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गुणवत्ता तीन आवश्यक स्तंभों - बाजार, रोगी और पड़ोसी पर खड़ी है: अरुणिश चावला

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। भारतीय फार्मास्युटिकल अलायंस (आईपीए) द्वारा आयोजित ग्लोबल फार्मास्युटिकल क्वालिटी समिट का उद्घाटन करते हुए फार्मास्युटिकल विभाग के सचिव डॉ अरुणिश चावला ने कहा कि गुणवत्ता सर्वोपरि है, जो तीन आवश्यक स्तंभों - बाजार, रोगी और पड़ोसी पर खड़ी है। बाजार की गुणवत्ता प्रीमियम की मांग करती है और प्रतिष्ठा बनाती है। शिखर सम्मेलन का विषय था, 'विनिर्माण और गुणवत्ता में प्रगति - रोगी केंद्रितता'। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन उद्योग के नेताओं, वैश्विक नियामकों, गुणवत्ता विशेषज्ञों और हितधारकों को ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और भारत में फार्मास्युटिकल परिदृश्य को आकार देने में महत्व के क्षेत्रों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ लाता है। फार्मास्युटिकल विभाग के सचिव डॉ अरुणिश चावला ने मुख्य भाषण दिया।   और अच्छे इंजीनियरिंग प्रथाओं और प्रक्रिया विश्लेषणात्मक उपकरणों पर आईपीए सर्वोत्तम अभ्यास दिशानिर्देश जारी किया। उन्होंने कहा कि हमने ड्रग एंड कॉस्मेटिक रूल्स की अनुसूची एम को अपग्रेड किया है, जो कुछ क्षेत्रों में डब्ल्यूएचओ जीएमपी मानकों से आगे निकल गया है। जुलाई 2024 में शुरू होने वाले ऑडिट के साथ, हमारा लक्ष्य विश्व स्तरीय उत्पादों का उत्पादन करना है, जैसा कि प्रधानमंत्री के 'शून्य दोष और शून्य प्रभाव' के दृष्टिकोण पर जोर दिया गया है। गुणवत्ता के लिए निवेश की आवश्यकता होती है, और हम सुधार पहलों के माध्यम से मध्यम और छोटे संयंत्रों का समर्थन करते हैं। भारतीय उद्योग की अखंडता हर खिलाड़ी के उच्चतम मानकों के पालन पर निर्भर करती है। जब कोई विफल होता है, तो यह पूरे उद्योग को प्रभावित करता है। इसलिए, हमें अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा करने और हर पहलू में उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक रूप से गुणवत्ता को बनाए रखना चाहिए।"   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 28, 2024

धामी ने खट्टर से उत्तराखंड के लिए 500 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति स्थायी रूप से आवंटित किये जाने का अनुरोध किया

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से शिष्टाचार भेंट कर केंद्रीय मंत्री, आवास एवं शहरी मामले और केंद्रीय मंत्री ऊर्जा के दायित्व का कार्यभार ग्रहण किये जाने पर बधाई और शुभकामनायें दीं। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से केन्द्रीय तापीय संयंत्रों से 500 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति उत्तराखण्ड राज्य को स्थायी रूप से आवंटित किये जाने का अनुमोदन प्रदान करने का अनुरोध किया।   मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में विद्युत उत्पादन हेतु केवल जल विद्युत ऊर्जा उत्पादन केन्द्रों की उपलब्धता है जिसके फलस्वरूप राज्य के कुल ऊर्जा मिश्रण में 55% से अधिक ऊर्जा जल विद्युत ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त होती है। कोयला आधारित संयंत्रों से राज्य के Energy Mix में केवल 15% ऊर्जा ही प्राप्त होती है। जिसके फलस्वरूप राज्य में बेस लोड क्षमता का अभाव राज्य की ऊर्जा सुरक्षा के लिये कठिन चुनौती बनता जा रहा है। शीत ऋतु में राज्य के जल विद्युत ऊर्जा स्रोतों से औसतन 300-400 मेगावाट ऊर्जा ही प्राप्त हो पाती है   , जो ऊर्जा सुरक्षा की स्थिति को और गम्भीर बनाती है। राज्य में लगभग 4800 मेगावाट क्षमता की जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण मुख्यतः पर्यावरणीय कारणों से विभिन्न मा० न्यायालयों अथवा अन्य स्तरों पर लम्बित है जिस कारण राज्य में उपलब्ध जल शक्ति का विकास न हो पाने के कारण राज्य में विद्युत की माँग एवं उपलब्धता का अन्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा इस वर्ष सम्पादित की गई संसाधन पर्याप्तता अध्ययन में भी उत्तराखण्ड राज्य के ऊर्जा मिश्रण में वर्ष 2027-28 तक 1200 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत कोयला आधारित तापीय संयत्रों से प्राप्त किये जाने की संस्तुति की गई है।   आगामी पाँच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु राज्य के आधारभूत ढ़ाँचे में व्यापक वृद्धि की जानी है, जिसमें राज्य में औद्योगिकीकरण, सेवा क्षेत्र जिसमें पर्यटन से जुड़ा आधारभूत ढाँचा मुख्य है, कृषि एवं वानिकी तथा शिक्षा आदि क्षेत्रों में मुख्य रूप से निवेश आकर्षित हो रहा है, जिसके फलस्वरूप निकट भविष्य में विद्युत की मांग में तेज वृद्धि अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से राज्य की बेस लोड की आवश्यकताओं को पूर्ण किये जाने और विद्युत की मांग तथा उपलब्धता के अन्तर को कम किये जाने के लिए केन्द्रीय तापीय संयंत्रों से 500 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति उत्तराखण्ड राज्य को स्थायी रूप से आवंटित किये जाने का अनुमोदन प्रदान करने का अनुरोध किया।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

