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बाजार में बिक रहे खाद्य पदार्थों में से 50 फीसदी तक में मिलावट- खाद्य पदार्थ

मथुरा, 08 जून 2024  (यूटीएन)। बाजार में बिक रहे खाद्य पदार्थों में से 50 फीसदी तक में मिलावट है। दूध, मसाले, पनीर, मावा, घी, दूध से बनीं मिठाइयों, तेल में मिलावट के जरिये घर-घर रसोई में मिलावटखोर जहर घोल रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि सब्जियों में भी बड़ी मात्रा में रसायनों का प्रयोग किया जा रहा है। मगर, इनकी सैंपलिंग के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता है। ऐसा ही कुछ बाजार में बिकने वाले बोतलबंद पानी और शीतल पेय पदार्थों के मामलों में भी है। इनकी भी कोई सैंपलिंग नहीं की जा रही है। सहायक आयुक्त खाद्य डाॅ. गौरी शंकर ने बताया कि विभागीय टीम ने मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है। उसी का नतीजा है कि अब मिलावट में कमी सामने आ रही है। छापे के दौरान खाद्य पदार्थों के सैंपल भरे जाते हैं, इनको लखनऊ प्रयोगशाला भेजा जाता है। वहां से रिपोर्ट आने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। मिलावटखोरों के खिलाफ विभाग ने सीजेएम व एडीएम कोर्ट में अपराध की प्रकृति के अनुसार वाद दायर कराए हैं। *मिर्च-हल्दी, काली मिर्च, हींग की ऐसे करें पहचान* खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अनुसा,र दालों में रंगों को मिलाया जा रहा है। मसाले के पाउडर में मिलावट करने के लिए कृत्रिम रंग, चाक पाउडर, स्टार्च और इसी तरह की चीजें मिलाई जाती हैं। लोग छोटे-छोटे उपाय कर खुद से ही इन खाद्य पदार्थों की पहचान कर सकते हैं। लाल मिर्च पाउडर और हल्दी में कृत्रिम रंगों की मिलावट की जाती है। एक गिलास पानी में एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर या हल्दी मिलाएं। शुद्ध लाल मिर्च पाउडर कांच के तले में डूब जाएगा, जबकि मिलावटी पानी तैर जाएगा।   शुद्ध हल्दी पानी में डूब जाएगी जबकि मिलावटी हल्दी पानी को पूरी तरह पीला कर देगी। काली मिर्च को पानी में मिलाते हैं, तो केवल वास्तविक शुद्ध काली मिर्च ही बर्तन के तल पर बैठेगी जबकि अन्य संदूषण पानी की सतह पर तैरेंगे। काली मिर्च को पानी में मिलाते हैं, तो केवल वास्तविक शुद्ध काली मिर्च ही बर्तन के तल पर बैठेगी, जबकि मिलावटी पानी की सतह पर तैरेगी। थोड़ी सी हींग को कूटकर पानी में घोल लें। अगर, हींग पानी में बिना कोई रंग छोड़े घुल जाए तो पानी शुद्ध है। पानी में शुद्ध नमक मिलाने से पानी में कोई तलछट या धुंधलापन नहीं रहेगा। यदि ऐसा नहीं है, तो नमक में चाक मिला हुआ है।    मथुरा, रिपोर्टर-(दुर्गा प्रसाद)।

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Jun 8, 2024

गंगा दशहरा की व्यवस्थाओं को चाक चैबन्द करने के निर्देश- जिलाधिकारी

मथुरा, 08 जून 2024  (यूटीएन)। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में गंगा दशहरा पर्व, जिला गंगा समिति, जिला पर्यावरण समिति तथा जिला वृक्षारोपण समिति की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। जिलाधिकारी ने गंगा दशहरा की व्यवस्थाओं को चाक चैबन्द करने के निर्देश दिये और नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि मन्दिरों के आस-पास साफ सफाई, पानी के अन्दर बैरीकेटिंग का कार्य, कन्ट्रोल रूम, चैजिंग  रूम, सीसीटीवी कैमरे तथा मोटरबोट की व्यवस्था की जाये। गोताखोर एवं पुलिस लगातार गश्त करती रहे तथा सुरक्षा की दृष्टि से विभिन्न स्थानों पर चेकिंग की जाये। सिंचाई विभाग से कहा कि पानी की सफाई करा ली जाये तथा बैराज को इस तरह से खोला जाये कि श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि यमुना जी में और पानी की मांग की जाए तथा जल स्तर को बढ़ाया जाए। मन्दिरों के आस पास खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारी निरंतर चेकिंग करते रहें। यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया। विद्युत विभाग के अधिकारियों से कहा कि 24 घंटे पर्याप्त बिजली रहे, जर्जर तारों को ठीक करायें तथा ट्रान्सफार्मरों की मरम्मत करा दी जाये। नगर निगम, नगर निकाय, पंचायत आदि अपने अपने क्षेत्रों में विशेष सफाई अभियान चलाए तथा निराश्रित गौवंश को पकड़कर गौशालाओं में पहुॅचायें, जिससे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। पुलिस विभाग छोटी से छोटी घटना को भी गंभीरता से लेकर तत्काल प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करे। इसी क्रम में जिला गंगा, पर्यावरण एवं वृक्षारोपण समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने डीएफओ को निर्देश दिए कि जनपद में वृहद वृक्षारोपण किया जाए। उन्होंने कहा कि हम सभी लोग अपने आस पास पौधे लगाए और पौधे को अपने परिवार के रूप में देख भाल करे। हम सभी जनपदवासी अधिकाधिक पौधारोपण कर सम्पूर्ण मथुरा वृंदावन को हरा भरा करने में अपना सहयोग दे। हमे पुनः मथुरा वृंदावन को अपने पौराणिक रूप में वन के समान बनाना है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने अपने लक्ष्यों के सापेक्ष वृक्षारोपण की कार्यवाही हेतु आगामी कार्य योजना बनाए। आवंटित वृक्षों को लगाए तथा यह भी सुनिश्चित करे कि सभी पौधों की देख भाल हो रही हो। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जनपद का वृक्षारोपण का लक्ष्य लगभग 35 लाख 30 हजार  वृक्ष है। सभी विभाग अपने अपने क्षेत्रों में गड्ढा खुदवा लें, जिससे वृक्ष लगाने में कोई समस्या न आए। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, ग्रामों, ब्लॉकों, तहसीलों, कार्यालयों, पार्कों, सड़क के किनारे, हाइवे के आस पास, आदि स्थानों पर पौधारोपण करे। उन्होंने कहा कि सभी वृक्षों की जियो टेस्टिंग की जाए और ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण किया जाए। बेसिक शिक्षा अधिकारी, डीआईओएस, डीपीआरओ, डीपीओ को निर्देश दिए कि स्कूल, डिग्री कॉलेज, गंगा गांव तथा आंगनबाड़ी केंद्रों पर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जाए। जिलाधिकारी ने यमुना के किनारे स्थित समस्त गांव एवं घाटों की साफ सफाई के निर्देश दिये। उन्होंने जनपद में इलेक्ट्रॉनिक, मेडिकल आदि वेस्ट का ससमय निस्तारण करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना,डीएफओ रजनी कांत मित्तल, डिप्टी कलेक्टर नरेंद्र सिंह, डीसी मनरेगा विजय कुमार पांडेय, डीपीआरओ किरन चौधरी, बीएसए सुनील दत्त, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ भूदेव सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।  मथुरा, रिपोर्टर-(दुर्गा प्रसाद)।

