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जनपद में कई खाद्य प्रतिष्ठानों पर छापेमारी, सैंपलिंग, नोटिस व सामान को कराया विनष्ट

बागपत, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। प्रदेश सरकार के सख्त निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम हुई सक्रिय। सहायक खाद्य आयुक्त मानवेंद्र सिंह के पर्यवेक्षण में नवरात्र एवं अन्य पर्वों पर विक्रय होने वाले खाद्य पदार्थों पर विशेष सतर्कता निगरानी रखते हुए प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही हुई शुरू। इस क्रम में मिलावटी खाद्य एवं पेय पदार्थ के विक्रय पर प्रभावी रोकथाम विशेषकर कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, सूखे मेवे मूंगफली साबूदाना रामदाना व अन्य फलाहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 11 अक्टूबर 2024 तक चलेगा विशेष अभियान।    सहायक खाध आयुक्त मानवेंद्र सिंह व  उनकी टीम द्वारा मीतली निवासी भरत दूध खोया भंडार से दूध व खोया के नमूने भरे गए, अग्रवाल मंडी टटीरी में विकास चिकन कॉर्नर से पनीर आदि के नमूने लिए गए व विकास चिकन कॉर्नर में साफ सफाई न मिलने व गंदगी पाई जाने पर उन्हें नोटिस जारी किया, सुधर्मा ट्रेडिंग कंपनी सैंधा नमक नमूना लिया गया व 30 मसाले के पैकेट, 4 रस के पैकेट, 4 नमकीन के पैकेट 5 टॉफी पैकेट मौके पर ही खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने नष्ट कराए और उन्हें मिट्टी में कवर कराया।    इसी क्रम में अरुण शर्मा कोताना रोड बडौत में समा के चावल, अरुण कुमार निकट बिजली घर के यहां से कुट्टू का आटे का नमूना एकत्रित किया है, जो राजकीय प्रयोगशाला लखनऊ के लिए भेज दिए गए हैं। कुट्टू के आटे के उपभोग से बीमार व्यक्तियों के द्वारा बताए गए खाद्य प्रतिष्ठान चौहान किराना स्टोर गौरीपुर जवाहर नगर से कुट्टू का नमूना संग्रहित कर विश्लेषण हेतु प्रयोगशाला प्रेषित किया गया तथा मौके पर पाया दो किग्रा कुट्टू जब्त किया गया।इस अवसर पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम में मौके पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी नेहा चौधरी व अंकित श्रीवास्तव, यागदत्त आर्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 5, 2024

