State

बेटी से छेडखानी को रोका ,पिता को मिली जान से मारने की धमकी, पीड़ित ने शिकायत कराई दर्ज

खेकड़ा,09 जुलाई 2024 (यूटीएन)। थाना क्षेत्र के सलावतपुर खेडी के एक ग्रामीण ने गांव के एक युवक पर बेटी का पीछा कर मानसिक उत्पीडन करने का आरोप लगाया है। कोतवाली प्रभारी को बताया कि, अब जान से मारने की धमकी भी मिल रही है।   पीडित ग्रामीण ने कोतवाली प्रभारी को बताया कि, उसकी बेटी स्कूल से घर आती है, तो गांव का एक युवक उसका पीछा करता है व छेडखानी करता है। उन्होने युवक के पिता से शिकायत की, तो युवक शाम को 5-6 लोगों लेकर उनके घर आया। उनके हाथों में धारदार हथियार थे। आते ही अभद्रता व मारपीट शुरू कर दी व जान से मारने की धमकी दी।   बताया कि, किसी तरह जान बचाकर वह कोतवाली पहुंचा है, जिसपर कोतवाली प्रभारी ने जांच कर कडी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

Ujjwal Times News

Jul 9, 2024

सेवा निवृत्त वार्ड ब्वॉय को ट्रक ने कुचला, अस्पताल ले जाते समय हुई मौत

बागपत,09 जुलाई 2024 (यूटीएन)। जिला अस्पताल से सेवानिवृत्त बाइक सवार वार्ड ब्वॉय को ट्रक ने कुचला। अस्पताल ले जाते समय हुई मौत। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लिया। सूचना पर परिजनों में मचा कोहराम।    जनपद के टीकरी कस्बे का निवासी धर्मबीर (59) ने जिला अस्पताल में वार्ड ब्वॉय की सर्विस की है। उसने कुछ समय पहले वीआरएस ले लिया था। आज सुबह वह बाइक पर टीकरी से किसी काम से बागपत आया था। दिल्ली सहारनपुर रोड पर वन्दना चौक से करीब 100 मीटर स्थित पैट्रोल पंप के निकट एक ट्रक ने धर्मबीर को कुचल दिया, जिसकी अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।    टीकरी संवाददाता ने बताया कि, धर्मबीर के एक पुत्र है, जो दिल्ली मैट्रो में सर्विस करता है तथा चार बेटियां हैं, जिनकी शादी की जा चुकी है। धर्मबीर की मौत पर परिवार और आस पड़ोस में शोक की लहर दौड़ गई।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

Ujjwal Times News

Jul 9, 2024

बाढ पूर्व तैयारी बैठक में बोली एसडीएम ,नदी उफान की जानकारी में न करें देरी

खेकड़ा,09 जुलाई 2024 (यूटीएन)। तहसील में सोमवार को बाढ पूर्व तैयारी समीक्षा बैठक में एसडीएम ने कहा कि, नदी के उफान व कटान की जानकारी देने में जरा भी देरी न करें तथा निरंतर जलस्तर पर निगाह रखें। सभी विभाग स्थितियों से निबटने की तैयारी पूरी रखें।   एसडीएम ज्योति शर्मा ने सोमवार को तहसील सभागार में बाढ पूर्व तैयारी की समीक्षा बैठक ली। सभी सम्बन्धित को अपने स्तर पर अलर्ट रहने के निर्देश दिए। कहा कि, यमुना या हिंडन नदी का जलस्तर बढने की समय पर सूचना दें। प्रभावित क्षेत्रों में किसानों, ग्रामीणों को अलर्ट पर रखें। बचाव सामग्री तैयार रखें।   बांध मे किसी सेह आदि जानवर का सुरंगनुमा घर दिखाई दे ,तो तत्काल नियंत्रण कराएं। बैठक में खंड शिक्षा अधिकारी, नगरपालिका, सीएचसी प्रभारी, पूर्ति अधिकारी, अधिशासी अधिकारी विद्युत, सीडीपीओ ग्रामीण व शहरी आदि शामिल हुए।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

admin

Jul 9, 2024

सुप्रीम कोर्ट:एक शख्स को बचाने में क्यों जुटा शासन', संदेशखाली केस में सीबीआई जांच के खिलाफ बंगाल सरकार की याचिका खारिज

