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राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए आगे आने वाले उद्योग को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है

नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। मंगल पांडे, कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री, कृषि विभाग, बिहार सरकार ने कहा कि राज्य सरकार किसानों और कृषि क्षेत्र के कल्याण के लिए आगे आने वाले उद्योग को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। फिक्की द्वारा आयोजित ‘भारत मक्का शिखर सम्मेलन 2024’ के 10वें संस्करण को संबोधित करते हुए पांडे ने खाद्य, चारा और औद्योगिक उपयोगों में मक्का की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, निजी क्षेत्र को बिहार में निवेश करने और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई विभिन्न सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आगे आने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, “बिहार सरकार ने चालू वर्ष में मक्का की खेती के तहत क्षेत्र को लगभग 10 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।”   पांडे ने आगे कहा कि बिहार में वर्तमान में मक्का के लिए 5 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता है और सरकार भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए क्षमता बढ़ाने के लिए काम कर रही है। मंत्री ने अच्छी गुणवत्ता वाले मक्का बीज की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला और बीज उद्योग से किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले मक्का संकर बीज उपलब्ध कराने के लिए बिहार में परिचालन स्थापित करने का आह्वान किया। भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी ने अगले 10 वर्षों के लिए एक विजन दस्तावेज बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिसमें अगले दशक के लिए मक्का की क्षेत्रवार मांग के साथ-साथ मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक हस्तक्षेपों को दर्शाया गया हो। उन्होंने कहा, “हमें ग्रीष्मकालीन मक्का की फसल के तहत क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने की जरूरत है, जिससे मक्का उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ चावल जैसी पारंपरिक फसलों से विविधता लाने में मदद मिलेगी।”   बिहार सरकार के कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई पहलों को लागू किया है। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) और राज्य योजना के तहत हमने सब्सिडी वाले बीजों के वितरण की सुविधा प्रदान की है, किसानों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण प्रदान किया है, और उन्नत कृषि तकनीकों का प्रदर्शन किया है। मक्का उत्पादों में विविधता लाने और बाजार के अवसरों को बढ़ाने के लिए बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं भी शुरू की जा रही हैं।" श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि राज्य सरकार बिहार में बीजों के इन-हाउस उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है और इस संबंध में नीतिगत रूपरेखा पर काम कर रही है। कॉर्टेवा एग्रीसाइंस के दक्षिण एशिया के अध्यक्ष सुब्रतो गीद ने कहा।   "भारत का मक्का क्षेत्र एक क्रांति के लिए तैयार है, जिसमें उत्पादकता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने और फ़ीड, चारा, ईंधन और अन्य औद्योगिक अनुप्रयोगों में बढ़ती आवश्यकता का समर्थन करने की क्षमता है।" उन्होंने कहा कि मक्का फसल विविधीकरण के लिए भी एक मजबूत उम्मीदवार है क्योंकि टिकाऊ कृषि पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। फिक्की राष्ट्रीय कृषि समिति के सह-अध्यक्ष कौशल जायसवाल ने उल्लेख किया कि मक्का शिखर सम्मेलन मक्का के वैश्विक और घरेलू परिदृश्य और मक्का आपूर्ति श्रृंखला का सामना करने वाले मुद्दों को सामने लाने का एक प्रयास है। यस बैंक के राष्ट्रीय प्रमुख-खाद्य और कृषि व्यवसाय रणनीतिक सलाह और अनुसंधान संजय वुप्पुलुरी ने फिक्की-यस बैंक ज्ञान रिपोर्ट पर अंतर्दृष्टि साझा की। सत्र के दौरान फिक्की-यस बैंक ज्ञान रिपोर्ट - 'भारतीय मक्का क्षेत्र - रुझान, चुनौतियां और सतत विकास के लिए अनिवार्यताएं' जारी की गईं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 25, 2024

केंद्र की गाइड लाइन: कचरे से बनेंगे राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्यों की सड़कें

नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024 (यूटीएन)। शहरों के लिए समस्या का पहाड़ बन चुके कूड़े के निस्तारण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की प्रक्रिया को स्वच्छ भारत मिशन-2.0 से जोड़ते हुए कई माह से मंत्रालय इस व्यवस्था को बनाने के लिए काम कर रहा था कि शहरी ठोस अपशिष्ट का प्रयोग सड़कों के निर्माण में किया जाए। अब सरकार ने पूरी गाइडलाइन बना ली है। इंडस्ट्री वेस्ट का प्रयोग सड़कों के निर्माण में किया जाएगा।   कूड़े में से बड़ी मात्रा में निकलने वाली मिट्टी का प्रयोग राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में करने के साथ ही राज्यों से भी कहा है कि वह भी सड़कों के निर्माण में इसका प्रयोग कर सकते हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण से जुड़ी सभी संस्थाओं के साथ ही केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों को भी गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें बताया गया है कि पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ऐसी नीति बनाने पर काम कर रही है कि प्रोसेस्ड सालिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, स्टील स्लैग (स्टील निर्माण के दौरान निकले वाला अपशिष्ट) और इंडस्ट्री वेस्ट का प्रयोग सड़कों के निर्माण में किया जाए।   *सड़क निर्माण में प्रयोग के लिए गाइडलाइन बना ली गई है* इसी के तहत फिलहाल शहरों से निकलने वाले ठोस अपशिष्ट के सड़क निर्माण में प्रयोग के लिए गाइडलाइन बना ली गई है। सरकार का आकलन है कि वर्तमान में लगभग 1700 लाख टन कूड़ा 2304 लैंडफिल साइटों पर इकट्ठा है। इसकी वजह से करीब 10 हजार हेक्टेयर जमीन घिरी हुई है। इसे देखते हुए ही गति शक्ति अभियान के तहत हाईवे निर्माण को स्वच्छ भारत मिशन 2.0 से जोड़ा गया है।   हाईवे निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर खेतों से मिट्टी लेनी पड़ती है। ठोस अपशिष्ट का इस्तेमाल कर इससे काफी हद तक बचा जा सकता है। मंत्रालय ने बताया है कि ठोस अपशिष्ट की प्रोसे¨सग से निकलने वाली मिट्टी से हाईवे निर्माण के दो पायलट प्रोजेक्ट सफल हो चुके हैं। अब इस प्रक्रिया को अन्य हाईवे के निर्माण में अपनाया जाएगा और राज्य भी राज्यों की सड़कें बनाने के लिए इसका प्रयोग कर सकते हैं।   *नोडल अधिकारी नियुक्त* गाइडलाइन में इस प्रक्रिया को भी स्पष्ट कर दिया गया है कि डीपीआर के स्तर के प्रोजेक्ट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट और आगामी परियोजनाओं के लिए ठेकेदार, संबंधी प्राधिकरण और निकाय किस तरह से काम कर सकते हैं। सभी प्रकरणों में त्रिपक्षीय करार करने होंगे, ताकि ठोस अपशिष्ट से निकलने वाली मिट्टी की आपूर्ति निर्माण के लिए सुनिश्चित हो सके। राज्यों से इस व्यवस्था को अमल में लाने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 25, 2024

जिलाधिकारी ने खेकड़ा तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में सुलझाया पति- पत्नी का विवाद

