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सीआईआई ने पूर्वोत्तर में सामाजिक विकास में कॉर्पोरेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए सीएसआर कनेक्ट लॉन्च किया

नई दिल्ली, 04 जुलाई  2024 (यूटीएन)। दो दिवसीय नॉर्थ ईस्ट सीएसआर कनेक्ट - अनलॉकिंग नॉर्थ ईस्ट की क्षमता, 3-4 जुलाई 2024 को नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा लॉन्च किया गया है। मुख्य अतिथि, डॉ सुकांत मजूमदार, राज्य मंत्री, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उद्घाटन किया गया, इस पहल का उद्देश्य सरकार के साथ साझेदारी में प्रभावशाली पहलों के माध्यम से कॉर्पोरेट क्षेत्र और पूर्वोत्तर के सामाजिक-आर्थिक विकास के बीच की खाई को पाटना है।   अपने संबोधन में डॉ सुकांत मजूमदार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पूर्वोत्तर के लिए शुरू की गई 10,000 करोड़ रुपये की उन्नति योजना इस क्षेत्र में निवेश लाएगी। उन्होंने माननीय प्रधान मंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के आश्चर्यजनक कायापलट की सराहना की। केंद्रीय मंत्रालय न केवल अपनी चल रही योजनाओं के माध्यम से, बल्कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए समर्पित योजनाओं के माध्यम से भी अपने सकल बजटीय समर्थन का 10% उत्तर पूर्वी क्षेत्र में खर्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र के प्रति फोकस को दर्शाता है। बांग्लादेश के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर भारत सरकार के फोकस ने चटगांव बंदरगाह का उपयोग करके इस क्षेत्र में उद्योग के लिए व्यापार करने के कई रास्ते खोल दिए हैं।   उद्योग को इस व्यापार गलियारे का लाभ उठाना चाहिए जो दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने क्षेत्र के रणनीतिक लाभ पर प्रकाश डाला और कहा कि बांग्लादेश के साथ बेहतर द्विपक्षीय सहयोग और चटगांव बंदरगाह के खुलने से उद्योग के लिए व्यापार के लिए प्रवेश द्वार का उपयोग करने के कई रास्ते खुल गए हैं। इससे क्षेत्र में अधिक निवेश आएगा और सामाजिक-विकास पर अधिक गतिविधियाँ होंगी। 8 साल की अवधि (2014-15 से 2022-23) में, क्षेत्र 6.77% की CAGR से बढ़ रहा है जो राष्ट्रीय औसत 5.43% से अधिक है। इस क्षेत्र ने राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (स्थिर मूल्यों पर 2022-23) में 2.95% का योगदान दिया।   चंचल कुमार, आईएएस, सचिव, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि एनईआर के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने की आवश्यकता है और निजी वित्त पोषण के प्रवाह से क्षेत्र के विकास में तेजी आने की संभावना है। एनईआर में सीएसआर योगदान सीमित है और इसे नीति स्तर पर संबोधित करने की आवश्यकता है और इसलिए इस तरह के मंचों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सीएसआर निवेश आकर्षित करने के लिए प्रत्येक राज्य के लिए निवेश योग्य परियोजनाओं का भंडार विकसित करना चाहिए।   इससे पहले, अपने स्वागत भाषण में, सीआईआई के उपाध्यक्ष और आर मुकुंदन ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, सीएसआर की यात्रा 2 प्रतिशत अनुपालन उन्मुख दृष्टिकोण से पारदर्शिता और प्रभाव उन्मुखीकरण पर बढ़ते ध्यान की ओर बढ़ी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2 दिवसीय सीएसआर कॉन्क्लेव सीएसआर यात्रा पर प्रकाश डालेगा और कुछ नए विचार और दृष्टिकोण जुटाएगा जो उत्तर पूर्व में एक प्रभावशाली सीएसआर विजन को परिभाषित करने में हम सभी को प्रेरित करेगा। इस पहल में भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव, आईएएस इंद्र दीप सिंह धारीवाल और सीआईआई नॉर्थ ईस्ट काउंसिल के अध्यक्ष प्रदीप बागला भी शामिल हुए।   दो दिवसीय पहल में उत्तर पूर्व के सामाजिक-आर्थिक विकास में प्रभावशाली परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया, जो व्यवसायों, सरकार, नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठनों के लिए एक सहयोगी मंच प्रदान करता है। यह सर्वोत्तम प्रथाओं, नवीन विचारों और उभरते सीएसआर रुझानों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा। उत्तर पूर्व राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों की भागीदारी के साथ, 100 से अधिक गैर सरकारी संगठनों को सहयोग और साझेदारी के लिए 80 से अधिक कॉर्पोरेट्स से जोड़ा गया। उद्घाटन सत्र के दौरान राज्य मंत्री द्वारा एक संग्रह जारी किया गया। सामाजिक विकास परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी लगाई गई।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 4, 2024

3 डिप्टी और 1 एडिशनल एनएसए मिलिए अजित डोभाल की नई टीम से

नई दिल्ली, 04 जुलाई  2024 (यूटीएन)। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपनी टीम में बड़े बदलाव किए हैं. टीवी रविचंद्रन और पवन कपूर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) टीम में नए डिप्टी एनएसए नियुक्त किए गए है. इसके साथ ही डिप्टी एनएसए के पद पर कार्यरत राजेंद्र खन्ना को अतिरिक्त एनएसए  नियुक्त किया गया है. वहीं,पहले से डिप्टी एनएसए के पद पर तैनात पंकज सिंह की जिम्मेदारी में कोई बदलाव नहीं किया गया हैं. इसके बाद अजित डोभाल की टीम में 3 डिप्टी एनएसए और एक एडिशनल एनएसए हो गए हैं.   *कौन हैं डोभाल की टीम में शामिल रविचंद्रन और पवन कपूर?* अजीत डोभाल की टीम में शामिल टीवी रविचंद्रन1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में इंटेलिजेंस ब्यूरो के डिप्टी चीफ और स्पेशल डायरेक्टर हैं. उन्हें कई वर्षों के बेहतरीन काम और योग्यता के आधार पर एनएसए बनाया गया है. वहीं, पवन कपूर 1990 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं और उन्होंने भारत के लिए विदेश में कई मिशनों में काम किया है. उनके पास विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में काम करने का अनुभव है. उन्होंने लंदन में राष्ट्रमंडल सचिवालय के साथ एक अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवक के रूप में भी काम किया है.   *कौन हैं एडिशनल एनएसए बने राजिंदर खन्ना?* जनवरी 2018 में डिप्टी एनएसए के रूप में नियुक्त हुए राजिंदर खन्ना को प्रमोट कर एडिशनल एनएसए बनाया गया है. 1978 बैच के अधिकारी राजिंदर खन्ना दिसंबर 2014 से दिसंबर 2016 तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग प्रमुख के रह चुके हैं. इससे पहले राजिंदर खन्ना रॉ में ऑपरेशन डेस्क के इंचार्ज थे और उन्हें पाकिस्तान के अलावा आतंकवाद विरोधी मामलों का विशेषज्ञता माना जाता है.   *अब अजित डोभाल की टीम में 3 डिप्टी और 1 एडिशनल एनएसए* इसके अलावा पंकज सिंह तीसरे डिप्टी एनएसए हैं, जिन्हें जनवरी 2023 में 2 साल के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया था. राजस्थान कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी पंकज सिंह 31 दिसंबर 2022 को बीएसएफ प्रमुख के पद से रिटायर हुए थे. इन नई नियुक्तियों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की टीम में 3 डिप्टी एनएसए और 1 एडिशनल एनएसए हो गए हैं.   *तीसरी बार एनएसए बने अजित डोभाल* बता दें कि 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजित डोभाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए नियुक्त किया है. उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे अजित डोभाल 1968 में आईपीएस में शामिल हुए और अपनी विशिष्ट सेवाओं के लिए 1988 में कीर्ति चक्र प्राप्त किया. गौरतलब है कि डोभाल भारतीय पुलिस पदक प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के अधिकारी थे.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 4, 2024

