-
○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
नमस्कार हमारे न्यूज पोर्टल – मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 7078277779 / +91 9927127779 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें
National
एनआईआरएफ रैंकिंग में प्रबंधन संस्थान में आईआईएम बंगलूरू, मेडिकल श्रेणी में एम्स नई दिल्ली रहा आगे
नई दिल्ली, 13 अगस्त 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग फ्रेमवर्क 2024 के तहत कॉलेज श्रेणी की रैंकिंग 2017 में शुरू की गई थी। सोमवार को शिक्षा मंत्रालय से केंद्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा इसकी घोषणा कर आधिकारिक वेबसाइट पर रैंकिंग जारी की गई। इसमें प्रबंधन श्रेणी में शीर्ष स्थान पर अहमदाबाद रहा। उधर मेडिकल श्रेणी में एम्स नई दिल्ली आगे रहा। एनआईआरएफ रैंकिंग में प्रबंधन संस्थानों में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद ने शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ), 2024 में प्रबंधन श्रेणी में अहमदाबाद के बाद आईआईएम बंगलूरू और आईआईएम कोझिकोड का स्थान है। दो आईआईटी बॉम्बे और दिल्ली भी प्रबंधन पाठ्यक्रमों के लिए शीर्ष दस सूची में शामिल हैं। ' वहीं मेडिकल कॉलेजों की श्रेणी में एम्स नई दिल्ली शीर्ष पर है। वहीं पीजीआईएमई चंडीगढ़ तथा सीएमसी वेल्लोर दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे हैं। रैंकिंग में फार्मेसी में जामिया हमदर्द पिछले साल के दूसरे स्थान से ऊपर उठकर शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है, जबकि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, हैदराबाद दूसरे स्थान पर खिसक गया है। बिट्स पिलानी ने इस श्रेणी में अपना तीसरा स्थान बरकरार रखा है। विधि संस्थानों में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बंगलूरू शीर्ष पर, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली दूसरे स्थान पर और नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ हैदराबाद तीसरे स्थान पर रहे हैं। अनुसंधान के क्षेत्र में आईआईएससी बंगलूरू को शीर्ष पर रखा गया है, वहीं आईआईटी मद्रास और आईआईटी दिल्ली क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे हैं। *16 श्रेणियों में बांटा गया* इस साल इन 16 श्रेणियों में रैंकिंग जारी की गई है-समग्र, यूनिवर्सिटी, मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, लॉ, आर्किटेक्चर, कॉलेज, रिसर्च इंस्टीट्यूट, फार्मेसी, डेंटल, एग्रीकल्चर एवं संबंधित क्षेत्र और इनोवेशन। इस साल तीन नई श्रेणियां ओपन यूनिवर्सिटी, स्किल यूनिवर्सिटी और राज्य से वित्तपोषित सरकारी विश्वविद्यालय शामिल हैं। *डेंटल में चेन्नई का सविता इंस्टीट्यूट भी* डेंटल कॉलेजों में सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज, चेन्नई और मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज ने शीर्ष दो स्थान बरकरार रखे हैं, जबकि मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, नई दिल्ली ने तीसरा स्थान हासिल किया है। *जामिया ने लगातार तीसरे वर्ष विश्वविद्यालय की श्रेणी में तृतीय स्थान पाया* एनआईआरएफ 2024 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने तृतीय स्थान हासिल किया है। यह लगातार तीसरी बार है जब विश्वविद्यालय ने एनआईआरएफ रैंकिंग में देश के शीर्ष तीन विश्वविद्यालयों में स्थान प्राप्त किया है। जामिया के कार्यवाहक कुलसचिव एम नसीम हैदर ने मंत्रालय द्वारा आयोजित समारोह में विश्वविद्यालय की ओर से इस पुरस्कार को प्राप्त किया। जामिया के कार्यवाहक कुलपति प्रो. मोहम्मद शकील ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि एनआईआरएफ रैंकिंग में लगातार तीसरे वर्ष तीसरा स्थान बरकरार रखने पर खुशी है। इसका श्रेय शिक्षकों की कड़ी मेहनत व छात्रों के अनुशासन को जाता है। विश्वविद्यालय के मानक को बनाए रखने में गैर-शैक्षिक कर्मचारी भी सम्मान के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष स्थान पर पहुंचना आसान है, लेकिन उसे कायम रखना कठिन है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों और शोधार्थियों ने गुणवत्तापूर्ण शोध द्वारा इस उपलब्धि को हासिल करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बता दें कि वर्ष 2016 में एनआईआरएफ रैंकिंग में 83वें स्थान पर रहने वाला विश्वविद्यालय वर्ष 2022 में तीसरे स्थान पर पहुंच गया और विगत दो वर्षों से यह अपना तीसरा स्थान कायम रखे हुए है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Aug 13, 2024
