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विक्रम मिसरी होंगे नए विदेश सचिव, डिप्टी एनएसए के रूप में 2 साल दे चुके हैं सेवा

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। देश के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पूर्व राजदूत विक्रम मिसरी को भारत सरकार का अगला विदेश सचिव नियुक्त किया गया है. वो भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के अधिकारी हैं. वह पिछले दो सालों से उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे.   फिलहाल, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में उनका कार्यकाल घटाकर उन्हें भारत का अगला विदेश सचिव नियुक्त किया गया है. डिप्टी एनएसए विक्रम मिसरी 15 जुलाई से अगले विदेश सचिव होंगे. दरअसल, विक्रम मिसरी इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में भी काम कर चुके हैं और वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीतिक परिस्थितियों को लेकर काफी अनुभवी हैं. इसके अलावा वे फिलहाल डिप्टी एनएसए के तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ काम कर रहे हैं.   *जानिए कौन हैं विक्रम मिसरी?*   अनुभवी राजनयिक और डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिसरी ने विदेश मंत्रालय के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में विभिन्न पदों पर काम किया है. इसके अलावा मिसरी ने यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका में विभिन्न भारतीय मिशनों में भी काम किया है. वह म्यांमार और स्पेन में भारत के राजदूत रह चुके हैं. जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के दौरान विक्रम मिसरी ने दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत में हिस्सा लिया था.   *विक्रम मिसरी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के रहे निजी सचिव*   विक्रम मिसरी इससे पहले साल 2012 से 2014 तक पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के निजी सचिव रहे और साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो वह इस पद पर बने रहे और मई से जुलाई 2014 तक पीएम नरेंद्र मोदी ने निजी सचिव के तौर पर उनके साथ अपनी सेवाएं दी. इसके अलावा साल 1997 में विक्रम मिस्री तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के निजी सचिव रह चुके हैं. विक्रम मिसरी का जन्म श्रीनगर में हुआ था. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने सिंधिया स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की थी. गौरतलब है कि विक्रम मिसरी के पास एमबीए की डिग्री भी है. इसके अलावा विक्रम मिसरी ने सिविल सेवा की तैयारी करने से पहले 3 साल तक एडवरटाइजिंग और एड फिल्म मेकिंग इंडस्ट्री में भी काम किया है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

सरकार स्टील सेक्टर को धुले हुए कोकिंग कोल की पेशकश करने की नीति पर काम कर रही है

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एम नागराजू ने आज कहा कि भारतीय कोयला क्षेत्र में पिछले साल लगभग 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन के साथ मजबूत वृद्धि देखी जा रही है और पिछले 2 वर्षों में 11 प्रतिशत की सीएजीआर है। उन्होंने कहा, "अगले साल, हम लगभग 1100 मिलियन टन कोयला उत्पादन करेंगे।" उन्होंने कहा कि सरकार ने 2030 तक 140 मिलियन टन उत्पादन के लक्ष्य के साथ कोकिंग कोल मिशन शुरू किया है। भारतीय धातु उद्योग के लिए कोयला मैट्रिक्स’ पर फिक्की कार्यशाला को संबोधित करते हुए, नागराजू ने कहा कि सरकार स्टील सेक्टर की मांग को पूरा करने के लिए 8 कोकिंग कोल वॉशरी स्थापित करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा, "2029-30 तक, हमारे पास देश की मांग के अनुसार कोयले का उत्पादन करने की क्षमता होनी चाहिए और हम अन्य देशों को कोयले की आपूर्ति करने की स्थिति में होंगे।"   इस्पात क्षेत्र के लिए, नागराजू ने कहा कि सरकार इस्पात क्षेत्र के लिए एक नीति पर काम कर रही है, जिसके तहत कोकिंग कोल के लिए वाशरी रूट को अंतिम रूट के रूप में लागू किया जाएगा, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा, "हम नीति को अंतिम रूप दे रहे हैं, एक बार मंजूरी मिलने के बाद, हम इस्पात क्षेत्र को आयातित कोयले के साथ मिश्रित करने के लिए धुले हुए कोकिंग कोल की पेशकश कर सकेंगे।" कोयला गैसीकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, नागराजू ने जोर देकर कहा कि सरकार ने देश में कोयला गैसीकरण संयंत्र स्थापित करने के लिए निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को समर्थन देने के लिए 8,500 करोड़ रुपये की योजना पहले ही शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, "देश में कोयले के क्षेत्र में उद्यम करने और विविधता लाने की जबरदस्त संभावना है।" भारत सरकार के रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (कोयला) डॉ. अविनाश कुमार मिश्रा ने कहा कि।"   कोयला गैसीकरण को स्थापित होने में कुछ समय लगेगा और रेलवे इसके परिवहन के लिए विशेष वैगन उपलब्ध कराएगा।  कोयले के उत्पादन में वृद्धि के साथ, आयातित कोयले पर निर्भरता कम होने की संभावना है, जिससे उद्योग को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों में कोयले की उपलब्धता में भारी वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य कारण आयातित कोयला है। भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार अश्विनी कुमार ने कहा कि भारतीय इस्पात उद्योग सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 2.5 प्रतिशत का योगदान देता है, लेकिन इसमें मजबूत पिछड़े और आगे के संबंध हैं। “कोयला गैसीकरण में स्वदेशी तकनीक विकसित करने की आवश्यकता है जो इस क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा देगी। हम वैश्विक इस्पात उद्योग में मध्यम अवधि में मजबूत वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं। वैश्विक इस्पात उद्योग में मंदी के बावजूद, भारतीय इस्पात उद्योग स्वस्थ स्थिति में है, और हमें उम्मीद है कि यह 10 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

