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○ राजस्थान मंडप में राजस्थानी मसालों और व्यंजनों के काउंटरों पर उमड़ी भीड़
○ आखिर हेमंत सोरेन का किला क्यों नहीं हिला पाई भाजपा ?
○ भारत में थैलेसीमिया देखभाल के लिए अग्रणी समाधान खोजने पर जोर
○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
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National
पूर्वोत्तर में सतत विकास और समावेशी विकास की दिशा में सीआईआई का प्रयास
नई दिल्ली, 05 जुलाई 2024 (यूटीएन)। विदेश और कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने इस बात पर जोर दिया कि सीएसआर न केवल एक नैतिक अनिवार्यता है, बल्कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में सतत विकास और समावेशी विकास का एक महत्वपूर्ण चालक भी है। उन्होंने यह वक्तव्य सीआईआई नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कॉन्क्लेव के समापन सत्र में दिया, जो एक दो दिवसीय पहल है, जिसमें क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यवसाय, सरकार, नागरिक समाज और गैर-सरकारी संगठन एक साथ आए। मंत्री ने स्थानीय समुदायों, विशेष रूप से हथकरघा और कपड़ा क्षेत्र में सतत आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने में सीएसआर की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लगभग 27.83 लाख हथकरघा परिवार बुनाई और संबद्ध गतिविधियों में लगे हुए हैं, जिनमें से 87% ग्रामीण क्षेत्रों में और शेष 13% शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में देश के कुल चालू हथकरघों का लगभग 65.2% हिस्सा है, जिसमें असम हथकरघा श्रमिकों की संख्या में सबसे आगे है। इस क्षेत्र को समर्थन देकर, बड़ी संख्या में लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार करना संभव है। उन्होंने क्षेत्र में हथकरघा क्षेत्र को समर्थन देने के लिए सीएसआर निधि की वकालत की, क्योंकि उत्तर पूर्व कपड़ा क्षेत्र में कार्यबल का 50% योगदान देता है। मार्गेरिटा ने कॉरपोरेट इंडिया को राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप दीर्घकालिक सीएसआर विज़न विकसित करने और अल्पकालिक आपदा राहत और पुनर्वास सहायता प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने निगमों को स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि स्थायी प्रभाव पैदा किया जा सके और क्षेत्र के विकास में योगदान दिया जा सके। इससे पहले, सीआईआई नॉर्थ ईस्ट काउंसिल के अध्यक्ष और अमृत सीमेंट्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप बागला ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सीआईआई ने लगातार उत्तर पूर्वी क्षेत्र के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया है, जहां प्रत्येक विकास परियोजना सीधे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हुई है। नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कनेक्ट एक परिवर्तनकारी परियोजना है जिसे सीआईआई अगले 4-6 वर्षों में इस क्षेत्र के लिए शुरू कर रहा है। उन्होंने कहा कि सीआईआई क्षेत्र की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहेगा। सीआईआई नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कॉन्क्लेव ने क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में प्रभावशाली परियोजनाओं को प्रदर्शित किया, जो ज्ञान साझा करने, नवीन विचारों के आदान-प्रदान और उभरते सीएसआर रुझानों की जानकारी के लिए एक मंच प्रदान करता है। सत्रह गैर सरकारी संगठनों ने कॉर्पोरेट समर्थन और सहयोग को आकर्षित करने के लिए अपनी पहल प्रस्तुत की, जबकि 100 से अधिक गैर सरकारी संगठनों ने संभावित भागीदारी के लिए 80 से अधिक कॉर्पोरेट्स से संपर्क किया। उद्घाटन सत्र के दौरान राज्य मंत्री द्वारा एक संग्रह जारी किया गया, जिसमें क्षेत्र में सफल सीएसआर पहलों पर प्रकाश डाला गया। इसके अतिरिक्त, सामाजिक विकास परियोजनाओं को प्रदर्शित करने और क्षेत्र की विकास यात्रा की झलक प्रदान करने के लिए एक प्रदर्शनी लगाई गई। सीआईआई नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कॉन्क्लेव सतत विकास और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने में व्यवसायों, सरकार, नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठनों के बीच सहयोग की शक्ति का एक प्रमाण है। इस कार्यक्रम ने भविष्य की पहलों के लिए एक मिसाल कायम की है जो उत्तर पूर्व क्षेत्र के लोगों के जीवन में सार्थक बदलाव ला सकती है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 5, 2024
कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने डिस्लिपिडेमिया प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए
नई दिल्ली, 05 जुलाई 2024 (यूटीएन)। एक ऐतिहासिक पहल करते हुए कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया सीएसआई ने डिस्लिपिडेमिया प्रबंधन के लिए भारत में पहली बार दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह महत्वपूर्ण पहल देश भर में डिस्लिपिडेमिया के प्रसार में अद्वितीय चुनौतियों और विविधताओं को संबोधित करने में एक मील का पत्थर साबित होगा। कुल कोलेस्ट्रॉल का अधिक स्तर, एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल खराब कोलेस्ट्रॉल का बढा होना, उच्च ट्राइग्लिसराइड्स और कम एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल अच्छा कोलेस्ट्रॉल की विशेषता वाला डिस्लिपिडेमिया, दिल के दौरे, स्ट्रोक और परिधीय धमनी रोग जैसे हृदय रोगों के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। भारत में डिस्लिपिडेमिया की व्यापकता चिंताजनक रूप से अधिक है, जिसमें महत्वपूर्ण अंतरराज्यीय