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देश को विकसित बनाने में राज्यों की भूमिका अहम: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 27 जुलाई  2024 (यूटीएन)। दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाना हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है. उन्होंने कहा कि हरेक राज्य इस लक्ष्य को हासिल करने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि राज्यों की भूमिका इसलिए अहम है कि वे लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं. राज्यों की जनता का हित राज्य सरकारों का सरोकार का हिस्सा है. केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को हर संभव मदद दी जाती है और राज्य सरकार उसे जनता तक पहुंचाती हैं. इस अहम मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत 2047 हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है. राज्य इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि वे सीधे लोगों से जुड़े हुए हैं. नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि ये दशक बदलावों, तकनीकी और भू-राजनीतिक और अवसरों का भी है.    प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए और अपनी नीतियों को अंतर्राष्ट्रीय निवेश के अनुकूल बनाना चाहिए. यह भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रगति की सीढ़ी है. पीएम ने कहा कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. हमने 100 साल में एक बार आने वाली महामारी को हराया है. हमारे लोग उत्साह और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं. हम सभी राज्यों के संयुक्त प्रयास से विकसित भारत 2047 के अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं.नीति आयोग की मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक युवा देश है. यह अपने कार्यबल के कारण पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा आकर्षण है. हमें अपने युवाओं को एक कुशल और रोजगार योग्य कार्यबल बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए. विकसित भारत बनाने के लिए स्किल, रिसर्च, इनोवेशन और नौकरी आधारित ज्ञान पर जोर देना जरूरी है.    नीति आयोग की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की गई एक पोस्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में विकसित भारत में खुशहाल जनता के लिए बड़ी लकीर खींची है और इसे साकार बनाने में राज्यों की भूमिका को काफी अहम करार दिया है. राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित इस बैठक में अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के सदस्य शामिल हुए.   *केंद्र राज्य के बीच सहयोग बढ़ाने पर विमर्श* इस बैठक का मकसद केंद्र और राज्य सरकारों के बीच जन कल्याण से जुड़ी सरकारी परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने पर विचार विमर्श करना, सरकारी तंत्र को मजबूती प्रदान करना, साथ ही ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्र की आबादी के जीवन स्तर को बढ़ाना था.   *गैर भाजपा राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बनाई दूरी* हालांकि इस बैठक का गैर-भाजपा शासित कई राज्य सरकारों ने बहिष्कार करने का फैसला किया, और इन राज्यों के मुख्यमंत्री इस बैठक में नहीं आए. तीन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मसलन कर्नाटक के सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी ने इस बैठक में आने से पहले ही इनकार कर दिया था. इनके अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पंजाब और दिल्ली की आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारों ने भी बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस बैठक में नहीं आए लेकिन बिहार के दोनों डिप्टी सीएम ने बैठक में शिरकत की.   *ममता बनर्जी ने लगाया माइक बंद करने का आरोप* नीति आयोग की बैठक को बीच में छोड़कर निकलीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा कि उनको बोलने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया. उनका माइक बंद कर दिया गया. इससे नाराज होकर वो बैठक बीच में ही छोड़कर निकल आईं. हालांकि बैठक में शामिल केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि ममता बनर्जी को बोलने का पूरा समय दिया गया. समय से पहले उनका माइक बंद नहीं किया गया था. उनका समय खत्म हो गया था.    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 27, 2024

धूमधाम से मनाया गया तीज उत्सव, पूर्व विधायक लतिका शर्मा के आह्वान पर पहुंची सैंकड़ों महिलायें

कालका, 27 जुलाई  2024 (यूटीएन)। ज़िला पंचकूला के कालका में हर वर्ष की तरह इस बार भी भाजपा महिला मोर्चा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक लतिका शर्मा द्वारा कालका के एक निजी होटल में महिलाओं के लिए तीज उत्सव का आयोजन किया गया, यहाँ तीज उत्सव हरियाणवीं संस्कृति अंदाज में हर्ष-उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया।  जिसमें मुख्य तौर पर मुख्यमंत्री हरियाणा नायब सिंह सैनी जी की धर्मपत्नी सुमन सैनी, बंतो कटारिया, चंडीगढ़ भाजपा महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष हीरा नेगी, पूर्व मानद सचिव रंजिता मेहता, महिला मोर्चा प्रदेश महामंत्री ऋचा पाहवा समेत क्षेत्र की सैंकड़ों महिलाएं भी मौजूद रही। तीज उत्सव पर होटल को पतंगों से सजाया गया और महिलाओं के लिए झुल्हे लगाए गए एवं सेल्फ़ी पोइंट भी बनाए गए।   सांस्कृतिक कार्यक्रम में महिलाओं ने गानों पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जी की धर्मपत्नी सुमन सैनी एवं पूर्व विधायक लतिका शर्मा के साथ खूब डांस किया और खूब भांगड़ा किया।  इस अवसर  सुमन सैनी ने आई महिलाओं को हरियाली तीज की बधाई देते हुए कहा कि भगवान सभी सुहागनों के जीवन में सुख समृद्धि बरकरार रखे और इसी तरह हमारा हरियाणा दिन दुगुनी रात चोगुणी उन्नति करता रहे। यह तीज का पर्व मुख्य रूप से पार्वती और भगवान शिव के साथ उनके पुनर्मिलन को समर्पित है। सभी को मिलजुल कर इस त्योहार को मनाना चाहिए। आगे बताते हुए कहा कि आने वाली चार तारीख़ को मुख्यमंत्री निवास पर भी हम पहली बार तीज का उत्सव मनाने जा रहे हैं।    डांस इंडिया डांस फेम बाप-बेटी की जोड़ी पिंजौर के मुकेश बादल एवं सरगम बादल और संत विवेकानंद स्कूल से आयी बच्चियों ने भी हरियाणवी संस्कृतिक वेशभूषा के साथ अपनी नृत की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। इस मौके पर तरह-तरह के व्यंजनों का भी सभी ने खूब आनंद लिया। पूर्व विधायक लतिका शर्मा ने भी सभी महिलाओं, बहनों एवं अपनी पूरी टीम को तीज की बधाई देते हुए कहा कि “तीज" एक सामान्य नाम है जो तीन प्रकार के तीज त्योहारों - हरतालिका, हरियाली और कजरी को संदर्भित करता है। सावन का महीना शुरू होते ही हमारी सारी बहने इस इंतज़ार में लग जाती है कि कब हम तीज का त्योहार मनायेंगे। इससे पहले लगातार कई वर्षों से यह उत्सव हम पिंजौर गार्डन में मनाते रहे हैं और इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी की धर्मपत्नी के आने से और चार चंद लग गये हैं। एक छोटे से बुलावे पर सभी महिलाओं के इस कार्यक्रम में पहुँचने पर और इस कार्यक्रम को भव्य रूप देने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 27, 2024

