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तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी के सामने होंगी बड़ी चुनौतियां, सहयोगियों को लेकर कैसे बढ़ेंगे आगे?

नई दिल्ली, 09 जून 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनडीए ने अपना नेता चुन लिया है। प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों का एक होमवर्क रंग लाया। शुक्रवार को एनडीए के प्रमुख सहयोगी दलों ने प्रधानमंत्री में अटूट विश्वास का संदेश दिया। टीडीपी के नेता चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री की तारीफ की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे बड़ा संदेश दिया। खुद को प्रधानमंत्री का हनुमान कहने वाले चिराग पासवान हर मोड पर आगे बढ़-बढक़र संदेश दे रहे हैं। संदेश यही कि रविवार को शपथ ग्रहण के बाद तीसरा कार्यकाल शानदार होगा। भरोसा भी यही कि प्रधानमंत्री को चुनौतियों से निबटना आता है।     पहले बात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की। नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनोखी केमिस्ट्री दिखाई। प्रधानमंत्री की पिछली कैबिनेट में उनके सहयोगी ने इस ओर इशारा भी किया। मानो, नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़ने के अपने पिछले अपराधों की क्षमा मांग ली हो। चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने जिस तरह से संसदीय दल का नेता चुने जाते समय संदेश दिया है, उससे साफ है कि सब तय है।   *मंत्रिमंडल में सहयोगियों को लेकर जारी है विमर्श*   भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर कल देर रात तक हलचल थी। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी काफी व्यस्त थे। देर शाम तक बैठकों का दौर चला। दोनों नेता आज भी व्यस्त हैं। अमित शाह की जेपी नड्डा के साथ व्यस्तता आज संसद के पुराने भवन के केंद्रीय कक्ष में एनडीए का नेता चुने जाने को लेकर भी थी। एनडीए के प्रमुख सहयोगियों से लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संपर्क में हैं। अब माना जा रहा है कि जेपी नड्डा और अमित शाह की व्यस्तता प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह, उनकी कैबिनेट में शामिल होने वाले सहयोगियों को लेकर है। नए और पुराने साथियों के नाम पर मंथन, चयन का दौर चल रहा है। सहयोगी दलों के नेताओं से भी नामों की सूची मांग ली गई है।   इस बारे में पूछे जाने पर एनडीए के सहयोगी दल के एक नेता ने कहा कि अब समय ही कितना बचा है। अंतिम नामों की सूची प्रधानमंत्री के विशेषाधिकार से ही बनेगी। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में इस बार नए चेहरे काफी होंगे। पुराने तमाम मंत्रिमंडल के सहयोगी चुनाव हार गए हैं। चुनाव हारने वाले मंत्रियों में राजीव चंद्रशेखर जैसे एकाध नाम ही नए मंत्रिमंडल में स्थान पा सकते हैं।   शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री जी-7 की बैठक में हिस्सा लेने इटली जाएंगे   9 जून को प्रधानमंत्री मोदी नए कार्यकाल के लिए शपथ लेंगे। 13-15 जून तक जी-7 देशों का शिखर सम्मेलन इटली में हो रहा है। इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मिलोनी ने पीएम को आमंत्रित किया है और प्रधानमंत्री ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। वहां अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, जर्मनी की चांसलर समेत अन्य से भेंट होगी। ऐसे में शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री के पास समय कम है। उनकी इटली की प्रस्तावित यात्रा को देखते हुए शीर्ष नेता की व्यस्तता काफी है। इसके बीच में उनके सहयोगियों में कामकाज का बंटवारा समेत अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को पूरा करना है।   *क्या रहेंगी प्रधानमंत्री के सामने प्रमुख चुनौती?