-
○ दो उपकेंद्र सहित लुहारा टाउन की बत्ती गुल, 24 घंटे से पांच हजार परिवारों की बढ़ी परेशानी
○ मंडोला विहार तक मैट्रो की मांग को लेकर संघर्ष समिति को ग्रामीण देंगे पूरा सहयोग , मुख्यमंत्री से मिलेंगे समिति के पदाधिकारी
○ असारा को नगर पंचायत बनाने, झूंडपुर में लघु सेतु की मांग तथा दो विद्युत उपकेंद्र की स्थापना की मांग पर मिले नकारात्मक उत्तर
○ भारत में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को एक उभरते क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है: श्रीमती अनुप्रिया पटेल
○ देश को इलेक्ट्रिक वाहन उपभोक्ता और कार्बन न्यूट्रल बनाना हमारा लक्ष्य : नितिन गडकरी
नमस्कार हमारे न्यूज पोर्टल – मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 7078277779 / +91 9927127779 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें
State
गीता जयंती, सनातन मूल्यों के ज्ञान से कर्मशील होकर करें जन्म सफल : अभिमन्यु गुप्ता
बागपत,13 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। जिला रेड क्रॉस समिति बागपत के तत्वाधान में गीता मनीषी ज्ञानानंद जी महाराज के जिओ गीता अभियान के अंतर्गत, 1 मिनट एक साथ गीता का पाठ , सामूहिक रूप से सम्पन्न हुआ। गीता जयंती के पावन अवसर पर वैदिक कन्या इंटर कॉलेज अग्रवाल मंडी टटीरी में छात्राओं के साथ समवेत स्वर में कु अन्यया कु अंकिता कु तुलसी ने अर्थ सहित वाचन किया । इस दौरान छात्राओं ने बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ गीता को विश्व का महानतम व अद्वितीय ग्रंथ बताया, जिसने दुनिया को लालसा रहित होकर कर्म की प्रेरणा दी। कॉलेज प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष प्रसिद्ध समाजसेवी व जिला रेडक्रॉस समिति के सचिव अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि, गीता के प्रचार प्रसार और जीवन में उनके बताए सिद्धांतों का आचरण दुनिया में सौहार्द बढाने में सहायक सिद्ध होगा। अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि, भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के समय अर्जुन को गीता के 18 अध्याय के अंतर्गत जीवन के समस्त सनातन मूल्यों के प्रति अवगत कराया। कर्म करना हमारा अधिकार है, उसका फल अवश्य मिलेगा ,लेकिन यह अधिकार प्रभु का है। सत्य के प्रति हमें स्वतंत्रता से कार्य करना है। रेड क्रॉस समिति के सभापति पंकज गुप्ता ने भी गीता के महत्व को बताया। कालेज प्रधानाचार्या श्रीमती गायत्री वर्मा ने कहा, गीता सरलता से जीवन जीने का एक मार्ग है। इस अवसर पर रेड क्रॉस समिति के कोषाध्यक्ष डॉ मयंक गोयल, सविता सैनी, मंजूलता, सुमन लता, डॉ प्रतिभा सिंह, मिथिलेश, संगीता सिंह ,संगीता तोमर, अशोक यादव, सचिन कुमार आदि भी मौजूद रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
Ujjwal Times News
Dec 13, 2024
हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र, दीक्षित अवार्ड के अनुसार सीमा विवाद हल कराने के लिए अधिकारी स्तर पर गंभीर प्रयास हों : डॉ सांगवान
बागपत, 13 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। उत्तर प्रदेश व हरियाणा के मध्य यमुना नदी एक लंबी सीमा बनाती है। प्राकृतिक रूप से यमुना नदी अपना रास्ता बदलती रही है , जिस कारण खादर क्षेत्र में एक प्रदेश का भूभाग यमुना पार दूसरे प्रदेश की तरफ चला जाता है और किसानों को नदी पार कर अपनी खेती के लिए जाना पड़ता है। नदी के खादर में प्रत्येक वर्ष बाढ़ आने के कारण किसी प्रकार के स्थाई चिन्ह भी नहीं रहते हैं, जिससे किसानों के मध्य ,आपस में भी खेत चिन्हित करना मुश्किल हो जाता है एवं भूमि विवाद उत्पन्न हो जाते हैं। पिछले कई दशकों में उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मध्य भूमि विवाद में अनेक घटना हुई हैं, जिसमें लोगों की जान तक गई हैं। सांसद डॉ राजकुमार सांगवान ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लिखे पय्र में बताया कि, हरियाणा-उत्तर प्रदेश के मध्य यमुना नदी के खादर क्षेत्र में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 1974 में दीक्षित अवार्ड घोषित किया था। इस अवार्ड के तहत यमुना नदी को ही दोनों प्रदेशों की सीमा मान लिया था। दीक्षित अवार्ड के अनुसार उत्तर प्रदेश-हरियाणा की सीमाओं के बीच सर्वे आफ इंडिया द्वारा तैयार डिजाइन के अनुसार पिलर लगाने का काम भी कुछ हद तक किया गया है। इन सीमा स्तंभों को लगाने में ऑड-इवन फार्मूला लागू किया गया है ,जिसमें उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा द्वारा संयुक्त रूप से यह सीमा स्तंभ लगाए जाने हैं। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली, वागपत, गौतमबुधनगर एवं अलीगढ़ ज़िलों में यह कार्य होना है। सांसद ने अपने पत्र में बताया कि, दीक्षित अवार्ड की सिफारिश के क्रियान्वयन हेतु उत्तर प्रदेश में कमिश्नर मेरठ को नोडल अधिकारी बनाया गया था, साथ ही दोनों प्रदेशों के मुख्य सचिव स्तर पर भी कई बैठकें एवं पत्राचार पूर्व में हुआ ,परंतु अभी भी दीक्षित अवार्ड की संस्तुतियों के अनुसार पूर्ण कार्यवाही होना अवशेष है। इसी कारण हरियाणा के किसानों की जो जमीन उत्तर प्रदेश की तरफ है या उत्तर प्रदेश के किसानों की जो जमीन हरियाणा की तरफ आ गई है, उस पर कब्जे को लेकर यहां कई बार गोलियां चल चुकी हैं।