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पर्यटन के लिए विकसित होगा लाक्षागृह: डा राजकुमार सांगवान

बिनौली, 21 सितंबर 2024 (यूटीएन)। बरनावा के लाक्षागृह स्थित महानंद संस्कृत गुरुकुल में गांधी धाम समिति के तत्वाधान में ब्रह्मर्षि कृष्णदत्त महाराज के 82 वें जन्मोत्सव पर दो दिवसीय सामवेद पारायण यज्ञ शुक्रवार को पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर कई प्रांतों से आए सैकडों श्रद्धालुओं ने आहुति देकर राष्ट्र कल्याण की कामना की।    समारोह में वैदिक विद्वान प्रधानाचार्य अरविंद शास्त्री ने वेदोपदेश देते हुए कहा कि, ब्रह्मर्षि कृष्णदत्त महाराज के दिए प्रवचनों का दिव्य ज्ञान हम सबके लिए प्रेरणाप्रद है। उनकी कीर्ति और यश आज भी चहुंओर फैली है। संसार मे जितने भलाई व उपकार के कार्य हैं, उन सबको को जोड़कर चलने को ही यज्ञ कहते हैं। परमपिता परमेश्वर ही यज्ञ का कर्ता है।    यज्ञ के ब्रह्म आचार्य गुरुवचन शास्त्री ने कहा कि, हमे विचार पूर्वक आगे बढ़ना चाहिए, तभी हमें सही दिशा व राह मिलेगी। आयोजन में पहुंचे रालोद सांसद डा राजकुमार सांगवान ने कहा कि , लाक्षागृह हमारी प्राचीन विरासत है, जिसको पर्यटन स्थल के लिए रूप में विकसित कराया जाएगा, जिसके लिए उन्होंने प्रयास शुरु किए हैं।   स्कृत गुरुकुल की समस्याओं का भी जल्द समाधान कराया जाएगा। गांधी धाम समिति के पदाधिकारियों ने सांसद को शाल व ऋषि साहित्य देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर आचार्य विनोद कुमार, देवेंद्र शास्त्री, शोदान शास्त्री, यशोधर्मा सोलंकी, राजपाल त्यागी, राहुल त्यागी शिवकुमार, संजीव मुलसम, विजय कुमार, अरुण त्यागी, साधना सोलंकी आदि मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Sep 21, 2024

खंभा लगाने के लिए रिश्वत नहीं दी, तो गड्ढा ही खुला छोड़ दिया, 5 वर्षीय बालक गिर कर हुआ घायल

बालैनी, 21 सितंबर 2024 (यूटीएन)। क्षेत्र के रोशनगढ़ गांव मे बिजली का खंभा लगाने के लिये खोदे गए गड्ढे मे गिरने से एक बच्चा हुआ घायल। ग्रामीणो ने आरोप लगाया कि, खंभा लगाने के लिये कर्मचारी पैसे की मांग कर रहे हैं, ना देने पर उन्होने अभी तक खंभा नही लगाया, जिससे यह दुर्घटना घटी।   क्षेत्र के रोशनगढ़ गांव मे बिजली विभाग द्वारा एक सप्ताह पहले बिजली का खंभा लगाने के लिये गड्ढा खोदा गया था, जो उघडा हुआ छोड दिया गया। ग्रामीण अनिल, राजू, शंकर,पवन और दीपक ने आरोप लगाया कि, बिजली कर्मचारी खंभा लगाने के लिये पैसे की मांग कर रहे हैं, उन्होने नही दिए, तो अभी तक खंभा नहींं लगाया, जिसके चलते गड्ढा खुदा हुआ पड़ा है।    बताया कि, शुक्रवार की सुबह 5 वर्षीय टोनी पुत्र दीपक उस गड्ढे मे गिरकर घायल हो गया । ग्रामीणो ने इसके बाद बिजली विभाग के खिलाफ हंगामा किया और इनकी शिकायत आलाधिकारियो से करने की बात कही। जेई गजेंद्र का कहना है कि, गांव के ग्रामीण ही खंभा लगाने का विरोध कर रहे हैं, जल्द ही उनसे बात कर करके उसे लगवा दिया जाएगा।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Sep 21, 2024