*   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले कार्यकाल की शुरुआत में जब भाजपा और एनडीए के नेता चुने गए थे तो उन्होंने संसद के केंद्रीय कक्ष में प्रवेश करने से पहले उसकी सीढ़ियों को चूमा था। इस बार उन्होंने भारतीय संविधान को नमन किया है। लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने संविधान में बदलाव को मुद्दा बनाया था। विपक्षी दल कांग्रेस के पास 99 लोकसभा सदस्य हैं। प्रधानमंत्री के नेता चुने जाने और शपथ ग्रहण के पहले ही कांग्रेस के नेता राहुल गांधी शेयर बाजार में घोटाला और इस पर जेपीसी की जांच की मांग कर दी है। मीडिया विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने संसद भवन में महात्मा गांधी समेत अन्य महापुरुषों की मूर्ति विस्थापन का मुद्दा उठाया है। आशय यह कि विपक्ष आक्रामक, ऊर्जा से लबरेज, सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने का संदेश दे रहा है। राहुल गांधी भी कह रहे हैं कि अब उनके दल के पास ताकत आ गई है। प्रधानमंत्री को अगले कार्यकाल में इस चुनौती से निबटना होगा।   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार सहयोगी दलों के सहयोग से चलने वाली सरकार चलाएंगे। भाजपा के पास संसद में सरकार चलाने के लिए जरूरी संख्याबल नहीं है। निर्भरता सहयोगी दलों पर रहेगी। भाजपा के पास बहुमत के आंकड़े से 32 सांसद कम हैं। टीडीपी और जद(यू) केवल दो दलों के सांसदों को मिलाकर लोकसभा में 28 होंगे। इसलिए दोनों दलों को एनडीए में वजन रहेगा और प्रधानमंत्री को हमेशा ध्यान में रखना होगा कि सहयोगी दल के बिना नहीं चल सकते। तीसरा दल लोक जनशक्ति पार्टी(राम विलास पासवान) है। उसके पांच सदस्य हैं। इन दलों के नेताओं, मंत्रिमंडल में इनके सदस्यों को भी अहमियत देनी होगी।   केंद्रीय मंत्रिमंडल में गृह, वित्त, रक्षा, विदेश चार प्रमुख मंत्रालय हैं। सहयोगी दल इसमें से किसी विभाग की मांग कर सकते हैं। इसके अलावा कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, रेल, शिक्षा, स्वास्थ्य, वाणिज्य, ऊर्जा, सडक़ एवं परिवहन, दूर संचार, नागरिक उड्डयन जैसे महत्वपूर्ण मलाईदार विभागों के लिए सहयोगी दल दबाव बना सकते हैं। प्रधानमंत्री के सामने इसकी चुनौती खड़ी भी है। प्रधानमंत्री ने अपने दो कार्यकाल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की मंशा के अनुरुप हिन्दुत्व के मुद्दे को धार दी है। उन्होंने अगले 100 दिन के सरकार के कामकाज का एजेंडा तैयार कर लिया है, लेकिन इसे बदलना पड़ सकता है। अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री की पिच कमजोर रही है। तीसरे कार्यकाल में इसकी चुनौती काफी बड़ी है। टीडीपी के नेता चंद्र बाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए यह विषय महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री को संभलकर चलना पड़ सकता है। गठबंधन की सरकार चलानी पड़ सकती है। कॉमन सिविल कोड, एनआरसी समेत तमाम मुद्दों पर आम सहमति का सामना करना पड़ सकता है।   प्रधानमंत्री को किसान कल्याण और कृषि, ग्रामीण विकास, रोजगार पर विशेष ध्यान देना होगा। उ.प्र., महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार में राजनीतिक-सामाजिक समीकरण की भी चुनौती बढ़ी है। कुछ ही महीने बाद दिल्ली, महाराष्ट्र, झारखंड समेत राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। प्रधानमंत्री को इसे भी साधना है। भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती योजना को प्रधानमंत्री ने परिवर्तनकारी बताया था, लेकिन इसको लेकर भारी विरोध हो रहा है। सहयोगी दल भी इसकी समीक्षा का दबाव बना रहे हैं।   प्रधानमंत्री को इस तरह के कठोर निर्णय लेने पड़ सकते हैं। इस्राइल-फलस्तीन की धरती पर युद्ध जैसे हालात हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध अभी जारी है। अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, व्यापार चुनौती के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में मंहगाई का लगातार दबाव बना हुआ है। अमेरिका, चीन से संबध, यूरोप, यूरेशिया, मध्य एशिया का संतुलन भी बड़ी चुनौती है। ऐसे में भारत की अर्थ व्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जाने के साथ-साथ तमाम अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से जूझना पड़ सकता है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 9, 2024

