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रटौल में नाला निर्माण के विरोध में पीडितों का प्रदर्शन, गरीबों के न तोड़े जायें मकान

चांदीनगर, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। रटौल में पानी की निकासी एक बड़ी समस्या है। उसके समाधान के लिए किये जा रहे नाला निर्माण में सैकड़ों लोगों के मकान नाले की सीमा में आने से उन्हें तोड़ने के लिए निशान लगाये गये है, जिसके विरोध में पीड़ित परिवारों ने प्रर्दशन करते हुए गरीबों के घर न तोड़ने की मांग की है। रटौल में पानी की निकासी के लिए रटौल- लोनी मार्ग पर पूर्वी यमुना नहर से गंदे नाले तक एक अन्य नाले का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी पैमाईश नगर पंचायत रटौल द्वारा की गयी है। पैमाईश में सैकड़ों लोगों के मकान पीडब्ल्यूडी की जमीन में आ रहे हैं, जिसकी पैमाईश करने के बाद नगर पंचायत रटौल ने सभी मकान मालिकों को तीन दिन में अतिक्रमण हटाने को कहा है। अब इसी मुद्दे को लेकर लोगों में आक्रोश बना हुआ है।    मगंलवार को सभासद मोसिन मलिक और समाज सेवी रजाहसन के नेतृत्व में लोगों ने एक प्रदर्शन किया, जिसमें समाजसेवी रजाहसन ने कहा कि, गरीब परिवार बेघर हो जायेंगे, इन्हें न तोड़ा जाये या इन लोगों को कुछ माह का समय दिया जाये। उधर सभासद मोसीन मलिक ने कहा कि, प्रशासन द्वारा जो पैमाईश की गयी है, उसे कम किया जाये। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने चैयरमैन पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि, वह लोगों को बेघर करना चाहते हैं। वहीं कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि, नाले का निर्माण घटिया सामग्री से किया जा रहा है, वहीं पैमाईश की गलत की गयी है तथा नूरबाग के समीप गलत पैमाईश से नाला निर्माण किया गया है। प्रर्दशन करने वालो में मोसीन, रजाहसन, अनवर, जमालू, कल्लू, शहजाद, बब्बू, यासीन, अफसार, रजाक, आशू फाजिल आदि मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 9, 2024

नारी सुरक्षा और सशक्तिकरण पर नुक्कड़ नाटक व पिलाना के कालेज में पूजा पंवार बनी एक दिन को प्रधानाचार्या

बागपत, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। मिशन शक्ति अभियान के तहत तहत पांचवें चरण में पिलाना गांव में स्थित नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज की सहायक अध्यापिका पूजा पंवार को एक दिन के लिए प्रधानाचार्या का दायित्व सौंपा गया, वहीं कालेज की छात्रा कु प्रियंका को उप प्रधानाचार्या नियुक्त किया गया। प्रधानाचार्या की भूमिका में पूजा पंवार ने प्रार्थना सभा के दौरान छात्रों और छात्राओं को संबोधित करते हुए नारी सशक्तिकरण की महत्ता पर बल दिया। बताया कि, समाज में लैंगिक समानता के बिना प्रगति असंभव है, और इस दिशा में महिलाओं को नेतृत्व के अवसर प्रदान करना अत्यावश्यक है। प्रधानाचार्या पूजा पंवार ने आत्मनिर्भरता व महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने के महत्व पर भी चर्चा की। इस दौरान प्रार्थना सभा में छात्राओं ने प्रेरणादायक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया।    जिसमें लैंगिक समानता पर विशेष ध्यान दिया गया। नाटक के माध्यम से छात्राओं ने समाज में व्याप्त लैंगिक असमानता को उजागर करते हुए इसके समाधान के प्रति जागरूकता फैलाई। कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ सत्यवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि, इस सप्ताह को 'शक्ति सप्ताह' के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान नारी नेतृत्व और सशक्तिकरण पर केंद्रित विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। बुधवार को विद्यालय की अध्यापिका राधापाल को प्रधानाचार्या बनाया जाएगा, जबकि रोशनगढ़ की निवासी खुशी, पुत्री प्रवीण को भी विद्यालय का प्रधानाचार्य बनाया जाएगा।आयोजन में विद्यालय के शिक्षकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। गणित के सहायक अध्यापक अमित कुमार और कंप्यूटर विज्ञान के सहायक अध्यापक रोहित ने कार्यक्रम की सफलता में अहम भूमिका निभाई।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 9, 2024

