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○ दो उपकेंद्र सहित लुहारा टाउन की बत्ती गुल, 24 घंटे से पांच हजार परिवारों की बढ़ी परेशानी
○ मंडोला विहार तक मैट्रो की मांग को लेकर संघर्ष समिति को ग्रामीण देंगे पूरा सहयोग , मुख्यमंत्री से मिलेंगे समिति के पदाधिकारी
○ असारा को नगर पंचायत बनाने, झूंडपुर में लघु सेतु की मांग तथा दो विद्युत उपकेंद्र की स्थापना की मांग पर मिले नकारात्मक उत्तर
○ भारत में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को एक उभरते क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है: श्रीमती अनुप्रिया पटेल
○ देश को इलेक्ट्रिक वाहन उपभोक्ता और कार्बन न्यूट्रल बनाना हमारा लक्ष्य : नितिन गडकरी
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अरविंद केजरीवाल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत, तिहाड़ जेल में ही रहेंगे दिल्ली के सीएम
नई दिल्ली, 30 जून 2024 (यूटीएन)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. दिल्ली शराब नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर भेज दिया है. *12 जुलाई तक तिहाड़ जेल में रहेंगे केजरीवाल* केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दिल्ली के सीएम की 3 दिन की सीबीआई हिरासत खत्म होने के बाद उनकी 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी. राउज एवेन्यू की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत के लिए तिहाड़ जेल भेजा. सीएम अरविंद केजरीवाल के 26 जून को केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें तीन दिन की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया गया था. जिस समय सीबीआई ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया उस समय वह प्रवर्तन निदेशालय ईडी की ओर जांच की जा रही दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में थे. *एक जुलाई को कोर्ट में केजरीवाल दाखिल करेंगे जमानत याचिका* कोर्ट में सुनवाई खत्म होने के बाद अरविंद केजरीवाल के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा, "अरविंद केजरीवाल की कस्टडी खत्म हो रही थी. सीबीआई ने उन्हें कोर्ट में पेश किया और आगे कस्टडी की मांग नहीं, बल्कि न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की, जिसका हमने विरोध किया. हमने कोर्ट से कहा, "सीबीआई के पास कोई ग्राउंड नहीं है कि उनको आगे न्यायिक हिरासत में भेजा जाए. कोर्ट ने हमारी और सीबीआई की बातों को सुनकर अरविंद केजरीवाल को 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड में भेजा है. अरविंद केजरीवाल के वकील ऋषिकेश कुमार ने बताया कि सोमवार या मंगलवार को अरविंद केजरीवाल की तरफ से बेल एप्लिकेशन कोर्ट में दी जाएगी. अरविंद केजरीवाल के वकील ने कोर्ट में एप्लीकेश देकर मांग की है कि ईडी के केस में गिरफ्तारी के बाद जब केजरीवाल को न्याययिक हिरासत में भेजा गया था, तब मेडिकल ग्राउंड पर जो छूट थी, वो जारी रखी जाए.