कुछ लोग जानबूझकर जनादेश से अपना मुंह फेर कर बैठे रहे: राज्यसभा में प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 04 जुलाई  2024 (यूटीएन)। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन में कहा, 'कुछ लोग जानबूझकर जनादेश से अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। 10 साल के बाद किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य है।   *हमारे 10 साल हुए अभी 20 साल बाकी*  प्रधानमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस के कुछ साथियों को धन्यवाद करना चाहता हूं, क्योंकि जब से नतीजे आए, तब से कांग्रेस के एक साथी को मैं देख रहा था, हालांकि उनकी पार्टी ही उनको समर्थन नहीं कर रही थी, लेकिन वे अकेले ही झंडा लेकर दौड़ रह थे।   ऐसा मैं क्यों कह रहा हूं, क्योंकि जिन्होंने ये बार-बार ढोल पीटा था कि ये एक तिहाई सरकार है, उनके मुंह में घी शक्कर। इससे बड़ा सत्य और क्या हो सकता है। हमारे 10 हुए हैं, 20 और बाकी हैं। अभी एक तिहाई हुआ कार्यकाल हुआ है और दो तिहाई बाकी है। इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।   *'संविधान को जन उत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया'* अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'संविधान हमारे लिए सिर्फ संविधान के अनुच्छेद भर नहीं हैं बल्कि इसकी भावना भी हमारे लिए अहम है। किसी भी परिस्थिति में संविधान हमारा मार्गदर्शन करता है। मैंने जब लोकसभा में हमारी सरकार की तरफ से कहा था कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे, तो मैं हैरान हूं कि जो लोग आज संविधान को लेकर घूमते हैं, उन्होंने उसका विरोध किया था। संविधान हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है।   अब जब हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो हमने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया है। संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों को संविधान की भावना विकसित हो, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं।   *'भ्रम की राजनीति के बजाय भरोसे की राजनीति को जनता ने दी तरजीह'* देश की जनता ने हमें जो तीसरी बार अवसर दिया है, वो अवसर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत की यात्रा को मजबूती देने के लिए, संकल्प को सिद्धि तक ले जाने के लिए देश को करोड़ों लोगों ने हमें आशीर्वाद दिया। ये चुनाव 10 वर्षों की सिद्धि पर तो मुहर है ही, साथ ही भविष्य के संकल्पों पर भी मुहर है।   देश की जनता का भरोसा हम पर है और इसी भरोसे पर जनता ने हमें फिर से मौका दिया है। देश ने पिछले 10 वर्षों में हमारे देश की अर्थव्यवस्था को दसवें नंबर से पांचवें नबर पर पहुंचते देखा है। देश की जनता ने प्रोपेगैंडा (भ्रम की राजनीति) को खारिज कर परफॉर्मेंस (भरोसे की राजनीति) को तरजीह दी है। इस बार देश की जनता ने हमें पांचवे नंबर से तीसरे नंबर पर पहुंचाने का जनादेश दिया है और हम इस संकल्प को पूरा करके रहेंगे।   *'अगले पांच वर्षों में सार्वजनिक यातायात को बदल देंगे'* प्रधानमंत्री ने कहा 'यह सदी, तकनीक की सदी है। हम नए-नए क्षेत्रों में अपनी पहचान छोड़ रहे हैं। हम अगले पांच वर्षों में सार्वजनिक यातायात को पूरी तरह से बदल देंगे। पिछले 10 वर्षों में हमने जो किया है, उसकी गति भी बढ़ाएंगे, उसका विस्तार भी करेंगे। गहराई भी होगी, ऊंचाई भी होगी और हम इस संकल्प को पूरा करेंगे। जो लोग ऑटो पायलट मोड में रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं, ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं, लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते हैं।   *'मैदान छोड़कर भाग जाना ही विपक्ष के नसीब में लिखा है'* प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष के वॉकआउट पर प्रधानमंत्री ने कहा 'पूरा देश देख रहा है कि जिन्होंने झूठ फैलाया, उनमें सच सुनने की भी ताकत नहीं है। उनमें सच का सामना करने की ताकत नहीं है।   उन्होंने जो सवाल उठाए थे, विपक्ष में उनका जवाब सुनने की भी ताकत नहीं है। ये उच्च सदन का अपमान कर रहे हैं। देश की जनता ने हर प्रकार से उनको इतना पराजित कर दिया है कि अब उनके पास गली-मोहल्ले में चीखने के सिवाय कुछ बचा नहीं है। नारेबाजी, हो-हल्ला और मैदान छोड़कर भाग जाना... यही उनके नसीब में लिखा हुआ है।   *किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी ने ये बातें कही* 'किसान कल्याण हमारी सरकार के केंद्र में हैं। हमारी योजनाओं का लाभ देश के 10 करोड़ किसानों को हुआ है। हम किसानों को तीन लाख करोड़ दे चुके हैं। वैश्विक परिस्थितियों के चलते दुनियाभर में फर्टिलाइजर के दाम बढ़े हैं। हमारी सरकार ने किसानों को 12 लाख करोड़ रुपये की फर्टिलाइजर सब्सिडी दी है। कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में एक बार किसानों की कर्जमाफी हुई और किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया गया।   