गनीमत: थाना प्रभारी निरीक्षक के आफिस की छत गिरने के समय कक्ष में कोई नहींं था

बालैनी, 21 सितंबर 2024 (यूटीएन)। एक सप्ताह से लगातार हुई बारिश के चलते बालैनी थाने के प्रभारी निरीक्षक के ऑफिस की छत गिरी। गनीमत यह रही कि, उस समय ऑफिस मे कोई मौजूद नहीं था। ऑफिस की छत गिरते ही थाने में अफरा तफरी मच गई । बालैनी थाने की बिल्डिंग के जर्जर हालत मे होने के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के चलते जगह जगह लोगों को बहुत सी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है। वही गुरुवार को बारिश के चलते बालैनी थाने के प्रभारी निरीक्षक के ऑफिस की छत भरभराकर गिर गई।   गनीमत यह रही कि, उस समय ऑफिस मे कोई मौजूद नहीँ था । बता दें कि, बालैनी थाने की बिल्डिंग 100 साल से भी ज्यादा पुरानी है और अधिकतर बिल्डिंग जर्जर हालत में है, जिसके चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है जर्जर बिल्डिंग के चलते थाने मे तैनात पुलिसकर्मियो में भी दहशत व्याप्त है। प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि थाने की बिल्डिंग का प्रपोजल बनाकर मांगा गया था, जो भेज दिया गया है, जल्द ही नई बिल्डिंग बनने का कार्य शुरू हो जाएगा।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Sep 21, 2024

उपराष्ट्रपति की नसीहत:आईएएस-आईपीएस बनने का 'मोह' छोड़ दीजिए

नई दिल्ली, 16 अगस्त 2024 (यूटीएन)। अखबारों के पन्ने कोचिंग सेंटरों के विज्ञापनों से भरे रहते हैं. हर पन्ने पर वही चेहरे नजर आते हैं. अलग-अलग कोचिंग सेंटर एक ही चेहरे को अपने विज्ञापनों में दिखाते हैं. इन विज्ञापनों का खर्च तो उन युवाओं और युवतियों के पास से आया है जो कड़ी मेहनत से तैयारी कर रहे हैं... सिविल सर्विस की नौकरियों के मोह से बाहर आइए. अन्य क्षेत्रों में 'आकर्षक' मौके हैं, वहां प्रयास कीजिए.' युवाओं को यह नसीहत दी है उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने. वह दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पीजी बैच के 'इंडक्शन' में स्टूडेंट्स से मुखातिब थे.   समाचार पत्रों में 'कोचिंग सेंटर के विज्ञापनों की भरमार' की ओर इशारा करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने शुक्रवार को सिविल सेवाओं के प्रति छात्रों के 'मोह' पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, '... अब, मुझे समाचार पत्रों में कुल मिलाकर कोचिंग सेंटर के विज्ञापनों की भरमार मिलती है ... पेज एक, पेज दो, पेज तीन... उन लड़कों और लड़कियों के चेहरों से भरे हुए रहते हैं जिन्होंने सफलता हासिल की होती है. एक ही चेहरे का उपयोग कई संस्थानों द्वारा किया जा रहा है.   *सिविल सेवा के मोह से बाहर निकलें'* धनखड़ ने कहा, 'इन विज्ञापनों की भरमार को देखें लागत और एक-एक पैसा उन युवा लड़कों और लड़कियों के पास से आया है, जो अपने लिए भविष्य सुरक्षित करने की कोशिश में हैं.' उपराष्ट्रपति ने युवाओं से कहा कि वे अन्य क्षेत्रों में भी अवसरों की तलाश करें. उन्होंने कहा, 'समय आ गया है, आइए, हम सिविल सेवा की नौकरियों के मोह से बाहर आएं. हम जानते हैं कि अवसर सीमित हैं, हमें दूसरी आरे भी देखना होगा और यह खोजना होगा कि अवसरों के विशाल परिदृश्य कहीं अधिक आकर्षक हैं जो आपको बड़े पैमाने पर (राष्ट्र के लिए) योगदान करने में सक्षम बनाते हैं.   उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे स्वार्थ को देश के हित से ऊपर रखने वाली ताकतों को किनारे लगाएं और उन्हें निष्प्रभावी करें. वह यूनिवर्सिटी में बौद्धिक संपदा कानून और प्रबंधन में संयुक्त स्नातकोत्तर व एलएलएम डिग्री के पहले बैच के ‘इंडक्शन’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Aug 16, 2024

1906 से 1947 तक तिरंगे में हुए कई बदलाव, आखिर कब मिला देश के राष्ट्रीय ध्वज को अंतिम स्वरूप