सांसद डॉ सांगवान ने मुख्यमंत्री हरियाणा से अनुरोध किया कि,दीक्षित अवार्ड की संस्तुतियों के अनुरूप मौके पर कार्रवाई हेतु दोनों प्रदेशों के मुख्य सचिवों को संबंधित जनपदों केस अधिकारियों के साथ बैठकेन कर समयबद्ध कार्य योजना बनाएं तथा समस्या का स्थाई समाधान हेतु निर्देशित करें। *हरियाणा की सीमा में हथवाला तक 6 किमी मार्ग 2 लेन बने व जर्जर मार्ग का हो पुनर्निर्माण* सांसद ने उत्तरप्रदेश एवं हरियाणा राज्य को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण सड़क के चौडीकरण की मांग की है, जो क्षेत्र हरियाणा के अंतर्गत आते हैं। सांसद ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री हरियाणा को बताया कि,जनपद पानीपत से बिलासपुर खोजकीपुर मार्ग एवं सिम्भालका से अट्टा (हरियाणा), नागल (उत्तरप्रदेश) मार्ग वाया राजस्व ग्राम अट्टा खोजकीपुर बनौली एवं नागल मार्ग पर यमुना नदी पर सेतु का निर्माण हरियाणा एवं उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा किया गया है। बताया कि,इस सेतु की उत्तरप्रदेश राज्य की ओर चौड़ाई समुचित है,परंतु हरियाणा राज्य के हथवाला तक लगभग 6 किमी तक सड़क बहुत संकीर्ण एवं जर्जर हालत में है तथा अट्टा गाँव के बाइपास पर सड़क का निर्माण ही नहीं किया गया है ,जिस कारण यात्रा में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है। इस मार्ग के चौड़ीकरण से दोनों राज्यो के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी ,अतःजनहित में हरियाणा की ओर उक्त मार्ग का चौड़ीकरण 2-लेन (14 मीटर) कराने हेतु आवश्यक निर्देश दें। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
Ujjwal Times News
Dec 13, 2024
गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह में जब भावुक हो गए उपराज्यपाल सक्सेना
नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली में गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह और स्थापना दिवस के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना अचानक भावुक हो गए । वीके सक्सेना ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान उन पर सबसे ज्यादा व्यक्तिगत हमले किए गए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दिल्लीवासियों की भलाई के लिए काम करने की उनकी प्रतिबद्धता तमाम बाधाओं के बावजूद अटूट बनी हुई है। छात्रों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "याद रखें, समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाले निर्णय लेना आसान नहीं है। आपको यथास्थिति बनाए रखने में निहित स्वार्थ वाले लोगों से अनुचित आलोचना और चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। कहा जाता है कि बड़े निर्णय लेते समय, डर महसूस होना स्वाभाविक है, लेकिन डर के कारण कार्य न करना गलत कदम है। एलजी सक्सेना ने कहा, "मैं अपना अनुभव साझा करना चाहूंगा। पिछले ढाई वर्षों में, मुझे वह काम करने से रोकने के कई प्रयास किए गए हैं जो मुझे लगता है कि अच्छा है। इस दौरान मुझे प्रताड़ित किया गया। तमाम आरोपों और व्यक्तिगत हमलों के बावजूद दिल्ली और यहां रहनेवाले लोगों की भलाई के लिए काम करने की मेरी प्रतिबद्धता मजबूत रही है, इसलिए मैं कभी नहीं रुका और अपने लक्ष्य की दिशा में काम करता रहा। *भविष्य निर्माण में युवाओं की भूमिका पर दिया जोर* उन्होंने देश के भविष्य को आकार देने में युवाओं की भूमिका पर भी जोर दिया। एलजी सक्सेना ने कहा, "आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने प्रयासों में लगातार और अटूट रहना चाहिए। हमेशा लोगों के व्यापक हित में काम करना चाहिए। आप पर देश की वृद्धि और वैश्विक मंच पर इसकी स्थिति में योगदान करने की जिम्मेदारी है। आइए आशा करते हैं कि इस दिशा में यूनिवर्सिटी अपना काम जारी रखेगी। गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के नए लोगो का अनावरण, रजत जयंती डाक टिकट, स्मारक चांदी के सिक्के के विमोचन और विश्वविद्यालय के रणनीतिक विजन दस्तावेज, विजन@2047 रोडमैप के शुभारंभ भी किया गया। इस अवसर पर पोलैंड के क्राको के एजीएच विश्वविद्यालय के सहयोग से सतत विनिर्माण के लिए डिजिटल उत्पादन में मास्टर ऑफ साइंस में दोहरी डिग्री कार्यक्रम की घोषणा की गई और गिनी गणराज्य में जीजीएसआईपीयू के अपतटीय परिसर की स्थापना की योजना बनाई गई। इस अवसर पर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पिछले 25 वर्षों में जीजीएसआईपीयू की उल्लेखनीय यात्रा की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों के लिए आशा की किरण और अग्रणी शैक्षणिक पहलों का केंद्र बन गया है। उन्होंने वैश्विक भागीदारी बनाने की दिशा में प्रयासों की सराहना की और सामाजिक कल्याण और भारतीय ज्ञान