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एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक

नई दिल्ली, 16 नवंबर 2024 (यूटीएन)। बच्चों की आंखों में होने वाली मायोपिया की बीमारी के इलाज के लिए एम्स में स्पेशल क्लिनिक की शुरुआत की गई है। गुरुवार को एम्स के डायरेक्टर डॉ. एम. श्रीनिवास और सेंटर के चीफ डॉ. जे. एस. तितियाल ने क्लिनिक का उ‌द्घाटन किया। डॉ. तितियान ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बच्चों में मायोपिया की समस्या तेजी से बढ़ी है। स्कूल में दौरे के दौरान करीब आधे बच्चों की आंखों पर चश्मा दिखाई देता है। यह चिंता का विषय है। इस समस्या को बढ़ने से रोकने के लिए आरपी सेंटर में यह क्लिनिक खोला गया है।   इसमें बच्चों को एक छत के नीचे जांच और इलाज मिलेगा। साथ ही इससे रिसर्च में भी मदद मिलेगी। डॉ. रोहित सक्सेना ने कहा कि ओपीडी में हर रोज ऐसे बच्चे आ रहे हैं, जिनमें मायोपिया है। एम्स में ऐसे एक हजार बच्चे फॉलोअप में है। इस क्लिनिक के शुरू होने के बाद बच्चों की जांच, परिवार को सही सलाह दी जा सकेगी।   क्लिनिक में 5 से 18 साल तक के बच्चों की जांच होगी। मौजूदा समय में करीब 20 फीसदी बच्चों में यह समस्या है। डॉ. तितियाल ने कहा कि बच्चों को स्कूल में एक घंटे का ब्रेक मिलना चाहिए, ताकि वो कमरे से बाहर हों, धूप में रहें, खेल सकें। हर स्कूल में बच्चों की आंखों की जांच होनी चाहिए। तीसरी और 5वीं क्लास में बच्चों की आंखों की जांच हो। कोविड के दौरान बच्चों में मोबाइल इस्तेमाल के मामले बढ़े। इसमें इतना इजाफा हुआ कि मायोपिया के मामले बढ़ने लगे हैं। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि बच्चों की आंखों की जांच के लिए स्पेशल क्लिनिक हो।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Pradeep Jain

