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रुक्मिणी-कृष्ण विवाह का प्रसंग सुन झूम उठे श्रद्धालु, विवाह की भव्य झांकी ने भी खूब किया आनंदित

खेकड़ा, 13 जून 2024 (यूटीएन)। नूरपुर के बाबा मोहनराम मंदिर के प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में गुरुवार को कथा व्यास देवकी नंदन महाराज ने श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग सुनाया तथा विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। नूरपुर गांव के प्राचीन बाबा मोहनराम मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास देवकी नंदन महाराज ने बताया कि, विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री रुक्मणि ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी, तो उसने मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया।   जबकि रुक्मणि का बड़ा भाई रुक्मी अपनी बहन का विवाह चेदिनरेश राजा शिशुपाल से कराना चाहता था। रुक्मणि ने एक संदेशवाहक से श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया। श्रीकृष्ण ने बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदुरथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त कर अपने परिजनों के समक्ष विधिविधान से रुक्मणि से विवाह किया। कथा के दौरान रुक्मणि कृष्ण के विवाह की भव्य झांकी भी प्रस्तुत की गई, जिसे देख श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथा में रामपत भगत, आचार्य भगवती प्रसाद, सतीश, रामपाल प्रधानाचार्य, नितिन, प्रह्लाद, आनंद प्रधान, कुलदीप, जितेंद्र, कृष्ण, धर्मसिंह आदि शामिल रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 13, 2024

दिल्ली वाले बाबा की सिद्ध पीठ माँ दुर्गा मंदिर में यज्ञ ,आहुति देकर की गई मानव कल्याण की कामना

बिनौली, 12 जून 2024 (यूटीएन)। क्षेत्र के चंदायन गांव स्थित दिल्ली वाले बाबा प्राचीन सिद्ध शक्तिपीठ दुर्गा मंदिर परिसर में ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी पर यज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने आहुति देकर मानव कल्याण की कामना की। मंदिर परिसर में पं पवन द्विवेदी के निर्देशन में मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ हुआ।    इसके उपरांत श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा, शिव परिवार, भक्त हनुमान व दिल्ली वाले बाबा की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की। इस अवसर पर भंडारे का भी आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर मंदिर संस्थापक अशोक पाल, लख्मीचंद पाल, अंशल पाल, मा प्रमोद कुमार, विपिन पाल, अमृत पाल, सुधीर कसाना, ईश्वर सिंह, रामकिशन, अमन गुप्ता, सुरेंद्र भगत, सोमदत्त पाल, मोहर सिंह प्रधान, राकेश पाल, विभोर, गुड्डू पाल आदि मौजूद रहे।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 12, 2024

तिजारा तीर्थ में जाकर श्रुत पंचमी मनाते हुए तीन मुनियों के चातुर्मास की घोषणा से जैन समाज आह्लादित

बडौत, 12 जून 2024 (यूटीएन)। नगर के जैन श्रद्धालुओं ने जहां तिजारा तीर्थ में भगवान् चंद्रप्रभु के चरणों में नमन किया वहीं आचार्य विमर्श सागर जी के आशीर्वाद से तीन जैन मुनियों के नगर में चातुर्मास किए जाने की मुराद भी पूरी हो गई, जिससे जैन समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई।    तिजारा में भगवान चंद्रप्रभु के चरणों मे, आचार्य विमर्श सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में, श्रुत पंचमी महोत्सव में शामिल होने गये जैन श्रद्धालुओं ने अजितनाथ दिगंबर जैन मन्दिर कमेटी बड़ौत के अध्यक्ष सुभाष जैन खाद वालो के नेतृत्व मे 100 से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया। इस दौरान धूमधाम से आयोजित कार्यक्रम मे आचार्य ने बड़ौत जैन समाज को भरपूर आशीर्वाद दिया।   साथ ही बड़ौत नगरी में इस वर्ष के चातुर्मास हेतु मुनिराज विशुभ्र सागर, मुनि विश्वांक सागर और मुनि विश्वार्क सागर जी महाराज के नाम की घोषणा की। तीनों जैन मुनियों के चातुर्मास की घोषणा से आह्लादित जैन श्रद्धालुओं ने बताया कि, 15 जुलाई के लगभग मुनि संघ का बड़ौत के अजितनाथ दिगंबर जैन मन्दिर मंडी मे चातुर्मास हेतु मंगल प्रवेश होगा, इसके लिए विशेष कार्यक्रम और प्रवचनों की विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाएगी।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 12, 2024