नीतियों का विरोध करना और संसद में बाधा डालना अलग-अलग बातें', संयुक्त बैठक में बोलीं राष्ट्रपति

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को 18वीं लोकसभा की पहली संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि नीतियों का विरोध करना और संसद में बाधा डालना दो अलग-अलग बातें हैं। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति ने संसद में होने वाले हंगामे और कम कामकाज पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाना देश के प्रत्येक नागरिक की आकांक्षा और संकल्प है और इन आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए।   *संसद का सुचारू रूप से चलना अहम*   राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'नीतियों का विरोध करना और संसदीय कामकाज में बाधा डालना दो अलग-अलग बातें हैं। जब संसद का कामकाज सुचारू रूप से चलता है, तो वहां स्वस्थ विचार-विमर्श होता है और दूरगामी फैसले लिए जाते हैं, जो लोगों का न सिर्फ सरकार में बल्कि पूरी व्यवस्था में विश्वास बढ़ता है। इसलिए मुझे विश्वास है कि संसद के प्रत्येक क्षण का पूरा उपयोग किया जाएगा और जनहित को प्राथमिकता दी जाएगी।'   वर्तमान समय भारत के लिए हर तरह से अनुकूल'   राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'हम सभी की जिम्मेदारी है कि विकसित राष्ट्र के संकल्प को प्राप्त करने में कोई बाधा न आए।' उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा में कई नए सदस्य पहली बार संसदीय प्रणाली का हिस्सा बने हैं और पुराने सदस्य भी नए उत्साह के साथ वापस आए हैं। राष्ट्रपति ने कहा, 'आप सभी जानते हैं कि वर्तमान समय भारत के लिए हर तरह से अनुकूल है। आने वाले वर्षों में सरकार और भारत की संसद द्वारा लिए गए निर्णयों और बनाई गई नीतियों पर पूरी दुनिया की नजरें रहेंगी। यह सुनिश्चित करना सरकार के साथ-साथ प्रत्येक सांसद की जिम्मेदारी है कि इस अनुकूल समय का देश को अधिकतम लाभ मिले। पिछले 10 वर्षों में हुए सुधारों और देश में आए नए आत्मविश्वास के साथ, हमने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक नई गति प्राप्त की है।'   *आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था*   अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आपातकाल पर भी करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 'देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर कई हमले हुए हैं। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था। जब इसे लगाया गया तो पूरे देश में हाहाकार मचा, लेकिन देश ने ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त की। मेरी सरकार भी भारतीय संविधान को सिर्फ शासन का माध्यम नहीं बना सकती। हम अपने संविधान को जनचेतना का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी वजह से मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। हमारे जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह लागू किया गया, जहां अनुच्छेद 370 के कारण पहले स्थिति अलग थी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

