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आंगनबाड़ी पर महिला को थप्पड़ मारने का आरोप

खेकड़ा, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। रटौल में एक आंगनबाड़ी केन्द्र पर राशन लेने गई महिला की आंगनबाडी से बहस हो गई। महिला ने आंगनबाडी पर थप्पड मारने का आरोप लगाते हुए परिजनों को बुलाकर हंगामा काटा। उधर आंगनबाडी कार्यकर्त्री ने आरोप को गलत बताया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराया।   रटौल की महिला साजरिन सोमवार को आंगनबाडी केन्द्र पर राशन लेने पहुंची थी। बताया जाता है कि ,वहां उसकी आंगनबाडी कार्यकर्त्री से राशन देने को लेकर बहस हो गई। इसके बाद साजरिन ने आंगनबाडी पर थप्पड मारने का आरोप लगाते हुए अपने परिजनों को बुला लिया। वहीं परिजनों ने केन्द्र के सामने जमकर हंगामा किया।   सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और लोगों को समझाकर मामला शांत कराया। महिला साजरीन ने आंगनबाडी के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी। उधर हंगामा होता देख आंगनबाडी की तबीयत बिगड गई, उसको निजी चिकित्सक के यहां भर्ती कराया गया। शाम तक कस्बे के प्रबुद्ध लोग दोनों पक्षों के बीच फैसला कराने में जुटे थे।    स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Sep 25, 2024

भैसा बुग्गी दौड़ के दौरान दो पक्षों में मारपीट व फायरिंग का आरोप

खेकड़ा, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। नंगला बड़ी- गोठरा मार्ग पर देर शाम भैसा बुग्गी दौड़ को लेकर दो पक्षों में मारपीट हुई, जबकि एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर फायरिंग करने का आरोप भी लगाया है। नंगला बड़ी निवासी सागर अपने दोस्तों के साथ गोठरा में कबड्डी प्रतियोगिता देखने भैसा बुग्गी लेकर गया था। जब देर शाम वह भैसा बुग्गी से दोस्तों के साथ वापस लौट रहा था तभी दूसरे पक्ष से चिंटू व सिद्धार्थ भी भैसा बुग्गी लेकर वहां पहुंच गए।   दोनों पक्षों मे भैसा बुग्गी रेस होने लगी। जब वह गांव के नजदीक पहुचें तो किसी बात को लेकर उनमें कहासुनी हो गयी। बात बढकर उनमें मारपीट हो गई। शोर सुनकर ग्रामीण भी वहां पहुंच गए, जबकि कुछ खेकड़ा के युवक भी वहा पहुंच गए। आरोप है कि एक पक्ष ने फायरिंग भी की। वही सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत कराया। एक पक्ष के सागर ने रटौल पुलिस चौकी में तहरीर दी है।    स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Sep 25, 2024

जयंत चौधरी के निर्देश पर खेकड़ा के स्टेडियम में सफाई अभियान तेज, जिला प्रशासन आया दबाब में

बागपत, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। रालोद सुप्रीम एवं केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत चौधरी के निर्देश पर अब खेकड़ा स्टेडियम में गंदगी व सुविधाओं का अभाव शायद ही रहे। इसके लिए जिले में डॉ सुभाष गुर्जर और खिलाड़ी और लखनऊ से दिल्ली तक केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी पूरी तरह सक्रिय हो गये हैं। खेल स्टेडियम में लंबे समय से चली आ रही गंदगी और अव्यवस्था के खिलाफ सफाई अभियान में अब तेजी लाई गई है। खेल प्रेमियों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जयंत चौधरी ने क्रीड़ा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि, स्टेडियम को खिलाड़ियों के लिए एक साफ और सुविधाजनक स्थान बनाया जाए।   रविवार को रालोद जिलाध्यक्ष डॉ सुभाष गुर्जर ने जयंत चौधरी के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए स्टेडियम का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों व स्थानीय खेल प्रेमियों से बात की, जिन्होंने स्टेडियम की दयनीय स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। खेल प्रेमियों की समस्याओं और शिकायतों को सुनने के बाद डॉ सुभाष गुर्जर ने साफ शब्दों में कहा कि, सिर्फ सफाई अभियान से काम नहीं चलेगा, खिलाड़ियों के लिए आधुनिक सुविधाएं और उचित संसाधन भी प्रदान करना अनिवार्य है। डॉ सुभाष गुर्जर ने जयंत चौधरी के निर्देशों को दोहराते हुए क्रीड़ा अधिकारी से तुरंत आवश्यक कदम उठाने की मांग की।   ताकि खेल प्रेमियों को स्टेडियम में एक साफ-सुथरा और सुरक्षित माहौल मिल सके। उन्होंने कहा कि, खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और अभ्यास के लिए जरूरी उपकरण और संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएं, ताकि खेकड़ा स्टेडियम जिले के खिलाड़ियों के लिए एक उत्कृष्ट खेल स्थल बन सके। इस मौके पर डॉ सुभाष गुर्जर ने स्पष्ट रूप से क्रीड़ा विभाग की उदासीनता पर नाराजगी जताई और कहा कि, जयंत चौधरी के नेतृत्व में रालोद खेलों के प्रति समर्पित है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि, वे इस मामले को लेकर जयंत चौधरी के साथ मिलकर जल्द ही डीएम से मुलाकात करेंगे, ताकि स्टेडियम की समस्याओं का स्थायी समाधान निकाला जा सके।   दूसरी ओर बताया गया है कि, रालोद के स्थानीय सांसद डॉ राजकुमार सांगवान को भी खेल प्रेमियों द्वारा स्टेडियम की प्रगति की रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें कोई विशेष सुधार न होने की बात कही गई है। रालोद युवा जिलाध्यक्ष राहुल धामा ने दावा किया कि, सुविधाएं मिलने पर यहां के खिलाड़ी देश का नाम रोशन करेंगे।इस दौरान गजेंद्र धामा व अमित धामा आदि भी मौजूद रहे। खेल प्रेमियों का मानना है कि, जयंत चौधरी द्वारा बिना किसी कार्यक्रम के खेल स्टेडियम में आना और दुर्दशा देख आक्रोशित होना तथा सुधार हेतु स्पष्ट निर्देश देना आदि से उम्मीद जगी है कि, स्टेडियम की स्थिति में सुधार होगा और खिलाड़ियों को अपने कौशल को निखारने के लिए एक बेहतर मंच मिलेगा।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Sep 25, 2024