प्रणाली को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर दिया। गुरु गोविंद सिंह के जीवन से उद्धरण देते हुए, उन्होंने छात्रों को ज्ञान, साहस और न्याय के मूल्यों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। जीजीएसआईपीयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा ने विश्वविद्यालय के विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने तेजी से विकास किया है, अब यह 1.13 लाख से अधिक छात्रों को 40 विषयों में 190 शैक्षणिक कार्यक्रम प्रदान कर रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय की नवीनतम पहलों को साझा किया, जिसमें खेल कोटा, एकल-लड़की बाल सीटें, कुलपति इंटर्नशिप कार्यक्रम और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक इनक्यूबेशन फंड शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एजीएच यूनिवर्सिटी ऑफ क्राको के साथ हाल ही में घोषित दोहरी डिग्री कार्यक्रम छात्रों को पोलैंड में दो सेमेस्टर और भारत में दो सेमेस्टर की पढ़ाई करने का अवसर प्रदान करता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि छात्र इस कार्यक्रम के लिए केवल भारतीय शुल्क का भुगतान करेंगे, जिससे अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सुलभ हो जाएगी। समारोह के दौरान कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, जिसमें 1,000 छात्रों की मेजबानी करने की क्षमता वाला एक एम्फीथिएटर, एक स्वास्थ्य केंद्र और विजिटिंग फैकल्टी के लिए एक गेस्ट हाउस शामिल है।औद्योगिक रोबोटिक्स लैब, एक अत्याधुनिक टीवी स्टूडियो, सामुदायिक रेडियो स्टेशन और पूर्वी परिसर में भारतीय बैंक के एक एक्सटेंशन काउंटर जैसी सुविधाओं का भी शुभारंभ किया गया। इसके अतिरिक्त रजत जयंती स्मृति चिन्हों का भी अनावरण किया गया। समारोह में कारीगरों की रचनात्मक प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने वाले 'हुनर हाट' के साथ-साथ एक अकादमिक और शोध प्रदर्शनी भी शामिल थी। पूर्व कुलपति प्रो. के.के. अग्रवाल और प्रो. डी.के. बंद्योपाध्याय को विश्वविद्यालय की विरासत में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के साथ साथ उपराज्यपाल के प्रधान सचिव आशीष कुंद्रा और उच्च शिक्षा सचिव सुश्री नंदिनी पालीवाल ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. कमल पाठक के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने विश्वविद्यालय की शानदार विरासत को आकार देने में योगदान देने वाले सभी व्यक्तियों, छात्रों और शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 13, 2024
दिल्ली एम्स ने मरीज को दी नई जिंदगी, 10 घंटे की सर्जरी के बाद निकाला 9 किलो का ट्यूमर
नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। एम्स के डॉक्टरों ने 49 वर्षीय महिला के पेट से 9.2 किलोग्राम का रेयर ट्यूमर निकालने में सफलता प्राप्त की है। यह रेयर प्रकार का ग्रैनुलोसा सेल ट्यूमर (जीसीटी) था, जो एडवांस स्टेज में पहुंच चुका था। सर्जरी बेहद चुनौतीपूर्ण थी, क्योंकि ट्यूमर कई महत्वपूर्ण अंगों, छोटी आंत, बड़ी आंत और मूत्राशय से चिपका हुआ था। डॉक्टर का कहना है कि अगर सर्जरी नहीं की जाती तो महिला की जान कुछ महीने में चली जाती, अब वो अगले 10 साल तक स्वस्थ जीवन जी सकती हैं। एम्स के कैंसर सेंटर में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. एम.डी. रे के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा यह सर्जरी की गई। 2 दिसंबर को 10 घंटे तक चली इस सर्जरी में डॉक्टरों की टीम ने सफलता पाई। मरीज अब पूरी तरह ठीक है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। डॉ. एम.डी. रे ने कहा कि यह केस हमें सिखाता है कि बार-बार लौटने वाले कैंसर में भी मरीज को अयोग्य नहीं मानना चाहिए। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम और सही तैयारी से असंभव लगने वाले ऑपरेशन भी संभव बनाए जा सकते हैं। *13 साल से जूझ रही थीं कैंसर से* मनप्रीत कौर 2011 से ग्रैनुलोसा सेल ट्यूमर से पीड़ित थीं। उनकी पहली सर्जरी एम्स के गायनेकोलॉजी विभाग में दिसंबर 2011 में हुई थी, जब उन्हें स्टेज-1 का कैंसर था। इसके बाद, 2017 में बीमारी दोबारा लौटने पर दूसरी सर्जरी और छह कीमोथेरेपी कराई गई। हालांकि, कीमोथेरेपी इस तरह के ट्यूमर में बहुत कारगर नहीं होती, सिर्फ 30-40% मामलों में ही फायदा होता है। इसलिए इस बार सर्जरी ही आखिरी विकल्प था। अक्टूबर 2024 में तीसरी बार कैंसर का बड़ा ट्यूमर सामने आया, जिसके कारण मरीज को पेट दर्द, कब्ज, बार-बार उल्टी और भोजन के लिए केवल तरल पदार्थों पर निर्भर रहना पड़ रहा था। तीन महीने में उनका वजन 15 किलो घट गया और हीमोग्लोबिन भी गिरकर 6 ग्राम प्रति डेसीलीटर रह गया था। *सर्जरी से पहले की तैयारी* मरीज को सर्जरी के लिए शारीरिक रूप से तैयार करने के लिए विशेष प्रयास किए गए। उन्हें उच्च प्रोटीन युक्त आहार दिया गया, कई यूनिट रक्त चढ़ाया गया और चेस्ट फिजियोथेरेपी व योग कराया गया। इन प्रयासों के बाद उनका हीमोग्लोबिन बढ़कर 9 ग्राम प्रति डेसीलीटर हुआ और सर्जरी के लिए उनकी स्थिति बेहतर हो गई। *जटिल सर्जरी के दौरान क्या हुआ?