बडे व प्रसिद्ध ब्रांड से मिलते नाम वाली पानी की 2700 बोतलें एक गोदाम से जब्त

बागपत, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। प्रसिद्ध कंपनी के मिलते जुलते नाम से पेयजल के धंधे सहित मिलावटी सामान रोकने के अभियान के चलते खाद्य सुरक्षा विभाग को मिली बड़ी सफलता। की गई 2700 पानी की बोतलें जब्त। वहीं पानी का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्देशन में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने बागपत कस्बे में नकली पेयजल का बडा जखीरा पकड़ा, जो हरियाणा से सप्लाई हो रहा था। पानी को मौके पर सील कर दिया गया , सहायक खाद्य आयुक्त मानवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में टीम को पता चला था कि, नगर की न्यू कालोनी में बड़े ब्रांड से मिलते जुलते नाम वाली पानी की बोतलों का बड़ा जखीरा है। की गई कार्रवाई के दौरान सिद्ध बली ट्रेडर्स के गोदाम पर की गई।    छापेमारी में 2700 पानी की बोतलें जब्त की गई तथा पानी का सैंपल भी लिया गया। खाद्य विभाग को गोदाम मालिक पानी सप्लाई करने वाली एजेंसी या कंपनी से प्राप्त कोई बिल भी भी नहीं दिखा सके। फिर भी पता चला है कि, यह पानी की बोतलें हरियाणा से सप्लाई करने आते थे, लेकिन पिछले तीन- चार दिन से सप्लाई भी नहीं हो रही है। दूसरी ओर खाद्य सुरक्षा विभाग ने जनपद के लोगों से आह्वान किया है कि, किसी भी खाद्य सामग्री में कोई भी आपत्ति है, तो वह खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को तत्काल सूचित करें, खाद्य पदार्थों में किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं होने दी जाएगी तथा तत्काल कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 9, 2024

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उत्तराखंड के विकास की चर्चा की

नई दिल्ली, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये जीत प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आम जन के विश्वास को प्रदर्शित करती है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति और बाबा केदारनाथ जी का प्रसाद भी भेंट किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास में निरंतर मिल रहे  प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञ समिति-२ द्वारा संस्तुत 21 जल परियोजना के विकास एवं निर्माण की अनुमति प्रदान किए जाने हेतु अनुरोध किया। उन्होंने तीन रोपवे परियोजनाए, (क) सोनप्रयाग-गौरीकुंड केदारनाथ (ख) गोविंद घाट-हेमकुंड साहिब और (ग) काठगोदाम-नैनीताल को राज्य सरकार द्वारा विकास और संचालन के लिए हस्तांतरित करने का भी अनुरोध किया।  मुख्यमंत्री ने भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत देहरादून-गौचर-देहरादून और देहरादून-चिन्यालीसौंड-देहरादून की हवाई सेवा पुनःसंचालित किए जाने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय को निर्देशित करने के लिए भी आग्रह किया।  मुख्यमंत्री ने कहा कि आदि कैलाश जनपद पिथौरागढ़ में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। उन्होंने उडान योजना के अन्तर्गत "आदि कैलाश' के लिए भी हवाई सेवा प्रारम्भ करने और चिन्यालीसौंड हवाई पट्टी जनपद उत्तरकाशी पर छोटे विमान संचालन की अनुमति हेतु सम्बन्धित मंत्रालय को दिशा-निर्देश का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से  कुमाऊँ एवं गढ़वाल को संयोजित करने के लिये 02 मार्गों, (क) खैरना-रानीखेत- बंगीधार-बैजरों मोटरमार्ग (256.9 किमी0) और (ख) काठगोदाम-भीमताल लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग (189 किमी०) को राष्ट्रीय राजमार्ग अधिसूचित करने का भी अनुरोध किया। इसके साथ ही देहरादून रिंग रोड़ की अवशेष लम्बाई की स्वीकृति का भी अनुरोध किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 9, 2024

आईआईएम संबलपुर ने की ‘उद्भावनम’ की शुरुआत, फ्यूचर रेडी प्रॉडक्ट मैनेजमेंट के लिए कायम किया सेंटर फॉर एक्सीलैंस