लगभग 80 करोड़ 92 लाख रुपये की लागत से 30 सड़को व चार नए ट्यूब्वैलों का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास

पंचकूला, 27 जुलाई  2024 (यूटीएन)। हरियाणा के लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़के) और जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी मंत्री डाॅ. बनवारी लाल ने कालका विधानसभा के लोगों को सौगात देते हुए दोनों विभागों की लगभग 80 करोड़ 92 लाख रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इसमें लगभग 80 करोड़ रुपये की लागत से 30 सड़कों का उद्घाटन एवं शिलान्यास और 91.86 लाख रुपये की लागत से चार नए ट्यूब्वैल का शिलान्यास शामिल है।    कालका स्थित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डाॅ बनवारी लाल ने 53.47 करोड़ रुपये की लागत से 71.24 किलोमीटर लंबी 11 सड़को का उद्घाटन और 26.02 करोड़ रुपये की लागत से 47.63 किलोमीटर लंबी 19 सड़को का शिलान्यास किया। इसके अलावा उन्होंने जिन चार नए ट्यूब्वैलो का शिलान्यास किया, उनमें गांव पत्तन में 22.़92 लाख रुपये की लागत, गांव गणेशपुर भोरिया में 22.96 लाख रुपये की लागत, गांव नाला जबरोट में 22.92 लाख रुपये की लागत और गांव दमदमा में 23.06 लाख रुपये की लागत से ट्यूब्वैल शामिल है। इस अवसर पर कालका की पूर्व विधायिका लतिका शर्मा भी उपस्थित थी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डाॅ बनवारी लाल ने कहा कि कालका विधानसभा क्षेत्र के लोगो के लिए खुशी का दिन है जब उन्हें एक साथ लगभग 81 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात मिली है ।   उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की शुरूआत से कालका विधानसभा के लोगों को जहां बेहतर रोड कनैक्टिविटी उपलब्ध होगी वहीं स्वच्छ पेयजल की भी आपूर्ति भी होगी। डाॅ बनवारी लाल ने कहा कि वर्तमान बीजेपी सरकार ने अपने अब तक के लगभग 10 वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से कार्य करते हुए क्षेत्रवाद से उपर उठकर समान विकास सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जन सेवा की भावना से कार्य करते हुए लोगों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं की शुरूआत कर रहे है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से 11 बजे तक समाधान शिविर का आयोजन किया जाता है ताकि आमजन को आ रही समस्याओं का तुरंत समाधान हो और वे बिना किसी कठिनाई के सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सके।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 27, 2024

दिल्ली में हुआ फिल्म 'द यूपी फाइल्स' का प्रमोशन

नई दिल्ली, 27 जुलाई  2024 (यूटीएन)। हाल ही में 'मिर्जापुर' फेम अभिनेता अनिल जॉर्ज अपनी आनेवाली फिल्म 'द यूपी फाइल्स' की प्रेस मीट के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे। पीवीआर प्लाजा, कनॉट प्लेस में फिल्म के निर्देशक नीरज सहाय और निर्माता कुलदीप उमराव सिंह ओस्तवाल की मौजूदगी में प्रमोशनल कार्यक्रम हुआ।   यह फिल्म 26 जुलाई, 2024 को रिलीज होनेवाली है। 'द यूपी फाइल्स' सच्ची घटनाओं से प्रेरित है और सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ की कहानी पर आधारित है, जिन्हें भारत की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया है।   बातचीत के दौरान अभिनेता अनिल जॉर्ज ने अपने किरदार के बारे में बताया कि फिल्म में वह ‘अब्दुल्ला’ नामक किरदार निभा रहे हैं, जो नकारात्मक किरदार है। हालांकि, उन्होंने अपने किरदार के बारे में खुलकर कुछ नहीं बताया और कहा कि ‘अधिक जानकारी के लिए फिल्म देखना ही ज्यादा मुनासिब होगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 27, 2024

राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल और अशोक हॉल का नाम बदला

नई दिल्ली, 27 जुलाई  2024 (यूटीएन)। राष्ट्रपति भवन ने को दरबार हॉल और अशोक हॉल का नाम बदल दिया गया है. अब से दरबार हॉल को 'गणतंत्र मंडप' और अशोक हॉल को 'अशोक मंडप' के नाम से जाना जाएगा. मामले पर सियासत भी तेज हो गई है. इसको लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम मोदी पर निशाना साधा.   प्रियंका गांधी ने कहा कि दरबार का कोई कॉन्सेप्ट नहीं है, लेकिन 'शहंशाह' का कॉन्सेप्ट है. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में इसकी जानकारी दी गई. पिछले साल ही केंद्र की मोदी सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया था. ‘दरबार हॉल’ राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रजेंटेंशन जैसे खास समारोहों और उत्सवों का स्थल है. 'दरबार' शब्द का अर्थ भारतीय शासकों और अंग्रेजों की कोर्ट और सभाओं से है.   *दरबार हॉल का हुआ नामकरण*   भारत के गणतंत्र बनने के बाद, यानी 'गणतंत्र' के बाद इसकी प्रासंगिकता खत्म हो गई. 'गणतंत्र' की अवधारणा प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गहराई से निहित है, इसलिए 'गणतंत्र मंडप' इस आयोजन स्थल के लिए एक उचित नाम है.   अशोक हॉल' का नाम बदलकर हुआ अशोक मंडप'   राष्ट्रपति भवन में बना 'अशोक हॉल' मूल रूप से एक बॉलरूम था. 'अशोक' शब्द का अर्थ है वह शख्स जो "सभी कष्टों से मुक्त' हो. साथ ही, 'अशोक' सम्राट अशोक को प्रदर्शित करता है, जो एकता और शांति का प्रतीक है. भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ से अशोक का सिंह सबसे ऊपर है. जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ कला और संस्कृति में भी गहरा महत्व है. ऐसे में 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' करने से ब्रिटिश हुकूमत के निशान मिट जाते हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 27, 2024