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Jun 8, 2024

रिक्त पदों पर होगी पंचायत सहायक की भर्ती- डीपीआरओ किरण चौधरी

मथुरा, 08 जून 2024  (यूटीएन)। पंचायती राज निदेशालय के दिशा निर्देशानुसार ग्राम पंचायत में जहां विभिन्न कारणों से पंचायत सहायक का पद रिक्त हो गया था, उन पर भरती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ग्राम पंचायत द्वारा 12 से 14 जून के बीच में ग्राम पंचायत सचिवालय पर पंचायत सहायक के पद के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित करने की सूचना ग्राम पंचायत के सूचना पट पर चस्पा करना होगा।पूरे ग्राम पंचायत में दुग्गी मुनादी करनी होगी। इच्छुक आवेदक अपना आवेदन पत्र  ग्राम पंचायत के सचिवालय पर,विकासखंड कार्यालय पर ,या जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय पर जमा कर सकतें है। आवेदन जमा करने की अवधि 15 जून से 30 जून के बीच में है। जिला पंचायत राज अधिकारी किरण चौधरी ने बताया कि सभी ग्राम प्रधान और सचिव को निर्देश दिया जा चुका है कि रिक्त पदों के सापेक्ष भरती की प्रक्रिया शुरू करें। पंचायत में दुग्गी मुनादी कर सूचना प्रेषित करें। जिससे अधिक से अधिक संख्या में पंचायत सहायक भरती का आवेदन प्राप्त हो सके । पंचायत सहायक को ₹6000 प्रतिमाह मानदेय मिलता है। इनका मुख्य कार्य ग्राम पंचायत के सचिवालय पर जन सेवा केंद्र का संचालन करना है। पंचायत सहायक उसी ग्राम पंचायत का निवासी होना चाहिए। जिस आरक्षण में ग्राम पंचायत आरक्षित है, उसी आरक्षण में  पंचायत सहायक का चयन होगा। पंचायत सहायक के अतिरिक्त कार्यों पर अलग से निर्धारित शुल्क प्राप्त होता है। पूर्ण भर्ती में बहुत ही योग्य पंचायत सहायक ग्राम पंचायत में नियुक्त हुए । रिक्त पदों पर भरती की  प्रक्रिया शुरू हुई है। सभी प्रधान और सचिव पूरी पारदर्शिता के साथ आवेदनों को प्राप्त कर जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में प्रेषित करेंगे। ग्राम पंचायत से प्राप्त आवेदनों पर गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा परीक्षण किया जाएगा, उसके पश्चात पात्र आवेदन पर जिलाधिकारी द्वारा नियुक्ति की संस्तुति दी जाएगी।  मथुरा, रिपोर्टर-(दुर्गा प्रसाद)।