भाजपा ने दिया आप को तगड़ा झटका तीन पार्षदों ने पार्टी छोड़ी

नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली की सियासत में अरविंद केजरीवाल के सीएम पद से इस्तीफा देने के चलते काफी गर्माहट आ गई है। उन्होंने अपना मुख्यमंत्री पद आप नेता आतिशी को दे दिया है। इस घटनाक्रम के बीच आज आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों ने पार्टी छोड़ते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया है, जो कि आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसका सीधा असर एमसीडी पर पड़ सकता है। दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के एक सदस्य के चुनाव से एक दिन पहले भाजपा ने आम आदमी पार्टी को उस वक्त बड़ा झटका दिया, जब बुधवार को उसके तीन पार्षद ने भाजपा में शामिल हो गए। इस दौरान आम आदमी पार्टी की दिलशाद गार्डन कॉलोनी की पार्षद प्रीति और ग्रीन पार्क इलाके की पार्षद सरिता फोगाट एवं मदनपुर खादर ईस्ट के पार्षद प्रवीण कुमार भाजपा में शामिल हुए। इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव, केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा और दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह मौजूद थे।   दिल्ली भाजपा कार्यालय में हुए एक कार्यक्रम के दौरान तीनों पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण की। एमसीडी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था की 18 सदस्यीय स्थायी समिति के एकमात्र रिक्त पद को भरने के लिए 26 सितंबर यानी गुरुवार को चुनाव होना है। यह पद भाजपा पार्षद कमलजीत सहरावत के पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद बनने के बाद इस्तीफा देने से खाली हुआ था। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली की बदहाली के लिए केजरीवाल सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. आज स्थिति यह है कि दिल्ली में आधे घंटे की बारिश से जलजमाव हो रहा है. दिल्ली में चारों तरफ सीवर ओवरफ्लो है. सड़कों पर गड्ढे हैं. वहीं, अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी पिछले 5 दिन से एक नई राजनीति नौटंकी दिल्ली में शुरू कर दी है.वीरेन्द्र सचदेवा ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो पाबंदी अरविंद केजरीवाल पर लगाई है क्या वह पाबंदी चुनाव जीतने के बाद खत्म हो जाएंगी? वो कह रहे हैं कि मैं जीत कर आऊंगा तो दोबारा बैठूंगा फाइल देखने की अनुमति मिल जाएगी।'   क्या मुख्यमंत्री कार्यालय में जाने की केजरीवाल को अनुमति मिलेगी? उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है ट्रायल चल रहा है सजा अभी सुनाई जानी बाकी है. भाजपा में शामिल होने के बाद प्रीति ने कहा कि वह चार बार पार्षद रह चुकी हैं और हमेशा लोगों के बीच रहकर उनसे मुद्दों और उनसे जुड़ी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करती रही हैं। उन्होंने कहा, 'मैं केजरीवाल और उनकी पार्टी में इसलिए शामिल हुई क्योंकि मुझे लगा कि वे कुछ अलग करना चाहते हैं, लेकिन अब मुझे आम आदमी पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वहां एक अलग माहौल है और यह मेरे लिए असहनीय हो गया है।' एमसीडी पार्षद ने मुख्यमंत्री आतिशी और अपने क्षेत्र के स्थानीय विधायक की भी आलोचना की और दावा किया कि अगर कोई भी व्यक्ति नालियों और गंदे पानी की आपूर्ति जैसी आम लोगों की शिकायतें करता है तो दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी में कोई सुनने वाला तक नहीं है।'   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 25, 2024

राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए आगे आने वाले उद्योग को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है

नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। मंगल पांडे, कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री, कृषि विभाग, बिहार सरकार ने कहा कि राज्य सरकार किसानों और कृषि क्षेत्र के कल्याण के लिए आगे आने वाले उद्योग को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। फिक्की द्वारा आयोजित ‘भारत मक्का शिखर सम्मेलन 2024’ के 10वें संस्करण को संबोधित करते हुए पांडे ने खाद्य, चारा और औद्योगिक उपयोगों में मक्का की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, निजी क्षेत्र को बिहार में निवेश करने और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई विभिन्न सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आगे आने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, “बिहार सरकार ने चालू वर्ष में मक्का की खेती के तहत क्षेत्र को लगभग 10 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।”   पांडे ने आगे कहा कि बिहार में वर्तमान में मक्का के लिए 5 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता है और सरकार भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए क्षमता बढ़ाने के लिए काम कर रही है। मंत्री ने अच्छी गुणवत्ता वाले मक्का बीज की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला और बीज उद्योग से किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले मक्का संकर बीज उपलब्ध कराने के लिए बिहार में परिचालन स्थापित करने का आह्वान किया। भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी ने अगले 10 वर्षों के लिए एक विजन दस्तावेज बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिसमें अगले दशक के लिए मक्का की क्षेत्रवार मांग के साथ-साथ मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक हस्तक्षेपों को दर्शाया गया हो। उन्होंने कहा, “हमें ग्रीष्मकालीन मक्का की फसल के तहत क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने की जरूरत है, जिससे मक्का उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ चावल जैसी पारंपरिक फसलों से विविधता लाने में मदद मिलेगी।”   बिहार सरकार के कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई पहलों को लागू किया है। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) और राज्य योजना के तहत हमने सब्सिडी वाले बीजों के वितरण की सुविधा प्रदान की है, किसानों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण प्रदान किया है, और उन्नत कृषि तकनीकों का प्रदर्शन किया है। मक्का उत्पादों में विविधता लाने और बाजार के अवसरों को बढ़ाने के लिए बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं भी शुरू की जा रही हैं।" श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि राज्य सरकार बिहार में बीजों के इन-हाउस उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है और इस संबंध में नीतिगत रूपरेखा पर काम कर रही है। कॉर्टेवा एग्रीसाइंस के दक्षिण एशिया के अध्यक्ष सुब्रतो गीद ने कहा।   "भारत का मक्का क्षेत्र एक क्रांति के लिए तैयार है, जिसमें उत्पादकता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने और फ़ीड, चारा, ईंधन और अन्य औद्योगिक अनुप्रयोगों में बढ़ती आवश्यकता का समर्थन करने की क्षमता है।" उन्होंने कहा कि मक्का फसल विविधीकरण के लिए भी एक मजबूत उम्मीदवार है क्योंकि टिकाऊ कृषि पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। फिक्की राष्ट्रीय कृषि समिति के सह-अध्यक्ष कौशल जायसवाल ने उल्लेख किया कि मक्का शिखर सम्मेलन मक्का के वैश्विक और घरेलू परिदृश्य और मक्का आपूर्ति श्रृंखला का सामना करने वाले मुद्दों को सामने लाने का एक प्रयास है। यस बैंक के राष्ट्रीय प्रमुख-खाद्य और कृषि व्यवसाय रणनीतिक सलाह और अनुसंधान संजय वुप्पुलुरी ने फिक्की-यस बैंक ज्ञान रिपोर्ट पर अंतर्दृष्टि साझा की। सत्र के दौरान फिक्की-यस बैंक ज्ञान रिपोर्ट - 'भारतीय मक्का क्षेत्र - रुझान, चुनौतियां और सतत विकास के लिए अनिवार्यताएं' जारी की गईं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 25, 2024