एम्स में प्रतिनियुक्ति पर नर्सिंग प्रमुख की नियुक्ति की जाएगी

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। पहली बार एम्स ने संस्थान के बाहर से चीफ नर्सिंग ऑफिसर (सीएनओ) नियुक्त करने का फैसला किया है, जो प्रतिनियुक्ति के आधार पर इस पद पर काम करेंगे। संस्थान ने एक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें केंद्र के विभिन्न स्वास्थ्य सेवा सेट-अप और विश्वविद्यालयों में काम करने वाले उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए हैं। विज्ञापन के अनुसार, पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा 56 वर्ष रखी गई है और प्रतिनियुक्ति की अवधि 3 वर्ष तय की गई है। इस कदम से संस्थान के मौजूदा नर्सिंग कैडर में खलबली मच गई है, क्योंकि सीएनओ का पद संस्थान में सेवारत नर्सिंग अधिकारी को दिया जाने वाला एक पदोन्नति वाला पद है। नर्सों ने कहा कि बाहरी व्यक्ति को नियुक्त करने से मौजूदा कर्मचारियों से पदोन्नति का पद छिन जाएगा। एम्स नर्स यूनियन ने कहा कि प्रशासन के "प्रतिकूल निर्णय" ने पूरे नर्सिंग कैडर और हितधारकों के बीच अशांति पैदा कर दी है। एसोसिएशन ने संस्थान से विज्ञापन वापस लेने को भी कहा है। "एम्स में अत्यधिक अनुभवी और योग्य नर्सिंग पेशेवरों का एक समूह है, जिन्होंने इस संस्थान को कई वर्षों तक सेवा दी है। प्रतिनियुक्ति के आधार पर आवेदन आमंत्रित करना हमारे आंतरिक कर्मचारियों की क्षमताओं और करियर विकास के अवसरों को कमजोर करता है, जो संस्थागत संस्कृति, मूल्यों और परिचालन प्रक्रियाओं से अच्छी तरह परिचित हैं, "यूनियन ने एम्स निदेशक को संबोधित एक विरोध पत्र में कहा। नर्सिंग निकाय ने कहा कि सीएनओ पद के लिए एक आंतरिक उम्मीदवार विभाग के भीतर निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करेगा। "प्रतिनियुक्ति पर एक बाहरी उम्मीदवार को हमारे संस्थान की विशिष्ट आवश्यकताओं और बारीकियों के अनुकूल होने के लिए काफी समय की आवश्यकता हो सकती है, जो संभावित रूप से नर्सिंग विभाग और रोगी देखभाल सेवाओं के सुचारू संचालन को बाधित कर सकती है," इसने कहा। "विज्ञापन में उल्लिखित आवश्यक योग्यताएं बताती हैं कि मानदंड बिना किसी अनुभव के एक विशिष्ट बाहरी उम्मीदवार के पक्ष में तैयार किए गए हैं, जो हमारे आंतरिक कर्मचारियों की योग्यता और अनुभव को दरकिनार करते हैं।" नर्सिंग स्टाफ परेशान इस कदम ने संस्थान के मौजूदा नर्सिंग कैडर को परेशान कर दिया है क्योंकि सीएनओ का पद संस्थान में सेवारत नर्सिंग अधिकारी को दिया जाने वाला एक पदोन्नति वाला पद है। नर्सों ने कहा कि बाहरी व्यक्ति को काम पर रखने से मौजूदा कर्मचारियों से पदोन्नति का पद छिन जाएगा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

