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○ हाइपरटेंशन के इलाज के लिए एम्स के डॉक्टरों ने बनाई एक न्यू ड्रग कॉम्बिनेशन
○ राजस्थान मंडप में राजस्थानी मसालों और व्यंजनों के काउंटरों पर उमड़ी भीड़
○ आखिर हेमंत सोरेन का किला क्यों नहीं हिला पाई भाजपा ?
○ भारत में थैलेसीमिया देखभाल के लिए अग्रणी समाधान खोजने पर जोर
○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
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National
अब सिर्फ 35 रुपये में करा सकेंगे टीबी की जांच; भारत ने खोजी विश्व में सबसे सस्ती जांच तकनीक
नई दिल्ली, 03 जुलाई 2024 (यूटीएन)। भारत ने विश्व में सबसे सस्ती टीबी जांच तकनीक की खोज की है। महज 35 रुपये में मरीज की लार से डीएनए लेकर टीबी वायरस का पता लगाया जा सकता है। यह तकनीक शुरुआती लक्षण में ही संक्रमण की पहचान कर सकती हैकरीब दो घंटे में 1500 से ज्यादा नमूनों की एक साथ जांच करने वाली यह तकनीक इतनी सरल है कि इसे किसी गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने क्रिस्पर आधारित दो तकनीक को खोजा है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस का पता लगाने में पूरी तरह सक्षम हैं। इनमें से एक ग्लो टीबी पीसीआर किट है जिसकी मदद से मरीज के नमूने से डीएनए को अलग किया जा सकता है। वहीं दूसरी तकनीक रैपिड ग्लो डिवाइस है जो एक इनक्यूबेटर है और डीएनए में मौजूद वायरस की पहचान करता है। आईसीएमआर ने इन दोनों तकनीक को बाजार में ले जाने के लिए प्राइवेट कंपनियों से प्रस्ताव मांगा है। इसमें स्पष्ट किया है कि तकनीक पर मालिकाना अधिकार आईसीएमआर के पास सुरक्षित रहेगा। इन्हें पेटेंट कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इनके उत्पादन में सहयोग के लिए आईसीएमआर ने एक टीम का गठन भी किया है। आईसीएमआर के अनुसार, टीबी एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है जिसके प्रभावी रोग प्रबंधन के लिए सटीक और तीव्र जांच तकनीक होना बहुत जरूरी है। अभी भारत में पारंपरिक जांच तकनीक हैं जो कल्चर आधारित होने के साथ मरीज के लक्षण के 42 दिन में कराई जाती है। इसमें माइक्रोस्कोपी और न्यूक्लिक एसिड-आधारित विधियों का सहयोग लिया जाता है जो काफी समय तेती है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आईसीएमआर और आरएमआरसीएनई डिब्रूगढ़ के शोधकर्ताओं ने मिलकर क्रिस्पर आधारित टीबी जांच तकनीक खोजी है। *एक बार में 1,500 नमूनों की जांच* आईसीएमआर ने बताया कि ग्लो टीबी पीसीआर किट काफी तेजी से काम करती है। करीब 1.5 से 2.5 घंटे के बीच यह मरीज की लार से डीएनए को अलग करने में सक्षम है। करीब 35 रुपये इसकी लागत है, जो तीन चरणीय डीएनए को अलग कर देती है। इसके बाद रैपिड ग्लो डिवाइस का काम रहता है, जो एक बार में 1,500 नमूने की जांच कर सकती है। *चीन-अमेरिका में भी जांच कराना महंगा* आईसीएमआर ने बताया कि अभी तक दुनिया भर में टीबी जांच को लेकर जो तकनीक हैं उनमें सबसे सस्ती 35 रुपये वाली है। यहां तक कि चीन और अमेरिका में भी टीबी जांच कराना इससे काफी महंगा है। लागत के साथ यह समय को भी बचाती है और एक बार में हजार से ज्यादा संदिग्ध मरीजों में वायरस की पुष्टि करने की क्षमता रखती है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Jul 3, 2024
भारत के मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोग्राम को जल्द लग सकते हैं पंख!