60 हजार करोड़ की कर्जमाफी पर इतना हल्ला मचाया था, लेकिन उसके लाभार्थी सिर्फ तीन करोड़ किसान थे। उनमें भी गरीब किसान का नाम-ओ-निशान नहीं था। हमने कृषि को व्यापक रूप में देखा और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराया।   *'ट्रांसजेंडर्स के लिए बनाया कानून'* प्रधानमंत्री ने कहा 'सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर हमने देश की विकास यात्रा को रफ्तार देने की कोशिश की है। आजादी के बाद अनेक दशकों तक जिनको कभी पूछा नहीं गया, हमारी सरकार उनको पूछती तो है, पूजती भी है। दिव्यांग भाई-बहनों के साथ उनकी कठिनाइयों को समझते हुए गरिमापूर्ण जीवन की दिशा में काम किया है। हमारे समाज में किसी न किसी कारण से एक उपेक्षित ट्रांसजेंडर वर्ग है। हमारी सरकार ने ट्रांसजेंडर साथियों के लिए कानून बनाने का काम किया है। पश्चिम के लोगों को भी आश्चर्य होता है कि भारत इतना तरक्कीपसंद है। पद्म अवॉर्ड में भी ट्रांसजेंडर को अवसर देने में हमारी सरकार आगे आई।   *बंगाल की घटनाओं को लेकर विपक्ष को घेरा* प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश का दुर्भाग्य है कि संवेदनशील मामलों में जब राजनीति होती है, तो देशवासियों को और खासकर महिलाओं को अकल्पनीय पीड़ा होती है। महिलाओं के साथ होते अत्याचार में विपक्ष का मनमाना रवैया है, ये चिंताजनक है। कुछ समय पहले, मैंने बंगाल से आई कुछ तस्वीरों को सोशल मीडिया पर देखा।   एक महिला को वहां सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा है, वो बहन चीख रही है। वहां खड़े हुए लोग उसकी मदद के लिए नहीं आ रहे है, जो घटना संदेशखाली में हुई, जिसकी तस्वीरें रोंगटे खड़े कर देने वाली हैं, लेकिन बड़े बड़े दिग्गज जिनको मैं कल से सुन रहा हूं, पीड़ा उनके शब्दों में भी नहीं झलक रही है। इससे बड़ा शर्मिंदगी का चित्र क्या हो सकता है? जो लोग खुद को प्रगतिशील नारी नेता मानते हैं, वो भी मुंह पर ताले लगाकर बैठ गए हैं। क्योंकि घटना का संबंध उनके राजनीतिक जीवन से जुड़े दल से या राज्य से है।   *'खरगे जी खुद दीवार बनकर खड़े हो गए, परिवार बच निकला'* लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा 'हमारे कांग्रेस के लोग खुशी में मग्न हैं, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इस खुशी का कारण क्या है? क्या ये खुशी हार की हैट्रिक पर है?  क्या ये खुशी नर्वस 90 का शिकार होने की है? क्या ये खुशी एक और असफल लॉन्च की है? इन चुनाव नतीजों से कैपिटल मार्केट में तो उछाल नजर ही आ रहा है, लेकिन दुनिया में भी उमंग और आनंद का माहौल है। खड़गे जी ने उनकी पार्टी की बड़ी सेवा की है। पराजय का ठीकरा जिन पर फूटना चाहिए था, उन्हें खड़गे जी ने बचा लिया और खुद दीवार बनकर खड़े हो गए। परिवार बच निकला।   *भाषण के दौरान विपक्ष का वॉकआउट* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं ने वॉकआउट किया। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने जवाब के दौरान उच्च सदन को कुछ गलत बातें बताई।    *झूठ बोलना प्रधानमंत्री की आदत: मल्लिकार्जुन खरगे* खरगे ने वॉकआउट के तुरंत बाद पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, झूठ बोलना, लोगों को गुमराह करना और सच से परे बातें कहना उनकी आदत है। मैंने उनसे सिर्फ इतना कहा कि आप संविधान के बारे में बात कर रहे हैं तो संविधान आपने नहीं बनाया। आप लोग उसके विरोध में थे।    *वॉकआउट करने वालों में सोनिया गांधी- शरद पवार भी शामिल* राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री के जवाब के दौरान खरगे के साथ वॉकआउट करने वालों में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार शामिल थे। खरगे का बचाव करते हुए पवार ने मांग की कि प्रधानमंत्री या राज्यसभा को उनका सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वह संवैधानिक पद पर हैं।   *विपक्ष के नेता का सम्मान करना सबकी जिम्मेदारी: शरद पवार* पवार ने कहा, वह (मल्लिकार्जुन खरगे) संवैधानिक पद पर हैं। चाहे वह प्रधानमंत्री हों या सदन के सभापति, उनका सम्मान करना उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन आज इस सबको नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए पूरा विपक्ष उनके साथ है और इसलिए हम बाहर चले गए।    *सदन को नहीं, मर्यादा को छोड़कर भाग गए हैं: जगदीप धनखड़* विपक्ष के वॉकआउट के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, मैं अत्यंत दर्दनाक, पीड़ादायक, अमर्यादित आचरण से दुखी हूं। शासन लगातार तीसरे कार्यकाल में है। मैंने चर्चा की और मैंने अनुरोध किया कि नेता प्रतिपक्ष को बिना रोक-टोक बोलने का अवसर दिया। आज वे सदन छोड़कर नहीं गए हैं, मर्यादा छोड़कर गए हैं।    धनखड़ ने आगे कहा, आज उन्होंने (विपक्ष) मुझे पीठ नहीं दिखाई है। बल्कि भारत के संविधान को पीठ दिखाई है। आज उन्होंने मेरा अनादर नहीं किया है। बल्कि उस शपथ का अनादर किया है जो संविधान के तहत ली है। भारत के संविधान के लिए इससे बड़ी अपमानित बात नहीं हो सकती है। मैं इस आचरण की निंदा करता हूं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 4, 2024