Nov 16, 2024

पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू

नई दिल्ली, 16 नवंबर 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री मोदी का भारत के जनजातीय समुदाय के साथ बेहद व्यक्तिगत संबंध है. फिर चाहे किसी आदिवासी के घर में चाय सांझा करना हो, उनके त्योहार मनाना हो या फिर गर्व के साथ उनकी पोशाक पहनना हो. वह ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जो आदिवासी समुदाय के साथ इतने घनिष्ठ संबंध रखते हैं. उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आदिवासी समुदायों की आवाज और उनकी विरासत को आगे बढ़ाया है.    *पीएम मोदी ने विश्व नेताओं को भेंट किए जनजातीय तोहफे* पीएम मोदी ने झारखंड की सोहराई पेंटिंग रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भेंट की.  उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कुक आइलैंड्स और टोंगा के नेताओं को डोगरा कला में बनी कलाकृदितियां तोहफे के रूप में दी. मध्यप्रदेश की गोंड पेंटिंग उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा को दी. उज्बेकिस्तान और कोमोरोस के नेताओं को पीएम मोदी ने महाराष्ट्र की वार्ली पेंटिंग उपाहर के रूप में दी. जनजातीय विरासत को बढ़ावा देने के लिए दिए गए जीआई टैग जनजातीय विरासत को बढ़ावा देने के लिए जीआई टैग दिए गए हैं.   वोकल फॉर लोकल पहल के तहत आदिवासियों कारिगरों को सशक्त बनाने की कोशिश की जा रही है. 75 से अधिक जनजातीय उत्पादों को आधिकारिक तौर पर टैग किया गया है. इनमें निम्न उत्पाद शामिल हैं - असम की जापी यानि बांस की टोपी. ओडिशा की डोंगरिया कोंध शॉल.अरुणाचल की याक चुरपी.ओडिशा में लाल बुनकर चींटियों से बनी सिमिलिपाल काई चटनी. बोडो समुदाय का पारंपरिक बुना हुआ कपड़ा बोडो अरोनई.   *15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस की पीएम मोदी ने की थी घोषणा* 300 से अधिक जनजाती विरासत संरक्षण केंद्र भी स्थापित किए गए हैं. पीएम मोदी ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित कर भगवान बिरसा मुंडा को सम्मानित किया है. वह झारखंड के उलीहातू में बिरसा मुंडा के जन्म स्थान का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बनें. रांची में भगवान बिरसा मुंडा मेमोरियल पार्क और स्वतंत्रता संग्रहालय का निर्माण भी कराया गया.    *आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को किया सम्मानित* मोदी सरकार ने बिरसा मुंडा, रानी कमलापति और गोंड महारानी वीर दुर्गावती जैसे आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया है. गारो खासी, मिजो और कोल विद्रोह जैसे आंदोलनों को भी मान्यता दी गई है. भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया है. मणिपुर के कैमाई रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी गाइदिन्ल्यू स्टेशन किया गया है.    *देशभर में विकसित किए जा रहे स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय* इतना ही नहीं पूरे देश में स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय भी विकसित किए जा रहे हैं. इसके अलावा आदि महोत्सव की शुरुआत 2017 में की गई. इसके तहत देशभर के अलग-अलग स्थानों में आदिवासी उद्यमिता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया गया है. जी 20 शिखर सम्मेलन में आदिवासी कारीगरों को उनके काम के लिए और भी अधिक अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली.    *जनजातीय प्रोडक्ट्स को दिया जा रहा बढ़ावा* जनजातीय और आदिवासी क्षेत्रिय प्रोडक्ट्स के निर्यात को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. अराकू कॉफी ने 2017 में पेरिस में अपनी पहली ऑर्गेनिक कॉफी शॉप खोली, जिससे वैश्विक बाजारों में उसका प्रवेश हुआ. इसी तरह छत्तीसगढ़ के निर्जलित महुआ फूलों ने फ्रांस समेत अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी जगह बनाई है. शॉल, पेंटिंग्स, लकड़ी के सामान, आभूषण और टोकरियां आदि सामान विदेशों में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं.    *ट्राइफेड के जरिए कारीगर परिवारों को किया जा रहा सशक्त* सरकार, ट्राइफेड यानी ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के आउटलेट्स राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ई-कोमर्स प्लेटफॉर्म के साथ साझेदारी के माध्यम के साथ इन प्रयासों का समर्थन करती है. नवंबर 2024 तक ट्राइफेड ने 2,18,500 से अधिक कारीगर परिवारों को सशक्त बनाया है. ट्राइब्स इंडिया के माध्यम से 1 लाख से अधिक आदिवासी उत्पादों की बिक्री को सुविधा मिली है. भारत के जनजातीय समुदायों की विरासत को सही सम्मान देना, पीएम मोदी की प्रतिबद्धता है. यह उनकी सोच है जो आदिवासी समुदायों गहरी सांस्कृतिक जड़ों का सम्मान करती है, उन्हें सशक्त बनाती है और उनकी कहानियों को दुनिया के सामने ला रही है.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Pradeep Jain