15 अगस्त को लेकर खुफिया एजेंसियों का अलर्ट मानव बम के रूप में हमला कर सकते हैं आतंकी
नई दिल्ली, 13 अगस्त 2024 (यूटीएन)। स्वतंत्रता दिवस के नजदीक आते ही पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी जाती है. जब स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारियां पूरे देश में जोर-शोर से चल रही है. इस बीच सूत्रों से खबर आ रही है कि आतंकी देश में दहशत फैलाने की फिराक में है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 15 अगस्त के मौके पर आतंकी मानव बम के रूप में हमला कर सकते हैं. इसी खतरे को देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है. बताया जा रहा है कि आतंकी वीवीआईपी को अपना निशाना बना सकते हैं. जम्मू कश्मीर में ताजा हमलों के बाद ज्यादा चौकसी बरतने की सलाह दी गई है.1 *आतंकियों का क्या प्लान* पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई लश्कर ए तैयबा ,टीआरएफ और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की हर तरह से मदद कर रही है और इन संगठनों को हमले करने के लिए उकसा रही है. कठुआ, डोडा, उधमपुर, पुंछ और राजौरी में जिस तरह से हाल ही में हमले हुए हैं, उसे देखते हुए चौकन्ना रहने की सलाह दी गई है. इस तरह के इनपुट मिले हैं कि हथियारबंद आतंकी अभी भी भारत में मौजूद है और इनके प्लान के मुताबिक वीआईपी लोगों को निशाना बनाया जा सकता है. *इन जगहों को किया जा सकता है टारगेट* भीड़भाड़ वाली जगहों और आईकॉनिक जगहों को टारगेट किया जा सकता है. जैश ए मोहम्मद और लश्कर के लिए दिल्ली हमेशा प्राइम टारगेट रही है. पाकिस्तान ड्रोन के जरिए लगातार पुंछ और जम्मू में हथियार भेज रहा है. आतंकी अंडरवर्ल्ड के क्राइम सिंडिकेट का इस्तेमाल पैसे और हथियार पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कई वीवीआईपी और प्रधानमंत्री काफी देर तक खुले में बैठते हैं. *दिल्ली में खास चौकसी बरतने की सलाह* ऐसे में भारत से नफरत करने वाले गड़बड़ी फैला सकते हैं. इनमे पाकिस्तानी आतंकी संगठन,ग्लोबल जिहादी ग्रुप,घरेलू आतंकी संगठन, सिख आतंकी ग्रुप,उत्तर पूर्व के उग्रवादी संगठन हैं. कुछ ऐसे भी लोग हो सकते हैं जो सरकार के फैसलों ने नाराज हों. दिल्ली एयरपोर्ट पर और दिल्ली की सीमाओं पर खास चौकसी बरतने के लिए कहा गया है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Aug 13, 2024
5 साल, 29 हजार सुसाइड... बढ़ता कर्ज कैसे लील रहा जिंदगियां
नई दिल्ली, 13 अगस्त 2024 (यूटीएन)। कर्ज के जाल में फंसकर एक और हंसता-खेलता परिवार खत्म हो गया. यूपी के सहारनपुर के सर्राफा कारोबारी सौरभ बब्बर और उनकी पत्नी मोना बब्बर ने गंगा नदी में कूदकर जान दे दी. कूदने से पहले दोनों ने सेल्फी ली. उसे अपने दोस्तों को भेजा. साथ में सुसाइड नोट भी था, जिसमें लिखा था- 'कर्ज में डूबे हुए हैं. ब्याज दे-देकर परेशान हो गए हैं. अब हमसे और ब्याज नहीं दिया जाता. इसलिए मौत को गले लगाने जा रहे हैं. जहां से भी आत्महत्या करेंगे, वहां से सेल्फी भेज देंगे.' सौरभ और मोना सहारनपुर के रहने वाले थे. दोनों बाइक से करीब 100 किलोमीटर का सफर कर हरिद्वार पहुंचे. फिर वहां से आखिरी सेल्फी लेने के बाद गंगा नदी में कूदकर जान दे दी. फिलहाल सौरभ का शव मिल गया है. सहारनपुर में उनका अंतिम संस्कार हो गया है. मोना के शव की तलाश की जा रही है. सौरभ और मोना की शादी 18 साल पहले हुए थी. दोनों के दो बच्चे हैं. बड़ी लड़की 12 साल की है और लड़का 7 साल का है. उनकी सुसाइड से एक हंसता-खेलता परिवार खत्म हो गया है. हमारे देश में कर्ज या आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या करने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. याद होगा कि पिछले साल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक पूरा परिवार इसी कारण खत्म हो गया था. भोपाल में एक कपल ने पहले अपने दो छोटे बच्चों को जहर दिया और फिर खुद भी जहर खाकर आत्महत्या कर ली. इसी साल मई में फरीदाबाद में एक ही परिवार के छह लोगों ने नींद की गोलियां खाकर जान देने की कोशिश की थी. परिवार कर्ज में डूबा हुआ था. गनीमत रही कि पांच लोगों को बचा लिया गया, लेकिन 73 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई थी. *कर्ज छीन रही जिंदगियां!* ये तो कुछ ही मामले हैं. इंटरनेट पर ढूंढेंगें तो ऐसे ढेरों मामले मिल जाएंगे, जिसमें आर्थिक तंगी और कर्ज ने पूरा का पूरा परिवार ही खत्म कर दिया. केंद्र सरकार की एजेंसी है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इसके आंकड़े बताते हैं कि भारत में कर्ज कितना जानलेवा बनता जा रहा है. एजेंसी पर आत्महत्या के 2022 तक के आंकड़े मौजूद हैं. इससे पता चलता है कि भारत में होने वाली सौ में से हर चौथी सुसाइड कर्ज या आर्थिक तंगी के कारण होती है. 2022 में देशभर में 1.70 लाख से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी कर ली थी. इनमें से सात हजार से ज्यादा लोग ऐसे थे जिन्होंने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की थी. इस हिसाब से हर दिन औसतन 19 लोगों ने सुसाइड की. *कितने कर्जदार हो रहे परिवार?* भारतीय परिवारों पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है. नतीजा ये हो रहा है कि इससे बचत नहीं हो पा रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय परिवारों की बचत लगातार कम हो रही है, क्योंकि लोगों पर कर्ज बढ़ रहा है. 2020-21 में घरेलू बचत 23.29 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई थी. ये अब तक का रिकॉर्ड है. लेकिन उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आ रही है. 2021-22 में ये आंकड़ा गिरकर 17.12 लाख करोड़ और 2022-23 में और गिरकर 14.16 लाख करोड़ हो गया. आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि भारत में नेट हाउसहोल्ड सेविंग्स यानी शुद्ध घरेलू बचत 47 साल के निचले स्तर पर है. 2022-23 में ये जीडीपी का 5.3% हो गई, जो 2021-22 में 7.3% थी.बचत इसलिए कम हो रही है, क्योंकि लोगों पर कर्ज बढ़ रहा है. उनकी कमाई का एक हिस्सा कर्ज चुकाने में चला जाता है. वहीं, नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के आंकड़े बताते हैं कि 2012 में शहरी इलाकों में 22.4% परिवारों पर कर्ज था. 2018 में भी ये आंकड़ा 22.4% ही रहा. लेकिन इसी दौरान कर्जदार ग्रामीण परिवारों का आंकड़ा 31% से बढ़कर 35% हो गया. एनएसएसओ के आंकड़े बताते हैं कि जून 2018 तक ग्रामीण परिवारों पर औसतन 59 हजार 748 रुपये का कर्ज था. जबकि, शहरी परिवारों पर ये कर्ज लगभग दोगुना था. शहरी परिवारों पर 1,20,336 रुपये का कर्ज था. ये आंकड़ा लगभग छह साल पुराना है और जाहिर है कि इसमें बढ़ोतरी हुई होगी. हाल ही में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कहा था कि लोग लोन लेकर शेयर मार्केट और म्यूचल फंड में इन्वेस्ट कर रहे हैं. उन्होंने चिंता जताई थी कि एक ओर बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ बढ़ रही तो दूसरी ओर डिपॉजिट में कमी आ रही है. इससे बैंकों के डूबने का खतरा भी है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Aug 13, 2024
भारत में सेक्स रेशियो में सुधार, अब 1000 पुरूषों के मुकाबले 952 फीमेल