नई दिल्ली, 09 जुलाई  2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका खारिज कर दिया, जिसमें संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने और जमीन हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच कराने का निर्देश देने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि पहले ही राज्य ने इस मामले में महीनों तक कुछ नहीं कर रहा। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर शासन एक शख्स को बचाने में क्यों जुटा है।    जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा, ‘‘किसी को बचाने में राज्य की रूचि क्यों होनी चाहिए?’’ बेंच ने कहा कि पिछली सुनवाई में जब शीर्ष अदालत ने यह विशेष प्रश्न पूछा था तो राज्य सरकार के वकील ने कहा था कि मामले को स्थगित किया जाए। जजों ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘धन्यवाद।   याचिका खारिज की जाती है। इससे पहले 29 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई करते हुए भी सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा था कि निजी क्षेत्र के कुछ लोगों के हितों को बचाने के लिए राज्य को एक याचिकाकर्ता के रूप में क्यों आना चाहिए?   *बंगाल सरकार ने याचिका में क्या कहा था?* पश्चिम बंगाल सरकार ने शीर्ष अदालत में अपनी याचिका में कहा था कि उच्च न्यायालय के आदेश ने पुलिस बल समेत राज्य के संपूर्ण तंत्र का मनोबल कमजोर कर दिया। संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के मामले की जांच पहले से ही सीबीआई कर रही है और उसने पांच जनवरी की घटनाओं से संबंधित तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Jul 9, 2024

मासिक धर्म अवकाश पर सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी, कहा- महिलाओं के अवसर कम हो सकते हैं

नई दिल्ली, 09 जुलाई  2024 (यूटीएन)। मासिक धर्म अवकाश को लेकर लंबे समय से बहस छिड़ी हुई है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह राज्यों और अन्य हितधारकों के साथ सलाह करके मासिक धर्म अवकाश पर एक आदर्श नीति तैयार करे। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि यह मुद्दा नीति से जुड़ा है। यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिस पर अदालतों को गौर करना चाहिए। इसके अलावा, पीठ ने यह भी कहा कि अगर महिलाओं के लिए ऐसी छुट्टी दिए जाने का फैसला अदालत करती है, तो इसका असर गलत भी पड़ सकता है क्योंकि कंपनी उन्हें काम देने से बच सकती है।    *महिलाओं पर पड़ सकता है नकारात्मक प्रभाव* अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अवकाश अधिक महिलाओं को कार्यबल का हिस्सा बनने के लिए कैसे प्रोत्साहित करेगी। साथ ही पीठ ने कहा कि इस तरह की छुट्टी अनिवार्य करने से महिलाओं को कार्यबल से दूर किया जा सकेगा। हम ऐसा नहीं चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा, 'यह वास्तव में सरकार की नीति का पहलू है। इस पर अदालतों को गौर करने की जरूरत नहीं है।   *साल 2023 का मामला* याचिकाकर्ता का कहना है कि मई 2023 में केंद्र को एक प्रतिनिधित्व प्रस्तुत किया गया था। चूंकि मुद्दे राज्य की नीति के विविध उद्देश्यों को उठाते हैं, इसलिए इस अदालत के लिए हमारे पिछले आदेश के आलोक में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है। पीठ ने हालांकि याचिकाकर्ता और वकील शैलेंद्र त्रिपाठी की ओर से पेश वकील राकेश खन्ना को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी के समक्ष पेश होने की अनुमति दे दी।   पीठ ने आदेश में कहा, 'हम सचिव से नीतिगत स्तर पर मामले को देखने और सभी हितधारकों से सलाह करने के बाद फैसला लेने का अनुरोध करते हैं। साथ ही यह देख सकते हैं कि क्या मासिक धर्म अवकाश पर एक आदर्श नीति तैयार की जा सकती है।    इसके अलावा, अदालत ने साफ कर दिया कि अगर राज्य इस मामले में कोई कदम उठाता है तो केंद्र सरकार इसके आड़े नहीं आएगी। शीर्ष अदालत ने इससे पहले देश भर में महिलाओं, छात्रों और कामकाजी महिलाओं के लिए मासिक धर्म अवकाश की मांग करने वाली याचिका का निपटारा किया था। न्यायालय ने तब कहा था कि चूंकि यह मामला नीतिगत दायरे में आता है, इसलिए केंद्र को प्रतिवेदन दिया जा सकता है। वरिष्ठ वकील ने कहा कि आज तक केंद्र की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Jul 9, 2024

एमओसी ने सामुदायिक-आधारित कैंसर देखभाल और अनुसंधान के लिए एचओसी-वेदांता के साथ विलय की घोषणा की