विविधताएं और विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में उच्च दर है। डिस्लिपिडेमिया की गंभीरता के बारे में बोलते हुए, कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया सीएसआई के अध्यक्ष डॉ. प्रताप चंद्र रथ ने कहा, “उच्च रक्तचाप और मधुमेह के विपरीत, डिस्लिपिडेमिया एक साइलेंट किलर है, जिसमें अक्सर लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। उन्होंने सक्रिय प्रबंधन और शीघ्र पता लगाने के महत्व पर जोर दिया। नए दिशानिर्देश पारंपरिक खाली पेट से हटकर, जोखिम के आकलन और उपचार के लिए बिना खाली पेट लिपिड को मापने की सलाह देते हैं। बढ़ा हुआ एलडीएल-सी प्राथमिक लक्ष्य बना हुआ है, लेकिन उच्च ट्राइग्लिसराइड्स 150 मिलीग्राम डीएल वाले मरीजों के लिए, गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल केंद्रबिंदु है। डॉ. दुर्जति प्रसाद सिन्हा, मा. सीएसआई के महासचिव ने प्रकाश डालते हुए कहा, "बिना उपवास या खाली पेट लिपिड माप परीक्षण को अधिक सुविधाजनक और सुलभ बनाता है, जिससे अधिक लोगों को परीक्षण और उपचार के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। अगर हृदय रोग या हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का पारिवारिक इतिहास है तो दिशानिर्देश 18 साल की उम्र में या उससे पहले ही लिपिड प्रोफ़ाइल की सलाह देते हैं। सामान्य आबादी और कम जोखिम वाले व्यक्तियों को एलडीएल-सी का स्तर 100 मिलीग्राम डीएल से नीचे और गैर-एचडीएल-सी का स्तर 130 मिलीग्राम डीएल से नीचे बनाए रखना चाहिए। उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों, जिन्हें मधुमेह या उच्च रक्तचाप है, उन्हें एलडीएल-सी को 70 मिलीग्राम डीएल से नीचे और गैर-एचडीएल को 100 मिलीग्राम डीएल से नीचे रखने का लक्ष्य रखना चाहिए। सर गंगाराम अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष और लिपिड दिशानिर्देशों के अध्यक्ष, डॉ. जे. पी. एस. साहने ने बताया, "बहुत अधिक जोखिम वाले मरीजों के लिए, जिनमें दिल का दौरा, एनजाइना, स्ट्रोक या क्रोनिक किडनी रोग का इतिहास शामिल है, कड़े लक्ष्य सुझाए गए हैं। इन मरीजों को एलडीएल-सी स्तर 55 मिलीग्राम डीएल से नीचे या गैर-एचडीएल स्तर 85 मिलीग्राम डीएल से नीचे रखने का लक्ष्य रखना चाहिए। डिस्लिपिडेमिया प्रबंधन की आधारशिला के रूप में जीवनशैली में बदलाव पर जोर दिया जाता है। भारत में आहार संबंधी आदतों को देखते हुए, चीनी और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करने की सिफारिश की जाती है, क्योंकि ये कम मात्रा में वसा का सेवन करने की तुलना में ब्लॉकेज में अधिक योगदान देते हैं। नियमित व्यायाम और योग, जो हृदय को सुरक्षा प्रदान करते हैं और सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक भी है, की सिफारिश की जाती है। डॉ. एस. रामाकृष्णन, एम्स में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर ने कहा, "उच्च एलडीएल-सी और गैर-एचडीएल-सी को स्टैटिन और मुंह से खाई जाने वाली गैर-स्टेटिन दवाओं के संयोजन से नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्ष्य प्राप्त नहीं होते हैं, तो पीसीएसके9 अवरोधक या इनक्लिसिरन जैसी इंजेक्टेबल लिपिड-कम करने वाली दवाओं की सिफारिश की जाती है। उच्च ट्राइग्लिसराइड्स 150 मिलीग्राम डीएल वाले मरीजों के लिए, गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल लक्ष्य है। जीवनशैली में बदलाव, जैसे नियमित व्यायाम, शराब और तंबाकू छोड़ना और चीनी व कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करना महत्वपूर्ण हैं। हृदय रोग, स्ट्रोक या मधुमेह के मरीजों में स्टैटिन, गैर-स्टेटिन दवाएं और मछली के तेल ईपीए की सिफारिश की जाती है। 500 मिलीग्राम डीएल से ऊपर ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर के लिए फेनोफाइब्रेट, साराग्लिटाज़ोर और मछली के तेल के इस्तेमाल की आवश्यकता होती है। सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ और लिपिड दिशानिर्देशों में सहायक की भूमिका निभाने वाले डॉ. अश्वनी मेहता ने जोर देकर कहा, "डिस्लिपिडेमिया के आनुवंशिक कारण, जैसे पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, विश्व के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में अधिक सामान्य हैं। परिवार के सदस्यों की कैस्केड स्क्रीनिंग के माध्यम से इन मामलों की जल्द पहचान करना और उनका इलाज करना आवश्यक है। इसके अलावा, दिशानिर्देश कम से कम एक बार लिपोप्रोटीन (ए) के स्तर का मूल्यांकन करने की सलाह देते हैं, क्योंकि ऊंचा स्तर 50 मिलीग्राम डीएल हृदय रोग से जुड़ा होता है। उन्नत लिपोप्रोटीन (ए) का प्रचलन पश्चिमी दुनिया (15-20 प्रतिशत) की तुलना में भारत में अधिक 25 प्रतिशत है। सीएसआई के नए दिशानिर्देश स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को भारत में कोलेस्ट्रॉल को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने और हृदय रोग से लड़ने के लिए सशक्त बनाते हैं, जिससे अंततः सभी के लिए स्वस्थ जीवन को बढ़ावा मिलता है। लिपिड के वांछनीय स्तर निम्नलिखित हैं जिनका देश की सभी जैव रसायन प्रयोगशालाओं द्वारा समान रूप से पालन किया जाना चाहिए। किसी को जोखिम श्रेणी के आधार पर लिपिड लक्ष्यों की तलाश करनी चाहिए। ऐसा मरीजों के बीच भ्रम की स्थिति से बचने के लिए किया गया है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 5, 2024
अभिनेता हर्षवर्द्धन राणे व मिस इंडिया वर्ल्ड नंदनी गुप्ता ने इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट के 'लकी ड्रा' के विजेताओं को पुरस्कार बांटे
