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○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
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National
बांग्लादेश के हिंदू समाज की सुरक्षा हेतु प्रार्थना
नई दिल्ली, 12 अगस्त 2024 (यूटीएन)। गोरख पार्क शाहदरा स्थित राजमाता झंडेवाला मंदिर में सावन के पावन अवसर पर आयोजित शिवमहापुराण कथा अनुष्ठान की पूर्णाहुति के अवसर पर यज्ञ किया गया तथा बांग्लादेश में चल रहे अस्थिरता के माहौल की शांति हेतु प्रार्थना की गई। इस अवसर पर स्वामी राजेश्वरानंद महाराज ने भारत सरकार से आह्वान किया कि बांग्लादेश में जिस तरह से हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है उसे रोकने के लिए समुचित उपाय किए जाएं तथा वहां से उनकी वापसी भी सुनिश्चित करे भारत सरकार। इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री तथा विदेश मंत्री को पत्र भी लिखा है। शिवमहापुराण कथा अनुष्ठान का समापन सैकडो भक्तों द्वारा "सर्व मंगल मांगले"की गगनभेदी गूंज के साथ हवन यज्ञ में पूर्णाहुति अर्पित करते हुए शिवभक्तों ने पंचामृत, बेल पत्र,फूल फल आदि के साथ रुद्राभिषेक किया। यज्ञ की पूर्णाहुति करते हुए स्वामी राजेश्वरानंद द्वारा राष्ट्र की एकता अखंडता के साथ विशेष रूप से बांग्लादेश में हिन्दू समाज की सुरक्षा की कामना एवं दुष्ट लोगो के लिए सद्बुद्धि हेतु सर्व कल्याण अरदास की गई। शिवमहापुराण कथा विराम पर भक्तजनों को संबोधित करते हुए स्वामी राजेश्वरानंद महाराज ने बांग्लादेश में हो रहे हिंदू भाइयों पर अत्याचार के विषय में कहा कि यह चिंतनीय विषय है कि चाहे बात ऑस्ट्रेलिया,पाकिस्तान सहित पूरे विश्व की करें तो देखने में आता हैं कि हिंदु मंदिरों पर ही हमले अत्याचार होता हैं जबकि सनातनी संस्कृति के लोग पूरे विश्व में किसी को कष्ट पीड़ा दुःख देने में नही बल्कि आपदा दुःख की घड़ी में सबकी सहायता करने में मदद करते हुए दिखाई देते हैं।बांग्लादेश में हिंदू पूजा स्थलों को तोड़े जाना और हिंदुओ की मार काट के विरुद्ध भारत सरकार सहित संयुक्त राष्ट्र संघ को तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करके हिंदुओ की सुरक्षा निश्चित करनी चाहिए।हमें इस बात पर गर्व है कि इतने मुस्लिम देश होने के बावजूद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी सुरक्षा के लिए भारत पर ही भरोसा रखा और दूसरी तरफ शर्म आ रही है कि इस दुख की घड़ी में हिंदू समाज बांग्लादेश में असहाय और अकेला दिखाई दे रहा है। स्वामीजी ने आगे बोलते हुए कहा कि जब भी अपने पड़ोस हो रहे अत्याचार को हम मात्र दर्शक की तरह देखते हैं तो याद रखें अगला नंबर हमारा ही होता है।इसके लिए संगठित होने की जरूरत है जिसमे सबसे बड़ी कमी और कमजोरी हमारी जात पात में बंटे होने की सिद्ध होती हैं।स्वामी जी ने कहा "हमारे दुश्मनों ने बहुत चालाकी का काम किया,हमें जात पात में बांट दिया"। जात पात से ऊंचा उठकर हमे केवल हिंदू मानसिकता से काम करना चाहिए।सर्वविदित है कि अकेले तिनकों को कोई भी तोड़ देता है लेकिन तिनकों की गांठ को तोड़ना आसान नही होता अतः तिनके नही गांठ बनिए यानी जात पात में बंटने की जगह संगठित हिंदू बनिए। कथा व्यास बृज रसिक पुज्यता किशोरी जी ने बताया कि बैधनाथ,केदारनाथ,विश्वनाथ से जुड़ी कथाओं पर प्रसंग सुनाते हुए कहा कि यह कथाएं हमे भक्ति करते हुए मुक्ति मार्ग पर अग्रसर करती हैं। जिस व्यक्ति ने गुरु दीक्षा न ली हो उन्हे शिव महामंत्र ॐ नमः शिवाय का जप अवश्य करना चाहिए। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Aug 12, 2024
लॉजिस्टिक्स शक्ति समिट में देश कैसे बनेगा 2047 तक विकसित भारत पर चर्चा हुई