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ब्रेन ट्यूमर से लड़ने के लिए जागरूकता और शीघ्र जांच महत्वपूर्ण है

नई दिल्ली, 09 जून 2024 (यूटीएन)। ब्रेन ट्यूमर का मरीजों और उनके परिवारों पर प्रभाव और प्रभावित लोगों के लिए अनुसंधान और सहायता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल ब्रेन ट्यूमर डे के रूप में मनाया जाता है। ग्लोबोकैन 2020 डेटा का अनुमान है कि भारत में मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के ट्यूमर के कारण 2,51,329 मौतें हुई। हालांकि, स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुंच, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों तथा कैंसर के सभी मामलों को दर्ज करने की उचित व्यवस्था न होने के कारण यह अनुमान है कि यह संख्या वास्तविक संख्या से काफी कम है।   मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. मनीष वैश्य जोर देकर कहते हैं, “ब्रेन ट्यूमर बिना कोई स्पष्ट लक्षणों के भी मस्तिष्क में पनप सकता है। शुरुआती संकेत अक्सर रोजमर्रा की समस्याओं की तरह महसूस होते हैं जिन्हें आप नजरअंदाज कर सकते हैं। सिरदर्द शुरू होना या अगर मरीज पहले से सिरदर्द की समस्या से ग्रस्त है तो उसका गंभीर हो जाना। खासतौर पर सुबह-सुबह सिर में तेज दर्द होने के साथ जी मचलाना या उल्टी होना, खतरे का संकेत हो सकते हैं।    ध्यान केंद्रित करने, स्पष्ट रूप से बोलने या दूसरों को समझने में कठिनाई किसी समस्या का संकेत हो सकती है। व्यक्तित्व में बदलाव, शरीर के एक तरफ कमजोरी महसूस होना, या दृष्टि धुंधली होना जैसे लक्षण दिखाई दें तो उसे गंभीरता से लें। मामूली चक्कर आना या संतुलन संबंधी समस्याओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का लगातार अनुभव करते हैं, तो डॉक्टर को दिखाने में संकोच न करें। सफल उपचार की बेहतर संभावना के लिए ब्रेन ट्यूमर का शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण है।   याद रखें, थोड़ी सी जागरूकता बड़ा बदलाव ला सकती है। नई दिल्ली स्थित सुश्रुत ब्रेन एंड स्पाइन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. यशपाल सिंह बुंदेला कहते हैं, “जांच में यह पता चलना कि आपको ब्रेन ट्यूमर है, एक भयावह अनुभव हो सकता है, लेकिन शुरुआती स्तर पर पता चलने से उपचार के परिणाम बहुत बेहतर होते हैं। जितनी जल्दी ट्यूमर की पहचान हो जाएगी, उपचार के उतने ही अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे। शीघ्र निदान के साथ, सर्जरी अधिक सटीक हो सकती है, और दुष्प्रभाव कम हो सकते हैं।   इसके अतिरिक्त, जब ट्यूमर छोटा होता है तो रेडिएशन और दवाएं अक्सर अधिक प्रभावी होती हैं। जबकि उपचार से थकान, कमजोरी या सोच में बदलाव हो सकता है, पुनर्वास और सहायता समूह उन्हें प्रबंधित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। आपको अपनी दैनिक दिनचर्या या काम में थोड़ा बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन परिवार के लोगों और नियोक्ताओं (जहां आप काम करते हैं) के साथ खुलकर बात करना आपको इस स्थिति से निपटने में सहायता कर सकता है। स्वस्थ आदतें अपनाकर, भावनात्मक रूप से मजबूत रहकर और अपने परिवार तथा करीबी लोगों से जुड़े रहकर, आपके लिए एक सामान्य और खुशहाल जीवन जीना संभव हो सकता है।   ब्रेन ट्यूमर डे ब्रेन ट्यूमर से प्रभावित लोगों के लिए जागरूकता, बीमारी का शीघ्र पता लगाना और जो इस बीमारी से प्रभावित हैं उनकी सहायता के महत्व को याद दिलाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लक्षणों के बारे में जानकारी प्राप्त करके और समय पर चिकित्सा सलाह लेकर, हम उपचार परिणामों में सुधार कर सकते हैं और कई लोगों को आशा प्रदान कर सकते हैं। बीमारी का शीघ्र पता लगने से न केवल सफल उपचार की संभावना बढ़ जाती है बल्कि मरीजों को जीवन की गुणवत्ता बेहतर बनाए रखने में भी सहायता मिलती है। आइए हम इस दिन का इस्तेमाल बेहतर स्वास्थ्य देखभाल पहुंच का समर्थन करने, अनुसंधान पहलों का समर्थन करने और ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे लोगों के प्रति अपनी एकजुटता बढ़ाने के लिए करें। साथ मिलकर, हम इस घातक बीमारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 9, 2024

