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खुलासा :पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विवाहिता शालू की मौत अंदरूनी चोटो से हुई

खेकड़ा,27 मई 2024  (यूटीएन)। कस्बे में मौत के घाट उतारी गई विवाहिता की मौत जहर से नहीं, बल्कि निर्दयता पूर्वक पिटाई से पहुंची अंदरुनी चोटो से हुई थी। यह खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ है। कस्बे में 21 मई को विवाहिता शालू की मौत हुई थी।   ससुरालियों का कहना था कि, उसने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की है ,जबकि मृतका के पिता सुधीर का आरोप था कि ,ससुरालिए दहेज के लिए शालू का उत्पीडन करते आ रहे थे। मांग पूरी ना होती देख उन्होंने बेरहमी से उसकी पिटाई की, जिसमें उसे गंभीर चोटें आई ,फिर उसे जहरीला पदार्थ खिला दिया।    पुलिस ने मृतका के पिता की तहरीर पर पति, दो देवर, सास, ससुर और ननद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया था। पुलिस के पास अब मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है। कोतवाली प्रभारी राजबीर सिंह ने बताया कि ,शालू की मौत जहर से नहीं, बल्कि बेरहमी से पिटाई में पहुंची अंदरुनी चोटो से हुई है। उसके पूरे शरीर पर गंभीर चोटो के निशान मिले हैं, जिससे हत्यारोपी ससुरालियो की आत्महत्या की थ्योरी गलत साबित हुई है।    पुलिस आरोपी पति लोकेंद्र और दोनो देवरो को हत्या आदि की धाराओं में जेल भेज चुकी है। सास, ससुर और ननद अभी फरार है। पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास में लगी है। मृतका शेरपुर लुहारा गांव की रहने वाली थी। नौ साल पहले उसकी शादी खेकड़ा में लोकेंद्र के साथ हुई थी। लोकेंद्र दिल्ली की तिहाड जेल में बंदी रक्षक के पद पर नियुक्त है।.   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 27, 2024

बंदरों के हमले से बचने के लिए छत से गिरा श्रमिक ,गम्भीर हालत में दिल्ली अस्पताल में भर्ती

खेकड़ा,27 मई 2024  (यूटीएन)। कस्बे में बंदरों के झुंड के हमले से बचने के लिए मकान की छत से गिरे श्रमिक को गम्भीर हालत में दिल्ली अस्पताल में भर्ती कराया गया ,जहां उसकी हालत अभी भी स्थिर बनी हुई है।   कस्बे के नालापार मौहल्ले में 41 वर्षीय अकरम परिवार के साथ रहता है। बीती रात मकान की छत पर सोया था। शुक्रवार सुबह बंदरों का झुंड छत पर पहुंचा, जिनके हमले से बचने के प्रयास में अकरम भागा ,तो मुंडेर से पैर फिसलकर नीचे जा गिरा। परिजनों ने तभी उसे प्राथमिक उपचार दिलाकर दिल्ली अस्पताल में भर्ती कराया।   *रोजाना हमले कर रहे बंदर*   कस्बे में बंदरों की भरमार बनी हुई है तथा इनमें से ज्यादातर बंदर झुंड के रूम में रहते हैं।वहीं तपिश भरी गर्मी में वे ज्यादा हमलावर हो रहे हैं। आए दिन 5 से 7 कस्बा वासियों को काटकर घायल कर रहे हैं ,जिसके चलते सीएससी पर रोजाना 30 से 35 लोग रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं।   *हमले में कई मौत*   बंदरों के हमले में कस्बे में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। पिछले दिनों औरंगाबाद मोहल्ले में बंदरों के हमले में वृद्ध महिला की मौत हुई थी। कस्बावासियों ने जिलाधिकारी से बंदरों को पकडवाकर दूर जंगलों में भिजवाने की मांग की है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 27, 2024

आईजी ने किया कोतवाली का निरीक्षण

खेकड़ा,27 मई 2024  (यूटीएन)। आईजी मेरठ जोन नचिकेता झा ने शनिवार को खेकड़ा कोतवाली का निरीक्षण किया। कानून व्यवस्था बनाए रखना और अपराधियों पर शिकंजा कसने को प्राथमिकता बताया। आईजी मेरठ जोन नचिकेता झा शनिवार दोपहर खेकड़ा कोतवाली पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने कोतवाली में रिकॉर्ड चेक किया। विभागीय शस्त्रों के रखरखाव की व्यवस्था देखी। लंबित मुकदमों का निस्तारण कराने, लूट की घटनाओं का खुलासा करने, अपराधियों की धरपकड़ कर उन्हें सलाखों के पीछे डालने के कडे़ निर्देश दिए।     कहा कि ,कानून व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता रहनी चाहिए।कहा, शातिर अपराधियों पर शिकंजा कसें। अपराध माफिया, भू माफिया, शराब माफिया, खनन माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करें। लापरवाही बरतने पर सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी। समीक्षा के दौरान एसपी अर्पित विजयवर्गीय, सीओ प्रीता सिंह, कोतवाली प्रभारी राजबीर सिंह आदि मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 27, 2024