बागपत, 23 सितंबर 2024 (यूटीएन)। प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप जन सामान्य की शिकायतों एवं समस्याओं का त्वरित गति के साथ निस्तारण के उद्देश्य से तहसील संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया जाता है । इसी क्रम में आज जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में खेकड़ा तहसील संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें खेकड़ा तहसील में 41 शिकायतें प्राप्त हुईं ,जबकि मौके पर 5 शिकायतों का निस्तारण किया गया।   जिलाधिकारी ने शेष शिकायतों के निस्तारण के लिए 7 दिन का समय संबंधित अधिकारियों को दिया। इस दौरान खेकड़ा के विजय कुमार व उसकी पत्नी शोभा यादव का आपसी पारिवारिक झगड़ा, जो पति-पत्नी के मध्य काफी समय से था और दोनों ही परेशान हो रहे थे, जिलाधिकारी ने मौके पर ही झगड़े का निस्तारण कराया और कहा कि परिवार के साथ खुशी से रहें। उन्होंने पति को निर्देशित किया कि, पत्नी को परेशान न करें, आपस में अच्छे रहने से ही परिवार अच्छा रहता है।   बड़ौत तहसील में हुए संपूर्ण समाधान दिवस में 38 शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें 4 का निस्तारण किया गया,दूसरी ओर बागपत तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में 37 शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें से मौके पर 10 शिकायतों का निस्तारण किया गया।   जिलाधिकारी  ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि, जनता की शिकायतों एवं समस्याओं के निराकरण को लेकर प्रदेश सरकार एवं शासन गंभीर है। जनता की समस्याओं का त्वरित निस्तारण संभव हो ,इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए माह के प्रथम व तृतीय शनिवार को तहसील दिवस का आयोजन किया जाता है।कहा कि, तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में जिन विभागों से संबंधित जनता की शिकायतें दर्ज हो रही हैं, सभी संबंधित अधिकारीगण गंभीरता के साथ तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करें और मौके पर जाकर संबंधी शिकायतों का निराकरण 7 दिन में सुनिश्चित कराएं ताकि संबंधित पोर्टल पर शिकायतों को ऑनलाइन किया जा सके।    उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता को भी संबंधित अधिकारियों के द्वारा निस्तारण के दौरान उपस्थित रखा जाए, ताकि निराकरण गुणवत्तापरक रूप से सुनिश्चित किया जा सके।संपूर्ण समाधान दिवस में आने वाली शिकायतों के संदर्भ का निस्तारण अधिकारी एक सप्ताह के अंतर्गत अवश्य कर लें, अगर कोई शिकायत संवेदनशील है, उसकी समय अवधि जिलाधिकारी के निर्देश अनुसार 7 दिन और बढ़ा दी जाती है अधिकतम शिकायत का निस्तारण 14 दिन में हो जाना चाहिए।   जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले जनपद स्तरीय तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में आज खेकड़ा तहसील में दिव्यांग कैंप व अन्य सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित कैंप भी लगाए गए व उन्हें लाभान्वित किया गया।जिलाधिकारी  व पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने 8 दिव्यांग जनों को प्रमाण पत्र वितरित किये।   इस अवसर  एसडीएम खेकड़ा ज्योति शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ तीरथ लाल, सीओ प्रीता सिंह ,जिला विकास अधिकारी अखिलेश कुमार चौबे , सहायक खाध आयुक्त मानवेंद्र सिंह, जिला उद्यान अधिकारी दिनेश कुमार अरुण ,जिला गन्ना अधिकारी  , अधिशासी अधिकारी खेकड़ा केके भड़ाना आदि उपस्थित रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Sep 23, 2024

मेरा युवा भारत: स्वच्छता हेतु स्वयंसेवक श्रमदान कर निभा रहे हैं सामाजिक दायित्व

बड़ौत, 23 सितंबर 2024 (यूटीएन)। खेकड़ा । युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के 'मेरा युवा भारत' स्वयंसेवकों ने स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत बड़ौत और खेकड़ा में श्रमदान कर समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन किया। बड़ौत में नेहरू रोड और खेकड़ा में रेलवे स्टेशन पर संचालित इस अभियान का उद्देश्य स्वच्छता के प्रति जन-जागरूकता फैलाना और विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय योगदान देना रहा।   बड़ौत में फोर्टिस यूथ क्लब के नेतृत्व में 25 युवा स्वयंसेवकों ने नेहरू रोड और सी फील्ड में श्रमदान किया। युवाओं ने हर सप्ताह दो घंटे श्रमदान कर स्वच्छता के अपने संकल्प को निभाने का वादा किया। अभियान में मोनू, प्रगति, अभिषेक, साहिल और प्राची सहित कई युवाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई।    खेकड़ा में रेलवे स्टेशन पर गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज के छात्रों की सहभागिता से सफाई अभियान चलाया गया, जहां स्वयंसेवक नीतीश भारद्वाज ने युवाओं को स्वच्छता ही सेवा अभियान की महत्ता से अवगत कराया। इस दौरान लेखा एवं कार्यक्रम अधिकारी आंचल श्योराण और प्रधानाचार्य उमेश कुमार भी उपस्थित रहे।    जिला युवा अधिकारी अरुण तिवारी ने बताया कि 2 अक्टूबर तक विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्वच्छ भारत की चेतना को जन-जन तक पहुँचाने का लक्ष्य है, जिसमें युवाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Sep 23, 2024