संबलपुर, 09 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। देश के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक आईआईएम संबलपुर ने प्रॉडक्ट मैनेजमेंट के भविष्य को समर्पित एक अभिनव कार्यक्रम ‘उद्भावनम’ के उद्घाटन संस्करण की घोषणा की। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आईआईएम संबलपुर इंटरनेशनल सॉफ्टवेयर प्रॉडक्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन (आईएसपीएमए) का विश्वविद्यालय अध्याय स्थापित करने वाला देश का पहला संस्थान भी बन गया है। अमेरिका स्थित प्रबंधन परामर्श फर्म, मैकिन्से एंड कंपनी का दावा है कि निर्णय लेने के बढ़ते महत्व और सॉफ्टवेयर पद्धतियों के भीतर डिजाइन पर बढ़ते जोर के कारण प्रबंधक की भूमिका का विस्तार हो रहा है। उत्पाद प्रबंधन में विशेषज्ञता की इसी बढ़ती मांग के जवाब में, आईआईएम संबलपुर ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसके परिणामस्वरूप अल्फाबीटा की अगुआई में इंटरनेशनल सॉफ्टवेयर प्रॉडक्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना हुई है। इस कार्यक्रम का विषय ‘फ्यूचर रेडी प्रॉडक्ट्स-मास्टरिंग इनोवेशन इन द प्रॉडक्ट मैनेजमेंट’ है। उत्पाद प्रबंधन में विशेषज्ञता को बढ़ावा देने के लिए, विशेषज्ञ, शिक्षाविद और उद्योग के अग्रणी दिग्गज उत्पाद प्रबंधन में होने वाले तेजी से परिवर्तनों के बारे में चर्चा में जुटे हुए हैं। ये परिवर्तन तकनीकी प्रगति और विकसित उपभोक्ता मांगों पर आधारित हैं।आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रो. महादेव जायसवाल ने कहा, ‘‘हमारा देश प्रॉडक्ट मैनेजमेंट का केंद्र बनने के लिए तैयार है, जो प्लेटफॉर्म-आधारित मॉडल और एआई जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दे रहा है। इनोवेशन और समावेशिता के अपने मूल मूल्यों को अपनाकर, हम आईएसपीएमए और आईटी मंत्रालय के सहयोग से उत्कृष्टता के केंद्र कायम कर रहे हैं। हमारा विज़न शिक्षा और व्यवसाय से संबंधित ईको सिस्टम को बदलते हुए उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच सहज सहयोग को संभव बनाना और स्थानीय और वैश्विक दोनों चुनौतियों का समाधान करना है। इसके साथ ही हमारा लक्ष्य उद्यमी मानसिकता वाले जिम्मेदार अग्रणी लोगों को आगे बढ़ाना है और इस तरह हम एक संपन्न और समावेशी समाज का निर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं, जो वैश्विक नवाचार की अगली लहर को आगे बढ़ाए।’’ मुख्य अतिथि आईएसपीएमए के ग्लोबल चेयर प्रो हैंस-बर्न्ड किटलॉस ने ‘प्लेटफ़ॉर्म वर्सेज प्रॉडक्ट-व्हाट इज डिफरेंट फ्रॉम ए प्रॉडक्ट मैनेजर्स पर्सपेक्टिव’ विषय पर चर्चा की और कहा, ‘‘आधुनिक व्यावसायिक परिदृश्य में, प्लेटफ़ॉर्म अपने तकनीकी मूल से आगे बढ़कर उद्योगों में मूल्य सृजन के लिए मुख्य आधार बन गए हैं।  बैंकिंग से लेकर ऑटोमोटिव तक, सॉफ़्टवेयर-संचालित प्लेटफ़ॉर्म अब न केवल डिजिटल उत्पादों बल्कि नवीन तकनीकों से जुड़े भौतिक सामानों के प्रबंधन के लिए भी अभिन्न अंग हैं। ऐसी सूरत में प्रॉडक्ट मैनेजमेंट का दायित्व निभाते हुए इन प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठाने का तरीका समझना कंपनी की बाज़ार उपस्थिति को बढ़ाने और तकनीकी नेतृत्व को कायम रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर मैं आईआईएम संबलपुर में अल्फाबीटा-आईएसपीएमए यूनिवर्सिटी चैप्टर के सदस्यों को इस कार्यक्रम के आयोजन में उनके उत्कृष्ट प्रयासों और आईएसपीएमए और आईटी मंत्रालय के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र बनाने के लिए अपना हार्दिक धन्यवाद देना चाहता हूँ।’’ कार्यक्रम के बाद ‘प्रॉडक्ट मैनेजमेंट इन द एज ऑफ एआई’ विषय पर प्रतिष्ठित हस्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए। मुख्य वक्ता के तौर पर सपना ग्रोवर, पार्टनर डायरेक्टर, प्रॉडक्ट मैनेजर, माइक्रोसॉफ्ट ने कहा, ‘‘डीआरडीओ से लेकर स्टार्टअप, पेगासिस्टम्स और अब माइक्रोसॉफ्ट तक की यात्रा करने वाले एक प्रॉडक्ट मेकर के रूप में, मैंने एआई की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रत्यक्ष रूप से देखा है। एआई अर्थव्यवस्था प्रभावशाली गति से बढ़ रही है और सभी क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ा रही है। जनरेटिव एआई केवल एक चर्चा का विषय नहीं है; यह लोगों के जीवन पर गहराई से असर डाल रहा है।  और वास्तविक मूल्य पैदा कर रहा है। हालांकि फंडिंग में सामान्य गिरावट के बावजूद एआई स्टार्टअप में निवेश बढ़ता जा रहा है। हर कंपनी अपने उत्पादों में एआई को एकीकृत कर रही है, स्थानीय और विविध समस्याओं को हल करने का प्रयास कर रही है। एक प्रॉडक्ट मैनेजर के रूप में, मैं ग्राहकों की ज़रूरतों, व्यावसायिक लक्ष्यों और तकनीकी समाधानों को संतुलित करते हुए अपनी भूमिका को मिनी सीईओ के रूप में देखती हूँ। मेरा मानना है कि एआई को जिम्मेदारी से अपनाना एक सकारात्मक और समावेशी समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है, जो हमें वास्तव में महत्वपूर्ण चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करने और इनोवेशन की अगली लहर को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाता है।’’इसके अलावा, मुख्य अतिथि प्रो. एस. सदा गोपाल (आईएसपीएमए इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष) ने "स्टार्टअप्स के लिए सॉफ़्टवेयर प्रबंधन के अनिवार्य तत्व: दृष्टि से कार्यान्वयन तक" शीर्षक से एक कार्यशाला का संचालन किया। उन्होंने यह रेखांकित किया कि सॉफ़्टवेयर केवल एक उपकरण नहीं है; यह हमारे भविष्य की बुनियाद है। जब हम नवाचार को अपनाते हैं और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हैं, तो हमारे पास हर उद्योग को बदलने, ऐसे स्टार्टअप स्थापित करने और भविष्य को बेहतर बनाने की क्षमता है, जो कल के नेताओं को सशक्त बनाने वाले संस्थानों के माध्यम से संभव है। उन्होंने यह भी बताया कि आईआईएम संबलपुर देश में अंतरराष्ट्रीय सॉफ़्टवेयर उत्पाद प्रबंधन संघ (आईएसपीएमए) का छात्र अध्याय स्थापित करने वाला पहला संस्थान बन गया है, जो यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले जैसे अन्य संस्थानों के साथ है। इसके बाद ‘ब्रिजिंग रियल एंड वर्चुअल- स्ट्रैटेजीज फॉर सीमलेस डिजिटल इंटीग्रेशन’ थीम पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। इसमें हाईरेडियस के सीनियर डायरेक्टर राहुल सिंह बाबू, वेसाहेड ग्लोबल के चेयरमैन और एमडी रूपम भट्टाचार्य, उत्पन की एंटरप्रेन्योर अंकिता परिहार, बीएफएसआई की प्रॉडक्ट लीड श्रीमोई भट्टाचार्य, सर्विस नाउ के डायरेक्टर सरजा कुमार पांडा और एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट और जोनल हैड-ईस्ट श्रेष्ठा साहनी ने अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का समापन ‘पर्सपेक्टिव- टास्कमास्टर टू ट्रेलब्लेज़र’ सत्र के साथ हुआ, जिसमें वेंकी महादेवन, स्वतंत्र निदेशक (बोर्ड सदस्य), फेलो-ब्रिटिश कंप्यूटर सोसाइटी, फेलो-आईएसपीएमए; दीपक एचपी, डायरेक्टर ऑफ प्रॉडक्ट मैनेजमेंट, एसएपी लैब्स; नीरव पालन, प्रॉडक्ट मैनेजर, आईसीआईसीआई बैंक; डॉ. ग्रेगरी डन (डीन - हरि शंकर सिंघानिया स्कूल ऑफ बिजनेस); और अभिजीत बेंडीगिरी, डायरेक्टर ऑफ प्रॉडक्ट मैनेजमेंट, ओरेकल (मॉडरेटर) ने भाग लिया। इस सत्र में समकालीन मुख्य सूचना अधिकारियों (सीआईओ) की उभरती भूमिका की जांच की गई, क्योंकि वे कार्य-उन्मुख प्रबंधकों से ऐसे नेता बन रहे हैं जो टैक्नोलॉजी से संबंधित परिवर्तन को सुगम बनाते हैं और अपने प्रॉडक्ट्स मंे इनोवेशन को बढ़ावा देते हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 9, 2024