नई दिल्ली, 12 अगस्त 2024 (यूटीएन)। लॉजिस्टिक्स शक्ति समिट और अवार्ड्स 2024 नई दिल्ली के होटल हयात रीजेंसी में आयोजित किया गया। इसमें उद्योग जगत के प्रमुख व्यक्ति और विशेषज्ञ शामिल हुए। सभी ने लॉजिस्टिक सेक्टर की उन्नति को बढ़ावा देने के लिए नए विचार प्रस्तुत किए और विकसित भारत 2047 मिशन को प्राप्त करने की क्षमता पर चर्चा की। आईएचडब्लयू मीडिया और मिलियन माइंड्स मैनेजमेंट कंसल्टेंसी द्वारा आयोजित इस महत्वपूर्ण समिट में उद्योग जगत के दिग्गज, नीति निर्माता और प्रमुख स्टेकहोल्डर भारत में लॉजिस्टिक्स के भविष्य पर चर्चा करने और उसे नया रूप देने के लिए एक साथ आए। उद्घाटन सेशन वर्तमान लॉजिस्टिक्स लैंडस्केप और विकसित भारत पर केंद्रित था। मुख्य भाषणों में देश के डायनामिक लॉजिस्टिक्स इको सिस्टम, बाजार के रुझान और डिजिटल परिवर्तन लक्ष्यों को रेखांकित किया गया। गणमान्य व्यक्तियों ने 2027-28 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और 2047 तक डिजिटल रूप से एडवांस्ड, इको फ्रेंडली लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को स्थापित करने में टिकाऊपन, सहयोग और नीतिगत पहलों के महत्व पर जोर दिया। अपने संबोधन में भारतीय सेना के जनरल ऑर्डनेंस सर्विसेज के पूर्व डायरेक्टर (सेवानिवृत्त) लेफ्टिनेंट जनरल धरम वीर कालरा ने कहा, "कारोबार की सफलता के लिए अच्छी सप्लाई चेन महत्वपूर्ण होती हैं, और मजबूत लॉजिस्टिक्स क्षमता सप्लाई चेन की प्रभावशीलता की कुंजी होती है। इंफ्रास्ट्रक्चर में रणनीतिक निवेश महत्वपूर्ण है, क्योंकि इतिहास से पता चलता है। कि खराब लॉजिस्टिक्स पतन का कारण बन सकता है। ब्लॉकचेन और डेटा एनालिटिक्स जैसी उभरती टेक्नोलॉजी से व्यवसाय और सप्लाई चेन रणनीतियों को साथ में अमल में लाना पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। लॉजिस्टिक्स सेक्टर को वह पहचान मिलते देखना रोमांचक है जिसका वह हकदार है, और मुझे इस उभरते उद्योग का हिस्सा होने पर गर्व है।” गति शक्ति विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) मनोज चौधरी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "हम 2030 तक नेट जीरो एमिशन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए हमे इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति करनी होगी। अच्छी बात यह है कि इसके लिए ₹11 लाख करोड़ के बजट आवंटन से समर्थन मिला है। वंदे भारत, फ्रेट कॉरिडोर विस्तार और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास जैसी प्रमुख पहल आर्थिक विकास को गति दे रही हैं। चूंकि हमारा 90% व्यापार समुद्री मार्गों पर निर्भर करता है, इसलिए हम लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूत कर रहे हैं और तेजी से डिजिटलीकरण को अपना रहे हैं। गति शक्ति विश्वविद्यालय में हम इस महत्वपूर्ण सेक्टर की उभरती मांगों को पूरा करने के लिए स्नातकों को तैयार कर रहे हैं।” कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए म्यांमार के एंबेसडर मो क्यॉ आंग ने कहा, "इस कार्यक्रम में म्यांमार का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात है। भारत के साथ हमारे गहरे ऐतिहासिक संबंध कुशल लॉजिस्टिक्स के माध्यम से विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। म्यांमार का रणनीतिक स्थान और नदी नेटवर्क डेवलपमेंट हमें एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करता है। हम मिजोरम-म्यांमार कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट जैसी पहलों के साथ इस लक्ष्य को आगे बढ़ा रहे हैं। इस तरह का विकास क्षेत्रीय विकास और सहयोग के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” मिलियन माइंड्स के फाउंडर डायरेक्टर अमित शंखधर ने इस बात पर जोर दिया कि लॉजिस्टिक्स शक्ति किस तरह से विकसित भारत मिशन को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने इस बारे में कहा, "यह समिट हमें विकसित भारत के सपने को पूरा करने में लॉजिस्टिक्स सेक्टर की भूमिका पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है। यह ट्रक ड्राइवरों से लेकर नीति निर्माताओं तक सभी स्टेकहोल्डर के सामूहिक प्रयासों का जश्न मनाता है, और इस बात पर जोर देता है कि प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाती है। जैसा कि हम इस परिवर्तनकारी यात्रा पर आगे बढ़ रहे हैं, हमारा लक्ष्य लॉजिस्टिक्स में विकास और इनोवेशन को गति देना है। लॉजिस्टिक्स शक्ति सिर्फ एक शुरुआत है। और आईएचडब्लयू मीडिया और मिलियन माइंड्स की एक पहल है, लेकिन इस यात्रा का कोई अंत नहीं है। इस सेक्टर में आगे भी काम होते रहेंगे।” इस आयोजन के अवसर पर एयरोस्पेस और एविएशन सेक्टर की डीप-टेक कंपनी बोन वी एयरो ने डिजास्टर मैनेजमेंट स्टडीज एंड सस्टेंबिलिटी के साथ एक रणनीतिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। बॉन वी एयरो के सीईओ सत्यब्रत सत्पथी ने कहा, "हमारे एरियल मोबिलिटी प्लेटफॉर्म, आर एम001 ने हिमालय में भारतीय सेना की मदद करके सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में अपनी लचीलापन और विश्वसनीयता साबित की है। इस नई साझेदारी के साथ हम कमर्शियल लॉजिस्टिक्स सेक्टर में अपनी विशेषज्ञता का विस्तार करने के लिए तैयार हैं। हम चाहते हैं कि हमारी तकनीक प्रभावशाली परिवर्तन और सतत विकास को आगे बढ़ाती रहे।” इसके अलावा भारतमाला एक्सप्रेसवे पर शून्य उत्सर्जन माल ढुलाई आंदोलन का संचालन कर रहा है भारत विषय पर एक जानकारी भरा पहला सेशन भी आयोजित किया गया। ‘ड्राइवर लॉजिस्टिक्स उद्योग के पायलट हैं; सतत और लचीले विकास के लिए उनकी भलाई में निवेश करना' विषय पर दूसरे सेशन में लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री में ड्राइवरों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया, उन्हें पायलटों के समान बताया गया। इसके अलावा भारत सरकार के वाणिज्य विभाग के पूर्व विशेष सचिव एन शिवसैलम ने भारत में लॉजिस्टिक्स सेक्टर की कई बारीकियों, चुनौतियों और संभावित समाधानों पर भाषण दिया। दूसरे भाग में 'लॉजिस्टिक्स में गिग वर्कर्स - कल्याण, चुनौतियां और अवसर', 'स्टार्टअप्स और निवेश के अवसरों को सशक्त बनाना', 'स्मार्ट लॉजिस्टिक्स और कनेक्टेड मोबिलिटी: कुशल और टिकाऊ संचालन के लिए डिजिटल तकनीकों की शक्ति को लागू करना', 'विकसित भारत लक्ष्य की दिशा में प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उद्यमी और रोजगार सृजक बनाने के लिए फ्रैंचाइज़ी शक्ति का उपयोग करना' आदि विषयों पर और सेशन हुए, जिसके बाद 'डायग्नोस्टिक्स और फार्मा सप्लाई चेन के लिए स्पेशलिटी लॉजिस्टिक्स को बदलना: राष्ट्र के स्वास्थ्य की रक्षा करना' पर फोकस सेशन हुआ। इन सेशन का संचालन आईएचडब्लयू काउंसिल के सीईओ कमल नारायण ओमर ने किया। शाम को एक पुरस्कार समारोह और समिट के समग्र परिणाम पर निर्णायक मंडल की टिप्पणियों के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Aug 12, 2024
आईईसीसी रिपोर्ट: देश में तीन साल बाद हो सकती है बिजली की भारी कटौती
नई दिल्ली, 12 अगस्त 2024 (यूटीएन)। भारत में जिस तेजी से बिजली की मांग बढ़ रही है उसके कारण लोगों को आने वाले वर्षों में भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। इंडिया एनर्जी एंड क्लाइमेट सेंटर (आईईसीसी) ने अपनी नई टेक्निकल रिपोर्ट में खुलासा किया है कि 2027 तक भारत को खासतौर पर शाम के समय 20 से 40 गीगावाट तक बिजली की कमी का सामना करना पड़ सकता है। यह स्थिति तब भी उत्पन्न होगी जब वर्तमान में निर्माणाधीन सभी थर्मल और पनबिजली परियोजनाएं योजना के अनुसार समय पर पूरी हो जाएंगी। भारत की योजना 2027 तक अक्षय ऊर्जा में 100 गीगावाट और पावर क्षमता में 28 गीगावाट तक इजाफा करने की है। मौजूदा समय में देश की कुल ऊर्जा उत्पादन क्षमता 446.2 गीगावाट है। इसमें से 48.8 फीसदी ऊर्जा, कोयला आधारित है। इसके अलावा 19.2 फीसदी सौर, 10.5 फीसदी पवन ऊर्जा और 10.5 फीसदी पनबिजली पर निर्भर है। शेष अन्य स्रोतों जैसे न्यूक्लियर, तेल एवं गैस और बायोपावर से प्राप्त हो रही है। *वैश्विक मांग से ज्यादा बढ़ रही भारत में खपत* रिपोर्ट के अनुसार, बिजली की बढ़ती मांग में 2023 के दौरान 6.5 की वृद्धि दर्ज की गई थी। यह वृद्धि वैश्विक रूप से बढ़ रही बिजली की मांग से ज्यादा है। उल्लेखनीय है कि इस दौरान वैश्विक स्तर पर बिजली की मांग में 2.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। देश में 2019 से 2024 के बीच पीक समय में बिजली की मांग में सालाना साढ़े छह फीसदी की वृद्धि हुई है। मई 2019 में पीक समय में बिजली की मांग 182 गीगावाट थी जो मई 2024 में 68 गीगावाट के इजाफे के साथ बढ़कर 250 गीगावाट तक पहुंच गई। यदि यह प्रवत्ति जारी रहती है तो पीक समय में बिजली की मांग 2027 तक 50 से 80 गीगावाट तक बढ़ सकती है। *सौर ऊर्जा व भंडारण क्षमता बढ़ाना बेहतर विकल्प* रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि बिजली की इस कमी को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा के साथ भंडारण