नई दिल्ली, 14 अगस्त 2024 (यूटीएन)। इस साल देश 15 अगस्त 2024 को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इसके साथ ही गुरुवार को औपनिवेशिक ब्रिटिश शासन से आजादी के 77 साल पूरे हो जाएंगे। इस साल के स्वतंत्रता दिवस समारोह की थीम 'राष्ट्र प्रथम, हमेशा प्रथम है', जो आजादी का अमृत महोत्सव समारोह का एक हिस्सा है।    15 अगस्त 1947 से ही भारत का हर प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराता आया है। लाल किले से पहली बार तिरंगा देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने फहराया था और वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से 15 अगस्त 2024 लगातार 11वीं बार तिरंगा फहराएंगे।   *तिरंगे का हरेक रंग अर्थपूर्ण* हमारे तिरंगे में खास बात यह है की इसका हरेक रंग अर्थपूर्ण है और इसके साथ ही अपने आप में आजादी के लड़ाई का इतिहास समेटे हुए है। हर देश के लिए उसका राष्ट्रीय ध्वज सर्वोपरि होता है और हमारा तिरंगा भी लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के लिए आत्मसम्मान का प्रतीक रहा है। यहां तक की हमारे तिरंगे के डिजाइन की कहानी ऐसे ही एक आजादी के मतवाले के आत्मसम्मान से जुड़ी हुई है।   *भारतीय स्वतंत्रता यात्रा का प्रतीक है तिरंगा* हमारा राष्ट्रीय झंडा यानी तिरंगा भारतीय स्वतंत्रता यात्रा का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। तिरंगे में खास बात यह है की इसका हरेक रंग अर्थपूर्ण है और इसके साथ ही यह अपने आप में आजादी के लड़ाई का इतिहास समेटे हुए है। हर देश के लिए उसका राष्ट्रीय ध्वज सर्वोपरि होता है और हमारा तिरंगा भी लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के लिए आत्मसम्मान का प्रतीक रहा है। तिरंगा तीन रंगों- केसरिया, सफेद और हरे रंग से बना है और इसके केंद्र में नीले रंग से बना अशोक चक्र है। यहां हम आपको बताएंगे कि तिरंगे का वर्तमान स्वरूप कैसे विकसित हुआ। साथ ही हम इसके इतिहास के बारे में भी जानेंगे।   *साल 1906 में की गई थी राष्ट्रीय ध्वज की कल्पना* भारत के राष्ट्रीय ध्वज की कल्पना साल 1906 में की गई थी। भारत का पहला गैर आधिकारिक ध्वज 7 अगस्त 1906 को कोलकाता के पास बागान चौक में कांग्रेस के अधिवेशन में फहराया गया था। यह ध्वज स्वामी विवेकानंद की शिष्या भगिनी निवेदिता द्वारा तैयार किया गया था। इस ध्वज में हरे, पीले व लाल रंग की तीन आड़ी पट्टियां थीं।   *1917 में एनी बेसेंट और तिलक ने नया फहराया झंडा* साल 1917 में होम रूल मूवमेंट के दौरान एनी बेसेंट और बाल गंगाधर तिलक ने एक और झंडा फहराया। इस झंडे में चार बारी-बारी से लाल और हरे रंग की पट्टियां थीं और सप्तऋषि के आकार में सात सितारे थे। ऊपरी दाएं कोने में एक सफेद अर्धचंद्र और सितारा था, जबकि बाएं कोने में यूनियन जैक था।   *पिंगली वैंकेया ने महात्मा गांधी को नया डिजाइन दिखाया* असहयोग आंदोलन के दौरान एक बार फिर राष्ट्रीय ध्वज पर विचार की जरूरत महसूस की गई। साल 1921 के कांग्रेस के विजयवाड़ा अधिवेशन में आंध्र प्रदेश के पिंगली वैंकेया ने महात्मा गांधी के सामने एक नए ध्वज का डिजाइन पेश किया। इस झंडे में लाल सफेद और हरे रंग की दो पट्टियां थीं, जोकि हिन्दू-मुस्लिम एकता की प्रतीक मानी गईं। झंडे के बीच में एक चरखा रखा गया था, जो स्वराज और आत्मनिर्भरता के विचार का प्रतीक था।   *1947 में संविधान सभा ने वर्तमान झंडा अपनाया* साल 1931 में पिंगली वेकैंया के झंडे में बदलाव किया और लाल रंग की जगह झंडे में केसरिया रंग ने ले ली। इसके साथ ही झंडे में कई बार बदलाव होने के बाद जुलाई 1947 में संविधान सभा ने औपचारिक रूप से स्वतंत्र भारत का नया झंडा अपना लिया। पिंगली वेकैया के 1931 के झंडे में बदलाव किया गया, जिसमें चरखे की जगह चक्र को शामिल किया गया। इसी झंडे का नाम तिरंगा रखा गया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Aug 14, 2024