अवैध व्यापार करने वालों के मन में कठोर दंड का भय पैदा करने की आवश्यकता

नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने अवैध व्यापार और गतिविधियों में लगे लोगों के गठजोड़ पर कठोर दंड और कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। फिक्की-कैस्केड के 10वें संस्करण - 'मैस्क्रेड 2024' को संबोधित करते हुए बिट्टू ने जोर देकर कहा कि विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय हमारे आर्थिक विकास को बर्बाद करने वाले नापाक तत्वों के खिलाफ लड़ाई पर काबू पाने की कुंजी है। उन्होंने कहा, "हम एक साथ मिलकर लचीली अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करते हैं, मजबूत पहलों के साथ इन खतरों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देते हैं। आइए हम सब मिलकर भारत के भविष्य की रक्षा करें।" उन्होंने आगे कहा कि फिक्की कैस्केड की रिपोर्ट की राय और विचार सरकार को अवैध व्यापार गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई करने में मदद करेंगे।    बिट्टू ने कहा, "दंड आवश्यक है, और अपराधियों के मन में यह डर पैदा करना महत्वपूर्ण है कि यदि वे अवैध व्यापार गतिविधियों में शामिल होते हैं तो उन्हें कठोर दंड दिया जाएगा।" भारत सरकार के विशेष सचिव और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के सदस्य (अनुपालन प्रबंधन) राजीव तलवार ने कहा, "सीबीआईसी नकली सामान और तस्करी के खिलाफ आंदोलन में आधार के रूप में काम कर रहा है। हमने बहुत व्यापक क्षमताओं के साथ एक प्रौद्योगिकी-संचालित जोखिम प्रबंधन पोर्टल बनाया है जो हमें संभावित तस्करी संचालन की भविष्यवाणी करने में मदद करता है। सीबीआईसी के फील्ड अधिकारी इस पोर्टल की मदद से औसतन प्रतिदिन 60 जांच कर रहे हैं।"तलवार ने कहा कि पिछले 15 महीनों में 3,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 40 करोड़ रुपये के विदेशी उत्पाद जब्त किए गए हैं। फिक्की कैस्केड के अध्यक्ष अनिल राजपूत ने कहा, कानूनी और अवैध दोनों ही तरह के कारोबारियों के लिए उपभोक्ता मुख्य फोकस समूह रहे हैं।   और आगे भी बने रहेंगे के प्रौद्योगिकी-प्रधान परिदृश्य में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने बहुत महत्व प्राप्त कर लिया है और वर्तमान में हम अपने व्यवसायों और समाज पर इस तकनीक के सकारात्मक प्रभाव को देख रहे हैं। हालाँकि, वह समय दूर नहीं है जब हम देखेंगे कि दुष्ट तत्व मैदान में उतर आएंगे और ऐसी चुनौती पैदा करेंगे जो उद्योग और समाज दोनों के लिए एक बड़ी आपदा बन सकती है। मेरा मानना ​​है कि 'सिक्योर' फ्रेमवर्क का मंत्र जिसका अर्थ है निगरानी, ​​प्रवर्तन, क्षमता निर्माण, अवैध व्यापार के खिलाफ संयुक्त मोर्चा, कठोर दंड, सादगी पर आधारित संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र - जब समग्रता में देखा जाता है, तो यह अवैध व्यापार के जटिल मुद्दे का 360-डिग्री समाधान प्रदान करेगा। विश्व सीमा शुल्क संगठन के अनुपालन एवं सुविधा निदेशालय के निदेशक प्रणब कुमार दास ने कहा, "वैध अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के विकास को प्रोत्साहित करने में विश्व सीमा शुल्क संगठन द्वारा निभाई गई।   महत्वपूर्ण भूमिका के अलावा, धोखाधड़ी गतिविधियों से निपटने के इसके प्रयासों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है, खासकर तस्करी और जालसाजी के खिलाफ। अवैध व्यापार के खिलाफ प्रवर्तन सीमा शुल्क के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र बना हुआ है, क्योंकि यह आपराधिक नेटवर्क को बाधित करने के लिए समाधान और उचित प्रतिक्रिया प्रदान करता है।" भारतीय मध्यस्थता परिषद के महानिदेशक और फिक्की के पूर्व महानिदेशक के थिंक टैंक सदस्य अरुण चावला ने कहा, "लचीली अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करने के लिए, निवारक और सक्रिय दोनों उपायों को अपनाना आवश्यक है जो अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, तकनीकी प्रगति और कड़े कानूनी ढांचे को एकीकृत करते हैं। इन अवैध गतिविधियों से निपटने के लिए सीमा पार साझेदारी को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि आर्थिक विकास निरंतर बना रहे और साथ ही वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं की अखंडता को सुरक्षित रखा जाए।"   कार्यक्रम के दौरान, फिक्की कैस्केड ने थॉट आर्बिट्रेज रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर एक रिपोर्ट ‘अवैध उपभोग: उपभोग के बदलते कारक 5 प्रमुख उद्योगों में अवैध बाजारों को कैसे प्रभावित करते हैं’ लॉन्च की, जिसमें भारत में अवैध बाजार का आकार 2022-23 में 7,97,726 करोड़ रुपये आंका गया है। 5 प्रमुख उद्योगों-पैकेज्ड गुड्स, पर्सनल और हाउसहोल्ड केयर, शराब, तंबाकू और कपड़ा और परिधान- पर विचार करते हुए, जहाँ अवैध व्यापार वैध व्यवसायों को कमजोर कर रहा है, प्रतिस्पर्धा को विकृत कर रहा है और सरकारी कर राजस्व को काफी हद तक खा रहा है, रिपोर्ट अवैध बाजार के बढ़ते आकार को उच्च मूल्य वाले ब्रांडेड, लक्जरी, हाई-एंड, कर योग्य वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ती खपत को जिम्मेदार ठहराती है, खासकर ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में बढ़ते आकांक्षी मध्यम वर्ग के बीच।   इन पाँच श्रेणियों में अवैध बाजार ग्रामीण भारत में तेजी से फैला है, खासकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के बढ़ते वर्गों के बीच। संक्षेप में, जालसाजी और अवैध व्यापार की समस्या ने नई राह पकड़ी है, क्योंकि पहले यह उच्च आय वर्ग की घटना थी, जो देश के शहरी इलाकों में अधिक स्पष्ट थी। इसलिए, खर्च करने के बदलते पैटर्न-बढ़ती डिस्पोजेबल आय के साथ-साथ उपभोक्ताओं द्वारा ऐसे उत्पादों को चुनना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है, जिन पर अधिक कर लगाया जाता है, जैसे कि सौंदर्य और कॉस्मेटिक उत्पादों के मामले में 28 प्रतिशत की कर दर वाले उत्पाद और रेडीमेड परिधान जिन पर 12-18 प्रतिशत कर लगाया जाता है, जो अवैध खिलाड़ियों को आर्थिक लाभ के लिए मध्यस्थता का उपयोग करने का अवसर देता है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 25, 2024

एम्स नई दिल्ली जिसकी उत्कृष्टता की विरासत दुनिया भर के चिकित्सा संस्थानों को प्रेरित करती रहती है

नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। एम्स नई दिल्ली भारत में चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अग्रणी है, जिसकी उत्कृष्टता की विरासत दुनिया भर के चिकित्सा संस्थानों को प्रेरित करती रहती है ।” यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव गणपतराव जाधव ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के 69 वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।   इस अवसर पर बोलते हुए जाधव ने कहा, “ एम्स नई दिल्ली ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं और यह दुनिया में शीर्ष रैंक वाले चिकित्सा संस्थानों में से एक होने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प है।” इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के बाद से लगातार सातवें वर्ष, एम्स नई दिल्ली को भारत के चिकित्सा संस्थानों में नंबर एक स्थान दिया गया है, केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस संस्थान की निरंतर निर्विवाद स्थिति एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।”    उन्होंने बताया कि एम्स नई दिल्ली अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय चिकित्सा महाविद्यालय नेटवर्क (एनएमसीएन) के राष्ट्रीय संसाधन केंद्र के रूप में कार्य करता है। इससे स्नातक, स्नातकोत्तर और सतत चिकित्सा शिक्षा को बढ़ाने के लिए 100 से अधिक चिकित्सा महाविद्यालयों के साथ संपर्क स्थापित करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा, "इस उद्देश्य को राष्ट्रीय शिक्षण प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली, साक्ष्यम् के निर्माण द्वारा सुगम बनाया जा रहा है, जिसे पिछले वर्ष लॉन्च किया गया था।" जाधव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एम्स नई दिल्ली ने स्वास्थ्य सेवा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की है।   स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्मित इस केंद्र से राष्ट्रीय कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए छाती के एक्स-रे के मूल्यांकन, मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी का शीघ्र पता लगाने और त्वचा के घावों की पहचान के साथ-साथ अन्य उपकरणों के लिए एआई आधारित समाधान प्रदान करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि "एम्स सर्जनों के प्रशिक्षण के लिए समर्पित 2 अत्याधुनिक रोबोटिक सर्जरी उपकरणों के साथ सबसे बड़ा रोबोटिक सर्जरी कौशल प्रशिक्षण केंद्र बनने के लिए तैयार है।"   बताया गया कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा 900 से अधिक बाह्य अनुसंधान परियोजनाओं को वित्त पोषित किया जा रहा है, जिसकी कुल अनुदान राशि लगभग 200 करोड़ रुपये है, जबकि एम्स ने स्वयं 240 से अधिक आंतरिक अनुसंधान परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है, इसके अलावा छात्रों, निवासियों, पीएचडी विद्वानों और कर्मचारियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के लिए यात्रा फेलोशिप प्रदान की है। एम्स दिल्ली ने बायोनेस्ट योजना के तहत बायो-इनक्यूबेटर के रूप में चिकित्सा नवाचार और उद्यमिता केंद्र भी शुरू किया है।    जाधव ने कहा कि एम्स ने 2200 कमरों वाला एक नया छात्रावास परिसर बनाने की योजना बनाई है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 900 करोड़ रुपये है। उन्होंने हाल ही में जोड़ी गई नई शैक्षणिक सुविधाओं जैसे कि मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक, सर्जरी ब्लॉक और नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग पर भी प्रकाश डाला, जो अब पूरी तरह से काम कर रहे हैं। पिछले 2 वर्षों में, इनपेशेंट बेड में 30% से अधिक की वृद्धि हुई है, गहन देखभाल और ऑपरेशन थिएटर सेवाओं में लगभग 40% की वृद्धि हुई है। ये नई सुविधाएँ एम्स की विशाल नैदानिक ​​मांग को पूरा करने की क्षमता में सुधार करेंगी। एम्स को मैदानगढ़ी में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल आयुर्विज्ञान संस्थान को चालू करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।   केंद्रीय मंत्री ने एम्स के स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत एम्स के विभिन्न विभागों द्वारा किए गए अभिनव अनुसंधान और परियोजनाओं को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का आधिकारिक रूप से उद्घाटन करके की। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।  केंद्रीय मंत्री ने पुरस्कार समारोह का उद्घाटन भी किया, जिसमें छात्रों और कर्मचारियों की उपलब्धियों को पदक और पुस्तक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शोध और नवाचार में उत्कृष्टता का जश्न मनाने वाले संस्थान दिवस प्रदर्शनी में उत्कृष्ट योगदान के लिए भी पुरस्कार दिए गए।   एम्स नई दिल्ली ने कई आईटी पहल की हैं और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए इन-हाउस कई सॉफ्टवेयर विकसित किए हैं। संतोष पोर्टल मरीजों को अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करने, स्थिति को ट्रैक करने और समाधान के बारे में प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाता है। पारदर्शिता बढ़ाने और एम्स में मरीजों के भरोसे को बनाए रखने के लिए, रियलटाइम डैशबोर्ड विकसित किए गए हैं और उन्हें जनता के लिए उपलब्ध कराया गया है। किसी भी हार्डवेयर या नेटवर्क समस्या के त्वरित समाधान के लिए आईटी अवसंरचना और नेटवर्क के प्रबंधन को भी डिजिटल किया गया है।   