admin
Jun 30, 2024
90 दिन में चार्जशीट, मॉब लिंचिंग की सजा मौत, राजद्रोह कानून का खात्मा; ऐसे हैं तीन नए कानून
नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम 1 जुलाई से प्रभावी हो जाएंगे। इस दिन से दशकों पुराने भारतीय दंड संहिता , आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम बदल जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगस्त 2023 में इन तीन कानूनों में बदलाव का बिल लोकसभा में पेश किया था। आजादी के पहले बने ये कानून अब तक चल रहे हैं। *आइये जानते हैं कि तीन नए कानून क्या हैं? जिन तीन कानूनों को बदलना है उनमें अभी क्या है? इनमें खामियां क्या हैं? नए कानूनों से क्या बदलेगा? नए कानूनों में क्या प्रावधान किए गए हैं?* *तीन नए कानून क्या हैं?* 1 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम हैं। ये कानून क्रमशः भारतीय दंड संहिता , आपराधिक प्रक्रिया संहिता और पुराने भारतीय साक्ष्य अधिनयम की जगह लेंगे। 12 दिसंबर, 2023 को इन तीन कानूनों में बदलाव का बिल लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। इसके बाद 20 दिसंबर, 2023 को लोकसभा और 21 दिसंबर, 2023 को राज्यसभा से ये पारित हुए। 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को अपनी मंजूरी दी। वहीं 24 फरवरी, 2024 को केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि तीन नए आपराधिक कानून इस साल 1 जुलाई से लागू होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2022 को लाल किले की प्राचीर से अपने उद्बोधन के दौरान देश के सामने पांच प्रण रखे थे। उनमें से एक प्रण था कि हम गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त कर देंगे। तीनों विधेयक प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए प्रण में से एक प्रण का अनुपालन करने वाले हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया था कि राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, भारत की सुप्रीम कोर्ट, 22 हाईकोर्ट, न्यायिक संस्थाओं, 142 सांसद और 270 विधायकों के अलावा जनता ने भी इन विधेयकों को लेकर सुझाव दिए हैं। चार साल तक इस पर काफी चर्चा हुई है। सरकार ने इस पर 158 बैठकें की हैं। विधेयक विभिन्न समिति की सिफारिशों से भी प्रभावित हैं। *किन-किन कानूनों में बदलाव होगा?* *भारतीय दंड संहिता:* भारतीय दंड संहिता 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 जगह लेगी। यह आईपीसी के 22 प्रावधानों को निरस्त करेगी। इसके साथ ही नई संहिता में आईपीसी के 175 मौजूदा प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है और नौ नई धाराएं पेश की गईं हैं। भारतीय न्याय संहिता, 2023 में कुल 356 धाराएं हैं। अपने भाषण के दौरान गृह मंत्री ने बताया था कि यह नया कानून राजद्रोह के अपराध को पूरी तरह से निरस्त करता है। हालांकि, इसमें राज्य के विरुद्ध अपराध का प्रावधान है। इसकी धारा 150 भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों से सबंधित है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नए कानून में मॉब लिंचिंग के अपराध को दंडित करने का प्रावधान करता है और इसके लिए सात साल या आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है। *आपराधिक प्रक्रिया संहिता:* दूसरा जो कानून बदलने जा रहा है वो आपराधिक प्रक्रिया संहिता यानी क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) है। सीआरपीसी की जगह 'भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023' को प्रस्थापित किया जाएगा। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के जरिए सीआरपीसी के नौ प्रावधानों को निरस्त किया जाएगा। इसके अलावा इस कानून में सीआरपीसी के 107 प्रावधानों में बदलाव और नौ नए प्रावधान पेश करने को कहा गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में कुल 533 धाराएं हैं। *भारतीय साक्ष्य अधिनियम:* बदलने वाला तीसरा कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 है। इसकी जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 लागू किया जाएगा। नया अधिनियम मौजूदा साक्ष्य अधिनियम के पांच मौजूदा प्रावधानों को निरस्त करेगा। बिल में 23 प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव है और एक नया प्रावधान पेश किया गया है। इसमें कुल 170 धाराएं हैं। *तीनों नए कानूनों से क्या बदलेगा?* भारत की संप्रभुता या अखंडता को खतरे में डालने वाले किसी भी व्यक्ति को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। वहीं, मॉब लिंचिंग और नाबालिग से दुष्कर्म में शामिल लोगों को अधिकतम मौत की सजा दी जा सकती है। हत्या के जुर्म के लिए सजा-ए-मौत या आजीवन कारावास की सजा होगी। दुष्कर्म में शामिल लोगों को कम से कम 10 साल की जेल या आजीवन कारावास की सजा होगी और सामूहिक दुष्कर्म के लिए कम से कम 20 साल की कैद या उस व्यक्ति के शेष जीवन के लिए कारावास की सजा होगी। बिल के अनुसार, यदि किसी महिला की बलात्कार के बाद मृत्यु हो जाती है या इसके कारण महिला लगातार बेहोश रहती है, तो दोषी को कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन जिसे आजीवन कारावास के लिए बढ़ाया जा सकता है। *बिल के अन्य खास प्रावधान* नागरिक किसी भी पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज करा सकेंगे, चाहे उनका अधिकार क्षेत्र कुछ भी हो। जीरो एफआईआर को क्षेत्राधिकार वाले पुलिस स्टेशन को अपराध पंजीकरण के बाद 15 दिनों के भीतर भेजा जाना अनिवार्य होगा। जिरह अपील सहित पूरी सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से की जाएगी। यौन अपराधों के पीड़ितों के बयान दर्ज करते समय वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। सभी प्रकार के सामूहिक बलात्कार के लिए सजा 20 साल या आजीवन कारावास। नाबालिग से बलात्कार की सजा में मौत की सजा शामिल है। एफआईआर के 90 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से चार्जशीट दाखिल की जाएगी। न्यायालय ऐसे समय को 90 दिनों के लिए और बढ़ा सकता है, जिससे जांच को समाप्त करने की कुल अधिकतम अवधि 180 दिन हो जाएगी। आरोप पत्र प्राप्त होने के 60 दिन के भीतर अदालतों को आरोप तय करने का काम पूरा करना होगा। सुनवाई के समापन के बाद 30 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से फैसला सुनाया जाएगा। फैसला सुनाए जाने के सात दिन के भीतर अनिवार्य रूप से ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। तलाशी और जब्ती के दौरान वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। सात साल से अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक टीमों को अनिवार्य रूप से अपराध स्थलों का दौरा करना होगा। जिला स्तर पर मोबाइल एफएसएल की तैनाती होगी। सात साल या उससे अधिक की सजा वाला कोई भी मामला पीड़ित को सुनवाई का अवसर दिए बिना वापस नहीं लिया जाएगा। संगठित अपराधों के लिए अलग, कठोर सजा। शादी, नौकरी आदि के झूठे बहाने के तहत महिला के बलात्कार को दंडित करने वाले अलग प्रावधान। चेन / मोबाइल स्नैचिंग और इसी तरह की शरारती गतिविधियों के लिए अलग प्रावधान। बच्चों के खिलाफ अपराध के लिए सजा को सात साल से बढ़ाकर 10 साल की जेल की अवधि तक। मृत्युदंड की सजा को कम करके अधिकतम आजीवन कारावास में बदला जा सकता है, आजीवन कारावास की सजा को कम करके अधिकतम सात साल के कारावास में बदला जा सकता है और सात साल की सजा को तीन साल के कारावास में बदला जा सकता है और इससे कम नहीं। किसी भी अपराध में शामिल होने के लिए जब्त किए गए वाहनों की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jun 29, 2024
कांग्रेस ने कहा था पैसे मिलेंगे खटाखट-खटाखट, अब जनता पहुंच रही ऑफिस तो भाग रहे सटासट-सटासट', बीजेपी का तंज
