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राधा वैली में शोकसभा कर डॉ. विशाखा को दी श्रद्धांजलि

मथुरा,29 नवंबर 2024 (यूटीएन)। जगद्गुरु कृपालु महाराज की बड़ी सुपुत्री डॉ. विशाखा त्रिपाठी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों का तांता लगा है। अनेक धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं व वरिष्ठजनों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसी क्रम में मथुरा स्थित राधा वैली में आयोजित शोकसभा में डॉ. विशाखा त्रिपाठी के सड़क दुर्घटना में निधन होने पर शोक संवेदना कर दो मिनट का मौन रखकर गत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना सहित भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की ।   श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संस्कृति विश्व विद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी किशन चतुर्वेदी ने कहा कि डॉ. विशाखा ने पितृभक्ति के उच्च आदर्श स्थापित किए। उनका निधन बहुत बड़ी क्षति है । उनका योगदान ओर स्मृतियां हमेशा मन में रहेंगी।   रोहित शर्मा ने कहा कि विशाखा दीदी द्वारा संपन्न कार्य भुलाए नहीं जा सकते । ठा,आर के सिंह यदुवंशी ने बताया कि डॉ,विशाखा जिन्हें हम बड़ी दीदी के नाम से भी जानते है । महाराज जी के आध्यात्मिक कार्यों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है खास तौर पर बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही थीं। जिसके लिए उन्हें कई बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका था।   शोक सभा में पंडित गोपाल वल्लभ आचार्य,किशन चतुर्वेदी,ठाकुर आर के सिंह,आनंद वल्लभ आचार्य,पंडित रोहित शर्मा ( गोल्डमैन),नितिन चौहान ( निक्की ),सुमित श्री वास्तव,धीरज चौधरी, विनायक चौधरी,डॉ अक्षय धीमान, धीरजपाल सिंह,डॉ यति शर्मा, शिवा ठाकुर, डॉ गौरव, सारिक,कृष गुप्ता,शरद पंडित आदि अनेक लोग शामिल रहे।    संवाददाता,ठा.आर के सिंह यदुवंशी |

Ujjwal Times News

Nov 29, 2024

केंद्र सरकार जीवन को बेहतर और आसान बनाने का प्रयास कर रही है: पीयूष गोयल

नई दिल्ली, 29 नवंबर 2024 (यूटीएन)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज भारत के कारोबारी माहौल के बारे में जानकारी प्राप्त करने और सुधार के लिए सुझाव प्राप्त करने और उन पर नज़र रखने के लिए सीआईआई ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और विनियामक मामलों के पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल का शुभारंभ उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग-भारतीय उद्योग परिसंघ के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में किया गया। यह पोर्टल सरकार और सीआईआई दोनों द्वारा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर प्रमुख पहलों की स्थिति और अद्यतन जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता है। इस अवसर पर बोलते हुए, मंत्री गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार सहकारी संघवाद में विश्वास करती है और व्यवसायों और नागरिकों के लिए जीवन को बेहतर और आसान बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने उद्योग और राज्य सरकारों के प्रतिभागियों से काम करने के नए विचारों के प्रति खुले रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि, मानसिकता में बदलाव और विचारों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहने से व्यवसायों पर कई गुना प्रभाव पड़ता है। मंत्री ने दोहराया कि, निवेशकों की पहचान करने और उनकी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार अनुमोदन के लिए आवेदन करने के लिए सरकार की राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली मार्गदर्शिका को उद्योग से इनपुट की आवश्यकता है।   उन्होंने कहा कि, जब तक उद्योग राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली से नहीं जुड़ेगा, इसके माध्यम से लाइसेंस प्राप्त नहीं करेगा, और इसे बेहतर बनाने के लिए केंद्र और औद्योगिक भूमि बैंक को इनपुट भी नहीं देगा, तब तक यह पहल सफल नहीं होगी। जन विश्वास 2.0 विधेयक पर मंत्री गोयल ने कहा कि, सरकार 300 से अधिक कानूनों को अपराधमुक्त करने के लिए सक्रिय रूप से विचार कर रही है। उन्होंने सीआईआई से अपने सदस्यों को कानून की भावना का सम्मान करने के लिए संवेदनशील बनाने का आग्रह किया, और इस बात पर प्रकाश डाला कि कानूनी खामियों का फायदा उठाकर मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति अर्थव्यवस्था और व्यापार करने की आसानी के लिए हानिकारक है। मंत्री गोयल ने बताया कि, राज्य और केंद्र स्तर के सरकारी पोर्टलों को अधिक तेज, स्मार्ट और आधुनिक बनाने के लिए उनमें तकनीकी उन्नयन की आवश्यकता है। उन्होंने गलत सूचना के प्रसार पर लगाम लगाने की आवश्यकता पर भी बात की और उद्योग से समस्या क्षेत्रों को पहचानने और सरल परिवर्तन करने का आग्रह किया, जिसका अखिल भारतीय प्रभाव हो सकता है। गोयल ने कार्यक्रम में उपस्थित हितधारकों से तीन गुना गति, तीन गुना अधिक मेहनत और तीन गुना अधिक उत्पादन प्राप्त करने का आग्रह किया ताकि अगले तीन वर्षों में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया जा सके। तीनों की शक्ति के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने बताया कि सरकार, उद्योग निकायों और हितधारकों की शक्ति एक साथ मिलकर व्यापार और कानूनी प्रक्रियाओं में बदलाव ला सकती है।   आगे सुधार के लिए फीडबैक के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि, सरकार और हितधारकों के बीच तालमेल से व्यापार करने की आसानी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। प्रतिभागियों से बदलाव की गति बनाने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि यदि राज्य, केंद्र, स्थानीय निकाय और उद्योग एक साथ मिलकर काम करते हैं तो देश में परिवर्तनकारी परिणाम सामने आएंगे। गोयल ने सुझाव दिया कि सीआईआई को एक ठोस, समयबद्ध कार्य योजना बनानी चाहिए और उद्योगों के साथ मिलकर आर्थिक प्रगति के लिए भारतीय व्यवसायों को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता बनानी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि उद्योग निकाय विनियमनों को आसान बनाने और व्यवसायों के विस्तार में हितधारकों और सरकार के बीच एक सेतु की भूमिका निभाएगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Pradeep Jain