नई दिल्ली, 09 जुलाई  2024 (यूटीएन)। एम ओ सी और एचओसी-वेदांता के विलय से 22,000 से अधिक लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा और सालाना 60,000 से अधिक कीमोथेरेपी दी जाएगी, जिससे पश्चिमी भारत में अनगिनत लोगों के जीवन में बदलाव आएगा गुणवत्तापूर्ण कैंसर देखभाल के लिए राष्ट्रव्यापी विस्तार यह इकाई महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में रणनीतिक रूप से स्थित 22 सामुदायिक कैंसर देखभाल केंद्रों के नेटवर्क के माध्यम से पूरे भारत में अपनी पहुंच बढ़ाने की तैयारी कर रही है.   एम ओ सी कैंसर देखभाल और अनुसंधान केंद्र और हेमेटो ऑन्कोलॉजी क्लिनिक- वेदांता एचओसी ने 8 जुलाई  को अपने विलय की घोषणा की, जिससे पश्चिमी भारत में उन्नत कैंसर उपचार तक पहुंच में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ। विलय से एम ओ सी एचओसी-वेदांता बना, जो कैंसर देखभाल और अनुसंधान के लिए समर्पित देश के सबसे बड़े भौगोलिक नेटवर्क में से एक है, जो रोगियों को समय पर अत्याधुनिक उपचार और संधारणीय लागत पर दयालु देखभाल प्रदान करने का वादा करता है।   "यह विलय केवल बिस्तर बढ़ाने के बारे में नहीं है; यह पश्चिमी भारत में कैंसर देखभाल के लिए एक पावरहाउस बनाने के बारे में है। एचओसी-वेदांता के साथ मिलकर हम उत्कृष्टता के एक नए स्तर के लिए मंच तैयार कर रहे हैं। हम अपने सभी केंद्रों में देखभाल को मानकीकृत करेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक रोगी को उच्चतम गुणवत्ता, साक्ष्य-आधारित उपचार उपलब्ध हो," एम ओ सी के प्रमोटर, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. आशीष जोशी कहते हैं।   कैंसर के खिलाफ लड़ाई को अभी एक बड़ा बढ़ावा मिला है। एम ओ सी के साथ मिलकर हम नवाचार के लिए एक पावरहाउस बना रहे हैं। बड़े पैमाने पर नैदानिक ​​परीक्षणों की कल्पना करें, नई क्रांतिकारी चिकित्सा की खोज करें और मौजूदा लोगों की क्षमता को अधिकतम करें। यह सहयोग भारत और उसके बाहर कैंसर देखभाल के लिए एक गेम-चेंजर होगा,"एचओसी-वेदांता के एक प्रतिनिधि ने कहा। अपनी संयुक्त विशेषज्ञता और संसाधनों के साथ, एम ओ सी एचओसी-वेदांता पश्चिमी भारत में अनगिनत रोगियों और परिवारों के जीवन पर गहरा प्रभाव डालने के लिए तैयार है। व्यापक देखभाल पर उनका ध्यान, वित्तीय सहायता के साथ, न केवल उपचार, बल्कि आशा, उपचार और बेहतर भविष्य का वादा करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस विलय ने भारत में एक ही छत के नीचे कैंसर विशेषज्ञों का सबसे बड़ा समूह स्थापित किया है।   जिसमें 40 मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और हेमेटोलॉजिस्ट की संयुक्त टीम है। यह शक्तिशाली टीम महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में रणनीतिक रूप से स्थित 22 सामुदायिक कैंसर देखभाल केंद्रों के नेटवर्क में 22,000 से अधिक कैंसर रोगियों की सेवा करने और सालाना 60,000 से अधिक कीमोथेरेपी उपचार देने के लिए तैयार है। संयुक्त इकाई भारत के अन्य हिस्सों में अपने परिचालन का विस्तार करने की योजना बना रही है, जिसका लक्ष्य पूरे भारत में रोगियों को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली कैंसर देखभाल तक पहुँच प्रदान करना है।    कैल्टियस वेंचर्स (अहमदाबाद) और जेएसए ने विलय प्रक्रिया के दौरान एचओसी-वेदांता को महत्वपूर्ण सलाह और कानूनी परामर्श प्रदान किया। इसी तरह, एफ्लुएंस एडवाइजर्स मुंबई और एजेडबी ने एम ओ सी को विशेषज्ञ मार्गदर्शन और कानूनी सहायता प्रदान की। एम ओ सी एचओसी-वेदांता विलय भारतीय कैंसर देखभाल में एक महत्वपूर्ण छलांग है। अपनी संयुक्त विशेषज्ञता, व्यापक नेटवर्क और पहुंच के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ, वे देश भर में अनगिनत रोगियों और परिवारों के जीवन को बदलने के लिए अच्छी स्थिति में हैं। हाल ही में, एम | ओ | सी ने जनवरी 2023 में टाटा कैपिटल हेल्थकेयर फंड से 10 मिलियन डॉलर का महत्वपूर्ण निवेश हासिल किया, जो स्थान या वित्तीय स्थिति की परवाह किए बिना सभी के लिए विश्व स्तरीय कैंसर देखभाल सुलभ बनाने के उनके महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Jul 9, 2024

