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○ एम्स में बच्चों के मायोपिया के इलाज के लिए स्पेशल क्लिनिक
○ पीएम मोदी ने जनजातीय संस्कृति से दुनिया को कराया रूबरू
○ आदिवासी समुदायों की प्रगति राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति
○ पर्यावरण प्रदूषण के कारण लगे प्रतिबंधों का कोई असर नहीं, वाहनों व उद्योगों में काम भवननिर्माण भी पूर्ववत्
○ धर्मावलंबियों ने देव दीपावली पर जलाए दीये, देवी- देवताओं की गई पूजा -अर्चना
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State
बागपत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शुमार है भगवानपुर नांगल का गोरखनाथ आश्रम
बागपत, 29 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। बागपत के भगवानपुर नांगल गांव में स्थित गोरखनाथ आश्रम, खोखरा - जनपद बागपत के प्राचीन और प्रमुख तीर्थ स्थलों में शुमार है। इस स्थान को नाथ सम्प्रदाय के साधुओं का सिद्ध समाधि स्थल कहा जाता है। 17 से 18 बीघा में फैले इस आश्रम में बड़े बाबा लच्छी नाथ जी और छोटे बाबा छोटेनाथ जी का दिव्य और चमत्कारी समाधि मंदिर स्थित है, जहॉं पर बाबा के आशीर्वाद से आने वाले श्रद्धालुओं की समस्याओं का निराकरण होता है। इस आश्रम में एक भव्य नवदुर्गा मंदिर है, जहां पर सच्चे मन से आने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामना मातारानी पूर्ण करती है। आश्रम मे गोरखनाथ जी का अखण्ड़ धुना है। आश्रम में 1 बीघा में भव्य और विशाल सतसंग भवन बना हुआ है, जिसमें 700 से 800 लोगों की बैठने की व्यवस्था है। आश्रम के मुख्य महंत अर्जुननाथ जी महाराज है। अर्जुननाथ जी महाराज ने बताया कि आश्रम पर गोरखनाथ जी की विशेष कृपा है। उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी अपने व्यस्तम समय से समय निकालकर स्पेशल विजिट पर इस आश्रम में आकर बड़े बाबा लच्छी नाथ जी और छोटे बाबा छोटेनाथ जी का आशीर्वाद प्राप्त कर चुके है। बताया कि आश्रम परिसर में विशाल शनि शिला है। ऐसी शनि शिला आसपास के क्षेत्र में नही है। इस स्थान पर आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शनिदेव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस आश्रम में द्वापर युग के कदम के पेड़ है। इस आश्रम में 150 वर्ष से अधिक पुराना केंदु का पेड़ है जो इस आश्रम में मुख्य आकर्षण का केन्द्र है। मंदिर में अमृत सरोवर नामक एक विशाल सरोवर स्थित है। इस सरोवर में स्नान करने और शरीर पर इसकी मिटटी का लेप करने से चर्म रोग से पीड़ित मरीजों के रोग आश्चर्यजनक रूप से सही होते है। मंदिर परिसर में भगवान शिवजी, नवदुर्गा माता जी, हनुमान जी, भैरव जी, गौमाता, भूरा देव जी के मंदिर बने हुए है। आश्रम की मुख्य ब्रॉंच गौरखपुर में है। आश्रम में गुरूपूर्णिमा के पर्व पर मुख्य पूजा का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि अर्थात दशहरे पर विशाल भंड़ारे का आयोजन होता है और शारदीय नवरात्रों में नौ दिनों तक मातारानी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। बताया कि आश्रम में सिद्ध साधु-संतो के अलावा राजनैतिक, प्रशासनिक, शैक्षिक, धार्मिक आदि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी जानी-मानी हस्तियों का आना-जाना लगा रहता है। बागपत-रिपोर्टर, (विवेक जैन)।
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Oct 29, 2024
हम मिलते हैं तो इसका मतलब नहीं कि डील ही हो सरकार के मुखिया से जजों की मुलाकात पर बोले चीफ जस्टिस
