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○ संविधान दिवस पर 'हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान' पदयात्रा
○ हाइपरटेंशन के इलाज के लिए एम्स के डॉक्टरों ने बनाई एक न्यू ड्रग कॉम्बिनेशन
○ राजस्थान मंडप में राजस्थानी मसालों और व्यंजनों के काउंटरों पर उमड़ी भीड़
○ आखिर हेमंत सोरेन का किला क्यों नहीं हिला पाई भाजपा ?
○ भारत में थैलेसीमिया देखभाल के लिए अग्रणी समाधान खोजने पर जोर
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State
संघ का 'पंच परिवर्तन' कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं: सुनील आंबेकर
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ का 'पंच परिवर्तन' कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि देश को प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे ले जाने का विचार है। समाज में पांच स्तरीय बदलाव लाना आरएसएस के शीर्ष एजेंडे में से एक है, जिसे इसके कार्यकर्ताओं की ओर से देशभर में व्यापक जनसंपर्क अभियान के जरिये आगे बढ़ाया जाना है। संघ ने अपने शताब्दी वर्ष के एक भाग के रूप में समाज के लाभ के लिए पंच परिवर्तन कार्यक्रम पर भी गहराई से चर्चा करने की घोषणा की थी। उसके मुताबिक इस कार्यक्रम में सामाजिक परिवर्तन के लिए पांच प्रमुख बिंदु यानी सामाजिक समरसता (सामाजिक सद्भाव), कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण (पर्यावरण जागरूकता), 'स्व' (स्वार्थ) पर जोर और नागरिकों के कर्तव्य शामिल हैं। आंबेकर ने यहां इंद्रप्रस्थ संवाद केंद्र द्वारा आयोजित दीपावली मिलन कार्यक्रम में कहा कि पंच परिवर्तन समाज में बदलाव का कार्यक्रम है और यह हर किसी के लिए अच्छा है। यहां हर किसी की भूमिका है और हम सभी सोचते हैं कि समाज में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। लोगों से इस कदम से जुड़ने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि दीपावली पर इसकी शुरुआत एक सही अवसर है। आंबेकर ने कहा कि देश तभी समृद्धि प्राप्त कर सकता है, जब उसके लोग अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर आगे आएं और लोक कल्याण के लिए काम करें। उन्होंने कहा, पूरा समाज जाग रहा है और देश भी समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। हमारे देश में इतनी समृद्धि हो कि हर कोई दिवाली धूमधाम से मना सके। यह तभी संभव है, जब हम अच्छे और सकारात्मक विचारों का प्रसार करें। मीडिया को यहां बड़ी भूमिका निभानी है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 30, 2024
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच बीजेपी ने पंजाब के सीएम को लिखा पत्र
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। बीजेपी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से राज्य में पराली जलाने के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। बीजेपी ने पंजाब में पराली जलाने के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभाव का हवाला दिया। दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मान से मिलने और प्रदूषण के मुद्दे पर पत्र सौंपने के लिए दिल्ली के कपूरथला हाउस गया। *पंजाब के रेजिडेंट कमिश्नर कौ सौंपा पत्र* हालांकि प्रतिनिधिमंडल पंजाब के मुख्यमंत्री से नहीं मिल सका और उन्होंने दिल्ली में पंजाब के रेजिडेंट कमिश्नर के माध्यम से अपना पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में सीनियर विधायक और नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, सांसद बांसुरी स्वराज, मनोज तिवारी, रामवीर सिंह बिधूड़ी शामिल थे। *राजनीतिक मकसद से नहीं है पत्र'* पत्र में कहा गया, ‘हम आज आपको किसी राजनीतिक मकसद से नहीं बल्कि दिल्ली के जागरुक और चिंतित नागरिकों के तौर पर लिख रहे हैं। जैसा कि आपने पढ़ा और देखा होगा, दिल्ली का एक्यूआई पहले ही 400 को छू चुका है और इसमें सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं, जैसे-जैसे सर्दी करीब आ रही है यह समस्या और भी बदतर होती जा रही है।’ *आप नेताओं के बयानों को दी चुनौती* पत्र में दावा किया गया है कि पराली जलाने की घटनाओं में कथित तौर पर कमी आई है, लेकिन 2023 में पराली जलाने का वास्तविक क्षेत्रफल 2022 की तुलना में 26 प्रतिशत बढ़कर 19 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। पत्र में दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं के बयानों को चुनौती दी गई है। जिन्होंने दिल्ली में सर्दियों में वायु प्रदूषण की स्थिति बिगड़ने के लिए मुख्य रूप से हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जिम्मेदार ठहराया है। बीजेपी ने आप के दावों की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘पंजाब में संख्या हरियाणा और उत्तर प्रदेश से कहीं अधिक है।’’ बीजेपी ने मुख्यमंत्री मान से प्रभावी फसल वितरण तंत्र, गैर-अनुपालन के लिए दंड आदि लागू करने का आग्रह किया। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 30, 2024
चिंता: जिस बीमारी को 2025 तक खत्म करने का था लक्ष्य उसके बढ़ रहे हैं मरीज
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत साल 2025 तक तपेदिक या ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रोग के उन्मूलन के लक्ष्य पर भी काम कर रहा है, हालांकि ये राह इतनी आसान नजर नहीं आ रही है। इसके मरीज हर साल बढ़ रहे हैं। हालिया आंकड़े और भी परेशान करने वाले हैं। निर्धारित लक्ष्य पर गंभीरता से काम करके और लोगों में जागरूकता बढ़ाकर पिछले दो दशकों में भारत ने कई गंभीर बीमारियों पर विजय पाई है। पोलियो पर भारत की विजय ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। इसी क्रम में भारत साल 2025 तक तपेदिक या ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रोग के उन्मूलन के लक्ष्य पर भी काम कर रहा है, हालांकि ये राह इतनी आसान नजर नहीं आ रही है। फेफड़ों में होने वाले इस गंभीर संक्रमण से हर साल दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं, भारत के लिए भी ये बीमारी चिंता का कारण बनी हुई है। भारत से टीबी को अगले साल तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया था हालांकि इसके मरीज हर साल बढ़ रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक साल 2023 में भारत में 25.37 लाख टीबी के मामले दर्ज किए गए। इससे पहले 2022 में करीब 24.22 लाख लोगों में इस बीमारी का पता चला था। ज्यादातर मामले सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा रिपोर्ट किए गए, निजी क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में मामलों को निदान किया जा रहा है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हो सकते हैं जिन्हें ये बीमारी तो है पर उनका निदान नहीं किया गया है जिससे संक्रमण के और भी बढ़ने का खतरा रहता है। *दुनियाभर में बढ़ रहे हैं टीबी के मामले* टीबी के मरीज दुनियाभर में देखे जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक रिपोर्ट में बताया कि साल 2023 में दुनियाभर में 8 मिलियन (80 लाख) से अधिक लोगों में तपेदिक का पता चला है। यह संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा 1995 में ट्रैक रखना शुरू करने के बाद