जब तक राहुल गांधी माफी नहीं मांगते तब तक भाजपा का संघर्ष जारी रहेगा:वीरेन्द्र सचदेवा

नई दिल्ली, 04 जुलाई  2024 (यूटीएन)। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में आज दिल्ली भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदुओं को हिंसक समुदाय बताने के ब्यान के खिलाफ कांग्रेस मुख्यालय के समीप जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और राहुल गांधी को देश के हिंदुओं से माफी मांगने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिगेट्स को तोड़कर कांग्रेस मुख्यालय की ओर बढ़ने की कोशिश की जिसके बाद दूसरे बेरिगेट्स  के सामने उन्हें रोका गया और पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, सांसद तेजस्वी सूर्या, प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष सागर त्यागी एवं अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष अनिस अब्बासी सहित अन्य पदाधिकारियों को डिटेन कर तिलक मार्ग थाने ले गई।   जहां से कुछ देर बाद चेतावनी देकर छोड़ दिया। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि हिंदू संस्कृति को गाली देना, हिंदुओं को गाली देना, उन्हें आतंकवादी कहना, यह सब चुनावी हिन्दू राहुल गांधी की साजिश है जिसका जवाब देश के करोड़ों हिन्दू जरुर देंगे। एक तरफ आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता कहते हैं और दूसरी तरफ हिन्दू हिंसक होता है यह संसद में चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर हिन्दू हिंसक होता तो अब तक काशी एवं मथुरा से मस्जिद हटकर मंदिर बन गये होते। वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि राहुल गांधी ने सदन के अंदर सोची समझी राजनीतिक चाल चली है क्योंकि उन्हें अपनी बहन प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनाव लड़वाना है।   उन्होंने कहा कि राहुल गांधी तो खुद पश्चिमी सभ्यता के बीच बड़े हुए हैं, वे हिन्दू संस्कृति को कभी नहीं समझ सकते, लेकिन राहुल गांधी को हिन्दू समाज के ताकत का अंदाजा नहीं है। सचदेवा ने कहा कि राहुल गांधी ने पूरी भारतीय संस्कृतिक को गाली दी है और उन्हें देश के लोगों से माफी मांगनी ही पड़ेगी। इस बात को लेकर हम दिल्ली के हर घर-घर तक लेकर जाएंगे और सभी को राहुल गांधी के इस बयान से अवगत कराएंगे। तेजस्वी सूर्या ने कहा कि जिसके पिता ने अपने आप को हिंदू बाई एक्सिडेंट कहा हो उसके बेटे से हमें ऐसी ही उम्मीद थी। राहुल गांधी ने जिस प्रकार से पूरे हिंदू समाज को आतंकवादी, हिंसक कहा है, यह अक्षम्य अपराध है और राहुल गांधी जब तक माफी नहीं मांगते तब तक भाजपा अपना संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि 26/11 के टेरर अटैक को पूरी कांग्रेस पार्टी ने हिंदू संगठनों के उपर डालने की कोशिश की थी।   दिग्विजय सिंह ने तो सैफरन टेरर के ऊपर किताब का विमोचन भी किया था। देश के अंदर 80 फीसदी दंगे कांग्रेस पार्टी की सरकार के रहते हुए हैं। कांग्रेस ने आतंकवाद को पनाह देने का काम किया है और इसलिए संप्रदायिक दंगे होते रहे हैं। जिस धर्म ने 5000 वर्ष से अधिक समय से समाज को सौहार्द और शांति का मंत्र दिया है, ऐसे हिंदू समाज को अपमानित करने की साजिश राहुल गांधी द्वारा कि गई है। मनोज तिवारी ने कहा कि अब चिंतन करने की जरुरत है कि क्या ऐसे ही हिंदू समाज अपना अपमान सहता रहेगा।   कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने भगवा को आतंकवाद से जोड़ा था, इंडी गठबंधन नेता काफी समय से हिंदू देवी देवताओं का अपमान करते रहे हैं, ऐसी स्थिति में देश के सभी हिंदुओं को सोचने की जरुरत है और हर स्तर पर ऐसे लोगों को जवाब देने की जरुरत है। योगेन्द्र चंदोलिया ने कहा कि लोकसभा के अंदर कांग्रेस नेता जिस प्रकार से व्यवहार कर रहे थे, उससे साफ जाहिर होता है कि राहुल गांधी को लोकसभा सदन की मर्यादा का ख्याल भी नहीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के दौरान भी उनका व्यवहार निंदनीय था। हिंदू देवी देवताओं का अपमान करना एक साजिश है जो एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए राहुल गांधी ने सदन के अंदर करी थी।   नई दिल्ली से सांसद सुश्री बांसुरी स्वराज ने कहा कि राहुल गांधी का बयान उनकी हिंदू विरोधी मानसिकता को दिखाता है। हिंदू तो वसुधैव कटूंबकम वाले हैं जो पूरे विश्व को एक मानते हैं लेकिन राहुल गांधी एक चुनावी हिन्दू हैं जो इसे नहीं समझेंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने सदन को गुमराह किया और देश के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं ठेस पहुंचाई है। सरदार अरविन्दर सिंह लवली ने कहा कांग्रेस एक छटपटाहट के दौर से गुजर रही है जहाँ उसके नेता एक वर्ग को राजनीतिक रूप से खुश करने के लिए कांग्रेस नेता शांति सौहार्द के प्रतीक हिन्दू समाज को बदनाम करने में लगे हैं। दिल्ली एवं देश की जनता अब हिन्दुओं के अपमान के लिए राहुल गांधी को कभी माफ नही करेगी।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 4, 2024