Nov 29, 2024

अध्ययन: 81 नदियों व सहायक जलधाराओं को जहरीला बना रहीं भारी धातुएं

नई दिल्ली, 29 नवंबर 2024 (यूटीएन)। देश की 81 नदियों और उसकी सहायक जल धाराओं में एक या उससे अधिक हानिकारक भारी धातुओं (हैवी मेटल्स) का स्तर बहुत अधिक है। 22 नदियों और उसकी सहायक जलधाराओं में दो या उससे अधिक हानिकारक धातुओं की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। इन नदियों से लिए पानी के नमूनों में आर्सेनिक, कैडमियम, क्रोमियम, तांबा, लोहा, सीसा, पारा और निकल जैसी जहरीली धातुओं का स्तर सुरक्षित सीमा से अधिक पाया गया है।   *सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट* यह जानकारी केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की स्टेटस ऑफ ट्रेस एंड टॉक्सिक मेटल इन रीवर्स ऑफ इंडिया नामक रिपोर्ट के अनुसार नदियों और जलधाराओं में भारी धातुओं की व्यापक मौजूदगी का पता चला है। देश की दस नदी घाटियों के पानी में नौ हानिकारक धातुओं की जांच की गई थी। इससे पता चला है कि 14 नदियों के 30 स्टेशनों पर आर्सेनिक मौजूद है जबकि 11 नदियों में 18 जगहों पर पारा और 16 नदियों के नमूनों में क्रोमियम की पुष्टि हुई है। दिल्ली में यमुना नदी के पल्ला स्टेशन से लिए नमूने में पारे का स्तर निर्धारित सुरक्षित सीमा से नौ गुना अधिक था।   *गंगा बेसिन की हालत बेहद खराब* रिपोर्ट के अनुसार गंगा बेसिन की हालत बेहद खराब है। यहां सबसे ज्यादा स्टेशनों की मदद से जल गुणवत्ता की निगरानी की जाती है। गंगा बेसिन में निगरानी की गई 161 जगहों में से लगभग 123 यानी करीब 75 फीसदी जगहों पर धातुओं का स्तर सुरक्षित सीमा से अधिक पाया गया। गंगा के पानी में आर्सेनिक, सीसा, लोहा और तांबा की मौजूदगी पता चला है। इसी तरह भागीरथी नदी पर स्थित  उत्तरकाशी स्टेशन परआर्सेनिक, सीसा और लोहे का स्तर सुरक्षित सीमा से ज्यादा था।   *141 में से 104 स्टेशनों पर कोई न कोई हानिकारक धातु* रिपोर्ट के अनुसार 141 स्टेशनों में से 104 स्टेशनों पर एक न एक हानिकारक धातु भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से ज्यादा पाई गई। इनमें आर्सेनिक, कैडमियम, क्रोमियम, तांबा, लोहा, सीसा, पारा और निकल जैसी जहरीली धातुओं का स्तर तय सीमा से अधिक था। 49 स्टेशनों पर तो लोहे का स्तर तय सीमा से काफी ज्यादा था। इसी प्रकार 9 नदियों और उनकी सहायक जलधाराओं पर मौजूद 17 स्टेशनों पर आर्सेनिक का स्तर सुरक्षित सीमा से ज्यादा मिला। इनमें से 13 स्टेशन यानी 76 फीसदी यूपी में गंगा और गोमती नदियों पर हैं।   *पौधों व जीवों के लिए बेहद खतरनाक* रिपोर्ट के अनुसार कृषि पद्धतियों की वजह से भी यह धातुएं पर्यावरण का हिस्सा बन रही हैं। इसमें लैंडफिल, अपशिष्ट डंप और पशु खाद से होने वाले रिसाव के साथ कारों और सड़कों के निर्माण से पैदा होने वाला दूषित पानी शामिल है। यह हानिकारक धातुएं जब पानी में सुरक्षित सीमा से ऊपर होती हैं तो वे पौधों और जीवों के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं, क्योंकि वे आसानी से विघटित नहीं होतीं। भारी धातुओं से दूषित मिट्टी में पैदा अनाज और सब्जी सेहत के लिए भी गंभीर खतरा हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Pradeep Jain