यदि शुचिता नष्ट हो जाए तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना पड़ता है', नीट मामले में 'सुप्रीम' टिप्पणी

नई दिल्ली, 09 जुलाई  2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। याचिका में पांच मई को हुई परीक्षा रद्द करने, एनटीए को दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने और अनियमितताओं के संबंध में कोर्ट की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की गई। कुछ याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट से दोबारा परीक्षा कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि कसूरवार और बेकसूरों की पहचान करना संभव नहीं है। इस दौरान प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एनटीए को परीक्षा रद्द करने से रोकने की मांग वाली गुजरात के 50 से अधिक सफल परीक्षार्थियों की याचिका पर भी सुनवाई की।   शीर्ष कोर्ट ने कहा, 'एक बात तो साफ है कि प्रश्न-पत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है। लीक की प्रकृति कुछ ऐसी है, जिसका हम पता लगा रहे हैं। आप केवल इसलिए पूरी परीक्षा रद्द नहीं कर सकते, क्योंकि दो छात्र धांधली में शामिल थे। इसलिए हमें लीक की प्रकृति के बारे में सावधान रहना चाहिए। दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले हमें लीक की सीमा के बारे में जानना होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि हम 23 लाख छात्रों के मामले को सुन रहे हैं।' सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि केंद्र और एनटीए ने इस गड़बड़ी से किन-किन छात्रों को फायदा पहुंचा? यह जानने के लिए क्या कार्रवाई की?'   *'लीक होने के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए?'* सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि लीक होने के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए। कोर्ट ने पूछा कि ये छात्र कहां हैं? भौगोलिक तौर पर ये छात्र कहां कहां हैं? क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों का पता लगा रहे हैं और क्या हम लाभार्थियों की पहचान कर भी पाएं हैं? सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा को दोबारा से कराना सबसे आखिरी विकल्प होना चाहिए। मामले में जो कुछ भी हुआ, उसकी जांच देश भर के विशेषज्ञों की एक बहु-अनुशासनात्मक समिति से कराई जानी चाहिए।   *'क्या हम काउंसलिंग होने देंगे?'* सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पढ़ाई-लिखाई की सबसे प्रतिष्ठित शाखा से निपट रहे हैं। हर मध्यम वर्ग का व्यक्ति चाहता है कि उनके बच्चे या तो चिकित्सा या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें। यह मानते हुए कि हम परीक्षा रद्द नहीं करने जा रहे हैं। हम ऐसे लोगों की पहचान कैसे करेंगे, जिन्हें इस धांधली का फायदा हुआ है। क्या हम काउंसलिंग होने देंगे और अब तक क्या हुआ है?   *कोर्ट ने दिए कई अहम निर्देश* सुप्रीम कोर्ट ने साइबर फोरेंसिक यूनिट को शामिल करने, एआई का उपयोग करके गलत काम करने वालों की संख्या का पता लगाने और उनके लिए फिर से परीक्षा की संभावना तलाशने के बारे में पूछा। कोर्ट ने सीबीआई को जांच की स्थिति बताते हुए रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने एनटीए को निर्देश दिया कि वह बताए कि प्रश्नपत्र पहली बार कब लीक हुआ। वह प्रश्नपत्र लीक होने की घटना और 5 मई को परीक्षा आयोजित होने के बीच की समय अवधि के बारे में भी बताए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख तय की।   देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा नीट-यूजी आयोजित की जाती है। पेपर लीक सहित अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। इस पर जमकर राजनीति भी हुई। केंद्र और एनटीए ने 13 जून को अदालत को बताया था कि उन्होंने 1,563 अभ्यर्थियों को दिए गए कृपांक ग्रेस मार्क रद्द कर दिए हैं। उन्हें दोबारा परीक्षा या प्रतिपूरक अंकों को छोड़ने का विकल्प दिया गया था। एनटीए ने 23 जून को आयोजित पुन: परीक्षा के परिणाम जारी करने के बाद एक जुलाई को संशोधित रैंक सूची जारी की।   *कैसे संदेह पैदा हुआ?* पांच मई को हुई परीक्षा में कुल 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक प्राप्त किए। यह एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व था। इसमें सूची में हरियाणा केंद्र के छह छात्र शामिल हैं। इसके बाद परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह शुरू हुआ। आरोप लगाया गया कि कृपांक के चलते 67 छात्रों को शीर्ष रैंक मिली। इसके बाद एनटीए ने एक जुलाई को संशोधित परिणाम घोषित किया। इसके बाद नीट-यूजी में शीर्ष रैंक वाले अभ्यर्थियों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई।   *सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणियां* 1- यदि परीक्षा की शुचिता नष्ट हो जाए तो पुनः परीक्षा का आदेश देना पड़ता है। 2- अगर हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ हैं तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा। 3- यदि प्रश्न पत्र लीक सोशल मीडिया के जरिए हुआ, तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना होगा। 4- कुछ ध्यान देने वाली बातें हैं, 67 उम्मीदवार 720 में से 720 अंक प्राप्त कर रहे हैं, जबकि पिछले वर्षों में यह अनुपात बहुत कम था। 5-यदि प्रश्नपत्र टेलीग्राम, व्हाट्सएप और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से लीक होता है, तो यह जंगल की आग की तरह फैलता है। 6-यह साफ है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है। 7-इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है, हम लीक की सीमा का पता लगा रहे हैं। 8-हम प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की संख्या जानना चाहते हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। कितने गलत कृत्य करने वालों के परिणाम रोके गए हैं, ऐसे लाभार्थियों का भौगोलिक वितरण जानना चाहते हैं। 9-यह मानते हुए कि सरकार परीक्षा रद्द नहीं करेगी, वह प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए क्या करेगी? 10-जो हुआ उसे हमें नकारना नहीं चाहिए।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Jul 9, 2024