सार्वजनिक पद पर 23 वर्ष पूरे होने पर पीएम ने जताया आभार

नई दिल्ली, 08 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक पद पर 23 साल पूरे कर लिए हैं। 2001 में उन्होंने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम बीजेपी नेताओं ने पीएम मोदी की तारीफ की है। वहीं, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके सभी का आभार जताते हुए अपनी सार्वजनिक जीवन की यात्रा के बारे में बताया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों को आश्वासन दिया कि वह और भी अधिक जोश के साथ अथक परिश्रम करते रहेंगे और तब तक आराम नहीं करेंगे, जब तक कि विकसित भारत का सामूहिक लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता।    उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षों में बहुत कुछ हासिल किया गया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। पीएम मोदी ने कहा कि इन 23 वर्षों में मिली सीख ने उन्हें अग्रणी पहल करने में सक्षम बनाया, जिसने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाला है। एक्स पर अपने पोस्ट में उन्होंने कहा, एक सरकार के मुखिया के रूप में मेरे 23 साल पूरे होने पर अपना आशीर्वाद और शुभकामनाएं भेजने वाले सभी लोगों का हार्दिक आभार। 7 अक्तूबर, 2001 को मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने की जिम्मेदारी संभाली थी। मेरे जैसे साधारण कार्यकर्ता को राज्य प्रशासन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपना मेरी पार्टी, भाजपा की महानता है।   *जब गुजरात का सीएम बना, प्रदेश कई चुनौतियों का समाना कर रहा था* पीएम मोदी ने पोस्ट में आगे कहा, जब मैंने सीएम के रूप में पदभार संभाला, तो गुजरात कई चुनौतियों का सामना कर रहा था - 2001 कच्छ भूकंप, उससे पहले एक सुपर चक्रवात, एक बड़ा सूखा, और लूट, सांप्रदायिकता और जातिवाद जैसे कांग्रेस के कई दशकों के कुशासन की विरासत। जनशक्ति से संचालित, हमने गुजरात का पुनर्निर्माण किया और इसे प्रगति की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, यहां तक कि कृषि जैसे क्षेत्र में भी, जिसके लिए राज्य पारंपरिक रूप से नहीं जाना जाता था। उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके 13 वर्षों के दौरान, राज्य 'सबका साथ, सबका विकास' का एक चमकदार उदाहरण बनकर उभरा, जिससे समाज के सभी वर्गों के लिए समृद्धि सुनिश्चित हुई।   *30 साल में पहली बार किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला* पीएम मोदी ने कहा, 2014 में भारत के लोगों ने भाजपा को रिकॉर्ड जनादेश दिया, जिससे वह प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने में सक्षम हुए। उन्होंने कहा, यह एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि 30 साल में पहली बार किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला। उन्होंने कहा, पिछले दशक में, हम अपने देश के सामने आने वाली कई चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम हुए हैं। 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी के चंगुल से मुक्त कराया गया है। भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और इससे विशेष रूप से हमारे एमएसएमई सेक्टर, स्टार्ट-अप और कई अन्य क्षेत्रों को मदद मिली है।   *भारत को दुनिया में अत्यधिक उम्मीदों के साथ देखा जा रहा* पीएम मोदी ने कहा, भारत की विकासात्मक प्रगति ने यह सुनिश्चित किया है कि देश को विश्व स्तर पर अत्यधिक उम्मीदों के साथ देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, मेहनती किसानों, नारी शक्ति, युवा शक्ति और गरीबों के साथ-साथ समाज के वंचित वर्गों के लिए समृद्धि के नये रास्ते खुल गए हैं। उन्होंने कहा, दुनिया हमारे साथ जुड़ने, हमारे लोगों में निवेश करने और हमारी सफलता का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक है। साथ ही, भारत वैश्विक चुनौतियों पर काबू पाने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रहा है, चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो, स्वास्थ्य देखभाल में सुधार हो, एसडीजी को साकार करना हो और भी बहुत कुछ।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 8, 2024