पहली बार संसद पहुंचे चंद्रशेखर जब माइक भी न चालू कर पाए

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। ओम बिरला के लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई. इस दौरान उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा सीट से आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर ने नवनिर्वाचित स्पीकर को बधाई दी.    भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद जब खड़े होकर बोलना शुरू किया तब माइक से ठीक से आवाज नहीं आ रही थी, जिसके बाद उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा, "सर माइक स्टार्ट नहीं हो रहा है." इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने उन्हें बताया कि कैसे माइक का इस्तेमाल करना है.   *लोकसभा अध्यक्ष ने बताया माइक का इस्तेमाल करना*   भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की आवाज जब ठीक से नहीं आ रही थी तब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें कहा कि माइक ऑन करने के बाद एक सेकेंड रुका करें, फिर ये चालू हो जाएगा. ऐसा करने के बाद माइक फिर से चालू हो गया.     हमारे लोग बहुत बुरी हालात में हैं   सांसद चंद्रशेखर ने ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा, "आप लोकसभा के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए हैं. बहुत सारे सदस्यों ने आपकी तारीफ की है. आपने खुद कई बार मेरी मदद की है. हम नई पार्टी हैं और मैं अपने लोगों की आजाद आवाज हूं. मैं आपसे संरक्षण की उम्मीद करता हूं. हमारे लोग बहुत बुरी हालात में हैं और अगर हमें मौका नहीं मिलेगा तो हम अपनी बात नहीं रख पाएंगे."   लोकसभा में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के तीखे तेवर नजर आये थे. उन्होंने संसद में "नमो बुद्धाय, जय भीम, जय भारत, जय संविधान, जय जवान-जय किसान, लोकतंत्र जिंदाबाद, भारत की महान जनता जिंदाबाद के नारे लगाए थे. इसके बाद सांसदों की ओर से आवाज आई कि पूरा भाषण देंगे क्या, जिसके बाद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यहां कहने की आए हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

कल्याणेश्वर महादेव मंदिर गढ़मिरकपुर धाम का होगा भव्य कायाकल्प - राजेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज

सोनीपत, 27 जून 2024 (यूटीएन)। जनपद सोनीपत के कल्याणेश्वर महादेव मंदिर गढ़मिरकपुर धाम के महंत महामण्ड़लेश्वर राजेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज ने बताया कि जल्द ही धाम और मंदिर का भव्य कायाकल्प किया जायेगा। मंदिर के पूर्व महंत स्वर्गीय सदानन्द सरस्वती उर्फ शीतलदास महाराज के सपनों को साकार करते हुए मंदिर को भव्य और विशाल रूप दिया जायेगा। पूर्व महंत स्वर्गीय सदानन्द सरस्वती महाराज के समाधि स्थल का भव्य निर्माण कराया जायेगा। 27 मई वर्ष 2024 को महंत स्वर्गीय सदानन्द सरस्वती उर्फ शीतलदास महाराज को समाधि दिये जाने के बाद आदि गुरू शंकराचार्य अनन्तानंत सरस्वती महाराज, राजगुरू मठ, शिवाला घाट काशी के आदेश और साधु-संतो और समाज की सर्वसम्मति से महामण्ड़लेश्वर राजेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज को कल्याणेश्वर महादेव मंदिर गढ़मिरकपुर धाम जनपद सोनीपत के महंत पद पर आसीन किया गया है। राजेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज अपने गुरू भाई और पूर्व महंत स्वर्गीय सदानन्द सरस्वती के समय से ही इस धाम से जुड़े हुए है और क्षेत्र के साधु-संतो और समाज से भलीभांति परिचित है।   इस प्रसिद्ध धाम में राजेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज 14 मई वर्ष 2024 से लेकर 21 जून वर्ष 2024, 41 दिनों तक तपती धूप में क्षेत्र के विकास और समृद्धि के लिए 108 धूनों की कठिन तपस्या और विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर चुके है। महाराज धार्मिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका तो अदा करते ही है, इसके साथ-साथ इनमें देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। महाराज वर्ष 1999 से लेकर वर्ष 2004 तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं प्रदान कर चुके है। आर्मी में सुबह प्रैक्टिस के समय इनको ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें यह गंभीर रूप से घायल हो गये थे, इसी कारण इनको आर्मी की नौकरी छोड़नी पड़ी। महाराज बचपन से ही बड़े धार्मिक स्वभाव के है। महाराज का प्रसिद्ध काली खोली धाम में आना जाना लगा रहता है। खोली धाम में 17 जौलाई वर्ष 2019 में उन्होंने सांसारिक मोहमाया को छोड़कर महंत महाकाल गिरी खड़ेशरी महाराज द्वारा सन्यास ग्रहण किया। वर्ष 2022 में सरस्वती पंथ से जुड़े उज्जैन के महामण्ड़लेश्वर सर्वेशानन्द महाराज ने हस्तिनापुर में महाराज को संस्कार दिलाया इसके उपरान्त महाराज ने देशभर में धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। कल्याणेश्वर महादेव मंदिर गढ़मिरकपुर धाम में महाराज के साथ जयंती माता शक्ति पीठ मंदिर पांडु टीला हस्तिनापुर मेरठ से जुड़े प्रसिद्ध पंड़ित प्रेमानन्द जी विराजमान है और वह धाम के मंदिर में पूजा-अर्चना करते है। धाम में केशव शर्मा मुख्य सेवादार है।   बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।  