प्रधानमंत्री आवास के नाम पर सचिन कर रहे मुर्गा और शराब की मांग

मध्यप्रदेश/डिंडोरी,08 जुलाई 2024 (यूटीएन)। डिंडोरी जिले के ग्राम पंचायत पड़रिया कला में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत करने के नाम पर ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव ने हितग्राही से ₹3000 लिए हैं प्रधानमंत्री आवास की हितग्राही ने आरोप लगाते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए जाने के लिए.   गांव के सरपंच सचिव ने उनसे ₹3000 ले लिए तो वहीं अब प्रधानमंत्री आवास की दूसरी किस्त दिलाने के नाम पर उनसे मुर्गा और शराब की मांग की जा रही है वहीं मुर्गा शराब और पैसे ना देने पर इस गांव में प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति नहीं मिलती आलम यह है.   प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना से स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास आज तक पूरे नहीं हो पाए हैं. वहीं आवास पूरे ना होने की वजह से प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों को बरसात के समय में झोपड़ी बनाकर रहना पड़ रहा है जिसकी वजह से उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।   डिंडोरी संवाददाता:- धरम सिंह ठाकुर। 

admin

Jul 8, 2024

सिद्धपीठ श्री शनि धाम एवं श्री खाटू श्याम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा का हुआ भव्य शुभारम्भ