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Jun 8, 2024

शपथग्रहण समारोह में ट्रांसजेंडरों और सफाई कर्मचारियों को भी न्योता

नई दिल्ली, 07 जून 2024 (यूटीएन)। लोकसभा चुनाव की रैलियों में महिलाओं के आगे सर झुकाकर नमन, अयोध्या में राम मंदिर बनाने वाले कारीगरों पर पुष्प वर्षा या फिर प्रयागराज में कुंभ आयोजन को सफल बनाने वाले कर्मचारियों का पैर धुलना हो, पीएम मोदी हमेशा लोगों और अपने विरोधियों को चौंकाते आए हैं। लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले नरेंद्र मोदी ने इस बार भी कुछ नया किया है। मोदी 3.0 के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में सेंट्रल विस्टा परियोजना पर काम करने वाले मजदूरों, ट्रांसजेंडरों, सफाई कर्मचारियों को भी न्योता भेजा गया है। साथ ही साथ सुरक्षा व्यवस्था भी काफी टाइट होने वाली है। सिक्योरिटी ऐसी रहेगी जिसके बाद एक परिंद भी पर नहीं मार पाएगा।   *कैसी होगी सुरक्षा जानिए* सूत्रों ने बताया कि 9 जून को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन जैसी ही सुरक्षा व्यवस्था होगी। मध्य दिल्ली की सुरक्षा के लिए खुफिया एजेंसियों और सशस्त्र बलों के साथ समन्वय में जमीन से हवा तक निगरानी की व्यवस्था की जा रही है। किसी भी खतरे से निपटने के लिए हर तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं। यह सुरक्षा इसलिए भी इतनी टाइट रखी जा रही है, क्योंकि इस शपथ ग्रहण समारोह में कई देशों के हुक्मरान शामिल होंगे। इसमें बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका दक्षिण एशियाई देशों के शासनाध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है।   *वीवीआईपी की सुरक्षा के ये इंतजाम* सुरक्षा के दो अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं उनके काफिले की आवाजाही और होटल तथा कार्यक्रम स्थल के बीच मार्ग की सुरक्षा। प्रत्येक गणमान्य व्यक्ति को एक कॉल साइन दिया जाएगा, जिसे समारोह की सुबह बताया जाएहा। इसका उपयोग काफिले की आवाजाही और राष्ट्रपति भवन तथा कर्तव्य पथ तक उनके मार्ग के समन्वय के लिए किया जाएगा। गुरुवार दोपहर दिल्ली पुलिस मुख्यालय में व्यवस्थाओं की बारीकियों पर चर्चा के लिए एक विस्तृत विचार-विमर्श सत्र आयोजित किया गया। चर्चाओं से अवगत एक डीसीपी रैंक के अधिकारी के अनुसार, बैठक के दौरान जी-20 के दौरान अपनाए गए उपायों को दोहराने का निर्णय लिया गया। अधिकारी ने कहा, 'इसका मतलब है कि प्रत्येक होटल में डीसीपी रैंक के स्थल कमांडर होंगे, जहां विदेशी राष्ट्राध्यक्ष ठहरेंगे। वे विशेष आयुक्त रैंक के जोनल/वर्टिकल कमांडरों को रिपोर्ट करेंगे।   खुफिया एजेंसियां अपने विदेशी समकक्षों के साथ समन्वय कर रही हैं, जो अपने-अपने गणमान्य व्यक्तियों की तत्काल सुरक्षा घेरे का निर्माण करेंगे। दिल्ली पुलिस आयोजन स्थलों और मार्गों को सुरक्षित बनाने के लिए उसे दी गई जानकारी पर काम कर रही है। प्रत्येक विदेशी नेता की खतरे की धारणा का व्यक्तिगत रूप से अध्ययन किया जा रहा है। घुसपैठ चेतावनी प्रणाली और मुद्रा पहचान से पुलिस को संदिग्ध गतिविधियों को पहचानने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी ने बताया, 'अगर कोई पुरुष या महिला दीवार फांदते हुए पकड़ा जाता है या असामान्य शारीरिक हरकतें जैसे रेंगना या लंगड़ाकर चलना या पीठ झुकाकर चलना आदि दिखाता है, तो एडवांस एआई-आधारित कैमरे और सॉफ्टवेयर अलार्म बजाएंगे और सुरक्षा को सचेत करेंगे।   *परिंदा पर भी नहीं मार पाएगा* होटल के कर्मचारियों की जांच और पृष्ठभूमि की जांच विशेष शाखा और सुरक्षा इकाई द्वारा की जा रही है और जी-20 के दौरान तैयार की गई सत्यापन रिपोर्टों का भी फिर से अध्ययन किया जा रहा है। प्रत्येक मंजिल के लिए कर्मचारियों का अलग-अलग समूह होगा और उनकी आवाजाही हर समय होटल की उसी मंजिल तक सीमित रहेगी। पुलिस और सुरक्षा कर्मियों के पास कम से कम दो कमरे होंगे जो नियंत्रण कक्ष के रूप में काम करेंगे। समारोह के दौरान राज्य की सीमाएँ सील रहेंगी, लेकिन मॉल, बाज़ार, स्मारकों और पूजा स्थलों पर त्वरित प्रतिक्रिया दल, कमांडो इकाइयाँ और विशेष वाहनों के साथ स्ट्राइक बलों द्वारा अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी।   *बिंदुवार समझिए पूरा सुरक्षा घेरा* > जी 20 सम्मेलन की तरह ही सुरक्षा व्यवस्था बनाई जा रही है। > विदेशी मेहमानों के ठहरने वाले होटलों की सुरक्षा दिल्ली पुलिस की सबसे बड़ी चिंता है। > कारों का आवागमन और रास्तों की सुरक्षा अहम ज़िम्मेदारी होगी। > ताज, मौर्य, लीला और ओबेरॉय - ये चार बड़े होटल कड़ी सुरक्षा के घेरे में होंगे। > हर होटल में डीसीपी रैंक के वरिष्ठ अधिकारी तैनात किए जाएंगे। > चारों स्पेशल कमिश्नरों को कुल मिलाकर जिम्मेदारी दी जाएगी। ये अधिकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो और सेना की यूनिटों के साथ मिलकर काम करेंगे। *जांच-पड़ताल और पहचान * >हर मंजिल के लिए अलग-अलग कर्मचारी होंगे। इन्हें हर समय उसी मंजिल पर रहना होगा, दूसरी मंजिलों पर जाने की इजाजत नहीं होगी। >सम्मेलन के दौरान होटल के कर्मचारियों के आने-जाने के लिए खास तरह से प्रोग्राम किए गए कार्ड इस्तेमाल किए जाएंगे। >होटल के सभी कर्मचारियों की जांच की जाएगी। इसके लिए जी20 सम्मेलन के लिए बने विशेष जांच फॉर्म और रिपोर्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। *चील जैसी पैनी निगरानी* >हर होटल में कम से कम एक कमरा सुरक्षा विभाग ले सकता है। इस कमरे को कंट्रोल रूम बना दिया जाएगा। >होटल के इस कंट्रोल रूम को पुलिस की केंद्रीय निगरानी प्रणाली सी4आई (कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटिंग और इंटेलिजेंस) से जोड़ा जाएगा। >होटल की छतों और आसपास की ऊंची इमारतों पर रात में देखने वाले दूरबीन से लैस स्नाइपर तैनात किए जाएंगे। ये स्नाइपर हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगे। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 7, 2024