अघोषित विद्युत कटौती तथा कम वोल्टेज से व्यापार भी प्रभावित , आक्रोशित व्यापारी मिलेंगे विभाग के अफसरों से

बडौत, 27 मई 2024  (यूटीएन)। नगर में गहराती बिजली आपूर्ति की समस्या से नाराज व आक्रोशित व्यापारी मिलेंगे ऊर्जा विभाग के उच्च अधिकारियों से। बिजली आपूर्ति के बार बार ठप्प होने के चलते व्यापार भी प्रभावित होने पर जताई चिंता।    व्यापारी नेता मुदित जैन ने बड़ौत नगर में अघोषित विद्युत कटौती तथा लो वोल्टेज की समस्या से प्रभावित हो रहे व्यापार पर चिंता व्यक्त करते हुए विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता बड़ौत से लो वोल्टेज की समस्या में सुधार करने तथा दिन में बार-बार सिट डाउन के कारण विद्युत सप्लाई में की जाने वाली कटौती कम करने व विद्युत सप्लाई में सुधार करने की मांग की है। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष मुदित जैन ने कहा कि, बारंबार सिट डाउन के कारण हो रही ।   कटौती से व्यापार प्रभावित हो रहे हैं तथा गर्मी के मौसम में आम नागरिक का जीना दुश्वार हो गया है। कहा कि,  बार-बार सिट डाउन पर रोक लगे तथा कम वोल्टेज में सुधार कर विद्युत सप्लाई में सुधार किया जाए ,ताकि आम छोटा व्यापारी अपनी रोजी रोटी चला सके।      उन्होंने कहा कि,व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल बड़ौत में विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता से समस्याओं के समाधान हेतु मिलेगा। कहा कि, बिजली कटौती से जहां व्यापार चौपट हो रहा है, वहीं रात्रिकालीन कटौती ने नींद हराम कर रखी है।   आरोप लगाया कि, विद्युत आपूर्ति काे दुरुस्त करने को मुख्यमंत्री की आरडीएसएस योजना के तहत जो कार्य जनवरी व फरवरी माह में किए जाने थे, अब गर्मी के मौसम में किए जा रहे हैं, जिस वजह से घंटों लाइन बदलने के नाम पर विद्युत कटौती की जा रही है। जिसका विपरीत प्रभाव व्यापार पर पड़ रहा है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 27, 2024

योगी राज में वैश्य समाज के परिवार को कानपुर में करना पड़ा पलायन, दोषियों पर त्वरित कार्रवाई की मांग

बागपत, 27 मई 2024  (यूटीएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार होते हुए भी कानपुर के एक वैश्य व्यापारी को करना पड़ा पलायन। घटना पर जनपद के वैश्य समाज में आक्रोश। दोषियों पर त्वरित कार्रवाई की मांग के साथ ही प्रदेश स्तर पर आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली है।    बता दें कि, कानपुर देहात के छोटेलाल के परिवार को पानी पीने के विवाद में गुरुवार 23 मई को बेरहमी से मारापीटा गया थाजिसमेंंमें छोटेलाल गुप्ता, राम जी, सौरभ, रविकांत आदि परिवार के 6 लोगों को मारपीट करते हुए मरणासन्न कर दिया था । इतना ही नहीं उनकी परचून की दुकान को भी जलाकर आग के हवाले कर दिया गया था। घटना से दहशत में आए परिवार को कानपुर देहात के रनिया के फतेहपुर रोशनाई गाँव से पलायन करने को मजबूर कर दिया गया था।   अग्रवाल मंडी टटीरी में हुई वैश्य व्यापारियों की बैठक में तीखी टिप्पणी की गई तथा कहा गया कि,वर्तमान में किसी सभ्य समाज से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि, आप पानी पीने से रोकें और छुआछूत की भावना से पानी ना पीने दें।कहा कि,वैश्य भी वर्ण व्यवस्था का तीसरा अंग है तथा वैश्य समाज को प्रताड़ित नहीं किया जा सकता। उक्त घटना से संपूर्ण प्रदेश के वैश्य समाज में रोष व्याप्त हो गया है।    अखिल भारतीय वैश्य फेडरेशन के प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दोषियों के विरुद्ध त्वरित व कठोर कार्रवाई करके ऐसे असामाजिक तत्वों को कठोर से कठोर दंड देने की मांग की, जिससे वैश्य समाज में सुरक्षा की भावना पल्लवित हो ।बैठक में प्रसिद्ध समाजसेवी अभिमन्यु गुप्ता के साथ ही पंकज गुप्ता डॉ कमला अग्रवाल मनोज गोयल मयंक गोयल दीपक गोयल राहुल गुप्ता मनोज गुप्ता प्रमोद जैन ने भी उक्त घटना की निंदा की तथा पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग करते हुए अन्यथा की स्थिति में पूरे प्रदेश में वैश्य समाज आंदोलन करने की चेतावनी दी है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 27, 2024