बागपत पुलिस की कार्यशैली पर उठाये सवाल, बागपत पुलिस फेल, अपराध बेलगाम

बागपत, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का सपना देखा जा रहा है, लेकिन बागपत पुलिस की लचर कार्यशैली इस सपने को चकनाचूर करने पर तुली है। ये बातें सांसद डॉ राजकुमार सांगवान ने बागपत के रिवर पार्क स्थित स्यादवाद इंस्टीट्यूट में प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित करने के दौरान कही। सांसद ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और बागपत जिले में बढ़ते अपराधों की ओर प्रशासन का ध्यान भी आकर्षित किया। सांसद ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की बात भी कही।    सांसद डॉ सांगवान ने कहा कि, बागपत पुलिस की कार्यप्रणाली बेहद कमजोर और निराशाजनक है। आरोप लगाया कि, जिले में किसानों की समस्याओं को न केवल नजरअंदाज किया जा रहा है, बल्कि उनके साथ अन्याय भी हो रहा है। आए दिन किसान अपने ट्यूबवेल से चोरी होने की शिकायतें दर्ज कराते हैं, लेकिन थानेदार इनकी एफआईआर तक दर्ज करने से कतराते हैं। पुलिस की यह बेरुखी किसानों के भीतर गहरे असंतोष को जन्म दे रही है। सांसद ने जिले में बढ़ते अपराधों पर भी कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि, आए दिन व्यापारियों के प्रतिष्ठानों और घरों में चोरी और लूट की घटनाएं हो रही हैं।   लेकिन पुलिस की निष्क्रियता के कारण महीनों बीतने के बाद भी अधिकांश मामलों का कोई खुलासा नहीं हो पाता। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि, वे बेखौफ होकर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। बागपत पुलिस के नाम का अपराधियों के मन में कोई भय नहीं है। सांसद ने कहा कि, महिला सुरक्षा के मोर्चे पर भी पुलिस की विफलता स्पष्ट नजर आ रही है। जिले में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, बलात्कार और हत्या जैसी गंभीर वारदातें बढ़ती जा रही हैं। इसके अलावा, भ्रष्टाचार, ऑनर किलिंग, धोखाधड़ी और मारपीट के मामलों में भी तेजी आई है। डॉ सांगवान ने कहा कि, बागपत पुलिस का रवैया योगी सरकार के सुशासन के सपने को कमजोर कर रहा है।    कार्यक्रम में उपस्थित अन्य गणमान्यों ने भी पुलिस की नकारात्मक भूमिका पर चिंता जताई। जिलाध्यक्ष डॉ सुभाष गुर्जर ने कहा कि, शिक्षा का आधार सफलता है, लेकिन बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए जरूरी है कि, उन्हें सुरक्षित और सशक्त समाज मिले। पूर्व राज्यमंत्री डॉ कुलदीप उज्ज्वल ने भी बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि, सुरक्षा और शांति का माहौल बनाना पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है, जिसमें बागपत पुलिस बुरी तरह असफल हो रही है। सांसद ने कहा कि,जल्द ही जिलाध्यक्ष बागपत सुभाष गुर्जर और वे स्वयं जनपद की समस्त समस्याओं और अधिकारियों की उदासीनता को लेकर माननीय मुख्यमंत्री से लखनऊ में मिलेंगे।कार्यक्रम के अंत में चेयरमैन नरेंद्र गोयल और प्रधानाचार्य दानिश अली ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 5, 2024

बेटियों को शास्त्र के साथ शस्त्र ज्ञान से पूर्ण होने का आह्वान

बड़ौत, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। नगर के जनता वैदिक इंटर कॉलेज में दुर्गा वाहिनी द्वारा गोष्ठी आयोजित कर बालिकाओं को शास्त्र ज्ञान के साथ ही शस्त्र ज्ञान में भी निपुण होने का आह्वान किया गया। गोष्ठी की मुख्य वक्ता प्रांत छात्रा प्रमुख रुचि लांबा रही, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता रचना जोहर ने की । वहीं मुख्य अथिति डॉ सुधा रानी रही । मुख्य वक्ता रुचि लांबा ने बताया कि, दुर्गा अष्टमी कार्यक्म पूरे प्रांत सहित देश भर में हो रहे हैं। अपनी बच्ची को दुर्गा बनाओ, काली बनाओ पर लव जिहाद से बचाओ।    कहा कि, अपनी बेटी शास्त्र के साथ साथ शस्त्र में भी पूर्ण बनाओ, जिससे दुर्गा रूप लेने में जरा भी टाइम न लगाए। बेटियों के साथ हुई सफल गोष्ठी के बाद एक भव्य शोभा यात्रा भी बाजार के मुख्य मार्गो से होकर गुजरी । इस दुर्गा शक्ति यात्रा का स्वागत नगर में अनेक स्थानों पर किया गया। रास्ते में लड़कियों द्वारा भी मुख्य चौराहों पर दुर्गा के रूप का स्वागत किया गया । कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष रेखा चौहान, जिला मातृशक्ति प्रमुख निशा बहन, जिला संयोजिका अन्नू पंवार,जिला सह संयोजिका शालू, प्रियंका, कविता, रेखा, मंजू, आरोही, आराध्या आदि रही।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 5, 2024