नेत्रदान को अपने परिवार की परंपरा छोड़ें: ईश्वर अग्रवाल जियालाल प्रेमवती सम्मान, मिसाल ज़ूम आँचल

अमीनगर सराय, 23 सितंबर 2024 (यूटीएन)। 39 वें राष्ट्रीय उत्सवदान जागरुकता पखवाड़े के तहत जिला रेड क्रॉस कमेटी लायंस क्लब अग्रवाल मंडी, मंडल 321 सी वन के संयुक्त तत्वाधान में हुए पोस्टर, पेंटिंग और स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में विजेताओं की घोषणा की गई।   आचार्य जय कन्या इंटरनैशनल में हुई पोस्ट प्रतियोगिता में इस्माइला प्रथम, सानू सैकिंड और स्लोगन प्रतियोगिता में अनम सादिया और सादिया को प्रथम और शिबा को सैकिंड घोषित कर दिया गया। विभोर जिंदल सचिव ला राकेश बैसाखी अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ ला पवन सिंगल एवं ला संजय गर्ग जिला अध्यक्ष युवा व्यापार मंडल ने जियालाल प्रेमवती सम्मान स्मृति चिन्ह एवं उपहार प्रदान किया।   इस अवसर पर ईश्वर अग्रवाल ने कहा कि, सभी को अपने परिवार में उत्सवदान की परंपरा आरंभ करनी चाहिए। उत्सव के बाद मृत्यु से दो लोगों के जीवन में रोशनी आ गई है। लायन अभिमन्यु गुप्ता ने बताया कि, श्री ईश्वर अग्रवाल जी ने अपने पूज्य माता-पिता की स्मृति में जियालाल प्रेमवती पुरस्कार की शुरुआत की थी, जो 15 विद्यालयों के विजेता छात्र-छात्राओं को प्रदान किया गया था। इस दौरान इलेक्ट्रानिक शर्मा, अनू कौशिक, हेम, पुष्पा शर्मा, सारिका, कनिका जैन आदि शिक्षक मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Sep 23, 2024

वृहत् समाज सुधार कालेज प्रबंध समिति चुनाव के लिए अब संजय कुमार शर्मा होंगे चुनाव अधिकारी

छपरौली, 23 सितंबर 2024 (यूटीएन)। कस्बे के वृहत् समाज सुधार इंटर कॉलेज में प्रबंध समिति चुनाव को लेकर पूर्व मंत्री आशीष चंद्रमौलि के पत्र का डीआईओएस ने लिया संज्ञान। चुनाव अधिकारी के रूप में बालैनी के श्रीकृष्ण इंटर कॉलेज बालैनी के प्रधानाचार्य संजय कुमार शर्मा को किया नियुक्त।    बता दें कि, वृहत् समाज सुधार इंटर कॉलेज छपरौली के त्रि वार्षिक चुनाव गत जून में संपन्न हुए थे, किंतु उन्हें जिविनि द्वारा निरस्त कर दिया गया था, उक्त के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी वाद लंबित है। इसी बीच डीआईओएस ने चुनाव कराने के लिए चुनाव अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है। वहीं चुनाव अधिकारी ने चुनाव यथाशीघ्र व विधिवत् कराए जाने के लिए संबंधित से आवश्यक मतदाता सूची आदि के लिए पूर्व में बनाए गए चुनाव अधिकारी तथा बुढेडा के जवाहर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य कृष्णपाल सिंह सहित जिविनि को पत्र प्रेषित किए हैं।   इसबीच पता लगा है कि, हटाए गए चुनाव अधिकारी ने जिविनि के 20 सितम्बर के पत्र की विधिवत् प्राप्ति न होने की बात कहकर अपने हस्ताक्षर चुनाव अधिकारी के रूप में करते हुए कालेज में नोटिस बोर्ड कुछ चस्पा किया है, जिसपर एकपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराने का फैसला लिया है तथा उनकी कार्यवाही को जिविनि के आदेश की अवहेलना बताया है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Sep 23, 2024