भारत नामीबिया में उद्यमिता विकास केंद्र स्थापित करेगा

नई दिल्ली, 14 अगस्त 2024 (यूटीएन)। भारत नामीबिया में अपना अगला उद्यमिता विकास केंद्र स्थापित करने के लिए तैयार है, जो अफ्रीकी देशों के साथ अपने शैक्षिक सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह घोषणा पुनीत आर. कुंडल, अतिरिक्त सचिव (पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका प्रभाग) द्वारा अफ्रीकी मिशन प्रमुखों के साथ “आईआईटी-मद्रास सहयोग के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक पहुंच का विस्तार” विषय पर आयोजित फिक्की संवाद में की गई। यह पहल 2022 में रवांडा में भारत द्वारा उद्यमिता विकास केंद्र के सफल कार्यान्वयन पर आधारित है, जिसका उद्देश्य उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देना और नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी प्रदाता बनाना है।    "हम अब नामीबिया में अगला उद्यमिता विकास केंद्र बनाने के लगभग अंतिम चरण में हैं। "हमें जल्द ही समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने चाहिए।" यह विकास अफ्रीका में अपने शैक्षिक पदचिह्न का विस्तार करने के लिए भारत की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो अफ्रीकी संघ द्वारा 2024 को शिक्षा वर्ष के रूप में नामित करने के साथ संरेखित है। भारत विभिन्न पहलों के माध्यम से पूरे महाद्वीप में शिक्षा का सक्रिय रूप से समर्थन कर रहा है, जिसमें भारतीय विश्वविद्यालयों में 25,000 से अधिक अफ्रीकी छात्रों की मेजबानी करना और ई-विद्या भारती मंच के माध्यम से लगभग 27,000 छात्रों को दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम प्रदान करना शामिल है। अफ्रीका में भारत की शैक्षिक पहुंच पारंपरिक शैक्षणिक कार्यक्रमों से परे है।   देश ने विशेष संस्थानों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे कि युगांडा में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर, अफ्रीका में खुद को स्थापित करने वाला पहला भारतीय सार्वजनिक विश्वविद्यालय। इसके अतिरिक्त, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास ने तंजानिया के ज़ांज़ीबार में एक परिसर खोला है। अतिरिक्त सचिव ने केन्या के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान इग्नू और केन्या के मुक्त विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया, "हम केन्या भर में अध्ययन केंद्र स्थापित करके उस समझौता ज्ञापन को साकार करने की प्रक्रिया में हैं, और हम अन्य इसमें शामिल देश।" उन्होंने सहयोग बढ़ाने के लिए चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसमें त्रिपक्षीय सहयोग समझौते के हिस्से के रूप में केन्या भर में अध्ययन केंद्रों को वित्तपोषित करने के लिए यूएसएआईडी और यूएसडीएफसी के साथ चर्चा शामिल है।   ये पहल एक महत्वपूर्ण समय पर आई है, क्योंकि वैश्विक मंच पर अफ्रीका का जनसांख्यिकीय महत्व नाटकीय रूप से बढ़ने वाला है। श्री कुंडल ने कहा, "1950 में, दुनिया की 10% आबादी अफ्रीका में रहती थी। 2050 में, यह संख्या बढ़कर 25% हो जाएगी," उन्होंने महाद्वीप पर मजबूत शैक्षिक बुनियादी ढांचे की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया। भारत-अफ्रीका संबंधों को मजबूत करने में शिक्षा के महत्व पर भारत में मोजाम्बिक गणराज्य के उच्चायुक्त और भारत में अफ्रीकी समूह प्रमुखों के डीन महामहिम एर्मिंडो ऑगस्टो फेरेरा ने और जोर दिया। अपने संबोधन में, फेरेरा ने शिक्षा को एक परिवर्तनकारी शक्ति और भारत और अफ्रीका के बीच एक मजबूत पुल के रूप में उजागर किया। फेरेरा ने कहा, "शिक्षा में निवेश करके और अपने शैक्षिक संबंधों को मजबूत करके, हम एक ऐसा भविष्य बना सकते हैं, जहाँ अफ्रीका और भारत एक साथ साझेदार के रूप में खड़े हों और साझा लक्ष्यों और साझा समृद्धि की दिशा में काम करें।"    उन्होंने क्षमता निर्माण, छात्र गतिशीलता, सहयोगी अनुसंधान और डिजिटल शिक्षा में सहयोग की संभावना को रेखांकित किया, इन्हें साझा चुनौतियों का समाधान करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण माना। तंजानिया के जंजीबार में आईआईटी मद्रास की स्थापना को भारत में संयुक्त गणराज्य तंजानिया की उच्चायुक्त महामहिम अनीसा कपुफी मबेगा ने भारत-अफ्रीका शैक्षिक सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। मबेगा ने कहा, "तंजानिया सरकार एक बार फिर भारत सरकार और आईआईटी मद्रास के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करना चाहती है, जिन्होंने तंजानिया को मेजबान के रूप में चुना है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संस्थान तंजानिया, अफ्रीका और अन्य जगहों के छात्रों को डेटा विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में किफायती, विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करेगा। तंजानिया सरकार ने स्थायी परिसर के निर्माण के लिए लगभग 14.8 मिलियन अमरीकी डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है, जो इस सहयोगी उद्यम के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अपने स्वागत भाषण में, फिक्की अफ्रीका परिषद के अध्यक्ष आर. गणपति ने भारत-अफ्रीका सहयोग में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।    उन्होंने भारत के शैक्षिक परिदृश्य और अर्थव्यवस्था को बदलने में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) की सफलता पर प्रकाश डाला। गणपति ने तंजानिया के ज़ांज़ीबार में आईआईटी मद्रास के अपतटीय परिसर की हाल ही में स्थापना को अफ्रीका में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के विस्तार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की पहल अफ्रीका के एजेंडा 2063 के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी में तृतीयक शिक्षा को बढ़ाना है। गणपति ने अफ्रीका में आईआईटी की उद्यमिता को बढ़ावा देने, कुशल कार्यबल तैयार करने और महाद्वीप के आर्थिक विकास में योगदान देने की क्षमता को रेखांकित किया, तथा अफ्रीकी देशों में आईआईटी की उपस्थिति का और विस्तार करने का आग्रह किया। प्रो. रघुनाथन रेंगस्वामी, डीन (ग्लोबल एंगेजमेंट), आईआईटी मद्रास, भारत; प्रो. प्रीति अघालयम, डीन और प्रभारी निदेशक, आईआईटी मद्रास, ज़ांज़ीबार परिसर; और  मनब मजूमदार, वरिष्ठ सलाहकार, फिक्की ने भी इस अवसर पर बात की।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Aug 14, 2024