भारत में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में वृद्धि का मुख्य कारण: अजय टम्टा

नई दिल्ली, 27 जुलाई  2024 (यूटीएन)। एसोसिएट चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) द्वारा आयोजित "नवीन एवं सतत समाधानों के माध्यम से सुरक्षित पारिस्थितिकी तंत्र का भविष्य" विषय पर 8वें सड़क सुरक्षा सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि सड़क सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार लाने के लिए सरकार सड़क सुरक्षा मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और ग्रामीण एवं शहरी सड़कों के डिजाइन में सुरक्षा से संबंधित मानकों की समीक्षा करने के लिए भी कदम उठा रही है। हाल ही में की गई पहलों में से एक ज्ञान और नवोन्मेषी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा आयोजित ज्ञान साझाकरण मंच शामिल है।  टम्टा ने कहा कि यह प्रयास प्राधिकरण को उन विशेषज्ञों और नागरिकों के साथ काम करने में सहायता करेगा जो सड़क डिजाइन, निर्माण, सड़क सुरक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता और संबंधित क्षेत्रों सहित विषयों के बारे में ज्ञान और विचारों का आदान-प्रदान करना चाहते हैं।    उन्होंने विभिन्न परिस्थितियों और सड़क प्रकारों में विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाओं पर चर्चा की, तथा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य की सड़कों को डिजाइन करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने स्थायी क्षति और हताहतों सहित सड़क दुर्घटनाओं के वार्षिक प्रभाव पर भी बात की। मैं सम्मेलन के 8वें संस्करण के आयोजन और विशेषज्ञों तथा विविध हितधारकों, विशेष रूप से युवा बच्चों, जिन्हें मैं यहां देख रहा हूं, भविष्य के सड़क-उपयोगकर्ता, के ऐसे प्रतिष्ठित समूह को एक साथ लाने के लिए एसोचैम की सराहना करता हूं। टम्टा ने कहा कि मैं बीएमडब्ल्यू इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से स्कूलों में चल रही सड़क सुरक्षा पहल के लिए भी एसोचैम की सराहना करना चाहूंगा। दिल्ली पुलिस के पुलिस उपायुक्त (यातायात, मुख्यालय) शिव केशरी सिंह ने अपने विशेष संबोधन में बताया कि किस प्रकार दुर्घटनाएं मुख्य रूप से रात के समय होती हैं तथा लोगों से वाहन चलाते समय सुरक्षित रहने और सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक रहने को कहा। उन्होंने युवाओं से शपथ लेने और सड़क सुरक्षा के मामले में सावधान और जागरूक रहने का आग्रह किया।    उन्होंने कहा कि लगभग 75% दुर्घटनाएं दोपहिया वाहनों और पैदल चलने वालों के कारण होती हैं। उन्होंने सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाई, जो इन दिनों एक प्रमुख चिंता का विषय है। स्वागत भाषण देते हुए, एसोचैम नेशनल सीएसआर काउंसिल के अध्यक्ष अनिल राजपूत ने कहा, “सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो हम सभी को प्रभावित करता है, और हर साल, सड़क दुर्घटनाओं के कारण लाखों लोगों की जान चली जाती है या पूरी तरह से बदल जाती है। मेरा मानना ​​है कि ड्राइविंग कौशल में सुधार, शराब पीकर गाड़ी चलाने के खतरों के बारे में अधिक जागरूकता और वाहन रखरखाव पर जानकारी का गहन प्रसार सड़क दुर्घटनाओं और परिणामी जटिलताओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार, विशेष रूप से पिछले 10 वर्षों में, सड़क सुरक्षा के विविध पहलुओं को पूरा करने के लिए कई समाधानों की शुरुआत के माध्यम से इस मुद्दे को सक्रिय रूप से संबोधित कर रही है- इनमें आम लोगों के बीच जागरूकता और शिक्षा बढ़ाना, अनुसंधान और विकास, सड़क बुनियादी ढांचे में नवाचार, एकीकृत परिवहन प्रणाली और पोस्ट-ट्रॉमा देखभाल शामिल हैं सड़क सुरक्षा एक व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं है, इसके लिए नीति निर्माताओं, कॉरपोरेट्स, ओईएम, एनजीओ, मीडिया, नागरिक समाज संगठनों, थिंक-टैंक, शोध समूहों, शैक्षणिक संस्थानों, वकालत समूहों और बड़े पैमाने पर समाज के निरंतर और ठोस प्रयासों की आवश्यकता होती है।   स्विगी के संचालन प्रमुख मिहिर शाह ने कहा, "सड़क सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है, जिसके लिए सरकारी निकायों, निगमों और जनता के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता होती है। एसोचैम सड़क सुरक्षा सम्मेलन एक सुरक्षित सड़क पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में स्थायी समाधान, नवीन प्रौद्योगिकियों और प्रभावी नीतियों के महत्व को रेखांकित करता है। स्विगी में, हम अपने 'डिलीवरिंग सेफली चार्टर' के माध्यम से इस उद्देश्य के लिए समर्पित हैं, जिसमें हमारे डिलीवरी भागीदारों के लिए उन्नत सुरक्षा तकनीकें, व्यापक सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण और मजबूत आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली शामिल हैं। जिम्मेदार ड्राइविंग और सुरक्षित व्यवहार की संस्कृति को सहयोग और बढ़ावा देकर, हम सभी के लिए सुरक्षित सड़कें सुनिश्चित करने की दिशा में सार्थक प्रगति कर सकते हैं।" उद्योग संबोधन के दौरान होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कॉर्पोरेट मामलों के संचालन अधिकारी प्रभु नागराज ने सड़क सुरक्षा और प्रशिक्षण में होंडा की पहलों को रेखांकित किया। उन्होंने चर्चा की कि किस तरह कंपनी समय के साथ सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए नई तकनीकों के साथ विकसित हुई है। भारत में होंडा की प्रतिबद्धता तीन प्रमुख बातों पर केंद्रित है: गतिशीलता प्रदर्शन, यातायात पारिस्थितिकी तंत्र और मानव क्षमता में सुधार। नागराज ने छात्रों के बीच सड़क सुरक्षा जागरूकता पैदा करने के लिए डिज़ाइन किए गए व्यापक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसमें भविष्य के ड्राइवरों को तैयार करने के महत्व पर जोर दिया गया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 27, 2024