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। इस साल गणेश चतुर्थी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर पहुंचे थे। उस समय उन्होंने गणपति पूजा भी की थी, जिसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने सवाल खड़े किए थे। अब इस मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि जब भी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, राज्यों और केंद्र की सरकार के प्रमुख से मिलते हैं, तो वे कभी भी किसी केस पर चर्चा नहीं करते। ये बैठकें अक्सर प्रशासनिक मामलों से जुड़ी होती हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि इसमें कोई डील हुई है। *सीजेआई चंद्रचूड़ ने क्या कहा* सीजेआई चंद्रचूड़, 10 नवंबर को सीजेआई के पद से रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार के प्रमुखों के जजों की बैठकें आवश्यक हैं क्योंकि राज्य सरकारें न्यायपालिका के लिए बजट पारित करती हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम मिलते तो हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई डील तय हो गई। हमें राज्य के मुख्यमंत्री से संवाद में रहना होगा क्योंकि उन्हें न्यायपालिका के लिए बजट देना है और यह बजट जजों के लिए नहीं है। अगर हम नहीं मिलेंगे और केवल पत्रों पर निर्भर रहेंगे तो हमारा काम नहीं चलेगा। *पीएम मोदी से मुलाकात पर तोड़ी चुप्पी* सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि जब हम मिलते हैं तो मेरा विश्वास कीजिए, राजनीतिक व्यवस्था में बहुत परिपक्वता होती है। उन बैठकों में मेरे अनुभव में कभी भी, कोई मुख्यमंत्री लंबित मामले के बारे में नहीं बोलेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक पक्ष पर न्यायपालिका और सरकार के कार्यों के बीच एक अंतर है। पिछले महीने, विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीजेआई के आवास पर जाने को लेकर सवाल उठाए थे। विपक्ष ने चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी के साथ पीएम मोदी के पूजा में शामिल होने को लेकर भी सवाल किया था। *सीजेआई के आवास पर पीएम मोदी तो संजय राउत ने उठाए थे सवाल* सीजेआई चंद्रचूड़ के आवास पर पीएम मोदी के जाने को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि संवैधानिक अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के बीच इस तरह की बातचीत से न्यायपालिका में विश्वास कमजोर हो सकता है। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री ने सीजेआई के आवास का दौरा किया और उन्होंने एक साथ आरती की। हमारी चिंता यह है कि जब संविधान के संरक्षक इस तरह से राजनीतिक नेताओं से मिलते हैं तो इससे संदेह पैदा होता है। महाराष्ट्र में हमारा मामला, जिसमें वर्तमान सरकार शामिल है। ये मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सुना जा रहा है और प्रधानमंत्री इसका हिस्सा हैं। हमें इस बात की चिंता है कि क्या हमें न्याय मिलेगा? मुख्य न्यायाधीश को इस मामले से खुद को अलग करने पर विचार करना चाहिए। *चंद्रचूड़ ने बताया ये मुलाकातें क्यों हैं जरूरी* सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और वर्तमान सरकार के बीच प्रशासनिक संबंध, शीर्ष अदालत की ओर से किए गए न्यायिक कार्यों से अलग है। यह परंपरा है कि मुख्यमंत्री या मुख्य न्यायाधीश त्योहारों या शोक सभाओं के समय एक-दूसरे से मिलते हैं। लेकिन निश्चित रूप से हमें यह समझ चाहिए कि इसका हमारे न्यायिक कार्यों पर कोई असर नहीं पड़ता। हमें यह समझना चाहिए कि जनता की ओर से देखी जा रही बैठक में कोई भी 'डील' नहीं करेगा। *सीजेआई बोले- न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र* सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि एक सतत संवाद होना चाहिए, न कि उस काम के संदर्भ में जो हम जस्टिस के रूप में करते हैं, बिल्कुल नहीं। क्योंकि, जज के रूप में हम जो काम करते हैं, उसमें हम पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। लेकिन कई मायनों में, प्रशासनिक पक्ष पर न्यायपालिका और सरकार के काम के बीच एक अंतर है। बता दें कि सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे। उनकी जगह जस्टिस संजीव खन्ना भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। वह 11 नवंबर को शपथ लेंगे। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 28, 2024