से दर्ज किए गए मामलों की सबसे अधिक संख्या है। इससे पहले 2022 में डब्ल्यूएचओ ने टीबी के 7.5 मिलियन (75 लाख) मामले दर्ज किए। पिछले साल लगभग 1.25 मिलियन (12.5 लाख) लोगों की टीबी से मृत्यु भी हुई है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि टीबी के ज्यादातर मामले दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के लोगों में देखे जा रहे हैं। *डब्ल्यूएचओ ने जताई चिंता* डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने एक बयान में कहा, टीबी अभी भी इतने लोगों को बीमार कर रहा है और लाखों लोगों की मौत हो रही है, ये निश्चित ही चिंताजनक है। हमारे पास इसे रोकने, इसका पता लगाने और इलाज करने के उपकरण हैं फिर भी ये बीमारी लगातार बढ़ रही है, जो वास्तव में परेशान करने वाली स्थिति है। टीबी से संबंधित मौतों की संख्या में मामूली गिरावट जरूर आई है। साल 2022 में 1.32 मिलियन (13.2 लाख) मौतों से घटकर साल 2023 में यह 1.25 (12.5 लाख) रह गई है, लेकिन नए संक्रमितों की संख्या बढ़ना गंभीर विषय है। *वैश्विक टीबी के लगभग 25% मामले भारत से* भारत की बात करें तो यहां सामने आने वाले मामले अब भी वैश्विक टीबी का लगभग 25% हिस्सा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में गंभीर व्यावसायिक जोखिमों को रेखांकित करते हुए एक अध्ययन में पाया गया कि भारत में सामान्य आबादी की तुलना में स्वास्थ्य कर्मियों के बीच टीबी के मामले बहुत अधिक हैं। साल 2004 से 2023 के बीच किए गए 10 अलग-अलग अध्ययनों के विश्लेषण से पता चला है कि भारत में प्रति एक लाख स्वास्थ्य कर्मियों पर औसतन 2,391.6 मामले हैं। टीबी कई तरह से स्वास्थ्य के लिए गंभीर माना जाता है जिससे बचाव के उपाय करते रहना बहुत जरूरी है। *टीबी संक्रमण के बारे में जानिए* टीबी, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाला संक्रामक रोग है। ये मुख्यरूप से वायुजनित ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है। टीबी रोग वाले लोगों की खांसी या छींक से निकलने वाले बूंदों के माध्यम से आसपास के अन्य लोगों में संक्रमण का खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, दो सप्ताह से अधिक समय तक अगर खांसी की दिक्कत बनी रहती है और कफ या खून आता है, सीने में दर्द, कमजोरी या थकान की समस्या रहती है तो ये टीबी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा कुछ लोगों में टीबी के कारण वजन कम होने, भूख कम लगने, ठंड लगने, बुखार और रात में पसीना आना की भी दिक्कत हो सकती है। अगर आपमें भी इस तरह के लक्षण हैं तो तुरंत इसकी जांच कराएं। टीबी रोग का समय पर इलाज होने से इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 30, 2024
दिल्ली एम्स ने लकवा मरीज के ब्लड क्लॉट का ग्रासरूट तकनीक से किया सफल इलाज
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। दिल्ली एम्स में ग्रासरूट तकनीक से एक मरीज के ब्लड क्लॉट का इलाज करने में डॉक्टरों को सफलता मिली है. इस तकनीक से 25 अगस्त को डॉक्टरों ने पहले मरीज का सफलतापूर्वक इलाज करने के बाद मरीज को छुट्टी दे दी. एम्स का दावा है कि ग्रासरूट तकनीक से देश में यह पहले मरीज का इलाज किया गया है. मरीज अब पूरी तरह ठीक है. डॉक्टर ने कहा कि यह तकनीक लकवाग्रस्त मरीज का इलाज करने में सक्षम है. *देश के 16 केंद्रों में चलेगा तकनीक का ट्रायल* दिल्ली एम्स में इस तकनीक का आगे भी ट्रायल चलेगा. एम्स के अलावा देशभर में 16 केंद्रों को इस तकनीक का क्लीनिकल ट्रायल चलाने की अनुमति मिली है. दिल्ली एम्स के न्यूरोसाइंस सेंटर में न्यूरो इमेजिंग और इंटरवेंशियल