नई दिल्ली, 03 जुलाई 2024 (यूटीएन)। भारत के मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट एमआरएफए प्रोग्राम के लिए जल्द ही अच्छी खबर सामने आ सकती है। राफेल फाइटर जेट बनाने वाली फ्रांस की विमान निर्माता कंपनी दसॉ एविएशन ने उत्तर प्रदेश में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल एमआरओ सुविधा स्थापित करने के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी है। कंपनी ने इसके भूमि अधिग्रहण के लिए आवेदन भी कर दिया है। वहीं, जेवर हवाई अड्डे के पास जो एमआरओ सुविधा बनाई जाएगी, उसमें भारत के मिराज 2000 और राफेल लड़ाकू जेट विमानों के बेड़ों की मेंटेनेंस होगी। वहीं कंपनी ने राफेल लड़ाकू विमानों के उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों से टाइटेनियम पार्ट्स खरीदना भी शुरू कर दिया है। *सरकार ला सकती है नई पॉलिसी* रक्षा सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार के पास लंबे समय से पांचवी पीढ़ी के ट्विन इंजन 114 मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट एमआरएफए खरीदने का प्रस्ताव लंबित पड़ा हुआ है। वहीं कई निर्माताओं से सौदे को लेकर बात बन नही पा रही थी। अलग-अलग कंपनियों से टुकड़ों-टुकड़ों में जहाज खरीद के सौदों से आजिज आ चुकी सरकार नई नीति बनाने की तैयारी कर रही है। नई नीति के तहत चाहती है कि जो मैन्यूफैक्चरर भारत में फाइटर जेट की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाएगा, उसे ही सरकार प्राथमिकता देगी। साथ ही, सरकार की शर्तों में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी है। यह पहली बार होगा, जब सरकार टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ पूरे जहाज का निर्माण भारत में ही करने पर जोर दे रही है। फिलहाल कोई भी निर्माता इसके लिए आगे नहीं आया है। सरकार जल्द ही नई शर्तों के साथ ग्लोबल टेंडर भी जारी करने की तैयारी कर रही है। पहले खरीदे गए लड़ाकू विमानों के कई पार्ट्स ऑब्लिगेशंस के चलते पहले से ही भारत में बनाए जा रहे हैं। *नहीं होगा कोई भारतीय साझेदार* दसॉ एविएशन के भारत में एमआरओ सुविधा लगाने के फैसले को सरकार की इसी भावी नीति से जोड़ कर देखा जा रहा है। खास बात यह होगी कि दसॉ एविएशन यह फैसिलिटी बिना रिलायंस डिफेंस की मदद के लगाएगा और इसका पूरा मालिकाना हक दसॉ एविएशन के पास होगा। दसॉ ने इस परियोजना के लिए अपने भारतीय साझेदार अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस से अलग होने का फैसला किया है। नागपुर में दसॉ रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड डीआरएएल फाल्कन बिजनेस जेट और राफेल के लिए पार्ट्स बनाती है। सूत्रों के मुताबिक दसॉ एविएशन अपनी इस एमआरओ फैसिलिटी से इंडोनेशिया की जरूरतों को भी पूरा करेगी। इंडोनेशिया के पास 42 राफेल लड़ाकू विमान हैं। *राफेल का इंजन भारत में बनाने के लिए तैयार* सूत्रों ने बताया कि फ्रांस की मैक्रों सरकार और दसॉ ने भारतीय वायुसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थानीय स्तर पर खरीदे गए पार्ट्स के साथ “मेक इन इंडिया” के तहत भारत में राफेल लड़ाकू विमानों का निर्माण करने की लिखित पेशकश की है। इंजन निर्माता सफरॉन एसए हैदराबाद में राफेल लड़ाकू विमानों के इंजन की मरम्मत के लिए भी एक एमआरओ सुविधा बना रही है, जो 2025 तक बन कर तैयार हो जाएगी। सफरॉन के मुताबिक अगर भारतीय वायुसेना के लिए राफेल फाइटर जेट का ऑर्डर आता है, तो वह भारत में एम-88 इंजन बनाने के लिए तैयार है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना अपनी जरूरतों को स्वदेशी विमानों से पूरा करना चाहती है। जीई-414 इंजन के साथ एचएएल का एलसीए मार्क II मिराज 2000 की जगह लेगा। लेकिन यह प्रोजेक्ट अगले 10 साल से पहले पूरा नहीं हो पाएगा। जिसे देखते हुए दसॉ एविएशन अपनी प्रोडक्शन यूनिट भारत में लगाना चाहती है। वहीं, फ्रांस लड़ाकू विमानों को निर्यात करने की भी अनुमति देगा। *भारतीय कंपनियों से टाइटेनियम पार्ट्स की खरीद शुरू* सूत्रों ने बताया कि वहीं दसॉ एविएशन ने राफेल लड़ाकू विमानों के उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों से टाइटेनियम पार्ट्स खरीदना भी शुरू कर दिया है। टाइटेनियम का इस्तेमाल एडवांस लड़ाकू जेट के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। दसॉ की इस पहले से भारतीय कंपनियों को एयरोस्पेस क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। साथ ही, भारत की “मेक इन इंडिया” पहल को भी मजबूती मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक भारत में राफेल लड़ाकू विमानों के निर्माण का फैसला दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। क्योंकि दसॉ के पास क्रोएशिया, ग्रीस, सर्बिया, मिस्र, कतर, यूएई और इंडोनेशिया से पहले से ही लगभग 300 से ज्यादा लड़ाकू विमानों के ऑर्डर हैं। वहीं दसॉ के पास भारत के लिए अतिरिक्त विमान बनाने की क्षमता नहीं है। इसके अलावा फ्रांसीसी वायु सेना ने भी 42 और राफेल विमानों की मांग की है। इंडियन मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों के लिए बनाएगी इंजन सूत्रों ने बताया कि इंडियन मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों आईएमआरएच के इंजन निर्माण के लिए सफरॉन कंपनी किसी भारतीय कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम लगाने के लिए भी तैयार है, ताकि भारत को इमरजेंसी जरूरतों के लिए किसी तीसरे देश की ओर न देखना पड़े। दसॉ के इस ऑफर के पीछे खास बात यह है कि भारतीय वायुसेना को मीडियम रोल फाइटर एयरक्राफ्ट एमआरएफए कार्यक्रम के तहत नए लड़ाकू विमानों की लंबे समय से जरूरत है, जिसके तहत वे ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए ट्विन इंजन वाले 114 नए लड़ाकू विमान खरीदना चाहते हैं। भारतीय वायुसेना की कम होती लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए नए फाइटर एयरक्राफ्ट बड़ी जरूरत बनी हुए हैं। भारत के पास जो फिलहाल 31 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन हैं, उनमें पुराने हो चुके मिग 21, जगुआर के अलावा मिग-29 भी शामिल हैं, इनमें से सभी को 2029-30 तक रिटायर कर दिया जाएगा। