज से अपनी शिक्षा प्राप्त की।  उन्होंने 1985 में भारतीय सेना में अपनी सेवाएं शुरू कीं। अपने करियर में उन्होंने भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आपको बता दें आरती सरीन के पास रेडियोडायग्नोसिस और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री है और वे गामा नाइफ सर्जरी में प्रशिक्षित हैं। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। वह भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के लिए चिकित्सा सेवाओं के निदेशक जनरल के रूप में भी काम कर चुकी हैं।   इसके साथ ही, उन्होंने कई प्रमुख इकाइयों की कमान भी संभाली है। उनके नेतृत्व में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। वाइस एडमिरल सरीन ने दो प्रमुख इकाइयों- आईएनएचएस अश्विनी और एफएमसी का नेतृत्व किया है और दक्षिणी नौसेना कमान और पश्चिमी नौसेना कमान के कमांड मेडिकल अधिकारी भी रही हैं। महिलाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें हाल ही में डॉक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेशनल टास्क फोर्स का सदस्य नियुक्त किया गया था। उन्हें जुलाई 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए अतिविशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।   महिलाओं के लिए अवसरों के द्वार आरती सरीन की नियुक्ति भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोलती है। वे हमेशा से भारतीय सैन्य सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी की समर्थक रही हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता ने कई युवा महिलाओं को प्रेरित किया है। डीजीएएफएमएस के रूप में, वाइस एडमिरल आरती सरीन भारतीय रक्षा मंत्रालय को सशस्त्र बलों से संबंधित चिकित्सा नीतियों पर सलाह देंगी। उनके कर्तव्यों में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के चिकित्सा विभागों की देखरेख करना शामिल है।    उनकी विशेषज्ञता से सशस्त्र बलों की चिकित्सा सेवाओं में एक नया दृष्टिकोण आने की उम्मीद है। आरती सरीन की यह उपलब्धि भारतीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों के बढ़ते कद और नेतृत्व की क्षमता को भी दर्शाती है। भारतीय सेना के अधिकारियों का मानना है कि 'वाइस एडमिरल आरती सरीन की नियुक्ति सशस्त्र बलों में महिलाओं की प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके नेतृत्व में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा नई ऊंचाइयों को छूएगी।'   *एलएसी पर चीन द्वारा किया जा रहा गांव का निर्माण, क्या बोलें सेना प्रमुख?* चीन और भारत के बीच तनाव लंबे समय से बना हुआ है। बीजिंग अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता है। वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगातार गांव बसा रहा है। क्षेत्र में चीन और भारत के बीच बढ़ते सैन्य गतिरोध पर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हालात स्थिर लेकिन संवेदनशील हैं यानी की हालात सामान्य नहीं हैं।   जनरल द्विवेदी ने कहा कि हालांकि दोनों पक्षों के बीच विवाद के समाधान के लिए कूटनीतिक वार्ता के सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं, लेकिन किसी भी योजना को लागू करना जमीनी स्तर पर मौजूद सैन्य कमांडरों पर निर्भर करता है। बता दें, सेना प्रमुख ने चाणक्य रक्षा वार्ता से पहले एक कार्यक्रम में यह बयान दिया। इससे पहले, भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अपने गतिरोध से संबंधित लंबित मुद्दों का जल्द समाधान खोजने के उद्देश्य से जुलाई और अगस्त में दो दौर की राजनयिक वार्ता की थी। एलएसी पर चीन द्वारा गांवों का निर्माण करने पर द्विवेदी ने कहा, 'वे कृत्रिम प्रवासन, बस्तियों का निर्माण कर रहे हैं।    कोई समस्या नहीं है यह उनका देश है, वे जो चाहें कर सकते हैं। लेकिन हम दक्षिण चीन सागर में क्या देखते हैं। जब हम ग्रे जोन की बात करते हैं, तो शुरू में हम मछुआरों और उस प्रकार के लोगों को पाते हैं जो सबसे आगे हैं। उन्हें बचाने के लिए, फिर आप सेना को अंदर जाते हुए पाते हैं। जहां तक भारतीय सेना का सवाल है, हमारे यहां पहले से ही इस प्रकार के आदर्श गांव हैं। लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि अब राज्य सरकारों को उन संसाधनों को लगाने का अधिकार दिया गया है और यही समय है जब सेना, राज्य सरकारें और केंद्र सरकार द्वारा पर्यवेक्षण सभी एक साथ आ रहे हैं। इसलिए अब जो मॉडल गांव बनाए जा रहे हैं, वे और भी बेहतर होंगे।'    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 1, 2024