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2024 (यूटीएन)। भारत का अग्रणी इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेलर इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट, जो ग्राहक संबंधों और संतुष्टि की अपनी विरासत के लिए जाना जाता है, हंड्रेड परसेंट ग्राहक संतुष्टि हासिल करने की दिशा में दिल्ली एनसीआर के लोगों का दिल जीत लिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट ने राजौरी गार्डन स्थित विशाल स्टोर में अपने प्रसिद्ध और सर्वाधिक प्रतीक्षित 50 लाख रुपये के नकद पुरस्कार के लकी ड्रा की मेजबानी की। अभिनेता हर्षवर्द्धन राणे के साथ मिस इंडिया वर्ल्ड नंदनी गुप्ता ने दस दस लाख रुपये के पुरस्कार जीतनेवाले पांचों विजेताओं को नकद पुरस्कार के साथ शुभकामना दी। साथ ही उन्होंने ग्राहकों को भी इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट में खरीदारी जारी रखने और रोमांचक पुरस्कार जीतते रहने के लिए प्रोत्साहित किया। बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट के दिल्ली-एनसीआर के राजौरी गार्डन, पंजाबी बाग, पश्चिम विहार, पटेल नगर, लक्ष्मी नगर, प्रीत विहार, द्वारका, इंदिरापुरम, करोल बाग, नरेला, फरीदाबाद में फैले हुए हैं। उत्तम नगर और नोएडा सेक्टर 18 में 13 मेगा स्टोर हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट स्टोर आसान ईएमआई विकल्पों के साथ सर्वोत्तम कीमतों पर एलईडी टीवी, घरेलू और रसोई उपकरणों, मोबाइल, लैपटॉप, गैजेट्स, एक्सेसरीज और बहुत कुछ की व्यापक रेंज के साथ समृद्ध खुदरा अनुभव प्रदान करता है। इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट के सीईओ करण बजाज ने कहा कि'इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अपने लॉन्च के बहुत ही कम समय में यह सफलता हासिल की है। बम्पर ड्रॉ एक ऐसा तरीका है, जिसके द्वारा ग्राहक इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट में वापसी करने का प्रयास करते हैं। इसके लिए हम अपने ग्राहकों के आभारी हैं। हम चाहते हैं कि ग्राहकों के साथ हमारा रिश्ता और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचे। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 4, 2024
शख्स ने की पीएम मोदी का चुनाव रद्द करने की अपील, हाई कोर्ट बोला- 'आपको इलाज की जरूरत
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2024 (यूटीएन)। दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लोकसभा से बर्खास्त करने संबंधी याचिका बुधवार को खारिज करते हुए कहा कि इसमें लगाए गए आरोप मनगढ़ंत कल्पना पर आधारित हैं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि वह इस मामले में एकल न्यायाधीश के फैसले से सहमत है. सिंगल न्यायाधीश ने पहले ही याचिका खारिज कर दी थी. पीठ ने अपीलकर्ता से कहा कि आप ठीक तो हैं. उसने कहा कि अपीलकर्ता को चिकित्सा सहायता की जरूरत है. पीठ ने संबंधित पुलिस थाने के प्रभारी, उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट को चिकित्सा स्वास्थ्य अधिनियम के प्रावधानों के मद्देनजर उसपर याचिकाकर्ता पर नजर रखने का निर्देश दिया. *कैप्टन दीपक कुमार ने दायर की थी याचिका* कैप्टन दीपक कुमार की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि मोदी और उनके सहयोगियों ने 2018 में एअर इंडिया की उस उड़ान की दुर्घटना का षड्यंत्र रचकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का प्रयास किया, जिसके पायलट याचिकाकर्ता खुद थे. कुमार ने यह आरोप भी लगाया कि मोदी ने झूठी शपथ ली है जो निर्वाचन अधिकारी को नामांकन पत्र सौंपे जाने के बाद होनी चाहिए थी. *गृह मंत्री शाह और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लगाया आरोप* याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष दलील देते हुए आरोप लगाया कि मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और उन्हें लोकसभा से बर्खास्त किया जाना चाहिए. याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘इस अपील में सभी आरोप अपीलकर्ता की मनगढ़ंत कल्पना पर आधारित हैं और इसमें कोई प्रमाण नहीं हैं. *पीठ ने याचिका को लेकर लगाई फटकार* पीठ ने कहा, ‘‘आप ठीक तो हैं? आपकी अर्जी अधूरी है. यह एक विषय से दूसरे विषय की ओर जा रहा है. यह झूठी शपथ लेने के आरोप से इस दिशा में जा रहा है कि आप तीन लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने उस विमान की दुर्घटना कराई जो आप उड़ा रहे थे. आप अपनी बेटी के लापता होने से लेकर इस बात के आरोप लगा रहे हैं कि कोई पूर्व प्रधान न्यायाधीश आपकी हत्या की कोशिश कर रहे थे. आप ठीक तो हैं? कोई इंसान इस याचिका को नहीं समझ सकता. *याचिकाकर्ता ने क्या कहा?* इस पर याचिकाकर्ता ने कहा, ‘‘हां, मैं ठीक हूं श्रीमान, याचिका बहुत स्पष्ट है. हां मेरी बेटी का अपहरण हुआ और इसकी पुलिस रिपोर्ट है. मेरा भी अपहरण किया गया था और थाने ले जाया गया, जहां उन्होंने मुझसे सौदेबाजी की कि अगर मैं मुंह बंद रखूंगा तो वे मेरी बेटी को मुझे वापस कर देंगे. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 4, 2024
सीआईआई ने पूर्वोत्तर में सामाजिक विकास में कॉर्पोरेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए सीएसआर कनेक्ट लॉन्च किया