न्यूरोरेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शैलेश गायकवाड ने बताया कि एम्स सहित पूरे देश में इस तकनीक पर अभी शोध चल रहा है. अगर इस तकनीक में इस्तेमाल की जा रही अत्याधुनिक ग्रेविटी डिवाइस का परीक्षण सफल रहता है तो आगे उनके व्यावसायिक इस्तेमाल की अनुमति रेगुलेटरी अथॉरिटी के द्वारा दी जाएगी. *पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में कम उम्र में आ रहे स्ट्रोक* डॉक्टर गायकवाड़ ने बताया कि भारत के लोगों की आर्टरी का साइज़ अलग है. साथ ही मस्तिष्क में बनने वाले क्लॉट का कारण भी अलग है. डॉक्टर ने बताया कि भारत के लोगों में क्लॉट का असर अन्य देशों की तुलना में 10 साल पहले आ जाता है. उन्होंने बताया कि पश्चिमी देशों के लोगों में 60 से 70 साल की उम्र में स्ट्रोक आता है. जबकि भारत में 50 से 55 साल की उम्र में ही लोगों में इस तरह की समस्या देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि जब शोध पूरा होगा तो उससे निकलने वाले निष्कर्ष से पता चलेगा कि आखिर इस स्ट्रोक के आने का कारण क्या है. *ट्रायल में प्रशिक्षित किए जाएंगे* स्वास्थ्यकर्मी डॉ शैलेश गायकवाड़ ने बताया कि देश भर में 16 केंद्रों में होने वाले ग्रासरूट तकनीक के इस्तेमाल के ट्रायल से अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया जा सकेगा. इससे आगे जब इस तकनीक को व्यापक स्तर पर चलन में लाया जाएगा तो प्रशिक्षित कर्मियों की कमी नहीं खलेगी. ट्रायल के दौरान ही बड़ी संख्या में इस तकनीक से इलाज करने वाले कर्मियों को प्रशिक्षित कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 142 करोड़ की आबादी वाले भारत में हर साल 17 लाख लोगों को स्ट्रोक आता है. इनमें से सिर्फ साढ़े तीन हजार से साढे चार मरीजों का ही इलाज मिल पाता है. *समय पर इलाज न होने से हो सकती है स्थाई अपंगता* ग्रासरूट तकनीक के शोध में शामिल एम्स की डॉक्टर दीप्ति विभा ने बताया कि अगर दिमाग की नस से क्लॉट को सही समय पर नहीं निकाला जाता है तो इससे स्थाई अपंगता हो सकती है. ग्रासरूट तकनीक से इलाज उसी मरीज में सफल होता है जिसकी बड़ी नसों में ज्यादा क्लोटिंग हो गई हो. छोटे क्लॉट में यह तकनीक काम नहीं आती है. इस तकनीक में एक डिवाइस को नसों में डाल करके उससे क्लॉट को निकाला जाता है. इससे नसों में ब्लड का सरकुलेशन फिर से शुरू हो जाता है. इससे बहुत सारी नसों को खराब होने से बचा लिया जाता है और मरीज ठीक हो जाता है. विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 29, 2024
पीएम ने लॉन्च किया यू-विन पोर्टल, स्वास्थ्य क्षेत्र में 12,850 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन्वंतरि जयंती और 9वें आयुर्वेद दिवस पर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली में स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित 12,850 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास किया। मंगलवार को दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने प्रधानमंत्री को सम्मानित किया। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और मनसुख मंडाविया द्वारा सम्मानित किया गया। पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरा देश धनतेरस और भगवान धन्वन्तरि की जयंती का पर्व मना रहा है। मैं आप सबको धनतेरस और भगवान धन्वन्तरि की जयंती की बधाई देता हूं। आगे कहा कि बहुत बड़ी संख्या में लोग अपने घर के लिए कुछ न कुछ नया खरीदते हैं। मैं विशेष रूप से देश के व्यापारी लोग को भी शुमकामनाएं देता हूं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ये दिवाली ऐतिहासिक है। 