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अब बिना खौफ सरकारी कर्मचारी आरएसएस के प्रोग्राम में जाएं, मोदी सरकार ने बदल दिया 58 साल पुराना कानून

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में अब सरकारी कर्मचारी भी भाग ले सकेंगे. केंद्र सरकार ने 58 साल पुराने प्रतिबंध को हटा लिया है. गृह मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के शाखा में शामिल होने पर प्रतिबंध हटाने का आदेश अपलोड किया है.  गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी पर प्रतिबंध हटाने के आदेश की कॉपी अपनी आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर अपलोड कर दी है. गृह मंत्रालय ने 26 जुलाई को यह आदेश जारी किया था, जिसकी कॉपी अब अपलोड की गई है.   *कब लगा था बैन* साल 1966 में तब की सरकार ने सरकारी कर्मचारियों पर आरएसएस से जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाया था. उस दौरान कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी गई थी, अगर वह कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें. मोदी सरकार ने 58 साल पुराने इस प्रतिबंध को हटा दिया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में लिखा कि सरदार पटेल ने गांधीजी की हत्या के बाद फरवरी 1948 में आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद, अच्छे व्यवहार के आश्वासन पर प्रतिबंध हटा लिया गया. इसके बाद भी आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया. 1966 में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही भी था. 9 जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया है.   *9 जुलाई को आया आदेश* कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा 9 जुलाई को जारी एक आदेश साझा किया, जो आर एस एस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी से संबंधित है. इस आदेश में कहा गया है, ‘उपर्युक्त निर्देशों की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए.’    *संघ ने किया स्वागत* राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने एक बयान में कहा था कि अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते तत्कालीन सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को संघ जैसे रचनात्मक संगठन की गतिविधियों में भाग लेने के लिए निराधार ही प्रतिबंधित किया गया था. शासन का वर्तमान निर्णय समुचित है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुष्ट करने वाला है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

नगर परिषद की एफ एंड सीसी कमेटी की बैठक हुई

कालका, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। नगर परिषद की एफ एंड सीसी कमेटी की बैठक हुई जिसमें नगर परिषद द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के रिव्यू लिया गया। इसके साथ साथ नए विकास कार्यों के बारे में भी चर्चा कर उसे मंजूर किया गया। यह बैठक कालका के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हुई जिसकी अध्यक्षता नगर परिषद के अध्यक्ष कृष्णा लाल लांबा की। इस बैठक में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी जरनैल सिंह, एक्स ईएन मनदेव, एमई दर्शन, पार्षद गुलशन ठाकुर समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कृष्ण लाल लांबा ने बताया कि बैठक में पहले से चल रहे। विकास कार्यों को लेकर रिव्यू किया गया। वहीं कुछ नए विकास कार्यों के लिए भी निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि खुराना कॉलोनी, रत्तपुर कॉलोनी के पार्कों में कार्य करवाने के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। वहीं पिंजौर के बस स्टैंड पर बने अग्रसेन चौंक के सौंदर्य करण के लिए 62 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि इस विभिन्न कॉलोनियों में लगने वाले बोर्ड्स का भी प्रस्ताव इस बैठक mr पास किया गया है। इस तरह से इस बैठक में कुल 3 करोड़ 12 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 31, 2024

विकास शर्मा बने वॉयस ऑफ मीडिया के प्रदेश अध्यक्ष

कालका, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। सोमवार को करनाल में वॉयस ऑफ मीडिया के एक दिवसीय अधिवेशन समारोह में कई राज्यों से आए पत्रकारों ने भाग लिया । जिसमें हरियाणा प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। बता दें वॉयस ऑफ मीडिया की शाखाएं विशव के 42 देशों में चल रही हैं जिसमें पूरी दुनिया से लाखों पत्रकार जुड़ चुके हैं। अधिवेशन में वॉयस ऑफ मीडिया के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप काले ने परवाणू के विकास शर्मा को हिमाचल प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त करने की घोषणा की। विकास शर्मा ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेवारी सौंपी है।    उसका वह पूरी ईमानदारी व निष्ठा से निर्वहन करेंगें और प्रदेश सरकार तक पत्रकारों की आवाज़ उठाते रहेंगे। उन्होंने ये भी बताया की जल्द प्रदेश व जिला स्तर पर पत्रकारों को जोड़ उनकी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपेंगे। बता दें की विकास शर्मा वर्षों से कई सामाजिक संस्थाओ के साथ जुड़कर जिला व प्रदेश स्तर पर जुड़कर अपनी सेवाएं दें रहे हैं। इस मौके पर पूर्व सांसद राम कुमार सैनी, पूर्व न्यायधीश श्याम लाल जांगडा, विधायक इंद्री रामकुमार कश्यप, वॉइस ऑफ मीडिया के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष बंशी लाल व अन्य लोग मौजूद रहे।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jul 31, 2024

