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सतर्कता: मोबाइल देकर बहलाना...बच्चों का बिगाड़ सकता है भविष्य

नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। बच्चों के नखरों से परेशान होकर बहलाने-फुसलाने के लिए उन्हें डिजिटल डिवाइस थमाना सीधे तौर पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। यह उनमें भावनात्मक कमजोरी की वजह बन सकता है। एक सर्वे की मानें तो भारत में 12 साल से कम उम्र के 47 फीसदी बच्चे हर दिन दो से चार घंटे मोबाइल फोन या टैबलेट से चिपके रहते हैं। माता-पिता की समस्या यह है कि जैसे ही बच्चों से फोन लेंगे, तो वह रोना-धोना शुरू कर देते हैं।   मजबूरन माता-पिता को उन्हें चुप कराने के लिए डिजिटल डिवाइस देना ही पड़ता है। शोध से पता चला कि आगे चलकर ऐसे बच्चों का भावनात्मक संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे उनके लिए अपने गुस्से पर काबू रख पाना मुश्किल होगा।  हंगरी और कनाडा के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक से पांच वर्ष तक के बच्चों पर अध्ययन में पाया कि जो बच्चे जितने ज्यादा नखरे दिखा रहे थे, उनके माता-पिता उन्हें डिजिटल उपकरण थमाने में उतने ही आगे थे। दूसरे शब्दों में कहें तो अध्ययन यह साबित करता है कि जो माता-पिता अपने बच्चों को शांत रखने के लिए जितनी आसानी से जल्दी फोन-टैबलेट उन्हें दे देते हैं वो इसे पाने के लिए उतनी ही ज्यादा हाय-तौबा मचाते हैं।   *बच्चों को शांत करने के दूसरे तरीके ढूंढ़ें* हंगरी के ईटवोस लोरैंड यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता वेरोनिका कोनोक कहती हैं कि माता-पिता को यह समझना जरूरी है कि बच्चों की तरफ से कोई भी नकारात्मक भावना व्यक्त किए जाने को डिजिटल डिवाइस के सहारे दूर नहीं किया जा सकता। रोते-धोते या आक्रामकता दर्शाते बच्चे को शांत करने के लिए उन्हें दूसरे तरीके अपनाने होंगे।   *बचपन में ही विकसित होता है आत्मनियंत्रण* शोधकर्ता कहते हैं कि यह तथ्य जगजाहिर है कि बचपन के शुरुआती पड़ाव में ही बच्चे आत्म-नियंत्रण के बारे में बहुत कुछ सीखते हैं। यही आगे चलकर उन्हें अपनी भावनाओं को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने और चुनौतियों से जूझने में सक्षम बनाता है। सीखने-समझने की इस प्रक्रिया के दौरान उन्हें माता-पिता की मदद होती है न कि डिजिटल डिवाइस के सहारे की।   *जरूरत पड़े तो स्वास्थ्य पेशेवरों की सहायता लें* शोधकर्ताओं की सलाह है कि बच्चों को ऐसी निराशाजनक स्थितियों से बाहर लाने के लिए माता-पिता भावनात्मक तौर पर उनका सहारा बनें। उन्हें अपनी भावनाओं को पहचानना सिखाएं। यह उनके मानसिक विकास के लिए बेहद अहम है। अगर बच्चे को समझाना-बुझाना मुश्किल होता जा रहा हो तो स्वास्थ्य पेशेवरों की सहायता लेने में न हिचकिचाएं।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 29, 2024

90 दिन में चार्जशीट, मॉब लिंचिंग की सजा मौत, राजद्रोह कानून का खात्मा; ऐसे हैं तीन नए कानून

नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम 1 जुलाई से प्रभावी हो जाएंगे। इस दिन से दशकों पुराने भारतीय दंड संहिता , आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम बदल जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगस्त 2023 में इन तीन कानूनों में बदलाव का बिल लोकसभा में पेश किया था। आजादी के पहले बने ये कानून अब तक चल रहे हैं।    *आइये जानते हैं कि तीन नए कानून क्या हैं? जिन तीन कानूनों को बदलना है उनमें अभी क्या है? इनमें खामियां क्या हैं? नए कानूनों से क्या बदलेगा? नए कानूनों में क्या प्रावधान किए गए हैं?*   *तीन नए कानून क्या हैं?*  1 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम हैं। ये कानून क्रमशः भारतीय दंड संहिता , आपराधिक प्रक्रिया संहिता और पुराने भारतीय साक्ष्य अधिनयम की जगह लेंगे। 12 दिसंबर, 2023 को इन तीन कानूनों में बदलाव का बिल लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। इसके बाद 20 दिसंबर, 2023 को लोकसभा और 21 दिसंबर, 2023 को राज्यसभा से ये पारित हुए। 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को अपनी मंजूरी दी।  वहीं 24 फरवरी, 2024 को केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि तीन नए आपराधिक कानून इस साल 1 जुलाई से लागू होंगे।   केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2022 को लाल किले की प्राचीर से अपने उद्बोधन के दौरान देश के सामने पांच प्रण रखे थे। उनमें से एक प्रण था कि हम गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त कर देंगे। तीनों विधेयक प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए प्रण में से एक प्रण का अनुपालन करने वाले हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया था कि राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, भारत की सुप्रीम कोर्ट, 22 हाईकोर्ट, न्यायिक संस्थाओं, 142 सांसद और 270 विधायकों के अलावा जनता ने भी इन विधेयकों को लेकर सुझाव दिए हैं। चार साल तक इस पर काफी चर्चा हुई है। सरकार ने इस पर 158 बैठकें की हैं। विधेयक विभिन्न समिति की सिफारिशों से भी प्रभावित हैं।   *किन-किन कानूनों में बदलाव होगा?* *भारतीय दंड संहिता:* भारतीय दंड संहिता 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 जगह लेगी। यह आईपीसी के 22 प्रावधानों को निरस्त करेगी। इसके साथ ही नई संहिता में आईपीसी के 175 मौजूदा प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है और नौ नई धाराएं पेश की गईं हैं। भारतीय न्याय संहिता, 2023 में कुल 356 धाराएं हैं। अपने भाषण के दौरान गृह मंत्री ने बताया था कि यह नया कानून राजद्रोह के अपराध को पूरी तरह से निरस्त करता है। हालांकि, इसमें राज्य के विरुद्ध अपराध का प्रावधान है। इसकी धारा 150 भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों से सबंधित है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नए कानून में मॉब लिंचिंग के अपराध को दंडित करने का प्रावधान करता है और इसके लिए सात साल या आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है।   *आपराधिक प्रक्रिया संहिता:* दूसरा जो कानून बदलने जा रहा है वो आपराधिक प्रक्रिया संहिता यानी क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) है। सीआरपीसी की जगह 'भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023' को प्रस्थापित किया जाएगा। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के जरिए सीआरपीसी के नौ प्रावधानों को निरस्त किया जाएगा। इसके अलावा  इस कानून में सीआरपीसी के 107 प्रावधानों में बदलाव और नौ नए प्रावधान पेश करने को कहा गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में कुल 533 धाराएं हैं।   *भारतीय साक्ष्य अधिनियम:* बदलने वाला तीसरा कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 है। इसकी जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 लागू किया जाएगा। नया अधिनियम मौजूदा साक्ष्य अधिनियम के पांच मौजूदा प्रावधानों को निरस्त करेगा। बिल में 23 प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव है और एक नया प्रावधान पेश किया गया है। इसमें कुल 170 धाराएं हैं।    *तीनों नए कानूनों से क्या बदलेगा?* भारत की संप्रभुता या अखंडता को खतरे में डालने वाले किसी भी व्यक्ति को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। वहीं, मॉब लिंचिंग और नाबालिग से दुष्कर्म में शामिल लोगों को अधिकतम मौत की सजा दी जा सकती है। हत्या के जुर्म के लिए सजा-ए-मौत या आजीवन कारावास की सजा होगी। दुष्कर्म में शामिल लोगों को कम से कम 10 साल की जेल या आजीवन कारावास की सजा होगी और सामूहिक दुष्कर्म के लिए कम से कम 20 साल की कैद या उस व्यक्ति के शेष जीवन के लिए कारावास की सजा होगी। बिल के अनुसार, यदि किसी महिला की बलात्कार के बाद मृत्यु हो जाती है या इसके कारण महिला लगातार बेहोश रहती है, तो दोषी को कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन जिसे आजीवन कारावास के लिए बढ़ाया जा सकता है।   *बिल के अन्य खास प्रावधान* नागरिक किसी भी पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज करा सकेंगे, चाहे उनका अधिकार क्षेत्र कुछ भी हो।  जीरो एफआईआर को क्षेत्राधिकार वाले पुलिस स्टेशन को अपराध पंजीकरण के बाद 15 दिनों के भीतर भेजा जाना अनिवार्य होगा। जिरह अपील सहित पूरी सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से की जाएगी। यौन अपराधों के पीड़ितों के बयान दर्ज करते समय वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। सभी प्रकार के सामूहिक बलात्कार के लिए सजा 20 साल या आजीवन कारावास। नाबालिग से बलात्कार की सजा में मौत की सजा शामिल है। एफआईआर के 90 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से चार्जशीट दाखिल की जाएगी। न्यायालय ऐसे समय को 90 दिनों के लिए और बढ़ा सकता है, जिससे जांच को समाप्त करने की कुल अधिकतम अवधि 180 दिन हो जाएगी। आरोप पत्र प्राप्त होने के 60 दिन के भीतर अदालतों को आरोप तय करने का काम पूरा करना होगा। सुनवाई के समापन के बाद 30 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से फैसला सुनाया जाएगा। फैसला सुनाए जाने के सात दिन के भीतर अनिवार्य रूप से ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। तलाशी और जब्ती के दौरान वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। सात साल से अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक टीमों को अनिवार्य रूप से अपराध स्थलों का दौरा करना होगा। जिला स्तर पर मोबाइल एफएसएल की तैनाती होगी। सात  साल या उससे अधिक की सजा वाला कोई भी मामला पीड़ित को सुनवाई का अवसर दिए बिना वापस नहीं लिया जाएगा। संगठित अपराधों के लिए अलग, कठोर सजा। शादी, नौकरी आदि के झूठे बहाने के तहत महिला के बलात्कार को दंडित करने वाले अलग प्रावधान। चेन / मोबाइल स्नैचिंग और इसी तरह की शरारती गतिविधियों के लिए अलग प्रावधान। बच्चों के खिलाफ अपराध के लिए सजा को सात साल से बढ़ाकर 10 साल की जेल की अवधि तक। मृत्युदंड की सजा को कम करके अधिकतम आजीवन कारावास में बदला जा सकता है, आजीवन कारावास की सजा को कम करके अधिकतम सात साल के कारावास में बदला जा सकता है और सात साल की सजा को तीन साल के कारावास में बदला जा सकता है और इससे कम नहीं। किसी भी अपराध में शामिल होने के लिए जब्त किए गए वाहनों की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी।  विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 29, 2024