देश में अगले साल से शुरू होगी जनगणना! लोकसभा सीटों के परिसीमन का साफ होगा रास्ता
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। देश में अगले साल से जनगणना की शुरुआत हो सकती है। सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार यह जनगणना 2025 से शुरू होकर 2026 तक चलेगी। संप्रदाय के आधार पर भी जनगणना कराए जाने पर विचार हो रहा है। जनगणना के बाद लोकसभा सीटों की परिसीमन का रास्ता साफ हो जाएगा। *2026 में जारी होगी रिपोर्ट* भारत में पिछली बार जनगणना 2011 में दर्ज की गई थी। इसका अगला चरण 2021 में शुरू होना था, लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण इसमें देरी हो गई। इसके बाद से जनगणना को लेकर कई सवाल पूछे जा रहे हैं कि अगली जनगणना के आंकड़े कब प्रकाशित किए जाएंगे। अब, केंद्र सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अगली जनगणना के आंकड़े 2026 में उपलब्ध होंगे। जनगणना के डेटा रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया 2025 में शुरू होगी और रिपोर्ट 2026 में प्रकाशित की जाएगी। *लोकसभा सीटों का होगा परिसीमन* अब जनगणना का चक्र भी बदल जाएगा। हर 10 साल में होने वाली जनगणना अब 2035 में होगी। अब तक हर 10 साल में होने वाली जनगणना दशक की शुरुआत में होती थी। सूत्रों ने बताया कि जनगणना पूरी होने के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन शुरू होगा। परिसीमन की प्रक्रिया 2028 तक पूरी होने की उम्मीद है। इस बीच, सरकार ने अभी तक जाति जनगणना पर फैसला नहीं लिया है, जिसकी मांग कई विपक्षी दल कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि जनगणना में धर्म और वर्ग को ध्यान में रखा जाता है, लेकिन इस बार लोगों से यह भी पूछा जा सकता है कि वे किस संप्रदाय को मानते हैं। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 28, 2024
जम्मू कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा, शीतकालीन सत्र में प्रस्ताव ला सकती है सरकार
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की तैयारी कर रही है। खबरों के मुताबिक नवंबर के आखिरी हफ्ते में होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा। बता दें कि जम्मू और कश्मीर के नवनियुक्त मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला चुनाव जीतने के बाद से ही पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। सीएम उमर ने 23 अक्टूबर को गृहमंत्री अमित शाह और 24 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान उमर ने जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की थी। *ऐसे बहाल होगा पूर्ण राज्य का दर्जा* जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए 2019 में लाए गए पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन करना होगा। इसके लिए संसद से एक कानून पारित करना होगा और संविधान की धारा 3 और 4 के तहत बदलाव होंगे। लोकसभा और राज्यसभा से प्रस्ताव को अनुमोदन मिलने के बाद राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना जारी होगी और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 28, 2024
इंडिया गेट से लेकर संसद भवन तक सभी इमारतें लाल रंग में आई नजर
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। डिस्लेक्सिया के बारे में जागरूकता फैलाने की दिशा में एक साहसिक कदम उठाते हुए, दिल्ली में सरकार के सर्वोच्च कार्यालयों और प्रमुख स्मारकों – जिसमें राष्ट्रपति भवन, उत्तर और दक्षिण ब्लॉक, संसद और इंडिया गेट शामिल हैं – को डिस्लेक्सिया जागरूकता के लिए लाल रंग से रोशन किया गया है। यह हर साल अक्टूबर में होता है, जो अंतर्राष्ट्रीय डिस्लेक्सिया जागरूकता महीना है। “गो रेड” अभियान का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, कलंक को कम करना और डिस्लेक्सिया के बारे में भेदभाव