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2024 (यूटीएन)। दो दिवसीय नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कनेक्ट - अनलॉकिंग नॉर्थ ईस्ट की क्षमता, 3-4 जुलाई 2024 को नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा लॉन्च किया गया है। मुख्य अतिथि, डॉ सुकांत मजूमदार, राज्य मंत्री, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उद्घाटन किया गया, इस पहल का उद्देश्य सरकार के साथ साझेदारी में प्रभावशाली पहलों के माध्यम से कॉर्पोरेट क्षेत्र और पूर्वोत्तर के सामाजिक-आर्थिक विकास के बीच की खाई को पाटना है। अपने संबोधन में डॉ सुकांत मजूमदार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पूर्वोत्तर के लिए शुरू की गई 10,000 करोड़ रुपये की उन्नति योजना इस क्षेत्र में निवेश लाएगी। उन्होंने माननीय प्रधान मंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के आश्चर्यजनक कायापलट की सराहना की। केंद्रीय मंत्रालय न केवल अपनी चल रही योजनाओं के माध्यम से, बल्कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए समर्पित योजनाओं के माध्यम से भी अपने सकल बजटीय समर्थन का 10% उत्तर पूर्वी क्षेत्र में खर्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र के प्रति फोकस को दर्शाता है। बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर भारत सरकार के फोकस ने चटगांव बंदरगाह का उपयोग करके इस क्षेत्र में उद्योग के लिए व्यापार करने के कई रास्ते खोल दिए हैं। उद्योग को इस व्यापार गलियारे का लाभ उठाना चाहिए जो दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने क्षेत्र के रणनीतिक लाभ पर प्रकाश डाला और कहा कि बांग्लादेश के साथ बेहतर द्विपक्षीय सहयोग और चटगांव बंदरगाह के खुलने से उद्योग के लिए व्यापार के लिए प्रवेश द्वार का उपयोग करने के कई रास्ते खुल गए हैं। इससे क्षेत्र में अधिक निवेश आएगा और सामाजिक-विकास पर अधिक गतिविधियाँ होंगी। 8 साल की अवधि (2014-15 से 2022-23) में, क्षेत्र 6.77% की CAGR से बढ़ रहा है जो राष्ट्रीय औसत 5.43% से अधिक है। इस क्षेत्र ने राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (स्थिर मूल्यों पर 2022-23) में 2.95% का योगदान दिया। चंचल कुमार, आईएएस, सचिव, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि एनईआर के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने की आवश्यकता है और निजी वित्त पोषण के प्रवाह से क्षेत्र के विकास में तेजी आने की संभावना है। एनईआर में सीएसआर योगदान सीमित है और इसे नीति स्तर पर संबोधित करने की आवश्यकता है और इसलिए इस तरह के मंचों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सीएसआर निवेश आकर्षित करने के लिए प्रत्येक राज्य के लिए निवेश योग्य परियोजनाओं का भंडार विकसित करना चाहिए। इससे पहले, अपने स्वागत भाषण में, सीआईआई के उपाध्यक्ष और आर मुकुंदन ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, सीएसआर की यात्रा 2 प्रतिशत अनुपालन उन्मुख दृष्टिकोण से पारदर्शिता और प्रभाव उन्मुखीकरण पर बढ़ते ध्यान की ओर बढ़ी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2 दिवसीय सीएसआर कॉन्क्लेव सीएसआर यात्रा पर प्रकाश डालेगा और कुछ नए विचार और दृष्टिकोण जुटाएगा जो उत्तर पूर्व में एक प्रभावशाली सीएसआर विजन को परिभाषित करने में हम सभी को प्रेरित करेगा। इस पहल में भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव, आईएएस इंद्र दीप सिंह धारीवाल और सीआईआई नॉर्थ ईस्ट काउंसिल के अध्यक्ष प्रदीप बागला भी शामिल हुए। दो दिवसीय पहल में उत्तर पूर्व के सामाजिक-आर्थिक विकास में प्रभावशाली परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया, जो व्यवसायों, सरकार, नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठनों के लिए एक सहयोगी मंच प्रदान करता है। यह सर्वोत्तम प्रथाओं, नवीन विचारों और उभरते सीएसआर रुझानों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा। उत्तर पूर्व राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों की भागीदारी के साथ, 100 से अधिक गैर सरकारी संगठनों को सहयोग और साझेदारी के लिए 80 से अधिक कॉर्पोरेट्स से जोड़ा गया। उद्घाटन सत्र के दौरान राज्य मंत्री द्वारा एक संग्रह जारी किया गया। सामाजिक विकास परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 4, 2024
3 डिप्टी और 1 एडिशनल एनएसए मिलिए अजित डोभाल की नई टीम से
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपनी टीम में बड़े बदलाव किए हैं. टीवी रविचंद्रन और पवन कपूर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) टीम में नए डिप्टी एनएसए नियुक्त किए गए है. इसके साथ ही डिप्टी एनएसए के पद पर कार्यरत राजेंद्र खन्ना को अतिरिक्त एनएसए नियुक्त किया गया है. वहीं,पहले से डिप्टी एनएसए के पद पर तैनात पंकज सिंह की जिम्मेदारी में कोई बदलाव नहीं किया गया हैं. इसके बाद अजित डोभाल की टीम में 3 डिप्टी एनएसए और एक एडिशनल एनएसए हो गए हैं. *कौन हैं डोभाल की टीम में शामिल रविचंद्रन और पवन कपूर?* अजीत डोभाल की टीम में शामिल टीवी रविचंद्रन1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में इंटेलिजेंस ब्यूरो के डिप्टी चीफ और स्पेशल डायरेक्टर हैं. उन्हें कई वर्षों के बेहतरीन काम और योग्यता के आधार पर एनएसए बनाया गया है. वहीं, पवन कपूर 1990 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं और उन्होंने भारत के लिए विदेश में कई मिशनों में काम किया है. उनके पास विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में काम करने का अनुभव है. उन्होंने लंदन में राष्ट्रमंडल सचिवालय के साथ एक अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवक के रूप में भी काम किया है. *कौन हैं एडिशनल एनएसए बने राजिंदर खन्ना?* जनवरी 2018 में डिप्टी एनएसए के रूप में नियुक्त हुए राजिंदर खन्ना को प्रमोट कर एडिशनल एनएसए बनाया गया है. 