सिंनौली में मित्र वन की स्थापना विभिन्न प्रकार के प्रजातियों के पौधों से की गयी

बागपत, 13 अगस्त 2024 (यूटीएन)। आदर्श वैदिक इंटर कॉलेज सिंनौली मे पड़ोसी देश तथा पड़ोसी राज्यों की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती 35 जनपदों मे व्यापक वृक्षारोपण कार्यक्रम के आयोजन के क्रम में मित्र वन की स्थापना किया गया विभिन्न प्रकार के प्रजातियों के पौधों को रोपण। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  अशोक कुमार प्रधान मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन विकास उत्तर प्रदेश ने लखनऊ से शिरकत की l  प्रभागीय वनाधिकारी बागपत राजेश कुमार की अध्यक्षता मे कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ l पड़ोसी राज्य हरियाणा की ओर से समलखा रेंज पानीपत वन प्रभाग से रेंज अधिकारी  वीरेंद्र एवं सोनीपत वन प्रभाग से पवन मलिक ने कार्यक्रम मे प्रतिभाग किया l कार्यक्रम मे अपर जिलाधिकारी  पंकज वर्मा, उपजिलाधिकारी बड़ौत अमर चंद्र वर्मा, सारथी फाउंडेशन से वंदना गुप्ता, आदर्श वैदिक इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राम सिँह, वन क्षेत्राधिकारी बड़ौत सुनेन्द्र सिँह, बागपत वन क्षेत्राधिकारी श्रवण कुमार एवं  उप वन क्षेत्राधिकारी बड़ौत मोहम्मद तालिब उपस्थित रहे एवं वनप्रभाग बागपत का स्टॉफ भी उपस्थित रहा l  स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Aug 13, 2024