केन्‍द्रीय बजट 2024-25 की प्रमुख बातें

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश की। इस बजट की प्रमुख बातें निम्‍नलिखित हैं : *बजट अनुमान 2024-25:* o  ऋण को छोड़कर कुल प्राप्तियां: 32.07 लाख करोड़ रुपये  o  कुल व्‍यय: 48.21 लाख करोड़ रुपये o  सकल कर प्राप्ति: 25.83 लाख करोड़ o  वित्‍तीय घाटा: जीडीपी का 4.9 प्रतिशत। •  सरकार का लक्ष्‍य घाटे को अगले साल 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है। •  मुद्रास्‍फीति कम, स्‍थायी और 4 प्रतिशत के लक्ष्‍य की ओर जारी है। •  कोर मुद्रास्‍फीति (गैर-खाद्य, गैर-ईंधन) 3.1 प्रतिशत। •  बजट में रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्‍य वर्ग पर विशेष ध्‍यान है.   *रोजगार और कौशल पर प्रधानमंत्री की पांच योजनाएं* •  4.1 करोड़ युवाओं के लिए पांच साल में रोजगार-कौशल और अन्य अवसरों के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाएं और पहल। 1. योजना क- पहली बार वालों के लिए : ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को 15 हजार रुपये तक के एक महीने का वेतन जिसे तीन किस्तों में दिया जाएगा। 2. योजना ख- विनिर्माण में रोजगार सृजन : कर्मचारी और नियोक्‍ता दोनों को सीधे विनिर्दिष्‍ट स्‍केल पर प्रोत्‍साहन राशि उपलब्‍ध कराना जो नौकरी के पहले चार साल में दोनों के ईपीएफओ योगदान पर निर्भर है। 3. योजना ग- नौकरी देने वाले को मदद : सरकार नियोक्‍ता को उसके ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल तक हर अतिरिक्‍त कर्मचारी पर 3000 हजार रुपये प्रत्‍येक महीना भुगतान करेगी। 4. कौशल के लिए नई केन्‍द्र प्रायोजित योजना •  अगले पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं का कौशल बढ़ाया जाएगा। •  1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों का उन्‍नयन किया जाएगा। 5. पांच साल में एक करोड़ युवाओं को पांच सौ टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप के लिए  नई योजना।   *‘विकसित भारत’ की दिशा में नौ बजट प्राथमिकताएं :* 1. कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता 2. रोजगार और कौशल प्रशिक्षण 3. समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय 4. विनिर्माण और सेवाएं 5. शहरी विकास 6. ऊर्जा सुरक्षा 7. अवसंरचना 8. नवाचार, अनुसंधान और विकास, और 9. अगली पीढ़ी के सुधार  *प्राथमिकता 1: कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता* •  कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन।  •  किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी। •  प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था के साथ अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा। •  प्राकृतिक खेती के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। •  तीन साल में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू किया जाएगा।   *प्राथमिकता 2: रोजगार और कौशल प्रशिक्षण* •  प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए निम्नलिखित 3 योजनाओं योजना क- पहली बार रोजगार पाने वाले, योजना ख- विनिर्माण  में रोजगार सृजन,  योजना ग- नियोक्‍ताओं को मदद। •  कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए o  औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास और क्रेचों की स्‍थापना।  o  महिला केन्द्रित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन o  महिला स्‍वयं सहायता समूह उद्यम को बाजार तक पहुंच को बढ़ाना *कौशल विकास* o  प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं के कौशल विकास के लिए केन्‍द्र प्रायोजित नई योजना। o  7.5 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना। o  सरकार की योजनाओं और नीतियों के तहत किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता। *प्राथमिकता 3: समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय* *पूर्वोदय* •  अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के साथ गया में औद्योगिक केंद्र का विकास। •  21,400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावाट का नया विद्युत संयंत्र शामिल। *आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम* •  बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से मौजूदा वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये की  विशेष वित्तीय सहायता। •  विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र और हैदराबाद–बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में औद्योगिक केन्‍द्र। *महिलाओं के नेतृत्‍व विकास* महिलाओं और लड़कियों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए कुल तीन लाख करोड़ रुपये का आवंटन। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्‍नत ग्राम अभियान •  जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों का सामाजिक-आर्थिक विकास, इसमें 63,000 गांवों के 5 करोड़ जनजातीय लोग लाभार्थी होंगे।  *उत्‍तर-पूर्वी क्षेत्र में बैंक शाखाएं* उत्‍तर-पूर्वी क्षेत्र में इंडिया पोस्‍ट पेमेंट बैंक की 100 शाखाएं खोलना। प्राथमिकता 4: विनिर्माण और सेवाएं *विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना* •  गिरवी या तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए ऋण गारंटी योजना। *संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता* • एमएसएमई को उनके संकट अवधि के दौरान बैंक ऋण जारी रखने की सुविधा के लिए एक नई व्यवस्था। *मुद्रा लोन* •  ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत मुद्रा ऋणों की सीमा को उन उद्यमियों के लिए मौजूदा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाएगा जिन्होंने पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है। *ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए और अधिक संभावना* •  खरीददारों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया गया।  *फूड इरेडिएशन, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए एमएसएमई इकाइयां* •  एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। *ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र* •  एमएसएमई तथा पारंपरिक कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे। *महत्वपूर्ण खनिज मिशन* •  घरेलू उत्पादन, महत्वपूर्ण खनिजों की रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपदा का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन की स्थापना होगी। *खनिजों का अपतटीय खनन* •  पहले से किये गए खोज के आधार पर खनन के लिए अपतटीय ब्लॉकों के पहले भाग की नीलामी शुरू होगी। *डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) अनुप्रयोग* •  ऋण, ई-कॉमर्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि और न्याय, लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई, सेवा प्रदायगी और शहरी शासन के क्षेत्र में डीपीआई अनुप्रयोगों का विकास। *प्राथमिकता 5: शहरी विकास* *आवागमन उन्मुखी विकास* •  30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी। *शहरी आवास* •  प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत, 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से अगले पांच वर्ष में 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों का समाधान किया जाएगा।  *स्ट्रीट मार्केट* •  अगले पांच वर्षों में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘हाट’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए नई योजना। *प्राथमिकता 6: ऊर्जा सुरक्षा* *ऊर्जा परिवर्तन* •  रोजगार, विकास और पर्यावरण स्थायित्व की आवश्यकता के बीच संतुलन कायम करने के लिए समुचित ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक नीतिगत दस्तावेज। *पम्प्ड स्टोरेज पॉलिसी* •  विद्युत भंडारण के लिए पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति। *छोटे तथा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास* •  भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान एवं विकास तथा परमाणु ऊर्जा के लिए और भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना के लिए नई प्रौद्योगिकियों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी। *उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट* •  उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (एयूएससी) प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने के लिए एनटीपीसी और बीएचईएल के बीच एक संयुक्त उद्यम प्रस्‍तावित। ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों के लिए रोडमैप • ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों को वर्तमान के ‘परफॉर्म, एचीव एंड ट्रेड’ पद्धति से ‘इंडियन कार्बन मार्केट' पद्धति में परिवर्तित करने के लिए उपयुक्त विनियम। *प्राथमिकताः 7 अवसंरचना* *केंद्र सरकार द्वारा अवसंरचना में निवेश* पूंजीगत व्यय के लिए `11,11,111 करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.4 प्रतिशत) का प्रावधान। राज्य सरकारों द्वारा अवसंरचना में निवेश •  राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता करने के लिए इस वर्ष भी 1.5 लाख करोड़ रुपये के ब्याज रहित दीर्घावधि ऋण का प्रावधान। *प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना* (पीएमजीएसवाई) • 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा। *सिंचाई और बाढ़ उपशमन* • बिहार में कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और अन्‍य योजनाओं जैसी परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता। सरकार बाढ़, भूस्‍खलन और अन्‍य संबंधित परियोजनाओं के लिए असम, हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखंड और सिक्किम को सहायता प्रदान करेगी।  *पर्यटन* विष्णुपद मंदिर गलियारा, महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर का व्‍यापक विकास।  •  ओडिशा के मंदिरों, स्मारक, शिल्प, वन्य जीव अभयारण्य, प्राकृतिक भू-दृश्य और प्राचीन समुद्री तट के विकास हेतु सहायता। *प्राथमिकता 8: नवाचार, अनुसंधान और विकास* • मूलभूत अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड।  • वाणिज्यिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पूल व्यवस्था। *अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था* • अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुणा बढ़ाने पर निरन्तर जोर देते हुए 1,000 करोड़ रुपये की उद्यम पूंजी निधि। *प्राथमिकता 9: अगली पीढ़ी के सुधार* *ग्रामीण भूमि संबंधी कार्य* • सभी भू-खण्डों के लिए अनन्य भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) अथवा भू-आधार • संवर्गीय मानचित्रों का डिजिटलीकरण, • वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-प्रभागों का सर्वेक्षण • भू-रजिस्ट्री की स्थापना, और • कृषक रजिस्ट्री से जोड़ना। *शहरी भूमि संबंधी कार्य* • शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ अंकीकृत किया जाएगा। *श्रमिकों के लिए सेवाएं* • ऐसे वन स्‍टॉप समाधान के लिए ई-श्रम पोर्टल को अन्‍य पोर्टलों से जोड़ना। • तेजी से बदलते श्रमिक बाजार,  कौशल संबंधी जरूरतों और उपलब्‍ध रोजगार की भूमिकाओं के लिए मुक्‍त आर्किटेक्‍चर डाटाबेस। • रोजगार के इच्‍छुक लोगों को संभावित नियोक्‍ताओं और कौशल प्रदाताओं के साथ जोड़ने के लिए प्रणाली। *एनपीएस वात्‍सल्‍य* • नाबालिगों के लिए माता-पिता और अभिभावकों द्वारा योगदान हेतु एक योजना के रूप में एनपीएस वात्‍सल्‍य। *अप्रत्‍यक्ष कर* *जीएसटी* • जीएसटी की सफलता से उत्‍साहित होकर, जीएसटी के शेष क्षेत्रों तक विस्‍तार हेतु सरलीकृत एवं तर्कसंगत कर संरचना। क्षेत्र विशेष के लिए सीमा शुल्‍क के प्रस्‍ताव *औषधियां एवं चिकित्‍सा उपकरण* • कैंसर की तीन दवाइयां- ट्रेस्‍टुजुमाब डिरूक्‍सटीकेन, ओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमैब को सीमा शुक्‍ल से पूरी तरह छूट। • चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम के तहत एक्‍सरे ट्यूब और मेडिकल एक्‍सरे मशीनों में इस्‍तेमाल हेतु फलैट पैनल डिडेक्‍टरों पर मूलभूत सीमा शुल्‍क में बदलाव। *मोबाइल फोन और संबंधित पुर्जे* • मोबाइल फोन, मोबाइल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेम्‍बली (पीसीबीए) और मोबाइल चार्जर पर मूलभूत सीमा शुल्‍क को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया। *कीमती धातु* • सोने और चांदी पर सीमा शुल्‍क घटाकर 6 प्रतिशत किया गया और प्‍लेटिनम पर 6.4 प्रतिशत किया गया। *अन्‍य धातु* • लौह, निकेल और ब्लिस्‍टर तांबे पर मूलभूत सीमा शुल्‍क हटाया गया। • लौह स्क्रैप और निकेल कैथोड पर मूलभूत सीमा शुल्‍क हटाया गया। • तांबा स्‍क्रैप पर 2.5 प्रतिशत रियायती मूलभूत सीमा शुल्‍क। *इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स* • रेजिस्‍टरों के विनिर्माण हेतु ऑक्‍सीजन मुक्‍त तांबे पर कुछ शर्तों पर मूलभूत सीमा शुल्‍क हटाया गया। *रसायन एवं पेट्रोकेमिकल्स* • अमोनियम नाइट्रेट पर मूलभूत सीमा शुल्‍क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया। *प्‍लास्टिक* पीवीसी फ्लैक्‍स बैनरों पर मूलभूत सीमा शुल्‍क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया। दूरसंचार उपकरण • विनिर्दिष्ट दूरसंचार उपकरण के पी.