88.3% पुरुष पत्नी को माहवारी में राहत के लिए नहीं बँटाते घरेलू कामों में हाथ: ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे

नई दिल्ली, 26 मई 2024  (यूटीएन)। दुनिया मासिक धर्म संबंधी वैश्विक आंदोलन मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे मना रही है, ऐसे में भारत के जानेमाने फेमनिन हाइजीन ब्रांड ऐवरटीन ने अपने 9वें वार्षिक मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे के परिणाम जारी किए हैं। इस वर्ष के लिए मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे की थीम है ’पीरियड फ्रैंडली वर्ल्ड’, इसी के मुताबिक ऐवरटीन ने अपनी पहुंच का विस्तार करते हुए पुरुषों को भी इसमें शामिल किया और मेंस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में उनकी जागरुकता को मापा। इस सर्वे में 18 से 35 वर्ष के 7800 से अधिक लोगों की प्रतिक्रियाएं शामिल की गईं। इन लोगों में तकरीबन 1000 पुरुष थे जिनमें ज्यादातर स्नातक या उससे से ज्यादा शिक्षित थे।   ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे 2024 में भाग लेने वाले 60.2 प्रतिशत पुरुषों ने बताया कि वे अपनी पार्टनर से पीरियड्स के बारे में बहुत खुल कर बात करते हैं। यद्यपि, आधे से अधिक (52.2 प्रतिशत) पुरुषों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अब तक कि जिंदगी में अपनी पार्टनर के लिए कभी मेंस्ट्रुअल प्रोडक्ट नहीं खरीदा। केवल 11.7 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि जब उनकी पत्नी को माहवारी होती है तो वे उसके बोझ को कम करने के लिए घरेलू कामों की अतिरिक्त  जिम्मेदारी उठाते हैं। मासिक धर्म के दौरान अपनी पार्टनर के अनुभव को बेहतर ढंग से समझने की बात करें तो 77.7 प्रतिशत पुरुषों का कहना था उन्होंने इस विषय पर स्वयं को शिक्षित करने के लिए कोई रिसर्च नहीं की या फिर बेहद कम रिसर्च की।   69.8 प्रतिशत पुरुष महसूस करते हैं कि मासिक धर्म को लेकर समाज में जो संकोच है, जो हिचक है उसके चलते उनके लिए यह मुश्किल हो जाता है कि वे इस विषय पर अपनी पार्टनर से बात करें। 65.3 पुरुषों ने इस बात पर सहमति जताई की मासिक धर्म के बारे में पुरुषों को शिक्षित किया जाना चाहिए। मेंस्ट्रुएशन को लेकर हुए इस सर्वे में पुरुषों को शामिल किया जाना पहला कदम था और इससे धारणाओं में कुछ परिवर्तन में मदद मिली है क्योंकि 41.3 प्रतिशत पुरुषों ने वादा किया इस सर्वे में शामिल होने के बाद वे मासिक धर्म के बारे में स्वयं को शिक्षित करेंगे। जबकि 27.7 प्रतिशत ने कहा कि वे अपनी पार्टनर की जरूरतों को सुनेंगे और पीरियड्स के दौरान उन्हें सहयोग देंगे।   21.2 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि वे अपनी पार्टनर से इस विषय पर ज्यादा खुल कर बात करेंगे। पैन हैल्थकेयर के सीईओ चिराग पैन इस सर्वे पर कहते हैं, ’’यदि हम पीरियड-फ्रैंडली दुनिया के सपने को हकीकत बनाना चाहते हैं पुरुषों को भी इसमें स्पष्ट रूप से भागीदारी निभानी होगी।     77.7% पुरुषों ने माहवारी में जीवनसंगिनी के अनुभव को समझने के लिए कोई रिसर्च नहीं की रिसर्च की   सामाजिक संकोच के चलते 69.8% पुरुषों को महिला पार्टनर से मासिक धर्म संबंधी विषय पर चर्चा करने में होती है मुश्किल   चार में से तीन महिलाएं पति से पीरियड्स पर बात करने में असहज महसूस करती हैं     अगर दुनिया की आधी आबादी मासिक धर्म के विषय पर बेपरवाह या अशिक्षित बनी रहेगी तो माहवारी के अनुकूल दुनिया बनाने का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकेगा। भारतीय समाज की वर्जनाएं पुरुषों के लिए इसे कठिन बना देती हैं कि वे मासिक धर्म को एक सामान्य घटना तौर पर स्वीकार कर सकें। हमने इस साल अपने ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे में पुरुषों की भागीदारी शामिल कर के एक विनम्र कोशिश की है और इस विषय पर उनसे संवाद आरंभ किया है। मुझे यह देख कर खुशी हुई है कि इतने सारे पुरुष सहभागियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव हुआ है और उन्होंने पीरियड्स के दौरान अपनी महिला पार्टनरों को अतिरिक्त सहयोग देने का वादा किया है।   