कांग्रेस ने कहा था पैसे मिलेंगे खटाखट-खटाखट, अब जनता पहुंच रही ऑफिस तो भाग रहे सटासट-सटासट', बीजेपी का तंज

नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक सदस्य ने कांग्रेस पर चुनावों में मतदाताओं को झूठे प्रलोभन देने का आरोप लगाया और निर्वाचन आयोग से मांग की है कि उसे इस पर रोक लगाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने चाहिए. साथ ही कहा कि इस प्रकार से जीत दर्ज करने वाले सांसदों की सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए.   *बीजेपी नेता ने कांग्रेस पर निशाना साधा* बीजेपी के अनिल बोंडे ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए आरोप लगाया कि उसकी आदत भ्रष्टाचार करने की है और पकड़े जाने पर वह एजेंसियों पर ही सवाल उठाने लगती है और न्यायिक व्यवस्था की आलोचना करने से भी परहेज नहीं करती है. अनिल बोंडे उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले रहे थे.   लोकसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब उसे झूठे प्रलोभन की आदत पड़ गई है. जहां कांग्रेस के उम्मीदवार थे, वहां लोगों से यह कहते हुए फॉर्म भरवा लिए गए कि पार्टी के उम्मीदवारों की जीत पर उनके खातों में 8,500 रुपये खटाखट, खटाखट आएंगे.   *'कांग्रेस नेता भाग रहे सटासट'* उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में महिलाएं, खासकर मुस्लिम महिलाएं- सांसदों और कांग्रेस कार्यालयों में पहुंच रही हैं और उनसे कह रही है कि पैसे निकालो फटाफट, फटाफट, लेकिन कांग्रेस वाले भाग रहे हैं सटासट, सटासट, सटासट. बीजेपी नेता बोंडे ने कहा, ‘‘मेरा कहना है कि इनका निर्वाचन रद्द करो फटाफट, फटाफट. प्रलोभन देने के बाद जो वोट लेता है तो यह आचार संहिता का उल्लंघन है. इसलिए कार्रवाई होनी चाहिए. मैं मांग करता हूं कि जहां-जहां प्रलोभन दिया गया है.   उनके नेता ही बोल रहे थे कि खातों में रुपये आएंगे खटाखट. मैं चुनाव आयोग से इस संबंध में अपील करता हूं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी जनसभाओं में कहा था कि अगर चुनाव में उनकी पार्टी की जीत हुई तो एक जुलाई, 2024 की सुबह गरीब परिवार की महिलाओं के बैंक खातों में 8500 रुपये दिए जाएंगे.   *'चुनाव के वक्त फैलाई गईं अफवाहें'* राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजेपी के रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ ही आज दुनिया भर में भारत के नेतृत्व की सराहना हो रही है. उन्होंने कहा कि यह अनुकूल समय है कि सभी मिलकर विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए खुद को झोंक दें. बीजेपी नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान बदलने और आरक्षण खत्म कर देने जैसी अफवाहें फैलाई गईं, लेकिन अफसोस की बात यह है कि ऐसा करने वाले वही लोग थे, जिन्होंने संविधान की मूल भावना को कुचलने का काम किया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मिलिंद देवड़ा ने कहा कि वह एक दशक के बाद संसद पहुंचे हैं और इस दौरान बहुत कुछ बदल गया है.   बीजेपी नेता ने कहा कि देश का संसद भवन नया है, जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखने वाली महिला आज देश की राष्ट्रपति हैं और एक चाय बेचने वाला और साधारण पृष्ठभूमि से आने वाला व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री है. उन्होंने कहा, ‘‘इसका अर्थ है कि हमारा लोकतंत्र बहुत मजबूत है. आज ऑटो चलाने वाला एक व्यक्ति महाराष्ट्र जैसे राज्य का मुख्यमंत्री बना है. इसका अर्थ है कि हमारा लोकतंत्र पहले के मुकाबले कहीं और मजबूत हुआ है.   *मिलिंद देवड़ा ने पीएम मोदी की तारीफ की* शिवसेना नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि उन लोगों को सोचना चाहिए जो आरोप लगाते हैं कि लोकतंत्र खतरे में हैं और यह कमजोर हो रहा है. लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में वैश्विक परिस्थितियों और विभिन्न कारणों से सत्ता विरोधी लहरों के कारण पाकिस्तान में छह प्रधानमंत्री हुए, ब्रिटेन में पांच, श्रीलंका में चार राष्ट्रपति, अमेरिका में तीन और फ्रांस में दो पीएम हुए.   उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में यह भी हुआ है कि लोकसभा को एक नेता प्रतिपक्ष भी मिला है. मिलिंद देवड़ा ने कहा कि यूं तो मोदी सरकार की कई उपलब्धियां हैं, लेकिन वह एक उपलब्धि का जिक्र जरूर करना चाहेंगे और वह है देश के बड़े शहरों को आतंकवादी घटनाओं से मुक्त बनाना. उन्होंने 26/11 सहित मुंबई और महाराष्ट्र में हुए विभिन्न आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि इस सरकार ने बड़े शहरों को आतंकवादी घटनाओं से मुक्त कर दिया है.   उन्होंने कहा कि जब सुरक्षा होती है तो आर्थिक विकास भी तेजी से होता है और निवेशक भी आकर्षित होते हैं. मिलिंद देवड़ा ने याद किया कि कैसे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने 47 साल पहले उनके पिता मुरली देवड़ा को मुंबई का मेयर बनने में मदद की थी और अब उसी पार्टी ने उन्हें 47 साल की उम्र में उच्च सदन का सदस्य बनाया है. उन्होंने कहा कि कई मायनों में, जीवन का एक चक्र पूरा कर चुका है. मिलिंद देवड़ा इस साल में जनवरी में कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हो गए थे.    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 29, 2024