शीर्ष चार मंत्रालय हाथ से नहीं जाने देना चाहेगी बीजेपी

नई दिल्ली, 07 जून 2024 (यूटीएन)। लोकसभा चुनाव के फाइनल नतीजों में जिस तरह से बीजेपी बहुमत से दूर रह गई, एनडीए में शामिल सहयोगी दलों ने मंत्रालयों को लेकर डिमांड तेज कर दी है। टीडीपी, जेडीयू और एनडीए के अन्य सहयोगी केंद्रीय मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पदों पर नजर गड़ाए हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, शुरुआती चर्चा में बीजेपी ने रक्षा मंत्रालय, वित्त विभाग, गृह और विदेश मंत्रालय पर अपनी दावेदारी जताई है। टीडीपी और जेडीयू दोनों ही दलों ने स्पीकर पद मांगा है, लेकिन कथित तौर पर बीजेपी इसके तैयार नजर नहीं आ रही।   *जेडीयू-टीडीपी ने रख दी अपनी डिमांड* चुनाव नतीजों में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू एनडीए में प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभरे हैं। इसी का फायदा उठाते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पदों की डिमांड रख दी है। उधर मोदी के नेतृत्व में बनने वाली नई सरकार अपने सहयोगियों को अहम मंत्रालय आसानी से नहीं देना चाहेगा। टीडीपी और जेडीयू जिनके पास क्रमशः लोकसभा की 16 और 12 सीटें हैं, सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अपने पसंदीदा मंत्रालयों की डिमांड बीजेपी आलाकमान के सामने रख दी है। यही नहीं उनकी निगाहें अपने पसंदीदा मंत्रालयों पर बनी हुई है। शुरुआती चर्चा के आधार पर सहयोगी दल हर चार सांसदों पर एक मंत्री की मांग कर रहे हैं।   *कैसे सभी को साधेंगे नरेंद्र मोदी* कथित तौर पर, टीडीपी चार कैबिनेट पदों की मांग कर रही है, जबकि जेडीयू तीन मंत्रियों की मांग कर रही है। इसके अतिरिक्त, 7 सीटों के साथ एकनाथ शिंदे की शिवसेना और पांच सीटों के साथ चिराग पासवान की एलजेपी को दो-दो मंत्रालय मिलने की उम्मीद है। चंद्रबाबू नायडू भी लोकसभा अध्यक्ष पद पर नजर गड़ाए हुए हैं, लेकिन बीजेपी इस मांग को स्वीकार करने को तैयार नहीं दिख रही है। टीडीपी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भी मांग कर सकती है।   *रक्षा, वित्त, गृह और विदेश मामलों अपने हाथ में रखेगी बीजेपी!* बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं, जो बहुमत से 32 सीटें कम हैं, मोदी 3.0 के लिए इन सहयोगियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। टीडीपी, जेडीयू, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के पास कुल मिलाकर 40 सांसद हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले दो मंत्रिमंडलों में, जहां बीजेपी ने अकेले ही बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया था, एनडीए के सहयोगी प्रमुख कैबिनेट पदों पर कब्जा नहीं कर सके थे। हालांकि, 2024 के रिजल्ट में बीजेपी स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। इसी के परिणामस्वरूप मंत्रिपरिषद में बीजेपी कोटे के मंत्रियों की संख्या कम हो सकती है और सहयोगी दलों के मंत्रियों की संख्या बढ़ जाएगी। हालांकि, यह संभावना कम ही है कि बीजेपी मुख्य मंत्रालयों पर समझौता करेगी। रक्षा, वित्त, गृह और विदेश मामलों के अलावा भाजपा बुनियादी ढांचा विकास, कल्याण, युवा मामले और कृषि से संबंधित मंत्रालय भी अपने पास रखना चाहेगी।   *रेल-सड़क भी अपने पास ही रखने की कोशिश* इसके अतिरिक्त, बीजेपी का दावा है कि पिछली एनडीए सरकारों के तहत रेलवे और सड़क परिवहन आदि में बड़े सुधार किए गए हैं। पार्टी इन्हें सहयोगियों को देकर सुधारों की गति को धीमा नहीं करना चाहती है। सूत्रों ने बताया कि रेलवे परंपरागत रूप से सहयोगी दलों के पास रहा है और बीजेपी ने काफी प्रयास के बाद इसे वापस अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया। बीजेपी पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्रालय जेडीयू को देने पर विचार कर सकती है, जबकि नागरिक उड्डयन और इस्पात जैसे विभाग टीडीपी को दिए जा सकते हैं। भारी उद्योग का प्रभार शिवसेना को दिया जा सकता है।   *टीडीपी-जेडीयू को मिल सकते हैं ये मंत्रालय* चर्चा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एनडीए के सहयोगियों को वित्त और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में राज्य मंत्री नियुक्त किया जा सकता है। पर्यटन, एमएसएमई, कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और सामाजिक न्याय और अधिकारिता जैसे अन्य मंत्रालय भी सहयोगी दलों को सौंपे जाने की संभावना है। चंद्रबाबू नायडू लोकसभा अध्यक्ष पद पर जोर देते रहेंगे तो बीजेपी उन्हें उपसभापति पद की पेशकश कर उन्हें मनाने की कोशिश कर सकती है। फिलहाल आखिरी फैसला जल्द होने के आसार हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 7, 2024