ऐवरटीन की निर्माता कंपनी वैट् एंड ड्राई पर्सनल केयर के सीईओ  हरिओम त्यागी ने कहा, ’’हमारे ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे में शामिल महिलाओं ने भी इस पर जोर दिया कि मासिक धर्म के विषय पर पुरुषों के बीच ज्यादा जागरुकता जगाने की जरूरत है। तकरीबन 90 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि अपने पिता या भाई से पीरियड्स के बारे में बात करने में वे सहज महसूस नहीं करतीं, जबकि हर चार में से तीन महिलाआंे (77.4 प्रतिशत) को अपने पति के साथ भी इस पर बात करना असहज करता है। केवल 8.4 प्रतिशत महिलाएं ऐसी थीं जो कार्यस्थल पर अपने पुरुष सहकर्मियों के साथ मासिक धर्म संबंधी मुद्दों पर बात करने में सहज थीं।   ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे में यह भी सामने आया कि 7.1 प्रतिशत महिलाएं अब भी अपने परिवार में पीरियड्स को लेकर किसी से बात नहीं करतीं। 56.8 प्रतिशत महिलाएं किराने या दवा की दुकान से सैनिटरी नैपकीन खरीदने में अब भी झिझकती हैं, खासकर तब जब वहां कोई ग्राहक मौजूद हो। 51.8 प्रतिशत महिलाएं पीरियड के पहले दो दिनों में ठीक से सो नहीं पातीं, जबकि 79.6 प्रतिशत महिलाएं रात को नींद में दाग लगने को लेकर चिंतित रहती हैं। 64.7 प्रतिशत महिलाओं ने मध्यम से लेकर गंभीर मेंस्ट्रुअल क्रैम्प अनुभव किए हैं। 53.1 प्रतिशत महिलाएं पीरियड्स के दौरान बाहर जाने से परहेज करती हैं। चार में से एक महिला (25.8 प्रतिशत) को नहीं मालूम था कि श्वेत स्त्राव होने पर क्या किया जाए और सिर्फ 32.8 प्रतिशत महिलाओं ने इस मुद्दे पर डॉक्टर से सलाह की।   87.1 प्रतिशत महिलाओं की राय थी कि माहवारी की छुट्टियां देने की बजाय कंपनियों को मेंस्ट्रुअल फ्रैंडली कार्यस्थल तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए। 91.1 प्रतिशत महिलाओं का मानना था कि जो कंपनियां इस कॉन्सेप्ट को बढ़ावा देंगी वे ज्यादा महिलाओं को अपनी कंपनी जॉइन करने के लिए आकर्षित करेंगी। हर साल ऐवरटीन भारत में महिलाओं से बड़े पैमाने पर जुड़ने का अभियान चलाता है और उन्हें प्रोत्साहित करता है कि वे खुल कर मेंस्ट्रुएशन के मुद्दे पर अपनी बात रखें। फेमनिन इंटीमेट हाइजीन हेतु संपूर्ण उत्पादों की रेंज बनाने वाले अग्रगामी ब्रांड ऐवरटीन ने  कैम्पेन के जरिए ज़नाना एवं मेंस्ट्रुअल हाइजीन पर निरंतर जागरुकता का प्रसार किया है।   आज, ब्रांड ऐवरटीन महिलाओं के लिए 35 भिन्न हाइजीन और वैलनेस उत्पाद प्रस्तुत करता है जिनमें पीरियड केयर सैनिटरी पैड, रिलैक्स नाइट्स अल्ट्रा ओवरनाईट सैनिटरी पैड, सिलिकॉन मेंस्ट्रुअल कप, मेंस्ट्रुअल कप क्लीन्ज़र, टैम्पून, पैन्टी लाइनर, बिकिनी लाइन हेयर रिमूवर क्रीम, पीएच बैलेंस्ड इंटीमेट वॉश, टॉयलेट सीट सैनिटाइज़र, फेमनिन सिरम, जैल आदि बहुत कुछ शामिल हैं। वर्ष 2013 में स्थापित वैट् एंड ड्राई पर्सनल केयर प्राइवेट लिमिटेड पैन हैल्थ की पहल है जो हैल्थ, हाइजीन व पर्सनल केयर उत्पाद पेश करती है।   नई दिल्ली मुख्यालय वाली यह कंपनी चार ब्रांडों की स्वामी है जो हैं- ऐवरटीन (फेमनिन हाइजीन), न्यूड (प्रीमियम पर्सनल केयर प्रोडक्ट), नेचर श्योर (नैचुरल वैलनेस प्रोडक्ट) और मैनश्योर (पुरुषों के लिए प्रीमियम हैल्थ प्रोडक्ट)। अमेजन, फ्लिपकार्ट, नायका, पर्पल, मिंत्रा, जियोमार्ट, मीशो आदि ऑनलाइन मार्केटप्लेसिस पर ये उत्पाद खूब बिकते हैं। भारत में बिक्री के अलावा हमारे उत्पाद दुनिया भर के ग्राहकों तक पहुंचाए जाते हैं जिनमें ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फिजी, फ्रांस, फिनलैंड, घाना, हांग कांग, आयरलैंड, कीनिया, मलेशिया, नामिबिया, नाइजीरिया, ओमान, कतर, सउदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, श्री लंका, स्विटजरलैंड, यूएस, यूके, युगांडा, वियतनाम आदि देश शामिल हैं।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 26, 2024