Nov 16, 2024

पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्

लोनी,16 नवंबर 2024 (यूटीएन)।  जैसे-जैसे सर्दी बढ़ रही है, उसी तेजी से प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। कोहरे व धुंध के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त  हो गया है। दूसरी ओर देश की राजधानी सहित एनसीआर क्षेत्र में ग्रेप 3 योजना लागू होने के बाद भी उसका कोई असर लोनी क्षेत्र में देखने को नहीं मिल रहा है ।    देश की राजधानी दिल्ली से लोनी के सटे होने के कारण लोनी क्षेत्र के मौसम में लगातार बदलाव आ रहा है। लोनी के एक तरफ दिल्ली है तो दूसरी तरफ हरियाणा भी लगता है । वर्तमान समय में हवा की गुणवत्ता एयर क्वालिटी बेहद खराब 360 के करीब है ,जो दिन में लगातार बढ़ता जाता है। इस कारण जनजीवन पर सीधा असर पड़ रहा है । यहां अस्पतालों में श्वसन, गले के रोग, आंखों में जलन, एलर्जी व बुखार जैसे रोगो के कारण मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ।    शुक्रवार की सुबह कोहरे की चादर ने क्षेत्र को पूरी तरह से अपने चपेट में ले लिया। सड़कों पर विजिबिलिटी बेहद कम हो गई जिस कारण वाहन चालक को बेहद सावधानी के साथ धीमी गति  में यानि रेंगते हुए ही यात्रा पूरी करनी पड़ी । कोहरे के कारण ट्रेन भी अपने निर्धारित समय से आधा घंटे से ज्यादा  देरी से चल रही थी ।    केंद्रीय नियंत्रण बोर्ड द्वारा देश की राजधानी सहित एनसीआर क्षेत्र को ग्रेप 3 में शामिल कर कुछ प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन लोनी क्षेत्र में इस सबके बावजूद उनका कोई असर देखने को नहीं मिला । क्षेत्र में निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहे हैं ,वायु प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग धंधों मे  आज भी कार्य पूर्व की तरह होते रहे। इसके अलावा सड़कों पर बीएस 3 व बीएस 4 पेट्रोल व डीजल के वाहन पुलिसकर्मियों के सामने फर्राटे भरते नजर आए।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

admin

Nov 16, 2024

धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना

खेकड़ा, 16 नवंबर 2024 (यूटीएन)। नगर के अखिल भारतवर्षीय धर्म संघ के तत्वाधान में अर्वाचीन इंटर कॉलेज प्रांगण में देव दीपावली उत्सव उत्साह से मनाया गया।इस मौके पर धर्मावलंबियों ने दीप जलाकर देवी देवताओं की पूजा अर्चना व आरती की और सुख- शांति, वैभव के लिये प्रार्थना की।   दीप महोत्सव का शुभारंभ कोतवाली प्रभारी कैलाश चंद शर्मा ने वैदिक मंत्रों के साथ पूजन के साथ दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर कोतवाली प्रभारी कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि, धर्म संघ खेकड़ा द्वारा भारतीय संस्कृति और सामाजिक कार्य जनमानस के लिए कल्याणकारी हैं। श्रीगणेश महोत्सव हो, पितृ विसर्जन अमावस्या या तुलसी जयंती ,सभी सनातन धर्म के त्योहारों को धर्म संघ द्वारा मनाये जाते हुए सनातन धर्म पद्धति और संस्कृति का प्रचार- प्रसार करना मील के पत्थर के समान है और आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है।   दीपोंत्सव कार्यक्रम का संचालन धर्म संघ के महामंत्री उमेश शर्मा ने किया। कार्यक्रम में डॉ मनोज धामा, पिंटू तेवतिया, हर्ष धामा,प्राचार्या मीनाक्षी शर्मा रोहन देव वरुण लक्ष्य कृष्णा जय शिवानी यश अनुराधा कोरोना कविता नीरू जैन मिनी जैन नीरज आदि ने दीप जला सुख शांति के लिए देवों का प्रकाशमयी आशीर्वाद लिया।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

Ujjwal Times News

Nov 16, 2024

हो रही फायरिंग के दौरान मजदूरी के लिए जा रहे ट्रेक्टर चालक की गरदन में लगी गोली, हालत गंभीर, मेरठ रैफर