नीट पेपर लीक, इमरजेंसी, लोकसभा नतीजे... प्रधानमंत्री मोदी पर खूब बरसीं सोनिया गांधी

नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. द हिंदू में लिखे अपने लेख में सोनिया गांधी ने नीट परीक्षा में धांधली को लेकर कहा, परीक्षा पर चर्चा करने वाले पीएम पेपर लीक पर चुप्पी साधे हुए हैं. इस परीक्षा ने देश भर के तमाम परिवारों को तबाह कर रखा है. सोनिया गांधी ने लोकसभा में इमरजेंसी पर मोदी सरकार के प्रस्ताव को लेकर भी जवाब दिया. सोनिया ने कहा, 1977 के चुनाव में लोगों ने इमरजेंसी पर अपना फैसला सुना दिया, जिसे बेझिझक स्वीकार किया गया. लेकिन तीन सालों के भीतर कांग्रेस को इतना बड़ा बहुमत मिला, जिसे पीएम मोदी की पार्टी (बीजेपी) अब तक हासिल नहीं कर पाई.   *पीएम मोदी ने जनादेश नहीं समझा* सोनिया गांधी ने कहा, चुनाव नतीजे पीएम मोदी के लिए निजी, राजनीतिक और नैतिक हार का संकेत है. जनादेश ने नफरत और विभाजनकारी राजनीति को खारिज किया है. लेकिन पीएम का व्यवहार ऐसा है जैसे कुछ बदला ही ना हो! वो आम सहमति का उपदेश देते हैं लेकिन टकराव को बढ़ावा देते हैं. लगता ही नहीं कि उन्होंने जनादेश को समझा है. सोनिया ने कहा, "डिप्टी स्पीकर पद को लेकर विपक्ष की मांग को मंजूर नहीं किया गया. पीएम, उनकी पपार्टी  द्वारा इमरजेंसी को खोद कर निकाला गया. इसमें स्पीकर भी शामिल थे, जिस पद को तटस्थता के लिए जाना जाता है. इन सब से आपसी सम्मान और एकसाथ की एक नई शुरुआत की उम्मीदें धुल गई हैं.   *चुनाव प्रचार में पीएम ने मर्यादा को नजरंदाज किया* सोनिया गांधी ने कहा, चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी मर्यादा और जिम्मेदारी को नजरंदाज कर सांप्रदायिक झूठी बातें फैलाई. उनके शब्दों ने सामाजिक तानेबाने को काफी नुकसान पहुंचाया है.    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Ujjwal Times News

Jun 29, 2024

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय संचार मंत्री से राज्य में संचार सेवाओं के विस्तार से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की

नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)।  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को केंद्रीय संचार मंत्री  ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया से भेंट कर उन्हें संचार मंत्रालय का दायित्व मिलने पर शुभकामनाएं दी तथा राज्य में संचार सेवाओं के विस्तार से संबंधित विभिन्न विषयों पर उनसे चर्चा की। मुख्यमंत्री ने राज्य में संचार व्यवस्था से वंचित क्षेत्रों में भी टावर लगाकर संचार व्यवस्था से आच्छादित किए जाने तथा पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र के गांवों में संचार सुविधाओं के विस्तार तथा रिलाइन्स जिओ द्वारा गुुंजी में लगाये गये टावर को संचालित कराये जाने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय संचार मंत्री को अवगत कराया कि नैनीताल के तल्लीताल स्थित डाकघर को नैनीताल की यातायात समस्या के समाधान हेतु अन्यत्र शिफ्ट किया जाना जनहित में आवश्यक हो गया है। जनपद नैनीताल में प्रतिदिन श्रद्धालुओं और पर्यटकों की बढती संख्या तथा विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करौली महाराज का आश्रम ‘श्री कैंची धाम’ की प्रसिद्धि में दिन-प्रतिदिन वृद्धि होने के कारण श्रद्धालुओं के साथ-साथ नैनीताल में पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक बढोत्तरी हो रही है।   मुख्यमंत्री ने कहा कि नैनीताल को यातायात समस्या के निवारण हेतु पूर्व में आईआईटी, दिल्ली द्वारा नैनीताल की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए किये गये विस्तृत अध्ययन एवम् सुझावों के आधार पर तकनीकी टीम तथा सड़क सुरक्षा समिति द्वारा नैनीताल के मुख्य चौराहे पर स्थित पोस्ट ऑफिस को जाम की समस्या का प्रमुख कारण माना है।   मुख्यमंत्री ने केंद्रीय संचार मंत्री से नैनीताल शहर में जाम से मुक्ति तथा यातायात व्यवस्था को सुदृढ करने के लिये नैनीताल नगर के मुख्य चौराहे पर स्थित डाकघर को अन्यत्र शिफ्ट किये जाने की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय संचार मंत्री को यह भी अवगत कराया कि 4G सैचुरेशन स्कीम के अन्तर्गत भारत संचार निगम (बी.एस.एन.एल.) द्वारा उत्तराखण्ड में 638 टावर स्थापित किये जाने थे, जिसमें से 481 टावर के लिये भूमि अधिग्रहण की जरूरत थी। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है, परन्तु बी.एस.एन.एल. द्वारा अभी 224 टावर ही लगाये गये है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में केंद्रीय संचार मंत्री से बी.एस.एन.एल. को त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देशित करने का आग्रह किया। केंद्रीय संचार मंत्री द्वारा वर्णित विषयों पर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया गया है।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 29, 2024