बेबी केयर हॉस्पिटल में कल देर रात लगी भीषण आग, 7 बच्चों की मौत

नई दिल्ली, 26 मई 2024  (यूटीएन)। दिल्ली के विवेक विहार इलाके से बीती रात दिल दहला देने वाली खबर आई. जहां एक बेबी केयर सेंटर में आग लगने से 7 बच्चों की मौत हो गई और कुछ बच्चों को किसी तरह बचा लिया गया. बताया जा रहा है कि ये आग वहां पर रखे ऑक्सीजन सिलेंडर में हुए ब्लास्ट की वजह से बढ़ी. चश्मदीदों और अस्पताल के आस-पास रहने वाले लोगों के मुताबिक घटनास्थल पर एक के बाद एक करीब 6 धमाके हुए. जिसके कारण आस-पास के घर में भी आग फैल गई. दिल्ली फायर विभाग के मुताबिक 120 गज की बिल्डिंग में था केयर सेंटर. इसके 1st फ्लोर से 12 बच्चों को रेस्कयू कराया गया था. अस्पताल में 7 बच्चों ने दम तोड़ दिया 5 भर्ती हैं, उनका इलाज चल रहा है.    *अस्पताल बना बच्चों का काल* दिल्ली पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के मुबाबिक बीती रात करीब 11.30 बजे विवेक विहार थाने में आग लगने के संबंध में पीसीआर कॉल मिली. मौके पर पुलिस पहुंची तो सी-54, विवेक विहार स्थित बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल और उसके आसपास की इमारत में भीषण आग लगी थी. थोड़ी देर में थाना प्रभारी और एटीओ विवेक विहार और एसीपी विवेक विहार भी मौके पर पहुंचे. अस्पताल मालिक नवीन चींचीं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है. वो अभी फरार है. चींची की लोकेशन जयपुर में मिली है.   पुलिस की एक टीम वहां जा रही है. दिल्ली पुलिस ने बेबी केअर न्यू बॉर्न हॉस्पिटल के मालिक नवीन चींचीं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, आईपीसी की धारा 336, 304A और 34 में एफआईआर दर्ज की गई है. फायर की एनओसी हॉस्पिटल के पास थी या नहीं उसकी जांच की जा रही है.   *चश्मदीदों और पड़ोसियों ने खोली पोल पट्टी* बच्चों का रेस्क्यू करने में हाथ बटाने वाले लोगों में से एक जितेंद्र शंटी ने पत्रकारों को बताया कि ये हादसा क्यों और कैसे हुआ. चश्मदीदों ने बताया कि 125 गज पर बने इस अस्पताल में कई खामियां थीं. इसे बनाने में भी नियमों का उल्लंघन हुआ. मौके पर मौजूद लोगों ने यह भी कहा कि भला 125 गज में कौन सा अस्पताल बनता है? स्थानीय लोगों का कहना है कि ये कोई बेबी केयर सेंटर नहीं बल्कि ऑक्सीजन सिलेंडर का गोदाम था. यहां पर बड़ी संख्या में सिलेंडर आते थे और रिफिल भी किए जाते थे.   ऐसे में इस लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा? यानी अस्पताल परिसर में ही बड़े सिलेंडरों से छोटे-छोटे सिलेंडरों में गैस भरी जाती थी. रोजाना एक गाड़ी आती थी और उससे सिलेंडर उतरते थे. कहीं कोई रोक-टोक नहीं थी. इसी तरह कई लोगों ने छोटे से अस्पताल में इतने बड़े पैमाने पर सिलेंडर स्टोर करने पर भी सवाल उठाए.   उन्होंने रविवार सुबह अस्पताल के बाहर से पूरा इलाका दिखाते हुए, मौके पर पड़े ऑक्सीजन सिलेंडर दिखाते हुए अस्पताल परिसर में चल रही गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने ये भी बताया कि हादसे के बाद अस्पताल के पिछली साइड से बच्चों को रेस्क्यू किया गया. क्योंकि आग वहां तक नहीं फैली थी. उसी दौरान अस्पताल में कई अन्य लापरवाही देखने को मिली.   *भर्ती थे कई नवजात* बच्चों के इस अस्पताल में कई नवजात शिशु भर्ती थे. इस जानलेवा लापरवाही से हुई दुर्घटना में कुछ नवजात शिशुओं को अन्य लोगों की मदद से बेबी केयर यानी अस्पताल परिसर से बचाया गया. फौरन सभी को बेहतर इलाज के लिए विवेक विहार स्थित एडवांस  अस्पताल ले जाया गया.    इसी बीच दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची जिसके कुछ समय बाद आग पर काबू पा लिया गया. बताया जा रहा है कि एक बच्चे की मौत आग लगने से पहले हो गई थी. इस तरह कुल 7 बच्चों को मृत घोषित किया गया. सभी 7 शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेजा गया.   *राष्ट्रपति ने जताया शोक* राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए अफसोस जताया है. उन्होंने अपने एक्स अकाउटं पर लिखा- 'विवेक विहार, दिल्ली के एक अस्पताल में आग लगने से अनेक बच्चों की मृत्यु का समाचार हृदय विदारक है. ईश्वर शोक संतप्त माता-पिता एवं परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें. मैं इस घटना में घायल हुए अन्य बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मंत्री सौरभ भारद्वाज समेत कई नेताओं ने इस दुर्घटना में मारे गए बच्चों के परिजनों से संवेदना जताई है. सभी ने दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का भरोसा दिलाया है. अस्पताल से सटी एक बिल्डिंग तक भी आग की लपटें गई थीं पर वहां कोई अनहोनी नहीं हुई. कुल 16 दमकल गाड़ी मौके पर पहुंची थीं. रात 23.32 में आग लगी थी करीब 50 मिनट में आग पर काबू पा लिया था    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 26, 2024