नई दिल्ली, 29 जून 2024 (यूटीएन)। राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक सदस्य ने कांग्रेस पर चुनावों में मतदाताओं को झूठे प्रलोभन देने का आरोप लगाया और निर्वाचन आयोग से मांग की है कि उसे इस पर रोक लगाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने चाहिए. साथ ही कहा कि इस प्रकार से जीत दर्ज करने वाले सांसदों की सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए. *बीजेपी नेता ने कांग्रेस पर निशाना साधा* बीजेपी के अनिल बोंडे ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए आरोप लगाया कि उसकी आदत भ्रष्टाचार करने की है और पकड़े जाने पर वह एजेंसियों पर ही सवाल उठाने लगती है और न्यायिक व्यवस्था की आलोचना करने से भी परहेज नहीं करती है. अनिल बोंडे उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले रहे थे. लोकसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब उसे झूठे प्रलोभन की आदत पड़ गई है. जहां कांग्रेस के उम्मीदवार थे, वहां लोगों से यह कहते हुए फॉर्म भरवा लिए गए कि पार्टी के उम्मीदवारों की जीत पर उनके खातों में 8,500 रुपये खटाखट, खटाखट आएंगे. *'कांग्रेस नेता भाग रहे सटासट'* उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में महिलाएं, खासकर मुस्लिम महिलाएं- सांसदों और कांग्रेस कार्यालयों में पहुंच रही हैं और उनसे कह रही है कि पैसे निकालो फटाफट, फटाफट, लेकिन कांग्रेस वाले भाग रहे हैं सटासट, सटासट, सटासट. बीजेपी नेता बोंडे ने कहा, ‘‘मेरा कहना है कि इनका निर्वाचन रद्द करो फटाफट, फटाफट. प्रलोभन देने के बाद जो वोट लेता है तो यह आचार संहिता का उल्लंघन है. इसलिए कार्रवाई होनी चाहिए. मैं मांग करता हूं कि जहां-जहां प्रलोभन दिया गया है. उनके नेता ही बोल रहे थे कि खातों में रुपये आएंगे खटाखट. मैं चुनाव आयोग से इस संबंध में अपील करता हूं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी जनसभाओं में कहा था कि अगर चुनाव में उनकी पार्टी की जीत हुई तो एक जुलाई, 2024 की सुबह गरीब परिवार की महिलाओं के बैंक खातों में 8500 रुपये दिए जाएंगे. *'चुनाव के वक्त फैलाई गईं अफवाहें'* राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजेपी के रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ ही आज दुनिया भर में भारत के नेतृत्व की सराहना हो रही है. उन्होंने कहा कि यह अनुकूल समय है कि सभी मिलकर विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए खुद को झोंक दें. बीजेपी नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान बदलने और आरक्षण खत्म कर देने जैसी अफवाहें फैलाई गईं, लेकिन अफसोस की बात यह है कि ऐसा करने वाले वही लोग थे, जिन्होंने संविधान की मूल भावना को कुचलने का काम किया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मिलिंद देवड़ा ने कहा कि वह एक दशक के बाद संसद पहुंचे हैं और इस दौरान बहुत कुछ बदल गया है. बीजेपी नेता ने कहा कि देश का संसद भवन नया है, जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखने वाली महिला आज देश की राष्ट्रपति हैं और एक चाय बेचने वाला और साधारण पृष्ठभूमि से आने वाला व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री है. उन्होंने कहा, ‘‘इसका अर्थ है कि हमारा लोकतंत्र बहुत मजबूत है. आज ऑटो चलाने वाला एक व्यक्ति महाराष्ट्र जैसे राज्य का मुख्यमंत्री बना है. इसका अर्थ है कि हमारा लोकतंत्र पहले के मुकाबले कहीं और मजबूत हुआ है. *मिलिंद देवड़ा ने पीएम मोदी की तारीफ की* शिवसेना नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि उन लोगों को सोचना चाहिए जो आरोप लगाते हैं कि लोकतंत्र खतरे में हैं और यह कमजोर हो रहा है. लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में वैश्विक परिस्थितियों और