नई दिल्ली, 13 अगस्त 2024 (यूटीएन)। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम मंत्रालय ने भारत में महिला और पुरुष 2023 रिपोर्ट जारी कर दी है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सेक्स रेशियो साल 2011 में 943 से बढ़कर 2036 तक प्रति 1000 पुरुषों पर 952 महिलाओं तक पहुंचने की उम्मीद है. रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2036 में भारत की जनसंख्या 152.2 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है. जनसंख्या में महिलाओं के प्रतिशत में भी थोड़ा-सा सुधार होने की उम्मीद है. जो साल 2011 में जनसंख्या का 48.5% से बढ़कर 48.8% होने की उम्मीद है. इसमें कहा गया है कि प्रजनन क्षमता में गिरावट के चलते 15 साल से कम उम्र के व्यक्तियों का रेशियो साल 2011 के मुकाबले साल 2036 में घटने का अनुमान है. इसके इतर इस अवधि में 60 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र की जनसंख्या का रेशियो में काफी तेजी बढ़ने का अनुमान जताया है. सरकार ने बताया कि साल 2016 और 2020 तक 20 से 24 वर्ष और 25 से 29 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं की प्रजनन दर में भी कमी देखने को मिली है. क्रमश 135.4 और 166.0 से घटकर 113.6 और 139.6 हो गई है. वहीं, 35-39 वर्ष की आयु के लिए एएसएफआर 32.7 से बढ़कर 35.6 हो गया है. इससे पता चलता है कि महिलाएं परिवार के विस्तार के बारे में सोच रही हैं. वहीं, 2020 में अशिक्षित आबादी के लिए किशोर प्रजनन दर 33.9 थी, जबकि साक्षरों के लिए 11.0 थी. यह दर उन महिलाओं के लिए भी काफी कम है जो साक्षर हैं लेकिन बिना किसी औपचारिक शिक्षा के हैं (20.0), अशिक्षित महिलाओं की तुलना में जो महिलाओं को शिक्षा प्रदान करने के महत्व के बार फिर उजागर होता है. रिपोर्ट में आयु-विशिष्ट प्रजनन दर को उस आयु समूह की प्रति हजार महिला आबादी पर महिलाओं के एक विशिष्ट आयु समूह में जीवित जन्मों की संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है. इसमें कहा गया है कि मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) एसडीजी संकेतकों में से एक है और इसे 2030 तक 70 तक लाने के लिए स्पष्ट रूप से एसडीजी ढांचे में रखा गया है. सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण भारत ने समय रहते अपने एमएमआर (2018-20 में 97/लाख जीवित जन्म) को कम करने का प्रमुख मील का पत्थर सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है और एसडीजी लक्ष्य को भी हासिल करना संभव होना चाहिए. मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) उन महिलाओं की संख्या को संदर्भित करता है जो किसी दिए गए वर्ष में प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर गर्भावस्था या प्रसव की जटिलताओं के परिणामस्वरूप मर जाती हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में पुरुषों और महिलाओं दोनों में शिशु मृत्यु दर में कमी आ रही है. महिला आईएमआर हमेशा पुरुष की तुलना में अधिक रही है, लेकिन 2020 में प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 28 शिशुओं के स्तर पर दोनों बराबर थे. 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर के आंकड़ों से पता चलता है कि यह 2015 में 43 से घटकर 2020 में 32 हो गई है. लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए यही स्थिति है और लड़कों और लड़कियों के बीच अंतर भी कम हो गया है. *'बढ़ी महिलाओं की भागीदारी'* आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के अनुसार, पुरुष और महिला दोनों आबादी के लिए 15 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के व्यक्तियों की श्रम बल भागीदारी दर 2017-18 से बढ़ रही है. यह देखा गया है कि 2017-18 से 2022-23 के दौरान पुरुष एलएफपीआर 75.8 से 78.5 हो गया है और इसी अवधि के दौरान महिला एलएफपीआर 23.3 से 37 हो गया है. श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) को जनसंख्या में श्रम बल में व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है. वहीं, 15वें राष्ट्रीय चुनाव (1999) तक 60 प्रतिशत से कम महिला मतदाताओं ने भाग लिया, जबकि इस दौरान पुरुषों का मतदान प्रतिशत 8% ज्यादा था. हालांकि, 2014 के चुनावों में एक महत्वपूर्ण महिलाओं की भागीदारी में बढ़ा बदलाव आया और महिलाओं का मतदान प्रतिशत बढ़कर 65.6% हो गया, जबकि साल 2019 के चुनाव में ये बढ़कर 67.2 प्रतिशत हो गया. ऐसा पहली बार हुआ जब महिलाओं द्वारा किए गए मतदान