पश्चिमी यूपी में विकास की नई इबारत लिखने में जयंत चौधरी की हो अहम भूमिका, यज्ञ कर की गई कामना

बडौत, 11 जून 2024 (यूटीएन)। चौ जयंत सिह को केंद्र सरकार मे राज्यमन्त्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए जाने पर आरएलडी कार्यालय पर हवन किया गया तथा कामना की गई कि, उनके कार्यकाल में किसानों, कमेरों, युवाओं, दलितों और व्यापारियों की समस्याओं का समाधान हो और विकास की नई इबारत मूर्त रूप ले।  इस अवसर पर पूर्वमंत्री कुलदीप उज्ज्वल  बडौत विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे एड जयबीर सिह तोमर, व्यापारी नेता डॉ योगेश जिंदल,मा सोमपाल सिह बडोली, अरुण तोमर कृष्ण पहलवान तुगाना, अमित चिकारा, अनुज तोमर बडोली, मा प्रह्लाद खेडा, विकाश एड आदि मौजूद रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 11, 2024

नूरपुर में भव्य कलश यात्रा के साथ कथाव्यास रामानुचार्य देवकीनन्दन महाराज ने की भागवत् रसामृत वर्षा

खेकड़ा, 08 जून 2024 (यूटीएन)। क्षेत्र के नूरपुर गांव के बाबा मोहनराम मंदिर में शनिवार को पावन श्रीमदभागवत कथा प्रारम्भ हुई। इससे पूर्व श्रद्धालु परिवारों की महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर बैंड बाजों के साथ गांव का भ्रमण किया। नूरपुर गांव के बाबा मोहन राम मंदिर में शनिवार को श्रीमद् भागवत प्रेम यज्ञ सप्ताह प्रारम्भ हुआ। कथा व्यास रामानुचार्य देवकीनन्दन महाराज के सानिध्य में कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा प्रारम्भ हुई। कलश यात्रा सुबह मंदिर से पूजा अर्चना के साथ शुरू हुई। यात्रा के श्रद्धालुओं ने बैंड बाजे के साथ समूचे गांव में भ्रमण किया।यात्रा में शामिल महिलाएं नए वस्त्रों में सिर पर मंगल कलश लिए हुए मंगल गीत गा रही थी। युवा श्रद्धालु भजनों पर झूम रहे थे। अबीर गुलाल उड़ा रहे थे। करीब दो घंटे के भ्रमण के बाद यात्रा वापस मंदिर पहुंची। वहां कथा स्थल पर मंत्रोच्चार के बीच क्लशो की स्थापना की गई। इसके बाद कथा प्रारम्भ हुई। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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Jun 8, 2024

हवन यज्ञ और भंडारे के साथ हुआ श्रीमद् भागवत कथा का समापन

खेकड़ा,28 मई 2024  (यूटीएन)। कस्बे के अहिरान शिव मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का विश्व शांति और सर्वकल्याण की कामना से सोमवार को समापन हो गया। समापन पर हवन यज्ञ और विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया।   कस्बे के अहिरान स्थित प्राचीन शिव मंदिर में महिला कीर्तन मंडली भूमिया धाम के तत्वाधान में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का सोमवार को समापन हो गया। कथा व्यास योगेश कौशिक महाराज ने कहा कि, आत्मा को जन्म व मृत्यु के बंधन से मुक्त कराने के लिए भक्ति मार्ग से जुड़कर सत्कर्म करना होगा।   हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मन वांछित फल प्रदान करते हैं। कहा कि, श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद्भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं।   इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। कथा के समापन पर श्रद्धालुओं ने व्यासपीठ की आरती उतारी तथा यज्ञ में आहुति दी। विशाल भंडारे में सभी ने श्रद्धा पूर्वक प्रसाद ग्रहण किया।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |

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May 28, 2024

कुबेर टीले पर लगाए जाएंगे रामायण कालीन पौधे, सितंबर तक पूरा हो जाएगा सातों मंदिरों का निर्माण : नृपेंद्र मिश्रा

नई दिल्ली, 26 मई 2024  (यूटीएन)। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बड़ी जानकारी साझा करते हुए कहा कि कुबेर टीले पर रामायण कालीन पौधे लगाए जाएंगे। राम मंदिर के बगल में बनने वाले सात मंदिरों का निर्माण कार्य सितंबर तक पूरा हो जाएगा।   राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में शामिल होने पहुंचे निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने आगे कहा कि ट्रस्ट का प्रयास है कि राम मंदिर के साथ-साथ परिसर में बन रहे अन्य मंदिरों का काम जल्द पूरा हो जाएगा। उसके बाद श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकेंगे। उम्मीद है कि सितंबर महीने तक सात मंदिरों का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।   उन्होंने कहा कि शेषावतार मंदिर भी जल्द बनकर पूरा हो जाएगा। कुबेर टीले का कार्य लगभग पूरा हो गया है। जटायु महाराज भी स्थापित हो चुके हैं, जो श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने आते हैं, वह कुबेर टीले में भी जाएं, कुबेर टीले पर रामायण कालीन पौधे लगाए जाएंगे, उद्यान विभाग उस पर काम कर रहा है।   उन्होंने कहा कि नेशनल बॉटनी गार्डन लखनऊ इस पर शोध कर चुका है कि रामायण में कौन-कौन से पौधों का उल्लेख है, 150 से ज्यादा रामायण कालीन पौधों का उल्लेख है, उन्ही में से ही चयन करके कुबेर टीले पर पौधे लगाए जाएंगे।    विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 26, 2024

मतदान के बाद सपा प्रत्याशी ने महाकालेश्वर से उज्जैन में लगाई गुहार तो रालोद प्रत्याशी ने माँ पीतांबरा से लगाई मनुहार

बागपत, 22 मई 2024  (यूटीएन)। इन दिनों नेताओं को जन समस्याओं के समाधान की फिक्र तो बिल्कुल भी नहीं है, लेकिन फिक्र है तो चुनाव के परिणाम अपने अनुकूल आने की। रालोद प्रत्याशी हों चाहे सपा प्रत्याशी या फिर अन्य, सभी देवी देवताओं के दर्शन व पूजा पाठ में लगे हैं तथा जीत का वरदान मांगने और सुनने को बेताब नजर आ रहे हैं।    लोकसभा के लिए बागपत से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अमरपाल शर्मा ने मतदान होने के दो तीन बाद ही भोले बाबा की नगरी उज्जैन में जाकर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए तथा घंटों पूजा अर्चना की। बता दें कि, सपा प्रत्याशी अमर पाल शर्मा शिव के ऐसे भक्त हैं, जो मानते हैं कि, उन्हें जो दिया भोले बाबा ने ही दिया, इसलिए त्वदीय वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये का भाव लिए शिवभक्तों के लिए अमरनाथ यात्रा के दौरान तथा कांवड़ यात्रा के दौरान भी खुले दिल से भंडारा लगाते हैं।   उनका कहना है कि, शिव ने दिया है और आगे भी शिव ही देंगे, यही कारण है कि, पार्टी ने टिकट दिया तो जनता ने प्यार और वोट। शिव की कृपा से स्वयं को संतुष्ट और अनुकूल चुनाव परिणाम से आश्वस्त भी हैं।    इसी तरह रालोद प्रत्याशी डा राजकुमार सांगवान ऐसी सिद्धपीठ को नमन करने पहुंचे, जो पीतांबर माँ की सिद्धपीठ कही जाती है तथा जिसके दर्शन और अपनी राजनीतिक पारी से संबंधित मनोकामना लिए पं जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी, विजयराजे सिंधिया से लेकर  बहुत सी छोटी बड़ी हस्ती व बालीवुड के अभिनेता व कभिनेत्रियां आती रही हैं।    बताया तो यहाँ तक जाता है कि, माँ पीतांबरा दिन में तीन बार रूप बदलती है तथा भक्तों की हर मनोकामना भी पूरी करती है। समझा जाता है कि,चुनावी आस लिए रालोद प्रत्याशी डा राजकुमार सांगवान ने भी माँ के दर्शन कर दर्शन, नमन व पूजा पाठ किया।   सूचना तो यह भी है कि, मतगणना की 4 जून जैसे जैसे निकट आ रही है, वैसे वैसे प्रत्याशियों द्वारा धर्म कर्म के दूसरे माध्यमों के पंडितों व ज्योतिषियों से भी संपर्क साधा जा रहा है तथा उनके बताए नियम उपनियम के अनुसार जीवन शैली और पूजा पाठ भी शुरू कर दिया गया है।   स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |    