कोविड के नए वैरिएंट को लेकर रैंडम सैंपल सर्वे का आदेश जारी

नई दिल्ली, 26 मई 2024  (यूटीएन)। कोविड के जिस नए स्वरूप के सिंगापुर समेत दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में मामले सामने आए हैं, उसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई है। इसके आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में देश में मिले ऐसे मामलों के बाद कई महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश और आदेश जारी किए हैं। फिलहाल अब देश के अलग-अलग राज्यों में एक सप्ताह तक रेंडम सैंपल लेकर सर्वे किया जाएगा। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड का यह बदला स्वरूप, न तो खतरनाक है और ना ही चिंता की बात है।   फिलहाल जून के दूसरे हफ्ते में रेंडम सैंपल सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में कोविड के बदले स्वरूप से प्रभावित हुए मरीज और राज्यों की पूरी जानकारी महत्वपूर्ण बैठक में रखी गई। जानकारी के मुताबिक, केपी.1 और केपी.2 के तकरीबन सवा तीन सौ मामलों की जानकारी सामने आई है। इसमें केपी.1 के 34 मामले देश के अलग-अलग राज्यों में पाए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 23 मामले पश्चिम बंगाल में मिले हैं। जबकि महाराष्ट्र में इस वैरिएंट के चार मामले सामने  आए हैं।   इसी तरह गुजरात और राजस्थान में भी दो-दो मरीज मिले हैं। जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक गोवा और हरियाणा समेत उत्तराखंड में भी एक-एक मरीज इसी नए वैरिएंट का मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक़ अब तक देश में केपी.2 के तकरीबन 290 मामलों की जानकारी मिली है। जिसमें महाराष्ट्र से 148 मामले शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में 36,  राजस्थान में 21, गुजरात में 23, उत्तराखंड में 16, गोवा में 12, ओडिशा में 17, उत्तर प्रदेश में 8 और कर्नाटक में 4 समेत हरियाणा में 3, मध्यप्रदेश और दिल्ली में एक एक  मामला मिला है। देश के अलग-अलग राज्यों में नए वैरिएंट और सब वैरिएंट के मामलों पर नजर रखने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रेंडम सैंपल सर्वे के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों के मुताबिक जिन राज्यों में ऐसे मामले सामने आए हैं वहां पर सघन निगरानी के साथ-साथ अगले दो सप्ताह तक सैंपलिंग करने को कहा गया है।   केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि हालांकि यह मामले बिल्कुल खतरनाक नहीं है बावजूद इसके केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय प्रत्येक गतिविधि पर करीब से नजर बनाए हुए है। कोविड मामलों पर नजर रखने वाली कमेटी से जुड़े डॉक्टर एनके अरोड़ा कहते हैं कि पहली बात तो यही है कि जो मामले सामने आ रहे हैं वह बिल्कुल सामान्य है। यानी कि कोविड के बदले स्वरूप की न तो कोई भयावहता है और न ही उससे कोई डरने की आवश्यकता है।   डॉ अरोड़ा कहते हैं कि फिर भी देश के अलग-अलग हिस्सों में मिल रहे मामलों को संज्ञान में लेकर रेंडम सैंपल सर्वे के आदेश दिए जा चुके हैं। वह कहते हैं कि जिन इलाकों में यह मामले आए हैं, वहां पर सघनता से मॉनिटरिंग की जा रही है। उनका कहना है क्योंकि इनमें से कई मामले काफी पहले के हैं और सभी लोग स्वस्थ हैं। ऐसे मामलों में देखा यही जा रहा है कि क्या किसी को अस्पताल में दाखिल होने की आवश्यकता पड़ रही है या नहीं। डॉक्टर एनके अरोड़ा कहते हैं कि किसी भी मरीज को किसी तरह से अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। इसलिए इस वैरिएंट से बिल्कुल घबराने की आवश्यकता नहीं है।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 26, 2024