क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान देना सबसे अच्छा विकल्प है। सौर ऊर्जा संयंत्रों को नए थर्मल और हाइड्रो प्लांट्स की तुलना में अधिक तेजी से स्थापित किया जा सकता है। इसके अलावा 2027 तक 100 से 120 गीगावाट नई सौर ऊर्जा जोड़ने से जिसमें 50 से 100 गीगावाट की भंडारण क्षमता चार से छह घंटे होगी, बिजली की कमी से निपटने में मदद मिल सकती है। अनुमान के अनुसार देश में बिजली की मांग 2047 तक चार गुना बढ़ सकती है। *सालाना मांग छह फीसदी से अधिक दर से बढ़ेगी तो गहराएगा संकट* 17 से 31 मई 2024 के बीच भीषण गर्मी के दौरान देश की बिजली व्यवस्था गहरे दबाव में थी। हालांकि, इस दौरान पन बिजली को छोड़कर 140 गीगावाट से अधिक अक्षय ऊर्जा क्षमता मौजूद थी, लेकिन मई 2024 की शुरुआत में शाम के पीक समय के दौरान केवल आठ से दस गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन ही उपलब्ध था। बिजली की मांग में हो रही यह वृद्धि 2025 में भी जारी रह सकती है। हालात को देखते हुए आईईसीसी का कहना है कि यदि सालाना मांग छह फीसदी से अधिक की दर से बढ़ती है तो देश को आने वाले वर्षों में बिजली की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Aug 12, 2024
सब दल सोचते ही रह गए, 'क्रीमी लेयर' पर स्टैंड लेकर बीजेपी ने ले लिया अडवांटेज
नई दिल्ली, 10 अगस्त 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में 'क्रीमी लेयर' के प्रावधान पर अपना रुख साफ कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में 'क्रीमीलेयर' बनाने के सुझाव पर सरकार ने अपना स्टैंड साफ कर दिया. कैबिनेट बैठक के बाद सरकार ने संविधान का हवाला दिया. और साफ संकेत दिया कि आरक्षण के सिस्टम से छेड़छाड़ का उसका कोई इरादा नहीं है. सियासी तौर पर इस बेहद संवेदनशील मसले पर प्रमुख विपक्षी दलों की चुप्पी के बीच सरकार के इस स्टैंड को एडवांटेज लेने के तौर पर देखा जा रहा है.सरकार ने इसके जरिए यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह आरक्षण के मसले पर दलितों और पिछड़ों के साथ खड़ी है. दरअसल इस फैसले के जरिए सरकार ने दो तरफ से बढ़त लेने की कोशिश की है. *केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की इस लाइन के बड़े हैं मायने* 'बीआर आंबेडकर के संविधान के अनुसार एसी-एसटी के आरक्षण में क्रिमीलेयर का कोई प्रावधान नहीं है.' यह लाइन शुक्रवार देर रात कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते केंद्रीय सूचना प्रसारण और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कही. इस लाइन को गौर से पढ़ेंगे तो कई चीजें समझ आती हैं. इसमें बाबा साहेब बीआर आंबेडकर की भी बात है, संविधान का भी जिक्र है और साफतौर पर पूरी लाइन का निचोड़ यही है कि पार्टी दलितों के साथ मजबूती से खड़ी है और संविधान में शामिल उनके हितों की रक्षक है. ऐसे में अब विपक्षी दलों के लिए सरकार पर दलित या संविधान विरोधी होने का आरोप लगाना मुश्किल होगा. बीजेपी अपने इस फैसले के जरिए जवाब दे सकती है. आगामी चुनावों में बीजेपी इस मूव के जरिए दलितो हितों की हितैषी पार्टी के तौर पर खुद को और मजबूती से स्थापित करने की कोशिश करेगी. इसके साथ ही संविधान की बात कर बीजेपी ने विपक्ष की काट भी खोज ली है, जो उस पर चुनाव से लेकर संसद तक लगातार संविधान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए घेर रहा था. हालांकि आपको ये भी बता दें कि केंद्र सरकार ने साफ तौर पर 'क्रीमी लेयर' को लेकर कुछ नहीं कहा है लेकिन जिस तरह की टिप्पणी केंद्रीय मंत्री ने किया है उसे इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. *क्रीमी लेयर को लागू करने का क्या है मतलब ?* सरल शब्दों में अगर 'क्रीमी लेयर' के प्रावधान को समझाने की कोशिश करें तो हम इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के तहत आरक्षण का फायदा लेते हुए जो लोग अब समृद्ध और संपन्न हो चुके हैं, उन्हें अब पहले की तरह ही आरक्षण का पूरा फायदा नहीं मिल पाएगा. जबकि इन जातियों में जो लोग अभी गरीब हैं या पिछड़े हैं उन्हें संपन्न लोगों की तुलना में अब ज्यादा आरक्षण दिए जाने का प्रावधान करने की बात की जा रही है.सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण देते समय ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें 'क्रीमी लेयर' में रखने की बात कही थी जो लोग आरक्षण लेने के बाद अब बेहद संपन्न हो चुके हैं. *संविधान की बात कर केंद्र ने विपक्ष को दिया करारा जवाब ?* केंद्र सरकार ने'क्रीमी लेयर' को जो जवाब दिया है उससे सरकार ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा है. आपको बता दें कि इसी साल हुए आम चुनाव और उसके शुरू होने से कुछ महीने पहले से विपक्षी दलों का कहना था कि अगर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर सरकार में वापसी करती है तो वह संविधान को बदल देगी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने क्रीमी लेयर को लेकर जो जवाब दिया है. उससे ये साफ है कि सरकार के लिए संविधान ही सर्वोपरी है और वह संविधान में दर्ज प्रावधानों के तहत ही कोई फैसला ले रही है. ऐसे में विपक्षी दलों द्वारा संविधान को लेकर सरकार के खिलाफ जो नेरेटिव सेट किया जा रहा है उसे भी अब सरकार ने पूरी तरह से नाकार दिया है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Aug 10, 2024
भारत आते ही ध्यानचंद की मू्र्ति के सामने नतमस्तक हुई भारतीय हॉकी टीम
नई दिल्ली, 10 अगस्त 2024 (यूटीएन)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक-2024 में कमाल कर दिया। हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली इस टीम ने ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया है। भारत ने 52 साल बाद ओलंपिक खेलों में लगातार दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। भारत ने टोक्यो ओलंपिक-2020 में चार दशक बाद ब्रॉन्ज जीता था और इस बार उस प्रदर्शन को जारी रखा है। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया भारत लौट आई है और आते ही उसने हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद की मूर्ति के सामने सजदा किया। भारत ने इससे पहले साल 1968 और 1972 में लगातार दो ब्रॉन्ज मेडल मैच जीते थे। इसके बाद इस बार टीम ने इस कारानामे को दोहराया है। भारत ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में स्पेन को 2-1 से मात दे मेडल पर कब्जा किया था। *नेशनल स्टेडियम पहुंची टीम इंडिया* टीम इंडिया पेरिस में झंड़ा लहराने के बाद आज यानी 10 अगस्त को भारत लौट आई है। स्वदेश आते ही ये टीम राष्ट्रीय राजधानी स्थित मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम गई जहां हॉकी के जादूगर की मू्र्ति लगी है। टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने एक-एक कर उनकी मू्र्ति पर फूल चढ़ाए और सजदा किया। फिर मेडल के साथ फोटो खिंचवाए। *कुल 13वां मेडल किया नाम* भारत का ओलंपिक में हॉकी टीम द्वारा जीता गया ये 13वां मेडल है। भारत ने इससे पहले ओलंपिक में आठ गोल्ड, एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज जीते थे। भारत ने हॉकी में अपना आखिरी गोल्ड मेडल 1980 में जीता था। इसके बाद टीम इंडिया 2020 तक हॉकी में कभी भी मेडल नहीं जीत सकी थी। इस सूखे को टीम ने जापान की राजधानी टोक्यो में खत्म किया था। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Aug 10, 2024
लंबे समय बाद बिना स्थगन और बाधा के समाप्त हुआ संसद का सत्र
नई दिल्ली, 10 अगस्त 2024 (यूटीएन)। 18वीं लोकसभा का पहला बजट सत्र भले ही तय समय से एक दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया, मगर विधायी कामकाज की दृष्टि से संसद का यह सत्र शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में सफल रहा। सरकार ने बजट और वित्त विधेयक पारित कराने से लेकर अपने घोषित सभी विधायी एजेंडे को सिरे चढ़ाया तो विपक्ष ने भी सत्र में अपने मुद्दों के जरिए सरकार की घेरेबंदी की कोशिश की। इस क्रम में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कुछ मौकों पर तीखी नोक-झोंक हुई, मगर लंबे अर्से बाद यह पहला सत्र रहा जब संसद की कार्यवाही एक दिन भी हंगामे की वजह से बाधित नहीं हुई। *एक दिन पहले सत्र समाप्त करने का निर्णय* इस दौरान लोकसभा में वित्त विधेयक समेत चार विधेयक पारित हुए, जबकि 12 नए विधेयक पेश हुए, जिसमें राजनीतिक रूप से संवेनदशील वक्फ संशोधन विधेयक भी शामिल है। इस पर संयुक्त संसदीय समिति