विभिन्न कारणों से सत्ता विरोधी लहरों के कारण पाकिस्तान में छह प्रधानमंत्री हुए, ब्रिटेन में पांच, श्रीलंका में चार राष्ट्रपति, अमेरिका में तीन और फ्रांस में दो पीएम हुए. उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में यह भी हुआ है कि लोकसभा को एक नेता प्रतिपक्ष भी मिला है. मिलिंद देवड़ा ने कहा कि यूं तो मोदी सरकार की कई उपलब्धियां हैं, लेकिन वह एक उपलब्धि का जिक्र जरूर करना चाहेंगे और वह है देश के बड़े शहरों को आतंकवादी घटनाओं से मुक्त बनाना. उन्होंने 26/11 सहित मुंबई और महाराष्ट्र में हुए विभिन्न आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि इस सरकार ने बड़े शहरों को आतंकवादी घटनाओं से मुक्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि जब सुरक्षा होती है तो आर्थिक विकास भी तेजी से होता है और निवेशक भी आकर्षित होते हैं. मिलिंद देवड़ा ने याद किया कि कैसे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने 47 साल पहले उनके पिता मुरली देवड़ा को मुंबई का मेयर बनने में मदद की थी और अब उसी पार्टी ने उन्हें 47 साल की उम्र में उच्च सदन का सदस्य बनाया है. उन्होंने कहा कि कई मायनों में, जीवन का एक चक्र पूरा कर चुका है. मिलिंद देवड़ा इस साल में जनवरी में कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हो गए थे. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jun 29, 2024
ग्रीष्मावकाश के बाद पहले ही दिन हुआ बडका के उच्च व प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण
बडौत, 28 जून 2024 (यूटीएन)। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय बड़का में प्राचार्य डायट अनुराधा शर्मा एवम डायट मेंटर गीता राठी द्वारा किया गया निरीक्षण। मिले विद्यालय के समस्त अध्यापक उपस्थित। डायट प्राचार्या ने इस दौरान विद्यालय में साफ़ सफाई की उचित व्यवस्था एवं विद्यालय भवन पर गुब्बारे एवं फूलों से सजावट पायी गयी तथा रोली चंदन का तिलक करके बच्चों का स्वागत माल्यार्पण से करते हुए देखा गया। अधिकारियों के सामने ही बच्चों के समर कैम्प की गतिविधियां प्रारंभ की गई तथा बच्चों को मिड डे मिल के अंतर्गत हलवा वितरित किया गया। बच्चे स्वयं के स्वागत एवं मिष्ठान्न पाकर बहुत खुश हुए एवं समर कैम्प की गतिविधियों मे प्रसन्न होकर प्रतिभाग किया। वहीं अनुराधा शर्मा ने विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने हेतु निर्देशित किया एवं निपुण लक्ष्य प्राप्ति हेतु योजना पर कार्य करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर ग्राम प्रधान राम भजन, गीता राठी एवं शिक्षक भी उपस्थित रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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Jun 28, 2024
अहमदनगर नंगलाबड़ी में तीन मकानों पर गिरी आकाशीय बिजली, लाखों के उपकरण फुंके
खेकड़ा, 28 जून 2024 (यूटीएन)। क्षेत्र के अहमदनगर नंगलाबड़ी गांव में तीन मकानों पर आकाशीय बिजली गिरने से एक मकान मे दरारें आ गयी, जबकि लाखों के बिजली के उपकरण जल गए। ग्रामीणों ने पीड़ित परिवारों को क्षतिपूर्ति मुआवजा दिलाने की मांग की है। अहमदनगर के लख्मीचंद का परिवार शुक्रवार सुबह घर के कमरे में था, तभी बारिश के साथ आकाशीय बिजली उन के मकान पर गिरी, जिससे परिवार के लोगो में भगदड़ मच गयी। परिजन घर से बाहर निकल आए। मकान की दीवारों में दरार आ गयी। वहीं घर में रखे बिजली के उपकरण फ्रिज, एलसीडी, कम्यूटर व अन्य कीमती सामान जल गया। नंगलाबड़ी गांव में ही सुभाष और जयभगवान के मकान पर भी आकाशीय बिजली गिरने से बिजली के सभी उपकरण जल गए। ग्रामीणों ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग की है । *बारिश के मौसम आकाशीय बिजली से करें बचाव* बारिश के मौसम में अक्सर आसमानी बिजली गिरने के मामले सामने आते हैं। बिजली गिरने से कई बार