सीआईआई ने प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना को लागू करने के लिए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ मिलकर काम किया

नई दिल्ली, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के साथ मिलकर काम कर रहा है। केंद्रीय बजट 2024 के हिस्से के रूप में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य अगले 5 वर्षों में 500 शीर्ष सीएसआर खर्च करने वाली कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है। सीआईआई सरकार और उद्योग के बीच एक महत्वपूर्ण सूत्रधार के रूप में कार्य कर रहा है, जिससे योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो रहा है।   प्रतिभा की गंभीर कमी को देखते हुए, सीआईआई देश के युवाओं को कौशल प्रदान करने में उद्योग की अधिक भागीदारी की आवश्यकता की वकालत कर रहा है। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना भारत में युवाओं को वास्तविक दुनिया के कारोबारी माहौल से रूबरू कराकर उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाएगी। इस योजना से उद्योग को भी लाभ होगा क्योंकि इससे कुशल, काम के लिए तैयार युवाओं की एक पाइपलाइन बनेगी, जिन्हें इंटर्नशिप के बाद बड़े और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में रोजगार दिया जा सकता है। एक प्रमुख प्रवर्तक के रूप में सीआईआई इंटर्नशिप योजना में उनकी भागीदारी के लिए एक कार्य योजना विकसित करने के लिए प्रत्येक कंपनी के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस संबंध में सीआईआई पहले ही नई दिल्ली, मुंबई और पूरे देश में वर्चुअल तरीके से एमसीए के साथ उद्योग बातचीत कर चुका है। एमसीए ने इस योजना के लिए एक समर्पित, उपयोगकर्ता-केंद्रित पोर्टल भी लॉन्च किया है।   जो एक केंद्रीकृत हब और कंपनियों और इच्छुक इंटर्न के बीच एक लिंक के रूप में काम करेगा, जिससे योजना के आवेदन और भागीदारी प्रक्रियाओं का सुचारू संचालन हो सकेगा। सीआईआई पोर्टल की प्रमुख कार्यात्मकताओं पर तकनीकी टीम के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना ऐसे महत्वपूर्ण समय में आई है जब उद्योग कौशल की महत्वपूर्ण कमी का सामना कर रहा है। युवाओं को नौकरी पर प्रशिक्षण प्रदान करके, यह योजना कंपनियों को एक अच्छी तरह से तैयार कार्यबल का लाभ उठाने का अवसर प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त, बड़ी कंपनियों की भागीदारी के माध्यम से, इस पहल से एमएसएमई सहित संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को लाभ मिलेगा। कार्यबल में प्रवेश करने वाले युवा व्यक्तियों के लिए, यह योजना उद्योग प्रथाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगी, जिससे उन्हें भविष्य की सफलता के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त करने में मदद मिलेगी।    उम्मीदवारों को प्रोत्साहन सहायता यह भी सुनिश्चित करेगी कि ये अवसर विभिन्न प्रकार के उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हों। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, "उद्योगों में बढ़ती प्रतिभा की कमी के साथ, पीएम इंटर्नशिप योजना एक महत्वपूर्ण पुल प्रदान करती है। युवाओं को नौकरी पर प्रशिक्षण प्रदान करके, यह उन्हें उभरती हुई उद्योग मांगों को पूरा करने के लिए तैयार करेगी, साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि व्यवसायों को कुशल और चुस्त भविष्य के कार्यबल तक पहुंच मिले, जिससे प्रगति और नवाचार को बढ़ावा मिले।" "प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना एक दूरदर्शी पहल है जो 2047 तक भारत के विकसित भारत के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगी। विनिर्माण और सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप के साथ, यह योजना भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार एक कुशल कार्यबल तैयार करेगी" सीआईआई के संजीव पुरी ने कहा।    “यह योजना भारत में कौशल और रोजगार परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार है। यह युवाओं, विशेष रूप से हाशिए पर पड़े सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के लोगों को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने, रोजगार क्षमता में सुधार करने और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उद्योग की जरूरतों के साथ अपने सीखने को संरेखित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। समावेशन को बढ़ावा देकर, यह पहल व्यक्तियों और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए विकास के लिए उत्प्रेरक होगी।” आदित्य घोष, सीआईआई राष्ट्रीय कौशल विकास समिति के अध्यक्ष ने कहा। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना कौशल अंतर को पाटने और भारत में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए एक परिवर्तनकारी अवसर का प्रतिनिधित्व करती है। शिक्षा को व्यावहारिक उद्योग अनुभव के साथ जोड़कर, यह पहल कुशल पेशेवरों की एक पीढ़ी को सशक्त बनाने और दीर्घकालिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 1, 2024