1978 बैच के अधिकारी राजिंदर खन्ना दिसंबर 2014 से दिसंबर 2016 तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग प्रमुख के रह चुके हैं. इससे पहले राजिंदर खन्ना रॉ में ऑपरेशन डेस्क के इंचार्ज थे और उन्हें पाकिस्तान के अलावा आतंकवाद विरोधी मामलों का विशेषज्ञता माना जाता है. *अब अजित डोभाल की टीम में 3 डिप्टी और 1 एडिशनल एनएसए* इसके अलावा पंकज सिंह तीसरे डिप्टी एनएसए हैं, जिन्हें जनवरी 2023 में 2 साल के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया था. राजस्थान कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी पंकज सिंह 31 दिसंबर 2022 को बीएसएफ प्रमुख के पद से रिटायर हुए थे. इन नई नियुक्तियों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की टीम में 3 डिप्टी एनएसए और 1 एडिशनल एनएसए हो गए हैं. *तीसरी बार एनएसए बने अजित डोभाल* बता दें कि 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजित डोभाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए नियुक्त किया है. उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे अजित डोभाल 1968 में आईपीएस में शामिल हुए और अपनी विशिष्ट सेवाओं के लिए 1988 में कीर्ति चक्र प्राप्त किया. गौरतलब है कि डोभाल भारतीय पुलिस पदक प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के अधिकारी थे. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 4, 2024
कुछ लोग जानबूझकर जनादेश से अपना मुंह फेर कर बैठे रहे: राज्यसभा में प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन में कहा, 'कुछ लोग जानबूझकर जनादेश से अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। 10 साल के बाद किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य है। *हमारे 10 साल हुए अभी 20 साल बाकी* प्रधानमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस के कुछ साथियों को धन्यवाद करना चाहता हूं, क्योंकि जब से नतीजे आए, तब से कांग्रेस के एक साथी को मैं देख रहा था, हालांकि उनकी पार्टी ही उनको समर्थन नहीं कर रही थी, लेकिन वे अकेले ही झंडा लेकर दौड़ रह थे। ऐसा मैं क्यों कह रहा हूं, क्योंकि जिन्होंने ये बार-बार ढोल पीटा था कि ये एक तिहाई सरकार है, उनके मुंह में घी शक्कर। इससे बड़ा सत्य और क्या हो सकता है। हमारे 10 हुए हैं, 20 और बाकी हैं। अभी एक तिहाई हुआ कार्यकाल हुआ है और दो तिहाई बाकी है। इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर। *'संविधान को जन उत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया'* अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'संविधान हमारे लिए सिर्फ संविधान के अनुच्छेद भर नहीं हैं बल्कि इसकी भावना भी हमारे लिए अहम है। किसी भी परिस्थिति में संविधान हमारा मार्गदर्शन करता है। मैंने जब लोकसभा में हमारी सरकार की तरफ से कहा था कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे, तो मैं हैरान हूं कि जो लोग आज संविधान को लेकर घूमते हैं, उन्होंने उसका विरोध किया था। संविधान हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है। अब जब हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो हमने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया है। संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों को संविधान की भावना विकसित हो, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं। *'भ्रम की राजनीति के बजाय भरोसे की राजनीति को जनता ने दी तरजीह'* देश की जनता ने हमें जो तीसरी बार अवसर दिया है, वो अवसर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत की यात्रा को मजबूती देने के लिए, संकल्प को सिद्धि तक ले जाने के लिए देश को करोड़ों लोगों ने हमें आशीर्वाद दिया। ये चुनाव 10 वर्षों की सिद्धि पर तो मुहर है ही, साथ ही भविष्य के संकल्पों पर भी मुहर है। देश की जनता का भरोसा हम पर है और इसी भरोसे पर जनता ने हमें फिर से मौका दिया है। देश ने पिछले 10 वर्षों में हमारे देश की अर्थव्यवस्था को दसवें नंबर से पांचवें नबर पर पहुंचते देखा है। देश की जनता ने प्रोपेगैंडा (भ्रम की राजनीति) को खारिज कर परफॉर्मेंस (भरोसे की राजनीति) को तरजीह दी है। इस बार देश की जनता ने हमें पांचवे नंबर से तीसरे नंबर पर पहुंचाने का जनादेश दिया है और हम इस संकल्प को पूरा करके रहेंगे। *'अगले पांच वर्षों में सार्वजनिक यातायात को बदल देंगे'* प्रधानमंत्री ने कहा 'यह सदी, तकनीक की सदी है। हम नए-नए क्षेत्रों में अपनी पहचान छोड़ रहे हैं। हम अगले पांच वर्षों में सार्वजनिक यातायात को पूरी तरह से बदल देंगे। पिछले 10 वर्षों में हमने जो किया है, उसकी गति भी बढ़ाएंगे, उसका विस्तार भी करेंगे। गहराई भी होगी, ऊंचाई भी होगी और हम इस संकल्प को पूरा करेंगे। जो लोग ऑटो पायलट मोड में रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं, ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं, लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते हैं। *'मैदान छोड़कर भाग जाना ही विपक्ष के नसीब में लिखा है'* प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष के वॉकआउट पर प्रधानमंत्री ने कहा 'पूरा देश देख रहा है कि जिन्होंने झूठ फैलाया, उनमें सच सुनने की भी ताकत नहीं है। उनमें सच का सामना करने की ताकत नहीं है। उन्होंने जो सवाल उठाए थे, विपक्ष में उनका जवाब सुनने की भी ताकत नहीं है। ये उच्च सदन का अपमान कर रहे हैं। देश की जनता ने हर प्रकार से उनको इतना पराजित कर दिया है कि अब उनके पास गली-मोहल्ले में चीखने के सिवाय कुछ बचा नहीं है। नारेबाजी, हो-हल्ला और मैदान छोड़कर भाग जाना... यही उनके नसीब में लिखा हुआ है। *किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी ने ये बातें कही* 'किसान कल्याण हमारी सरकार के केंद्र में हैं। हमारी योजनाओं का लाभ देश के 10 करोड़ किसानों को हुआ है। हम किसानों को तीन लाख करोड़ दे चुके हैं। वैश्विक परिस्थितियों के चलते दुनियाभर में फर्टिलाइजर के दाम बढ़े हैं। हमारी सरकार ने किसानों को 12 लाख करोड़ रुपये की फर्टिलाइजर सब्सिडी दी है। कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में एक बार किसानों की कर्जमाफी हुई और किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया गया। 