कैदियों को भी गरिमा के साथ जीने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 'सम्मान के साथ जीने का अधिकार कैदियों को भी है' और कैदियों को इससे वंचित करना उपनिवेशवादियों और उपनिवेश-पूर्व तंत्र दर्शाता है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसले में यह टिप्पणी की। पीठ ने कैदियों के प्रति जाति आधारित भेदभाव, जैसे शारीरिक श्रम का विभाजन, बैरकों का विभाजन आदि पर रोक लगा दी।    *कोर्ट ने कई राज्यों के जेल मैनुअल नियमों को बताया असंवैधानिक* पीठ ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश सहित 10 राज्यों के कुछ आपत्तिजनक जेल मैनुअल नियमों को असंवैधानिक करार दिया। सीजेआई ने 148 पन्नों का फैसला लिखते हुए संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता), 15 (भेदभाव का निषेध), 17 (अस्पृश्यता का उन्मूलन), 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) और 23 (जबरन श्रम के खिलाफ अधिकार) के तहत मौलिक अधिकारों का जिक्र किया।   *कैदियों को सम्मान न देना उपनिवेश काल की पहचान* अपने फैसले में पीठ ने कहा कि, 'सम्मान के साथ जीने का अधिकार कैदियों का भी है। कैदियों को सम्मान न देना उपनिवेशवादियों और पूर्व-औपनिवेशिक तंत्रों का अवशेष है, जहां दमनकारी व्यवस्थाएं राज्य के नियंत्रण में रहने वाले लोगों को अमानवीय और अपमानित करने के लिए डिज़ाइन की गई थीं। संविधान से पहले के युग के सत्तावादी शासन ने जेलों को न केवल कारावास के स्थान के रूप में देखा, बल्कि वर्चस्व के उपकरण के रूप में भी देखा।   संविधान द्वारा लाए गए कानूनी ढांचे के आधार पर इस न्यायालय ने माना है कि कैदियों को भी सम्मान का अधिकार है।' फैसले में संविधान के अनुच्छेद 15 का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें जाति, धर्म, भाषा आदि के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। पीठ ने कहा कि अगर सरकार ही नागरिकों से भेदभाव करेगी तो यह सबसे बड़ा भेदभाव है, क्योंकि सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह भेदभाव को खत्म करेगी।    'भेदभावपूर्ण कानूनों की पहचान की जानी चाहिए' पीठ ने कहा कि 'इतिहास में, ऐसी भावनाओं ने कुछ समुदायों के नरसंहार को जन्म दिया है। भेदभाव से भेदभाव किए जाने वाले व्यक्ति का आत्म-सम्मान भी कम होता है। इससे अवसरों का अनुचित हनन हो सकता है और लोगों के एक समूह के खिलाफ लगातार हिंसा हो सकती है। भेदभाव किसी ऐसे व्यक्ति का लगातार उपहास या अपमान करके भी किया जा सकता है, जो सामाजिक तौर से कमजोर है। यह किसी व्यक्ति को आघात पहुंचा सकता है।'   जिससे वह अपने पूरे जीवन प्रभावित हो सकता है। भेदभाव में हाशिए पर पड़े सामाजिक समूह की पहचान या उसके अस्तित्व को कलंकित करना भी शामिल है।' सीजेआई ने कहा, 'भारत के संविधान के लागू होने से पहले बनाए गए भेदभावपूर्ण कानूनों की जांच की जानी चाहिए और उन्हें खत्म किया जाना चाहिए।' पीठ ने कहा, 'मानव गरिमा मानवीय अस्तित्व का अभिन्न अंग है और इससे अविभाज्य है। यह जीवन के अधिकार में ही निहित है।'   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

केंद्रीय केबिनेट: किसानों से जुड़ी 1.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनाएं स्वीकृत