को खत्म करना है। यह राष्ट्रव्यापी एक्ट4डिस्लेक्सिया अभियान के हिस्से के रूप में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो एकजुटता का प्रतीक है और सीखने की अक्षमताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाता है, जो अनुमान है कि भारत की 20 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करती है, जिसमें 35 मिलियन छात्र शामिल हैं। डिस्लेक्सिक्स अक्सर गलतियों को उजागर करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लाल मार्कर से परिचित होते हैं, इसलिए समूहों ने सकारात्मक तरीके से जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए लाल रंग चुना है। विज्ञप्ति के अनुसार, यह कार्यक्रम पटना, रांची, कोहिमा, शिमला और मुंबई सहित प्रमुख शहरों में इसी तरह की रोशनी के साथ संरेखित है, जो कलंक को दूर करने और डिस्लेक्सिया और अन्य सीखने की अक्षमताओं के बारे में अधिक समझ को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। समावेशन के संदेश को बढ़ाने के लिए, वॉक4डिस्लेक्सिया आज सुबह विजय चौक से इंडिया गेट तक शुरू हुआ, जिसे चेंजइंक फाउंडेशन, यूनेस्को एमजीआईईपी, ऑर्किड्स फाउंडेशन और सोच फाउंडेशन द्वारा सह-आयोजित किया गया और इसमें 300 से अधिक समर्थकों ने भाग लिया। दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प के साथ मिलकर वॉक को हरी झंडी दिखाई। यह वॉक एक्ट4डिस्लेक्सिया के लिए सामूहिक कार्रवाई का प्रतीक है, जो सीखने की अक्षमता वाले व्यक्तियों के लिए समान अवसरों और समर्थन की आवश्यकता पर जोर देता है। राजेश ने अभियान के लिए अपना उत्साह व्यक्त किया। एक्ट4डिस्लेक्सिया एक सुविचारित अभियान है। क्योंकि हमें प्रगति करने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है। मैं पिछले वर्ष के अभियान से हुई वृद्धि को देखकर खुश हूँ, जिसमें देश भर में 1,600 से अधिक पदयात्राएँ हुईं और इस वर्ष 4 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। मैं पर्पल फ्लेम चैटबॉट की शुरुआत के बारे में जानकर भी खुश हूँ, जो स्कूलों, शिक्षकों, डॉक्टरों और अन्य हितधारकों को सीखने की अक्षमताओं वाले लोगों का निदान करने और उनका समर्थन करने में मदद करेगा। सरकार समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ काम करने के लिए तत्पर है जो सीखने की अक्षमताओं वाले लोगों का समर्थन करते हैं और विकास और विकास के लिए समान अवसरों तक पहुँच सुनिश्चित करते हैं,” उन्होंने कहा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव का प्रतिनिधित्व करने वाले शोम्बी शार्प ने भी अपना दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने कहा, “भारत में संयुक्त राष्ट्र की ओर से और संयुक्त राष्ट्र महासचिव का प्रतिनिधित्व करते हुए, यूनेस्को एमजीआईईपी और अन्य संगठनों द्वारा समर्थित चेंजइंक के साथ डिस्लेक्सिया जागरूकता माह और एक्ट4डिस्लेक्सिया अभियान का समर्थन करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
admin
Oct 28, 2024
आईफोन के लिए बेटा ने ही अपने घर में करवाया डकैती हुआ गिरफ्तार , नगदी जेवरात बरामद
नालंदा,28 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। आईफोन के लिए बेटा ने ही अपने घर में करवाया डकैती हुआ गिरफ्तार , नगदी जेवरात बरामद दीपनगर थाना क्षेत्र के सर्वोदय नगर मोहल्ले में आईफोन के लिए बेटा ने ही अपने दोस्तों की मदद से घर डकैती की घटना को अंजाम दिया । हालांकि पुलिस ने महज 12 घंटे में ही इसका खुलासा करते हुए उसके 4 साथियों को लूटे गए रुपए और जेवरात के साथ गिरफ्तार कर लिया । सदर डीएसपी नुरुल हक ने बताया कि 22 अक्टूबर की शाम को स्कूल संचालक शिवशंकर पांडेय ने दीपनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि 15-16 वर्षीय बेटे को घर में बाहर से ताला बंद कर विद्यालय गए थे। लौटने पर बेटे ने उन्हें बताया कि चार नकाबपोश बदमाश घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे और उसे बंधक बनाकर अलमारी से 1 लाख 6 हजार रुपये नकद और आभूषण लूट लिया । पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और जांच शुरू की तो अलमारी का लॉकर एक धारदार कटर से कटा गया, जिससे लूट की साजिश का शक गहराया। पीड़ित ने शुरू में अपने पारिवारिक विवाद को लेकर बहू पर संदेह जताया और बयान दर्ज कराया। पिता-पुत्र के बयानों में अंतर होने पर संदेह के आधार पर जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, तब पूरा मामला सामने आया। नाबालिग बेटे ने स्वीकार किया कि उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई थी। उसका इरादा आईफोन 15 खरीदने का था, जिसके लिए उसने घर की नकली चाबियां बनवाईं और अपने दोस्तों के साथ मिलकर कटर से अलमारी काटकर रुपये और गहने लूटे। बेटे ने अपने पिता को गुमराह करने के लिए खुद को बंधक बनाए जाने की झूठी कहानी गढ़ी थी। पुलिस ने बेटे की निशानदेही पर तीन दोस्तों को गिरफ्तार किया। इसके पास से 1 लाख 780 रुपए और जेवरात बरामद हुआ। पकड़े गए अभियुक्तों के नाम:- 1. सत्यम कुमार (उम्र 19 वर्ष), पिता - अभिनेश सिंह, निवासी ग्राम श्रीनगर, थाना थरथरी। वर्तमान में रामचंद्रपुर नालंदा कॉलोनी में किराए के मकान में रह कर बीसीए की पढ़ाई करता है । * बरामद सामान * - सोने के 4 चूड़ियां, 2 झुमके, 1 मांगटीका, 3 सिकड़ियां, 1 जोड़ी कान के टॉप्स, 1 अंगूठी, 1 नाक का पिन, 1 कान की लरछी, 1 जोड़ी कानबाली। • चांदी की 5 चूड़ियां, 2 जोड़ी पायल, 4 बिछिया, 1 अंगूठी, 1 लॉकेट, 1 चांदी का सिक्का, 1 चाबी, 1 सिकड़ी लॉकेट के साथ, 3 पान, 3 गाय, 3 गोलकी। एक कटर मशीन, 4 मोबाइल फोन, 1 लाख 780 रुपये नगद। छापेमारी टीम में दीपनगर थानाध्यक्ष जितेंद्र राम और पुलिस बल शामिल थे । बिहार - स्टेट ब्यूरो,( प्रणय राज) |
admin
Oct 28, 2024
पुलिस की मुखबिरी का आरोप में लगा अधेड़ की पीट पीट हत्या
नालंदा , 28 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। पुलिस की मुखबिरी का आरोप में लगा अधेड़ की पीट पीट हत्या चिकसौरा थाना क्षेत्र के खनपुरा गांव पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगा बदमाशों ने लाठी-डंडे से पीट पीट हत्या कर दी गई। मृतक करायपरसुराय थाना इलाके के बहौदीबीघा निवासी स्वर्गीय इंद्रदेव प्रसाद का 55 वर्षीय पुत्र रविंद्र उर्फ छोटे यादव है । आरोपी लालदहिन यादव और परिवार के सदस्यों ने आपसी वैमनस्य के कारण इस घटना को अंजाम दिया गया है। परिजनों ने बताया कि लालदहीन यादव और उसके परिवार के अन्य सदस्य मवेशी चोरी करने का काम करते है। 2 दिन पूर्व ही लालदहीन यादव के भांजे को मवेशी चोरी करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जब वे खेत देखने के लिए जा रहे थे इस वक्त पूर्व से घात लगाए रामदहिन यादव अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर लाठी डंडे से पीट-पीट कर रविंद्र यादव को जख्मी कर दिया । शोर सुन आसपास के लोग वहां पहुंचे और जख्मी को इलाज के लिए अस्पताल ले गए जहां उनकी मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही चिकसौरा और करायपरसुराय थाने की पुलिस, हिलसा के अंचल निरीक्षक घटनास्थल पर पहुंचकर बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है सर्किल इंस्पेक्टर रमाशंकर सिंह ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों के हवाले कर दिया गया है आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है । बिहार - स्टेट ब्यूरो,( प्रणय राज) |
Ujjwal Times News
Oct 28, 2024
30 कुंतल खोये को बड़ागाँव में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने कराया नष्ट