भारतीय उत्पाद गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हैं और दुनिया भर में स्वीकार्य हैं: जितिन प्रसाद

नई दिल्ली, 31 जुलाई 2024 (यूटीएन)। वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई पीएलआई योजनाओं का उद्देश्य न केवल भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाना है, बल्कि भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करना भी है। उन्होंने कहा, "पीएलआई योजना का पूर्ण संवितरण होने से पहले ही, हम संयंत्र और मशीनरी में अच्छी मात्रा में निवेश होते हुए देख रहे हैं, उत्पादन में वृद्धि के साथ नई नौकरियों का सृजन हो रहा है"। 'गुणवत्ता प्रणालियों में उत्कृष्टता के लिए 10वें फिक्की पुरस्कार और सम्मेलन' को संबोधित करते हुए, प्रसाद ने कहा, "अच्छी बात यह है कि पीएलआई योजना के बावजूद, निर्यात को प्रोत्साहित नहीं करने और निर्यात के लिए कोई संवितरण नहीं होने के बावजूद, हमने 4 लाख करोड़ रुपये का निर्यात सुनिश्चित किया है। यह दर्शाता है कि हमारे उत्पाद गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हैं और दुनिया भर में स्वीकार्य हैं।" उन्होंने आगे कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक जोर और समर्थन देगी कि भारत विनिर्माण केंद्र बने। भारत के 'आत्मनिर्भर' बनने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये (26 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक) के परिव्यय के साथ 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की घोषणा की गई है। मार्च 2024 तक 1.23 लाख करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की गई है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 8 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।    उन्होंने कहा, "हम सुनिश्चित करते हैं कि हमें सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी हस्तांतरण मिले, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे उत्पादों में मूल्यवर्धन हो। अगले पांच वर्षों में, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि एयर कंडीशनर क्षेत्र में, इसका 75 प्रतिशत स्वदेशी होगा, और भारत गुणवत्तापूर्ण मानक एयर कंडीशनर का उत्पादन करेगा।" एमएसएमई क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, श्री प्रसाद ने कहा कि यह सरकार के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने कहा कि हालिया बजट घोषणाओं में भी एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित किया गया है क्योंकि इसमें अधिक रोजगार सृजित करने की क्षमता है। "एमएसएमई, वे हैं जो भारत में रोजगार और नौकरी सृजन बाजार को आगे बढ़ाने जा रहे हैं और इन विनिर्माण केंद्रों के परिणामस्वरूप जो वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी चैंपियन हैं जिन्हें हम इन पीएलआई योजनाओं के माध्यम से बनाने जा रहे हैं, इसका व्यापक प्रभाव यह होगा कि एमएसएमई बढ़ेंगे, और उन्हें आवश्यक पूर्ति मिलेगी, जिसकी आज हमारे देश में बहुत आवश्यकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रौद्योगिकी की भूमिका पर बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि एआई मिशन को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, और हम एआई प्रौद्योगिकी के विभिन्न स्तंभों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा, "हमारे पास अत्याधुनिक जनशक्ति, कौशल, विशेष रूप से आईटी क्षेत्र में हैं, और इसके साथ, हम वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनने के लिए गुणवत्ता के साथ-साथ अपने उत्पादन को सुव्यवस्थित कर सकते हैं।"   इससे पहले दिन के दौरान, डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री सजीव ने कहा कि मानक, परीक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, प्रमाणन भारत के विनिर्माण की गुणवत्ता में विश्वास बनाए रखने और बढ़ाने के लिए रणनीतिक उपकरण हैं, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है और आर्थिक विकास को समर्थन मिलता है। हम सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण को बढ़ावा देने और भ्रामक व्यापार प्रथाओं को हतोत्साहित करने के लिए देश में तकनीकी विनियमन व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "किसी भी विनिर्माण संचालित अर्थव्यवस्था के लिए दो मुख्य स्तंभ गुणवत्ता और उत्पादकता हैं। देश में गुणवत्ता विनिर्माण पर जोर दिया जाना चाहिए। हमें अपनी क्षमता को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारा उद्योग मानकों को एक प्रमुख प्रतिस्पर्धी लाभ के रूप में उपयोग करने में सक्षम हो।" 2023 से अब तक डीपीआईआईटी ने गुणवत्ता को बढ़ावा देने की अपनी पहल के तहत 188 उत्पादों के लिए 45 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किए हैं। फिक्की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस कमेटी के अध्यक्ष श्याम बंग ने कहा कि उद्योग को सहयोग के माध्यम से अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा, "निरीक्षण और अस्वीकृति का दृष्टिकोण अपनाने के बजाय, प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए विश्वास, सहायता और सूचना साझा करने का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।" कार्यक्रम के दौरान गुणवत्ता प्रणालियों में उत्कृष्टता पर पुस्तिका के विमोचन के साथ-साथ 10वें फिक्की पुरस्कारों की घोषणा की गई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