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार ने किसानों और इन्फ्रास्ट्र्कचर विकास से जुड़ी कई परियोजनाओं के लिए हजारों करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इन योजनाओं को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नति योजना को मंजूरी दी है। इन योजनाओं के लिए 1 लाख 1321 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा 63 हजार करोड़ रुपये से अधिक की चेन्नई मेट्रो फेज-2 परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं।   *किसानों से जुड़ी 1.01 लाख करोड़ रुपये की योजना* वैष्णव ने बताया कि एक तरह से किसानों की आय से जुड़े लगभग हर बिंदु को 1,01, 321 करोड़ रुपए के कार्यक्रम के तहत कवर किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा कार्यक्रम है जिसके कई घटक हैं। सभी घटकों को कैबिनेट ने अलग-अलग योजनाओं के रूप में मंजूरी दी है। बकौल अश्विनी वैष्णव, 'अगर कोई राज्य किसी एक योजना से जुड़ी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) लेकर आता है, तो उसे इस योजना के तहत मंजूरी दी जाएगी।'   *चेन्नई मेट्रो के दूसरे चरण को मंजूरी* कैबिनेट ने चेन्नई मेट्रो के दूसरे चरण को भी स्वीकृति दी है। इस पर 63,246 करोड़ रुपये की लागत आएगी। दूसरे चरण की कुल लंबाई 119 किलोमीटर होगी। साथ ही कुल 120 स्टेशन होंगे। इस परियोजना में केंद्र और तमिलनाडु सरकार की 50-50 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इसका निर्माण चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड करेगी। चेन्नई में 2026 में 1.26 करोड़ और 2048 में 1.80 करोड़ जनसंख्या होने का अनुमान है।   *किसानों की आय बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की कवायद* अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट बैठक में सबसे बड़ा फैसला किसानों की आय बढ़ाने और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का है। इसके लिए 'पीएम राष्ट्र कृषि विकास योजना' और 'कृषोन्ति योजना' को मंजूरी दी गई है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने कृषि मंत्रालय के तहत संचालित सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) को दो व्यापक योजनाओं में तर्कसंगत बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। पीएम-आरकेवीवाई टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देगा जबकि केवाई खाद्य सुरक्षा और कृषि आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करने में सहायता करेगा।   उन्होंने बताया कि दोनों योजनाओं के तहत 9 अलग-अलग योजनाएं हैं। विभिन्न घटकों के कुशल और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सभी घटक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएंगे। ये दोनों योजनाएं राज्यों की ओर से कार्यान्वित की जाती हैं। 1,01,321.61 करोड़ रुपये के कुल प्रस्तावित व्यय में से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के केंद्रीय हिस्से का अनुमानित व्यय 69,088.98 करोड़ रुपये है। साथ ही इसमें राज्यों का हिस्सा 32,232.63 करोड़ रुपये है। इसमें कृषि विकास योजना के लिए 57,074.72 करोड़ रुपये और कृषोन्नति योजना के लिए 44,246.89 करोड़ रुपये शामिल हैं।   *78 दिन का बोनस मिलेगा; 11.72 लाख रेल कर्मियों को होगा फायदा* केंद्रीय कैबिनेट ने लाखों रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन के बराबर बोनस देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। त्योहारी सत्र से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को कैबिनेट की अहम बैठक में रेलवे कर्मचारियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 78 दिनों के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) को मंजूरी दी। इसका लाभ 11,72,240 रेलवे कर्मचारियों को होगा। इस पर 2028.57 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पात्र रेलवे कर्मचारियों को देय अधिकतम राशि 78 दिनों के लिए 17,951 रुपये है।   इस राशि का भुगतान विभिन्न श्रेणियों के रेलवे कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप सी कर्मचारियों को किया जाएगा। पात्र रेलवे कर्मचारियों को पीएलबी का भुगतान प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा/दशहरा की छुट्टियों से पहले किया जाता है। वर्ष 2023-2024 में रेलवे का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। रेलवे ने 1588 मिलियन टन का रिकॉर्ड माल लोड किया और लगभग 670 करोड़ यात्रियों को सफर कराया।   *खाद्य तेल पर राष्ट्रीय मिशन-ऑयलसीड्स को मंजूरी* कैबिनेट ने 10,103 करोड़ रुपये की खाद्य तेल पर राष्ट्रीय मिशन ऑयलसीड्स को भी मंजूरी दी है। यह कृषोन्नति योजना के तहत आने वाली नौ योजनाओं में से एक है। इस योजना का लक्ष्य 2031 तक खाद्य तेलों का उत्पादन 1.27 करोड़ टन से बढ़ाकर 2 करोड़ टन करना है। इस मिशन का लक्ष्य तिलहन उत्पादन में भारत को सात वर्षों में आत्मनिर्भर बनाना है। मिशन साथी पोर्टल लॉन्च करेगा जिससे राज्य गुणवत्तापूर्ण बीजों की समय पर उपलब्धता के लिए हितधारकों के साथ समन्वय कर सकेंगे।   *अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता केंद्र में शामिल होने की मंजूरी* कैबिनेट ने लेटर ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी है ताकि भारत ऊर्जा दक्षता केंद्र में शामिल हो सके। यह दुनिया भर में ऊर्जा दक्षता और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक वैश्विक मंच है। यह कदम सतत विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के उसके प्रयासों के अनुरूप है। इस निर्णय से भारत को विशिष्ट 16 देशों के समूह की साझा रणनीतिक ऊर्जा प्रथाओं और नवीन समाधानों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