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May 22, 2024

रिवर पार्क जैन मंदिर बागपत ने निकाली श्री जी की भव्य रथयात्रा

बागपत, 16 मई 2024  (यूटीएन)। श्री 1008 चिंतामणि पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, जैन नगर रिवर पार्क में मंदिर के छठे स्थापना दिवस के अवसर पर श्री जी की भव्य रथयात्रा गाजे-बाजे के साथ धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ निकाली गई। सर्वप्रथम सुबह के समय श्री जी का विधि-विधान व मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक व पूजन किया गया। तत्पश्चात श्री जी की प्रतिमा को रथ में विराजमान कर गाजे- बाजे के साथ रथयात्रा निकाली गई, जिसमें जैन धर्मावलंबियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।   कीर्तन मंडली द्वारा श्री जी के एक से बढ़कर एक भजन सुनाए जा रहे थे और श्रद्धालु भगवान जी की रथयात्रा के आगे मधुर भजनों पर नाचते-गाते हुए चल रहे थे। रथयात्रा के पांडुकशिला पहुंचने पर श्री जी की विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की गई। पूरा वातावरण श्री जी के जय-जयकारो से गूंज उठा। उसके बाद रथयात्रा पुनः मंदिर पर आकर समाप्त हुई। रथयात्रा के शुभारंभ से पहले प्रथम मानस्तम्भ अभिषेक हेतू लक्की ड्रा निकाला गया।   जिसमें श्री जी खवासी का लक्की ड्रा अमित जैन - मिलन फोटो स्टूडियो बागपत, सारथी का लक्की ड्रा संजीव कुमार जैन राजीव कुमार जैन बागपत, कुबेर का लक्की ड्रा सुनील जैन सुशील जैन सरुरपुर, चंवर का लक्की ड्रा राजबाला जैन अमीनगर सराय, दूसरे चंवर का लक्की ड्रा पीयूष जैन बागपत, मानस्तम्भ के अभिषेक हेतू पूर्व दिशा का लक्की ड्रा सुशील जैन बड़ौत वाले, दक्षिण दिशा का लक्की ड्रा सचिन जैन विकास जैन बागपत,पश्चिम दिशा का लक्की ड्रा शलभ जैन   बागपत तथा उत्तर दिशा का लक्की ड्रा भारती जैन राजा जैन बागपत के नाम निकला। इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष नगेन्द्र जैन गोयल, परम संरक्षक शिखर चंद जैन, महामंत्री ईश्वर जैन, कोषाध्यक्ष अनिल जैन, राहुल जैन, प्रवीण मलिक, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन बागपत, प्रदीप जैन, रवि जैन, वासु जैन, पारस जैन, पूनम जैन, बबीता जैन, नीलम जैन, संतोष जैन, दीपिका जैन, सचिन जैन, गौरव जैन सहित सैंकड़ों श्रद्धालुगण उपस्थित थे।    बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।    