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के अधिकांश स्क्वॉड्रनों में लगभग 270 सुखोई SU-30 MKI हैं, जिनमें ज्यादातर सर्विस के लिए ग्राउंड रहते हैं। वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध ने जरूरी स्पेयर पार्ट्स की खरीद को और भी मुश्किल बना दिया है। *नेवी को चाहिए 26 मैरीटाइम स्ट्राइक राफेल* भारतीय वायुसेना पहले से ही हैमर और स्कैल्प मिसाइलों के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों को ऑपरेट कर रही है। जबकि भारतीय नौसेना आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत पर तैनाती के लिए 26 मैरीटाइम स्ट्राइक राफेल की खरीद सौदे की बातचीत कर रही है। भारत के अंबाला एयर बेस में राफेल के लिए पहले से ही बेस मेंटेनेंस डिपो, मरम्मत, प्रशिक्षण और सिमुलेटर मौजूद हैं। वहीं, भारतीय वायुसेना कतर के साथ 12 पुराने मिराज लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए भी बातचीत कर रही है। लेकिन यह बहुत महंगा सौदा है। सूत्रों ने कहा कि 12 विमानों को भारतीय वायुसेना के मानकों के अनुसार अपग्रेड करना समझदारी नहीं है, क्योंकि इसकी लागत बहुत अधिक होगी। *चीन एलएसी पर बढ़ा रहा जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती* जिस तरह से चीन ने भारत से लगती सीमा पर मौजूद अपने एयरबेस में पांचवीं पीढ़ी के जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती की है, उसे भारत के लिए कड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा था। चीन ने डब्ल्यू एस-15 इंजन विकसित किया है, इसे रूसी एएल-31 इंजन से रिवर्स इंजीनियरिंग किया है। जिसे देखते हुए भारत मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट के प्रोजेक्ट में ज्यादा देरी नहीं कर सकता है। चीन हर साल जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती बढ़ा रहा है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 3, 2024
कल सदन में बालकबुद्धि का विलाप चल रहा था', लोकसभा में राहुल गांधी के वक्तव्य पर पीएम का कटाक्ष
नई दिल्ली, 03 जुलाई 2024 (यूटीएन)। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पर बोलने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दल कांग्रेस पर बड़ा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस लगातार तीन चुनावों में 100 का आंकड़ा नहीं छू पाई है। ये तीसरी बार कांग्रेस का सबसे कम स्कोर है। अच्छा होता कि कांग्रेस जनता के इस फैसले को स्वीकारती। कांग्रेस और उसका ईकोसिस्टम दिन रात हिंदुस्तान के नागरिकों के मन में ये स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने हमें हरा दिया है। आदरणीय सभापति जी, ऐसा क्यों हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा, मैं जरा अपने सामान्य जीवन का वक्तव्य बताता हूं। एक छोटा बच्चा साइकिल लेकर निकला है। वो बच्चा गिर जाता है। साइकिल से लुढ़क जाता है। रोने लगता है। एक बड़ा व्यक्ति उसके पास आकर कहता कि चींटी मर गई, चिड़िया उड़ गई। तुम बहुत अच्छी साइकिल चलाते हो। उसका ध्यान बंटाकर के उस बच्चे का मन बहला देते हैं। वैसे ही बच्चों के मन बहलाने का काम चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसका ईको सिस्टम सिर्फ मन बहलाने का काम कर रहा है। पीएम ने कहा, आदरणीय सभापति जी 1984 उपचुनाव को याद कीजिए, उसके बाद इस देश में 10 लोकसभा के चुनाव हुए हैं। इसके बावजूद कांग्रेस 250 के आंकड़े को छू नहीं पाई है। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग बधाई दे रहे हैं कि तुम 100 में 99 नंबर लाए हो। अब उनको कौन बताए कि ये 100 में से नहीं 543 में से 99 नंबर लाया है। फेल होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया है। *पीएम ने शोले के 'जय और मौसी' के डायलॉग का किया जिक्र* पीएम मोदी ने शोले के डायलॉग का जिक्र करते हुए कहा कि मौसी ये बात तो सही है कि ये लोग सिर्फ तीसरी बार ही तो हारे हैं। मौसी मॉरल विक्टरी तो है न। मौसी सिर्फ 13 राज्यों में जीरो सीटें आई हैं, पर हीरो तो हैं न। अरे पार्टी की लुटिया तो डुबोई है। अरे मौसी पार्टी अभी सांसें तो ले रही है। मैं कांग्रेस के लोगों को कहूंगा कि जनादेश को फर्जी जीत के जश्न में मत दबाओ। फर्जी नशे में मत दबाओ। ईमानदारी से देशवासियों के जनादेश को जरा समझने की कोशिश करो। इसे स्वीकार करो। सभापति जी मुझे नहीं पता कि कांग्रेस के जो साथीगण है, उन्होंने इस चुनाव का विश्लेषण नहीं किया है। ये चुनाव इन साथियों के लिए भी संदेश है। 2024 में जो कांग्रेस है वो परजीवी कांग्रेस है। परजीवी उसी को खाता है, जो उससके शरीर पर होता है। एक बच्चा स्कूल से आया और जोर से रोने लगा। उसकी मां ने पूछा क्या हुआ। उसने कहा कि आज स्कूल में मुझे मारा गया। मां परेशान हो गई। उसने पूछा कि बेटा बात क्या थी। बच्चा बता नहीं रहा था और रो रहा था कि मुझे मारा, मुझे मारा। बच्चा यह नहीं बता रहा था कि आज स्कूल में उस बच्चे ने किसी बच्चे को मां की गाली दी थी। उसने ये नहीं बताया कि किसी बच्चे की किताबें उसने फाड़ दी थीं। उसने ये नहीं बताया कि उसने टीचर को चोर कहा था। उसने ये नहीं बताया कि वो किसी का टिफिन चुरा कर खा गया था। हमने सदन में यहीं बचकाना हरकत देखी है। कल यहां बालकबुद्धि का विलाप चल रहा था। मुझे इसने मारा, मुझे उसने मारा। मुझे यहां मारा, मुझे वहां मारा। ये चल रहा था। इन पर सावरकर का अपमान करने का आरोप है। इन पर संस्थाओं के बारे में झूठ बोलने का आरोप है। इन पर ओबीसी वर्ग को चोर कहने के मामले में सजा मिली है। ये बालकबुद्धि अपनी सीमाएं खो देती है। इनकी सच्चाई अब पूरा देश समझ गया है। आज देश इनसे कह रहा है- तुमसे नहीं हो पाएगा। तुमसे न हो पाएगा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 3, 2024