एमसीडी स्थायी समिति के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय से एमसीडी स्थायी समिति के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं कराने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि अगर आप एमसीडी स्थायी समिति के अध्यक्ष के लिए चुनाव कराते हैं तो हम इसे गंभीरता से लेंगे। कोर्ट ने एमसीडी स्थायी समिति के सदस्य के लिए चुनाव कराने में दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय के अत्यंत जल्दबाजी करने पर भी सवाल उठाए।   कोर्ट ने दिल्ली उपराज्यपाल कार्यालय से कहा कि अगर आप चुनाव कराने के लिए एमसीडी अधिनियम के तहत कार्यकारी शक्ति का उपयोग करना शुरू कर देंगे तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा। इसके बाद कोर्ट ने एमसीडी स्थायी समिति के हालिया चुनाव के खिलाफ महापौर शैली ओबेरॉय की याचिका पर दिल्ली उपराज्यपाल कार्यालय से जवाब मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया है।    *'कोर्ट ने क्या कहा?* न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और आर महादेवन की पीठ ने उपराज्यपाल कार्यालय से कहा कि जब तक वह 27 सितंबर को होने वाले स्थायी समिति के चुनावों के खिलाफ मेयर शेली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेती, तब तक स्थायी समिति के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव न कराए जाएं। पीठ ने उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय जैन से कहा कि यदि आप एमसीडी स्थायी समिति के अध्यक्ष के लिए चुनाव कराते हैं तो हम इसे गंभीरता से लेंगे।   'आप चुनावी प्रक्रिया में कैसे बाधा डाल सकते हैं?'   पीठ ने कहा कि शुरू में वह इस याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं थी, लेकिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 487 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करने के फैसले के कारण उसे नोटिस जारी करना पड़ा। पीठ ने उपराज्यपाल कार्यालय से पूछा कि यदि आप डीएमसी अधिनियम की धारा 487 के तहत कार्यकारी शक्तियों का उपयोग करना शुरू करते हैं तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा। आप चुनावी प्रक्रिया में कैसे बाधा डाल सकते हैं। पीठ ने उपराज्यपाल कार्यालय से दो सप्ताह में जवाब मांगा और मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत के दशहरा अवकाश के बाद तय की।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

दिल्ली देहात से जुड़े 360 गांवों के लोग जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरना देंगे : चौधरी सुरेंद्र सोलंकी