500 साल बाद ऐसा अवसर आया है। जब अयोध्या में रामलला के जन्मभूमि पर बने उनके मंदिर में हजारों दीप जलाएं जाएंगे। एक अद्भूत उत्सव होगा। ये ऐसी दीपावली होगी जब हमारे राम एक बार फिर अपने घर आए हैं। इस बार ये प्रतिक्षा 500 वर्ष बाद पूरी हुई है। आगे कहा कि हम सबके लिए खुशी की बात है कि आज 150 से ज्यादा देशों में आयुर्वेद दिवस मनाया जा रहा है। ये प्रमाण है कि आयुर्वेद को लेकर वैश्विक आकर्षण बढ़ रहा है। ये प्रमाण है, नया भारत अपने प्राचीन अनुभवों से विश्व को कितना कुछ दे सकता है। *दिल्ली और बंगाल के बुजुर्गो से मांगी माफी* पीएम ने कहा, 'मैं दिल्ली और बंगाल के 70 साल के ऊपर के बुजुर्गों से क्षमा मांगता हूं कि उनकी सेवा नहीं कर पाऊंगा। आपको कष्ट होगा, लेकिन मैं मदद नहीं कर पाऊंगा। कारण- दिल्ली और बंगाल की सरकार इस योजना से नहीं जुड़ रही है। माफी मांगता हूं कि देशवासियों की सेवा कर पा रहा हूं। लेकिन राजनीतिक स्वार्थ दिल्ली-बंगाल में सेवा नहीं करने दे रहा। मेरे दिल में कितना दर्द होता होगा, मैं शब्दों में बयां नहीं कर पाऊंगा।' इसके अलावा मोदी ने 29 अक्टूबर को 12,850 करोड़ के हेल्थ प्रोजेक्ट्स उद्घाटन किया। पीएम ने वर्चुअली मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार समेत 18 राज्यों में हेल्थ प्रोजेक्ट्स लॉन्च हुए। इसके साथ उन्होंने ऋषिकेश एम्स से देश की पहली एयर एंबुलेंस संजीवनी की शुरुआत भी की। इंफ्रस्ट्रक्चर और सर्विस बढ़ाने वाले प्रोजेक्ट्स, जिनका शिलान्यास हुआ हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, पश्चिम बंगाल के कल्याणी, बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, मध्य प्रदेश के भोपाल, असम के गुवाहाटी और नई दिल्ली के एम्स में सुविधा और सेवाओं को बढ़ाया गया। इनमें एक जन औषधि केंद्र भी शामिल है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक और ओडिशा के बरगढ़ में क्रिटिकल केयर ब्लॉक का उद्घाटन किया। आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, तमिलनाडु और राजस्थान में 21 क्रिटिकल केयर ब्लॉक का शिलान्यास किया। पीएम ने हरियाणा के फरीदाबाद, कर्नाटक के बोम्मासंद्रा और नरसापुर, आंध्र प्रदेश के अचुतापुरम में ईएसआईसी अस्पतालों की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं से लगभग 55 लाख ईएसआई लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलेगा। ओडिशा के खोरधा और छत्तीसगढ़ के रायपुर में प्राकृतिक चिकित्सा रिसर्च सेंटर की आधारशिला रखी गई। मेडिकल इक्विपमेंट्स के लिए गुजरात के अहमदाबाद, थोक दवाओं के लिए तेलंगाना के हैदराबाद, फार्मास्युटिकल्स के लिए असम के गुवाहाटी और एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल दवाओं की रिसर्च के लिए पंजाब के मोहाली सेंटर की आधारशिला रखी। देश के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के दूसरे चरण का उद्घाटन किया गया। गर्भवती महिलाओं के वैक्सिनेशन टाइम को बताने वाला यू-विन पोर्टल लॉन्च किया। क्लाइमेट चेंज और ह्यूमन हेल्थ के लिए स्टेट स्पेसिफिक एक्शन प्लान लॉन्च किया। हेल्थ अवेयरनेस बढ़ाने के लिए 'प्रकृति परीक्षण अभियान' भी शुरू हुआ। विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 29, 2024
स्पेन अपनी ऊर्जा सुरक्षा और हरित संक्रमण लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर सकता है