देश में जन्मे 17 शावकों में से 12 सुरक्षित, भारत ने दुनिया को चौंकाया

नई दिल्ली, 22 सितंबर 2024 (यूटीएन)। भारत में नए सिरे से चीतों की मौजूदगी को भले ही अभी सिर्फ दो साल हुए हैं लेकिन इस अवधि में देश ने चीतों के संरक्षण में ऐसी सफलता हासिल की है, जिससे न सिर्फ चीते देने वाले नामीबिया व दक्षिण अफ्रीका जैसे देश अचंभित हैं बल्कि दुनिया भर के वन्य विशेषज्ञ भी भौंचक्के हैं। यह सफलता देश में जन्मे 70 प्रतिशत से अधिक चीता शावकों को बचाने की है। *चीता प्रोजेक्ट को शुरुआत में कई बड़े झटके लगे*यह स्थिति तब है जब पूरी दुनिया में चीता शावकों की मृत्यु दर सबसे अधिक है। यानी जन्म लेने वाले सौ शावकों में से सिर्फ दस ही जीवित बचते हैं। इन दो सालों में देश में कुल 17 शावकों ने जन्म लिया जिनमें से 12 सुरक्षित हैं।चीता प्रोजेक्ट को शुरुआत में कई बड़े झटके लगे। एक-एक कर कई चीतों और शावकों की अलग-अलग कारणों से मौत हो गई। इसके पीछे बड़ी वजह चीतों के रखरखाव को लेकर देश के पास अनुभव और शोध दोनों की कमी थी। भारतीय वन्यजीव संस्थानों व विशेषज्ञों ने इसे चुनौती के रूप में लिया। *चीतों के संरक्षण को लेकर रुचि दिखाई*चीता प्रोजेक्ट के दो साल पूरे होने पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की ओर जारी रिपोर्ट के मुताबिक जिस तरह से चीतों के संरक्षण को लेकर रुचि दिखाई गई उससे साफ है कि चीतों के संरक्षण में भी भारत महारत हासिल कर लेगा। *चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत सितंबर 2022 में हुई*रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेक्ट के दो साल के अनुभव के आधार पर अब चीतों के रखने वाले दूसरे ठिकानों को तैयार किया जा रहा है। दूसरे ठिकाने के रूप में तैयार हो रहे मध्य प्रदेश के गांधी सागर अभयारण्य में उन सभी बातों को ध्यान में रखा जा रहा है जिन पर कूनो में नहीं रखा गया था। देश में चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीते लाकर की गई थी। बाद में 12 चीतों की एक खेप फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से लाई गई थी। *भारत की सरजमीं पर जन्मे कई शावक हुए वयस्क*नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 चीतों में से अब तक आठ चीतों की मौत भले चीता प्रोजेक्ट के लिए बड़ा झटका रहा है लेकिन दूसरी तरफ भारतीय जमीं पर जन्मे शावकों की अठखेलियां पूरे प्रोजेक्ट में एक नई रोशनी भी भर रही है। जिनकी संख्या मौजूदा समय में 12 है। इनमें से कई शावक तो अब वयस्क होने के करीब है। *मादा शावक डेढ़ साल में व्यस्क हो जाते है*वैसे भी चीता का नर शावक करीब एक साल में और मादा शावक डेढ़ साल में वयस्क हो जाते है। इन चीता शावकों को प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की उम्मीद के तौर पर भी देखा जा रहा है क्योंकि इन सभी के सामने नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों की तरह जलवायु अनुकूलता नहीं होने जैसी चुनौती का कोई खतरा नहीं है। वह यहां की जलवायु में पूरी तरह से रचे-बसे होने के साथ-साथ तेजी से बढ़ भी रहे है।केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और चीता प्रोजेक्ट से जुडे अधिकारियों की मानें तो चीता शावकों की इस प्रगति से न सिर्फ देश में इन्हें बसाने के प्रोजेक्ट को रोशनी मिल रही है, बल्कि दुनिया भर में इन वन्यजीवों को एक जगह से दूसरी जगह पर बसाने की उम्मीदें भी रोशन हो रही है। *पांच शावक अकेले मादा चीता ज्वाला के*मध्य प्रदेश के कूनो अभयारण्य में बसाए गए इन चीतों में मौजूदा समय में जो 12 शावक है, उनमें से आठ शावक नामीबिया से लाए गए दो मादा चीतों के है। इनमें पांच शावक अकेले मादा चीता ज्वाला के है, जबकि तीन मादा चीता आशा के हैं। वहीं दक्षिण अफ्रीका से लाए 12 चीतों में से मादा चीता गामिनी ने चार बच्चों को जन्म देकर इस प्रोजेक्ट में एक और नई खुशहाली लायी है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 22, 2024