सुरजपुर-सुखोमाजरी बाइपास की सड़क टुटने पर जानजोखिम में डालकर नदी से निकल रहे वाहन

पिंजौर, 28 जून 2024 (यूटीएन)। पिंजौर में ट्रैफिक की समस्या के समाधान को लेकर सुरजपुर-सुखोमाजरी बाइपास का निर्माण किया गया, पिंजौर में जाम की समस्या से बचने के लिए ज्यादातर बड़े वाहन निर्माणाधीन बाइपास से निकल रहे हैं, कई दिनों से बाइपास की आरयूबी के नजदीक नदी किनारे सड़क टुटने के बाद वाहन नदी में से निकल रहे जिससे लोगो को काफी परेशानी हो रही है, उक्त समस्या से लोगो ने प्रदीप चौधरी विधायक कालका को अवगत करवाया जिसके बाद तुरन्त प्रभाव से शुक्रवार को विधायक चौधरी बाइपास जहा सड़क टुट गई थी वहां पहुंचकर निरीक्षण किया उनके साथ पवन कुमारी शर्मा महासचिव प्रदेश महिला कांग्रेस, नरेश मान पूर्व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष, चंचल शर्मा उपाध्यक्ष प्रदेश महिला कांग्रेस, रणदीप राजू पिंजौर इंचार्ज, अशवनी चुन्ना, गुरभाग धमाला, रामकरण, प्रीतम, कृषणा शर्मा, कोरा खान, मदनलाल, रघुबीर, निर्मला, जीतराम, मेवा सिंह और मोनू आदि भी मौजूद रहे।   विधायक चौधरी ने बताया कि सड़क टुटने और आरयूबी का रास्ता बन्द होने के कारण छोटे, बड़े वाहन चालक अपनी जानजोखिम में डालकर नदी में से निकल रहे हैं इससे नदी में वाहन चालकों पर हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। यही नही बरसाते कभी भी शुरू हो सकती है उस समय नदी में ऊपर से काफी ज्यादा पानी आता है जिसके बाद वाहनो का नदी में से भी रास्ता बिल्कुल बन्द हो जाएगा और वाहनो को पिंजौर के मेन बाजार से निकलना पड़ेगा जिससे बाजार में ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ जाएगी उधर वाहनो का भी समय व तेल बर्बाद होगा। दो माह से आरयूबी का भी रास्ता हुआ बन्द मौके पर निरीक्षण के दौरान मिली जानकारी के मुताबिक बाइपास में रेलवे लाइन के नीचे आरयूबी का काम चल रहा है जिसमें वाहनो के टूलेन बन चुकी थी जिसमे से वाहनो को निकालना भी शुरू कर दिया गया था परन्तु करीब दो माह से उस रास्ते को भी बन्द कर दिया गया जिससे वाहनो को मजबूरन नदी से निकलना पड़ रहा है। आरयूबी के बॉक्स से आगे पहाड़ी की मिट्टी से बचाव के लिए ओर बॉक्स बनाए जा रहे हैं।   काम के चलते ही रास्ता बन्द किया गया था। मौके से विधायक चौधरी ने एनएच एक्सईएन जोगिंदर सिंह रंगा को फोन करके लोगो की उक्त समस्या का जल्द समाधान करवाने के लिए कहा, विधायक ने बताया कि एक्सईएन रंगा ने बरसात से पहले आरयूबी के रास्ते का काम पूरा करवाकर वाहनो के लिए इसे खोलने का आश्वासन दिया है। 7 वर्ष पहले शुरू हुए बाइपास का काम नही हुआ पूरा पिंजौर शहर में से छोटे-बड़े करीब 70 प्रतिशत वाहन बद्दी, बरोटीवाला व नालागढ़ की ओर जाते हैं, सैकड़ों कारखानों में जाने वाले भारी भरकम सामान से लोड बड़े-बड़े वाहन पिंजौर के तंग बाजार से ही होकर निकलते हैं, जिस कारण अवसर यहां पर जाम की समस्या यहती है। इसी के समाधान के लिए सरकार ने पिंजौर को बाईपास करने के लिए सूरजपुर से सुखोमाजरी बाईपास को मंजूरी देकर निर्माण 2017 में शुरू करवाया था। जिसके लिए 1 मई 2017 को केंद्रीय मंत्री ने बाईपास का शिलान्यास किया था। 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी बाइपास का काम पूरा नही हो पाया जिसका खामियाजा प्रतिदिन हजारों वाहनो को परेशान होकर भुगतना पड़ रहा है।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jun 28, 2024