उद्योग जगत विकसित भारत के निर्माण का सशक्त माध्यम है: सीआईआई सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली, 31 जुलाई  2024 (यूटीएन)। चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल और कई अनिश्चितताओं के बीच भारत वृद्धि और स्थिरता के प्रतीक के रूप में खड़ा है, जो लगातार ‘उच्च वृद्धि, कम मुद्रास्फीति’ वाला देश बना हुआ है। भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचे हमें आश्वस्त करते हैं कि यह वास्तव में 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा, यह बात माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित ‘विकसित भारत की ओर यात्रा: केंद्रीय बजट 2024-25 के बाद’ सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही। सम्मेलन का उद्देश्य विकास के लिए सरकार के व्यापक दृष्टिकोण और इस प्रयास में उद्योग की भूमिका की रूपरेखा प्रस्तुत करना था। प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत को धन सृजनकर्ता और विकसित भारत के निर्माण का सशक्त माध्यम होने का श्रेय दिया।   वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, माननीय प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत की राजकोषीय समझदारी बाकी दुनिया के लिए एक आदर्श बन गई है।" उन्होंने जीवन को आसान बनाने के उपायों को बढ़ावा देकर अपने नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर सरकार के निरंतर ध्यान को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि उद्योग 4.0 के साथ-साथ कौशल विकास और रोजगार पर ध्यान वर्तमान सरकार के अन्य महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि बजट में घोषित पीएम पैकेज का उद्देश्य भारत की जनशक्ति और उत्पादों को गुणवत्ता और मूल्य के मामले में वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाना है। पिछले कुछ वर्षों में विनिर्माण क्षेत्र में आए बदलावों को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया और विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई नियमों के सरलीकरण के साथ-साथ मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं जैसे उपायों का उल्लेख किया, जो भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "देश के 100 शहरों के पास बजट में घोषित निवेश-तैयार औद्योगिक पार्कों से विकसित भारत के नए केंद्र बनने की उम्मीद है।"   अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र की महत्वपूर्ण रोजगार सृजन भूमिका को मान्यता देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने उनके सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान किया है और उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान की हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बजट में एमएसएमई के लिए घोषित ऋण गारंटी योजना की शुरुआत से इस क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। इसके अलावा, उन्होंने उद्योग और उद्यमियों से सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और ग्रीन जॉब्स जैसे उभरते क्षेत्रों द्वारा प्रस्तुत अवसरों में तेजी से भाग लेने का आह्वान किया।  छोटे परमाणु रिएक्टरों पर किए जा रहे काम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे न केवल उद्योग को ऊर्जा पहुंच के रूप में लाभ होगा, बल्कि इस क्षेत्र से जुड़ी पूरी आपूर्ति श्रृंखला को भी नए व्यावसायिक अवसर मिलेंगे। अपने स्वागत भाषण में, सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने समावेशी विकास पर जोर देने और विकसित भारत की दिशा में एक रोडमैप की रूपरेखा तैयार करने के लिए केंद्रीय बजट की सराहना की। यह देखते हुए कि यह भारत के आर्थिक इतिहास में एक रोमांचक और अभूतपूर्व चरण है, भारतीय उद्योग सभी मोर्चों पर सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 31, 2024