प्रतिशत सामान्य से थोड़ा अधिक था जो महिलाओं में बढ़ती साक्षरता और राजनीतिक जागरूकता के प्रभाव को दिखाता है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने जनवरी 2016 में अपनी स्थापना के बाद से दिसंबर 2023 तक कुल 1,17,254 स्टार्ट-अप को मान्यता दी है. इनमें से 55,816 स्टार्ट-अप महिलाओं द्वारा संचालित हैं जो कुल मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप का 47.6 प्रतिशत है. यह महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में महिला उद्यमियों के बढ़ते प्रभाव और योगदान को रेखांकित करता है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Aug 13, 2024
मुख्यमंत्री का कालका मंडी में आयोजित तिरंगा यात्रा मे गर्म जोशी से विरेंद्र सिंह भाऊ ने किया स्वागत
पंचकूला, 12 अगस्त 2024 (यूटीएन)। नायब सिंह सैनी आज जिला पंचकूला के कालका में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने भारत माता की जय के उदघोषों के साथ तिरंगा यात्रा को रवाना किया। कालका विधानसभा से भाजपा नेता वीरेंद्र भाऊ ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को पुष्प देकर उनका स्वागत किया और अपने इलाके कि समस्याओं का ज्ञापन भी दिया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ तिरंगा यात्रा में वीरेंद्र सिंह भाऊ ने मंच सांझा किया। देशभक्ति से ओतप्रोत यह यात्रा कालका मंडी से शुरू होकर काली माता मंदिर, कालका में सम्पन्न हुई। इससे पहले मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक काली माता मंदिर कालका में माता के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में भी शीश नवाकर आशीर्वाद लिया। काली माता मंदिर से कालका मंडी कार्यक्रम स्थल तक स्थानीय लोगों और बच्चों ने मुख्यमंत्री का फूलों से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने भी सहर्ष लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
admin
Aug 12, 2024
सीएम के प्रोग्राम में कीचड़ से बच्चों का निकलना विकास की खुली पोल- प्रदीप चौधरी
कालका, 12 अगस्त 2024 (यूटीएन)। सड़कों की हालत कैसी है। शायद मुख्यमंत्री को भी कालका में नजर आ गई होगी। क्योंकि टूटी और बदहाल कीचड़ से लबालब सड़क से बच्चे निकलते रहे। उक्त शब्द कालका विधायक प्रदीप चौधरी ने कहे। उन्होने कहा कि तिरंगा यात्रा के दौरान किचड़ ओर गड्डो से लबरेज सड़क से स्कूली बच्चे जैसे-तैसे अपना बचाव कर के निकल रहे थे जिसे देख आमजन प्रशासन ओर सरकार को कोस रहा था। उन्होने कहा कि प्रत्येक रविवार को यहां पर सब्जी मंडी लगती है, जहां कालका-पिंजौर व आसपास के एरिया से भारी तादाद में लोग खरीददारी करने पहुंचते हैं, ऐसे में उन्हें सामान के साथ इस खस्ताहाल रोड से गुजरने में कितनी दिक्कतो का सामना करना पड़ता होगा शायद भाजपा नेताओ को अब समझ में आ गया होगा। चौधरी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री के आगमन पर भी सड़क का यह हाल था तो अधिकारी जनता की कितनी सुनवाई करते होंगे इसका अंदाजा भी यहीं से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह प्रकार की सड़कों की हालत पुरे विधानसभा क्षेत्र में है। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
admin
Aug 12, 2024
हर घर तिरंगा मुहिम के तहत नागरिक अपने घरों और प्रतिष्ठानों पर लगाएं तिरंगा - मुख्यमंत्री
पंचकूला, 12 अगस्त 2024 (यूटीएन)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि तिरंगा हमारी शान है, जान है और इसका सम्मान बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई गई हर घर तिरंगा मुहिम में भागीदारी करते हुए अपने घरों और प्रतिष्ठानों पर तिरंगा लगाएं और देश के लिए मर-मिटने वाले रणबांकुरों द्वारा देखे गए नए भारत के सपने को साकार करने में अपना योगदान दें। नायब सिंह सैनी आज जिला पंचकूला के कालका में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने भारत माता की जय के उदघोषों के साथ तिरंगा यात्रा को रवाना किया। देशभक्ति से ओतप्रोत यह यात्रा कालका मंडी से शुरू होकर काली माता मंदिर, कालका