60 हजार करोड़ की कर्जमाफी पर इतना हल्ला मचाया था, लेकिन उसके लाभार्थी सिर्फ तीन करोड़ किसान थे। उनमें भी गरीब किसान का नाम-ओ-निशान नहीं था। हमने कृषि को व्यापक रूप में देखा और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराया। *'ट्रांसजेंडर्स के लिए बनाया कानून'* प्रधानमंत्री ने कहा 'सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर हमने देश की विकास यात्रा को रफ्तार देने की कोशिश की है। आजादी के बाद अनेक दशकों तक जिनको कभी पूछा नहीं गया, हमारी सरकार उनको पूछती तो है, पूजती भी है। दिव्यांग भाई-बहनों के साथ उनकी कठिनाइयों को समझते हुए गरिमापूर्ण जीवन की दिशा में काम किया है। हमारे समाज में किसी न किसी कारण से एक उपेक्षित ट्रांसजेंडर वर्ग है। हमारी सरकार ने ट्रांसजेंडर साथियों के लिए कानून बनाने का काम किया है। पश्चिम के लोगों को भी आश्चर्य होता है कि भारत इतना तरक्कीपसंद है। पद्म अवॉर्ड में भी ट्रांसजेंडर को अवसर देने में हमारी सरकार आगे आई। *बंगाल की घटनाओं को लेकर विपक्ष को घेरा* प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश का दुर्भाग्य है कि संवेदनशील मामलों में जब राजनीति होती है, तो देशवासियों को और खासकर महिलाओं को अकल्पनीय पीड़ा होती है। महिलाओं के साथ होते अत्याचार में विपक्ष का मनमाना रवैया है, ये चिंताजनक है। कुछ समय पहले, मैंने बंगाल से आई कुछ तस्वीरों को सोशल मीडिया पर देखा। एक महिला को वहां सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा है, वो बहन चीख रही है। वहां खड़े हुए लोग उसकी मदद के लिए नहीं आ रहे है, जो घटना संदेशखाली में हुई, जिसकी तस्वीरें रोंगटे खड़े कर देने वाली हैं, लेकिन बड़े बड़े दिग्गज जिनको मैं कल से सुन रहा हूं, पीड़ा उनके शब्दों में भी नहीं झलक रही है। इससे बड़ा शर्मिंदगी का चित्र क्या हो सकता है? जो लोग खुद को प्रगतिशील नारी नेता मानते हैं, वो भी मुंह पर ताले लगाकर बैठ गए हैं। क्योंकि घटना का संबंध उनके राजनीतिक जीवन से जुड़े दल से या राज्य से है। *'खरगे जी खुद दीवार बनकर खड़े हो गए, परिवार बच निकला'* लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा 'हमारे कांग्रेस के लोग खुशी में मग्न हैं, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इस खुशी का कारण क्या है? क्या ये खुशी हार की हैट्रिक पर है? क्या ये खुशी नर्वस 90 का शिकार होने की है? क्या ये खुशी एक और असफल लॉन्च की है? इन चुनाव नतीजों से कैपिटल मार्केट में तो उछाल नजर ही आ रहा है, लेकिन दुनिया में भी उमंग और आनंद का माहौल है। खड़गे जी ने उनकी पार्टी की बड़ी सेवा की है। पराजय का ठीकरा जिन पर फूटना चाहिए था, उन्हें खड़गे जी ने बचा लिया और खुद दीवार बनकर खड़े हो गए। परिवार बच निकला। *भाषण के दौरान विपक्ष का वॉकआउट* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं ने वॉकआउट किया। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने जवाब के दौरान उच्च सदन को कुछ गलत बातें बताई। *झूठ बोलना प्रधानमंत्री की आदत: मल्लिकार्जुन खरगे* खरगे ने वॉकआउट के तुरंत बाद पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, झूठ बोलना, लोगों को गुमराह करना और सच से परे बातें कहना उनकी आदत है। मैंने उनसे सिर्फ इतना कहा कि आप संविधान के बारे में बात कर रहे हैं तो संविधान आपने नहीं बनाया। आप लोग उसके विरोध में थे। *वॉकआउट करने वालों में सोनिया गांधी- शरद पवार भी शामिल* राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री के जवाब के दौरान खरगे के साथ वॉकआउट करने वालों में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार शामिल थे। खरगे का बचाव करते हुए पवार ने मांग की कि प्रधानमंत्री या राज्यसभा को उनका सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वह संवैधानिक पद पर हैं। *विपक्ष के नेता का सम्मान करना सबकी जिम्मेदारी: शरद पवार* पवार ने कहा, वह (मल्लिकार्जुन खरगे) संवैधानिक पद पर हैं। चाहे वह प्रधानमंत्री हों या सदन के सभापति, उनका सम्मान करना उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन आज इस सबको नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए पूरा विपक्ष उनके साथ है और इसलिए हम बाहर चले गए। *सदन को नहीं, मर्यादा को छोड़कर भाग गए हैं: जगदीप धनखड़* विपक्ष के वॉकआउट के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, मैं अत्यंत दर्दनाक, पीड़ादायक, अमर्यादित आचरण से दुखी हूं। शासन लगातार तीसरे कार्यकाल में है। मैंने चर्चा की और मैंने अनुरोध किया कि नेता प्रतिपक्ष को बिना रोक-टोक बोलने का अवसर दिया। आज वे सदन छोड़कर नहीं गए हैं, मर्यादा छोड़कर गए हैं। धनखड़ ने आगे कहा, आज उन्होंने (विपक्ष) मुझे पीठ नहीं दिखाई है। बल्कि भारत के संविधान को पीठ दिखाई है। आज उन्होंने मेरा अनादर नहीं किया है। बल्कि उस शपथ का अनादर किया है जो संविधान के तहत ली है। भारत के संविधान के लिए इससे बड़ी अपमानित बात नहीं हो सकती है। मैं इस आचरण की निंदा करता हूं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 4, 2024
जब तक राहुल गांधी माफी नहीं मांगते तब तक भाजपा का संघर्ष जारी रहेगा:वीरेन्द्र सचदेवा