विक्रम मिसरी होंगे नए विदेश सचिव, डिप्टी एनएसए के रूप में 2 साल दे चुके हैं सेवा

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। देश के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पूर्व राजदूत विक्रम मिसरी को भारत सरकार का अगला विदेश सचिव नियुक्त किया गया है. वो भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के अधिकारी हैं. वह पिछले दो सालों से उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे.   फिलहाल, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में उनका कार्यकाल घटाकर उन्हें भारत का अगला विदेश सचिव नियुक्त किया गया है. डिप्टी एनएसए विक्रम मिसरी 15 जुलाई से अगले विदेश सचिव होंगे. दरअसल, विक्रम मिसरी इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में भी काम कर चुके हैं और वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीतिक परिस्थितियों को लेकर काफी अनुभवी हैं. इसके अलावा वे फिलहाल डिप्टी एनएसए के तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ काम कर रहे हैं.   *जानिए कौन हैं विक्रम मिसरी?*   अनुभवी राजनयिक और डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिसरी ने विदेश मंत्रालय के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में विभिन्न पदों पर काम किया है. इसके अलावा मिसरी ने यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका में विभिन्न भारतीय मिशनों में भी काम किया है. वह म्यांमार और स्पेन में भारत के राजदूत रह चुके हैं. जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के दौरान विक्रम मिसरी ने दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत में हिस्सा लिया था.   *विक्रम मिसरी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के रहे निजी सचिव*   विक्रम मिसरी इससे पहले साल 2012 से 2014 तक पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के निजी सचिव रहे और साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो वह इस पद पर बने रहे और मई से जुलाई 2014 तक पीएम नरेंद्र मोदी ने निजी सचिव के तौर पर उनके साथ अपनी सेवाएं दी. इसके अलावा साल 1997 में विक्रम मिस्री तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के निजी सचिव रह चुके हैं. विक्रम मिसरी का जन्म श्रीनगर में हुआ था. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने सिंधिया स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की थी. गौरतलब है कि विक्रम मिसरी के पास एमबीए की डिग्री भी है. इसके अलावा विक्रम मिसरी ने सिविल सेवा की तैयारी करने से पहले 3 साल तक एडवरटाइजिंग और एड फिल्म मेकिंग इंडस्ट्री में भी काम किया है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

सरकार स्टील सेक्टर को धुले हुए कोकिंग कोल की पेशकश करने की नीति पर काम कर रही है

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एम नागराजू ने आज कहा कि भारतीय कोयला क्षेत्र में पिछले साल लगभग 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन के साथ मजबूत वृद्धि देखी जा रही है और पिछले 2 वर्षों में 11 प्रतिशत की सीएजीआर है। उन्होंने कहा, "अगले साल, हम लगभग 1100 मिलियन टन कोयला उत्पादन करेंगे।" उन्होंने कहा कि सरकार ने 2030 तक 140 मिलियन टन उत्पादन के लक्ष्य के साथ कोकिंग कोल मिशन शुरू किया है। भारतीय धातु उद्योग के लिए कोयला मैट्रिक्स’ पर फिक्की कार्यशाला को संबोधित करते हुए, नागराजू ने कहा कि सरकार स्टील सेक्टर की मांग को पूरा करने के लिए 8 कोकिंग कोल वॉशरी स्थापित करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा, "2029-30 तक, हमारे पास देश की मांग के अनुसार कोयले का उत्पादन करने की क्षमता होनी चाहिए और हम अन्य देशों को कोयले की आपूर्ति करने की स्थिति में होंगे।"   इस्पात क्षेत्र के लिए, नागराजू ने कहा कि सरकार इस्पात क्षेत्र के लिए एक नीति पर काम कर रही है, जिसके तहत कोकिंग कोल के लिए वाशरी रूट को अंतिम रूट के रूप में लागू किया जाएगा, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा, "हम नीति को अंतिम रूप दे रहे हैं, एक बार मंजूरी मिलने के बाद, हम इस्पात क्षेत्र को आयातित कोयले के साथ मिश्रित करने के लिए धुले हुए कोकिंग कोल की पेशकश कर सकेंगे।" कोयला गैसीकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, नागराजू ने जोर देकर कहा कि सरकार ने देश में कोयला गैसीकरण संयंत्र स्थापित करने के लिए निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को समर्थन देने के लिए 8,500 करोड़ रुपये की योजना पहले ही शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, "देश में कोयले के क्षेत्र में उद्यम करने और विविधता लाने की जबरदस्त संभावना है।" भारत सरकार के रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (कोयला) डॉ. अविनाश कुमार मिश्रा ने कहा कि।"   कोयला गैसीकरण को स्थापित होने में कुछ समय लगेगा और रेलवे इसके परिवहन के लिए विशेष वैगन उपलब्ध कराएगा।  कोयले के उत्पादन में वृद्धि के साथ, आयातित कोयले पर निर्भरता कम होने की संभावना है, जिससे उद्योग को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों में कोयले की उपलब्धता में भारी वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य कारण आयातित कोयला है। भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार अश्विनी कुमार ने कहा कि भारतीय इस्पात उद्योग सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 2.5 प्रतिशत का योगदान देता है, लेकिन इसमें मजबूत पिछड़े और आगे के संबंध हैं। “कोयला गैसीकरण में स्वदेशी तकनीक विकसित करने की आवश्यकता है जो इस क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा देगी। हम वैश्विक इस्पात उद्योग में मध्यम अवधि में मजबूत वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं। वैश्विक इस्पात उद्योग में मंदी के बावजूद, भारतीय इस्पात उद्योग स्वस्थ स्थिति में है, और हमें उम्मीद है कि यह 10 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