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Jun 27, 2024

करनाल कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच से आप ने विधानसभा चुनाव का किया शंखनाद

पिंजौर, 26 जून 2024 (यूटीएन)। आम आदमी पार्टी के पंचकुला जिला अध्यक्ष रंजीत उप्पल ने जानकारी देते हुए कहा बताया कि आम आदमी पार्टी का प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन मंगलवार को करनाल में आयोजित किया गया इसमें प्रदेश भर से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ संदीप पाठक की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा एवं सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे। अपने संबोधन में संदीप पाठक ने कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया। उन्होंने कहा हमारा रास्ता संघर्ष और कांटों से भरा हुआ है और प्रदेश एवं समाज सुधार की इस मुहिम में संघर्षशील और कर्मठ साथी ही साथ चल पाएंगे।   उन्होंने कहा आम आदमी का कार्यकर्ता आज भी मजबूत है और इसको कोई भी खरीद नहीं सकता। उन्होंने कहा कि हमारे नेता अरविंद केजरीवाल को भाजपा के भ्रष्ट लोगों ने नाजायज तरीके से जेल में डाल रखा है। उनका मकसद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बुलंद हौसलों को खत्म करना है। लेकिन यह संभव नहीं हो सकता। आम आदमी पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल है। रंजीत उप्पल ने कहा कि पार्टी के आला कमान के दिशा निर्देशों अनुसार करनाल कार्यक्रम में मंच से विधानसभा चुनावो का शंखनाद किया गया। सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट चुके हैं। उन्होंने बताया कि हम हर गांव में जाएंगे जन संवाद करेंगे।   लोगों की समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे तथा आम आदमी पार्टी की नीतियों से अवगत कराएंगे। ताकि हम जनता के साथ मिलकर बदलाव ला सकें। रंजीत उप्पल ने कहा कि हरियाणा की जनता बदलाव चाहती है,और जनता आम आदमी पार्टी को विकल्प के रूप में देख रही है। रंजीत उप्पल ने कहा कि हरियाणा अरविंद केजरीवाल की जन्म भूमि है और यहां की जनता उनका आशीर्वाद जरूर देगी उन्होंने कहा आने वाला समय आम आदमी पार्टी का है। हरियाणा में आम आदमी पार्टी की बहुमत की सरकार बनाएगी और हरियाणा में सुशासन स्थापित करेगी। इस पत्रकार वार्ता के दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष ईश्वर सिंह, ब्लॉक प्रधान प्रवीण कुमार, गुरचरण सिंह करणपुर, मेहर सिंह लौहगढ़ मौजूद रहे।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।  