किसान, मजदूर और नौजवानों की पार्टी है राष्ट्रीय लोकदल: डॉ सुभाष गुर्जर

बागपत, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। गांव सूरजपुर महनवा में नवनिर्मित नाले का उद्घाटन करने पहुंचे रालोद जिलाध्यक्ष डॉ सुभाष गुर्जर का जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पति जय किशोर को भी फूलों की मालाओं से सम्मानित किया गया।   उद्घाटन समारोह में डॉ सुभाष गुर्जर ने कहा, "किसान मजदूर नौजवानों की पार्टी है रालोद, पार्टी के सभी नेता जनहित कार्यों में लगे हुए हैं और अभी तो शुरुआत है। हम जिले के विकास के लिए चार चांद लगा देंगे। लोगों का दिल रालोद के लिए धड़कता है और रालोद का दिल जनता के लिए धड़कता है।" उन्होंने रालोद की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करते हुए कहा कि पार्टी जिले के विकास के प्रति संकल्पित है और ग्रामीणों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ हल किया जाएगा।    इस अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री डॉ कुलदीप उज्जवल ने कहा, जयंत चौधरी के नेतृत्व में, हम युवाओं को खेल और कौशल विकास मिशन के माध्यम से सफल बनाएंगे।कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने इस नए विकास कार्य को लेकर उत्साह व्यक्त किया।कहा कि, डॉ गुर्जर के नेतृत्व में रालोद पार्टी का यह कदम ग्रामीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। कार्यक्रम में क्षेत्रीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया, जिससे एकता और सहयोग का माहौल बना रहा।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 1, 2024

युवती से दुष्कर्म का प्रयास करने वाले तीन युवक फरार, शेखपुरा मौहल्ले का मामला

खेकड़ा, 01 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। कस्बे के शेखपुरा मौहल्ले में दुकान से सामान लेने गई एक युवती को एक शराबी युवक और उसके दो दोस्तो ने घर में खींच लिया व उससे दुष्कर्म का प्रयास किया। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी, जब युवती ने शोर मचाया, तो युवक फरार हो गया।   मामला कोतवाली तक पहुंच गया। कस्बे के मौहल्ला शेखपुरा की एक युवती ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि, वह घर से कुछ दूरी पर एक दुकान से सामान लेने गई थी। रास्ते में एक शराब के नशे में धुत्त युवक ने अपने दो दोस्तों के साथ उसे जबरन डरा धमका कर एक खाली मकान में अंदर खींच लिया। तीनों आरोपियों ने उसके साथ अभद्रता की।    उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इसबीच युवती ने हिम्मत करके शोर मचा दिया। इससे आरोपी धमकी देते हुए फरार हो गए। युवती ने परिजनों को घटना की जानकारी दी। दहशतजदा परिजनों ने कोतवाली पहुंचकर पुलिस को सूचना दी। युवती ने पुलिस ने आरोपी युवकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस आरोपी युवकों की तलाश में जुटी है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 1, 2024