यह है राहुल का 'ऑफ द रिकॉर्ड' प्लान

नई दिल्ली, 03 जुलाई 2024 (यूटीएन)। राहुल गांधी के संसद में नेता प्रतिपक्ष बनने के साथ अब लोगों से जुड़ने का एक और नया तरीका ढूंढ निकाला है। यह तरीका राहुल गांधी का 'ऑफ द रिकॉर्ड' प्लान है। राहुल गांधी की रणनीति के मुताबिक आने वाले दिनों में वह देश के अलग-अलग लोगों से मुलाकात करने वाले हैं, जिसमें बहुत कुछ ऑफ द रिकॉर्ड चर्चा भी शामिल होगी। कांग्रेस पार्टी से जुड़े रणनीतिकारों की मानें तो ऐसा करके राहुल गांधी देश की नब्ज को और गहराई से समझने के लिए इस नए प्लान को आगे बढ़ा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अब तक तकरीबन 27000 से ज्यादा मेल राहुल गांधी के दिए गए ईमेल पर पहुंच चुके थे।    राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा के साथ शुरू हुआ मिलने जुलने का सिलसिला लगातार बढ़ता रहा है। इस कड़ी में राहुल गांधी ने अब कुछ ऐसा प्लान किया है, जिससे न सिर्फ लोगों बल्कि मीडिया के माध्यम से सीधे तौर पर जुड़ेंगे। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों में शामिल एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि दरअसल राहुल गांधी इस बातचीत की व्यवस्था के माध्यम से उन लोगों से संपर्क स्थापित करना चाहते हैं, जो उनसे अपने दिल की बात कहना चाहते हैं। छात्रों से लेकर व्यापारी और महिलाओं से लेकर बुजुर्ग समेत किसानों और सामाजिक संगठनों समेत अन्य वर्गों से जुड़े हुए लोग शामिल होंगे। हालांकि इस व्यवस्था के माध्यम से मिलने की प्रक्रिया क्या होगी, यह तो राहुल गांधी के पास आने वाले ईमेल के बाद तय होगी। लेकिन कहा यही जा रहा है कि राहुल गांधी अपने घर से लेकर कार्यालय में ऐसे लोगों से खुलकर मुलाकात करेंगे।    कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता पीएल पुनिया कहते हैं कि राहुल गांधी से हर व्यक्ति सीधे तौर पर बात करना चाहता है। पुनिया कहते हैं कि लोगों को कहने के लिए बहुत कुछ है लेकिन सरकार जब बात नहीं सुनती है, तो उसके पास क्या विकल्प बचता है। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है सरकार और जनता के बीच बातचीत के इस गैप को पूरा करने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास करेगी। पार्टी के नेता पीएम पूनिया कहते हैं कि राहुल गांधी ने पहले ही संसद में जाकर यह बात कही है कि संसद में उनकी आवाज उन लोगों की आवाज होगी, जो सरकार से सवाल करना चाहते हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि इसी कड़ी में राहुल गांधी की बातचीत का यह तरीका न सिर्फ लोगों को एक मजबूती दिलाएगा, बल्कि उनकी आवाज संसद में मजबूती से रखी भी जा सकेगी।   नेताओं के मुताबिक राहुल गांधी की ओर से बातचीत का यह प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के बाद उनके दिए गए ईमेल एड्रेस पर तकरीबन 27000 से ज्यादा मेल खबर लिखे जाने तक आ चुके थे। इसमें राहुल गांधी ने मीडिया इंटरव्यू से लेकर ऑफ द रिकॉर्ड मीटिंग करने तक का पूरा प्रयोजन किया है। राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र चंदेल कहते हैं कि किसी नेता की ओर से ऑफ द रिकॉर्ड मीटिंग करने का यह एक पहले संदेश पब्लिकली भेजा गया है।    इसके अलावा ऑफ द रिकॉर्ड मीटिंग में बहुत कुछ ऐसी चीज होती हैं, जो नेता और मिलने वालों के बीच में होती हैं। जाहिर सी बात है कि ऐसी मुलाकात में होने वाली ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत से लोगों के बीच में राहुल गांधी के प्रति एक कॉन्फिडेंस बढ़ता हुआ दिखेगा। उनका कहना है कि सियासत में भरोसा बहुत बड़ी चीज होती है। अगर इस तरीके की बैठकों में राहुल गांधी और जनता के बीच में यह भरोसे की दीवार मजबूत होती गई, तो निश्चित तौर यह कांग्रेस पार्टी के लिए बूस्ट होगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 3, 2024

अब सिर्फ 35 रुपये में करा सकेंगे टीबी की जांच; भारत ने खोजी विश्व में सबसे सस्ती जांच तकनीक

नई दिल्ली, 03 जुलाई 2024 (यूटीएन)। भारत ने विश्व में सबसे सस्ती टीबी जांच तकनीक की खोज की है। महज 35 रुपये में मरीज की लार से डीएनए लेकर टीबी वायरस का पता लगाया जा सकता है। यह तकनीक शुरुआती लक्षण में ही संक्रमण की पहचान कर सकती हैकरीब दो घंटे में 1500 से ज्यादा नमूनों की एक साथ जांच करने वाली यह तकनीक इतनी सरल है कि इसे किसी गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।   नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने क्रिस्पर आधारित दो तकनीक को खोजा है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस का पता लगाने में पूरी तरह सक्षम हैं। इनमें से एक ग्लो टीबी पीसीआर किट है जिसकी मदद से मरीज के नमूने से डीएनए को अलग किया जा सकता है। वहीं दूसरी तकनीक रैपिड ग्लो डिवाइस है जो एक इनक्यूबेटर है और डीएनए में मौजूद वायरस की पहचान करता है। आईसीएमआर ने इन दोनों तकनीक को बाजार में ले जाने के लिए प्राइवेट कंपनियों से प्रस्ताव मांगा है।   इसमें स्पष्ट किया है कि तकनीक पर मालिकाना अधिकार आईसीएमआर के पास सुरक्षित रहेगा। इन्हें पेटेंट कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इनके उत्पादन में सहयोग के लिए आईसीएमआर ने एक टीम का गठन भी किया है। आईसीएमआर के अनुसार, टीबी एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है जिसके प्रभावी रोग प्रबंधन के लिए सटीक और तीव्र जांच तकनीक होना बहुत जरूरी है। अभी भारत में पारंपरिक जांच तकनीक हैं जो कल्चर आधारित होने के साथ मरीज के लक्षण के 42 दिन में कराई जाती है।   इसमें माइक्रोस्कोपी और न्यूक्लिक एसिड-आधारित विधियों का सहयोग लिया जाता है जो काफी समय तेती है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आईसीएमआर और आरएमआरसीएनई डिब्रूगढ़ के शोधकर्ताओं ने मिलकर क्रिस्पर आधारित टीबी जांच तकनीक खोजी है।   *एक बार में 1,500 नमूनों की जांच* आईसीएमआर ने बताया कि ग्लो टीबी पीसीआर किट काफी तेजी से काम करती है। करीब 1.5 से 2.5 घंटे के बीच यह मरीज की लार से डीएनए को अलग करने में सक्षम है। करीब 35 रुपये इसकी लागत है, जो तीन चरणीय डीएनए को अलग कर देती है। इसके बाद रैपिड ग्लो डिवाइस का काम रहता है, जो एक बार में 1,500 नमूने की जांच कर सकती है।    *चीन-अमेरिका में भी जांच कराना महंगा* आईसीएमआर ने बताया कि अभी तक दुनिया भर में टीबी जांच को लेकर जो तकनीक हैं उनमें सबसे सस्ती 35 रुपये वाली है। यहां तक कि चीन और अमेरिका में भी टीबी जांच कराना इससे काफी महंगा है। लागत के साथ यह समय को भी बचाती है और एक बार में हजार से ज्यादा संदिग्ध मरीजों में वायरस की पुष्टि करने की क्षमता रखती है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 3, 2024

भारत के मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोग्राम को जल्द लग सकते हैं पंख!