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Jun 26, 2024

संसद सिर्फ दीवारें नहीं बल्कि 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा का केंद्र है": प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री ने बिरला के लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष पद संभालने का स्वागत किया। उन्होंने अध्यक्ष को सदन की ओर से शुभकामनाएं दीं। अमृत ​​काल के दौरान बिरला के दूसरी बार कार्यभार संभालने के महत्व को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि  बिरला को उनके पिछले पांच साल के अनुभव और उनके साथ संसद सदस्यों के अनुभव से इस महत्वपूर्ण समय में सदन का मार्गदर्शन करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अध्यक्ष के विनम्र तथा नम्र व्यक्तित्व और उनकी विजयी मुस्कान से उन्हें सदन का संचालन करने में मदद मिलती है। प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि लोकसभा के दोबारा चुने गए अध्यक्ष नई सफलता हासिल करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहले बलराम जाखड़ लगातार पांच वर्षों के बाद फिर से इस पद पर आसीन होने वाले पहले अध्यक्ष थे, और ओम बिरला हैं।   जिन्हें 17वीं लोकसभा के सफल समापन के बाद 18वीं लोकसभा का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने बीच में 20 साल की अवधि की प्रवृत्ति की ओर भी इशारा किया जिस दौरान लोकसभा का अध्यक्ष चुने गए लोग या तो चुनाव नहीं लड़े या अध्यक्षीय कार्यकाल के बाद चुनाव जीत नहीं सके, लेकिन यह ओम बिरला हैं जिन्होंने चुनाव में फिर से विजयी होने के बाद अध्यक्ष के रूप में वापसी करके इतिहास रचा है। प्रधानमंत्री ने एक सांसद के रूप में अध्यक्ष के कामकाज पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने ओम बिरला के संसदीय क्षेत्र में स्वस्थ मां और स्वस्थ बच्चे के उल्लेखनीय अभियान का उल्लेख किया। उन्होंने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र कोटा के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में बिरला के किए गए अच्छे कार्यों पर भी टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने बिरला की इस बात के लिए भी प्रशंसा की कि उन्होंने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में खेलों को भरपूर बढ़ावा दिया।    पिछली लोकसभा के दौरान बिरला के नेतृत्व को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने उस अवधि को हमारे संसदीय इतिहास का स्वर्णिम काल बताया। प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा के दौरान लिए गए परिवर्तनकारी फैसलों को याद करते हुए अध्यक्ष के नेतृत्व की सराहना की। प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकार संरक्षण विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, प्रत्यक्ष कर - विवाद से विश्वास विधेयक जैसे सभी ऐतिहासिक अधिनियमों का उल्लेख किया जिन्हें ओम बिरला की अध्यक्षता में पारित किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की लंबी यात्रा विभिन्न पड़ावों का गवाह बनती है जो नए रिकॉर्ड बनाने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत के लोग भविष्य में भी 17वीं लोकसभा को उसकी उपलब्धियों के लिए सराहते रहेंगे।    उन्होंने भारत को एक आधुनिक राष्ट्र बनाने की दिशा में 17वीं लोकसभा में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने सदन को आश्वास्त किया कि नया संसद भवन माननीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में अमृत काल के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। मोदी ने वर्तमान अध्यक्ष की अध्यक्षता में नए संसद भवन के उद्घाटन को याद किया और लोकतांत्रिक पद्धतियों की नींव को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए कदमों की भी सराहना की। उन्होंने सदन में चर्चा को बढ़ावा देने के लिए अध्यक्ष बिरला द्वारा शुरू की गई पेपरलेस वर्कफ़्लो और व्यवस्थित ब्रीफिंग प्रक्रिया की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने जी-20 देशों के विधायी निकायों के अध्यक्षों के बेहद सफल पी-20 सम्मेलन के लिए भी अध्यक्ष की सराहना की, जिसमें बड़ी संख्या में देशों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद भवन सिर्फ दीवारों का जमावड़ा नहीं बल्कि 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षा का केंद्र है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सदन की कार्यप्रणाली, आचरण और जवाबदेही हमारे देश में लोकतंत्र की नींव को मजबूत करती है।    प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा की रिकॉर्ड उत्पादकता का उल्लेख किया जो 97 प्रतिशत रही। मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान सदन के सदस्यों के प्रति अध्यक्ष के व्यक्तिगत संबंध और चिंता का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बिरला की इस बात के लिए भी सराहना की कि उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान भी सदन की कार्यवाही को बाधित नहीं होने दिया। उस दौरान संसद की उत्पादकता 170 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। प्रधानमंत्री ने सदन की गरिमा को बनाए रखने में अध्यक्ष द्वारा दिखाए गए संतुलन की सराहना की जिस दौरान कई कठोर निर्णय लेना भी शामिल था। उन्होंने परंपराओं को बनाए रखते हुए सदन के मूल्यों को बनाए रखने का विकल्प चुनने के लिए अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने लोगों की सेवा करके और उनके सपनों तथा आकांक्षाओं को साकार करके 18वीं लोकसभा के सफल होने पर अत्यधिक विश्वास व्यक्त किया। अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने ओम बिरला को दी गई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और देश को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