शपथ से पहले ही मोदी ने चीन की दुखती रग दबा दी, भड़क गया ड्रैगन.. तो अमेरिका ने समझा दिया

नई दिल्ली, 07 जून 2024 (यूटीएन)। मदर ऑफ डेमोक्रेसी यानि कि भारत. दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतंत्र भारत पर इस समय दुनियाभर की नजर है. लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को जीत मिली है. इसके बाद से ही दुनियाभर के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई भेज रहे हैं. फोन पर, ट्विटर पर या अन्य आधिकारिक संदेशों के जरिए पीएम मोदी को बधाई मिल रही है. खुद पीएम मोदी भी लगातार इस बात की पुष्टि अपने ट्विटर पर कर रहे हैं और वहीं पर भी कई राष्ट्राध्यक्षों का शुक्रिया कर रहे हैं. इसी बीच एक ऐसा गजब का वाकया हो गया कि चीन को मिर्ची लग गई. वह भी ताइवान के चक्कर में चीन का सिर चकरा गया.   *चीन चिढ़ गया.. अमेरिका ने समझा दिया* यह तब हुआ जब मोदी की जीत पर दुनियाभर के अन्य नेताओं की ही तरह ताइवान के राष्ट्रपति ने भी बधाई संदेश भेजा. सोशल मीडिया पर भेजे इस संदेश का शुक्रिया करते हुए मोदी ने रिप्लाई भी किया. मोदी ने लिखा कि वह भी ताइवान के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए उत्सुक हैं. बस फिर क्या था. चीन भड़क गया. भारत को अपनी वन चाइना पॉलिसी समझाने लगा. मामला बढ़ गया. अमेरिका भी इस बहस में कूद गया.   *क्या बातचीत हुई मोदी और ताइवानी नेता के बीच* असल में चिंग ते लाई पिछले महीने ही ताइवान के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा चुनाव में जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मेरी हार्दिक बधाई. हम तेजी से बढ़ती ताइवान-भारत साझेदारी को बढ़ाने, व्यापार, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए तत्पर हैं ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि में योगदान दिया जा सके. इस पोस्ट पर मोदी ने रिप्लाई किया. मोदी ने लिखा चिंग ते लाई आपके गर्मजोशी भरे संदेश के लिए धन्यवाद. मैं पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक और तकनीकी साझेदारी की दिशा में काम करते हुए और भी घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं.   *चीन ने आपत्ति में क्या कहा?* इसके बाद चीन ने इस पर आपत्ति जता दी. चीन ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा भारत को ताइवान के अधिकारियों की ‘‘राजनीतिक चालों’’ का विरोध करना चाहिए. चीन के मुताबिक ताइवान उसका एक विद्रोही किंतु अभिन्न प्रांत है और इसे चीन के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए भले ही इसके लिए बल प्रयोग क्यों न करना पड़े. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इन संदेशों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि चीन ने इस पर भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया है.   *बहस में अमेरिका ने चीन को समझा दिया..* उधर मामले पर भारत ने तो कोई अन्य प्रतिक्रिया नहीं दी. लेकिन अमेरिका ने चीन को जरूर समझा दिया. एक सवाल के जवाब में चीन की आपत्ति पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दो विदेशी नेताओं का एक दूसरे को इस प्रकार के बधाई संदेश देना राजनयिक शिष्टाचार का हिस्सा है. विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं कहूंगा कि इस तरह के बधाई संदेश राजनयिक शिष्टाचार का हिस्सा हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 7, 2024