नई दिल्ली, 03 जुलाई  2024 (यूटीएन)। भारत के मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट एमआरएफए प्रोग्राम के लिए जल्द ही अच्छी खबर सामने आ सकती है। राफेल फाइटर जेट बनाने वाली फ्रांस की विमान निर्माता कंपनी दसॉ एविएशन ने उत्तर प्रदेश में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल एमआरओ सुविधा स्थापित करने के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी है। कंपनी ने इसके भूमि अधिग्रहण के लिए आवेदन भी कर दिया है।    वहीं, जेवर हवाई अड्डे के पास जो एमआरओ सुविधा बनाई जाएगी, उसमें भारत के मिराज 2000 और राफेल लड़ाकू जेट विमानों के बेड़ों की मेंटेनेंस होगी। वहीं कंपनी ने राफेल लड़ाकू विमानों के उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों से टाइटेनियम पार्ट्स खरीदना भी शुरू कर दिया है।    *सरकार ला सकती है नई पॉलिसी* रक्षा सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार के पास लंबे समय से पांचवी पीढ़ी के ट्विन इंजन 114 मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट एमआरएफए खरीदने का प्रस्ताव लंबित पड़ा हुआ है। वहीं कई निर्माताओं से सौदे को लेकर बात बन नही पा रही थी। अलग-अलग कंपनियों से टुकड़ों-टुकड़ों में जहाज खरीद के सौदों से आजिज आ चुकी सरकार नई नीति बनाने की तैयारी कर रही है। नई नीति के तहत चाहती है कि जो मैन्यूफैक्चरर भारत में फाइटर जेट की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाएगा, उसे ही सरकार प्राथमिकता देगी।    साथ ही, सरकार की शर्तों में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी है। यह पहली बार होगा, जब सरकार टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ पूरे जहाज का निर्माण भारत में ही करने पर जोर दे रही है। फिलहाल कोई भी निर्माता इसके लिए आगे नहीं आया है। सरकार जल्द ही नई शर्तों के साथ ग्लोबल टेंडर भी जारी करने की तैयारी कर रही है। पहले खरीदे गए लड़ाकू विमानों के कई पार्ट्स ऑब्लिगेशंस के चलते पहले से ही भारत में बनाए जा रहे हैं।    *नहीं होगा कोई भारतीय साझेदार* दसॉ एविएशन के भारत में एमआरओ सुविधा लगाने के फैसले को सरकार की इसी भावी नीति से जोड़ कर देखा जा रहा है। खास बात यह होगी कि दसॉ एविएशन यह फैसिलिटी बिना रिलायंस डिफेंस की मदद के लगाएगा और इसका पूरा मालिकाना हक दसॉ एविएशन के पास होगा। दसॉ ने इस परियोजना के लिए अपने भारतीय साझेदार अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस से अलग होने का फैसला किया है। नागपुर में दसॉ रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड डीआरएएल फाल्कन बिजनेस जेट और राफेल के लिए पार्ट्स बनाती है। सूत्रों के मुताबिक दसॉ एविएशन अपनी इस एमआरओ फैसिलिटी से इंडोनेशिया की जरूरतों को भी पूरा करेगी। इंडोनेशिया के पास 42 राफेल लड़ाकू विमान हैं।   *राफेल का इंजन भारत में बनाने के लिए तैयार* सूत्रों ने बताया कि फ्रांस की मैक्रों सरकार और दसॉ ने भारतीय वायुसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थानीय स्तर पर खरीदे गए पार्ट्स के साथ “मेक इन इंडिया” के तहत भारत में राफेल लड़ाकू विमानों का निर्माण करने की लिखित पेशकश की है।  इंजन निर्माता सफरॉन एसए हैदराबाद में राफेल लड़ाकू विमानों के इंजन की मरम्मत के लिए भी एक एमआरओ सुविधा बना रही है, जो 2025 तक बन कर तैयार हो जाएगी। सफरॉन के मुताबिक अगर भारतीय वायुसेना के लिए राफेल फाइटर जेट का ऑर्डर आता है, तो वह भारत में एम-88 इंजन बनाने के लिए तैयार है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना अपनी जरूरतों को स्वदेशी विमानों से पूरा करना चाहती है। जीई-414 इंजन के साथ एचएएल का एलसीए मार्क II मिराज 2000 की जगह लेगा। लेकिन यह प्रोजेक्ट अगले 10 साल से पहले पूरा नहीं हो पाएगा। जिसे देखते हुए दसॉ एविएशन अपनी प्रोडक्शन यूनिट भारत में लगाना चाहती है। वहीं, फ्रांस लड़ाकू विमानों को निर्यात करने की भी अनुमति देगा।    *भारतीय कंपनियों से टाइटेनियम पार्ट्स की खरीद शुरू* सूत्रों ने बताया कि वहीं दसॉ एविएशन ने राफेल लड़ाकू विमानों के उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों से टाइटेनियम पार्ट्स खरीदना भी शुरू कर दिया है। टाइटेनियम का इस्तेमाल एडवांस लड़ाकू जेट के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। दसॉ की इस पहले से भारतीय कंपनियों को एयरोस्पेस क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। साथ ही, भारत की “मेक इन इंडिया” पहल को भी मजबूती मिलेगी। सूत्रों के मुताबिक भारत में राफेल लड़ाकू विमानों के निर्माण का फैसला दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। क्योंकि दसॉ के पास क्रोएशिया, ग्रीस, सर्बिया, मिस्र, कतर, यूएई और इंडोनेशिया से पहले से ही लगभग 300 से ज्यादा लड़ाकू विमानों के ऑर्डर हैं। वहीं दसॉ के पास भारत के लिए अतिरिक्त विमान बनाने की क्षमता नहीं है। इसके अलावा फ्रांसीसी वायु सेना ने भी 42 और राफेल विमानों की मांग की है।   इंडियन मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों के लिए बनाएगी इंजन सूत्रों ने बताया कि इंडियन मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों आईएमआरएच के इंजन निर्माण के लिए सफरॉन कंपनी किसी भारतीय कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम लगाने के लिए भी तैयार है, ताकि भारत को इमरजेंसी जरूरतों के लिए किसी तीसरे देश की ओर न देखना पड़े। दसॉ के इस ऑफर के पीछे खास बात यह है कि भारतीय वायुसेना को मीडियम रोल फाइटर एयरक्राफ्ट एमआरएफए कार्यक्रम के तहत नए लड़ाकू विमानों की लंबे समय से जरूरत है, जिसके तहत वे ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए ट्विन इंजन वाले 114 नए लड़ाकू विमान खरीदना चाहते हैं। भारतीय वायुसेना की कम होती लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए नए फाइटर एयरक्राफ्ट बड़ी जरूरत बनी हुए हैं।    भारत के पास जो फिलहाल 31 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन हैं, उनमें पुराने हो चुके मिग 21, जगुआर के अलावा मिग-29 भी शामिल हैं, इनमें से सभी को 2029-30 तक रिटायर कर दिया जाएगा। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के अधिकांश स्क्वॉड्रनों में लगभग 270 सुखोई SU-30 MKI हैं, जिनमें ज्यादातर सर्विस के लिए ग्राउंड रहते हैं। वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध ने जरूरी स्पेयर पार्ट्स की खरीद को और भी मुश्किल बना दिया है।   *नेवी को चाहिए 26 मैरीटाइम स्ट्राइक राफेल* भारतीय वायुसेना पहले से ही हैमर और स्कैल्प मिसाइलों के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों को ऑपरेट कर रही है। जबकि भारतीय नौसेना आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत पर तैनाती के लिए 26 मैरीटाइम स्ट्राइक राफेल की खरीद सौदे की बातचीत कर रही है। भारत के अंबाला एयर बेस में राफेल के लिए पहले से ही बेस मेंटेनेंस डिपो, मरम्मत, प्रशिक्षण और सिमुलेटर मौजूद हैं। वहीं, भारतीय वायुसेना कतर के साथ 12 पुराने मिराज लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए भी बातचीत कर रही है। लेकिन यह बहुत महंगा सौदा है। सूत्रों ने कहा कि 12 विमानों को भारतीय वायुसेना के मानकों के अनुसार अपग्रेड करना समझदारी नहीं है,  क्योंकि इसकी लागत बहुत अधिक होगी।    *चीन एलएसी पर बढ़ा रहा जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती* जिस तरह से चीन ने भारत से लगती सीमा पर मौजूद अपने एयरबेस में पांचवीं पीढ़ी के जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती की है, उसे भारत के लिए कड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा था। चीन ने डब्ल्यू एस-15 इंजन विकसित किया है, इसे रूसी एएल-31 इंजन से रिवर्स इंजीनियरिंग किया है। जिसे देखते हुए भारत मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट के प्रोजेक्ट में ज्यादा देरी नहीं कर सकता है। चीन हर साल जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती बढ़ा रहा है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 3, 2024