मैतई-कुकी के बीच विश्वास को बहाल करने का काम कर रही सरकार: गृहमंत्री

नई दिल्ली, 26 मई 2024  (यूटीएन)। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से विवाद जारी है। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मणिपुर में स्थायी शांति लाने के लिए सरकार मैतई और कुकी समुदाय के बीच विश्वास की कमी को दूर करने का काम कर रही है। लोकसभा चुनाव के बाद प्रक्रिया को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ तेज किया जाएगा।   *वह दंगा नहीं है बल्कि नस्लीय संघर्ष है* कुछ पत्रकारों के साथ चाय पर आयोजित एक साक्षात्कार में ‘क्या सरकार को पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के चक्र को समाप्त करने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने की जरूरत है’ के सवाल पर शाह ने कहा कि मणिपुर में जो हो रहा है वह दंगा नहीं है और न ही कोई आतंकी हिंसा। मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष नस्लीय प्रकृति का है। इसे बल के माध्यम से हल नहीं किया जा सकता। हिंसा दो समुदायों के बीच विचार-विमर्श और विश्वास की कमी के कारण हुई है।    *भविष्य में कोई हिंसा नहीं होगी* शाह ने कहा कि हमें दोनों समुदायों के बीच भरोसे को बहाल करना है। इसमें समय लगता है। हम इस पर तेजी से काम कर रहे थे लेकिन तभी चुनाव आ गया। इसके कारण देरी हुई है। दोनों समुदायों के नेता अपने-अपने समुदाय के हितों या अपने स्वयं के राजनीतिक मुद्दों के बारे में बात करते हैं। लेकिन मतगणना के बाद सरकार इस पर बहुत प्राथमिकता के साथ काम करेगी। मुझे विश्वास है कि भविष्य में कोई हिंसा नहीं होगी।    *मणिपुर में हुई हिंसा का यह है कारण* राज्य में मैतेई समुदाय के लोगों की संख्या करीब 60 प्रतिशत है। ये समुदाय इंफाल घाटी और उसके आसपास के इलाकों में बसा हुआ है। समुदाय का कहना रहा है कि राज्य में म्यांमार और बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों की वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, मौजूदा कानून के तहत उन्हें राज्य के पहाड़ी इलाकों में बसने की इजाजत नहीं है। यही वजह है कि मैतेई समुदाय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें जनजातीय वर्ग में शामिल करने की गुहार लगाई थी।   अदालत में याचिकाकर्ता ने कहा कि 1949 में मणिपुर की रियासत के भारत संघ में विलय से पहले मैतेई समुदाय को एक जनजाति के रूप में मान्यता थी। इसी याचिका पर बीती 19 अप्रैल को हाईकोर्ट ने अपना फैसले सुनाया। इसमें कहा गया कि सरकार को मैतेई समुदाय को जनजातीय वर्ग में शामिल करने पर विचार करना चाहिए। साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इसके लिए चार हफ्ते का समय दिया। अब इसी फैसले के विरोध में मणिपुर में हिंसा हो रही है।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Ujjwal Times News