Nov 29, 2024

एमएसएमई के विकास के लिए अभिनव वित्तीय समाधान की आवश्यकता- एसोचैम-ईग्रो अध्ययन

नई दिल्ली, 29 नवंबर 2024 (यूटीएन)। एसोचैम ने ईग्रो फाउंडेशन के साथ मिलकर “व्यवसाय करने में चुनौतियों का सामना कर रहे एमएसएमई” पर एक गहन अध्ययन किया। यह अध्ययन एसोचैम की विभिन्न राज्य इकाइयों के सदस्यों के साथ विस्तृत साक्षात्कारों की एक श्रृंखला के समापन को चिह्नित करता है। इन बातचीत ने एमएसएमई द्वारा सामना की जाने वाली क्षेत्र-विशिष्ट चुनौतियों, विशेष रूप से उनके अनूठे उत्पादों, बाजार की गतिशीलता और व्यावसायिक वातावरण के बारे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की। सर्वेक्षण से 150 से अधिक कंपनियों के मात्रात्मक डेटा को लगभग 120 उद्योग हितधारकों से गुणात्मक प्रतिक्रिया के साथ जोड़कर, अध्ययन ने एमएसएमई के सामने आने वाले बहुमुखी मुद्दों की व्यापक समझ प्रदान की। इस अध्ययन ने अभिनव वित्तीय समाधानों की आवश्यकता को रेखांकित किया, बैंकों से ऋण स्वीकृति प्रक्रियाओं में पारदर्शिता में सुधार करने और अप्रयुक्त क्रेडिट शुल्क को समाप्त करने का आग्रह किया। वित्तीय तरलता बढ़ाने के लिए एमएसएमई-विशिष्ट बॉन्ड और म्यूचुअल फंड की शुरूआत, अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों की सेवा के लिए मोबाइल बैंकों को बढ़ावा देना और ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की बेहतर सेवा के लिए लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) का विस्तार करना अन्य सुझावों में से हैं।   अध्ययन की प्रमुख सिफारिशों को साझा करते हुए, एसोचैम के अध्यक्ष संजय नैयर ने कहा, “रिपोर्ट 2047 तक भारत के विकसित देश बनने के मार्ग पर एमएसएमई के लिए एक रणनीतिक योजना और रोडमैप प्रस्तुत करती है। सिफारिशें सूचित और रणनीतिक नीति निर्णय लेने में एक मूल्यवान संसाधन के रूप में काम करेंगी। औपचारिक और अनौपचारिक उद्यमियों के हमारे मजबूत आधार को राष्ट्रीय आकांक्षाओं को साकार करने में एक महत्वपूर्ण भागीदार बनने के लिए सरकार - केंद्र और राज्यों, बैंकों और समूहों से रणनीतिक समर्थन की आवश्यकता होगी। सही पारिस्थितिकी तंत्र और सहयोग के साथ, एमएसएमई एक लचीली और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव बन सकते हैं। एसोचैम-ईग्रो अध्ययन में कहा गया है कि अध्ययन में आगे यह भी सिफारिश की गई है कि एमएसएमई के लिए कॉर्पोरेट आयकर की दर 25% से घटाकर 15% की जानी चाहिए, साथ ही अनुपालन के लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए एक सरलीकृत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली का सुझाव दिया गया है। इस अध्ययन में, विकसित भारत में एमएसएमई की भूमिका के लिए एक रोडमैप सूचीबद्ध किया गया है, साथ ही कर कटौती को आवश्यक भुगतानों तक सीमित करके और कुछ एमएसएमई के लिए टर्नओवर के आधार पर एकीकृत कर प्रणाली को लागू करके टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) के बोझ को कम करने का भी सुझाव दिया गया है।   एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, "विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए भारत के व्यापार प्रतिमान में संरचनात्मक परिवर्तन की आवश्यकता होगी। एमएसएमई को इस संरचनात्मक परिवर्तन का हिस्सा बनना होगा। एक विकसित भारत में एमएसएमई की एक जीवंत भूमिका होगी। हमारा अध्ययन इस बिंदु को जोरदार ढंग से रेखांकित करता है।" भारत के नाममात्र जीडीपी के 3.5 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 22.8 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है, रिपोर्ट ने आने वाले दशकों में अपेक्षित संरचनात्मक आर्थिक परिवर्तन को रेखांकित किया है। प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में 2,485 डॉलर से 14,000 डॉलर तक की महत्वपूर्ण वृद्धि एक विस्तारित और गतिशील कार्यबल द्वारा संचालित होगी, जिसके 2047 तक 76.9 करोड़ लोगों तक पहुँचने का अनुमान है। ईग्रो फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. चरण सिंह ने जोर देकर कहा कि “एमएसएमई जनसांख्यिकीय लाभांश के कारण बढ़ती श्रम शक्ति के मुद्दे को संबोधित कर सकते हैं और उत्पादक रोजगार प्रदान कर सकते हैं। एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए, कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना की तरह, प्रत्येक राज्य अपने राज्य में उत्पादों को समर्थन प्रदान करने के लिए एक एमएसएमई विश्वविद्यालय बनाने पर विचार कर सकता है। एमएसएमई विश्वविद्यालय एमएसएमई की सभी गतिविधियों का एक सहायक केंद्र बन सकता है - अनुसंधान एवं विकास, वित्त, विपणन, श्रम कानून, कराधान, निर्यात और प्रबंधन। यह भारत में उत्पाद रेंज में उद्यमियों को प्रोत्साहित करेगा।   कौशल विकास के मोर्चे पर, रिपोर्ट ने कौशल भारत मिशन को राज्य-विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अपग्रेड करने और एमएसएमई और उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच घनिष्ठ संबंधों की सिफारिश की है। इसने एकीकृत बुनियादी ढाँचे वाले टाउनशिप के उपयोग की भी वकालत की, जिसमें देश भर में एमएसएमई समूहों का समर्थन करने के लिए परीक्षण केंद्र, वित्तीय संस्थान और प्रशिक्षण केंद्र शामिल होंगे। इसके अलावा, रिपोर्ट ने नवाचार और अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित उद्यमिता और एमएसएमई विश्वविद्यालय की स्थापना का मामला बनाया, जिसमें अकादमिक विशेषज्ञता को व्यावहारिक व्यावसायिक कौशल के साथ जोड़ा गया। प्रभावी संचार एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है। एमएसएमई भारत की अर्थव्यवस्था की आधारशिला हैं, जो वित्त वर्ष 2024 में सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत, विनिर्माण उत्पादन में 45 प्रतिशत और निर्यात में 46 प्रतिशत का योगदान करते हैं। सरकार को योजना कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित करने और अंतर-राज्यीय मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक समर्पित एमएसएमई समन्वय परिषद की स्थापना करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, एमएसएमई नीति सूचकांक विकसित करना एमएसएमई नीति पालन और कार्यान्वयन में राज्य-स्तरीय प्रदर्शन को मापने और सुधारने के लिए एक मूल्यवान उपकरण प्रदान करेगा।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Pradeep Jain