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली देहात से जुड़े वर्षों से लंबित समस्याओं और मुद्दों के समाधान को लेकर लगातार चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पालम 360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं के भयंकर अभाव और चौतरफ़ा बदहाली से लोगों में खासी नाराजगी है। दिल्ली के ग्रामीण कई वर्षों से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और अब दिल्ली देहात के लोग अपनी सभी समस्याओं का पूर्ण समाधान लेकर ही दम लेने का फैसला कर चुके हैं। 15 सितंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर हजारों की संख्या में एकजुट होकर हमने अपने हक और अधिकार के लिए हुंकार भरकर जिस लड़ाई का आगाज किया है उसे अंजाम तक पहुंचाकर ही रहेंगे। चौ सोलंकी ने कहाँ कि दिल्ली सरकार दिल्ली के 360 गांवों के लोगों को हल्के में लेने का प्रयास न करें ये वो लोग हैं जिन्होंने इस दिल्ली को सुरक्षित रखने में और दिल्ली के विकास अहम भूमिका निभाई है। चौ सोलंकी ने कहाँ कि होमगार्ड के 8500 कर्मचारियों अचानक से निकालना दुर्भाग्यपूर्ण है ये सरकार दिल्ली के युवाओं को रोज़गार तो दे नहीं पाई उल्टा बेरोज़गारी के कगार पर लाने का प्रयास कर रही है होम गार्ड में ज़्यादातर जवान दिल्ली देहात के बच्चे हैं और हम इनकी लड़ाई मज़बूती से लड़ेंगे चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि दिल्ली को विकसित करने में यहाँ के ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया, मगर दिल्ली के ग्रामीण इलाके ही बदहाली का शिकार हैं।   टूटी सड़कें, जहां तहां भरा पानी, गंदी नालियां और बजबजाते सीवर चारों तरफ फैली गंदगी यही दिल्ली के गांवों की तस्वीर है। हालात ये हैं कि दिल्ली के गांव ना शहर रहे ना गांव बल्कि उनकी स्थिति स्लम इलाके जैसी हो गई है। इतनी गंदगी और बदहाली में रह रहे गांव के लोगों को हर समय बीमारियों के फैलने या किसी अनहोनी का डर बना रहता है। इसीलिए अब दिल्ली देहात के लोगों ने मन बना लिया है कि इस बार लड़ाई आर पार की है। हम इस बारे किसी के बहकावे में नहीं आने वाले, सिर्फ आश्वासन नहीं लिखित समाधान चाहिए। चौधरी सोलंकी ने कहा कि अभी जंतर मंतर पर उमड़े सैलाब और ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल की तरफ से हमारी दो मांगे मानी गई हैं। जिसके तहत दिल्ली में लंबे समय से बंद पड़े म्यूटेशन की प्रक्रिया को दोबारा बहाल कर दिया गया है और दिल्ली के गांवों में बिजली के मीटर लगवाने पर लगी पाबंदी हटा ली गई है। दिल्ली के ग्रामीणों के हक में हुए इन दोनों फैसलों के लिए हम उपराज्यपाल महोदय को धन्यवाद देते हैं, साथ ही उम्मीद करते हैं कि एलजी साहब और केंद्र सरकार से संबंधित हमारी अन्य समस्याओं का समाधान भी जल्द से जल्द होगा। साथ ही हम दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी और मुख्यमंत्री आतिशी जी से भी अपील करते हैं कि उनकी पार्टी की मेयर और डिप्टी मेयर ने हमारे साथ प्रेस कांफ्रेंस करके स्पष्ट किया था कि दिल्ली के गांवों में कोई हाउस टैक्स नहीं लिया जाएगा, मगर उस घोषणा का नोटिफिकेशन जो तक नहीं किया गया है।    उसे जल्द से जल्द नोटिफाइड कराकर अपना वादा निभाएं। चौधरी सोलंकी ने बताया कि हमने पिछले साल भी जंतर मंतर पर प्रदर्शन के बाद अपनी तीन मांगें मनवायीं थीं और इस बार भी अब तक दो मांगें पूरी हुईं हैं। ये दिल्ली देहात के लोगों की एकजुटता की ताकत से ही संभव हुआ है। आगे भी हमारा इरादा साफ है, जब तक हमारी सभी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, ये आंदोलन रुकने वाला नहीं। उन्होंने बताया कि दिल्ली देहात के लोगों ने जंतर मंतर पर महापंचायत के जरिए ये फैसला लिया गया था कि कि अगर 15 दिन के भीतर हमारे सभी मुद्दों का पूर्ण समाधान नहीं कर दिया जाता है, तो फिर अनिश्चितकालीन धरना दिया जायेगा। और अब 15 दिन बीतने के बाद हमने 06 अक्टूबर से अनिश्चित क़ालीन धरने पर जाने का फ़ैसला लिया यह धरना जब तक जारी रहेगा जब तक हमारी सभी समस्याओं का लिखित रूप में समाधान नहीं मिल जाता इसके बाद इस आंदोलन का जो स्वरूप होगा उसके लिए दिल्ली के एलजी, दिल्ली सरकार और केंद्र की सरकार जिम्मेदार होगी। महापंचायत का यह भी फैसला है कि अगर हमारे मुद्दों के समाधान में लापरवाई की गई तो आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव का भी दिल्ली के ग्रामीण पूर्ण बहिष्कार करेंगे। किसी भी पार्टी के नेता दिल्ली के गांवों में वोट मांगने नहीं घुस पाएंगे। हमारी किसी पार्टी से कोई लड़ाई नहीं है, मगर जो पार्टी हमारी समस्याओं की अनदेखी करेगी उसका डट कर विरोध करेंगे और जो पार्टी हमारे मुद्दों का समाधान करेगी हम उसका स्वागत भी करेंगे।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 5, 2024