सी.बी.ए. पर बीसीडी को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। *व्यापार सुविधा* • घरेलू विमानन और नाव तथा जलयान के एमआरओ उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से मरम्मत के लिए आयात की गई वस्‍तुओं के निर्यात के लिए समयावधि को छह महीनों से बढ़ाकर एक वर्ष करने का प्रस्ताव। • वारंटी वाली वस्‍तुओं को मरम्मत के लिए पुनः आयात करने की समय-सीमा को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का प्रस्ताव। *महत्वपूर्ण खनिज* • 25 महत्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट। • 2 महत्वपूर्ण खनिजों पर बीसीडी को कम करने का प्रस्ताव। *सौर ऊर्जा* • सोलर सैल और पैनलों के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाली पूंजीगत वस्तुएं सीमा शुल्‍क के दायरे से बाहर। *समुद्री उत्पाद* • कुछ ब्रूडस्टॉक, पॉलीकीट वॉर्म्स, श्रिम्प और फिश फीड पर बीसीडी को घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। • श्रिम्प और फिश फीड के विनिर्माण में इस्‍तेमाल होने वाले विभिन्‍न कच्‍चे माल को भी सीमा शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव। *चमड़ा और कपड़ा* • बत्तख या हंस से मिलने वाले रियल डाउन फिलिंग मैटेरियल पर बीसीडी को कम करने का प्रस्ताव। • स्पैन्डेक्स यार्न के विनिर्माण के लिए मिथाइलेन डाईफिनाइल डाईआईसोसाएनेट (एमडीआई) पर बीसीडी को कुछ शर्तों के साथ 7.5 से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। *प्रत्यक्ष कर* • करों को सरल बनाने, करदाता सेवाओं में सुधार करने, कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयासों जारी रहेंगे। • सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के वित्तपोषण के लिए राजस्व बढ़ाने पर जोर। • वित्त वर्ष 2022-23 में 58 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स सरलीकृत कर व्यवस्था द्वारा जमा हुआ। वित्त वर्ष 2023-24 में दो तिहाई से अधिक करदाताओं ने सरलीकृत कर व्‍यवस्‍था का लाभ उठाया। *धर्मार्थ संस्थाओं और टीडीएस का सरलीकरण* • धर्मार्थ संस्थाओं के लिए कर में छूट की दो व्यवस्थाओं को मिलाकर एक करने का प्रस्ताव। • विभिन्‍न भुगतानों पर 5 प्रतिशत टीडीएस दर को घटा कर 2 प्रतिशत टीडीएस दर किया जाएगा। • म्युचुअल फंडों या यूटीआई द्वारा यूनिटों की पुनः खरीद पर 20 प्रतिशत टीडीएस दर को समाप्त करने का प्रस्‍ताव। • ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर को 1 प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। • टीडीएस के भुगतान में विलम्ब को टीडीएस के लिए विवरणी फाइल करने की नियत तारीख तक डिक्रिमिनलाईज करने का प्रस्ताव। *पुनः निर्धारण का सरलीकरण* किसी कर निर्धारण वर्ष के समाप्त होने के तीन से पांच वर्षों के बाद किसी कर निर्धारण को नए सिरे से केवल तभी खोला जा सकेगा जब कर से छूट प्राप्त आय 50 लाख या उससे अधिक हो। सर्च मामलों में समय सीमा को दस वर्षों की मौजूदा समय सीमा के स्थान पर सर्च के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा करने का प्रस्ताव। कैपिटल गेन का सरलीकरण और युक्तिकरण • कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों के संबंध में लघु अवधि के लाभ पर 20 प्रतिशत कर लगेगा। • सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घ अवधि के लाभों पर 12.5 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। • परिसंपत्तियों पर कैपिटल गेन के छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव। *करदाता सेवाएं* • सीमा शुल्क और आयकर की सभी शेष सेवाओं जिनमें ऑर्डर गिविंग इफेक्ट व रैक्टिफिकेशन सम्मिलित हैं, को अगले दो वर्षों के दौरान डिजिटलीकरण किया जाएगा। *मुकदमेबाजी और अपील* • अपील में लंबित कतिपय आयकर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास योजना, 2024 का प्रस्ताव। • टैक्स अधिकरणों, उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष करों, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपीलों को दायर करने के लिए मौद्रिक सीमाओं को क्रमशः 60 लाख रुपये, 2 करोड़ रुपये और 5 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव। • अंतरराष्ट्रीय कराधान में मुकदमेबाजी को कम करने और निश्चितता प्रदान करने के लिए सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्तार। *रोजगार और निवेश* • स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्गों निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव। • भारत में क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए घरेलू क्रूज का संचालन करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए कर व्यवस्था को सरल करने का प्रस्ताव। देश में अपरिष्कृत हीरा बेचने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सेफ हार्बर दरों का प्रावधान। •  विदेशी कंपनियों पर कारपोरेट कर दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। *कर आधार का विस्तार* •  फ्यूचर्स और ऑप्सन्स के विकल्पों पर सिक्यूरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को बढ़ाकर क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। • प्राप्तकर्ता के द्वारा शेयरों की पुनः खरीद पर प्राप्त आय पर कर लगेगा। *सामाजिक सुरक्षा लाभ* एनपीएस में नियोजनकर्ता द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारी के वेतन के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। •  20 लाख रूपये तक की चल परिसंपत्तियों की सूचना न देने को गैर-दांडिक बनाने का प्रस्ताव। *वित्त विधेयक के अन्य प्रमुख प्रस्ताव* • 2 प्रतिशत के इक्वलाइजेशन लेवी को वापस। *नई कर व्‍यवस्‍था के तहत व्यक्तिगत आयकर में बदलाव* • वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रूपये से बढ़ाकर 75,000 रूपये करने का प्रस्ताव। • पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रूपये से बढ़ाकर 25,000 रूपये करने का प्रस्ताव। *कर दरों का संशोधित संरचना:* 0-3 लाख रूपये   शून्य   3-7 लाख रूपये   5 प्रतिशत   7-10 लाख रूपये   10 प्रतिशत   10-12 लाख रूपये   15 प्रतिशत   12-15 लाख रूपये   20 प्रतिशत   15 लाख रूपये से अधिक   30 प्रतिशत   नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी को आयकर में ₹ 17,500/- तक की बचत होगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