8 हाई कोर्ट को मिले नए चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के एक दिन बाद केंद्र सरकार ने की नियुक्ति

नई दिल्ली, 22 सितंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों को मानते हुए आठ हाई कोर्ट के लिए चीफ जस्टिस के नामों पर मुहर लगा दी है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्तियों में देरी पर सफाई मांगने के एक दिन बाद ही आया है। खास बात यह है कि झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति भी कर दी गई है, जिसके लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना का केस दायर किया था। राष्ट्रपति ने दिल्ली, मध्य प्रदेश, मेघालय, हिमाचल प्रदेश, केरल, मद्रास, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख और झारखंड के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। *केंद्र सरकार ने किया त्वरित फैसला*सरकार के इस त्वरित फैसले से न्यायपालिका में नियुक्तियों के मुद्दे पर कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच मतभेद बढ़ने की आशंका कम हो गई है। पिछले साल इसी मुद्दे पर न्यायिक कार्यवाही के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा कानून का पालन न करने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम व्यवस्था देश का कानून है और केंद्र सरकार को इसका पालन करना ही होगा। अगर कॉलेजियम किसी नाम को दोबारा भेजता है तो सरकार के पास उसे स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। *किसे कहां बनाया गया चीफ जस्टिस?*सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस राजीव शकधर को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट के एक और जज जस्टिस सुरेश कैत मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस का पदभार संभालेंगे। कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस इंद्र प्रसन्न मुखर्जी को मेघालय हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट के जज जस्टिस नितिन मधुकर जमदार केरल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार संभालेंगे। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ताशी रबस्तान को उसी हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। बॉम्बे हाई कोर्ट के जज जस्टिस श्रीराम कल्पाथी राजेंद्रन को मद्रास हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस और हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस एम एस रामचंद्रन राव को झारखंड हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया है। *सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछी थी देरी की वजह*शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से यह बताने को कहा था कि जजों के पदों के लिए सिफारिश किए गए कुछ नाम लंबित क्यों हैं और किस स्तर पर अटके हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल भी कुछ मुद्दे उठाए थे जिनका अभी तक समाधान नहीं हुआ है। इनमें कुछ हाई कोर्ट जजों का तबादला और हाई कोर्ट जजों के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा दोबारा भेजे गए नामों को मंजूरी देना शामिल है। नियुक्तियों में देरी और कॉलेजियम की सिफारिशों में से चुनिंदा नामों को मंजूरी देने की केंद्र की नीति भी दोनों संस्थाओं के बीच विवाद का एक बड़ा कारण है। कोर्ट ने अपनी न्यायिक कार्यवाही में बार-बार इस मुद्दे को उठाया है। *जजों की नियुक्ति के लिए क्या है गाइडलाइन*सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में जजों की समयबद्ध नियुक्ति के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे और इस प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों के लिए फैसला लेने की समय सीमा तय की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को हाई कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश केंद्र को भेजे जाने की तारीख से 4-6 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट/राय सौंप देनी चाहिए। केंद्र को राज्य सरकार और IB रिपोर्ट मिलने के 8-12 सप्ताह के भीतर फाइल सुप्रीम कोर्ट को भेज देनी चाहिए। इसके बाद सीजेआई को चार सप्ताह के भीतर कानून मंत्री को सिफारिशें/सलाह भेजनी होगी। केंद्र सरकार को तुरंत नियुक्ति करनी होगी या फिर पुनर्विचार के लिए सिफारिश वापस भेजनी होगी। अगर नामों को दोबारा भेजा जाता है तो 3-4 सप्ताह के भीतर नियुक्ति कर देनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया था कि सरकार कानून पारित करके एक नई प्रणाली ला सकती है लेकिन साथ ही कहा था कि कोई भी प्रणाली परफेक्ट नहीं हो सकती। कोर्ट ने कहा था कि नियुक्ति में देरी की मौजूदा स्थिति ठीक नहीं है और इससे मेधावी वकील जज बनने से हिचकिचाते हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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Sep 22, 2024