Nov 29, 2024

प्रियंका के लिए राहुल गांधी बने फोटोग्राफर, बहन को सीढ़ियों पर रोककर तस्वीरें लीं

नई दिल्ली, 29 नवंबर 2024 (यूटीएन)। केरल के वायनाड से उपचुनाव जीत कर आईं प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज संसद सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें शपथ दिलाई। इस मौके पर समस्त गांधी परिवार संसद में मौजूद रहा। इसके साथ ही देश की संसद में गांधी परिवार के एक और सदस्य का प्रवेश हो गया है। प्रियंका गांधी नेहरू परिवार की 16वीं सदस्य हैं जो लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई हैं। इस दौरान राहुल और प्रियंका के बीच जबरदस्त बॉन्ड्रिंग देखी गई। संसद में प्रवेश करते वक्त राहुल फोटोग्राफर की भूमिका में नजर आए। उन्होंने अपनी बहन की कई तस्वीरें खीचीं। देश के संसदीय इतिहास में ऐसा शायद ही हुआ होगा जब लोकसभा में गांधी परिवार का कम से कम एक सदस्य न पहुंचा हो। ऐसे भी मौके आए हैं जब गांधी-नेहरू परिवार से जुड़े 5-5 सदस्य लोकसभा में एक साथ पहुंचे। मौजूदा लोकसभा में राहुल गांधी के बाद उनकी बहन प्रियंका भी संसद पहुंच गईं। राहुल और प्रियंका की मां सोनिया गांधी लंबे समय तक लोकसभा सांसद रही हैं। कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी ने हाल ही में वायनाड लोकसभा उपचुनाव में  बड़ी जीत हासिल की है।   राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने के बाद उनकी बहन प्रियंका गांधी यहां चुनावी मैदान में उतरी थीं। करीब साढ़े तीन दशक का खुद का राजनीतिक अनुभव बताने वाली प्रियंका पहली बार चुनावी राजनीति में दाखिल हुईं और वायनाड से उपचुनाव लड़ा। प्रियंका गांधी ने सक्रिय राजनीति में काफी देरी से कदम रखा। इससे पहले वो केवल अपनी मां और भाई के लिए चुनाव प्रचार करती हुई नजर आती थीं। 2004 के लोकसभा चुनाव में वह अपनी मां सोनिया गांधी की चुनाव अभियान प्रबंधक थीं और अपने भाई राहुल गांधी के चुनाव प्रबंधन में मदद की। प्रियंका के साथ उनके बेटे रेहान राजीव वाड्रा और बेटी मिराया वाड्रा भी पहुंचीं। वायनाड सीट पर हुए उपचुनाव में प्रियंका ने 410931 लाख वोट से जीत हासिल की। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को 622338 वोट मिले थे। यहां दूसरे नंबर पर माकपा के सत्यन मोकेरी रहे, जिन्हें 211407 वोट मिले। वहीं तीसरे स्थान पर भाजपा की नाव्या हरिदास रहीं, जिन्हें 109939 वोट मिले हैं। कांग्रेस महासचिव के शपथ ग्रहण के अवसर पर उनकी मां और पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पति रॉबर्ट वाड्रा, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला और पार्टी के कुछ अन्य नेता मौजूद थे।   कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी प्रियंका को आशीर्वाद दिया। यह पहली बार है कि संसद में गांधी-नेहरू परिवार के तीन सदस्य हैं। प्रियंका के भाई राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं तथा उनकी मां सोनिया गांधी राज्यसभा की सदस्य हैं। प्रियंका वायनाड लोकसभा उपचुनाव में चार लाख से अधिक मतों के अंतर से जीती हैं। वह पहली बार किसी सदन की सदस्य बनी हैं। वह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सक्रिय राजनीति में उतरी थीं और उसके बाद से पार्टी महासचिव के रूप में जिम्मेदारी निभा रही हैं। प्रियंका गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, देश से जुड़े अहम मुद्दों को उठाना प्राथमिकता होगी। हमारे लिए संविधान से ऊपर कुछ भी नहीं है और हम इसके लिए लड़ते रहेंगे। राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने वायनाड से सांसद के रूप में प्रियंका गांधी के संसद में शपथ लेने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि वह "खुश और गौरवान्वित हैं। उन्होंने कहा, हम सभी बहुत खुश हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Pradeep Jain