नेपरविले में हुआ 4 दिवसीय भारतीय अमेरिकी व्यापार मेले का आयोजन

शिकागो, 04 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। इलिनोइस के नेपरविले मे भारतीय मूल के प्रमुख व्यवसायी और इंडियन अमेरिकन बिजनेस काउंसिल के चेयरमेन अजित सिंह व डीट्राइबल्स फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासो से भारत के कारीगरों को अमेरिका में बढ़ावा देने के उद्देश्य से 4 दिवसीय स्वदेशी मेले का भव्य आयोजन किया। भारतीय अमेरिकी व्यापार मेले में विभिन्न भारतीय कलाकृतियों, हथकरघा उत्पादों, हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गयी और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया गया।   छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साओ, भारत के महावाणिज्य दूत सोमनाथ घोष, राष्ट्रीय भारत हथकरघा संवर्धन परिषद की विकास आयुक्त डाक्टर एम बीना, नेपरविले के मेयर स्कॉट वेहरली, कांग्रेसमैन बिल फोस्टर, कांग्रेसमैन राजा कृष्णमूर्ति, शिकागो के एल्डरमैन डेविड मूर, इलिनोइस राज्य की सीनेटर लॉरा एलमैन, ऑरोरा की एल्डरवुमेन श्वेता बैद और ड्यूपेज काउंटी बोर्ड की सदस्य पैटी गुस्टिन सहित कई गणमान्य अतिथियों ने मेले में भाग लिया। पद्मश्री कैलाश खेर को भारतीय स्वदेशी मेले का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया। मेले में भारत के पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री की उपस्थिति ने इस आयोजन को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व दिया।   मेले में पद्मश्री कैलाश खेर द्वारा प्रस्तुत संगीत, हथकरघा प्रदर्शनी, गरबा और डांडिया नृत्य आदि मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे। डीट्राइबल्स फाउंडेशन की संस्थापक दीपाली सरावगी ने मेले में आने वाले स्वयंसेवकों, प्रायोजकों और आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। अजित सिंह ने बताया कि 4 दिवसीय मेले में 30 हजार से अधिक लोगों ने विजिट किया और 105 से अधिक विक्रेताओं ने भाग लिया। कहा कि वे भविष्य में भी भारतीय और अमेरिकी व्यापार को बढ़ावा देने और दोनों देशों की संस्कृतियों का आदान-प्रदान करने और आपसी भाईचारा बढ़ाने के लिए भविष्य में भी इस प्रकार के मेलों का आयोजन करते रहेंगे। इस अवसर पर भारतीय और अमेरिकी समुदाय के हजारों लोग उपस्थित थे।   बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।