लोगों की मौत भी हो जाती है। एमएम डिग्री कालेज के भूगोल की प्रो डा स्वाति तोमर ने बताया कि, जब धरती पर बिजली गिरती है, तो वो जानलेवा साबित होती है। आकाशीय बिजली गिरने का खतरा सबसे अधिक खेतों में काम करने वाले लोगों पर, पेड़ों पर, तालाब में नहाते समय लोगों पर अधिक रहता है। ऊर्जा से चार्ज बादल जब धरती के किसी ऊंचे पेड़ या इमारत के पास से गुजरते हैं, तो उसके चार्ज के खिलाफ इमारत या पेड़ में विपरीत चार्ज उत्पन्न होता है। इसकी मात्रा अधिक होने पर बादल से बिजली इमारत या पेड़ में बहने लगती है, जिसको बिजली गिरना कहते हैं। ऐसे में बिजली के चमकने पर घर के अंदर बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही टेलीफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरवाजों और खिड़कियों को बंद कर देना चाहिए। बरामदे और छत पर नहीं जाना चाहिए। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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Jun 28, 2024
खाद्य व आबकारी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से होगा शराब की दुकान का निरीक्षण, मिलावटियों के लाइसेंस होंगे निरस्त
बागपत, 28 जून 2024 (यूटीएन)। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने खाध सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के साथ जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए और कहा, खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूकता अभियान चलाएं। कहा कि, जो भी प्रतिष्ठान अगर मिलावट करते हैं या साफ सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं, उन पर कार्यवाही की जाए। खाद्य पदार्थों का रखरखाव ठीक रखा जाए एक्सपायर तिथि वाले पैकिंग के सामानों पर विशेष ध्यान रखा जाए इसके के लिये जागरूकता अभियान भी चलाएं। जिलाधिकारी ने शराब की दुकानों पर अभियान चलाए जाने के लिए खाद्य सुरक्षा व आबकारी विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम गठित कर अभियान चलाये जाने के निर्देश दिए और कहा, जिन भी दुकानों पर अगर मिलावटी शराब विक्री की जा रही है, उन पर प्रभावी कार्यवाही की जाए, साथ ही अगर कोई प्रतिष्ठान बार बार मिलावट करते पाए जाते हैं ,ऐसे मिलावटखोरों के लाइसेंस धारा 64 के अंतर्गत निरस्त किये जायेगे ओर उन पर कार्यवाही की जायें।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव, एडीएम पंकज वर्मा, सहायक खाद्य आयुक्त मानवेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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Jun 28, 2024
मुठभेड़ के बाद जानलेवा हमले के दो आरोपी गिरफ्तार दोनों के पैर में लगी पुलिस की गोली
खेकड़ा, 28 जून 2024 (यूटीएन)। कस्बे में दुकानदार युवक और नाबालिग छात्र को गोली मारने के फरार आरोपियों में से पुलिस ने दो को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। दोनों के पैर में पुलिस की गोली लगी है। उनके पास से घटना में प्रयुक्त तमंचे भी बरामद किए गए। बता दें कि, कस्बे में 25 जून को दिनदहाड़े बाइक सवार युवकों ने मौहल्ला अहिरान में भवन निर्माण सामग्री बेचने वाले दुकानदार रोहन पर गोलियां बरसाई थी। उसे हाथ और पैर में दो गोली लगी थी। हमलावरों की एक गोली वहां खेल रहे नाबालिग छात्र लक्की उर्फ सुशील को भी लगी थी। घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी फरार हो गए थे। घायल दुकानदार के भाई अभिषेक ने चार हमलावरों को नामजद करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। थाना प्रभारी राजबीर सिंह के नेतृत्व में तथा सर्विलांस टीम की मदद से पुलिस ने शुक्रवार को फरार आरोपियों में से दो को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। दोनों खेकड़ा के रहने वाले सनी उर्फ मोहित और हारुन हैं। दोनों के पैर में पुलिस की गोली लगी है। पुलिस में दोनों के पास से घटना में प्रयुक्त बाइक, तमंचे और कारतूस भी बरामद किए हैं। सीओ प्रीता सिंह का कहना है कि, बाकी दोनों आरोपियों की भी तलाश की जा रही है। उनकी भी गिरफतारी जल्द कर ली जाएगी। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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Jun 28, 2024