Nov 29, 2024

केंद्र सरकार का दावा: ग्लोबल हंगर रिपोर्ट-2024 में हैं कई खामियां

नई दिल्ली, 29 नवंबर 2024 (यूटीएन)। ग्लोबल हंगर रिपोर्ट-2024 को लेकर भारत सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. सरकार ने इसे गलत करार दिया है. सरकार ने लोकसभा में कहा कि ग्लोबल हंगर रिपोर्ट-2024 में भूख को मापने का आधार गलत है और यह भारत की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता है.सरकार ने लोकसभा में जोर देकर कहा कि वह कुपोषण के मुद्दे को हल करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है. बता दें कि कंसर्न वर्ल्डवाइड, वेल्ट हंगर हिल्फ और इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल लॉ ऑफ पीस एंड आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट की ओर से जारी किए गए अध्ययन में भारत को 127 देशों में से 105वां स्थान दिया गया है.   *केंद्रीय मंत्री ने इस वजह से जताई आपत्ति* जूनियर कंज्यूमर अफेयर्स फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन मिनिस्टर निमूबेन जयंतीभाई बंभानिया ने कहा, "ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भूख के आकलन के तरीकों में कई खामियां हैं और यह भारत की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता है. चार घटक संकेतकों में से तीन (स्टंटिंग, वेस्टिंग और बाल मृत्यु दर) बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं. इन्हें इन्हें आबादी में भूख को दर्शाने के लिए नहीं लिया जा सकता है." *कुपोषण की व्यापकता में तेजी से हुआ है सुधार'* उन्होंने कहा, "2023 की तुलना में 2024 में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है, जो मुख्य रूप से सूचकांक के चौथे घटक संकेतक, यानी कुपोषण की व्यापकता (पीओयू) में सुधार के कारण हो सका है." पिछले साल की ग्लोबल हंगर रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग 125 देशों में से 111 थी. मंत्री ने आगे कहा, "आंगनवाड़ी सेवाओं और पोषण अभियान के तहत पूरक पोषण कार्यक्रम के तहत प्रयासों को पुनर्जीवित किया गया है और 'सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0' के रूप में योजनाओं को तेजी से चलाया जा रहा है ताकि हर किसी को खाना मिल सके. हमारी कोशिश अलग-अलग तरह से बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माताओं के बीच कुपोषण की चुनौतियों का समाधान करना है. . विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Pradeep Jain

Nov 29, 2024

कनॉट प्लेस हनुमान मंदिर में भजन संध्या में हनुमानजी के भजनों पर जमकर झूमे श्रद्धालु