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Oct 4, 2024

गांव से भागकर बडौत में प्रेमी- प्रेमिका को मिली गोली से उडाने की धमकी

खेकड़ा, 04 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। लिव इन रिलेशन में रह रहे प्रेमी और प्रेमिका को परिजनों की ओर से गोली से उड़ा देने की धमकी मिली है। डरे सहमे वे दोनों जान बचाने के लिए पुलिस की शरण में पहुंच गए, जिसपर पुलिस ने आरोपी परिजनों को कड़ी हिदायत दी है। क्षेत्र के एक गांव की युवती पांच वर्ष पहले प्रेमी संग फरार हो गई थी। तभी से वे दोनों बड़ौत में लिव इन रिलेशन में रह रहे हैं, उनके दो बच्चे भी हैं।   अब प्रेमिका के परिजनों ने दोनों को गोली से उड़ा देने की धमकी दी है, जिससे दोनों डरे सहमे हुए हैं। उन्हें हत्या का डर सता रहा है। गुरुवार को दोनों खेकड़ा कोतवाली पर पहुंचे और सुरक्षा की गुहार लगाई। प्रेमिका ने कानूनी कार्रवाई के लिए परिजनों के खिलाफ तहरीर भी दी। कोतवाली प्रभारी कैलाश चंद का कहना है कि तहरीर मिल गई है। पीडिता और उसके प्रेमी की सुरक्षा की जाएगी। पीडिता के परिजनों को बुलाकर कड़ी हिदायत भी दे दी गई है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

Ujjwal Times News

Oct 4, 2024

लक्ष्य पब्लिक स्कूल में सफाई करते छात्रों ने दिया संदेश: स्वच्छता ही उत्तम स्वास्थ्य की पहली सीढ़ी

बागपत, 04 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत स्कूली बच्चे भी अपना सहयोग दे रहे हैं और स्वच्छता को तन व मन की स्वस्थता के लिए बेहद जरुरी बता रहे हैं। लक्ष्य पब्लिक स्कूल बागपत में प्रधानाचार्य राघवेंद्र गौतम के नेतृत्व में छात्रों ने सफाई व स्वच्छता अभियान चलाकर मानों समाज को यह संदेश दिया कि, स्वच्छता ही उत्तम स्वास्थ्य की पहली सीढ़ी है। इस दौरान लक्ष्य पब्लिक स्कूल के छात्रों ने अपने विद्यालय परिसर को लक्ष्य करके सफाई की तथा वातावरण की शुद्धता के लिए पौधों में पानी भी दिया।    प्राचार्य ने छात्रों का आह्वान किया कि आप देश के कर्णधार हो, आपके सहयोग के बिना विद्यालय में स्वच्छता अभियान सफल नहीं हो सकता।बताया कि स्वच्छता संक्रामक बीमारियों के खतरे को कम करती है, हमें अपने आसपास के वातावरण को साफ सुथरा रखना चाहिए। इस अभियान को सफल बनाने में प्रशांत भारद्वाज, विजय कुमार, दीप्ति प्रियंका मै, म मंजू शाह, देवेश शर्मा विनोद भारद्वाज आदि का सहयोग रहा।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 4, 2024