में सम्पन्न हुई। इससे पहले मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक श्री काली माता मंदिर कालका में माता के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में भी शीश नवाकर आशीर्वाद लिया। काली माता मंदिर से कालका मंडी कार्यक्रम स्थल तक स्थानीय लोगों और बच्चों ने मुख्यमंत्री का फूलों से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने भी सहर्ष लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। स्वतंत्रता दिवस क्रांतिकारियों और वीर शहीदों को स्मरण करने का दिन मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सबके लिए गौरव की बात है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह दिन उन क्रांतिकारियों और वीर शहीदों को स्मरण करने का दिन है, जिन्होंने हमारी भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से हर घर तिरंगा लगाने का आह्वान किया है ताकि हम देश को आजादी दिलवाने वाले असंख्य वीरों की शहादत को याद कर सकें। नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है और इसे पूरा करने में 140 करोड़ देशवासी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा भी प्रधानमंत्री के इस संकल्प को पूरा करने में पीछे नहीं है और प्रदेश का एक-एक नागरिक इस मुहिम में बढ़-चढ़ कर अपना योगदान दे रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर वर्ग के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं लागू की है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए उन्होंने 'एक पेड़ मां' के नाम अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि वे जन्मदिन, वर्षगांठ या परिवार में अन्य खुशी के मौकों पर कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाएं और उनका संरक्षण भी करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की प्राचीन योग शैली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाई। इस मौके पर कालका की पूर्व विधायिका लतिका शर्मा, वरिष्ठ नेत्री बंतो कटारिया, उपायुक्त डाॅ. यश गर्ग, पुलिस उपायुक्त हिमाद्रि कौशिक, एसडीएम कालका लक्षित सरीन, नगर परिषद कालका के चेयरमैन कृष्ण लांबा, बीजेपी जिलाध्यक्ष दीपक शर्मा, महामंत्री वीरेंद्र राणा, बीडीपीओ विनय कुमार, डीईओ सतपाल कौशिक, प्रभारी प्रमोद कौशिक, कृष्ण ढुल, भाग सिंह दमदमा, विशाल सेठ, श्यामलाल बंसल, वीरेंद्र भावू सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।
admin
Aug 12, 2024
पीएम मोदी का किसानों को तोहफा, गेहूं, चावल समेत 61 फसलों की 109 उन्नत किस्में की जारी
नई दिल्ली, 12 अगस्त 2024 (यूटीएन)। देश में कम जमीन में अधिक पैदावार लेने की पहल को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को 61 फसलों की 109 नई एवं उन्नत किस्में जारी की हैं। इनमें चावल की नौ, गन्ना एवं तिलहन की सात-सात एवं बागवानी फसलों की 40 किस्में शामिल हैं। सभी किस्में पोषणयुक्त हैं, जिन्हें जलवायु एवं क्षेत्र के अनुकूल विकसित किया गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) में इनपर लंबे समय से काम किया जा रहा था। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों एवं वैज्ञानिकों से प्राकृतिक खेती की जरूरतों, लाभों एवं जैविक खाद्यान्नों की बढ़ती मांगों पर विमर्श किया। *प्रधानमंत्री ने दिया सुझाव* प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को प्रत्येक महीने विकसित की जा रही नई किस्मों के लाभ के बारे किसानों को बताया जाना चाहिए, ताकि खेती की लागत में कमी आ सके। सरकार का जोर विज्ञान को खेतों तक पहुंचाने पर है। प्रधानमंत्री ने राजधानी के आईसीएआर परिसर के खेतों में जाकर इन नई किस्मों को जारी किया। इसकी जरूरत पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कृषि में मूल्य संवर्धन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शोध के निष्कर्षों को खेतों तक पहुंचाने के प्रयत्न किए जा रहे हैं। उन्नत बीजों से खेती करने पर किसानों को अधिक लाभ होगा, क्योंकि खेती की लागत कम