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2024 (यूटीएन)। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में आज दिल्ली भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदुओं को हिंसक समुदाय बताने के ब्यान के खिलाफ कांग्रेस मुख्यालय के समीप जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और राहुल गांधी को देश के हिंदुओं से माफी मांगने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिगेट्स को तोड़कर कांग्रेस मुख्यालय की ओर बढ़ने की कोशिश की जिसके बाद दूसरे बेरिगेट्स के सामने उन्हें रोका गया और पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, सांसद तेजस्वी सूर्या, प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष सागर त्यागी एवं अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष अनिस अब्बासी सहित अन्य पदाधिकारियों को डिटेन कर तिलक मार्ग थाने ले गई। जहां से कुछ देर बाद चेतावनी देकर छोड़ दिया। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि हिंदू संस्कृति को गाली देना, हिंदुओं को गाली देना, उन्हें आतंकवादी कहना, यह सब चुनावी हिन्दू राहुल गांधी की साजिश है जिसका जवाब देश के करोड़ों हिन्दू जरुर देंगे। एक तरफ आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता कहते हैं और दूसरी तरफ हिन्दू हिंसक होता है यह संसद में चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर हिन्दू हिंसक होता तो अब तक काशी एवं मथुरा से मस्जिद हटकर मंदिर बन गये होते। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि राहुल गांधी ने सदन के अंदर सोची समझी राजनीतिक चाल चली है क्योंकि उन्हें अपनी बहन प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनाव लड़वाना है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी तो खुद पश्चिमी सभ्यता के बीच बड़े हुए हैं, वे हिन्दू संस्कृति को कभी नहीं समझ सकते, लेकिन राहुल गांधी को हिन्दू समाज के ताकत का अंदाजा नहीं है। सचदेवा ने कहा कि राहुल गांधी ने पूरी भारतीय संस्कृतिक को गाली दी है और उन्हें देश के लोगों से माफी मांगनी ही पड़ेगी। इस बात को लेकर हम दिल्ली के हर घर-घर तक लेकर जाएंगे और सभी को राहुल गांधी के इस बयान से अवगत कराएंगे। तेजस्वी सूर्या ने कहा कि जिसके पिता ने अपने आप को हिंदू बाई एक्सिडेंट कहा हो उसके बेटे से हमें ऐसी ही उम्मीद थी। राहुल गांधी ने जिस प्रकार से पूरे हिंदू समाज को आतंकवादी, हिंसक कहा है, यह अक्षम्य अपराध है और राहुल गांधी जब तक माफी नहीं मांगते तब तक भाजपा अपना संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि 26/11 के टेरर अटैक को पूरी कांग्रेस पार्टी ने हिंदू संगठनों के उपर डालने की कोशिश की थी। दिग्विजय सिंह ने तो सैफरन टेरर के ऊपर किताब का विमोचन भी किया था। देश के अंदर 80 फीसदी दंगे कांग्रेस पार्टी की सरकार के रहते हुए हैं। कांग्रेस ने आतंकवाद को पनाह देने का काम किया है और इसलिए संप्रदायिक दंगे होते रहे हैं। जिस धर्म ने 5000 वर्ष से अधिक समय से समाज को सौहार्द और शांति का मंत्र दिया है, ऐसे हिंदू समाज को अपमानित करने की साजिश राहुल गांधी द्वारा कि गई है। मनोज तिवारी ने कहा कि अब चिंतन करने की जरुरत है कि क्या ऐसे ही हिंदू समाज अपना अपमान सहता रहेगा। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने भगवा को आतंकवाद से जोड़ा था, इंडी गठबंधन नेता काफी समय से हिंदू देवी देवताओं का अपमान करते रहे हैं, ऐसी स्थिति में देश के सभी हिंदुओं को सोचने की जरुरत है और हर स्तर पर ऐसे लोगों को जवाब देने की जरुरत है। योगेन्द्र चंदोलिया ने कहा कि लोकसभा के अंदर कांग्रेस नेता जिस प्रकार से व्यवहार कर रहे थे, उससे साफ जाहिर होता है कि राहुल गांधी को लोकसभा सदन की मर्यादा का ख्याल भी नहीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के दौरान भी उनका व्यवहार निंदनीय था। हिंदू देवी देवताओं का अपमान करना एक साजिश है जो एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए राहुल गांधी ने सदन के अंदर करी थी। नई दिल्ली से सांसद सुश्री बांसुरी स्वराज ने कहा कि राहुल गांधी का बयान उनकी हिंदू विरोधी मानसिकता को दिखाता है। हिंदू तो वसुधैव कटूंबकम वाले हैं जो पूरे विश्व को एक मानते हैं लेकिन राहुल गांधी एक चुनावी हिन्दू हैं जो इसे नहीं समझेंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने सदन को गुमराह किया और देश के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं ठेस पहुंचाई है। सरदार अरविन्दर सिंह लवली ने कहा कांग्रेस एक छटपटाहट के दौर से गुजर रही है जहाँ उसके नेता एक वर्ग को राजनीतिक रूप से खुश करने के लिए कांग्रेस नेता शांति सौहार्द के प्रतीक हिन्दू समाज को बदनाम करने में लगे हैं। दिल्ली एवं देश की जनता अब हिन्दुओं के अपमान के लिए राहुल गांधी को कभी माफ नही करेगी। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 4, 2024
यह है राहुल का 'ऑफ द रिकॉर्ड' प्लान
नई दिल्ली, 03 जुलाई 2024 (यूटीएन)। राहुल गांधी के संसद में नेता प्रतिपक्ष बनने के साथ अब लोगों से जुड़ने का एक और नया तरीका ढूंढ निकाला है। यह तरीका राहुल गांधी का 'ऑफ द रिकॉर्ड' प्लान है। राहुल गांधी की रणनीति के मुताबिक आने वाले दिनों में वह देश के अलग-अलग लोगों से मुलाकात करने वाले हैं, जिसमें बहुत कुछ ऑफ द रिकॉर्ड चर्चा भी शामिल होगी। कांग्रेस पार्टी से जुड़े रणनीतिकारों की मानें तो ऐसा करके राहुल गांधी देश की नब्ज को और गहराई से समझने के लिए इस नए प्लान को आगे बढ़ा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अब तक तकरीबन 27000 से ज्यादा मेल राहुल गांधी के दिए गए ईमेल पर पहुंच चुके थे। राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा के साथ शुरू हुआ मिलने जुलने का सिलसिला लगातार बढ़ता रहा है। इस कड़ी में राहुल गांधी ने अब कुछ ऐसा प्लान किया है, जिससे न सिर्फ लोगों बल्कि मीडिया के माध्यम से सीधे तौर पर जुड़ेंगे। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों में शामिल एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि दरअसल राहुल गांधी इस बातचीत की व्यवस्था के माध्यम से उन लोगों से संपर्क स्थापित करना चाहते हैं, जो उनसे अपने दिल की बात कहना चाहते हैं। छात्रों से लेकर व्यापारी और महिलाओं से लेकर बुजुर्ग समेत किसानों और सामाजिक संगठनों समेत अन्य वर्गों से जुड़े हुए लोग शामिल होंगे। हालांकि इस व्यवस्था के माध्यम से मिलने की प्रक्रिया क्या होगी, यह तो राहुल गांधी के पास आने वाले ईमेल के बाद तय होगी। लेकिन कहा यही जा रहा है कि राहुल गांधी अपने घर से लेकर कार्यालय में ऐसे लोगों से खुलकर मुलाकात करेंगे। कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता पीएल पुनिया कहते हैं कि राहुल गांधी से हर व्यक्ति सीधे तौर पर बात करना चाहता है। पुनिया कहते हैं कि लोगों को कहने के लिए बहुत कुछ है लेकिन सरकार जब बात नहीं सुनती है, तो उसके पास क्या विकल्प बचता है। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है सरकार और जनता के बीच बातचीत के इस गैप को पूरा करने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास करेगी। पार्टी के नेता पीएम पूनिया कहते हैं कि राहुल गांधी ने पहले ही संसद में जाकर यह बात कही है कि संसद में उनकी आवाज उन लोगों की आवाज होगी, जो सरकार से सवाल करना चाहते हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि इसी कड़ी में राहुल गांधी की बातचीत का यह तरीका न सिर्फ लोगों को एक मजबूती दिलाएगा, बल्कि उनकी आवाज संसद में मजबूती से रखी भी जा सकेगी। नेताओं के मुताबिक राहुल गांधी की ओर से बातचीत का यह प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के बाद उनके दिए गए ईमेल एड्रेस पर तकरीबन 27000 से ज्यादा मेल खबर लिखे जाने तक आ चुके थे। इसमें राहुल गांधी ने मीडिया इंटरव्यू से लेकर ऑफ द रिकॉर्ड मीटिंग करने तक का पूरा प्रयोजन किया है। राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र चंदेल कहते हैं कि किसी नेता की ओर से ऑफ द रिकॉर्ड मीटिंग करने का यह एक पहले संदेश पब्लिकली भेजा गया है। इसके अलावा ऑफ द रिकॉर्ड मीटिंग में बहुत कुछ ऐसी चीज होती हैं, जो नेता और मिलने वालों के बीच में होती हैं। जाहिर सी बात है कि ऐसी मुलाकात में होने वाली ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत से लोगों के बीच में राहुल गांधी के प्रति एक कॉन्फिडेंस बढ़ता हुआ दिखेगा। उनका कहना है कि सियासत में भरोसा बहुत बड़ी चीज होती है। अगर इस तरीके की बैठकों में राहुल गांधी और जनता के बीच में यह भरोसे की दीवार मजबूत होती गई, तो निश्चित तौर यह कांग्रेस पार्टी के लिए बूस्ट होगा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 3, 2024
अब सिर्फ 35 रुपये में करा सकेंगे टीबी की जांच; भारत ने खोजी विश्व में सबसे सस्ती जांच तकनीक
नई दिल्ली, 03 जुलाई 2024 (यूटीएन)। भारत ने विश्व में सबसे सस्ती टीबी जांच तकनीक की खोज की है। महज 35 रुपये में मरीज की लार से डीएनए लेकर टीबी वायरस का पता लगाया जा सकता है। यह तकनीक शुरुआती लक्षण में ही संक्रमण की पहचान कर सकती हैकरीब दो घंटे में 1500 से ज्यादा नमूनों की एक साथ जांच करने वाली यह तकनीक इतनी सरल है कि इसे किसी गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने क्रिस्पर आधारित दो तकनीक को खोजा है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस का पता लगाने में पूरी तरह सक्षम हैं। इनमें से एक ग्लो टीबी पीसीआर किट है जिसकी मदद से मरीज के नमूने से डीएनए को अलग किया जा सकता है। वहीं दूसरी तकनीक रैपिड ग्लो डिवाइस है जो एक इनक्यूबेटर है और डीएनए में मौजूद वायरस की पहचान करता है। आईसीएमआर ने इन दोनों तकनीक को बाजार में ले जाने के लिए प्राइवेट कंपनियों से प्रस्ताव मांगा है। इसमें स्पष्ट किया है कि तकनीक पर मालिकाना अधिकार आईसीएमआर के पास सुरक्षित रहेगा। इन्हें पेटेंट कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इनके उत्पादन में सहयोग के लिए आईसीएमआर ने एक टीम का गठन भी किया है। आईसीएमआर के अनुसार, टीबी एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है जिसके प्रभावी रोग प्रबंधन के लिए सटीक और तीव्र जांच तकनीक होना बहुत जरूरी है। अभी भारत में पारंपरिक जांच तकनीक हैं जो कल्चर आधारित होने के साथ मरीज के लक्षण के 42 दिन में कराई जाती है। इसमें माइक्रोस्कोपी और न्यूक्लिक एसिड-आधारित विधियों का सहयोग लिया जाता है जो काफी समय तेती है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आईसीएमआर और आरएमआरसीएनई डिब्रूगढ़ के शोधकर्ताओं ने मिलकर क्रिस्पर आधारित टीबी जांच तकनीक खोजी है। *एक बार में 1,500 नमूनों की जांच* आईसीएमआर ने बताया कि ग्लो टीबी पीसीआर किट काफी तेजी से काम करती है। करीब 1.5 से 2.5 घंटे के बीच यह मरीज की लार से डीएनए को अलग करने में सक्षम है। करीब 35 रुपये इसकी लागत है, जो तीन चरणीय डीएनए को अलग कर देती है। इसके बाद रैपिड ग्लो डिवाइस का काम रहता है, जो एक बार में 1,500 नमूने की जांच कर सकती है। *चीन-अमेरिका में भी जांच कराना महंगा* आईसीएमआर ने बताया कि अभी तक दुनिया भर में टीबी जांच को लेकर जो तकनीक हैं उनमें सबसे सस्ती 35 रुपये वाली है। यहां तक कि चीन और अमेरिका में भी टीबी जांच कराना इससे काफी महंगा है। लागत के साथ यह समय को भी बचाती है और एक बार में हजार से ज्यादा संदिग्ध मरीजों में वायरस की पुष्टि करने की क्षमता रखती है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 3, 2024