शिव कावड़ सेवा समिति बागपत के कावड़ शिविर का हुआ शुभारम्भ

बागपत, 28 जुलाई 2024 (यूटीएन)। बागपत बड़ौत हाइवे पर नैथला मोड़ के पास शिव कावड़ सेवा समिति बागपत के कावड़ शिविर का शुभारम्भ हो गया। समिति से जुड़े नरेश चौहान ने बताया कि शिविर का शुभारम्भ 28 जुलाई से होना था लेकिन कावड़ियों की बढ़ती संख्या और उनकी परेशानियों को देखते हुए समिति के सदस्यों ने एक दिन पहले ही शिविर में कावड़ियों की सेवा प्रारम्भ कर दी हैं।   समिति के अंशुधर भारद्वाज ने बताया कि शिविर में कावड़ियों के रहने, खाने और चिकित्सा की सभी व्यवस्था पूरी कर ली है। समिति के सभी सदस्य तन, मन, धन से कावड़ियों की सेवा कर रहे है। समिति के विकास शर्मा ने बताया कि शिविर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है। शिविर में कावड़ियों को किसी भी प्रकार की समस्या नही होने दी जाएगी। शिविर संचालन में मोहर सिंह, मोहनपाल, नरेश कश्यप, मास्टर राजकुमार चौधरी,  राजेन्द्र, वीरसेन, बाबा कंवर नाथ, डॉक्टर बाबू खान  सहित अनेकों लोग महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे है।   बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।

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Jul 28, 2024

बैकुंठ धाम अनाथ व वृद्ध आश्रम में हुआ कावड़ शिविर का शुभारम्भ

बागपत, 28 जुलाई 2024 (यूटीएन)। जनपद बागपत के गौरीपुर जवाहरनगर गांव में गौरीपुर पुल के निकट स्थित बैकुंठ धाम अनाथ व वृद्ध आश्रम में कावड़ शिविर का शुभारम्भ हो गया। शिविर के संचालक अर्जुन प्रधान निवाड़ा और योगेश चौहान बागपत ने बताया कि शिविर में कावड़ियों के रहने, खाने, चिकित्सा आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है। बैकुंठ धाम अनाथ व वृद्ध आश्रम के संचालक सतीश कुमार ने कहा कि।   कावड़ियों को आश्रम में किसी प्रकार की परेशानी नही आने दी जाएगी। शिविर में चिकित्सा सेवा प्रदान कर रहे डॉक्टर राजीव खत्री बाकनेर हरियाणा ने कहा कि वे अब तक अनेकों भोलो का इलाज कर चुके है, भोलो की सेवा करना उनको बहुत अच्छा लगता है। राजपाल सिंह गौरीपुर ने बताया कि समाज के लोग कावड़ शिविर में सेवा प्रदान कर रहे है। गौरीपुर के सतपाल प्रधान, प्रियदेव स्वतंत्र नगर सहित अनेकों लोग कावड़ शिविर में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे है।   बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।

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Jul 28, 2024

जिला पूर्व सैनिक संगठन बागपत ने किया सम्मान समारोह का आयोजन

बागपत, 28 जुलाई 2024 (यूटीएन)। बागपत नगर के जिला जाट भवन बागपत में जिला पूर्व सैनिक संगठन बागपत के  तत्वाधान में कारगिल विजय दिवस के रजत जयंती के अवसर पर संगठन के जिलाध्यक्ष सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में वीर नारियों व बैटल कैजुअल्टी बहादुर जवानों के सम्मान में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन संगठन के महासचिव एडवोकेट गजेंद्र सिंह  द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेजर जनरल एसएस अहलावत रहे। कार्यक्रम में 78 वीर नारियों व 25 बैटल कैजुअल्टी बहादुर पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया। वीर नारियों का सम्मान जिला अध्यक्ष की अर्धांगिनी संतोष देवी सहित जिले से आई पूर्व सैनिकों की धर्मपत्नियों द्वारा कराया गया।   जिला अध्यक्ष सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह ने कहा कि वीर नारियों का सम्मान ही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने सभी अतिथियों, वीर नारियों व पूर्व सैनिकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राजदीप वर्मा राष्ट्रीय अध्यक्ष अर्जुन सिंह राठौड़ कर्नल  विनोद कुमार उज्जवल, मेजर संजय श्रीवास्तव रहे। सभी अतिथियो द्वारा एक स्वर में कार्यक्रम की तारीफ की गई। उन्होंने वीर नारियों व बैटल कैजुअल्टी बहादुर जवानों को शत-शत नमन किया। इस अवसर पर पूर्व सैनिक संगठन बागपत के ब्लॉक अध्यक्ष एवं पठान बिरादरी के सदर जाहिद फौजी, जिला जाट सभा बागपत के अध्यक्ष देवेंद्र धामा, जिला जाट सभा बागपत के मीडिया प्रभारी प्रवीण धामा मवीकला, नेशनल अवॉर्डी एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन, प्रमुख समाजसेवी चौधरी बॉबी तोमर वाजिदपुर, सूबेदार रामपाल सिंह तोमर बामनोली सहित जिले के सैंकड़ो पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।   बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।