* 10 घंटे चली सर्जरी में डॉक्टरों ने 9.2 किलोग्राम का ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाला। छोटी आंत को तीन जगह से काटकर जोड़ा गया और 170 मीटर हिस्सा सुरक्षित रखा गया। बड़ी आंत और मूत्राशय के कुछ हिस्से को हटाना पड़ा। मूत्राशय को दोबारा बनाया गया। सर्जरी के दौरान ब्लड वेसेल्स की क्षति को रोकने और ब्लड फ्लो बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया गया। *सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति* सर्जरी के दो दिन बाद मरीज को आईसीयू से बाहर लाया गया। डॉक्टरों का कहना है कि महिला अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। इस सर्जरी के बाद उनकी उम्र बढ़ने की संभावना 90% तक है, और वे कम से कम 10 वर्षों तक स्वस्थ जीवन जी सकती हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 13, 2024
मंदिर-मस्जिद पर कोई नया मुकदमा नहीं.. प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट (1991) से जुड़े मामलों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि जब तक इस कानून को लेकर शीर्ष अदालत में मामला पेंडिंग है, तब तक कोई भी नया मुकदमा देश की किसी भी अदालत में दर्ज नहीं किया जाएगा. *अदालत में 18 मामले लंबित* मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह जानकारी दी कि वर्तमान में धार्मिक स्थलों से संबंधित 18 मुकदमे देशभर में अदालतों में लंबित हैं. सीजेआई ने इस संदर्भ में कोर्ट का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इन मामलों पर कोई निर्णय नहीं देता, तब तक नया मुकदमा दायर नहीं होगा. मुस्लिम पक्ष की मांग.. सभी मामलों पर रोक लगाई जाए सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने यह अपील की कि अभी जो मामले लंबित हैं, उन पर भी रोक लगाई जाए. बेंच के सदस्य जस्टिस के वी विश्वनाथन ने इस पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे मामलों पर रोक लगाना आवश्यक है ताकि कोई विवाद न बढ़े. *1991 का प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट विवादों के केंद्र में* प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991, जो धार्मिक स्थलों की स्थिति को 15 अगस्त 1947 की स्थिति में बनाए रखने का प्रावधान करता है, हाल के वर्षों में विवाद का विषय बना हुआ है. इसके तहत किसी भी धार्मिक स्थल की स्थिति में बदलाव को अवैध घोषित किया गया है. *एक्ट में बदलाव की मांग और विपक्ष का रुख* कुछ समूहों का कहना है कि इस कानून में बदलाव करना जरूरी है क्योंकि यह हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख समुदायों को उनके धार्मिक स्थलों को पुनर्स्थापित करने के अधिकार से वंचित करता है. वहीं, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इस कानून को भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया है. उनका मानना है कि इस कानून में बदलाव से सामाजिक सद्भावना बिगड़ सकती है. *केंद्र सरकार का जवाब लंबित* मार्च 2021 में तत्कालीन सीजेआई एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस एक्ट की कुछ धाराओं को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. यह याचिका वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि यह कानून "सार्वजनिक व्यवस्था" के नाम पर बनाया गया है, जो राज्य का विषय है. *सुप्रीम कोर्ट का उद्देश्य* सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सामाजिक सद्भाव और शांति बनाए रखने के उद्देश्य से लिया है. कोर्ट का कहना है कि इस दौरान किसी भी नए मामले के दर्ज होने से विवाद बढ़ सकता है, जिससे राष्ट्रीय एकता और धर्मनिरपेक्षता पर असर पड़ सकता है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Pradeep Jain
Dec 13, 2024
'एक राष्ट्र एक चुनाव' विधेयक को मोदी कैबिनेट की मंजूरी
नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। संसद के शीतकालीन सत्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' विधेयक को मंजूरी दे दी। अब केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में इसे सदन में पेश कर सकती है। इससे पहले 'एक देश, एक चुनाव' पर बनी कोविंद समिति की रिपोर्ट को 18 सितंबर को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक देश एक चुनाव के अपने विचार को आगे बढ़ाया था। उन्होंने कहा था कि देश के एकीकरण की प्रक्रिया हमेशा चलती रहनी चाहिए। 2024 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी प्रधानमंत्री ने इस पर विचार रखा। *क्या है एक देश एक चुनाव की बहस?* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के स्वतंत्रता दिवस पर एक देश एक चुनाव का जिक्र किया था। तब से अब तक कई मौकों पर भाजपा की ओर एक देश एक चुनाव की बात की जाती रही है। ये विचार इस पर आधारित है कि देश में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हों। अभी लोकसभा यानी आम चुनाव और विधानसभा चुनाव पांच साल के अंतराल में होते हैं। इसकी व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। अलग-अलग राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल अलग-अलग समय पर पूरा होता है, उसी के हिसाब से उस राज्य में विधानसभा चुनाव होते हैं। हालांकि, कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होते हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम जैसे राज्य शामिल हैं। वहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम जैसे राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनाव से ऐन पहले हुए तो लोकसभा चुनाव खत्म होने के छह महीने के भीतर हरियाणा, जम्मू कश्मीर में चुनाव हुए। इसके बाद महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव कराए गए। अब दिल्ली में चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है। *एक देश एक चुनाव की बहस की वजह क्या है?* दरअसल, एक देश एक चुनाव की बहस 2018 में विधि आयोग के एक मसौदा रिपोर्ट के बाद शुरू हुई थी। उस रिपोर्ट में आर्थिक वजहों को गिनाया गया था। आयोग का कहना था कि 2014 में लोकसभा चुनावों का खर्च और उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों का खर्च लगभग समान रहा है। वहीं, साथ-साथ चुनाव होने पर यह खर्च 50:50 के अनुपात में बंट जाएगा। सरकार को सौंपी अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में विधि आयोग का कहना था कि साल 1967 के बाद एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया बाधित हो गई। आयोग का कहना था कि आजादी के शुरुआती सालों में देश में एक पार्टी का राज था और क्षेत्रीय दल कमजोर थे। धीरे-धीरे अन्य दल मजबूत हुए कई राज्यों की सत्ता में आए। वहीं, संविधान की धारा 356 के प्रयोग ने भी एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया को बाधित किया। अब देश की राजनीति में बदलाव आ चुका है। कई राज्यों में क्षेत्रीय दलों की संख्या काफी बढ़ी है। वहीं, कई राज्यों में इनकी सरकार भी है। *एक साथ चुनाव पर बनी समिति की सिफारिशें क्या थीं?* समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक साथ चुनाव की सिफारिशें को दो चरणों में कार्यान्वित किया जाएगा। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित किये जायेंगे। दूसरे चरण में आम चुनावों के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव (पंचायत और नगर पालिका) किये जायेंगे। इसके तहत सभी चुनावों के लिए समान मतदाता सूची तैयार की जाएगी। इसके लिए पूरे देश में विस्तृत चर्चा शुरू की जाएगी। वहीं एक कार्यान्वयन समूह का भी गठन किया जाएगा। *कोविंद समिति ने यह भी कहा* 1951 से 1967 के बीच एक साथ चुनाव हुए हैं। 1999 में विधि आयोग की 170वीं रिपोर्ट में पांच वर्षों में एक लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए चुनाव का सुझाव। 2015 में संसदीय समिति की 79वीं रिपोर्ट में दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने के तरीके सुझाए गए। राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने राजनीतिक दलों और विशेषज्ञों सहित विभिन्न हितधारकों से व्यापक परामर्श किया। रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध है: https://onoe.gov.in व्यापक फीडबैक से पता चला है कि देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए व्यापक समर्थन है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 13, 2024
चुनाव से पहले दिल्ली की महिलाओं को आप सरकार का तोहफा
नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। महिला सम्मान योजना को दिल्ली कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को 1000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। हालांकि दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे बढ़ाकर 2100 रुपये करने का एलान भी किया है। आज सुबह हुई दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में महिला सम्मान योजना को मंजूरी दे दी गई है। इससे पहले वित्त विभाग ने इस योजना पर आपत्ति जताई थी। अरविंद केजरीवाल ने इसे आप की सातवीं रेवड़ी बताया था। इस योजना की घोषणा करते हुए दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली सरकार ने अपना वादा पूरा किया है। दिल्ली में महिला सम्मान योजना लागू कर दी गई है। महिलाओं के खाते में 1000 रुपये डाले जाएंगे। 2025 में सरकार बनने पर इसे 2100 रुपये कर दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के बाद पैसा आना शुरू हो जाएगा। ये सम्मान महिलाओं का अधिकार है। केजरीवाल जो ठान लेता है वो करके रहता है। जो बोला वो करके दिखाया माताओं-बहनों को उनका हक मिलेगा। केजरीवाल ने कहा कि मैंने वादा किया था कि हर महिला को 1,000 रुपये दूंगा। आज सुबह आतिशी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। अब यह योजना दिल्ली में लागू हो गई है। 