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री से मुलाकात कर अनेक मांगें रखी

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पिछले कई दिनों से दिल्ली में हैं तथा उत्तराखंड के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं। इस संदर्भ में उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापू राम मोहन नायडू से मुलाकात करी। धामी ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी को बताया कि भारत सरकार द्वारा 2016 में राज्य के 06 मार्गों खैरना-रानीखेत, बुआखाल-देवप्रयाग, देवप्रयाग-गजा-खाड़ी, पाण्डुवाखाल नागचुलाखाल-बैजरों, बिहारीगढ़-रोशनाबाद तथा लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-मोहन-रानीखेत  को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकृत किये जाने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। उन्होंने उक्त मागों की अधिसूचना निर्गत किए जाने का अनुरोध किया।    मुख्यमंत्री ने कुमाऊँ एवं गढ़वाल को जोड़ने वाले 256.90 किमी० लम्बे खैरना-रानीखेत- भतरौंजखान-भिकियासैंण-देघाट-महलचौरी-नागचुलाखाल-बुंगीधार-बैंजरों सड़क मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित करने का अनुरोध करते हुए बताया कि इसे राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने से कुमाऊं एवं गढ़वाल क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि के साथ-साथ क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। यह मार्ग 05 विधानसभा क्षेत्रों- नैनीताल, रानीखेत, सल्ट, कर्णप्रयाग एवं थैलीसैंण को संयोजित करेगा। मुख्यमंत्री ने 189 किमी० लम्बे काठगोदाम-भीमताल-धानाचूली- मोरनौला- खेतीखान-लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का आग्रह केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से किया। पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से मोहकमपुर आर०ओ०बी० से अजबपुर आर०ओ०बी० तक (विधान सभा चौक से मोहकमपुर तक) के मार्ग को ऐलिवेटेट मार्ग के रूप में परिवर्तित किये जाने  का अनुरोध करते हुए कहा कि इसकी लागत रू0  452.00 करोड़ आगणित की गई है।   उन्होंने प्रस्तावित कार्य को वार्षिक योजना में सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून शहर की वाहनों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत 51.59 कीमी. लम्बी देहरादून रिंग रोड का निर्माण प्रस्तावित है। वर्तमान में देहरादून रिंग रोड का कार्य एन०एच०ए०आई० द्वारा किया जा रहा है। आशारोडी से झाझरा तक कुल 12.00 कि.मी० लम्बाई में 04-लेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जबकि अवशेष कार्य का संरेखण कर मार्ग की डी०पी०आर० गठन की कार्रवाई की जा रही है, मुख्यमंत्री ने इसके शेष कार्य की स्वीकृति के  साथ ही 1432 करोड़ लागत की 17.88 कि.मी ऋषिकेश बाईपास सड़क निर्माण हेतु भी केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया। इन प्रस्तावों पर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने गडकरी को अवगत कराया कि कुमाँऊ क्षेत्र में एन०एच०ए०आई० द्वारा अफजलगढ़ भागूवाला बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। जिसके लिये संरेखण के अंतिमीकरण की कार्यवाही की जा रही है, तथा एल०ए०सी० के प्रस्ताव को एन०एच०ए०आई० मुख्यालय से स्वीकृति प्राप्त है।   मुख्यमंत्री ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार में विचाराधीन उक्त परियोजनाओं पर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। इस पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को मसूरी-देहरादून के मध्य बढते यातायात के दबाव की समस्या से अवगत कराते हुए अनुरोध किया कि 40 कीमी0 लम्बे देहरादून-मसूरी मार्ग की संयोजकता को भी स्वीकृति प्रदान की जाए। इस मार्ग के निर्माण से देहरादून व मसूरी में अतिरिक्त कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे और हिमाचल प्रदेश, पंजाब आदि के लिए मसूरी जाने वाले यातायात को देहरादून शहर में प्रवेश किए बिना इस कनेक्टिविटी का उपयोग करने और शहर को भीड़भाड़ से मुक्त करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी के लिये प्रस्तावित कनेक्टिविटी एन. एच. 07 पर झाझरा गोल चक्कर से प्रारम्भ होकर लाईब्रेरी चौक के पास मसूरी में समाप्त होगा। परियोजना की अनुमानित लागत 3425 करोड़ की डी.पी.आर. के गठन की कार्यवाही गतिमान है।   