मुझे चुप रहने का भी अधिकार', कोर्ट में सीबीआई के दावे पर केजरीवाल का जवाब

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। दिल्ली की शराब नीति मामले में जांच कर रही सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. सीबीआई ने केजरीवाल की 5 दिन की कस्टडी मांगी है. इतना ही नहीं सीबीआई ने कोर्ट में दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति मामले में सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल दिया. सीबीआई के मुताबिक, केजरीवाल ने कहा है कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.    दिल्ली शराब नीति मामले में जांच कर रही ईडी ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. अब इस मामले में जांच कर रही सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने कोर्ट में कहा, हमें केजरीवाल से हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है. वह यह भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे. सीबीआई के मुताबिक, केजरीवाल का कहना है कि विजय नायर अतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे.    *केजरीवाल के वकील ने गिरफ्तारी पर उठाए सवाल*   इस पर केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा,  सबसे पहले अदालत को ये देखना होगा कि क्या गिरफ्तारी की जरूरत थी? इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि क्या रिमांड की जरूरत है? विक्रम चौधरी ने कहा, सीबीआई चाहती है कि केजरीवाल हिरासत में ही रहें. क्या ये स्वतंत्र एजेंसियां ​​हैं या फिर ये लोगों को खुश करने के लिए खेल रही हैं? मैं यह कह रहा हूं कि अगर यह आदमी वाकई दोषी था और उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए था, तो उन्होंने उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया?   *मुझे चुप रहने का अधिकार- केजरीवाल के वकील*   विक्रम चौधरी ने कहा, जांच अधिकारी को ठोस सबूत के जरिए यह साबित करना होगा कि केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. सहयोग न करना भी गिरफ्तारी का आधार नहीं है. सीबीआई का कहना है कि वो टालमटोल कर रहे थे. मुझे (केजरीवाल) चुप रहने का भी अधिकार है. सीबीआई ने कहा, इससे पहले केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम जमानत पर थे सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी. अगर इस बीच उन्हे गिरफ्तार किया जाता तो गलत संदेश जाता. हम सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम नहीं करना चाहते.    *कोर्ट में बिगड़ी केजरीवाल की तबीयत*   राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गई. उनका अचानक सुगर लेवल डाउन हो गया. इसके बाद उन्हें दूसरे रूम में बैठाया गया. उन्हें चाय और बिस्किट दिया गया. कोर्ट रूम में उस वक्त सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी मौजूद थीं.    *गिरफ्तारी पर बिफरीं पत्नी सुनीता केजरीवाल*   केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अब उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल का बयान सामने आया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "20 जून अरविंद केजरीवाल को बेल मिली. तुरंत ईडी ने स्टे लगवा लिया. अगले ही दिन सीबीआई ने आरोपी बना दिया और आज गिरफ़्तार कर लिया. पूरा तंत्र इस कोशिश में है कि बंदा जेल से बाहर ना आ जाये. ये कानून नहीं है, ये तानाशाही है, इमरजेंसी है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बधाई के बहाने इशारे ही इशारे में समझा गए राहुल और अखिलेश