बिनौली, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। थाना क्षेत्र के जौहड़ी गांव हो सड़क से कूड़ा कचरा हटाने को लेकर दो पक्षो में हुई कहासुनी। इस घटना से आक्रोशित एक पक्ष द्वारा की गई फायरिंग से ट्रेक्टर में बैठकर मजदूरी के लिए बड़ौत जा रहा खिवाई का एक श्रमिक गोली लगने से घायल होथ गया।   थाना क्षेत्र के जौहड़ी गांव में नरेश पुत्र रामरिख की रोड़ी-डस्ट ओर रेत बेचने का प्रतिष्ठान है। गुरुवार की सुबह जब उसका पुत्र अनुज उर्फ काला ट्रेक्टर से कचरा हटाकर गांव के ही धर्मवीर पुत्र मुंशी के खेतों की ओर धकेल रहा था, तब इसका धर्मवीर ने और उसके पुत्र संजीव ने विरोध किया था। इस घटना को लेकर दोनों पक्षों में गाली-गलौज व कहासुनी होते देख ग्रामीणों ने उन्हें शांत कर दिया था।आरोप है कि, बाद में नरेश का पुत्र अनुज घर ट्रेक्टर खड़ा कर तमंचा ओर पिस्टल लेकर वहां आया तथा उसने आते ही धर्मवीर व उसके पुत्र संजीव पर अंधाधुंध कई राउंड फायरिंग किए ,जिससे पिता-पुत्र ने भागकर जान बचाई। इस दौरान वहां भगदड़ मच गई।   फायरिंग के दौरान ही ट्रेक्टर पर बैठकर बड़ौत मजदूरी करने लिए जा रहा खिवाई निवासी अमित पुत्र किरणपाल को गर्दन में गोली लग गई। इससे वह लहूलुहान होकर सड़क पर गिर पड़ा। सूचना पर पहुची पुलिस को देखकर आरोपी मौके से फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी के पिता को हिरासत में ले लिया व घायल श्रमिक को सीएचसी बिनौली पर लाया गया, जहां से चिकित्सकों ने उसे गंभीर हालत में मेरठ मेडिकल के लिए रेफर किया है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

admin

Nov 15, 2024

दो दिन पूर्व हुई सन्नी की हत्या में नामजद एक अभियुक्त गिरफ्तार, आलाकत्ल डंडा व घटना में प्रयुक्त कार बरामद

बडौत, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। दो दिन पूर्व देवेन्द्र सिंह पुत्र स्व रामचन्द्र सिंह निवासी ग्राम बिजरौल द्वारा तीन नामजद व एक अज्ञात पर अपने पुत्र सन्नी की हत्या का आरोप लगाते हुए लिखित तहरीर दी थी, जिसमें कहा गया था कि,अभियुक्त शांतनु पुत्र ओमपाल, विशु पुत्र सहदेव तथा शुभम पुत्र राजेन्द्र निवासीगण ग्राम बिजरौल थाना बड़ौत व एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसके पुत्र सनी की हत्या कर दी है तथा साक्ष्य मिटाने की नीयत से शव को नवनिर्मित दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के पास फेंक दिया।    पुलिस द्वारा थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार चहल तथा इंस्पेक्टर विनोद कुमार के नेतृत्व में हत्याकांड के खुलासे के लिए वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत 1 अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया है, जिसके कब्जे से आलाकत्ल 1 डण्डा व घटना में प्रयुक्त एक गाड़ी स्विफ्ट डिजायर नं एचआर 55 एएन-1656 बरामद की है।   गिरफ्तार अभियुक्त विशु पुत्र सहदेव ने पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान बताया कि, उसकी मृतक सनी से दीपावली वाले दिन कहासुनी व गाली-गलौच हो गयी थी, जिसका बदला लेने के लिए स्वयं, शान्तनु व शुभम के साथ मृतक सनी को शराब पीने के बहाने अपनी गाड़ी स्विफ्ट डिजायर से कन्डेरा गाँव को जाने वाले रोड पर लेकर गया था।   रास्ते में ट्यूबवैल के पास शराब पी तथा गाडी की डिग्गी से डन्डे निकाल कर हमने सन्नी के सिर पर कई बार वार किया, जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गयी। उसके बाद हम सनी की लाश को इसी गाडी में रखकर साक्ष्य मिटाने की नियत से नव निर्मित दिल्ली देहरादून हाईवे पर फेंक कर गाँव आ गये थे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