आइए आत्मनिर्भर वायुसेना की दिशा में कोशिश जारी रखें': वायुसेना प्रमुख

नई दिल्ली, 08 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत में यानी 8 अक्तूबर को वायुसेना दिवस मनाया जा रहा है, ताकि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बलों और उसके पायलटों को सम्मानित किया जा सके। इस मौके पर अलग-अलग जगहों पर वायुसेना विभिन्न कार्यक्रम कर जश्न मना रही है। वायु सेना प्रमुख मार्शल अमर प्रीत सिंह ने तांबरम स्थित वायुसेना स्टेशन पर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि अचानक किसी भी संकट से निपटने के लिए हमें तैयार रहने की जरूरत है।    *'एक मजबूत और सक्षम वायुसेना की जरूरत'* मार्शल अमर प्रीत सिंह ने भारतीय वायु सेना (आईएएफ) से मौजूदा और आने वाली जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे फिर से संगठित करने का आह्वान किया क्योंकि वैश्विक सुरक्षा वातावरण लगातार बदलाव की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि मौजूदा संघर्षों ने एक मजबूत और सक्षम वायुसेना की जरूरत को दर्शाया है। इसलिए, वायुसेना को अचानक हमारे राष्ट्रीय हितों को चुनौती देने वाली किसी भी स्थिती से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।   *वायुसेना स्टेशन पर परेड की समीक्षा की* मार्शल सिंह ने भारतीय वायुसेना के 92वें वार्षिक दिवस समारोह के अवसर पर तांबरम स्थित वायुसेना स्टेशन पर परेड की समीक्षा की। उसके बाद उन्होंने कहा, 'लीक से हटकर सोचने के साथ-साथ नई तकनीकी को अपनाना के बहु-क्षेत्रीय माहौल में निर्णायक भूमिका निभाएगा।'   *आत्मनिर्भर वायुसेना की दिशा में प्रयास करना जारी रखें* वायु सेना प्रमुख ने जांबाजों से कहा कि आइए हम एक मजबूत, अधिक सक्षम और पूरी तरह से आत्मनिर्भर वायुसेना की दिशा में प्रयास करना जारी रखें। उन्होंने आगे कहा, 'पिछले एक साल से हमने अपनी परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने, अपने व्यावसायिकता को बढ़ाने और उभरते तथा चुनौतीपूर्ण युद्ध के अनुकूल होने में जरूरी प्रगति की है।   इस दिन, जबकि हम खुद को देश की सेवा के लिए समर्पित करते हैं, हमें पिछले वर्ष को आत्मनिरीक्षण करने के लिए भी देखना चाहिए, अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाना चाहिए और वर्तमान तथा भविष्य की आवश्यकताओं के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।'    *क्या है इस साल की थीम?* इस साल की थीम 'भारतीय वायु सेना: सक्षम, शक्तिशाली, आत्मनिर्भर' रखी गई है। इस पर वायुसेना प्रमुख ने कहा, 'यह हमारी उम्मीदों को पूरी तरह से दिखाता है। पिछले कुछ सालों से हम बेहतर तकनीक के साथ और अधिक सशक्त हो गए हैं।   हमारे सिस्टम और हथियारों के परिचालन में नए स्तर हासिल किए हैं।' उन्होंने कहा कि पिछला साल बहुत चुनौतिपूर्ण रहा और वायुसेना ने विभिन्न मोर्चों पर अपनी क्षमता साबित की। इस साल को लेकर आईएएफ प्रमुख ने कहा, 'वायु सेना ने मित्र देशों की वायु सेनाओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास में अपनी भागीदारी का विस्तार किया।'    *बहुराष्ट्रीय अभ्यास तरंग शक्ति आयोजित हुआ* मार्शल सिंह ने आगे कहा, 'हमने 61 साल के अंतराल के बाद भारतीय सरजमीं पर सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय अभ्यास तरंग शक्ति भी आयोजित किया, जिसमें 30 से अधिक देशों की वायु सेनाओं ने हिस्सा लिया।'  तरंग शक्ति का पहला चरण तमिलनाडु के सुलूर में आयोजित किया गया था, जबकि दूसरा चरण अगस्त और सितंबर में राजस्थान के जोधपुर में आयोजित किया गया था। 'सबसे बड़ा बहुपक्षीय हवाई अभ्यास' कहे जाने वाले तरंग शक्ति में देश की रक्षा क्षमता का प्रदर्शन किया गया।'    तथा इसमें भाग लेने वाले बलों को अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान किया गया। तरंग शक्ति अभ्यास के दौरान, सिंह ने कहा कि अभ्यास की समग्र व्यवस्था और संचालन ने बहुत प्रशंसा हासिल की और यह वायु योद्धाओं की क्षमता का प्रमाण है। उन्होंने कहा, 'हम भारत और विदेश में मानवीय सहायता तथा आपदा राहत के किसी भी आह्वान पर हमेशा सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले रहे हैं। पिछले एक साल में भारतीय वायुसेना को कई स्थानों पर बाढ़ राहत प्रदान करने और कुछ अन्य स्थानों पर जंगल की आग बुझाने के लिए बुलाया गया है।'   *जंगलों में आग और बाढ़* उन्होंने कहा कि सीमाओं के पार भारतीय वायु सेना ने भी कई देशों से राहत और निकासी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, 'इस साल मार्च में मर्चेंट शिप एमवी रुएन को बचाने से हमारी रणनीतिक पहुंच और कौशल का पता चलता है। भारतीय वायुसेना कर्मियों और उनके परिवारों का कल्याण और खुशहाली 'सर्वोच्च महत्व' का विषय बना हुआ है। भारतीय वायुसेना सभी को अनुकूल कार्य वातावरण प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।'   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 8, 2024

पति - पत्नी को मारपीट कर किया घायल, तीन के खिलाफ नामजद रिपोर्ट, पुलिस जांच में जुटी

बालैनी, 08 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। थाना क्षेत्र के मुकारी गांव में दबंगो ने अपने घर मे ले जाकर युवक के साथ की जमकर मारपीट। पता लगने पर अपने पति को बचाने गई महिला के साथ भी दबंगो ने छेड़छाड़ की और विरोध करने पर उसे भी मारपीट कर किया घायल। पीड़िता की तहरीर पर तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज । क्षेत्र के मुकारी गांव निवासी सूरज से गांव का ही एक दबंग परिवार रंजिश रखता है। रविवार को सूरज घर का सामान लेने के लिये दुकान पर जा रहा था। तभी दबंग लोग उसे रास्ते मे मिल गए और उसे जबरदस्ती अपने घर ले गए और उसके साथ जमकर मारपीट की।    सूचना मिलने पर उसकी पत्नी पिंकी अपने पति को बचाने के लिये पहुँची, तो दबंगो ने उसके साथ भी गाली गलौच कर छेड़छाड़ शुरू कर दी। साथ ही विरोध करने पर महिला को भी मारपीट कर घायल कर दिया। किसी तरह दोनों पति पत्नी वहां से भागे और घटना की सूचना पुलिस को दी। पीड़िता पिंकी त्यागी की तहरीर पर अभिषेक, योगेश और उसकी पत्नी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस आरोपियो की तलाश में जुटी हुई है। थाना पुलिस का कहना है की पीड़िता की तहरीर पर तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है जांच की जायेगी जांच के आधार पर कार्यवाही की जायेगी   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 8, 2024

मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री पद तक... नरेंद्र मोदी के संवैधानिक पद पर 23 साल पूरे

नई दिल्ली, 07 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवैधानिक पद पर रहते हुए जनसेवा के 23 साल पूरे कर लिए. उन्होंने ही के दिन 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था. करीब 13 साल तक सफलतापूर्वक सीएम पद संभालने के बाद, पिछले 10 साल से ज्यादा समय से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. उनके कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतने साल तक सत्ता के शीर्ष पदों पर रहने के बाद भी उनके ऊपर भ्रष्टाचार और घोटाले का एक भी आरोप नहीं लगा. उन्होंने जनता के बीच रहकर जनता के लिए काम किया. नरेंद्र मोदी के साथ जिन लोगों ने भी काम किया है, वो उनकी दूरदर्शी सोच की तारीफ करते हैं. अब वो देश को भी उसी दृष्टिकोण के साथ लगातार आगे बढ़ा रहे हैं. नरेंद्र मोदी अपने कई इंटरव्यू में कह चुके हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो गुजरात के मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन आज से ठीक 23 साल पहले 7 अक्टूबर 2001 को उन्होंने गुजरात की सत्ता संभाली. कुशल नेतृत्व के कारण गुजरात की जनता ने उन पर लगातार तीन बार भरोसा जताया.   नरेंद्र मोदी यहीं नहीं रुके. अपनी कल्याणकारी योजनाओं और गुजरात मॉडल के दम पर उन्होंने 2014 में भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में जबरदस्त बहुमत से जीत दिलाई. केंद्र में सरकार का नेतृत्व करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में लगातार ऐसे बड़े फैसले हुए, जो उनकी उपलब्धियों को और आगे ले गए. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 का हटना, सीएए-एनआरसी लागू होना, तीन तलाक को असंवैधानिक बनाना और जीएसटी जैसे फैसले अहम हैं. इसके अलावा, पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक होना, उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण उनके कार्यकाल की कुछ बड़ी उपलब्धियां हैं. अब नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद के लिए चुने गए हैं. ऐसे में चर्चा आम है कि वो देशहित में आगे और कई बड़े फैसले ले सकते हैं, जिनमें 'वन नेशन, वन इलेक्शन' भी शामिल है. 7 अक्टूबर 2001 से 2014 तक, वो लगातार चुनाव जीतकर गुजरात के मुख्यमंत्री बनते रहे. 2014 में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री का पद छोड़कर देश के प्रधानमंत्री की बागडोर संभाली.   पार्टी के सदस्यों के बीच 'नमो' के नाम से पुकारे जाने वाले मोदी ने सालों तक भाजपा को गुजरात में एक मजबूत पार्टी के रूप में स्थापित करने के लिए मेहनत की. उस समय, गुजरात में कांग्रेस का दबदबा था और भाजपा की उपस्थिति बहुत कमजोर थी. 1984 में, गुजरात से भाजपा के केवल एक सांसद थे. मोदी की दूरदर्शिता, रणनीतिक योजना और कड़ी मेहनत ने बीजेपी को गुजरात में एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया. उनके नेतृत्व में, भाजपा ने न केवल कांग्रेस के प्रभाव वाले क्षेत्रों में जगह बनाई, बल्कि राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को भी पूरी तरह से बदल दिया. उन्होंने संगठनात्मक मजबूती के साथ पार्टी को उन क्षेत्रों में पैर जमाने में मदद की, जहां भाजपा का पहले कोई खास प्रभाव नहीं था. 1985 में जब आरएसएस ने नरेंद्र मोदी को भाजपा के साथ काम करने का निर्देश दिया, तब उनके राजनीतिक कौशल और दूरदर्शिता ने भाजपा को कांग्रेस के खिलाफ एक गंभीर चुनौती देने वाली पार्टी के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बाद में पार्टी नेतृत्व ने नरेंद्र मोदी को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया, और 7 अक्टूबर 2001 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने विकास के नए आयाम देखे, और उनकी यही नेतृत्व क्षमता बाद में उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनने तक लेकर गई.   इस तरह, 23 साल पहले की ये घटना एक मील का पत्थर साबित हुई थी, जिसने भारत की राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व को स्थापित किया. भाजपा के कार्यकर्ताओं से लेकर तमाम दिग्गज नेता और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे प्रतिष्ठित व्यक्ति भी इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्हें बधाई दे रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सार्वजनिक जीवन में मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के रूप में 23 वर्ष पूरे हुए हैं। एक व्यक्ति अपना पूरा जीवन राष्ट्रहित और जनसेवा को कैसे समर्पित कर सकता है, यह 23 वर्ष की साधना उस अद्वितीय समर्पण की प्रतीक है। यह 23 वर्षीय यात्रा, सामाजिक जीवन जीने वालों के लिए जीवंत प्रेरणा है। मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मैं उनकी इस यात्रा का साक्षी रहा हूं. प्रधानमंत्री मोदी ने यह दिखाया कि कैसे गरीब कल्याण, विकास, देश की सुरक्षा व वैश्विक पहचान को मजबूती देने के कार्य समानांतर किए जा सकते हैं। उन्होंने समस्याओं को टुकड़ों में देखने की जगह, समग्र समाधान का विजन देश के सामने रखा। बिना रुके, बिना थके, बिना अपनी परवाह किये देश और देशवासियों के लिए समर्पित ऐसे राष्ट्रसाधक मोदी जी को सेवा और समर्पण के 23 वर्ष पूर्ण करने पर बधाई देता हूं। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में बिना थके.   बिना रुके, बिना डिगे आपकी 23 वर्षों की लोक साधना में आस्था, अस्मिता, आधुनिकता, अंत्योदय और अर्थव्यवस्था को संरक्षण और संवर्धन मिलने के साथ ही हर स्तर पर वंचित को वरीयता हासिल हुई है. प्रधानमंत्री की प्रत्येक नीति और हर योजना ने वंचितों और गरीबों के समग्र उत्थान को नए आयाम प्रदान किए हैं. वे सच्चे अर्थों में आधुनिक भारत में 'सांस्कृतिक राष्ट्रवाद' के वास्तुकार हैं. उनका जीवन लोकतंत्र की जीवंत पाठशाला है. प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में ‘नया भारत' आज वैश्विक महाशक्ति बनने के मार्ग पर सतत अग्रसर है. उत्तराखंड सीएम धामी ने कहा कि 23 सालों  की इस समयावधि के दौरान मुख्यमंत्री के रूप में उनके दृष्टिकोण और प्रधानमंत्री के रूप में जन कल्याणकारी निर्णयों से करोड़ों देशवासियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है. आपके सशक्त नेतृत्व में हमने न केवल आर्थिक विकास के नए आयाम देखे हैं अपितु सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में राष्ट्र ने नए सोपान गढ़े हैं. मुझे विश्वास है कि आपके दिखाए मार्ग पर चलते हुए हमारा देश 'विकसित राष्ट्र' की संकल्पना को अवश्य साकार करेगा. नरेंद्र मोदी के सार्वजनिक पद पर 23 साल पूरे होने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि मोदी जी ने हमारे सामने मूल्य आधारित राजनीति का उदाहरण पेश किया है. मुझे लगता है कि सभी नेताओं को, चाहे वे किसी भी पार्टी के हों, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ये सीखना चाहिए कि कैसे उन्होंने इन सभी वर्षों में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में स्वच्छ छवि के साथ काम किया.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Oct 7, 2024