बागपत, 28 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। गाजियाबाद से चलकर रटौल में मिलावटी मावे की भट्टी लगाकर दिल्ली सप्लाई की मंशा को आखिरकार खेकड़ा पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मिट्टी में मिला दिया। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के कुशल निर्देशन में जनपद में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सहायक खाद्य आयुक्त मानवेंद्र सिंह के पर्यवेक्षण में फिर एकबार मिलावट करने वालों को सख्त संदेश दिया कि,लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ की किसी को कोई छूट नहीं दी जाएगी।इसी क्रम में 30 कुंतल मिलावटी मावा जमींदोज करा दिया गया। दीपावली के त्यौहार की दृष्टिगत आम जनमानस को उचित दर पर शुद्ध स्वच्छ मिठाई मिल सके, जिससे सभी अपना दीपावली का त्योहार हर्ष व उल्लास के साथ मना सकें। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने दीपावली पर्व पर मिलावटी खोये की खेप दिल्ली में खपाने की फ़िराक़ में जुबेर ख़ान निवासी ग्राम कलछीना, गाज़ियाबाद , जिसने हाल ही में रटौल क़स्बे में छुपकर खोया बनाने का कार्य शुरू किया था। उसकी इस मंशा और कारगुजारी की खेकड़ा पुलिस को सूचना लगी, तो उन्होंने खाद्य विभाग को सूचित किया। उस दौरान मौक़े पर महिंद्रा बोलेरो पिकअप में मिलावटी खोया भरा जा रहा था। निरीक्षण के दौरान अस्वच्छ अवस्था में भंडारित खोये की जाँच की गई जो प्रथम दृष्टया दुर्गन्धयुक्त एवं मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक प्रतीत होता पाया गया। फिर क्या था! खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने खोये की जाँच हेतु नमूना संग्रहित कर प्रयोगशाला प्रेषित किया एवं मौक़े पर मिले लगभग 30 क्विंटल खोये को तत्काल बड़ागाँव पुलिस चौकी के निकट गड्ढा खुदवाकर नष्ट कराया गया। इसबार गड्ढे में खोये को डालकर ऊपर से मिट्टी डालने की स्टाइल में भी बदलाव कराते हुए बार बार दबाने और मिट्टी मिलाये जाने से उसे फिर से बाहर निकालकर इस्तेमाल की संभावना को भी नेस्तनाबूद कर दिया। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
Ujjwal Times News
Oct 28, 2024
पीएचडीसीसीआई ने मेडटेक उद्योग को मजबूत करने के लिए सरकारी समर्थन का आह्वान किया
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने एआईएमईडी, मित्रा और अन्य प्रमुख मेडटेक हितधारकों के साथ मिलकर नवीनीकृत और पुनर्निर्मित चिकित्सा उपकरणों के आयात की अनुमति देने के हालिया सरकारी फैसले पर चर्चा की। मेडटेक उद्योग के नेताओं ने चिंता जताई कि यह कदम घरेलू निर्माताओं के लिए खतरा है, 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन को कमजोर करता है और रोगी सुरक्षा से समझौता कर सकता है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन भारत में बने समान उत्पादों की उपलब्धता के बावजूद इन उपकरणों के आयात की अनुमति देते हैं। उद्योग विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि यह नीति स्थानीय विनिर्माण को अस्थिर कर सकती है, नवाचार को हतोत्साहित कर सकती है और चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत के विकास को बाधित कर सकती है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह से नवीनीकृत उपकरण अक्सर नए निर्मित उपकरणों के समान कठोर मानकों को पूरा नहीं करते हैं, जिससे रोगी की देखभाल के लिए संभावित जोखिम पैदा होता है। एमेड के फोरम समन्वयक राजीव नाथ ने कहा, "पुनर्निर्मित उपकरणों के आयात की अनुमति देने से हमारी राष्ट्रीय पहल कमजोर होती है और घरेलू निर्माताओं को नुकसान होता है। इस निर्णय से भारत को अप्रचलित प्रौद्योगिकियों के लिए डंपिंग ग्राउंड में बदलने का जोखिम है, जबकि स्थानीय मेडटेक विनिर्माण में हमने जो कड़ी मेहनत से प्रगति की है, वह खतरे में पड़ जाएगी। सुधीर श्रीवास्तव इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और सीईओ डॉ. सुधीर श्रीवास्तव और इनवॉल्यूशन हेल्थकेयर के सह-संस्थापक अतुल शर्मा सहित अन्य वक्ताओं ने इन भावनाओं को दोहराया और सरकार से नीति पर पुनर्विचार करने और भारत के उभरते मेडटेक उद्योग की रक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने नवीनीकृत चिकित्सा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया, जब समान उत्पाद घरेलू स्तर पर उपलब्ध हैं और रोगी की भलाई की रक्षा के लिए सख्त सुरक्षा नियमों की सिफारिश की। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की सहायक महासचिव सुश्री शालिनी एस शर्मा ने कहा, "पीएचडीसीसीआई स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को स्वीकार करता है। हालांकि, नवीनीकृत चिकित्सा उपकरणों का आयात घरेलू निर्माताओं के लिए चुनौतियां पेश करता है, जिनमें से कई चैंबर के सदस्य हैं। हम भारत में निर्मित उत्पादों के लिए एक उचित बाज़ार को बढ़ावा देने के लिए सरकार के साथ सहयोग करना चाहते हैं, जिससे 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की भावना को बल मिलता है।" प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकारी नीतियों को राष्ट्रीय विनिर्माण लक्ष्यों के साथ जोड़ने और वैश्विक मेडटेक क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय नवाचारों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 28, 2024
गायब है रातों की नींद तो चले जाएं दिल्ली के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। यदि आप रात भर करवटें बदल बदल कर जागते रहते हैं या फिर खर्राटों की वजह या अन्य किसी वजह से आपकी नींद गायब है तो अब आपको इसकी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है सीधे चले आइए सरिता विहार स्थित एआईआईए (अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान) में वहां आपको निजी अस्पतालों की तरह अपनी नींद के इलाज के लिए हजारों रुपए खर्च करने की कोई जरूरत नहीं है। यहां आपकी जांच और इलाज न्यूनतम दर पर किया जाएगा। हाल ही में यहां पर पाली सोनोग्राफी यूनिट स्थापित की गई है। इसमें सस्ती दरों पर अनिंद्रा से जुड़ी बीमारियों की जांच शुरू होगी। इतना ही नहीं एआईआईए के डाक्टरों का प्रयास है कि पाली सोनोग्राफी के बाद बिना दवाईयों से मरीज का उपचार किया जा सके। मरीज को आयुर्वेद उपचार के माध्यम से ठीक करने का प्रयास किया जाएगा। मरीज की रिपोर्ट के आधार पर उसे बताया जाएगा कि उसे कैसे और कब सोना है। यदि दवाईयों की जरूरत पड़ेगी तो उसे आयुर्वेद औषधि ही दी जाएंगी। एम्स की तरह से अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान भी प्रतिदिन नए मानक स्थापित कर रहा है आज यहां आयुर्वेद के क्षेत्र में नई नई खोज व अनुसंधान किए जा रहे हैं। यह भी इस लिए किया जा रहा है क्योंकि संस्थान में आने वाले 100 मरीजों में से 30 नींद की बीमारी से संबंधित आ रहे हैं। शहरों में ही नहीं गांवों में भी बहुत सारे लोग आजकल नींद न आने, नींद बीच-बीच में खुलने, अचानक नींद टूटने, रात के बजाय दिन में नींद आने आदि समस्‍याओं से जूझ रहे हैं। यही वजह है कि आयुर्वेद के सबसे बड़े अस्‍पताल में हर महीने करीब 1 हजार मरीज नींद संबंधी बीमारियों को लेकर आते हैं, ऐसे मरीजों की बढ़ती संख्या और समस्या को देखते हुए दिल्‍ली के ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में देश का पहला स्‍लीप सेंटर खोला गया है, जहां सिर्फ और सिर्फ नींद से जुड़ी बीमारियों का इलाज होगा. खास बात है कि यहां मरीज को रातभर सुलाकर पहले उसकी स्‍टडी की जाएगी और फिर उसके बाद डॉक्‍टर्स उसका इलाज करेंगे। आयुर्वेद सेक्‍टर में एआईआईए पहला अस्‍पताल है जहां ऐसी यूनिट खोली गई है. यहां पर निद्रा संबंधी जो भी बीमारियां हैं, जैसे अनिद्रा, हाइपरसोम्निया, स्‍लीप सार्काडियन रिदम डिसऑर्डर्स, खर्राटे की वजह से नींद न आना आदि डिसऑर्डर्स का यहां भी इलाज किया जाएगा. यहां पर लेवल वन सोनोग्राफी मशीन है, इसमें रातभर वीडियो रिकॉर्डिंग होगी. उसके एक्‍सपर्ट और डॉक्‍टर्स दोनों मिलकर उसकी रातभर स्‍टडी करेंगे. इससे डायग्‍नोसिस होगा, फिजियोलॉजी की रिसर्च भी हो सकेंगी. फिर उन्‍हें नॉर्मल स्‍लीप साइकिल