अगले 10 साल एनडीए की सरकार रहेगी: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 07 जून 2024 (यूटीएन)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। इस दौरान उन्होंने बैठक में मौजूद सभी गणमान्य जनों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ''मैं बहुत जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं, एनडीए सरकार में हम अगले 10 साल में सुशासन, विकास, जीवन की गुणवत्ता और मेरा व्यक्तिगत सपना है। मैं लोकतंत्र की समृद्धि के बारे में सोचता हूं तो मानता हूं कि मध्यम वर्ग के जीवन में सरकार की दखल जितनी कम हो, उतना अच्छा है। आज के तकनीक के दौर में हम यह कर सकते हैं। हम विकसित भारत के सपने को साकार करके रहेंगे।   विस्तार से कहूं तो सदन में किसी भी दल का कोई भी प्रतिनिधि होगा, मेरे लिए सब बराबर हैं। जब मैं सबका प्रयास करता हूं तो सदन में भी सब बराबर हैं। यह भी भाव है, जिसके कारण 30 साल से एनडीए आगे बढ़ा है। सबको गले लगाने में हमने कोई कमी नहीं रखी है। हमने 2024 में जिस टीम भावना से काम किया है और जमीनी स्तर पर किया है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ तस्वीरों के लिए नेताओं ने हाथ हिलाए और फिर तुम तुम्हारे रास्ते और हम हमारे रास्ते। हमने वाकई एकदूसरे का सहयोग किया है। हर किसी ने यही सोचा कि जहां कम, वहां हम। मैं कह सकता हूं कि हमारा 10 साल का अनुभव है। भारत के हर क्षेत्र और हर नागरिक की आकांक्षा और राष्ट्र की आकांक्षाओं के बीच अटूट नाता होना चाहिए। बीच से हवा न गुजर सके, ऐसा जुड़ाव होना चाहिए।   *दक्षिण और जय जगन्नाथ का जिक्र करना नहीं भूले कहा- ओडिशा में 25 साल विकास यात्रा चलेगी* पीएम मोदी ने कहा, ''दक्षिण भारत में एनडीए ने एक नई राजनीति की नींव मजबूत की है। कर्नाटक और तेलंगाना को देखिए। अभी-अभी तो वहां सरकारें बनी थीं। पलभर में ही लोगों का भम्र टूट गया और एनडीए को गले लगा लिया। तमिलनाडु की टीम को भी बधाई देना चाहता हूं। वहां हमारा एनडीए समूह बढ़ा भी है। कइयों को पता था कि शायद सीटें न जीत पाएं, लेकिन फिर कहते रहे कि हम साथ रहेंगे। आज तमिलनाडु में भले ही हम सीट नहीं जीत पाए, लेकिन जिस तेजी से एनडीए का वोट शेयर बढ़ा है, वह साफ-साफ कह रहा है कि कल में क्या लिखा हुआ है। केरल में हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बलिदान किया है। इतना जुल्म विचारधारा रखने वालों पर हुआ होगा, तो वह केरल में हुआ है।   लेकिन हम परिश्रम की पराकाष्ठा में पीछे नहीं रहे। पीढ़ियां खपा दीं। और आज केरल से संसद में हमारा पहला प्रतिनिधि आ गया। अरुणाचल में लगातार हमारी सरकार बनती रही है। आंध्र में ऐतिहासिक रूप में सर्वोच्च सीटें मिली हैं... और ये पवन, ये पवन नहीं आंधी है। आंध्र ने इतना बड़ा जनमत हमारे लिए दिया है। महाप्रभु जगन्नाथ जी को याद करता हूं तो हमेशा याद करता हूं कि ये गरीबों के देवता हैं। वहां जो क्रांति-रूप परिणाम आया है, उसे देखकर कह सकता हूं कि विकसित भारत का जो सपना है, आने वाले 25 साल महाप्रभु जगन्नाथ जी की कृपा से ओडिशा देश की विकास यात्रा के ग्रोथ इंजन में से एक होगा।   *'महिलाओं के नेतृत्व में विकास'* उन्होंने कहा कि नारी शक्ति की भागीदारी हमारा कमिटमेंट है। वह दिन दूर नहीं होगा, जब सदन में माताएं-बहनें ज्यादा संख्या में नेतृत्व करती दिखाई देंगे। हमने महिलाओं को सबसे ज्यादा टिकट देने वाल पार्टी रहे हैं। हम जी-20 समिट से भी इस बात को आगे बढ़ा रहे हैं- महिलाओं के नेतृत्व में विकास।   *'एनडीए का यह कार्यकाल बड़े फैसलों और तेज विकास का'* पीएम ने कहा कि एनडीए का यह कार्यकाल बड़े फैसलों और तेज विकास का है। हम समय नहीं गंवाना चाहते। हम पांच नंबर से तीन नंबर की अर्थव्यवस्था पर पहुंच रहे हैं। यह खाली पांच-तीन का आंकड़ा नहीं है। इससे अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा, उससे सरलता बढ़ेगी, देश की जरूरतें पूरी करने का सामर्थ्य बढ़ेगा। राज्यों का सहयोग भी इसमें उतना ही महत्वपूर्ण रहेगा। मेरा आग्रह है कि प्रतिस्पर्धी सहयोगात्मक संघवाद। हम अच्छा करने की स्पर्धा करें। जी-20 समिट हम एक जगह से कर सकते हैं, लेकिन हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठकें हुईं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 7, 2024