गढी कलंजरी में श्मशान घाट बनवाने की मांग, भाकियू ने तहसीलदार को दिया ज्ञापन

खेकड़ा, 21 सितंबर 2024 (यूटीएन)। गढी कलजंरी गांव में श्मशान घाट बनवाने की मांग को लेकर भाकियू अखंड ने शुक्रवार को नायब तहसीलदार को ज्ञापन दिया। उन्होंने तत्काल समाधान ना होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी। गढी कलंजरी गांव में श्मशान घाट न होने को लेकर ग्रामीणों को खुले में हिंड़न नदी किनारे शवों का दाह संस्कार करने को मजबूर होना पड़ रहा है।   गत सप्ताह बारिश में तिरपाल ढककर शव दहन करते परेशान ग्रामीणों का वीडियो भी वायरल हुआ था। शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन अखण्ड के जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र कसाना इसी मांग को लेकर तहसील कार्यालय पहुंचे। उन्होने नायब तहसीलदार मोनिका यादव को ज्ञापन देकर गांव में श्मशान घाट बनवाने की मांग की। साथ ही मांग पूरी ना होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी। इस दौरान कई भाकियू कार्यकर्ता मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Sep 21, 2024

भगवान शांतिनाथ की भव्य शोभा यात्रा, कई स्थानों पर हुई पुष्प वर्षा व पूजा अर्चना

खेकड़ा, 21 सितंबर 2024 (यूटीएन)। कस्बे में शुक्रवार को दसलक्षण पर्व के उपलक्ष्य में भगवान शांतिनाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली गई। यात्रा में मनमोहक झांकियां भी आकर्षण का केंद्र बनी रही। तेज धूप के बावजूद पूरे समय सैकड़ों धर्मावलम्बी शामिल रहे। रास्ते में जगह-जगह यात्रा का स्वागत हुआ। यात्रा दोपहर 12 बजे प्रभु शांतिनाथ के अभिषेक और पूजन के साथ बड़ा जैन मंदिर से शुरू हुई। नगरपालिका चेयरपर्सन नीलम धामा ने रथ पर सवार श्रीजी की आरती कर शुभारम्भ किया।   बैंड बाजों और भजन मंडलियों के साथ यात्रा ने छोटा बाजार, बड़ा बाजार और जैन कॉलेज मार्ग पर भ्रमण किया। शाम करीब चार बजे यात्रा जैन इंटर कॉलेज में पहुंची। वहां करीब एक घंटा यात्रा ने विश्राम किया। इस दौरान भगवान शांतिनाथ का जलाभिषेक व पूजन किया गया व इसके बाद यात्रा वापस रवाना हुई तथा करीब दो घंटे से अधिक के भ्रमण के बाद बड़ा जैन मंदिर पहुंची। वहां पूजा अर्चना के साथ प्रभु को वेदी पर विराजमान किया गया। यात्रा में भगवान महावीर, भगवान शांतिनाथ और पारस प्रभु आदि तीर्थंकरों के जीवन पर आधारित मनमोहक झांकियां शामिल रही।   इसके साथ ही विंग कमांडर अभिनंदन जैन की बहादुरी पर आधारित झांकी के संवाद,अभिनय आदि देश प्रेम की भावना भरते रहे। यह सभी झांकियां लोगों के आकर्षण का केंद्र भी बनी रही। यात्रा में पसीना निकाल देने वाले गर्मी के बावजूद पूरे समय सैकड़ों जैन धर्मावलम्बी शामिल रहे। रास्ते में यात्रा का जगह-जगह स्वागत हुआ। भगवान शांतिनाथ के रथ पर पुष्प वर्षा की गई। यात्रा में शामिल लोगों के लिए रास्ते में पेयजल और खान-पान के स्टॉल भी लगाए गए। यात्रा का संचालन जिनेश जैन, नरेश जैन, शरद जैन, अंकुश जैन, ओमप्रकाश जैन, राकेश जैन, जनेश्वर दयाल, मनोज जैन, राहुल जैन अशोक जैन, प्रवीण जैन, वीरेन्द्र जैन, राकेश जैन आदि ने किया।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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