नूरपुर में भव्य कलश यात्रा के साथ कथाव्यास रामानुचार्य देवकीनन्दन महाराज ने की भागवत् रसामृत वर्षा

खेकड़ा, 08 जून 2024 (यूटीएन)। क्षेत्र के नूरपुर गांव के बाबा मोहनराम मंदिर में शनिवार को पावन श्रीमदभागवत कथा प्रारम्भ हुई। इससे पूर्व श्रद्धालु परिवारों की महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर बैंड बाजों के साथ गांव का भ्रमण किया। नूरपुर गांव के बाबा मोहन राम मंदिर में शनिवार को श्रीमद् भागवत प्रेम यज्ञ सप्ताह प्रारम्भ हुआ। कथा व्यास रामानुचार्य देवकीनन्दन महाराज के सानिध्य में कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा प्रारम्भ हुई। कलश यात्रा सुबह मंदिर से पूजा अर्चना के साथ शुरू हुई। यात्रा के श्रद्धालुओं ने बैंड बाजे के साथ समूचे गांव में भ्रमण किया।यात्रा में शामिल महिलाएं नए वस्त्रों में सिर पर मंगल कलश लिए हुए मंगल गीत गा रही थी। युवा श्रद्धालु भजनों पर झूम रहे थे। अबीर गुलाल उड़ा रहे थे। करीब दो घंटे के भ्रमण के बाद यात्रा वापस मंदिर पहुंची। वहां कथा स्थल पर मंत्रोच्चार के बीच क्लशो की स्थापना की गई। इसके बाद कथा प्रारम्भ हुई। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 8, 2024