Ujjwal Times News

Nov 15, 2024

रिपोर्ट: डायबिटीज के दुनियाभर में 82.8 करोड़ मरीज जिसमें एक चौथाई भारतीय

नई दिल्ली, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। डायबिटीज ने 2022 में दुनियाभर में 82.8 करोड़ लोगों को अपना शिकार बनाया। इसमें एक चौथाई भारतीय हैं। विश्व मधुमेह दिवस पर जारी लैंसेट की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2022 में भारत में करीब 21.2 करोड़ लोग इससे पीड़ित थे। एनसीडी-आरआईएससी के मुताबिक, साल 1990 के आंकड़ों की तुलना में डायबिटीज के मरीजों की संख्या चार गुना अधिक बढ़ी है। इसमें कम उम्र के लोगों के मामलों में सबसे ज्यादा बढ़त हुई है।   *युवाओं की बढ़ती संख्या* दुनियाभर में 30 और उससे अधिक उम्र के 44.5 करोड़ युवा ऐसे हैं, जो डायबिटीज से ग्रसित होने के बाद उचित उपचार नहीं करवा पा रहे हैं। अध्ययन के अनुसार 2022 में दुनियाभर में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लगभग 82.8 करोड़ लोग टाइप1 और टाइप2 डायबिटीज से पीड़ित थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहले अनुमान लगाया था कि लगभग 42.2 करोड़ लोगों को पुरानी बीनारी के कारण इलाज न मिलने के कारण इसके आंकड़े बढ़े हैं।   *अध्यन में हुआ खुलासा* अध्ययन में कहा गया है कि 1990 के बाद से डायबिटीज की वैश्विक दर लगभग 7 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी हो गई है। इसमें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में डायबिटीज के मामलों में सबसे अधिक वृद्धि हुई है।    *भारत के डाटा पर उठे सवाल* लैंसेट की रिपोर्ट में भारत में 21 करोड़ से अधिक मधुमेह रोगी होने के दावे पर विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं। दरअसल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के हालिया अध्ययन के अनुसार भारत में 2023 में 10.1 करोड़ मधुमेह रोगी ही हैं। आईसीएमआर के आंकड़ों के अनुसार प्री डायबिटीक लोगों की संख्या 13 करोड़ से अधिक है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Nov 15, 2024

खतरनाक: भारत समेत कुछ देशों तक बेची जा रही घटिया हल्दी, सीसे की मात्रा मानक से 200 गुना ज्यादा

नई दिल्ली, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। भारत के कुछ हिस्सों से लिए हल्दी के नमूनों में लेड (सीसे) की मात्रा तय मानकों से 200 गुना अधिक पाई गई है। यहां तक कि पाकिस्तान और नेपाल में बेची जा रही हल्दी में सीसे की मात्रा तय मानकों से कई गुना अधिक है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। यह खुलासा भारत और अमेरिका के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में किया गया है।  *शोधकर्ताओं ने किया खुलासा* शोधकर्ताओं ने दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल के 23 प्रमुख शहरों से इकट्ठा किए गए हल्दी के नमूनों का विश्लेषण किया है। इस दौरान हल्दी के कुल 356 नमूने एकत्र किए गए। अमेरिका में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन, हूवर इंस्टिट्यूशन, प्योर अर्थ और नई दिल्ली स्थित फ्रीडम एम्प्लॉयबिलिटी अकादमी के शोधकर्ताओं ने 180 नमूने हल्दी की जड़ों के और 176 नमूने हल्दी पाउडर से लिए थे।   इसमें से 14 फीसदी नमूनों में लेड का स्तर दो माइक्रोग्राम प्रति ग्राम से अधिक था, जबकि सात फीसदी नमूनों में लेड का स्तर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा जारी मानकों से कहीं ज्यादा था। भारत के पटना और पाकिस्तान के कराची तथा पेशावर से लिए हल्दी के नमूनों में सीसे का स्तर 1,000 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम से अधिक पाया गया, यानी इनमें लेड का स्तर तय मानकों से करीब 200 गुना अधिक था।   *पॉलिश की गई हल्दी की जड़ें सबसे अधिक प्रदूषित* शोधकर्ताओं का कहना है कि पॉलिश की गई हल्दी की जड़ें सबसे अधिक प्रदूषित पाई गईं। हल्दी को पीला और चमकदार बनाने के लिए लेड क्रोमेट नामक जहरीले केमिकल का उपयोग किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हैं।   *एफएसएसएआई के नियम* एफएसएसएआई द्वारा जारी नियमों के अनुसार हल्दी में लेड क्रोमेट, स्टार्च या किसी भी अन्य तरह का रंग नहीं होना चाहिए। शीषे की वजह से दुनिया में सालाना लगभग 55.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। यह एक तरह का हैवी मेटल है जो शरीर के लिए अत्यधिक हानिकारक है।   *10 माइक्रोग्राम है मानक* लखनऊ, चंडीगढ़, भुवनेश्वर, अमृतसर, चेन्नई और गुवाहाटी से लिए नमूनों में भी लेड की मात्रा एफएसएसएआई द्वारा तय सीमा से अधिक पाई गई। एफएसएसएआई अधिनियम, 2011 के मुताबिक साबुत और पिसी हल्दी में स्वीकार्य सीमा 10 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम है। गुवाहाटी से लिए नमूनों में लेड का अधिकतम स्तर 127 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम रहा कराची से लिए गए हल्दी के आधे नमूनों में लेड मौजूद था। इसकी औसत मात्रा तीन माइक्रोग्राम प्रति ग्राम रही। जबकि अधिकतम स्तर 2,936 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम तक था।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Nov 15, 2024