भारत के हथियारों की दुनिया में धूम मची

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। हथियारों को निर्यात करने में भारत तेजी से आगे बढ़ा है. पहले भारत सबसे ज्यादा हथियार आयात करता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. इकोनॉमिक सर्वे 2024 में पता चला कि भारत ने 85 देशों को ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर पिनाका रॉकेट और तोपें बेची हैं. हथियार खरीदने वालों में आर्मेनिया और फिलीपीन्‍स, इटली, मालदीव, रूस, श्रीलंका, यूएई, सऊदी अरब, पोलैंड, मिस्र, इजरायल और स्‍पेन चिली शामिल हैं. इन देशों में तोप के गोले भी भेज रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 के वित्तीय वर्ष में भारत का डिफेंस प्रॉडक्शन 74,054 करोड़ रुपये का था, जो 2023 में बढ़कर 1,08,684 करोड़ पहुंच गया है. 2015 से 2019 के बीच में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार खरीदने वाला देश था, लेकिन वह अब टॉप 25 हथियार निर्यातक देशों में शामिल हो गया है.    *सरकार ने इन योजनाओं का मिल रहा फायदा* दरअसल, भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कई स्कीम लॉन्च कीं, जिनमें पीएलआई समेत कई सारे इंसेंटिव दिए जा रहे हैं. हाल ही में सरकार ने कई हथियार निर्यात करने को भी मंजूरी दी. आंकड़ों की मानें तो अभी 100 से अधिक कंपनियां हथियार और उपकरण निर्यात कर रही हैं. इनमें डोर्नियर 228 विमान, तोपें, ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल, पिनाका रॉकेट सिस्‍टम, बॉडी आर्मर, हेलमेट, गोला बारूद, रडार, तोप के गोले समेत कई तरह के उपकरण हैं. सबसे ज्यादा HAL कंपनी विमानों की सप्लाई कर रही है, जिसका फायदा भी मिल रहा है.   *चीन को भी दिया संदेश* वहीं, भारत में निर्मित फाइटर जेट तेजस भी विदेशों में सप्लाई होने वाला है, जिसको लेकर कई देशों ने रुचि दिखाई है. इसके अलावा भारत की कंपनी एचएएल कई हेलीकॉप्टर भी निर्यात कर चुकी है. भारत आर्मेनिया और फिलीपीन्‍स जैसे देशों को हथियार दे रहा है. फिलीपीन्‍स को भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल देकर चीन को भी एक संदेश दे दिया है.          