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May 16, 2024

रामचरितमानस बनी विश्व धरोहर, यूनेस्को ने दी मान्यता

नई दिल्ली, 15 मई 2024  (यूटीएन)। राम चरित मानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-लोकन को ‘यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर’ में शामिल किया गया है। यह समावेशन भारत के लिए एक गौरव का क्षण है, जिससे देश की समृद्ध साहित्यिक विरासत और सांस्कृतिक विरासत की पुष्टि होती है।   यह वैश्विक सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में हो रहे प्रयासों में एक कदम आगे बढ़ने का प्रतीक है, जो हमारी साझा मानवता को आकार देने वाली विविध कथाओं और कलात्मक अभिव्यक्तियों को पहचानने और सुरक्षित रखने के महत्व पर प्रकाश डालता है। इन साहित्यिक उत्कृष्ट कृतियों का सम्मान करके, समाज न केवल उनके रचनाकारों की रचनात्मक प्रतिभा को श्रद्धांजलि देता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि उनका गहन ज्ञान और कालातीत शिक्षाएं भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहें और उनकी जानकारियां बढ़ाती रहें।   *इन्हें मिली मान्यता* ‘रामचरितमानस’, ‘पंचतंत्र’ और ‘सहृदयालोक-लोकन’ ऐसी कालजयी रचनाएं हैं जिन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया है, देश के नैतिक ताने-बाने और कलात्मक अभिव्यक्तियों को आकार दिया है। इन साहित्यिक कृतियों ने समय और स्थान से परे जाकर भारत के भीतर और बाहर दोनों जगह पाठकों और कलाकारों पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उल्लेखनीय है कि ‘सहृदयालोक-लोकन’, ‘पंचतंत्र’ और ‘रामचरितमानस’ की रचना क्रमशः पं. आचार्य आनंदवर्धन, विष्णु शर्मा और गोस्वामी तुलसीदास ने की थी।   इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड कमेटी फॉर एशिया एंड द पैसिफिक (एमओडब्ल्यूसीएपी) की 10वीं बैठक के दौरान एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उलानबटार में हुई इस सभा में, सदस्य देशों के 38 प्रतिनिधि, 40 पर्यवेक्षकों और नामांकित व्यक्तियों के साथ एकत्र हुए। तीन भारतीय नामांकनों की वकालत करते हुए, आईजीएनसीए ने ‘यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर’ में उनका स्थान सुनिश्चित किया।   *प्रोफेसर रमेश चंद्र गौड़ ने किया प्रस्तुत* आईजीएनसीए में कला निधि प्रभाग के डीन (प्रशासन) और विभाग प्रमुख प्रोफेसर रमेश चंद्र गौड़ ने भारत से इन तीन प्रविष्टियों- राम चरित मानस, पंचतंत्र और सहृदयालोक-लोकन को सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया। प्रो. गौर ने उलानबटार सम्मेलन में नामांकनों का प्रभावी ढंग से समर्थन किया। यह उपलब्धि भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए आईजीएनसीए के समर्पण को प्रदर्शित करती है, साथ ही, वैश्विक सांस्कृतिक संरक्षण और भारत की साहित्यिक विरासत की उन्नति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। ऐसा पहली बार हुआ है जब आईजीएनसीए ने 2008 में अपनी स्थापना के बाद से क्षेत्रीय रजिस्टर में नामांकन जमा किया है।   गहन विचार-विमर्श से गुजरने और रजिस्टर उपसमिति (आरएससी) से सिफारिशें प्राप्त करने और बाद में सदस्य देशों के प्रतिनिधियों द्वारा मतदान के बाद, सभी तीन नामांकनों को शामिल किया गया, जिससे 2008 में रजिस्टर की स्थापना से पहले की महत्वपूर्ण भारतीय प्रविष्टियों को चिह्नित किया गया।   विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |

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May 15, 2024