न्यू वेम्बली प्रोडक्ट्स एलएलपी और सिरका पेंट्स इंडिया लिमिटेड ने ‘रणनीतिक साझेदारी की
नई दिल्ली, 03 जुलाई 2024 (यूटीएन)। सिरका पेंट्स इंडिया लिमिटेड ने उद्योग के लिए अभिनव और रचनात्मक उत्पाद लाने के लिए न्यू वेम्बली प्रोडक्ट्स एलएलपी के साथ अपने रणनीतिक गठबंधन की घोषणा की। उन्होंने फैसला किया है कि वे मिलकर इस उद्योग में इतिहास और उज्ज्वल उत्पाद बनाएंगे। गठबंधन का एक और लक्ष्य बाजार में गहरी पैठ बनाना और एक ठोस ग्राहक आधार बनाना है। साथ ही इस गठबंधन का अहम उद्देश्य सिरका पेंट्स इंडिया के उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करना भी है। वेलकम' ब्रांड के अधिग्रहण से सिरका को सजावटी पेंट्स क्षेत्र में अपनी पेशकश बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की व्यापक रेंज उपलब्ध हो सकेगी। इस गठबंधन की आधिकारिक घोषणा नई दिल्ली में की गई। सम्मेलन में प्रमुख अभिनेत्री दीपशिखा नागपाल, अपूर्व अग्रवाल सिरका पेंट्स के संयुक्त निदेशक संजय अग्रवाल सिरका पेंट्स के प्रबंध निदेशक डॉ. एच.बी.एस. लांबा न्यू वेम्बली प्रोडक्ट्स एलएलपी के प्रबंध निदेशक रमेश कुमार रायजादा रणनीतिकार और सलाहकार और गुरजीत सिंह बैंस सिरका पेंट्स के गैर कार्यकारी निदेशक मौजूद थे। इस मौके पर अभिनेत्री दीपशिखा नागपाल इस गठबंधन की मुख्य गवाह रहीं और उन्होंने दोनों को नए गठबंधन के लिए मुबारकबाद दी। सिरका पेंट्स इंडिया लिमिटेड के जेएमडी अपूर्व अग्रवाल ने कहा कि प्रीमियम वुड कोटिंग्स उद्योग का अग्रणी नाम सिरका पेंट्स इंडिया लिमिटेड, पेंट्स और थिनर क्षेत्र में प्रसिद्ध निर्माता, न्यू वेम्बली प्रोडक्ट्स एलएलपी के साथ रणनीतिक गठबंधन की घोषणा करते हुए काफी प्रसन्न है। इस सहयोग में बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी 'वेलकम' ब्रांड का अधिग्रहण शामिल है, जो दोनों कंपनियों के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है। वहीं, सिरका पेंट्स इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन सह एमडी संजय अग्रवाल ने कहा, 'हम न्यू वेम्बली प्रोडक्ट्स एलएलपी के साथ अपने रणनीतिक गठबंधन और 'वेलकम' ब्रांड के अधिग्रहण की घोषणा करके रोमांचित हैं। यह साझेदारी सभी पेंटिंग जरूरतों के लिए वन-स्टॉप समाधान बनने के हमारे विजन के अनुरूप है। 'वेलकम' ब्रांड की बाजार में दमदार उपस्थिति और गुणवत्ता के लिए प्रतिष्ठा हमारी मौजूदा पेशकशों का पूरक होगी और हमारी विकास रणनीति को आगे बढ़ाएगी। जबकि, डॉ. एच.बी.एस. लांबा ने कहा, 'हम सिरका पेंट्स इंडिया लिमिटेड के साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित हैं। हमारी कंपनियों के बीच तालमेल नवाचार और बाजार विस्तार के नए अवसर पैदा करेगा। हमारा मानना है कि यह गठबंधन हमारे ग्राहकों और हितधारकों को पर्याप्त लाभ पहुंचाएगा।" वहीं, रमेश कुमार रायजादा ने दोनों कंपनियों को बधाई देते हुए कहा, 'जब हम इन दोनों कंपनियों के उत्पादों को मिलाते हैं, तो यह एक दूसरे का पूरक बन जाता है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jul 3, 2024
अरविंद केजरीवाल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत, तिहाड़ जेल में ही रहेंगे दिल्ली के सीएम
नई दिल्ली, 30 जून 2024 (यूटीएन)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. दिल्ली शराब नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर भेज दिया है. *12 जुलाई तक तिहाड़ जेल में रहेंगे केजरीवाल* केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दिल्ली के सीएम की 3 दिन की सीबीआई हिरासत खत्म होने के बाद उनकी 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी. राउज एवेन्यू की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत के लिए तिहाड़ जेल भेजा. सीएम अरविंद केजरीवाल के 26 जून को केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें तीन दिन की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया गया था. जिस समय सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया उस समय वह प्रवर्तन निदेशालय ईडी की ओर जांच की जा रही दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में थे. *एक जुलाई को कोर्ट में केजरीवाल दाखिल करेंगे जमानत याचिका* कोर्ट में सुनवाई खत्म होने के बाद अरविंद केजरीवाल के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा, "अरविंद केजरीवाल की कस्टडी खत्म हो रही थी. सीबीआई ने उन्हें कोर्ट में पेश किया और आगे कस्टडी की मांग नहीं, बल्कि न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की, जिसका हमने विरोध किया. हमने कोर्ट से कहा, "सीबीआई के पास कोई ग्राउंड नहीं है कि उनको आगे न्यायिक हिरासत में भेजा जाए. कोर्ट ने हमारी और सीबीआई की बातों को सुनकर अरविंद केजरीवाल को 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड में भेजा है. अरविंद केजरीवाल के वकील ऋषिकेश कुमार ने बताया कि सोमवार या मंगलवार को अरविंद केजरीवाल की तरफ से बेल एप्लिकेशन कोर्ट में दी जाएगी. अरविंद केजरीवाल के वकील ने कोर्ट में एप्लीकेश देकर मांग की है कि ईडी के केस में गिरफ्तारी के बाद जब केजरीवाल को न्याययिक हिरासत में भेजा गया था, तब मेडिकल ग्राउंड पर जो छूट थी, वो जारी रखी जाए.