दिन भर बीच पटरी खडी ट्रेन से यात्रियों को आवागमन में हुई परेशानी

खेकड़ा, 08 जून 2024 (यूटीएन)। दिल्ली- शामली-सहारनपुर रेल मार्ग पर शनिवार को बंद रहने वाली एक यात्री ट्रेन को दिल्ली यार्ड में जगह नहीं मिल पाने के कारण खेकड़ा के रेलवे स्टेशन पर खड़ा किया गया, जिससे पूरे दिन यात्रियों को ए से बी प्लेटफार्म पर आने- जाने में परेशानी उठानी पड़ी। शामली रेल मार्ग को पिछले दिनों इलेक्ट्रिक किया गया था। तभी से मार्ग पर इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ रही हैं। रेलवे प्रशासन ने इन ट्रेनों के हिसाब से ही दोनों ए और बी प्लेटफॉर्मों की एक-एक फीट से अधिक ऊंचाई  बढ़वाई है। ए प्लेटफार्म पर दिल्ली से शामली जाने वाली और बी प्लेटफार्म पर शामली से दिल्ली जाने वाली यात्री ट्रेनें रुकती हैं। ए से बी प्लेटफार्म पर आने जाने के लिए बने ओवरब्रिज को प्लास्टिक चद्दरों से कवर कराया गया है, ताकि उस पर आवागमन करने वाले यात्रियों को धूप और बारिश से बचाया जा सके, लेकिन इस ओवरब्रिज पर ज्यादातर समय हमलावर बंदरों का जमावड़ा बना रहता है।  जिससे ए से बी प्लेटफार्म पर यात्रियों को रेलवे ट्रैकों के ऊपर से ही आना जाना पड़ रहा है। मार्ग पर सुबह के समय दिल्ली से शामली जाने वाली यात्री ट्रेन 04019 शनिवार को बंद रहती है। शनिवार को वह पूरे दिन दिल्ली यार्ड में ही खड़ी रहती है, लेकिन शुक्रवार की रात उसे वहां जगह नहीं मिली। रेलवे प्रशासन ने रात में ही उसे खेकड़ा रेलवे स्टेशन की मुख्य लाइन पर खड़ा कर दिया। शनिवार को वह पूरे दिन यहीं खड़ी रही, जिससे यात्रियों को ए से बी प्लेटफार्म पर आने जाने में परेशानी उठानी पड़ी। स्टेशन अधीक्षक बंसत कुमार ने बताया कि, खेकड़ा रेलवे स्टेशन पर भी यार्ड बनना प्रस्तावित है। यार्ड बनने के बाद यात्रियों को ऐसी परेशानियां नहीं होगी। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 8, 2024

मंडौला में बिजली का तार गिरने से किसान की मौत, चार घंटे जाम रहा हाइवे, यमुना पुश्ते से निकले वाहन

खेकड़ा, 08 जून 2024 (यूटीएन)। गाजियाबाद के मंडौला गांव में शनिवार को एक किसान की बिजली के तार की चपेट में आने से मौत हो गई। गुस्साए लोगों ने दिल्ली सहारनपुर हाइवे पर शव रखकर जाम लगा दिया। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद प्रशासन ने लोगों से वार्ता कर जाम को खुलवाया। तब तक बागपत की ओर से जाने वाले वाहन वैकल्पिक मार्गो से लम्बा चक्कर काटकर निकल सके।बागपत सीमा से सटे गाजियाबाद के मंडौला गांव में शनिवार को किसान देवेन्द्र त्यागी, बिजली का तार टूट कर गिरने पर उसकी चपेट में आ गया तथा किसान की मौके पर ही मौत हो गई। गुस्साए ग्रामवासियों ने किसान का शव दिल्ली- सहारनपुर हाइवे पर रखकर जाम लगा दिया। करीब एक बजे से मार्ग जाम कर दिया गया था।इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी तरह नाराज लोगों को शांत किया। मुआवजे के अलावा दोषियों पर कार्रवाई के आश्वासन के बाद भी करीब चार घंटे लगे लोगों को शांत करने व जाम खोलने में। तब शव को पोस्टमार्टम के लिए गाजियाबाद भिजवाया गया। इस दौरान बागपत की ओर से जाने वाले वाहन पेरिफेरल एक्सप्रेस वे, ढिकौली बंथला मार्ग या फिर यमुना पुश्ते आदि वैकल्पिक मार्गो का लम्बा चक्कर काटकर निकल सके। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 8, 2024

हिट एंड रन के पीडित को मिलेगा दो लाख मुआवजा

खेकड़ा, 08 जून 2024 (यूटीएन)। हिट एंड रन मोटर एक्सीडेंट मामलों में सरकार पीडित पक्ष को दो लाख रूपये तक का मुआवजा देगी। इसके लिए सभी थानों से दो वर्षो में हुए सभी मामलों की सूची मांगी गई है। सड़कों पर आए दिन अज्ञात वाहन टक्कर मारकर फरार हो जाते है। ऐसे में पीडित घायल और मृतक पक्ष को भुगतना पडता है। लेकिन अब ऐसे पक्ष को सरकार दो लाख तक का मुआवजा देगी। एसडीएम ज्योति शर्मा ने बताया कि जनपद के सभी कोतवाली व थानों से वर्ष 2023 और मई 2024 तक 190 ऐसी घटनाएं पंजीकृत है। इन सभी मामलों की सूची मांगी गई है। सूची जिलाधिकारी कार्यालय को एक सप्ताह में भेजी जानी है। हिट एंड रन मोटर एक्सीडेंट स्कीम 2022 के तहत सभी मामलों की तथ्यात्मक जांच कराकर पीडित घायल और मृतक पक्ष को मुआवजा दिया जाएगा। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 8, 2024