एम्स में प्रतिनियुक्ति पर नर्सिंग प्रमुख की नियुक्ति की जाएगी

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। पहली बार एम्स ने संस्थान के बाहर से चीफ नर्सिंग ऑफिसर (सीएनओ) नियुक्त करने का फैसला किया है, जो प्रतिनियुक्ति के आधार पर इस पद पर काम करेंगे। संस्थान ने एक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें केंद्र के विभिन्न स्वास्थ्य सेवा सेट-अप और विश्वविद्यालयों में काम करने वाले उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए हैं। विज्ञापन के अनुसार, पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा 56 वर्ष रखी गई है और प्रतिनियुक्ति की अवधि 3 वर्ष तय की गई है। इस कदम से संस्थान के मौजूदा नर्सिंग कैडर में खलबली मच गई है, क्योंकि सीएनओ का पद संस्थान में सेवारत नर्सिंग अधिकारी को दिया जाने वाला एक पदोन्नति वाला पद है। नर्सों ने कहा कि बाहरी व्यक्ति को नियुक्त करने से मौजूदा कर्मचारियों से पदोन्नति का पद छिन जाएगा। एम्स नर्स यूनियन ने कहा कि प्रशासन के "प्रतिकूल निर्णय" ने पूरे नर्सिंग कैडर और हितधारकों के बीच अशांति पैदा कर दी है। एसोसिएशन ने संस्थान से विज्ञापन वापस लेने को भी कहा है। "एम्स में अत्यधिक अनुभवी और योग्य नर्सिंग पेशेवरों का एक समूह है, जिन्होंने इस संस्थान को कई वर्षों तक सेवा दी है। प्रतिनियुक्ति के आधार पर आवेदन आमंत्रित करना हमारे आंतरिक कर्मचारियों की क्षमताओं और करियर विकास के अवसरों को कमजोर करता है, जो संस्थागत संस्कृति, मूल्यों और परिचालन प्रक्रियाओं से अच्छी तरह परिचित हैं, "यूनियन ने एम्स निदेशक को संबोधित एक विरोध पत्र में कहा। नर्सिंग निकाय ने कहा कि सीएनओ पद के लिए एक आंतरिक उम्मीदवार विभाग के भीतर निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करेगा। "प्रतिनियुक्ति पर एक बाहरी उम्मीदवार को हमारे संस्थान की विशिष्ट आवश्यकताओं और बारीकियों के अनुकूल होने के लिए काफी समय की आवश्यकता हो सकती है, जो संभावित रूप से नर्सिंग विभाग और रोगी देखभाल सेवाओं के सुचारू संचालन को बाधित कर सकती है," इसने कहा। "विज्ञापन में उल्लिखित आवश्यक योग्यताएं बताती हैं कि मानदंड बिना किसी अनुभव के एक विशिष्ट बाहरी उम्मीदवार के पक्ष में तैयार किए गए हैं, जो हमारे आंतरिक कर्मचारियों की योग्यता और अनुभव को दरकिनार करते हैं।" नर्सिंग स्टाफ परेशान इस कदम ने संस्थान के मौजूदा नर्सिंग कैडर को परेशान कर दिया है क्योंकि सीएनओ का पद संस्थान में सेवारत नर्सिंग अधिकारी को दिया जाने वाला एक पदोन्नति वाला पद है। नर्सों ने कहा कि बाहरी व्यक्ति को काम पर रखने से मौजूदा कर्मचारियों से पदोन्नति का पद छिन जाएगा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024

सुरजपुर-सुखोमाजरी बाइपास की सड़क टुटने पर जानजोखिम में डालकर नदी से निकल रहे वाहन