नगर पंचायत द्वारा जीरो वेस्ट इंवेट, सफाई मित्र सम्मान व नगर को प्लास्टिक मुक्त रखने का आह्वान
छपरौली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। नगर पंचायत द्वारा सफाई मित्र सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जो जीरो वेंस्ट इंवेट के रूप मे मनाया गया। इस दौरान प्लास्टिक प्रयोग पर रोक लगाने की अपील की गई। आयोजन में प्लास्टिक मुक्त रखते हुए जलपान व्यवस्था हेतु प्लास्टिक का प्रयोग ना करते हुए चाय पीने के लिए कागज के गिलास का प्रयोग किया गया। साथ ही नगर के लोगों को प्लास्टिक का प्रयोग न करने के लिए जागरूक किया गया । नगर पंचायत छपरौली के सफाई कर्मचारी, जिन्होने सफाई के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है उन सफाई कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र द्वारा सम्मानित किया गया। उक्त इवेंट में चेयरमैन धर्मेन्द्र खोखर, अधिशासी अधिकारी सीमा राघव, तहजूब, फहीम अख्तर, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक, विशाल कुमार कम्प्यूटर ऑपरेटर, नरेश कुमार, रविन्द्र, अमन, शिवम, विकास, महेशचन्द व कर्मचारीगण मौजूद रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
admin
Jun 28, 2024
सरकार स्टील सेक्टर को धुले हुए कोकिंग कोल की पेशकश करने की नीति पर काम कर रही है
नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एम नागराजू ने आज कहा कि भारतीय कोयला क्षेत्र में पिछले साल लगभग 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन के साथ मजबूत वृद्धि देखी जा रही है और पिछले 2 वर्षों में 11 प्रतिशत की सीएजीआर है। उन्होंने कहा, "अगले साल, हम लगभग 1100 मिलियन टन कोयला उत्पादन करेंगे।" उन्होंने कहा कि सरकार ने 2030 तक 140 मिलियन टन उत्पादन के लक्ष्य के साथ कोकिंग कोल मिशन शुरू किया है। भारतीय धातु उद्योग के लिए कोयला मैट्रिक्स’ पर फिक्की कार्यशाला को संबोधित करते हुए, नागराजू ने कहा कि सरकार स्टील सेक्टर की मांग को पूरा करने के लिए 8 कोकिंग कोल वॉशरी स्थापित करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा, "2029-30 तक, हमारे पास देश की मांग के अनुसार कोयले का उत्पादन करने की क्षमता होनी चाहिए और हम अन्य देशों को कोयले की आपूर्ति करने की स्थिति में होंगे।" इस्पात क्षेत्र के लिए, नागराजू ने कहा कि सरकार इस्पात क्षेत्र के लिए एक नीति पर काम कर रही है, जिसके तहत कोकिंग कोल के लिए वाशरी रूट को अंतिम रूट के रूप में लागू किया जाएगा, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा, "हम नीति को अंतिम रूप दे रहे हैं, एक बार मंजूरी मिलने के बाद, हम इस्पात क्षेत्र को आयातित कोयले के साथ मिश्रित करने के लिए धुले हुए कोकिंग कोल की पेशकश कर सकेंगे।" कोयला गैसीकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, नागराजू ने जोर देकर कहा कि सरकार ने देश में कोयला गैसीकरण संयंत्र स्थापित करने के लिए निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को समर्थन देने के लिए 8,500 करोड़ रुपये की योजना पहले ही शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, "देश में कोयले के क्षेत्र में उद्यम करने और विविधता लाने की जबरदस्त संभावना है।" भारत सरकार के रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (कोयला) डॉ. अविनाश कुमार मिश्रा ने कहा कि।" कोयला गैसीकरण को स्थापित होने में कुछ समय लगेगा और रेलवे इसके परिवहन के लिए विशेष वैगन उपलब्ध कराएगा। कोयले