अपने पैसे से कराया 200 मंदिरों का निर्माण, 'राष्ट्र बोध' के लिए अहिल्याबाई होल्कर का योगदान अतुलनीय

नई दिल्ली, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। अनेक कारणों से लंबे समय में समाज में यह मान्यता स्थापित हो गई है कि भारतीय समाज में महिलाओं की भूमिका कमजोर थी। वे अशिक्षित थीं और घर-परिवार हो या शासन-प्रशासन, उनका स्थान महत्त्वपूर्ण नहीं था और उन्हें कोई अधिकार हासिल नहीं था। लेकिन भारत के इतिहास में ऐसी अनेक महिलाएं हुई हैं जो इस प्रचलित अवधारणा का खंडन करती हैं। जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर समाज में न केवल सम्मान हासिल किया, बल्कि देश और समाज के उत्थान में इतनी महान भूमिका अदा की, जिसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता डॉ. कृष्ण गोपाल ने ये बातें अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्मशती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं।    डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं के लंबे असर के कारण लोगों के अंदर स्व का भाव कमजोर हो गया। आक्रांताओं के कारण समाज की कोई महिला सुरक्षित नहीं रही। इससे लोगों का स्वाभिमान कमजोर हो गया। माता अहिल्याबाई होल्कर ने इस बात को समझा और यह भी समझा कि राष्ट्र को मजबूत करने के लिए लोगों में स्वाभिमान की भावना भरना आवश्यक है। यही कारण है कि उन्होंने अपने निजी कोश से उस कालखंड में 200 मंदिरों का निर्माण करवाया। इंदौर राजघराने की माता अहिल्याबाई होल्कर के इस योगदान का यह परिणाम हुआ कि लोगों में आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई।          इसी तरह विदेशी आक्रांताओं से पीड़ित समाज के बीच शिवाजी महाराज का जन्म हुआ। बड़ी चतुराई से उन्होंने एक छोटा साम्राज्य स्थापित किया। 1674 में हिंदू पादशाही की स्थापना हुई। 1680 में शिवाजी महाराज की मृत्यु हो गई। लेकिन इस छोटे से काल खंड में ही उन्होंने जनमानस में गजब की प्रेरणा भर दी। उनकी मृत्यु के 26 साल बाद तक औरंगजेब उस छोटे से साम्राज्य लड़ता रहा और अंत में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ही उसकी मृत्यु हो गई। शिवाजी की इस पूरी शक्ति के पीछे उनकी माता जीजाबाई की प्रेरणा ही काम कर रही थी। माता जीजाबाई के इस अद्भुत योगदान को इतिहास कभी भूल नहीं सकता। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर त्रिशती समारोह समिति के कार्याध्यक्ष उदयनराजे होलकर ने कार्यक्रम के पश्चात सबका धन्यवाद किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Nov 15, 2024