पिंजौर, 28 जून 2024 (यूटीएन)। पिंजौर में ट्रैफिक की समस्या के समाधान को लेकर सुरजपुर-सुखोमाजरी बाइपास का निर्माण किया गया, पिंजौर में जाम की समस्या से बचने के लिए ज्यादातर बड़े वाहन निर्माणाधीन बाइपास से निकल रहे हैं, कई दिनों से बाइपास की आरयूबी के नजदीक नदी किनारे सड़क टुटने के बाद वाहन नदी में से निकल रहे जिससे लोगो को काफी परेशानी हो रही है, उक्त समस्या से लोगो ने प्रदीप चौधरी विधायक कालका को अवगत करवाया जिसके बाद तुरन्त प्रभाव से शुक्रवार को विधायक चौधरी बाइपास जहा सड़क टुट गई थी वहां पहुंचकर निरीक्षण किया उनके साथ पवन कुमारी शर्मा महासचिव प्रदेश महिला कांग्रेस, नरेश मान पूर्व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष, चंचल शर्मा उपाध्यक्ष प्रदेश महिला कांग्रेस, रणदीप राजू पिंजौर इंचार्ज, अशवनी चुन्ना, गुरभाग धमाला, रामकरण, प्रीतम, कृषणा शर्मा, कोरा खान, मदनलाल, रघुबीर, निर्मला, जीतराम, मेवा सिंह और मोनू आदि भी मौजूद रहे।   विधायक चौधरी ने बताया कि सड़क टुटने और आरयूबी का रास्ता बन्द होने के कारण छोटे, बड़े वाहन चालक अपनी जानजोखिम में डालकर नदी में से निकल रहे हैं इससे नदी में वाहन चालकों पर हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। यही नही बरसाते कभी भी शुरू हो सकती है उस समय नदी में ऊपर से काफी ज्यादा पानी आता है जिसके बाद वाहनो का नदी में से भी रास्ता बिल्कुल बन्द हो जाएगा और वाहनो को पिंजौर के मेन बाजार से निकलना पड़ेगा जिससे बाजार में ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ जाएगी उधर वाहनो का भी समय व तेल बर्बाद होगा। दो माह से आरयूबी का भी रास्ता हुआ बन्द मौके पर निरीक्षण के दौरान मिली जानकारी के मुताबिक बाइपास में रेलवे लाइन के नीचे आरयूबी का काम चल रहा है जिसमें वाहनो के टूलेन बन चुकी थी जिसमे से वाहनो को निकालना भी शुरू कर दिया गया था परन्तु करीब दो माह से उस रास्ते को भी बन्द कर दिया गया जिससे वाहनो को मजबूरन नदी से निकलना पड़ रहा है। आरयूबी के बॉक्स से आगे पहाड़ी की मिट्टी से बचाव के लिए ओर बॉक्स बनाए जा रहे हैं।   काम के चलते ही रास्ता बन्द किया गया था। मौके से विधायक चौधरी ने एनएच एक्सईएन जोगिंदर सिंह रंगा को फोन करके लोगो की उक्त समस्या का जल्द समाधान करवाने के लिए कहा, विधायक ने बताया कि एक्सईएन रंगा ने बरसात से पहले आरयूबी के रास्ते का काम पूरा करवाकर वाहनो के लिए इसे खोलने का आश्वासन दिया है। 7 वर्ष पहले शुरू हुए बाइपास का काम नही हुआ पूरा पिंजौर शहर में से छोटे-बड़े करीब 70 प्रतिशत वाहन बद्दी, बरोटीवाला व नालागढ़ की ओर जाते हैं, सैकड़ों कारखानों में जाने वाले भारी भरकम सामान से लोड बड़े-बड़े वाहन पिंजौर के तंग बाजार से ही होकर निकलते हैं, जिस कारण अवसर यहां पर जाम की समस्या यहती है। इसी के समाधान के लिए सरकार ने पिंजौर को बाईपास करने के लिए सूरजपुर से सुखोमाजरी बाईपास को मंजूरी देकर निर्माण 2017 में शुरू करवाया था। जिसके लिए 1 मई 2017 को केंद्रीय मंत्री ने बाईपास का शिलान्यास किया था। 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी बाइपास का काम पूरा नही हो पाया जिसका खामियाजा प्रतिदिन हजारों वाहनो को परेशान होकर भुगतना पड़ रहा है।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Jun 28, 2024

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री से मुलाकात कर अनेक मांगें रखी

नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पिछले कई दिनों से दिल्ली में हैं तथा उत्तराखंड के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं। इस संदर्भ में उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापू राम मोहन नायडू से मुलाकात करी। धामी ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी को बताया कि भारत सरकार द्वारा 2016 में राज्य के 06 मार्गों खैरना-रानीखेत, बुआखाल-देवप्रयाग, देवप्रयाग-गजा-खाड़ी, पाण्डुवाखाल नागचुलाखाल-बैजरों, बिहारीगढ़-रोशनाबाद तथा लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-मोहन-रानीखेत  को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकृत किये जाने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। उन्होंने उक्त मागों की अधिसूचना निर्गत किए जाने का अनुरोध किया।    मुख्यमंत्री ने कुमाऊँ एवं गढ़वाल को जोड़ने वाले 256.90 किमी० लम्बे खैरना-रानीखेत- भतरौंजखान-भिकियासैंण-देघाट-महलचौरी-नागचुलाखाल-बुंगीधार-बैंजरों सड़क मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित करने का अनुरोध करते हुए बताया कि इसे राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने से कुमाऊं एवं गढ़वाल क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि के साथ-साथ क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। यह मार्ग 05 विधानसभा क्षेत्रों- नैनीताल, रानीखेत, सल्ट, कर्णप्रयाग एवं थैलीसैंण को संयोजित करेगा। मुख्यमंत्री ने 189 किमी० लम्बे काठगोदाम-भीमताल-धानाचूली- मोरनौला- खेतीखान-लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का आग्रह केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से किया। पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से मोहकमपुर आर०ओ०बी० से अजबपुर आर०ओ०बी० तक (विधान सभा चौक से मोहकमपुर तक) के मार्ग को ऐलिवेटेट मार्ग के रूप में परिवर्तित किये जाने  का अनुरोध करते हुए कहा कि इसकी लागत रू0  452.00 करोड़ आगणित की गई है।   उन्होंने प्रस्तावित कार्य को वार्षिक योजना में सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून शहर की वाहनों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत 51.59 कीमी. लम्बी देहरादून रिंग रोड का निर्माण प्रस्तावित है। वर्तमान में देहरादून रिंग रोड का कार्य एन०एच०ए०आई० द्वारा किया जा रहा है। आशारोडी से झाझरा तक कुल 12.00 कि.मी० लम्बाई में 04-लेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जबकि अवशेष कार्य का संरेखण कर मार्ग की डी०पी०आर० गठन की कार्रवाई की जा रही है, मुख्यमंत्री ने इसके शेष कार्य की स्वीकृति के  साथ ही 1432 करोड़ लागत की 17.88 कि.मी ऋषिकेश बाईपास सड़क निर्माण हेतु भी केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया। इन प्रस्तावों पर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने गडकरी को अवगत कराया कि कुमाँऊ क्षेत्र में एन०एच०ए०आई० द्वारा अफजलगढ़ भागूवाला बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। जिसके लिये संरेखण के अंतिमीकरण की कार्यवाही की जा रही है, तथा एल०ए०सी० के प्रस्ताव को एन०एच०ए०आई० मुख्यालय से स्वीकृति प्राप्त है।   मुख्यमंत्री ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार में विचाराधीन उक्त परियोजनाओं पर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। इस पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को मसूरी-देहरादून के मध्य बढते यातायात के दबाव की समस्या से अवगत कराते हुए अनुरोध किया कि 40 कीमी0 लम्बे देहरादून-मसूरी मार्ग की संयोजकता को भी स्वीकृति प्रदान की जाए। इस मार्ग के निर्माण से देहरादून व मसूरी में अतिरिक्त कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे और हिमाचल प्रदेश, पंजाब आदि के लिए मसूरी जाने वाले यातायात को देहरादून शहर में प्रवेश किए बिना इस कनेक्टिविटी का उपयोग करने और शहर को भीड़भाड़ से मुक्त करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी के लिये प्रस्तावित कनेक्टिविटी एन. एच. 07 पर झाझरा गोल चक्कर से प्रारम्भ होकर लाईब्रेरी चौक के पास मसूरी में समाप्त होगा। परियोजना की अनुमानित लागत 3425 करोड़ की डी.पी.आर. के गठन की कार्यवाही गतिमान है।   इस पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से कैंचीधाम बाईपास के निर्माण की भी स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध करते हुए कहा कि कैंचीधाम, ज्योलीकोट-अल्मोड़ा मोटर मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग 109 के किमी0 24 पर स्थित है। इस स्थल पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने एवं सड़क पर वाहनों से जाम की स्थिति बनी रहती है। वर्तमान में इस मार्ग का (ज्योलीकोट से खैरना) 2 लेन में चौड़ीकरण प्रस्तावित है, जिसका एलाइन्मेंट स्वीकृति हेतु मुख्य अभियन्ता क्षेत्रीय अधिकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। इस बाईपास की लम्बाई 1.900 किमी० होगी। इस बाई पास के प्रारम्भ बिन्दु के 275 मी० बाद एक 325 मी० की सुरंग भी प्रस्तावित है। इन प्रस्तावों पर भी केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने खटीमा शहर हेतु रिंग रोड़ निर्माण, हल्द्वानी बाईपास निर्माण, पंतनगर एयरपोर्ट हेतु बाईपास निर्माण के साथ ही चंपावत बाईपास, लोहाघाट बाईपास, पिथौरागढ़ बाईपास के निर्माण का भी अनुरोध किया।   *नागरिक उड्डयन मंत्री से मिले*   मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र शुरू करने के संबंध में अनुमोदन प्रदान कर सम्बंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के जनपद उधमसिंहनगर के पंतनगर में स्थित रनवे छोटा होने के कारण इस एयरपोर्ट पर बड़े वायुयानों को उतारना संभव नहीं हो पा रहा है, जिसके लिए रनवे को बढ़ा कर एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई वर्तमान में 1372 मीटर है जिसे बढ़ाकर 3000 मीटर किया जाना है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में विभिन्न विभागों तथा राष्ट्रीय राजमार्ग सिडकुल की कुल 804.0162 एकड़ अथवा 325.5126 हैक्टेएयर भूमि अधिग्रहण की जा चुकी है। जिसमें से 212.4868 (524.78 एकड़) भूमि नागरिक उड्डयन विभाग के नाम हस्तान्तरित की जा चुकी है।   मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि के हस्तातंरण के संबंध में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुरोध करते हुए विस्तारीकरण पर कार्य शुरू करने की अनुमति प्रदान करने का भी अनुरोध किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट से काठमांडू(नेपाल) के लिए वायुयान सेवा संचालित किए जाने के लिए निविदा की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। जिसके दृष्टिगत जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का दर्जा देने की कार्यवाही को गति देने की नितांत आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग की 87.0815 हेक्टेयर भूमि को एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुसार नागरिक उड्डयन मंत्रालय को हस्तांतरित करने में कोई अवरोध नहीं है।  मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से केदारनाथ धाम और देहरादून के सहस्त्रधारा हेलिड्रोम पर एटीसी की स्थापना के सम्बंध में अनुरोध करते हुए अवगत कराया कि वर्तमान में उत्तराखंड के तीन हवाई अड्डे हैं जहां वीएचएफ संचार सहित वायु यातायात सेवा उपलब्ध हैं।   हालांकि वीएचएफ संचार व्यवस्था एक लाइन ऑफ साइट कम्युनिकेशन व्यवस्था होने तथा राज्य की पर्वतीय भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उत्तराखंड के अधिकांश क्षेत्र अभी भी इस व्यवस्था से आच्छादित नहीं हो पाए हैं। इसके मद्देनजर श्री केदारनाथ धाम और सहस्त्रधारा हेलिड्रोम में वायु यातायात नियंत्रण स्थापित किया जाए।  मुख्यमंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य के सीमावर्ती शहर पिथौरागढ़ के लिए अलायन्स एयर द्वारा द्वारा उत्तराखंड एयर कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत दिल्ली-पिथौरागढ़-दिल्ली उड़ान संचालन हेतु सहमति हो गई है। राज्य सरकार द्वारा हवाई अड्डे के लिए 2 सी श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एटीआर 42 विमानों के संचालन हेतु पायलट्स के लिए सिम्युलेटर ट्रेनिंग आवश्यक है।  उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अलायन्स एयर को सिम्युलेटर ट्रेनिंग प्रक्रिया शीघ्र आरंभ करने हेतु सम्बंधित विभाग को निर्देशित करने का अनुरोध किया गया।इससे पहले धामी प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री तथा वित्त मंत्री से भी मुलाकात कर चुके हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 28, 2024