वायरल वीडियो के जरिये थाना प्रभारी की छवि धूमिल करने वाला गिरफ्तार

बागपत, 08 जून 2024 (यूटीएन)। थाना कोतवाली पुलिस ने थाना साइबर क्राइम पर पंजीकृत 66डी आईटी एक्ट में वांछित 1 अभियुक्त को किया गिरफ्तार। अभियुक्त के कब्जे से घटना में प्रयुक्त 3 मोबाईल फोन, 2 सिमकार्ड व एक अवैध तमंचा .315 बोर मय 2 जिन्दा कारतूस .315 बोर व एक मोटर साईकिल हीरो होण्डा सुपर स्प्लैन्डर बिना नंबर प्लेट की गई बरामद। एक विडियो वायरल कर, जिसमें नोट गिनते हुए दर्शाया गया है तथा नोट गिनने वाले थाना अध्यक्ष बागपत के परिवार के सदस्य बताया गया था।    पुलिस महकमे तथा थाना प्रभारी की छवि पर उठे सवाल के चलते साइबर क्राइम थाना पुलिस ने विडियो को थाना प्रभारी से संबंधित नहींं पाया तथा वाइस आफ इंडिया और वाइस आफ बागपत के धारक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया। शामली जनपद के चूनसा गाँव के मूल निवासी तथा जनपद के बिनौली में हाल निवासी अभियुक्त अंकित पुत्र योगेन्द्र पर शामली, मेरठ और बागपत जिले के विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक मुकदमे कायम हैं। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 8, 2024

मोदी-3 सरकार में शामिल होंगे जयंत चौधरी, मिला निमंत्रण, कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर

बागपत, 08 जून 2024 (यूटीएन)। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य चौ जयंत सिंह होंगे मोदी -3 केबिनेट के सदस्य। सूत्रों के हवाले से मिले समाचार के अनुसार इस संबंध में औपचारिक सूचना भी उन्हें दे दी गई है। वर्ष 2014 तक केंद्र में मंत्री रहे चौ अजित सिंह के बाद अब फिर से चौधरी परिवार के सदस्य तथा रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को नरेंद्र मोदी मंत्री मंडल में शामिल किया जाएगा। हालांकि कल नेता चयन के अवसर पर डायस पर आकर संबोधन के लिए न बुलाए जाने पर राजनीतिक हल्कों में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजग की बैठक के दौरान उनसे गुफ्तगू करते हुए नजदीकी दिखाई थी, उस सबसे यह निश्चित हो गया था कि, जयंत चौधरी मोदी -3 सरकार का हिस्सा होंगे। सूत्र बताते हैं कि, इस क्रम में उन्हें मोदी-3 सरकार में सक्रिय हिस्सेदारी यानि मंत्री बनाए जाने की सूचना व निमंत्रण भी भेजा जा चुका है। फिलहाल माना जा रहा है कि, जयंत चौधरी के मंत्री बनने के साथ ही जहां पश्चिम में मोदी नंबर वन की बयार बहने लगेगी, वहीं विकास की गति को भी हर क्षेत्र में देखा जा सकेगा। एक तरफ जहां किसान चौ जयंत सिंह को अपना मन पसंद कृषि मंत्रालय की उम्मीद लगाए हैं, वहीं यह अभी भविष्य के गर्त में है कि, कौनसा मंत्रालय उन्हें दिया जाएगा। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 8, 2024

तीन समाजसेवी संस्थानों व ट्रस्टों द्वारा स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन, दवाएं व छड़ी भी निशुल्क वितरित