सराय काले खां चौक का नाम अब मोदी सरकार ने किया बिरसा मुंडा चौक

नई दिल्ली, 15 नवंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली के सराय कालेखां आईएसबीटी चौक का नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक कर दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महान स्वतंत्रता सेनानी और जननायक भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर यह जानकारी दी. भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर सरकार ने बड़ा फैसला किया है। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, मैं ऐलान करता हूं आईएसबीटी बस स्टैंड के पास जो बड़ा चौक है, उसका नाम भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर रखा जाता है. ताकि न सिर्फ दिल्ली के नागरिक बल्कि पूरे देश के लोग इस प्रतिमा का दर्शन करेंगे और उनके नाम से हम जीवन भर प्रेरणा ले सकेंगे.  इसके अलावा इस चौक के पास ही बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा का भी अनावरण किया गया है। दिल्ली के बांसेरा उद्यान में हुए इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे.   *बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण* केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, "अभी हमारे एलजी साहब ने मुझे बताया कि ये 30 हज़ार हेक्टेयर ज़मीन जिस पर ये बांसेरा बनाया गया है, कभी कूड़े का ढेर हुआ करता था और आज यहां लाखों पक्षी आते हैं। जब कोई सरकार लोगों और समाज के कल्याण को ध्यान में रखकर आती है, तो ये उसका उत्तम उदाहरण है. गृहमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा,'जब सरकार मन में जन कल्याण का उद्देश्य लेकर निकलती है तो जैसे सराय काले खां का विकास किया गया है. ये पार्क इसका उदाहरण है. झारखंड में सिद्धों कानो का या बिरसा मुंडा हो, राजस्थान का आंदोलन, महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना. इन सब जगह आदिवासियों के नेत्रित्व में आंदोलन चला. पूर्वोत्तर में नागा, खासी में आदिवासी आंदोलन चला, लेकिन दुर्भाग्य से इनका नाम भुला दिया गया. लेकिन मोदी सरकार 2014 से ये काम कर रही है और आदिवासियों से जुड़े तीन संग्रहालयों का निर्माण किया गया है. 2026 से पहले ये तीन संग्रहालय जनता के लिए खुलेंगे. 75 साल में पहली बार किसी आदिवासी को राष्ट्रपति बनने का मौका मोदी सरकार ने किया है.   बता दें कि नाम बदलने का यह कोई पहला मामला नहीं है. यूपी में 2022 में हुई निकाय चुनाव से पहले नाम बदलने की कवायद काफी तेज हो गई थी. राजधानी लखनऊ के लालबाग तिराहे का नाम बदलकर सुहेलदेव राजभर तिराहा कर दिया गया था. वहीं, मोहन भोग चौराहे से कोठारी बंधु तक सड़क का नाम बदलकर कल्याणेश्वर हनुमान मंदिर मार्ग कर दिया गया था. इसके साथ ही विराम खण्ड राम भवन चौराहे का नाम बदलकर शहीद मेजर कमल कालिया चौराहा कर दिया गया था. वहीं, बर्लिंगटन चौराहे को अशोक सिंघल चौराहा कर दिया गया था. नाम बदलने का चलन सिर्फ बीजेपी शासित इलाकों में ही नहीं देखने मिला. बल्कि, कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार वाले केरल ने भी कुछ महीनों पहले अपने राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया था. जून महीने में केरल विधानसभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें केंद्र से राज्य का नाम आधिकारिक तौर पर बदलकर 'केरलम' करने का आग्रह किया गया था.   *केरल ने की थी नाम 'केरलम' करने की मांग* केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने तब कहा था कि हमारे राज्य का मलयालम में नाम केरलम है. 1 नवंबर, 1956 को भाषा के आधार पर राज्यों का गठन किया गया था. केरल का जन्मदिन भी 1 नवंबर को है. मलयालम भाषी समुदायों के लिए एक संयुक्त केरल बनाने की जरूरत राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही दृढ़ता से उभरी थी. लेकिन हमारे राज्य का नाम संविधान की पहली अनुसूची में केरल के रूप में लिखा गया है'. उन्होंने कहा था कि विधानसभा सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत इसे 'केरलम' के रूप में संशोधित किया जाए.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Nov 15, 2024