के उत्पादन में वृद्धि के साथ, आयातित कोयले पर निर्भरता कम होने की संभावना है, जिससे उद्योग को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों में कोयले की उपलब्धता में भारी वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य कारण आयातित कोयला है। भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार अश्विनी कुमार ने कहा कि भारतीय इस्पात उद्योग सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 2.5 प्रतिशत का योगदान देता है, लेकिन इसमें मजबूत पिछड़े और आगे के संबंध हैं। “कोयला गैसीकरण में स्वदेशी तकनीक विकसित करने की आवश्यकता है जो इस क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा देगी। हम वैश्विक इस्पात उद्योग में मध्यम अवधि में मजबूत वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं। वैश्विक इस्पात उद्योग में मंदी के बावजूद, भारतीय इस्पात उद्योग स्वस्थ स्थिति में है, और हमें उम्मीद है कि यह 10 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Jun 28, 2024
एम्स में प्रतिनियुक्ति पर नर्सिंग प्रमुख की नियुक्ति की जाएगी
नई दिल्ली, 28 जून 2024 (यूटीएन)। पहली बार एम्स ने संस्थान के बाहर से चीफ नर्सिंग ऑफिसर (सीएनओ) नियुक्त करने का फैसला किया है, जो प्रतिनियुक्ति के आधार पर इस पद पर काम करेंगे। संस्थान ने एक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें केंद्र के विभिन्न स्वास्थ्य सेवा सेट-अप और विश्वविद्यालयों में काम करने वाले उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए हैं। विज्ञापन के अनुसार, पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा 56 वर्ष रखी गई है और प्रतिनियुक्ति की अवधि 3 वर्ष तय की गई है। इस कदम से संस्थान के मौजूदा नर्सिंग कैडर में खलबली मच गई है, क्योंकि सीएनओ का पद संस्थान में सेवारत नर्सिंग अधिकारी को दिया जाने वाला एक पदोन्नति वाला पद है। नर्सों ने कहा कि बाहरी व्यक्ति को नियुक्त करने से मौजूदा कर्मचारियों से पदोन्नति का पद छिन जाएगा। एम्स नर्स यूनियन ने कहा कि प्रशासन के "प्रतिकूल निर्णय" ने पूरे नर्सिंग कैडर और हितधारकों के बीच अशांति पैदा कर दी है। एसोसिएशन ने संस्थान से विज्ञापन वापस लेने को भी कहा है। "एम्स में अत्यधिक अनुभवी और योग्य नर्सिंग पेशेवरों का एक समूह है, जिन्होंने इस संस्थान को कई वर्षों तक सेवा दी है। प्रतिनियुक्ति के आधार पर आवेदन आमंत्रित करना हमारे आंतरिक कर्मचारियों की क्षमताओं और करियर विकास के अवसरों को कमजोर करता है, जो संस्थागत संस्कृति, मूल्यों और परिचालन प्रक्रियाओं से अच्छी तरह परिचित हैं, "यूनियन ने एम्स निदेशक को संबोधित एक विरोध पत्र में कहा। नर्सिंग निकाय ने कहा कि सीएनओ पद के लिए एक आंतरिक उम्मीदवार विभाग के भीतर निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करेगा। "प्रतिनियुक्ति पर एक बाहरी उम्मीदवार को हमारे संस्थान की विशिष्ट आवश्यकताओं और बारीकियों के अनुकूल होने के लिए काफी समय की आवश्यकता हो सकती है, जो संभावित रूप से नर्सिंग विभाग और रोगी देखभाल सेवाओं के सुचारू संचालन को बाधित कर सकती है," इसने कहा। "विज्ञापन में उल्लिखित आवश्यक योग्यताएं बताती हैं कि मानदंड बिना किसी अनुभव के एक विशिष्ट बाहरी उम्मीदवार के पक्ष में तैयार किए गए हैं, जो हमारे आंतरिक कर्मचारियों की योग्यता और अनुभव को दरकिनार करते हैं।" नर्सिंग स्टाफ परेशान इस कदम ने संस्थान के मौजूदा नर्सिंग कैडर को परेशान कर दिया है क्योंकि सीएनओ का पद संस्थान में सेवारत नर्सिंग अधिकारी को दिया जाने वाला एक पदोन्नति वाला पद है। नर्सों ने कहा कि बाहरी व्यक्ति को काम पर रखने से मौजूदा कर्मचारियों से पदोन्नति का पद छिन जाएगा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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