होगी और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। *जैविक खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ी* पीएम ने प्राकृतिक खेती के साथ-साथ जैविक खेती के प्रति किसानों के बढ़ते विश्वास के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि लोगों ने पोषणयुक्त अनाज होने के चलते जैविक खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ा दिया है। इससे मांग में वृद्धि हो रही है। मोटे अनाज की ओर झुकाव इसका उदाहरण है। केंद्र सरकार का मानना है कि कम लागत में अधिक उपज के लिए उन्नत बीज चाहिए। पीएम ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण धरती गर्म हो रही है। ऐसे में हमें वैसे बीज की जरूरत है, जो जलवायु के अनुकूल हों, अधिक पैदावार दे सकें और जिसकी खेती में कीटनाशकों का प्रयोग कम हो। नई किस्मों को वैज्ञानिकों ने काफी अनुसंधान के बाद जलवायु और मिट्टी के अनुकूल तैयार किया है। इनमें धान की ऐसी किस्म भी है, जिसकी खेती में 20 प्रतिशत तक कम पानी लगेगा। कीटों का प्रकोप भी कम होगा। *इन फसलों की किस्में जारी* जारी 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 खेत की फसलें और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं। खेत की फसलों में बाजरा, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, फाइबर समेत विभिन्न अनाज के उन्नत बीज जारी किए। बागवानी में आम, अनार, अमरूद, बेल जैसे फलों के साथ सब्जियों में टमाटर, लौकी आदि के साथ कंद, मसालों, फूलों एवं औषधीय पौधों की विभिन्न किस्में जारी की गईं। अनाज में चावल, गेहूं, जौ, मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी, छीना, सांबा आदि। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि एवं किसानों के लिए आज के दिन को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि नई किस्मों से प्रतिकूल मौसम में भी अच्छी पैदावार मिल सकती है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Aug 12, 2024
स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों जोरों पर, चार वर्गों के क़रीब चार हज़ार मेहमानों को निमंत्रण भेजा गया
नई दिल्ली, 12 अगस्त 2024 (यूटीएन)। इस बार पीएम मोदी लगातार 11वीं बार लाल क़िले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे. जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार 11 बार देश को संबोधित करने वाले नरेंद्र मोदी दूसरे पीएम बन जाएंगे. पीएम मोदी अपनी तीसरी पारी की शुरुआत में सरकार की प्राथमिकताएं देश के सामने रख सकते हैं और भारत को विकसित देश बनाने का रोड मैप के बारे में भी बता सकते हैं. इस स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी के ख़ास मेहमान लाल क़िले पर मौजूद रहेंगे. पीएम मोदी की बताई चार जातियों के नुमाइंदे भी मौजूद होंगे. पीएम मोदी की बताई चार जातियों गरीब, युवा, किसान और महिला वर्ग के नुमाइंदों को ख़ास तौर से बुलाया गया है. इन चार वर्गों के क़रीब चार हज़ार मेहमानों को निमंत्रण भेजा गया है. *मेहमानों को 11 श्रेणियों में बांटा गया* कृषि और किसान कल्याण, युवा मामले, महिला और बाल विकास मंत्रालयों को ये जिम्मेदारी दी गई है. किसान, युवा और महिला मेहमानों को बुलाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है. इनके अलावा पंचायती राज और ग्रामीण विकास, आदिवासी मामले, शिक्षा और रक्षा मंत्रालय ने भी मेहमानों की सूची तैयार की है. वहीं नीति आयोग भी मेहमानों को आमंत्रित कर रहा है. बताया जा रहा है कि ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले सभी भारतीय खिलाड़ियों को भी आमंत्रित किया जा सकता है. कुल मिला कर 18000 से ज़्यादा लोग स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. *कश्मीर में 'तिरंगा' रैली का आयोजन* स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले में सोमवार को एक विशाल 'तिरंगा' रैली आयोजित की गई. इस रैली में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. अनुमान के मुताबिक, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अगुआई