पर आने के लिए काउंसलिंग के अलावा थेरेपीज और आयुर्वेदिक दवाएं भी दी जाएंगी। इस मशीन से रातभर नींद की स्‍टडी होगी. स्‍लीप की दोनों स्‍टेज और सब स्‍टेज, जिनमें धीरे-धीरे नींद में जाना, गहरी नींद में जाना, नींद को रिस्‍टोर करना, थकावट या हानिकारक केमिकल्‍स न्‍यूरोंस में जमा हुए हैं, तो नींद कैसे डीटॉक्सिफाई करती है, ये सभी चीजें इसमें रिकॉर्ड होंगी. इस दौरान जब मरीज सोएगा तो लाइट जलाई भी जाएंगी और लाइट बंद भी की जाएंगी. इतना ही नहीं दिन में भी सुलाकर कुछ चीजें देखी जाती हैं। नींद एक ऐसी चीज है, जिसकी समस्‍या को लोग अक्‍सर इग्‍नोर कर रहे होते हैं. बहुत सारे लोग स्‍लीप डिसऑर्डर्स को लेकर अस्‍पतालों में आते ही नहीं हैं, लेकिन डायबिटीज, मेटाबोलिक डिजीज, मोटापा, ज्‍वॉइंट प्रॉब्‍लम्‍स हैं और वे रातभर दर्द से सो नहीं पाते तो ऐसे लोगों की नींद भी प्रभावित होती है. उनकी हिस्‍ट्री देखकर फिर उनके स्‍लीप डिसऑर्डर्स को लेकर भी इलाज करना संभव हो सकता है. ऐसे में जितना प्रिवलेंस डायबिटीज, रूमेटाइड अर्थराइटिस या स्‍लीप एपनिया का है, उन सभी मरीजों को यहां फायदा मिल सकता है. इसके अलावा जिन्‍हें स्‍लीप डिसऑर्डर्स हैं, उनके लिए तो ये यूनिट बनाई ही गई है। मशीन के अलावा आयुर्वेद में इस तरह की बीमारियों के लिए प्राणायाम, योग निद्रा, योग के कई प्रकार, औषधियां आदि भी हैं, कुछ थेरेपीज हैं, कुछ कस्‍टमाइज्‍ड इलाज हैं, जो मरीजों को दिए जाएंगे। देश के सबसे बड़े आयुर्वेद संस्थान की विशेषता यह भी है कि यहां जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज आयुर्वेदिक दवाओं से तो किया जाता ही है इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर आयुर्वेदिक प्रक्रिया के माध्यम से शल्य क्रिया कर उपचार भी किया जाता है। अब तक यहां अनेक रोगियों की सर्जरी की गई। इन मरीजों को अलग-अलग तरह की बीमारियां थीं। जिनका आयुर्वेदिक प्रक्रिया के माध्यम से शल्य क्रिया कर उपचार किया गया। संस्थान के डाक्टरों का मानना है कि आयुर्वेद के माध्यम से गंभीर से गंभीर बीमारियों का बेहतर इलाज संभव है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से गंभीर बीमारियों को भी दूर किया जा सकता है। खासतौर से जिस तरह से इस संस्थान में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से शल्य क्रिया की जा रही है, वह अपने में एक बेहतरीन पद्धति को आगे बढ़ा रही है। इस संस्थान में जटिल शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं से मरीजों को न सिर्फ नया जीवन मिला है, बल्कि संस्थान में हो रही इस चिकित्सा पद्धति से मरीजों में भरोसा भी बढ़ा है। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में भगंदर (फिस्टुला-इन-एनो), अर्श (बवासीर), पिलोनिडल साइनस, पित्ताशय की पथरी, हार्निया के रोगियों पर वीएएएफटी, लेप्रोस्कोपी तथा लेजर जैसी नई तकनीकों समेत पारंपरिक शल्य विधियों का उपयोग करके ऑपरेशन किए गए। वह कहते हैं कि पिछले एक वर्ष में उनके संस्थान में शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के माध्यम से डेढ़ हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया है। इस संस्थान में इस वक्त देश के अलग-अलग राज्यों से मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। मरीज के बढ़ते भरोसे के चलते ही वह नई-नई तकनीकों के माध्यम से अपने संस्थान में मरीजों का बेहतर इलाज भी हो रहा है। जिस तरह से देश का सबसे बड़ा आयुर्वेद अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान दिन प्रतिदिन नए आयाम और किर्तिमान स्थापित कर रहा है। उसे देखते हुए तो लगता है कि आने वाले समय में भारत की मूल चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के प्रति लोगों का विश्वास और रुझान निश्चित रूप से बढ़ेगा और हमारे देश की यह मूल चिकित्सा पद्धति पुनः स्थापित होगी। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 28, 2024