इस पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से कैंचीधाम बाईपास के निर्माण की भी स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध करते हुए कहा कि कैंचीधाम, ज्योलीकोट-अल्मोड़ा मोटर मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग 109 के किमी0 24 पर स्थित है। इस स्थल पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने एवं सड़क पर वाहनों से जाम की स्थिति बनी रहती है। वर्तमान में इस मार्ग का (ज्योलीकोट से खैरना) 2 लेन में चौड़ीकरण प्रस्तावित है, जिसका एलाइन्मेंट स्वीकृति हेतु मुख्य अभियन्ता क्षेत्रीय अधिकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। इस बाईपास की लम्बाई 1.900 किमी० होगी। इस बाई पास के प्रारम्भ बिन्दु के 275 मी० बाद एक 325 मी० की सुरंग भी प्रस्तावित है। इन प्रस्तावों पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने खटीमा शहर हेतु रिंग रोड़ निर्माण, हल्द्वानी बाईपास निर्माण, पंतनगर एयरपोर्ट हेतु बाईपास निर्माण के साथ ही चंपावत बाईपास, लोहाघाट बाईपास, पिथौरागढ़ बाईपास के निर्माण का भी अनुरोध किया।   *नागरिक उड्डयन मंत्री से मिले*   मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र शुरू करने के संबंध में अनुमोदन प्रदान कर सम्बंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के जनपद उधमसिंहनगर के पंतनगर में स्थित रनवे छोटा होने के कारण इस एयरपोर्ट पर बड़े वायुयानों को उतारना संभव नहीं हो पा रहा है, जिसके लिए रनवे को बढ़ा कर एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई वर्तमान में 1372 मीटर है जिसे बढ़ाकर 3000 मीटर किया जाना है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में विभिन्न विभागों तथा राष्ट्रीय राजमार्ग सिडकुल की कुल 804.0162 एकड़ अथवा 325.5126 हैक्टेएयर भूमि अधिग्रहण की जा चुकी है। जिसमें से 212.4868 (524.78 एकड़) भूमि नागरिक उड्डयन विभाग के नाम हस्तान्तरित की जा चुकी है।   मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि के हस्तातंरण के संबंध में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुरोध करते हुए विस्तारीकरण पर कार्य शुरू करने की अनुमति प्रदान करने का भी अनुरोध किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट से काठमांडू(नेपाल) के लिए वायुयान सेवा संचालित किए जाने के लिए निविदा की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। जिसके दृष्टिगत जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का दर्जा देने की कार्यवाही को गति देने की नितांत आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि को एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुसार नागरिक उड्डयन मंत्रालय को हस्तांतरित करने में कोई अवरोध नहीं है।  मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से केदारनाथ धाम और देहरादून के सहस्त्रधारा हेलिड्रोम पर एटीसी की स्थापना के सम्बंध में अनुरोध करते हुए अवगत कराया कि वर्तमान में उत्तराखंड के तीन हवाई अड्डे हैं जहां वीएचएफ संचार सहित वायु यातायात सेवा उपलब्ध हैं।   हालांकि वीएचएफ संचार व्यवस्था एक लाइन ऑफ साइट कम्युनिकेशन व्यवस्था होने तथा राज्य की पर्वतीय भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उत्तराखंड के अधिकांश क्षेत्र अभी भी इस व्यवस्था से आच्छादित नहीं हो पाए हैं। इसके मद्देनजर श्री केदारनाथ धाम और सहस्त्रधारा हेलिड्रोम में वायु यातायात नियंत्रण स्थापित किया जाए।  मुख्यमंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य के सीमावर्ती शहर पिथौरागढ़ के लिए अलायन्स एयर द्वारा द्वारा उत्तराखंड एयर कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत दिल्ली-पिथौरागढ़-दिल्ली उड़ान संचालन हेतु सहमति हो गई है। राज्य सरकार द्वारा हवाई अड्डे के लिए 2 सी श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एटीआर 42 विमानों के संचालन हेतु पायलट्स के लिए सिम्युलेटर ट्रेनिंग आवश्यक है।  उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अलायन्स एयर को सिम्युलेटर ट्रेनिंग प्रक्रिया शीघ्र आरंभ करने हेतु सम्बंधित विभाग को निर्देशित करने का अनुरोध किया गया।इससे पहले धामी प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री तथा वित्त मंत्री से भी मुलाकात कर चुके हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