नई दिल्ली, 29 नवंबर 2024 (यूटीएन)। कनाट पलेस दिल्ली स्थित सुप्रसिद्ध एवं प्राचीन सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया गया। इसमें देर रात तक श्रद्धालु सोनिया कश्यप और नीरज शर्मा द्वारा गाए गए भजनों के साथ हनुमान जी के रंग में रंगे झूमते रहे। मंदिर के महंत पंडित सुरेश शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर जगद्गुरु देवादित्यनंद सरस्वती जी महाराज विशेष रूप से उपस्थित रहे। दोनों गायकों ने हनुमान जी महाराज का गुणगान कर भक्तों को मंत्रमुग्ध किया। इसके अलावा कुछ भक्तों ने भी अपने भजनों से श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर किया। भजन संध्या की शुरुआत गणेश वंदना के साथ हुई। इस दौरान श्रद्धालु ‘कीर्तन की है रात बाबा आज थाणे आणो है’, ‘दुनिया चले श्री राम के बिना’, ‘छम-छम नाचे देखो भक्त हनुमाना’ आदि भजनों पर झूम उठे। सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर कनाट् पैलेस में भजन संध्या के आयोजन में ज्योतिष पीठाधीश्वर् जगतगुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी माधवाश्रम जी  के शिष्य जगद्गुरु देवादित्यनंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि दिल्ली इंद्रप्रस्थ भगवान् इंद्र की नगरी है यहाँ पर भगवती यमुना में प्रदूषण विकराल रूप ले रहा है जो किसी भी प्राणी और पार्टियों के हित में नहीं है भगवती यमुना की सफाई करना एक पुण्य का काम है और  प्राणियों के स्वास्थ्य से जुड़ा है l   इसमें पक्ष विपक्ष  सभी को मिलकर अभियान चलाना चाहिए l यमुना की अविरल निर्मलता के लिए कार्य कर रहे यमुना संसद के संयोजक रवि शंकर तिवारी जी के कार्यो की सराहना करते हुए उनका स्वागत किया गया l उन्होंने कहा की देश में गो ह्त्या बंदी कानून बने जिससे धर्म की रक्षा के साथ साथ देश की समृद्धि भी होगी । कार्य क्रम का आयोजन महंत पंडित सुरेश शर्मा द्वारा किया गया l उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम ने अपने प्रिय भक्त हनुमान को सच्चा और निस्वार्थ भक्ति के कारण अपना सबसे बड़ा दास बनाया। माता सीता ने उन्हें उनकी भक्ति से प्रभावित होकर अष्ट सिद्धियां वरदान में दी। उन्होंने कहा कि भूत-पिशाच निकट न आवे, महावीर जब नाम सुनावे..." यह पंक्ति हनुमान चालीसा से जुड़ी है और न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह नकारात्मक शक्तियों को दूर करने का एक प्रभावी उपाय भी मानी जाती है। हनुमान जी को भगवान शिव के रुद्र रूप का अवतार माना जाता है, और उनका नाम लेने से नकारात्मक ऊर्जा और भूत-प्रेत जैसी शक्तियां दूर भाग जाती हैं। हनुमान जी की भक्ति से मानसिक शांति मिलती है और भक्त संकटों से उबरने में सक्षम होते हैं, क्योंकि उनकी शक्तियां असाधारण और दिव्य हैं।   महंत सुरेश शर्मा ने कहा कि हनुमान जी की दिव्यता और शक्तियां भगवान शिव से जुड़ी हैं, और उनके नाम का जाप करते समय वही शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं जो शिव की क्रोध और शांति के रूप में हैं। हनुमान जी के भक्तों से भूत-प्रेत डरते हैं, क्योंकि इन नकारात्मक शक्तियों को यह समझ में आता है कि हनुमान जी के भक्तों को कोई भी नुकसान नहीं पहुँचा सकता। पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी को देवताओं से विशेष शक्तियां प्राप्त हैं, जिनसे वे यम, शनि, राहु-केतु जैसी बुरी शक्तियों से भी सुरक्षित रहते हैं। इसके अलावा, हनुमान चालीसा में वर्णित आठ सिद्धियां – अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, आदि – हनुमान जी के दिव्य गुणों का प्रतीक हैं। ये सिद्धियां नकारात्मक शक्तियों को समाप्त करती हैं और असुर तथा पिशाचों से सुरक्षा प्रदान करती हैं।   इस प्रकार, हनुमान जी का नाम लेने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और भक्तों को सुरक्षा, शक्ति और शांति का आशीर्वाद मिलता है, जिससे हनुमान जी की पूजा संकटों के समय अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। कार्य क्रम में भाग लेने वालों में मुख्य रूप से प्रमोद माहेश्वरी, नेता विनोद नागर, पवन , पीयूष शर्मा , शिव शंकर शर्मा, बंटी, हजारों लोगों ने भजन संध्या का लाभ उठाया. इस अवसर पर गणमान्य लोगों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Pradeep Jain