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। स्पेन सरकार के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज़ की भारत यात्रा के अवसर पर सीआईआई स्पेन इंडिया बिजनेस समिट आयोजित की गई। यह राष्ट्रपति सांचेज़ की पहली भारत यात्रा थी और 18 वर्षों के बाद स्पेन सरकार के किसी राष्ट्रपति की पहली भारत यात्रा थी। अपने संबोधन में राष्ट्रपति सांचेज़ ने कहा, "भारत और यूरोपीय संघ (स्पेन सहित) के बीच मजबूत संबंधों की संभावना बहुत अधिक है। स्पेन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इसने इस सदी में भारत में 4.2 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश किया है। हम यूरोपीय संघ-भारत मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। इससे हमारे बाजारों के आकार और विविधता में वृद्धि होगी।" “स्पेन स्वच्छ ऊर्जा में विश्व में अग्रणी है। सौर और पवन ऊर्जा में अपने अनुभव के साथ हमारे पास भारत को देने के लिए बहुत कुछ है। हमारी विशेषज्ञता भारत को 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा के अपने लक्ष्य तक पहुँचने में मदद कर सकती है। हम भारत की ऊर्जा सुरक्षा और हरित परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए उसके साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्पेनिश नवाचार को भारत की क्षमता के साथ जोड़कर, हम वैश्विक अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं,” राष्ट्रपति सांचेज़ ने कहा। बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में भारत द्वारा की गई बड़ी प्रगति की प्रशंसा करते हुए, राष्ट्रपति सांचेज़ ने कहा कि स्पेन की उन्नत रेलवे प्रणाली, सबवे नेटवर्क और परिवहन समाधान भारत की बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को बहुत लाभ पहुँचा सकते हैं। उन्होंने कुशल और टिकाऊ परिवहन प्रणाली बनाने में अपनी विशेषज्ञता साझा करने के मामले में स्पेनिश इंजीनियरिंग फर्मों की ओर से इच्छा व्यक्त की। उन्होंने डिजिटलीकरण के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग करने में भी रुचि व्यक्त की। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी, जो शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र का भी हिस्सा थे, ने कहा, “हमारे प्रधान मंत्री का सपना 2070 तक भारत को कार्बन तटस्थ बनाना है। चाहे वह जीवाश्म ईंधन हो या ऊर्जा, हरित ऊर्जा और हरित गतिशीलता अब प्राथमिकताएँ हैं। पवन और सौर ऊर्जा के लिए बहुत संभावनाएं हैं। मुझे खुशी है कि स्पेन में कई ऐसी तकनीकें उपलब्ध हैं, जिनकी भारत में बहुत संभावनाएं हैं। संयुक्त उद्यम लागत कम कर सकते हैं और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ा सकते हैं। यह बैठक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत और स्पेन के हितधारकों के बीच पूर्ण सरकारी समर्थन के साथ बातचीत को बढ़ावा देती है।” भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “स्पेन शहरी बुनियादी ढांचे, हाई-स्पीड रेल नेटवर्क, परिवहन प्रणालियों और स्मार्ट मोबिलिटी में बहुत अनुभवी है। हम अपने बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए स्पेन के साथ नई साझेदारी की उम्मीद करते हैं। हमने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रक्षा और हरित प्रौद्योगिकियों में सहयोग के अवसरों पर भी चर्चा की है। दोनों देश क्षमताओं और रणनीतिक स्वायत्तता को बढ़ाने के लिए रक्षा में संयुक्त उद्यमों और सह-विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। अक्षय ऊर्जा में, भारत पवन और सौर ऊर्जा जैसे स्वच्छ ईंधन को अपना रहा है। इस क्षेत्र में स्पेन की विशेषज्ञता हमारे ऊर्जा परिवर्तन में हमारी मदद कर सकती है। भारतीय उद्योग परिसंघ के दृष्टिकोण से, हम अपनी चर्चाओं को आगे बढ़ाना चाहते हैं और वैश्विक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए क्षेत्रीय और वरिष्ठ-स्तरीय व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडलों को लाना चाहते हैं।” सीआईआई के उपाध्यक्ष आर मुकुंदन ने अपने संबोधन में कहा, “जब हम स्पेनिश ब्रांडों के साथ काम करते हैं, तो ज्ञान का हस्तांतरण होता है, प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण होता है।” और गुणवत्ता के मानकों का हस्तांतरण होता है, जो भारतीय बाजार को संबोधित करते समय बहुत आवश्यक है। और स्पेनिश कंपनी के लिए, भारत एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है - हम हर साल $250 बिलियन की दर से बढ़ रहे हैं, सालाना 10-20 मिलियन नए ग्राहक जोड़ रहे हैं। भारतीय बाजार को संबोधित करते समय स्पेनिश कंपनियों को जो मूल्य बनाने की आवश्यकता होती है, वह उन्हें उन मूल्य बिंदुओं तक पहुँचने की क्षमता भी देता है, जिन तक वे पहले नहीं पहुँच पाते थे, जिससे वे वैश्विक बाजारों को अधिक लागत प्रभावी ढंग से संबोधित कर सकते हैं।”एस एन सुब्रह्मण्यन ने कहा, “स्पेनिश कंपनियां अन्य कंपनियों से अलग हैं जिनके साथ हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करते हैं। वे तकनीक साझा करने के लिए तैयार हैं, और न केवल समग्र तकनीक, बल्कि मुख्य तकनीक, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि, आखिरकार, अगर हम वास्तव में 'आत्मनिर्भर' बनना चाहते हैं, तो हमें अपने देश के भीतर तकनीक विकसित करने की आवश्यकता है। व्यापक समझौते करना ही पर्याप्त नहीं है, और स्पेनिश कंपनियों के साथ, हम अक्सर साझा करने की इच्छा पाते हैं।” विशेष संवाददाता, (प्रदीप जैन) |
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Oct 29, 2024
रंगोली प्रतियोगिता के जरिये प्रदूषण मुक्त दीपावली का आह्वान व संकल्प
खेकड़ा, 29 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। कस्बे के एफएम पब्लिक स्कूल में दीपावली उत्सव पर रंगोली सजाई गई तथा शिक्षकों के आह्वान पर बच्चों ने प्रदूषण रहित पर्व मनाने का संकल्प लिया। इस मौके पर दीपावली की खुशियों के मद्देनजर बच्चों ने रंगोली सजाई तो साथ ही दीए भी सजाए। दीयों को भी शानदार तरीके से सजाया गया। बच्चों द्वारा सजाए गए दीए आकर्षण के केंद्र बने रहे। इस दौरान स्कूल के प्रबंधक ओमप्रकाश धामा ने बच्चों को प्रदूषण मुक्त दीवाली मनाने का संदेश दिया। साथ ही देशी दीयों के जरिए स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का आह्वान किया। इस दौरान बच्चों को प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने की शपथ दिलाई गई। इस मौके पर मंजू,अंजलि, सचिन धामा, खुशी धामा, गरिमा धामा, प्रियंका शर्मा, मनीषा धामा, आशु, पायल, कृतिका, काजल आदि मौजूद रहीं। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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Oct 29, 2024
विधान सभा निर्वाचक नामावलियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान
बागपत, 29 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आज से 28 नवंबर. तक विधान सभा निर्वाचक नामावलियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2025 का कार्यक्रम शुरू किया गया । जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने 52 बागपत विधानसभा क्षेत्र के नयागांव हमीदाबाद में बूथ संख्या 35 व 36 का निरीक्षण किया, जिस पर बीएलओ सुरेंद्र कुमार व मोनिका उपस्थित मिले तथा उनका कार्य भी संतोषजनक मिला, साथ ही जिलाधिकारी ने उनके कार्य की प्रशंसा की। महीने भर चलने वाले इस पुनरीक्षण अभियान की चार विशेष तिथियां निर्धारित की गयी है जिसमें विशेष अभियान की 09 नवंबर (शनिवार), 10.