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Jun 30, 2024
सतर्कता: मोबाइल देकर बहलाना...बच्चों का बिगाड़ सकता है भविष्य
नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। बच्चों के नखरों से परेशान होकर बहलाने-फुसलाने के लिए उन्हें डिजिटल डिवाइस थमाना सीधे तौर पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। यह उनमें भावनात्मक कमजोरी की वजह बन सकता है। एक सर्वे की मानें तो भारत में 12 साल से कम उम्र के 47 फीसदी बच्चे हर दिन दो से चार घंटे मोबाइल फोन या टैबलेट से चिपके रहते हैं। माता-पिता की समस्या यह है कि जैसे ही बच्चों से फोन लेंगे, तो वह रोना-धोना शुरू कर देते हैं। मजबूरन माता-पिता को उन्हें चुप कराने के लिए डिजिटल डिवाइस देना ही पड़ता है। शोध से पता चला कि आगे चलकर ऐसे बच्चों का भावनात्मक संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे उनके लिए अपने गुस्से पर काबू रख पाना मुश्किल होगा। हंगरी और कनाडा के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक से पांच वर्ष तक के बच्चों पर अध्ययन में पाया कि जो बच्चे जितने ज्यादा नखरे दिखा रहे थे, उनके माता-पिता उन्हें डिजिटल उपकरण थमाने में उतने ही आगे थे। दूसरे शब्दों में कहें तो अध्ययन यह साबित करता है कि जो माता-पिता अपने बच्चों को शांत रखने के लिए जितनी आसानी से जल्दी फोन-टैबलेट उन्हें दे देते हैं वो इसे पाने के लिए उतनी ही ज्यादा हाय-तौबा मचाते हैं। *बच्चों को शांत करने के दूसरे तरीके ढूंढ़ें* हंगरी के ईटवोस लोरैंड यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता वेरोनिका कोनोक कहती हैं कि माता-पिता को यह समझना जरूरी है कि बच्चों की तरफ से कोई भी नकारात्मक भावना व्यक्त किए जाने को डिजिटल डिवाइस के सहारे दूर नहीं किया जा सकता। रोते-धोते या आक्रामकता दर्शाते बच्चे को शांत करने के लिए उन्हें दूसरे तरीके अपनाने होंगे। *बचपन में ही विकसित होता है आत्मनियंत्रण* शोधकर्ता कहते हैं कि यह तथ्य जगजाहिर है कि बचपन के शुरुआती पड़ाव में ही बच्चे आत्म-नियंत्रण के बारे में बहुत कुछ सीखते हैं। यही आगे चलकर उन्हें अपनी भावनाओं को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने और चुनौतियों से जूझने में सक्षम बनाता है। सीखने-समझने की इस प्रक्रिया के दौरान उन्हें माता-पिता की मदद होती है न कि डिजिटल डिवाइस के सहारे की। *जरूरत पड़े तो स्वास्थ्य पेशेवरों की सहायता लें* शोधकर्ताओं की सलाह है कि बच्चों को ऐसी निराशाजनक स्थितियों से बाहर लाने के लिए माता-पिता भावनात्मक तौर पर उनका सहारा बनें। उन्हें अपनी भावनाओं को पहचानना सिखाएं। यह उनके मानसिक विकास के लिए बेहद अहम है। अगर बच्चे को समझाना-बुझाना मुश्किल होता जा रहा हो तो स्वास्थ्य पेशेवरों की सहायता लेने में न हिचकिचाएं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jun 29, 2024
90 दिन में चार्जशीट, मॉब लिंचिंग की सजा मौत, राजद्रोह कानून का खात्मा; ऐसे हैं तीन नए कानून
नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम 1 जुलाई से प्रभावी हो जाएंगे। इस दिन से दशकों पुराने भारतीय दंड संहिता , आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम बदल जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगस्त 2023 में इन तीन कानूनों में बदलाव का बिल लोकसभा में पेश किया था। आजादी के पहले बने ये कानून अब तक चल रहे हैं। *आइये जानते हैं कि तीन नए कानून क्या हैं? जिन तीन कानूनों को बदलना है उनमें अभी क्या है? इनमें खामियां क्या हैं? नए कानूनों से क्या बदलेगा? नए कानूनों में क्या प्रावधान किए गए हैं?* *तीन नए कानून क्या हैं?* 1 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम हैं। ये कानून क्रमशः भारतीय दंड संहिता , आपराधिक प्रक्रिया संहिता और पुराने भारतीय साक्ष्य अधिनयम की जगह लेंगे। 12 दिसंबर, 2023 को इन तीन कानूनों में बदलाव का बिल लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। इसके बाद 20 दिसंबर, 2023 को लोकसभा और 21 दिसंबर, 2023 को राज्यसभा से ये पारित हुए। 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को अपनी मंजूरी दी। वहीं 24 फरवरी, 2024 को केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि तीन नए आपराधिक कानून इस साल 1 जुलाई से लागू होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2022 को लाल किले की प्राचीर से अपने उद्बोधन के दौरान देश के सामने पांच प्रण रखे थे। उनमें से एक प्रण था कि हम गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त कर देंगे। तीनों विधेयक प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए प्रण में से एक प्रण का अनुपालन करने वाले हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया था कि राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, भारत की सुप्रीम कोर्ट, 22 हाईकोर्ट, न्यायिक संस्थाओं, 142 सांसद और 270 विधायकों के अलावा जनता ने भी इन विधेयकों को लेकर सुझाव दिए हैं। चार साल तक इस पर काफी चर्चा हुई है। सरकार ने इस पर 158 बैठकें की हैं। विधेयक विभिन्न समिति की सिफारिशों से भी प्रभावित हैं। *किन-किन कानूनों में बदलाव होगा?