गुणवत्ता तीन आवश्यक स्तंभों - बाजार, रोगी और पड़ोसी पर खड़ी है: अरुणिश चावला

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। भारतीय फार्मास्युटिकल अलायंस (आईपीए) द्वारा आयोजित ग्लोबल फार्मास्युटिकल क्वालिटी समिट का उद्घाटन करते हुए फार्मास्युटिकल विभाग के सचिव डॉ अरुणिश चावला ने कहा कि गुणवत्ता सर्वोपरि है, जो तीन आवश्यक स्तंभों - बाजार, रोगी और पड़ोसी पर खड़ी है। बाजार की गुणवत्ता प्रीमियम की मांग करती है और प्रतिष्ठा बनाती है। शिखर सम्मेलन का विषय था, 'विनिर्माण और गुणवत्ता में प्रगति - रोगी केंद्रितता'। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन उद्योग के नेताओं, वैश्विक नियामकों, गुणवत्ता विशेषज्ञों और हितधारकों को ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और भारत में फार्मास्युटिकल परिदृश्य को आकार देने में महत्व के क्षेत्रों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ लाता है। फार्मास्युटिकल विभाग के सचिव डॉ अरुणिश चावला ने मुख्य भाषण दिया।   और अच्छे इंजीनियरिंग प्रथाओं और प्रक्रिया विश्लेषणात्मक उपकरणों पर आईपीए सर्वोत्तम अभ्यास दिशानिर्देश जारी किया। उन्होंने कहा कि हमने ड्रग एंड कॉस्मेटिक रूल्स की अनुसूची एम को अपग्रेड किया है, जो कुछ क्षेत्रों में डब्ल्यूएचओ जीएमपी मानकों से आगे निकल गया है। जुलाई 2024 में शुरू होने वाले ऑडिट के साथ, हमारा लक्ष्य विश्व स्तरीय उत्पादों का उत्पादन करना है, जैसा कि प्रधानमंत्री के 'शून्य दोष और शून्य प्रभाव' के दृष्टिकोण पर जोर दिया गया है। गुणवत्ता के लिए निवेश की आवश्यकता होती है, और हम सुधार पहलों के माध्यम से मध्यम और छोटे संयंत्रों का समर्थन करते हैं। भारतीय उद्योग की अखंडता हर खिलाड़ी के उच्चतम मानकों के पालन पर निर्भर करती है। जब कोई विफल होता है, तो यह पूरे उद्योग को प्रभावित करता है। इसलिए, हमें अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा करने और हर पहलू में उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक रूप से गुणवत्ता को बनाए रखना चाहिए।"   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 28, 2024

धामी ने खट्टर से उत्तराखंड के लिए 500 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति स्थायी रूप से आवंटित किये जाने का अनुरोध किया

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से शिष्टाचार भेंट कर केंद्रीय मंत्री, आवास एवं शहरी मामले और केंद्रीय मंत्री ऊर्जा के दायित्व का कार्यभार ग्रहण किये जाने पर बधाई और शुभकामनायें दीं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से केन्द्रीय तापीय संयंत्रों से 500 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति उत्तराखण्ड राज्य को स्थायी रूप से आवंटित किये जाने का अनुमोदन प्रदान करने का अनुरोध किया।   मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में विद्युत उत्पादन हेतु केवल जल विद्युत ऊर्जा उत्पादन केन्द्रों की उपलब्धता है जिसके फलस्वरूप राज्य के कुल ऊर्जा मिश्रण में 55% से अधिक ऊर्जा जल विद्युत ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त होती है। कोयला आधारित संयंत्रों से राज्य के Energy Mix में केवल 15% ऊर्जा ही प्राप्त होती है। जिसके फलस्वरूप राज्य में बेस लोड क्षमता का अभाव राज्य की ऊर्जा सुरक्षा के लिये कठिन चुनौती बनता जा रहा है। शीत ऋतु में राज्य के जल विद्युत ऊर्जा स्रोतों से औसतन 300-400 मेगावाट ऊर्जा ही प्राप्त हो पाती है   , जो ऊर्जा सुरक्षा की स्थिति को और गम्भीर बनाती है। राज्य में लगभग 4800 मेगावाट क्षमता की जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण मुख्यतः पर्यावरणीय कारणों से विभिन्न मा० न्यायालयों अथवा अन्य स्तरों पर लम्बित है जिस कारण राज्य में उपलब्ध जल शक्ति का विकास न हो पाने के कारण राज्य में विद्युत की माँग एवं उपलब्धता का अन्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा इस वर्ष सम्पादित की गई संसाधन पर्याप्तता अध्ययन में भी उत्तराखण्ड राज्य के ऊर्जा मिश्रण में वर्ष 2027-28 तक 1200 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत कोयला आधारित तापीय संयत्रों से प्राप्त किये जाने की संस्तुति की गई है।   आगामी पाँच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु राज्य के आधारभूत ढ़ाँचे में व्यापक वृद्धि की जानी है, जिसमें राज्य में औद्योगिकीकरण, सेवा क्षेत्र जिसमें पर्यटन से जुड़ा आधारभूत ढाँचा मुख्य है, कृषि एवं वानिकी तथा शिक्षा आदि क्षेत्रों में मुख्य रूप से निवेश आकर्षित हो रहा है, जिसके फलस्वरूप निकट भविष्य में विद्युत की मांग में तेज वृद्धि अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से राज्य की बेस लोड की आवश्यकताओं को पूर्ण किये जाने और विद्युत की मांग तथा उपलब्धता के अन्तर को कम किये जाने के लिए केन्द्रीय तापीय संयंत्रों से 500 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति उत्तराखण्ड राज्य को स्थायी रूप से आवंटित किये जाने का अनुमोदन प्रदान करने का अनुरोध किया।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