गठित की गई है। संसद का बजट सत्र 12 अगस्त तक निर्धारित था, मगर सरकार ने कामकाज का एजेंडा पूरा कर लेने के बाद एक दिन पहले ही सत्र समाप्त करने का फैसला किया। विपक्ष ने इसको लेकर सरकार पर तंज भी कसा कि संसद का सामना करने से बचने के लिए सरकार ने एक दिन पहले सत्र खत्म किया है। वैसे सत्र के दौरान विपक्ष ने नीट पेपर लीक से जुड़े मुद्दे प्रश्नकाल में उठाने से लेकर किसानों से लेकर आम आदमी से जुड़े मसले उठाने में आक्रामकता दिखाई, मगर सत्र को बाधित करने की बजाय विपक्षी दलों ने भी बहस-चर्चा के दौरान अपने मुद्दों को मुखरता से उठाने की रणनीति अपनाई। *कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा* लोकसभा में पारित चार विधेयकों में तो वित्त, विनियोग और जम्मू-कश्मीर का विनियोग विधेयक तो संवैधानिक अनिवार्यता से जुड़े हैं, जिसे राज्यसभा ने भी पारित किया, जबकि लोकसभा में पारित भारतीय वायुयान विधेयक हवाई यात्रा क्षेत्र के संचालन में सुधार से जुड़ा है। सत्र के दौरान बांग्लादेश में तख्तापलट की घटना को लेकर विदेशमंत्री की ओर से बयान दिया गया तो वायनाड में भूस्खलन से हुई तबाही के मसले पर भी संक्षिप्त चर्चा हुई। 22 अगस्त से शुरू हुए सत्र में एक दिन भी ऐसा नहीं हुआ जब शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए ठप हुई हो। संसदीय कार्यमंत्री किरन रिजिजू ने भी सत्र समापन के बाद अपनी पारंपरिक प्रेस वार्ता में इसे सुखद बताते हुए कहा कि काफी अर्से बाद पूरे सत्र में एक दिन भी हंगामे की वजह से बर्बाद नहीं हुआ। *संसदीय कार्य मंत्री ने जताया विपक्ष का आभार* इसके लिए लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति के साथ ही रिजिजू ने विपक्ष दलों के सांसदों का भी धन्यवाद जताते हुए कहा कि कुछ नोंक-झोंक तथा शोरगुल जरूर हुआ, मगर लोकतंत्र में ऐसा होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि हम एक सुदृढ़ लोकतंत्र हैं, जिसमें शोर-गुल कई बार एक अनिवार्य हिस्सा होता है, मगर इस बार शोरगुल के बावजूद एक दिन भी बाधित नहीं हुआ। संसदीय कार्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि आगामी शीत सत्र के दौरान भी इसी भावना से पक्ष और विपक्ष काम करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सत्र के कामकाज पर संतोष जताते हुए कहा कि 18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र के दौरान कार्य-उत्पादकता 136 प्रतिशत रही। इस दौरान 15 बैठकों में 115 घंटे की चर्चा हुई जिसमें आम बजट पर आम 27 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई और 181 सदस्यों ने भाग लिया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Aug 10, 2024
आठ नई रेल परियोजनाओं को कैबिनेट की मंजूरी
नई दिल्ली, 10 अगस्त 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार ने आठ नई रेल लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनसे रेल यात्रा में सहजता, माल ढुलाई की लागत में कमी के साथ-साथ राज्यों के बीच संपर्क बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा बिहार, झारखंड, ओडिशा, बंगाल और महाराष्ट्र समेत पूर्वोत्तर के राज्यों को मिलेगा।केंद्रीय कैबिनेट की शुक्रवार देर रात हुई बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए सूचना- प्रसारण एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रस्तावित परियोजनाएं हाल में ही पारित बजट की नई परिकल्पना पूर्वोदय के अनुकूल है, जिसमें पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास की विशेष चिंता की गई है। इससे आर्थिक विकास के साथ रोजगार में भी वृद्धि होगी। *नेपाल से बिहार होते हुए झारखंड तक जाना आसान हो जाएगा* पीएम-गतिशक्ति प्लान के तहत सभी परियोजनाओं को वर्ष 2030-31 तक पूरा कर लिया जाएगा। इनपर कुल 24 हजार 657 करोड़ की लागत आएगी।