आपातकालीन विभाग के लिए ट्राइएज रजिस्टर एक वेब एप्लिकेशन है जो रोगी की बीमारी की स्थिति, चिकित्सा जांच का रिकॉर्ड रखने में मदद करता है और विभिन्न विभागों द्वारा समय पर क्रॉस-परामर्श सुनिश्चित करके रोगी की सुरक्षा में सुधार करता है। केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान इन डिजिटल पहलों का शुभारंभ किया। उन्होंने एम्स में एक फायर स्टेशन का भी उद्घाटन किया, जिसमें 6 लोगों की मैनपावर होगी। यह किसी भी मेडिकल संस्थान के लिए विशेष रूप से पहला ऐसा स्टेशन है।   एम्स नई दिल्ली के निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास ने कहा, “एम्स को पहले ही अपने कुछ ब्लॉक और केंद्रों के लिए एनएबीएच प्रमाणन मिल चुका है और मुख्य अस्पताल सहित सभी केंद्रों के एनएबीएच प्रमाणन की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि चरणबद्ध तरीके से सभी प्रयोगशालाओं की एनएबीएल मान्यता प्रक्रियाधीन है। उन्होंने यह भी बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के कार्यान्वयन में भी एम्स अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा, “इसने विभिन्न चुनौतियों को पार किया है और 7 लाख से अधिक एबीएचए आईडी और 20 लाख से अधिक स्कैन और शेयर टोकन बनाकर देश के लिए एक आदर्श रहा है।”   *पृष्ठभूमि:* 1956 में स्थापित, एम्स का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा और व्यापक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना था। इस संस्थान की स्थापना भारत में अच्छी तरह से प्रशिक्षित स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक बड़े प्रयास के हिस्से के रूप में की गई थी। स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच और गुणवत्ता में चुनौतियों को पहचानते हुए, भारत सरकार ने एक ऐसा संस्थान बनाने का लक्ष्य रखा जो चिकित्सा प्रशिक्षण और रोगी देखभाल में मानक स्थापित करेगा।   अपनी स्थापना के समय से ही, एम्स अभिनव चिकित्सा पद्धतियों और अत्याधुनिक अनुसंधान को विकसित करने में अग्रणी रहा है। इसके व्यापक दृष्टिकोण में निवारक, उपचारात्मक और पुनर्वास देखभाल पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है, जो इसे देश भर के चिकित्सा संस्थानों के लिए एक मॉडल बनाता है। दशकों से, एम्स न केवल एक प्रमुख मेडिकल कॉलेज बन गया है, बल्कि एक अग्रणी अनुसंधान केंद्र भी बन गया है, जो चिकित्सा के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।   *राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा में एम्स का महत्व* एम्स, नई दिल्ली ने भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके महत्व के कुछ प्रमुख पहलू इस प्रकार हैं: *गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा :* एम्स ने हजारों चिकित्सा पेशेवरों को प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो देश भर में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। इसके कठोर शैक्षणिक कार्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि छात्रों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान मिले, बल्कि व्यावहारिक प्रशिक्षण भी मिले, जिससे वे रोगियों को उच्च-गुणवत्ता वाली देखभाल प्रदान करने में सक्षम हो सकें।   *अनुसंधान और नवाचार :* यह संस्थान कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी और न्यूरोसाइंस सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक अनुसंधान के लिए जाना जाता है। एम्स के शोधकर्ताओं ने चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, अक्सर अपने निष्कर्षों को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में अनुवादित किया है जिससे रोगियों को लाभ होता है।   *सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल :* एम्स ने निवारक देखभाल और स्वास्थ्य शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य आउटरीच कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लिया है। इन पहलों का उद्देश्य स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देने के सरकार के लक्ष्यों के साथ संरेखित करते हुए हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुँच में सुधार करना है।   *राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीतियाँ :* एम्स ने विभिन्न स्वास्थ्य नीतियों और कार्यक्रमों पर सरकार के लिए एक सलाहकार निकाय के रूप में काम किया है। इसके शोध निष्कर्षों और विशेषज्ञ सिफारिशों ने स्वास्थ्य नीति निर्णयों को प्रभावित किया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे साक्ष्य-आधारित हैं और आबादी की जरूरतों के अनुरूप हैं।   *स्वास्थ्य संकटों पर प्रतिक्रिया :* कोविड-19 महामारी जैसी स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान, एम्स ने देखभाल के प्रबंधन, अनुसंधान करने और सर्वोत्तम प्रथाओं पर मार्गदर्शन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संकट प्रबंधन में इसका नेतृत्व सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा में महत्वपूर्ण रहा है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) 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Sep 25, 2024