हम हारे कहां से भाई, ये एनडीए की महाविजय; जीत पचाना जानते हैं: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 07 जून 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का नेता चुने जाने के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संसदीय दल को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एनडीए सरकार को सबसे सफल गठबंधन बताया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष और उनके इंडी गठबंधन को जमकर घेरा। उन्होंने ईवीएम को लेकर भी विपक्षी गठबंधन को जमकर खरी-खोटी सुनाई।   *ये लोग ईवीएम की अर्थी निकालने की तैयारी में थे* पीएम मोदी ने कहा, ''जब चार जून के नतीजे आए तो मैं काम में व्यस्त था। बाद में फोन आना शुरू हुए। मैंने कहा कि ये आंकड़े तो ठीक हैं, ये बताओ कि  ईवीएम जिंदा है या मर गया? क्योंकि ये लोग तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र और लोकतंत्र की प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा दिया जाए। ये लगातार ईवीएम को गाली देते रहे। ये ईवीएम की अर्थी निकालने की तैयारी में थे। शाम आते-आते उनकी जुबान में ताले लग गए और ईवीएम ने उन्हें चुप करा दिया। यह ताकत लोकतंत्र और चुनाव आयोग की है।   आशा करता हूं कि पांच साल ईवीएम नहीं सुनाई देगा, लेकिन 2029 में हम जाएं तो शायद ये फिर ईवीएम कहने लगेंगे। चुनाव में हर तीसरे दिन सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए गए ताकि चुनाव आयोग के काम में रुकावट आए। कैसे रुकावट डालें, इसका प्रयास करते रहे। चुनाव जब चरम पर थे, तब चुनाव आयोग की ताकत का बड़ा हिस्सा अदालतों में जा रहा था। कितनी निराशा था उन लोगों में। देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।   *ये विदेश में जाकर कहते हैं कि यहां लोकतंत्र नहीं है* उन्होंने कहा, ''इंडी गठबंधन वाले जब ईवीएम का जिक्र करते थे तो मैं इसे चुनाव के रूप में नहीं देखता। मैं मानता हूं कि ये तीसरी शताब्दी के लोग हैं। ये तकनीक को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। जब हम यूपीआई लेकर आए, तब ये मानने को तैयार नहीं हुए। आधार देश की पहचान है, कई देश ऐसी व्यवस्था चाहते हैं। इन्होंने इसका भी विरोध किया। इंडी गठबंधन तकनीक का विरोधी है। विश्व में भारत के लोकतंत्र की ताकत को कम आंकने की प्रयास होते हैं। मैं ढिंढोरा पीटता हूं कि हमारे यहां लोकतंत्र है, ये विदेश में जाकर कहते हैं कि यहां लोकतंत्र नहीं है, मोदी आकर बैठ गया है। ये लोग भारत को बदनाम करने का षड्यंत्र करते हैं। अब लगता है कि दुनिया भी हमारे लोकतंत्र की ओर आकर्षित होगी।   *ये नतीजे एनडीए की महाविजय है* पीएम मोदी ने कहा, ''जब 1 जून को मतदान प्रक्रिया पूरी हुई और 4 जून को नतीजे आए। उसके बीच योजनाबद्ध तरीके से देश को हिंसा की आग में झोंकने का काम हुआ। आप पहले भारत की लोकतंत्र व्यवस्था का अनादर करते हैं, फिर आग लगाने की बात करते हैं। उन्होंने लगातार देश को बांटने का प्रयास किया। ये नतीजे एनडीए की महाविजय है। आपने देखा कि दो दिन सब कैसे चला। जैसे हम हार चुके हैं, हम तो गए। उन्हें असल में अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना था तो काल्पनिक बातें कीं।   गठबंधन के इतिहास में आंकड़ों के हिसाब से देखें तो यह गठबंधन की सबसे मजबूत सरकार है। देशवासी जानते हैं कि न हम हारे थे, न हारे हैं, लेकिन 4 जून के बाद हमारा जो व्यवहार रहा है, वह हमारी पहचान बताता है कि हम विजय को पचाना जानते हैं। हम जानते हैं कि विजय की गोद में उन्माद पैदा नहीं होता और न ही पराजित लोगों का उपहास करने के हमारे संस्कार हैं।   *हम हारे कहां से भाई, कांग्रेस की तीन चुनाव में कुल सीटें भी हमसे कम * उन्होंने कहा, ''किसी भी बच्चे से पूछो कि लोकसभा चुनाव से पहले किसकी सरकार थी, वह कहेगा एनडीए। नतीजों के बाद किसकी सरकार बनी, वह कहेगा एनडीए। तो हारे कहां से भाई? पहले भी एनडीए, आज भी एनडीए, कल भी एनडीए। 10 साल बाद भी कांग्रेस सौ के आंकड़े को पार नहीं कर पाई। अगर मैं 2014, 2019, 2024 के तीन चुनाव को जोड़ू तो उन्हें जितनी कुल सीटें इन चुनावों में मिली हैं, उससे ज्यादा सीटें हमें इस चुनाव में मिली हैं। इंडी गठबंधन वालों को अंदाज नहीं है। वे पहले तो डूब रहे थे, अब वे तेज गति से गर्त में जाने वाले हैं।   *उनमें संस्कार आएं, इसके लिए हमें और इंतजार करना पड़ेगा* उन्होंने कहा, ''इंडी गठबंधन वाले देश के सामान्य नागरिकों की समझ को नहीं समझना चाहते। भारत के सामान्य व्यक्ति की भी एक समझ है। जो जमीन से जुड़ा रहता है, वह समझ को पहचानता है। ये लोग वहां नहीं हैं। इन लोगों का 4 जून के बाद जो व्यवहार रहा है, मैं आशा करता था कि वे लोकतंत्र का सम्मान करेंगे, लेकिन शायद उनमें यह संस्कार आएं, इसके लिए हमें और इंतजार करना पड़ेगा। ये वो लोग हैं, जो अपने प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं करते थे, कागज फाड़ देते थे। मैं क्वालिटी डिबेट को मिस कर रहा था, लगता है कि अब वह कमी नहीं खलेगी। भले ही वो विपक्ष में हैं, लेकिन वे राष्ट्र के विपक्ष नहीं हैं। वे हमारे विपक्ष में हैं। राष्ट्र में हमारा कोई पक्ष-विपक्ष नहीं है। ये 2024 का जनादेश एक बात को बार-बार मजबूती दे रहा है कि देश को आज के वातावरण में सिर्फ और सिर्फ एनडीए पर ही भरोसा है।   *नाम बदल लिया, लेकिन उनकी पहचान घोटालों की है* पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए ने अपनी छवि सुधारने के लिए नाम बदल दिया, लेकिन पहचान घोटालों की है। नाम बदलने के बाद भी देश उनके घोटालों को नहीं भूला, उन्हें नकारा है। इंडी गठबंधन के एक व्यक्ति का विरोध करने के एक सूत्रीय एजेंडे के कारण जनता ने उन्हें फिर से विपक्ष में बैठा दिया है। एनडीए विकसित भारत के संकल्प और सकारात्मक सोच को लेकर चुनाव में गया था, जबकि हमारे सामने जो लोग थे, वे भम्र फैलाने, झूठ फैलाने का काम करता था।   नामांकन में जाएंगे तो भी देखेंगे कि हमारा एक-एक दृश्य देखिए और उनका एक-एक दृश्य देखिए। तस्वीरें खींचने आ गए, गठबंधन का एलान कर दिया, लेकिन कितने राज्यों में आपस में लड़ते रहे। अब कह रहे हैं कि गठबंधन तो सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था। बिखराव शुरू हो चुका है। वे सिर्फ सत्ता-सुख के लिए एकदूसरे का साथ देने की कोशिश कर रहे थे।   *कांग्रेस के दफ्तरों पर लोग कतार लगाकर खड़े हैं* उन्होंने कहा, ''ये लोग झूठ बोलते रहे हैं। चुनाव के समय उन्होंने नागरिकों को गुमराह करने के लिए पर्चियां बांटीं। दो दिन से देख रहा हूं कि कांग्रेस के दफ्तरों पर लोग कतार लगाकर खड़े हैं कि ये पर्ची है, एक लाख रुपया लाओ। यानी आपने जनता की आंखों में कैसे धूल झोंकी? अब उन्हें धक्का मारा जा रहा है। यह देश के गरीबों का अपमान है। देश ऐसी हरकतों को न भूलता है, न माफ करता है। हमारे लिए यह संतोष की बात है कि हमने कमिटमेंट से काम किया। 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Jun 7, 2024