May 26, 2024

उमस भरी भीषण गर्मी और अनियमित कटौती के चलते विद्युत विभाग के खिलाफ पनपा आक्रोश

बडौत, 26 मई 2024  (यूटीएन)। जैसे जैसे उमस के साथ ही भीषण गर्मी ,बच्चों और बुजुर्गों को तरह तरह के रोग परोस रही है, वैसे वैसे ही अनियमित बिजली कटौती और ठप्प होती बिजली आपूर्ति से लोगों मैं आक्रोश भी पनप रहा है।    इस समय शहर ही नहीं ग्रामीण और किसान भी बिजली आपूर्ति के पूरी तरह से लड़खड़ाने से परेशान हैं।उमस भरी भीषण गर्मी और ऊपर से अनियमित सप्लाई या आपूर्ति ठप्प होने जैसे हालात के चलते फसलें सूखने लगी हैं। शहरी और ग्रामीण तथा बच्चे और बुजुर्ग इस अघोषित बिजली कटौती से बेहद परेशान हैं। असह्य गर्मी के कारण बीमारियां बढ रही हैं, वहीं बिजली विभाग द्वारा गर्मी के मौसम में बढती डिमांड हेतु पहले से तैयारी या कार्य योजना न होने के कारण बिजली आपूर्ति बद से बदतर होने से लोगों में आक्रोश पनप रहा है।    इस दौरान सप्लाई शुरू भी हो जाती है तो कहीं लो वोल्टेज की समस्या और कहीं एकदम फाल्ट और बिजली गायब जैसी समस्या ने उपभोक्ताओं को बेहाल कर दिया है। नगर में तो बिजली सप्लाई के हालात पिछले 4 दिन से काफी खराब हैं। गर्मी में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । समाजवादी पार्टी के नेता शोएब अली के नेतृत्व में शहर के लोगों ने कोताना रोड पर मुख्य शिकायत केंद्र पर पहुंचकर प्रदर्शन भी किया तथा बिजली विभाग पर बिजली कटौती का आरोप भी लगाया ।   लोगों ने कहा कि, काफी उमस भरी गर्मी से शहर के लोगों का बुरा हाल है और उसपर हर एक घंटे पर बिजली की कटौती हो रही है ,इसमें लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है ।नगर की छपरौली चुंगी पट्टी चौधरान पर लोग परेशान हैं, लेकिन तमाम शिकायतों के बाद भी बिजली विभाग के अफसर कोई सुघ नहीं ले रहे हैं। आरोप है कि, कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत कटौती दिन भर में 100 से 200 बार बिजली ट्रिप हो रही है।     दूसरी ओर विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जहां बिजली के खम्बो में फाल्ट आ रहा है, उन्हें ठीक करने का कार्य किया जा रहा है, इसलिए कुछ दिक्कत आ रही है।वहीं व्यापारी नेता मुदित जैन अंकुर जैन दीपक जैन संदीप गर्ग सुधीर गर्ग अंकुर गुप्ता दीपक चौधरी रमेश चौधरी अमित चौधरी का कहना है कि बिजली कटौती से व्यापार भी चौपट हो रहा है, तो रात में हो रही बिजली कटौती से नींद भी ठीक से नहीं आ पाती। लोगों ने विद्युत विभाग से सुचारू रूप से बिजली सप्लाई करने की मांग की है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 26, 2024