धार्मिक सौहार्द का प्रतीक खेकड़ा की रामलीला : कई पात्रों का अभिनय कर रहा है राजा खान राजपूत

खेकड़ा, 07 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। कस्बे के गांधी प्याऊ पर आयोजित श्रीधार्मिक रामलीला के मंचन में मुस्लिम कलाकार राजा खान राजपूत दर्शकों की खूब तालियां बटोर रहे हैं। रानी कैकेयी समेत कई पात्रों का अभिनय कर अपनी प्रतिभा की छाप छोडने के साथ धार्मिक सौहार्द का प्रतीक बना हुआ है। कस्बे में श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के तत्वाधान में गांधी प्याऊ स्थल पर राम की लीला का मंचन चल रहा है। यह रामलीला धार्मिक सौहार्द का प्रतीक बनी हुई है। रामलीला में मुस्लिम समाज के 20 वर्षीय युवा राजा खान राजपूत लोकप्रिय कलाकार के रूप में गत पांच वर्षो से अपनी पहचान बनाए हुए है। गत वर्ष राजा खान राजपूत ने मां सीता का किरदार भी निभाया था। इस बार रानी कैकेयी की शानदार भूमिका की है। राजा खान राजपूत का कहना है कि, सबसे बडा धर्म इंसानियत है। हम अपने अपने धर्म का पालन करते हुए सभी धर्माे का सम्मान करें, यही सच्ची मानवता है। राजा खान राजपूत रामलीला में रोजाना अपने दर्शकों की तालियां बटोर रहे हैं। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Oct 7, 2024