नीतियों का विरोध करना और संसद में बाधा डालना अलग-अलग बातें', संयुक्त बैठक में बोलीं राष्ट्रपति

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को 18वीं लोकसभा की पहली संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि नीतियों का विरोध करना और संसद में बाधा डालना दो अलग-अलग बातें हैं। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति ने संसद में होने वाले हंगामे और कम कामकाज पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाना देश के प्रत्येक नागरिक की आकांक्षा और संकल्प है और इन आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए।   *संसद का सुचारू रूप से चलना अहम*   राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'नीतियों का विरोध करना और संसदीय कामकाज में बाधा डालना दो अलग-अलग बातें हैं। जब संसद का कामकाज सुचारू रूप से चलता है, तो वहां स्वस्थ विचार-विमर्श होता है और दूरगामी फैसले लिए जाते हैं, जो लोगों का न सिर्फ सरकार में बल्कि पूरी व्यवस्था में विश्वास बढ़ता है। इसलिए मुझे विश्वास है कि संसद के प्रत्येक क्षण का पूरा उपयोग किया जाएगा और जनहित को प्राथमिकता दी जाएगी।'   वर्तमान समय भारत के लिए हर तरह से अनुकूल'   राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'हम सभी की जिम्मेदारी है कि विकसित राष्ट्र के संकल्प को प्राप्त करने में कोई बाधा न आए।' उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा में कई नए सदस्य पहली बार संसदीय प्रणाली का हिस्सा बने हैं और पुराने सदस्य भी नए उत्साह के साथ वापस आए हैं। राष्ट्रपति ने कहा, 'आप सभी जानते हैं कि वर्तमान समय भारत के लिए हर तरह से अनुकूल है। आने वाले वर्षों में सरकार और भारत की संसद द्वारा लिए गए निर्णयों और बनाई गई नीतियों पर पूरी दुनिया की नजरें रहेंगी। यह सुनिश्चित करना सरकार के साथ-साथ प्रत्येक सांसद की जिम्मेदारी है कि इस अनुकूल समय का देश को अधिकतम लाभ मिले। पिछले 10 वर्षों में हुए सुधारों और देश में आए नए आत्मविश्वास के साथ, हमने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक नई गति प्राप्त की है।'   *आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था*   अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आपातकाल पर भी करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 'देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर कई हमले हुए हैं। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था। जब इसे लगाया गया तो पूरे देश में हाहाकार मचा, लेकिन देश ने ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त की। मेरी सरकार भी भारतीय संविधान को सिर्फ शासन का माध्यम नहीं बना सकती। हम अपने संविधान को जनचेतना का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी वजह से मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। हमारे जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह लागू किया गया, जहां अनुच्छेद 370 के कारण पहले स्थिति अलग थी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