कैबिनेट ने भागलपुर के पास गंगा पर 26 किमी लंबी बिक्रमशिला-कटारिया न्यू डबल लाइन के साथ ब्रिज को मंजूर कर दिया है। इसपर 2,549 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वर्षों से इसकी मांग चली आ रही थी। इससे नेपाल से बिहार होते हुए झारखंड तक जाना आसान हो जाएगा। *सामान ढुलाई की मात्रा भी बढ़ जाएगी* पूर्वोदय के अन्य राज्यों के संपर्क में वृद्धि होगी और बंदरगाह तक सामान की ढुलाई आसान होगी। इन रेल मार्गों से कृषि उत्पाद, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट, बाक्साइट, ग्रेनाइट, चूना पत्थर, एल्यूमीनियम पाउडर एवं गिट्टी आदि का परिवहन आसान हो जाएगा। कार्बन उत्सर्जन कम हो जाएगा, जिससे पर्यावरण को भी संतुलित करने में मदद मिलेगी। सामान ढुलाई की मात्रा भी बढ़ जाएगी। *सात राज्यों के 14 जिलों की रेल संपर्कता बढ़ेगी* नई रेल लाइनों के निर्माण से पूर्वोदय की अवधारणा में शामिल सात राज्यों के 14 जिलों की रेल संपर्कता बढ़ेगी। साथ ही रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 900 किलोमीटर की वृद्धि होगी। रेल लाइनों पर 64 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जो पूर्वी सिंहभूम, कालाहांडी, मलकानगिरी, नबरंगपुर, रायगढ़ को कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। इससे 510 गांव की लगभग 40 लाख आबादी के बीच विकास का असर देखा जा सकेगा। महाराष्ट्र की रेल लाइन से यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल अजंता की गुफाएं भी रेल नेटवर्क से जुड़ेंगी, जिससे बड़ी संख्या में पर्यटकों को सुविधा मिलेगी। *रेलवे बोर्ड को वैधानिक शक्ति देने के लिए विधेयक पेश* रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे बोर्ड को वैधानिक शक्तियां प्रदान करने के लिए शुक्रवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया। रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य रेलवे बोर्ड के कामकाज और स्वतंत्रता को बढ़ाना है। वैष्णव ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 के सभी प्रविधानों को रेलवे अधिनियम, 1989 में शामिल करने का प्रस्ताव है। इससे दो कानूनों का संदर्भ लेने की आवश्यकता कम हो जाएगी। वैष्णव ने कहा कि स्वतंत्रता से पहले रेलवे नेटवर्क की स्थापना लोक निर्माण विभाग की एक शाखा के रूप में की गई थी। जब नेटवर्क का विस्तार हुआ, तो विभिन्न रेलवे संस्थाओं के समुचित कामकाज को सक्षम करने के लिए भारतीय रेलवे अधिनियम, 1890 लागू किया गया। वैष्णव ने कहा कि रेलवे को लोक निर्माण विभाग से अलग कर दिया गया और रेलवे बोर्ड अधिनियम 1905 में लागू किया गया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Aug 10, 2024
विवेकानंद सोसायटी ने किया वार्षिक रिपोर्ट पत्रिका का अनावरण एवं वृक्षारोपण
पंचकूला, 10 अगस्त 2024 (यूटीएन)। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी विवेकानंद मानव सेवा सोसायटी, कालका-पिंजौर द्वारा अपनी वार्षिक रिपोर्ट पत्रिका का अनावरण रामकृष्ण मिशन आश्रम, चंडीगढ़ के सचिव स्वामी भीतिहरानंद जी की गरिमामयी उपस्थित में सभी सदस्यों के साथ किया गया। कार्यक्रम का अयोजन सेंट विवेकानंद मिलेनियम स्कूल, एचएमटी टाउनशिप, पिंजौर के प्रांगण में किया गया। सर्वप्रथम सोसायटी के जनरल सेक्रेटरी डॉ० अजय वर्मा द्वारा सभी का स्वागत किया गया, इसके बाद सोसाइटी के ऑर्गेनाइजर पीयूष पुंज द्वारा वार्षिक रिपोर्ट के उद्देश्यों को बताते हुए कहा गया कि पत्रिका किसी भी संस्था का दर्पण होता है। इसी तरह से हमारी वार्षिक रिपोर्ट भी पूरी तरह से पारदर्शी है। इसमें हमारे संपूर्ण वर्ष के आय-व्यय के एक-एक रुपए का विवरण है। तत्पश्चात स्वामी भीतिहरानंद जी के कर कमलों से वार्षिक रिपोर्ट का अनावरण किया गया । अंत में स्वामी भीतिहरानंद जी द्वारा सोसायटी के सभी सदस्यों को साधुवाद दिया गया। वार्षिक रिपोर्ट के अनावरण के साथ ही प्रकृति के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन भी विद्यालय के प्रांगण में किया गया। जिसमें सोसाइटी के सदस्यों द्वारा विभिन्न औषधीय एवं फल वाले पौधों के साथ पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर सोसायटी के सलाहकार जसकरण जीत सिंह,उप प्रधान शेर चंद चावला, परमजीत शर्मा,धर्मेंद्र शर्मा, सेक्रेटरी रोहित पुंज, सेक्रेटरी एवम प्रवक्ता आचार्य सुनील गौतम, खजांची राजकमल शर्मा एवं सदस्य मुकेश पशरिचा भी उपस्थित थे। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
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Aug 10, 2024
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 500 रुपए में गैस सिलेंडर देकर जीता जनता का दिल