* *भारतीय दंड संहिता:* भारतीय दंड संहिता 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 जगह लेगी। यह आईपीसी के 22 प्रावधानों को निरस्त करेगी। इसके साथ ही नई संहिता में आईपीसी के 175 मौजूदा प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है और नौ नई धाराएं पेश की गईं हैं। भारतीय न्याय संहिता, 2023 में कुल 356 धाराएं हैं। अपने भाषण के दौरान गृह मंत्री ने बताया था कि यह नया कानून राजद्रोह के अपराध को पूरी तरह से निरस्त करता है। हालांकि, इसमें राज्य के विरुद्ध अपराध का प्रावधान है। इसकी धारा 150 भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों से सबंधित है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नए कानून में मॉब लिंचिंग के अपराध को दंडित करने का प्रावधान करता है और इसके लिए सात साल या आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है। *आपराधिक प्रक्रिया संहिता:* दूसरा जो कानून बदलने जा रहा है वो आपराधिक प्रक्रिया संहिता यानी क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) है। सीआरपीसी की जगह 'भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023' को प्रस्थापित किया जाएगा। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के जरिए सीआरपीसी के नौ प्रावधानों को निरस्त किया जाएगा। इसके अलावा इस कानून में सीआरपीसी के 107 प्रावधानों में बदलाव और नौ नए प्रावधान पेश करने को कहा गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में कुल 533 धाराएं हैं। *भारतीय साक्ष्य अधिनियम:* बदलने वाला तीसरा कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 है। इसकी जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 लागू किया जाएगा। नया अधिनियम मौजूदा साक्ष्य अधिनियम के पांच मौजूदा प्रावधानों को निरस्त करेगा। बिल में 23 प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव है और एक नया प्रावधान पेश किया गया है। इसमें कुल 170 धाराएं हैं। *तीनों नए कानूनों से क्या बदलेगा?* भारत की संप्रभुता या अखंडता को खतरे में डालने वाले किसी भी व्यक्ति को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। वहीं, मॉब लिंचिंग और नाबालिग से दुष्कर्म में शामिल लोगों को अधिकतम मौत की सजा दी जा सकती है। हत्या के जुर्म के लिए सजा-ए-मौत या आजीवन कारावास की सजा होगी। दुष्कर्म में शामिल लोगों को कम से कम 10 साल की जेल या आजीवन कारावास की सजा होगी और सामूहिक दुष्कर्म के लिए कम से कम 20 साल की कैद या उस व्यक्ति के शेष जीवन के लिए कारावास की सजा होगी। बिल के अनुसार, यदि किसी महिला की बलात्कार के बाद मृत्यु हो जाती है या इसके कारण महिला लगातार बेहोश रहती है, तो दोषी को कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन जिसे आजीवन कारावास के लिए बढ़ाया जा सकता है। *बिल के अन्य खास प्रावधान* नागरिक किसी भी पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज करा सकेंगे, चाहे उनका अधिकार क्षेत्र कुछ भी हो। जीरो एफआईआर को क्षेत्राधिकार वाले पुलिस स्टेशन को अपराध पंजीकरण के बाद 15 दिनों के भीतर भेजा जाना अनिवार्य होगा। जिरह अपील सहित पूरी सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से की जाएगी। यौन अपराधों के पीड़ितों के बयान दर्ज करते समय वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। सभी प्रकार के सामूहिक बलात्कार के लिए सजा 20 साल या आजीवन कारावास। नाबालिग से बलात्कार की सजा में मौत की सजा शामिल है। एफआईआर के 90 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से चार्जशीट दाखिल की जाएगी। न्यायालय ऐसे समय को 90 दिनों के लिए और बढ़ा सकता है, जिससे जांच को समाप्त करने की कुल अधिकतम अवधि 180 दिन हो जाएगी। आरोप पत्र प्राप्त होने के 60 दिन के भीतर अदालतों को आरोप तय करने का काम पूरा करना होगा। सुनवाई के समापन के बाद 30 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से फैसला सुनाया जाएगा। फैसला सुनाए जाने के सात दिन के भीतर अनिवार्य रूप से ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। तलाशी और जब्ती के दौरान वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। सात साल से अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक टीमों को अनिवार्य रूप से अपराध स्थलों का दौरा करना होगा। जिला स्तर पर मोबाइल एफएसएल की तैनाती होगी। सात साल या उससे अधिक की सजा वाला कोई भी मामला पीड़ित को सुनवाई का अवसर दिए बिना वापस नहीं लिया जाएगा। संगठित अपराधों के लिए अलग, कठोर सजा। शादी, नौकरी आदि के झूठे बहाने के तहत महिला के बलात्कार को दंडित करने वाले अलग प्रावधान। चेन / मोबाइल स्नैचिंग और इसी तरह की शरारती गतिविधियों के लिए अलग प्रावधान। बच्चों के खिलाफ अपराध के लिए सजा को सात साल से बढ़ाकर 10 साल की जेल की अवधि तक। मृत्युदंड की सजा को कम करके अधिकतम आजीवन कारावास में बदला जा सकता है, आजीवन कारावास की सजा को कम करके अधिकतम सात साल के कारावास में बदला जा सकता है और सात साल की सजा को तीन साल के कारावास में बदला जा सकता है और इससे कम नहीं। किसी भी अपराध में शामिल होने के लिए जब्त किए गए वाहनों की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jun 29, 2024