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Jul 28, 2024

गौरीपुर जवाहरनगर में हुआ कावड़ शिविर का शुभारम्भ

बागपत, 28 जुलाई 2024 (यूटीएन)। जनपद बागपत में नेशनल हाईवे पर स्थित गौरीपुर जवाहरनगर में प्रमोद तोमर आनन्दा डेरी वालों के निकट कावड़ शिविर का शुभारम्भ हुआ। पंड़ित श्रवण शास्त्री द्वारा इस अवसर पर हवन किया गया, जिसमें कावड़ शिविर के आयोजनकर्ताओं ने आहुतियां डाली और कावड़ियों की निर्विध्न यात्रा सम्पन्न होने और देश की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की। प्रमोद तोमर आनन्दा डेरी वालो ने बताया कि इस स्थान पर हर वर्ष कावड़ियों की सेवा के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है।    कंवरपाल तोमर ने बताया कि शिविर में कावड़ियों के रूकने, उनके भोजन व चिकित्सा की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। डाक्टर संजय तोमर ने बताया कि कावड़ियों को शिविर में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नही आने दी जायेगी। एलआईसी में विकास अधिकारी अरविन्द कुमार ने बताया कि यह शिविर सभी की सामुहिक भागीदारी से संचालित होता है और शिविर से जुड़ा हर व्यक्ति तन, मन व धन से शिविर में अपनी सेवा प्रदान करता है। इस अवसर पर सुशील, मनोज, अनुज जांगिड़, राहुल, राजू, नितिन, दीपक, मंगल सिंह कश्यप, राजीव पांचाल, राजसिंह फौजी बड़ौत सहित अनेकों लोग उपस्थित थे।   बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।

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Jul 28, 2024

धामी ने नीति आयोग की बैठक में हिमालयी राज्यों के लिए विशिष्ट नीतियां बनाने का किया अनुरोध

नई दिल्ली, 27 जुलाई  2024 (यूटीएन)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में प्रतिभाग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में उत्तराखण्ड भी निरंतर कार्य कर रहा है। उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील राज्य है, इस बार के केन्द्रीय बजट में इसको दृष्टिगत रखते हुए विशेष वित्तीय प्राविधान किये जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।   उन्होंने कहा कि हाल ही में जारी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो राज्य के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य ने ‘समान नागरिक संहिता’ विधेयक को उत्तराखण्ड में पारित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कई शहरों में पेयजल का गंभीर संकट दिखाई दिया है, इस समस्या के समाधान के के लिए भू जल स्तर बढ़ाने के साथ-साथ जल संरक्षण पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता है।   उत्तराखण्ड में इसके लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिज्यूविनेशन ऑथोरिटी का गठन किया है, जो जल संरक्षण और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की परियोजना पर कार्य कर रही है। उन्होंने इसके लिए केन्द्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकि सहयोग का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिसके लिए कलस्टर आधारित इंक्यूबेशन सेंटर तथा ग्रोथ सेंटर महत्वपूर्ण साबित होंगे। उत्तराखण्ड में पायलट प्रोजक्ट के रूप में दो रूरल इंक्यूबेशन सेंटर तथा 110 ग्रोथ सेंटर स्थापित किये गये हैं।   उन्होंने इंक्यूबेशन सेंटर्स स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार से तकनीकि और वित्तीय सहयोग के लिए अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति प्रदान करने तथा लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लागू करने का अनुरोध किया। ‘पी.एम कृषि सिंचाई योजना’ की गाईडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया।    मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग तथा क्लाईमेट चेंज जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके दृष्टिगत उत्तराखण्ड सरकार ईकोलॉजी और ईकॉनॉमी के समन्वय से विकास योजनाओं को संचालित करने पर विशेष ध्यान दे रही है। राज्य में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी जारी करने की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी विकसित राष्ट्र में उनके शहरी क्षेत्र ग्रोथ इंजन के रूप में विशेष योगदान देते हैं। रोजगार सृजन बड़े शहरों में अधिक होता है, जिस कारण इन शहरों में अत्यधिक जनसंख्या के कारण मूलभूत सुविधाएं देना कठिन हो जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए देश के विभिन्न शहरों के बीच ‘काउंटर मैग्नेट एरियाज’ विकसित करने होंगे।   उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना शोध विकास एवं नवाचार के लिए ए.आई रेडीनेस और क्वांटम रेडीनेस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष नीति आयोग की आठवीं बैठक में हिमालयी राज्यों के विकास संबंधित कुछ प्रस्ताव रखे गये थे, उन प्रस्तावों पर हिमालयी राज्यों के परिपेक्ष में विशिष्ट नीतियां बनाने का उन्होंने अनुरोध किया।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 27, 2024