हिंडन नदी के उफान से किसान चिंतित, कटाव को बचाने के लिए किनारों की पहरेदारी कर रहे हैं किसान

खेकडा, 13 अगस्त 2024 (यूटीएन)। हिंडन नदी का जलस्तर बढने से किसानों की चिंता भी बढ गई है। कई गावों के जंगल में पानी घुसने से फसल जलमग्न हो गई हैं, जिससे किसानों को नुकसान पहुंचा है। किसान किसी बढे कटान को रोकने के लिए नदी के किनारों पर पहरा दे रहे हैं। पहाड़ो पर हो रही लगातार बारिश के चलते हिंडन नदी उफान पर है। बागपत जनपद के कहरका मुकारी, हरसिया, ललियाना, पुरनपुर नवादा, गढी कलंजरी आदि गावों से हिंडन नदी होकर गुजर रही है। नदी का जलस्तर बढने से इन गावों के खेतो में पानी घुसने लगा है। किसान किसी बडे कटान को रोकने के लिए नदी के किनारों पर पहरा दे रहे हैं। किसान राकेश, सतबीर आदि ने बताया कि खेतों में धान, सब्जी आदि की फसल बो रखी है। नदी का जलस्तर बढने से खेतो में पानी भरने लगा है। सभी गावों के सैकड़ों बीघा खेतों में पानी घुस चुका है। पिछले वर्ष भी खेतो में नदी का पानी भरने से भारी नुकसान हुआ था। उधर प्रशासन टीम भी सभी गांव पर नजर बनाए हुए हैं। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Aug 13, 2024

अज्ञात व्यक्ति की ट्रेन से कटकर मौत, ट्रैक पर दूर तक बिखर गये शव के टुकडे

खेकड़ा, 13 अगस्त 2024 (यूटीएन)। कस्बे में सोमवार को एक अज्ञात व्यक्ति की ट्रेन से कटकर दर्दनाक मौत हो गई। ट्रैक पर उसके क्षतविक्षत शरीर के टुकड़े बिखर गए। रेलवे पुलिस ने उन्हें इकट्ठा कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।  कस्बे में रविवार की रात एक अज्ञात व्यक्ति बड़ागांव रेलवे फाटक के पास ट्रेन की चपेट में आ गया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। ट्रेन की टक्कर से उसका शव भी बुरी तरह क्षत विक्षत हो गया। शरीर के अंगों के टुकड़े और मांस के लोथड़े 20 मीटर तक ट्रेक पर फैल गए। सूचना पर पहुंची रेलवे पुलिस ने उन टुकड़ों को एकत्र किया और मृतक की शिनाख्त कराने का प्रयास किया, लेकिन शिनाख्त नहीं हो पाई। इसके बाद लावारिस में पंचनामा भर शव के टुकड़ों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।  स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Aug 13, 2024

रटौल कस्बे में 4 मकानो में आई दरार, बढी दहशत, पेयजल लाइन में रिसाव को मान रहे हैं इसका कारण

चांदीनगर, 13 अगस्त 2024 (यूटीएन)। रटौल कस्बे में चार मकानो में दरार आ गयी है, जिससे मकान मालिक दहशत में हैं। नगर पंचायत प्रशासन ने तत्काल पेयजल लाइन को चैक करने आदेश दिए हैं। रटौल कस्बे के मौहल्ला पीरजियान के फिरोज, राजा, शिब्बू और जमील ने सोमवार को नगर पंचायत कार्यालय में शिकायत करते हुए बताया कि, उनके मकानों में दरार आ रही है। उनको शक है कि, भूमिगत पेयजल लाइन में रिसाव है और उनके मकानों की नींव में पानी जा रहा है।  सूचना पर नगर पंचायत चेयरमेन जुनैद फरीदी और ईओ विरज सिंह त्रिपाठी ने मौके पर जाकर दरारों को देखा। उन्होंने मामले का गम्भीरता से लेते हुए कर्मचारियों को पेयजल लाइन को चैक करने के निर्देश दिए। चेयरमेन ने बताया कि, करीब 14 वर्ष पूर्व पेयजल लाइन डाली गई थी। फिलहाल लाइन में पानी भी नहींं आ रहा है, फिर भी जांच कराई जाएगी। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Aug 13, 2024