कांग्रेस ने कहा था पैसे मिलेंगे खटाखट-खटाखट, अब जनता पहुंच रही ऑफिस तो भाग रहे सटासट-सटासट', बीजेपी का तंज
नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक सदस्य ने कांग्रेस पर चुनावों में मतदाताओं को झूठे प्रलोभन देने का आरोप लगाया और निर्वाचन आयोग से मांग की है कि उसे इस पर रोक लगाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने चाहिए. साथ ही कहा कि इस प्रकार से जीत दर्ज करने वाले सांसदों की सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए. *बीजेपी नेता ने कांग्रेस पर निशाना साधा* बीजेपी के अनिल बोंडे ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए आरोप लगाया कि उसकी आदत भ्रष्टाचार करने की है और पकड़े जाने पर वह एजेंसियों पर ही सवाल उठाने लगती है और न्यायिक व्यवस्था की आलोचना करने से भी परहेज नहीं करती है. अनिल बोंडे उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले रहे थे. लोकसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब उसे झूठे प्रलोभन की आदत पड़ गई है. जहां कांग्रेस के उम्मीदवार थे, वहां लोगों से यह कहते हुए फॉर्म भरवा लिए गए कि पार्टी के उम्मीदवारों की जीत पर उनके खातों में 8,500 रुपये खटाखट, खटाखट आएंगे. *'कांग्रेस नेता भाग रहे सटासट'* उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में महिलाएं, खासकर मुस्लिम महिलाएं- सांसदों और कांग्रेस कार्यालयों में पहुंच रही हैं और उनसे कह रही है कि पैसे निकालो फटाफट, फटाफट, लेकिन कांग्रेस वाले भाग रहे हैं सटासट, सटासट, सटासट. बीजेपी नेता बोंडे ने कहा, ‘‘मेरा कहना है कि इनका निर्वाचन रद्द करो फटाफट, फटाफट. प्रलोभन देने के बाद जो वोट लेता है तो यह आचार संहिता का उल्लंघन है. इसलिए कार्रवाई होनी चाहिए. मैं मांग करता हूं कि जहां-जहां प्रलोभन दिया गया है. उनके नेता ही बोल रहे थे कि खातों में रुपये आएंगे खटाखट. मैं चुनाव आयोग से इस संबंध में अपील करता हूं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी जनसभाओं में कहा था कि अगर चुनाव में उनकी पार्टी की जीत हुई तो एक जुलाई, 2024 की सुबह गरीब परिवार की महिलाओं के बैंक खातों में 8500 रुपये दिए जाएंगे. *'चुनाव के वक्त फैलाई गईं अफवाहें'* राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजेपी के रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ ही आज दुनिया भर में भारत के नेतृत्व की सराहना हो रही है. उन्होंने कहा कि यह अनुकूल समय है कि सभी मिलकर विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए खुद को झोंक दें. बीजेपी नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान बदलने और आरक्षण खत्म कर देने जैसी अफवाहें फैलाई गईं, लेकिन अफसोस की बात यह है कि ऐसा करने वाले वही लोग थे, जिन्होंने संविधान की मूल भावना को कुचलने का काम किया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मिलिंद देवड़ा ने कहा कि वह एक दशक के बाद संसद पहुंचे हैं और इस दौरान बहुत कुछ बदल गया है. बीजेपी नेता ने कहा कि देश का संसद भवन नया है, जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखने वाली महिला आज देश की राष्ट्रपति हैं और एक चाय बेचने वाला और साधारण पृष्ठभूमि से आने वाला व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री है. उन्होंने कहा, ‘‘इसका अर्थ है कि हमारा लोकतंत्र बहुत मजबूत है. आज ऑटो चलाने वाला एक व्यक्ति महाराष्ट्र जैसे राज्य का मुख्यमंत्री बना है. इसका अर्थ है कि हमारा लोकतंत्र पहले के मुकाबले कहीं और मजबूत हुआ है. *मिलिंद देवड़ा ने पीएम मोदी की तारीफ की* शिवसेना नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि उन लोगों को सोचना चाहिए जो आरोप लगाते हैं कि लोकतंत्र खतरे में हैं और यह कमजोर हो रहा है. लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में वैश्विक परिस्थितियों और विभिन्न कारणों से सत्ता विरोधी लहरों के कारण पाकिस्तान में छह प्रधानमंत्री हुए, ब्रिटेन में पांच, श्रीलंका में चार राष्ट्रपति, अमेरिका में तीन और फ्रांस में दो पीएम हुए. उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में यह भी हुआ है कि लोकसभा को एक नेता प्रतिपक्ष भी मिला है. मिलिंद देवड़ा ने कहा कि यूं तो मोदी सरकार की कई उपलब्धियां हैं, लेकिन वह एक उपलब्धि का जिक्र जरूर करना चाहेंगे और वह है देश के बड़े शहरों को आतंकवादी घटनाओं से मुक्त बनाना. उन्होंने 26/11 सहित मुंबई और महाराष्ट्र में हुए विभिन्न आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि इस सरकार ने बड़े शहरों को आतंकवादी घटनाओं से मुक्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि जब सुरक्षा होती है तो आर्थिक विकास भी तेजी से होता है और निवेशक भी आकर्षित होते हैं. मिलिंद देवड़ा ने याद किया कि कैसे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने 47 साल पहले उनके पिता मुरली देवड़ा को मुंबई का मेयर बनने में मदद की थी और अब उसी पार्टी ने उन्हें 47 साल की उम्र में उच्च सदन का सदस्य बनाया है. उन्होंने कहा कि कई मायनों में, जीवन का एक चक्र पूरा कर चुका है. मिलिंद देवड़ा इस साल में जनवरी में कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हो गए थे. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jun 29, 2024