स्वास्थ्य क्षेत्र में भविष्य को बेहतर बनाने के लिए आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने खंडाका अस्पताल के साथ करा एमओयू

जयपुर,07 जून 2024 (यूटीएन)। देश के अग्रणी स्वास्थ्य प्रबंधन अनुसंधान विश्वविद्यालय, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने कृशिव हेल्थकेयर (खंडाका अस्पताल), जयपुर के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। खंडाका अस्पताल अपनी व्यापक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पहचाना जाता है। यह समझौता 5 साल की अवधि के लिए प्रभावी होगा। इसके तहत, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के स्नातकोत्तर छात्रों और शोध विद्वानों को इंटर्नशिप, शोध प्रबंध और प्रैक्टिकल के लिए प्रशिक्षण के और अधिक अवसर मिल सकेंगे। इस तरह विद्यार्थियों के पेशेवर विकास को बढ़ाया जा सकेगा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उन्हें महत्वपूर्ण व्यावहारिक अनुभव हासिल होगा। पूरी तरह सोच-समझकर तैयार किया गया यह समझौता आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में अपने छात्रों और शोध विद्वानों के शैक्षणिक और व्यावहारिक अनुभवों को बढ़ाना है। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी की ओर से डॉ. पी आर सोडानी ने और कृशिव हेल्थकेयर (खंडाका अस्पताल) की ओर से मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. के जी कुमावत ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी आर सोडानी ने इस सहयोग के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘इस तरह की महत्वपूर्ण साझेदारी हमारे विश्वविद्यालय के मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाती है। हमारा प्रयास है कि हमारे छात्रों को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बेहतर व्यावहारिक अनुभव और शोध के अवसर मिल सकें। हमें विश्वास है कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से विद्यार्थियों के अनुभव में महत्वपूर्ण प्रगति होगी और वे स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन की बेहतर समझ विकसित कर सकेंगे। जयपुर-रिपोर्टर,(नरेंद्र आर्य) |

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Jun 7, 2024

It’s only fun and laughter, nothing serious Bhakhtyar Irani on his podcast, Chuddy Buddy

Mumbai, 07 June 2024 (UTN). Bhakhtyar Irani, who was last seen in Tere Ishq Mein Ghayal, has started a podcast called Chuddy Buddy. He is inviting actors from the industry who are friends and asking them fun questions. He came up with the idea of the show with his friend Ali Asgar, and he said the whole idea of the show is for the guests to have fun and nothing serious. He said, “There has always been a podcast with one person.   'What do you think your career moves are? You did this, you did that. What do you think about this? What do you think about that?' So there is one mic, one host, and the person giving the interview. Now, different people have different podcasts. This is a unique podcast. It's something where they have been given mics; they need to answer, but they also play Dumb Charades. Answer through gestures; find answers through your gestures.”  On the podcast, which food they like, which color they prefer—those scrapbook-style questions are not in our show.    We provide situations like, for example, if Tanaz has a kilogram of cake at night and she has sex, what will she choose? So, Kashmira Shah answers, 'She will choose one kilogram of cake.' And we had already asked Tanaz all the questions beforehand, and the answer was right.  So, how well do they know each other? So in our show, there is fun and laughter, but not some serious moments. Not about career, family, or any gossip,” he added. He further said that they realized that their content on Instagram is mostly comedy, and it should reflect in their show.    “So in those fifteen to twenty minutes, someone watching our show will laugh and ask their friend these four questions and will also make notes. In their minds, they'll wonder, How much does this guy really know about me? So, these are the questions that they would ask. like how I just wanted everyone, like young stars, to play 'Koffee with Karan with each other,' like the rapid fire round and all the jazz. We don't have anything like that. We have situations, fun; it's a different kind of podcast because they dance, they have fun, they act standing.“      “It is a totally different podcast than the normal podcast. In a fifteen-minute show, these people are standing for ten minutes; that's how it is. So, we're looking at friendship in the industry. So we have selected celebrities who are friends, and if, for example, we selected Sherlyn Chopra, we talked to her, and we asked her if she doesn't have any friends, then she said, 'In the industry, there is nothing like friendship,' so we had to ask her questions, and how she answered, what she answered, you will get to know in the episode,” he ended.   Mumbai-Reporter, (Hitesh Jain).

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Jun 7, 2024