विहिप ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने का अभियान छेड़ा

नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। हिंदू मन्दिरों का पूर्ण नियंत्रण हिन्दू समुदाय के हाथों में सौंपने के लिए विश्व हिन्दू परिषद एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाएगी। इस अभियान के अंतर्गत विहिप के सभी राज्य इकाई अपने यहां जनजागरण अभियान चलाएंगे। वे मुख्यमंत्री और राज्यपालों से मिलकर मन्दिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए ज्ञापन देंगे। विहिप का कहना है कि मन्दिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए धरना-प्रदर्शन और सामाजिक जनजागरण किया जाएगा।   यह भी आरोप है कि तिरुपति मंदिर के चढ़ावे से धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं को राशि दी गई है। विश्व हिंदू परिषद ने देशभर में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का संकल्प लिया। साथ ही कहा कि वह इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जल्द एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगी। विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि अगर राज्य सरकारें मंदिरों को हिंदू समाज को नहीं सौंपती हैं, तो संगठन अदालत का भी दरवाजा खटखटाएगा।    मंदिरों के प्रबंधन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विहिप ने कहा है कि सरकार द्वारा मंदिरों को अपने नियंत्रण में लेना मुस्लिम आक्रमणकारियों और अंग्रेजों की मानसिकता को दर्शाता है। विहिप ने यह भी कहा है कि अब मंदिरों का सरकारीकरण नहीं समाजीकरण होना चाहिए।उन्होंने कहा, हमारा संकल्प है कि देशभर में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर समाज को सौंप दिया जाएगा। इसके लिए पहले हर राज्य में प्रदर्शन और आंदोलन किए जाएंगे और संबंधित मुख्यमंत्रियों के माध्यम से राज्यपालों को अपना ज्ञापन सौंपा जाएगा।'   *'कानूनी सहारा भी लिया जाएगा'* उन्होंने कहा कि न्याय पाने के लिए जहां भी जरूरत होगी, कानूनी सहारा भी लिया जाएगा। जैन ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो भविष्य में आंदोलन भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा मंदिरों को अपने नियंत्रण में रखना संविधान का उल्लंघन है और अदालतें 'बार-बार कह रही हैं कि मंदिरों को चलाना सरकारों का काम नहीं है।'   *देश का सियासी पारा चढ़ा* उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर ही एकमात्र ऐसा मंदिर नहीं है, जहां से प्रसादम बनाने में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल की खबरें आई हैं। उन्होंने दावा किया, 'इससे पहले केरल के सबरीमला मंदिर से भी शिकायत आई थी। वहां भी पायसम (पवित्र भोजन) में इसी तरह की अपवित्र चीजें मिलाई गई थीं।' उन्होंने कहा कि देश भर में राज्य सरकारों के नियंत्रण में मंदिरों की संपत्तियों के 'वित्तीय अनियमितताओं और दुरुपयोग' की भी खबरें आई हैं। जैन ने कहा कि इन सभी मामलों में देखा गया है कि ये वे मंदिर हैं, जिन्हें संबंधित राज्य सरकारों ने अपने नियंत्रण में ले लिया है।   *'नौकरशाही और नेता दोनों ही लूट में शामिल'* उन्होंने आरोप लगाया, 'नौकरशाही और नेता दोनों ही लूट में लिप्त हैं और हिंदुओं की भावनाओं से खेल रहे हैं।' जैन ने कहा कि अकेले तमिलनाडु में 400 से अधिक मंदिर सरकार के नियंत्रण में हैं। उन्होंने कहा कि एक एनजीओ द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पाया गया था कि ये 400 मंदिर प्रति वर्ष 6000 करोड़ रुपये का राजस्व पैदा करते हैं, लेकिन वे केवल 200 करोड़ रुपये की आय और 270 करोड़ रुपये का व्यय दिखाते हैं।   *तिरुपति लड्डू विवाद में न्यायिक जांच की मांग* तिरुपति लड्डू विवाद पर विहिप पदाधिकारी ने मांग की कि मामले की न्यायिक जांच की जाए और प्रसाद को अपवित्र करने में शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जाए। जैन ने कहा कि मंदिरों पर राज्य सरकारों का नियंत्रण औपनिवेशिक मानसिकता और गुलामी का प्रतीक है। उन्होंने तर्क दिया, 'जब अल्पसंख्यक अपने संस्थान चला सकते हैं, तो हिंदू क्यों नहीं।'   संगठन द्वारा तिरुपति में संतों का एक सम्मेलन आयोजित करने और मंदिर बोर्ड द्वारा प्रसाद की पवित्रता को बहाल करने के लिए "शुद्धिकरण अनुष्ठान" किए जाने के एक दिन बाद विहिप ने यह घोषणा की है विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा, "सरकारें मंदिरों का इस्तेमाल उनकी संपत्ति लूटने और उन राजनेताओं को जगह देने के लिए कर रही हैं जिन्हें सरकार में जगह नहीं मिल पाई।" सुरेंद्र जैन ने कहा कि प्रसाद में जानवर की चर्बी के साथ मिलावट ने पूरे हिंदू समाज को नाराज कर दिया है।   *'संतों के मार्गदर्शन में मंदिरों का प्रबंधन करेगा समाज'* इस मौके पर विहिप ने दावा किया कि केरल के सबरीमाला जैसे कई अन्य मंदिरों से भी इस तरह की मिलावट की खबरें आ रही हैं। उन्होंने इसे हिंदू समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया। सुरेंद्र जैन ने कहा, "इन सभी घटनाओं के बीच एक आम कड़ी यह है कि ये सभी मंदिर सरकारों के नियंत्रण में हैं। समस्या का एकमात्र स्थायी समाधान मंदिरों को सरकारों के नियंत्रण से मुक्त करना और उन्हें समाज को सौंपना है। संतों के मार्गदर्शन में समाज मंदिरों का प्रबंधन करेगा।"   *अल्पसंख्यक अपने संस्थान चला सकते हैं तो हिंदू क्यों नहीं* सुरेंद्र जैन ने मंदिरों को सरकारों द्वारा चलाने को असंवैधानिक करार देते हुए कहा, "अनुच्छेद 12 कहता है कि राज्य का कोई धर्म नहीं है। फिर उन्हें मंदिर चलाने का अधिकार किसने दिया? अनुच्छेद 25 और 26 हमें अपने संस्थान चलाने का अधिकार देते हैं। अगर अल्पसंख्यक अपने संस्थान चला सकते हैं तो हिंदू क्यों नहीं। ऐसा लगता है कि एक पैटर्न है। मुस्लिम आक्रमणकारियों ने मंदिरों को नष्ट कर दिया और उन्हें लूट लिया। अंग्रेज चालाक थे और उन्होंने मंदिरों पर नियंत्रण कर लिया। इस तरह उन्होंने मंदिरों को लूटने के लिए एक संस्थागत व्यवस्था स्थापित की। दुर्भाग्य से आजादी के बावजूद हमारे राजनेता खुद को इस औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त नहीं कर पाए। मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण उसी मानसिकता को दर्शाता है। यह लूट अब बंद होनी चाहिए।”   *सभी राज्यों में रैलियां आयोजित करेगी विहिप* भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सुरेंद्र जैन ने कहा कि अकेले तमिलनाडु सरकार के अधीन 400 से अधिक मंदिर हैं और आरोप लगाया कि पिछले 10 सालों में राज्य ने इन मंदिरों में 50,000 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है। विहिप के मुताबिक अभियान के पहले चरण में संगठन सभी राज्यों की राजधानियों में विरोध में रैलियां आयोजित करेगी और मुख्यमंत्रियों को मांगों का ज्ञापन देगी। उन्होंने कहा, "अगर जरूरत पड़ी तो उसके बाद कानूनी कदम भी उठाए जाएंगे। और अगर यह पर्याप्त नहीं है तो हम भविष्य में और आंदोलन भी शुरू कर सकते हैं।"   डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि न्यायालयों ने अपने कई निर्णयों में यह स्पष्ट कहा है कि मंदिरों का प्रशासन चलाना सरकार का काम नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से तिरुपति विवाद सामने आए हैं, उससे यह साफ हो जाता है कि अब हिन्दू मंदिरों का प्रशासन हिन्दू समाज को सौंप देनी चाहिए। विहिप के अनुसार हिन्दू मंदिरों का धन हिन्दू समाज के गरीब लोगों के हितों के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। इसे देखते हुए संगठन 'हिन्दू समाज का धन हिंदुओं के लिए' नाम से अभियान चलाएगी। इसकी शुरुआत आंध्रप्रदेश में तिरुपति मन्दिर से शुरू हो चुकी है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 25, 2024