बागपत, 08 जुलाई 2024 (यूटीएन)।  जनपद बागपत के अग्रवाल मंड़ी टटीरी में सिद्धपीठ श्री शनि धाम एवं श्री खाटू श्याम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य शुभारम्भ हुआ। प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन स्वदेश स्वरूप जी महाराज वृंदावन वालो के पावन सानिघ्य में किया जा रहा है। प्राण-प्रतिष्ठा के पहले दिन भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। कलश यात्रा मंदिर परिसर से प्रारम्भ होकर टटीरी नगर में भ्रमण करने के उपरान्त मंदिर परिसर पर पहुॅंची। आचार्य पंड़ित मनोहर लाल जी निबाली वाले, मुख्य पुजारी अनिल जी व अवधेश द्विवेदी जी क्यामपुर वालों ने इसके उपरान्त सभी भगवानों का पूजन और जलाधिवास कराया।   श्री शनि धाम एवं श्री खाटू श्याम मंदिर ट्रस्ट के सचिव अंकुर शर्मा ने बताया कि 7 जुलाई 2024 से 11 जुलाई 2024 तक मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान जी की मूर्तियों का पूजन होगा। 12 जुलाई को भगवान जी की मूर्तियां को नगर भ्रमण कराने के उपरान्त उनको मंदिर में स्थापित किया जायेगा। इस अवसर पर विशाल भंड़ारे का आयोजन होगा। बताया कि मंदिर में भगवान शनिदेव जी, खाटूश्याम जी, रामदरबार, राधाकृष्ण जी, मॉं दुर्गा जी, हनुमान जी, शिव परिवार व भगवान गणेश जी की मूर्तियां स्थापित की जायेगी।   श्री शनि धाम एवं श्री खाटू श्याम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रवीण गोयल, उपाध्यक्ष विनोद गोयल, सचिव अंकुर शर्मा, कोषाध्यक्ष नितिन मानव, सहकोषाध्यक्ष तरूण गुप्ता, पूर्व चेयरमैन प्रमोद गुप्ता, समाज सेवी संजीव शर्मा, दीपक गोयल, मयंक गोयल कमलकांत शर्मा, विष्णु मित्तल, कोषाध्यक्ष नितिन मानव, विकास मानव सहित कमेटी के समस्त सदस्यो ने लोगो से महोत्सव में अधिक से अधिक संख्या में आकर धर्मलाभ उठाने को कहा है।   बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।

admin

Jul 8, 2024

सुन्हैड़ा गांव के प्राचीन शिव मंदिर में हुई भगवान शनिदेव की स्थापना

बागपत, 08 जुलाई 2024 (यूटीएन)। जनपद बागपत के सुन्हैड़ा गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भगवान शनिदेव की धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ स्थापना हुई। सर्वप्रथम रामानुज मिश्रा, नंदलाल शास्त्री, शंकरलाल शास्त्री और सुरेश दीक्षित ने विधि-विधान के साथ भगवान शनिदेव की पूजा-अर्चना करायी। इसके उपरान्त भगवान शनिदेव की भव्य शोभायात्रा का आयोजन हुआ। शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से ढ़ोल-नंगाड़ो के साथ प्रारम्भ हुई। शोभायात्रा में 40 से अधिक ट्रैक्टरो, कारों आदि में श्रद्धालुगण सवार थे।   अनेकों श्रद्धालुगण पैदल चल रहे थे। शोभायात्रा में कीर्तन के साथ-साथ श्रद्धालुगण भगवान शनिदेव और अन्य भगवानों व देवी-देवताओं के जय-जयकारे लगा रहे थे। पूरे गांव का भ्रमण करने के उपरान्त शोभायात्रा मंदिर परिसर में आकर समाप्त हुई। इसके उपरान्त भगवान शनिदेव की प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया गया। इसके उपरान्त मंदिर में यज्ञ का आयोजन हुआ। सैंकड़ों लोगो ने गांव की सुख-शांति और समृद्धि के लिए यज्ञ में आहुति दी और समस्त विश्व के कल्याण की कामना की।   यज्ञ में गांव के प्रधान राजकुमार और उनकी धर्मपत्नी मुख्य यजमान रहे। गांव के प्रधान राजकुमार ने बताया कि गांव के लोगों की काफी समय से इच्छा थी की मंदिर में भगवान शनिदेव की प्राण-प्रतिष्ठा होनी चाहिए। कहा कि आज समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से भगवान शनिदेव मंदिर में विराजमान हो गये है। उन्होंने बिना किसी विध्न के भगवान शनिदेव की प्राण-प्रतिष्ठा पूर्ण होने पर समस्त ग्रामवासियों को बधाई दी। प्रमुख समाजसेवी देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि शनिदेव भगवान के मंदिर का निर्माण रामपाल और पुष्पादेवी द्वारा कराया गया।   मंदिर में भगवान शनिदेव की प्रतिमा, यज्ञ, भंड़ारा आदि की व्यवस्था गांव के प्रधान राजकुमार और ग्रामवासियों द्वारा की गयी। भगवान शनिदेव की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को सफल बनाने में चन्द्रपाल, देवेन्द्र शर्मा, गंगाशरण शर्मा, देवी शरण शर्मा, शामे, मुकेश, त्रिपाल सिंह, सुरेन्द्र सिंह, संजय, वेदपाल सिंह, नितिन सहित सैंकड़ों ग्रामवासियों का सहयोग रहा।   बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।

admin

Jul 8, 2024