Nov 29, 2024

भारत अब वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है

नई दिल्ली, 29 नवंबर 2024 (यूटीएन)। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा इंडीएयरपोर्ट 2024 के तीसरे संस्करण का आयोजन किया गया, जो भारत के विमानन क्षेत्र की यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं और वैश्विक हितधारकों की एक प्रतिष्ठित लाइन-अप को एक साथ लाते हुए, तीन दिवसीय सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्देश्य अत्याधुनिक नवाचारों का प्रदर्शन करना, क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करना और स्थायी विमानन विकास के लिए एक मजबूत रोडमैप तैयार करना है। अपने मुख्य भाषण में पीयूष श्रीवास्तव, वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत के संवैधानिक आदर्शों न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को साकार करने में इस क्षेत्र की अभिन्न भूमिका पर जोर दिया। विमानन उद्योग के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि भारत अब वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है। श्रीवास्तव ने आर्थिक विकास और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच महत्वपूर्ण संतुलन के बारे में बात की, हितधारकों से हरित प्रौद्योगिकियों और टिकाऊ परिचालन प्रथाओं को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने पर्यावरण में सकारात्मक योगदान देने के लिए भारत के हवाई अड्डों की प्रशंसा की, जहाँ कई सुविधाएँ पहले से ही शुद्ध-सकारात्मक योगदान प्राप्त कर रही हैं।   विशेष अतिथि डॉ. शरद कुमार, सदस्य (संचालन), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने इस वृद्धि को आगे बढ़ाने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए 2019 से पीपीपी मॉडल के माध्यम से किए गए ₹91,000 करोड़ से अधिक के महत्वपूर्ण निवेश पर प्रकाश डाला। डॉ. कुमार ने कहा कि ये निवेश बढ़ते यात्री वॉल्यूम को पूरा करने और विश्व स्तरीय सुविधाएँ बनाने में महत्वपूर्ण रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से हवाई यातायात प्रबंधन में अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को अपनाने और नागरिक और रक्षा विमानन दोनों में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। भारत के विमानन क्षेत्र के लिए महत्वाकांक्षी रोडमैप उद्घाटन सत्र के दौरान एक केंद्रीय विषय था। पीएचडीसीसीआई नागरिक उड्डयन समिति के अध्यक्ष संजीव एडवर्ड ने हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में 920 बिलियन रुपये निवेश करने की सरकार की योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसका लक्ष्य 2025 तक परिचालन हवाई अड्डों की संख्या को मौजूदा 157 से बढ़ाकर 200 करना है, साथ ही अगले दो दशकों में 200 और हवाई अड्डे बनाने की योजना है। उन्होंने कहा कि यह पहल केवल संख्या बढ़ाने के बारे में नहीं है, बल्कि हवाई यात्रा को लोकतांत्रिक बनाने और इसे हर भारतीय के लिए सुलभ बनाने के बारे में है, खासकर उड़ान जैसी परिवर्तनकारी योजनाओं के माध्यम से, जिसने टियर-2 और टियर-3 शहरों को प्रमुख केंद्रों से जोड़ा है।   अपने संबोधन में पीएचडीसीसीआई के उप महासचिव डॉ. जतिंदर सिंह ने सहयोग और नवाचार के लिए एक मंच के रूप में सम्मेलन की महत्वपूर्ण भूमिका को दोहराया। उन्होंने घोषणा की कि सम्मेलन के अंत में एक श्वेतपत्र जारी किया जाएगा, जिसमें सत्रों से प्रमुख विचार-विमर्श और कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि शामिल होगी। चर्चाओं में प्रौद्योगिकी और स्थिरता सबसे आगे रही। वक्ताओं ने परिचालन को सुव्यवस्थित करने और यात्री अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एआई-संचालित पूर्वानुमान विश्लेषण, ब्लॉकचेन और डिजी यात्रा जैसे बायोमेट्रिक समाधानों की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया। इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (ईवीटीओएल) वाहनों और ड्रोन को शहरी गतिशीलता और रसद में क्रांति लाने के लिए तैयार प्रमुख नवाचारों के रूप में पहचाना गया। इन प्रौद्योगिकियों के एकीकरण, सौर ऊर्जा अपनाने, ऊर्जा-कुशल बुनियादी ढांचे और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे संधारणीय प्रथाओं के साथ मिलकर, भविष्य के लिए तैयार विमानन पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। सत्र में वैश्विक हितधारकों से अंतर्दृष्टि शामिल थी, जिसमें सुश्री मिरियम शॉनरॉक, मार्केटिंग प्रमुख, गेट, और रोको मार्कुशियो, परियोजना समन्वयक, एयर टेक इटली शामिल थे। सुश्री शॉनरॉक ने चुनौतियों का समाधान करने और विमानन प्रौद्योगिकी में प्रगति में तेजी लाने में भारत-यूरोपीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया।   मार्कुशियो ने भारत की विमानन महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करने में वैश्विक विशेषज्ञता के महत्व को रेखांकित किया, 40 इतालवी कंपनियों के साथ साझेदारी के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने में एयरटेक इटली की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में भारत के विमानन उद्योग के समावेशी विकास पर भी प्रकाश डाला गया। श्रीवास्तव ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व की सराहना की, जिसमें भारतीय महिलाएं वैश्विक पायलट कार्यबल का अनुपातहीन रूप से बड़ा हिस्सा हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विमानन क्षेत्र स्वतंत्रता और पहुंच के आदर्शों का प्रतीक है, जिसमें कनेक्टिविटी का विस्तार सभी भारतीयों के लिए अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है। 50 से अधिक प्रदर्शकों और 200 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ, इंडीएयरपोर्ट 2024 उद्योग के हितधारकों को जुड़ने, नवाचार करने और सहयोग करने के लिए एक अद्वितीय मंच प्रदान करता है। सम्मेलन में हवाईअड्डा प्रौद्योगिकी, ग्राउंड हैंडलिंग, रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) नवाचारों और स्थिरता सहित कई विषयों पर चर्चा की जाएगी। कार्यक्रम का समापन एक व्यापक श्वेतपत्र के विमोचन के साथ होगा, जिसमें कार्रवाई योग्य सिफारिशें दी जाएंगी। भारत के विमानन क्षेत्र को नवाचार, समावेशिता और स्थिरता के भविष्य की ओर मार्गदर्शन करने के लिए सिफारिशें।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