10-15 दिन में चुनावों की घोषणा हो जाएगी, इसलिए अभी खाते में पैसे ट्रांसफर करना संभव नहीं है। कुछ महिलाओं ने कहा कि महंगाई के चलते 1000 रुपये काफी नहीं होंगे। इसलिए कल से 2100 रुपये प्रति माह के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। इस योजना के तहत 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा। इसके लिए चालू वित्त वर्ष में 2000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान भी किया गया था। इसके तहत आधी आबादी सशक्त होगी। आम आदमी पार्टी ने भरोसा जताया कि दिल्ली की महिला सुरक्षा और सम्मान के प्रयासों से भगवान राम का आशीर्वाद सभी दिल्लीवालों को मिलेगा। सरकार का मानना है कि इससे किताबों की जरूरत तो पूरी होगी ही, अगर वे पढ़ाई के लिए कोचिंग करना चाहती हैं तो इससे उन्हें राहत मिलेगी। इतना ही नहीं व्यक्तिगत खर्च के लिए भी उन्हें किसी के सामने हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं होगी। *किसे मिलेगा योजना का लाभ* 18 साल से ऊपर की हर महिला को प्रति महीना 1000 की राशि मिलेगी। योजना के लिए योग्य वे महिला होंगी जो अभी सरकार की किसी पेंशन स्कीम का हिस्सा नहीं हैं। सरकारी कर्मचारी नहीं है। इनकम टैक्स नहीं देती है। स्कीम के लिए पात्र महिला को एक फॉर्म भरना होगा और सेल्फ डिक्लेरेशन देना होगा कि वह किसी सरकारी योजना का हिस्सा नहीं है, सरकारी कर्मचारी नहीं है और इनकम टैक्स पेयर नहीं है। फॉर्म के साथ हर महिला को आधार कार्ड और बैंक अकाउंट की जानकारी देनी होगी। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 13, 2024
शहरी विकास के लिए संधारणीय, रहने योग्य और लचीले शहरों का निर्माण अनिवार्य:संजीव सान्याल
नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है और यह शहरी बहुल देश में तब्दील हो रहा है, इसलिए ऐसे शहरों का निर्माण करना अनिवार्य हो गया है जो संधारणीय, रहने योग्य और साथ ही आर्थिक रूप से व्यवहार्य हों, जिसके लिए इसके डिजाइन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। हमें भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल सौंदर्यशास्त्र को अपनाकर शहरी स्थानों को डिजाइन करने और घनत्व पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। यह बात भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित वैश्विक आर्थिक नीति फोरम 2024 के दूसरे संस्करण में भारत में नए और संधारणीय शहरी केंद्रों के निर्माण पर सत्र के दौरान कही। इस विषय पर आगे विस्तार से बताते हुए सान्याल ने तीन प्रमुख सिद्धांतों पर चर्चा की, जिन पर नए व्यवहार्य शहरों को डिजाइन करने के लिए विचार करने की आवश्यकता है। सबसे पहले, हमारी बढ़ती आबादी को देखते हुए प्रति व्यक्ति के आधार पर शहरों की फिर से कल्पना की जानी चाहिए और डिजाइन जनसंख्या के घनत्व पर आधारित होना चाहिए। देश को उच्च घनत्व वाले शहरों की आवश्यकता है, जो भूमि के मुद्रीकरण और कर राजस्व उत्पन्न करने के माध्यम से आय लाभ के लिए परिस्थितियाँ बनाते हैं, जबकि केबल, पाइप आदि बिछाने के माध्यम से कम परिचालन और परिचालन लागत होती है। दूसरा, शहरों को भारतीय परिप्रेक्ष्य से व्यवहार्य होना चाहिए, उदाहरण के लिए, वाणिज्यिक और आवासीय क्षेत्रों के लिए विशेष बाड़े या द्वार व्यवहार्य नहीं हैं क्योंकि इससे अनावश्यक दीवारें बनाकर जगह की बर्बादी होती है, जबकि अंतिम बिंदु स्वतंत्रता के बाद के भारत में भवन संहिताओं के बारे में था जो पारंपरिक भारतीय वास्तुकला के सौंदर्यशास्त्र और डिजाइन को मान्यता नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि कार्टेशियन ज्यामिति के बजाय फ्रैक्टल गणित को नए शहरों के डिजाइन को आगे बढ़ाना चाहिए। भारत में फिनलैंड के राजदूत किमो लाहदेविर्ता ने अपने संबोधन के दौरान शहरी विकास के लिए दोनों देशों के बीच साझेदारी की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। इस बात पर जोर देते हुए कि शहरीकरण जीवन और आजीविका को नया आकार दे रहा है, राजदूत ने पांच क्षेत्रों पर बात की, अर्थात् विकास के लिए एक प्रणाली दृष्टिकोण अपनाना; जल प्रबंधन; टिकाऊ निर्माण और बुनियादी ढांचा; ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन; कनेक्टिविटी और गतिशीलता, दोनों देशों के बीच टिकाऊ शहरी केंद्रों के निर्माण के लिए सहयोग और साझेदारी को बढ़ाना। राजदूत ने कहा कि प्रौद्योगिकी, नवीन क्षमता और अनुभव के मामले में फिनलैंड की विशेषज्ञता और कौशल, महत्वाकांक्षा और पैमाने के मामले में भारत की अंतर्निहित क्षमताएं विश्व स्तरीय शहरों के विकास के लिए अद्भुत काम करेंगी। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम के सीईओ और एमडी रजत कुमार सैनी ने कहा कि विरासत शहरों के विपरीत, औद्योगिक गलियारों/स्मार्ट शहरों को सामाजिक बुनियादी ढांचे की अपर्याप्तता से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ा, कुछ ऐसा जिसकी उम्मीद तब नहीं की गई थी जब गलियारों की शुरुआत में योजना बनाई गई थी। सैनी का मानना था कि औद्योगिक स्मार्ट शहरों के निर्माण की घोषणा करना ही पर्याप्त नहीं है। यह सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि उद्योग को अपना संचालन शुरू करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि हमें शहरों को विकास और नौकरियों का केंद्र बनाने की जरूरत है। इन्फ्राविजन फाउंडेशन (इंडिया) के सीईओ जगन शाह ने कहा कि देश को ब्राउनफील्ड शहरों की क्षमता का निर्माण करना चाहिए, जहां वर्तमान में सेवा आधारित आर्थिक गतिविधियों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र है, ताकि नई आर्थिक गतिविधियों को शामिल किया जा सके। शाह के अनुसार, नए शहरों या औद्योगिक गलियारों का निर्माण करते समय, राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन द्वारा प्रस्तुत और शहरों के लेआउट में दक्षता प्रदान करने के लिए अमेरिका द्वारा अपनाए गए ग्रिड के मॉडल का अध्ययन किया जाना चाहिए। शाह ने शहरी शहरों के वित्तपोषण के मुद्दे का भी उल्लेख किया और शहरी विकास के वित्तपोषण के लिए एक संप्रभु धन कोष के निर्माण की सिफारिश की। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने सत्र के दौरान चर्चा का संचालन किया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Dec 13, 2024
Fans of K-Dramas and P-Dramas? Thanks to Ravie Dubey-Sargun Mehta we have an I-Drama raising the bars high
Mumbai, 13 December 2024 (UTN). Oh, how we love those limited series, which leave us on the edge of our seats with every episode and craving more as they end. The high-voltage drama and the emotional rollercoaster that wraps up the show in a couple of episodes is the perfect blend of entertainment for the Indian audience, who wants to just have a no-nonsense yet exciting time as they hook on their devices. And hence the rise in viewership of K-Dramas and Pakistani dramas (P-Dramas). But fret not; Ravie Dubey and Sargun Mehta’s Dremiyata Dramaa is the answer to all our prayers for a beautiful, simple, yet touching and impactful show. Their new show, Dil Ko Rafu Karr Lei, which is releasing on the official YouTube page of the banner, is the show that we have all been waiting for. The trailer of the show, which featured Karan V Grover and Ayesha Khan in the lead role, has received major love from the audience, not just in India but in our neighbouring countries too. Their Instagram handle is flooded with compliments to the show for being a limited series in a country that is obsessed with infinite series and then for the tone of the show that is subtle yet so powerful as it explores the complexities of a married couple’s life that has hardly ever been touched upon. The trailer starts with Ishan sipping on champagne and asking his wife Nikki to open a present that he bought for her. But she looks quite upset seeing it and tells him that she only wants love from him instead of these materialistic things. He replies that he can give her all the luxuries and wealth, but he has spent all the love that he had. She assures him that he can still fall in love as her mother tells her that people fall in love even after marriage. However, he responds that for her, marriage means love, but for him it means responsibility. She then tells him that she is sure that she will get what she wants from their relationship, to which he asks her what if he is not able to give it to her. Just then her phone gets a voice message from Akshay, who tells her that he has her book that she forgot in the gym, and he will return it to her when they meet. Dil Ko Rafu Karr Lei looks like a beautiful story of the never-ending wait for eternal love while diving deep into the complexities of a marriage. Fans have been pouring their love on the trailer. One said, “Pakistani drama vibes, and it's so good to see finite dramas of 25 to 30 episodes being produced in India. Lots of love from Pakistan and all the best.” Another wrote, “Beautiful story.” One fan wrote, “I am so happy, @ravidubey2312, that you brought these concepts into Indian culture as well ...so excited to watch your shows.” There was a fan who mentioned, “pakistan drama type lagda, shukar aa kise ne sab to alag krn di kosish kri , credit @sargunmehta @ravidubey2312.” Most of the viewers are also waiting for the MOST of the show, and Sargun has assured them that it will be out soon. As Dil Ko Rafu Karr Lei goes live, the new episodes will stream every Monday and Wednesday on Dreamiyata Dramaa’s official YouTube page. Mumbai-Reporter,(Hitesh Jain).