पहली बार संसद पहुंचे चंद्रशेखर जब माइक भी न चालू कर पाए

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। ओम बिरला के लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई. इस दौरान उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा सीट से आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर ने नवनिर्वाचित स्पीकर को बधाई दी.    भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद जब खड़े होकर बोलना शुरू किया तब माइक से ठीक से आवाज नहीं आ रही थी, जिसके बाद उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा, "सर माइक स्टार्ट नहीं हो रहा है." इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने उन्हें बताया कि कैसे माइक का इस्तेमाल करना है.   *लोकसभा अध्यक्ष ने बताया माइक का इस्तेमाल करना*   भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की आवाज जब ठीक से नहीं आ रही थी तब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें कहा कि माइक ऑन करने के बाद एक सेकेंड रुका करें, फिर ये चालू हो जाएगा. ऐसा करने के बाद माइक फिर से चालू हो गया.     हमारे लोग बहुत बुरी हालात में हैं   सांसद चंद्रशेखर ने ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा, "आप लोकसभा के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए हैं. बहुत सारे सदस्यों ने आपकी तारीफ की है. आपने खुद कई बार मेरी मदद की है. हम नई पार्टी हैं और मैं अपने लोगों की आजाद आवाज हूं. मैं आपसे संरक्षण की उम्मीद करता हूं. हमारे लोग बहुत बुरी हालात में हैं और अगर हमें मौका नहीं मिलेगा तो हम अपनी बात नहीं रख पाएंगे."   लोकसभा में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के तीखे तेवर नजर आये थे. उन्होंने संसद में "नमो बुद्धाय, जय भीम, जय भारत, जय संविधान, जय जवान-जय किसान, लोकतंत्र जिंदाबाद, भारत की महान जनता जिंदाबाद के नारे लगाए थे. इसके बाद सांसदों की ओर से आवाज आई कि पूरा भाषण देंगे क्या, जिसके बाद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यहां कहने की आए हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

कल्याणेश्वर महादेव मंदिर गढ़मिरकपुर धाम का होगा भव्य कायाकल्प - राजेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज

सोनीपत, 27 जून 2024 (यूटीएन)। जनपद सोनीपत के कल्याणेश्वर महादेव मंदिर गढ़मिरकपुर धाम के महंत महामण्ड़लेश्वर राजेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज ने बताया कि जल्द ही धाम और मंदिर का भव्य कायाकल्प किया जायेगा। मंदिर के पूर्व महंत स्वर्गीय सदानन्द सरस्वती उर्फ शीतलदास महाराज के सपनों को साकार करते हुए मंदिर को भव्य और विशाल रूप दिया जायेगा। पूर्व महंत स्वर्गीय सदानन्द सरस्वती महाराज के समाधि स्थल का भव्य निर्माण कराया जायेगा। 27 मई वर्ष 2024 को महंत स्वर्गीय सदानन्द सरस्वती उर्फ शीतलदास महाराज को समाधि दिये जाने के बाद आदि गुरू शंकराचार्य अनन्तानंत सरस्वती महाराज, राजगुरू मठ, शिवाला घाट काशी के आदेश और साधु-संतो और समाज की सर्वसम्मति से महामण्ड़लेश्वर राजेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज को कल्याणेश्वर महादेव मंदिर गढ़मिरकपुर धाम जनपद सोनीपत के महंत पद पर आसीन किया गया है। राजेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज अपने गुरू भाई और पूर्व महंत स्वर्गीय सदानन्द सरस्वती के समय से ही इस धाम से जुड़े हुए है और क्षेत्र के साधु-संतो और समाज से भलीभांति परिचित है।   इस प्रसिद्ध धाम में राजेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज 14 मई वर्ष 2024 से लेकर 21 जून वर्ष 2024, 41 दिनों तक तपती धूप में क्षेत्र के विकास और समृद्धि के लिए 108 धूनों की कठिन तपस्या और विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर चुके है। महाराज धार्मिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका तो अदा करते ही है, इसके साथ-साथ इनमें देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। महाराज वर्ष 1999 से लेकर वर्ष 2004 तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं प्रदान कर चुके है। आर्मी में सुबह प्रैक्टिस के समय इनको ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें यह गंभीर रूप से घायल हो गये थे, इसी कारण इनको आर्मी की नौकरी छोड़नी पड़ी। महाराज बचपन से ही बड़े धार्मिक स्वभाव के है। महाराज का प्रसिद्ध काली खोली धाम में आना जाना लगा रहता है। खोली धाम में 17 जौलाई वर्ष 2019 में उन्होंने सांसारिक मोहमाया को छोड़कर महंत महाकाल गिरी खड़ेशरी महाराज द्वारा सन्यास ग्रहण किया। वर्ष 2022 में सरस्वती पंथ से जुड़े उज्जैन के महामण्ड़लेश्वर सर्वेशानन्द महाराज ने हस्तिनापुर में महाराज को संस्कार दिलाया इसके उपरान्त महाराज ने देशभर में धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। कल्याणेश्वर महादेव मंदिर गढ़मिरकपुर धाम में महाराज के साथ जयंती माता शक्ति पीठ मंदिर पांडु टीला हस्तिनापुर मेरठ से जुड़े प्रसिद्ध पंड़ित प्रेमानन्द जी विराजमान है और वह धाम के मंदिर में पूजा-अर्चना करते है। धाम में केशव शर्मा मुख्य सेवादार है।   बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।  

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Jun 27, 2024