में आयोजित इस रैली में 10 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया. रैली डल झील के किनारे बॉटनिकल गार्डन से शुरू हुई. प्रतिभागियों ने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) तक मार्च किया. रैली बॉटनिकल गार्डन में समाप्त होगी, जहां प्रतिभागी वापस गार्डन की ओर मार्च करेंगे. तिरंगा' रैली सरकार के 'हर घर तिरंगा' अभियान का हिस्सा है. जिसका उद्देश्य लोगों को अपने घर पर झंडा लगाने और भारत की स्वतंत्रता को चिह्नित करने के लिए इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करना है. शनिवार को भी केंद्र शासित प्रदेश के कई जिलों में तिरंगा रैलियां निकाली गई थीं. 5 अगस्त 2019 को संसद द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर देश के बाकी हिस्सों के साथ पूरी तरह से मिल गया. 5 अगस्त 2019 के बाद कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत की एकता और अखंडता का एक शक्तिशाली संदेश देने के लिए सभी सरकारी भवनों, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराना अनिवार्य कर दिया गया. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Aug 12, 2024
हिंडनबर्ग रिपोर्ट को बड़ी साजिश बता भाजपा ने कांग्रेस को घेरा
नई दिल्ली, 12 अगस्त 2024 (यूटीएन)। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए इसे भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की सुनियोजित साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट शनिवार को रिलीज होती है, रविवार को हल्ला मचता है, जिससे कि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर कर दिया जाए. प्रसाद ने भारतीय निवेशकों को सलाम करते हुए कहा कि उन्होंने इस साजिश को विफल कर दिया. सोमवार को मार्केट पर इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था बहुत तेज गति से बढ़ रही है. सभी रेटिंग एजेंसियां भारत के ग्रोथ रेट को बेहतर आंक रही हैं. निवेशक अपने रिटर्न से बहुत खुश हैं. लेकिन कुछ लोगों को यह बात पच नहीं रही है. प्रसाद ने कहा सेबी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपनी जांच पूरी करने के बाद हिंडनबर्ग के खिलाफ जुलाई में नोटिस जारी किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. *'मोदी से नफरत करते-करते देश से नफरत करने लगी कांग्रेस'* पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिंडनबर्ग में उन जॉर्ज सोरोस का निवेश है, जो भारत के खिलाफ लगातार दुष्पप्रचार करते रहे हैं. इनकी नफरत इस हद तक है कि मोदी सरकार को बदलने तक की कोशिश की गई. प्रसाद ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि मोदी से नफरत करते-करते वह आज देश से नफरत करने लगी है. राहुल गांधी और उनका टूलकिट गैंग देश से नफरत करने लगा है. उन्होंने कहा कि अगर देश का स्टॉक मार्केट गड़बड़ाएगा, तो इसका असर सीधे तौर पर छोटे निवेशकों पर पड़ेगा. *'यह कांग्रेस की चिट पॉलिटक्स है'* प्रसाद ने कहा, 'कांग्रेस आखिर क्या चाहती है? क्या वे देश को नेहरू जी वाले कंट्रोल राज में ले जाना चाहते हैं, जब भारत दाने-दाने को मोहताज हो गया था. टूलकिट वालों को हिंदुस्तान के विकास से कोई मतलब नहीं है. उस कांग्रेस पार्टी को आखिर क्या हो गया, जिसने 55 साल तक देश पर राज किया है. कहीं से भी कोई चिट मिल जाए, कांग्रेस पार्टी की टूलकिट और चिट पालिटिक्स शुरू हो जाती है.' *'हिंडनबर्ग के हमले के बाद भी स्टॉक एक्सचेंज स्थिर, गर्व है'* प्रसाद ने कहा कि कुछ लोगों को उम्मीद थी कि चमन उजड़ जाएगा. लेकिन चमन उजड़ेगा नहीं. मुझे गर्व है कि आज भी भारत का स्टॉक मार्केट स्टेबल है. पिछली बार जब यह हुआ तो, दो दिन में रिकवर कर गया था. सुप्रीम कोर्ट की जांच के बाद और रिकवर कर गया था. लगता है भारत के स्टॉक इन्वेस्टर्स कांग्रेस और हिंडनबर्ग की मिलीभगत को समझ गए हैं. इसीलिए बाजार पर इस साजिश का असर नहीं पड़ा है. वह निवेशकों को सैल्यूट करना चाहते हैं.' विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Aug 12, 2024