Pradeep Jain

Nov 29, 2024

राहुल गांधी ने बगैर सबूत देखे भ्रम फैलाया:महेश जेठमलानी

नई दिल्ली, 29 नवंबर 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने अदाणी समूह पर रिश्वतखोरी के तमाम आरोपों को बगैर सबूतों के और बेबुनियाद बताया है. उन्होंने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि अदाणी समूह पर ऐसे आरोप लगाकर भारत के विकास को रोकने की साजिश की जा रही है. जेठमलानी ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी पर भी बेवजह सिर्फ राजनीति करने के लिए इसे मुद्दा बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इस मामले में बैगर सबूत देखे ही सिर्फ भ्रम फैलाया है, इस वजह से निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. मैं तो साफ कर देना चाहता हूं कि संसद में कांग्रेस जेपीसी की जो मांग कर रही है वह पूरी तरह से गलत है. मैं ये इसलिए कह रहा हूं कि क्योंकि अभी तक जो डॉक्यूमेंट सामने आए हैं उनमें कहीं से भी अदाणी समूह के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं. ऐसे में बगैर सूब के ही ऐसे आरोप लगा देना पूरी तरह से गलत होगा.    *जानबूझकर लगाए जाते हैं ऐसे आरोप* महेश जेठमलानी ने आगे कहा कि अदाणी समूह पर इस तरह के आरोप जानबूझकर लगाए जाते हैं. इन आरोपों को लगाने का सिर्फ एक ही मकसद होता है कि किसी तरह से अदाणी समूह के शेयर के भाव को कम किया जा सके. ताकि कंपनी के साथ-साथ निवेशकों को नुकसान होगा. पिछली बार भी जब ऐसा हुआ था तो कुछ समय तक शेयर के दाम कम हुए थे. और जब ये साबित हो गया था कि लगाए गए तमाम आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है तो शेयरों में तेजी देखी गई थी. इस बार भी बगैर सबूत के ऐसा किया जा रहा है. मकसद साफ है कि कैसे भी अदाणी समूह के शेयरों को तोड़ा जा सके.  . *सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया* आपको बता दें कि अदाणी ग्रीन एनर्जी ने बुधवार को एक स्टेटमेंट जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि गौतम अदाणी, सागर अदाणी और वरिष्ठ निदेशक विनीत जैन अमेरिकी न्याय विभाग के रिश्वतखोरी के सभी आरोपों से मुक्त हैं. एजीईएल ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा है कि विभिन्न मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अदाणी ग्रुप के अधिकारियों - गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी और वरिष्ठ निदेशक विनीत जैन पर अमेरिकी विदेश भ्रष्टाचार कानून (एफसीपीए) के तहत रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे, जो कि पूरी तरह गलत हैं.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Nov 29, 2024

आरक्षण का फायदा लेने के लिए धर्मांतरण गलत: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 29 नवंबर 2024 (यूटीएन)। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई सिर्फ आरक्षण का फायदा लेने के लिए धर्मांतरण कर रहा है तो उसे इसकी आड़ में इसका फायदा उठाने की इजाज़त नहीं दी जा सकती. नियमित तौर पर चर्च जाने और ईसाई धर्म परंपरा का पालन करने वाला, ख़ुद को हिंदू बताकर अनुसूचित जाति के तहत मिलने आरक्षण का लाभ नहीं उठा सकता. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत देश के हर नागरिक को अपनी मर्जी से किसी धर्म को चुनने और उसके परंपराओं का पालन करने की स्वतंत्रता है.   *आरक्षण के लिए धर्मांतरण की इजाजत नहीं* कोई अपना धर्म तब बदलता है, जब वास्तव में वो किसी दूसरे धर्म के सिद्धांतों ,परंपराओं से प्रभावित हो. हालांकि अगर कोई धर्मांतरण सिर्फ दूसरे धर्म के तहत मिलने वाले आरक्षण का फायदा लेने के लिए हो रहा है तो इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती. ऐसा करना आरक्षण की नीति के सामाजिक सरोकार को हराना होगा. पीठ ने पुडुचेरी की एक महिला की अर्जी खारिज करते हुए ये टिप्पणी की है. महिला ने नौकरी में अनुसूचित जाति के तहत मिलने वाले आरक्षण का लाभ हासिल करने के लिए याचिका दायर की थी.   *क्यों नहीं दिया जा सकता है आरक्षण का लाभ* सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता महिला ईसाई धर्म की परंपरा का पालन करती है, वो नियमित तौर पर चर्च जाती है. इसके बावजूद वो ख़ुद को हिंदू बताते हुए नौकरी के मकसद से अनुसूचित जाति को मिलने वाले आरक्षण का फायदा उठाना चाहती है. इस महिला का दोहरा दावा मंजूर नहीं किया जा सकता है. ईसाई धर्म का पालन करते हुए वो वो ख़ुद को हिंदू होने का दावा नहीं कर सकती, उसे अनुसूचित जाति के आरक्षण का फायदा नहीं दिया जा सकता.   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

admin

Nov 29, 2024