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। बीजेपी सांसद ओम बिरला 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं. लोकसभा में बुधवार को उनका चुनाव ध्वनि मत से हुआ. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी. नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी उन्होंने बधाई दी. बाद में नेता सदन और नेता विपक्ष ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष के आसन तक लेकर गए. इसके बाद पीएम मोदी और नेता विपक्ष ने उन्हें लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी. इनके साथ-साथ अन्य नेताओं ने भी उन्हें बधाई दी. इस दौरान राहुल गांधी और अखिलेश यादव तंज कसते हुए भी नजर आए.    *राहुल गांधी क्या बोले?*   लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बधाई देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के पास राजनीतिक सत्ता है, लेकिन विपक्ष देश की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है. इस बार विपक्ष देश की आवाज का प्रतिनिधित्व कर रहा है. उन्होंने कहा,''अध्यक्ष जी विपक्ष आपको आपके काम में मदद करेगा. हम चाहते हैं कि सदन ठीक से काम करे.    उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि विपक्ष को सदन में जनता की आवाज को उठाने दिया जाए. मुझे विश्वास है कि आप हमें अपनी आवाज और जनता की आवाज को उठाने का मौका देंगे.'' नेता विपक्ष ने कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं है कि सदन ठीक से चले, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि भारत की आवाज को कितना सुना जाता है. उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाकर सदन चलाने का विचार बहुत ही अलोकतांत्रिक विचार है.   यह कहते हुए राहुल गांधी ने 17वीं लोकसभा में संसद की सुरक्षा के मुद्दे पर संसद से 150 से अधिक सांसदों के निलंबन की तरफ इशारा किया. राहुल गांधी ने कहा कि इस चुनाव में लोगों ने दिखाया है कि विपक्ष संविधान की रक्षा करे. मुझे पूरा विश्वास है कि आप विपक्ष को बोलने का मौका देकर, हमें भारत के लोगों की आवाज उठाने का मौका देकर आप संविधान की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाएंगे.   *क्या इशारा कर गए अखिलेश यादव*   वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव वे ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा,''प्रधानमंत्री जी और हमारे साथी नेता विपक्ष ने आपको बधाई दे चुके हैं. आपको पांच साल सदन चलाने का अनुभव रहा है. साथ ही आपको पुराने और नए दोनों सदन का अनुभव है. जिस पद पर आप बैठे हैं उससे कई गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं.    हम सब यही मानते हैं कि बिना भेदभाव के आगे बढ़ेगा और लोकसभा अध्‍यक्ष के रूप में हर सांसद और हर दल को सम्‍मान देंगे. निष्‍पक्षता इस महान पद की महान जिम्‍मेदारी है.'' उन्होंने कहा,''आप लोकतांत्रिक न्याय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में बैठे हैं.हम सबकी आपसे अपेक्षा है कि किसी जनप्रतिनिधि की आवाज दबाई ना जाए और न ही निष्कासन जैसी कार्रवाई दोबारा सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाएं. आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है, लेकिन आपका अंकुश सत्ता पक्ष पर भी रहे.''   *सांसदों के निलंबन की दिलाई याद*   अखिलेश ने आगे कहा कि आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो. हम आपके हर न्याय संगत फैसले के साथ खड़े हैं. मैं इस नए सदन में पहली बार आया हूं. मुझे लगा कि स्पीकर की कुर्सी बहुत ऊंची है, मैं जिस सदन को छोड़कर आया हूं वहां कुर्सी और ऊंची है,नया सदन में पत्थर तो ठीक लगा है, सबकुछ अच्छा लगा है. लेकिन कुछ दरारों में कुछ सीमेंट अभी भी लगा हुआ दिख रहा है. मुझे उम्मीद है कि आप जितना सत्ता पक्ष को मौका देंगे उतना ही विपक्ष को भी मौका देंगे.   यह कहकर अखिलेश यादव लोकसभा अध्यक्ष को उनकी गरिमा और कर्तव्यों की याद दिला रहे थे. ओम बिरला के पिछले कार्यकाल में उन पर विपक्ष लगातार भेदभाव का आरोप लगाता रहा है. उसका आरोप था कि ओम बिरला के इशारे पर विपक्षी सांसदों की आवाज दबाई जाती है. कांग्रेस ने उन पर एक बार राहुल गांधी के भाषण के दौरान उनका माइक बंद करने का आरोप लगाया था. लोकसभा के 90 से अधिक सांसदों के निलंबन को लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी.    *सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने पड़ते हैं: ओम बिरला*   स्पीकर ओम बिरला को बधाई देने के दौरान सांसदों ने पूर्व लोकसभा में किए गए निष्कासन का मुद्दा उठाया। सपा चीफ अखिलेश ने चुटकी ली तो एनसीपी (शरद गुट) ने भी 150 सांसदों को निकाले जाने का मसला उठाया। बाद में लोकसभा स्पीकर ने सबको धन्यवाद करते हुए विनम्रता से कहा कि वो हरगिज ऐसा नहीं चाहते कि किसी माननीय सदस्य को निष्कासित करें लेकिन सदन की मर्यादा को ध्यान में रख उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।   *अपेक्षाएं, आशाएं और आकांक्षाएं बढ़ीं...*   लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा- "यह 18वीं लोकसभा लोकतंत्र का विश्व का सबसे बड़ा उत्सव है। अन्य चुनौतियों के बावजूद 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने पूरे उत्साह के साथ चुनाव में भाग लिया। मैं सदन की ओर से उनका और देश की जनता का आभार व्यक्त करता हूं।   निष्पक्ष, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव प्रक्रिया संचालित करने के लिए और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी एक भी वोट पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा किए गए प्रयासों के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार बनी है। पिछले एक दशक में लोगों की अपेक्षाएं, आशाएं और आकांक्षाएं बढ़ी हैं। इसलिए, यह हमारा दायित्व बनता है कि उनकी अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए हम सामूहिक प्रयास करें।"   निष्कासन पर बोले क्या?   ओम बिरला ने कहा- वो नहीं चाहते कि किसी सांसद को निकालें लेकिन सदन की उच्चकोटि की गरिमा बनाए रखने के लिए ये जरूरी था। बोले- गतिरोध सदन की परंपरा नहीं है। बेल में आना सदन की परंपरा नहीं है। मैं कभी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करना नहीं चाहता, लेकिन जब नियम तोड़े जाते हैं तो कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं। विरोध को संसदीय मर्यादा के तहत दर्ज कराएं,   *प्रधानमंत्री को कहा धन्यवाद*   लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को शुक्रिया कहा। अपनी बात की शुरुआत उन्होंने धन्यवाद ज्ञापन से की। कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी, सदन के सभी सदस्यों को मुझे फिर से सदन के अध्यक्ष के रूप में दायित्व निर्वाहन करने का अवसर देने के लिए सबका आभार व्यक्त करता हूं...मुझ पर भरोसा दिखाने के लिए भी मैं सभी का आभारी हूं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024