कल सदन में बालकबुद्धि का विलाप चल रहा था', लोकसभा में राहुल गांधी के वक्तव्य पर पीएम का कटाक्ष

नई दिल्ली, 03 जुलाई  2024 (यूटीएन)। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पर बोलने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दल कांग्रेस पर बड़ा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस लगातार तीन चुनावों में 100 का आंकड़ा नहीं छू पाई है। ये तीसरी बार कांग्रेस का सबसे कम स्कोर है। अच्छा होता कि कांग्रेस जनता के इस फैसले को स्वीकारती। कांग्रेस और उसका ईकोसिस्टम दिन रात हिंदुस्तान के नागरिकों के मन में ये स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने हमें हरा दिया है।    आदरणीय सभापति जी, ऐसा क्यों हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा, मैं जरा अपने सामान्य जीवन का वक्तव्य बताता हूं। एक छोटा बच्चा साइकिल लेकर निकला है। वो बच्चा गिर जाता है। साइकिल से लुढ़क जाता है। रोने लगता है। एक बड़ा व्यक्ति उसके पास आकर कहता कि चींटी मर गई, चिड़िया उड़ गई। तुम बहुत अच्छी साइकिल चलाते हो। उसका ध्यान बंटाकर के उस बच्चे का मन बहला देते हैं। वैसे ही बच्चों के मन बहलाने का काम चल रहा है।   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसका ईको सिस्टम सिर्फ मन बहलाने का काम कर रहा है। पीएम ने कहा, आदरणीय सभापति जी 1984 उपचुनाव को याद कीजिए, उसके बाद इस देश में 10 लोकसभा के चुनाव हुए हैं। इसके बावजूद कांग्रेस 250 के आंकड़े को छू नहीं पाई है। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग बधाई दे रहे हैं कि तुम 100 में 99 नंबर लाए हो। अब उनको कौन बताए कि ये 100 में से नहीं 543 में से 99 नंबर लाया है। फेल होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया है।   *पीएम ने शोले के 'जय और मौसी' के डायलॉग का किया जिक्र* पीएम मोदी ने शोले के डायलॉग का जिक्र करते हुए कहा कि मौसी ये बात तो सही है कि ये लोग सिर्फ तीसरी बार ही तो हारे हैं। मौसी मॉरल विक्टरी तो है न। मौसी सिर्फ 13 राज्यों में जीरो सीटें आई हैं, पर हीरो तो हैं न। अरे पार्टी की लुटिया तो डुबोई है। अरे मौसी पार्टी अभी सांसें तो ले रही है। मैं कांग्रेस के लोगों को कहूंगा कि जनादेश को फर्जी जीत के जश्न में मत दबाओ। फर्जी नशे में मत दबाओ। ईमानदारी से देशवासियों के जनादेश को जरा समझने की कोशिश करो। इसे स्वीकार करो।   सभापति जी मुझे नहीं पता कि कांग्रेस के जो साथीगण है, उन्होंने इस चुनाव का विश्लेषण नहीं किया है। ये चुनाव इन साथियों के लिए भी संदेश है। 2024 में जो कांग्रेस है वो परजीवी कांग्रेस है। परजीवी उसी को खाता है, जो उससके शरीर पर होता है। एक बच्चा स्कूल से आया और जोर से रोने लगा। उसकी मां ने पूछा क्या हुआ। उसने कहा कि आज स्कूल में मुझे मारा गया। मां परेशान हो गई। उसने पूछा कि बेटा बात क्या थी। बच्चा बता नहीं रहा था और रो रहा था कि मुझे मारा, मुझे मारा। बच्चा यह नहीं बता रहा था कि आज स्कूल में उस बच्चे ने किसी बच्चे को मां की गाली दी थी। उसने ये नहीं बताया कि किसी बच्चे की किताबें उसने फाड़ दी थीं।   उसने ये नहीं बताया कि उसने टीचर को चोर कहा था। उसने ये नहीं बताया कि वो किसी का टिफिन चुरा कर खा गया था। हमने सदन में यहीं बचकाना हरकत देखी है। कल यहां बालकबुद्धि का विलाप चल रहा था। मुझे इसने मारा, मुझे उसने मारा। मुझे यहां मारा, मुझे वहां मारा। ये चल रहा था। इन पर सावरकर का अपमान करने का आरोप है। इन पर संस्थाओं के बारे में झूठ बोलने का आरोप है। इन पर ओबीसी वर्ग को चोर कहने के मामले में सजा मिली है। ये बालकबुद्धि अपनी सीमाएं खो देती है। इनकी सच्चाई अब पूरा देश समझ गया है। आज देश इनसे कह रहा है- तुमसे नहीं हो पाएगा। तुमसे न हो पाएगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 3, 2024