बड़ौत, 08 जून 2024 (यूटीएन)। जियो और जीने दो चेरिटेबल ट्रस्ट, माँ संम्पूर्णा ट्रस्ट व कल्याण भारती सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन नगर के विनायक हॉस्पिटल  बड़का रॉड पर किया गया । इस दौरान दूरदराज से भी बड़ी संख्या में आए लोगों ने सुयोग्य चिकित्सकों से जांच के उपरांत सलाह भी प्राप्त की। इस दौरान शिविर के सफल आयोजन में अखिल मानव चेरिटेबल ट्रस्ट, सर्व महिला उत्थान समिति, विश्व एकत्व सेतु संस्था भी सहयोगी रहे।  शिविर में डा अतुल पाण्डेय, डा आदित्य पाण्डेय द्वारा आमजन की स्वास्थ्य जांच हेतु दिल, लिवर, शुगर, ब्लड प्रेशर, खून की जॉच कर उपचार हेतु दवाइयां भी निशुल्क वितरित की साथ ही 50 विकलांगों को छड़ी भी वितरित की गई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कल्याण भारती सेवा संस्थान के प्रबंध निदेशक गोपी चंद सैनी ने कहा कि, वैसे तो सांसारिक जीवन में सेवाओं के बहुत से प्रकार हैं, परंतु सेवा में सच्ची मानव सेवा दीन दुखी और रोगग्रस्त व्यक्ति की निशुल्क उपचार सेवा को ही सेवा का विशेष प्रकार माना गया है, जो व्यक्ति को दुख के समय में भावनात्मक सुख वह सहयोग प्रदान करती है। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 8, 2024

एम्स में जेनेरिक फार्मेसी का स्थान परिवर्तन

नई दिल्ली, 08 जून 2024 (यूटीएन)। एम्स, नई दिल्ली में एच एल एल लाइफकेयर लिमिटेड द्वारा प्रबंधित निःशुल्क जेनेरिक फार्मेसी को उसके वर्तमान स्थान से एक नए स्थान पूर्व बाल चिकित्सा ओपीडी पर स्थानांतरित किया जा रहा है। एच एल एल लाइफकेयर जेनेरिक दवाइयों के वितरण में शामिल है, और रोगियों को निःशुल्क प्रदान की जाने वाली दवाओं का खर्च एम्स द्वारा वहन किया जाता है। यह आरोप लगाया गया है कि आवंटित स्थान में कमी से रोगियों को असुविधा होगी, क्योंकि सेवा काउंटरों की संख्या में कमी आएगी। फार्मेसी के वर्तमान स्थान के कारण रोगी दवा लेने के लिए फार्मेसी के सामने सड़क पर इकट्ठा होते हैं। इससे यातायात बाधित होता है, अन्य रोगियों और वाहनों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न होती है और साथ ही जनता, विशेष रूप से विकलांग और बीमार रोगियों को बहुत असुविधा होती है।   नए प्रस्तावित स्थान में काउंटरों के सामने एक प्रतीक्षा क्षेत्र है, जहाँ 100-200 रोगी एक समय में आराम से दवा प्राप्त करने के लिए प्रतीक्षा कर सकेंगे। आरोपों के विपरीत, एक दिन में सेवा प्राप्त करने वाले कुल रोगियों की संख्या में कमी नहीं आएगी, क्योंकि एक उचित प्रतीक्षा क्षेत्र का प्रावधान है जिसमें एक ही समय में लगभग 200 रोगियों को समायोजित करने की क्षमता है। एम्स अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण से पता चला कि एचएलएल लाइफकेयर को पहले आवंटित स्थान का कम उपयोग किया जा रहा था। स्थान परिवर्तन से इष्टतम उपयोग को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि एचएलएल लाइफकेयर द्वारा खाली की गई जगह का उपयोग दिव्यांग रोगियों के लिए ऑर्थोटिक्स और प्रोस्थेटिक्स के एक बहुत जरूरी आउटलेट को खोलने के लिए किया जाएगा, जिसमें फिटिंग के लिए एक समर्पित परीक्षण क्षेत्र भी होगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 8, 2024