अयोध्या: बारिश में राम मंदिर टपकने पर ट्रस्ट ने दी सफाई

नई दिल्ली, 26 जून 2024 (यूटीएन)। श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने राम मंदिर में कथित जल रिसाव पर कहा कि मैं अयोध्या में हूं। मैंने पहली मंजिल से बारिश का पानी गिरते हुए देखा है लेकिन ऐसा अपेक्षित है, क्योंकि गुरु मंडप दूसरी मंजिल के रूप में आकाश के सामने खुला है और शिखर के पूरा होने से यह उद्घाटन ढक जाएगा। मैंने कुछ रिसाव भी देखा है। चूंकि पहली मंजिल पर यह काम प्रगति पर है।   इसलिए सैंक्टम सेंटोरम में नाली बंद कर दी जाएगी क्योंकि सभी मंडपों में पानी की ढलान मापी गई है और सैंक्टम सेंटोरम में पानी को मैन्युअल रूप से अवशोषित किया जाता है। भक्त भगवान का अभिषेक नहीं कर रहे हैं, इसमें डिज़ाइन या निर्माण का कोई मुद्दा नहीं है। जो मंडप खुले हैं, उनमें बारिश का पानी गिर सकता है, इस पर बहस हुई थी लेकिन नगर वास्तु मानदंडों के अनुसार उन्हें खुला रखने का निर्णय लिया गया था।   *राममंदिर की सभी सतह पर हो रही वाटर प्रूफिंग*   पहली प्री-मानसून बारिश में राममंदिर की छत टपकने के सवाल पर राममंदिर के ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि वर्षा से रक्षा करने के लिए मंदिर के सभी सतह पर वाटर प्रूफिंग का काम चल रहा है। वर्षा शुरू होने से पहले वाटर प्रूफिंग का काम पूरा करने का लक्ष्य है। प्रथम तल पर कुछ जगहों पर होल्डिंग रखी है, सामान रखा है, वहां केवल वाटर प्रूफिंग का काम बाकी है। प्रथम तल पर 80 फीसदी वाटर प्रूफिंग का काम हो चुका है।   अनिल मिश्र ने बताया कि प्रथम तल पर वायरिंग और वाटर प्रूफिंग काम चल रहा है। वायरिंग के लिए पाइप भी लगाई गई है, इन्हीं पाइपों से पानी नीचे चला गया होगा। बिजली के वायरिंग के लिए जो पाइप लग रही है, वह भी सील की जा रही है। प्रथम व दूसरे तल पर जब वॉटर प्रूफिंग हो जाएगी तो एक भी बूंद पानी भूतल तक नहीं आएगा। वर्तमान में जो स्थितियां हैं वह रोज-रोज बदलती है। पानी जो थोड़ा बहुत नीचे आया है, उसे व्यवस्थित कर लिया गया है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 26, 2024