न्यू वेम्बली प्रोडक्ट्स एलएलपी और सिरका पेंट्स इंडिया लिमिटेड ने ‘रणनीतिक साझेदारी की

नई दिल्ली, 03 जुलाई  2024 (यूटीएन)। सिरका पेंट्स इंडिया लिमिटेड ने उद्योग के लिए अभिनव और रचनात्मक उत्पाद लाने के लिए न्यू वेम्बली प्रोडक्ट्स एलएलपी के साथ अपने रणनीतिक गठबंधन की घोषणा की। उन्होंने फैसला किया है कि वे मिलकर इस उद्योग में इतिहास और उज्ज्वल उत्पाद बनाएंगे। गठबंधन का एक और लक्ष्य बाजार में गहरी पैठ बनाना और एक ठोस ग्राहक आधार बनाना है। साथ ही इस गठबंधन का अहम उद्देश्य सिरका पेंट्स इंडिया के उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करना भी है।   वेलकम' ब्रांड के अधिग्रहण से सिरका को सजावटी पेंट्स क्षेत्र में अपनी पेशकश बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की व्यापक रेंज उपलब्ध हो सकेगी। इस गठबंधन की आधिकारिक घोषणा नई दिल्ली में की गई। सम्मेलन में प्रमुख अभिनेत्री दीपशिखा नागपाल, अपूर्व अग्रवाल सिरका पेंट्स के संयुक्त निदेशक संजय अग्रवाल सिरका पेंट्स के प्रबंध निदेशक डॉ. एच.बी.एस. लांबा न्यू वेम्बली प्रोडक्ट्स एलएलपी के प्रबंध निदेशक रमेश कुमार रायजादा रणनीतिकार और सलाहकार और गुरजीत सिंह बैंस सिरका पेंट्स के गैर कार्यकारी निदेशक मौजूद थे। इस मौके पर अभिनेत्री दीपशिखा नागपाल इस गठबंधन की मुख्य गवाह रहीं और उन्होंने दोनों को नए गठबंधन के लिए मुबारकबाद दी।   सिरका पेंट्स इंडिया लिमिटेड के जेएमडी अपूर्व अग्रवाल ने कहा कि प्रीमियम वुड कोटिंग्स उद्योग का अग्रणी नाम सिरका पेंट्स इंडिया लिमिटेड, पेंट्स और थिनर क्षेत्र में प्रसिद्ध निर्माता, न्यू वेम्बली प्रोडक्ट्स एलएलपी के साथ रणनीतिक गठबंधन की घोषणा करते हुए काफी प्रसन्न है। इस सहयोग में बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी 'वेलकम' ब्रांड का अधिग्रहण शामिल है, जो दोनों कंपनियों के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है। वहीं, सिरका पेंट्स इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन सह एमडी संजय अग्रवाल ने कहा, 'हम न्यू वेम्बली प्रोडक्ट्स एलएलपी के साथ अपने रणनीतिक गठबंधन और 'वेलकम' ब्रांड के अधिग्रहण की घोषणा करके रोमांचित हैं।   यह साझेदारी सभी पेंटिंग जरूरतों के लिए वन-स्टॉप समाधान बनने के हमारे विजन के अनुरूप है। 'वेलकम' ब्रांड की बाजार में दमदार उपस्थिति और गुणवत्ता के लिए प्रतिष्ठा हमारी मौजूदा पेशकशों का पूरक होगी और हमारी विकास रणनीति को आगे बढ़ाएगी। जबकि, डॉ. एच.बी.एस. लांबा ने कहा, 'हम सिरका पेंट्स इंडिया लिमिटेड के साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित हैं। हमारी कंपनियों के बीच तालमेल नवाचार और बाजार विस्तार के नए अवसर पैदा करेगा। हमारा मानना ​​है कि यह गठबंधन हमारे ग्राहकों और हितधारकों को पर्याप्त लाभ पहुंचाएगा।" वहीं, रमेश कुमार रायजादा ने दोनों कंपनियों को बधाई देते हुए कहा, 'जब हम इन दोनों कंपनियों के उत्पादों को मिलाते हैं, तो यह एक दूसरे का पूरक बन जाता है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jul 3, 2024

अरविंद केजरीवाल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत, तिहाड़ जेल में ही रहेंगे दिल्ली के सीएम

नई दिल्ली, 30 जून 2024 (यूटीएन)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. दिल्ली शराब नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर भेज दिया है.   *12 जुलाई तक तिहाड़ जेल में रहेंगे केजरीवाल*  केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दिल्ली के सीएम की 3 दिन की सीबीआई हिरासत खत्म होने के बाद उनकी 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी. राउज एवेन्यू की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत के लिए तिहाड़ जेल भेजा. सीएम अरविंद केजरीवाल के 26 जून को केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें तीन दिन की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया गया था. जिस समय सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया उस समय वह प्रवर्तन निदेशालय ईडी की ओर जांच की जा रही दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में थे.   *एक जुलाई को कोर्ट में केजरीवाल दाखिल करेंगे जमानत याचिका* कोर्ट में सुनवाई खत्म होने के बाद अरविंद केजरीवाल के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा, "अरविंद केजरीवाल की कस्टडी खत्म हो रही थी. सीबीआई ने उन्हें कोर्ट में पेश किया और आगे कस्टडी की मांग नहीं, बल्कि न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की, जिसका हमने विरोध किया. हमने कोर्ट से कहा, "सीबीआई के पास कोई ग्राउंड नहीं है कि उनको आगे न्यायिक हिरासत में भेजा जाए. कोर्ट ने हमारी और सीबीआई की बातों को सुनकर अरविंद केजरीवाल को 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड में भेजा है.   अरविंद केजरीवाल के वकील ऋषिकेश कुमार ने बताया कि सोमवार या मंगलवार को अरविंद केजरीवाल की तरफ से बेल एप्लिकेशन कोर्ट में दी जाएगी. अरविंद केजरीवाल के वकील ने कोर्ट में एप्लीकेश देकर मांग की है कि ईडी के केस में गिरफ्तारी के बाद जब केजरीवाल को न्याययिक हिरासत में भेजा गया था, तब मेडिकल ग्राउंड पर जो छूट थी, वो जारी रखी जाए.

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Jun 30, 2024