पंचकूला, 10 अगस्त 2024 (यूटीएन)। कालका विधानसभा से भाजपा नेता वीरेंद्र भाऊ ने कहा कि कांग्रेस सरकार के राज में ब्लैक गैस सिलेंडर लेने के लिए भी जनता को लाइन में लगना पड़ता था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में एक समय वह भी था जब परिवार के दो व्यक्ति अपनी पूरी दिहाड़ी गैस सिलेंडर लेने में लगाते थे और पूरी दिहाड़ी लगाने के बावजूद ब्लैक में गैस सिलेंडर मिले या ना मिले इसकी कोई गारंटी नहीं थी लोग खाली हाथ भी अपने घर वापिस जाते थे। भाजपा नेता वीरेंद्र भाऊ ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री नायब सैनी के द्वारा 1 लाख 80 हजार रुपए तक की इनकम वाले जो परिवार है उनके लिए गैस सिलेंडर मात्र 500 रुपए का कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जनता के हित में लिए गए इस फैसले के लिए वो हरियाणा सरकार व मुख्यमंत्री नायब सैनी का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा हित में मुख्यमंत्री नायब सैनी की गाड़ी नॉन स्टॉप दौड़ रही है। वीरेंद्र भाऊ ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा पत्रकारों की मांगों को मानते हुए पति- पत्नी दोनों को पेंशन सुविधा देने, पत्रकारों के खिलाफ कभी भी कोई आपराधिक मामले दर्ज होने की स्थिति में पेंशन बंद करने के नियम को हटाने, मीडियाकर्मी का आचरण पत्रकारिता के निर्धारित सिद्धांतों नैतिकता के विरूद्ध पाये जाने पर उनकी पेंशन बंद करने व परिवार पहचान पत्र के अनुसार प्रति परिवार केवल एक सदस्य ही मासिक पेंशन के लिए पात्र होने के नियम को हटाने का भी वो स्वागत करते हैं। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
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Aug 10, 2024
जर्नलिस्ट वेलफेयर कॉउंसिल की मीटिंग का किया गया आयोजन
कालका, 08 अगस्त 2024 (यूटीएन)। जर्नलिस्ट वेलफेयर कॉउंसिल की बैठक का आयोजन किया गया जिस की अध्यक्षता प्रधान ललित धीमान द्वारा की गई जिस में कई मुदों पर चर्चा की गई l उप प्रधान सुमीर भूषण द्वारा कॉउंसिल की बैठक में सबसे पहला मुद्दा रखा गया कैसे युवाओं को नशे से दूर रखा जाए।युवाओं को कैसे मोटीवेट किया जाये। नशा एक ऐसी बुराई है जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले समाप्त हो जाता है। उसके परिवार को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।युवाओ को नशा करने से रोकने के लिये जर्नलिस्ट वेलफेयर कॉउंसिल जल्द सेमिनार का आयोजन करेगी। जिसमें युवाओं को मोटिवेट किया जाएगा नशे से कैसे दूर रहे। इसी तरह गांव-गांव में युवाओं को प्रेरित करेंगे कि वह नशे से कैसे दूर रहे। नशीले पदार्थों का सेवन के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक किया जाएगा। नशे से दूर रहने के लिए युवाओं को जागरूक करने की जरूरत है। नशे से बचने के लिए सबसे पहले जरूरी है युवा अपने आप को तनाव से दूर रखे। खेल व शिक्षा व अन्य चीज़ों के साथ जुड़े। कुछ कार्यक्रम सेट किये जायेंगे और कोर्सेज भी तैयार किये जायेंगे जिससे युवाओं को नशे की लत को छोड़ने में मदद मिल सके। जर्नलिस्ट वेलफेयर कॉउंसिल का दूसरा मुद्दा रहा कि बहुत सारे बुजुर्ग हैं जो जोड़ों के दर्द से पीड़ित है। अपना इलाज करवाने में असमर्थ है। क्योंकि वह अकेले रहते हैं, उनके बच्चे बहुत दूर रहते हैं। जिसकी वजह से उन्हें समय पर सहायता नहीं मिल पाती है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। उनके लिए बहुत जल्द जर्नलिस्ट वेलफेयर कॉउंसिल कैंप लगाएगी और सेमिनार का भी आयोजन करेगी। जिसमें ऐसे बुजुर्गों को मुफ्त में दवाई दी जाएगी। ऐसी दवाई दी जाएगी जिसका परिणाम पहले दिन से ही आने लगेगा । ऐसे बुजुर्ग जो आर्थिक तंगी की वजह से अपना इलाज नहीं करवा पाते उनको मुफ्त में दवाई तब तक दी जाएगी। जब तक वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते। इस मौके पर जर्नलिस्ट वेलफेयर कॉउंसिल के पुनीत भास्कर, अजीत सिंह, विपुल मंगला, नंद किशोर सैनी, प्रवीण कुमार, रंजना शुक्ला, सचिन बराड़ ,अख्तर फ़ारूक़ी आदि मौजूद रहे । हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
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Aug 8, 2024