नवंबर (रविवार) 23 नवंबर (शनिवार) व 24 नवंबर (रविवार) हैं। उक्त अवधि में 1 जनवरी को 18 वर्ष या अधिक आयु वाले ऐसे पात्र व्यक्ति जिनके नाम अभी भी मतदाता सूची में सम्मिलित नहीं है, वे अपना नाम सम्मिलित कराने के लिए फार्म-6 में आवेदन कर सकते हैं। डुप्लीकेट, शिफ्टेड तथा मृतक मतदाताओं के नामों को कटवाने के लिए प्रारूप-7 में आवेदन कर सकते हैं। नाम या अन्य किसी विवरण में संशोधन कराने के तथा एक ही विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत एक मतदेय स्थल से दूसरे मतदेय स्थल पर नाम ट्रांसफर कराने के लिए फार्म-8 में आवेदन कर सकते हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने समस्त मतदाताओं से अपील की है कि, जिनकी उम्र 1 जनवरी 2025 को 18 वर्ष हो रही है वे मतदाता सूची में अपना नाम अवश्य सम्मिलित करायें। जो मृतक हो गए हैं उनका नाम मतदाता सूची से अवश्य कटवाएं। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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Oct 29, 2024
भाजपा के संगठनात्मक चुनाव के लिए सह-चुनाव अधिकारी किये नियुक्त
बागपत, 29 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। भाजपा द्वारा संगठन को विस्तार देने के लिए चुनाव प्रक्रिया तेज कर दी गई है। संगठन के चुनाव के लिए सोमवार को मार्शल हॉल, इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में हुई कार्यशाला में बागपत जिले में भाजपा के संगठनात्मक चुनाव के लिए जिला महामंत्री सरिता चौधरी व जिला उपाध्यक्ष अनिल तोमर को जिला सह-चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया। प्रदेश कार्यशाला के बाद अब 5 नवम्बर तक जिले में भाजपा पदाधिकारियों की बैठक होगी ,जिसमें बूथ समिति चुनाव, मंडल अध्यक्ष चुनाव से लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष चुनाव को लेकर चुनाव प्रक्रिया पर चर्चा की जायेगी। बता दें कि, भाजपा द्वारा सदस्यता अभियान पिछले एक महीने से चलाया जा रहा है। अब जिस कार्यकर्ता ने 100 सदस्य बनाये हैं, उसे सक्रिय सदस्य बनाया जा रहा है। केवल सक्रिय सदस्य को ही मंडल एवं उससे ऊपर पदाधिकारी बनने की अनुमति रहेगी। ये सारी प्रक्रिया जिलाध्यक्ष वेदपाल उपाध्याय के निर्देशन में पूरी करायी जायेगी। जिलाध्यक्ष वेदपाल उपाध्याय ने बताया कि, प्रदेश कार्यशाला में ज़िले से मेरे साथ प्रदेश मंत्री व जिला प्रभारी डॉ चन्द्रमोहन, जिला महामंत्री बिजेंद्र शर्मा, जिला उपाध्यक्ष अनिल तोमर, व्यापार प्रकोष्ठ के संयोजक रविन्द्र आर्य मौजूद रहे। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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Oct 29, 2024
छेडछाड का विरोध करने पर युवक ने छात्रा को पीटा, कोतवाली पहुंची पीडिता
खेकड़ा, 29 अक्टूबर 2024 (यूटीएन)। विनयपुर गांव की एक छात्रा के साथ सोमवार को गांव के ही एक युवक ने छेडखानी की। विरोध करने पर सरेआम उसकी पिटाई कर डाली। रोती बिलखती छात्रा ने कोतवाली पहुंच कर मदद की गुहार लगाई। विनयपुर की एक छात्रा खेकड़ा के एक कालेज में पढती है। सोमवार को वह कालेज जा रही थी। आरोप है कि, गांव के एक ही युवक ने उसके साथ अभद्रता शुरू कर दी। छेडछाड का विरोध करने पर युवक ने छात्रा की सरेआम पिटाई कर डाली। रोती हुई छात्रा किसी तरह उससे बचकर कोतवाली पहुंची और मदद की गुहार लगाई। छात्रा की शिकायत से पुलिस विभाग में हडकम्प मच गया। कोतवाली प्रभारी कैलाश चंद ने बताया कि, युवक की तलाश की जा रही है। कार्रवाई की जाएगी। स्टेट ब्यूरो,( डॉ योगेश कौशिक ) |
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Oct 29, 2024