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Jul 24, 2024

जन-केंद्रित बजट:संजीव पुरी, अध्यक्ष, सीआईआई

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। नई सरकार के पहले बजट ने नौकरियों के सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए सतत और न्यायसंगत विकास के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है। बजट 2025-26 समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रदान करता है ताकि प्रत्येक भारतीय नए और प्रगतिशील भारत की विकास आकांक्षाओं में एक इक्विटी धारक बन सके। विकसित भारत के लिए बजट में अनावरण की गई नौ प्रमुख प्राथमिकताएँ एक समावेशी लचीले, समृद्ध, पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और तकनीकी रूप से उन्नत भारत के लिए एक व्यापक खाका प्रदान करती हैं, जो 2047 में विकसित भारत की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।   बजट में रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया है, साथ ही कृषि, शहरी विकास, राज्यों को अगली पीढ़ी के सुधारों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करने, उपभोग, निवेश और मांग के चक्र को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने, स्टार्ट-अप और महिलाओं को समर्थन देने आदि पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह समय के साथ लिया गया कदम है और लोगों को सशक्त बनाने और उपभोग और विकास को गति प्रदान करते हुए विकास को समावेशी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। ऐसा करने में, वित्त मंत्री को चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को उम्मीद से बेहतर जीडीपी के 4.9 प्रतिशत पर लाकर चतुर वित्तीय प्रबंधन का प्रदर्शन करने के लिए श्रेय दिया जाना चाहिए, जबकि पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखा, जो कि चुनौतीपूर्ण बाहरी परिवेश और भारत पर इसके प्रभाव को देखते हुए कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।   वहीं सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी का कहना है कि केंद्रीय बजट समावेशन के साथ विकास को आगे बढ़ाने के लिए भारत की सफल समग्र आर्थिक रणनीति को निरंतरता प्रदान करता है केंद्रीय बजट 2024-25 निवेश और सुधारों के नेतृत्व में सरकार की पिछली दो कार्यकालों की सफल आर्थिक रणनीति को आगे बढ़ाता है और समावेशन और सशक्तिकरण पर केंद्रित है। रोजगार सृजन और विकास के दोहरे उद्देश्यों के साथ अगली पीढ़ी के सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों के साथ सहयोग की घोषणा एक स्वागत योग्य कदम है। 5 वर्षों की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान, भारत के युवाओं को भारत की विकास कहानी में भाग लेने के लिए सशक्त बनाने में मदद करेगा।   महिलाओं और लड़कियों के लिए योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के आवंटन के साथ, महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास एक उच्च प्राथमिकता बनी हुई है। रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) के तहत घोषित तीन योजनाएं वास्तव में स्वागत योग्य हैं और सीआईआई की सिफारिशों के अनुरूप हैं।   सब्जी क्लस्टर स्थापित करना, कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को बढ़ावा देना और सहकारी समितियों को बढ़ावा देना जैसी पहल भारतीय किसानों को सशक्त बनाएगी और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगी। बजट में सभी के लिए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से घोषित नौ प्राथमिकताओं ने भारत को निरंतर उच्च विकास पथ पर अग्रसर होने के लिए मंच तैयार किया है, जो कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 24, 2024

कांग्रेस का वार: 'खुशी है कि वित्त मंत्री ने हमारा घोषणापत्र पढ़ा

नई दिल्ली, 24 जुलाई  2024 (यूटीएन)। बजट पेश होते ही कांग्रेस ने चुटकी ली। कहा कि खुशी है कि वित्त मंत्री ने लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस का 2024 का घोषणापत्र पढ़ा है। वहीं, सबसे पुरानी पार्टी ने यह भी कहा कि बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है। दरअसल, वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट-2024-25 में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है, जिसके तहत युवाओं को इंटर्नशिप के साथ पांच हजार रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।   *पहली नौकरी पक्की...* पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने जिस इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है वह इस लोकसभा चुनाव के कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए प्रशिक्षुता के अधिकार के वादे पर आधारित है, जिसके तहत उसने डिप्लोमा एवं डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ एक साल तक हर महीने 8500 रुपये देने का वादा किया था। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को ‘पहली नौकरी पक्की’ नाम भी दिया था।   *सरकार ने कांग्रेस का घोषणापत्र पढ़ा* पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि वित्त मंत्री ने चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस का लोकसभा 2024 का घोषणापत्र पढ़ा है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 30 पर उल्लिखित रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) को अपना लिया है।’ उन्होंने आगे कहा, 'मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 11 पर उल्लिखित प्रत्येक प्रशिक्षु के लिए भत्ते के साथ-साथ प्रशिक्षुता योजना भी शुरू की है। काश, वित्त मंत्री ने कांग्रेस घोषणापत्र में कुछ अन्य विचारों की नकल की होती। मैं शीघ्र ही छूटे हुए बिंदुओं की सूची बनाऊंगा।   *सरकार ने माना कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट* कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है तथा केंद्र सरकार ने 10 साल के इनकार के बाद स्वीकार किया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार नौकरी बाजार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को एक महीने का पीएफ (भविष्य निधि) योगदान देकर प्रोत्साहन देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत 5,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा।   *वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली* रमेश ने सोशल मीडिया मंच पर कहा, ‘वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र-2024 से सीख ली है, जिसमें इसका इंटर्नशिप कार्यक्रम स्पष्ट रूप से कांग्रेस के प्रस्तावित प्रशिक्षुता कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे पहली नौकरी पक्की कहा गया था। हालाकि, अपनी चिरपरिचित शैली में योजना को सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए गारंटी के बजाय मनमाने लक्ष्य (एक करोड़ इंटर्नशिप) के साथ, सुर्खियां बटोरने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने दावा किया, ‘10 साल के इनकार के बाद ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार अंततः चुपचाप स्वीकार करने के लिए आगे आई है कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। रमेश ने कहा कि अब तक बहुत देर हो चुकी है और लगता है कि बजट भाषण कदम उठाने की तुलना में दिखावे पर अधिक केंद्रित है।    *राहुल ने इसे कुर्सी बचाओ बजट बताया* मोदी 3.0 के पहले बजट को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता जमकर तारीफ कर रहे हैं. वहीं इस बजट को लेकर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के कद्दावर नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने इसे कुर्सी बचाओ बजट बताया. राहुल गांधी ने इस बजट को सहयोगियों को खुश करने वाला बताया है. उन्होंने कहा, बजट में अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे (सहयोगियों) खोखले वादे किए गए. राहुल ने कहा, ये बजट अपने मित्रों को खुश करने के लिए लाया गया है. इससे अडानी अंबानी को लाभ होगा और आम भारतीय को कोई राहत नहीं मिलेगी. इतना ही नहीं राहुल गांधी ने इस बजट को कॉपी पेस्ट करार दिया. राहुल ने दावा किया कि बजट कांग्रेस के घोषणा पत्र और पिछले बजट से कॉपी किया गया है.    *बजट पर क्या बोले खरगे?* उधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इसे कॉपी पेस्ट बजट करार दिया. खरगे ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का नकलची बजट. मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी रेवड़ियां बांट रहा है, ताकि एनडीए बची रहे. ये देश की तरक्की का नहीं मोदी सरकार बचाओ बजट है.    *बजट पर क्या बोलीं मायावती?* बसपा अध्यक्ष मायावती ने संसद में पेश केन्द्रीय बजट को अच्छे दिन की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा बताया है. मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्ना सेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु अच्छे दिन की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है.   मायावती ने कहा, देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहां के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव है.    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) | 

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Jul 24, 2024