Ujjwal Times News
Dec 13, 2024
रूसी फिल्म महोत्सव 2024: मुंबई और दिल्ली में होने वाला है रूसी सिनेमा का भव्य आगाज
मुंबई, 13 दिसंबर 2024 (यूटीएन)। रूसी फिल्म महोत्सव 2024 इस साल भारत में और भी ज्यादा धमाकेदार तरीके से लौट रहा है, जो सिनेमा प्रेमियों और कला के शौकीनों को पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर देगा। यह फेस्टिवल 12 से 15 दिसंबर तक मुंबई के सिनेपोलिस फन रिपब्लिक, अंधेरी और 13 से 15 दिसंबर तक दिल्ली के सिनेपोलिस, साकेत में आयोजित होगा। 2011 में शुरू हुआ रूसी फिल्म महोत्सव भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक मजबूत पुल बन गया है। रूसी संस्कृति मंत्रालय और भारत में रूसी दूतावास द्वारा आयोजित यह फेस्टिवल हर साल दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने का काम करता है। 2024 का संस्करण अब तक का सबसे बड़ा और भव्य होने वाला है, जिसमें आधुनिक ब्लॉकबस्टर फिल्मों और कालातीत क्लासिक्स का शानदार कलेक्शन पेश किया जाएगा। इस बार दर्शक ‘ट्रायम्फ’, ‘द फ्लाइंग शिप’, ‘आइस 3’, ‘द पाइरेट्स ऑफ द बराकुडा गैलेक्सी’ और ‘गेस्ट फ्रॉम द फ्यूचर’ जैसी फिल्मों का लुत्फ उठा सकेंगे। सभी फिल्मों में अंग्रेजी सबटाइटल्स दिए जाएंगे ताकि ये हर वर्ग के दर्शकों के लिए समझने में आसान हों। रूसी सिनेमा अपनी गहरी कहानियों, दमदार विजुअल्स और गहन विषयों के लिए जाना जाता है। यह सिनेमा न केवल रूस की संस्कृति और लोगों की जिजीविषा को दिखाता है, बल्कि भारत और रूस के बीच के सांस्कृतिक रिश्तों को भी मजबूत करता है। दशकों पुरानी दोस्ती और साझा आदर्शों पर आधारित इन दोनों देशों का रिश्ता राजनीति, विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में गहराई तक जुड़ा हुआ है। भारतीय और रूसी कहानियों में कई समानताएं हैं। दोनों देशों के सिनेमा में परिवारिक रिश्तों, देशभक्ति, सामाजिक मुद्दों और इंसानी भावनाओं का जश्न देखने को मिलता है। यह फेस्टिवल इन साझा कहानियों को उजागर करता है और दोनों देशों के बीच आपसी समझ और सराहना को बढ़ावा देता है। फिल्मों की स्क्रीनिंग के अलावा, यह महोत्सव एक संपूर्ण सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है। दर्शक यहां फिल्ममेकर्स के साथ इंटरैक्टिव Q&A सेशन्स और डिस्कशंस में हिस्सा ले सकते हैं। इन सत्रों में फिल्म निर्माण की प्रक्रिया को करीब से समझने का मौका मिलेगा, जो दर्शकों को सिनेमा की दुनिया से और जोड़ देगा। त्योहार के माहौल को और खास बनाने के लिए आयोजकों ने हर मेहमान के स्वागत का खास इंतजाम किया है। सभी को फ्री में समोसे, पेप्सी और पॉपकॉर्न का आनंद मिलेगा। यह एक फैमिली-फ्रेंडली इवेंट है, जहां हर उम्र के लोग वर्ल्ड-क्लास सिनेमा का मजा ले सकते हैं। रूसी फिल्म महोत्सव 2024 भारत और रूस की दोस्ती का एक शानदार उदाहरण है, जो दिखाता है कि सिनेमा कैसे सीमाओं को पार कर संस्कृतियों को जोड़ सकता है। फिल्मों, इंटरैक्टिव सेशन्स और फेस्टिव मूड के साथ, यह फेस्टिवल हर किसी के लिए एक यादगार अनुभव साबित होगा। तो अपने कैलेंडर मार्क कर लीजिए और इस दिसंबर मुंबई के सिनेपोलिस फन रिपब्लिक, अंधेरी या दिल्ली के सिनेपोलिस, साकेत में इस सिनेमा जर्नी का हिस्सा बनिए। चाहे आप रूसी सिनेमा के पहले से फैन हों या इसे पहली बार एक्सप्लोर कर रहे हों, रूसी फिल्म महोत्सव 2024 सिनेमा की यूनिवर्सल लैंग्वेज को सेलिब्रेट करने वाला एक अद्भुत इवेंट होगा। मुंबई-रिपोर्टर,(हितेश जैन)।
Ujjwal Times News
Dec 13, 2024