नीट पेपर लीक, इमरजेंसी, लोकसभा नतीजे... प्रधानमंत्री मोदी पर खूब बरसीं सोनिया गांधी
नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. द हिंदू में लिखे अपने लेख में सोनिया गांधी ने नीट परीक्षा में धांधली को लेकर कहा, परीक्षा पर चर्चा करने वाले पीएम पेपर लीक पर चुप्पी साधे हुए हैं. इस परीक्षा ने देश भर के तमाम परिवारों को तबाह कर रखा है. सोनिया गांधी ने लोकसभा में इमरजेंसी पर मोदी सरकार के प्रस्ताव को लेकर भी जवाब दिया. सोनिया ने कहा, 1977 के चुनाव में लोगों ने इमरजेंसी पर अपना फैसला सुना दिया, जिसे बेझिझक स्वीकार किया गया. लेकिन तीन सालों के भीतर कांग्रेस को इतना बड़ा बहुमत मिला, जिसे पीएम मोदी की पार्टी (बीजेपी) अब तक हासिल नहीं कर पाई. *पीएम मोदी ने जनादेश नहीं समझा* सोनिया गांधी ने कहा, चुनाव नतीजे पीएम मोदी के लिए निजी, राजनीतिक और नैतिक हार का संकेत है. जनादेश ने नफरत और विभाजनकारी राजनीति को खारिज किया है. लेकिन पीएम का व्यवहार ऐसा है जैसे कुछ बदला ही ना हो! वो आम सहमति का उपदेश देते हैं लेकिन टकराव को बढ़ावा देते हैं. लगता ही नहीं कि उन्होंने जनादेश को समझा है. सोनिया ने कहा, "डिप्टी स्पीकर पद को लेकर विपक्ष की मांग को मंजूर नहीं किया गया. पीएम, उनकी पपार्टी द्वारा इमरजेंसी को खोद कर निकाला गया. इसमें स्पीकर भी शामिल थे, जिस पद को तटस्थता के लिए जाना जाता है. इन सब से आपसी सम्मान और एकसाथ की एक नई शुरुआत की उम्मीदें धुल गई हैं. *चुनाव प्रचार में पीएम ने मर्यादा को नजरंदाज किया* सोनिया गांधी ने कहा, चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी मर्यादा और जिम्मेदारी को नजरंदाज कर सांप्रदायिक झूठी बातें फैलाई. उनके शब्दों ने सामाजिक तानेबाने को काफी नुकसान पहुंचाया है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
Ujjwal Times News
Jun 29, 2024
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय संचार मंत्री से राज्य में संचार सेवाओं के विस्तार से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की
नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया से भेंट कर उन्हें संचार मंत्रालय का दायित्व मिलने पर शुभकामनाएं दी तथा राज्य में संचार सेवाओं के विस्तार से संबंधित विभिन्न विषयों पर उनसे चर्चा की। मुख्यमंत्री ने राज्य में संचार व्यवस्था से वंचित क्षेत्रों में भी टावर लगाकर संचार व्यवस्था से आच्छादित किए जाने तथा पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र के गांवों में संचार सुविधाओं के विस्तार तथा रिलाइन्स जिओ द्वारा गुुंजी में लगाये गये टावर को संचालित कराये जाने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय संचार मंत्री को अवगत कराया कि नैनीताल के तल्लीताल स्थित डाकघर को नैनीताल की यातायात समस्या के समाधान हेतु अन्यत्र शिफ्ट किया जाना जनहित में आवश्यक हो गया है। जनपद नैनीताल में प्रतिदिन श्रद्धालुओं और पर्यटकों की बढती संख्या तथा विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करौली महाराज का आश्रम ‘श्री कैंची धाम’ की प्रसिद्धि में दिन-प्रतिदिन वृद्धि होने के कारण श्रद्धालुओं के साथ-साथ नैनीताल में पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक बढोत्तरी हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नैनीताल को यातायात समस्या के निवारण हेतु पूर्व में आईआईटी, दिल्ली द्वारा नैनीताल की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए किये गये विस्तृत अध्ययन एवम् सुझावों के आधार पर तकनीकी टीम तथा सड़क सुरक्षा समिति द्वारा नैनीताल के मुख्य चौराहे पर स्थित पोस्ट ऑफिस को जाम की समस्या का प्रमुख कारण माना है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय संचार मंत्री से नैनीताल शहर में जाम से मुक्ति तथा यातायात व्यवस्था को सुदृढ करने के लिये नैनीताल नगर के मुख्य चौराहे पर स्थित डाकघर को अन्यत्र शिफ्ट किये जाने की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय संचार मंत्री को यह भी अवगत कराया कि 4G सैचुरेशन स्कीम के अन्तर्गत भारत संचार निगम (बी.एस.एन.एल.) द्वारा उत्तराखण्ड में 638 टावर स्थापित किये जाने थे, जिसमें से 481 टावर के लिये भूमि अधिग्रहण की जरूरत थी। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है, परन्तु बी.एस.एन.एल. द्वारा अभी 224 टावर ही लगाये गये है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में केंद्रीय संचार मंत्री से बी.एस.एन.एल. को त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देशित करने का आग्रह किया। केंद्रीय संचार मंत्री द्वारा वर्णित विषयों पर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया गया है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jun 29, 2024