कार्यकर्ताओं की मेहनत बदलेगी कालका हल्के की तकदीर : गुरदेव चौधरी

रायपुररानी, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। कालका हल्के की तकदीर अब वोट के रूप में जनता के हाथ में है। आने वाली 5 अक्तूबर को जब लोग ईवीएम मशीन पर हीरे के निशान के सामने वाला बटन दबायेंगे तो ही कालका हल्के की तकदीर बदलेगी। यह बात युवा समाजसेवी एवं गुर्जर नेता गुरदेव चौधरी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कही। गुरदेव चौधरी ने कहा के जिस तरह से आज़ाद प्रत्याशी गोपाल चौधरी के प्रचार के लिए गांव गांव में कार्यकर्ता जुटे हैं उससे गोपाल चौधरी की जीत तय है। कार्यकर्ताओं की मेहनत ओर कालका हल्के की प्रबुद्ध जनता का अपार समर्थन कालका हल्के की तकदीर को बदलेगा। उन्होंने कहा के भाजपा व कांग्रेस की जनविरोधी नीतियों व हल्के की अनदेखी के चलते आज कालका विधानसभा विकास के मामले में 20 साल पीछे हो चुका है। 10 साल हरियाणा में भाजपा की सरकार रही लेकिन सरकार ने कालका हल्के के जख्मों को भरना जरूरी नहीं समझा।    गुर्जर नेता गुरदेव चौधरी ने कहा के आज कालका हल्के में बेरोजगार युवा रोजगार के लिए दर दर भटक रहे हैं। अगर हमारे पड़ोसी राज्य हिमाचल में बीबीएन बद्दी इंडस्ट्री एरिया नहीं होता तो युवा वर्ग व उनके परिवार भूखे मरते। कालका हल्के में सड़कों की जर्जर हालत किसी से छिपी नहीं है। सालों से कई सड़के अधूरी पड़ी हैं जिनका निर्माण करने की जहमत भाजपा सरकार ने नहीं उठाई। चौधरी ने कहा के आज आम वर्ग, मध्यम वर्ग मंहगाई के बोझ तले दबा है, लेकिन सरकारों को कोई फर्क नहीं पड़ा। गुरदेव चौधरी ने कहा के इस बार कालका हल्के की जनता के पास एक सुनहरी मौका है के वह भाजपा कांग्रेस को दरकिनार कर हल्के से आज़ाद प्रत्याशी गोपाल चौधरी को भारी वोटों से जिताकर विधानसभा भेजे। ताकि कालका हल्के का आपका अपना धरती पुत्र कालका हल्के के विकास ओर आम वर्ग की आवाज़ को विधानसभा में बुलंद कर सके।   हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Sep 25, 2024

हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन रही का कालका का अब होगा विकास

कालका, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। कालका विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी प्रदीप चौधरी ने कालका और पिंजौर क्षेत्र में चुनाव प्रचार करते हुए वोट मांगें और कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन रही हैं। जिसके बाद अब कालका के रुके हुए विकास को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में बीजेपी ने जानबुझ कर कालका के विकास को लटकाने का काम किया है। अब जनता के बीच जाकर विकास की बातें कर रहे हैं। इनकी बातों पर जनता को बिलकुल भी विश्वास नही है। एचएमटी इन्होंने बंद कर दी और धारा 7ए लगाकर लोगों को परेशान किया हैं। इसके साथ ही कालोनियों को नियमित नही किया गया और इन कालोनियों का विकास नही हो पा रहा है। लोगो को पीने का पानी नही मिल रहा है। लावारिस पशु लोगों की जान ले रहे है। साफ सफाई की व्यवस्था ठप्प पड़ी है। इसके अलावा सड़कों का बुरा हाल है।  हरियाणा-स्टेट ब्यूरो, (सचिन बराड़)।

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Sep 25, 2024